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Incest काली हांडी

AlexMt

❤️ Interesting Stories ❤️
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अध्याय प्रथम
भाग 1

""संध्या ....संध्या...संध्या .....""

रवि इस वक़्त अपने बगीचे के बीचों बीच खड़ा हो कर अपनी पत्नी संध्या को बदहवासी में आवाजें लगाए जा रहा था....
लेकिन संध्या रवि की आवाज सुन पाती तो जरूर रवि के पास आ जाती...

रवि ने बगीचे के बीचों बीच पड़ी उस वस्तु को ध्यान से देखने की कोशिश करी जो की एक सफेद कपड़े में लिपटी हुई थी.....सफेद कपड़े पर काफी मात्रा में सिंदूर और काले तिल फैले हुए थे... जो की रवि कि हड्डियों मै भी सिहरन फैलाए जा रहे थे..
रवि अपने मन में ही

रवि - ये क्या बीमारी है यार ??? कौन कर सकता है ऐसी हरकत ...?? भला हमसे किसी की क्या दुश्मनी है जो इस तरह के टोटके कर रहा है ?? हर रोज़ बगीचे में कुछ ना कुछ नया देखने को मिल रहा है कभी सिंदूर लगा नींबू कभी किसी पंछी की काले कपड़े में बंधी लाश.....एक बार ये सब करने वाला हाथ आ जाए तो उसका चेहरा पहचानने लायक नहीं छोडूंगा ...!

रवि बिना उस वस्तु को छुए वहां से उठ कर बंगले के अन्दर जाने के लिए आगे बढ़ गया...

बंगले के अंदर....
रवि - संध्या कहां हो यार....कब से आवाजें दिए जा रहा हूं..??
तभी रवि के कानों में संध्या कि खनकती आवाज पड़ी...

संध्या - क्या हुआ जान ?? क्यों परेशान हो रहे हो ..??

रवि ने आवाज की दिशा में अपनी गर्दन घुमाई तो बस वह संध्या को देखता ही रह गया....

संध्या के गीले बालों से टपकता हुआ पानी उसकी गर्दन से होता हुआ सफेद झीनी ब्रा में कैद उरोज के मध्य घाटी से किसी बरसाती नदी की तरह बहता हुआ उसकी नाभि में भंवर बनाता हुआ पैंटी में विराजित योनि के द्वार को भिगोता हुआ जांघो से रिस कर जमीन पर बिखर रहा था....
अपनी तरफ़ इस तरह से देखते हुए रवि को देख संध्या शर्मा गई ....अभी उनकी शादी को दिन ही कितने हुए थे...उड़ीसा से ताल्लुक रखने वाली संध्या कब दिल्ली के रहने वाले रवि से प्यार कर बैठी और उसके बाद पिछले हफ्ते ही इन दोनों की शादी भी हो गई...
संध्या - क्या हुआ जान..?? इस तरह से क्यों देख रहे हो ??
संध्या की आवाज सुनकर रवि जैसे सुखद सपने से जागा...और उस सपने से बाहर निकलते ही उसके चेहरे के भाव तेज़ी से बदलते चले गए...
रवि - पता नहीं संध्या कोन हमारे पीछे पड़ा है...रोज़ बगीचे में कुछ ना कुछ अजीब पड़ा हुआ मिल रहा है....आज फिर एक नई चीज सफेद कपड़े में लिपटी हुई हमारे बगीचे में पड़ी हुई है...

रवि अपनी बात कह कर वही पड़े सोफे पर पसर जाता है और दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ कर कुछ बुदबुदाने लगता है...
संध्या के चेहरे पर जहां कुछ पल पहले शर्म और हया फैली हुई थी वहीं इस वक़्त एक कठोरता दिखाई देने लगी...
संध्या ने बेड पर पड़ा अपना गाउन पहना और मोबाइल से किसी को फोन करने लगी....
इस वक़्त संध्या अपनी मां से उड़िया भाषा में बात कर रही थी, अपनी मां को सारी बात बताने के बाद जो कुछ भी संध्या कि मां ने संध्या से कहा उसे सुन संध्या के चेहरे का रंग तेज़ी से बदलने लगा...
कॉल अब डिस्कनेक्ट हो चुकी थी और संध्या हताशा से भरे रवि के बालों में अपनी उंगलियां फेरती हुई कहने लगती है ..

संध्या - जान...अभी मां से बात करी मैंने और उन्हें बताया कि किस तरह से कोई हमें परेशान करने मै लगा हुआ है....मां ने बोला है कि हम उस वस्तु को बिल्कुल भी हाथ ना लगाए जो हमारे बगीचे में पड़ी हुई है....हो ना हो कोई हम पर काला जादू करने का प्रयास कर रहा है..
रवि ने हताशा में अपना चेहरा ऊपर उठाते हुए कहा...
रवि - ये सब में भी जानता हूं संध्या .... मगर इस तरह से कब तक चलेगा....कब तक हम हमारे अज्ञात दुश्मन के टोटकों से डरते रहेंगे , नहीं में अभी जाकर उस चीज को घर के बाहर फेंक कर आता हूं...मै भी देखता हूं कोई कैसे टोटकों से हमारा नुकसान पहुंचाता है....
रवि गुस्से मै भनभनाते हुए सोफे से उठा लेकिन संध्या ने मजबूती से रवि का हाथ थामते हुए कहा ...

संध्या - जान आपको मेरी कसम .... प्लीज़ आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे ....सबसे पहले हमें पुलिस में कंप्लेन करनी चाहिए वो जब यहां आएंगे तो अपने आप इस चीज को भी अपने साथ ले जाएंगे....
संध्या का इस तरह खुद की कसम देना और इस मुश्किल वक़्त में भी समझदारी से काम लेना रवि के गुस्से को हवा कर गया ....
रवि - ठीक है संध्या में अभी पुलिस को फोन करके सारी स्थिति बताता हूं....
रवि का इतना कहना था कि संध्या ने अपने गुलाबी होंठ रवि के होंठो से लगा दिए .... नर्म होठ और गर्म सांसे रवि को उत्तेजित करने के लिए काफी थी लेकिन संध्या ने ये कहते हुए खुद को रवि से अलग कर लिया ....
संध्या - ओ हो जानू आप बड़े बदमाश हो.....भूल गए हमने तै किया था कि हफ्ते में बस तीन दिन सेक्स करेंगे बुधवार , शुक्रवार और तुम्हारे नाम वाले दिन यानी रविवार....और आज सोमवार है इसलिए आपका आज कोई चांस नहीं है....
रवि ने एक ठंडी सांस लेते हुए संध्या के माथे को चूमा और फिर सोफे पर बैठ कर पुलिस को फोन करने में लग गया....

तकरीबन एक घंटे बाद ही पुलिस कि एक जीप रवि के बंगले के बाहर खड़ी थी और अंदर बगीचे में दो कांस्टेबल उस वस्तु का जायजा ले रहे थे जो बगीचे के बीचों बीच पड़ी थी...

कांस्टेबल - रवि जी ये जो कुछ भी आपके बगीचे में पड़ा हुआ है आपको ऐसा क्यों लगता है कि इस मामले में पुलिस आपकी कोई मदद कर पाएगी ??
कांस्टेबल से रवि को इस तरह के सवाल की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी लेकिन खुद पर काबू रखते हुए रवि ने कहा ।
रवि - मुझे नहीं पता सर ये क्या चीज है ..हो सकता है इस सफेद कपड़े के अंदर कोई बॉम्ब या कोई खतरनाक चीज हो....
रवि की बात सुनकर दूसरा कांस्टेबल खिलखिला उठा लेकिन जल्दी उसको अपनी गलती का एहसास हुआ और अपनी हंसी अपने मुंह में ही छुपा गया
कांस्टेबल - अच्छा जवाब है रवि जी....ये आप भी जानते है और मै भी की ये कोई बॉम्ब या कोई दूसरी खतरनाक चीज नहीं है ये एक टोटका है जो इस वक़्त आपके गले की आफ़त बना हुआ है और साथ ही साथ हमारी भी.....क्या आपके यहां सी सी टीवी कैमरा लगा हुआ है...??
रवि ने कुछ सोचते हुए जवाब दिया
रवि - नहीं सर अभी तक हमने सीसी टीवी कैमरा नहीं लगवाया.... वैसे भी शादी से एक दो दिन पहले ही मैंने ये बंगला खरीदा था ।
कांस्टेबल रवि के इस जवाब से चकरा गया....उसने रवि कि तरफ देखते हुए अलग अंदाज में एक और सवाल किया ।
कांस्टेबल - और वैसे आपकी शादी को कितने दिन हो गए ??
हवलदार का सवाल सुनकर रवि इस बार झेंप गया ....क्योंकि पहले जो सवाल हवलदार ने पूछा था उसका जवाब उसने कुछ और ही से दिया था इसलिए अपनी गलती सुधारते हुए उसने अपना जवाब दिया...
रवि - सर अभी 8 दिन हुए है हमारी शादी को.....और ये बंगला लिए तकरीबन दस दिन....इतने कम समय में सी सी टीवी कैमरा लगाने का ख्याल हमें आया ही नहीं ....
रवि की बात सुनकर कांस्टेबल के चेहरे पर मुस्कान तैर गई.....
कांस्टेबल - शादी की ढेरों शुभकामनाए बेटा ... लेकिन मुझे मेरे अनुभव से लगता है कि तुम से कोई ना कोई दुश्मनी जरूर निकाल रहा है....में यहां के जमादार को इस कचरे को यहां से उठाने के लिए बोल देता हूं और तुम एक बार थाने आकर रिपोर्ट लिखवा दो एक बात और जल्द से जल्द सी सी टीवी कैमरा लगवाओ बंगले में क्योंकि तुम्हारा दुश्मन जो कोई भी है वो मामूली तो बिल्कुल भी नहीं है.....मेरी मानो तो कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर घूम आओ..... हनीमून भी हो जाएगा और बंगले कि सुरक्षा व्यवस्था भी हो जाएगी...
हवलदार की बात सुनकर रवि कुछ सोच में पड़ गया और तुरंत ही एक फैसला करते हुए उसने जवाब दिया....
रवि - आपने सही कहा सर....आप उमर और तजुर्बे में मुझ से काफी बड़े है ....में आज ही संध्या को यहां से दूसरी जगह ले जाता हूं और किसी सिक्योरिटी एजेंसी को घर को सिक्योर करने का काम भी दे ही देता हूं ....


कौन है जो रवि और संध्या के जीवन में बाधा बन कर आया है .....क्या हनीमून पर भी इस नवविवाहित जोड़े को इस तरह की तकलीफों से जूझना पड़ेगा.....जानने के लिए पढ़ते रहे
काली हांडी
Congratulations for new story
Excellent Update ❤️
Hope Updates will be available regularly
 
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Punnu

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अध्याय प्रथम
भाग 1

""संध्या ....संध्या...संध्या .....""

रवि इस वक़्त अपने बगीचे के बीचों बीच खड़ा हो कर अपनी पत्नी संध्या को बदहवासी में आवाजें लगाए जा रहा था....
लेकिन संध्या रवि की आवाज सुन पाती तो जरूर रवि के पास आ जाती...

रवि ने बगीचे के बीचों बीच पड़ी उस वस्तु को ध्यान से देखने की कोशिश करी जो की एक सफेद कपड़े में लिपटी हुई थी.....सफेद कपड़े पर काफी मात्रा में सिंदूर और काले तिल फैले हुए थे... जो की रवि कि हड्डियों मै भी सिहरन फैलाए जा रहे थे..
रवि अपने मन में ही

रवि - ये क्या बीमारी है यार ??? कौन कर सकता है ऐसी हरकत ...?? भला हमसे किसी की क्या दुश्मनी है जो इस तरह के टोटके कर रहा है ?? हर रोज़ बगीचे में कुछ ना कुछ नया देखने को मिल रहा है कभी सिंदूर लगा नींबू कभी किसी पंछी की काले कपड़े में बंधी लाश.....एक बार ये सब करने वाला हाथ आ जाए तो उसका चेहरा पहचानने लायक नहीं छोडूंगा ...!

रवि बिना उस वस्तु को छुए वहां से उठ कर बंगले के अन्दर जाने के लिए आगे बढ़ गया...

बंगले के अंदर....
रवि - संध्या कहां हो यार....कब से आवाजें दिए जा रहा हूं..??
तभी रवि के कानों में संध्या कि खनकती आवाज पड़ी...

संध्या - क्या हुआ जान ?? क्यों परेशान हो रहे हो ..??

रवि ने आवाज की दिशा में अपनी गर्दन घुमाई तो बस वह संध्या को देखता ही रह गया....

संध्या के गीले बालों से टपकता हुआ पानी उसकी गर्दन से होता हुआ सफेद झीनी ब्रा में कैद उरोज के मध्य घाटी से किसी बरसाती नदी की तरह बहता हुआ उसकी नाभि में भंवर बनाता हुआ पैंटी में विराजित योनि के द्वार को भिगोता हुआ जांघो से रिस कर जमीन पर बिखर रहा था....
अपनी तरफ़ इस तरह से देखते हुए रवि को देख संध्या शर्मा गई ....अभी उनकी शादी को दिन ही कितने हुए थे...उड़ीसा से ताल्लुक रखने वाली संध्या कब दिल्ली के रहने वाले रवि से प्यार कर बैठी और उसके बाद पिछले हफ्ते ही इन दोनों की शादी भी हो गई...
संध्या - क्या हुआ जान..?? इस तरह से क्यों देख रहे हो ??
संध्या की आवाज सुनकर रवि जैसे सुखद सपने से जागा...और उस सपने से बाहर निकलते ही उसके चेहरे के भाव तेज़ी से बदलते चले गए...
रवि - पता नहीं संध्या कोन हमारे पीछे पड़ा है...रोज़ बगीचे में कुछ ना कुछ अजीब पड़ा हुआ मिल रहा है....आज फिर एक नई चीज सफेद कपड़े में लिपटी हुई हमारे बगीचे में पड़ी हुई है...

रवि अपनी बात कह कर वही पड़े सोफे पर पसर जाता है और दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ कर कुछ बुदबुदाने लगता है...
संध्या के चेहरे पर जहां कुछ पल पहले शर्म और हया फैली हुई थी वहीं इस वक़्त एक कठोरता दिखाई देने लगी...
संध्या ने बेड पर पड़ा अपना गाउन पहना और मोबाइल से किसी को फोन करने लगी....
इस वक़्त संध्या अपनी मां से उड़िया भाषा में बात कर रही थी, अपनी मां को सारी बात बताने के बाद जो कुछ भी संध्या कि मां ने संध्या से कहा उसे सुन संध्या के चेहरे का रंग तेज़ी से बदलने लगा...
कॉल अब डिस्कनेक्ट हो चुकी थी और संध्या हताशा से भरे रवि के बालों में अपनी उंगलियां फेरती हुई कहने लगती है ..

संध्या - जान...अभी मां से बात करी मैंने और उन्हें बताया कि किस तरह से कोई हमें परेशान करने मै लगा हुआ है....मां ने बोला है कि हम उस वस्तु को बिल्कुल भी हाथ ना लगाए जो हमारे बगीचे में पड़ी हुई है....हो ना हो कोई हम पर काला जादू करने का प्रयास कर रहा है..
रवि ने हताशा में अपना चेहरा ऊपर उठाते हुए कहा...
रवि - ये सब में भी जानता हूं संध्या .... मगर इस तरह से कब तक चलेगा....कब तक हम हमारे अज्ञात दुश्मन के टोटकों से डरते रहेंगे , नहीं में अभी जाकर उस चीज को घर के बाहर फेंक कर आता हूं...मै भी देखता हूं कोई कैसे टोटकों से हमारा नुकसान पहुंचाता है....
रवि गुस्से मै भनभनाते हुए सोफे से उठा लेकिन संध्या ने मजबूती से रवि का हाथ थामते हुए कहा ...

संध्या - जान आपको मेरी कसम .... प्लीज़ आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे ....सबसे पहले हमें पुलिस में कंप्लेन करनी चाहिए वो जब यहां आएंगे तो अपने आप इस चीज को भी अपने साथ ले जाएंगे....
संध्या का इस तरह खुद की कसम देना और इस मुश्किल वक़्त में भी समझदारी से काम लेना रवि के गुस्से को हवा कर गया ....
रवि - ठीक है संध्या में अभी पुलिस को फोन करके सारी स्थिति बताता हूं....
रवि का इतना कहना था कि संध्या ने अपने गुलाबी होंठ रवि के होंठो से लगा दिए .... नर्म होठ और गर्म सांसे रवि को उत्तेजित करने के लिए काफी थी लेकिन संध्या ने ये कहते हुए खुद को रवि से अलग कर लिया ....
संध्या - ओ हो जानू आप बड़े बदमाश हो.....भूल गए हमने तै किया था कि हफ्ते में बस तीन दिन सेक्स करेंगे बुधवार , शुक्रवार और तुम्हारे नाम वाले दिन यानी रविवार....और आज सोमवार है इसलिए आपका आज कोई चांस नहीं है....
रवि ने एक ठंडी सांस लेते हुए संध्या के माथे को चूमा और फिर सोफे पर बैठ कर पुलिस को फोन करने में लग गया....

तकरीबन एक घंटे बाद ही पुलिस कि एक जीप रवि के बंगले के बाहर खड़ी थी और अंदर बगीचे में दो कांस्टेबल उस वस्तु का जायजा ले रहे थे जो बगीचे के बीचों बीच पड़ी थी...

कांस्टेबल - रवि जी ये जो कुछ भी आपके बगीचे में पड़ा हुआ है आपको ऐसा क्यों लगता है कि इस मामले में पुलिस आपकी कोई मदद कर पाएगी ??
कांस्टेबल से रवि को इस तरह के सवाल की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी लेकिन खुद पर काबू रखते हुए रवि ने कहा ।
रवि - मुझे नहीं पता सर ये क्या चीज है ..हो सकता है इस सफेद कपड़े के अंदर कोई बॉम्ब या कोई खतरनाक चीज हो....
रवि की बात सुनकर दूसरा कांस्टेबल खिलखिला उठा लेकिन जल्दी उसको अपनी गलती का एहसास हुआ और अपनी हंसी अपने मुंह में ही छुपा गया
कांस्टेबल - अच्छा जवाब है रवि जी....ये आप भी जानते है और मै भी की ये कोई बॉम्ब या कोई दूसरी खतरनाक चीज नहीं है ये एक टोटका है जो इस वक़्त आपके गले की आफ़त बना हुआ है और साथ ही साथ हमारी भी.....क्या आपके यहां सी सी टीवी कैमरा लगा हुआ है...??
रवि ने कुछ सोचते हुए जवाब दिया
रवि - नहीं सर अभी तक हमने सीसी टीवी कैमरा नहीं लगवाया.... वैसे भी शादी से एक दो दिन पहले ही मैंने ये बंगला खरीदा था ।
कांस्टेबल रवि के इस जवाब से चकरा गया....उसने रवि कि तरफ देखते हुए अलग अंदाज में एक और सवाल किया ।
कांस्टेबल - और वैसे आपकी शादी को कितने दिन हो गए ??
हवलदार का सवाल सुनकर रवि इस बार झेंप गया ....क्योंकि पहले जो सवाल हवलदार ने पूछा था उसका जवाब उसने कुछ और ही से दिया था इसलिए अपनी गलती सुधारते हुए उसने अपना जवाब दिया...
रवि - सर अभी 8 दिन हुए है हमारी शादी को.....और ये बंगला लिए तकरीबन दस दिन....इतने कम समय में सी सी टीवी कैमरा लगाने का ख्याल हमें आया ही नहीं ....
रवि की बात सुनकर कांस्टेबल के चेहरे पर मुस्कान तैर गई.....
कांस्टेबल - शादी की ढेरों शुभकामनाए बेटा ... लेकिन मुझे मेरे अनुभव से लगता है कि तुम से कोई ना कोई दुश्मनी जरूर निकाल रहा है....में यहां के जमादार को इस कचरे को यहां से उठाने के लिए बोल देता हूं और तुम एक बार थाने आकर रिपोर्ट लिखवा दो एक बात और जल्द से जल्द सी सी टीवी कैमरा लगवाओ बंगले में क्योंकि तुम्हारा दुश्मन जो कोई भी है वो मामूली तो बिल्कुल भी नहीं है.....मेरी मानो तो कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर घूम आओ..... हनीमून भी हो जाएगा और बंगले कि सुरक्षा व्यवस्था भी हो जाएगी...
हवलदार की बात सुनकर रवि कुछ सोच में पड़ गया और तुरंत ही एक फैसला करते हुए उसने जवाब दिया....
रवि - आपने सही कहा सर....आप उमर और तजुर्बे में मुझ से काफी बड़े है ....में आज ही संध्या को यहां से दूसरी जगह ले जाता हूं और किसी सिक्योरिटी एजेंसी को घर को सिक्योर करने का काम भी दे ही देता हूं ....


कौन है जो रवि और संध्या के जीवन में बाधा बन कर आया है .....क्या हनीमून पर भी इस नवविवाहित जोड़े को इस तरह की तकलीफों से जूझना पड़ेगा.....जानने के लिए पढ़ते रहे
काली हांडी
Congrats brother..for new story...
Amezing start brother...sandhya or Ravi ki shaadi abhi to huyi thi ...or abhi tone totke shuru ho gye.....mujhe to lagta hai ya to unki koi dushmani h or ya koi bangla ke raaz h...pr bhai ek sawal ki sandhya or Ravi rehte kha pr h or ye bangla kon si jagah pe h city, state ...I mean place..or inki age kitni...Ravi kha se hai...etc anyway start bdiya h bro..bhai bs kahani beech me na rokna..bs yahi intza hai..
 

Punnu

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इतनी देर में एक भी कॉमेंट नहीं आया....लगता है लोगो को कहानी पसंद नहीं आयी:sad:
Aisa na kaho bhai ...apne abhi to kahani start ki h .to thoda time to lagega na readers ko aane me ..to yr thoda patience rakhiye .. bs aap regular update dijiye..baki apki writing skills bdiya hai...
 
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Reactions: kamdev99008

gagan243001

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bhai itna attitude


lagta hai ki aapane Vj Bhai Ki Kahani attitude Padh li hai aur uske kirdar se aap bahut hi jyada prabhavit ho gaye hain


lekin aapko yah Janna Hi Padega ki kahani ke sirf ek update se aap comment Nahin Pa Sakte Kyunki Jyada tar readers sirf Vahi Kahani padhte Hain Jo kam se kam 20 page Tak pahunch Gai Ho tabhi Kahani ke plot ko samajhne ke based



uske upar Koi comment Kiya Ja sake sirf ek update padhakar hai aap comment ke liye itne utaavle ho baat samajh mein nahin aati hai




as a writer Ham aapki Bhavna ko appreciate Karte Hain ki aap Ek Kahani likhkar readers ka Manoranjan karne ja rahe hain aur iske liye Ham aapka shukragujar bhi hain


lekin Fir Bhi sirf ek update likhkar aap comment Nahin Pa Sakte aisa mera Manana hai lekin Fir Bhi Meri Taraf Se nai Kahani likhane ke liye aapko bahut bahut shubhkamnaen
 

kamdev99008

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:congrats:

kahani ki shuruat achchhi lagi..............
kala jadu based hai ye kahani...............
lekin tag apne incest kiya hai

to ise fantassy nahi incest (sexual relations between blood relatives) par jyada based rakhna

keep it up
 
Last edited:

Ajju Landwalia

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Bhai comments tabhi aayenge jab aap story o aage badhayenge, ek ya do updates me comments nahi aate, jab aap story ka flow banayenge to update apne aap aane shuru ho jayenge...

So keep posting
 

PHANTOM

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Congratulations for new story
Excellent Update ❤
Hope Updates will be available regularly
शुक्रिया सर...
 

PHANTOM

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मुबारक हो नयी कहानी कॆ लिए
धन्यवाद अनितारानी जी
 

PHANTOM

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Bhai comments tabhi aayenge jab aap story o aage badhayenge, ek ya do updates me comments nahi aate, jab aap story ka flow banayenge to update apne aap aane shuru ho jayenge...

So keep posting
आपकी बात से में पूरी तरह सहमत हूं सर....कहानी को रेगुलर रखने का पूरा प्रयास करूंगा मैं
 
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