सौरभ अपने ख्यालों में खोया खोया सो जाता है.
*नोट आप लोगों को गांव की एक परंपरा के बारे में जान लेना चाहिए.
इस परंपरा को सिर्फ फूलपुर गांव ही नहीं बल्कि अर्जुन नगर मैं जितने भी गांव आते है वो सब इसे मानता है.
परंपरा कुछ ऐसा है कि अगर गांव का कोई लड़का 21 साल का हो जाता है तो वह अपनी मां के साथ शादी कर सकता है लेकिन इसमें भी 3 शर्त है.
1.उस लड़के को 15 दिनों का समय मिलता है अगर वह लड़का अपनी मां को इन 15 दिनों में प्रेग्नेंट कर देता है तो वह अपनी मां से शादी कर सकता है और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो वो जिंदगी में फिर कभी अपनी मां के साथ संभोग नहीं कर सकता.
2.एक औरत का चाहे कितना ही बेटा क्यों ना हो उसे उन सब के साथ इस परंपरा को निभाने का अधिकार है और उससे शादी भी करने का. यही कारण है कि गांव की कई औरतों के एक से ज्यादा पति है.
3.एक महिला अपने बेटे से तो शादी कर सकती है लेकिन अपने बेटे द्वारा पैदा किए गए बेटे से शादी नहीं कर सकती. जैसे सौरभ के दादाजी ने अपनी मां से शादी किया था और उसी से जगदीश पैदा हुआ था लेकिन जगदीश अपनी मां से शादी नहीं कर सकता था.
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