पूरी जान लगाकर वो बेड से उठी और अपने कपडे ढूंढने लगी ।
उसको अपनी ब्रा और ड्रेस , बेड के पास ही पड़े मिल गए पर पैंटी नहीं मिली ।
ब्रा और ड्रेस पहनकर उसने अँधेरे में ही हाथों से फर्श पर टटोला और
थोड़ा आगे उसे अपनी पैंटी भी पड़ी मिल गयी जिसे अजनबी ने उतारकर फ़ेंक दिया था ।
अपनी बुरी तरह से थक चुकी टांगों पर उसने पैंटी ऊपर खींची
और बिना लाइट ऑन किये हुए ही लड़खड़ाते पैरों से उस अँधेरे कमरे से बाहर आ गयी।
कमरे से थोड़ी दूरी पर रिया एक लड़के से बातों में मशगूल थी ।
आँचल ने रिया की तरफ देखा और एक कमज़ोर मुस्कराहट उसके थके हुए चेहरे पर आयी ।
रिया उसकी तरफ देखकर मुस्कुरायी “ अरे मेरी प्यारी छिनाल , मैं तो इंतज़ार करते करते थक गयी ।
मैंने तो सोचा तुम उसको छोड़नेवाली ही नहीं हो रात भर ।”
आँचल हंसी और उस लड़के की तरफ देखकर रिया से आँखों ही आँखों में पूछा ।
“ अरे ये मेरा दोस्त है अब मज़ा करने की मेरी बारी है " और जोर से हँसते हुए रिया उस लड़के को कमरे में धकेलने लगी ,
फिर आँचल को आँख मारते हुए बोली “ तुम मेरा इंतज़ार मत करना , मुझे थोड़ा समय लगेगा यहाँ ।"
सीढ़ियों से नीचे उतरते समय आँचल सोच रही थी कि क्या कभी फिर से उस अजनबी से उसका सामना होगा
और अगर ऐसा हुआ भी तो क्या वो फिर से उसके साथ सेक्स करना चाहेगी ?