Baap ke hote huye maa ko apni randi banana bajot hi uttejna bhar deta hai laude meiपार्ट ५ - मेरा और माँ का हनीमून
माँ की चुत रेडी थी. माँ का बदन रेडी था. माँ रेडी थी. मेरा लंड रेडी था. और इधर सारा होटल भी देखने के लिए रेडी था. बस रेडी नहीं था कोई तो वो तो मेरा बाप. मेरे बाप ने मुझे कॉल करना शुरू कर दिया. इधर सब अपने अपने लंड हाथ में ले कर मुठ भी मार रहे थे. मैंने देखा एक को तो. पर ये साला फ़ोन क्यों कर रहा है? मुझे नहीं पसंद आया. एक तरफ बाप से ये रंडी मिली थी और एक तरफ ये मजा था. पर फिर मैं यहाँ पिघल गया. माँ की गांड देख कर मैंने माँ को गांड पर एक चाटा मारा
मैं: आता हु तेरे पति का कॉल है.
माँ: अरे बाद में देख लेना समीर प्लीज
माँ को तड़पता हुआ देख कर मैंने यही सही माना के माँ को तड़पाना ही सही रहेगा. जितना तड़पती है वो और भी खुलती जाती है.
मैं: हां पापा बोलो
पापा: क्या बेटा मजा आ रहा है?
मैं: आते आते रह गया पापा
पापा: ऐसा क्या? क्यों क्या हुआ?
मैं: पापा अभी अभी माँ को कुतिया बनाया और पीछे से चुत में डालने ही जा रहा था के आपने कॉल कर दिया
पापा: अरे बेटा सॉरी मुझे नहीं पता था पहले माँ की चुत मार लो फिर बात करेंगे। बस सब टाइम पर हो गया न यही पूछने के लिए फ़ोन किया था. चोद के फ़ोन करना वापस.
और पापा ने फ़ोन रख दिया. पापा का ये भी सही है. पापा को कोई प्रॉब्लम नहीं है. पर क्या करे वापस लंड ठंडा होने को आ गया पर माँ की गांड को देखा माँ को अभी भी कुतिया बन कर देखा. तो फिर मुझे वापस जोश चढ़ा. और फिर मैंने माँ को और एक बार गांड पर चाटा मारा.
माँ: आअह समीर प्लीज ठोक दो अब तो
मैंने इधर स्टाफ और मैनेजर को भी देखा। सब के सामने यही था के बस अब वेट मत कर और चोद दो. अगर कोई कम्पटीशन चल रही होती तो पक्का सब समीर समीर चिल्लाते। मैं धीरे से निचे बैठा माँ की गांड को थोड़ा ऊपर कर के लंड की लेवल पर एडजस्ट किया और फिर चुत पर लंड का टोपा रख कर चुत को चीरते हुए पुरे लंड को अंदर गहराई तक उतार दिया.
माँ के मुँह से एक लम्बी सी आह निकली जो ऐसी थी मानो वो चुत से जड़ चुकी हो. शांति वाला आह सुनाई दिया. और फिर मैंने अपना काम शुरू कर दिया माँ को चोदना। मैं माँ की गांड को उठा उठा कर स्विमिंग पूल के किनारे माँ को ठोके जा रहा था. मैंने ये नहीं नहीं देखा के मेरी और माँ का प्रजनन सब लोग देख रहे है. मैं माँ की चुदाई में लीन था और माँ चुदवाने में. जितना चोदता गया उतना गहराई नापते नापते मैंने माँ को गांड पर जोर जोर से मारना शुरु कर दिया था.
धीरे धीरे मेरे हाथ के निशान माँ की गांड पर पड़ने लगे कितना हैवान हो कर माँ को मैं चोद रहा था. इधर थोड़ा आजु बाजु देखा तो सब लोग मुठिया रहे थे और एक के बाद एक मुठ मार मार कर खड़े हो कर चले जा रहे थे. सब को लाइव पोर्न दिखाया मैंने. किसी को मुझे देखने में इंटरस्ट तो था ही नहीं. माँ के जुलते मम्मे हो आह की आवाज हो और सारे मर्द हो तो कौन मुझे देखना चाहेगा?
एक के बाद एक जब सब खाली हो गए चले गए. माँ भी २-३ बार जड़ गई और फिर मेरी बारी थी जड़ने की. मुझे इस बार माल निकालने में देर भी लगी और लंड के पीछे के हिस्से में मतलब लंड जहा से शुरू होता है वहा थोड़ा दर्द भी होने लगा था. पर मजा इतना आ रहा था के मैंने वो दर्द को याद ही नहीं किया और पेलता ही रहा. और फिर आखिर कार मैं भी जड़ गया माँ की चुत में. अभी बहुत कम माल निकला. पहले की कम्पेरिज़न में. जो समझ सके वैसी बात है. मैंने पच्च कर के लंड निकाला बाहर और फिर वही गद्दे पर निढाल हो गया. माँ ने अच्छी रंडी का फर्ज अदा करते हुए मेरे लंड को चाटचाट कर साफ़ कर दिया. और फिर मेरे पास ही आ कर खुले आसमान के निचे सब के सामने ही नंगी सो गई.
पर एक बहुत ही बड़ा कमीना विचार मुझे आया. मैंने माँ के बालो को हटाते हुए और होठो पर एक किस करते हुए पूछा
मैं: एक मस्त काम करोगी?
माँ: तेरे लिए तो सब कुछ करूंगी बोलो क्या करना है?
मैं: सब इधर माल गिरा कर गए है
माँ: लो तो क्या अब सब चाट कर साफ करू?
मैं: तेरा तो फेवरिट काम है!
माँ: मैंने जमीं से कभी किसी का माल चाट कर साफ नहीं किया. तेरा माल ही पहली बार चाट कर साफ़ किया है. मैं किसी और का माल तो जमीं से नहीं ही चाट कर साफ करुँगी
मेरे में ना अब इतनी ताकत नहीं थी के मैं इस बात के लिए माँ को राजी करू. क्योंकि अब मुझे सच में आराम चाहिए था और दूसरे दिन माँ को मुझे बाहर ले कर जाना था घूमने। और हां मैं ये मजाक नहीं कर रहा था। माँ को नंगी ही ले कर जाऊंगा. माँ को ये हनीमून में मैं कपडे तो पहनने नहीं ही दूंगा. चाहे कुछ भी हो. और मैं यही सब सोचते सोचते वहीँ सो गया. रात को मेरी नींद खुली तो माँ इधर ही मुझे मेरी बाहो में लपेट कर मिली पर ठण्ड थोड़ी बढ़ती जा रही थी तो सोचा के अब रूम में चले जाये. तो मैंने माँ को उठाया और फिर माँ को ले कर अंदर रूम में चला गया. हनीमून वाले में. और फिर अच्छे से सो ही गया. इधर भी माँ मुझे एकदम से लपेट कर सो गई.
अब दूसरे दिन मेरी नींद खुली करीब सुबह के १० बजे. मुझे माँ मेरे बाहो में नहीं मिली. पर बाथरूम में शावर की आवाज़ आई तो सोचा के मां नहाने गई होगी. इधर मुझे याद आया के मैं पापा को तो फ़ोन करना भूल ही गया था. तो मैंने पापा को फ़ोन लगाया.
मैं: हां पापा बोलो कल मैं भूल ही गया
पापा: वैसे रात का टाइम था तो जाहिर सी बात है के मुझे ही फ़ोन नहीं करना चाहिए था. पर सब ठीक रहा?
मैं: हां पापा सब ठीक रहा माँ को चोद रहा हु अच्छे से
पापा: सही है किधर है राधा रानी
मैं: नहाने गई है
पापा: तो तू बाहर क्या कर रहा है?
मैं: पापा मैं उठु उससे पहले वो नहाने चली गई.
पापा: गलत बात है तुजे तो साथ में रगड़ रगड़ कर नहलाना चाहिए उसे हनीमून में तो दो बदन अलग नहीं ही होने चाहिए
मैं: पापा बोलो काम क्या था
पापा: बेटा मैं गोवा आ रहा हु काम के सिलसिले में पर मैं नहीं चाहता के तुजे अचानक पता चले और ऐसा लगे के मैं तुम्हारा पीछा कर रहा हु. जब के ये तेरा और तेरी माँ का हनीमून है. पर मुझे वहा एक मीटिंग अटेंड करनी ही है तो मैं इधर ही होऊंगा. मैं मिलने भी नहीं आने वाला. पर बता देना अच्छा है
मैं: कब आ रहे हो?
पापा: मैं आ रहा हु २ दिन के बाद.
मैं: मैं सोच के बताता हु
पापा: क्या सोच के बताता हु?
मैं: के हम मिले के न मिले
पापा: वो तो मैं डिस्टर्ब नहीं ही करना चाहता पर अगर बाद में पता चलेगा तो तुजे या तेरी मम्मी को प्राइवेसी को ले कर प्रॉब्लम हो सकता है ऐसा लगेगा. बेटर है मैं पहले बता ही दू तुजे
मैं: हां कोई बात नहीं मिल लेंगे ऐसा लगेगा तो
पापा: ओके वो तुम्हारे ऊपर है. बाकि मुझे डिस्टर्ब करने का मन ही नहीं है. देखना मैंने तेरी माँ को एक मैसेज या कॉल तक नहीं किया. नाउ यू आर थे में ऑफ़ माय वाइफ एंड योर मोम एट थिस मोमेंट। सो एन्जॉय
मैं: पापा मम्मी बहार आये नाहा कर तो करवाता हु बात
पापा बोल रहे थे ये वो पर यार माँ भी इतना दिन तड़पी है. पापा भी तो किसी को नहीं ही चोदे होंगे. अब पापा की रेस्पेक्ट करना इतना तो बनता है। बीवी है उसकी. हां कण्ट्रोल मेरा रहेगा. पर ठीक है बात करवा देंगे. और ना अगर इधर गोवा में आएंगे तो भी साफ साफ बोल दूंगा के ये मेरा हनीमून है और यहाँ मेरा ही चलेगा और किसी का नहीं. आगे जा कर मुझे पापा के साथ ये क्लियर सेग्रिगेशन बनाना ही पड़ेगा के जब माँ मेरे बिस्तर पर हो मेरी ही रहेगी. और जब उसके बिस्तर पर हो तो उसकी ही रहेगी. माँ को पकहने की जरुरत नहीं है. क्योंकि माँ तो वैसे भी लंड की भूखी रहती है. कोई भी रखे अपने पास. तभी मम्मी टॉवल लपेटे आई मेरे पास बाथरूम से निकल कर. माँ ने अपना बदन अच्छे से पोछा भी नहीं था.
माँ: किस से बात कर रहा था?
मैं: तेरे पति से
माँ: हाहाहाहा तेरे बाप से बोलने में शर्म आती है क्या?
मैं: नहीं शर्म नहीं पर तेरे साथ ऐसे बात करने में और मजा आता है.
माँ: अच्छा जी
मैं: जी हां.
माँ: अच्छा तो क्या बोल रहे थे मेरे पति?
मैं: बेचारे को चोदना है तुम्हे
माँ: हां बिचारे ने भी बहुत बलिदान दिया है
मैं: हां वो तो है देखते है २ दिन बाद गोवा काम के सिलसिले आ रहा है तेरा पति
माँ: अच्छा कोई बात नहीं पर अभी तो मैं तेरे साथ हनीमून में हु तो जो तू कहेगा वही किया जायेगा। उसे तो अपने दोस्तों की बीवी भी चाहे तो मिल जाएगी. पर मेरे राजा बेटे के पास फ़िलहाल अभी मैं अकेली ही तो हु
मैं: देखो माँ एक बात मुझे साफ साफ क्लियर करनी है
माँ: हां बोलो न बेटा
मैं: पहले तो तुम टॉवल निकल दो. नंगी हो कर बैठा करो मेरे पास
माँ: अरे हां बेटा क्यों क्या हुआ? मैं ये बस पोछ रही थी न इसीलिए
मैं: नहीं तुम गीली अच्छी लगती हो अपने आप सुखो
माँ: हां ओके बेटा क्या हुआ?
मैं: माँ देखो ये प्रॉब्लम होने ही वाला है आगे जा कर.
माँ: कौन सा प्रॉब्लम
मैं: माँ देखो पापा भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकते है और मैं भी अब नहीं रह सकता तुम्हारे बिना। पर पापा भी तुजे चोदना चाहेंगे और मुझे भी चोदना होगा. फिर मैं अब तो कॉलेज में आऊंगा और मुझे तुम्हारे अलावा और कोई गर्लफ्रेंड नहीं चाहिए. तो फिर तुम्हे हमारे दोनों के बिच में एक अच्छा स्टैंड लेना पड़ेगा
माँ: अरे मेरा बेटा इतना प्यार करने लगा मेरे से? देखो एक काम करते है मैंने ये क्लब में बहुत अप्लाई किया हुआ है. हम लोग सिक्का उछाल कर फैसला लेंगे. हर रोज. के आज मैं किसकी होउंगी. सिक्का हमारी किस्मत तय करेगा.
मैं: नहीं माँ रोज रोज नहीं कर सकते हम जो करेंगे वो पुरे विक के लिए करेंगे. हर संडे को शाम को हम सिक्का उछालेंगे के संडे मिडनाइट से तुम किस की बाहो में रहोगी.
माँ: हां बेटा हम वही करेंगे. बस? अब हम हनीमून में है तो अब तुम रिलैक्स रहो और मेरे पति ने तुजे डिस्टर्ब किया न तो फिर तुम जो बोलोगे वैसा ही आज करेंगे. बोलो मुझे क्या सजा मिलेगी?
मैं: माँ मैं यही चाहता हु अभी भी के हम गोवा बाइक में जायेंगे और तुम मेरे साथ नंगी ही घूमोगी
माँ ने बहुत ही लम्बे वक़्त तक रुकी पहले तो जवाब देने से पहले तो मैंने फिर से पूछा
मैं: माँ क्या मेरा इतना हक़ नहीं बनता तुजे गोवा में मेरे हिसाब से घुमाने का? क्या ही फरक पड़ जायेगा? प्लीज?
माँ मेरे सामने देखती रही और फिर बोली
माँ: ओके ठीक है तू जैसा चाहेगा वैसे ही होगा
मैं: माँ तुम को पसंद है के नहीं?
माँ: बेटा मेरा बदन अच्छा है तो मुझे किसी को दिखाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है. पर बस डर लग रहा है एक फिर कोई फोटो खींच ले कोई वीडियो बना ले
मैं: माँ कौन से अच्छे अच्छे प्रसिद्द कलाकार ने स्कैंडल निकले है और वो आज भी याद है आज लोगो को?
माँ: हम्म्म
मैं: तुम अपने बदन को दिखाओ मस्त हो कर और मैं तेरे बदन का मजा उठाऊंगा। आज अगर तुमने मुझे खुश कर दीया. तो गोवा में ही मैं और पापा दोनों मिल कर तुजे छोड़ेंगे. सोच लो!
माँ: मुझे तेरे पापा का भी डर लग रहा है के वो भी बोलेंगे के ऐसे नंगी घूमी मैं एन्ड आल.
मैं: जब हो ही जायेगा तो फिर क्या ही कर सकता है तेरा पति मेरी रंडी साली मादरचोद
और माँ मुस्कुरा दी. मैं और माँ ने एकदूसरे को हग किया मैंने माँ को किस किया और फिर बाथरूम में फ्रेश होने चला गया