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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
  • Poll closed .

Mastrani

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124
अपडेट १८:

घर में बिजली अब भी नहीं आई है. रसोई, ड्राइंग रूम और खाने की टेबल पर मोमबत्तियां जल रही है. रात के ८:३० बज चुके है. उमा, उर्मिला और पायल सोफे पर बैठे बातें कर रहे है. पास ही सोनू सोया हुआ है. आज पायल ने कुछ देर पहले जो उसका हाल किया था, बेचारा गर्मी में भी निढ़ाल हो कर सो रहा है. पापा खाने की टेबल पर पुरानी फाइल में बिजली के बिल देख रहे है.

रमेश : कोई मुझे एक कप चाय पिलाएगा?

उमा : हाँ भाई, कोई चाय पिला दो इन्हें. इतना बड़ा काम जो किया है...

रमेश : अरे उमा... हो गई गलती. अब क्या मैं बिजली के खम्बे पर चढ़ जाऊं?

उमा : ना..ना..जी. ऐसा मत करियेगा. अभी तो सिर्फ हमारे घर की बिजली गई है. आप खम्बे पर चढ़ गए तो पता चला की सारे शहर की बिजली चली गई.

उमा की इस बात पर उर्मिला और पायल मुहँ दबा के हंसने लगती है. उमा भी दोनों को देख कर पल्लू अपने मुहँ पर रख कर हँसने लगती है..

उमा : (मुस्कुराते हुए) अच्छा अच्छा...बना दो इनके लिए चाय...

उर्मिला उठने लगती है तो पायल कंधे पर हाथ रख के बिठा देती है.

पायल : आप रहने दीजिये भाभी...मैं बना देती हूँ..

उर्मिला पायल को देख कर मुस्कुरा देती है और पायल रसोई में चली जाती है. रसोई में गैस जला कर वो चाय का बर्तन चढ़ा देती है. तभी पायल की नज़र पापा पर पडती है. रमेश पायल को घूरते हुए देख रहे है. उनकी नज़र बार-बार पायल के चौड़े चूतड़ों पर जा कर टिक जा रही है. पायल भी मस्ती में अपनी चुतड उठा कर खड़ी हो जाती है. उसकी उभरी हुई चुतड देख के रमेश से रहा नहीं जाता.

रमेश : अरे उमा...मोमबत्तियाँ कहाँ रखी है? एक मोमबत्ती की रौशनी में पढ़ना मुश्किल हो रहा है..

उर्मिला : रसोई में रखी है बाबूजी. रुकिए मैं ला देती हूँ...

रमेश : नहीं नहीं बहु...मैं खुद ले लेता हूँ. तुम उमा के साथ बातें करो...

पायल समझ जाती है की अब पापा उसके पास आने वाले है. वो एक ऊँगली मुहँ में ले कर शर्माते हुए नाख़ून चबाने लगती है. रमेश उठ कर रसोई में आते है. एक नज़र उमा और उर्मिला पर डाल कर वो पायल की चूतड़ों को स्कर्ट के ऊपर से दबा देते है. पायल चुप-चाप मुस्कुराते हुए खड़ी रहती है. रमेश मोमबत्ती ढूंढने का नाटक करते हुए पायल की स्कर्ट में हाथ घुसा कर उसकी चुतड को पंजों में भर कर दबा देता है. पायल बिना कुछ कहे पापा को मुस्कुराते हुए देखती है और फिर नज़रे चाय के बर्तन पर जमा देती है. रमेश इस बार पायल के पीछे खड़े हो कर धोती के ऊपर से अपना लंड पायल की चूतड़ों के बीच सटा कर दबा देते है. पायल भी मस्ती में अपनी चुतड पीछे कर के पापा के लंड पर दबाव डाल देती है. रमेश झट से अपना लंड धोती से बहार निकालते है और पायल की स्कर्ट उठा के चूतड़ों के बीच ठेल देते है. पापा का लंड पैन्टी के ऊपर से उसके गांड के छेद से टकरा जाता है. पायल उच्छल जाती है और उसके मुहँ से आवाज़ निकल जाती है...

पायल : आह्ह्हह्ह.....!!!

उमा : (ड्राइंग रूम से) क्या हुआ पायल? चोट लग गई क्या?

पायल सँभलते हुए अपनी स्कर्ट ठीक करती है. रमेश भी झट से एक मोमबत्ती ले कर रसोई से बाहर जाने लगते है.

पायल : कुछ नहीं मम्मी. चाय के बर्तन से हाथ जल गया...

उमा : ध्यान से काम किया कर ना...जैसा बाप, वैसी बेटी...

उर्मिला इस बात पर मन ही मन मुस्कुरा देती है. रमेश फिर से खाने की टेबल पर दूसरी मोमबत्ती जलाकर बैठ जाते है. रसोई में पायल पापा के लिए कप में चल डाल देती है. पापा की नज़रे अब भी पायल पर ही है. पायल देखती है की पापा अब भी उसे घुर के देख रहे हैं तो उसके दिमाग में बदमाशी सूझती है. वो पापा को देखते हुए धीरे से अपनी टॉप ऊपर उठा देती है और अपने बड़े-बड़े दूध दोनों हाथों से पकड़ लेती है. पायल को अपने नंगे दूध इस तरह से पकडे देख, रमेश की हालत ख़राब हो जाती है. पायल अपने दोनों दूधों को पकडे चाय के प्याले के ठीक ऊपर ले जाती है और जोर से दबा देती है जैसे वो पापा की चाय में अपना दूध डाल रही हो. पायल की इस हरकत से पापा धोती में हाथ डाल कर लंड दबा देते है. फिर पायल अपनी टॉप निचे कर, चाय का प्याला लिए पापा के पास आती है.

पायल : पापा आपकी चाय...

रमेश : (पायल को देख, मुस्कुराते हुए चाय की एक चुस्की लेते है) हुम्म्मम्म...!! वाह..!! मज़ा आ गया पायल. ऐसी दुधिया चाय तो मुझे सिर्फ तू ही पिला सकती है. लगता है खुल के दूध डाला है चाय में.

पायल : (मुस्कुराते हुए) घर का ताज़ा-ताज़ा दूध है पापा, मज़ा तो आएगा ही.

दोनों बाप-बेटी एक दुसरे के बदन की आग भड़काने में लग जाते है. उर्मिला जब ये देखती है तो वो जान बुझ के उमा से कहती है.

उर्मिला : मम्मी जी...चलिए ना...छत पर चलते है. एक जगह बैठे-बैठे कमर दुःख रही है.

उमा : हाँ उर्मिला...छत पर ही चलते है. हवा भी अच्छी चल रही है. आप भी चलिए....

रमेश : अरे नहीं उमा...मैं ये कागज़ का काम पूरा कर लूँ...

उमा : पायल तू चल...

पायल : नहीं मम्मी...मैं अपने रूम में जा रही हूँ...थोडा अराम करती हूँ...

उमा : ठीक है. जैसी मर्ज़ी. चल उर्मिला...हम दोनों ही चलते है.

उर्मिला : मम्मी आप चलिए...मैं बस २ मिनट में आई.

उमा धीरे-धीरे सीढ़ियों से छत पर जाने लगती है. पायल अपने कमरे की तरफ जाती है तो उर्मिला उसके पीछे आ जाती है. पायल की चुतड पर एक चपत लगते हुए.

उर्मिला : हाय मेरी ननद रानी...आजकल तो पापा से खूब बातें हो रही है.

पायल : हाँ भाभी...पापा भी बदन में आग ही लगा देते है.

उर्मिला : देख पायल, तू तो जानती है ना की तेरे पापा तुझे नंगी करके खूब पटक-पटक के चुदाई करना चाहते है...

पायल : हाँ भाभी...जानती हूँ...

उर्मिला : तो मेरी प्यारी ननद जी...कुछ करिए...

पायल : आप बताईये ना भाभी...

उर्मिला : सब कुछ मैं ही बताउंगी तो मेरी पायल क्या करेगी? बाबूजी का लंड भी मैं अपनी ही बूर में डलवा लूँ?

पायल : (खुश होते हुए) हाँ भाभी....!! डलवा लो. दोनों ननद-भाभी नंगी हो कर पापा से खूब बूर चुदवाएंगे....

उर्मिला : (पायल के गाल पर धीरे से चपत लगते हुए) मेरी ननद रानी...पापा अपनी बहु-बेटी की एक साथ बूर चोदेंगे तो वो जोश में लंड का पानी हम दोनों की बुरों में गिरा देंगे.

पायल : (उर्मिला का हाथ ख़ुशी से पकड़ते हुए) तो हम दोनों अपनी बुरों में गिरवा लेंगे ना भाभी... ये भी तो सोचिये की मज़ा कितना आएगा....जरा सोचिये तो....आप और मैं एक साथ बिस्तर पर टाँगे खोले, अपनी फूली हुई बुरों को फैलाये लेटी हैं और बाबूजी बारी-बारी हम दोनों की बूर चोद रहे है.

उर्मिला : अच्छा ठीक है बाबा...हम दोनों बाबूजी का लंड साथ में ले लेंगी....लेकिन पहले तू तो कुछ कर...

पायल : (खुश होते हुए) हाँ भाभी...करती हूँ....

उर्मिला : अच्छा अब मैं चलती हूँ...सोनू अभी सो रहा है. मैं मम्मी जी को छत पर कुछ वक़्त तक रोके रखूंगी...ठीक है?

पायल : ठीक है भाभी....

उर्मिला वहां से चली जाती है. रमेश उर्मिला को छत पर जाते हुए देखते है तो वो धीरे से उठ कर पायल के कमरे की तरफ बढ़ने लगते है.

पायल अपने कमरे में बिस्तर पर टाँगे खोल कर लेती है. उसकी स्कर्ट जांघो तक है और पैन्टी दिख रही है. वो अपने फ़ोन में कुछ देख रही है और फ़ोन की रौशनी से उसका चेहरा चमक रहा है. तभी उसे पापा की आवाज़ आती है.

रमेश : क्या कर रही है मेरी पायल?

पापा की आवाज़ सुन कर पायल खुश हो जाती है. वो मुस्कुराते हुए जवाब देती है.

पायल : कुछ नहीं पापा...बस ऐसे ही लेट कर फ़ोन के साथ वक़्त बिता रही हूँ...

रमेश चलते हुए पायल के पास आते है और उसकी पास बैठ जाते है. अपने हाथों से वो पायल की जाँघों को सहलाने लगते है. धीरे-धीरे रमेश के हाथ पायल की जांघो पर फिसलते हुए जाँघों की जड़ों तक चले जाते है और पायल की पैन्टी को छूने लगते है.

रमेश : पायल...पापा का बड़ा मन करता है....

पायल : क्या मन करता है पापा?

रमेश : येही की अपनी पायल बिटिया को खूब प्यार करें....

पायल : मन तो मेरा भी बहुत करता है की आप मुझे दिन रात प्यार करें पापा....

रमेश : पापा का प्यार बहुत बड़ा है बेटी... और तुझे देख कर तो मेरा प्यार और भी बड़ा हो जाता है...

पायल : सच पापा?

रमेश : हाँ पायल...(रमेश पायल का हाथ पकड़ कर अपनी धोती में घुसा देते है और मोटा लंड उसके हाथ में दे देते है). देख ....कितना बड़ा है तेरे पापा का प्यार...

पायल बड़ी-बड़ी आँखों से पापा को देखने लगती है और पापा के लंड की मोटाई को हाथों से महसूस करने लगती है. पायल को ऐसा लगता है की किसीने उसके हाथों में लम्बा और मोटा लट्ठ पकड़ा दिया हो. वो सीसीयाते हुए पापा से कहती है.

पायल : सीईईईइ.....पापा..यह तो बहुत लम्बा और मोटा है.....

रमेश : हाँ बेटी...और जब मेरी बिटिया रानी घर में बिना ब्रा के टॉप में अपने बड़े-बड़े दूध उठा के घुमती है तो ये और भी बड़ा हो जाता है....

पायल : सच पापा? आपको मेरा घर में बिना ब्रा की टॉप पहन कर घूमना अच्छा लगता है?

रमेश : बहुत अच्छा लगता है बिटिया. पापा का दिल तो करता है की दौड़ कर अपनी बिटिया रानी की टॉप उठा दूँ और उसके बड़े-बड़े दूध मसल दूँ...

रमेश कहते ही पायल की टॉप में एक हाथ दाल देता है और पायल के दूध को मसलने लगता है. पापा की इस हरकत से पायल भी जोश में आ जाती है और लंड को जोर से दबा देती है. पापा का लंड फूल के और भी मोटा हो जाता है.

पायल : पापा आप मेरे दूध मसलते है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है...

रमेश : जानता हूँ पायल. जवान लड़कियों को अपने दूध मसलवाना बहुत पसंद है, ख़ास कर अपने पापा से. बहुत सी लड़कियां घर में चोरी-छिपे अपने पापा से खूब दूध मसलवाती है. पापा से दूध मसलवाने से लड़कियों के दूध जल्दी बड़े हो जाते है.

पायल : सच पापा?

रमेश : हाँ पायल...तुने देखा होगा की बहुत सी लड़कियों के छोटी उम्र में ही बड़े-बड़े दूध हो जाते है. ऐसी लडकियां अपने पापा से ही तो दबवा के अपने दूध बड़े करवाती है.

पायल : (बड़ी-बड़ी आँखों से) हाँ पापा...मेरी सहेली की दीदी के भी बहुत बड़े दूध है. मेरी सहेली बोल रही थी की जब उसकी मम्मी घर पर नहीं होती है तो पापा दीदी के रूम में चले जाते है और दरवाज़ा बंद करके घंटो तक रहते है.

रमेश : हाँ पायल...सही कहा बेटी...तेरी सहेली के पापा अपनी बड़ी बेटी के दूध को घंटो मसलते होंगे...और मुझे तो ये भी लगता है पायल की उसके पापा उसकी दीदी पर चढ़ के भी प्यार करते होंगे....

पापा की इस बात पर पायल शर्मा जाती है. फिर धीरे-धीरे पापा के लंड को सहलाते हुए कहती है.

पायल : पापा क्या सच में बाप अपनी बेटी पर चढ़ के प्यार करता है?

रमेश : (अब पायल की पैन्टी की साइड से अन्दर हाथ दाल कर उसके बूर के बालों से खेलने लगता है) हाँ पायल...बाप अपनी बेटियों पर चढ़ के खूब प्यार करते है.

पायल : (पूरी मस्ती में) ओह पापा....बहुत गर्मी लग रही है...

रमेश : मेरी बेटी तो पहले से ही बहुत गरम है. गर्मी तो लगेगी ही...

रमेश पायल के माथे, गले और पेट पर बहते पसीने को हाथ से पोंछता है.

रमेश : देखो तो..कितना पसीना आ रहा है मेरी बिटिया रानी को...और इतनी गर्मी में भी टॉप पहने हुए है...

पायल : (पापा के लंड को जोर जोर से मुठियाते हुए) तो ऊपर कर दीजिये ना पापा...

रमेश पायल की पैन्टी से हाथ निकाल कर, दोनों हाथों से उसकी टॉप उठा कर दोनों दूध के ऊपर कर देता है. पायल के बड़े-बड़े सक्त दूध पापा की आँखों के सामने आ जाते है. रमेश दोनों दूध को गौर से देखता है दोनों हाथों से पकड़ के आपस में मिला देता है.

रमेश : आह पायल...!! पापा का दूध पीने का बहुत दिल कर रहा है बेटी...

पायल : (पापा के लंड को मुथियते हुए आँखे बंद कर लेती है) ओह पापा...!! तो पी लीजिये ना...

रमेश अपना एक पैर बिस्तर पर रखता है और दुसरे पैर को घुटनों से मोड़ कर पायल पर झुक जाता है. रमेश का लंड पायल के हाथ में है और वो उसे जोर जोर से हिला रही है. रमेश झुक कर पायल का एक निप्पल मुह में ले लेता है. पायल लंड मुठियाते हुए मचल जाती है. रमेश पायल के निप्पल को मुहँ में भर के चूसने लगता है. पायल का दूसरा था पापा के सर पर आ जाता है और वो उनके बालों को पकड़ लेती है. रमेश निप्पल चूसते हुए बीच बीच में अपना बड़ा मुहँ पूरा खोल कर पायल के दूध को मुहँ में भर लेता है. कुछ देर चूसने के बाद रमेश पायल के दुसरे दूध पर धावा बोल देता है. दुसरे दूध के निप्पल को जोर जोर से चूसने से पायल सिस्कारियां लेने लगती है. फिर रमेश दोनों दूध को आपस में सटा कर बारी बारी दोनों को चूसने तो कभी मुहँ में भरने लगता है. पायल पूरी मस्ती में अपने होश खो बैठती है.

पायल : हाँ पापा.....ऐसे ही...ऐसे ही मेरा दूध पीजिये पापा....

पायल को ऐसे मस्ती में आता हुआ देख कर रमेश का जोश दुगना हो जाता है. वो उसके दूध को दबा-दबे के पीने लगता है और एक हाथ से अपने लंड की चमड़ी पूरी निचे कर देता है. तभी रमेश पायल के निप्पल को हलके से दांतों से काट लेता है तो पायल उच्छल कर रमेश से लिपट जाती है. रमेश पायल को उठा के अपने सीने से लगा लेता है तो पायल अपनी दोनों टाँगे उसकी कमर में लपेट देती है. अपने हाथो को पापा के गले में लपेट कर पायल सीने से चिपक जाती है. रमेश का लंड पायल की पैन्टी के ऊपर से उसकी बूर पर रगड़ खाने लगता है. वो पायल के बूर की गर्मी अपने लंड पर महसूस कर रहा है. पायल के बड़े बड़े दूध रमेश के सीना पर चिपके हुए है. रमेश हाथों से अपने कुरते को ऊपर कर लेता है तो पायल के नंगे दूध उसकी नंगी छाती पर दब जाते है. बेटी के बड़े और मुलायम दूध के स्पर्श से ही रमेश का लंड झटके खाते हुए पायल की बूर पर टकराने लगता है.

रमेश : अच्छा लगा रहा है बेटी?

पायल : (मदहोशी के साथ) हाँ पापा...बहुत अच्छा लग रहा है.

रमेश : जरा अपने दूध पापा के सीने पर रगडो बेटा...

पायल अपने सीने को ऊपर निचे करते हुए बड़े-बड़े दूध को पापा की छाती पर रगड़ने लगती है. रमेश का जोश अब और बढ़ जाता है. वो एक ऊँगली मुहँ में लेता है और पीछे से पायल की पैन्टी में दाल कर उसके गांड के छेद पर घुसाने लगता है. पायल उच्छल कर पापा से फिर से चिपक जाती है. रमेश ऊँगली निचे ले जा कर उसकी गीली बूर पर ४-५ बार रगड़ता है और फिर उसके गांड के छेद में घुसाने लगता है. बूर के रस से भीगी ऊँगली पायल के छेद में घुस जाती है. रमेश थोडा और जोर लगता है तो ऊँगली आधी अन्दर घुस जाती है. अपनी गांड में पापा की ऊँगली को महसूस कर के पायल मस्ती में आ जाती है. बूर से तो वो कई बार खेल चुकी थी लेकिन गांड के छेद में आज पहली बार कोई ऊँगली गई थी. पायल को अपने सीने से लगाये और गांड में ऊँगली डाले, रमेश कमरें में धेरे-धीरे टहलने लगते है. टहलते हुए वो कभी अपनी ऊँगली अन्दर-बाहर कर देते तो कभी लंड को पायल की बूर पर रगड़ देते. पायल तो अपना होश पहले ही खो बैठी थी. रमेश अब मौका देख कर अपने लंड को पैन्टी के साइड से अन्दर डाल के पायल की बूर पर रखता है और धीरे-धीरे टोपे को उसकी बूर पर रगड़ने लगता है. हर बार लंड रगड़ने पर पायल किसी बच्चे की तरह उच्छल जाती. तभी एक तेज़ रौशनी से सारा कमरा जगमगा उठता है. घर की बिजली आ चुकी थी. दोनों बाप-बेटी मिलन के बहुत करीब थे पर किस्मत को कुछ और मंजूर था.

कमरे की लाइट जलते ही पायल आँखे खोलती है तो कमरे का दरवाज़ा खुला है. वो झट से पापा की गोद से उतर जाती है और अपनी टॉप निचे कर लेती है. रमेश भी अपने कुरते और धोती को ठीक करता है. पायल अपने बाल ठीक करते हुए पापा को देखती है. पापा की आँखों में वो उसके लिए प्यार और हवस दोनों देख रही है. आज पापा के साथ जो कुछ ही हुआ उसने पायल की बूर की आग को कहीं ज्यादा भड़का दिया था. कुछ ही क्षण में दोनों होश में आते ही और एक दुसरे को देख मुस्कुराने लगते है.

रमेश : मजा आया मेरी बिटिया रानी को?

पायल : (नखरे दिखाते हुए) छी पापा...!! अपनी बेटी के साथ कोई ऐसा करता है क्या?

रमेश : (मुस्कुराते हुए पायल के गाल पर हाथ फेरते हुए) तो किसके साथ करता है?

पायल : (मुहँ बना के नखरे के साथ) क्यूँ? घर में सिर्फ मैं ही एक जवान हूँ क्या? उर्मिला भाभी भी तो है. और भाभी के दूध तो मुझसे भी बड़े है.

पायल की बात सुन कर रमेश का लंड फिर से झटके लेने लगता है. वो मुस्कुराते हुए पायल की ठोढ़ी की उठाते हुए कहता है.

रमेश : तो मेरी पायल बिटिया अपनी भाभी को भी छत पर ले आये. मैंने कब मन किया है. घर की बहु-बेटी का ख्याल रखना तो मेरा फ़र्ज़ है ना...?

पायल : (खुश हो कर) सच पापा? अगली बार उर्मिला भाभी को भी ले आऊ छत पर?

रमेश : हाँ पायल...ले आना बहु को भी.

पायल ख़ुशी से पापा से चिपक जाती है. रमेश उसकी पीठ पर हाथ रख के दबा देते है और अपनी छाती पर उसके दूध का एक बार फिर से मजा ले लेते है. पायल पापा को देख के मुस्कुराती है है दौड़ कर बाहर चली जाती है. रमेश मन ही मन अपने लंड के लिए घर में दो जवान बुरों का इंतज़ाम होता देख खुश हो जाता है और गाना गुनगुनाते हुए जाने लगते है..... "अरे चढ़ गयो ऊपर रे....अटरिया पे दो-दो कबूतर रे....."

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 
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Nasn

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अगले अपडेट पर काम हो रहा है. आशा करती हूँ की आज देर रात तक पोस्ट कर दूंगी.

-मस्तरानी
पकड़ कर बैठे हैं राहें तेरी ।
बढ़िया अपडेट दे दो।
न तो भरेंगे आहें तेरी..

अपडेट के इंतजार मैं
 

Nasn

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अपडेट १८:

घर में बिजली अब भी नहीं आई है. रसोई, ड्राइंग रूम और खाने की टेबल पर मोमबत्तियां जल रही है. रात के ८:३० बज चुके है. उमा, उर्मिला और पायल सोफे पर बैठे बातें कर रहे है. पास ही सोनू सोया हुआ है. आज पायल ने कुछ देर पहले जो उसका हाल किया था, बेचारा गर्मी में भी निढ़ाल हो कर सो रहा है. पापा खाने की टेबल पर पुरानी फाइल में बिजली के बिल देख रहे है.

रमेश : कोई मुझे एक कप चाय पिलाएगा?

उमा : हाँ भाई, कोई चाय पिला दो इन्हें. इतना बड़ा काम जो किया है...

रमेश : अरे उमा... हो गई गलती. अब क्या मैं बिजली के खम्बे पर चढ़ जाऊं?

उमा : ना..ना..जी. ऐसा मत करियेगा. अभी तो सिर्फ हमारे घर की बिजली गई है. आप खम्बे पर चढ़ गए तो पता चला की सारे शहर की बिजली चली गई.

उमा की इस बात पर उर्मिला और पायल मुहँ दबा के हंसने लगती है. उमा भी दोनों को देख कर पल्लू अपने मुहँ पर रख कर हँसने लगती है..

उमा : (मुस्कुराते हुए) अच्छा अच्छा...बना दो इनके लिए चाय...

उर्मिला उठने लगती है तो पायल कंधे पर हाथ रख के बिठा देती है.

पायल : आप रहने दीजिये भाभी...मैं बना देती हूँ..

उर्मिला पायल को देख कर मुस्कुरा देती है और पायल रसोई में चली जाती है. रसोई में गैस जला कर वो चाय का बर्तन चढ़ा देती है. तभी पायल की नज़र पापा पर पडती है. रमेश पायल को घूरते हुए देख रहे है. उनकी नज़र बार-बार पायल के चौड़े चूतड़ों पर जा कर टिक जा रही है. पायल भी मस्ती में अपनी चुतड उठा कर खड़ी हो जाती है. उसकी उभरी हुई चुतड देख के रमेश से रहा नहीं जाता.

रमेश : अरे उमा...मोमबत्तियाँ कहाँ रखी है? एक मोमबत्ती की रौशनी में पढ़ना मुश्किल हो रहा है..

उर्मिला : रसोई में रखी है बाबूजी. रुकिए मैं ला देती हूँ...

रमेश : नहीं नहीं बहु...मैं खुद ले लेता हूँ. तुम उमा के साथ बातें करो...

पायल समझ जाती है की अब पापा उसके पास आने वाले है. वो एक ऊँगली मुहँ में ले कर शर्माते हुए नाख़ून चबाने लगती है. रमेश उठ कर रसोई में आते है. एक नज़र उमा और उर्मिला पर डाल कर वो पायल की चूतड़ों को स्कर्ट के ऊपर से दबा देते है. पायल चुप-चाप मुस्कुराते हुए खड़ी रहती है. रमेश मोमबत्ती ढूंढने का नाटक करते हुए पायल की स्कर्ट में हाथ घुसा कर उसकी चुतड को पंजों में भर कर दबा देता है. पायल बिना कुछ कहे पापा को मुस्कुराते हुए देखती है और फिर नज़रे चाय के बर्तन पर जमा देती है. रमेश इस बार पायल के पीछे खड़े हो कर धोती के ऊपर से अपना लंड पायल की चूतड़ों के बीच सटा कर दबा देते है. पायल भी मस्ती में अपनी चुतड पीछे कर के पापा के लंड पर दबाव डाल देती है. रमेश झट से अपना लंड धोती से बहार निकालते है और पायल की स्कर्ट उठा के चूतड़ों के बीच ठेल देते है. पापा का लंड पैन्टी के ऊपर से उसके गांड के छेद से टकरा जाता है. पायल उच्छल जाती है और उसके मुहँ से आवाज़ निकल जाती है...

पायल : आह्ह्हह्ह.....!!!

उमा : (ड्राइंग रूम से) क्या हुआ पायल? चोट लग गई क्या?

पायल सँभलते हुए अपनी स्कर्ट ठीक करती है. रमेश भी झट से एक मोमबत्ती ले कर रसोई से बाहर जाने लगते है.

पायल : कुछ नहीं मम्मी. चाय के बर्तन से हाथ जल गया...

उमा : ध्यान से काम किया कर ना...जैसा बाप, वैसी बेटी...

उर्मिला इस बात पर मन ही मन मुस्कुरा देती है. रमेश फिर से खाने की टेबल पर दूसरी मोमबत्ती जलाकर बैठ जाते है. रसोई में पायल पापा के लिए कप में चल डाल देती है. पापा की नज़रे अब भी पायल पर ही है. पायल देखती है की पापा अब भी उसे घुर के देख रहे हैं तो उसके दिमाग में बदमाशी सूझती है. वो पापा को देखते हुए धीरे से अपनी टॉप ऊपर उठा देती है और अपने बड़े-बड़े दूध दोनों हाथों से पकड़ लेती है. पायल को अपने नंगे दूध इस तरह से पकडे देख, रमेश की हालत ख़राब हो जाती है. पायल अपने दोनों दूधों को पकडे चाय के प्याले के ठीक ऊपर ले जाती है और जोर से दबा देती है जैसे वो पापा की चाय में अपना दूध डाल रही हो. पायल की इस हरकत से पापा धोती में हाथ डाल कर लंड दबा देते है. फिर पायल अपनी टॉप निचे कर, चाय का प्याला लिए पापा के पास आती है.

पायल : पापा आपकी चाय...

रमेश : (पायल को देख, मुस्कुराते हुए चाय की एक चुस्की लेते है) हुम्म्मम्म...!! वाह..!! मज़ा आ गया पायल. ऐसी दुधिया चाय तो मुझे सिर्फ तू ही पिला सकती है. लगता है खुल के दूध डाला है चाय में.

पायल : (मुस्कुराते हुए) घर का ताज़ा-ताज़ा दूध है पापा, मज़ा तो आएगा ही.

दोनों बाप-बेटी एक दुसरे के बदन की आग भड़काने में लग जाते है. उर्मिला जब ये देखती है तो वो जान बुझ के उमा से कहती है.

उर्मिला : मम्मी जी...चलिए ना...छत पर चलते है. एक जगह बैठे-बैठे कमर दुःख रही है.

उमा : हाँ उर्मिला...छत पर ही चलते है. हवा भी अच्छी चल रही है. आप भी चलिए....

रमेश : अरे नहीं उमा...मैं ये कागज़ का काम पूरा कर लूँ...

उमा : पायल तू चल...

पायल : नहीं मम्मी...मैं अपने रूम में जा रही हूँ...थोडा अराम करती हूँ...

उमा : ठीक है. जैसी मर्ज़ी. चल उर्मिला...हम दोनों ही चलते है.

उर्मिला : मम्मी आप चलिए...मैं बस २ मिनट में आई.

उमा धीरे-धीरे सीढ़ियों से छत पर जाने लगती है. पायल अपने कमरे की तरफ जाती है तो उर्मिला उसके पीछे आ जाती है. पायल की चुतड पर एक चपत लगते हुए.

उर्मिला : हाय मेरी ननद रानी...आजकल तो पापा से खूब बातें हो रही है.

पायल : हाँ भाभी...पापा भी बदन में आग ही लगा देते है.

उर्मिला : देख पायल, तू तो जानती है ना की तेरे पापा तुझे नंगी करके खूब पटक-पटक के चुदाई करना चाहते है...

पायल : हाँ भाभी...जानती हूँ...

उर्मिला : तो मेरी प्यारी ननद जी...कुछ करिए...

पायल : आप बताईये ना भाभी...

उर्मिला : सब कुछ मैं ही बताउंगी तो मेरी पायल क्या करेगी? बाबूजी का लंड भी मैं अपनी ही बूर में डलवा लूँ?

पायल : (खुश होते हुए) हाँ भाभी....!! डलवा लो. दोनों ननद-भाभी नंगी हो कर पापा से खूब बूर चुदवाएंगे....

उर्मिला : (पायल के गाल पर धीरे से चपत लगते हुए) मेरी ननद रानी...पापा अपनी बहु-बेटी की एक साथ बूर चोदेंगे तो वो जोश में लंड का पानी हम दोनों की बुरों में गिरा देंगे.

पायल : (उर्मिला का हाथ ख़ुशी से पकड़ते हुए) तो हम दोनों अपनी बुरों में गिरवा लेंगे ना भाभी... ये भी तो सोचिये की मज़ा कितना आएगा....जरा सोचिये तो....आप और मैं एक साथ बिस्तर पर टाँगे खोले, अपनी फूली हुई बुरों को फैलाये लेटी हैं और बाबूजी बारी-बारी हम दोनों की बूर चोद रहे है.

उर्मिला : अच्छा ठीक है बाबा...हम दोनों बाबूजी का लंड साथ में ले लेंगी....लेकिन पहले तू तो कुछ कर...

पायल : (खुश होते हुए) हाँ भाभी...करती हूँ....

उर्मिला : अच्छा अब मैं चलती हूँ...सोनू अभी सो रहा है. मैं मम्मी जी को छत पर कुछ वक़्त तक रोके रखूंगी...ठीक है?

पायल : ठीक है भाभी....

उर्मिला वहां से चली जाती है. रमेश उर्मिला को छत पर जाते हुए देखते है तो वो धीरे से उठ कर पायल के कमरे की तरफ बढ़ने लगते है.

पायल अपने कमरे में बिस्तर पर टाँगे खोल कर लेती है. उसकी स्कर्ट जांघो तक है और पैन्टी दिख रही है. वो अपने फ़ोन में कुछ देख रही है और फ़ोन की रौशनी से उसका चेहरा चमक रहा है. तभी उसे पापा की आवाज़ आती है.

रमेश : क्या कर रही है मेरी पायल?

पापा की आवाज़ सुन कर पायल खुश हो जाती है. वो मुस्कुराते हुए जवाब देती है.

पायल : कुछ नहीं पापा...बस ऐसे ही लेट कर फ़ोन के साथ वक़्त बिता रही हूँ...

रमेश चलते हुए पायल के पास आते है और उसकी पास बैठ जाते है. अपने हाथों से वो पायल की जाँघों को सहलाने लगते है. धीरे-धीरे रमेश के हाथ पायल की जांघो पर फिसलते हुए जाँघों की जड़ों तक चले जाते है और पायल की पैन्टी को छूने लगते है.

रमेश : पायल...पापा का बड़ा मन करता है....

पायल : क्या मन करता है पापा?

रमेश : येही की अपनी पायल बिटिया को खूब प्यार करें....

पायल : मन तो मेरा भी बहुत करता है की आप मुझे दिन रात प्यार करें पापा....

रमेश : पापा का प्यार बहुत बड़ा है बेटी... और तुझे देख कर तो मेरा प्यार और भी बड़ा हो जाता है...

पायल : सच पापा?

रमेश : हाँ पायल...(रमेश पायल का हाथ पकड़ कर अपनी धोती में घुसा देते है और मोटा लंड उसके हाथ में दे देते है). देख ....कितना बड़ा है तेरे पापा का प्यार...

पायल बड़ी-बड़ी आँखों से पापा को देखने लगती है और पापा के लंड की मोटाई को हाथों से महसूस करने लगती है. पायल को ऐसा लगता है की किसीने उसके हाथों में लम्बा और मोटा लट्ठ पकड़ा दिया हो. वो सीसीयाते हुए पापा से कहती है.

पायल : सीईईईइ.....पापा..यह तो बहुत लम्बा और मोटा है.....

रमेश : हाँ बेटी...और जब मेरी बिटिया रानी घर में बिना ब्रा के टॉप में अपने बड़े-बड़े दूध उठा के घुमती है तो ये और भी बड़ा हो जाता है....

पायल : सच पापा? आपको मेरा घर में बिना ब्रा की टॉप पहन कर घूमना अच्छा लगता है?

रमेश : बहुत अच्छा लगता है बिटिया. पापा का दिल तो करता है की दौड़ कर अपनी बिटिया रानी की टॉप उठा दूँ और उसके बड़े-बड़े दूध मसल दूँ...

रमेश कहते ही पायल की टॉप में एक हाथ दाल देता है और पायल के दूध को मसलने लगता है. पापा की इस हरकत से पायल भी जोश में आ जाती है और लंड को जोर से दबा देती है. पापा का लंड फूल के और भी मोटा हो जाता है.

पायल : पापा आप मेरे दूध मसलते है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है...

रमेश : जानता हूँ पायल. जवान लड़कियों को अपने दूध मसलवाना बहुत पसंद है, ख़ास कर अपने पापा से. बहुत सी लड़कियां घर में चोरी-छिपे अपने पापा से खूब दूध मसलवाती है. पापा से दूध मसलवाने से लड़कियों के दूध जल्दी बड़े हो जाते है.

पायल : सच पापा?

रमेश : हाँ पायल...तुने देखा होगा की बहुत सी लड़कियों के छोटी उम्र में ही बड़े-बड़े दूध हो जाते है. ऐसी लडकियां अपने पापा से ही तो दबवा के अपने दूध बड़े करवाती है.

पायल : (बड़ी-बड़ी आँखों से) हाँ पापा...मेरी सहेली की दीदी के भी बहुत बड़े दूध है. मेरी सहेली बोल रही थी की जब उसकी मम्मी घर पर नहीं होती है तो पापा दीदी के रूम में चले जाते है और दरवाज़ा बंद करके घंटो तक रहते है.

रमेश : हाँ पायल...सही कहा बेटी...तेरी सहेली के पापा अपनी बड़ी बेटी के दूध को घंटो मसलते होंगे...और मुझे तो ये भी लगता है पायल की उसके पापा उसकी दीदी पर चढ़ के भी प्यार करते होंगे....

पापा की इस बात पर पायल शर्मा जाती है. फिर धीरे-धीरे पापा के लंड को सहलाते हुए कहती है.

पायल : पापा क्या सच में बाप अपनी बेटी पर चढ़ के प्यार करता है?

रमेश : (अब पायल की पैन्टी की साइड से अन्दर हाथ दाल कर उसके बूर के बालों से खेलने लगता है) हाँ पायल...बाप अपनी बेटियों पर चढ़ के खूब प्यार करते है.

पायल : (पूरी मस्ती में) ओह पापा....बहुत गर्मी लग रही है...

रमेश : मेरी बेटी तो पहले से ही बहुत गरम है. गर्मी तो लगेगी ही...

रमेश पायल के माथे, गले और पेट पर बहते पसीने को हाथ से पोंछता है.

रमेश : देखो तो..कितना पसीना आ रहा है मेरी बिटिया रानी को...और इतनी गर्मी में भी टॉप पहने हुए है...

पायल : (पापा के लंड को जोर जोर से मुठियाते हुए) तो ऊपर कर दीजिये ना पापा...

रमेश पायल की पैन्टी से हाथ निकाल कर, दोनों हाथों से उसकी टॉप उठा कर दोनों दूध के ऊपर कर देता है. पायल के बड़े-बड़े सक्त दूध पापा की आँखों के सामने आ जाते है. रमेश दोनों दूध को गौर से देखता है दोनों हाथों से पकड़ के आपस में मिला देता है.

रमेश : आह पायल...!! पापा का दूध पीने का बहुत दिल कर रहा है बेटी...

पायल : (पापा के लंड को मुथियते हुए आँखे बंद कर लेती है) ओह पापा...!! तो पी लीजिये ना...

रमेश अपना एक पैर बिस्तर पर रखता है और दुसरे पैर को घुटनों से मोड़ कर पायल पर झुक जाता है. रमेश का लंड पायल के हाथ में है और वो उसे जोर जोर से हिला रही है. रमेश झुक कर पायल का एक निप्पल मुह में ले लेता है. पायल लंड मुठियाते हुए मचल जाती है. रमेश पायल के निप्पल को मुहँ में भर के चूसने लगता है. पायल का दूसरा था पापा के सर पर आ जाता है और वो उनके बालों को पकड़ लेती है. रमेश निप्पल चूसते हुए बीच बीच में अपना बड़ा मुहँ पूरा खोल कर पायल के दूध को मुहँ में भर लेता है. कुछ देर चूसने के बाद रमेश पायल के दुसरे दूध पर धावा बोल देता है. दुसरे दूध के निप्पल को जोर जोर से चूसने से पायल सिस्कारियां लेने लगती है. फिर रमेश दोनों दूध को आपस में सटा कर बारी बारी दोनों को चूसने तो कभी मुहँ में भरने लगता है. पायल पूरी मस्ती में अपने होश खो बैठती है.

पायल : हाँ पापा.....ऐसे ही...ऐसे ही मेरा दूध पीजिये पापा....

पायल को ऐसे मस्ती में आता हुआ देख कर रमेश का जोश दुगना हो जाता है. वो उसके दूध को दबा-दबे के पीने लगता है और एक हाथ से अपने लंड की चमड़ी पूरी निचे कर देता है. तभी रमेश पायल के निप्पल को हलके से दांतों से काट लेता है तो पायल उच्छल कर रमेश से लिपट जाती है. रमेश पायल को उठा के अपने सीने से लगा लेता है तो पायल अपनी दोनों टाँगे उसकी कमर में लपेट देती है. अपने हाथो को पापा के गले में लपेट कर पायल सीने से चिपक जाती है. रमेश का लंड पायल की पैन्टी के ऊपर से उसकी बूर पर रगड़ खाने लगता है. वो पायल के बूर की गर्मी अपने लंड पर महसूस कर रहा है. पायल के बड़े बड़े दूध रमेश के सीना पर चिपके हुए है. रमेश हाथों से अपने कुरते को ऊपर कर लेता है तो पायल के नंगे दूध उसकी नंगी छाती पर दब जाते है. बेटी के बड़े और मुलायम दूध के स्पर्श से ही रमेश का लंड झटके खाते हुए पायल की बूर पर टकराने लगता है.

रमेश : अच्छा लगा रहा है बेटी?

पायल : (मदहोशी के साथ) हाँ पापा...बहुत अच्छा लग रहा है.

रमेश : जरा अपने दूध पापा के सीने पर रगडो बेटा...

पायल अपने सीने को ऊपर निचे करते हुए बड़े-बड़े दूध को पापा की छाती पर रगड़ने लगती है. रमेश का जोश अब और बाद जाता है. वो एक ऊँगली मुह में लेता है और पीछे से पायल की पैन्टी में दाल कर उसके गांड के छेद पर घुसाने लगता है. पायल उच्छल कर पापा से फिर से चिपक जाती है. रमेश ऊँगली निचे ले जा कर उसकी गीली बूर पर ४-५ बार रगड़ता है और फिर उसके गांड के छेद में घुसाने लगता है. बूर के रस से भीगी ऊँगली पायल के छेद में घुस जाती है. रमेश थोडा और जोर लगता है तो ऊँगली आधी अन्दर घुस जाती है. पानी गांड में पापा की ऊँगली को महसूस कर के पायल मस्ती में आ जाती है. बूर से तो वो कई बार खेल चुकी थी लेकिन गांड के छेद में आज पहली बार कोई ऊँगली गई थी. पायल को अपने सीने से लगाये और गांड में ऊँगली डाले, रमेश कमरें में धेरे-धीरे टहलने लगते है. टहलते हुए वो कभी अपनी ऊँगली अन्दर-बाहर कर देते तो कभी लंड को पायल की बूर पर रगड़ देते. पायल तो अपना होश पहले ही खो बैठी थी. रमेश अब मौका देख कर अपने लंड को पैन्टी के साइड से अन्दर डाल के पायल की बूर पर रखता है और धीरे-धीरे टोपे को उसकी बूर पर रगड़ने लगता है. हर बार लंड रगड़ने पर पायल किसी बच्चे की तरह उच्छल जाती. तभी एक तेज़ रौशनी से सारा कमरा जगमगा उठता है. घर की बिजली आ चुकी थी. दोनों बाप-बेटी मिलन के बहुत करीब थे पर किस्मत को कुछ और मंजूर था.

कमरे की लाइट जलते ही पायल आँखे खोलती है तो कमरे का दरवाज़ा खुला है. वो झट से पापा की गोद से उतर जाती है और अपनी टॉप निचे कर लेती है. रमेश भी अपने कुरते और धोती को ठीक करता है. पायल अपने बाल ठीक करते हुए पापा को देखती है. पापा की आँखों में वो उसके लिए प्यार और हवस दोनों देख रही है. आज पापा के साथ जो कुछ ही हुआ उसने पायल की बूर की आग को कहीं ज्यादा भड़का दिया था. कुछ ही क्षण में दोनों होश में आते ही और एक दुसरे को देख मुस्कुराने लगते है.

रमेश : मजा आया मेरी बिटिया रानी को?

पायल : (नखरे दिखाते हुए) छी पापा...!! अपनी बेटी के साथ कोई ऐसा करता है क्या?

रमेश : (मुस्कुराते हुए पायल के गाल पर हाथ फेरते हुए) तो किसके साथ करता है?

पायल : (मुहँ बना के नखरे के साथ) क्यूँ? घर में सिर्फ मैं ही एक जवान हूँ क्या? उर्मिला भाभी भी तो है. और भाभी के दूध तो मुझसे भी बड़े है.

पायल की बात सुन कर रमेश का लंड फिर से झटके लेने लगता है. वो मुस्कुराते हुए पायल की ठोढ़ी की उठाते हुए कहता है.

रमेश : तो मेरी पायल बिटिया अपनी भाभी को भी छत पर ले आये. मैंने कब मन किया है. घर की बहु-बेटी का ख्याल रखना तो मेरा फ़र्ज़ है ना...?

पायल : (खुश हो कर) सच पापा? अगली बार उर्मिला भाभी को भी ले आऊ छत पर?

रमेश : हाँ पायल...ले आना बहु को भी.

पायल ख़ुशी से पापा से चिपक जाती है. रमेश उसकी पीठ पर हाथ रख के दबा देते है और अपनी छाती पर उसके दूध का एक बार फिर से मजा ले लेते है. पायल पापा को देख के मुस्कुराती है है दौड़ कर बाहर चली जाती है. रमेश मन ही मन अपने लंड के लिए घर में दो जवान बुरों का इंतज़ाम होता देख खुश हो जाता है और गाना गुनगुनाते हुए जाने लगते है..... "अरे चढ़ गयो ऊपर रे....अटरिया पे दो-दो कबूतर रे....."

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
मस्त रानी जी।
अपडेट देने के लिए
आपका बहुत बहुत आभार
 
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Nasn

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पानी निकलवा दिया पायल रानी ने
ऐसा लग रहा है।
जैसे में रमेश और पायल मेरी गोदी
में उसकी गाँड़ में उंगली डाल रहा हु


रमेश का जोश अब और बाद जाता है. वो एक ऊँगली मुह में लेता है और पीछे से पायल की पैन्टी में दाल कर उसके गांड के छेद पर घुसाने लगता है. पायल उच्छल कर पापा से फिर से चिपक जाती है. रमेश ऊँगली निचे ले जा कर उसकी गीली बूर पर ४-५ बार रगड़ता है और फिर उसके गांड के छेद में घुसाने लगता है. बूर के रस से भीगी ऊँगली पायल के छेद में घुस जाती है. रमेश थोडा और जोर लगता है तो ऊँगली आधी अन्दर घुस जाती है. पानी गांड में पापा की ऊँगली को महसूस फ़कर के पायल मस्ती में आ जाती है. बूर से तो वो कई बार खेल चुकी थी लेकिन गांड के छेद में आज पहली बार कोई ऊँगली गई थी. पायल को अपने सीने से लगाये और गांड में ऊँगली डाले, रमेश कमरें में धेरे-धीरे टहलने लगते है. टहलते हुए वो कभी अपनी ऊँगली अन्दर-बाहर कर देते तो कभी लंड को पायल की बूर पर रगड़ देते. पायल तो अपना होश पहले ही खो बैठी थी.

मज़ा आ गया, और मजा आएगा।
जब उर्मिला और पायल दोनो रमेश को
मज़ा देंगी।
 

Lutgaya

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शब्द नही है आपकी तारीफ के लिए
नायाब
 
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Lutgaya

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beautyofcurvy-1599960293001
मेरी कल्पना में पायल ऐसी दिखती होगी
 
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