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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
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KGB

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wonderful, hot, sexy, erotic, very very exciting and full of love as well as eroticism. Just mind blowing update.:yes1::yes1:
 
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TedBundy

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What a mesmerizing update! It is really wonderful and fantastic update. The presence of a daughter with her childish and also passionate daughterly love towards her loving dad and yet her sexy desirous debauches as well as her naughtiness enhances the excitement and eroticism of any incest story to its breaking point. The spicy and poetic narration and the double meaning erotic conversations among the characters also increase the pleasure and excitement of the readers.
we still want more and more. Keep going buddy and entertain us by posting regular spicy updates.
THANK YOU. :love: :love: :love: :love:
 
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BIMBO

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ekdum lajawab aur gajab update dhiya aapne mastraniji. bahut khoob.yah kahaani vaastav mein bahut hi romaanchak aur sukhad hai. is kahaani ki theme bahut utkrsht hai. aapki lekhan shaili aur kaushal bhi utkrsht hain. mujhe ummeed hai ki aap kahaani ko poora karenge aur kahaan ko adhoora nahin chhodenge. :yourock:
 

The Dark Devil

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vah! vah !vah! bahut khoob bhai! such mine bahut khoob.

bahut hi majedaar, lajatdaar aur chatpata update yaar.

bahut maja agaya padhkar yaar

kia likha hai aap ne, ekdum lajawab aur dashu

ekdum jabadast aur kamaal ki batcheets hai

just loved it too much:applause::applause::applause:
 
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Mastrani

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अपडेट ३१:

पायल बिस्तर पर टाँगे खोले बैठी है और पापा को घुर के देख रही है. रमेश धीरे से उसके पास आ कर टांगों के बीच बैठ जाते है और पायल से कहते है.

रमेश : मेरी गरम बेटी तैयार है ना?

पायल : हाँ पापा.... मैं तैयार हूँ.

पायल को देख कर मुस्कुराते हुए रमेश अपना सर उसकी जाँघों के बीच घुसा देते है और उसकी लसलसाती बूर को निचे से ऊपर चाटते हुए उसकी नाभि में जीभ घुसा देते है. पायल मदहोश होने लगती है. रमेश पायल के मोटे दूध हाथों से पकड़ के अपने मुहँ में ले कर चूसने लगते है. पायल एक बार पापा को इस तरह से अपने दूध चूसते हुए देखती है और 'ओह पापा...!!' कह कर अपनी आँखे बंद कर लेती है और अपने हाथों को उठा के बालों को पीछे करने लगती है. रमेश पायल के दोनों मोटे दूध को बारी-बारी से चूस रहे थे की तभी उनकी नाक में एक तेज़ गंद आती है. उस तेज़ गंध को वो अच्छी तरह से पहचानते थे. वो गंध पायल की उठे हाथों की बगलों से आ रही थी. रमेश दूध चूसते हुए अपनी नज़रे ऊपर करते है तो उनकी नज़र पायल की बगल में घने बालों पर पड़ती है. रमेश अपने आप को रोक नहीं पाते और अपनी नाक पायल के बगल में घुसा देते है और जोर से सांस लेते है.

रमेश : मूऊऊऊउ...आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह........!!!

पायल : सीईईईइ पापा... आपको मेरी बगल की पसीने की गंध इतनी पसंद है?

रमेश : हाँ पायल. लड़कियों की बगलों की खुशबू के दीवाने तो मर्द होते ही है. और जब वो बगल अपनी ही सगी बेटी की हो तो उसका मजा १०० गुना बढ़ जाता है.

रमेश की इस बात पर पायल अपने हाथों को और ज्यादा उठा देती है.

पायल : उफ़ पापा...!! अच्छे से सुंघिये मेरी बगलों को.

रमेश पायल की बगलों को पागलों की सूंघने लगते है और बीच-बीच में जीभ निकाल कर चाट भही लेते है. पायल को भी पापा को इस तरह से अपनी बगलों को सुंघाने और चटवाने में मजा आ रहा था. कुछ देर ऐसे ही पायल की दोनों बगलों को अच्छे से सूंघने और चाटने के बाद रमेश बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाते है. अपने लंड की चमड़ी को पूरी तरह से निचे खींच कर पायल को मोटा टोपा दिखाते हुए वो कहते है.

रमेश : आ जा बेटी. खा ले अपने पापा का लंड.

पापा की बात सुन कर पायल अपने हाथों और पैरों पर किसी भूकी शेरनी की चलते हुए पापा के पास जाने लगती है. उसकी नज़रे पापा के मोटे लंड पर टिकी हुई है. पास पहुँच कर वो एक बार पापा के लंड को गौर से देखती है और फिर उस पर टूट पड़ती है. पायल पापा के लंड को पागलों की तरह चूमने और चाटने लगती है. वो कभी लंड के गोटों को मुह में भर के चूस लेती है तो कभी निचे से ऊपर तक लंड को चुम्मियां लेने लगती है. अपनी जीभ निकाल कर लंड को टोपे को चाट लेती है तो कभी बड़ा मुहँ खोलकर टोपे को आधा मुहँ में भर लेती है. अपनी बेटी को इस तरह से लंड से खेलता देख रमेश का लंड और भी ज्यादा फूल जाता है. वो लंड को पकड़ कर पायल के मुहँ में ठूँसते हुए कहते है.

रमेश : खा ले बिटिया अपने पापा के लंड को.

पायल : हाँ पापा.... आज मैं आपके लंड को पूरा खा जाउंगी. पहले मुहँ से खाऊँगी फिर अपनी बूर को खिलाउंगी.

ये कहकर पायल फिर से पापा के लंड को मुहँ में भरने लगती है. किसी तरह से वो मोटे टोपे को अपने मुहँ में ले लेती है और सर को निचे करते हुए आधा लंड गले तक ले लेती है. आज रमेश का लंड एक भीमकाय आकार में था. पूरा लंड मुहँ में लेना पायल के बस की बात नहीं थी. रमेश भी पायल के आधे लंड को मुहँ में लेने से हैरान थे. पायल पर हवस हावी हो चुकी थी. अब रमेश भी अपनी कमर को उठा के पायल के मुहँ में झटके देने लगे थे. आधा लंड पायल के मुहँ में था और पापा के झटकों से वो धीरे-धीरे अन्दर-बाहर होने लगा था. रमेश एक बार पायल के सर पर हाथ रख कर उसका सर अपने लंड पर दबा देते है. कुछ देर वैसे ही पायल के सर को अपने लंड पर दबाये रखने के बाद रमेश अपना हाथ हटा देते है तो पायल अपना सर ऊपर कर लेती है. उसके मुह से लार बह रही है और आँखे लाल हो चुकी है जिसमे से आंसू बह रहे है. रमेश पायल को देखते है तो पायल मुस्कुरा देती है.

रमेश : बेटी...पापा को अपनी चूतड़ों की सुगंध नहीं सुंघाओगी ?

रमेश की बात सुनते ही पायल झट से खड़ी हो कर अपने पैरों को पापा के सर के इर्द-गिर्द कर लेती है. हाथों से अपनी चूतड़ों को खोले को पापा की नाक पर बैठ जाती है और आगे झुक कर लंड को मुहँ में भर लेती है. रमेश अपनी नाक पायल के गांड के छेद पर रख कर सूंघने लगते है. अपनी बेटी की गांड के छेद की महक से वो पागल हो जाते है और जीभ निकाल कर चाटने लगते है. पायल भी मस्ती में पापा के लंड को मुहँ में भर कर जोर-जोर से चूसने लगती है. अपनी बेटी की गांड को जी भर से सूंघने और चाटने के बाद रमेश पायल की चूतड़ों पर एक थप्पी मारते है तो पायल पापा के मुहँ पर से उठ कर निचे बैठ जाती है. रमेश भी बिस्तर पर बैठ जाते है. दोनों की नज़रे आपस में मिलती है तो पायल पापा को देखते हुए बिस्तर पर अपनी टाँगे खोले हुए लेट जाती है. रमेश अब पायल की टांगों के बीच बैठ जाते है.

रमेश : तैयार हो ना पायल?

पायल : हाँ पापा..!!

रमेश : पापा का लंड पकड़ के अपनी बूर पर रखो बेटी.

पायल पापा का लंड हाथ में लेती है और कुछ सोच कर भावुक हो जाती है और पापा की तरफ देखने लगती है. रमेश जब ये भाव पायल के चेहरे पर देखते है तो वो पूछते है.

रमेश : क्या हुआ पायल बेटी? ऐसे क्या देख रही हो?

पायल : आपको याद है पापा, जब मैं छोटी थी तो आप मुझे अपनी ऊँगली पकड़ा के मुझे चलना सिखाया था.

रमेश : हाँ याद है पायल.

पायल : और आज मुझे आप फिर एक बार अपना लंड पकड़ा कर चुदना सिखा रहे है.

पायल की बात सुन कर रमेश पायल का माथा चूम लेते है.

रमेश : सीखेगी ना पापा से चुदना?

पायल : हाँ पापा. मुझे अच्छे से चुदना सिखाइए. चुदक्कड़ बना दीजिये मुझे.

रमेश : हाँ मेरी बिटिया रानी. पापा तुझे एक नंबर की चुदक्कड़ बना देंगे. मेरा लंड बहुत मोटा हो चूका है बेटी. तुम्हे बहुत दर्द होगा.

पायल : आज मैं हर दर्द सह लुंगी पापा. बस आप मेरी बूर में अपना लंड ठूंसे दीजिये.

पायल की बात पर रमेश उस पर झुक जाते है और पायल पापा के लंड के मोटे टोपे को अपनी बूर के मुह पर टिका देती है. रमेश धीरे-धीरे पायल के नंगे बदन पर लेटने लगते है तो पायल भी अपनी बाहे खोले पापा को जकड लेती है. पापा की पीठ को अपने हाथों से कस के पकडे हुए वो पापा की गरदन पर चुम्मियां देने लगती है. रमेश भी अपने हाथों को पायल के कन्धों पर रख कर पकड़ लेते है और अपनी कमर को धीरे से पायल की जाँघों के बीच दबाने लगते है. रमेश के लंड का मोटा टोपा पायल की बूर के ओठों को फैलाता हुआ अन्दर घुसने की कोशिश करने लगता है. पायल के चेहरे पर दर्द के भाव उभरने लगते है. ये देख कर रमेश कहते है.

रमेश : दर्द हो रहा है बेटी ?

पायल : आह...!! हाँ पापा..!! लेकिन आप मेरे दर्द की चिंता मत करिए. आज चाहे मुझे कितना भी दर्द हो पर आप रुकियेगा नहीं पापा. मुझसे वादा करिए पापा की आज मैं चाहे कितना भी रोऊ चिल्लाऊ पर आप मेरी बूर में अपना पूरा लंड ठूंसने के बाद ही दम लोगे.

रमेश : (भावुक हो कर) मुझे तो पता ही नहीं था की मेरी बेटी पापा के लंड के लिए इतना तड़प रही है. अब तो मैं अपनी बिटिया की बूर में पूरा लंड घुसा के ही दम लूँगा.

रमेश पायल को अपने आप से कस के चिपका लेते है और अपनी कमर का दबाव पायल की जाँघों के बीच बढ़ाने लगते है. रमेश के लंड का मोटा टोपे बूर के ओंठों को फैलाता हुआ धीरे-धीरे अन्दर घुसने लगता है. टोपा बूर में पूरा घुस कर अचानक से रुक जाता है और पायल के मुहँ से जोरो की चींख निकल जाती है.

पायल : उई मम्मीssssss .....!! मर गई मैं...!!

पायल की इस चीख का रमेश पर कोई असर नहीं होता है. वो अपनी कमर को पायल की जाँघों के बीच जोर लगा के दबाने लगते है. रमेश को महसूस होता है की उनका लंड पायल की सील से टकरा रहा है. रमेश थोडा और जोर लगते है. उनका मोटा लंड पायल की सील पर जोर मारता है और पायल के मुहँ से एक जोरदार चीख निकल जाती है.

पायल : उईssssssssssssss ....... मम्मीsssssssssssssssssssss.........आह्ह्हह्ह्ह्हह्हह्ह्हह्ह्ह्ह...........!!!!!!!

पायल का नाख़ून रमेश की पीठ पर गड जाते है, उसकी टाँगे सक्त हो कर रमेश की कमर को पकड़ लेती है और आँखों से आंसू बहने लगते है. रमेश हवस में दर्द भी भूल जाते है और उनका लंड फिसलकर पायल की बूर में प्रवेश कर जाता है. पायल की सील टूट चुकी थी. रमेश का मोटा लंड अपनी ही बेटी की कुवारी बूर की झिल्ली फाड़ कर अन्दर घुस चूका था. अपनी ही सगी बेटी की नथ उतार कर रमेश गर्व महसूस कर रहा था. पायल के बूर में रमेश का आधा लंड घुस जाने के बाद वो एक नज़र पायल के चेहरे पर डालते है. पायल की आँखे बंद है और आंसू बह रहे है. चेहरे पर दर्द के भाव साफ़ दिखाई पड़ रहे थे. अपने पापा के निचे पायल का शरीर निढाल हो कर पड़ा हुआ था. रमेश ये देख कर थोडा डर से जाते है. अपने लंड को और अन्दर जाने से रोक कर रमेश पायल से कहते है.

रमेश : पायल..!! पायल बेटी..!! तुम ठीक तो हो ना?

पायल वैसे ही पापा के निचे पड़ी रहती है. आँखे बंद किये दर्द में पायल चुपचाप लेटी हुई है. उसके मुहँ से कोई शब्द नहीं निकल रहे थे.

रमेश : बिटिया..!! पायल मेरी बच्ची...तुम ठीक हो ना पायल ?

तभी पायल अपनी आँखे खोल कर पापा को देखती है. उसके चेहरे पर हलकी सी मुस्कान आ जाती है. वो धीरे से पापा से कहती है.

पायल : बहुत दर्द हुआ था पापा. ऐसा लगा था की किसी ने गर्म लोहा मेरी बूर में डाल दिया हो.

रमेश : पहली बार ऐसा ही लगता है बेटी. अब कैसा लग रहा है.

पायल : अब थोडा ठीक लग रहा है पापा. पर अब भी दर्द है.

रमेश : पापा का लंड अभी आधा ही गया है बेटी. तू और ले पायेगी?

पायल : एक बार आप रुक गए तो शायद मैं फिर से ना ले पाऊ पापा. आप पूरा डाल दीजिये. अभी मैं और दर्द सह सकती हूँ.

रमेश पायल की आँखों में देखते है. उन्हें पायल रणभूमि में किसी वीरांगना की तरह दिखाई पड़ती है जो घायल हो कर भी सामना करने की हिम्मत रखती है. उन्हें अपनी बेटी पर गर्व महसूस होता है. पायल का माथा चूम कर रमेश अपनी कमर को धीरे-धीरे पायल की जाँघों के बीच फिर से दबाने लगते है. रमेश का लंड धीरे-धीरे पायल की बूर में जगह बनता हुआ अन्दर जाने लगता है. पायल एक हाथ से अपना मुहँ बंद किये दर्द को सहती हुई पापा के लंड को बूर में लेने लगती है. रमेश उसके आँखों से बहते आंसुओं को सर झुका कर पी लेते है और उसका माथा चुमते हुए अब धीरे-धीरे अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए बूर में लंड देने लगते है. लंड के बूर के दाने पर रगड़ खाने से पायल को भी अच्छा महसूस होता है. रमेश देखते है की पायल के माथे पर दर्द की रेखाएं धीरे-धीरे गायब होने लगी है तो वो जोर लगा कर लंड अन्दर ठेल देते है. जैसे ही पायल के चेहरे पर दर्द के भाव लौट आते है तो रमेश रुक कर अपनी कमर हिलाते हुए लंड को अन्दर-बाहर करते हुए बूर के दाने पर रगड़ने लगते है. रमेश इस खेल का पुराने खिलाडी थे. कुवांरी लड़कियों की सील तोडना उनके लिए कोई नयी बात नहीं थी.

अब रमेश अपने हाथों को पायल की पीठ के निचे ले जा कर ऊपर उसके कन्धों को पकड़ लेते है. अपनी कमर को जोर से पायल की जांघों के बीच दबाते हुए वो अपने लंड को बूर में धकेलने लगते है. बूर की चिकनाहट से रमेश का मोटा लंड अब आधे से ज्यादा पायल की बूर में घुस जाता है. पायल पहले ही हाथों से अपना मुहँ बंद किये दर्द सह रही थी. लंड के और अन्दर जाते ही उसके मुहँ से हलकी सी आवाज़ निकल जाती है.

पायल : उम्म्म्मम्म्म्म........!!

रमेश : बस मेरी बेटी बस...!! पापा का लंड अब पूरा घुसने ही वाला है. प्यार करती है ना पापा से?

पायल हाथों से अपना मुहँ बंद किये सर हिला कर हामी भर देती है. जैसे ही पायल का ध्यान हटता है, रमेश कमर को एक झटका मार कर अपना पूरा लंड पायल की बूर में ठूँस देते है. पायल का हाथ अपने आप ही उसके मुहँ से हट जाता है और एक चीख निकाल जाती है.

पायल : मार दिया मुझे सालेssssssssssssss..!!

अपनी बेटी के मुहँ से गाली सुन कर रमेश को ना जाने क्यूँ अच्छा लगता है और वो धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए पायल की बूर में लंड पेलने लगते है. पायल की बूर रमेश के लंड पर पूरी तरह से कसी हुई थी. २०-२५ बार लंड अन्दर बाहर करने के बंद रमेश समझ जाते है की पायल की बूर अब पूरी तरह से खुल चुकी है. एक नज़र वो निचे डालते है तो चादर पर उन्हें हल्का सा खून दिखाई देता है. वो पायल के चेहरे को देखते है और धीरे से कहते है.

रमेश : बस पायल. अब मेरी बेटी की बूर का दरवाज़ा पूरी तरह से खुल चूका है. थोडा आराम करोगी बेटी?

पायल धीरे से अपनी आँखे खोलती है और सर हिलाकर हाँ कर देती है. रमेश अपने लंड को धीरे-धीरे पायल की बूर से निकाल लेते है और उसके पास बैठ जाते है.

रमेश : अब तो दर्द नहीं है ना बेटी?

पायल : नहीं पापा. आप जब लंड निकाल रहे थे तो अच्छा लग रहा था.

रमेश : थोडा आराम कर लो बेटी.

पायल : नहीं पापा. अभी तो मुझे आपके लंड से अपनी बूर अच्छे से चुदवानी है. मैं बस अपनी बूर धो कर के आती हूँ.

रमेश : हाँ बेटी, धो ले.

रमेश पायल को उठने में मदद करते है. पायल धीरे से बिस्तर से उतरती है. उसकी जाँघों पर भी थोडा सा खून लगा है. वो धीरे-धीरे चलते हुए बाथरूम की और जाने लगती है. पीछे से रमेश उसकी चाल देखते है. वो बदल चुकी थी. बाथरूम में जा कर पायल निचे बैठ जाती है और पेशाब करने लगती है. पेशाब करने के बाद पानी से अपनी बूर धो कर वो बाहर आती है. रमेश बिस्तर पर अपना लंड खड़ा किये लेटे हुए है. पायल बिस्तर के पास आती है और मुस्कुराते हुए पापा को देखने लगती है.

रमेश : मेरी बिटिया रानी तैयार है अपने पापा से चुदने के लिए?

पायल : हाँ पापा.... मैं पूरी तैयार हूँ.

रमेश : आ बेटी. तेरी बूर एक बार फिर से अच्छे से खोल दूँ. फिर तू पापा के लंड को उच्छल-उच्छल के अपनी बूर में लेना.

रमेश बिस्तर से उतर जाते है और पायल अपनी टाँगे खोले लेट जाती है. रमेश अपने लंड के रस को हाथों से टोपे पर चपोर देते है तो निचे पायल भी अपनी बूर की लार को रगड़ देती है. अपने लंड को एक बार फिर से पायल की बूर पर रख कर रमेश जोर लगाते है तो उनका लंड धीरे-धीरे फिसलता हुआ पायल की बूर में समां जाता है. इस बार पायल के चेहरे पर वो दर्द के भाव नहीं थे. दर्द की जगह मीठे दर्द ने ले ली थी. आँखे बंद किये और अपने ओंठों को दांतो तले दबाते हुए पायल पापा का पूरा लंड अपनी बूर में ले लेती है. रमेश बूर में पूरा लंड डाल कर १०-१५ बार अन्दर-बाहर कर देते है. इस बार पायल भी उसका मजा लेती है. ये देख कर रमेश अपनी गति बढ़ा देते है तो पायल बिस्तर पर तड़प उठती है.

रमेश : अब कैसा लग रहा है बेटी?

पायल : आह...!! पापा...!! बहुत मजा आ रहा है पापा....आह्ह्ह्ह.....!!

पायल के मुहँ से निकले ये शब्द रमेश के लिए हरी झंडी का काम करते है. वो पायल पर लेट जाते है और उसे अपनी बाहों में जकड कर अपनी कमर जोर-जोर से हिलाने लगते है. उनका मोटा लंड पायल की बूर को फैलाता हुआ अन्दर-बाहर होने लगता है. पायल की बूर के ओंठ फैलकर रमेश के मोटे लंड पर कस चुके थे. रमेश का लंड किसी मोटे खूंटे की तरह उसकी बूर में अन्दर-बाहर हो रहा था. बूर और लंड की लार सफ़ेद घने झाग का रूप ले चुकी थी. पायल भी अब पापा को अपनी बाहों में बाँध चुकी थी और टांगों से उनकी कमर को.

रमेश : मजा आ रहा है ना पापा का लंड बूर में लेते हुए?

पायल : सीईईई.....हाँ पापा..!!

रमेश : और ले...पूरा ले ले पापा का लंड. अपने पापा को गाली देती है बदमाश...!!

पायल उस घड़ी को याद करती है जब दर्द के मारे उसके मुहँ से पापा के लिए 'साले' शब्द निकल गया था.

पायल : आह...!! आई एम सॉरी पापा......!! आह....!!

रमेश पायल की बूर में लंड पलते हुए कहते है.

रमेश : सॉरी किस बात की बेटी. तेरा बाप अपनी ही सगी बेटी की बूर चोद रहा है, बेटिचोद बन गया है. बेटिचोद के आगे 'साले' किस खेत की मूली है. अब बोल.... क्या बोलेगी अपने पापा को?

पायल : आह पापा...!! मत बोलिए ऐसा. मैं बहुत गन्दी लड़की बन जाउंगी.... आह्ह्ह....!!

रमेश : अपनी बेटी को गन्दी लड़की ही तो बनाना है मुझे. बोल ना पायल..... क्या बोलेगी अपने पापा को?

रमेश की बात सुनकर पायल के अन्दर की गन्दी लड़की जाग जाती है जो बेशर्मी की सारी सीमायें लांघने के लिए तैयार है.

पायल : (चिलाते हुए) बेटिचोद....!! बेटिचोद हो आप पापा.....!! अपनी ही सगी बेटी की बूर में लंड दे कर उसकी चुदाई करनेवाले बेटिचोद हो आप.... आह्ह्हह्हssssss....!!

पायल के मुहँ से अपने लिए 'बेटिचोद' सुनकर रमेश के लंड में एक नया जोश भर जाता है. पायल को कस कर बाहों में पकडे हुए रमेश अपनी कमर को उसकी जाँघों के बीच जोर-जोर से पटकते हुए ठाप मारने लगते है.

रमेश : हाँ पायल...!! तेरा बाप बेटिचोद है. बहुत बड़ा बेटिचोद हूँ मैं.

पायल भी अब अपनी कमर को उठा के पापा का लंड लेने लगती है. अब उसे इस गंदे खेल में बहुत ज्यादा मजा आने लगता है. बाप-बेटी का ये गन्दा रिश्ता हवस और बेशर्मी की नयी सीमायें तय करने लगा था.

पायल : हाँ पापा..खूब चोदीये अपनी बेटी को. चोद-चोद कर मेरी बूर फैला दीजिये.

रमेश पूरे जोश में पायल की बूर पर ठाप पर ठाप मारने लगते है. कमरे में 'ठप्प-ठप्प' की अवाजा गूंजने लगती है. बाप-बेटी के चुदाई के इस महासंग्राम से बिस्तर जोर-जोर से हिलने लगता है मानो भूकंप के झटके झेल रहा हो.

उधर बाप-बेटी चुदाई के खेल में लगे हुए थे और इधर उमा देवी उर्मिला और सोनू के साथ गाड़ी में बैठी गाँव की सीमा में दाखिल हो चुकी थी. उमा देवी, जो अब तक अपने भाई की चिंता में डूबी हुई थी, ना जाने क्यूँ अब रमेश और पायल के बारें में सोचने लगी थी. उमा के पास बैठी उर्मिला जब उसे इस तरह से चिंता में डूबी देखती है तो कहती है.

उर्मिला : चिंता मत करिए मम्मी जी. मामाजी ठीक हैं.

उमा : पता नहीं उर्मिला. पर अब मुझे उनकी और पायल की चिंता हो रही है.

उर्मिला : ऐसी क्या बात हो गई मम्मी जी? और किस बात की चिंता हो रही है आपको?

उमा : पता नहीं उर्मिला. सोच रही हूँ की मैंने यहाँ आ कर कोई गलती तो नहीं कर दी? पता नहीं पायल उनका ख्याल ठीक से रख भी पायेगी या नहीं.

उर्मिला : आप ऐसे ही चिंता कर रही हैं मम्मी जी. पायल बहुत समझदार लड़की है. और एक समझदार लड़की अपने पापा का ख्याल रखना अच्छे से जानती है. और वैसे भी वो अपने पापा की लाड़ली बेटी है. बाबूजी भी उसका अच्छे से ख्याल रखेंगे.

उर्मिला की बात सुनकर उमा को थोड़ी रहत मिलती है. वो मुस्कुराते हुए उर्मिला की तरफ देख कर कहती है.

उमा : ये बात तो तुमने एकदम ठीक कही है बहु. पायल समझदार तो है. और उसके पापा भी पायल का ध्यान अच्छे से ही रखेंगे. आखिर पायल पापा की परी है..........


"रंडी हूँ मैं आपकी पापा....!! पापा की रंडी हूँ मैं...!!" - रमेश के मोटे लंड पर उच्छलती हुई पायल पूरी बेशर्मी के साथ अपने पापा का मोटा लंड बूर में लिए जा रही थी. बिस्तर पर लेटे हुए रमेश उसकी भारी चूतड़ों को हाथों से सहारा देते हुए पायल को लंड पर उच्छलने में मदद कर रहे थे. दोनों हाथों को उठा कर पायल अपने बालों को संवारती हुई पापा के लंड पर उच्छल रही थी.

रमेश : हाँ पायल...हाँ...!! पापा की रंडी है तू. अपनी रंडी बिटिया को पापा रोज पटक-पटक के बूर चुदाई करेंगे.

रमेश पायल को एक तरफ बिस्तर पर पटक देते है और उस पर चढ़ जाते है. अपने मोटे लंड को उसकी बूर में ठूँस कर वो उस पर लेट जाते है. पायल भी अपनी टाँगे उठा कर खोल देती है. रमेश उसकी बूर में पूरे जोश में लंड पेलने लगते है. रमेश की कमर की रफ़्तार इतनी तेज़ हो चुकी थी की सारा कमरा सिर्फ 'ठप्प ठप्प ठप्प ठप्प' की आवाज़ से ही गूंज रहा था.

रमेश : बहुत मजा दे रही है बेटी तेरी बूर. अपनी बेटी की कसी हुई बूर में लंड पेलने का मजा और किसी बूर में नहीं है.

पायल : आह... पापा...!! आपका लंड भी पूरा मजा दे रहा है. और जोर से चोदीये मेरी बूर....आह्ह्हह्ह्ह्ह....!!!

रमेश : आह्ह...बेटी....!! थकान और प्यास भी लग रही है. लगता है अब मुझे पानी पीकर आना पड़ेगा...


उधर उमा उर्मिला से बातों में वैस्थ थी. अपने मन में उठ रहे सवालों को वो उर्मिला के सामने रख रही थी.

उमा : उर्मिला, तेरे बाबूजी कहीं अपनी दवाई खाना तो नहीं भूल जायेंगे ना?

उर्मिला : नहीं भूलेंगे मम्मी जी. और पायल है ना उनके साथ.

उमा : हाँ रे.... पर सोचती हूँ की तेरे बाबूजी तो कभी-कभी प्यास लगने पर पानी भी मुझसे ही मांगते थे. पता नहीं... अगर पायल अपने काम में लगी हो और तेरे बाबूजी को प्यास लगी तो उनकी प्यास कौन बुझाएगा....



"ये लीजिये पापा.... बुझा लीजिये अपनी प्यास....!!" - बिस्तर पर दोनों हाथों का सहारा लिए पायल अपनी कमर उठाये और टाँगे खोले, बालोवाली बूर से निकलती पेशाब की मोटी धार निचे बैठे पापा के मुहँ में गिरा रही थी. रमेश भी निचे बैठे हुए अपना मुहँ खोले पायल की पेशाब की मोटी धार को सीधा अपने मुहँ में गिरवाते हुए पी रहे थे. बेटी की पेशाब पीने में उन्हें अलग ही आनंद की प्राप्ति हो रही थी. पायल भी पूरी मस्ती में अपनी बूर जो झटके देते हुए सारी पेशाब पापा के मुहँ में गिराए जा रही थी.

पायल : सीईईईई पापा...!! मुझे लगा था की आप रसोई में जाओगे पानी पीने पर आप तो मुझे बिस्तर पर बिठा कर मेरी ही पेशाब पीने बैठ गए.

रमेश अपना मुहँ खोले पायल की सारी पेशाब पी जाते है. पायल भी अपनी बूर को दो उँगलियों से दबा कर पेशाब की आखरी बूँद भी पापा के मुह में गिरा देती है. सारी पेशाब पीने के बाद रमेश अपने ओंठों पर जीभ फेरते हुए पायल से कहते है.

रमेश : पानी तो पानी होता है पायल, पर बेटी का पेशाब अमृत होता है. मेरी पायल बेटी का ये पेशाब तो अमृत है मेरे लिए.

रमेश की बात सुन कर पायल और ज्यादा गरमा जाती है. अब उसे पापा को पेशाब पिलाने पर किसी प्रकार की कोई घृणा महसूस नहीं हो रही थी. दो उँगलियों से अपनी बूर को फैलाते हुए पायल रमेश से कहती है.

पायल : तो लीजिये पापा. मेरी बूर पर लगे अमृत की कुछ बूंदों को भी पी लीजिये.

रमेश पायल की बूर को गौर से देखते है. बूर की लार के अलावा उस पर पेशाब की कुछ बूंदे भी थी. रमेश झट से अपना मुहँ पायल की बूर में घुसा देते है और बूर चूस के पीने लगते है. पायल मस्ती में आँखे बंद किये पापा के सर पर हाथ रख कर अपनी बूर चुस्वाने लगती है. कुछ देर तक वैसे ही पायल की बूर चूसने के बाद रमेश बाद खड़े होते है और टेबल पर रखी शीशियों में से एक वियाग्रा और २ शीलाजीत की गोली फिर से खा लेते है. गोलियां खा कर रमेश पायल के नंगे बदन को देखते हुए अपने लंड को हिलाने लगते है. पायल बैठे हुए पापा के लंड को देखती है तो वो फिर से फूलता हुआ दिखाई देता है.

अपने फूले हुए लंड को पकडे रमेश पायल की तरफ बढ़ने लगते है की तभी रमेश का ध्यान हलकी सी खुली खिड़की से आती कुछ आवाजों पर जाता है. पायल और रमेश दोनों खिड़की से बाहार देखते है तो उन्हें घर के पिछवाड़े एक कुत्ते को किसी कुतिया पर चढ़ा हुआ पाते है. वो कुत्ता उस कुतिया पर चढ़ कर उसकी चुदाई कर रहा था. ये नज़ारा देख कर रमेश और पायल एक दुसरे की तरफ देखते है. दोनों की नज़रे मिलती है, कुछ बातें होती है और पायल बिस्तर पर उच्छल कर किसी कुतिया की तरह अपने दोनों हाथ पांव बिस्तर पर रख देती है. रमेश पायल को कुतिया की तरह बिस्तर पर देखते है तो अपने लंड को मसलते हुए उसके पीछे घुटनों के बल चलते हुए चले जाते है. पापा को अपने पीछे पा कर पायल अपनी चुतड ऊपर उठा देती है. एक हाथ से पायल की चुतड को खोल कर रमेश दुसरे हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी बूर पर रखते है और एक झटका देते है तो उनका लंड बूर आधा घुस जाता है. पायल की चूतड़ों को पकडे रमेश अपनी कमर का जोर लगाते है तो लंड बूर में धंसने लगता है. पायल अपने ओंठों को काटते हुए पापा को अपना लंड बूर में घुसाते हुए देखती है. कुछ ही क्षण में रमेश का पूरा लंड पायल की बूर में समां जाता है. रमेश अब अपनी कमर को हिलाते हुए पायल की बूर चोदने लगते है. पायल मस्ती में पापा से कहती है.

पायल : आह....!! पापा मुझे ठीक उसी तरह से चोदीये जिस तरह वो कुत्ता उस कुतिया को चोद रहा है. जोर-जोर से....आह्ह्ह्ह...!!

रमेश : (अपननी कमर जोर-जोर से हिलाते हुए) हाँ बिटिया रानी.... तेरा पापा अपनी कुतिया बेटी को कुत्ते की तरह चोदेगा.....

पायल : हाँ पापा...!! मुझे कुतिया बना के खूब जोर-जोर से मेरी बूर चोदीये. मेरी बूर पूरी फैला दीजिये.

रमेश : आज रात भर तेरे बूर के ओंठों को आपस में चिपकने नहीं दूंगा बेटी.

पायल : हाँ पापा.....मेरी बूर को इतना चोदीये की बूर के ओंठ रात भर एक दुसरे से चिपकने के लिए तरस जाएँ.

अब रमेश पायल की बूर को जोर-जोर से चोदने लगते है. बीच-बीच में वो पायल की चूतड़ों पर थप्पड़ जड़ देते है तो पायल मस्ती में झूम उठती है. बूर पलते हुए रमेश अपनी कमर को रोक देते है और पायल की कमर पकड़ कर जोर-जोर से आगे-पीछे करते हुए अपने लंड पर मारने लगते है. पायल भी मस्ती में अपनी चूतड़ों को आगे-पीछे करते हुए पापा के लंड पर मारते हुए उनके लंड को बूर में अन्दर-बाहे लेने लगती है. वियाग्रा और शीलाजीत को गोलियां अपना असर दिखाने लगती है. रमेश का लंड अब फिर से अपने भीमकाय आकार में आने लगता है. ये बात रमेश और पायल भी समझ जाते है. लंड बूर में पेलने में अब कसावट महसूस होने लगती है. रमेश समझ जाते है की अब उनका लंड बेहद मोटा और बड़ा रूप लेने वाला है जिससे पायल को फिर से दर्द का सामना करना पड़ सकता है.

रमेश : पायल बेटी....लगता है मेरा लंड फिर से मोटा होने वाला है. अब मुझे पानी गिरना ही पड़ेगा.

पायल : गिरा दीजिये पापा....मेरी बूर में अपना पानी गिरा दीजिये....

रमेश भी पायल की बात सुन कर अपनी कमर की गति तेज़ कर देते है.

रमेश : हाँ बेटी. तेरी बूर में ही अपना पानी गिराऊंगा. अपनी पायल बिटिया के बच्चेदानी को अपने पानी से भर दूंगा.

पायल : आह्ह्ह...!! हाँ पापा...भर दीजिये मेरी बच्चेदानी को अपने लंड के पानी से.....आह्ह्हह्ह....!!

रमेश जोर-जोर से झटके देते हुए अपने लंड को पायल की बूर में अन्दर तक ठूँस देते है. पायल भी दर्द सहते हुए पापा का लंड पूरा अपनी बूर में डलवा लेती है. २०-२५ जोरदार तेज़ झटकों के बाद रमेश का पानी पायल की बूर में निकलने लगता है.

रमेश : आह्ह्ह्हह्ह...!! मेरी बिटिया रानी....अपनी बूर में भारवाले पापा का पानी....आह्ह्ह्हह्ह....पायल बेटी....!!

पायल : आहह्ह्ह्हह...!! पापा...!! अपने लंड के पानी की आखरी बूँद भी मेरी बूर में ही गिराइयेगा....आह्ह्हह्ह....!!

पायल की बूर में रमेश का लंड झटके खाता हुआ गाढ़ा पानी उगलने लगता है. पायल को अपनी बूर में किसी बाढ़ की अनुभूति होती है. वो मस्ती में अपनी बूर के ओंठों को पापा के लंड पर सक्त करते हुए सारा पानी लंड से निचोड़ कर अपनी बूर के अन्दर गिरवा लेती है. रमेश पायल की नंगी पीठ पर गिर जाते है. पायल एक जिम्मेदार बेटी का फ़र्ज़ निभाते हुए अपने पापा का सारा बोझ अपनी पीठ पर उठा लेती है. रमेश का लंड अब भी पायल की बूर में ही घुसा हुआ है. पायल और रमेश दोनों तेज़ी से साँसे ले रहे है. बाप-बेटी का एक साथ इस तरह से झड़ना उनके बीच के प्यार को एक नयी उंचाई पर ले जाता है.

कुछ देर वैसे ही पायल की पीठ पर पड़े रहने के बाद रमेश सीधे हो जाते है. घुटनों पर बिस्तर पर खड़े रमेश अपना लंड पकड़ कर पायल की बूर से निकालने की कोशिश करते है तो लंड बूर में कसा हुआ महसूस होता है. पायल भी अपनी बूर में खींचाव महसूर करती है तो पीछे मुड़ कर देखती है. रमेश एक बार फिर अपने लंड को पायल की बूर से बहार निकालने की कोशिश करते है पर लंड बूर में पूरी तरह से फंसा हुआ था. रमेश समझ जाते है की वियाग्रा और शीलाजीत की गोलियों ने उनके लंड से पानी निकलने के बाद भी लंड के आकार को बढ़ा दिया है. उनका लंड पायल की बूर में घुस कर फूल चूका था. पायल जब ये देखती है तो पापा से कहती है.

पायल : क्या हुआ पापा? आपका लंड बाहर क्यूँ नहीं निकल रहा है?

रमेश : बेटी लगता है की वियाग्रा और शीलाजीत का डोज़ ज्यादा हो गया है. मेरी लंड तुम्हारी बूर में जा कर फूल गया है इसलिए बाहर नहीं निकल रहा है.

ये सुनकर पायल के होश ही उड़ जाते है.

पायल : अब क्या होगा पापा?

रमेश : रुको बेटी. मैं कुछ करता हूँ.

रमेश अपने एक टांग पायल की पीठ के ऊपर से उठा कर दूसरी तरफ कर लेते है. अब उनकी गांड पायल की चूतड़ों से चिपकी हुई है और लंड उसकी बूर में फंसा हुआ है. पायल और रमेश एक दुसरे की गांड से गांड चिपकाए अपने दोनों हाथ और पैरों पर बिस्तर पर है. रमेश अपने शरीर को आगे की और करते है और पीछे पायल अपनी तरफ लेकिन फिर भी लंड बूर में ही फंफा रहता है. तभी उन्हें खिड़की से फिर से कुछ आवाजें सुनाई देती है. दोनों खिड़की की और देखते है तो बाहर वो कुत्ता और कुतिया पीछे से एक दुसरे से फंसे हुए है. ये देख कर पायल और रमेश के दुसरे की तरफ घूम कर देखते है और दोनों के चेहरे पर मुस्कराहट छा जाती है. पायल मुस्कुराते हुए पापा से कहती है.

पायल : पापा आपने सच में मुझे कुतिया बना दिया है. देखिया ना...जिस तरह वो कुतिया उस कुत्ते के साथ पीछे से फंसी हुई है ठीक वैसे ही मैं भी आपके साथ फंस गई हूँ.

पायल की इस बात पर रमेश भी मुस्कुरा देते है.

पायल : पापा अब मैं इसी तरह से चुदाई करवा के आपके साथ फंस जाया करुँगी. आप ऐसे ही मेरी बूर में अपना लंड फसयेंगे ना पापा?

पायल की बात सुन कर रमेश के लंड में गर्माहट महसूस होने लगती है.

रमेश : हाँ मेरी गुडिया बेटी. तेरे पापा ऐसे ही अपनी बेटी की बूर चोद कर अपना लंड फंसा दिया करेंगे.

दोनों एक दुसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा देते है. पायल अपनी चुतड को पापा की गांड पर रगड़ देती है तो रमेश भी अपनी गांड को पायल की चूतड़ों पर चिपका कर रगड़ देते है. रमेश का लंड पायल की बूर में फंसा हुआ था. बाप-बेटी आपस में फंसे हुए थे और उनके बीच का कुत्ते-कुतिया वाला ये गठबंधन उनके प्यार को और मजबूती दे रहा था जो आने वाले समय में बाप-बेटी की घमासान चुदाई का आगाज़ था.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 
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Devil 888

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Nice update 💕💕
 
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Mastrani

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कहानी के शब्दों को ठीक कर दिया गया है. आनंद लीजिये.
 

The Dark Devil

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bahut hi mast aur majedaar update hai mastraniji, like a super duper hit blockbuster movie releases of Salman Khan.
aap ne bhut acha kiya inn donon ke baare mein first sex encounter dalne ki lie.
bhut hi maja aya yaar
thanks very much :happy:
 
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Mafiadon

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apni beti se ek pita ke lie sabse pyaara aur suhaani shabd ‘oh! mere paapa’ hain. aur apne pita se ek bet ke lie sabse pyaar aur madhur shabd hai, oh mere gudiya.


This update has just made me speechless. It is extremely forbidden and uttermost taboo but it is also undeniably hot, exciting, and of course dick blasting and panty wetting. You are really an enchantress. I love your writing skills . What a thoughtful and talented mind you have possessed! Your every update overtakes the previous update in term of pleasure and excitement. Thank you very much for writing this masterpiece story.

:drummer::vhappy1::perfect::toohappy::dancing::dancing2:
 
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SweetSonali

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va! vah! vah! OMG! kya ek khatarnak aur kamuk update dhiya aapne miss mastraniji. mujhe ekdum kamaal kar dhiya aapne. Dil ekdum kush hogaya madam. bahut hi maja aya kia is update padhakar.is update is soo soo erotic and sexy.mujhe lambe samay se is baap beti ke pahale sex encounter ko padhne ka intajaar hai. ant mein yah aap se ek bahut hee garm aur kaamuk adyatan ke saath hua hai.
kia likha hai aap ne yaar kamaal ka hai update, bahut bahut maja agaya
jo kuch bhi likha hai aap ne bhut hi jabardast, erotic aur rapchik hai
#thank you very very much
:yourock:
 
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