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Adultery खूबसूरत डकैत (Completed)

ruby mittal

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Bahut hi kamuk scene
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शाम रात में बदलने लगी थी और हवेली में एक सन्नाटा छा गया था ,
रणधीर मोंगरा के कमरे की ओर जा रहा था लेकिन कुछ आवाजो ने उसे खिड़की के पास ही रोक दिया ..
खिड़की पूरी तरह से बंद नही थी और आवाजे साफ थी …
रणधीर ने हल्के से धक्का लगाया और खिड़की खुलती गई ..
अंदर का नजारा देख कर रणधीर के दिल में एक जोर का झटका लगा……..।
अंदर मोंगरा उसी कपड़ो में लेटी थी जिसमे वो आज उसके साथ थी ,और बलवीर उसके बिल्कुल ही बाजू में सोया हुआ था,
बलवीर ऊपर से नंगा था उसके चौड़े सीने में उगे हुए घने बाल उसकी मर्दानगी बता रहे थे जिससे मोंगरा खेल रही थी ,
मजबूत लोहे सा जिस्म था,अपनी जवानी के पूरे शबाब में दोनो ही काम के साक्षात पुतले लग रहे थे..
मोंगरा की आंखों में मदहोशी थी जो साफ साग बता रही थी की उसके मनोदशा इस समय क्या होगी ..
उसकी साड़ी का पल्लू बिस्तर से नीचे लटक रहा था और ब्लाउज के कुछ बटन खुले हुए थे,पसीने उसके गले से उतर रहा था,सांसे तेज थी ,चहरे की लालिमा बढ़ी हुई और आंखों में मदहोशी..
मोंगरा ने अपने होठो को बलवीर के छतियो में लगा दिया,वो उसे बड़े ही प्यार से चूम रही थी,बलवीर ने अपनी मजबूत भुजा से उसे कस लिया मोंगरा जैसी धाकड़ लड़की की भी आह निकल गई ..
“तुम्हे नही पता की आज मैं कितना जला हु तुम्हारे लिए तुम्हे किसी और के बांहो में देखने से बड़ी सजा क्या हो सकती है ..”
मोंगरा ने आंखे उठाकर उन मासूम आंखों को देखा जो उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थे ..
और ऊपर उठाकर उसके होठो में अपने होठो को मिला दिया ,
रणधीर के दिल में जैसे खंजर चल गया हो..वो दर्द से तिलमिला उठा..
“मैं किसी के साथ भी रहु लेकिन रहूंगी तुम्हारी ही मेरी जान ,आज मेरा कौमार्य तुम्हारे हाथो से टूटेगा,ये अधिकार मैं तुम्हे ही दे सकती हु .तुम्ही सच्चे मर्द हो ...”
रणधीर को रोना ही आ गया ,लेकिन वो अब और भी विस्मय में था क्योकि जब मोंगरा ने जब ये कहा की तुम्ही सच्चे मर्द हो तो वो खिड़की की ओर देख कर मुस्कुराई ..
रणधीर को इस बात पर विस्वास ही नही हो रहा था की मोंगरा ये जानते हुए भी बलवीर की बांहो में थी की वो उसे देख रहा है ..
मोंगरा की कातिलाना अदा बिना किसी हथियार के भी किसी को मारने को काफी थी ,रणधीर को ये अपने आंखों का धोखा ही लगा..
मोंगरा बलवीर को उकसा चुकी थी और बलवीर ने उसे अपने नीचे डाल लिया,वो जानवरो सा उसके ऊपर टूट पड़ा..
एक ही झटके में उसके सीने को ब्लाउज से आजद कर दिया ,और उसकी साड़ी निकाल फेंकी..
मोंगरा अब बस एक पेटीकोट में थी और बलवीर के विशाल शरीर के नीचे मचल रही थी ,
“मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु मोंगरा ,तुम मेरी हो मेरी हो …”
बलवीर उसके पूरे चहरे को चूमने लगा,
मोंगरा का हाथ ऊपर था जिसे बलवीर के मजबूत हाथो में थाम रखा था,वो उसके उरोजों को चूमे जा रहा था,उसका दूध पीने की पूरी जिद में था,
मोंगरा की सिसकियां बढ़ते ही जा रही थी ,
बलवीर उठा और उसने अपने नीचे के वस्त्रों को निकाल फेका,उसके नाग की फुंकार ने रणधीर को भी डरा दिया था,उसकी आंखे और भी फट गई थी,मोंगरा भी उसे बिना पलक झपकाए देख रही थी ..
“तुम सच में सच्चे मर्द हो बलवीर “
मोंगरा ने उसके लिंग को हाथो से भरा और अपनी ओर खिंच लिया ,बलवीर की कमर अब लेटी हुई मोंगरा के होठो के पास थी बलवीर की आंखे बंद थी ,मोंगरा एक बार फिर खिड़की की ओर देखते हुए मुस्कुराई और खिड़की की ओर देखते हुए ही होले से बलवीर के ताजे लिंग को अपने होठो से सहलाकर अपने मुह में ले लिया,बलवीर मानो सुख के सातवे आसमान में पहुच चुका था…
“आह मेरी मोंगरा “उसका हाथो मोंगरा के सर पर अपने ही आप आ चुका था,मोंगरा भी अब खिड़की को देखना बंद कर चुकी थी उसकी आंखे भी बंद हो चुकी थी वो इतनी तन्मयता से बलवीर का लिंग चूस रही थी मानो समय रुक गया हो और मोंगरा के पूरे प्राण उसी एक काम में लग गए हो …
बलवीर का गीला लिंग अब और भी चमक रहा था,मोंगरा ने अपने पेटीकोट का नाडा खुद ही खोल दिया .अंदर बालो से ढकी हुई योनि को देखकर बलवीर उसपर ही टूट पड़ा,उसके होठ मोंगरा के योनि को पूरी तरह से सहला रहे थे…
“आह आह मैं मर जाऊंगी बलवीर आह ..मेरी जान “
मोंगरा की सिसकियां बढ़ने लगी थी ,थोड़ी ही देर में उसका बदन अकड़ा और वो निढल होकर गिर गई …….
कुछ देर उसकी आंखे बंद ही रही लेकिन फिर बलवीर के उंगली के योनि में घुसने के आभस से उसने आंखे खोली उसके होठो में मुस्कुराहट थी उसने फिर से खिड़की की ओर देखा ..
बेचारा रणधीर अपने प्यार को किसी और के हाथो लूटते हुए देख रहा था,लेकिन उसके लिंग ने जैसे बगावत करार दी थी वो झुकने का नाम ही नही ले रहा था,लिंग अपने पूरे शबाब पर था,उसकी अकड़ से रणधीर को दर्द तक होने लगा था,उसने अपने कपड़े के कैद से उसे आजद कर दिया और अपने हाथो में भरकर उसे सहलाने लगा…….
इधर बलवीर ने अपनी थूक मोंगरा की योनि को गीला कर दिया था,वो एक उंगली आसानी से अंदर बाहर कर रहा था,लेकिन अब भी उसमे इतनी जगह नही थी की उसका मूसल उस छोटी सी छेद में जा सके ,वो और थूक का सहारा ले रहा था,जब उसे लगा की ये भी काफी नही होगा वो घी ले आया और अपनी उंगलियों में लगाकर अच्छे से योनि में जगह बनाने लगा,मोंगा दर्द और मजे के सामूहिक सम्मेलन से मदहोशी और दर्द से भरी हुई सिसकियां ले रही थी ..
बलवीर अब उसके ऊपर छा गया था और अपने लिंग को घी से भिगो चुका था,चमकता हुआ उसका लिंग मोंगरा के योनि के द्वार को खोलने को तैयार था,पहले उसने योनि में हल्के हल्के ही लिंग को सहलाया और आराम से अंदर करने लगा…..
“आह बलवीर नही ही……..”
मोंगरा की चीख सी गूंज गई जो जल्द ही बलवीर के मुह में दब गई ,वो उसके होठो को अपने होठो में भर चुका था,लिंग अंदर जाता गया और मोंगरा मानो बेहोश होते गई लेकिन बलवीर उसे प्यार से सहला रहा था,मोंगरा ने आंखे खोली और बलवीर के होठो में अपने होठो को भर लिया ,दोनो ही मदहोशी में एक दूसरे को चूम रहे थे,बलवीर भी धीरे धीरे धक्के को बड़ा था रहा ,दोनो का ही पहली बार था दोनो ही एक दूसरे के प्यार में गुम हो रहे थे,
मोंगरा ऐसे खो गई जैसे दुनिया अब उसके लिए खत्म हो गई हो ,धक्के तेज होते गए और मोंगरा और बलवीर के मुह से निकलने वाली आवाजे भी ……..
तूफान जब शांत हुआ दोनो ही पसीने से पूरी तरह से भीग चुके थे और बलवीर ने अपना पूरा दम मोंगरा की कोख में छोड़ दिया था……
और रणधीर ने दीवार पर ……
रणधीर ने जब खुद को देखा तो वो अपनी ही स्तिथि पर शर्म और ग्लानि से भर गया,वो दौड़ाता हुआ भागा,वही मोंगरा और बलवीर अपने ख्वाबो की दुनिया में मस्त एक दूसरे से लिपटे हुए पड़े थे..
 
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ruby mittal

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Gazabbbb twistttt
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हम दोनों बाहर ही थे की चंपा की आवाज आयी ..

“अब आप लोग अंदर आ जाइये रात बहुत हो गई है “

तिवारी हमसे बिदा लेकर अपने घर जा चुका था..

और मैं अब चंपा की बांहों में था…

“तुमने मुझे कभी बताया नही की तुम शहर में रहती थी “

“हा मेरी पढ़ाई वही हुई थी ,ठाकुर से बचने के लिए बाबूजी ने मुझे शहर भेज दिया था,लेकिन जब बाबूजी को ठाकुर ने मार दिया और मोंगरा और बलवीर वापस आ गए तो मेरा शहर में रहना भी दुर्भर हो गया...ठाकुर के आदमी हमे सभी जगह तलाश कर रहे थे,वो तो मुझे भी मार ही देते लेकिन तुमने मुझे बचा लिया “

चंपा की बात सुनकर मैं थोड़ा चौक गया ..

“क्या??क्या कहा की मैंने बचा लिया “

इस बार चंपा मुस्कुराई

“ठाकुर को पता था की मैं किसी जंगल के सरदार के पास नही बल्कि शहर में रहती हु और अपनी पढ़ाई कर रही हु,मैं भावना(कनक की बेटी) के ही कालेज में थी,इधर चंपा का आतंक फैल रहा था और वही ठाकुर को मेरी कोई सुध नही थी की कालिया की कोई दूसरी बेटी भी है ,मैंने मुम्बई से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और ..”

“वाट द फक ...तुम ...तुमने इंजीनियरिंग की है ..”

ये ऐसे था जैसे मेरे सर पर किसी ने कोई बम्ब फोड़ दिया हो ,मैं जिसे आजतक इस जंगल की भोली भाली लड़की समझ रहा था वो तो मॉर्डन लड़की है ..

“जी जनाब वो भी IIT मुम्बई से ,और उसके बाद MBA के लिए मेरा दाखिला IIM इलाहाबाद में होई गया ..”

“इसकी मा की …...“

मैं अपना सर पकड़ कर खड़ा हो गया था लेकिन चंपा घबराई नही बल्कि सिर्फ मुस्कुराती रही ..

“तुमने मुझे ये सब पहले क्यो नही बताया ..??”

इस बार चंपा के चहरे में एक फिक्र और चिंता के भाव थे

“इसी डर से की कही तुम मुझे छोड़कर ना चले जाओ ,मोंगरा ने अपना गेम खेल दिया था,तुम्हारे आने के पहले से ही ये सब शुरू हो गया था ,ठाकुर को पता चल गया था की मैं IIM से MBA कर रही हु वंहा मेरी जान को खतरा होने लगा था लेकिन ठाकुर को चकमा देने के लिए मोंगरा चाहती थी की मैं ये देश छोड़कर निकल जाऊ ,ये सब हो पाता लेकिन उससे पहले ही उस इंस्पेक्टर का खून हो गया और तुम उसकी जगह आ गए ,दीदी ने तुम्हे आजमाने की सोची और बलवीर के कहने पर तुमसे मिलने गई ,याद है जब तुम पहली बार मोंगरा से उस झील में मिले थे …”

“बलवीर के कहने पर ???”मैं फिर से थोडा आश्चर्य में था..

“हा मोंगरा किसी पर यू ही भरोसा नही कर लेती ,उसने तुम्हे आजमाया लेकिन उससे गलती हो गई ,वो तुम्हारे प्यार में पड़ गई उसे तुम बहुत अच्छे लगे ,लेकिन तुम उसे चंपा ही समझते रहे और वो भी आगे बढ़ गई ,उस दिन जब तुम दोनों टॉकीज में गए थे तो तुम्हें रणधीर मिल गया और ठाकुर ने तूम दोनों को बचा लिया ,क्योकि वो भी जानता था की अगर मोंगरा वंहा है तो उसके बेटे को भी वंहा खतरा होगा,तब तक तुम्हारे साथ मैं नही बल्कि मोंगरा ही थी लेकिन इन सबमे मोंगरा के सामने एक प्रश्न लाकर खड़ा कर दिया था की उसे किसे चुनना है ,अपने प्यार को या फिर उस लक्ष्य को जिसके लिए उसने अपनी जावानी अपना चैन सुख सब कुछ कुर्बान कर दिया था,और मोंगरा ने फैसला ले लिया ,उसने अपने लक्ष्य को ही चुना…...उसने इसके लिए मुझे फिर से वापस बुला लिया,ये बात ठाकुर को भी पता चल गई थी और वो इससे और भी ज्यादा परेशान हो गया क्योकि वो जानता था की अगर उसने मोंगरा समझ कर मुझे मार दिया तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी,उसने भी एक प्लान बना रखा था उसने तुम्हे खरीदने की कोशिस की वो जानता था की तुम चंपा के कितने करीब हो ,और मोंगरा को पकड़ने के लिए अपना जी जान लगा दोगे इसलिए उसने मेरी तरफ से ध्यान भी हटा लिया,तो तुमने ही मुझे बचाया ना ..”

इस बार मेरा दिमाग हिल गया था मैं अपना सर पकड़े हुए बैठा हुआ था मेरे आंखों में दुख था आंसू थे ,मैं अपने को किसी बेवकूफ की तरह महसूस कर रहा था …

“तो तुम दोनों ने मिलकर मेरा इस्तेमाल किया,और तुम..तुमने तो बस मुझसे प्यार का दिखावा किया बस ..”

चंपा आकर मेरे बाजू में बैठ गई …

“सच कभी कभी कड़वा होता है अजय लेकिन मेरी बात का विस्वास करो की मोंगरा और मैंने दोनों ने ही तुमसे बेहद प्यार किया है ,तुम जानते हो की हमारी आंखे कभी गलत नही थी ...हा जब मुझे बुलाया गया था तब मैं बस एक खेल खेलना चाहती थी मोंगरा की मदद करना चाहती थी,याद है जब तुम मेरे झोपड़े में आये थे शराब पीने के लिए,मैंने उस दिन तुम्हे पहली बार देखा था ,तुम्हे महसूस किया था ,ये हमारा ही प्लान था की तुम मेरे नजदीक ना आ पाओ इसलिए मोंगरा ने गोली चलवा दी और तुम उसे ढूंढने जंगल में चले गए ,लेकिन यकीन मानो वो आखिरी बार था जब मोंगरा तुम्हारे साथ थी ,क्योकि मैं भी तुम्हारे प्यार में पड़ चुकी थी और मोंगरा ने ये कुर्बानी भी दे दी ,तब से तुम्हारे साथ बस मैं ही थी ,हमने ही एक दूजे को अपना प्यार दिया और आज भी मैं तुमसे बेहद मोहोब्बत करती हु …”

मुझे पता था मुझे पता था की मेरा चुतिया कट गया था लेकिन मैं इस बात से इनकार नही कर सकता की चाहे वो मोंगरा हो या चंपा इन्होंने मुझसे मोहोब्बत तो बेपनाह किया था,इनकी आंखे कभी झूट भी बोलती थी ,किसी की भी नही बोलती बस पढ़ने वाला होना चाहिए ..

मैं अपने ही दुनिया में गुम था की मुझे याद आया की इस लड़की ने खुद को जंगल में रखा जबकि ये तो महलों में रहनी चाहिए थी ,ये एक वेल क्लासिफाइड प्रोफेसनल है और शायद ये मुझसे ज्यादा कमाएगी लेकिन इसने सब छोड़कर मेरा साथ चुना था,खुद की पहचान को भी इतने दिनों तक छुपाए रखा था,सच में ये दोनों ही बहने पागल थी ,और शायद मैं भी क्योकि मैं भी इससे बेहद ही मोहोब्बत करता था ..

“तुम्हारी डिग्री का क्या हुआ “

“वो तो हो गई ,पिछले महीने ही लास्ट प्रोजेक्ट का सबमिशन था..”

मेरे होठो पर इस बार मुस्कान आ गई

“ये सब तुमने आखिर किया कैसे ???”

वो खिलखिलाई

“कुछ लोग है जो हमारी मदद कर दिया करते है ,मेरे पिता जी और मोंगरा के चाहने वाले ,वो दोनों ही डाकू थे लेकिन ...लेकिन उन्होंने अच्छाई के लिए हथियार उठाये थे कभी गरीबो और मजबूरों को परेशान नही किया,उनके कारण कई बच्चे अपनी जिंदगी अच्छे से जी पा रहे है ,अच्छे कालेजो में पढ़ रहे है और अच्छी नॉकरिया भी कर रहे है ,कभी कभी ये सब हमारी मदद कर देते है “

चंपा का चहरा शांत था ,मुझे एक अलग ही चंपा दिख रही थी मैंने अपने होठो को उसके होठो से मिला दिया ..

“एक बात पुछु मोंगरा और बलवीर कहा है ,अभी तक उनकी बॉडी नही मिली कही वो दोनों अभी भी …”

जो कीड़ा मेरे दिमाग में इतने दिनों से हलचल मचाये था आखिर वो बाहर आ ही गया ,लेकिन चंपा जोरो से हँस पड़ी …

“तुम रहोगे पुलिस वाले ही “

“क्या करे मेडम काम है अपना ..”

“ओह तो अपना काम कीजिये इंस्पेक्टर साहब ,खुद पता लगाइए की आखिर वो है कहा “

“मतलब की दोनों अभी भी जिंदा है “

“god only knows बेबी ..”

चंपा मेरी गोद में बैठते हुए बोली

“तुम्हारे मुह से अंग्रेजी सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा है “

वो फिर से खिलखिलाई

“कोई बात नही आदत हो जाएगी “

हमारे होठ फिर से मिल गए ……...
 
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ruby mittal

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समय बीतता जा रहा था ,मैं चंपा से शादी करना चाहता था लेकिन मोंगरा को मैंने वचन दिया था की मैं पहले ठाकुर को उसके किये की सजा दूंगा लेकिन ठाकुर के खिलाफ कोई भी सबूत ही हाथ नही लग रहा था,ठाकुर भी मेरा ट्रांसफर कही दूसरी जगह करना चाहता था लेकिन नही कर पा रहा था,

इधर चंपा डिग्री कंप्लीट हो गई और हम दोनों ने उसके पोस्ट ग्रेजुएशन सेरेमनी में हिस्सा लिया,उसे कनाडा की एक कंपनी का ऑफर भी मिला लेकिन उसने प्यार से इनकार कर दिया,

“यार तुम इन झंझट से दूर क्यो नही चली जाती ,मैं भी अपना काम खत्म करके वही आ जाऊंगा दोनों वही सेटल हो जाएंगे”

एक दिन मैंने उसे कह ही दिया

“मिस्टर अजय जी पहले मुझे अपनी बीवी बनाइये फिर मैं कही जाऊंगी,तुमसे शादी किये बिना मैं तुम्हे नही छोड़ने वाली “

चंपा की बात सुनकर मैं थोड़ा उदास हो गया

“क्या करू समझ से परे है ,ठाकुर मेरे सोच से कही ज्यादा चालाक है ,बेटे के मर जाने के बाद ऐसे तो वो टूट सा गया है लेकिन अभी भी उसकी पहुच बाकी है ,हमने उसके गलत कामो को बंद तो कर दिया लेकिन उसके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नही जुटा पाए की उसे कोई सजा मील सके “

“तो तुम सच में उस कसम को लेकर सीरियस हो “

चंपा मेरे आंखों में देख रही थी …

“बहुत ज्यादा …”

“तो तुम्हरे पास समय है जितना तुम लेना चाहो,मैं कही नही जा रही तुम्हे छोड़कर ,ठाकुर ने मेरे पिता और मेरे मा को मार डाला लेकिन मेरे दिल में कभी उसके लिए बदले की भावना नही उठी ,लेकिन मोंगरा ने अपनी जिंदगी लगा दी ,मैं उसके जैसी नही हो सकती लेकिन मैं उसकी इज्जत करती हु ,उसका सपना पूरा करो अजय मैं तुम्हारी ही हु ,और तुम्हारी बीवी बनने के लिए कई जन्मों तक इंतजार कर सकती हु “

चंपा की आंखों में हल्की नमी थी लेकिन होठो में एक प्यारी सी मुस्कान हमारे होठ मिल गए थे…..

***********

“ये क्या कह रहे हो तिवारी जी “

“सच कह रहा हु सर वो खुद आपसे मिलने आने वाला है “

तिवारी की बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया था लेकिन मैंने एक गहरी सांस ली

“ठिक है आने दो उसे देखते है क्या कहता है ..”

ठाकुर प्राण मुझसे मिलना चाहता था ,और मुझसे मिलने खुद आ रहा था क्या बात है ,लेकिन क्यो...बहुत जोर लगाने पर भी मुझे कुछ समझ नही आया ….


प्राण आकर मेरे सामने बैठ गया …….

“कहिए ठाकुर साहब आखिर हमे आज कैसे याद किया अपने “

मेरी बात सुनकर उसके होठो में एक फीफी की मुस्कान आई

“अजय जो हुआ वो तो हो गया लेकिन अब मैं अपने किये पर शर्मिंदा होता हु ,मैंने अपने भाई को खो दिया,अपने बेटे को खो दिया,मेरी बीवी मुझसे सालों से बात नही करती ,इतने धन दौलत का मैं करू तो क्या करू ,सब जैसे अब मुझे मिट्टी से लगने लगे है …

मैंने पूरी जिंदगी सिर्फ दौलत और ताकत कमाने में लगा दी अजय,अब मैं सकून की जिंदगी जीना चाहता हु इन सब लफड़ो से दूर …

मेरी बात से ये मत समझना की मैं तुम्हारे पास अपने को सिलेंडर करने आया हु ,नही मैं आज तक पुलिस के हत्थे नही चढ़ा आगे भी नही चढ़ूंगा क्योकि मेरे पहले किये बुरे कामो का कोई सबूत है नही और अब मैंने सारे बुरे काम खुद ही खत्म कर दिए है …

मैं यंहा तुम्हे आमंत्रण देने आया हु ,मैं एक नई शुरुवात करना चाहता हु ,इसलिए घर में एक पूजा रखी है जिससे मेरे बेटे की आत्मा को भी थोड़ी शांति मिले तुम्हे और चंपा को आना ही है ,अगर तुम आओगे तो मुझे और पूनम को अच्छा लगेगा..”

मैं ठाकुर को देखता ही रहा वो थोड़ी देर रुका और फिर बोलने लगा

“पूनम ने हमेशा ही मोंगरा और रणधीर को अपने बच्चों की तरह प्यार किया है ,ये उसके लिए बड़े ही दुख की घड़ी है,

वो चाहती थी की एक बार मोंगरा से मिल पाए,शायद चंपा के रूप में उसे मोंगरा दिख जाए …”

वो मुझे नमस्कार करता हुआ एक कार्ड देकर चला गया साथ ही तिवारी जी को भी एक कार्ड दिया था …..

मैं और तिवारी जी एक दूसरे को ही देख रहे थे,आंखों ही आंखों में एक दूजे को ये पूछ रहे थे की जाए की नही …

***********

“ठाकुर ने जो भी किया हो लेकिन हमे पूनम मौसी के लिया वंहा जाना चाहिए ,उन्होंने मोंगरा को दिल से प्यार किया था,अपनी बच्ची की तरह उसकी हिफाजत की और उनके ही कारण तो मा और बुआ ठाकुर के चुंगल से निकल पाई ,हम इतना कुछ कैसे भूल सकते है …”

ठाकुर के आमंत्रण की बात का पता चलते ही चंपा भावुक हो गई थी …

थोड़ी देर बाद ही मुझे पता चला की ठाकुर ने कुछ विक्रांत,भावना और डॉ चूतिया को भी निमंत्रण दिया है ,उसके साथ कुछ VIP लोग भी आ रहे थे …

आखिर हम सबने जाने का फैसला कर लिया ……
900 chuhe kha kar billi chali paap dhone . Hehe
 
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ruby mittal

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Khatarnak twist . But jahar tha to log bache kaise . Thakur ne milawat jahar mangaya tha kya....

55

चम्पा मेरी चम्पा इतनी खूबसूरत थी ,वो एक लाल रंग की साड़ी में किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी ,उसकी पतली झालरदार साड़ी उसे कसे हुए जिस्म में कसी हुई थी ,कमर में एक चांदी का कमरबंध लटक रहा था,उसकी नाभि के पास पेट का हिस्सा पूरी तरह से दर्शनीय था,पतली कमर और चौड़ी चूतड़ वाली मेरी जान के गोर गोरे जिस्म जो की उस लाल साड़ी की लालिमा से झांक रहे थे और मुझे दीवाना बना रहे थे,ऐसे तो मैंने उसे कई बार ही बिना किसी कपड़ो के भी देखा था लेकिन एक भारतीय नारी अगर साड़ी पहने खड़ी हो तो आप कुछ और कैसे देख सकते है…

उसकी लाल साड़ी के किनारों पर नक्कासी की गई थी ,हाथो का वर्क था जो की हरे पट्टी के ऊपर किया गया था,साथ ही उसने लाल रंग का ही ब्लाउज पहन रखा था,साड़ी पतली थी और ब्लाउज खुले हुए गले का दोनों का कॉम्बिनेशन किसी भी मर्द के दिल की धड़कनों को बढ़ाने के लिए काफी था,और उसके साथ उसका वो मादक जिस्म …..

उसने हल्के हल्के अपने गले के पास कुछ परफ्यूम का छिड़काव किया जिससे कमरे में हल्की गंध झूम उठी साथ ही मेरा दिल भी ,मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया था ,वो कसमसाई तो उसके हाथो की चूड़ियां खनक उठी……..

लाल हरे रंग की चूड़ियां कुछ चमकीले चूड़ियों के साथ पहने गए थे,मैंने उसके हाथो को अपने हाथो में ले लिया,उसकी हर चीज आज गजब की थी……

“कहर ढाने का इरादा है क्या ??”

मैं किसी सम्मोहन के आवेश में आकर बोल उठा..

“कहर ..??? आप के सिवा किसपर कहर बरसाउंगी ,”

उसने अपने निचले होठो को अपने दांतो से हल्के से कांटा ..और शरमाई मैंने उसे अपनी ओर पलटा लिया था ,उसके सीने मेरे सिनो में धंस गए

“ओह तो मेरी रानी मुझपर ही कहर बरसा रही है..”

मैंने उसके गले को चूमना चाहा लेकिन उसने अपना गला घुमा लिया फिर भी मेरे होठ का गीलापन उसके गले में जा चिपका ..

वो फिर से मचली

“ओहो छोड़ो ना पूरा खराब कर दोगो …”

“अरे जान खराब करने के लिए ही तो सजी हो ..”

मैंने थोड़े और जोर से उसे अपनी ओर खींचा

“हटो पार्टी के बाद घर आकर पूरा खराब कर लेना अभी तो हटो ..”

उसने मुझे धक्का दिया और मैंने उसे छोड़ दिया

“तो पूरी शाम बस मुझे तड़फाना पड़ेगा “

मेरी बात सुनकर वो हँस पड़ी

“थोड़ी सी तड़फन भी अच्छी होती है जान,सुना नही है क्या इंतजार का फल मीठा होता है...अब चलो जल्दी से तैयार हो जाओ ,फूफा जी और भावना भी आते ही होंगे “

वो मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर जाने लगी लेकिन फिर रुक गई और पलटी और नीचे देखने लगी

“और अपने इसको भी थोड़ा सम्हालो टॉवेल फाड़ कर बाहर ना आजाये “

वो खिलखिलाते हुए बाहर भाग गई ,मेरी नजर नीचे गई सच में मेरा औजार टॉवेल फाड़ने को बेताब हो गया था ……..


“ओहो जीजू मैंने सुना था की लडकिया तैयार होने में टाइम लगती है लेकिन पहली बार देख रही हु की बीबी तैयार बैठी और और पति देव तैयार होने में लेट हो गए ...ऐसे हैंडसम लग रहे हो “

मेरे कमरे से निकलते ही भावना की आवाज आई ,वो लोग आ चुके थे ..

“अरे यार काम में फंस गया था ..”

************

ठाकुर के घर पूजा में सभी जाने पहचाने चहरे आये हुए थे,शहर से डॉ चूतिया और उनकी सेकेट्री मेरी भी पधारी थी,तिवारी जी भी आये हुए थे,प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भी आये हुए थे,पुलिस विभाग के कई अधिकारी मुझे वंहा मिल गए ,ठाकुर जैसे अपने गुनाहों को साफ कर सभी से अच्छे रिश्ते बनाना चाहता था वो सभी से अच्छे से मिल रहा था मैंने अपने जीवन में उसे इतना नम्र कभी नही देखा था,साथ ही उसकी बीवी पूनम भी थी …...जब हम अंदर आये तो पूनम हमारे पास आ गई और चम्पा को देखते ही उसकी आंखों में आंसू आ गए ..

वो बार बार चम्पा के गालों को सहला रही थी ,तो कभी वो भावना पर भी अपना प्यार बरसाती ,भावना और चम्पा की भी आंखे गीली थी …..

मैंने इस हवेली के बारे में बहुत कुछ सुना था ,ऑफकोर्स कहानियों में लेकिन आज उसके अंदर आकर देख भी रहा था ,मैंने गौर किया जितना मैंने सोचा था ये उससे कही बड़ी थी ,मुझे याद आया की कैसे इसी हवेली में मोंगरा बड़ी हुई थी ,उससे पहले पूनम को कालिया ने इसी हवेली में प्रैग्नेंट किया था ,इसी हवेली के किसी कमरे में रोशनी और कनक को बंदी बनाया गया रहा होगा...मैं पूरी हवेली को ध्यान से देख रहा था तभी मेरे पास विक्रांत और डॉ आकर खड़े हो गए ..

“क्या देख रहे हो अजय ,”विक्रांत ने कहा

“कुछ नही फूफा जी बस ..”

“ह्म्म्म इसी हवेली में मेरा बचपन बिता और मैं यही जवान हुआ...इसी हवेली में मुझे मेरी कनक मिली “

विक्रांत ने एक गहरी सांस छोड़ी जैसे पुरानी यादों को वो बहुत मिस कर रहा हो

तभी मुझे हवेली के छत पर कोई इंसान की परछाई दिखाई दी …

“वंहा इस वक्त कौन होगा “अंधेरे के कारण मुझे साफ साफ कुछ नही दिख रहा था लेकिन मुझे इतना तो यकीन था की कोई व्यक्ति छत पर घूम रहा होगा ..

दोनों भी उस ओर देखने लगे

“होगा कोई हवेली का ही नॉकर ,यंहा बहुत से लोग काम करते है “

विक्रांत बोल उठा ………..

***********

पूजा खत्म हो चुकी थी कई मेहमान भी जा चुके थे ,पूनम और ठाकुर के विशेष अनुरोध पर कुछ लोग ही रुके हुए थे,सभी बड़े से हाल में बैठे बाते कर रहे थे ,मर्दों के लिए ड्रिंक्स की व्यवस्था की गई थी वही औरते आपस में ना जाने क्या बात करने में बहुत ही व्यस्त दिख रही थी …

डॉ,मेरी ,मैं ,चम्पा,विक्रांत ,भावना ,तिवारी के अलावा ठाकुर का एक अजीज दोस्त गृहमंत्री सेठ रुके हुए थे ..

“विक्रांत मैं चाहता हु की तुम बिटिया के साथ फिर से हवेली में आ जाओ “

पेग लगते हुए ठाकुर प्राण बोल उठा ,लेकिन विक्रांत बस अवाक उसके चहरे को देखने लगा जैसे उसे यकीन ही नही हो रहा था की उसे कोई ऐसा कुछ कहेगा …

“तुम मेरे छोटे भाई हो और मैं हमेशा से ही तुमसे बेहद ही प्यार करता हु …”

विक्रांत कुछ भी नही बोल पाया बस उसके आंखों में आंसू ही थे …

थोड़ी देर बाद सभी ने मिलकर डिनर किया रात बहुत हो चुकी थी हम जाने वाले थे लेकिन ठाकुर ने हमे फिर से रोक लिया ,उसके हाथ में एक लड्डू का पैकेट था ,

“बातों बातों में हम प्रसाद लेना तो भूल ही गए “प्राण के होठो में एक मुस्कान थी सभी का उसपर ध्यान गया

“लाओ मैं बांट देता हु “

मंत्री सेठ ने उसके हाथो से वो पैकेट ले लिया और सभी को बांटने लगा ,सभी ने बारी बारी से वो लड्डू खा लिया था अंत में वो ठाकुर के पास पहुचा ,सभी की आंखे उस समय ठाकुर के ऊपर जम गई जब सेठ ने प्राण को लड्डू नही दिया बल्कि हम सभी को देखते हुए हँसने लगा …

सभी की आंखे फट रही थी ,जैसे कुछ समझ नही आ रहा हो की आखिर हुआ क्या …

“तुम सभी के कारण आज मेरी ये हालत हुई है आज मैं सबसे अपना बदला लूंगा “

अचानक ही प्राण के चहरे का भाव बदला और वो अट्हास करने लगा,मेरे तो जैसे पैरों से जमीन ही खिसक गई थी ,मुझे समझ आ चुका था की आखिर हमारे साथ क्या हुआ है ,मैंने खड़े होने की कोशिस की लेकिन ..

धड़ाम ..

मैं जमीन में गिर गया था यही हालात चम्पा और डॉ की भी थी जिन्होंने खड़े होने की कोशिस की थी ,मैं कुछ बोलने वाला था लेकिन लगा जैसे मुह खोलने तक की ताकत नही बची है ,पूरा शरीर शून्य पड़ने लगा था ,जैसे पूरा शरीर पड़ा तो है लेकिन उसपर अब मेरा कोई भी काबू नही रह गया ,मुझे सब दिखाई और सुनाई दे रहा था,मैंने अपना सर घुमा कर चम्पा की ओर देखना चाहा जो की मेरे पीछे ही जमीन में गिरी हुई थी लेकिन सर भी घुमा नही पाया,ठाकुर के इरादों की समझ मुझे आ चुकी थी ,और अपना अंत नजदीक ही दिख रहा था ,कुछ ही देर हुए थे की कानो में आने वाली आवाजे भारी होती गई ऐसा लगा जैसे वो दूर जा रही है आंखे भी ना चाहते हुए बंद हो रही थी ,उसे खोले रखने तक की ताकत मुझमें नही थी ,आखिर सब कुछ धुंधला हो चुका था और बस एक सेकेंड की बात और सारी आवाजे और दृश्य गायब हो गये ……….

*********************

ना जाने कितनी देर हो चुकी थी ,मुझे लगा था जैसे मैं कभी आंखे नही खोलूंगा लेकिन मुझे होश फिर से आने लगा था ,मुझे कुछ कुछ आसपास का आभास होने लगा था ,आसपास कई लोगो की आवाजे आ रही थी जैसे बहुत भीड़ लगी हो ,मैंने धीरे से आंखे खोलने की कोशिस की मैं सफल भी हुआ ,सामने ऊपर छत दिखाई दे रही थी ,मैंने अपना गला मोड़ने की कोशिस की तभी किसी ने मेरे सर को अपने हाथो से उठाया ..

“रिलेक्स आराम से अभी कोई ताकत मत लगाइए आप ठीक है ..”

वो एक लड़की की आवाज थी मैंने देखा वो चहरा मैंने पहले कभी नही देखा था लेकिन उस सौम्य से चहरे में मुझे देखकर हल्की सी मुस्कान जरूर आ गई ,..

कुछ ही देर में मैं सामान्य हो चुका था और उस लड़की ने मुझे उठाकर बिठा दिया था …

“ये सब क्या हो रहा है “

मैंने उस लड़की से कहा जिसने एक डॉ वाला एप्रॉन पहने हुए था ,

“आप ठीक है आपको नशे की कोई दवाई खिलाई गई थी जिसके कारण आप बेहोश थे लेकिन अब आप होश में है ..”

मैंने नजर चारो ओर घुमाई सामने चम्पा मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी वही डॉ और विक्रांत भी होश में आ चुके थे और उन्हें भी डॉ उठाकर बिठा रहे थे ,बाकी के लोग अभी होश में नही आये थे जबकि तिवारी जी होश में आकर कुर्सी में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे…वो डॉ मुझे छोड़कर दुसरो के पास चली गई

“ये सब क्या है तिवारी और ठाकुर और सेठ कहा है “

तिवारी मेरी बात सुनकर मुस्कुराया जिससे मैं और भी अचंबित हो गया ,हम जैसे नया जन्म लेकर आये थे पता नही हम जिंदा क्यो थे ?क्योकि ठाकुर तो हमे मारने का प्लान बना ही चुका था…

तिवारी एक चाय का कप लेकर मेरे पास आ गया और मुझे दिया

“थोड़ा रिलेक्स हो जाओ सर ,जवाब बाहर है,पहले चाय पी लो थोड़ा रिलेक्स हो जाओ फिर बाहर चलते है “

मैं बिना कुछ बोले चाय पीने लगा ,वंहा कोई भी कुछ नही बोल रहा था,डॉक्टरो की टीम सभी के पास जाकर उनके नब्ज़ देख रही थी और उन्हें इंगजेक्सन लगा रही थी जिससे लोग फिर से होश में आ रहे थे ,वही कमरे के बाहर मुझे और भी हलचल दिखाई दे रही थी कुछ पुलिस वाले भी दिखे जिससे मेरी उत्सुकता और भी बढ़ रही थी ,चम्पा बिल्कुल ही रिलेक्स दिख रही थी वो आंखे बंद कर सोफे से टिकी हुई लेटी हुई थी हमारे बीच कोई भी बात नही हुई …

चाय खत्म कर मैं खड़ा होने की कोशिस करने लगा,तिवारी ने मुझे थोड़ा सहारा दिया मैं अब अपने पैरों पर आराम से खड़ा था ..

हम बाहर आये और बाहर बरामदे पर पहुचते ही मैं फिर विस्मय से भर गया,चारो ओर बस पुलिस ही पुलिस दिख रही थी ,यंहा तक की कमिश्नर भी आये हुए थे…..

पास ही खड़ा एक सिपाही पंचनामा बना रहा था,

“इधर दिखाओ “

मैंने उसके हाथो से वो पंचनामा पकड़ा ,मैं उसे पढ़ने लगा

“ये सब क्या ..ठाकुर और सेठ “

मैंने सिपाही को देखा

“जी सर दोनों कल रात आप लोगो को नशे की दवाई देने के बाद भारी शराब के नशे में छत से गिर कर मर गए …सीसीटीवी फुटेज से पता चला की इन दोनों ने मिलकर ही लड्डू में नशे की दवाई डालकर आप लोगो को खिलाया था ”

मैं अभी उसे देख रहा था तो कभी तिवारी को और कभी बरामदे में पड़े हुए उन दो लाशों को ……………...
 
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ruby mittal

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एक महीना बीत चुका था मेरे ट्रांसफर का आदेश आ चुका था और मेरे दिमाग से ठाकुर मोंगरा और बलवीर की बकरचोदी भी अब निकल गई थी ,

तिवारी जी ने भी अपना रिटायर ले लिया था,और भी अब नए जगह जाने से पहले कुछ दिन के लिए कही घुमकर आने की फिराक में था ,तो मैंने भी छुट्टी का आवेदन डाल दिया जो की सक्सेस भी हो गया …….

मैंने चम्पा को बता दिया था की मैं एक महीने की छुट्टी ले रहा हु ,जब मैं घर आया तो माहौल ही अलग था ,मेरे आते ही चम्पा मुझसे लिपट गई …..

“अरे क्या हुआ “

“जीजू आप लोगो की लाटरी लगी है “भावना खुसी से झूम रही थी

“क्या ???”

मैं चौका

“हा आपको याद है हमने कुछ दिन पहले ही एक ट्रेवल एजेंसी की लाटरी ली थी माल से “

चम्पा ने मुझे याद दिलाया ,एक शाम हम माल घूमने गए थे और वंहा एक काउंटर में नए खुले एक ट्रेवल एजेंसी वाले लॉटरी बेच रहे थे,लक्की विनर को कनाडा का ट्रिप फ्री था ..

“हा याद आया तुमने वो खरीदी थी राइट,क्या नाम था एजेंसी का ??”

मैं याद करने की कोशिस करने लगा

“मिस एंड मिस्टर भल्ला ट्रेवल एजेंसी ..हम वो जीत गए “

चम्पा के चहरे में आपर खुशी थी साथ ही मैं भी खुश हो गया

“वाओ क्या बात है आज ही मेरी छुट्टी भी मंजुर हो गई ऐसे कब निकलना है ..और कितने दिन का ट्रिप है “

“वही 10 दिन 10 रात का ,और हमे आज ही रात को निकलना होगा “

अब ये प्रॉब्लम आ गई

“लेकिन वीसा वगेरह “

मैंने अपनी दुविधा बताई

“ओहो जीजू डोंट वारी पासपोर्ट रेडी था तो वीसा का जुगाड़ डैडी ने कर दिया है ,आज रात मुम्बई के लिए निकलो वंहा से कल सुबह की फ्लाइट है “भावना की बात से मैं ताज्जुब में पड़ गया लेकिन फिर मुझे याद आया की ठाकुर विक्रांत के भी बहुत कनेक्शन्स है …

*************

जब हम वंहा पहुचे तो एक बड़ी सी गाड़ी हमारे स्वागत के लिए लग गई थी ,वंहा से हमे एक होटल ले जाया गया ,जंहा हमे बताया गया की ट्रेवल कंपनी के मालिक मिस्टर और मिसेज भल्ला पर्सनली हमसे मिलने आने वाले है ,

मुझे ये सब थोड़ा अजीब जरूर लग रहा था लेकिन मैंने सोचा की हो सकता है की क्लाइंट रिलेशन शिप मेंटेन करने के लिए ये सब किया जा रहा होगा…

हम सफर से बहुत ही थक चुके थे तो हमने भी आराम करने की सोची ..

शाम होने पर हम होटल के एक हिस्से में गए जंहा हमसे मिसेज और मिस्टर भल्ला मिलने वाले थे,मैं नार्मल टीशर्ट जीन्स में था वही चम्पा ने फूलों वाली एक स्कर्ट डाल रखी थी ,हमारे टेबल से नजारा बेहद ही शानदार दिख रहा था ,सामने समुंदर था और ठंडी हवाओ का सुकून भी …

मैं चम्पा का हाथ पकड़े हुए कुछ बैठा हुआ समुंदर को ही देख रहा था ,

“यार ये लोग कितने समय आएंगे ,मैं वाशरूम से आती हु “

चम्पा मुस्कुराते हुए वंहा से चली गई..

मैं अब भी समुद्र को देख रहा था,साथ ही मैंने दो विस्की के ऑर्डर भी दे दिए ,ऐसे सुनहरे मौसम में और सुकून भरे जगह में बैठकर विस्की पीने का आनंद ही कुछ और था ..

मैं आराम से चुस्कियां ले रहा था ,5 मिनट ही हुए थे की चम्पा वापस आकर मेरे पास बैठ गई …

उसने मेरे हाथो में अपना हाथ रखा ..

“वो लोग अभी तक नही आये ना “

उसकी आवाज सुनकर मैंने उसकी ओर देखा ,वो मुझे मुस्कुराते हुए देख रही थी ,उसकी प्यारी सी मुस्कुराहट को देखकर मैं भी मुस्कुरा उठा ……

मैं उसे बहुत ही बारीक नजरो से देख रहा था हमारी आंखे मिल गई और मेरी मुस्कुराहट और भी गहरी हो गई

“क्या हुआ “

उसने मुझे यू देखता पा कर कहा

“मुझे पता था और अब यकीन हो गया है “

उसने मुझे थोड़े आश्चर्य से देखा

“किस बात पर ..”

मेरे होठो की मुस्कान और भी गहरी हो गई

“की तुम दोनों जिंदा हो “

उसने मुझे अजीब निगाहों से देखा

“तुम ठीक तो हो,क्या हो गया है तुम्हे “

उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा

“अब बहुत हो गया मोंगरा ,अब मैं अपनी जान को आंखे बंद करके भी पहचान सकता हु “

मेरी बात सुनकर उसके होठो में भी मुस्कान खिल गई जो और भी चौड़ी हो गई ..

“बलवीर कहा है ??”

उसने मेरे सवाल का कोई जवाब नही दिया बल्कि हाथ से एक ओर इशारा किया ,उधर से चम्पा और बलवीर चलते हुए आ रहे थे दोनों के होठो में मुस्कान थी ,चम्पा और मोंगरा ने एक ही ड्रेस एक ही तरीके से पहन रखी थी ,

बलवीर पूरे सूट बूट में था,उसका धाकड़ शरीर पर वो कपड़े कसे हुए थे वो कोई बड़ा बिजनेसमैन ही लग रहा था …

“तुम जीत है इसने तो मुझे देखते ही पहचान लिया “

मोंगरा की बात सुनकर चम्पा खुशी से उछल पड़ी

“देखा मैंने कहा था की मेरा अजय अब धोखा नही खायेगा “

वो आकर मुझसे लिपट गई ,वही थोड़ी देर बाद ही बलवीर ने मेरे तरफ हाथ बढ़ाया और मेरा हाथ खिंचते हुए अपने सीने से लगा लिया ,

“कितने दिन से मैं तुम्हे अपने सीने से लगाना चाहता था भाई “

उसकी बात सुनकर मैं थोड़ा चौका जरूर लेकिन ज्यादा ध्यान नही दिया

अब हम चारो आराम से वंहा बैठे अपना ड्रिंक इंजॉय कर रहे थे ..

“मुझे तुम लोगो से बहुत कुछ पूछना है”

आखिर मैं अपने को कब तक रोक पाता ..

“अरे पूछ लेना यार ,मेरी बहन इतने दिनों बाद मुझे मिली है थोड़ी बात तो करने दो “

मोंगरा ने मुझे झड़पा और चम्पा हँस पड़ी

“ऐसे तुम्हारे लिए कई सरप्राइज है हमारे पास “

चम्पा ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा

“तू तो बेटा मुझे रात में मिल “

मैंने उसे तिरछी निगाहों से देखा और वो थोड़ी शर्मा गई लेकिन तुरंत ही मुझे अपना जीभ दिखा गई ..

थोड़ी देर तक चम्पा और मोंगरा दुनिया जहान की बाते करते रहे वही बलवीर के मुझे एक अजीब बदलाव दिख रहा था वो मुझे बड़े ही प्यार से देख रहा था …

कुछ देर के बाद मैं फिर से फुट पड़ा

“अब तुम दोनों का हो गया हो तो ये तो बता दो की ठाकुर को तुमने कैसे मारा ?? मेरा तो सोच सोच कर ही सर दर्द हो गया है ,और इतनी ऊँचाई से गिरने के बाद तूम दोनों बच कैसे गए ,जबकी मेरी गोली भी तो तुम्हे लगी थी …???”

मेरी बात सुनकर मोंगरा थोड़ा मुस्करा दी …

तभी एक वेटर वंहा ड्रिंक लेकर आया

“इसे पहचानते हो “मोंगरा ने वेटर के तरफ इशारा किया

“सलाम साब ..”

ऐसे तो वेटर पूरे कोर्ट टाई पहने हुए था लेकिन जब वो हंसा तो तम्बाकू से लाल हुए दांत दिख ही गए

“ह्म्म्म तुम्हारे ही गैंग का मेंबर है ,यानी सब को यंहा बुला लिया है ,इतना कुछ कर लिया तो इसके दांत भी साफ करवा देती “

मेरी बात सुनकर सभी हँस पड़े

“दो दिन बाद ही अपॉइमेन्ट है साहब डेंटिस्ट के पास,जेल से छूटकर सीधे यंहा ही आ गया “

वो फिर से दांत दिखता हुआ वंहा से चला गया

“तुमने मेरे सवाल का जवाब नही दिया मोंगरा “

मोंगरा ने अंगड़ाई ली

“तुम्हे समझ जाना चाहिए की हम सबने मिलकर ये किया है “

“हा इतना तो समझ आ ही गया लेकिन कैसे ??”

वो फिर से मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगी ..

“जब तुमने वंहा मुझे घेरने का प्लान बनाया और ठाकुर के लोगो को भी बुलाया तो,हमे ये पहले से पता था की तुम छूटते ही ऐसा कुछ करोगे,और जिंदा रहते हुए मैं ठाकुर तक नही पहुच पा रही थी तो मरना ही मैंने भी मरना ही ठीक समझा ,चम्पा ने मेरे भेस में जाकर तुम्हे छुड़ा लिया ,तुमने सोचा था की पुलिस काफी नही होगी तो ठाकुर के लोग नीचे हो घेर कर रखेंगे ,और तुमने उन्हें भी बुला लिया,तुम्हारे प्लान बनाते समय मैं वही मौजूद थी तुमसे थोड़ी ही दूर में ,तिवारी जी और डॉ के पास रखे माइक से तुम्हारी हर बाते सुन रही थी ,मुझे पता था की रणधीर कभी भी नीचे बैठ कर मुझे गिरफ्तार होने नही देगा वो ऊपर आकर मुझे मरना चाहेगा हमने इसी बात का फायदा उठाया ,प्लान तो मेरे और बलवीर के मारने का और ऊपर से गिरने का पहले ही बन चुका था,तो नीचे सारे इंतजाम कर दिए गए थे,खाई के नीचे हमने जाल और पेड पहले भी बिछा दिए गए थे,क्योकि पैराशूट वंहा काम नही कर पाता,हमने इसकी एक दो बार प्रेक्टिस भी कर ली थी ताकि समय आने पर हम परफेक्ट लैंडिंग कर सके …

अब जब रणधीर ऊपर जा रहा था तो तुम्हारे जाने के बाद मैं फिर से डॉ ,तिवारी जी और चम्पा से मिली ,तिवारी जी ने मुझे बताया की तुम उनकी ही गन अपने साथ ले गए हो जिसमे नकली गोलियां उन्होंने पहले से ही भर कर रखी थी,बस बात रणधीर की थी की उसका क्या करना है ,वो अपनी असली गोली ही चलाएगा इसलिए हमने फैसला किया की उसके आने तक और अटैक करने तक मैं अजय से बच कर रहूंगी जबकि बलवीर ऐसी जगह खड़ा होगा जंहा से उसको गोली मारने से रोका जा सके ,और फिर मैं अपनी गोलियां उसके ऊपर उतार दूंगी ,बदले में तुम्हारे पास कोई चारा नही बचेगा मुझे गोली मारने का,मुझे गोली लगेगी जो की नकली गोलियां होंगी और मैं नीचे गिरूँगी और साथ ही बलवीर भी मेरे पीछे कूद जाएगा ,बस वही हुआ बात खत्म ……..”

ऐसे तो मेरे होठो पर मुस्कान थी लेकिन मैं अपने काम का पक्का इंसान था अगर ये इंडिया होता तो मैं अब तक इन्हें गिरफ्तार कर चुका होता ,मैंने एक गहरी सांस ली ,साले सब ने मिलकर मुझे अच्छा चूतिया बनाया था ……..

“और ठाकुर ..??”

“हम्म ठाकुर ..हमने बहुत सोचा की आखिर उसे कैसे मारा जाए,तब तक बलवीर छिपकर वही था और ठाकुर के ऊपर नजर रखे था लेकिन वो हवेली में घुसकर उसे नही मार सकता था ..”

“बलवीर वही था मतलब ??तुम कहा थी ..??”

मैं थोड़ा चौका

“अरे मैं कनाडा में जो थी ,यार तुम्हारी बीवी को मल्टीनेशनल कंपनी ने जॉब आफर किया था भूल गए क्या ??”

मैं कभी मोंगरा को तो कभी चम्पा को अवाक सा देख रहा था ..

“मतलब तुम ,चम्पा की जगह उस जॉब को जॉइन कर के यंहा आ गई “

“हम्म इंटरव्यू देना और जॉब लगाना कठिन होता है जॉब करना नही “मोंगरा जोरो से हँस पड़ी

“ऐसे भी कोई खास काम तो था नही इसका अगर प्रॉब्लम होती है तो चम्पा से पूछ लेती हु,यंहा आकर सब कुछ सेटल भी तो करना था,ये होटल फूफा जी के दोस्त का है उनकी मदद से बाकी लोगो को भी यंहा सेट करते गई और अब बलवीर यंहा का मैनेजर है …”

“बस ये साल इंग्लिश बोलना बड़ा कठिन काम लगता है,ऐसे यंहा आधे ही पंजाबी है “अचानक ही बलवीर बोल पड़ा और सब हँस पड़े

“अरे वो सब छोड़ो ठाकुर ..वंहा फोकस करो “मैं फिर से बोला

“हम्म तो बलवीर वंहा था और तब हमे पता चला की ठाकुर घर में पूजा कर रहा है और सभी को बुलाया है,अब ठाकुर इतना शरीफ हो जाए और सभी से दोस्ती करने की सोचे ये तो अजीब बात थी वो भी अपने बेटे के मरने के बाद ...नही ऐसा तो नही हो सकता था हा ये जरूर हो सकता था की वो सबसे बदला लेना चाहता हो और कोई षडयंत्र कर रहा हो ,तो बलवीर को हवेली में घुसना ही पड़ा,वंहा कुछ लोग हमारे वफादार थे जो की पूनम मौसी के लोग थे और कुछ बलवीर और मेरे बचपन के दोस्त थे,वो हमारा बहुत साथ तो नही दे सकते थे लेकिन उनकी मदद से हवेली में घुसा तो जा सकता था,बलवीर और पूनम मौसी ने मिलकर पता लगाया की आखिर ठाकुर करने क्या वाला है,कुछ पता नही चला सिवाय इसके की गृहमंत्री सेठ ठाकुर से एक दिन पहले मिलने आया था ,प्राण ने अपनी सुरक्षा बड़ा रखी थी और पूनम को भी अपने पास नही फटकने दे रहा था ,तो हमारा टारगेट था सेठ …

सेठ रसिक आदमी था और ये हमारे लिए एक अच्छी बात थी ,उसकी एक पुरानी रखैल थी जिसका उसके घर रोज का ही आना जाना था हमने उसे पकड़ा ,अच्छे पैसे दिए ताकि वो सेठ को अच्छे से दारू पिलाये और डॉ चूतिया और उसकी असिस्टेंट को वंहा आने दे बस…

डॉ चूतिया ने जाकर उस इंगजेक्सन का प्रयोग किया जो पुलिस वाले कैदियों से सच बुलवाने के लिए प्रयोग में लाते है और साले ने सब कुछ उगल दिया,उसे सुबह याद भी नही था की उसने क्या किया था,सुबह सब कुछ ठाकुर के प्लान के मुताबिक ही होने दिया गया ,सभी को उसने दवाई खिलाई और बेफिक्र हो गया ,दोनों ही आराम से बैठे अपने जीत का जश्न मना रहे थे लेकिन उन्हें पता नही था की बलवीर काल बनकर छत में उनका इंतजार कर रहा था ,प्राण और सेठ चम्पा और भावना से अपनी हवस मिटाने के फिराक में थे तभी बलवीर वंहा आ धमका ,उसे देखकर ऐसे भी दोनों का पेंट ही गीला हो गया था क्योकि उन्होंने सोचा था की जब सब ही बेहोश है तो उन्हें किसी बॉडीगार्ड की जरूरत नही है उन्होंने सभी को बाहर भेज दिया था ,और बलवीर ने वही किया जो उसे करना था पहले उन्हें बांध कर छत में ले गया वंहा बिठाकर अच्छे से दारू पिलाई और फिर छत से फेक दिया ,और रात में ही वंहा से निकल कर यंहा आ गया ………..”

मोंगरा की बात से वंहा शांति सी छा गई थी,मोंगरा ने थोड़े देर रुककर फिर से बोलना शुरू किया

“मैं उसे अपने हाथो से मरना चाहती थी लेकिन क्या करे सभी चीजे अपने हाथो में तो नही होती ,ऐसे मुझे खुशी है की मेरे बलवीर ने ये काम पूरा किया “

उसने मुस्कुराते हुए बलवीर की ओर देखा ,बलवीर भी मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था

“तुम दोनों खूनी हो ,मैं तुम्हे इसकी सजा दिलाकर रहूंगा “

मेरा पुलिसिया जामिर ना जाने कैसे फिर से जाग गया था

लेकिन वो दोनों ही हंसे

“मरे हुए लोगो को कैद नही किया जाता इंस्पेक्टर बाबू ..”

मोंगरा जोरो से हंसी और साथ ही चम्पा भी मुझे अब चम्पा पर गुस्सा आ रहा था क्योकि वो भी मोंगरा के साथ हँस रही थी ,ऐसे वो भी तो इस खेल में शामिल थी ….

“तुम बहुत ही ईमानदार हो अजय ,ऐसे ईमानदारी हमारे खून में है हमारे पिता ठाकुर के ईमानदार थे ,मैं मोंगरा का और तुम पुलिस के “

बलवीर ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा लेकिन उसकी बात सुनकर मैं बहुत ही बुरी तरह से चौका था..

“क्या ..ये क्या बक रहे हो ??”

मैंने अपना सर झटका

लेकिन वो ही नही बल्कि चम्पा और मोंगरा भी मुस्कुरा रहे थे ..

“ये सच है अजय ,परमिंदर भल्ला ही प्रवीण शर्मा है..”

चम्पा की बात सुनकर मैं कुछ देर के लिए उस समय में खो गया जब मेरे पिता और माँ शादी के समय हवेली गए थे,वो सभी से इतनी आत्मीयता से मिल रहे थे

मैं बलवीर को देख रहा था उसकी आंखों में आंसू था..

“ये बात मुझे भी नही पता थी भाई लेकिन पिता जी से मर संपर्क तब से था जब उन्होंने ठाकुर का काम छोड़ शहर जाने का फैसला किया,तब तुम छोटे थे और हमारी नानी के पास रहते थे,तुम्हे कभी भी हेवली नही लाया गया था क्योकि मा नही चाहती थी की तुमपर इन सबका साया पड़े ,और तुम्हारे ही भविष्य के कारण मा के पिता जी को ठाकुर का काम छोड़ने को मनाया था…...शहर जाने के बाद पिता जी ने अपना नाम बदल दिया और एक आम इंसान की जिंदगी जीने लगे,वही तुम्हारी परवरिश हुई,लेकिन पिता जी मेरे संपर्क में थे,उन्होने बताया की मेरा भाई यानी तुम पुलिस में चले गए हो और तुम भी हमारी ही तरफ अपने काम के प्रति बेहद ही वफादार हो ,लेकिन वक्त को ना जाने क्या मंजूर था कि तुम्हारी पोस्टिंग हमारे थाने में हो गई ,बहुत दिनों तक तो मुझे भी नही पता था की मेरा भाई ही थाने का वो पुलिस वाला है जिसपर मोंगरा फिदा हो गई है ,लेकिन फिर जब मेरी पिता जी से बात हुई तो मुझे पता चला की तुम ही मेरे भाई हो ये बात मैंने मोंगरा को बताई और तब उसे अपने और तुम्हारे जिस्मानी रिश्ते पर बड़ा ही दुख हुआ लेकिन फिर उसने चम्पा को यंहा लाने का फैसला किया ,बाकी का तो तुम जानते ही हो ….”

मैं बलवीर की बात सुनकर किसी और ही दुनिया में पहुच गया था

“लेकिन मुझे इन सबका पता कैसे नही चला “

मैं जैसे अपने ही आप से पूछ रहा था

“पता कैसे चलता सर जी हमने पता चलाने ही कहा दिया “

ये आवाज मेरे पीछे से आ रही थी ,जिसे मैं इतने अच्छे से जानता था की आंखे बंद कर भी पहचान सकता था ,मैं पीछे मुड़ा

“तो आप भी यही है तिवारी जी “

तिवारी हंसते हुए आया पास आया ,मैं बलवीर को और बलवीर मुझे देख रहा था,अचानक ही हम दोनों जोर से गले मिल गए और वही तिवारी ने एक सीट पकड़ कर बैठ गए थे ..

“ओहोहो कितना मधुर मिलन है ,इसी बात में थोड़ी दारू हो जाए मोंगरा बेटी “

तिवारी की बात सुनकर मोंगरा ने मुस्कुराकर पास खड़े एक वेटर को इशारा किया

“अच्छा चूतिया बनाया आप लोगो ने ,पापा तो पापा मा ने भी भनक नही लगने दी “

मैं जैसे खुद से ही बोल रहा था लेकिन मेरे दिल और चहरे में बस खुशी ही खुशी थी

“अरे सर अगर आप को बता देते तो क्या आप ये सब होने देते,परमिंदर भी जानता था और हम भी की उसका खून कभी अपने काम से गद्दारी नही करेगा ,सब सच जानते हुए भी आप अपने काम की ईमानदारी के कारण मोंगरा और बलवीर को सलाखों के पीछे पहुचाने में लगे रहते और इसका फायदा वो ठाकुर उठा ले जाता ...तो कहते है ना की अंत भला तो सब भला और जय हो परमिंदर भल्ला और जय हो बलवीर भल्ला “

तिवारी ने सामने रखा एक पैक एक ही झटके में अपने गले से उतार लिया …



*********समाप्त***********
Awsome jabardast simply lovely - thrill , suspense , drama and ofcouse masti ka accha combination ..

puri padhi - meri taraf se 100% marks to writer ..
 
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तभी कुछ लोग वँहा आये आश्चर्य की बात थी की उनके हाथो में बड़े बड़े लाठियां थी कोई खुलेआम रिवाल्वर को अपने हाथो में घुमा रहा था लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की हिम्मत नही की ,वो लगभग 10-15 की संख्या में थे ,एक लड़का उनके सामने चल रहा था और एक जैकेट पहने हुए था,सभी लोग उन्हें शक और डर की नजर से देख रहे थे ..वो लोग सीधे आये और लड़के ने चम्पा के सर पर गन टिका दी ,चम्पा और अजय दोनो के लिए के बिल्कुल ही अप्रत्याशित था ,बाकी के लड़के उन्हें घेर कर खड़े हो गए ,पूरी तरह से शांति पूरे माहौल में छा गई थी …
“ये क्या बतमीजी है “
अजय गुस्से से चीखा
“तुम्हारा खेल खत्म हुआ मोंगरा बाई “लड़के के चहरे में क्रोध साफ दिख रहा था ..
लेकिन उसकी इस बात पर अजय बस जोरो से हँस दिया लकड़ा उसे अजीब निगाहों से घूरा ..
“मुझे अभी तक इस बात पर शक हो रहा था की किसी ने इसे देखकर मोंगरा क्यो नही कहा ..लेकिन अब समझ आया की अभी तक क्यो नही कहा क्योकि जमीदार साहब को खबर करना था...और फिक्र मत करो ये मोंगरा नही उसकी बहन चम्पा है”
लड़के के चहरे में अविश्वास के भाव आये
“मैं तुम्हारे इलाके का नया इंस्पेक्टर हु अजय ...जमीदार साहब मुझे पहचानते है “
अजय ने उसे कांफिडेंस में लाने के लिए कहा ..
लेकिन उस लड़के ने अभी भी वो गन नही हटाया था चम्पा खामोश सी बैठी थी जैसे उसे पता था की ये होने वाला है …
लड़के ने एक फोन किया
“पिता जी ये तो चम्पा है ,और वो नए इंस्पेक्टर के साथ है ..”
उधर से भी कुछ कहा गया और लड़के ने फोन अजय को दे दिया लेकिन इस दौरान भी चम्पा के सर से किसी ने भी गन नही हटाई थी …
अजय वँहा से उठा और थोड़ी दूर जाकर बात करने लगा
“हम ठाकुर प्राण बोल रहे है “
:जी ठाकुर साहब “
“ये क्या है इंसपेक्टर हमने तुम्हे मोंगरा को पकड़ने के लिए भेजा था लेकिन तुम उसकी हमशक्ल के साथ रंगरलियां मना रहे हो “
“ठाकुर साहब ये ही मेरे काम का ही हिस्सा है ,आप भी जानते है की दोनो ही बहने हमशक्ल है,लेकिन पता नही की अभी तक जितने भी लोग यंहा उसे पकड़ने आये वो इस बात का फायदा क्यो नही उठा पाये ,मैं इस बात का फायदा उठाकर उसे पकडूँगा, ये मेरे प्रेम जाल में पूरी तरह से फंस चुकी हैं, इसके जरिए ही इसकी बहन तक पहुचा जा सकता हैं”
ठाकुर ने शाबासी के कई वाक्य कह डाले
“बहुत बढ़िया अजय ,तुम बस उस कुतिया को हमारे हवाले करो और मुह मांगा इनाम तुम्हारा …और चम्पा को फसाने में जितनी भी मदद लगे हम देंगे “
अजय के चहरे में कुटिल मुस्कान खिल गई
“फिलहाल तो 1 लाख ही भेज दो ,साली को पटाने में बहुत पैसा खर्च होगा….”
दोनो तरफ से हँसी गूंज गई …..

मोंगरा के जिस्म में लगे हुए घाव को देखकर बलवीर के मन में अजीब सी तिलमिलाहट हो रही थी,लेकिन वो कर भी क्या सकता था आखिर मोंगरा थी तो उसकी सरदार …
बलवीर बड़े ही प्यार से उस जख्म को छुआ..
“आउच “मोंगरा के चहरे में एक दर्द की लहर आने की बजाए खुसी झलकने लगी,आंखों में मस्ती के बादल थे और होठो में हल्की सी मुसकान….
बलवीर की चिढ़ इसे देखकर और भी बढ़ गई थी …
अचानक ही चम्पा की नींद खुली और अब भी उसके होठो में वही मुस्कान थी और थोड़ी शर्म भी …
“लगता है की चम्पा सरदार पर भारी पड़ रही है,सरदार भूलिए मत की आप चम्पा नही मोंगरा है,शायद उस इंस्पेक्टर ने आपके अंदर वो सारे अरमान जगा दिए है जो एक साधारण लड़कियों के अंदर होते है और आज तो हद ही कर दी आपने अपना मिशन भूलकर उसके साथ ……”
वो चुप था ,लेकिन मोंगरा के होठो में अभी भी वही मुस्कान थी,
बलवीर और भी बुरी तरह से झल्ला गया
“जिस्म की हवस मिटाने तक तो ठीक था सरदार लेकिन तुम तो ...तुम तो ऐसा लग रहा है जैसे तुम उसके प्यार में पड़ गई हो “
बलवीर का चहरा रूवासु हो गया जिसे देखकर मोंगरा खिलखिला कर हँस पड़ी …
“वाह बलवीर बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा है तू तो ...लगता है की तु भी हमसे प्यार करने लगा है …”
मोंगरा की बात सुनकर बलवीर थोड़ा घबरा सा गया लेकिन कुछ भी नही कहा ..
“घबरा क्यो रहे हो ,बलवीर मैं हमेशा से जानती हु और तुमसे मैं सिर्फ अपने जिस्म की प्यास ही बुझती थी लेकिन फिर भी तुम्हारे प्यार के कारण मेरे अंदर भी प्यार की लहरे उठानी शुरू हो गई मैं तुम्हे चाहती हु लेकिन अपने बेटे की तरह …”
बलवीर की आंखों में पानी था,
“तुम ये क्या कह रही हो सरदार “
“सच ही कह रही हु ,”मोंगरा के आंखों में भी आंसू आ गए थे वो बलवीर के बालो पर प्यार से हाथ फेर रही थी
“सरदार उस अजय का कोई भी भरोसा करना ठिक नही है हो सकता है की वो आपको जमीदार के हवाले कर दे ,क्या पता सरकारी आदमी है हम उसके बारे में जानते भी नही है और वो हो सकता है की जमीदार से मिला हुआ होगा “
मोंगरा के होठो में एक मुस्कान आ गई
“नही बलवीर मेरा अजय ऐसा नही है “
बलवीर को मोंगरा का अजय के प्रति इतना अपनापन चुभ सा गया ..
“क्या पता की आपके अजय के मन में क्या चल रहा होगा “
अचानक ही बलवीर उठ खड़ा हुआ और मोंगरा के हाथो को अपने सर पर लगा लिया
“आपको मेरी कसम है की अपनी असलियत उसे नही बताओगी “
मोंगरा थोड़ी मचल गई
“सुनो सरदार तुमने ये नाटक किया था क्योकि तुम उस अजय को फंसा कर जमीदार तक पहुचना चाहती थी लेकिन अब तो हद हो गई है आप तो खुद ही उसके प्यार में फंसती जा रही है ...क्या आप वो सब भूल गई जो उस हरामजादे जमीदार ने आपके और आपके परिवार के साथ किया था ...याद करो सरदार उस दर्द को जो उसने आपको दिया है…”
बलवीर के चहरे की नशे खिंच गई थी ,लेकिन मोंगरा के आंखों में बस दर्द ही था…
“वी दर्द मैं कैसे भूल सकती हु ...लेकिन पता नही क्यो अजय के प्यार के आगे लगता है की वो सब चीजों को भूल कर बस उसकी बांहो में झूलती रहूं ……….”
अब शायद बलवीर से ये असहनीय हो चुका था वो उठ खड़ा हुआ ..
“आप वो सरदार नही रही जो अपने लोगो के लिए जिया मरा करती थी “
बलवीर उठकर जाने लगा था,मोंगरा ने उसका हाथ पकड़ लिया..
“रुको …मैं जानती हु की तुम क्या चाहते हो ,और फिक्र मत करो तुम्हारी सरदार में अभी भी इतनी ताकत है की वो अपने लक्ष्य के सामने अपने प्यार को आने नही देगी ...लेकिन तुम जो सोच रहे हो वो भी सच है की मैं अजय के प्यार में बौरा सी गई हु ...उसमे मुझे मेरा भविष्य दिखाई देता है,लेकिन अपने भविष्य के लिए मैं तुम लोगो की भावनाओ से नही खेल सकती …”
मोंगरा अब भी बलवीर को किसी आशा से देख रही थी ऐसे तो उसका हुक्म ही इस गुट का नियम था लेकिन फिर भी मोंगरा अपने सभी सदस्य साथियों का समान सम्मान करती थी……
“चम्पा को अपने प्यार से प्यार करने दो इस बात पर मुझे मत रोको लेकिन मोंगरा अपना इंतकाम लेगी ...और क्या पता शायद अजय भी हमारे किसी काम आ जाए …”
मोंगरा की बात सुनकर बलवीर ने एक गहरी सांस ली ,उसके चहरे में संतोष के भाव तो अभी भी नही आये थे लेकिन फिर भी वो थोड़ा शांत जरूर दिख रहा था…….

इतनी अच्छी कहानी जा रहे थी पर सर जी आपने बीच की कहानी उड़ा कर सारा मजा ख़राब कर दिया! मोंगरा को चोट लगी कैसे ये तो आपने लिखा ही नहीं? आगे की अपडेट में भी आपने इसका कोई जिक्र नहीं किया!!!

 
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Chutiyadr

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इतनी अच्छी कहानी जा रहे थी पर सर जी आपने बीच की कहानी उड़ा कर सारा मजा ख़राब कर दिया! मोंगरा को चोट लगी कैसे ये तो आपने लिखा ही नहीं? आगे की अपडेट में भी आपने इसका कोई जिक्र नहीं किया!!!

Kya rocky bhai wo to understanding wali bat hai,ki wo chot pyar ke khel ka tha jo ,mongra ne champa bankar ajay ke sath khela tha, update 12 me aur pahle ... Isliye to balvir jism ki chot ko dekhkar gussa ho gaya
 
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