• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
  • Poll closed .

Sillygirl

New Member
59
147
33
wah!wah! payaree mastraniji aap inta garam aur kamuk kahaani kaisa likhte h? Mujhe to ekdom kamaal kar dhiya. bahut bahut majedar aur lazzatdar kahani yah.
 
  • Like
Reactions: Mastrani

Mastrani

Member
242
2,393
139
अपडेट ३०:

गाने के खत्म होते-होते पायल पूरी तरह से गरमा चुकी थी. उसकी बूर रिसने लगी थी. ऊपर से पापा का गधे जैसा लंड उसे पागल कर रहा था. वियाग्रा और शीलाजीत भी अपना कमाल दिखाने लगे थे. रमेश का लंड फूल के मोटा हो चूका था और नसें पूरी तरह से उभर के दिखने लगी थी. रमेश ने जब लंड की चमड़ी को खींच कर निचे कर दिया और लंड के मोटे टोपे को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया तो पायल की हालत खराब हो गई. रमेश का लंड पहले से भी कहीं ज्यादा मोटा हो चूका था. पापा के लंड को देख कर पायल कच्छी के ऊपर से अपनी बूर रगड़ने लगी थी. ये देख कर रमेश ने अपने हाथों को कमर पर ले गए और एक झटके के साथ धोती की गाँठ खोल दी. धोती सामने से खुल कर सोफे पर गिर गई. अब रमेश सोफे पर पड़ी धोती पर नंगे अपना लंड खड़ा किये बैठे थे. रमेश के एक इशारे पर पायल किसी कटी पतंग की तरह लहराती हुई उनके पास आ जाती है. सामने खड़ी पायल की कमर को पकड़ के रमेश उसे घुमा देते है जिस से पायल की चुतड उनकी तरफ हो जाती है. रमेश पायल की कमर को पकडे हुए अपने मोटे लंड पर बिठाने लगते है. पायल अपने पैरो को घुटनों से मोड़े धीरे-धीरे उनके लंड पर बैठने लगती है. रमेश का लंड पायल को चूतड़ों के बीच घुस जाता है और पीछे पायल की कच्छी में चला जाता है. कच्छी के अन्दर चूतड़ों के बीच रगड़ खाता हुआ रमेश का लंड ऊपर कच्छी से बहार निकल कर पायल की कमर से चिपक जाता है. अब पायल रमेश की गोद में बैठी है और पीछे पापा का लंड उसकी कच्छी में घुसा हुआ है. रमेश पायल के चूतड़ों के बीच की गर्माहट अपने लंड पर साफ़ महसूस कर रहे थे.

पायल जैसे ही आंख्ने बंद किये पीछे हो कर अपनी पीठ पापा की छाती पर टिकाती है, रमेश दोनों हाथों को उसकी नाईटी में घुसा के दोनों दूध दबोच लेते है. दोनों दूध हाथों से मसलते हुए रमेश कहते है.

रमेश : मजा आया बिटिया ये गाना सुन कर ?

पायल : सीईईईईइ...!! हाँ पापा...बहुत मजा आया.

रमेश : सीमा सिंह अच्छा नाच लेती है ना बेटी ?

पायल : हाँ पापा... पर मैं तो सीमा सिंह से भी अच्छा नाचती हूँ.

पायल की बात सुन कर रमेश जोर से उसके दूध दबा देते है.

रमेश : (जोर से दूध दबाते हुए) अच्छा..!! सीमा सिंह से भी अच्छा नाच लेती है मेरी पायल ?

पायल : सीईईइ.....!! हाँ पापा....!!

रमेश : देखा था ना बेटी, सीमा सिंह कैसे अपने दूध हिला-हिला कर नाच रही थी. तू नाच पाएगी वैसा?

पायल : हाँ पापा...!! वो तो सिर्फ दूध हिला रही थी. मैं तो अपना सब कुछ हिला कर नाचूंगी.

पायल की इस बात पर रमेश अपने लंड उसकी चूतड़ों के बीच रगड़ देते है.

रमेश : तो फिर देर किस बात की बेटी. दिखाओ अपने पापा को नाच कर.

पायल : लेकिन पापा मैं उस गाने पर नहीं नाचूंगी.

रमेश : तो फिर किस गाने पर नाचेगी मेरी बेटी ?

पायल : गाना वही होगा पापा, पर मैं अपने अंदाज़ में गाऊँगी.

रमेश : ठीक है बेटी. देखते हैं की तू सीमा सिंह को टक्कर दे पाती है या नहीं.

तभी दरवाज़े की घंटी बजती है. रमेश और पायल एक साथ हडबडा जाते है. रमेश का लंड पायल की कच्छी में पीछे से घुसा हुआ था. पायल झटके से खड़ी होने लगती है तो कमर की एक तरफ बंधी कच्छी की डोर खुल जाती है और कच्छी रमेश के मोटे लंड पर ही फंसी रह जाती है. पायल जैसे ही खड़ी होती है तो उसे इस बात का एहसास होता है की उसकी कच्छी पापा के लंड में ही फंसी रह गई है. वो खुल मुहँ पर हाथ रखे पापा की तरफ घुमती है और देखती है की उसकी कच्छी पापा के लंड पर फंसी पड़ी है और पापा उसे देख कर मुस्कुरा रहे है. अब पायल के बदन पर सिर्फ वो छोटी से नाईटी ही रह गई थी. पायल रमेश से कहती है.

पायल : पापा लगता है कोई आया है. मेरी कच्छी तो आपके लंड में ही फंसी रह गई है. आप देखिये ना कौन है.

रमेश खड़े हो कर पायल की कच्ची को एक बार सूंघते है फिर अपनी धोती को को अच्छे से लपेट कर अपने खड़े लंड को छुपाते हुए दरवाज़ा खोलने जाने लगते है. पायल दौड़कर रसोई में चली जाती है. रमेश दरवाज़ा खोलते है तो सामने एक आदमी कुछ सामान लिए खड़ा था. रमेश उस आदमी से सामान लेते है और दरवाज़ा बंद कर देते है. दरवाज़े के बंद होते ही पायल अन्दर से पूछती है.

पायल : कौन था पापा?

रमेश : अरे कोई नहीं बेटी, कूरियर वाला था.

पायल रसोई से झाँक कर देखती है तो रमेश घर के सारे खिड़की और दरवाज़े बंद कर के पर्दा गिरा रहे है. पायल समझ जाती है की पापा किस चीज़ की तैयारी कर रहे है. वो भी रसोई की खिड़की बंद करने लगती है. बहार की तरफ खुली हुई खिड़की को हाथों से अन्दर खीच कर पायल जैसे ही बंद करती है, उसे अपनी चूतड़ों के बीच गर्म और लोहे सी सक्त कोई बेहद मोटी चीज़ महसूस होती है. पायल को समझने में एक क्षण भी नहीं लगता की वो कुछ और नहीं उसके पापा का मोटा लंड है. रमेश पायल के पीछे खड़े हो कर अपना मोटा लंड उसकी चूतड़ों के बीच घुसा रहे थे. लंड चूतड़ों के बीच रगड़ खाता हुआ जांघों के बीच पायल की बूर को चूमता हुआ आगे निकल जाता है. पायल नज़रे निचे कर के देखती है और उसे पापा के लंड अपनी जाँघों के बीच से निकला हुआ दिखाई देता है जिसका टोपा फूल कर बेहद मोटा और लाल हो गया है. पीछे से रमेश पायल से चिपक भी जाते है और अपने दोनों हाथों से उसके दूध मसलते हुए कहते है.

रमेश : अब नाचेगी ना मेरी बेटी पापा के सामने ?

पायल : सीईईई....!! हाँ पापा..!!

रमेश : बेशर्म बन के नाचेगी ना? शर्माएगी तो नहीं ?

पायल : उफ़...!! हाँ पापा...!! सीईईईइ...!! बिलकुल भी नहीं शर्माउंगी. पूरी बेशर्म बन के नाचूंगी आज.

पायल की इस बात पर रमेश पीछे से पायल की कमर पकड़ के उसकी चूतड़ों पर ऐसी जोरदार ठाप मारता है पायल के दोनों पैर ज़मीन से ही उठ जाते है. रमेश का लंड पायल की बूर की फाक में रगड़ खा रहा था और बूर के दाने को अच्छी तरह से सहला रहा था. पायल की बूर अब पानी छोड़ने लगी थी. कुछ देर वैसे हे रगड़ने के बाद रमेश पीछे हट्टे है और अपने लंड को सहलाते हुए सोफे की तरफ बढ़ने लगते है. पायल पापा को देखती है. कसा हुआ नंगा बदन और आगे १२ इंच लम्बा और ३.५ इंच मोटा लंड लिए रमेश सोफे पर टाँगे ऊपर कर के बैठ जाते है. उनकी टाँगे खुली हुई है और लंड सीध खड़ा है. रमेश और पायल की नज़रे मिलती है तो पायल किसी बेशरम लड़की की तरह इठलाती हुई चलकर पापा के सामने खड़ी हो जाती है. दोनों हाथो को उठा के वो अपने बालों को एक अदा के साथ जब पीछे करती है तो उसकी बगलों में घने बालों को देख कर रमेश अपना लंड पकड़ कर एक बार दबा देते है. बालों को पीछे कर पायल सामने वाले सोफे पर टाँगे ऊपर कर लेती है और आपस में जोड़ कर बैठ जाती है. एक बार हवस भरी नज़रों से पापा को देखने के बाद पायल गाना गाने लगती है.

पायल झटके के साथ सोफे पर कंधे के बल लेट जाती है और निचे वाले हाथ से सर को सहारा देते हुए पापा की तरफ देख कर गाती है, - " करेला चीत पापा खाके शीलाजीत हो..ssss "
फिर वो पापा के लंड को देखते हुए आगे गाती है, - "देखी के मूड ओकर होनी भयभीत हो..ssss"
फिर वो जहतके के साथ फिर से सोफे पर कूद कर बैठ जाती है और अपने दोनों दूधों को जोर-जोर से हिलाते हुए गाती है, - "धड्केला ढुकुर-ढुकुर छाती रे...ssss "
फिर पायल दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखती है और एक झटके से टाँगे खोल देती है और फिर झट से बंद करते हुए गाती है, - "हमके मुआवेला, कमर मूचकावे दादा.... सेजिया पे पापा देहाती रे..ssss...."

पायल की बालों वाली बूर की एक झलक पा कर रमेश अपने लंड को मसल देते है. फिर पायल अपनी कमर को झटके देते, नाचते हुए पापा के सामने आती है और अपनी पीठ उनकी तरफ करके कमर पर दोनों हाथों को रख लेती है. पापा की तरफ पीठ किये और कमर पर दोनों हाथों को रख कर अपनी चुतड गोल-गोल घुमाते हुए वो पापा के सामने घुटनों को मोड़कर धीरे-धीरे निचे बैठने लगती है और गाती है, - "बाकी दिन से ज्यादा ऊ दुःख हमके दिहला होss.....पाउडर लगाके ढोडी पर चूमा लेला होss..."

चूतड़ों के गोल-गोल घुमने से नाईटी पीछे से उठ जा रही थी और पायल की गोल-मटोल नंगी चूतड़ों के दर्शन रमेश को हो रहे थे. अपने लंड को मसलते हुए रमेश की नज़र पायल की पीठ पर नाईटी के लेस की गाँठ पर पड़ती है. पायल अपनी चूतड़ों को गोल-गोल घुमाते हुए ऊपर उठने लगी थी. रमेश झट से आगे होते है और अपने दाँतों से नाईटी की डोर को पकड़ लेते है. नाईटी की डोर को दांतों से पकडे रमेश पीछे होते है और तभी पायल भी खड़ी हो जाती है. नाईटी को डोर खुल जाती है और पायल की पीठ नंगी हो जाती है. बदन से नाईटी फिसलती हुई ज़मीन पर गिर जाती है. पायल झट से एक हाथ निचे ले जा कर अपनी बूर छुपा लेती है और दुसरे हाथ से अपने दोनों दूध. पीछे मुड़ कर वो पापा को देख कर मुस्कुराती है. रमेश भी अपना लंड पकडे मुस्कुरा देते है.

पायल दोनों हाथों से अपनी बूर और दूध छुपाये रमेश की तरफ घूम जाती है और आगे गाती है, - " बाकी दिन से ज्यादा ऊ दुःख हमके दिहला होss.....पाउडर लगाके ढोडी पर चूमा लेला होss...", ये सुन कर रमेश आगे बढ़ कर पायल की नाभि को चूम लेते है. पायल भी मस्ती में आँखे बंद कर अपने ओंठ काट लेती है. रमेश फिर से लंड पकडे सोफे पर बैठ जाते है.

अब पायल पापा की तरफ पीठ करे ज़मीन पर लेट जाती है. रमेश को पायल की नंगी पीठ और चुतड दिखने लगता है. पायल गर्दन घुमा कर पापा की तरफ देखती है और आँखे मटकाते हुए आगे गाती है, - " (एक हाथ अपनी चुतड पर रख कर) बीतेला रात पूरा एके करवटीयाss... (फिर पापा के खड़े लंड को देखते हुए) खालेला पापा शीलाजीत सारा रतियाss...."

पायल की इस हरकत पर रमेश पायल की चुतड को देखते हुए अपने लंड की चमड़ी खींच कर पूरी पीछे कर देते है. पायल भी उठ कर खड़ी हो जाती है और दोनों हाथों से अपनी बूर छुपा कर पापा की तरफ घूम जाती है. अब उसके मोटे नंगे दूध खुल कर रमेश को दिखने लगते है.

बूर को दोनों हाथों से छुपाये हुए पायल पापा को आँखे मटकाते हुए इशारे करते हुए गाती है, -" जाने कितना पॉवर होला दादा शीलाजीत मेंss... रातभर मदाइल रहे पापा हमरा प्रीत मेंss... "

अपने दोनों नंगे दूधों को जोर-जोर से हिलाते हुए , -" लागे मुआवे तो हो जाए सबेराss....करेला प्यार पापा हमके सबसे ज्यादा ss.....माने ना कितना हम डाटी रेsssss..... "

अब रमेश भी वहां आ कर पायल के पीछे खड़े हो जाते है और अपना लंड उसकी चूतड़ों के बीच घुसा देते है. पायल दोनों हाथों को उठा कर पीछे पापा के गले में डाल देती है और आगे गाने लगती है, - " गर्दा उड़ावेला ...कमर मुचकावे दादाss.... सेजिया पे पापा देहाती रे ss..... "

रमेश पीछे से अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को पायल की चूतड़ों के बीच रगड़ने लगते है . पायल भी मस्ती में गाती हुई अपनी चुतड हिलाने लगती है.

" गर्दा उड़ावेला ...कमर मुचकावे दादाss.... सेजिया पे पापा देहाती रे ss..... "

इस पंक्ति के खत्म होते ही रमेश पायल के चूतड़ों पर एक जोरदार थप मार देते है तो पायल लड़खड़ाती हुई सामने सोफे पर गिर जाती है. सोफे पर गिरी हुई पायल पापा की तरफ घुर कर देख रही है और निचे उसकी जांघे खुली हुई है. जाँघों के खुलने से बूर के ओंठ भी खुल गए थे. पायल की बालों वाली खुली हुई बूर का गुलाबी छेद देख कर रमेश का लंड जोर-जोर से झटके लेने लगा. सोफे पर गिरी पायल अपने हाथों से टाँगे खोले कर बैठ जाती है और पापा को तेज़ साँसे लेते हुए घूरने लगती है.

पायल : कैसा लगा मेरा नाच पापा?

रमेश : बहुत ही अच्छा था पायल बेटी. तुमने तो सीमा सिंह को भी पीछे छोड़ दिया. अब तो मेरी बिटिया रानी को इनाम देना ही पड़ेगा.

ये कहकर रमेश एक बार पायल की आँखों में देखते है फिर उसकी बूर को गौर से देखते है. बूर किसी डबल रोटी की तरह फूल गई है और उसके ओंठ खुले हुए है. बूर के ऊपर और दोनों तरफ घने घुंगराले बाल और बीच में खुले हुए ओंठों के बीच गुलाबी छेद जिसमे से लार बह रही है. रमेश गौर से अपनी बेटी की बूर का ये नज़ारा देखते है और उनके सब्र का बाँध टूट जाता है. वो खड़े होकर कर पायल की बूर को घूरते हुए अपने लंड को एक बार जोर से मुठिया देते है और पायल की तरफ बढ़ने लगते है. पापा को इस तरह से अपनी ओर आता देख पायल की धड़कने तेज़ हो जाती है.

रमेश पायल के पास आते है और उसकी खुली हुई टांगो के बीच निचे ज़मीन पर बैठ जाते है. सोफे पर बैठी पायल की टाँगे खुली हुई है और रमेश ठीक उसकी बूर के सामने आँखे फाड़े बैठे हुए थे. अपनी नाक आगे कर रमेश एक बार जोर से सांस लेते हुए पायल की बूर की गंध सूंघते है. अपनी बेटी की बूर की गंद से रमेश पागल से हो जाते है. दोनों हाथों से पायल की जाँघों को पकड़ को और ज्यादा फैलाते हुए रमेश अपने ओंठों को बूर के ओंठों पर रख देते है और अपनी जीभ बूर में ठूँस देते है. पापा की जीभ अपनी बूर में महसूस करते ही पायल मस्ती में आ जाती है. आँखे बंद किये वो सिसियाने लगती है.

पायल : सीईईईईईई....!! उफ्फ पापा....!! आहsssss....!!

रमेश पायल की टाँगे और ज्यादा खोलते हुए अपनी जीभ को बूर के अन्दर ठेलने लगते है और साथ ही साथ पायल की बूर से निकलती लार को को चूस के पीने भी लगते है. अपनी लम्बी और मोटी जीभ को पूरी बूर में ठूंसने के बाद रमेश बूर से जीभ निकाल लेते है और फिर बूर को निचे से ऊपर तक किसी कुत्ते की तरह चाटने लगते है. पायल जब पापा को अपनी बूर इस तरह से चाटते देखती है तो वो अपनी कमर हलकी सी ऊपर उठा का धीरे-धीरे गोल घुमाने लगती है. ये देख कर रमेश भी अपनी गर्दन गोल घुमाते हुए बूर चाटने लगते है. बाप-बेटी की बूर चाटने और चटवाने की जुगलबंदी ऐसी थी की अगर उस वक़्त स्वयं कामदेव भी वह होते तो अपना लंड मुठिया देते.

पायल जैसी एक खुबसूरत गोरी-चिट्टी लड़की, जिसकी बूर पर और बगलों में घने बाल है, जो पसीने से महक रही है, अपने दोनों हाथों के सहारे सोफे पर अपनी चौड़ी चुतड उठा के गोल-गोल घुमा रही है, और उसका अपना सगा बाप, अपनी बेटी की चूतड़ों के साथ अपनी गर्दन घुमाते हुए उसकी बूर चाट रहा है. ये नज़ारा दुनिया के किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी था. ये नज़ारा इतना उत्तेजना से भरा हुआ था की अगर दोनों बाप-बेटी को इस पाप के लिए किसी अदालत में सजा भी सुनाई जाती तो उस अदालत का जज लंड मुठियाते हुए ही सजा सुनाता.

रमेश पायल की बूर को चाट रहे थे तो कभी अपने ओंठों से बूर के दाने को चूस रहे थे. पापा के इस तरह से बूर चाटने से पायल पूरी तरह से गरमा चुकी थी. कुछ देर अपनी बेटी की बूर का स्वाद चकने के बाद रमेश अपने मुहँ को बूर से अलग करते है. पायल भी धीरे-धीरे अपनी आँखे खोल कर पापा को देखती है. पापा को घूरते हुए पायल अपने ओठों को काटते हुए उनका लंड लेने को तैयार होने की घोषणा करती है. रमेश भी समझ जाते है की अब पायल अपनी सील तुडवाने को तैयार है. अपने मजबूर हाथों से पायल की जाँघों ठीक ऊपर कमर को पकड़ कर रमेश उसे उल्टा हवा में उठा लेते है. पायल की टाँगे ऊपर की ओर है और सर निचे. रमेश ने अपने हाथों को उसकी कमर में लपेटे रखा था. पायल का पेट पापा की छाती पर चिपका हुआ था और पापा के मुहँ के ठीक सामने उसकी खुली जाँघों के बीच बालोवाली बूर अपने ओठों को खोले हुए थी. निचे पायल के मुहँ के ठीक सामने पापा का गधे जैसा लंड तन के खड़ा था जीसे पायल आँखे फाड़े निहारे जा रही थी. रमेश के सामने पायल की फैली हुई जाँघों के बीच खुली हुई बूर थी. पायल को उल्टा अपने सीने से लगाये रमेश उसकी बूर को गौर से देखते है और एक बार फिर से अपने मुहँ खुली बूर में घुसा देते है. निचे लटकी पायल भी पूरी मस्ती में पापा के खड़े लंड को पकड़ लेती है और उसकी चमड़ी खींच कर पूरी पीछे कर देती है. लंड के मोटे टोपे को देखने के बाद वो अपना मुहँ खोले उसे अन्दर लेने लगती है. लंड का टोपा फूल कर काफी बड़ा हो गया था. आज पायल को उसे अपने मुहँ में लेने में कठनाई हो रही थी. पर आज वो भी पूरे जोश में थी. वो अपने मुहँ को पहले से भी ज्यादा खोलते हुए आधा टोपा मुहँ में ले लेती है.मुहँ के अन्दर अपनी जीभ को टोपे पर घुमाते हुए वो टोपे को चूसने लगती है. पायल को अपने लंड को इस तरह से चुस्त देख रमेश भी पूरे जोश में उसकी बूर चूसने लगता है.

पायल को उल्टा लटकाए हुए रमेश उसकी बूर चूसते हुए और अपना लंड चुस्वाते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगता है. कमरे में पहुँच कर रमेश पायल को बिस्तर पर रख देते है. दोनों बाप-बेटी एक दुसरे से नज़र मिलाते है. दोनों की नज़रों में सिर्फ हवस ही नज़र आ रही थी. पायल बिस्तर पर अपनी टाँगे खोल बैठी हुई थी. रमेश उसकी बूर को देखते हुए कहते है.

रमेश : तेरी बूर तो बहुत गरम लग रही है बेटी.

पायल : हाँ पापा. बहुत गरम है. आग फेक रही है.

रमेश : उफ़..!! जरा देखूं तो कितनी गर्मी है मेरी बेटी की बूर में.

ये कहकर रमेश पास रखे टेबल का दराज खोलते है और उसमें से एक थर्मामीटर निकालते है. थर्मोमीटर लेकर रमेश पायल की खुली टांगो के बीच बैठ जाते है.

रमेश : जरा अपनी टाँगे फैलाओ बेटी.

पायल अपनी टाँगे फैला देती है. रमेश उसकी बूर को देखते है और थर्मामीटर बूर में घुसा देते है.

रमेश : इसे २ मिनट तक पकडे रखो पायल.

पापा की बात मानते हुए पायल अपनी बूर के ओंठों को आपस में भींच कर थर्मामीटर को पकड़ लेती है. २ मिनट के बाद रमेश थर्मामीटर को पायल की बूर से निकलते है और २-३ बार झटक कर गौर से तापमान देखते है.

रमेश : बापरे बेटी..!! १०४ डिग्री ...!! इतनी गर्मी है मेरी बेटी की बूर में ? [ १०४ डिग्री F = ४० डिग्री C ]

पायल : हाँ पापा..!! बहुत गर्मी है मेरी बूर में. अब आप ही इसकी सारी गर्मी निकाल कर इसे ठंडा करिए.

पायल की इस बात पर रमेश के लंड में करंट दौड़ने लगता है. वो थर्मामीटर को टेबल पर रखते है और अपने लंड को पकडे पायल के पास आने लगते है.

रमेश : अपनी पायल बेटी की बूर की सारी गर्मी अब मैं २ दिनों तक अच्छे से निकालूँगा.

पायल पापा को अपनी ओर आते देखती है. आगे जो होने वाला है उसकी कल्पना करके दिल धडकने लगता है और साथ ही साथ उसकी बूर भी पानी छोड़ने लगती है.

[आगे की कहानी पर काम जारी है]

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 
Last edited:

Sandy66

Member
169
242
58
बहुत ही गरमा गर्म और रसप्रद। अब तो पायल की बूर में असली थर्मामीटर डाल कर सारी गर्मी निकाल दो।
अपडेट का इंतज़ार है।
 

Sexy launda

Active Member
683
1,162
138
अपडेट ३०:

गाने के खत्म होते-होते पायल पूरी तरह से गरमा चुकी थी. उसकी बूर रिसने लगी थी. ऊपर से पापा का गधे जैसा लंड उसे पागल कर रहा था. वियाग्रा और शीलाजीत भी अपना कमाल दिखाने लगे थे. रमेश का लंड फूल के मोटा हो चूका था और नसें पूरी तरह से उभर के दिखने लगी थी. रमेश ने जब लंड की चमड़ी को खींच कर निचे कर दिया और लंड के मोटे टोपे को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया तो पायल की हालत खराब हो गई. रमेश का लंड पहले से भी कहीं ज्यादा मोटा हो चूका था. पापा के लंड को देख कर पायल कच्छी के ऊपर से अपनी बूर रगड़ने लगी थी. ये देख कर रमेश ने अपने हाथों को कमर पर ले गए और एक झटके के साथ धोती की गाँठ खोल दी. धोती सामने से खुल कर सोफे पर गिर गई. अब रमेश सोफे पर पड़ी धोती पर नंगे अपना लंड खड़ा किये बैठे थे. रमेश के एक इशारे पर पायल किसी कटी पतंग की तरह लहराती हुई उनके पास आ जाती है. सामने खड़ी पायल की कमर को पकड़ के रमेश उसे घुमा देते है जिस से पायल की चुतड उनकी तरफ हो जाती है. रमेश पायल की कमर को पकडे हुए अपने मोटे लंड पर बिठाने लगते है. पायल अपने पैरो को घुटनों से मोड़े धीरे-धीरे उनके लंड पर बैठने लगती है. रमेश का लंड पायल को चूतड़ों के बीच घुस जाता है और पीछे पायल की कच्छी में चला जाता है. कच्छी के अन्दर चूतड़ों के बीच रगड़ खाता हुआ रमेश का लंड ऊपर कच्छी से बहार निकल कर पायल की कमर से चिपक जाता है. अब पायल रमेश की गोद में बैठी है और पीछे पापा का लंड उसकी कच्छी में घुसा हुआ है. रमेश पायल के चूतड़ों के बीच की गर्माहट अपने लंड पर साफ़ महसूस कर रहे थे.

पायल जैसे ही आंख्ने बंद किये पीछे हो कर अपनी पीठ पापा की छाती पर टिकाती है, रमेश दोनों हाथों को उसकी नाईटी में घुसा के दोनों दूध दबोच लेते है. दोनों दूध हाथों से मसलते हुए रमेश कहते है.

रमेश : मजा आया बिटिया ये गाना सुन कर ?

पायल : सीईईईईइ...!! हाँ पापा...बहुत मजा आया.

रमेश : सीमा सिंह अच्छा नाच लेती है ना बेटी ?

पायल : हाँ पापा... पर मैं तो सीमा सिंह से भी अच्छा नाचती हूँ.

पायल की बात सुन कर रमेश जोर से उसके दूध दबा देते है.

रमेश : (जोर से दूध दबाते हुए) अच्छा..!! सीमा सिंह से भी अच्छा नाच लेती है मेरी पायल ?

पायल : सीईईइ.....!! हाँ पापा....!!

रमेश : देखा था ना बेटी, सीमा सिंह कैसे अपने दूध हिला-हिला कर नाच रही थी. तू नाच पाएगी वैसा?

पायल : हाँ पापा...!! वो तो सिर्फ दूध हिला रही थी. मैं तो अपना सब कुछ हिला कर नाचूंगी.

पायल की इस बात पर रमेश अपने लंड उसकी चूतड़ों के बीच रगड़ देते है.

रमेश : तो फिर देर किस बात की बेटी. दिखाओ अपने पापा को नाच कर.

पायल : लेकिन पापा मैं उस गाने पर नहीं नाचूंगी.

रमेश : तो फिर किस गाने पर नाचेगी मेरी बेटी ?

पायल : गाना वही होगा पापा, पर मैं अपने अंदाज़ में गाऊँगी.

रमेश : ठीक है बेटी. देखते हैं की तू सीमा सिंह को टक्कर दे पाती है या नहीं.

तभी दरवाज़े की घंटी बजती है. रमेश और पायल एक साथ हडबडा जाते है. रमेश का लंड पायल की कच्छी में पीछे से घुसा हुआ था. पायल झटके से खड़ी होने लगती है तो कमर की एक तरफ बंधी कच्छी की डोर खुल जाती है और कच्छी रमेश के मोटे लंड पर ही फंसी रह जाती है. पायल जैसे ही खड़ी होती है तो उसे इस बात का एहसास होता है की उसकी कच्छी पापा के लंड में ही फंसी रह गई है. वो खुल मुहँ पर हाथ रखे पापा की तरफ घुमती है और देखती है की उसकी कच्छी पापा के लंड पर फंसी पड़ी है और पापा उसे देख कर मुस्कुरा रहे है. अब पायल के बदन पर सिर्फ वो छोटी से नाईटी ही रह गई थी. पायल रमेश से कहती है.

पायल : पापा लगता है कोई आया है. मेरी कच्छी तो आपके लंड में ही फंसी रह गई है. आप देखिये ना कौन है.

रमेश खड़े हो कर पायल की कच्ची को एक बार सूंघते है फिर अपनी धोती को को अच्छे से लपेट कर अपने खड़े लंड को छुपाते हुए दरवाज़ा खोलने जाने लगते है. पायल दौड़कर रसोई में चली जाती है. रमेश दरवाज़ा खोलते है तो सामने एक आदमी कुछ सामान लिए खड़ा था. रमेश उस आदमी से सामान लेते है और दरवाज़ा बंद कर देते है. दरवाज़े के बंद होते ही पायल अन्दर से पूछती है.

पायल : कौन था पापा?

रमेश : अरे कोई नहीं बेटी, कूरियर वाला था.

पायल रसोई से झाँक कर देखती है तो रमेश घर के सारे खिड़की और दरवाज़े बंद कर के पर्दा गिरा रहे है. पायल समझ जाती है की पापा किस चीज़ की तैयारी कर रहे है. वो भी रसोई की खिड़की बंद करने लगती है. बहार की तरफ खुली हुई खिड़की को हाथों से अन्दर खीच कर पायल जैसे ही बंद करती है, उसे अपनी चूतड़ों के बीच गर्म और लोहे सी सक्त कोई बेहद मोटी चीज़ महसूस होती है. पायल को समझने में एक क्षण भी नहीं लगता की वो कुछ और नहीं उसके पापा का मोटा लंड है. रमेश पायल के पीछे खड़े हो कर अपना मोटा लंड उसकी चूतड़ों के बीच घुसा रहे थे. लंड चूतड़ों के बीच रगड़ खाता हुआ जांघों के बीच पायल की बूर को चूमता हुआ आगे निकल जाता है. पायल नज़रे निचे कर के देखती है और उसे पापा के लंड अपनी जाँघों के बीच से निकला हुआ दिखाई देता है जिसका टोपा फूल कर बेहद मोटा और लाल हो गया है. पीछे से रमेश पायल से चिपक भी जाते है और अपने दोनों हाथों से उसके दूध मसलते हुए कहते है.

रमेश : अब नाचेगी ना मेरी बेटी पापा के सामने ?

पायल : सीईईई....!! हाँ पापा..!!

रमेश : बेशर्म बन के नाचेगी ना? शर्माएगी तो नहीं ?

पायल : उफ़...!! हाँ पापा...!! सीईईईइ...!! बिलकुल भी नहीं शर्माउंगी. पूरी बेशर्म बन के नाचूंगी आज.

पायल की इस बात पर रमेश पीछे से पायल की कमर पकड़ के उसकी चूतड़ों पर ऐसी जोरदार ठाप मारता है पायल के दोनों पैर ज़मीन से ही उठ जाते है. रमेश का लंड पायल की बूर की फाक में रगड़ खा रहा था और बूर के दाने को अच्छी तरह से सहला रहा था. पायल की बूर अब पानी छोड़ने लगी थी. कुछ देर वैसे हे रगड़ने के बाद रमेश पीछे हट्टे है और अपने लंड को सहलाते हुए सोफे की तरफ बढ़ने लगते है. पायल पापा को देखती है. कसा हुआ नंगा बदन और आगे १२ इंच लम्बा और ३.५ इंच मोटा लंड लिए रमेश सोफे पर टाँगे ऊपर कर के बैठ जाते है. उनकी टाँगे खुली हुई है और लंड सीध खड़ा है. रमेश और पायल की नज़रे मिलती है तो पायल किसी बेशरम लड़की की तरह इठलाती हुई चलकर पापा के सामने खड़ी हो जाती है. दोनों हाथो को उठा के वो अपने बालों को एक अदा के साथ जब पीछे करती है तो उसकी बगलों में घने बालों को देख कर रमेश अपना लंड पकड़ कर एक बार दबा देते है. बालों को पीछे कर पायल सामने वाले सोफे पर टाँगे ऊपर कर लेती है और आपस में जोड़ कर बैठ जाती है. एक बार हवस भरी नज़रों से पापा को देखने के बाद पायल गाना गाने लगती है.

पायल झटके के साथ सोफे पर कंधे के बल लेट जाती है और निचे वाले हाथ से सर को सहारा देते हुए पापा की तरफ देख कर गाती है, - " करेला चीत पापा खाके शीलाजीत हो..ssss "
फिर वो पापा के लंड को देखते हुए आगे गाती है, - "देखी के मूड ओकर होनी भयभीत हो..ssss"
फिर वो जहतके के साथ फिर से सोफे पर कूद कर बैठ जाती है और अपने दोनों दूधों को जोर-जोर से हिलाते हुए गाती है, - "धड्केला ढुकुर-ढुकुर छाती रे...ssss "
फिर पायल दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखती है और एक झटके से टाँगे खोल देती है और फिर झट से बंद करते हुए गाती है, - "हमके मुआवेला, कमर मूचकावे दादा.... सेजिया पे पापा देहाती रे..ssss...."

पायल की बालों वाली बूर की एक झलक पा कर रमेश अपने लंड को मसल देते है. फिर पायल अपनी कमर को झटके देते, नाचते हुए पापा के सामने आती है और अपनी पीठ उनकी तरफ करके कमर पर दोनों हाथों को रख लेती है. पापा की तरफ पीठ किये और कमर पर दोनों हाथों को रख कर अपनी चुतड गोल-गोल घुमाते हुए वो पापा के सामने घुटनों को मोड़कर धीरे-धीरे निचे बैठने लगती है और गाती है, - "बाकी दिन से ज्यादा ऊ दुःख हमके दिहला होss.....पाउडर लगाके ढोडी पर चूमा लेला होss..."

चूतड़ों के गोल-गोल घुमने से नाईटी पीछे से उठ जा रही थी और पायल की गोल-मटोल नंगी चूतड़ों के दर्शन रमेश को हो रहे थे. अपने लंड को मसलते हुए रमेश की नज़र पायल की पीठ पर नाईटी के लेस की गाँठ पर पड़ती है. पायल अपनी चूतड़ों को गोल-गोल घुमाते हुए ऊपर उठने लगी थी. रमेश झट से आगे होते है और अपने दाँतों से नाईटी की डोर को पकड़ लेते है. नाईटी की डोर को दांतों से पकडे रमेश पीछे होते है और तभी पायल भी खड़ी हो जाती है. नाईटी को डोर खुल जाती है और पायल की पीठ नंगी हो जाती है. बदन से नाईटी फिसलती हुई ज़मीन पर गिर जाती है. पायल झट से एक हाथ निचे ले जा कर अपनी बूर छुपा लेती है और दुसरे हाथ से अपने दोनों दूध. पीछे मुड़ कर वो पापा को देख कर मुस्कुराती है. रमेश भी अपना लंड पकडे मुस्कुरा देते है.

पायल दोनों हाथों से अपनी बूर और दूध छुपाये रमेश की तरफ घूम जाती है और आगे गाती है, - " बाकी दिन से ज्यादा ऊ दुःख हमके दिहला होss.....पाउडर लगाके ढोडी पर चूमा लेला होss...", ये सुन कर रमेश आगे बढ़ कर पायल की नाभि को चूम लेते है. पायल भी मस्ती में आँखे बंद कर अपने ओंठ काट लेती है. रमेश फिर से लंड पकडे सोफे पर बैठ जाते है.

अब पायल पापा की तरफ पीठ करे ज़मीन पर लेट जाती है. रमेश को पायल की नंगी पीठ और चुतड दिखने लगता है. पायल गर्दन घुमा कर पापा की तरफ देखती है और आँखे मटकाते हुए आगे गाती है, - " (एक हाथ अपनी चुतड पर रख कर) बीतेला रात पूरा एके करवटीयाss... (फिर पापा के खड़े लंड को देखते हुए) खालेला पापा शीलाजीत सारा रतियाss...."

पायल की इस हरकत पर रमेश पायल की चुतड को देखते हुए अपने लंड की चमड़ी खींच कर पूरी पीछे कर देते है. पायल भी उठ कर खड़ी हो जाती है और दोनों हाथों से अपनी बूर छुपा कर पापा की तरफ घूम जाती है. अब उसके मोटे नंगे दूध खुल कर रमेश को दिखने लगते है.

बूर को दोनों हाथों से छुपाये हुए पायल पापा को आँखे मटकाते हुए इशारे करते हुए गाती है, -" जाने कितना पॉवर होला दादा शीलाजीत मेंss... रातभर मदाइल रहे पापा हमरा प्रीत मेंss... "

अपने दोनों नंगे दूधों को जोर-जोर से हिलाते हुए , -" लागे मुआवे तो हो जाए सबेराss....करेला प्यार पापा हमके सबसे ज्यादा ss.....माने ना कितना हम डाटी रेsssss..... "

अब रमेश भी वहां आ कर पायल के पीछे खड़े हो जाते है और अपना लंड उसकी चूतड़ों के बीच घुसा देते है. पायल दोनों हाथों को उठा कर पीछे पापा के गले में डाल देती है और आगे गाने लगती है, - " गर्दा उड़ावेला ...कमर मुचकावे दादाss.... सेजिया पे पापा देहाती रे ss..... "

रमेश पीछे से अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को पायल की चूतड़ों के बीच रगड़ने लगते है . पायल भी मस्ती में गाती हुई अपनी चुतड हिलाने लगती है.

" गर्दा उड़ावेला ...कमर मुचकावे दादाss.... सेजिया पे पापा देहाती रे ss..... "

इस पंक्ति के खत्म होते ही रमेश पायल के चूतड़ों पर एक जोरदार थप मार देते है तो पायल लड़खड़ाती हुई सामने सोफे पर गिर जाती है. सोफे पर गिरी हुई पायल पापा की तरफ घुर कर देख रही है और निचे उसकी जांघे खुली हुई है. जाँघों के खुलने से बूर के ओंठ भी खुल गए थे. पायल की बालों वाली खुली हुई बूर का गुलाबी छेद देख कर रमेश का लंड जोर-जोर से झटके लेने लगा. सोफे पर गिरी पायल अपने हाथों से टाँगे खोले कर बैठ जाती है और पापा को तेज़ साँसे लेते हुए घूरने लगती है.

पायल : कैसा लगा मेरा नाच पापा?

रमेश : बहुत ही अच्छा था पायल बेटी. तुमने तो सीमा सिंह को भी पीछे छोड़ दिया. अब तो मेरी बिटिया रानी को इनाम देना ही पड़ेगा.

ये कहकर रमेश एक बार पायल की आँखों में देखते है फिर उसकी बूर को गौर से देखते है. बूर किसी डबल रोटी की तरह फूल गई है और उसके ओंठ खुले हुए है. बूर के ऊपर और दोनों तरफ घने घुंगराले बाल और बीच में खुले हुए ओंठों के बीच गुलाबी छेद जिसमे से लार बह रही है. रमेश गौर से अपनी बेटी की बूर का ये नज़ारा देखते है और उनके सब्र का बाँध टूट जाता है. वो खड़े होकर कर पायल की बूर को घूरते हुए अपने लंड को एक बार जोर से मुठिया देते है और पायल की तरफ बढ़ने लगते है. पापा को इस तरह से अपनी ओर आता देख पायल की धड़कने तेज़ हो जाती है.

रमेश पायल के पास आते है और उसकी खुली हुई टांगो के बीच निचे ज़मीन पर बैठ जाते है. सोफे पर बैठी पायल की टाँगे खुली हुई है और रमेश ठीक उसकी बूर के सामने आँखे फाड़े बैठे हुए थे. अपनी नाक आगे कर रमेश एक बार जोर से सांस लेते हुए पायल की बूर की गंध सूंघते है. अपनी बेटी की बूर की गंद से रमेश पागल से हो जाते है. दोनों हाथों से पायल की जाँघों को पकड़ को और ज्यादा फैलाते हुए रमेश अपने ओंठों को बूर के ओंठों पर रख देते है और अपनी जीभ बूर में ठूँस देते है. पापा की जीभ अपनी बूर में महसूस करते ही पायल मस्ती में आ जाती है. आँखे बंद किये वो सिसियाने लगती है.

पायल : सीईईईईईई....!! उफ्फ पापा....!! आहsssss....!!

रमेश पायल की टाँगे और ज्यादा खोलते हुए अपनी जीभ को बूर के अन्दर ठेलने लगते है और साथ ही साथ पायल की बूर से निकलती लार को को चूस के पीने भी लगते है. अपनी लम्बी और मोटी जीभ को पूरी बूर में ठूंसने के बाद रमेश बूर से जीभ निकाल लेते है और फिर बूर को निचे से ऊपर तक किसी कुत्ते की तरह चाटने लगते है. पायल जब पापा को अपनी बूर इस तरह से चाटते देखती है तो वो अपनी कमर हलकी सी ऊपर उठा का धीरे-धीरे गोल घुमाने लगती है. ये देख कर रमेश भी अपनी गर्दन गोल घुमाते हुए बूर चाटने लगते है. बाप-बेटी की बूर चाटने और चटवाने की जुगलबंदी ऐसी थी की अगर उस वक़्त स्वयं कामदेव भी वह होते तो अपना लंड मुठिया देते.

पायल जैसी एक खुबसूरत गोरी-चिट्टी लड़की, जिसकी बूर पर और बगलों में घने बाल है, जो पसीने से महक रही है, अपने दोनों हाथों के सहारे सोफे पर अपनी चौड़ी चुतड उठा के गोल-गोल घुमा रही है, और उसका अपना सगा बाप, अपनी बेटी की चूतड़ों के साथ अपनी गर्दन घुमाते हुए उसकी बूर चाट रहा है. ये नज़ारा दुनिया के किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी था. ये नज़ारा इतना उत्तेजना से भरा हुआ था की अगर दोनों बाप-बेटी को इस पाप के लिए किसी अदालत में सजा भी सुनाई जाती तो उस अदालत का जज लंड मुठियाते हुए ही सजा सुनाता.

रमेश पायल की बूर को चाट रहे थे तो कभी अपने ओंठों से बूर के दाने को चूस रहे थे. पापा के इस तरह से बूर चाटने से पायल पूरी तरह से गरमा चुकी थी. कुछ देर अपनी बेटी की बूर का स्वाद चकने के बाद रमेश अपने मुहँ को बूर से अलग करते है. पायल भी धीरे-धीरे अपनी आँखे खोल कर पापा को देखती है. पापा को घूरते हुए पायल अपने ओठों को काटते हुए उनका लंड लेने को तैयार होने की घोषणा करती है. रमेश भी समझ जाते है की अब पायल अपनी सील तुडवाने को तैयार है. अपने मजबूर हाथों से पायल की जाँघों ठीक ऊपर कमर को पकड़ कर रमेश उसे उल्टा हवा में उठा लेते है. पायल की टाँगे ऊपर की ओर है और सर निचे. रमेश ने अपने हाथों को उसकी कमर में लपेटे रखा था. पायल का पेट पापा की छाती पर चिपका हुआ था और पापा के मुहँ के ठीक सामने उसकी खुली जाँघों के बीच बालोवाली बूर अपने ओठों को खोले हुए थी. निचे पायल के मुहँ के ठीक सामने पापा का गधे जैसा लंड तन के खड़ा था जीसे पायल आँखे फाड़े निहारे जा रही थी. रमेश के सामने पायल की फैली हुई जाँघों के बीच खुली हुई बूर थी. पायल को उल्टा अपने सीने से लगाये रमेश उसकी बूर को गौर से देखते है और एक बार फिर से अपने मुहँ खुली बूर में घुसा देते है. निचे लटकी पायल भी पूरी मस्ती में पापा के खड़े लंड को पकड़ लेती है और उसकी चमड़ी खींच कर पूरी पीछे कर देती है. लंड के मोटे टोपे को देखने के बाद वो अपना मुहँ खोले उसे अन्दर लेने लगती है. लंड का टोपा फूल कर काफी बड़ा हो गया था. आज पायल को उसे अपने मुहँ में लेने में कठनाई हो रही थी. पर आज वो भी पूरे जोश में थी. वो अपने मुहँ को पहले से भी ज्यादा खोलते हुए आधा टोपा मुहँ में ले लेती है.मुहँ के अन्दर अपनी जीभ को टोपे पर घुमाते हुए वो टोपे को चूसने लगती है. पायल को अपने लंड को इस तरह से चुस्त देख रमेश भी पूरे जोश में उसकी बूर चूसने लगता है.

पायल को उल्टा लटकाए हुए रमेश उसकी बूर चूसते हुए और अपना लंड चुस्वाते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगता है. कमरे में पहुँच कर रमेश पायल को बिस्तर पर रख देते है. दोनों बाप-बेटी एक दुसरे से नज़र मिलाते है. दोनों की नज़रों में सिर्फ हवस ही नज़र आ रही थी. पायल बिस्तर पर अपनी टाँगे खोल बैठी हुई थी. रमेश उसकी बूर को देखते हुए कहते है.

रमेश : तेरी बूर तो बहुत गरम लग रही है बेटी.

पायल : हाँ पापा. बहुत गरम है. आग फेक रही है.

रमेश : उफ़..!! जरा देखूं तो कितनी गर्मी है मेरी बेटी की बूर में.

ये कहकर रमेश पास रखे टेबल का दराज खोलते है और उसमें से एक थर्मामीटर निकालते है. थर्मोमीटर लेकर रमेश पायल की खुली टांगो के बीच बैठ जाते है.

रमेश : जरा अपनी टाँगे फैलाओ बेटी.

पायल अपनी टाँगे फैला देती है. रमेश उसकी बूर को देखते है और थर्मामीटर बूर में घुसा देते है.

रमेश : इसे २ मिनट तक पकडे रखो पायल.

पापा की बात मानते हुए पायल अपनी बूर के ओंठों को आपस में भींच कर थर्मामीटर को पकड़ लेती है. २ मिनट के बाद रमेश थर्मामीटर को पायल की बूर से निकलते है और २-३ बार झटक कर गौर से तापमान देखते है.

रमेश : बापरे बेटी..!! १०४ डिग्री ...!! इतनी गर्मी है मेरी बेटी की बूर में ? [ १०४ डिग्री F = ४० डिग्री C ]

पायल : हाँ पापा..!! बहुत गर्मी है मेरी बूर में. अब आप ही इसकी सारी गर्मी निकाल कर इसे ठंडा करिए.

पायल की इस बात पर रमेश के लंड में करंट दौड़ने लगता है. वो थर्मामीटर को टेबल पर रखते है और अपने लंड को पकडे पायल के पास आने लगते है.

रमेश : अपनी पायल बेटी की बूर की सारी गर्मी अब मैं २ दिनों तक अच्छे से निकालूँगा.

पायल पापा को अपनी ओर आते देखती है. आगे जो होने वाला है उसकी कल्पना करके दिल धडकने लगता है और साथ ही साथ उसकी बूर भी पानी छोड़ने लगती है.

[आगे की कहानी पर काम जारी है]

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
मस्तरानी जी सोनू भी किसी के साथ सेक्स करेगा या वो side कैरेक्टर है आपकी कहानी में,
क्योंकि अभी तक सबके साथ मजा बाप ही लिया हैं
 
  • Like
Reactions: Mastrani

prkin

Well-Known Member
5,372
6,091
189
Welcum Back!
 

sharaabi

Active Member
1,035
2,662
159
Marwq ke manogi
 
  • Like
Reactions: Mastrani
Top