• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery गुजारिश

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,175
107,646
304

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
12,542
88,073
259
#42

रूपा - आ चल मेरे साथ

मैं - कहाँ

रूपा - घर

मैं - सच मे

रूपा - सच मे

रूपा ने अपना हाथ आगे बढ़ाया मैं उसका सहारा लेकर उठा, सीने मैं के दर्द की वज़ह से पैर लडखडाए.
रूपा - क्या हुआ

मैं - कुछ नहीं चल चले

सर्द रात के अंधेरे मे अपनी जाना का हाथ थामे कच्चे रास्ते पर चलना अपने आप मे एक सुख होता है. हमने जल्दी ही वो मोड़ पार किया जहां अक्सर मैं उसे छोड़ कर जाता था. जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे रूपा की पकड़ मेरी कलाई पर मजबूत होते जा रही थी. करीब आधा कोस चलने के बाद मुझे रोशनी दिखने लगी. जल्दी ही हम एक छप्पर के सामने खड़े थे.

"बस यही है मेरा आशियाँ " रूपा ने टूटते लहजे मे कहा.

मैं - महल से कम भी नहीं है जहां मेरी रानी रहती है
वो मुझे अंदर ले आयी. एक चूल्हा था. एक कोने मे बिस्तर प़डा था. पास मे एक कमरा और था. रूपा ने मुझे पानी दिया. मैं बैठ गया.

रूपा - चाय पियेगा

मैं - हाँ

उसने चूल्हा जलाया, बहती ठंड मे धधकता चूल्हा, ऊपर से बर्तन मे उबलती चाय, जिसकी खुशबु ने माहौल बना दिया था. जल्दी ही कप मेरे हाथो मे था

मैं - तू भी ले

वो - तुझे तो मालूम है मुझे दुध पसंद है.

मैं - तेरी मर्जी, पर दिलबर के संग चुस्की लेने का मजा ही अलग है सरकार

रूपा - जानती हूं सनम. मेरे संग तू है और क्या चाहिए. रात दिन बस एक ही ख्याल है मुझे, कभी सोचा नहीं था कि ऐसे कोई. मुसाफिर आएगा जो मुझे यूँ बदल देगा. मेरी जिन्दगी को एक नया रास्ता देगा
.
रूपा ने एक डिब्बे से कुछ मिठाई दी मुझे खाने को.

"बोल कुछ " उसने मुझसे कहा

मैं - क्या बोलू, बस तेरे पहलू मे बैठा रहूं, मुझे अपने आगोश मे छिपा ले, इतनी तमन्ना है जब आंख खुले तो तेरा दीदार हो, नींद आए तो तेरी बाहें हो.

रूपा - कहाँ से सोचता है तू ये बाते,

मैं - तुझे देखते ही अपने आप सीख जाता हूँ

मैं रूपा से बात कर रहा था पर मुझे कुछ होने लगा था. कुछ बेचैनी सी होने लगी थी, जी घबराने लगा जैसे उल्टी गिरेगी.

रूपा - क्या हुआ ठीक तो है ना

मैं - हाँ ठीक हुँ,

ठंडी मे भी मेरे माथे पर पसीना बहने लगा था.

"मुझे जाना होगा सरकार, जल्दी ही मिलूंगा " मैंने कहा

रूपा - क्या हुआ

मैं - एक काम याद आया

मैंने अपना दर्द छुपाते हुए रूपा से कहा.

रूपा - तेरी तबीयत ठीक नहीं लगी मुझे, मैं चलती हूं तेरे साथ

मैं - क्यों परेशान होती है, ऐसी कोई बात नहीं, बस एक काम याद आ गया.

मैं रूपा को परेशान नहीं करना चाहता था.

" फिर भी मोड़ तक आती हूं तेरे साथ. "उसने कहा
हम दोनों वहां से चल पड़े. एक एक कदम भारी हो रहा था मैंने सीने से रिसते खून को अपने कपडे भिगोता महसूस किया. बाबा ने सही कहा था आने वाले दिन बड़े मुश्किल होंगे. मोड़ तक आते आते मैं गिर प़डा. आंखे बंद सी होने लगी

"देव, क्या हो रहा है तुम्हें " रूपा चीख पडी.

"उठो देव उठो " रूपा रोने लगी मेरी हालत देख कर.
"बाबा के पास ले चलो मुझे " टूटती आवाज मे मैने कहा

रूपा ने मुझे सहारा दिया और बोली - अभी ले चलती हूं, तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी मैं, कुछ नहीं होगा तुम्हें
अपना सहारा दिए, मुझे घसीटते हुए रूपा मजार तक ले चली थी. जैसे किसी नल से पानी बहता है ठीक वैसे ही बदन से रक्त बह रहा था, मेरे लिए सब अंधेरा हो चुका था, सांसे जैसे टूट गई थी.

"हम आ गए देव हम आ गए " मुझे बस रूपा की आवाज सुनाई दे रही थी. मैं आंखे खोलना चाहता था पर सब अजीब हो रहा था

"बाबा, बाबा कहाँ हो तुम, देव को जरूरत है तुम्हारी " रूपा पागलों की तरह चीख रही थी. पर उसकी सुनने वाला वहां कोई नहीं था.

खुले सीने पर कुछ बांध कर वो खून बहना रोकने की कोशिश कर रही थी. बार बार मेरे चेहरे पर मार रही थी.

"आंखे खोल देव आंखे खोल, मैं हूँ तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी अपने सरताज को " रूपा बुरी तरह चीख रही थी.

"रूपा, रूपा " मैंने उसके हाथ को कसके पकड़ लिया. बड़ी मुश्किल से मैं उसे देख पाया. आंसुओ मे डूबा उसका चेहरा मेरे दिल को छलनी कर गया. मैं बहुत कुछ कहना चाहता था पर ये अजीब सा वक़्त था.

" क्या करू, कहाँ जाऊँ कोई सुनता क्यों नहीं मेरी
"रूपा बोली

मैंने देखा रूपा के चेहरे के भाव बदलने लगे थे. उसने अपनी आस्तीन ऊपर की और अपने हाथ पर एक चीरा लगाया. ताजा खून की खुशबु हवा मे फैल गई.
"कुछ नहीं होगा तुम्हें ". रूपा ने अपनी आस्तीन मेरे सीने के ऊपर की ही थी कि वो चीखती हुई पीछे की तरफ जा गिरी. एक दिल दहला देने वाली चिंघाड़ हुई. मैं समझ गया कि रूपा को किसने झटका दिया. ये वो ही सर्प था जिसे दुनिया मेरा साथी मानती थी.

सर्प ने मेरे चारो तरफ कुंडली जमा ली और अपनी पीली आँखों से मेरे दिल मे झाँक कर देखा. अगले ही उसकी फुंकार से जैसे आसपास जहर फैल गया.

"ये मर रहा है इसकी जान बचाने दे मुझे " रूपा ने कहा

सर्प ने ना मे गर्दन हिला दी.

रूपा - मैं विनती करती हूं. इसके अलावा कोई चारा नहीं है.

सर्प अपनी जगह से नहीं हिला. रूपा ने मेरे पास आने की कोशिश की पर उसने झपटा मारा रूपा पर.

"तू समझती क्यों नहीं अभी कुछ नहीं किया गया तो प्राण हर लिए जाएंगे इसके " रूपा ने कहा

"इलाज मिल जाएगा तेरी सहायता की जरूरत नहीं " पहली बार वो सर्प मानव भाषा बोला
.
रूपा -ठीक है, तो कर इसका इलाज पर याद रखना इसकी एक एक साँस की कीमत है इसे कुछ हुआ तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, चाहे तू हो या कोई. महादेव की कसम किसी का मान नहीं रखूंगी मैं. चाहे मुझे मेरे प्राण देने पड़े पर मुसाफिर को जिंदा रहना होगा

"मैंने कहा ना, तेरी जरूरत नहीं, जहां तू खड़ी है वहाँ तुझे आने की इजाजत है किस्मत है तेरी " सर्प ने अभिमान से कहा

रूपा - तू रोक नहीं सकती, तेरी बदनसीबी है

"गुस्ताख, तेरी ये हिम्मत " सर्प ने अपनी पुंछ रूपा के जिस्म पर मारी, रूपा का सर दीवार से टकराया
 

vickyrock

Active Member
610
1,581
139
#42

रूपा - आ चल मेरे साथ

मैं - कहाँ

रूपा - घर

मैं - सच मे

रूपा - सच मे

रूपा ने अपना हाथ आगे बढ़ाया मैं उसका सहारा लेकर उठा, सीने मैं के दर्द की वज़ह से पैर लडखडाए.
रूपा - क्या हुआ

मैं - कुछ नहीं चल चले

सर्द रात के अंधेरे मे अपनी जाना का हाथ थामे कच्चे रास्ते पर चलना अपने आप मे एक सुख होता है. हमने जल्दी ही वो मोड़ पार किया जहां अक्सर मैं उसे छोड़ कर जाता था. जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे रूपा की पकड़ मेरी कलाई पर मजबूत होते जा रही थी. करीब आधा कोस चलने के बाद मुझे रोशनी दिखने लगी. जल्दी ही हम एक छप्पर के सामने खड़े थे.

"बस यही है मेरा आशियाँ " रूपा ने टूटते लहजे मे कहा.

मैं - महल से कम भी नहीं है जहां मेरी रानी रहती है
वो मुझे अंदर ले आयी. एक चूल्हा था. एक कोने मे बिस्तर प़डा था. पास मे एक कमरा और था. रूपा ने मुझे पानी दिया. मैं बैठ गया.

रूपा - चाय पियेगा

मैं - हाँ

उसने चूल्हा जलाया, बहती ठंड मे धधकता चूल्हा, ऊपर से बर्तन मे उबलती चाय, जिसकी खुशबु ने माहौल बना दिया था. जल्दी ही कप मेरे हाथो मे था

मैं - तू भी ले

वो - तुझे तो मालूम है मुझे दुध पसंद है.

मैं - तेरी मर्जी, पर दिलबर के संग चुस्की लेने का मजा ही अलग है सरकार

रूपा - जानती हूं सनम. मेरे संग तू है और क्या चाहिए. रात दिन बस एक ही ख्याल है मुझे, कभी सोचा नहीं था कि ऐसे कोई. मुसाफिर आएगा जो मुझे यूँ बदल देगा. मेरी जिन्दगी को एक नया रास्ता देगा
.
रूपा ने एक डिब्बे से कुछ मिठाई दी मुझे खाने को.

"बोल कुछ " उसने मुझसे कहा

मैं - क्या बोलू, बस तेरे पहलू मे बैठा रहूं, मुझे अपने आगोश मे छिपा ले, इतनी तमन्ना है जब आंख खुले तो तेरा दीदार हो, नींद आए तो तेरी बाहें हो.

रूपा - कहाँ से सोचता है तू ये बाते,

मैं - तुझे देखते ही अपने आप सीख जाता हूँ

मैं रूपा से बात कर रहा था पर मुझे कुछ होने लगा था. कुछ बेचैनी सी होने लगी थी, जी घबराने लगा जैसे उल्टी गिरेगी.

रूपा - क्या हुआ ठीक तो है ना

मैं - हाँ ठीक हुँ,

ठंडी मे भी मेरे माथे पर पसीना बहने लगा था.

"मुझे जाना होगा सरकार, जल्दी ही मिलूंगा " मैंने कहा

रूपा - क्या हुआ

मैं - एक काम याद आया

मैंने अपना दर्द छुपाते हुए रूपा से कहा.

रूपा - तेरी तबीयत ठीक नहीं लगी मुझे, मैं चलती हूं तेरे साथ

मैं - क्यों परेशान होती है, ऐसी कोई बात नहीं, बस एक काम याद आ गया.

मैं रूपा को परेशान नहीं करना चाहता था.

" फिर भी मोड़ तक आती हूं तेरे साथ. "उसने कहा
हम दोनों वहां से चल पड़े. एक एक कदम भारी हो रहा था मैंने सीने से रिसते खून को अपने कपडे भिगोता महसूस किया. बाबा ने सही कहा था आने वाले दिन बड़े मुश्किल होंगे. मोड़ तक आते आते मैं गिर प़डा. आंखे बंद सी होने लगी

"देव, क्या हो रहा है तुम्हें " रूपा चीख पडी.

"उठो देव उठो " रूपा रोने लगी मेरी हालत देख कर.
"बाबा के पास ले चलो मुझे " टूटती आवाज मे मैने कहा

रूपा ने मुझे सहारा दिया और बोली - अभी ले चलती हूं, तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी मैं, कुछ नहीं होगा तुम्हें
अपना सहारा दिए, मुझे घसीटते हुए रूपा मजार तक ले चली थी. जैसे किसी नल से पानी बहता है ठीक वैसे ही बदन से रक्त बह रहा था, मेरे लिए सब अंधेरा हो चुका था, सांसे जैसे टूट गई थी.

"हम आ गए देव हम आ गए " मुझे बस रूपा की आवाज सुनाई दे रही थी. मैं आंखे खोलना चाहता था पर सब अजीब हो रहा था

"बाबा, बाबा कहाँ हो तुम, देव को जरूरत है तुम्हारी " रूपा पागलों की तरह चीख रही थी. पर उसकी सुनने वाला वहां कोई नहीं था.

खुले सीने पर कुछ बांध कर वो खून बहना रोकने की कोशिश कर रही थी. बार बार मेरे चेहरे पर मार रही थी.

"आंखे खोल देव आंखे खोल, मैं हूँ तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी अपने सरताज को " रूपा बुरी तरह चीख रही थी.

"रूपा, रूपा " मैंने उसके हाथ को कसके पकड़ लिया. बड़ी मुश्किल से मैं उसे देख पाया. आंसुओ मे डूबा उसका चेहरा मेरे दिल को छलनी कर गया. मैं बहुत कुछ कहना चाहता था पर ये अजीब सा वक़्त था.

" क्या करू, कहाँ जाऊँ कोई सुनता क्यों नहीं मेरी
"रूपा बोली

मैंने देखा रूपा के चेहरे के भाव बदलने लगे थे. उसने अपनी आस्तीन ऊपर की और अपने हाथ पर एक चीरा लगाया. ताजा खून की खुशबु हवा मे फैल गई.
"कुछ नहीं होगा तुम्हें ". रूपा ने अपनी आस्तीन मेरे सीने के ऊपर की ही थी कि वो चीखती हुई पीछे की तरफ जा गिरी. एक दिल दहला देने वाली चिंघाड़ हुई. मैं समझ गया कि रूपा को किसने झटका दिया. ये वो ही सर्प था जिसे दुनिया मेरा साथी मानती थी.

सर्प ने मेरे चारो तरफ कुंडली जमा ली और अपनी पीली आँखों से मेरे दिल मे झाँक कर देखा. अगले ही उसकी फुंकार से जैसे आसपास जहर फैल गया.

"ये मर रहा है इसकी जान बचाने दे मुझे " रूपा ने कहा

सर्प ने ना मे गर्दन हिला दी.

रूपा - मैं विनती करती हूं. इसके अलावा कोई चारा नहीं है.

सर्प अपनी जगह से नहीं हिला. रूपा ने मेरे पास आने की कोशिश की पर उसने झपटा मारा रूपा पर.

"तू समझती क्यों नहीं अभी कुछ नहीं किया गया तो प्राण हर लिए जाएंगे इसके " रूपा ने कहा

"इलाज मिल जाएगा तेरी सहायता की जरूरत नहीं " पहली बार वो सर्प मानव भाषा बोला
.
रूपा -ठीक है, तो कर इसका इलाज पर याद रखना इसकी एक एक साँस की कीमत है इसे कुछ हुआ तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, चाहे तू हो या कोई. महादेव की कसम किसी का मान नहीं रखूंगी मैं. चाहे मुझे मेरे प्राण देने पड़े पर मुसाफिर को जिंदा रहना होगा

"मैंने कहा ना, तेरी जरूरत नहीं, जहां तू खड़ी है वहाँ तुझे आने की इजाजत है किस्मत है तेरी " सर्प ने अभिमान से कहा

रूपा - तू रोक नहीं सकती, तेरी बदनसीबी है


"गुस्ताख, तेरी ये हिम्मत " सर्प ने अपनी पुंछ रूपा के जिस्म पर मारी, रूपा का सर दीवार से टकराया
रूपा और नागिन में कुछ सम्बन्ध है पुराना ऐसा लग रहा है
 

Hellohoney

Well-Known Member
3,423
8,317
159
Jajab,lajavab fentastik, suppar se uppar bhai kasamse sar me etne dhamake huve majha aagaya
 

crystalcore.118

New Member
13
32
28
A
मेरे ख्याल से ये अपडेट सभी पाठकों को नया सोचने पर मजबूर कर देगा
Abhi toh yakin ho gaya hain ki babaji hi sarp manav hain :tease3:, aur lagta hain babaji aur rupa dev ke mata pita ke punar janm hain. par yeh toh ek theory hain. asli tarka toh writer hi dega :). khair jo bhi ho, update maza aya hain. keep it up :cheers:
 
Last edited:
Top