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Incest काली हांडी

PHANTOM

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:congrats:

kahani ki shuruat achchhi lagi..............
kala jadu based hai ye kahani...............
lekin tag apne incest kiya hai

to ise fantassy nahi incest (sexual relations between blood relatives) par jyada based rakhna

keep it up
सर इनसेस्ट टैग का उपयोग जरूरी था क्योंकि ये कहानी क्राइम थ्रिलर के साथ साथ पारिवारिक रिश्तों में सेक्स भी होता है उस पर ही आधारित है....कॉमेंट्स करने के लिए शुक्रिया सर
 
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bhai itna attitude


lagta hai ki aapane Vj Bhai Ki Kahani attitude Padh li hai aur uske kirdar se aap bahut hi jyada prabhavit ho gaye hain


lekin aapko yah Janna Hi Padega ki kahani ke sirf ek update se aap comment Nahin Pa Sakte Kyunki Jyada tar readers sirf Vahi Kahani padhte Hain Jo kam se kam 20 page Tak pahunch Gai Ho tabhi Kahani ke plot ko samajhne ke based



uske upar Koi comment Kiya Ja sake sirf ek update padhakar hai aap comment ke liye itne utaavle ho baat samajh mein nahin aati hai




as a writer Ham aapki Bhavna ko appreciate Karte Hain ki aap Ek Kahani likhkar readers ka Manoranjan karne ja rahe hain aur iske liye Ham aapka shukragujar bhi hain


lekin Fir Bhi sirf ek update likhkar aap comment Nahin Pa Sakte aisa mera Manana hai lekin Fir Bhi Meri Taraf Se nai Kahani likhane ke liye aapko bahut bahut shubhkamnaen
सलाह के लिए शुक्रिया सर....मुझे नहीं पता आप किस vj भाई की बात कर रहे है लेकिन मुझे बस ये समझ नहीं आया कि मेरा रीडर्स से कॉमेंट्स की कामना करना आपको मेरा एटीट्यूड कैसे लगा....मुझे माफ़ करें अगर मेरे किसी कथन से आपको तकलीफ हुई हो तो
 
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PHANTOM

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Aisa na kaho bhai ...apne abhi to kahani start ki h .to thoda time to lagega na readers ko aane me ..to yr thoda patience rakhiye .. bs aap regular update dijiye..baki apki writing skills bdiya hai...
बिल्कुल सर....मै कोशिश करूंगा कि कॉमेंट्स की ज्यादा मांग ना करू....
 

PHANTOM

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Congrats brother..for new story...
Amezing start brother...sandhya or Ravi ki shaadi abhi to huyi thi ...or abhi tone totke shuru ho gye.....mujhe to lagta hai ya to unki koi dushmani h or ya koi bangla ke raaz h...pr bhai ek sawal ki sandhya or Ravi rehte kha pr h or ye bangla kon si jagah pe h city, state ...I mean place..or inki age kitni...Ravi kha se hai...etc anyway start bdiya h bro..bhai bs kahani beech me na rokna..bs yahi intza hai..
शुक्रिया सर अपडेट पसंद करने के लिए....जैसा कि मैंने शुरू मै कहा कहानी के किरदारों के बारे में धीरे धीरे आपको पता चल जाएगा.....जैसे संध्या उड़ीसा से बिलोंग करती है और रवि दिल्ली से....दोनो की लव मैरिज हुई बस 10 दिन पहले....एक बात और....संध्या और रवि कहानी के मुख्य पात्र नहीं है लेकिन पूरी कहानी की दिशा यही दो किरदार निर्धारित करेंगे....एक बार फिर से आपका धन्यवाद अपडेट को पसंद करने के लिए
 

PHANTOM

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Congratulations for new story
Excellent Update ❤
Hope Updates will be available regularly
शुक्रिया सर
 
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Punnu

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Waiting for next update brother..
 

PHANTOM

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अध्याय एक
भाग 2


रवि इस वक़्त अपनी एक्सयूवी की ड्राइविंग सीट पर बैठा कुछ सोचे जा रहा था तभी एक्सयूवी का दरवाजा खुलने की आवाज से उसकी तंद्रा भंग हुई....

संध्या - तो मिस्टर रवि कुमार चलें अपने हनीमून पे ?
रवि ने मुस्कुरा कर संध्या कि तरफ देखा और कहा...
रवि - नेकी और पूछ पूछ....आप कहें तो अपनी इसी गाड़ी में हनीमून मना ले.... वैसे भी हनीमून के वक़्त हम किसी भी दिन और किसी भी जगह अपने प्यार की कहानी लिख सकते है...
संध्या ने आंखे नचाते हुए रवि को जवाब दिया....
संध्या - मिस्टर रवि कुमार जो हमने तय किया है हनीमून भी उसी हिसाब से होगा....अब यहां से चलो क्योंकि हमें गुलमर्ग पहुंचने में भी वक़्त लगेगा....
संध्या के बोलते ही रवि ने इग्निशन स्टार्ट किया और फिर संध्या के माथे पर एक किस देकर रेस पेडल पर अपना दबाव बढ़ा दिया ।।
जिस वक़्त कॉन्स्टेबल से रवि ने बात करी कहीं बाहर जाने के बारे में उसी वक़्त उसके दिमाग में गुलमर्ग का ख्याल आ गया....उसके बाद रवि ने एक सिक्योरिटी कंपनी में भी बात कर ली ताकि बंगले की सुरक्षा व्यवस्था ठीक हो सके...

एक्सयूवी के अंदर मौसम बड़ा ही रोमांटिक हो रहा था ...जहां संध्या अपनी अदाएं दिखा दिखा के रवि को सता रही थी वहीं रवि कुछ ना करने के अपने वादे को बेबसी से निभा रहा था....

संध्या - ओ जान ... अच्छा एक बात बताओ ... अगर में तुमसे शादी नहीं करती तो तुम किसके साथ शादी करते...??
रवि - ये कैसा सवाल है ?? मुझे तुम से शादी करनी थी इसीलिए बस तुमसे ही करी और जब तुमसे ही शादी करनी थी तो मैं दूसरे किसी के बारे में क्यों सोचने लगा....
रवि ने सपाट सा जवाब देकर एक बार तो संध्या का मुंह बंद कर दिया लेकिन वो कहते है ना कि जब औरत कुछ पूछने के मूड में हो और जवाब सही ना मिले तो वह तब तक सामने वाले का पीछा नहीं छोड़ती जब तक उसको उसके मन का जवाब नहीं मिल जाता ..
संध्या - उ हूं ....ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है जान....अगर तुमने इस बार सही जवाब नहीं दिया तो जो सेक्स करने के लिए हमने तीन दिन डिसाइड किए थे उनमें से एक दिन कम हो जाएगा....यानी सिर्फ शुक्रवार और रविवार ही बचेगा तुम्हारे पास...और अगर तुमने सही जवाब दिया तो एक दिन और बढ़ जाएगा उन तीन दिनों के अंदर....बोलो अब सवाल का जवाब दोगे या फिर एक हफ्ते में बस दो ही दिन....
संध्या ने एक दिन बढ़ाने वाली बात बड़ी मादकता के साथ कहीं जिसे सुन रवि का रोआं रोआं नाच उठा...
रवि - वैसे जो मैंने पहले कहा था वो भी सच ही था लेकिन तुम्हे पूरी कहानी सुननी है तो सुनो.....2 अगस्त 2019 जिस दिन मेरा 22 वां जन्म दिन था उसी दिन मेरे मम्मी पापा की एक कार ऐक्सिडेंट में डैथ हो गई थी ....मेरे लिए ये धक्का इतना बड़ा था कि मैंने खुदकुशी करने का सोच लिया था ....लेकिन कुछ मजबूरियों और पापा के फैलाए बिज़नेस की वजह से मैंने कुछ दिन जीने का फैसला किया , अगर में उस वक़्त सुसाइड कर लेता तो हजारों लोगों की जॉब चली जाती क्योंकि पापा कि वसीयत के अनुसार उनकी डैथ के बाद अगर में बिज़नेस नहीं संभालता तो सारी प्रॉपर्टी अलग अलग एनजीओ को चली जाती और उस वक़्त जरूरी नहीं की प्रॉपर्टी पाने वाला एनजीओ प्रॉपर्टी को बेचता नहीं...मैंने काम संभाला और उसके बाद एक नई वसीयत बनाई जिसके अंदर मैंने ये एड करवाया कि मेरी डैथ के बाद सारी प्रॉपर्टी को एक ट्रस्ट हैंडल करेगा जो कंपनी के कर्मचारियों को जॉबलेस नहीं होने देगा कंपनी का 25% मुनाफा कंपनी के कर्मचारियों को मिलेगा और 50% मुनाफा कंपनी को और आगे बढ़ाने के लिए और बचा हुआ 25% मुनाफा उन सभी एनजीओ के लिए हर साल......मैंने ये सब कुछ एक महीने में तैयार करवा लिया था और उसके बाद 22 सितंबर 2019 का दिन आया जब में अपने केबिन में बैठा साइनाइड से भरी शीशी को अपने हलक में उड़ेलने के लिए तैयार हो चुका था....मैंने अभी शीशी का ढक्कन खोल ही था कि किसी ने मेरे केबिन के दरवाजे पर नोक किया....लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था.... मैंने जैसे ही वो शीशी अपने मुंह से लगाने के लिए आगे बढ़ाई तुमने दरवाजा खोल दिया.... घबराहट में वो शीशी मेरे हाथ से फिसल कर फर्श पर फ़ैल गई और तुम भी समझ गई कि अभी कुछ गलत होने वाला था.... तुम्हारी हिरनी जैसी आंखों में उस वक़्त आंसू देख कर मेरा रोम रोम ग्लानि से भर गया....ये क्या करने वाला था में बस इतना ख्याल जहन में आते ही मेरी भी रुलाई फुट गई....मुझे रोता देख ना तुमने खुद को संभाला बल्कि दरवाजे को लॉक करके मेरे रोने की आवाजे भी केबिन मैं ही रोक दी वरना पूरे स्टाफ को उस दिन ये पता चल जाता की उनका मालिक इतना कमजोर है कि आत्महत्या जैसी कायरता करने जा रहा था....तुमने मुझे उस वक़्त सहारा दिया जब में बिखरने वाला था ...... एक 19 साल की लड़की इतनी समझदार हो सकती है तो फिर में इतनी बड़ी बेवकूफी कैसे कर सकता हूं.....बस उसी दिन मैंने सोच लिया मेरा जीवन साथी कोई होगा तो बस एक यही होगा....।

रवि - मिल गया जवाब ...??

रवि ने अपनी नम हो चुकी आंखो को दूसरी तरफ घुमाते हुए संध्या से कहा....
लेकिन संध्या पहचान चुकी थी रवि के दिल का हाल .... उसने कस कर रवि को अपने सीने से लगाया और पूरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक के निशान छोड़ने लगी....
रवि को गाड़ी चलाने में परेशानी हो रही थी ये देख संध्या ने रवि को अपनी बांहों की कैद से आजाद कर दिया और बोली ।

संध्या - कभी सोचा नहीं था इतना प्यार करने वाला पति मिलेगा , तुम जानते थे कि में उड़ीसा के साधारण परिवार से निकल कर दिल्ली में जॉब करने अाई थी , पूरा दो महीना तुमने मुझे पटाने और मेरे रूम के चक्कर लगा लगा के काट दिए.....उसके बाद जब मेरी हां हुई तो सिर्फ दो दिन के अंदर तुमने शादी की तैयारियां करवा ली यहां तक की मेरे पूरे परिवार और सभी रिश्तेदारों को चार्टेड प्लेन में उठा कर दिल्ली ले आए .... पता ही नहीं पड़ा की कब शादी हुई कब सारे रीति रिवाज हुए और कब में एक मामूली एम्प्लोई से इतनी बड़ी कंपनी के मालिक के दिल की रानी बन गई ... अाई लव यूं रवि.... मुझे खुद से कभी अलग मत करना आई लव यू सी मच ।

रवि ने संध्या के कंधे पर हाथ रख कर अपने प्यार का बिना बोले इजहार किया और फिर से अपनी नजरें सड़क पर जमा दी...

संध्या - जान आगे कोई मेडिकल स्टोर दिखे तो प्लीज़ एक टेस्टिंग किट ले लोगे क्या आप....??
रवि थोड़ा आश्चर्यचकित होते हुए
रवि - टेस्टिंग किट.... मतलब ?? तुम्हे शुगर कब हुआ ?? बोलो भी क्या हुआ ??
रवि एक दम से परेशान हो उठा बस टेस्टिंग किट का नाम सुनते ही लेकिन संध्या ने रवि के दिमाग में चल रहे सवालों की उथल पुथल पर विराम लगाते हुए कहा....

संध्या - अरे बाबा .... मुझे कोई शुगर वुगर नहीं है ....मेडिकल स्टोर से एक प्रेग्नेंसी टेस्टिंग किट ले लेना बस यही बोलना चाह रही थी....
संध्या की बात सुन कर रवि ने राहत की सांस ली लेकिन उसकी ट्यूबलाइट अब जली और ट्यूबलाइट जलते ही उसने सड़क के एक साइड में गाड़ी को रोका और संध्या की तरफ देखते हुए सवाल किया ...
रवि - आर यू प्रेगनेंट ???
संध्या का हसने का तो काफी मन कर रहा था लेकिन वो अभी रवि को थोड़ा और सताना चाह रही थी....
संध्या - अगर मुझे पता होता की में प्रेगनेंट हूं या नहीं तो फिर मुझे टेस्टिंग किट की क्या जरूरत होती....कैसे डंबो इंसान से शादी कर ली मैंने.....है भगवान अब क्या होगा इतना भोला पति क्यों दे दिया मुझे...
इतना कहते ही संध्या खिलखिला के हस पड़ी और रवि को अपनी बाहों में भर लिया.....एक्सयूवी के अंदर सांसों कि ज्यादा गर्मी बढ़ पाती उस से पहले ही एक तेज़ आवाज़ ने रवि और संध्या का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया ...

एक्सयूवी के बोनट पर इस वक़्त के काले रंग का कबूतर फड़फड़ा रहा था.....उसकी आंते उसके पेट से बाहर झांकने लगी थी कुछ देर वो तड़पता रहा और एक झटका खा कर हमेशा के लिए शांत हो गया....सफेद रंग की एक्सयूवी के बोनट पर इस वक़्त उस कबूतर का खून फैलना शुरू हो चुका था....रवि और संध्या एक दूसरे से अलग हो चुके थे अब तक....
रवि ने एक्सयूवी का दरवाजा खोला और उस मरे हुए कबूतर को अपने हाथ से उठा कर एक तरफ़ फेकने ही वाला था कि तभी उसको तेज दर्द का आभास हुआ अपने हाथ में....एक कुत्ता उस मरे हुए कबूतर को रवि के हाथ से खींचने के चक्कर में रवि के हाथ में अपने दांत गड़ा चुका था.....दर्द की तेज पीड़ा ने कबूतर पे हाथ की पकड़ को कमजोर कर दिया और इसी के साथ वो कुत्ता उस मरे हुए कबूतर को लेकर भाग चुका था.....


क्या कबूतर का इस तरह रवि कि गाड़ी पर गिरना सिर्फ संयोग है या कोई और बात ?? संध्या की प्रेग्नेंसी पॉजिटिव होगी या फिर नेगेटिव....क्या रवि के खानदान में और कोई रिश्तेदार नहीं बचा ......?? जानने के लिए साथ बने रहें

काली हांडी
 

Punnu

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भाग 2


रवि इस वक़्त अपनी एक्सयूवी की ड्राइविंग सीट पर बैठा कुछ सोचे जा रहा था तभी एक्सयूवी का दरवाजा खुलने की आवाज से उसकी तंद्रा भंग हुई....

संध्या - तो मिस्टर रवि कुमार चलें अपने हनीमून पे ?
रवि ने मुस्कुरा कर संध्या कि तरफ देखा और कहा...
रवि - नेकी और पूछ पूछ....आप कहें तो अपनी इसी गाड़ी में हनीमून मना ले.... वैसे भी हनीमून के वक़्त हम किसी भी दिन और किसी भी जगह अपने प्यार की कहानी लिख सकते है...
संध्या ने आंखे नचाते हुए रवि को जवाब दिया....
संध्या - मिस्टर रवि कुमार जो हमने तय किया है हनीमून भी उसी हिसाब से होगा....अब यहां से चलो क्योंकि हमें गुलमर्ग पहुंचने में भी वक़्त लगेगा....
संध्या के बोलते ही रवि ने इग्निशन स्टार्ट किया और फिर संध्या के माथे पर एक किस देकर रेस पेडल पर अपना दबाव बढ़ा दिया ।।
जिस वक़्त कॉन्स्टेबल से रवि ने बात करी कहीं बाहर जाने के बारे में उसी वक़्त उसके दिमाग में गुलमर्ग का ख्याल आ गया....उसके बाद रवि ने एक सिक्योरिटी कंपनी में भी बात कर ली ताकि बंगले की सुरक्षा व्यवस्था ठीक हो सके...

एक्सयूवी के अंदर मौसम बड़ा ही रोमांटिक हो रहा था ...जहां संध्या अपनी अदाएं दिखा दिखा के रवि को सता रही थी वहीं रवि कुछ ना करने के अपने वादे को बेबसी से निभा रहा था....

संध्या - ओ जान ... अच्छा एक बात बताओ ... अगर में तुमसे शादी नहीं करती तो तुम किसके साथ शादी करते...??
रवि - ये कैसा सवाल है ?? मुझे तुम से शादी करनी थी इसीलिए बस तुमसे ही करी और जब तुमसे ही शादी करनी थी तो मैं दूसरे किसी के बारे में क्यों सोचने लगा....
रवि ने सपाट सा जवाब देकर एक बार तो संध्या का मुंह बंद कर दिया लेकिन वो कहते है ना कि जब औरत कुछ पूछने के मूड में हो और जवाब सही ना मिले तो वह तब तक सामने वाले का पीछा नहीं छोड़ती जब तक उसको उसके मन का जवाब नहीं मिल जाता ..
संध्या - उ हूं ....ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है जान....अगर तुमने इस बार सही जवाब नहीं दिया तो जो सेक्स करने के लिए हमने तीन दिन डिसाइड किए थे उनमें से एक दिन कम हो जाएगा....यानी सिर्फ शुक्रवार और रविवार ही बचेगा तुम्हारे पास...और अगर तुमने सही जवाब दिया तो एक दिन और बढ़ जाएगा उन तीन दिनों के अंदर....बोलो अब सवाल का जवाब दोगे या फिर एक हफ्ते में बस दो ही दिन....
संध्या ने एक दिन बढ़ाने वाली बात बड़ी मादकता के साथ कहीं जिसे सुन रवि का रोआं रोआं नाच उठा...
रवि - वैसे जो मैंने पहले कहा था वो भी सच ही था लेकिन तुम्हे पूरी कहानी सुननी है तो सुनो.....2 अगस्त 2019 जिस दिन मेरा 22 वां जन्म दिन था उसी दिन मेरे मम्मी पापा की एक कार ऐक्सिडेंट में डैथ हो गई थी ....मेरे लिए ये धक्का इतना बड़ा था कि मैंने खुदकुशी करने का सोच लिया था ....लेकिन कुछ मजबूरियों और पापा के फैलाए बिज़नेस की वजह से मैंने कुछ दिन जीने का फैसला किया , अगर में उस वक़्त सुसाइड कर लेता तो हजारों लोगों की जॉब चली जाती क्योंकि पापा कि वसीयत के अनुसार उनकी डैथ के बाद अगर में बिज़नेस नहीं संभालता तो सारी प्रॉपर्टी अलग अलग एनजीओ को चली जाती और उस वक़्त जरूरी नहीं की प्रॉपर्टी पाने वाला एनजीओ प्रॉपर्टी को बेचता नहीं...मैंने काम संभाला और उसके बाद एक नई वसीयत बनाई जिसके अंदर मैंने ये एड करवाया कि मेरी डैथ के बाद सारी प्रॉपर्टी को एक ट्रस्ट हैंडल करेगा जो कंपनी के कर्मचारियों को जॉबलेस नहीं होने देगा कंपनी का 25% मुनाफा कंपनी के कर्मचारियों को मिलेगा और 50% मुनाफा कंपनी को और आगे बढ़ाने के लिए और बचा हुआ 25% मुनाफा उन सभी एनजीओ के लिए हर साल......मैंने ये सब कुछ एक महीने में तैयार करवा लिया था और उसके बाद 22 सितंबर 2019 का दिन आया जब में अपने केबिन में बैठा साइनाइड से भरी शीशी को अपने हलक में उड़ेलने के लिए तैयार हो चुका था....मैंने अभी शीशी का ढक्कन खोल ही था कि किसी ने मेरे केबिन के दरवाजे पर नोक किया....लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था.... मैंने जैसे ही वो शीशी अपने मुंह से लगाने के लिए आगे बढ़ाई तुमने दरवाजा खोल दिया.... घबराहट में वो शीशी मेरे हाथ से फिसल कर फर्श पर फ़ैल गई और तुम भी समझ गई कि अभी कुछ गलत होने वाला था.... तुम्हारी हिरनी जैसी आंखों में उस वक़्त आंसू देख कर मेरा रोम रोम ग्लानि से भर गया....ये क्या करने वाला था में बस इतना ख्याल जहन में आते ही मेरी भी रुलाई फुट गई....मुझे रोता देख ना तुमने खुद को संभाला बल्कि दरवाजे को लॉक करके मेरे रोने की आवाजे भी केबिन मैं ही रोक दी वरना पूरे स्टाफ को उस दिन ये पता चल जाता की उनका मालिक इतना कमजोर है कि आत्महत्या जैसी कायरता करने जा रहा था....तुमने मुझे उस वक़्त सहारा दिया जब में बिखरने वाला था ...... एक 19 साल की लड़की इतनी समझदार हो सकती है तो फिर में इतनी बड़ी बेवकूफी कैसे कर सकता हूं.....बस उसी दिन मैंने सोच लिया मेरा जीवन साथी कोई होगा तो बस एक यही होगा....।

रवि - मिल गया जवाब ...??

रवि ने अपनी नम हो चुकी आंखो को दूसरी तरफ घुमाते हुए संध्या से कहा....
लेकिन संध्या पहचान चुकी थी रवि के दिल का हाल .... उसने कस कर रवि को अपने सीने से लगाया और पूरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक के निशान छोड़ने लगी....
रवि को गाड़ी चलाने में परेशानी हो रही थी ये देख संध्या ने रवि को अपनी बांहों की कैद से आजाद कर दिया और बोली ।

संध्या - कभी सोचा नहीं था इतना प्यार करने वाला पति मिलेगा , तुम जानते थे कि में उड़ीसा के साधारण परिवार से निकल कर दिल्ली में जॉब करने अाई थी , पूरा दो महीना तुमने मुझे पटाने और मेरे रूम के चक्कर लगा लगा के काट दिए.....उसके बाद जब मेरी हां हुई तो सिर्फ दो दिन के अंदर तुमने शादी की तैयारियां करवा ली यहां तक की मेरे पूरे परिवार और सभी रिश्तेदारों को चार्टेड प्लेन में उठा कर दिल्ली ले आए .... पता ही नहीं पड़ा की कब शादी हुई कब सारे रीति रिवाज हुए और कब में एक मामूली एम्प्लोई से इतनी बड़ी कंपनी के मालिक के दिल की रानी बन गई ... अाई लव यूं रवि.... मुझे खुद से कभी अलग मत करना आई लव यू सी मच ।

रवि ने संध्या के कंधे पर हाथ रख कर अपने प्यार का बिना बोले इजहार किया और फिर से अपनी नजरें सड़क पर जमा दी...

संध्या - जान आगे कोई मेडिकल स्टोर दिखे तो प्लीज़ एक टेस्टिंग किट ले लोगे क्या आप....??
रवि थोड़ा आश्चर्यचकित होते हुए
रवि - टेस्टिंग किट.... मतलब ?? तुम्हे शुगर कब हुआ ?? बोलो भी क्या हुआ ??
रवि एक दम से परेशान हो उठा बस टेस्टिंग किट का नाम सुनते ही लेकिन संध्या ने रवि के दिमाग में चल रहे सवालों की उथल पुथल पर विराम लगाते हुए कहा....

संध्या - अरे बाबा .... मुझे कोई शुगर वुगर नहीं है ....मेडिकल स्टोर से एक प्रेग्नेंसी टेस्टिंग किट ले लेना बस यही बोलना चाह रही थी....
संध्या की बात सुन कर रवि ने राहत की सांस ली लेकिन उसकी ट्यूबलाइट अब जली और ट्यूबलाइट जलते ही उसने सड़क के एक साइड में गाड़ी को रोका और संध्या की तरफ देखते हुए सवाल किया ...
रवि - आर यू प्रेगनेंट ???
संध्या का हसने का तो काफी मन कर रहा था लेकिन वो अभी रवि को थोड़ा और सताना चाह रही थी....
संध्या - अगर मुझे पता होता की में प्रेगनेंट हूं या नहीं तो फिर मुझे टेस्टिंग किट की क्या जरूरत होती....कैसे डंबो इंसान से शादी कर ली मैंने.....है भगवान अब क्या होगा इतना भोला पति क्यों दे दिया मुझे...
इतना कहते ही संध्या खिलखिला के हस पड़ी और रवि को अपनी बाहों में भर लिया.....एक्सयूवी के अंदर सांसों कि ज्यादा गर्मी बढ़ पाती उस से पहले ही एक तेज़ आवाज़ ने रवि और संध्या का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया ...

एक्सयूवी के बोनट पर इस वक़्त के काले रंग का कबूतर फड़फड़ा रहा था.....उसकी आंते उसके पेट से बाहर झांकने लगी थी कुछ देर वो तड़पता रहा और एक झटका खा कर हमेशा के लिए शांत हो गया....सफेद रंग की एक्सयूवी के बोनट पर इस वक़्त उस कबूतर का खून फैलना शुरू हो चुका था....रवि और संध्या एक दूसरे से अलग हो चुके थे अब तक....
रवि ने एक्सयूवी का दरवाजा खोला और उस मरे हुए कबूतर को अपने हाथ से उठा कर एक तरफ़ फेकने ही वाला था कि तभी उसको तेज दर्द का आभास हुआ अपने हाथ में....एक कुत्ता उस मरे हुए कबूतर को रवि के हाथ से खींचने के चक्कर में रवि के हाथ में अपने दांत गड़ा चुका था.....दर्द की तेज पीड़ा ने कबूतर पे हाथ की पकड़ को कमजोर कर दिया और इसी के साथ वो कुत्ता उस मरे हुए कबूतर को लेकर भाग चुका था.....


क्या कबूतर का इस तरह रवि कि गाड़ी पर गिरना सिर्फ संयोग है या कोई और बात ?? संध्या की प्रेग्नेंसी पॉजिटिव होगी या फिर नेगेटिव....क्या रवि के खानदान में और कोई रिश्तेदार नहीं बचा ......?? जानने के लिए साथ बने रहें

काली हांडी
[/QUOTE/]
To ye Ravi or sandhya nikal gye apne honeymoon ..pr lagta nhi ki wo jo koi bhi inke ghar pr totka kar rha h ...shant ho jayega yha bhi kuch na kuch to karega pr kabutar ka marna sanjog nhi lagta ...dekhna hoga aane waqt me kya hota hai inke saath....bdiya update brother...
 
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