सुबह दोनों बच्चे स्कूल चले गए उसके बाद दीदी ने मुझे उठाया और बोली की वो नहाने जा रही है। उसके अलावा दीदी ने मुझसे कोई बात नहीं की.
मै भी उठा फ्रेश हुआ और हॉल में जाकर बैठा तभी दीदी वहा आयी। जब मेरी नजर उन पड़ी तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी। दीदी सिर्फ एक टॉवल ही लपेटकर आयी थी। और वो टॉवल भी बहुत ही छोटा था वो उनके बूब्स से शुरू होकर जांघ तक आये इतना लम्बा था । लेकिंग दीदी ने उसे लपेटकर ऊपर साइड से मोड़कर कसा था ताकी वो गिरे ना। जिसके वजह से अब वो आधे बूब्स से होकर आधी गांड ही ढक रहा था। उनका ये सेक्सी अवतार मेरे लण्ड को खड़ा करने के लिए काफी था।
वो मुझसे बोली " क्या हम कल जो हुआ उसके बारे में बात कर सकते है "
मै " दीदी बात भी कर सकते है ,आप बोलो तो दुबारा भी कर सकते है "
दीदी " हे भगवान तेरा तो खड़ा भी हो गया " मेरे लण्ड की तरफ इशारा करते हुए।
मै " दीदी , आप हो ही इतनी खूबसूरत। इसमें इसकी क्या गलती "
दीदी थोड़ी शरमयी। दीदी " तू बहुत कमीना है, भला अपनी बहन के बारे में कोई ऐसा सोचता है क्या "
मै " बहन अगर आपकी तरह खूबसूरत और सेक्सी हो तो जरूर सोचेगा...वैसे भी आजकल परिवार में चुदाई तो नार्मल हो गया है "
दीदी " तेरे जैसे लोग ही अपनी बहन चोद देते है ..अपने मोटे लण्ड से "
मै " दीदी मेरा लण्ड कहा मोटा है नार्मल सा तो है "
दीदी " मैंने आजतक इतना मोटा लण्ड नहीं देखा लम्बा तो देखि हूँ । पर तेरा लम्बे होने के साथ मोटा भी है और साथ ही तुझमे दम भी है , तू असली मर्द है "
मै दीदी का हाथ पकड़कर बाँहों में खींचते हुए " आ जाओ असली मर्द की गोद में " दीदी ने अपना टॉवल खोलते हुए कहा "ऐसे नहीं पहले तु भी मेरी तरह लगे तो हो "
मै भी फटाफट अपने वस्त्रो का त्याग करते हुए नंगा हो गया और बोला " दीदी , क्या आप इस मोटे लम्बे लण्ड को चूसना पसंद करोगी "
दीदी " बड़े शौक़ से मेरे प्यारे भैया " ऐसा बोलकर वो घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लण्ड को कुल्फी की तरह चूसने चाटने लगी। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी तो इस मामले में माँ से भी आगे निकली वो तो किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लण्ड चूस और चाट रही थी। वो मेरे अंडकोष को चाटती फिर जीभ से मेरे लण्ड को । निचे से चाटते हुए ऊपर सुपाड़े तक चाटती फिर उसे मुँह में लेकर सीधा पूरा लण्ड अपने गले में उतारती फिर 3- 4 बार लण्ड अंदर बाहर करती । फिर दोबारा से उसे चाटती मै तो सातवे आसमान में था। मैंने कहा " दीदी , आप तो एक्सपर्ट हो लण्ड चूसने में "
दीदी ने मेरे लण्ड को मुँह से निकाला और उसे हाथ से हिलाते हुए बोली " बहुत एक्सपेरिएंस है भाई "
दीदी ने मेरे लण्ड की चुसाई २० मिनट तक की उसके बाद वो बोली " क्या चूसने का काम बस मेरा ही रहेगा या तू भी कुछ करेगा "
मैंने दीदी को उठाकर डाइनिंग टेबल पर बिठाया फिर पहले उनके दोनों चूचियों को खूब मसल मसल कर चूसा ऐसा मसलकर चूसा की दीदी की आहे निकल आयी थी और उनके गोरी चूचिया लाल हो गयी थी । फिर मै अपने दूसरे टारगेट की तरफ बढ़ा।
मैंने दीदी के जांघो के बीच के चुत नामक खूफ़िया द्वार को चाटना और चूसना शुरू किया। इस बार दीदी की आह के साथ सिसकारी भी निकल गयी। दीदी " सीसीसी....सीसी "
मै पहले तो चुत को चाटकर उसका रसपान ले रहा था फिर धीरे धीरे अपने जीभ को उनके चुत की गहराई में उतार कर उसे अंदर बाहर करने लगा। दीदी को ये बहुत अच्छा लगा तभी तो उन्होंने मेरे सर को और ज़्यादा अपनी चुत पर दबाने लगी। जब आधा घंटा गुजर गया तो मैंने कहा " दीदी चलो अब तुम्हारी चूत में मेरे लण्ड का मिलन करा दे "
दीदी बोली "ठीक है" वो डाइनिंग टेबल पर ही लेट गयी मैंने लण्ड उनकी चूत पर रखकर धक्का लगाया तो वो सीधा अंदर घुस गया क्युकी उनकी चुत और मेरा लण्ड दोनों ही बहुत गीले थे । और मै खड़े खड़े ही उन्हें शॉट लगाने लगा दीदी की भी आह निकल रही थी इस बार वो कुछ बोल रही थी जैसे " आआअह्ह्ह्हह............. चोद डाला रे ...........आआअह्ह्ह्हह.............मेरे भाई.....आआअह्ह्ह्हह............. ने अपने मोटे लण्ड से ......आआअह्ह्ह्हह.............मेरी चुत फाड् डाली.....आआअह्ह्ह्हह............ बहुत मोटा है .....आआअह्ह्ह्हह............मेरा बहनचोद भाई मुझे पेल दिया.....आआअह्ह्ह्हह............उफ्फ्फफ्फ्फ़........... अंदर तक घुसा दिया रे...........उफ्फ्फफ्फ्फ़..........मस्त चोदता है रे ये "
और ना जाने क्या कए कहा रही थी
फिर२० मिनट बाद मैंने कहा "दीदी पोजीशन चेंज करते है तुम मेरे ऊपर आ जाओ "
मै उठा और जमीं पर लेट गया दीदी आयी और मेरे लण्ड को पकड़कर अपने चुत में सेट करते हुए मेरे ऊपर बैठने लगी अगले ही पल पूरा लण्ड उनकी चुत में समां गया फिर वो उछल उछल कर चुदने लगी । १० मीनटी बाद मैंने फिर से उन्हें कुतिया बनने को कहा दीदी अब तक ३ बार झाड़ चुकी थी। फिर मैंने उन्हें डॉगी सस्टाइल में चोदा । चोदते समय मै उनकी गांड को सहला रहा था और उनकी गांड के छेद को अपने अंगूठे से दबा रहा था। फिर मैंने ५ मिनट बाद अपने मन की बात दीदी से बोल दी " दीदी क्या मै तुम्हारी गांड मार सकता हूँ "
दीदी बोली " हाँ भाई मार सकता है पर आराम से मारना मुझे बहुत टाइम हो गया है गांड मरवाये ऊपर से तेरा इतना मोटा है मुझे दर्द होगा ज्यादा तू तेल लगाकर करना "
मै " दीदी क्या जीजा को गांड मारना ज्यादा पसंद नहीं है "
दीदी " तेरे जीजा को तो गांड मारना बिलकुल पसंद नहीं है , उन्होंने आजतक मेरी गांड को छुआ तक नहीं "
मै ये तो समझ गया की दीदी पहले भी किसी और से गाँड़ मरवा चुकी है पर अगर में ऐसा पूछता तो उन्हें लग्गता मै उन्हें रंडी समझ रहा हूँ , हालाँकि वो थी ही रंडी ।( उसकी बेटी शीतल भी बड़ी रंडी बनाने की राह पर है )
मैंने उनसे पूछा " तो फिर आपकी गांड सबसे पहले किसने मारी "
दीदी " वो गुप्ता अंकल थे ना हमारे एरिया में सपना के पापा "
मै तब तक तेल लेकर आ गया था और अपने लण्ड पर और दीदी की गांड में तेल लगाने लगा और पूछा " वो तो बहुत पहले ही हमारे यहाँ से चले गए थे तब तो हम लोग स्कूल में पढ़ते थे "
इतना बोलते ही मैंने अपने लण्ड को उनकी गांड में घुसाया मेरे ताक़त लगाने से लण्ड का सुपाड़ा घुस गया वह मेरी दीदी की चीख निकल गयी वो बोली " आआआह्ह्ह्हह्ह....... आराम से हरामखोर...... हाँ तभी की बात है......... उन्हें गांड मारना बहुत पसंद था "
मै धीरे धीरे उनकी गांड में दबाव बढ़ाने लगा उनकी गांड भी खुल रही थी। सच में वो बहुत टाइट थी। मैंने उनसे पूछा " वो तुम्हारी गांड कैसे मार गए "
दीदी " वो सपना मेरी सहेली थी। वो मुझसे चुदाई की बाते कर के बहुत एक्साइट करती थी मुझे ऊँगली भी करती थी फिर एक दिन बोली असली मजा लेना है तो उसके पापा देंगे वो उसे भी मजा देते है । मै उसकी बातो में आ गयी और गुप्ता अंकल के लण्ड पर बैठ गयी अंकल ने सपना के सामने ही मुझे चोदा । सपना अपनी सारी सहेलियों को उनसे चुदवाती थी "
उनकी कहानी सुनते सुनते मैंने अपने पूरा लण्ड उनकी गांड में घुसा दिया और उनकी गांड मारने लगा। १० मिनट तक उनकी टाइट गांड मारने के बाद में भी झड गया उनकी गांड में।
फिर हमने कपडे पहने दीदी ने चाय नाश्ता दिया । हम वो करने लगे इसके बाद हम टीवी रूम में आकर टीवी देखने लगे । तभी इसमें न्यूज़ आयी की एक बाप ने अपनी ही बेटी को चोदा , माँ ने अपनी बेटी को चुदवाया उसी के बाप से ? ।
मैंने दीदी से कहा " दीदी , क्या कोई माँ अपनी बेटी चुदवा सकती है "
दीदी " क्यों नहीं , अगर उसकी भी मर्जी हो तो "
मै " क्या दीदी आप भी ऐसा कर सकती हो "
दीदी " हाँ , मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं । मान लो तुम मुझे चोद रहे हो और मेरी बेटी को भी चोदना चाहते हो और वो भी रेडी है तो तुम उसे चोद सकते हो "
मैने ठंडी सांस ली " तो आप अपनी बेटी मुझे चोदने दोगी "
दीदी " हाँ , अगर प्राची तुमसे चुदना चाहती है तो तुम उसे चोद सकते हो "
मै थोड़ा चौका क्युकी मै तो शीतल के बारे में बात कर रहा था यहाँ तो दीदी प्राची को मुझसे चुदवा रही थी।
मै " दीदी आप भी ना "
दीदी बोली " वैसे प्राची की गांड बड़ी नरम और टाइट है " इतना सुनते ही मेरा लण्ड भी टाइट हो गया। दीदी मेरे लण्ड को देखते हुए " हम्म्म्म मतलब तुझे प्राची की गांड मारनी है। तभी उसकी गांड का नाम सुनते ही तेरा लोडा खड़ा हो गया फिर से।
मै " क्या वो मानेगी "
दीदी " वो काम तेरा है उसे कैसे मनाएगा पर जबरदस्ती नहीं करना। कुछ भी हो मै उसकी माँ हूँ "
मै " दीदी मुझे जबरदस्ती पसंद नहीं है " दीदी "ठीक है तब तू कोशिश कर सकता है "
फिर दीदी बोली चल "प्राची की सोच कर मेरी ही गांड मार ले " और मै भी तैयार हो गया। इस बार फिर मैंने ४५ मिनट तक उनकी गांड मारी । फिर हम थोड़ा खाना खाये।
बाद में प्राची और शीतल घर आ गए। जब वो घर पर खाना खा रहे थे। तभी मैंने कहा "मै अपने रूम पर जा रहा हु किसी को मेरे साथ चलना है तो चलो "
प्राची तुरंत बोल पड़ी " मै जाउंगी इस बार "
शीतल ने मेरी तरफ शरारत वाली नजरो से देखा। मैं दीदी की तरफ मुड़ा जिससे प्राची और शीतल मुझे देख नहीं पाए और मैंने उनसे परमिशन ली " दीदी मै प्राची को लेकर जाऊ " और आँख मार दी।
दीदी ने भी आँख मारते हुए ही कहा " ले जाना पर देखना वो ज्यादा परेशान ना हो "
मै " मै उसे परेशान नहीं होने दूंगा दीदी , बल्कि मै खुद उसके साथ खेलूंगा "
दीदी मन में " पता है कोनसा खेल खेलेगा तू हरामखोर "
दीदी " फिर भी ध्यान रखना इसका "
मैंने कहा ठीक है और मै उसे लेकर अपने घर आ गया। घर पर मैंने माँ को बोला की हम लोग खाना खा चुके है। प्राची लैपटॉप में गेम खेलेगी आप सो जाओ।
फिर मै अपने रूम में आया और लैपटॉप ओपन करके गेम स्टार्ट किया और साथ ही में एक पोर्न वीडियो प्ले करके उसे रिपीट मोड में दाल दिया और मिनीमाइज कर दिया। उस वीडियो में एक लड़की जिसका नाम अबेला डेंजर है , काला लण्ड चुस्ती है।
फिर मैंने प्राची को बुलाया और गोद में बैठने को बोला और बोला तू गेम खेल । वो ख़ुशी ख़ुशी मेरी गोद में बैठी और गेम खेलने लगी। उसकी नरम नरम गांड का आभास पाकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। जब मेरा लण्ड खड़ा हो गया तब मैंने जल्दी से Alt +Tab बटन दबाया लैपटॉप पर। उससे नेक्स्ट प्रोग्राम ओपन हो जाता है जो की वो पोर्न वीडियो था। जिसे देखते ही प्राची बोली " मामा ये क्या है ?'
मै बोला " बेटी ऐसा करने से लड़के को बहुत आराम मिलता है, पर सब लोग इसे बुरा मानते है "
प्राची " क्या ये करना बुरा नहीं है "
मै " मेरे हिसाब से बिलकुल नहीं , जिससे तुम्हे मजा मिले वो करना गलत कैसा "
मै " पर पता नहीं मुझे ऐसा मजा कब मिलेगा "
प्राची कुछ सोचते हुए " मामा अगर मै आपको ये मजा दू तो आप किसी को बोलोगे नहीं ना "
मै " अगर तुम ऐसा करोगी तो मै किसी को कुछ नहीं बताउगा बेटी "
मेरी चाल कामयाब हो गयी थी। फिर मैंने उसे पूरी तरह अमल में लाने का सोचा और कहा बेटी सुख तो और भी है रुको मै तुम्हे और वीडियो दिखता हूँ। ऐसा कह कर मैंने उसे और एक वीडियो जिसमे चुत चटायी, लण्ड चुसाई , चुत चुदाई और गांड मराई सब था । अबेला डेंजर ने तो अपनी गांड मरवा मरवा कर गांड का गंडोरा बना रखा था ।
ये सब देख कर वो एक्साइट हो गयी । मैंने कहा "मजा ले हम दोनों ? , मेरा चुसोगी ? " वो बोली "नानी आ गयी तो " मैं मन में " तेरी नानी की भी गांड मार दूंगा "
मैंने कहा " दरवाजा बंद कर देते है "
वो बोली " नानी को शक हो जायेगा अगर दरवाजा बंद हुआ तो "
मैंने कहा " ठीक है हम नंगे होकर चादर के अंदर रहेंगे अगर नानी आ गयी तो उसे लगेगा हम सो रहे है " प्राची को मेरा आईडिया बहुत पसंद आया।
फिर उसने सारे कपडे निकाले और मैंने भी। वो प्यारी सी नन्ही सी गुड़िया मेरे सामने नंगी थी । फिर मै लेटा और चद्दर ओढ़ लिया वो चद्दर के अंदर मेरे ऊपर उल्टा लेटी जिससे उसका मुँह मेरे लण्ड की तरफ था और उसकी चूत मेरे छाती तक ही आ रही थी।
मैंने कहा उसे " प्राची अब चुसो "
वो नादान खिलाडी की तरह मेरे लण्ड को चाट और चूस रही थी जितना भी वो वीडियो में सीखी थी। मुझे उसमे भी बहुत मजा आ रहा था। मै उसकी गांड को सहला रहा था।
फिर मैंने उसे कहा " प्राची उसे जितना मुँह के अंदर जाये अंदर लो फिर बाहर निकालो। ऐसा करेगी तो और मजा आएगा मुझे "
वो बेचारी वैसा ही करने लगी उसके पूरे मुँह में मेरा लण्ड घुसता शायद आधा लण्ड ही घुसता उसे निकलती और फिर घुसाती। मुझे उसके प्यारे मुँह की चुदाई में मजा आ रहा था।
कुछ समय के बाद वो बोली की वो थक गयी मुँह चला चला कर। तब मैंने कहा "तुम सिर्फ मुँह खोल कर रखो मै खुद ही अंदर बाहर कर लूंगा। " उसके बाद मैंने उसके सर को पकड़ा और अपनी चुत्तड़ उठा कर लण्ड मुँह में पेल दिया और ऐसे ही मैं उसकी मुँह की चुदाई करने लगा। इतने में प्राची का डर सही साबित हो गया और उसकी नानी यानि मेरी माँ कमरे में आ गयी।
मै तो मशगूल था प्राची की मुँह चुदाई में । माँ ने मुझे घूरते हुए देखा मेरी नजर भी उन पर पड़ी । उन्होंने पूछ लिया "नीरज, क्या हो रहा है"
मैंने कहा " कुछ नहीं माँ प्राची को नींद आने लगी तो हम दोनों चद्दर ओढ़ कर सो गए।
माँ ने मुझे प्राची के नंगी टांग और उसके और मेरे कपडे ( जिसमे उसकी चड्डी भी थी ) जो बिस्तर के निचे पड़े थे उन्हें दिखाते हुए बोला " अच्छा तो ऐसे सो रहे हो " और मुझे समझने वाली स्माइल दी ?
मै " हाँ माँ तुम भी सो जाओ न इतनी दोपहर को जाग रही हो । मैंने बायें हाथ को गोला बना कर अपने दायें हाथ की उँगली उसमें दे दी जो संकेत था की बाद में उनकी गांड आकर मारता हूँ जिसे माँ ने बखूबी समझ लिया " ऐसा बोलकर मैंने फिर से प्राची की मुँह पेलाई शुरू कर दी "
माँ " ठीक है अच्छे से सोना तुम "
माँ ने इशारे में पूछा क्या करेगा मैंने सिर्फ मुँह दिखाकर बता दिया सिर्फ मुखमैथुन होगा। उन्होंने इशारे में कहा मुझे भी दिखा।
मैंने फिर उन्हें डायरेक्ट कहा " माँ आप सो जाओ और हमें सीधा ६ बजे उठाना उसके पहले मत आना उठाने हमारी नींद डिस्टर्ब करने " मैंने ग़ुस्से में संकेत दिया चली जाओ वरना यहीं घोड़ी बना के गांड मार लूँगा तुम्हारी ??
माँ मुस्कुरायी और बोली "ठीक बेटा, मै ६ बजे से पहले नहीं आउंगी " फिर मैंने उन्हें इशारे में १५ मिनट बाद आने को कहा। जब माँ चली गयी तो मैंने चद्दर हटाया। मैंने प्राची से कहा " अब नानी भी नहीं आएगी अब खुल कर मजा लेते है "
प्राची " ठीक है मामा "
मैंने कहा "थोड़ा और इंटरस्टिंग मजा लोगी "
मैंने कहा " तुम आँख पर पट्टी बाँधो फिर देखो मै तुम्हे सरप्राइज के साथ मजे दूंगा "
प्राची को भी ये आईडिया पसंद आया और उसने आँख पर पट्टी बाँध ली और मुझ यक़ीन था की वो चीटिंग नहीं करेगी क्यूकी वो बहुत मासूम थी।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और उसके टांगो के बिच में जाकर उसकी चुत चाटनी शुरू की , प्राची की सिसकारियां निकल गयी जिसे माँ ने भी सुना जो हमारे कमरे के बाहर ही खड़ी थी।
उसे ५ मिनट चूसने के बाद मैंने पूछा " कैसा लगा प्राची "
वो बोली " बहुत अच्छा मामा , ऐसा पहले कभी नहीं लगा मुझे "
मैंने कहा " मै तो और भी अच्छे वाले मज़ा दूंगा बेटी "
फिर मै उठा और कमरे के बाहर खड़ी मेरी माँ को अंदर आने का इशारा किया। वो अपनी छोटी नतिनी को नंगी देखकर खुश हुयी मेर तरफ इशारा करते हुए बोली कड़क माल है।
मैंने भी हाँ में सर हिलाया।
फिर माँ ने इशारे से मुझे कहा की इसकी चुत और गांड पर लण्ड रगड़ो | आप सब जानते हैं मै कितना आज्ञाकारी बेटा हूँ .
मैंने अपना मोटा लण्ड प्राची की चुत पर रगड़ना शुरू किया | मैंने उसे पूछा " कैसा लग रहा है प्राची "
प्राची "बहुत अच्छा, मामा "
फिर मेरी माँ रूम से बाहर गयी और मै तब तक प्राची के चुत और गांड पर लण्ड रगड़ता रहा। अब जब माँ कमरे में वापस आयी तो उनके हाथ में तेल की कटोरी थी। उन्होंने मुझे इशारा किया तो मै उनके पास गया तो उन्होंने मेरे लण्ड पर खूब तेल लगाया।
और फिर मुझे प्राची को लण्ड रगड़ने का इशारा किया। मै प्राची की बुर पर लण्ड रगड़ता और गांड तक लण्ड फिसलता। तेल के कारन लण्ड बहुत ज्यादा फिसल रहा था। तभी माँ आयी और उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़ा और वो खुद उसे प्राची की चुत और गांड पर रगड़ने लगी।
माँ अपने बेटे का लण्ड खुद अपने हाथो से अपने नतिनी की बुर पर रगड़ रही थी। क्या अमेजिंग फीलिंग आ रही थी। प्राची भी मजे में अपनी आहे भर रही थी।धीरे धीरे माँ उसके बुर और गांड पर मेरा लण्ड दबाने भी लगी।
प्राची की चुत भी पानी छोड़ रही थी . माँ जब मेरे लण्ड का दबाव उसके चुत या गांड के छेद पर लगाती तो मेरा आधा सुपाड़ा प्राची की बुर और गांड में घुस जाता . मुझे लगा था की माँ सिर्फ प्राची के बुर और गांड पर मेरा लण्ड रगडेंगी , पर माँ के इरादे कुछ और लग रहे थे . जब जब प्राची के बुर या गांड में लण्ड घुसता तो वो थोड़ी हील जाती . फिर एक बार माँ प्राची की गांड में मेरे लण्ड का सुपाड़ा घुसाकर निकाली नहीं बल्कि उस पर और तेल उड़ेल दी . प्राची को गांड में सुपाड़ा महसुस हुआ. मै तो माँ की मंशा समझ चूका था. मेरी माँ उसके छोटी नतिनी की गांड का उद्घाटन करवाना चाह रही थी वो भी अपने बेटे के लम्बे मोटे लण्ड से .मैंने प्राची को कहा " बेटी थोड़ा दर्द होगा सह लेना "
प्राची ने हाँ में सर हिलाया. उसकी आँखे तो अभी भी बंद थी. उसे ये नहीं पता था की उसकी नानी भी वही मौजूद है .
अब मा ने मुझे इशारा किया लण्ड अंदर और घुसाने के लिए.
फिर माँ ने मेरे चूतड़ों को पीछे से धकेला उसी समय मै भी धक्का लगा रहा था , जिससे मेरा कंट्रोल नहीं हो पाया और मेरा लण्ड का सुपाड़ा तो मेरे धक्के से प्राची की गांड में घुसा था और माँ के धक्के से आधे से ज्यादा लण्ड भी घुस गया ? ? प्राची की छोटी कुवारी गांड में एक झटके में ही ४ इंच तक घुस गया . उसकी चीख निकल गयी . वो रोते हुये बोली "आअह्ह्ह्हह .........बस..........आअह्ह्ह्हह ....... मामा.........आअह्ह्ह्हह ....... बहुत .........आअह्ह्ह्हह ....... दु...ख...........आअह्ह्ह्हह ....... रहा है"
मैंने कहा " बस बेटी थोड़ा सा और दर्द सह लो .....तुम बहादुर बेटी हो .....अब मै आराम से करूँगा...एक बार दर्द होगा फिर नहीं होगा "
फिर मैंने इशारे से माँ को कहा की मुझे धक्का मत मारना , माँ ने हाँ में सर हिलाया मै थोड़ा रूककर फिर अपनी कमर थोडी सी पीछे किया और २ इन्च तक लण्ड बाहर निकाला मै उसे प्यार से २ इंच पेल कर ही उसकी गांड मारना चाहता था। मतलब ४ इंच तक ही लण्ड अंदर घुसाकर और २ इंच अंदर बाहर करता। इसलिए मैंने माँ को मना किया की वो धक्का ना दे । इस बार माँ ने प्राची के दोनों पैर पकड़ लिए और उन्हें उठा कर मुझे ईज़ी पोजीशन दी लण्ड घुसाने को । मै भी सोचा ठीक है माँ कम से कम धक्के तो नहीं मारेगी। फिर मैंने धीरे से एक धक्का लगाया जिससे मेरा २ इंच तक लण्ड फिर प्राची की कसी हुई गांड में घुस जाये , पर इसी समय माँ ने प्राची के दोनों पैर को ऊपर की तरफ पूरी ताक़त से खींचा। जिसका नतीजा ये निकला की प्राची की गांड पूरी तरह मेरे जांघ से सट गयी और मेरा पूरा का पूरा ७ इंच का लण्ड जड़ तक उसकी गांड में समा गया था। इस बार प्राची बहुत तेज चिल्लायी । मैने कभी ऐसा नहीं सोचा था की प्राची जैसी लड़की की कसी हुयी कुवारी गांड में सिर्फ २ शॉट में ही मेरा ७ इंच का लम्बा और २.५ इंच मोटा लण्ड चला जायेगा. ये सब मेरी माँ की कमीनेपन के कारण ही संभव हुआ था.
प्राची बहुत छटपटा रही थी। मै पीछे होकर अपना लण्ड निकालना चाहता था। पर माँ ने मुझे मना किया , मै भी फिर रुका रहा।
उसके १० मिनट बाद माँ ने मुझे कहा अब मार गांड इसकी ? मैंने वही किया करीब ३० मिनट की गांड पिलायी के बाद मैंने अपना पानी प्राची की गांड में छोड़ दिया।
प्राची की गांडफाड चुदाई के बाद मैंने उसे आराम देने का सोचा और माँ को इशारा करके कमरे से बाहर जाने को कहा। माँ बाहर चली गयी तब मैंने उसकी आँखों की पट्टी खोली
प्राची बोली " मामा बहुत दुःख रहा है "
मैंने कहा " थोड़ा आराम कर लो फिर दर्द कम हो जायेगा " वो फिर सो गयी और मै कमरे से बाहर आया जहाँ मेरी माँ मेरा इंतज़ार कर रही थी.
उनके चेहरे पर मुस्कुराहट थी, जैसे ही मैं उनके पास गया उन्होंने मेरा मुरझाया हुआ लण्ड पकड़ लिया. और उसे मसलते हुए बोली " कमसिन भांजी की गांड फाड़ आया ये "
मैंने कहा "आप ही के कारण हो पाया" मां मेरे लण्ड को मसलते हुए " सारा काम इस लण्ड ने किया और इल्जाम मुझ पर"
"मैंने तो पहले ही कहा था तेरे साथ कोई भी लड़की या औरत सेफ नहीं है, तू पक्का चोद देगा"
मैं "सब कुछ आप ही से सीखा है मां" वैसे मैं गांड मारता हूँ या मुँह ही चोदता हूँ ज़्यादातर क्यूँकि ये मुझे बेहद पसंद है ??
मां " मैंने तुझे शीतल प्राची को ठोकने के लिए कहा था क्या?"
हमारी बातचीत के बीच मां मेरे लण्ड को मसल रही थी जिससे वह धीरे धीरे कड़क हो रहा था जिसे देखकर मां होठों पर जीभ फिरते हुए बोली "यह तो फिर तैयार हो रहा है......कमसिन कुंवारी और टाइट गांड मारने के बाद मुझे लगा यह थक गया होगा"
मैंने कहा "इसे इनाम की जरूरत है"
मां तुरंत घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लण्ड के सुपाडे को अपने होठों से चुम लिया. उनके होंठों का स्पर्श पाते ही मेरा लण्ड और अकड़ने लगा. फिर मां ने मेरी तरफ मूक नजरों से देखा. मेरे चेहरे पर हवस भरी मुस्कान थी.
फिर क्या था उनका गरम मुंह खुला और मेरे लण्ड का टोपा उनके मुंह में चला गया और फिर वह रुकी नहीं और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मां मेरे लण्ड को चूसते समय बीच-बीच में मेरा पूरा लण्ड मुंह में गले तक ले लेती थी और अपने सर को आगे पीछे करके अपने गले की चुदाई करती थी. उन्हें पता है कि मुझे मुंह चुदाई कितनी पसंद है, इसलिए वह ऐसा कर रही थी.
20 मिनट तक माँ ने मेरे लण्ड को चूस चूस कर पूरा टाइट कर दिया था ।
मैंने मां को कपड़े निकालने का इशारा किया क्योंकि मैं तो पहले से ही नंगा था, माँ उठी और 1 मिनट के अंदर पूरी नंगी हो गई. क्योंकि मां ने ब्रा और पेंटी पहनी ही नहीं थी.
मैंने कहा " मां तुम्हारी भी गांड मारनी है मुझे" ?
मां बोली" हां माधरचोद मार ले अपनी मां की गांड" फिर हम लोग मां के कमरे में चले गए. वहां बिस्तर पर मां घोड़ी बन गई.
घोड़ी बनते ही मां ने कहा " आजा मेरे चोदू बेटा मार ले एक और गांड" मै माँ की गांड सहलाते हुए बोला " माँ गांड तो प्राची की बहुत ज्यादा टाइट थी..... मजा बहुत आया "
मां मुस्कुराते हुए बोली " टाइट तो है ही पर ये सोच ले सीमा (मेरी बहन) को पता चला कि तूने प्राची की गांड मारी है, तो उसका क्या रिएक्शन होगा?
मैंने अपना लण्ड मां की गांड की छेद पर रगड़ते हुए बोला " दीदी की परमिशन से ही मैंने प्राची की गांड मारी है" इतना सुनते ही मां चौक गई और मैंने अपना लण्ड उनकी गांड में घुसा दिया. ??
मां" आह्ह्ह्हह्ह......... क्या कहा तूने" ??
मैं झटके मारते हुए और उनकी गांड में लण्ड को और अंदर तक घुसाया और कहा " आपने सही सुना माँ दीदी ने ही मुझसे कहा था कि अगर प्राची मुझे गांड मारने दे तो मैं उसकी गांड मार सकता हूं" ?
मां" आह्ह्ह्हह्ह......... सच में.........आह्ह्ह्हह्ह......... सीमा ऐसा बोली"
मैंने कहा" ठीक है चलो उनके मुंह से ही सुना देता हूं" और फिर मैंने सीमा दीदी को फोन लगाया और फोन स्पीकर पर ऑन कर दिया.
दीदी " हेलो, मेरे चोदू भैया"
मैं "हेलो, मेरे चुड़क्कड़ दीदी"
हमारा यह संबोधन सुनकर मां के कान खड़े हो गए और गांड टाइट हो गई और वह मेरे लण्ड को बुरी दबाने लगी.
मैंने भी माँ की कमर पकड़कर झटके मारे और लण्ड को जड़ तक उनकी गांड में घुसा दिया.
तभी दीदी बोली " लगता है, तूने प्राची की गांड मार दी" मां अपने मुंह से दीदी की बात सुन रही थी.
मैं " दीदी, आपको कैसे पता चला"
दीदी" अगर तुने नहीं मारी होती तो अभी तू उसकी गांड मार रहा होता या मारने की कोशिश कर रहा होता... पर यहां तो मुझसे बातें कर रहा है.. इसका मतलब प्राची की गांड फटटट गई" ?
मैंने कहा "मान गए दीदी आपको.. आपका दिमाग बहुत तेज है"
दीदी " और तेरा लण्ड ठोकने में बहुत तेज है" और फिर हम दोनों हंसने लगे.
फिर मैंने दीदी से कहा " दीदी आपने मुझे प्राची की गांड क्यूँ मारने दी, शीतल की क्यों नहीं"
दीदी " उसकी तो तू पहले से मार चुका है"
अब चौकने की बारी मेरी थी. ?
मैं "क्या, आपको कैसे पता चला?"
दीदी " शीतल मोबाइल के लिए कई दिनों से जिद कर रही थी और उसके बर्थडे पर तूने उसे मोबाइल देने का वादा किया, वह भी तब , जब तुम दोनों एक घंटा के लिए छत पर रुक कर आए और जब तुम नीचे आए तो शीतल की चाल बदल चुकी थी.. दोनों पैर फैलाकर चल रही थी... जिसका साफ मतलब था शीतल ने मोबाइल के लिए अपनी टांगे तुम्हारे सामने खोलि और तुमने उस में लण्ड पेल दिया" ?
मैं "ओह्ह्ह्हह्ह.... तो आपको पता चल गया था"
दीदी " इतने सालों से चुद रहु हूँ.. इतना तो पता चलेगा ना.. मुझे तो यह भी पता है कि तेरा इतने से ही मन नहीं भरा था इसलिए तूने शीतल को अपने घर बुलाकर उसकी अच्छे से गांड भी ले ली ... वह जब घर आई थी उसकी हालत से पता चल रहा था , उसने अपना एक हाथ पीछे चुत्तडो पे रखा था और लँगड़ाते हुए चल रही थी जैसे किसी ने उसकी ज़बरदस्ती गांड मार ली हो । ?
मैं मुस्कराते हुए "अच्छा"
दीदी "इसलिए मैंने शीतल की बात नहीं कि तुझसे"
मैं मां की गांड मारते हुए " अब समझा.... पर जब आप जानती थी मैं शीतल को चोद चुका हूं फिर आपने प्राची के लिए मुझसे क्यों कहा"
दीदी " मुझे पता था कि तुझे उसकी भी गांड पसंद है"
मैं" आपको कैसे पता चला कि मुझे प्राची की भी गांड पसंद है"
दीदी " तू मेरे घर में मेरी बेटी को नींद में नंगी करके उसकी गांड पर लण्ड रगड़ेगा और मुझे पता भी नहीं चलेगा"
मैं"इसका मतलब आपने भी देखा था क्या"
दीदी" हां मैं तो यह देखने आई थी कि तू शीतल की कैसे चुदाई करेगा पर तू तो प्राची पर ही टूट पड़ा था.... तेरा मोटा लंबा लण्ड देखकर ही मैं उत्तेजित हो गई थी...."
मैं " अच्छा तभी आप मेरा इंतजार कर रही थी नंगी होकर"
दीदी" हां, मुझे भी तेरे मोटे तगड़े लण्ड को चखना था"
मैं " जब आप को सब पता है आप मुझसे बोली क्यों नहीं"
दीदी "क्योंकि तू नहीं बोल रहा था... तुझे क्या लगता है ? मुझे यह नहीं पता चलेगा तु नंगा ही मेरे कमरे में आया और नंगा ही चला गया । इसका मतलब तू मेरी बेटियों के साथ नंगा ही था । इतना तो मुझे पता चल ही जाएगा ना"
मैं "हूं.. तो आपने इस बात को नोटिस किया था ..दीदी.. आपका दिमाग बहुत तेज है"
दीदी" मेरे प्यारे भैया मैं तो यह भी जानती हूं कि आप मेरी और तुम्हारी मां को चोदते हो"
यह सुनकर तो मां बुरी तरह से चौक गई थी और थोड़ा हिल भी गई थी.
मैं " आप ये कैसे बोल सकती हो"
दीदी" तुम मेरी बेटियों को बेखौफ होकर बुरी तरह चोदते हो मां के रहते हुए । इसका तो साफ मतलब है की माँ तुम्हारे साथ हैं.... और माँ साथ तभी होंगी जब तुम उन्हें भी पूरी शिद्दत से चोदते हो “
मैं दीदी की बात सुनकर मां के चुत्तड पकड़ कर और जोर-जोर से उनकी गांड मारने लगा. माँ सिहर गयी और पीछे मेरी तरफ़ बड़ी बड़ी आँखे करके देखने लगी जैसे कह रही हो “ माँ के लोडे अब क्या गांड का भर्ता बनाएगा क्या ? “ पर दीदी की बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं था.
फिर दीदी ने ही बात को आगे बढ़ाया " मुझे तो यह भी पता है कि तू अपनी मां की गांड मार रहा है"
मैं" क्या" ????
दीदी "इतनी जोर से थप-थप की आवाज आ रही है... इसका मतलब किसी की गांड बुरी तरह मार रहा है.. ? प्राची की तो वापस से गांड मारेगा नहीं , छोटी गांड है दर्द हो रहा होगा.. तो दूसरी गांड वहां पर मां की की बचती है.. जिसे तू अपने मोटे तगड़े लण्ड से मार रहा है"
तभी मुझे याद आया कि मैंने मोबाइल तो बिस्तर पर ही रखा है और वह भी मां की गांड के नजदीक और फोन स्पीकर पर होने के कारण मां की चुदाई की आवाज (जब मैं पूरा लण्ड मां की गांड में घुसाता मेरी जाँघे उनकी गांड से टकराती जिससे थप थप की आवाज आती)और और मैं तो राजधानी दौड़ा रहा था ( मतलब एक सेकंड में लण्ड पूरा बाहर और दूसरे सेकंड में पूरा गांड के अंदर) जिसे दीदी ने साफ-साफ सुना.
दीदी " मुझे तो यह भी पता है कि तूने स्पीकर ऑन किया है और मां ने सारी बातें सुनी है" ????
फिर मैंने कहा " दीदी आप से चुदाई की कोई राज की बात छुपा ही नहीं सकता"
दीदी " और तुझसे कोई अपनी गांड बचा ही नहीं सकता" ??
फिर हम तीनों हंसने लगे इस बार माँ भी खुल कर हंस रही थी. ??? मुझसे गांड मरवाते मरवाते ?
फिर मैंने कहा " दीदी तुम शीतल को लेकर यहां आओ ना, मुझे - तुम्हें , मां को और शीतल को एक साथ एक ही बिस्तर पर चोदना है "
दीदी" वह ख्याल तो अच्छा है एक साथ तीनों पीढ़ियों को एक ही बिस्तर पर चोदना ... मैं तुम्हारे साथ हूं"
मैंने कहा "तो आ जाओ आज रात"
दीदी " ठीक है. आज की रात खूब रंगीन होगी जब मां और उसकी बेटी और उसकी बेटी की बेटी उसके ही बेटे से चुदेगी"
और फिर दीदी ने फोन काट दिया.
मैंने मन ही मन भगवान से प्रार्थना की भगवान सबको ऐसी मां और बहन मिले.
मैं अभी भी मां की गांड बजा रहा था. ? मां की गांड चुदाई को 30 मिनट पूरे हो गये और मेरा पानी भी छूटने लगा जिसे मैंने मां की गांड में ही छोड़ दिया ।