Bakchod Londa
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Mast update diya bhai. Agle mast update ka intezar hai.इस अचानक हमले से सुरभि जरा सा भी नहीं डरती उल्टा वह हंसते हुए कहती है - आ गया बदमाश.
सौरभ चौकते हुए कहता है - मां तुम्हें कैसे पता ये मैं ही था.
सौरभ के सवाल को सुन सुरभि उसकी तरफ अपना मुंह करके मुड़ जाती है सौरभ का हाथ जो कि पहले उसकी मां के पेट पर था अब वह सुरभि की कमर पर हो गया था.
दोनों इस वक्त जिस तरह खड़ा था उसे देख कोई भी नहीं कह सकता था कि दोनों माँ बेटा हो. दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे एक अधेड़ उम्र की महिला जो किसी जवान लड़की की प्यार में पड़ गई हो.
सुरभि - में अच्छे से जानती हु तुझे मुझे पता था तु मुझे तंग करने जरूर आएगा.
सौरभ सुरभि की बात को सुन उसके मुलायम कमर पर हाथ फेरते हुए कहता है - इसका मतलब तुम मेरा इंतजार कर रही थी.
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सुरभि - मैं तो तेरा इंतजार 5 सालों से कर रही थी तू तो अब आया है. यह कहते हुए सुरभि का आवाज भारी हो जाता है.
सौरभ अपनी मां को भाउक देख तुरंत उसे अपने सीने से दबा लेता है और अपने हाथ को उसके कमर और पीठ पर हल्का हल्का फेरते हुए कहता है - मैं भी तुम्हारे लिए बहुत तड़पा हूं माँ अब मैं तुम्हें छोड़कर कभी नहीं जाऊंगा. मैं तो तुम्हारे लिए ही गया था मां ताकि मैं तुम्हें सारी खुशियां दे सकूं.
सुरभि - अगर तुम मुझे खुशियां ही देना चाहते हो तो तुम शादी कर लो ताकि मैं जल्दी से ज्यादा दादी बन सकूं.
सुरभि की बात को सुन सौरभ का हाथ जो कुछ देर पहले अपनी मां की कमर और पीठ पर घूम रहा था वह एक जगह पर रुक जाता है. सुरभि ने जो सोचा था ठीक वैसे ही सौरभ रिएक्ट करता है. लेकिन सुरभि कुछ बोलती नहीं है.
कुछ देर दोनों खामोश रहने के बाद सौरभ सुरभि को अपने आप से दूर करते हुए कहता है - मां वो मां
सौरभ ने अभी इतना ही बोला था कि तभी जगदीश का आवाज आता है जिसे सुन सुरभि उसे बीच में रोकते हुए कहती है - तुझे जो बोलना है वह बाद में बोल देना अभी तेरे पापा आ गए हैं.
आखिर सौरभ और सुरभि के बीच क्या चल रहा था यह जाने के लिए आप अगले अपडेट तक बने रहे तब तक के लिए लाइक करें और अप्लाई करें
Mast kahani hai. Likhte raho.सौरभ अपने ख्यालों में खोया खोया सो जाता है.
*नोट आप लोगों को गांव की एक परंपरा के बारे में जान लेना चाहिए.
इस परंपरा को सिर्फ फूलपुर गांव ही नहीं बल्कि अर्जुन नगर मैं जितने भी गांव आते है वो सब इसे मानता है.
परंपरा कुछ ऐसा है कि अगर गांव का कोई लड़का 21 साल का हो जाता है तो वह अपनी मां के साथ शादी कर सकता है लेकिन इसमें भी 3 शर्त है.
1.उस लड़के को 15 दिनों का समय मिलता है अगर वह लड़का अपनी मां को इन 15 दिनों में प्रेग्नेंट कर देता है तो वह अपनी मां से शादी कर सकता है और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता है तो वो जिंदगी में फिर कभी अपनी मां के साथ संभोग नहीं कर सकता.
2.एक औरत का चाहे कितना ही बेटा क्यों ना हो उसे उन सब के साथ इस परंपरा को निभाने का अधिकार है और उससे शादी भी करने का. यही कारण है कि गांव की कई औरतों के एक से ज्यादा पति है.
3.एक महिला अपने बेटे से तो शादी कर सकती है लेकिन अपने बेटे द्वारा पैदा किए गए बेटे से शादी नहीं कर सकती. जैसे सौरभ के दादाजी ने अपनी मां से शादी किया था और उसी से जगदीश पैदा हुआ था लेकिन जगदीश अपनी मां से शादी नहीं कर सकता था.
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