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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Chutiyadr

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कोई सपना भी इतना वास्तविकता के साथ देख सकता हैं तो वह हैं Chutiyadr सर जी।

काजल के प्रति देव के मन में जो प्रेम हैं। वह प्रेम काजल को मानिकलाल के साथ देखकर, मानिकलाल के दुराचारी स्वभाव और मन को जानकर भय का रूप ले लिया। देव का भय देव पर इतना हावी हों गया कि देव के मस्तिष्क ने उसे सपनों का रूप दे दिया। सपने में भी देव का बाबूलाल ठंडा न रह सका। अब बाबूलाल ठहरा बाबूलाल गर्म दृश्य देखकर तानकर अपना पूर्ण विकसित रूप में आ गया।

अतुलनीय, अदभूत, अविस्मरणीय लेखन कलां का प्रर्दशन।
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Awesome update

वाह भाई सुबह सुबह का दृश्य जो काजल ने मानिकलाल को दिखाया उसे देखकर मानिक लाल के बाछे ही खिल गया। वह तो इस कामाग्नि से ओत प्रोत कामुक कया को देखकर ही विचलित हों गया। सुबह का यह दृश्य देखकर देव भी कहा खुद पर काबू रख पाया।

खैर काजल ने अपनी मंशा जाहिर कर दिया। क्यों वह मानिकलाल के साथ नजदीकियां बड़ा रहा हैं। अब देखते हैं काजल मानिकलाल से नजदीकियां बड़ान में कौन-कौन से पैतरे अपनाता हैं। बड़ा ही दिलचस्प और कामुक होने वाला हैं कहानी में आगे का दृश्य।

अदभूत, अतुलनीय और अविस्मरणीय लेखन कला का प्रर्दशन :applause: :applause: :applause:

ये मानिक नाम का प्राणी बीच में आकर दोनों पति पत्नी के मिलन की बेला में अंधकार ला दिया। मानिक जैसा धूर्त प्राणी जो अपनी धूर्तता सिद्ध करने में कोई भी कोताही नहीं बरतता हैं। ऐसा प्राणी जो दोनों पति पत्नी के मिलन जो अधूरा रह गया हैं, इसका साक्षी बनकर क्या गुल खिलाएगा। वह दृश्य बड़ा ही मनोरम होगा।

अदभूत अतुलनीय अविस्मरणीय लेखन कलां का प्रर्दशन :applause: :applause:

दिलकश अपडेट दिया हैं।
विचार पति अपने पत्नी का रुप देखकर ही पगला गया। उसे होश ही नहीं रहा उसके क्रियाकलाप पर कोई अपना नजर गड़ाए बैठा हैं।

पति पत्नी के बीच की संवाद ने इस अपडेट की शोभा को ओर बड़ा दिया। जहां पति अपने पत्नी के रुप को देखकर आतुर हों रहा हैं। वहां पत्नी अपने पति को को तड़पने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहीं हैं।

Chutiyadr सर जी अपने तो सस्पेंस की झड़ी लगा दिया हैं। अब ये सावा का किरदार आगे की कहानी में कौन-सा मोड़ लाने वाली हैं। ये देखना दिलचस्प होगा।

अदभूत अतुलनीय अविस्मरणीय लेखन कला का प्रर्दशन :applause: :applause: :applause:

शानदार अपडेट

अब तक की पूरी कहानी में मैं उलझा ही रहा की कहा प्रतिक्रियाए दू और कहा न दू। मैंने अब तक के जीवन कल में सैकड़ों कहानियां पढ़ा हैं। लेकिन इस कहानी के अलावा कोई भी कहानी मुझे उलझा ही नहीं पाया। मेरे वर्षों से अर्जित पथक ज्ञान इस कहानी के आगे फीका पढ गया। मैं खुद को एक बेहतरीन पथक समझता था लेकिन chutiyadr सर के इस कहानी ने मेरे अहंकार को तोड़ दिया। शुरू शुरू के कुछ अपडेट में मैं कहीं पर भी नहीं उलझा लेकिन जैस जैस कहानी आगे बड़ता गया। मेरी उलझने भी बढ़ती गई और मेरे अंदर प्रतिक्रियाए निकला ही बंद हों गया और मैं कोई भी प्रतिक्रियाए नहीं दे पाया

Dr सर अपके तारीफ में जो भी शब्द कहा जाए वह कम ही होगा फिर भी मैं कहूंगा

अदभूत अतुलनीय अविस्मरणीय लेखक
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dhanywad shansha bhai :)
itani tareeef kar diye wo bahut hai mere liye :)
 

Chutiyadr

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अब तो मेरे दिमाग का भी बल्ब फ्यूज हो गया । कहां अभी तक अकृत उर्फ देव को हम हीरो और डॉ उर्फ राॅकी एवं काजल को विलेन के किरदार में देखते हुए आएं और कहां अब उसके ठीक उलटा हो गया ।
काजल और राॅकी ही इस कहानी के नायक और नायिका हैं । और होना भी चाहिए था क्योंकि राॅकी तो डॉक्टर साहब खुद ही हैं और काजल उनकी फेवरेट किरदार ।

स्टोरी अब फ्लैश बैक की ओर चली गई है । काजल और अकृत मिश्रा उर्फ देव ( पुलिस अफसर ) की सगाई हो चुकी थी । काजल को ड्रग्स का ओवरडोज देकर रेप किया गया और इस वजह से उसकी याददाश्त चली जाती है ।
देव उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करता है । उसके कैरेक्टर पर इल्ज़ाम लगाता है ।

ऐसे माहौल में सबा और डॉ साहब काजल के हमदर्द बनकर सामने आते हैं ।

और यह तय है कि अंततः काजल की शादी देव से ही होनी है । अब नया थियूरी यह बनता है कि देव ने किसी साजिश के तहत काजल से शादी की । और जब उसका मिशन सफल हो गया तो काजल को अपने रास्ते से हटाने की कोशिश की ।

फिलहाल तो यही लग रहा है बाकी डाक्टर साहब की माया । जैसा जैसा घुमायेंगे वैसे वैसे हम भी घुमते रहेंगे । :D

बहुत बढ़िया अपडेट डॉ साहब ।
आउटस्टैंडिंग ।
:lol1:
dhanywad sanju bhai :)
story ko ghumate rahna hi to hamara kaam hai :approve: bas wahi karte rahte hai :)
aap jaise readers ho jo sab kuchh jhel kar puri story padh lete ho warna yanha to kai log shuru me galiya dekar chhod kar bhag jaate hai :lol1:
 

Chutiyadr

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Dekha Chutiyadr ne kar diya Kamaal.... unka purana pyar hai... aise kaise use bura ban jane de wo.......



Dekh lena Naina Dr. Chutiyadr kajal ko Phir se kahani ki sabse sharif ban denge.... aur ham sab dekhte rah jayenge 😜😜😜😜😜
mere dil se kaajl ke liye ye gana niklta hai ....
baspan ka pyar mera bhool nahi jana re
 

Chutiyadr

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Pata nahi Dr sahab ko kya maja aata hai dev juhi jaise kirdaaro ki aisi ki taisi karke... shayad apni chaheti kirdaar kajal ke aage baaki kuch dikhta hi nahi... :D

Iske jawaab me dr ke liye ek purana muhabra hi boluga......""DIL AAYA GADHI PAR TO PARI KI KYA FIKR""....samjh gai na.....
nahi main naya wala bolunga ...
baspan ka pyar mera bhool nahi jana re :eekdance:
 

Chutiyadr

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अध्याय 34
‘कितना सोचती थी मैं की वो कैसा होगा , फोटो में तो बहुत ही हैण्डसम दिखाई देता है , वर्दी में तो कातिल ही लगता है , लेकिन मुझे क्या पता था की किस्मत मेरे साथ कुछ ऐसा भी मजाक करेगी …
पूर्वी नाम है उसका , फिर भी देव ने मुझसे शादी के लिए हां कर दिया , ये कैसे लड़के होते है जिन्हें प्यार तो करना है लेकिन उसे निभाने की हिम्मत उनमे नहीं होती , देव कहता है की वो पूर्वी से प्यार करता है लेकिन फिर भी उसे इतनी हिम्मत नही हुई की वो अपने घर वालो को शादी से मना कर पाए , आखिर मेरा कसूर क्या है ???
क्यों मुझे एक प्रेमी जोड़े के बीच यु नफरत की नजरो से देखा जा रहा है , क्यों पूर्वी मुझसे नफरत करती है , क्या उसे नहीं पता की गलती मेरी नहीं बल्कि उसके आशिक की है जो उसके प्यार का निर्वहन नहीं कर सकता , शायद पूर्वी उसे जिस्मानी सुख भी देती होगी , हा क्यों नहीं ??
ये सोचकर ही मेरे आँख गिले हो जाते ही की माँ बाप और समाज के प्रेशर में आकर मुझे ऐसे इंसान से शादी करनी पड़ेगी जो की मुझसे नहीं बल्कि किसी और से प्यार करता है …..’
पढ़ते हुए मेरे मेरा दिल बैठा जा रहा था , मैं अपनी डायरी पढ़ रही थी जिसे रॉकी ने मुझे पढने को कहा था
उसमे मुझे सबा के बारे में पता चला जो की मेरी सबसे अच्छी सहेली थी , उसमे मुझे पता चला की वो किसी रशीद नाम के लड़के से मोहोब्बत करती है और जल्द ही उसकी शादी भी होने वाली है , मुझे पता चला की रॉकी तब से मेरा दोस्त है जबसे मैं पहली बार शहर आई थी , अपने भाई के पास , हम दोनों ही बचपन के दोस्त थे , शायद वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था क्योकि जगह जगह पर उसी की बाते लिखी हुई थी , उसकी कुछ बाते पढ़कर मेरे चहरे में एक मुस्कान आ जाती , लेकिन वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं था क्योकि देव से शादी की बात मैंने सबसे पहले उसे ही बताई थी और वो भी खुश हुआ था , लेकिन अपने ही लेखनी से मुझे लग रहा था की शायद वो मुझसे प्यार करता है …
मैं आगे पढ़ते गई , उसमे रॉकी के दो दोस्तों का भी जिक्र था जो अधिकतर उसके साथ ही रहते थे ,
“आज मुझे वो दो लड़के फिर दिखे , रॉकी उनसे कुछ बाते कर रहा था , उसने उनका नाम मुझे आकृत और रंजित बताया था , ये दोनों उसके साथ काम करते है , लेकिन कौन सा काम ये वो मुझे कभी नहीं बताता .. एक चीज तो थी रॉकी और उसके दोस्तों की शारीरिक बनावट बहुत ही जबरदस्त थी , ऐसा लगता था जैसे कोई सोल्जर हो , बिलकुल ही कसा हुआ और तुस्त शरीर, रॉकी और रंजित जन्हा थोड़े बॉडी बिल्डर जैसे थे वही आकृत एक चोकलेटी बॉय जैसा था , वो मुझे देखकर मुस्कुराया क्या मुस्कान थी उसकी मैं तो फ़िदा ही हो गई , बहुत ही हेंडसम लड़का है आकृत, कास वो मेरा बॉयफ्रेंड होता …”
ये तब की बात थी जब मेरे घर वालो ने देव से मेरा रिश्ता नहीं किया था, आकृत का चहरा मुझे याद नहीं आ रहा था , लेकिन शायद वो बहुत सुन्दर होगा , मैंने मन में सोचा ..
अपनी डायरी पढ़ते हुए मैं आगे बढ़ रही थी लेकिन फिर मैं चौक गई ,क्योकि आगे के पन्ने गायब थे , किसी ने उन्हें फाड़ दिया था ….
आखिर मेरे डायरी के पन्ने किसने फाडे ???
मैंने इस बारे में सबा से बात की लेकिन उसे भी कुछ पता नहीं था , कई पेज फटे हुए थे …
यु मेरी याददास्त का चले जाना , मेरा इतना नशे में मिलना ,और देव का मेरे लिए ऐसा बर्ताव ये सब कुछ बड़ा ही अजीब था …
कभी कभी मुझे लगता की ये सब कही कोई साजिश तो नहीं ???
लेकिन मेरे जैसी एक आम सी लड़की के लिए कोई ऐसी साजिस क्यों करेगा ???
मैं अपने जीवन में बीजी होने लगी और बीती हुई चीजो पर ज्यादा दिमाग ना लगाते हुए मैं आगे की सोचने लगी , मैं देव से रिश्ता तोडना चाहती थी जिस तरह से वो मुझसे पेश आया था उसके बाद उसके साथ शादी करना मुर्खता ही होगी …
वो शाम का समय था मैं अपने कमरे में अकेले थी , मैं अपने ही घर में अनजानी सी हो गई थी , मैं अभी आराम करने गांव आ गई थी , यंहा मेरे घर वाले मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे , मेरी नजर अपने लेपटॉप पर पड़ी जिसे मैंने अभी तक नहीं खोला था , खोलते ही सामने पासवर्ड मांगने लगा ..
अब मेरे लिए मुस्किल ये थी की मुझे तो कोई पासवर्ड पता ही नहीं था , मैंने आंखे बंद की और की बोर्ड में अपनी उंगलिया चलाई …
मैं देख कर हैरान थी की वो पासवर्ड सही था , मैंने क्या दबाया है ये भी मुझे याद नहीं था , लेकिन शायद ये मेरी मसल मेमोरी थी ..
शायद बीते जीवन के कुछ सबुत मुझे मेरे लेपटॉप में मिल जाए इसी उम्मीद से मैं उसे देखने लगी , मैंने अपना ब्राउसर खोला तो मुझे उसमे अपना ईमेल पहले से लॉग इन मिला ,
कई फालतू के मेल आये हुए थे , लेकिन एक मेल ने मेरा ध्यान खिंचा ..
किसी विकाश सेठ का मेल था ,
“बधाई हो तुमने अपना चैलेंज पूरा किया , अब वादे के मुताबिक तुम्हे क्लू दिए जायेगे और तुम्हारे प्रतिद्वंदी ने भी चेलंज पूरा किया है इसलिए उसे उसके कहे मुताबिक क्लू दिए जायेंगे .. तुम्हारा पहला क्लू ये मेल ही है , कोई सवाल हो तो पूछ सकती हो मेरे मेसेज बॉक्स में तुम मुझसे चैट भी कर सकती हो …”
उसका मेल पढ़कर मेरे दिमाग का फ्यूज ही उड़ गया था आखिर ये क्या है , कैसा चैलेंज , और कौन प्रतिद्वंदी ???
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था , मैंने मेसेज बोक्स खोलकर उससे चैट करना शुरू कर दिया
“आखिर कैसा चेलेंज और कौन प्रतिद्वंदी ???”
मैंने बिना किसी भूमिका के सीधे ही प्रश्न दागे
थोड़ी ही देर में उधर से रिप्लाई भी आ गया
“आकृत मिश्रा , तुम्हारा प्रतिद्वंदी था , तुम दोनों को ही एक चेलेंज दिया गया था ताकि तुम उस पद की दावेदारी पेश कर सको “
आकृत मिश्रा तो रॉकी का दोस्त था , लेकिन वो मेर प्रतिद्वंदी कैसे हो गया ??
“आखिर किस चीज की दावेदारी ???”
मेरे दिल की धड़कने तेज हो चुकी थी
“वादे के मुताबिक तुम्हे हम समय समय पर ही क्लू देंगे एक साथ सभी चीजे नहीं बताई जा सकती “
विकाश के ऐसे बयान से मेरा गुस्सा तेज हो गया , आज मुझे पता चला की मैं इतने गुस्स्से वाली हु , ऐसा लगा जैसे कंप्यूटर में घुसकर उसे मार दू … मेरे दिमाग में कुछ हलचल सी भी होने लगी थी और सर में एक दर्द भी होने लगा था …
“मेरे प्रतिद्वंदी ने आखिर क्या माँगा था ?? अगर मुझे क्लू मिल रहे है तो उसे भी मिल रहे होंगे , और इसका मतलब है की मैंने खुद अपनी याददास्त मिटाई है ???”
गुस्से में आकर मैंने लिखा
उधर से कुछ देर ख़ामोशी ही रही
“हां , सही है , अभी तुम्हारे सर में थोडा दर्द हो सकता है , बाकि के क्लू तुम्हे खुद भी ढूंढने होंगे , क्योकि तुमने यही चुना था , इससे तुम अपने प्रतिद्वंदी से तेज हो सकती हो , क्योकि तुम्हारे प्रतिद्वंदी को कोई क्लू नहीं दिया जायेगा जब वक्त आएगा तो उसे सब कुछ एक साथ ही याद आ जायेगा … उसकी मेमोरी को भी आधी ही मिटाई गई है लेकिन उतनी की वो तुमसे मुकाबला नहीं कर पायेगा , इसलिए अब मुकाबला बराबर का होगा , तुम्हारे उपर है की तुम कितने जल्दी सब कुछ याद कर लो और उसे मात देकर वो पद अपने नाम में कर लो …”
मेरा दिमाग सच में घुमने लगा था , आखिर ये क्या हो रहा है मेरे साथ , आखिर मैं किसी पद के लिए इतनी भूखी कैसे हो गई की मैंने खुद की याददाश्त मिटा ली …कही ये मुझसे कोई मजाक तो नहीं कर रहा है ??
“लेकिन रिपोर्ट के अनुसार तो मेरा रेप भी हुआ था “
“वो रेप नहीं था वो तुमने अपनी मर्जी से ही सेक्स किया था , अपने बॉयफ्रेंड और अपने दोस्त के साथ “
इस बार तो मैं पूरी तरह से चौक गई , मैंने अपनी डायरी में कही किसी बॉयफ्रेंड का जिक्र नहीं किया था , और दोस्त में तो एक ही दोस्त था रॉकी … तो क्या मैं रॉकी के साथ ??? नहीं ऐसा कैसे हो सकता है …
“कौन ??”
उधर से कुछ हँसने वाले इमोजी आये
“मैंने पूछा कौन है मेरा बॉयफ्रेंड ??”
मैं गुस्से से लाल हुई जा रही थी
“आकृत मिश्रा …. तुम दोनों कपल थे और तुम्हारा दोस्त रॉकी , आखरी तुमने उन दोनों के साथ ही सेक्स किया था , लेकिन अफ़सोस अब ये बात ना तो तुम्हे पता है ना ही आकृत को , “
“लेकिन .. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है …???”
मेरा दिल और दिमाग दोनों ही पूरी तरह से झनझना चुके थे …
“बाय काजल , मेरे ख्याल से इतना इन्फोर्मेशन तुम्हारे लिए काफी होगा …. बाकि तुम खुद ही पता कर सकती हो ...तुम्हारे पास टाइम बहुत कम है लग जाओ काम पर “
इसके बाद भी मैं उसे मेसेज करते रही लेकिन उधर से कोई भी रिप्लाई नहीं आ रहा था , मेरा माथा गर्म हो चूका था ,आखिर रॉकी के साथ ???
और वो मुझे अपना दोस्त बोलता है ..??
मैंने तुरंत ही उसका नंबर मिला दिया वो ही एक था जो सच और झूठ को साफ़ कर सकता था ,
“हेल्लो काजल “
मेरा फोन आया देख वो बहुत खुश लग रहा था
“मुझे तुमसे मिलना है अभी …”
“लेकिन तुम तो गांव में हो ना “
“अभी निकलो मुझसे मिलने के लिए , वरना ..”
“वरना क्या ??”
उसने भी अकड में कहा
“साले तुझे वही आके मारूंगी “
पता नहीं कैसे लेकिन मैं गुस्से से काँप रही थी
मेरी बात सुनकर रॉकी हँस पड़ा जैसे वो बहुत खुश हो गया हो …
“आई लव यु मेरी जान , आखिर तुम अपने असली रूप में आ ही गई , मैं अभी निकलता हु “
ये रॉकी ने क्या कहा ??? मैं अपने असली रूप में आ गई ???
क्या मैं ऐसी ही हु , गुस्सेल ?? अभी तक अपनी डायरी पढ़कर मुझे कभी लगा नहीं था की मैं ऐसी हु , ना ही मेरे घर वालो ने मुझसे इस बारे में कोई बात की … खैर शायद मुझे अभी खुद के बारे में बहुत कुछ जानना है … और आकृत अगर वो भी अपनी याददास्त खो चूका है तो वो आखिर अभी कहा है ???
सभी का जवाब एक ही आदमी के पास मिल सकता था उसका मैं बेसब्री से इन्तजार कर रही थी … रॉकी ...

 

Rekha rani

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Dr sahab ye Aapki chakr view Rachna hai jisme se koi ek bar bahar nhi nikl sakta, padhne wale ki majburi bn jati hai ki story ko samjh ne ke liye bar bar padhe, kabhi kabhi man krta hai complete hone pr hi pdhu lekin control nhi kr pati aur update aate pad leti hu phir confusion hone pr puri story read krni padti hai, aur padh kr wahi aanand phir aata hai, superb update and story
 
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