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Romance काला इश्क़! (Completed)

Loverboy_143

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Yash bhai? :eek:
I hope you remember me. how r
Yash bhai? :eek:
I hope you remember me. how r u?
badhiya mak bhai naam yaad hai but hum itne sare dost ban gaye the aashiq bhai k story k baad ki maja hi aa jata tha …
Yeh story achhi lagi to aa gaye … aur aap regular ho yahan par aur Koun Koun hai purana actually mai aaj kal jyada nahi padhta aur bich me to completely band ho Gaya tha …
 
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Mak

Recuérdame!
Divine
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badhiya mak bhai naam yaad hai but hum itne sare dost ban gaye the aashiq bhai k story k baad ki maja hi aa jata tha …
Yeh story achhi lagi to aa gaye … aur aap regular ho yahan par aur Koun Koun hai purana actually mai aaj kal jyada nahi padhta aur bich me to completely band ho Gaya tha …
:hug: Haan Aashiq bhai ki story par majedaar maahaul ban jaata tha.. Wo to jaise gayab hi ho gaye hain.. Romeo 22 bhai kabhi kabhar aate hain.. Rishi bhi kuchh time pahle aaya tha.. nainaa was alos active few years back.. Baaki sabhi logon ne almost name badal liye hain.. or kuch active nahi hai..

Achha laga aapko idhar dekh kar.. :hug: Main bhi kabhi kabhi aata jaata rahta hun.. Abhi story contest tha to thoda gappe ladane chala aata hun.. :D

Agar life allow kare or time mile to aate raha karo bhai.. Ho sake to Kahani hi likh dene ka.. Nahin to Khamosiyan h idhar likh do.. I miss Drishti :blush1: Jo naye log honge, unhen ek behtareen kahani padhne ko mil jayegi.. Really really glad to see u here. :hug:
 

Romeo 22

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:hug: Haan Aashiq bhai ki story par majedaar maahaul ban jaata tha.. Wo to jaise gayab hi ho gaye hain.. Romeo 22 bhai kabhi kabhar aate hain.. Rishi bhi kuchh time pahle aaya tha.. nainaa was alos active few years back.. Baaki sabhi logon ne almost name badal liye hain.. or kuch active nahi hai..

Achha laga aapko idhar dekh kar.. :hug: Main bhi kabhi kabhi aata jaata rahta hun.. Abhi story contest tha to thoda gappe ladane chala aata hun.. :D

Agar life allow kare or time mile to aate raha karo bhai.. Ho sake to Kahani hi likh dene ka.. Nahin to Khamosiyan h idhar likh do.. I miss Drishti :blush1: Jo naye log honge, unhen ek behtareen kahani padhne ko mil jayegi.. Really really glad to see u here. :hug:
:reading:
 

Loverboy_143

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:hug: Haan Aashiq bhai ki story par majedaar maahaul ban jaata tha.. Wo to jaise gayab hi ho gaye hain.. Romeo 22 bhai kabhi kabhar aate hain.. Rishi bhi kuchh time pahle aaya tha.. nainaa was alos active few years back.. Baaki sabhi logon ne almost name badal liye hain.. or kuch active nahi hai..

Achha laga aapko idhar dekh kar.. :hug: Main bhi kabhi kabhi aata jaata rahta hun.. Abhi story contest tha to thoda gappe ladane chala aata hun.. :D

Agar life allow kare or time mile to aate raha karo bhai.. Ho sake to Kahani hi likh dene ka.. Nahin to Khamosiyan h idhar likh do.. I miss Drishti :blush1: Jo naye log honge, unhen ek behtareen kahani padhne ko mil jayegi.. Really really glad to see u here. :hug:
Likhne ka man to karta hai par pata nahi likh paunga ki nahi …but koshish karunga …no larger then life bus simple 20 updates ka likhta hoon …isi kahani se inspiration leke …isse easy ho jaega but agar writer permission de to … haan chapunga bhi nahi …chalo hafte me do update se try karunga but yaar jab se yeh story Padhi tab se eak baat samajh aayi ki kahani sad nahi honi chahiye … I am not saying ki kahani achhi nahi it’s a masterpiece jhakjhor diya akhir me but pyaar nahi chhutna chahiye …🙁
 

Loverboy_143

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Waise na hi chede to hi achha hai har kahani ki bhi apni eak ras hota hai agar usko badlo to achha nahi hota … mai bus thoda sa inspiration lena chahunga …woh bhi khul k permission le ke …
 

Mak

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Likhne ka man to karta hai par pata nahi likh paunga ki nahi …but koshish karunga …no larger then life bus simple 20 updates ka likhta hoon …isi kahani se inspiration leke …isse easy ho jaega but agar writer permission de to … haan chapunga bhi nahi …chalo hafte me do update se try karunga but yaar jab se yeh story Padhi tab se eak baat samajh aayi ki kahani sad nahi honi chahiye … I am not saying ki kahani achhi nahi it’s a masterpiece jhakjhor diya akhir me but pyaar nahi chhutna chahiye …🙁
Ok brother! will be happy to see you here. :goteam:
 

Crazy7

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update 24

कुछ दिन और बीते, हम इसी तरह रोज मिलते पर जॉब के लिए ऋतू ने मुझसे आगे कोई बात नहीं की| संडे आया तो ऋतू ने जिद्द कर के मेरे घर आ गई, और आज तो वो बहुत जयदा ही खुश लग रही थी| आज वो पहली बार स्कर्ट पहन के आई थी और अपनी कुर्ती ऊपर उठा कर ऋतू ने मुझे अपनी नैवेल दिखाई| मेरी नजर उसकी नैवेल पर पड़ी तो मैं टकटकी बांधें उसी को देखता रहा| "क्या बात है आज तो मेरी जान मेरी जान लेने के इरादे से आई है!!!" ये कहते हुए मैंने ऋतू को अपनी छाती से चिपका लिया|
"वो प्रेगनेंसी वाले दिन के बाद मुझे तो लगा था की आप मुझे अब शादी तक छुओगे ही नहीं! आपको सडके करने को ही इतना सज-धज कर आई हूँ! सससस.....आ...आ...ह...नं... सच्ची कितने दिनों से आपके लिए प्यार के लिए तड़प रही थी|" ऋतू ने कसमसाते हुए कहा|

"पागल! तुझे प्यार किये बिना तो मैं भी नहीं रह सकता! उस दिन जब तूने मुझे प्रेगनेंसी की बात बताई तो मैं मन ही मन सोच कर बैठा था की अब जल्दी ही तुझे भगा कर ले जाऊँ|" मैंने ऋतू को बाएं गाल को चूमते हुए कहा|

"सच्ची?" ऋतू ने खिलखिलाते हुए कहा|


"हाँ जी! बहुत प्यार करता हूँ मैं अपनी ऋतू से|" ये कहते हुए मैंने ऋतू के होंठों को चूम लिया|

अब आगे ......

मेरे होठों के सम्पर्क में आते ही ऋतू मचलने लगी और उसने अपने दोनों हाथों को मेरी गर्दन के पीछे ले जाके लॉक कर दिया| ऋतू उचक कर मेरे होठों को चूस रही थी और मुझे उसकी इस हरकत पर बहुत प्यार आ रहा था| मैंने उसे गोद में उठा लिया और किचन कॉउंटर पर ला कर बिठा दिया| ऋतू अब बिलकुल मेरे बराबर थी, और उसका मेरे होठों को चूमना जारी था| ऋतू के होंठ तो आज मुझ पर कुछ ज्यादा ही कहर डाल रहे थे, वो अपने होठों से मेरे होठों को बारी-बारी निचोड़ रही थी| इधर मेरे दिलों-दिमाग में उसकी नाभि ही छाई हुई थी| हाथ अपने आप ही उसकी नाभि के ऊपर थिरकने लगे थे| एक अजीब सी खुमारी थी, उस पर ऋतू की जिस्म की महक मुझे बहका रही थी| मैंने फिर से ऋतू को गोद में उठाया और पलंग पर ला कर लिटा दिया और खुद भी उसके ऊपर छा गया| अब मैंने अपने निचले होंठ और जीभ के साथ उसके निचले होंठ को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा| ऋतू की उँगलियाँ मेरे बालों में रास्ते बनाने लगी थी| निचले होंठ कर रस निचोड़ कर मैंने उसके ऊपर वाले होंठ को भी ऐसे ही निचोड़ा| मेरे हाथ अब नीचे आ कर उसके कुर्ते के ऊपर से स्तनों को दबाने लगे और उन्हें धीरे-धीरे मसलने लगे| मैं रुका और अपने घुटनों पर बैठ गया और ऋतू का हाथ पकड़ के उसे बिठाया| मुझे आगे उसे कुछ कहना नहीं पड़ा और उसने खुद ही अपना कुरता निकाल के फेंक दिया| मैं ने भी ताव में आकर अपनी टी-शर्ट निकाल फेंकी और फिर से ऋतू के ऊपर चढ़ गया और उसके होठों को अपने होठों में भींच कर चूसने लगा| ऋतू ने अपने दोनों हाथों से मेरा चेहरा थाम लिया और उसने भी अपनी जीभ से हमला कर दिया| मेरे मुँह में दाखिल हुई उसकी जीभ मेरी जीभ से लड़ने लगी| मैं ने अपने दाँतों से उसकी जीभ पकड़ ली और ऋतू थोड़ा छटपटाने लगी! इधर मेरी उँगलियों ने ऋतू की ब्रा के स्ट्राप को नीचे खिसका दिया| मैंने Kiss तोडा और ऋतू के कंधे को चूम लिया, जवाब में ऋतू ने अपनी उँगलियों को मेरे बालों में फँसा दिया| मैंने अपनी उँगलियों से अब उसकी ब्रा को उसके कंधे से होते हुए नीचे लाना शुरू कर दिया, ऋतू ने अपनी पकड़ मेरे बालों पर ढीली की और अगले ही पल उसकी ब्रा उसके सीने से अलग हो कर जमीन पर पड़ी थी| ऋतू मेरी आँखों में प्यास देख रही थी और मैं भी उसकी आँखों में वही प्यास देख रहा था| मैंने झुक कर ऋतू के बाएँ स्तन को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा| और ऋतू ने फिर से अपनी उँगलियाँ मेरे बालों में फँसा दीं| "काश...ससस..ससस...आ.आ..ननहहह....मैं आपको अपना दूध पिला सकती|" ये कहते हुए ऋतू सिसकारियां लेने लगी! उसकी टांगें भी हरकत करने लगीं और मेरी टांगों से लिपटने लगीं| ऋतू की बात आज मुझे बहुत उत्तेजक लग रही थी और मुझे ऐसा लगने लगा की वो मुझे जान-बुझ कर उत्तेजित कर रही है| "ससस...आ..आ..ह...ह....न...न... जानू! एक बार काट लो ना!" उसका कहना था और मैंने उसके बाएँ स्तन को काट लिया; "आआह्ह्ह्ह.....हहह...स..ससससस...ननन... न!!!!!" उसकी दर्द भरी कराह सुन मुझे और उत्तेजना हुई और मैंने ऋतू का दायाँ स्तन मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा| "ससस....आ...न.....ह... इसे भी...काटो....ना...प्लीज!" ये सुनते ही मैंने उसके दाएँ चूची को डाँट से काट लिया; "ईईई....माँ....आह....ससस...आ..न..हह...!!!" उसकी कराह निकली और मैं उत्तेजना से भर गया और वापस बाएँ स्तन की चूची को भी काट लिया| "ईईई...माँ......ाआनंनं.....ससस!!!! जानऊउउउउउउउ!!!!" ऋतू ने अपना दबाव मेरे सर पर और बढ़ा दिया|


अगले दस मिनट तक मैं यूँ ही कभी उसके एक स्तन को चूसता तो कभी दूसरे स्तन को! ऋतू ने धीरे-धीरे अपनी पकड़ मेरे सर पर से कम की तो मैं नीचे खिसका और उसकी नैवेल पर रूक गया| अपने होठों से मैंने उसकी नैवेल को चूमा, अगले ही पल मैंने अपनी जीभ उसमें डाल दी" इसके परिणाम स्वरुप ऋतू का पूरा जिस्म ऊपर की तरफ उठ गया| मैंने अपने निचले होंठ को उसकी नैवेल पर ऊपर से नीचे रगड़ना शुरू कर दिया| जीभ से मैं उसकी नैवेल को कुरेदने लगा, ऋतू से अब ये दोहरा हमला बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वो छटपटाने लगी थी| पाँच मिनट तक उसकी नैवेल की चुसाई कर मैं और नीचे खिसका तो वहां तो अभी स्कर्ट का कब्ज़ा था| ऋतू ने तुरंत ही नाडा खोला और स्कर्ट अपनी गांड से नीचे खिसका दी और बाकी का काम मैंने किया| अब तो सिर्फ ऋतू की पैंटी बची थी| पैंटी देख कर मैं उस पर झुका और ऋतू की बुर को चूमना चाहा| पर ऋतू ने मुझे रोक दिया और अपनी पैंटी निकाल कर अपनी दोनों टांगें खोल दी| उसकी ये हरकत देख मेरे मुख पर मुस्कराहट छ गई और मुझे देख ऋतू ने अपने दोनों हाथों से अपने मुँह को ढक लिया| मैं झुक कर ऋतू की बुर को चूमने लगा तो उसने फिर मुझे रोक दिया, वो उठ के बैठी और मुझे अपने ऊपर खींच लिया| "आज मेरे जानू को और इंतजार नहीं करवाऊँगी|" इतना कह कर उसने मुझे अपने ऊपर से धकेल दिया और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गई| अपनी चारों उँगलियों को ऋतू ने अपने थूक से चुपड़ा और अपनी बुर की फांकों को गीला करने लगी, अपनी दो उँगलियों से उसने अपनी ही थूक से अपनी बुर को अंदर से गीला कर दिया|


उसने अपने थूक से सने हाथों से मेरा पाजामा बुरी तरह खींचना शुरू कर दिया, वासना उस पर इस कदर हावी थी की वो तो मेरा पाजामा फाड़ने को भी तैयार थी| आखिर पाजाम निकालते ही उसने उसे दोर्र फेंक दिया और मेरे कच्छे को देख कर बोली; "सच्ची आज के बाद मेरे होते हुए आप कभी कच्चा मत पहनना! नहीं तो मैं आपके सारे कच्छे फाड़ दूँगी!" ऋतू का उतावलापन आज साफ़ दिख रहा था| मेरा कच्छा तो उसने नोच कर निकाला और गुस्से से कमरे के दूसरे कोने में फेंक दिया, फिर से उसने अपना गाढ़ा थूक अपनी चारों उँगलियों पर निकाला और पहले मेरे लंड पर चुपड़ने लगी और फिर बाकी का अपनी बुर में घुसेड़ दिया! ऋतू का ये रूप देख कर मैं हैरान था!

ऋतू अब धीरे-धीरे अपनी बुर को मेरे लंड के ठीक ऊपर ले आई और धीरे-धीरे बुर को नीचे मेरे लंड पर दबाने लगी| मेरा सुपाड़ा पूरा अंदर जा चूका था और ऋतू के बुर की गर्मी मुझे अपने लंड पर महसूस होने लगी थी| मैं जानता था की अगर मैंने नीचे से जरा भी झटका मारा तो ऋतू की हालत दर्द के मारे खराब हो जायेगी, इसलिए में बिना हिले-डुले पड़ा रहा|

ऋतू ने बहुत हिम्मत दिखाई और धीरे-धीरे और नीचे आने लगी और मेरा लंड और अंदर जाने लगा| जब आधा लंड अंदर चला गया तो ऋतू रुक गई और मुझे लगा जैसे इसके आगे वो नहीं बढ़ेगी| ऋतू की चेहरे पर दर्द की लकीरें थीं और मुँह से दर्द भरी आह निकल रही थी| "स..आह...हम्म....मम...हह...आअह्ह्ह...अंह..!!!" ऋतू की बुर में उठ रहा दर्द उसकी जुबान से बाहर आ रहा था| जितना लंड अंदर गया था उतना ही अंदर लिए उसने ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया और मैं मन मार कर रह गया की वो मेरा पूरा लंड अंदर न ले सकी| अगले पांच मिनट तक ऋतू मेरे पेट पर अपना हाथ रख कर अपनी गांड ऊपर नीचे करती रही और मेरा बेचारा आधा लंड ही उसकी बुर की गर्मी की सिकाई पा रहा था| ऋतू को मेरे चेहरे से मेरी प्यास दिख रही थी और वो जानती थी की मेरा पूरा लंड उसकी बुर की गर्माहट चाहता है तो उसने ऊपर-नीचे होना रोक दिया और मेरे ऊपर लेट गई| "मुझे लगा की वो स्खलित हो गई है इसलिए आराम कर रही है पर उसने मुझे चौंकाते हुए पुछा; "जानू! आप ऐसे क्यों हो? अपना दर्द मुझसे क्यों छुपाते हो? मैं जानती हूँ की मैं आपको सेक्स में वो सुख नहीं दे पाती जो आप चाहते हो पर आपने कभी मुझसे क्यों कुछ नहीं कहा? आपके छूटने से पहले मैं स्खलित हो जाती हूँ पर आप हैं की.....क्या पराया समझते हो मुझे?"

ये सुन कर मुझे एहसास हुआ की मैं ऋतू से सेक्स में उसका पूरा साथ ना देने से थोड़ा दुखी था पर कभी उससे कहने की हिमायत नहीं जुटा पाया| "जान! ऐसा नहीं है! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, मेरे लिए तुम्हारे दिल का प्यार जर्रूरी है! सेक्स मेरे लिए मायने नहीं रखता! तुम्हें उससे ख़ुशी मिलती है और तुम्हें खुश देख मैं भी खुश हो लेता हूँ| बचपन से ले कर जब तक मैं घर पर था तब तक हम साथ खेले-खाये, बड़े हुए पर मेरे कॉलेज के वजह से मुझे शहर आना पड़ा और तब शायद तुमने खुद का ख़याल रखना बंद कर दिया| या शायद घर पर सब के तानों के दुःख के कारन तुम अच्छे से खाना नहीं खाती थी, इसीलिए तुम्हारा शरीर अंदर से कमजोर है और शायद इसीलिए तुम सेक्स में ज्यादा देर तक नहीं साथ दे पाती! पर उससे मेरा प्यार तुम्हारे लिए कभी कम नहीं हुआ! हाँ कुछ दिन पहले तुम ने मेरे दिल को बहुत ठेस पहुँचाई थी, पर उस किस्से के बाद तो हम और नजदीक ही आये हैं ना? मेरी बात सुन कर ऋतू मेरी आँखों में देखते हुए बोली; "मैं जानती हूँ आप मुझसे कितना प्यार करते हो और मेरे दिल को चोट न पहुंचे इसलिए आप ने मुझे कभी ये नहीं बताया| पर उस दिन जब में उस डॉक्टर के साथ अंदर गई चेक-अप के लिए तब मैंने उन्हें साड़ी बात बताई और उन्होंने मुझे कुछ बातें बताई! मैं वादा करती हूँ की आज के बाद मैं आपका पूरा साथ दूँगी!"


''आपको वादा करने की कोई जर्रूरत नहीं है!" ये सुन कर ऋतू मुस्कुराई और मेरे होठों को चूम लिया| मेरे लंड अभी भी आधा ऋतू की बुर में था और ऋतू ने धीरे-धीरे अपनी कमर को मेरे लंड पर दबाना शुरू किया| धीरे-धीरे ...धीरे-धीरे ...धीरे-धीरे ...धीरे-धीरे और आखिर में पूरा लंड ऋतू की बुर में समां गया| दर्द के मारे ऋतू की आँखें बंद हो चुकी थी और आँसूँ की धरा बह निकली थी| "ससससस.....आअह्ह्ह्ह......मा....म...म.म.म.म....मममम.....ंन्न......ह्ह्ह्हह्ण....!!!" ऋतू का दर्द देख कर मन दुखी होने लगा था और लंड मियाँ अंदर बुर की गर्मी पा कर मचलने लगे थे| "जान! दर्द हो रहा है तो मत करो!" मैंने ऋतू से कहा पर उसने अपनी ऊँगली मेरे होठों पर रख दी| "ससस...आज...मेरे जानू.....को....सब....ससस...आअह्ह्ह..हहह्णणम्म्म....ममम...!!" ऋतू की दर्द भरी सिसकारियाँ अचानक ही मादक सिसकारियाँ बन चुकी थी| दो मिनट तक वो बिना हिले-डुले मेरे लंड को पानी बुर में भरे, आँखें मूंदे हुए बैठी रही| फिर उसने अपने दोनों हाथों को मेरी छाती पर रखा और अपनी कमर धीरे-धीरे ऊपर लाई, लंड का सुपाड़ा भर अंदर रहा गया था और फिर ऋतू धीरे-धीरे अपनी कमर को वापस नीचे लाई! दो मिनट में ही उसकी बुर ने रस छोड़ दिया, और वो गर्म-गर्म रस मेरे लंड को और भी गर्म करने लगा| ऋतू जैसे ही ऊपर उठी उसका रस बहता हुआ बाहर आया पर इस बार ऋतू रुकी नहीं और उसने लय-बद्ध तरीके से अपनी कमर ऊपर-नीचे करनी शुरू कर दी| 5 मिनट और फिर ऋतू उकड़ूँ हो कर बैठ गई और तेजी से उसने अपनी गांड ऊपर नीचे करने शुरू कर दी| अब तो मेरा लंड बड़ी आसानी से फिसलता हुआ उसकी बुर में अंदर-बाहर हो रहा था और ऋतू को भी बहुत जोश चढ़ आया था| अगले दस मिनट तक वो बिना रुके ऐसे ही ऊपर-नीचे करती रही और मेरी और मेरे लंड की हालत खराब कर दी| मेरे जिस्म में एक ऐठन आई और वही ऐठन ऋतू के जिस्म में भी आई और दोनों एक साथ अपना रस बहाने लगे, वो रस ऋतू के बुर में पहले भरा और काफी-कुछ रिस्ता हुआ बहार आने लगा|



ऋतू थक कर पस्त हो गई और मेरे ऊपर ही लुढ़क गई| हम दोनों की सांसें बहुत तेज थी, और लंड मियाँ अब भी ऋतू की बुर के अंदर फँसे पड़े थे| पाँच मिनट के बाद जब दोनों की सांसें सामान हुई तो आज मेरे चेहरे की संतुष्टि देख ऋतू को खुद पर गर्व होने लगा| मैंने करवट ले कर उसे अपने ऊपर से उतारा और अपनी बगल में लिटा दिया, इसी बीच मेरा लंड भी बहार आया| ऋतू की बुर से चम्मच भर गाढ़ा तरल बहंता हुआ बाहर आया जिसे देख कर मुझे बहुत आनंद आया| मैं वापस ऋतू की बगल में लेट गया, ऋतू ने मेरी तरफ करवट की और अपनी बायीँ टांग उठा कर मेरे लंड पर रख दी| वो अब भी उस गाढ़े तरल से अनजान थी!
Lovely update
 
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Aakash.

ɪ'ᴍ ᴜꜱᴇᴅ ᴛᴏ ʙᴇ ꜱᴡᴇᴇᴛ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ, ɴᴏᴡ ɪᴛ'ꜱ ꜰᴜᴄᴋ & ꜰᴜᴄᴋ
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Annual Story Contest - XForum
Hello everyone!
We are thrilled to present the annual story contest of XForum!
"The Ultimate Story Contest" (USC).

"Win cash prizes up to Rs 8500!"


Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 8000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 25th March ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th April 2025 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.

Important Links:
- Chit Chat Thread (For discussions)
- Review Thread (For reviews)
- Rules & Queries Thread (For contest details)
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Prizes
Position Rewards
Winner 3500 ₹ + image Award + 7000 Likes + 30-day Sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 2000 ₹ + image1 Award + 5000 Likes + 15-day Sticky Thread (Stories)
2nd Runner-Up 1000 ₹ + 3000 Likes + 7-day Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-Up 500 ₹ + 3000 Likes
Best Supporting Reader (Top 3) 500 ₹ (Each) + image2 Award + 1000 Likes
Reporting Plagiarized Stories imag3 200 Likes per valid report


Regards, XForum Staff
 
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