• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest किस्मत का फेर (Completed with Gifs)

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
आँचल कुछ नहीं बोली और सामने की तरफ देखते रहकर सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा दी ।

“ लाओ मैं तुम्हारा चेहरा साफ़ कर दूँ “ समीर एक टिश्यू पेपर निकालकर आँचल की ओर झुककर उसके चेहरे के एक कोने पर लगा हुआ
सफ़ेद चिपचिपा सा कुछ , पोंछ देता है ।

आँचल भौंचक्की सी , कभी समीर के हाथ को , कभी टिश्यू पेपर को देखती रह गयी ।

“ shit …” आँचल ने धीरे से कहा ।
अजनबी ने उसके मुंह में अपना वीर्य भर दिया था । जो मुंह से बाहर निकलकर उसके चेहरे पर इधर उधर लग गया था ।
मुंह साफ़ करने के बावजूद शायद कहीं पर थोड़ा सा चिपका रह गया था ।

आँचल बुरी तरह झेंप गयी । उसने समीर की तरफ से नज़रें मोड़ ली और कार से बाहर की तरफ देखने लगी ।

हालाँकि दोनों ही बहुत आधुनिक ओर खुले विचारों के थे और हम उम्र होने की वजह से दोनों की आपस में बहुत पटती थी ।
दोनों के अपने अपने बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड रह चुके थे । दोनों की अपनी अपनी सेक्स लाइफ थी औऱ दोनों एक दूसरे की प्राइवेसी की रेस्पेक्ट करते थे ….लेकिन फिर भी....... ये वाक़्या तो आँचल को शर्मिंदा कर गया ।

घर पहुँचने तक दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
आँचल और समीर जिस फ्लैट में रहते थे , उसमें दोनों के अलग अलग बेडरूम औऱ एक डाइनिंग रूम के साथ लगा हुआ किचन था ।
घर पहुंचकर आँचल ने दरवाज़ा खोला और सीधे अपने बेडरूम में घुस गयी । पार्टी ड्रेस उतारकर अपने कन्धों पर तौलिया डाल लिया और बाथरूम की तरफ नहाने के लिए चल दी । तब तक समीर भी कार पार्क करके अंदर आ चुका था ।

पीछे से आँचल पर नज़र पड़ते ही समीर जोर से हॅसने लगा ।

“क्या हुआ ? " आँचल उसकी तरफ मुड़कर बोली ।

लेकिन समीर हंसने की वजह से बोल ही नहीं पा रहा था ।

“समीर ! ये पागलों की तरह क्यों हँसे जा रहे हो तुम ? ” अब आँचल को गुस्सा आ गया , एक तो वो पहले से ही झेंपी हुई थी ,
अब समीर ये नया नाटक कर रहा था ।

वो सोचने लगी अब क्या दिख गया इसको ? ये ऐसे क्यों हंसा जा रहा है मुझे देखकर ? उसकी खीझ बढ़ने लगी।

फिर उसने समीर को नीचे अपनी कमर की तरफ ऊँगली से इशारा करके हँसते देखा ,
“तुमने पैंटी उलटी पहन रखी है । “

“ fuck ...” आँचल ने अपनी जीभ दाँतों से दबा ली और झट से बाथरूम में घुस गयी ।
पार्टी में अँधेरे कमरे में उसने पैंटी उलटी पहन ली थी ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
नहाकर आँचल वापस अपने अपने कमरे में आयी और बिस्तर पर लेटते ही गहरी नींद से बेसुध हो गयी । उसकी गांड का छेद अभी भी दर्द कर रहा था , लेकिन वो इतनी थक चुकी थी कि उसको दर्द की भी परवाह नहीं थी ।

अगले दिन आँचल ज्यादातर समय अपने कमरे में ही रही । अपने काम निपटाकर समीर भी दोस्तों के साथ खेलने चला गया । शाम को घर वापस लौटा तो उसके कपड़े पसीने से बुरी तरह से भीग चुके थे । उसने आँचल के कमरे में झाँका तो देखा कि आँचल अपने कमरे में बेड पर लेटी कोई किताब पढ़ रही थी । समीर ने उसके दरवाज़े पर हलके से नॉक किया और कमरे में चला आया ।

“आँचल , तुम्हारी तबियत ठीक तो है न ? ” उसने कुछ चिंतित स्वर में पूछा । आज ज्यादातर वक़्त उसने आँचल को अपने बेड पर लेटे हुए ही पाया था , इस समय तो वो किचन में होती थी ।

“मैं ठीक हूँ समीर , बस कुछ पढ़ रही थी “ आँचल हलकी मुस्कराहट के साथ समीर को देखते हुए बोली ।लेकिन असल बात ये थी कि पिछली रात को हुई जबरदस्त चुदाई से उसका बदन थका हुआ था । उसकी गांड अभी भी हल्का दर्द कर रही थी । इसलिए उसने ज्यादातर समय बेड पर लेटे हुए आराम करते हुए गुजारा था । शाम को आँचल ने थोड़ा बाहर टहलने की सोची थी । लेकिन फिर उसने महसूस किया कि उसके बदन को अभी एक रात के और आराम की जरुरत है , उसके बाद ही वो घर से बाहर निकल पायेगी ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
" तुम थकी थकी सी लग रही हो । मैं नहाने जा रहा हूँ , डिनर तुम बना लोगी या ...... ? " समीर ने उसके नज़दीक बेड के पास आकर पूछा ।

“ तुम उसकी चिंता मत करो , डिनर मैं बना लूँगी । मैं किचन में जाने ही वाली थी ।” आँचल समीर की तरफ चेहरा घुमाकर बोली।
उसने देखा समीर की टी -शर्ट पसीने से भीग कर उसके गठीले जिस्म से चिपकी हुई है । आँचल को इस बात का गर्व महसूस हुआ कि उसका भाई कितना हैंडसम दिखता है ।

“ मैं जल्दी से नहा के आता हूँ , फिर किचन में तुम्हारी मदद करूँगा ” समीर ने कहा ।

“ओके भाई ” आँचल ने हलकी सी स्माइल दी ।

समीर ने आँचल के नज़दीक झुक कर प्यार से उसकी हथेली अपने हाथ में दबायी , हलके से मुस्कुराया ।
फिर मुड़ा और कमरे से बाहर चला गया ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
आँचल ने समीर के पसीने की तेज गंध महसूस की , उसको अजनबी के पसीने की गंध का ख्याल आया ।
उसके मन में कुछ हलचल सी हुई , वो कुछ पल confuse सी सोचती रही ।

फिर बेड से उठकर किचन में चली गयी । किचन में जाकर खाना बनाने लगी । थोड़ी देर में समीर भी नहाकर आ गया और किचन में आँचल का हाथ बंटाने लगा ।

बाहर खाना खाने वो कम ही जाते थे । ज्यादातर घर पर ही बनाते थे । आँचल को कुकिंग पसंद थी । इसलिए खाना हमेशा आँचल ही बनाती थी और समीर उसकी मदद करता था ।

डिनर करते समय दोनों की ज्यादा बातें नहीं हुईं । खाने के बाद प्लेटें साफ़ करके दोनों अपने अपने बेडरूम में सोने चले गये ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
आँचल बिस्तर पे चली तो गयी पर उसको नींद नहीं आ रही थी। पता नहीं क्यों , पर उस अजनबी के साथ बिताये पल वो भुला नहीं पा रही थी । बेचैनी में आँचल करवट बदलती है , पर नींद आँखों से कोसो दूर है । अपने ख्यालों में , अजनबी के साथ चुम्बन दृश्यों को वो सैकड़ो बार दोहरा चुकी थी । कैसे वो उसके साथ कभी बहुत ही प्यार से चुम्बन ले रहा था तो कभी बहुत रफ़ तरीके से उसके होठों को काट लेता था । कानों के निचले हिस्से को कभी चूमता था तो कभी उन पर दांत गड़ा देता था , जिससे आँचल की आह निकल जाती थी ।



सुबह नींद में वो सपना देखती है । अजनबी उसके कमरे का दरवाजा खोल रहा है और फिर चुपचाप अंदर आ जाता है । उसने सिर्फ एक आगे से खुला गाउन पहना है । जिससे उसकी चौड़ी छाती की झलक दिख रही है । गाउन के अंदर वो बिलकुल नग्न है । उसका लंड पतले गाउन के बाहर से ही तना हुआ दिख रहा है । उसकी साँसे तेज तेज चल रही हैं ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
आँचल देखती है कि वो चादर के नीचे पीठ के बल बिलकुल नग्न लेटी हुई है ।
वो अपनी सांसों पर काबू पाने का प्रयास कर रही है ।
उसका दिल जोरों से धड़क रहा है ।
तभी वो अजनबी उसके पास आकर बेड में बैठ गया और आँचल की साँस उसके गले में ही अटक गयी ।
फिर आँचल ने अपनी पलकें उठाकर ऊपर उसकी आँखों में देखा ।
मजबूत जिस्म वाला अजनबी एकटक उसी को देख रहा था ।
उसकी आँखों में प्यार लेकिन चेहरे पर कठोरता दोनों के ही मिले जुले से भाव थे ।



चादर के ऊपर से ही अपने पेट पर उसकी अँगुलियों का स्पर्श पाते ही आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी ।
उसका मन हुआ कि वो चादर फ़ेंक दे और
अजनबी के जिस्म से लिपट जाये पर वो अपने ऊपर काबू किये रही ।
गहरी सांसें लेते हुए उस आदमी ने आँचल की तेजी से ऊपर नीचे उठती छाती पर से चादर हटा दी ।
फिर धीरे धीरे पेट और पैरों से नीचे को हटाते हुए चादर उठाकर एक तरफ रख दी ।
अब वो आँचल के पूरे नग्न बदन को निहार रहा था ।

273298.jpg


आँचल की चिकनी टांगों पर अपनी उँगलियाँ फिराते हुए धीमी आवाज़ में वो बोला
“ आह .. कितनी खूबसूरत हो तुम । "
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
धीरे धीरे उसके हाथ ऊपर की ओर बढ़े ।
और फिर वो आँचल की मांसल जांघों पर हाथ फिराने लगा ।
जांघों के अंदरूनी सेंसिटिव हिस्से पर उसकी अँगुलियों के स्पर्श से आँचल ने अपनी टाँगें थोड़ी मोड़ ली ।
जांघों पर हाथ फिराते फिराते अचानक उस आदमी ने आँचल की फड़कती चूत को अपनी उँगलियों में पकड़ लिया ।
फिर बीच की ऊँगली को , चूत के दोनों होठों के बीच पूरी दरार पर ऊपर से नीचे , बाहर से ही फिराने लगा ।


37849

अब आँचल पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी ।
ऊँगली के स्पर्श से उसने अपनी चूत में एक अजीब सी सेंसेशन महसूस की ।
फिर उस आदमी ने अपने दूसरे हाथ की उँगलियों से आँचल की clitoris को धीरे से रगड़ना शुरू किया ।

"अह्हह्ह्ह्ह ...... “ आँचल के मुंह से एक सिसकारी निकली ।
उसकी चूत के अंदर गीलापन बढ़ने लगा ।
तभी उस अजनबी ने चूत के अंदर अपनी ऊँगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा ।
आँचल ने अपने हाथ से उसकी बांह पकड़ ली और आंखें उत्तेज़ना से बंद करके सिसकारियां लेने लगी।



“तुम मेरा इंतज़ार कर रही थीं , है ना ? “ वो मुस्कुराया ।

“हाँ , मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी “ वो आँखें बंद किये ही मादक आवाज़ में धीरे से बोली ।

“तुम ऐसे ही लेटी रहो । मैं तुम्हें भरपूर प्यार करूँगा तब तक , जब तक कि तुम पूरी तरह से तृप्त नहीं हो जाओगी । "

फिर वो उसकी टाँगें फैलाकर उनके बीच आ गया और बिना देर किये अपना तना हुआ लंड आँचल की चूत में घुसा दिया ।


38545


फिर उस टाइट चूत में अपने मोटे लंड को अंदर बाहर करके सटासट धक्के लगाने लगा ।

“आय लव यू ! ….….आह हहह ......“ सिसकारियां लेते लेते आँचल के मुंह से निकला ।

वो आगे झुक गया और आँचल के कांपते होठों पर अपने होंठ रख दिये और धक्कों के साथ ही चुम्बन भी लेने लगा । आँचल अब मदहोश थी ।
“ और तेज और तेज …….आह हहह …. मैं झड़ने वाली हूँ ....प्लीज और जोर से करो। ”
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
उसके धक्के तेज तेज होते गए और वैसे ही आँचल की सिसकारियां भी बढ़ती चली गयीं ।

38962


कुछ देर बाद आँचल के मुंह से एक तेज चीख निकली और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया ।

अजनबी के धक्के हलके हो गए और उसका लंड आँचल की चूत से निकले पानी की बाढ़ में डूब गया ।



“आँचल , तुम ठीक तो हो ? " तभी समीर ने उसका दरवाज़ा खटखटाया । "अभी अभी मैंने तुम्हारी चीख सुनी । "

पूरी तरह से पसीने से तर बतर आँचल सपने से जाग जाती है । उसकी साँसें तेज तेज चल रही थीं , छाती तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी । और पूरा बदन उत्तेजना से काँप रहा था । एक गहरी साँस लेकर उसने अपने ऊपर काबू पाने की कोशिश की और बिखरे हुए चादर को अपने ऊपर छाती तक खींच लिया । तभी उसे अपने नितम्बों के नीचे कुछ गीलापन महसूस हुआ , उत्तेजक सपने से उसका पानी निकल गया था ।

“मैं ठीक हूँ । शायद कोई बुरा सपना था । तुम अंदर आ जाओ समीर ” हड़बड़ा कर अटकती साँसों के बीच उसने जैसे तैसे कहा ।

कमरे के अंदर आकर समीर उसके पास बेड में बैठ गया ओर उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लेता है ।
और फिर से पूछता है कि क्या वो ठीक है ?
आँचल " हाँ " में सर हिला देती है ।

“तुम्हारी सांसें इतनी तेज़ चल रही हैं , जैसे तुम अभी दौड़ कर आ रही हो । ऐसा क्या देख लिया तुमने सपने में ? ”

" क ....कुछ नहीं । मैं अब ठीक हूँ । बस कोई बुरा सपना था ।”

आँचल समीर को क्या बताती , बेचारी बस गहरी साँस लेकर रह गयी ।
 
Last edited:

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,559
219
“मैं बैठू क्या कुछ देर तुम्हारे पास ? ” चिंतित स्वर में समीर बोला ।

“नहीं , ऐसी कोई बात नहीं , कहा ना मैं ठीक हूँ । थैंक यू ” आँचल हलके से मुस्कुरायी ।

समीर थोड़ी देर कंफ्यूज सा वहीँ बैठा रहा । इतना तो वो भी समझ गया था कि आँचल उससे अपना सपना डिसकस नहीं करना चाह रही है । लेकिन ऐसी अजीब हालत में उसने आँचल को पहले कभी नहीं देखा था ।बहन के लिए प्यार की वजह से उसका दिल आँचल को अकेला छोड़ने का नहीं कर रहा था पर आँचल ने भी तो उसको मना कर दिया था । थोड़ी देर बाद आँचल के माथे पर किस करके समीर अपने रूम में चला गया ।

समीर के अपने माथे पर किस करने से फिर आँचल को नज़दीक से वही पहचानी सी गंध महसूस हुई , उसके शरीर में कपकंपी सी छूट गयी । उस पहचानी गंध से ही अब वो उत्तेजित हो जा रही थी । फिर अपना सर झटकते हुए , वो मन ही मन झेंप सी गयी । " छी....मैं भी कैसी पागल हूँ । अपने भाई के शरीर से आती गंध की तुलना उस अजनबी से कर रही हूँ । ऐसे विचार मेरे मन में आ कैसे सकते हैं ... छी ...अपने प्यारे भाई के लिए । वो तो कोई और लड़का था , समीर थोड़े ही न था । लेकिन फिर भी समीर के मेरे नज़दीक आने से उस पहचानी सी गंध से मुझे उत्तेजना क्यों आ जा रही है ? "
 
Last edited:
Top