६।
मेरा खून खोल रहा था, साला एक सब्ज़ीवाला मेरी माँ चोद के चला गया, और मैं, मैं भी तो उस खातून को चोद रहा था, लेकिन मुझे काफी ठगा ठगा सा महसूस हो रहा था, मेरी प्यारी अम्मी, जिन्होंने मेरा इतना ख्याल रखा, वो ऐसी हरकत कर रही हैं, और वो भी सब के चेहरे पे पर्दा दाल कर,
'रेहान रेहान बेटा'
'हाँ अम्मी' मैं उठ के अम्मी के पास जाता हूँ, और मेरा नज़र सीधे उनके सरीर पे लग जाती हैं, वह क्या काया है, क्या मम्मी, है अलह क्या सोंच रहा हूँ मैं, अपनी ही अम्मी के बारे में, मेरी अम्मी खाना पका रही थी, और मेरा मन उनके गांड को देख किया की, जेक उन्हें भींच दूँ, मेरा लुंड कड़क हो गया और मैं बहुत मुश्किल से अपना लुंड पे काबू कर रखा था,
'बेटा ज़रा बाजार से दूध ले आ , ख़तम हो गए हैं' दूध सुनते हि मेरा नज़र मेरी अम्मी के मम्मो पे जाता है, अम्मी आप कहां तो यहीं दूध का इंतजाम कर दूँ, मैं ये अपने मन में कहता हूँ ,
'अच्छा अम्मी ' और बाजार के और मैं निकल गया, मेरी खयालो में मेरी अम्मी घूम रही थी, और न चाहते हुए कल रात का वो कंडोम जो उस सब्ज़ीवाले ने मेरे ही अम्मी पे इस्तेमाल किया था, अगर वो साला सब्ज़ीवाला मिल जाये तो टेटुआ दबा दूंगा, मादरचोद , जैसी ही मैं ये अपने मन में बोलता हूँ, मुझे वही सब्ज़ी वाला बाजार में कुछ कहते हुए दिख जाता है, और मैं दौड़ के उसके पास पहुंच जाता हूँ,
एक झटके में मैं उसका प्लेट पलट के उसका शर्ट पकड़ लेता हूँ, वो मुझसे छोटा था ऊंचाई में , और मैं उसके अंगुली के बल खड़ा कर देता हूँ,
'हरामज़ादा साला' और मैं उस सब्ज़ीवाले के मुँह पे एक घूंसा मर देता हूँ, और वो वहीँ गिर जाता है, उसके नाक से बुरी तरह से खून निकलने लगा था, लेकिन मैं उसका बाल पकड़ के उसे मरने लगता हूँ,
'मादरचोद मैंने तुझे दोस्त समझा और तू ने ये किया ' और वहा के लोग मुझे पकड़ लेते हैं,
'बेटा गरीब लड़का हैं, क्या कर दिया है इसने , मर जायेगा ' और लोग मुझे पीछे करने लगते हैं, और वो सब्ज़ी वाला बेहोश हो चूका था, लेकिन मेरे अंदर क गुस्सा काम नहीं हुआ था, लेकिन लोगो की वजह से मैं वह से चला गया, और लोगो के काफी पूछने के बाद भी नहीं बताया की आखिर इसने क्या किया हैं, मैं ये थोड़े बोल सकता था की इस मादरचोद ने मेरी अम्मी को ही अपने लुंड पे नचा दिया,
मैं उसके बाद दूध लेके घर पहुँच जाता हूँ, फिर मेरी नजर मेरी अम्मी पे जाती है, और मेरा लुंड खड़ा होने लगता है,
'रेहान तुम्हारे सरीर पे इतना धुल क्यों लगा हुआ है, बाल बिखरे हुए है, गिर गया था क्या '
'हाँ अम्मी' और मैं अपना लण्ड दबाके अपने कमरे में चला जाता हूँ , मेरे अंदर काफी गुस्सा था , खासकर मेरी अम्मी के बारे में, मुझे समझ में नहीं आ रहा था की आखिर अम्मी ऐसा क्यों कर रही है, आखिर वो अब्बू को धोखा क्यों दे रही है, लेकिन मैं असलियत अच्छे से जनता था, आखिर मेरी अम्मी ऐसा क्यों कर रही है,
मैं अपनी अम्मी पे हमेशा नजर रखने लगा, लेकिन उस रात के बाद मैंने अपनी अम्मी को कभी भी किसी काली करतूत में नहीं पकड़ा, मैंने घर में एक छिपा के कैमरा भी लगाया पकड़ने के लिए और ना उस सब्ज़ी वाले का कोई अता पता लगा, मैं अपनी अम्मी का हवस पडोसी आयेशा पे निकल रहा था,
मेरी अम्मी ने दुबारा ऐसा कोई हरकत नहीं किया तो मुझे लगने लगा की सायद अब्बू से बदला का दौड़ सायद ख़तम हो गया है, क्युकी अम्मी वापस जाने के लिए भी राज़ी हो गयी, और मैं अम्मी के साथ वापस अब्बू के यहाँ आ गया.
और वहां कड़ी थी मेरे अब्बू की नयी बीबी, जिसे देखते ही मेरी अम्मी चिढ गयी, और मैं चकित रह गया, ये वही खातून थी कार वाली.. ....