Saare sawal aaj hi puch liya.. kuch sawal kal ke liye bhi chhod detenice update ..to puchhtachh ke liye manik ko bulaya hai aur wo dara hua hai kisi baat ko lekar ...
kabir ne kajal ko sharad ke case se nikalne ko kaha isliye wo kadeem ka video saamne aaya aisa lagta hai ..
manik ne dev ke saamne hi uske biwi ki taarif ki aur usko kaamuk kaha ..
sab kajal ke pichhe hi pagal hai kya .. manik ,sharad , kabir..
saba aur rashid jasoosi kar rahe the aisa manik ko laga to ye baat sach bhi ho sakti hai ..
aur kabir kisi raaz ki baat bhi kar raha tha to shayad saba ko wo raaz jaanne ke liye kajal ke saath rehne ko kaha ho ..
aur ab dev club jana chahta hai isliye juhi ko call kiya ,,dekhte hai waha kya hota hai ..
awesome update hai dr sahab,अध्याय 16
मैं मनिक के सामने बैठा हुआ था , मैंने उसे पुछ्ताज के लिए बुलाया था , वो किसी भीगी बिल्ली की तरह मेरे सामने बैठा हुआ था , जब से शरद की मौत हुई थी तब से मानिक का व्यवहार कुछ बदला बदला सा लग रहा था ,
मैं उससे कुछ बाते कर पाता उससे पहले ही पूर्वी और वेदांत वंहा आ गए ...
“त्तुम शरद की मौत वाले केस में नहीं हो फिर तुमने इसे क्यों बुलाया है ??”
पूर्वी का तेवर गर्म लग रहा था
“इसे मैंने उस केस के लिए नहीं बुलाया है , इसे कबीर से जुड़े मेरे इन्वेस्टीगेशन के लिए बुलाया गया है , अब क्या तुम हमें अकेला छोडोगी “
पूर्वी ने एक बार मुझे घुरा और एक बार मानिक को , मानिक अब भी घबराया हुआ बैठा हुआ था
पूर्वी ने आगे कुछ नहीं कहा और पैर पटकते हुए वंहा से चली गई, वेदांत भी किसी आज्ञाकारी कुत्ते की तरह उसके पीछे पीछे चला गया था ...
“तुम इतने डरे हुए क्यों लग रहे हो ..??”
मैंने मानिक को देखते हुए कहा
“कुछ नहीं सर बस ...”
“फिर भी मैंने तुम्हे कभी इतना डरा हुआ नहीं देखा और ना ही इतने टेंशन में , इतना टेशन तो तुम्हे तब भी नहीं हुआ था जब नीलिमा जी की मौत हुई थी ...”
मानिक ने एक गहरी सास ली और मुझे देखने लगा
“शरद बाबु से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे , अगर किसी ने उनका क़त्ल किया है तो हो सकता है की वो मेरे पीछे भी आये, पहले बुआ , फिर शरद बाबु पता नहीं अगला कौन होगा ..”
मानिक की बात गलत तो नहीं थी लेकिन यु ही इतना डर तो नहीं हो सकता था , जरुर कुछ ऐसा था जो मुझे नहीं पता था ..
“आखिर बात क्या है मानिक , अगर तुम मुझे बताओ तो हो सकता है की मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकू , मैं जानता हु की शरद के कनेक्शन अंडरवर्ड तक थे और तुम उसके चेले थे , तुम लोगो के कनेक्शन बहुत उपर तक रहे है इसलिए तुम लोग अभी तक कानून के साथ खिलवाड़ करते रहे , लेकिन सब का दिन ख़त्म होता है ,और शायद अब कबीर का दिन ढलने वाला है , अगर शरद उसका आदमी था तो उसकी मौत ये बताती की है उसके लोगो पर बिजली गिरने वाली है , और तुम भी उनमे से एक हो , तुमने पाप तो बहुत किये होगे और पापी हमेशा डरता ही है “
मानिक सहमा हुआ गहरी सांसे लेने लगा
“मैं मानता हु सर की मैंने कई गलत काम किये लेकिन मैं हमेशा से ही शरद और नीलिमा जी के पीछे रह कर काम करता रहा , कबीर के लोगो ने शरद को नहीं मारा , ना ही उन्होंने निलिम जी को मारा था , और यही मेरे लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है ,”
मैंने मानिक के कंधे में हाथ रखा
“मैं तुम्हारे साथ रहूँगा मानिक , तुम फिक्र मत करो “
मानिक ने नजर उठा कर मुझे देखा
“आप मुझे नहीं बचा सकते कोई नहीं बचा सकता ...हमारे उपर किसी बुरे साये का प्रकोप है , जो आपके और मेरे पहुच से बहुत दूर है “
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है ??”
“अपने आस पास देखो देव बाबु , क्या दिख रहा है , बात सिर्फ शरद और नीलिमा के मौत की नहीं है , और भी चीजे हो रही है , लोग एक दुसरे के खिलाफ षडियंत्र कर रहे है , चांदनी ने कहा था न की वो काजल के जरिये कबीर को फ़साना चाहती थी , इस बात में कितनी सच्चाई है , जबकि कबीर सबा का राज जानता है लेकिन फिर भी उसने सबा को अपने साथ रखा है , और अब तो कबीर को भी नहीं पता की उसके करीबियों को कौन मार रहा है ...”
मानिक का चहरा मायूस हो गया था , मैं उसे देखकर कुछ सोच ही रहा था की मेरे मोबाइल में एक मेसेज आया , उसे देखा तो एक वीडियो क्लिप थी और कुछ लिखा हुआ था , उसे देखते ही मेरे संजीदे चहरे में एक मुस्कान खिल गयी ....
मैंने विडिओ ऑन करके मानिक के सामने रख दिया , उस विडिओ में एक आदमी दिख रहा था जो की एक कमरे में जा रहा था , उस आदमी का चहरा विडिओ में साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा था ...
मानिक के विडिओ को ध्यान से देखा और प्रश्नवाचक दृष्टी से मुझे देखने लगा की मैं उससे क्या कहना चाहता हु ...
“इस आदमी को पहचानते हो “
मानिक ने ना में सर हिलाया
“मैं जानता हु इसे , ये कदीम है , चौरस गंज का एक दलाल और पुलिस का मुखबिर ...”
“ओह लेकिन ये विडिओ क्या है ???”
मानिक की बात पर मैं थोडा हँसा फिर मेरा चहरा गंभीर होने लगा ..
“ये विडिओ मुझे हमारे शरद केस को सम्हालने वाले महेश केलकर ने भेजा है , ये है शरद का कातिल ..”
“वाट ..”
मानिक जैसे कुर्सी से उछल गया था ...
“अजीब बात है न , कल तक काजल और शरद वाले फुटेज के अलवा और कोई विडिओ फुटेज नहीं था , एक रात में ना सिर्फ नया फुटेज भी मिल गया बल्कि कदीम ने काबुल भी कर लिया की उसने ही शरद को जहर दिया था , और ये भी काबुल कर लिया की काजल तो शरद के कमरे तक गयी भी नहीं थी , वो ही वंहा गया और जब शरद नशे में धुत था तो उसने ही ड्रग्स की गोलियों की जगह जहर की गोलिया रख दी ... वाह “
“मतलब काजल अब निर्दोष साबित हो गई , आपको तो खुश होना चाहिए “
मानिक की बात पर मेरे चहरे का भाव थोडा गंभीर हो गया
“खुश तो मैं हु लेकिन .......... ये बात थोड़ी अजीब है ... पहले किसी ने काजल को फ़साना चाहा और अब कोई उसे बचा रहा है ..”
“ये कबीर का काम हो सकता है “
मानिक बोल उठा
मैंने मानिक को भेदने वाली नजरो से घुरा
“मानिक सच सच बताओ की आखिर काजल इन सबमे क्यों है ... कबीर को काजल से क्या काम है ?? तुम कबीर के लिए काम करते हो , सबा और रशीद के साथ तुम शहर से बाहर भी गए थे , आखिर कुछ तो ऐसा होगा जो तुम्हे पता होगा “
मानिक का जैसे गला सुख रहा था उसने सामने रखा पानी का ग्लास जल्दी से ख़त्म किया ...
“आपकी काजल बहुत कामुक है देव बाबु “
मानिक की आवाज थोड़ी अटक रही थी
“कामुक ????”
मैं उसकी बात सुनकर बुरी तरह से चौका था , आखिर ये कहना क्या चाहता था ...
“हां कामुक , और मैं उसकी कामुकता के पीछे ही दीवाना हॉ गया था , उसकी अदाए उसके नखरे , मुझे लगा की वो किसी आम कामुक गृहिणी की तरह ही होगी जिसे मैं आराम से अपने काबू में ले लूँगा .... मैं अब आपसे झूठ नहीं बोलूँगा सर लेकिन मैं उसे भोगने की इक्छा रखता था “
मैं बस मानिक की बात सुन रहा था , मानिक बोले इसके लिए ये बहुत जरुरी था की मैं शांत रहू , मानिक ने बोलना जारी रखा
“सबा ने भी मुझे ये कहा था की काजल आसानी से पट जाएगी , खासकर मेरे जैसे जवान , खुबसुरत और पैसे वाले इन्सान के साथ , मैं भी अपनी पूरी ताकत लगा रहा था ताकि वो खुश हो जाए लेकिन ...”
मानिक चुप हो गया था
“लेकिन क्या ??”
मैंने हलके लहजे में उससे कहा
“मुझे जल्द ही समझ आने लगा की काजल केवल एक कामुक गृहिणी नहीं है , मैं सबा के बारे में जानता था जो की कबीर की रंडी थी और साथ में रशीद के साथ भी मौज किया करती थी , मुझे लगा की काजल भी वैसी ही होगी , आपके साथ शादी के बंधन में बंधकर एक सामान्य और सुशिल गृहिणी की तरह रखेगी और बंद कमरे में मेरे साथ मजे करेगी , मैं ये सोच सोच कर ही खुश था , लेकिन मुझे पता चला की काजल पर मेरा ही नहीं बल्कि शरद और कबीर जैसे बड़े लोगो का भी इंटरेस्ट है , मैं फिर भी अपने दिल को ये सोच कर समझा लिया की कद्दू कटेगा तो सबमे बटेगा , मेरे हिस्से में भी काजल की जवानी को भोगने का मौका जरुर आएगा , लेकिन शरद ने मुझसे कहा की मैं काजल को उसके लिए तैयार करू और उसके जरिये वो काजल को कबीर को सौप देगा ,मुझे लगा की कबीर और शरद भी काजल की खूबसूरती में फ़िदा है और एक संस्कारी गृहणी को भोगने का सुख लेना चाहते है ... लेकिन बात इससे कही ज्यादा है , मुझे नहीं पता की बात क्या है लेकिन मैंने महसूस किया है की कुछ तो बहुत ही बड़ा हो रहा है ... कुछ तो ऐसा जो मेरे जैसे आदमी के समझ के परे है ...”
मानिक बोलकर चुप हो गया था , उसने मेरे सवालो का कोई जवाब नहीं दिया था जिससे मैं संतुष्ट हो जाऊ
“तुमने कहा काजल कामुक है इसका क्या मतलब है “
मानिक ने एक गहरी साँस ली
“मतलब की उसकी अदाए , वो मर्दों को लुभा लेती है , उसका जिस्म तो कामुक है ही लेकिन उससे भी ज्यादा वो जैसे अपने जिस्म को दिखाती है , कोई भी मर्द उसकी बातो से उसकी अदाओ से घायल हो जायेगा, उसे मर्द की कमजोरी का पता है , शायद इसलिए तो आप भी अभी तक उसके मोह में अंधे है “
मानिक की बात तीर की तरह मेरे दिल में चुभी , क्या मैं सच में काजल के मोह में अँधा हो गया हु , क्या मैं उन सभी चीजो को नहीं देख पा रहा जिसे मुझे देख लेना था , मैं एक पुलिस अधिकारी हु , उससे भी ज्यादा मैंने कई केस सोल्व किये है और हमेशा से मेरे दिमाग की तारीफे की जाती रही , मुझे अप्रत्त्यक्ष रूप से प्रोमोशन मिला साथ ही मुझे स्पेशल टीम को लीड करने का मौका भी मिला जो की बहुत कम लोगो को ही मिलता है , फिर भी मेरे जैसा इंसान अपने ही घर में क्या हो रहा है ये नहीं जान पाया , मेरे सामने बैठा शख्स मेरी बीवी को कामुक कह रहा था , कामुक ....???
कामुकता क्या स्त्री के अंदर होती है या फिर मर्दों के नजरिये में , मुझे तो अभी तक यही लगा की कामुकता मर्द के नजर में होती है वरना स्त्री कितनी भी अदाए दिखा ले जब तक मर्द ना चाहे वो उसे आकर्षित नहीं कर सकती ..
लेकिन मानिक ने काजल की कामुकता का जो बयान किया वो अलग था , काजल इस मायने में कामुक है की वो मर्दों के अंदर की कामुकता को जगाना जानती है और जानबूझकर उसे जगाती है , यही बात उसे कामुक बनाती है ...??
लेकिन मानिक मुझे तो गुमराह नहीं कर रहा ???
“आखिर तुम्हे ऐसा क्या दिखा की तुम ये कह रहे हो की कबीर और शरद को काजल के जिस्म के अलावा भी उससे कुछ चाहिए था ... जिस दिन तुम सबा और रशीद और काजल के साथ शहर से बहार गए थे तो कुछ हुआ था क्या ???”
“उस दिन हम बस घुमाने गए थे , मैं उन लोगो को शहर से बाहर शरद के फॉर्महाउस ले गया था ताकि काजल को इम्प्रेस कर सकू , मुझे हर बार यही लगता की वो मुझसे बहुत ही आकर्षित है कभी लगा ही नहीं की वो इंट्रेस्टेड नहीं है ,लेकिन फिर भी मेरी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं होती , मैं आगे बढना चाहता तो वो कुछ ऐसा कर देती की मैं रुकने पर मजबूर हो जाता, हर बार यही हो रहा था , लेकिन फिर भी मुझे हमेशा लगा की मैं उसे पा लूँगा बस एक कदम और ... लेकिन वो हर कदम के साथ मुझसे एक कदम और दूर हो जाती , मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की आखिर ये चीज क्या है ... वही रशीद और सबा का व्यवहार भी काजल को लेकर थोडा अजीब था ,कभी कभी ऐसा लगता की वो काजल से डरे हुए है , कभी ऐसा लगता की वो काजल की जासूसी कर रहे है ... दोस्तों के बीच ऐसा तो नहीं होता , मैं शरद और कबीर के सामने बहुत छोटा सा प्यादा हु देव सर , और मेरी समझ भी उतनी ही छोटी है , अब मुझे समझ आता है की काजल का जिस्म वो चीज नहीं थी जिसके लिए शरद और कबीर उसे पाने की ख्वाहिश रखते है ... कुछ भी हो सकता है ...”
मानिक शांत हो चूका था मैं भी शांत था , दिमाग शांत हो चूका था , कुछ भी समझ आना बंद हो चूका था आखिर क्या कहू या क्या करू ....???
दिमाग सवालो के तुफानो में फंसा था लेकिन कोई भी जवाब ना मिलने से उसने भी कोशिस करना छोड़ दिया था ...
मैं वंहा से उठ कर निकल गया ..
मैंने जूही को फोन लगाया ...
“मुझे क्लब जाना है ..”
“लेकिन ...???”
जूही कुछ बोलना चाहती थी लेकिन मैंने उसे रोक दिया
“काजल केस से छुट चुकी है शरद का कातिल मिल गया है , “
“वाट ..???”
“जूही मेरी बात सुनो मुझे जाना है कैसे ये तुम जानो ...”
जूही कुछ देर सोचने लगी
“ठीक है तुम्हारे घर आ रही हु “
मैंने उपर आसमान को देखा और एक गहरी साँस ली ..........
Great updateअध्याय 16
मैं मनिक के सामने बैठा हुआ था , मैंने उसे पुछ्ताज के लिए बुलाया था , वो किसी भीगी बिल्ली की तरह मेरे सामने बैठा हुआ था , जब से शरद की मौत हुई थी तब से मानिक का व्यवहार कुछ बदला बदला सा लग रहा था ,
मैं उससे कुछ बाते कर पाता उससे पहले ही पूर्वी और वेदांत वंहा आ गए ...
“त्तुम शरद की मौत वाले केस में नहीं हो फिर तुमने इसे क्यों बुलाया है ??”
पूर्वी का तेवर गर्म लग रहा था
“इसे मैंने उस केस के लिए नहीं बुलाया है , इसे कबीर से जुड़े मेरे इन्वेस्टीगेशन के लिए बुलाया गया है , अब क्या तुम हमें अकेला छोडोगी “
पूर्वी ने एक बार मुझे घुरा और एक बार मानिक को , मानिक अब भी घबराया हुआ बैठा हुआ था
पूर्वी ने आगे कुछ नहीं कहा और पैर पटकते हुए वंहा से चली गई, वेदांत भी किसी आज्ञाकारी कुत्ते की तरह उसके पीछे पीछे चला गया था ...
“तुम इतने डरे हुए क्यों लग रहे हो ..??”
मैंने मानिक को देखते हुए कहा
“कुछ नहीं सर बस ...”
“फिर भी मैंने तुम्हे कभी इतना डरा हुआ नहीं देखा और ना ही इतने टेंशन में , इतना टेशन तो तुम्हे तब भी नहीं हुआ था जब नीलिमा जी की मौत हुई थी ...”
मानिक ने एक गहरी सास ली और मुझे देखने लगा
“शरद बाबु से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे , अगर किसी ने उनका क़त्ल किया है तो हो सकता है की वो मेरे पीछे भी आये, पहले बुआ , फिर शरद बाबु पता नहीं अगला कौन होगा ..”
मानिक की बात गलत तो नहीं थी लेकिन यु ही इतना डर तो नहीं हो सकता था , जरुर कुछ ऐसा था जो मुझे नहीं पता था ..
“आखिर बात क्या है मानिक , अगर तुम मुझे बताओ तो हो सकता है की मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकू , मैं जानता हु की शरद के कनेक्शन अंडरवर्ड तक थे और तुम उसके चेले थे , तुम लोगो के कनेक्शन बहुत उपर तक रहे है इसलिए तुम लोग अभी तक कानून के साथ खिलवाड़ करते रहे , लेकिन सब का दिन ख़त्म होता है ,और शायद अब कबीर का दिन ढलने वाला है , अगर शरद उसका आदमी था तो उसकी मौत ये बताती की है उसके लोगो पर बिजली गिरने वाली है , और तुम भी उनमे से एक हो , तुमने पाप तो बहुत किये होगे और पापी हमेशा डरता ही है “
मानिक सहमा हुआ गहरी सांसे लेने लगा
“मैं मानता हु सर की मैंने कई गलत काम किये लेकिन मैं हमेशा से ही शरद और नीलिमा जी के पीछे रह कर काम करता रहा , कबीर के लोगो ने शरद को नहीं मारा , ना ही उन्होंने निलिम जी को मारा था , और यही मेरे लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है ,”
मैंने मानिक के कंधे में हाथ रखा
“मैं तुम्हारे साथ रहूँगा मानिक , तुम फिक्र मत करो “
मानिक ने नजर उठा कर मुझे देखा
“आप मुझे नहीं बचा सकते कोई नहीं बचा सकता ...हमारे उपर किसी बुरे साये का प्रकोप है , जो आपके और मेरे पहुच से बहुत दूर है “
“तुम्हे ऐसा क्यों लगता है ??”
“अपने आस पास देखो देव बाबु , क्या दिख रहा है , बात सिर्फ शरद और नीलिमा के मौत की नहीं है , और भी चीजे हो रही है , लोग एक दुसरे के खिलाफ षडियंत्र कर रहे है , चांदनी ने कहा था न की वो काजल के जरिये कबीर को फ़साना चाहती थी , इस बात में कितनी सच्चाई है , जबकि कबीर सबा का राज जानता है लेकिन फिर भी उसने सबा को अपने साथ रखा है , और अब तो कबीर को भी नहीं पता की उसके करीबियों को कौन मार रहा है ...”
मानिक का चहरा मायूस हो गया था , मैं उसे देखकर कुछ सोच ही रहा था की मेरे मोबाइल में एक मेसेज आया , उसे देखा तो एक वीडियो क्लिप थी और कुछ लिखा हुआ था , उसे देखते ही मेरे संजीदे चहरे में एक मुस्कान खिल गयी ....
मैंने विडिओ ऑन करके मानिक के सामने रख दिया , उस विडिओ में एक आदमी दिख रहा था जो की एक कमरे में जा रहा था , उस आदमी का चहरा विडिओ में साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा था ...
मानिक के विडिओ को ध्यान से देखा और प्रश्नवाचक दृष्टी से मुझे देखने लगा की मैं उससे क्या कहना चाहता हु ...
“इस आदमी को पहचानते हो “
मानिक ने ना में सर हिलाया
“मैं जानता हु इसे , ये कदीम है , चौरस गंज का एक दलाल और पुलिस का मुखबिर ...”
“ओह लेकिन ये विडिओ क्या है ???”
मानिक की बात पर मैं थोडा हँसा फिर मेरा चहरा गंभीर होने लगा ..
“ये विडिओ मुझे हमारे शरद केस को सम्हालने वाले महेश केलकर ने भेजा है , ये है शरद का कातिल ..”
“वाट ..”
मानिक जैसे कुर्सी से उछल गया था ...
“अजीब बात है न , कल तक काजल और शरद वाले फुटेज के अलवा और कोई विडिओ फुटेज नहीं था , एक रात में ना सिर्फ नया फुटेज भी मिल गया बल्कि कदीम ने काबुल भी कर लिया की उसने ही शरद को जहर दिया था , और ये भी काबुल कर लिया की काजल तो शरद के कमरे तक गयी भी नहीं थी , वो ही वंहा गया और जब शरद नशे में धुत था तो उसने ही ड्रग्स की गोलियों की जगह जहर की गोलिया रख दी ... वाह “
“मतलब काजल अब निर्दोष साबित हो गई , आपको तो खुश होना चाहिए “
मानिक की बात पर मेरे चहरे का भाव थोडा गंभीर हो गया
“खुश तो मैं हु लेकिन .......... ये बात थोड़ी अजीब है ... पहले किसी ने काजल को फ़साना चाहा और अब कोई उसे बचा रहा है ..”
“ये कबीर का काम हो सकता है “
मानिक बोल उठा
मैंने मानिक को भेदने वाली नजरो से घुरा
“मानिक सच सच बताओ की आखिर काजल इन सबमे क्यों है ... कबीर को काजल से क्या काम है ?? तुम कबीर के लिए काम करते हो , सबा और रशीद के साथ तुम शहर से बाहर भी गए थे , आखिर कुछ तो ऐसा होगा जो तुम्हे पता होगा “
मानिक का जैसे गला सुख रहा था उसने सामने रखा पानी का ग्लास जल्दी से ख़त्म किया ...
“आपकी काजल बहुत कामुक है देव बाबु “
मानिक की आवाज थोड़ी अटक रही थी
“कामुक ????”
मैं उसकी बात सुनकर बुरी तरह से चौका था , आखिर ये कहना क्या चाहता था ...
“हां कामुक , और मैं उसकी कामुकता के पीछे ही दीवाना हॉ गया था , उसकी अदाए उसके नखरे , मुझे लगा की वो किसी आम कामुक गृहिणी की तरह ही होगी जिसे मैं आराम से अपने काबू में ले लूँगा .... मैं अब आपसे झूठ नहीं बोलूँगा सर लेकिन मैं उसे भोगने की इक्छा रखता था “
मैं बस मानिक की बात सुन रहा था , मानिक बोले इसके लिए ये बहुत जरुरी था की मैं शांत रहू , मानिक ने बोलना जारी रखा
“सबा ने भी मुझे ये कहा था की काजल आसानी से पट जाएगी , खासकर मेरे जैसे जवान , खुबसुरत और पैसे वाले इन्सान के साथ , मैं भी अपनी पूरी ताकत लगा रहा था ताकि वो खुश हो जाए लेकिन ...”
मानिक चुप हो गया था
“लेकिन क्या ??”
मैंने हलके लहजे में उससे कहा
“मुझे जल्द ही समझ आने लगा की काजल केवल एक कामुक गृहिणी नहीं है , मैं सबा के बारे में जानता था जो की कबीर की रंडी थी और साथ में रशीद के साथ भी मौज किया करती थी , मुझे लगा की काजल भी वैसी ही होगी , आपके साथ शादी के बंधन में बंधकर एक सामान्य और सुशिल गृहिणी की तरह रखेगी और बंद कमरे में मेरे साथ मजे करेगी , मैं ये सोच सोच कर ही खुश था , लेकिन मुझे पता चला की काजल पर मेरा ही नहीं बल्कि शरद और कबीर जैसे बड़े लोगो का भी इंटरेस्ट है , मैं फिर भी अपने दिल को ये सोच कर समझा लिया की कद्दू कटेगा तो सबमे बटेगा , मेरे हिस्से में भी काजल की जवानी को भोगने का मौका जरुर आएगा , लेकिन शरद ने मुझसे कहा की मैं काजल को उसके लिए तैयार करू और उसके जरिये वो काजल को कबीर को सौप देगा ,मुझे लगा की कबीर और शरद भी काजल की खूबसूरती में फ़िदा है और एक संस्कारी गृहणी को भोगने का सुख लेना चाहते है ... लेकिन बात इससे कही ज्यादा है , मुझे नहीं पता की बात क्या है लेकिन मैंने महसूस किया है की कुछ तो बहुत ही बड़ा हो रहा है ... कुछ तो ऐसा जो मेरे जैसे आदमी के समझ के परे है ...”
मानिक बोलकर चुप हो गया था , उसने मेरे सवालो का कोई जवाब नहीं दिया था जिससे मैं संतुष्ट हो जाऊ
“तुमने कहा काजल कामुक है इसका क्या मतलब है “
मानिक ने एक गहरी साँस ली
“मतलब की उसकी अदाए , वो मर्दों को लुभा लेती है , उसका जिस्म तो कामुक है ही लेकिन उससे भी ज्यादा वो जैसे अपने जिस्म को दिखाती है , कोई भी मर्द उसकी बातो से उसकी अदाओ से घायल हो जायेगा, उसे मर्द की कमजोरी का पता है , शायद इसलिए तो आप भी अभी तक उसके मोह में अंधे है “
मानिक की बात तीर की तरह मेरे दिल में चुभी , क्या मैं सच में काजल के मोह में अँधा हो गया हु , क्या मैं उन सभी चीजो को नहीं देख पा रहा जिसे मुझे देख लेना था , मैं एक पुलिस अधिकारी हु , उससे भी ज्यादा मैंने कई केस सोल्व किये है और हमेशा से मेरे दिमाग की तारीफे की जाती रही , मुझे अप्रत्त्यक्ष रूप से प्रोमोशन मिला साथ ही मुझे स्पेशल टीम को लीड करने का मौका भी मिला जो की बहुत कम लोगो को ही मिलता है , फिर भी मेरे जैसा इंसान अपने ही घर में क्या हो रहा है ये नहीं जान पाया , मेरे सामने बैठा शख्स मेरी बीवी को कामुक कह रहा था , कामुक ....???
कामुकता क्या स्त्री के अंदर होती है या फिर मर्दों के नजरिये में , मुझे तो अभी तक यही लगा की कामुकता मर्द के नजर में होती है वरना स्त्री कितनी भी अदाए दिखा ले जब तक मर्द ना चाहे वो उसे आकर्षित नहीं कर सकती ..
लेकिन मानिक ने काजल की कामुकता का जो बयान किया वो अलग था , काजल इस मायने में कामुक है की वो मर्दों के अंदर की कामुकता को जगाना जानती है और जानबूझकर उसे जगाती है , यही बात उसे कामुक बनाती है ...??
लेकिन मानिक मुझे तो गुमराह नहीं कर रहा ???
“आखिर तुम्हे ऐसा क्या दिखा की तुम ये कह रहे हो की कबीर और शरद को काजल के जिस्म के अलावा भी उससे कुछ चाहिए था ... जिस दिन तुम सबा और रशीद और काजल के साथ शहर से बहार गए थे तो कुछ हुआ था क्या ???”
“उस दिन हम बस घुमाने गए थे , मैं उन लोगो को शहर से बाहर शरद के फॉर्महाउस ले गया था ताकि काजल को इम्प्रेस कर सकू , मुझे हर बार यही लगता की वो मुझसे बहुत ही आकर्षित है कभी लगा ही नहीं की वो इंट्रेस्टेड नहीं है ,लेकिन फिर भी मेरी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं होती , मैं आगे बढना चाहता तो वो कुछ ऐसा कर देती की मैं रुकने पर मजबूर हो जाता, हर बार यही हो रहा था , लेकिन फिर भी मुझे हमेशा लगा की मैं उसे पा लूँगा बस एक कदम और ... लेकिन वो हर कदम के साथ मुझसे एक कदम और दूर हो जाती , मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की आखिर ये चीज क्या है ... वही रशीद और सबा का व्यवहार भी काजल को लेकर थोडा अजीब था ,कभी कभी ऐसा लगता की वो काजल से डरे हुए है , कभी ऐसा लगता की वो काजल की जासूसी कर रहे है ... दोस्तों के बीच ऐसा तो नहीं होता , मैं शरद और कबीर के सामने बहुत छोटा सा प्यादा हु देव सर , और मेरी समझ भी उतनी ही छोटी है , अब मुझे समझ आता है की काजल का जिस्म वो चीज नहीं थी जिसके लिए शरद और कबीर उसे पाने की ख्वाहिश रखते है ... कुछ भी हो सकता है ...”
मानिक शांत हो चूका था मैं भी शांत था , दिमाग शांत हो चूका था , कुछ भी समझ आना बंद हो चूका था आखिर क्या कहू या क्या करू ....???
दिमाग सवालो के तुफानो में फंसा था लेकिन कोई भी जवाब ना मिलने से उसने भी कोशिस करना छोड़ दिया था ...
मैं वंहा से उठ कर निकल गया ..
मैंने जूही को फोन लगाया ...
“मुझे क्लब जाना है ..”
“लेकिन ...???”
जूही कुछ बोलना चाहती थी लेकिन मैंने उसे रोक दिया
“काजल केस से छुट चुकी है शरद का कातिल मिल गया है , “
“वाट ..???”
“जूही मेरी बात सुनो मुझे जाना है कैसे ये तुम जानो ...”
जूही कुछ देर सोचने लगी
“ठीक है तुम्हारे घर आ रही हु “
मैंने उपर आसमान को देखा और एक गहरी साँस ली ..........
Dr sahab itne chutiye police officers sirf apki story me hi mil sakte hain... Jo apni marwane ko kholke rakheमैंने जूही को फोन लगाया ...
“मुझे क्लब जाना है ..”
“लेकिन ...???”
जूही कुछ बोलना चाहती थी लेकिन मैंने उसे रोक दिया
“काजल केस से छुट चुकी है शरद का कातिल मिल गया है , “
“वाट ..???”
“जूही मेरी बात सुनो मुझे जाना है कैसे ये तुम जानो ...”
कामदेव भाई ये डॉक्टर साब की पुलिस है....ये मरवाएगी भी और मरवाने के बाद डॉक्टर साब का कहना भी मानेगी.....Dr sahab itne chutiye police officers sirf apki story me hi mil sakte hain... Jo apni marwane ko kholke rakhe
Warna to....
Hamare yahan ke constable bhi duniya ki mar lete hain
Pahle to biwi yar banati ghumti hai... Kab, kahan aur kis-kiske sath kya-kya karti hai....
Dusre... Intelligent aur dedicated policewala... Biwi ke yaron ke sath drug party kar raha hai
Teesre.... Biwi police case se bach gayi... To khud bina kisi ko bataye...dr ke club ka mukhbiron se pata lagwa kar wahan pahunchne ki bajay.... Uski dalal juhi se request kar raha hai, apni biwi se milne ke liye
Aise realistic policewale shayad aur bhi kisi reader ne ab tak nahi dekhe honge
Ghumate raho.... Ham bhi thalua hain