मां की गांड चुदाई के बाद मैं बहुत खुश था. यह खुशी मां की मोटी ,बड़ी, गोल गांड मारने से ज्यादा मुझे तीनों पीढ़ियों की गांड एक ही बिस्तर पर देखने को मिलेगी उसकी थी और बारी बारी से मैं तीनों की गांड में अपना मोटा लण्ड पेलुँगा।
मां मेरे चेहरे की खुशी देख कर बोली " मां बेटियों की चुदाई सोच कर खुश हो रहा है ना तू"
मैंने कहा "मां, तुम मुझे अच्छे से जानती हो"
मां " लेकिन प्राची का क्या करोगे वह बीच में आ गई तो"
मैं " तो उसे भी वही बिस्तर पर पेल देंगे"
"नहीं बेटा वह थोड़ी ना समझ लड़की है उसे अभी इन सबसे थोड़ा दूर ही रखो"
मैं" ठीक है, आप मुझे एक घंटा देना, मैं 1 घंटे में उसे अच्छे से सुला कर आऊंगा" माँ मेरे मुरझाये लण्ड को पकड़ कर बोली “ १ घण्टे में क्या बुर भी फाड़ेगा उसकी?” मैंने उनके नारियल जैसे चूँचियों को पकड़कर मसलते हुए बोला “ इसमे कोई शक है”
माँ “ प्यार से करना ,कमसिन क़ली है वो”
मैं “ मैं तो प्यार का पुजारी हूँ, अपनी माँ, बहन और उनकी बेटियों से बहुत प्यार करता हूँ” इतना कहकर मैंने माँ के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनके होंठों का रस पीने लगा वो भी मेरा पुरा साथ दे रही थी ।
5 मिनट की किसिंग के बाद मां के पेट में मेरा लण्ड चुभने लगा. मां समझ गई और तुरंत मुझे पीछे धकेलते हुए बोली " बस कर अभी बहुत काम है, तेरा दूसरा राउंड अब रात को ही होगा"
मैंने मां को छोड़ दिया और उन्हें काम करने दिया. धीरे-धीरे शाम हो गई पर मुझे तो रात का इंतजार था. तभी मेरे मोबाइल पर मैसेज की रिंगटोन बजी. मैंने फोन उठाया तो शीतल का व्हाट्सएप मैसेज आया था.
शीतल का मैसेज " मामा, मैंने और मम्मी ने स्पेशल अंडर गारमेंट लिए हैं, आज रात के लिए"
मैंने मैसेज किया" कैसा है, जरा फोटो भेजो"
शीतल का मैसेज " अभी भेजती हूँ, मामा"
शीतल का दुसरा मैसेज "2 मिनट मम्मी ट्राई कर रही हैं फोटो देख कर बताना कैसी लग रही है"
इस 2 मिनट में मैं सीमा दीदी को सेक्सी ब्रा और पेंटी में इमेजिंन करने लगा.
2 मिनट के अंदर ही शीतल ने एक फोटो भेज दिया, फोटो मेरे काल्पनिक धारणाओं से भी अधिक कामुक निकला. दीदी बिस्तर पर डॉगी स्टाइल में बैठी थी और उन्होंने जो पेंटी पहनी थी उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़............. उनकी पेंटी पीछे से इलास्टिक के पास 4 इंच जितनी चौड़ी थी जो नीचे आते आते जब उनकी गांड की दरार को पहुंची तब सिर्फ एक नाड़े के रस्सी जितनी चौड़ी थी । पूरी की पूरी गांड के दरार के अंदर से गुजर रही थी ।जो इतनी पतली थी की गांड के छेद को भी पूरा नहीं ढक पा रही थी, चूत के पास आकर वह पेंटी थोड़ी चौड़ी हो गई थी, जो बड़ी मुश्किल से चूत के दोनों फांको अपने में समेट पा रही थी.
फिर शीतल का मैसेज आया " कैसी लगी मम्मी की पेंटी"
मैंने बहुत सारे इमोजिस भेज दिए ??????????
शीतल का एक और मैसेज आया " 5 मिनट रुको मामा, मैं अपनी अंडर गारमेंट भी आपको दिखा दूं पहनकर"
सीमा दीदी का सेक्सी अवतार देखकर मैं तो पागल हो गया था. मैं यह सोच रहा था शीतल का कहर कैसा होगा. मेरा इंतजार बढ़ते जा रहा था पर 3 मिनट के बाद ही शीतल ने मुझे फोटो भेज दिया. शीतल की तस्वीरो ने तो मेरी कामोत्तेजना को और ज़्यादा बढ़ा दिया। उसने तो अपनी माँ से भी पतली रस्सी जैसी पेंटी पहनी थी जो उसके चुत के दोनों फाको के बिच से गुजरते हुए गांड के दरार में जा रही थी उसने जो ब्रा पहनी थी वो तो उसके निप्पल भी नहीं ढक रहा था । वो गजब की सेक्सी दिख रही थी।
शीतल के सेक्स अवतार को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया. और मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही ख्याल आ रहा था. हर घर की औरतें चाहे वह मां हो, बुआ हो, मौसी हो, दादी हो, नानी हो, बहन हो, बेटी हो, भांजी हो या भतीजी हो सबको सिर्फ ऐसे ही ब्रा पेंटी में घर पर रहना चाहिए और घर के मर्दों का मनोरंजन करना चाहिए.
शीतल के मैसेज का हर्जाना मेरी मां को भरना पड़ा. मां किचन में चाय और नाश्ता बना रही थी. मैंने मां को पीछे से जाकर पकड़ लिया और उनकी चूचियां दबाने लगा. मां अपनी गांड की दरार में मेरे मोटे लण्ड को महसूस कर रही थी. मां बोली " यह अचानक से तुझे क्या हो गया है" मैं बोला " पहले गांड खोलो फिर बताता हूं" मां ने कहा" तू बेडरूम में चल मैं वहां किचन का काम खत्म करके आती हूं" पर मुझ पर तो चुदाई का भूत सवार था मैंने मां की नाइटी ऊपर उठाई और आपको तो पता है ना अब मां घर में पेंटी नहीं पहनती. इसलिए मां की नंगी गांड मेरे सामने थी. मां समझ गई की मैं अब मानने वाला नहीं इसलिए उन्होंने पहले गैस का चूल्हा बंद किया फिर अपने पैर फैलाये और मैंने अपना मोटा लण्ड उनकी गांड में पेल दिया. मैं वही किचन में मां की धुआंदार चुदाई करने लगा. मां की हालत खराब होने लगी थी, और मैं पूरे जोश में मां की गांड का भरता बना रहा था.मां का पूरा शरीर मेरे झटकों से हिल रहा था.