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Adultery गांड बचा के आये हैं......INCEST + ADULTARY

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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दोस्तों कोई ये बता दीजिये की पोस्ट में gif फाइल कैसे अपलोड करते हैं....
tumblr में मेरा एक ब्लॉग है उस पर मैंने 5500 से ज्यादा gif डाली हैं..लेकिन यहाँ डालते नहीं बन रहा है,...
इस बुड्ढे आदमी की मदद की जाए.....
bhai pics dalo ya mat dalo..............mujhe to pics me koi interest nahi hai

lekin kahani ko aage badhate raho

intzar hai
 

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एक बार फिर से पूजा के कारण मेरी और मेडम के बीच की बात बीच में रुक गयी...मैं वापस चला आया.....लेकिन बाद में मैंने जब जब उस घटना को याद किया तो हमेशा पूजा का धन्यवाद ही किया...उस रात अगर उसके कमरे के दरवाजा नहीं खुला होता तो मेरी पेंट तो खुल ही चुकी थी...मेडम की टांगें खुलती और मैं उस खुली हुई जन्नत में घुस जाता...और इसी के साथ मेरी खुशहाल जिंदगी के रास्ते बंद हो जाते....मैं जब वापस लौट के आया तो बहुत गुस्से में था...मैंने मुट्ठ मारी और उसके बाद मेरा दिमाग कुछ शांत हुआ...शांत दिमाग में सबसे पहला ख्याल ये आया की अगर मेडम को चोद लिया तो पूजा से हाथ धोना पड़ेगा....मुझे जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए...मेडम तो मुझसे सेट हो गयी हैं...आज नहीं तो कल चुद ही जायेंगी लेकिन अगर उन्हें चोदा तो फिर पूजा कभी मेरी नहीं हो सकती...हालाँकि मैंने पूजा से कभी ज्यादा बात नहीं की थी ना ही उसने कभी मुझे कोई भाव दिया था...फिर भी ये तो कॉमन सेंस की बात थी की पूजा की उम्र और उसकी माँ की उम्र का मतलब है की पूजा को ज्यादा लम्बे समय तक चोदा जा सकता है...उसकी माँ तो बहुत ज्यादा हुआ तो कुछ साल ही मेरे काम आएगी...लेकिन अगर पूजा मिल गयी तो फिर हमेशा के लिए हो जाएगी...जब तक मेरे लंड में दम रहेगा तब तक उसकी चूत में दम रहेगा...उस रात भी मेरे ऊपर सेक्स इस कदर सवार था की तब भी मुझे पूजा और उसकी माँ सिर्फ सेक्स के लिए दिख रही थीं...उनके साथ कोई इमोशनल कनेक्ट फील नहीं हो रहा था....मैं अगले दिन उनके घर नहीं गया....मैंने पूरा समय सोचने में बिताया की अब मुझे क्या करना चाहिए..क्या मैं भी चंदू की तरफ ही झंडू बन के मेडम की लाइफ से बाहर हो जाऊ या फिर पूजा की तरफ कोशिश करून...कई बार कई तरह से सोचा तो जवाब हमेशा एक ही मिला...मेरे लिए पूजा ज्यादा ठीक है...मेडम नहीं...मेडम भले ही बहुत चुदासी हैं लेकिन उनकी चुदास मुझे लम्बे समय तक काम नहीं आएगी...

एक दिन जब मैं उनके घर नहीं गया तो अगले दिन मेडम मुझे अपनी दूकान के सामने से जाती हुई दिखाई दी...वो रिक्शे पर बैठी हुई थी...हमारी नजर मिली और बहुत ही हलके से इशारा हुआ मुझे घर आने के लिए....हमारे सिवा कोई तीसरा देखे तो कुछ समझ ही ना पाए...उनके रिक्शे के निकल जाने के बाद मैंने काफी देर तक वेट किया...फिर बगल वाली दुकान वालों के साथ बैठा और फिर उसके बाद दूकान बंद कर के मेडम के घर की तरफ चल पड़ा...अन्दर गया तो हर खिड़की पर पर्दा पड़ा हुआ था...लाइट बंद थीं...मुझे लग रहा था की मेडम आज भी चुदने के पूरे मूड में है....उन्हें देखा...ब्लाउज और पेटीकोट में...साड़ी पहले ही उतरी हुई थी...कभी ध्यान दीजियेगा पेटीकोट में नाड़े के पास एक कट होता है...मेडम ने बहुत ही खूबी से उस कट वाले हिस्से को सामने कर रखा था और शायद थोडा खोल भी दिया था...मुझे उस कट के अन्दर से उनकी गोरी चिकनी चमड़ी दिख रही थी....मेरे लंड के लिए तो इतना ही काफी था...लेकिन आज मैं अपने लंड को काबू में रखने की तयारी में था...

मैं – मुझे आपसे कुछ बात करनी है...

मेडम – अबे चोदु और कितनी बात करेगा...बात बात कर के मेरी लार टपकवा देता है और फिर बिना कुछ किये भाग जाता है...

मैं – वो तो आपकी बेटी आ जाती है बार बार...
 

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मेडम – आज वो कॉलेज में है...उसे अभी बहुत टाइम है आने...चल टाइम वेस्ट मत कर आ जल्दी से...आज मुझे कोई बात नहीं करनी...आज सिर्फ एक काम करना है.. आ जल्दी से बिस्तर पर...

वो ये सब कह रही थी और बिस्तर भी बना रही थी..बिस्तर पर रखा सब सामान हटा दिया और फिर मेरी तरफ मुड़ी..मैं वैसा ही खड़ा था..कपडे भी नहीं उतारे थे...उन्होंने इशरे से पुचा...मैंने कहा की बात करनी है....मेडम को लगा की शायद मैं उन्हें गरम करने वाली बात करने वाला हूँ...थोडा सा मुस्काई और फिर बिस्तर पर बैठ गयी...अपनी टांगें फैला ली...पेटीकोट उठा लिया...इतना की मुझे जांघे दिख जाएँ...एकदम मक्खन जैसी जांघे....मैंने अपनी जेब में हाथ डाल के अपने लंड को मसल दिया...आज तो जो भी हो जाए लेकिन लंड से नहीं दिमाग से काम लेना है...

मेडम- मैं तो परसों से लार बहा रही हूँ...और कितनी बात करनी है तुझे...चल बोल क्या बोलना है...

मैं – आप मेरी बात को पूरा सुनिए..ध्यान से और उसके बाद शांत मन से ही कुछ सोचियेगा...

मेडम – दिनकर मैं ज्यादा देर नहीं रुकुंगी...जो कहना है कहो और फिर मुझे चोदो....और अगर चोदना नहीं चाहते हो तो बिना कुछ कहे चुपचाप वापस चले जाओ. मुझे कुछ फिजूल की बात नहीं सुन्नी है....मैं किसी और को सेट कर लूंगी अपने लिए...

मैं – नहीं. मैं फिजूल की बात नहीं बल्कि बहुत जरुरी बात कहना चाहता हूँ...

(तब तक मेडम ने दराज में राखी अपनी मोमबत्ती उठा ली थी....आज तो वो बहुत ही गरम मूड में थी...)

मैं – मैं पूजा से शादी करना चाहता हूँ...

जो मोमबत्ती उनके हाथ में थी और फिर चूत में जाने वाली थी वो अगले ही पल हवा में उडती हुई आई और मेरे चेहरे पर लगी..उसके बाद उसके पीछे पीछे मेडम की दोनों जूतियाँ भी आई...फिर पास में रखी क्रीम की डब्बी...तेल की शीशी..कंघी..दो किताबें..और सबसे लास्ट में पैरपोश....जब ये सारे हमने मैंने खा लिए और उनके पास फेंकने को कुछ नहीं बचा तो खुद उठ के आई और मुझे लगातार कई सारे थप्पड़ लगा दिए....मैं चुप खड़ा सब सह रहा था..कुछ नहीं बोला...उन्हें रोका भी नहीं.....फिर उन्होंने मुझे कालर से पकड़ के अपने कमरे से बाहर किया और फिर अपने घर से बाहर...बोली की आज के बाद मेरे सामने मत आना...

मैं उनके घर के बाहर के गार्डन में जा के बैठ गया...शायद एक घंटे बाद उनके घर का दरवाजा खुला...मेडम का मुंह अभी भी गुस्से से लाल था...

मेडम- मादरचोद यहाँ अपनी माँ चुदवाने बैठा है क्या..भाग जा यहाँ से और कभी मुझे दिखना मत..

(उठ के मैं दरवाजे की तरफ आया..उन्होंने दरवाजा बंद करने की कोशिश की तो मैं रोक दिया...थोड़ी देर वहां जोर आजमाईश हुई...फिर वो दरवाजा छोड़कर अन्दर चली गयी..मैं दरवाजा अन्दर से बंद करता हुआ उनके कमरे में आया...)

मेडम – तूने मुझे बाजार की रंडी समझ रखा है?

मैं – नहीं. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. आप मुझे बहुत पसंद हैं. और आपके लिए मेरे मन में बहुत इज्जत है.

मेडम – तेरे मन की इज्जत अपने पास रख. मेरा काम चलेगा पेंट के अन्दर रखे लंड से...वो देता है तो दे नहीं तो “निकल लवडे पहली फुर्सत में निकल”...
 

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मैं – आप शांत हो कर मेरी बात सुन लीजिये फिर मैं निकल जाऊंगा.

मेडम – जा के अपनी रंडी बहन को सुना अपनी बात..हरामी की औलाद बहन को चोद लेगा लेकिन मुझे ज्ञान देने आया है. रंडी के जाए भाग जा यहाँ से..

मैं – नहीं. मैं नहीं जाऊंगा और आपको मेरी बात सुन्नी ही पड़ेगी...

वो मुझे एकटक देखती रही..उनके चेहरे से उनका दर्द साफ़ दिख रहा था...किसी औरत को इस तरह सेक्स के लिए ठुकरा देना बहुत insulting लगता है...उनके चेहरे पर अपनी बेइज्जती का वो भाव साफ़ दिख रहा था...लेकिन मैंने भी तय कर रखा था की आज तो पिघलना ही नहीं है...

मैं – आपको और पूजा को नेता से बचाने का यही एक रास्ता है...

मेडम- बेटा तुम जैसे लौंडों की गांड तो नेता तुम्हारी माँ के पेट में ही मार देता है...अपनी औकात में रहो...ज्यादा ऊँचे न उडो.

मैं – आप शांत मन से सोचिये.

मेडम – नेता तुम्हें कब शांत कर देगा तुम्हें पता भी नहीं चलेगा...तुम भी झंडू ही हो...चंदू अलग टाइप का झंडू था,..कम से कम वो अपनी चड्डी में रहता था...तुम अपनी चड्डी से बाहर निकल रहे हो...तुम्हारे चक्कर में नेता हमें भी बर्बाद कर देगा.

मैं – आपकी जिंदगी में अब और बचा क्या है बर्बाद होने को? और आप भी जानती हैं की पूजा की जिंदगी भी बर्बाद ही है.

मेडम – हमें तुम्हारी मदद की जरुरत नहीं है. तुम मेरे काम के नहीं हो. कोई बात नहीं. मैं ही थोडा बहक गयी थी. मुझसे ही गलती हो गयी...मैं जरुरत से ज्यादा आगे सोच गयी. हो सकता है की तुम खुद ही डर गए हो और इस तरह के बहाने बना रहे हो ताकि मैं ही तुम्हें भगा दूं....जो भी है दिनकर..मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं..मैं अपनी जिंदगी जी लूंगी..बिना सेक्स के कोई मर तो नहीं जाता.

मैं – आपकी सुई सेक्स पर अटक गयी है. मैं सेक्स की बात नहीं कर रहा. सेक्स तो है ही. होगा ही. मैं ये कह रहा हूँ की अगर आप साथ दें तो मैं आपको और पूजा को इस नरक से बाहर निकाल सकता हूँ..आपको सिर्फ सेक्स ही नहीं बल्कि अपनी पूरी जिंदगी मिल जाएगी...आप खुली हवा में सांस ले सकेंगी..

मेडम – मैं चुदाई की फिल्म देख के बहक गयी और तुम दूसरी फ़िल्में देख के बहक गए..हम दोनों ही बहक गए..तुम्हें हीरो बन्ने के शौक लगा है...

मैं – आप अभी भी ठन्डे दिमाग से मेरी बात नहीं सुन रही हैं. ना ही सोच रही हैं...

मेडम – अबे साले.....तू मुझे अकल देने आया है. तीन दिन से मैं अपनी बुर गीली कर के बैठी थी...उस दिन लंड क्यों दिखाया मुझे? जब चोदना नहीं था तो मेरे सामने अपना लंड क्यों निकाला? मादरचोद तुझे क्या लगता है पूजा कोई बाजारू लड़की है की तेरे लिए राजी हो जाएगी. मेरे पैसों पर पल रहा है तू...पूजा अपने क्लास की टॉपर है...उसके सामने बहुत बढ़िया जिंदगी है..उसके महीने के खर्चे में तेरी पूरी जिंदगी का खर्चा निकल आएगा...उसकी माँ हूँ मैं और तू मुझे सिखा रहा है की मैं उसकी जिंदगी के बारे में कैसे सोचूं....बेटिचोद तेरी मैया ने सोचा तेरे बारे में? कैसे तेरी गांड पे लात मार के भगाया तुझे...लगता है तुझे वैसे ही भगाए जाने की आदत लग गयी है....मैं अपनी बुर खोल के रखी हूँ तेरे लिए...अपनी बुर दे रही हूँ तुझे और तू कह रहा है की मेरी बेटी की बुर लेगा...बहनचोद के मूत मेरी बेटी की बुर के झांट के लायक भी नहीं है तू...भाग जा यहाँ से..
 

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एक बार फिर मेडम ने मुझे धक्के दे के घर से निकाल दिया...इस बार तो लगा की माँ चुदाने जाएँ दोनों माँ बेटी..मुझे क्या पड़ी है किसी के फटे में टांग अडाने की..मैं क्यों इतनी गालियाँ सुनूँ...साला एक तो इनके भले के लिए सोचो ऊपर से इतनी गालियाँ..इतनी गन्दी गन्दी गालियाँ...ये किस तरह के कॉलेज की प्रिंसिपल थी...यही सीखा है इसने...साली के बुर से ज्यादा गरम तो खोपड़ी है....अब मैं नहीं जाने वाला किसी के लिए कुछ करने...पैसा क्या दे दिया मुझे धौंस दिखा रही है...वो नेता का नौका खुले चौराहे में चोदेगा तो अकाल ठिकाने आएगी...

मेरा भी बहुत तेज दिमाग ख़राब हुआ...आखिर कोई कितनी गाली सुन सकता है...लेकिन फिर भी मैं घर के बाहर नहीं आया..वहीँ गार्डन में बैठ गया फिर से....फिर से करीब एक घंटे बाद दरवाजा खुला...लेकिन इस बार अन्दर का नहीं बल्कि बाहर का....पूजा अपने कॉलेज से लौट आई थी....मुझे वहां बैठा देख के एकदम से ठिठक गयी.....कुछ नहीं बोली...भाग के घर के दरवाजे पर गयी और तब तक बजाती रही जब तक खुल नहीं गया....मेडम ने सोचा होगा की मैं हूँ तो वो भी गुस्से में आई दरवाजा खोलने लेकिन दरवाजा खुलते ही पूजा उससे एकदम चिपक सी गयी...उससे बार बार पूछ रही थी की तुम ठीक हो या नहीं....मेडम ने कहाँ हाँ मैं ठीक हूँ लेकिन तुम इतना डरी हुई क्यों हो....पूजा ने बोला की ये आदमी यहाँ क्यों बैठा है?

दरवाजे के बहार झाँक के मेडम ने देखा...मैं दिखा...पूजा को वैसे ही अपनी बाहों में लिए मेडम जी फिर शुरू हो गयी...भोसड़ी के अभी तक गया नहीं तू...तेरी मैया अन्दर चुदवा रही है क्या जो यहाँ पहरा दे रहा है या तेरी बहन अपने यार से चिपकी है...मादरचोद भाग जा और आना नहीं आज के बाद.....\

अपनी माँ के मुंह से इस तरह के सुन्दर वचन सुन के पूजा हैरान हो गयी...उसे तो हंसी ही आ गयी,....उसे अंदाजा भी नहीं था की माजरा क्या है....उसे हँसता देख के फिर से मुझे हौसला आ गया..मैं लपक के आगे गया और इस बार पूजा से बोला...मुझे तुम लोगों से कुछ जरुरी बात करनी है. मेडम जी मेरी बात सुन नहीं रही हैं तुम तो सुन लो...इसके पहले की मेडम कुछ कह पाती पूजा ने उन्हें अन्दर कर दिया और मुझे भी अन्दर आने को बोला....मैं बिना मौका गंवाए एक पल में घर के अन्दर आ गया...

हम लोग सीधा मेडम जी के कमरे में जा के रुके...मेरे और मेडम के बीच के गुस्से में हमने किसी दूसरी बात पर गौर नहीं किया था...लेकिन पूजा ने किया..उसने देखा की पूरे घर के सब परदे गिरे हुए हैं...लाइट बंद हैं....उसकी माँ के रूम में सामान बिखरा हुआ है...लेकिन बिस्तर एकदम साफ़ है..बिस्टर पर तीन चार तकिया ज्यादा राखी हुई है...उसकी मा सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में है...फिर उसने मेरे पेंट की तरफ देखा....इतना सब होने के बाद किसी का लंड खड़ा होता है क्या.?? पूजा को लगा की शायद मेरा लंड खड़ा नहीं हुआ और मैं मेडम को चोद नहीं पाया इसलिए मेडम इतना नाराज हैं.....और पूजा अपनी हंसी नहीं रोक पायी...मेडम को देखती हुई पूजा बोली...इसका भी खड़ा नहीं हुआ क्या....

उसकी ये बात सुन के मैं चौंक गया और मेडम शर्मा गयी....फिर मुझे समझ आई की पूजा समझ गयी थी की मेडम आज मुझसे चुदने की तयारी में थी...”इसका भी” का मतलब ये की पूजा को पता था की चंदू का खड़ा नहीं हुआ था.....इसके पहले मुझे कबी ये ख्याल नहीं आया की पूजा क्या सोचती है अपनी माँ की चुदास के बारे में और उसकी माँ की चुदास का उसके अपने उपर क्या असर हुआ है.....सबसे पहले मेडम बोली...

मेडम – ये हमें नेता से बचाना चाहता है...
 

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पूजा – ओह्ह अच्छा जी...आप हीरो बनना चाहते हैं...

(इसके पहले मैंने पूजा से कभी सीधे सीधे बात नहीं की थी..ये पहला मौका था और उसकी टोन सुनके मन में सबसे पहला ख्याल आया....साली बहन की लौड़ी....)

मैं – हाँ.

पूजा – क्यों हमारे ऊपर इतनी मेहरबानी करना चाहते हो? या अपनी जिंदगी से मन भर गया है. माँ आप तो कहती थी की दिनकर बहुत समझदार है. ये तो निरा मूर्ख निकला.

मेडम – हाँ अब तक तो मैं भी इसे समझदार ही समझती थी.

मैं – पता नहीं क्यों आप लोग मेरी बात को ठीक से सुन क्यों नहीं रहे...जबकि इसमें फायदा तो आप लोगों का ही है...मैं कुछ कह रहा हूँ तो सोच के ही कह रहा होऊंगा...एक बार मेरी बात सुन तो लीजिये...

इस बार पूजा का चेहरा थोडा बदला...उसने शायद सोचा की सुनने में कोई हर्ज नहीं है...मेडम को तो अपनी चुदासी बुर पर हुए धोके के सिवा कुछ दिख नहीं रहा था लेकिन पूजा के सामने उनकी एक न चली...वो भी बैठ गयी...वो दोनों बिस्तर पर बैठ गए और मैं सामने खड़ा था...

(जिस दिन में इनके घर नहीं आया था अपनी दूकान में था...उस दिन मेरा केसेट वाला एजेंट आया था दुकान में...मुझे परेशां देख कर उसने मुझसे पूछा की क्या हुआ...मैं मन में इतनी सारी बातें भर के बैठा था की मुझे कोई बात करने वाला चाहिए था...वो एजेंट भी बहार के शहर का था...वो कई शहरों में अपना माल देने जाता था तो मुझे लगा की इसे अगर कुछ कह देता हूँ तो इसमें कोई खतरा नहीं है..,,उससे मैंने पूरी बात बताई तो वो तो बहुत बड़ा खिलाडी निकला...बोला की उसके पास ऐसा तरीका है जिससे ये नेता क्या इसके जैसे पता नहीं कितने नेता एक बार में ख़त्म हो जायेंगे और कभी जिंदगी में दोबारा पनप नहीं पायेंगे...उसने मुझे पूरी बात विस्तार से बताई की क्या क्या करना होगा...उसी के हिसाब से मैंने आज मेडम से बात की...अब बारी आई थी मेडम लोगों को प्लान समझाने की...)

मैं – मेरा फिल्मों की केसेट देने वाला एक एजेंट है...वो प्रदेश के सोलह जिलों में अपना माल भेजता है...उसके बहुत ऊँचे ऊँचे लोगों से कांटेक्ट हैं..मैंने उसे पूरी बात बताई...उसने मुझे एक तरकीब बताई है...

पूजा – कैसी तरकीब?

मैं – उसने बताया की सेक्स फिल्मों में एक टाइप की फिल्म होती हैं जो की गैरकानूनी होती हैं...उन फिल्मों से जुडी कोई भी सामग्री जैसे केसेट या किताब किसी के यहाँ पायी जाने पर उस आदमी को तुरंत जेल में भेज देते हैं और जब तक सुनवाई पूरी नहीं होती उसे जमानत नहीं मिलाती. और अगर ये साबित हो गया की वो सामग्री उसके घर में मौजूद थी तो उसे पूरी जिंदगी जेल में काटनी पड़ सकती है..ये बहुत ही ज्यादा गंभीर मामला होता है और ऐसे आदमी की कोई मदद नहीं करता...मेरा एजेंट तो कह रहा था की वैसी कोई सामग्री के केस में अगर कोई पकड़ा जाए तो उसे फिर कोई बचा ही नहीं सकता...कानून बहुत सख्त है...हमें वो सामग्री नेता के घर में पहचानी है...उसके बाद का सारा काम अपने आप हो जायेगा...उसके इस तरह के काण्ड में फंसते ही उसकी पार्टी उसे निकाल देगी..उसकी नेता की कुर्सी छीन जायेगी...कोई उसकी मदद नहीं करेगा...और उसका पूरा ध्यान होगा अपने आप को बचाने में...हमारे पास मौका होगा की हम यहाँ से भाग जाएँ...और फिर नेता की पूरी जिंदगी कोर्ट और जेल में बीत जाएगी वो हमें कभी परेशान नहीं कर पायेगा...

पूजा – तुम भूल रहे हो की ये नेता यहाँ का सबसे ताकतवर आदमी है. पुलिस उसकी जेब में है.

मैं – मेरे एजेंट ने बताया है की इस तरह के केस को देखने वाला एक अलग विभाग होता है. और उस विभाग में चुनिन्दा असफर होते हैं जो किसी नेता या उसके बाप से नहीं डरते...वो अपना काम करते हैं बस...

पूजा – तो इसमें नेता को कैसे फंसोगे?

मैं – आसान है...मेडम तो उसके पूरे घर में घुमती हैं कोई रोकता नहीं है उन्हें...मैं मेडम को वो सब सामान दे दूंगा...उन्हें बस वो सामान नेता के घर में छुपा देना है...फिर हमें उस विभाग को खबर कर देंगे और वो नेता के यहाँ छापा डाल के उसे पकड़ लेंगे...वो हमेशा के लिए अन्दर हो जायेगा और तुम लोग आजाद हो जाओगे उससे...
 
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