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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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Shaitaan, ya shaitaaniyat rakhne waali soul ( boori paranormal activities Marne waale) jiske shareer me possess karke us par full control karte hai his human
Body par possess huye hai, wah uski buraiyun ko jaankar in buraaiyun ko apna hathiyaar banaakar usse apna MATLAB saadhte hai, agar kisi human body me koi burai na ho phir bhi wah saam- dhaam dand-bhed karke usse apna matlab nikaalne ki sovhte hai jaise jabaran daraa-dhamkaar unhe apne logo ko shrati pahoochaa kar unhe emotionally-blackmail karke etc.
आप पूछ रहे या बता रहे ये मुजे समझ नहीं आया. पर मै कोसिस करती हु की मै आसान तरीके से समाझा सकूँ.


ब्लक एनर्जी - BA

एक फैमली - A, B, C, D

अब मान लो की BA ने A को पजेश कर दिया. BA A को सब कुछ देगा. जो भी उसे चाहिये. पर बदले मे BA को A की सोल चाहिये. A शर्त रखेगा की BA बाकि के किसी भी फैमली मेंबर B, C,, D किसी को भी कोई नुकशान नहीं पहोंचायगा. BA तुरंत मान जाएगा.

मगर A खुद ही एक ब्लैक एनर्जी बन जाएगा. फिर उसे खुद कोई सोल चाहिये होंगी. वो बाकि बचे B, C, D मे से किसी को भी पजेश करने की कोसिस करेगा. उनकी सोल लेने की कोसिस करेगा. वो सोल लेने मे कामयाब हुआ तो पजेश सोल या तो पहले वाली BC के पास. या A से बनी BC के पास या फिर एक खुद नई ब्लैक एनर्जी बन जाएगी. और फिर एक और फैमिली मेंबर की सोल को पाने की कोसिस.

एक चेइन बन ना स्टार्ट हो जाएगी.
 

Logan(Wolverine)

Never back down
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आप पूछ रहे या बता रहे ये मुजे समझ नहीं आया. पर मै कोसिस करती हु की मै आसान तरीके से समाझा सकूँ.


ब्लक एनर्जी - BA

एक फैमली - A, B, C, D

अब मान लो की BA ने A को पजेश कर दिया. BA A को सब कुछ देगा. जो भी उसे चाहिये. पर बदले मे BA को A की सोल चाहिये. A शर्त रखेगा की BA बाकि के किसी भी फैमली मेंबर B, C,, D किसी को भी कोई नुकशान नहीं पहोंचायगा. BA तुरंत मान जाएगा.

मगर A खुद ही एक ब्लैक एनर्जी बन जाएगा. फिर उसे खुद कोई सोल चाहिये होंगी. वो बाकि बचे B, C, D मे से किसी को भी पजेश करने की कोसिस करेगा. उनकी सोल लेने की कोसिस करेगा. वो सोल लेने मे कामयाब हुआ तो पजेश सोल या तो पहले वाली BC के पास. या A से बनी BC के पास या फिर एक खुद नई ब्लैक एनर्जी बन जाएगी. और फिर एक और फैमिली मेंबर की सोल को पाने की कोसिस.


एक चेइन बन ना स्टार्ट हो जाएगी.
Pehle baat Maine to poochha hi nahi balki Maine apne kai reads ke experience se ek pehlu saamne diya hai, yeh keval black energy ke baare me nahi thaa,

Aapki is story me komal me ek buraai dekhne ko mili ki USKE ander ki hawas ( bahut kaam-vasna ) isi ko dhyaan me rakhkar jinn ne khel khela aur komal ki ander ki kaam-vaasna ko bahut jyada badhaa diya taaki taaki Jo USKE Mann me ho wah kar sake, jaise palkesh ke saath kiya thaa, palkesh ke ander koi na koi buraai jaroor rahi hogi, aur palkesh itna mentally strong nahi thaa, jisse us jinn se ladd paaye.

Black ( negative) energy me hi aakar balbeer bhi Jo chhote-chhote bschho ka pita hai, aur ek straight-forward person hai wah bhi isse achhoota nahi rahaa hai.
 

Logan(Wolverine)

Never back down
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Vaise bataane ke liye thanks
Pehle baat Maine to poochha hi nahi balki Maine apne kai reads ke experience se ek pehlu saamne diya hai, yeh keval black energy ke baare me nahi thaa,

Aapki is story me komal me ek buraai dekhne ko mili ki USKE ander ki hawas ( bahut kaam-vasna ) isi ko dhyaan me rakhkar jinn ne khel khela aur komal ki ander ki kaam-vaasna ko bahut jyada badhaa diya taaki taaki Jo USKE Mann me ho wah kar sake, jaise palkesh ke saath kiya thaa, palkesh ke ander koi na koi buraai jaroor rahi hogi, aur palkesh itna mentally strong nahi thaa, jisse us jinn se ladd paaye.

Black ( negative) energy me hi aakar balbeer bhi Jo chhote-chhote bschho ka pita hai, aur ek straight-forward person hai wah bhi isse achhoota nahi rahaa hai.
Vaise bataane ke liye aapka thanks
 

Shetan

Well-Known Member
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Pehle baat Maine to poochha hi nahi balki Maine apne kai reads ke experience se ek pehlu saamne diya hai, yeh keval black energy ke baare me nahi thaa,

Aapki is story me komal me ek buraai dekhne ko mili ki USKE ander ki hawas ( bahut kaam-vasna ) isi ko dhyaan me rakhkar jinn ne khel khela aur komal ki ander ki kaam-vaasna ko bahut jyada badhaa diya taaki taaki Jo USKE Mann me ho wah kar sake, jaise palkesh ke saath kiya thaa, palkesh ke ander koi na koi buraai jaroor rahi hogi, aur palkesh itna mentally strong nahi thaa, jisse us jinn se ladd paaye.

Black ( negative) energy me hi aakar balbeer bhi Jo chhote-chhote bschho ka pita hai, aur ek straight-forward person hai wah bhi isse achhoota nahi rahaa hai.
चलो बढ़िया है. आप का ज्ञान अविश्वासनीय है. धन्यवाद 🙏🙏🙏
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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क्या यार. मै मज़ाक कर रही थी.
Mai konsa serious tha? :smarty:
 

Raj_sharma

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Pehle baat Maine to poochha hi nahi balki Maine apne kai reads ke experience se ek pehlu saamne diya hai, yeh keval black energy ke baare me nahi thaa,

Aapki is story me komal me ek buraai dekhne ko mili ki USKE ander ki hawas ( bahut kaam-vasna ) isi ko dhyaan me rakhkar jinn ne khel khela aur komal ki ander ki kaam-vaasna ko bahut jyada badhaa diya taaki taaki Jo USKE Mann me ho wah kar sake, jaise palkesh ke saath kiya thaa, palkesh ke ander koi na koi buraai jaroor rahi hogi, aur palkesh itna mentally strong nahi thaa, jisse us jinn se ladd paaye.

Black ( negative) energy me hi aakar balbeer bhi Jo chhote-chhote bschho ka pita hai, aur ek straight-forward person hai wah bhi isse achhoota nahi rahaa hai.
Dekho logan bhai. Mai fir beech me bol raha hu. Per kya hai ki ye sara khel aura ka hota hai. Jis aura sabse majboot hota hai. Wah bach jata hai. Jaise komal. Or jiska kamjor ho jata hai wah jaldi shikar ho jata hai jaise palkesh. Dusri baat hai iswariya kripa. Jise science kabhi nahi samajh sakti.
TEESRI OR SABSE IMPORTANT BAAT. HAMERI MAHARANI SHETAN SAHIBA KI BAAT MAAN LENE KA:goteam:
 

Raj_sharma

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आप पूछ रहे या बता रहे ये मुजे समझ नहीं आया. पर मै कोसिस करती हु की मै आसान तरीके से समाझा सकूँ.


ब्लक एनर्जी - BA

एक फैमली - A, B, C, D

अब मान लो की BA ने A को पजेश कर दिया. BA A को सब कुछ देगा. जो भी उसे चाहिये. पर बदले मे BA को A की सोल चाहिये. A शर्त रखेगा की BA बाकि के किसी भी फैमली मेंबर B, C,, D किसी को भी कोई नुकशान नहीं पहोंचायगा. BA तुरंत मान जाएगा.

मगर A खुद ही एक ब्लैक एनर्जी बन जाएगा. फिर उसे खुद कोई सोल चाहिये होंगी. वो बाकि बचे B, C, D मे से किसी को भी पजेश करने की कोसिस करेगा. उनकी सोल लेने की कोसिस करेगा. वो सोल लेने मे कामयाब हुआ तो पजेश सोल या तो पहले वाली BC के पास. या A से बनी BC के पास या फिर एक खुद नई ब्लैक एनर्जी बन जाएगी. और फिर एक और फैमिली मेंबर की सोल को पाने की कोसिस.


एक चेइन बन ना स्टार्ट हो जाएगी.
Ab tum bhi abcd padhane lagi ho?
 

Shetan

Well-Known Member
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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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बस वही तक आता है.
Baki mai shikha dunga :smarty:
 

Tiger 786

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Update 14C

वो दिन निकल गया. कोमल की जिंदगी मे अचानक अजीब से बदलाव आने लगे. कोमल के हाथ से कई केस छूटने लगे. कुछ केस उसके पास पुराने थे. उनकी जीत के बदले तारीख मिल जाती. एक दो केस कोमल जीत भी गई. मगर उसकी पेमेंट नहीं आ रही थी. वैसे तो कोमल के पास बड़ा सेविंग था. तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी. मगर कोमल के दिन बुरे चल रहे थे. जिसका एहसास ना उसे हो रहा था. और ना ही बलबीर को.

कोमल कितना भी बहार से नीरस होती. उसका कितना भी नुकशान होता. उसकी परवाह उसे काम होती. मगर घर जल्दी जाने का ख्याल उसे जल्दी रहता. वो तो बस घर पहोचती और बलबीर के साथ रोमांटिक पालो मे खो जाती. हर वक्त वो बलबीर के साथ लगी ही रहती. वैसा ही हाल बलबीर का भी था. वो तो सिर्फ कोमल की कार ही ड्राइव करता था. पर कोमल जब भी उसकी तरफ आगे बढ़ती वो तुरंत तैयार हो जता.

एक बार तो एक जमीन की डील मे पुलिस कोमल के घर के दरवाजे तक आ गई. तब जाकर कोमल और बलबीर को एहसास हुआ की कुछ बुरा हो रहा है. कोमल ने एक इन लीगल डील क़ानून का डर दिखाकर करवा दी. नतीजा उसपर ही डराने धमकाने का केस हो गया. कोमल ने अपनी चालाकी से अपना नाम तो कटवा दिया. मगर पुलिस घर तक पहोच जाए ये एक बेजती ही है. वो जानी मानी वकील थी. पर उस दिन कोमल और बलबीर दोनों ही सोच मे पड़ गए. की हो क्या रहा है. एक दोपहर कोमल और बलबीर इसी मुद्दे पर बात करते है.


कोमल : यार मेरा काम कुछ ठीक नहीं चल रहा.


बलबीर : मे तो वैसे सिर्फ तुम्हारे साथ गाड़ी लेकर घूमता हु. पर जाने का मान ही नहीं करता. दिल करता है. सोता ही राहु. हमें दाई माँ से बात करनी चाहिये.


कोमल : सायद हमें डॉ रुस्तम से बात करनी चाहिये.


तभी डोर नॉक हुआ. कोमल खड़ी हुई और डोर खोलती है. सामने पोस्टमैन खड़ा था. पर जैसे ही डोर खुला उस पोस्टमैन ने अपनी नाक पर हाथ रख दिया.


पोस्टमेन : कितनी बदबू आ रही है मेम. क्या कोई चूहा वुहा मारा क्या???


कोमल ही नहीं अंदर बैठा बलबीर भी हैरान रहे गया. मतलब सायद वो दोनों ही उस गंध के आदि हो गए है. उस पोस्टमैन ने कोमल को एक लिफाफा दिया. और एक कागज़ पर साइन मांगे. वो चले गया. जब कोमल ने वो लिफाफा खोला वो सॉक रहे गई. उसके हाथ से वो कागज़ गिर गया. कोमल की आँखों से अंशू टप टप बहने लगे. बलबीर तुरंत आगे आकर कोमल को संभालता है. उसे बैठता है.


कोमल : पलकेश नहीं रहा.


थोड़ी देर माहौल शांत रहा. कोमल बहोत स्ट्रांग वुमन थी. उसने अपने आप को संभल लिया. वो अपने अंशू पोछती है.


कोमल : पलकेश की फैमली ने इस फ्लेट के लिए दावा ठोका है. उन्हें ये फ्लेट चाहिये.


बलबीर : तो दे दो ना. काम से काम उन्हें इसी से ही शांति मिलेगी.


कोमल भड़क गई.


कोमल : ऐसे कैसे दे दू. इस फेल्ट मे मेरा भी पैसे लगे थे. और हक़ मेरा है. किसी के बाप की ताकत नहीं मुझसे ये फ्लेट लेकर दिखाए.


बलबीर कुछ नहीं बोला. पर उसे अब फ़िक्र होने लगी.


बलबीर : आज क्या हम बच्चों से मिल आए???


बच्चों का नाम सुनकर कोमल का भी मन बच्चों से मिलने का होने लगा. अब कोमल को एहसास हुआ की वो जब से मुंबई से आई है. वो अपनी माँ और बहन से मिली ही नहीं. वैसे कोमल की माँ को नहीं पता था की बलबीर और कोमल दोनों एक साथ रहे रहे है. शाम हो चुकी थी. और दोनों कोमल की माँ के घर चल दिये. वो अपनी माँ के घर बलबीर के साथ पहोच गई. जब कोमल अपनी माँ के घर मे अंदर कदम रखती है. उसे अच्छा फील होता है. अंदर रूम से आरती होने की आवाज आ रही थी. एक छोटी घंटी भी सायद जयश्री बजा रही थी.

कोमल समझ गई की उसकी माँ भगवान की आरती उतर रही है. वो बहोत धार्मिक थी. और सुबह शाम भगवान की आरती पूजा पाठ किया करती थी. बलबीर का बेटा राजू नोटबुक मे पेन्सिल से कुछ लिख रहा था. कोमल की बहन हेमा बलबीर की छोटी सी बेटी नीरा को बोतल से दूध पीला रही थी. वो फर्श पर ही नीरा को गोद मे लिए हुए बैठी थी. बलबीर को देखते ही उसका बेटा राजू खुश हो गया.


राजू : (स्माइल) बाबा....


राजू भाग कर आया और अपने पिता को लपक कर उसकी गोद मे चले गया. वो कोमल से भी मिला. कोमल भी पहले तो अपनी बहन के पास बैठ कर नीरा को खिलाने लगी. राजू भी कोमल के साथ खेलने लगा. बलबीर को ये देख कर बहोत अच्छा लग रहा था. उसके बच्चे कोमल को पसंद करते है. कोमल ही तो उसके बच्चों का सारा खर्चा उठा रही थी. तभी कोमल की माँ जयश्री भी आ गई. वो भी कोमल को देख कर बहोत खुश हुई.


कोमल : (स्माइल) क्या बात है. आज मेरी बेटी मुझसे मिलने आई है. मुजे तो लगा तू मुजे भूल ही गई है.


जयश्री का बोलना जैसे कोमल को लगा की इसने ताना मारा हो. कोमल कुछ बोली नहीं. पर उसका चहेरा मुरझाया साफ दिख रहा था. उस वक्त को जयश्री कुछ नहीं बोली. वो बलबीर से भी मिली. माहौल अच्छा था. और सब खुश थे. सब ने साथ मिलकर डिनर किया. पर जयश्री एक माँ थी. वो समझ गई की कुछ तो बात है. उसे अभी तक ये नहीं पता था की पलकेश अब इस दुनिया मे नहीं रहा. जब कोमल अपनी बहन से बाते कर रही थी. तब जयश्री उसे आवाज देती है.


जयश्री : बेटा कोमल. तू इधर आना. मुजे तुजसे कुछ बात करनी है.


कोमल खड़ी हुई और अपनी माँ के पास आई. वो दोनों घर के बहार चले गए. बरामदे मे एक बड़ा झूला था. जयश्री कोमल को उसपर बैठती है. और खुद भी उसके पास बैठ गई.


जयश्री : अब बता क्या बात है??.


कोमल अपनी मुशीबते अपने परिवार को बताकर उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी. वो जैसे अनजान बन ने की कोसिस कर रही हो.


जयश्री : देख माँ हु तेरी. तुझे पैदा किया है. तू कुछ मुझसे तो छुपाने से रही. अब बोल.


कोमल से रहा नहीं गया. और वो काफ़ी कुछ अपनी माँ को बता देती है.


कोमल : माँ... कुछ गड़बड़ लग रही है. मुजे केस नहीं मिल रहे. पुरानी पेमेंट रुकी पड़ी है. कुछ जमीन का भी काम नहीं हो पा रहा है. मतलब ऐसा मन लो की सब चौपट हो रहा है.


जयश्री : कितने सालो से तू अकेली रहे रही है. कभी घर मे तूने दिया बत्ती की??? कभी हवन वगेरा करवाया??? देख जिस घर मे हम भगवान को जगह नहीं देते तो कोई और उसकी जगह ले लेता है.


कोमल को शक हुआ. कही उसकी माँ भुत प्रेतो के लिए तो नहीं बोल रही.


कोमल : किसका माँ???


जयश्री : दिलदराता, पनोती, मनहूसियत.


कोमल अपनी माँ की बाते बड़े ध्यान से सुन रही थी.


जयश्री : काम करने का मन नहीं होगा. काम बिगड़ने लगते है. बहोत कुछ ख़राब होता है मेरी बच्ची. तूने घर मे भगवान को तो बैठा दिया. मगर उसके बाद तू उन्हें भूल ही गई.


कोमल को अपनी माँ की बात ठीक लगी. शादी कर के जब से कोमल गई. भगवान के फोटोज बस मंदिर मे ऐसे ही रहे. वो नए ज़माने की थी. उसने कभी ध्यान ही नहीं दिया की घर मे पूजा पाठ भी होनी चाहिये थी.


जयश्री : देख जो तुझे पसंद हो. तू किसी को तो अपना मान. ऊपर वाला भी बस हमारे प्यार का भूखा है. तू बस एक बार उन्हें याद कर. वो तुझे तेरी जिंदगी भर ख्याल रखते रहेंगे. रुक तुझे कुछ देती हु.


जयश्री अंदर गई. और एक गणेश भगवान का स्टिकर लेकर आई.


जयश्री : ले. उन्हें दरवाजे के अंदर की तरफ लगा देना. वो तेरा सारा घर देखते रहेंगे.


कोमल बचपन से मौज मस्ती करते जीती थी. नवरात्रा मे गरबे. और गणपति विशर्जन मे वो खूब नाचती थी. कही ना कही उसे एक भगवान से प्रेम था. जिसे वो समझ नहीं पाई. कोमल ने वो स्टिकर ले लिया. इन सब बातो को बलबीर जब घर के बहार आ रहा था. उसने भी सब सुन लिया. और उसे भी एहसास हुआ की ऊपर वाला ही सब ठीक कर सकता है. मगर कोमल ने अभी तक एक बात छुपाए रखी. पर बताते हुए उसे बहोत हिचक भी हो रही थी.


कोमल : एक बात और है माँ.


जयश्री ने हैंरत से कोमल की ओर देखा.


कोमल : (हिचक) माँ... वो.... पलकेश अब इस दुनिया मे नहीं रहा.


जयश्री एकदम से शांत ही हो गई. वो कुछ पल शांत रहने के बाद कोमल को दिलाशा देती है.


जयश्री : चल अब कोई बात नहीं. वो वैसे भी तेरे साथ नहीं था. उसके बारे मे मत सोच.


कोमल को जयश्री ने गले लगाया. कुछ पल बाद दोनों शांत हो गए. कोमल और बलबीर वहां से निकल गए. और अपने फ्लेट पर आ गए. कोमल और बलबीर दोनों को अच्छा ही लग रहा था. पर फ्लेट पे आते जब कोमल ने अपने फ्लेट का डोर ओपन किया तो वही बदबू का जोर दार भापका आया. कोमल और बलबीर दोनों ही हैरान रहे गए. ऐसा कैसे हो सकता है. कोमल और बलबीर वैसे तो सायद उस बदबू के आदि हो गए थे. या उन्हें एहसास होना बंद हो गया था. वो कई बार बहार से आते. वो बदबू तो होती. मगर उन्हें फील नहीं होता. पर अब इस बार उन दोनों का दिमाग़ फिर ख़राब हो गया.

बलबीर आगे हुआ और उसने आते ही सारी विंडो दरवाजे खोल दिए. कुछ पल बाद वो बदबू काम हो गई. कोमल अब भी अपने ही घर के बहार खड़ी थी. उसका अंदर जाने का मन ही नहीं हो रहा था. कोमल को याद आया की उसकी माँ ने उसे कुछ दिया है. कोमल ने अपने पर्स से वो स्टिकर निकला और अंदर आकर डोर बंद कर के उस स्टिकर को अंदर की तरफ डोर पर लगा दिया. वो दोनों उस रात सो गए.


और दोनों को बहोत बढ़िया नींद भी आई. पर जब सुबह कोमल की नींद खुली. और कोमल अपने ड्राइंग रूम तक आई. उसकी नजर वही डोर पर गई. वो स्टिकर डोर पर नहीं था. वो फर्श पर निचे गिरा हुआ था. कोमल हैरान रहे गई. डोर लकड़ी का था. और स्टिकर पर काफ़ी गम था. तो स्टिकर ऐसे तो नहीं निकल सकता. कोमल आगे बढ़ी और उस स्टिकर को उठाकर फिर डोर पर चिपकने लगी. स्टिकर बड़ी आसानी से चिपक गया.
Superb update
 
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