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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
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Mastrani

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इंतज़ार खत्म....२० मिनट में नया अपडेट. अपडेट अपलोड करने के बाद बाकी बातें होगी...

-मस्तरानी
 
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Nasn

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इंतज़ार खत्म....२० मिनट में नया अपडेट. अपडेट अपलोड करने के बाद बाकी बातें होगी...

-मस्तरानी
इंतजार होता नहीं अपडेट का
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??
 

Mastrani

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अपडेट २०:

दोपहर के २:३० बजे रहे है. सभी लोग खाना खा चुके है. उमा पहले ही अपने कमरे में जा चुकी है. बाबूजी का भी आज पायल और उर्मिला ने बुरा हाल कर दिया था. पेट में खाना और शरीर में थकावट लिए, वो भी अपने कमरे में जा कर अराम करने लगते है. सोनू भी खाना खा कर अपने रूम में जा कर रंगीन कहानिया पढ़ने लगता है. ड्राइंग रूम में उर्मिला और पायल बीते बातें कर रहे है. आज बाबूजी के साथ हुए वाख्य का दोनों भरपूर मजा ले रही है.

उर्मिला : (हँसते हुए) पर कुछ भी कह पायल....मजा बहुत आया..

पायल : (हँसते हुए) हाँ भाभी...आज तो पापा की हालत ही खराब हो गई थी.

उर्मिला : और तुने जो बाबूजी का लंड अपने दूध में दबा कर चूसा था...बापरे...!! उनकी ती हालत खराब हो गई थी...

पायल : हाँ भाभी...मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की उनका लंड पूरा मुहँ में भर लूँ. पर इतना मोटा ले नहीं पा रही थी.

उर्मिला : धीरे धीरे लेना सीख जाएगी....

पायल : और भाभी...!! पापा के लंड के पानी से अपनी मांग भरवा के कैसा लग रहा है...

उर्मिला : हाय पायल...!! बार बार क्यूँ याद दिला रही है..मैं अभी बाबूजी के पास साड़ी उतार के चली जाउंगी...

पायल : (हँसते हुए) तो जाइये ना भाभी...किसने रोका है आपको...?

उर्मिला : (हँसते हुए) चुप कर बदमाश...!! अच्छा पायल सुन...

पायल : जी भाभी...

उर्मिला : मैंने तुझसे कहा था ना की मैं रक्षाबंधन में अपने भाई के पास जाउंगी...

पायल : हाँ भाभी..याद है. वही ना ..आपका चचेरा भाई?

उर्मिला : हाँ बाबा वही...और तुझे याद है ना की सोनू भी साथ चलेगा?

पायल : (शर्माते हुए) हाँ बाबा ... याद है...

उर्मिला : ओये होए..!! गालों पर लाली तो देखो मेरी ननद की...छोटे भाई के साथ रक्षाबंधन मनाने के नाम से ही कैसे शर्मा रही है...बोल ना पायल...कैसे मनाएगी सोनू के साथ रक्षाबंधन..??

पायल : (नखरे दिखाते हुए) वैसे ही, जैसे सारी बहनें मानती है....

उर्मिला : (टॉप पर से पायल के दूध मसलते हुए) मेरी रानी...! बहनें तो रक्षाबंधन के दिन भाई का लंड बूर में पूरा ले लेती है.....

पायल : (मस्ती में) तो मैं भी ले लुंगी, उसमे क्या....

उर्मिला : हाय...!! पायल..!!. (फिर कुछ सोच कर) लेकिन तुझे मजा नहीं आएगा...

पायल : (भोलेपन से) पर क्यूँ भाभी..??

उर्मिला : वो इसलिए मेरी लड़ो रानी क्यूंकि तुने अभी सोनू को पूरी तरह से सेट नहीं किया है....

पायल : कर तो दिया भाभी...कल ही तो अँधेरे में मैंने उसका लंड चूसा था ना?

उर्मिला : तो क्या हुआ? वो खुल के तेरे साथ मस्ती करता है क्या जैसे बाबूजी करते है?

पायल : नहीं भाभी...वो तो अब भी वैसा ही है...

उर्मिला : हाँ वही तो...जब वो तेरे साथ खुल के मस्ती करने लगेगा ना तब असली मजा आएगा....

पायल : सच भाभी...?

उर्मिला : हाँ पायल. भाई-बहन जब पूरे खुल के मस्ती करते है तब ही असली मजा आता है. अकेले में जब भाई अपनी बहन को गोद में बिठा ले, उसके दूध मसले, बहन घर में चलते-फिरते भाई का लंड दबा दे, इसमें तो असली मजा आता है. ये सब नहीं है तो भाई-बहन के प्यार का कोई मतलब नहीं है.

पायल : हाँ भाभी...ये सुन के ही मेरी बूर में पानी आने लगा है...

उर्मिला : और जरा सोच जब ये सब होगा तो तेरी बूर का क्या हाल होगा?

पायल : मैं समझ गई भाभी...मैं अपना काम आज से ही शुरू कर दूंगी...

उर्मिला : आज से नहीं मेरी ननद रानी....अभी से....सब सो रहे है और सोनू अपने कमरे में अकेला है. लोहा गरम है, मार दे हतौड़ा....

पायल : (मस्ती में अंगड़ाई लेते हुए) हाय भाभी...हतौड़ा तो मैं सोनू से मरवाउंगी, अपनी बूर पर...

उर्मिला : उफ़ पायल...ऐसा गन्दा काम करेगी अपने भाई के साथ?

पायल : इस से भी गन्दा भाभी....

दोनों हंसने लगते है. उर्मिला रूम से चली जाती है. पायल अलमारी खोलती है और एक छोटी सी बिना बाहं वाली टॉप निकाल कर पहन लेती है. निचे एक छोटी से स्कर्ट जो उसकी जांघो तक आ रही है. कैट वाक करती हुई पायल सोंनु के कमरे के पास पहुँचती है. दरवाज़े पर धीरे से दस्तक देते हुए...

पायल : सोनू...सोनू...!! सो रहा है क्या?

अन्दर सोनू अपनी रंगीन कहानियों की दुनियां में खोया हुआ था. पायल की आवाज़ सुन कर चौक जाता है. किताब को तकिये के निचे छुपा कर वो दरवाज़ा खोलता है.

सोनू : पायल दीदी...!! आप?

पायल : (इठलाती हुई अन्दर आती है) हाँ मैं... क्यूँ? नहीं आ सकती क्या?

सोनू : नहीं दीदी...ऐसी बात नहीं है...

पायल : क्या कर रहा था मेरा छोटा भाई?

सोनू : (झेंपते हुए) क..क..कुछ नहीं दीदी...बस ऐसे ही स्कूल की पढ़ाई कर रहा था...

पायल : (सोनू के शॉर्ट्स में बने बड़े से तम्बू को देख कर) ऐसी कौनसी पढ़ाई कर रहा था सोनू जो तेरी शोर्ट में इतना बड़ा टावर खड़ा हो गया?.... (फिर पायल टॉप पर से अपने दोनों दूध को साइड से दबाते हुए) लगता है तेरा टावर दीदी की दोनों बड़ी बड़ी दिश-एंटेना की छतरी के सिग्नल अच्छे से पकड़ रहा है.

सोनू बड़ी-बड़ी आँखों से पायल के उभरे हुए दूध देखने लगता है.

पायल : अब बस देखता ही रहे गा या दरवाज़ा भी बंद करेगा...

सोनू झट से दरवाज़ा बंद कर देता है. पायल बिस्तर के सामने राखी एक चेयर पर बैठ जाती है. सोनू भी बिस्तर पर लेट जाता है और चादर ओढ़ लेता है.

पायल : ये क्या सोनू? जब भी मैं आती हूँ तू चादर ओढ़ लेता है. (पायल झट से दोनों पैरों को कुर्सी पर रख लेती है और खोल देती है. बूर पे कसी हुई पैन्टी दिखने लगती है). जब तेरी दीदी नहीं शर्मा रही है तो तू इतना क्यूँ शर्मा रहा है? निकाल ये चादर....

पायल की बात सिन कर सोनू चादर निकाल देता है. शॉर्ट्स में एक बड़ा सा तम्बू बना हुआ है जो पायल को साफ़-साफ़ दिख रहा है.

पायल : भाभी कह रही थी की इस बार वो रक्षाबंधन अपने चचेरे भाई के घर मनाएगी....

सोनू : अच्छा है दीदी...इसी बहाने भाभी कहीं तो घूम लेगी...

पायल : हाँ...!! लेकिन भाभी मुझे भी साथ ले जाने वाली है...

सोनू : क्या ?? पर दीदी...फिर आप मुझे राखी नहीं बाँधोगे?

पायल : (पायल झूठा गुस्सा दिखाते हुए) क्यूँ? क्यूँ बांधूं मैं तुझे राखी? तू मुझे अपने पैरों के बीच बिठा कर अपना मट्ठा पिलाएगा और मैं तुझे राखी बांधुगी?

पायल की बात सुन कर सोनू डर जाता है. उसे लगता है की उस शाम अँधेरे में जो उसने पायल के मुहँ में पिचकारियाँ छोड़ी थी वो बात पायल को अच्छी नहीं लगी.

सोनू : वो..वो..दीदी ..आई एम सॉरी...!! वो..वो उस दिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया...मैं आपके मुहँ में नहीं करना चाहता था...कसम से....

पायल : (हँसते हुए) अरे बाबा इतना डर क्यूँ रहा है...मुझे तो तेरा मट्ठा बहुत पसंद आया था....

सोनू : (बड़ी बड़ी आँखों से) सच दीदी?

पायल : हाँ सोनू...इसलिए तो मैंने तुझे बाहर निकालने नहीं दिया....

इस बात पर सोनू पायल को बड़ी-बड़ी आँखें कर के देखने लगता है. पायल भी उसे मुस्कुराते हुए देख रही है. फिर पायल कहती है...

पायल : सोनू...तुझसे एक बात पूछूँ? सच-सच बताएगा ?

सोनू : हाँ दीदी...सच बताऊंगा....

पायल : अगर मैं तेरी दीदी ना होती और तेरे स्कूल की कोई लड़की होती तो तू मेरे पीछे ऐसे ही पागल हो जाता क्या?

सोनू : (कुछ क्षण सोचता है, फिर पायल को देखते हुए) नहीं दीदी....!!

पायल : (सोनू की बात सुन कर हैरान हो जाती है) क्यूँ सोनू? मैं खूबसूरत नहीं हूँ क्या?

सोनू : अरे नहीं नहीं दीदी...ऐसी बात नहीं है. आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत है. आप जब स्कूल में थी तो सारे लड़के आपके पीछे-पीछे ही घूमते रहते थे....

पायल : और तू? तू नहीं घूमता था क्या?

सोनू : (आँखे नीची कर के) घूमता था दीदी....लेकिन इसलिए नहीं क्यूंकि आप खूबसूरत थी. मैं आपके पीछे इसलिए घूमता था क्यूंकि आप .......

पायल : (उत्साहित होते हुए) मैं..?? हाँ सोनू ..बोल ना...क्यूँकी मैं क्या...?

सोनू : (धीरे से) क्यूँ की आप मेरी बहन हो....

सोनू की बात सुन कर पायल की आँखे बड़ी-बड़ी हो जाती है. वो एक बार फिर से सोनू से पूछती है.

पायल : मतलब सोनू तू ये कहना चाह रहा है की तू मेरे पीछे सिर्फ इसलिए घूमता है क्यूंकि मैं तेरी बहन हूँ...??

सोनू : (आंख्ने नीची कर के) हाँ दीदी...ये सच है...

पायल : मतलब मैं तेरी बहन नहीं होती तो तू मेरे पीछे नहीं घूमता?

सोनू : नहीं दीदी...नहीं घूमता...

सोनू की बात सुन कर पायल को सोनू पर बहुत प्यार आता है. वो उसे अपने पास बुलाती है...

पायल : (मुस्कुराते हुए) इधर आ सोनू...मेरे पास...

पायल कड़ी हो जाती है और सोनू धीरे-धीरे उसके पास आता है. अपना सर पायल के सामने झुका के खड़ा हो जाता है. पायल प्यार से उसकी ठोड़ी को पकड़ उसका चेहरा ऊपर करती है.

पायल : इधर देख ...मेरी तरफ...(सोनू देखता है. पायल उसकी आँखों में देखते हुए) इतना प्यार करता है अपनी दीदी से?

सोनू : (भावनाओं में बहता हुआ) हाँ दीदी...बहुत प्यार करता हूँ आपसे....जब भी आपको देखता हूँ और ये ख्याल आता है की आप मेरी दीदी हो, मेरी सगी बहन तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. दिल करता है की अपना लंड मैं आपकी..... (और सोनू रुक जाता है)..

पायल : (पायल प्यार से सोनू को देखती है) रुक क्यूँ गया...? बोल..? अपना लंड मेरी....

सोनू : (तेज़ सांसो से) दिल करता है अपना लंड आपकी बूर में ठूँस दूँ दीदी......

पायल : (आहें भरते हुए) ओह सोनू.....(और पायल अपने गुलाबी रसीले ओंठ सोनू के ओठों पर रख देती है)

सोनू अपनी दीदी के रसीले ओठों का स्पर्श पाते ही उतीजित हो जाता है और पायल के ओठों को चूसने लगता है. पायल भी पूरी मस्ती में सोनू के ओठों को चूसने लगती है. देखने में ऐसा लग रहा है की दोनों के दुसरे के ओठों को अपने मुहँ में भर लेना चाहते हो. दोनों की जीभ आपस में घुत्थम-घुत्थी हो रही है. सोनू का चेहरा पकडे पायल, अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल देती है तो सोनू उसे पागलों की तरह चूसने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन इसी तरह अपनी जीभ से एक दुसरे के मुहँ से खेलते है फिर अलग हो कर एक दुसरे की आँखों में देखने लगता है.

पायल : सोनू...तू हमेशा अपनी दीदी की जवानी देख कर परेशान रहता था ना?

सोनू : हाँ दीदी....

पायल : (अपनी टॉप निचे से उठा के नंगा पेट दिखाते हुए) तो ले..आज अच्छे से देख ले अपनी दीदी की जवानी....

सोनू कुछ क्षण वैसे ही पायल के सपाट नंगे पेट और गहरी नाभि को घूरता है और फिर अचानक से अपना चेहरा पायल के पेट पर झुका देता है...

सोनू : ओह....मेरी पायल दीदी.........!! (सोनू की जीभ सीधे पायल की गहरी नाभि में घुस जाती है)


इधर भाई-बहन का प्यार खुल के एक नया रूप ले रहा है और वहां उर्मिला रसोई में अपना काम कर रही है. तभी उसकी नंगी कमर को एक हाथ छुता है. वो डर कर मुडती है तो सामने रमेश खड़े है. उर्मिला मुस्कुराते हुए....

उर्मिला : अरे बाबूजी आप? मैं तो डर ही गई थी. मम्मी जी क्या कर रही है?

रमेश : घोड़े बेच कर सो रही है... और बच्चे क्या कर रहे है...?

उर्मिला : (झूठ बोलते हुए) वो भी सो रहे है बाबूजी...

रमेश उर्मिला की आँखों में देखते है फिर झट से उसके बड़े-बड़े दूध को दोनों हाथों से दबोच लेते है...

रमेश : बहु....अपने ओठों का रस पिला दे बहु.....

उर्मिला : (आँखे बंद करते हुए) ओह ....बाबूजी....!! (और अपना मुहँ खोल देती है)

रमेश अपनी मोटी जीभ उर्मिला के मुहँ में घुसा देता है. उर्मिला बाबूजी की जीभ को चूसने लगती है.

उधर सोनू पायल के पेट को पागलो की तरह चाते जा रहा है. वो कभी अपनी जीभ नाभि में घुसा के चाट लेता तो कभी उसके आसपास जीभ घुमाते हुए चाटने लगता. पायल इसका पूरा मजा ले रही है. कुछ देर बाद पायल सोनू से कहती है...

पायल : सोनू...अपनी दीदी की नंगी जवानी देखेगा?

सोनू : हाँ...हाँ दीदी...देखूंगा....

पायल अपने दोनों हाथो को ऊपर उठा देती है और सोनू से कहती है...

पायल : तो देख ले सोनू...उतार दे मेरी टॉप और देख ले अपनी दीदी की नंगी जवानी....

सोनू कुछ देर वैसे ही टॉप पर उठे हुए पायल के दूध को देखता है फिर एक झटके से पायल की टॉप ऊपर से खींच कर उतार देता है. पायल के बड़े-बड़े-दूध उच्छल कर उसके सामने आ जाते है. अब सोनू के सामने पायल आधी नंगी खड़ी है. दोनों हाथ ऊपर है. बगलों में बाल, बड़े बड़े गोल गोल दूध और निचे चिकना मुलायम पेट और गहरी नाभि. सोनू तो बस ये नज़ारा हमेशा अपने सपनो में ही देखा करता था. आज वो सपना हकीकत बन के उसके सामने था. सोनू पायल के बदन को किसी भूके भेड़िये की तरह देख रहा था. अचानक से वो पायल के दोनों दूध के बीच अपना मुहँ घुसा देता है.

सोनू : ओह पायल दीदी....उम्म्म्मम्म्म्म.......!!

पायल भी मस्ती में एक हाथ से अपने बालों को पीछे करते हुए आँखे बंद कर लेती है.

पायल : उफ़ सोनू.....ओह...!!

सोनू पायल के बड़े-बड़े दूध के बीच अपना मुहँ घुसा के चाटे जा रहा था. कभी दायें दूध को चाटता तो कभी बायें. फिर वो दोनों दूध को हाथो में लिए गौर से दखता है और दायें दूध के निप्पल को जोर जोर से चूसने लगता है. पायल पूरी मस्ती में सोनू के सर पर हाथ फेरते हुए अपना दूध चुसवाने लगती है. सोनू अब पायल के नंगे बदन से खेलने लगा था. दूध चूसते हुए वो पायल की पसीने और बालों वाली बगलों को सूंघ लेता और जीभ से चाट लेता. पायल के दोनों दूध के बीच मुहँ घुसा के रगड़ देता. कभी पायल के नंगे बाद से आँखे बंद किये लिपट जाता और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगता. सोनू ई हालत ऐसी थी मानो किसी भिकारी को खज़ाना मिला गया हो.

उधर रसोई में ससुर-बहु का अलग ही खेल चल रहा था. जीभ चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला के ब्लाउज के हुक खोलने लगे थे. हुक खुलते ही उर्मिला की बड़ी बड़ी चूचियां बाबूजी के सामने नंगी हो जाती है. बिना कोई वक़्त गवायें बाबूजी उर्मिला की चुचियों को मुहँ में भर लेते है और चूसने लगते है. उर्मिला अपने ओंठ काटते हुए बाबूजी से दूध चुसवा रही है. आज बाबूजी पुरे जोश में उर्मिला के दूध दबा-दबा के पी रहे थे. वो निप्प्लेस ऐसे चूस रहे थे की अगर उर्मिला दूध दे रही होती तो आज एक बूँद भी नहीं बचता. अच्छे से दूध चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला से कहते है.

रमेश : बहु...आज मेरे पैर नहीं पढ़ोगी?

उर्मिला भी समझ जाती है की बाबूजी के दिल में क्या है. खुले ब्लाउज से बाहर आये नंगे दूध के साथ उर्मिला धीरे से झुकती है और बाबूजी के पैर छुती है. पैर पढ़ने के बाद वो जैसे ही खड़े होने लगती है तो बाबूजी का ११ इंच का लम्बा मोटा लंड उर्मिला के सर से रगड़ खाता हुआ उसके ओठों पर आ कर रुक जाता है. उर्मिला वैसे ही लंड को ओठो पर रखे नज़रे उठा के बाबूजी को देखती है.बाबूजी की आँखों में उसे हवस दिखाई दे रही है. बाबूजी उर्मिला से कहते है..

रमेश : खा ले बहु...अपने बाबूजी का लंड खा ले....

उर्मिला अपना मुहँ खोलती है और बाबूजी का आधा लंड अन्दर ले लेती है. बाबूजी आँखे बंद किये धीरे से अपनी कमर आगे कर देते है. उर्मिला बाबूजी का लंड पकड़ के हाथ घुमाने लगती है. लंड की चमड़ी निचे करते हुए उर्मिला बाबूजी का लंड चूसने लगती है. बाबूजी भी धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगते है. उर्मिला का सर पकड़ के बाबूजी अपना लंड उसके मुहँ में ठूँस देते है. कुछ देर आधा से ज्यादा लंड ठूँस के रखने के बाद जब वो लंड बाहर निकालते है तो उर्मिला के मुहँ से लार की एक लम्बी की डोर बाबूजी के लंड से चिपक कर बाहर आती है. एक क्षण बाबूजी वैसे ही रहते है और फिर से अपना लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.

उधर सोनू के कमरे में भाई-बहन पूरे जोश में लगे हुए है. पायल आधी नंगी उलटी हो कर बिस्तर पर लेटी हुई है. सोनू पास बैठे हुए अपनी जीभ पायल की कमर पर रख कर निचे से ऊपर जीभ रगड़ते हुए कंधो तक चाट रहा है. जीभ लगा कर कमर से चाटते हुए ऊपर कंधो तक जाता और फिर से कमर के पास आ कर ऊपर तक चाटने लगता. देखने में ऐसा लग रहा है की कोई लम्बी चौड़ी आईस -क्रीम बिस्तर पर पड़ी है जिसे सोनू अपनी जीभ से निचे से ऊपर ता चाट रहा है. सोनू को ऐसा करते हुए देख पायल कहती है.

पायल : आह सोनू...मेरा बदन पसीने से भरा है...क्यूँ चाट रहा है ऐसे?

सोनू : आह दीदी...मत रोकिये मुझे आज...आज मैं आपका सारा बदन ऐसे ही चाट लूँगा...हर जगह....एक भी अंग नहीं बचेगा मेरी जीभ से...आह...दीदी....

पायल भी समझ जाती है की आज उसका सारा बदन, एक एक अंग, सोनू की जीभ के पानी से नहा जायेगा. एक एक कर के सोनू पायल की पीठ, बगल, हाथ, जांघे, पैर, गर्दन, मुहँ सब चाट लेता है. पायल सर घुमा के सोनू से कहती है.

पायल : सोनू...मेरी स्कर्ट और पैन्टी भी उतार दे...

सोनू : आह दीदी...मेरी प्यारी दीदी...(कहता हुआ पायल की स्कर्ट और पैन्टी एक साथ खीच कर उतार देता है)

सोनू के सामने पायल की चौड़ी चुतड नंगी पड़ी है. ये वही चुतड है जिसे याद करके सोनू ने न जाने कितनी ही बार लंड से फौवारे उडाये थे. आज उसी चुतड को ऐसे खुला देख सोनू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो एक बार पायल की आँखों में देखता है और अपना मुहँ चूतड़ों के बीच में घुसा देता है.

उधर रसोई में बाबूजी उर्मिला के मुहँ से लंड निकाल कर झट से उर्मिला को खड़ी कर देते है. बाबूजी उर्मिला के पीछे जाते है और उसकी साड़ी कमर के ऊपर तक उठा देते है और उसकी कमर दोनों हाथो में जकड लेते है. फिर अपना लंड उर्मिला की चूतड़ों के बीच रख कर उसकी कमर पकडे हुए ऐसा झटका मारते है की उर्मिला की दोनों टाँगे फैलकर ऊपर हवा में उठ जाती है. उसकी बालोंवाली बूर की फांको से चीप-चीपे पानी की २-३ बूंदे उड़ कर ज़मीन पर गिर जाती है.

उर्मिला : आह्ह्हह्ह...!! बाबूजी....क्या कर रहें है आप?

रमेश : अपनी प्यारी बहु का छेद तलाश रहा हूँ...किसी में तो घुसे....

रमेश ३-४ बार वैसे ही जोर से झटके देता है और हर बार उर्मिला की टाँगे फ़ैल कर हवा में उठ जाती है.

उर्मिला : आह्ह्ह्ह...!! बाबूजी...अभी छेद में डालने का वक़्त नहीं है...आह्ह्ह्ह...!! मम्मी जी आ जाएगी...आह्ह्ह...!!

पायल की बात समझते हुए रहेश झट से उर्मिला को ज़मीन पर बिठा देता है और एक पैर रसोई के शेल्फ पर रख कर दुसरे पिअर का घुटना मोड़ के लंड उसके मुहँ में डाल देता है. रमेश अपनी कमर हिलाते हुए उर्मिला के मुहँ को जोर जोर से चोदने लगता है जैसे उसकी बूर चोद रहा हो.

उधर सोनू पायल की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर पायल के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.

पायल : उफ़ सोनू...!!

सोनू अब अपनी जीभ को पायल के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू पायल की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. पायल को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. पायल पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पायल के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा पायल की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे पायल की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. पायल दर्द से चिल्ला उठती है...

पायल : हाय रे बहनचोद.....ये क्या कर रहा है?

सोनू पायल के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. पायल एक बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है. पायल का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में पायल का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.

पायल : ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?

सोनू : (डरता हुआ) अ..अ...आई एम सॉरी दीदी....अब नहीं करूँगा...

पायल : (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना...दर्द होता है...

पायल अब सीधा हो कर लेट जाती है...

पायल : अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे ..."भैया" ?

पायल के मुहँ से "भैया" सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.

सोनू : ओह दीदी...मेरी प्यारी दीदी.... (बोलता हुआ पायल के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)

अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर पायल के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए पायल की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. पायल सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा पायल के मुहँ में पा रहा था.

उधर बाबूजी उर्मिला के मुहँ में अपना मोटा लंड सटा-सट अन्दर बाहर कर रहे है. ऐसा तो शायद बाबूजी ने कभी किसी बूर की भी चुदाई नहीं की होगी जैसी आज वो उर्मिला के मुहँ की कर रहे थे. बाबूजी की कमर को पकडे उर्मिला भी उनके लंड से अपना मुहँ चुदवा रही थी.

रमेश : हाय बहुरानी...!! तेरा मुहँ बहुत मज़ा दे रहा है. बीच बीच में जो तू मेरे टोपे पर अपनी जीभ घुमा देती है ...वाह...!! दिल करता है की अपनी बहूँ को यहीं पटक के उसकी बूर चोद दूँ...

उर्मिला : (लंड से मुहँ हटा के)हाँ बाबूजी...जरुर चोदीयेगा ..... (फिर से लंड मुहँ में ले कर चुदवाना शुरू कर देती है)

रमेश : हाँ बहु....और वो पायल भी खूब चुदेगी एक दिन मुझसे....अपने बड़े-बड़े दूध लिए घर में जो "पापा-पापा" करते हुए घुमती है ना....एक दिन पापा पकड़ के उसकी बूर चोद लेंगे...

रमेश अपने होश खो कर अनाप-शनाप बोले जा रहा था जिसका मजा उर्मिला पूरा उठा रही थी.

उर्मिला : (लंड निकल कर) हाँ बाबूजी...एक दम कसी हुई बूर है पायल की....लंड डालोगे तो कसावट के साथ धीरे-धीरे जायेगा अन्दर....

उर्मिला की उस बात ने रमेश के लंड में जोश भर दिया. वो अब पूरे जोश में उर्मिला का मुहँ चोदने लगता है.

रमेश : अरे...मेरी पायल की बूर....आह्ह्ह....!! कितनी भी...आह...कसी हुई...हो..! पापा का मोटा...लंड...पूरी फैला देगा...आह्ह्ह्ह....!!!

इतना कहते ही रमेश के लंड से गाड़े सफ़ेद पानी की पिचकारिया उर्मिला के मुहँ के अन्दर छुटने लगती है. उर्मिला एक ही सांस में सारा पानी पीने लगती है. बाबूजी अपने लंड को पकडे सारा पानी उर्मिला के मुहँ में निचोड़ने लगते है. कुछ ही क्षण में एक-एक बूँद उर्मिला के मुहँ में गिराने के बाद बाबूजी अपना लंड बाहर निकाल लेते है.

रमेश : बहु...बहहुत मज़ा आया. अब बताओ अपनी बूर कब दे रही हो?

उर्मिला : जल्द ही दूंगी बाबूजी. जब कोई रोकने-टोकने वाला ना हो तो आप मेरी बूर में अच्छे से लंड पेल देना. अब आप जाइये बाबूजी...मम्मी जी कभी भी उठ सकती है.

रमेश : हाँ बहु...अब मुझे चलना चाहिए...

अपनी धोती ठीक करते हुए बाबूजी वहां से चल जाते है और उर्मिला भी अपना मुहँ पोंछ कर काम में लग जाती है.

उधर सोनू पायल के मुहँ की जम के चुदाई कर रहा है. उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड पायल के मुहँ से निकाला तो पायल ने धीरे से कह दिया, "ओह मेरे भैया". इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से पायल के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से "ओह मेरी बहना" निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड पायल के मुहँ से बाहर निकालता तो पायल "ओह मेरे भैया" कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो "ओह मेरी बहना" कह देता. ६-७ बार दोनों इस "भैया" और "बहना" के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही "ओह मेरी बहना" कह कर लंड ठूंसता है, पायल दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है. सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. पायल की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े पायल उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. पायल उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे पायल के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.

दोनों भाई-बहन एक दुसरे को देख रहे है. सोनू की आखों में देखते हुए पायल धीरे से कहती है, "भैया मेरे....राखी के बंधन को निभाना". सोनू भी पायल को प्यार से देखने लगता है. दोनों एक दुसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देख रहे है और आने वाले रक्षाबंधन के भाई-बहन के प्यार के सपनो को संजोने लगते है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 

ABHISHEK TRIPATHI

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अपडेट २०:

दोपहर के २:३० बजे रहे है. सभी लोग खाना खा चुके है. उमा पहले ही अपने कमरे में जा चुकी है. बाबूजी का भी आज पायल और उर्मिला ने बुरा हाल कर दिया था. पेट में खाना और शरीर में थकावट लिए, वो भी अपने कमरे में जा कर अराम करने लगते है. सोनू भी खाना खा कर अपने रूम में जा कर रंगीन कहानिया पढ़ने लगता है. ड्राइंग रूम में उर्मिला और पायल बीते बातें कर रहे है. आज बाबूजी के साथ हुए वाख्य का दोनों भरपूर मजा ले रही है.

उर्मिला : (हँसते हुए) पर कुछ भी कह पायल....मजा बहुत आया..

पायल : (हँसते हुए) हाँ भाभी...आज तो पापा की हालत ही खराब हो गई थी.

उर्मिला : और तुने जो बाबूजी का लंड अपने दूध में दबा कर चूसा था...बापरे...!! उनकी ती हालत खराब हो गई थी...

पायल : हाँ भाभी...मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की उनका लंड पूरा मुहँ में भर लूँ. पर इतना मोटा ले नहीं पा रही थी.

उर्मिला : धीरे धीरे लेना सीख जाएगी....

पायल : और भाभी...!! पापा के लंड के पानी से अपनी मांग भरवा के कैसा लग रहा है...

उर्मिला : हाय पायल...!! बार बार क्यूँ याद दिला रही है..मैं अभी बाबूजी के पास साड़ी उतार के चली जाउंगी...

पायल : (हँसते हुए) तो जाइये ना भाभी...किसने रोका है आपको...?

उर्मिला : (हँसते हुए) चुप कर बदमाश...!! अच्छा पायल सुन...

पायल : जी भाभी...

उर्मिला : मैंने तुझसे कहा था ना की मैं रक्षाबंधन में अपने भाई के पास जाउंगी...

पायल : हाँ भाभी..याद है. वही ना ..आपका चचेरा भाई?

उर्मिला : हाँ बाबा वही...और तुझे याद है ना की सोनू भी साथ चलेगा?

पायल : (शर्माते हुए) हाँ बाबा ... याद है...

उर्मिला : ओये होए..!! गालों पर लाली तो देखो मेरी ननद की...छोटे भाई के साथ रक्षाबंधन मनाने के नाम से ही कैसे शर्मा रही है...बोल ना पायल...कैसे मनाएगी सोनू के साथ रक्षाबंधन..??

पायल : (नखरे दिखाते हुए) वैसे ही, जैसे सारी बहनें मानती है....

उर्मिला : (टॉप पर से पायल के दूध मसलते हुए) मेरी रानी...! बहनें तो रक्षाबंधन के दिन भाई का लंड बूर में पूरा ले लेती है.....

पायल : (मस्ती में) तो मैं भी ले लुंगी, उसमे क्या....

उर्मिला : हाय...!! पायल..!!. (फिर कुछ सोच कर) लेकिन तुझे मजा नहीं आएगा...

पायल : (भोलेपन से) पर क्यूँ भाभी..??

उर्मिला : वो इसलिए मेरी लड़ो रानी क्यूंकि तुने अभी सोनू को पूरी तरह से सेट नहीं किया है....

पायल : कर तो दिया भाभी...कल ही तो अँधेरे में मैंने उसका लंड चूसा था ना?

उर्मिला : तो क्या हुआ? वो खुल के तेरे साथ मस्ती करता है क्या जैसे बाबूजी करते है?

पायल : नहीं भाभी...वो तो अब भी वैसा ही है...

उर्मिला : हाँ वही तो...जब वो तेरे साथ खुल के मस्ती करने लगेगा ना तब असली मजा आएगा....

पायल : सच भाभी...?

उर्मिला : हाँ पायल. भाई-बहन जब पूरे खुल के मस्ती करते है तब ही असली मजा आता है. अकेले में जब भाई अपनी बहन को गोद में बिठा ले, उसके दूध मसले, बहन घर में चलते-फिरते भाई का लंड दबा दे, इसमें तो असली मजा आता है. ये सब नहीं है तो भाई-बहन के प्यार का कोई मतलब नहीं है.

पायल : हाँ भाभी...ये सुन के ही मेरी बूर में पानी आने लगा है...

उर्मिला : और जरा सोच जब ये सब होगा तो तेरी बूर का क्या हाल होगा?

पायल : मैं समझ गई भाभी...मैं अपना काम आज से ही शुरू कर दूंगी...

उर्मिला : आज से नहीं मेरी ननद रानी....अभी से....सब सो रहे है और सोनू अपने कमरे में अकेला है. लोहा गरम है, मार दे हतौड़ा....

पायल : (मस्ती में अंगड़ाई लेते हुए) हाय भाभी...हतौड़ा तो मैं सोनू से मरवाउंगी, अपनी बूर पर...

उर्मिला : उफ़ पायल...ऐसा गन्दा काम करेगी अपने भाई के साथ?

पायल : इस से भी गन्दा भाभी....

दोनों हंसने लगते है. उर्मिला रूम से चली जाती है. पायल अलमारी खोलती है और एक छोटी सी बिना बाहं वाली टॉप निकाल कर पहन लेती है. निचे एक छोटी से स्कर्ट जो उसकी जांघो तक आ रही है. कैट वाक करती हुई पायल सोंनु के कमरे के पास पहुँचती है. दरवाज़े पर धीरे से दस्तक देते हुए...

पायल : सोनू...सोनू...!! सो रहा है क्या?

अन्दर सोनू अपनी रंगीन कहानियों की दुनियां में खोया हुआ था. पायल की आवाज़ सुन कर चौक जाता है. किताब को तकिये के निचे छुपा कर वो दरवाज़ा खोलता है.

सोनू : पायल दीदी...!! आप?

पायल : (इठलाती हुई अन्दर आती है) हाँ मैं... क्यूँ? नहीं आ सकती क्या?

सोनू : नहीं दीदी...ऐसी बात नहीं है...

पायल : क्या कर रहा था मेरा छोटा भाई?

सोनू : (झेंपते हुए) क..क..कुछ नहीं दीदी...बस ऐसे ही स्कूल की पढ़ाई कर रहा था...

पायल : (सोनू के शॉर्ट्स में बने बड़े से तम्बू को देख कर) ऐसी कौनसी पढ़ाई कर रहा था सोनू जो तेरी शोर्ट में इतना बड़ा टावर खड़ा हो गया?.... (फिर पायल टॉप पर से अपने दोनों दूध को साइड से दबाते हुए) लगता है तेरा टावर दीदी की दोनों बड़ी बड़ी दिश-एंटेना की छतरी के सिग्नल अच्छे से पकड़ रहा है.

सोनू बड़ी-बड़ी आँखों से पायल के उभरे हुए दूध देखने लगता है.

पायल : अब बस देखता ही रहे गा या दरवाज़ा भी बंद करेगा...

सोनू झट से दरवाज़ा बंद कर देता है. पायल बिस्तर के सामने राखी एक चेयर पर बैठ जाती है. सोनू भी बिस्तर पर लेट जाता है और चादर ओढ़ लेता है.

पायल : ये क्या सोनू? जब भी मैं आती हूँ तू चादर ओढ़ लेता है. (पायल झट से दोनों पैरों को कुर्सी पर रख लेती है और खोल देती है. बूर पे कसी हुई पैन्टी दिखने लगती है). जब तेरी दीदी नहीं शर्मा रही है तो तू इतना क्यूँ शर्मा रहा है? निकाल ये चादर....

पायल की बात सिन कर सोनू चादर निकाल देता है. शॉर्ट्स में एक बड़ा सा तम्बू बना हुआ है जो पायल को साफ़-साफ़ दिख रहा है.

पायल : भाभी कह रही थी की इस बार वो रक्षाबंधन अपने चचेरे भाई के घर मनाएगी....

सोनू : अच्छा है दीदी...इसी बहाने भाभी कहीं तो घूम लेगी...

पायल : हाँ...!! लेकिन भाभी मुझे भी साथ ले जाने वाली है...

सोनू : क्या ?? पर दीदी...फिर आप मुझे राखी नहीं बाँधोगे?

पायल : (पायल झूठा गुस्सा दिखाते हुए) क्यूँ? क्यूँ बांधूं मैं तुझे राखी? तू मुझे अपने पैरों के बीच बिठा कर अपना मट्ठा पिलाएगा और मैं तुझे राखी बांधुगी?

पायल की बात सुन कर सोनू डर जाता है. उसे लगता है की उस शाम अँधेरे में जो उसने पायल के मुहँ में पिचकारियाँ छोड़ी थी वो बात पायल को अच्छी नहीं लगी.

सोनू : वो..वो..दीदी ..आई एम सॉरी...!! वो..वो उस दिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया...मैं आपके मुहँ में नहीं करना चाहता था...कसम से....

पायल : (हँसते हुए) अरे बाबा इतना डर क्यूँ रहा है...मुझे तो तेरा मट्ठा बहुत पसंद आया था....

सोनू : (बड़ी बड़ी आँखों से) सच दीदी?

पायल : हाँ सोनू...इसलिए तो मैंने तुझे बाहर निकालने नहीं दिया....

इस बात पर सोनू पायल को बड़ी-बड़ी आँखें कर के देखने लगता है. पायल भी उसे मुस्कुराते हुए देख रही है. फिर पायल कहती है...

पायल : सोनू...तुझसे एक बात पूछूँ? सच-सच बताएगा ?

सोनू : हाँ दीदी...सच बताऊंगा....

पायल : अगर मैं तेरी दीदी ना होती और तेरे स्कूल की कोई लड़की होती तो तू मेरे पीछे ऐसे ही पागल हो जाता क्या?

सोनू : (कुछ क्षण सोचता है, फिर पायल को देखते हुए) नहीं दीदी....!!

पायल : (सोनू की बात सुन कर हैरान हो जाती है) क्यूँ सोनू? मैं खूबसूरत नहीं हूँ क्या?

सोनू : अरे नहीं नहीं दीदी...ऐसी बात नहीं है. आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत है. आप जब स्कूल में थी तो सारे लड़के आपके पीछे-पीछे ही घूमते रहते थे....

पायल : और तू? तू नहीं घूमता था क्या?

सोनू : (आँखे नीची कर के) घूमता था दीदी....लेकिन इसलिए नहीं क्यूंकि आप खूबसूरत थी. मैं आपके पीछे इसलिए घूमता था क्यूंकि आप .......

पायल : (उत्साहित होते हुए) मैं..?? हाँ सोनू ..बोल ना...क्यूँकी मैं क्या...?

सोनू : (धीरे से) क्यूँ की आप मेरी बहन हो....

सोनू की बात सुन कर पायल की आँखे बड़ी-बड़ी हो जाती है. वो एक बार फिर से सोनू से पूछती है.

पायल : मतलब सोनू तू ये कहना चाह रहा है की तू मेरे पीछे सिर्फ इसलिए घूमता है क्यूंकि मैं तेरी बहन हूँ...??

सोनू : (आंख्ने नीची कर के) हाँ दीदी...ये सच है...

पायल : मतलब मैं तेरी बहन नहीं होती तो तू मेरे पीछे नहीं घूमता?

सोनू : नहीं दीदी...नहीं घूमता...

सोनू की बात सुन कर पायल को सोनू पर बहुत प्यार आता है. वो उसे अपने पास बुलाती है...

पायल : (मुस्कुराते हुए) इधर आ सोनू...मेरे पास...

पायल कड़ी हो जाती है और सोनू धीरे-धीरे उसके पास आता है. अपना सर पायल के सामने झुका के खड़ा हो जाता है. पायल प्यार से उसकी ठोड़ी को पकड़ उसका चेहरा ऊपर करती है.

पायल : इधर देख ...मेरी तरफ...(सोनू देखता है. पायल उसकी आँखों में देखते हुए) इतना प्यार करता है अपनी दीदी से?

सोनू : (भावनाओं में बहता हुआ) हाँ दीदी...बहुत प्यार करता हूँ आपसे....जब भी आपको देखता हूँ और ये ख्याल आता है की आप मेरी दीदी हो, मेरी सगी बहन तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. दिल करता है की अपना लंड मैं आपकी..... (और सोनू रुक जाता है)..

पायल : (पायल प्यार से सोनू को देखती है) रुक क्यूँ गया...? बोल..? अपना लंड मेरी....

सोनू : (तेज़ सांसो से) दिल करता है अपना लंड आपकी बूर में ठूँस दूँ दीदी......

पायल : (आहें भरते हुए) ओह सोनू.....(और पायल अपने गुलाबी रसीले ओंठ सोनू के ओठों पर रख देती है)

सोनू अपनी दीदी के रसीले ओठों का स्पर्श पाते ही उतीजित हो जाता है और पायल के ओठों को चूसने लगता है. पायल भी पूरी मस्ती में सोनू के ओठों को चूसने लगती है. देखने में ऐसा लग रहा है की दोनों के दुसरे के ओठों को अपने मुहँ में भर लेना चाहते हो. दोनों की जीभ आपस में घुत्थम-घुत्थी हो रही है. सोनू का चेहरा पकडे पायल, अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल देती है तो सोनू उसे पागलों की तरह चूसने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन इसी तरह अपनी जीभ से एक दुसरे के मुहँ से खेलते है फिर अलग हो कर एक दुसरे की आँखों में देखने लगता है.

पायल : सोनू...तू हमेशा अपनी दीदी की जवानी देख कर परेशान रहता था ना?

सोनू : हाँ दीदी....

पायल : (अपनी टॉप निचे से उठा के नंगा पेट दिखाते हुए) तो ले..आज अच्छे से देख ले अपनी दीदी की जवानी....

सोनू कुछ क्षण वैसे ही पायल के सपाट नंगे पेट और गहरी नाभि को घूरता है और फिर अचानक से अपना चेहरा पायल के पेट पर झुका देता है...

सोनू : ओह....मेरी पायल दीदी.........!! (सोनू की जीभ सीधे पायल की गहरी नाभि में घुस जाती है)


इधर भाई-बहन का प्यार खुल के एक नया रूप ले रहा है और वहां उर्मिला रसोई में अपना काम कर रही है. तभी उसकी नंगी कमर को एक हाथ छुता है. वो डर कर मुडती है तो सामने रमेश खड़े है. उर्मिला मुस्कुराते हुए....

उर्मिला : अरे बाबूजी आप? मैं तो डर ही गई थी. मम्मी जी क्या कर रही है?

रमेश : घोड़े बेच कर सो रही है... और बच्चे क्या कर रहे है...?

उर्मिला : (झूठ बोलते हुए) वो भी सो रहे है बाबूजी...

रमेश उर्मिला की आँखों में देखते है फिर झट से उसके बड़े-बड़े दूध को दोनों हाथों से दबोच लेते है...

रमेश : बहु....अपने ओठों का रस पिला दे बहु.....

उर्मिला : (आँखे बंद करते हुए) ओह ....बाबूजी....!! (और अपना मुहँ खोल देती है)

रमेश अपनी मोटी जीभ उर्मिला के मुहँ में घुसा देता है. उर्मिला बाबूजी की जीभ को चूसने लगती है.

उधर सोनू पायल के पेट को पागलो की तरह चाते जा रहा है. वो कभी अपनी जीभ नाभि में घुसा के चाट लेता तो कभी उसके आसपास जीभ घुमाते हुए चाटने लगता. पायल इसका पूरा मजा ले रही है. कुछ देर बाद पायल सोनू से कहती है...

पायल : सोनू...अपनी दीदी की नंगी जवानी देखेगा?

सोनू : हाँ...हाँ दीदी...देखूंगा....

पायल अपने दोनों हाथो को ऊपर उठा देती है और सोनू से कहती है...

पायल : तो देख ले सोनू...उतार दे मेरी टॉप और देख ले अपनी दीदी की नंगी जवानी....

सोनू कुछ देर वैसे ही टॉप पर उठे हुए पायल के दूध को देखता है फिर एक झटके से पायल की टॉप ऊपर से खींच कर उतार देता है. पायल के बड़े-बड़े-दूध उच्छल कर उसके सामने आ जाते है. अब सोनू के सामने पायल आधी नंगी खड़ी है. दोनों हाथ ऊपर है. बगलों में बाल, बड़े बड़े गोल गोल दूध और निचे चिकना मुलायम पेट और गहरी नाभि. सोनू तो बस ये नज़ारा हमेशा अपने सपनो में ही देखा करता था. आज वो सपना हकीकत बन के उसके सामने था. सोनू पायल के बदन को किसी भूके भेड़िये की तरह देख रहा था. अचानक से वो पायल के दोनों दूध के बीच अपना मुहँ घुसा देता है.

सोनू : ओह पायल दीदी....उम्म्म्मम्म्म्म.......!!

पायल भी मस्ती में एक हाथ से अपने बालों को पीछे करते हुए आँखे बंद कर लेती है.

पायल : उफ़ सोनू.....ओह...!!

सोनू पायल के बड़े-बड़े दूध के बीच अपना मुहँ घुसा के चाटे जा रहा था. कभी दायें दूध को चाटता तो कभी बायें. फिर वो दोनों दूध को हाथो में लिए गौर से दखता है और दायें दूध के निप्पल को जोर जोर से चूसने लगता है. पायल पूरी मस्ती में सोनू के सर पर हाथ फेरते हुए अपना दूध चुसवाने लगती है. सोनू अब पायल के नंगे बदन से खेलने लगा था. दूध चूसते हुए वो पायल की पसीने और बालों वाली बगलों को सूंघ लेता और जीभ से चाट लेता. पायल के दोनों दूध के बीच मुहँ घुसा के रगड़ देता. कभी पायल के नंगे बाद से आँखे बंद किये लिपट जाता और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगता. सोनू ई हालत ऐसी थी मानो किसी भिकारी को खज़ाना मिला गया हो.

उधर रसोई में ससुर-बहु का अलग ही खेल चल रहा था. जीभ चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला के ब्लाउज के हुक खोलने लगे थे. हुक खुलते ही उर्मिला की बड़ी बड़ी चूचियां बाबूजी के सामने नंगी हो जाती है. बिना कोई वक़्त गवायें बाबूजी उर्मिला की चुचियों को मुहँ में भर लेते है और चूसने लगते है. उर्मिला अपने ओंठ काटते हुए बाबूजी से दूध चुसवा रही है. आज बाबूजी पुरे जोश में उर्मिला के दूध दबा-दबा के पी रहे थे. वो निप्प्लेस ऐसे चूस रहे थे की अगर उर्मिला दूध दे रही होती तो आज एक बूँद भी नहीं बचता. अच्छे से दूध चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला से कहते है.

रमेश : बहु...आज मेरे पैर नहीं पढ़ोगी?

उर्मिला भी समझ जाती है की बाबूजी के दिल में क्या है. खुले ब्लाउज से बाहर आये नंगे दूध के साथ उर्मिला धीरे से झुकती है और बाबूजी के पैर छुती है. पैर पढ़ने के बाद वो जैसे ही खड़े होने लगती है तो बाबूजी का ११ इंच का लम्बा मोटा लंड उर्मिला के सर से रगड़ खाता हुआ उसके ओठों पर आ कर रुक जाता है. उर्मिला वैसे ही लंड को ओठो पर रखे नज़रे उठा के बाबूजी को देखती है.बाबूजी की आँखों में उसे हवस दिखाई दे रही है. बाबूजी उर्मिला से कहते है..

रमेश : खा ले बहु...अपने बाबूजी का लंड खा ले....

उर्मिला अपना मुहँ खोलती है और बाबूजी का आधा लंड अन्दर ले लेती है. बाबूजी आँखे बंद किये धीरे से अपनी कमर आगे कर देते है. उर्मिला बाबूजी का लंड पकड़ के हाथ घुमाने लगती है. लंड की चमड़ी निचे करते हुए उर्मिला बाबूजी का लंड चूसने लगती है. बाबूजी भी धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगते है. उर्मिला का सर पकड़ के बाबूजी अपना लंड उसके मुहँ में ठूँस देते है. कुछ देर आधा से ज्यादा लंड ठूँस के रखने के बाद जब वो लंड बाहर निकालते है तो उर्मिला के मुहँ से लार की एक लम्बी की डोर बाबूजी के लंड से चिपक कर बाहर आती है. एक क्षण बाबूजी वैसे ही रहते है और फिर से अपना लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.

उधर सोनू के कमरे में भाई-बहन पूरे जोश में लगे हुए है. पायल आधी नंगी उलटी हो कर बिस्तर पर लेटी हुई है. सोनू पास बैठे हुए अपनी जीभ पायल की कमर पर रख कर निचे से ऊपर जीभ रगड़ते हुए कंधो तक चाट रहा है. जीभ लगा कर कमर से चाटते हुए ऊपर कंधो तक जाता और फिर से कमर के पास आ कर ऊपर तक चाटने लगता. देखने में ऐसा लग रहा है की कोई लम्बी चौड़ी आईस -क्रीम बिस्तर पर पड़ी है जिसे सोनू अपनी जीभ से निचे से ऊपर ता चाट रहा है. सोनू को ऐसा करते हुए देख पायल कहती है.

पायल : आह सोनू...मेरा बदन पसीने से भरा है...क्यूँ चाट रहा है ऐसे?

सोनू : आह दीदी...मत रोकिये मुझे आज...आज मैं आपका सारा बदन ऐसे ही चाट लूँगा...हर जगह....एक भी अंग नहीं बचेगा मेरी जीभ से...आह...दीदी....

पायल भी समझ जाती है की आज उसका सारा बदन, एक एक अंग, सोनू की जीभ के पानी से नहा जायेगा. एक एक कर के सोनू पायल की पीठ, बगल, हाथ, जांघे, पैर, गर्दन, मुहँ सब चाट लेता है. पायल सर घुमा के सोनू से कहती है.

पायल : सोनू...मेरी स्कर्ट और पैन्टी भी उतार दे...

सोनू : आह दीदी...मेरी प्यारी दीदी...(कहता हुआ पायल की स्कर्ट और पैन्टी एक साथ खीच कर उतार देता है)

सोनू के सामने पायल की चौड़ी चुतड नंगी पड़ी है. ये वही चुतड है जिसे याद करके सोनू ने न जाने कितनी ही बार लंड से फौवारे उडाये थे. आज उसी चुतड को ऐसे खुला देख सोनू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो एक बार पायल की आँखों में देखता है और अपना मुहँ चूतड़ों के बीच में घुसा देता है.

उधर रसोई में बाबूजी उर्मिला के मुहँ से लंड निकाल कर झट से उर्मिला को खड़ी कर देते है. बाबूजी उर्मिला के पीछे जाते है और उसकी साड़ी कमर के ऊपर तक उठा देते है और उसकी कमर दोनों हाथो में जकड लेते है. फिर अपना लंड उर्मिला की चूतड़ों के बीच रख कर उसकी कमर पकडे हुए ऐसा झटका मारते है की उर्मिला की दोनों टाँगे फैलकर ऊपर हवा में उठ जाती है. उसकी बालोंवाली बूर की फांको से चीप-चीपे पानी की २-३ बूंदे उड़ कर ज़मीन पर गिर जाती है.

उर्मिला : आह्ह्हह्ह...!! बाबूजी....क्या कर रहें है आप?

रमेश : अपनी प्यारी बहु का छेद तलाश रहा हूँ...किसी में तो घुसे....

रमेश ३-४ बार वैसे ही जोर से झटके देता है और हर बार उर्मिला की टाँगे फ़ैल कर हवा में उठ जाती है.

उर्मिला : आह्ह्ह्ह...!! बाबूजी...अभी छेद में डालने का वक़्त नहीं है...आह्ह्ह्ह...!! मम्मी जी आ जाएगी...आह्ह्ह...!!

पायल की बात समझते हुए रहेश झट से उर्मिला को ज़मीन पर बिठा देता है और एक पैर रसोई के शेल्फ पर रख कर दुसरे पिअर का घुटना मोड़ के लंड उसके मुहँ में डाल देता है. रमेश अपनी कमर हिलाते हुए उर्मिला के मुहँ को जोर जोर से चोदने लगता है जैसे उसकी बूर चोद रहा हो.

उधर सोनू पायल की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर पायल के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.

पायल : उफ़ सोनू...!!

सोनू अब अपनी जीभ को पायल के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू पायल की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. पायल को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. पायल पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पायल के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा पायल की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे पायल की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. पायल दर्द से चिल्ला उठती है...

पायल : हाय रे बहनचोद.....ये क्या कर रहा है?

सोनू पायल के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. पायल एक बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है. पायल का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में पायल का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.

पायल : ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?

सोनू : (डरता हुआ) अ..अ...आई एम सॉरी दीदी....अब नहीं करूँगा...

पायल : (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना...दर्द होता है...

पायल अब सीधा हो कर लेट जाती है...

पायल : अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे ..."भैया" ?

पायल के मुहँ से "भैया" सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.

सोनू : ओह दीदी...मेरी प्यारी दीदी.... (बोलता हुआ पायल के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)

अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर पायल के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए पायल की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. पायल सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा पायल के मुहँ में पा रहा था.

उधर बाबूजी उर्मिला के मुहँ में अपना मोटा लंड सटा-सट अन्दर बाहर कर रहे है. ऐसा तो शायद बाबूजी ने कभी किसी बूर की भी चुदाई नहीं की होगी जैसी आज वो उर्मिला के मुहँ की कर रहे थे. बाबूजी की कमर को पकडे उर्मिला भी उनके लंड से अपना मुहँ चुदवा रही थी.

रमेश : हाय बहुरानी...!! तेरा मुहँ बहुत मज़ा दे रहा है. बीच बीच में जो तू मेरे टोपे पर अपनी जीभ घुमा देती है ...वाह...!! दिल करता है की अपनी बहूँ को यहीं पटक के उसकी बूर चोद दूँ...

उर्मिला : (लंड से मुहँ हटा के)हाँ बाबूजी...जरुर चोदीयेगा ..... (फिर से लंड मुहँ में ले कर चुदवाना शुरू कर देती है)

रमेश : हाँ बहु....और वो पायल भी खूब चुदेगी एक दिन मुझसे....अपने बड़े-बड़े दूध लिए घर में जो "पापा-पापा" करते हुए घुमती है ना....एक दिन पापा पकड़ के उसकी बूर चोद लेंगे...

रमेश अपने होश खो कर अनाप-शनाप बोले जा रहा था जिसका मजा उर्मिला पूरा उठा रही थी.

उर्मिला : (लंड निकल कर) हाँ बाबूजी...एक दम कसी हुई बूर है पायल की....लंड डालोगे तो कसावट के साथ धीरे-धीरे जायेगा अन्दर....

उर्मिला की उस बात ने रमेश के लंड में जोश भर दिया. वो अब पूरे जोश में उर्मिला का मुहँ चोदने लगता है.

रमेश : अरे...मेरी पायल की बूर....आह्ह्ह....!! कितनी भी...आह...कसी हुई...हो..! पापा का मोटा...लंड...पूरी फैला देगा...आह्ह्ह्ह....!!!

इतना कहते ही रमेश के लंड से गाड़े सफ़ेद पानी की पिचकारिया उर्मिला के मुहँ के अन्दर छुटने लगती है. उर्मिला एक ही सांस में सारा पानी पीने लगती है. बाबूजी अपने लंड को पकडे सारा पानी उर्मिला के मुहँ में निचोड़ने लगते है. कुछ ही क्षण में एक-एक बूँद उर्मिला के मुहँ में गिराने के बाद बाबूजी अपना लंड बाहर निकाल लेते है.

रमेश : बहु...बहहुत मज़ा आया. अब बताओ अपनी बूर कब दे रही हो?

उर्मिला : जल्द ही दूंगी बाबूजी. जब कोई रोकने-टोकने वाला ना हो तो आप मेरी बूर में अच्छे से लंड पेल देना. अब आप जाइये बाबूजी...मम्मी जी कभी भी उठ सकती है.

रमेश : हाँ बहु...अब मुझे चलना चाहिए...

अपनी धोती ठीक करते हुए बाबूजी वहां से चल जाते है और उर्मिला भी अपना मुहँ पोंछ कर काम में लग जाती है.

उधर सोनू पायल के मुहँ की जम के चुदाई कर रहा है. उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड पायल के मुहँ से निकाला तो पायल ने धीरे से कह दिया, "ओह मेरे भैया". इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से पायल के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से "ओह मेरी बहना" निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड पायल के मुहँ से बाहर निकालता तो पायल "ओह मेरे भैया" कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो "ओह मेरी बहना" कह देता. ६-७ बार दोनों इस "भैया" और "बहना" के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही "ओह मेरी बहना" कह कर लंड ठूंसता है, पायल दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है. सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. पायल की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े पायल उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. पायल उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे पायल के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.

दोनों भाई-बहन एक दुसरे को देख रहे है. सोनू की आखों में देखते हुए पायल धीरे से कहती है, "भैया मेरे....राखी के बंधन को निभाना". सोनू भी पायल को प्यार से देखने लगता है. दोनों एक दुसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देख रहे है और आने वाले रक्षाबंधन के भाई-बहन के प्यार के सपनो को संजोने लगते है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
Jabardast update...
 
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Sarita

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No words to say indeed.
हमेशा के तरह अद्धभुत अकल्पनीय
Unable to decide as every update is much refined than the previous one
 
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