Iron Man
Try and fail. But never give up trying
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Awesome Update.#40
भरी राह मेरी नजर ठहर गई उस चेहरे पर जिसे देखने की तमन्ना मैं बार बार करता था. वो जिसे मैं खुद से ज्यादा चाहता था. पर जिस हाल मे उसे मैं देख रहा था दिल टूट कर बिखर सा गया. मेरी जान मजदूरी कर रही थी. माथे से पसीना पोछते हुए वो ईंट उठा रही थी. ये वो पल था जब मुझे खुद पर हद से ज्यादा शर्म आई. वो जिससे मैंने रानी बनाने का वादा किया था वो ईंट गारे से सनी थी. मुझसे ये देखा नहीं गया मैं उसके पास गया. मुझे देख कर वो चौंक गई.
"मुसाफिर तुम यहाँ " शालीनता से पूछा उसने
मैं - तू चल अभी मेरे साथ, तुझे इस हाल मे देखने से पहले मर क्यों नहीं गया मैं, मेरी जान मेरे होते हुए मजदूरी कर रही है
रूपा - काम करने मे भला कैसी शर्म सरकार, मजदूरी करती हूं ये मालूम तो है तुम्हें
मैं - मुझे कुछ नहीं सुनना तू अभी चल मेरे साथ
रूपा - तमाशा क्यों करते हो देव, ठेकेदार देखेगा तो नाराज होगा.
मैं - ऐसी तैसी उसकी, मैंने कहा तू अभी चल मेरे साथ.
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
रूपा - ठीक है बाबा चलती हूं दो मिनट ठहर.
कुछ देर बाद वो अपना झोला उठाए आयी.
"आज की दिहाड़ी गई मेरी तेरी वज़ह से " उसने कहा
"तेरे ऊपर ये जहां वार दु मेरी जाना " मैंने कहा
रूपा मुस्करा पडी. उसकी मुस्कान कमबख्त ऐसी थी कि सीधा दिल मे उतरती थी.
"भूख लगी है झोले मे रोटी है क्या " मैंने पूछा
रूपा - तेरे साथ हूँ, किसी होटल मे ले चल मुझे,दावत करवा
मैं - ये भी कोई कहने की बात है पगली
मैंने उसका हाथ थामते हुए कहा
थोड़ी देर बाद हम एक होटल मे थे.
"बोल क्या खाएगी " पूछा मैंने
रूपा - तेरी मेहमान हूं जो तू चाहे
"तेरी ये ही बाते मुझे दीवाना कर जाती है "मैंने कहा
"चल अब बाते ना बना, खाना मंगवा" रूपा ने हुक्म दिया और अपनी सरकार का हुक्म मैं टाल दु ये हो नहीं सकता था.
ये लम्हें बड़े सुख के थे खाने से ज्यादा मेरा ध्यान उस मासूम चेहरे पर था जिसकी मुस्कान मेरे लिए बड़ी क़ीमती थी. खाने के बाद मैं उसे कपड़ों की दुकान पर ले गया और ढेर सारे कपड़े पसंद किए उसके लिए
"इतनी आदत मत डाल मुसाफिर मुझे " उसने कहा
मैं - इतना हक तो दे मुझे
फिर कुछ नहीं बोली वो. तमाम ड्रेस मे मुझे सबसे जो पसंद था वो सफेद सलवार और नीला सूट. जिस पर हल्का पीला दुपट्टा बड़ा ग़ज़ब लगता.
"जब तू ये पहन कर आएगी मेरे सामने तो कहीं धड़कने ठहर ना जाये "मैंने कहा
रूपा - ऐसा क्यों कहता है तेरी धड़कनों पर मेरा इख्तियार है. दिल पहले तेरा था अब मेरा है.
मैं - सो तो है.
दुकान से निकल कर हम बस अड्डे पर आए और गांव तक कि बस पकड़ ली. बस मे बैठे हुए उसका हाथ मेरे हाथ मे था, रूपा ने मेरे कांधे पर अपना सर रख दिया.
"ना जाने इस बार फसल कब कटेगी " कहा उसने
मैं -ये भी तेरी जिद है वर्ना मैं तो अभी के अभी तैयार हूं. जानती है ऐसी कोई रात नहीं जो तेरे ख्यालो मे करवट बदलते हुए कटती नहीं
रूपा - मेरा हाल भी ऐसा ही है. तू साथ ना होकर भी साथ होता है, हर पल तेरे ख्याल मुझ पर छाए रहते है. खैर, तेरा ज़ख्म कैसा है डॉक्टर को दिखाया तूने
मैं - ठीक है, बेहतर लगता है पहले से
रूपा - ध्यान रखा कर तू अपना
मैं - तू आजा फिर सम्भाल लेना मुझे
रूपा - बस कुछ दिनों की बात है, रब ने चाहा तो सब ठीक होगा.
बाते करते करते ना जाने कब हमारा ठिकाना आ गया हम बस से उतरे और खेत की तरफ चल पड़े की रास्ते मे एक बुढ़िया मिली.
"बेटा बीवी के लिए झुमके ले ले. बस दो तीन जोड़ी बचे है ले ले
" बुढ़िया ने कहा
मैं - दिखा मायी
उसने झुमके दिखाए एक बड़ा पसंद आया. मैंने वो खरीद लिया
"बड़ा जंच रहा है " उसने कहा
मैंने उसे पैसे दिए और हम झोपड़ी पर आ गए
"क्या जरूरत है इतने पैसे खर्च करने की तुझे " रूपा ने उलाहना दिया
मैं - सब तेरा ही है मेरी जान
रूपा - आदत बिगाड़ कर मानेगा तू मेरी. चल अब पहना मुझे झूमका
रूपा ने बड़े हक से कहीं थी ये बात. मैंने उसके माथे को चूमा
और उसके कानो पर झुमके पहना दिए.
"आईना होता तो देखती कैसे लग रहे है "
मैं - मेरी आँखों से देख समझ जाएगी कैसे लग रहे है.
मेरी बात सुनकर शर्म से गाल लाल हो गए रूपा के. सीने से लग कर आगोश मे समा गई वो. कुछ लम्हों के लिए वक़्त ठहर सा गया मेरे लिए. होंठ खामोश थे पर दिल, दिल से बात कर रहा था.
"उं हु " सामने से आवाज आयी तो एकदम से हम अलग हुए
Roopa ne sto story hi ghuma rakha ha katti hai aur bahane se shadi bhi khishka deti hai . Jo uska roop dikh raha wo asli nahi hai par dekhte hai kab samne aata hai .
Agle update ka intzar.