• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

Napster

Well-Known Member
5,152
14,071
188
दूसरे दिन जब पूनम की आंख खुली तो काफी उजाला हो चुका था वह जल्दी से बिस्तर से उठकर सीधे बाथरूम में घुस गई और नहा धोकर,,,, अपना बैग लेकर स्कूल जाने के लिए तैयार हो गई रात वाली बात वह बिल्कुल भूल चुकी थी,, जैसे ही कमरे के बाहर वो जाने लगी फिर से पीछे से उसकी संध्या जाती उसे आवाज़ देते हुए दूध का गिलास लेकर उसके पास आ गई,,,

इतनी बड़ी हो गई है लेकिन क्या मैं तुझे हमेशा बच्चों की तरह अपने हाथ से ही दूध पिलाऊ,,,( संध्या गिलास का दूध पूनम को थमाते हुए बोली,,, संध्या को देखते ही पूनम को रात वाली सारी बातें याद आने लगी और उसकी आंखों के सामने वो नजारा किसी पिक्चर की तरह घूमने लगा जब संध्या खुद अपने ही हाथों से अपनी चूची को दबा रही थी और बेगन को अपने बुर में अंदर बाहर कर रही थी,,, पूनम अपनी चाची के हाथों से दूध का गिलास मुस्कुराते हुए लेली,,

थैंक यू चाची तुम मेरा कितना ख्याल रखती हो,,,,( इतना कहकर पूनम दूध पीने लगी संध्या वापस अपने काम में लग गई अपनी चाची को देखकर पूनम समझ में नहीं पा रही थी कि चाची का यह कैसा रूप है दिन के उजाले में वह किस तरह के चरित्र में पेश आती हैं और रात को उनका चरित्र किस हद तक सारी हदें पार कर देता है,,,। दूध पीते हुए पूनम यही सब सोच रही थी लेकिन उसके सोचने का ढंग कुछ अलग था क्योंकि यदि वह दुनिया के समाज के अंदर के चेहरे से बिल्कुल भी अनजान थी,,, औरत का चरित्र हर पल सामाजिक रीति रिवाजों और संबंधों के हिसाब से बदलता ही रहता है। औरतों में बहन भी होती है मां भी होती है एक पत्नी भी होती है एक प्रेमिका भी होती है जो कि समय-समय पर अपने चरित्र को बदलती रहती हैं,। दिन में औरत अपने संबंधों के हिसाब से अपने चरित्र को जीती है। दिन भर सुबह अपने भाई के साथ बहन का अपने पिता के साथ बेटी का और अपने बच्चे के साथ मां का फर्ज निभाती है और रात को अपने पति के साथ एक पत्नी धर्म निभाते हुए अपनी सारी शर्म मर्यादा को छोड़कर,, अपने पति की सेवा में अपना तन मन सब कुछ समर्पण कर देती है और यही कार्य पिछली रात को संध्या भी अपनी पति की खुशी की खातिर फोन कर अश्लील बातें करते हो अपने बदन के साथ कामुक हरकत कर रही थी,, जिससे उसे भी उतना ही सुख प्राप्त हो रहा था जितना कि फोन पर सिर्फ उसकी अश्लील हरकतों के बारे में सुनकर उसके पति को हो रहा था,,, पूनम इन सब बातों से बिल्कुल अनजान थी इसलिए उसे यह सब बिल्कुल अजीब लग रहा था लेकिन रात के नजारे की बात याद आते ही उसके बदन में सुरसुराहट दौड़ने लगी,,,, वह अपना दूध का गिलास खत्म कर पाती इससे पहले ही घर के बाहर उसकी सहेलियों ने उसे आवाज़ लगा दी और वह जल्दी से दूध का गिलास खत्म करके गिलास वहीं ही रख कर बाहर की तरफ भाग गई,,,,।


क्या यार तुम तू हमसे पहले कभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाती जब देखो तब हमारे आने के बाद ही तू आती है,,,
( बेला पूनम को डांटने के अंदाज में बोली।)

नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो कब से तैयार होकर बैठी थी बस तुम दोनों के आने का ही इंतजार कर रही थी,,,( पूनम बातें बनाते हुए बोली,,,।)

हां हां बस रहने की बातें बनाने को हम जानते हैं कि तु तैयार होकर ही बैठी रहती हैं,,,,


बस बस बहुत हो गया थोड़ा सा इंतजार क्या कर लेती है ऐसा लगता है कि मुझे अपने सर पर बिठा कर ले जाती है।
( पूनम उन दोनों को गुस्सा करते हुए बोली,,,। इसके बाद उन दोनों में से किसी ने कुछ भी नहीं कहा वह तीनों स्कूल की तरफ जाने लगे ठंडी बड़े जोरों से पड़ रही थी,,, इसलिए पूनम अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ते हुए बदन में गर्माहट पैदा करते हुए जा रही थी,,,, यह देखकर बेला चुटकी लेते हुए बोली,,,।)

पूनम तेरे शरीर में ठंडक कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है तुझे गर्मी की जरूरत है,।

हारे देखना ठंड कितनी ज्यादा है,,,,


तू एक काम कर दो ना एक ही तरीके से तेरी ठंडी पूरी तरह से गायब हो जाएगी,।

कैसे जरा जल्दी बता मुझे ज्यादा ही ठंड लग रही है,,,,,


किसी मस्त छोकरे के साथ जाकर चिपक जा,,, वह तुझे अपनी हरकतों से इतना गर्म कर देगा कि तू इतनी कड़कड़ाती ठंडी में भी अपने सारे कपड़े उतार कर उस से चिपक जाएगी।

( बेला की बात सुनते ही पूनम गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए बोली,।)

इस कड़कड़ाती ठंडी की वजह से मैं मजबूर हूं वरना ईसी हाथ से तेरे गाल पर एक तमाचा मारती थी तो तु पूरी तरह से पसीने से तरबतर हो जाती,,,

अरे यार तुझसे तो मजाक भी नहीं कर सकते जब देखो तब गुस्सा हो जाती है।( उसका इतना कहना था कि उसकी नजर उस मोड़ पर ही इंतजार कर रहे मनोज पर पड़ी) ले देख ले तेरा आशिक भी तेरा इंतजार कर,,, रहा है जाकर चिपक जा वह तुझे पूरी तरह से गर्म कर देगा,,, ।
( बेला की बात सुनते ही पूनम की नजर उस मोड़ पर खड़े मनोज पर पड़ी तो उसे देखते ही उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव उमड़ पड़े लेकिन वह जल्द ही अपने चेहरे पर गुस्से का भाव लाते हुए बोली,,,।)

इसे भी कोई काम नहीं है जब देखो तब यही खड़ा होकर के इंतजार करता रहता है,,,, दोखना आज तो यह मुझसे कितनी भी बात करने की कोशिश करे लकीन मैं इससे बिल्कुल भी बात नहीं करूंगी,,,

क्यों कोई नाराजगी है क्या (बेला तपाक से बोली)

तू अपनी बकवास बंद रख,,,
( दूसरी तरफ मनोज उसका बेसब्री से इंतजार कर रहा था वह आज अपने मन की बात बोल देना चाहता था और उससे पूछना भी चाहता था कि वह उसके प्रेम पत्र का जवाब क्यों नहीं दे रही है,,,, लेकिन उसके दिमाग में आया कि ऐसा भी तो हो सकता है कि पूनम ने उसके दिए लेटर को पढ़ा ही ना हो,,
यही सब सोचकर उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था पूनम एकदम करीब आते जा रही थी वह समझ नहीं पा रहा था कि वह उससे बोले या ना बोले,,,, तभी उसंने सोचा कि सबके सामने बोलना ठीक नहीं है क्योंकि पूनम दूसरी लड़कियों की तरह नही हैं। उसके यह सोचते ही सोचते पूनम बिल्कुल उसके करीब आ गई पूनम भी यही सोच रही थी कि मनोज से कुछ बोलें लेकिन इसी कशमकश में मनोज कुछ बोल नहीं पाया हालांकि पूनम उसे करीब पहुंचते ही उसके कदम धीरे-धीरे पड़ने लगे थे,, लेकिन बोले कि ना बोले की कशमकश में मनोज रह गया और पूनम आगे निकल गई,,,, पूनम के लिए कान तरस रहे थे मनोज की आवाज सुनने के लिए उससे बात करने के लिए लेकिन बेला और सुलेखा की होते हुए यह होना मुमकिन नहीं था,,,,, हाथ में आया हुआ मौका मनोज के हाथ से निकल गया था मनोज को यह लगने लगा कि वास्तव में पूनम ने उसका दिया लेटर पढ़ा ही नहीं है,,, वरना वह उसे देखकर कुछ ना कुछ प्रतिक्रिया जरूर करती,,,
क्लास में बैठा-बैठा मनोज तय कर लिया कि कुछ भी हो वह पूनम से पूछ ही लेगा उसके लिए प्रेम पत्र के बारे में लेकिन ना जाने क्यों मनोज हिम्मत नहीं कर पा रहा था आज पहली बार उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसे भी लड़कियों से डर लगता है यह सभी लड़कियों के बारे में नहीं था या फिर पूनम के ही बारे में था क्योंकि इससे पहले उसने जिसको चाहा उस लड़की से अपने मन की बात बोल दिया लेकिन पूनम से बोलने में उसे ना जाने किस बात का डर लगता था। फिर भी वह स्कूल छूटने का इंतजार करने लगा,

स्कुल छुट़ चुकी थी छूटने की घंटी बजते ही वह जल्दी से अपने क्लास से बाहर निकल कर गेट पर खड़ा होकर पूनम का इंतजार करने लगा,,,, पूनम उसे अकेले ही आती नजर आई उसे अकेला देखकर वह खुश हो गया। पूनम की भी नजर मनोज पर पड़ गई मनोज पर नजर पड़ते ही उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव साफ नजर आने लगे वह जल्दी से अपने अगल बगल देखी बेला और सुलेखा कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। वह भी जल्दी से मनोज के करीब पहुंची लेकिन वह इस तरह से गई थी मनोज को यहां पर बिल्कुल भी ना हो कि वह खुद उसके पास चल कर आई है,,, पूनम को देखते ही मौका पाकर मनोज बोला,,,,।

पुनम मुझे तुमसे कुछ बात करनी है,,,

मुझसे लेकिन मुझसे क्या बात करनी है,,,,

ऊसी लेटर के बारे में,,,

लेटर कौन सा लेटर,,, कीस लेटर के बारे मे बात कर रहे हो तुम,,,( पूनम आश्चर्य के साथ बोली,,,।)

वही लेटर जो मैंने लिख कर तुम्हारी इंग्लिश की नोट में तुम्हें दिया था।

पर मुझे तो ऐसा कोई लेटर नहीं मिला,,,,,


तुम अपनी इंग्लिश की नोट खोलकर देखना उसमे जरूर मेरा लिखा हुआ लेटर भी है और मेरा मोबाइल नंबर भी है,,,,।

पर ऐसा क्या लिखा है उस लेटर में जिसके लिए तुम इतने बेताब नजर आ रहे हो,,, ( पूनम मनोज के चेहरे के बदलते हावभाव को देखते हुए बोली)

पूनम वह तो मैं इस समय तुम्हें नहीं बता सकता हूं वह तुम अपने आप ं पढ़ोगी तो तुम्हें खुद ही पता चल जाएगा कि मैं तुम्हें क्या कहना चाहता हूं,,,,( तभी उसकी नजर बेला और सुलेखा पर पड़ी जो कि ईसी तरफ चली आ रही थी लेकिन उन लोगों का ध्यान इधर बिल्कुल भी नहीं था,,,) देखो तुम्हारी दोनों सहेलियां भी आ रही है मैं उन लोगों के सामने कुछ नहीं कहना चाहता बस तुम मेरा दिया हुआ लेटर एक बार पढ़ लेना,,, मैंने तो अपने मन की बात उस लेटर में लिख दिया हूं तुम्हारे मन में क्या है यह तो मैं नहीं जानता लेकिन जो भी हो मुझे बता जरुर देना,,,, बस मैं चलता हूं बाय,,,,,,
( इतना कहकर मनोज चला गया तभी उसकी सहेलियां उसके करीब आ गई और तीनों अपने घर की तरफ जाने लगी रास्ते भर पूनम सोचती रही कि आखिर वह इंग्लिश के नोट्स में उसे लेटर क्यों दिया,,, वह मुझसे क्या कहना चाहता है और अपनी मन की बात क्या है उसके मन की बात यह सब सोच कर उसका दिमाग चकरा जा रहा था उसका एक बुनियादी कह रहा था कि कहीं वह उसे प्रेम पत्र तों नहीं लिख कर दिया है।,,, अजीब से असमंजस में पड़ गई थी वह लेटर की बात से उसके बदन में सुरसुराहट सीहोने लगी थी।,, वह लेटर उसके स्कूल बैग में ही था,,, जिसे पढ़ने के लिए अब वह बेताब नजर आ रही थी।,,, वह घर पर पहुंचते ही उस लेटर को पढ़ना चाहती थी लेकिन जैसे ही वह घर पर पहुंची उसकी मम्मी ने उसे काम पर लगा दी घर पर वैसे भी सारा काम पड़ा हुआ था मन मार कर वह काम में जुट गई,,,,

इधर-उधर करने में ही कब शाम हो गई उसे पता ही नहीं चला,,, अब उसके पास अपना बैग खोलकर उस लेटर को पढ़ने का टाइम बिल्कुल भी नहीं था इसलिए वह सोची की रात को सोते समय अपने कमरे में ही ईत्मिनान से उस लेटर को पढ़ेगी तब तक वह घर के कामकाज को करती रही,,,
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत अपडेट है भाई मजा आ गया
 
  • Like
Reactions: rohnny4545

Napster

Well-Known Member
5,152
14,071
188
पूनम खाना खा चुकी थी रात के करीब 11:00 बज रहे थे वह सारे काम काज कर के एक दम खाली हो चुकी थी सब अपने अपने कमरे में चले गए थे सब के जाने के बाद पूनम भी धड़कते दिल के साथ अपने कमरे में प्रवेश की,,, उसके मन में मनोज के लिए लेटर के बारे में सोच-सोच कर पूरे बदन में सुरसुराहट की लहर दौड़ रही थी। पूनम को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि उसके लिए लेटर में क्या लिखा होगा वह बस उत्सुकतावश उसे जल्द से जल्द पढ़ना चाहती थी।


my monitor size

वह अपने कमरे में प्रवेश करते ही जल्दी से दरवाजा बंद करके कुंडी चढ़ा दी,,,, कड़कड़ाती की ठंडी में भी उसके पसीने छूट रहे थे। एक अजीब सी हलचल उसके मन में मच रही थी जिसकी वजह से उसका गला सूख रहा था। वह टेबल पर रखा अपना बैग लेकर बिस्तर पर आराम से बैठ गई और बैग को खोलकर अपनी इंग्लिश की नोट्स को बाहर निकाल ली,,, पूनम को उत्सुकता के साथ-साथ थोड़ा डर भी लग रहा था कि पता नहीं उसने उस लेटर में क्या लिखा होगा। वह इंग्लिश की नोट्स को बैग पर रखकर उसके पन्नों को पलटने लगी,,, वह जल्दी-जल्दी पन्नों को पलट रही थी लेकिन उसका लिखा एकभी लेकर उस नोट्स में दिखाई नहीं दे रहा था,,,, वह पन्नों को पलट भी रही थी और साथ में यह भी सोच रही थी कि कहीं मनोज ने उसके साथ मजाक तो नहीं किया,,,,,, एक पल के लिए तो उसे मनोज पर गुस्सा आने लगा और मैंने सोचने लगी कि अगर यह सच में उसने मजाक किया है तो आज के बाद उसके लाख बोलने के बावजूद भी उससे बात तक नहीं करेगी,,,, यह सब वह मन में सोच ही रही थी कि तभी इंग्लिश के नोट्स में से उसका लिखा लेटर नजर आया,,,, उसका गला सूखने लगा, वह लेटर को अपने हाथ में लेकर पढ़ना शुरू की,,,

पुनम की खुबसूरत गांड जोकी अभी तक अनछुई थी,,



मेरी प्रिय पूनम,,,
तुम मुझे बहुत खूबसूरत लगती हो लगती हो क्या तुम सच में बहुत खूबसूरत हो इस धरती पर तुमसे ज्यादा खूबसूरत है मैंने आज तक किसी और लड़की को नहीं देखा,,, जबसे मैंने तुमको देखा हूं ना जाने मुझे क्या हो गया है कि हर जगह बस तुम ही तुम दिखाई देती हो,, सोते जागते उठते बैठते बस मुझे तुम्हारा ही ख्याल रहता है,,, तुम्हे देखे बिना मेरे दिल को जरा भी करार नहीं आता,, यहां तक की सपनों में भी मुझे तुम ही तुम नजर आती हो,, पूनम सच कहूं तो मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं तुम्हारे बगैर जी नहीं पाऊंगा तुम्हारे मन में क्या है यह मैं बिल्कुल भी नहीं जानता इसलिए तो मैं इस लेटर के जरिए तुम्हें अपने मन की बात बता रहा हूं। तुम्हें देखकर मेरे दिल में कुछ-कुछ होता है अगर तुम्हें भी मुझे देख कर कुछ कुछ होता हो,, तो मेरे इस लेटर का जवाब जरुर देना अगर लिख ना पाओ तो नीचे लिखा मोबाइल नंबर मेरा ही है मुझे बस एक मिस कॉल मार देना मैं समझ जाऊंगा कि तुम्हारे दिल में भी मेरे लिए कुछ कुछ होता है।

आई लव यू,,,,,

पूनम उत्सुकता वश मनोज का लव लेटर पढ़ रही थी


पूरा लेटर पढ़ने के बाद पूनम के बदन से ऐसी कड़ाके की ठंड में भी पसीना टपक रहा था,,,, कुछ पल के लिए तो उसे समझ में ही नहीं आया कि वह क्या पढ़ रही है। क्योंकि मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कोई उसे भी लेटर लिख सकता है। उसने आज तक किसी भी लड़के की तरह मुस्कुरा कर नहीं देखी थी ना ही किसी से बात की थी और ना ही कभी भी, किसी लड़के को अपनी बातों की वजह से गलतफहमी पैदा होने दी थी,,, इसलिए उसे आज तक किसी ने भी इस तरह से अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत भी नहीं की थी लेकिन मनोज के साथ बस थोड़ा बहुत बात जरूर करी थी जिसका परिणाम यह आ रहा था कि वह उसे प्रेम पत्र लिखकर देभी चुका था,,,, पूनम का बदन कांप रहा था। वह यह सोचकर पूरी तरह से घबरा गई कि वहां तीन-चार दिनों से उसके दिए लेटर को अपने बैग में रखे हुए थी,,, जिसकी खबर उसे बिल्कुल भी नहीं थी अगर कहीं यह लेटर उसके घर वालों को मिल जाता तब उसका क्या हाल होता यह सोचकर पूनम का पूरा वजूद का कांप गया,,,,
पूनम मनोज के लिए लेटर को देखकर और उसे पढ़कर परेशान सी हो गई,,, वह बिस्तर पर लेट कर सोना चाहती थी लेकिन नींद उस से कोसों दूर थी। अब वह क्या करें कैसे करें क्या कहें मनोज से इन सब के बारे में सोच कर हैरान हुए जा रही थी क्योंकि मनोज ने उससे उसके पत्र का जवाब मांगा था लेकिन उसके दिए पत्र का जवाब देने की हिम्मत पुनंम में बिल्कुल भी नहीं थी। उसे मनोज के बारे में सोच कर उसकी हरकत के बारे में सोच कर उसे गुस्सा आने लगा वह सोचने लगी कि अगर कहीं जाने पर उसके घरवालों के हाथ लग जाता तब उसका क्या होता क्या सोचते,, उसके घर वाले उसके बारे में,,, क्योंकि वह जानती थी कि उसके घर वाले उस पर बहुत भरोसा करते थे वह जानते थे कि पूनम कभी भी इस तरह की हरकत नहीं करेगी जिसकी वजह से परिवार की बदनामी हो,,, इसलिए वह मन में ठान ले कि आप मनोज से वह बात ही नहीं करेगी ना ही उसकी तरफ देखेगी इसी ने उसकी और उसके परिवार की भलाई है यह सोचकर वह कब नींद की आगोश में चली गई उसे पता नहीं चला,,,,
Sandhya ki badi badi gaand

जैसा वह मन में सोची थी ठीक उसी तरह से बर्ताव करने लगी अब आते जाते वह मनोज की तरफ देखती भी नहीं थी वह कुछ बोलना चाहता था,,,, तो उसके बोलने से पहले ही वहां से चल देती थी,,,, पूनम के इस तरह के व्यवहार के कारण मनोज काफी परेशान हो गया था उसे लगने लगा था कि उसका प्यार शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया था उसे इस बात का बेहद पछतावा भी होता था कि उसने पूनम को पत्र लिखकर दिया है क्यों क्योंकि जब तक उसने उसे पत्र लिखकर नहीं दिया था तब तक तो पूनम उससे बातें तो करती थी लेकिन अब तो वह उसकी तरफ देखती भी नहीं थी। पूनम भी कब तक इस तरह से मनोज को धिक्कारने का दिखावा करती रहती,,, उसे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मनोज को पूनम के लिए कुछ कुछ होता था तो पूनम को भी मनोज के लिए कुछ कुछ जरूर होता था बस उसे डर था तो समाज और उसके परिवार का इसलिए वह अपने मन की बात उसे बता नहीं पा रही थी लेकिन जितना बेचैन मनोज था उससे ज्यादा पूनम तड़प रही थी।
दूसरी तरफ उसकी बुआ सुजाता की बुर में पूरी तरह से खलबली मची हुई थी,,,, उसकी जवानी का जोश उबाल मार रहा था,,, बुर की खुजली उसके बर्दाश्त के बाहर थी,,, वह अपनीे बुर में सोहन के मोटे लंड को लेकर चुदना चाहती थी।। लेकिन ना तो उसे मौका मिल रहा था और ना ही वह इस तरह के कदम उठाने की हिम्मत दिखा पा रही थी,,,,, क्योंकि उसे भी अपने परिवार वालों का डर था,,, लेकिन जवानी का जोश उबाल मार कर सारी मर्यादा को तोड़ ही देती है,, ऐसे ही 1 दिन शाम को वह अपने खेतों में टहल रही थी सब्जी तोड़कर घर ले जाने के बहाने,,,, वह जानबूझकर देर कर रही थी,,, क्योंकि ऊसे सौहन का इंतजार था। वह अच्छी तरह से जानती थी कि उससे मिलने के बहाने वह खेतों के चक्कर जरूर मारता था,,,, शाम ढल रही थी अंधेरा छाने लगा था और यही सही मौका भी था उससे मिलने का,,,
खेतों में चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था वह सब्जियां तोड़ भी रही थी और इधर-उधर चकर पकर नजरें दौड़ाकर सोहन को देखभी ले रही थी कि कहीं वह आ तो नहीं रहा है,,,
वह सब्जियां झुक कर तोड़ ही रही थी कि तभी सोहन ने उसे पीछे से आकर उसकी पतली कमर में अपने दोनों हाथ डालकर पकड़ लिया,,,,,
Sujata ki badi badi gaand jiska Sohan Deewana tha


wxga screen resolution

ओहहहहहहह,,,,,, मां,,,, ( इस तरह से एकाएक पीछे से पकड़े जाने की वजह से सुजाता एकदम से डर गई,, और उसके मुंह से चीख निकल गई लेकिन तुरंत सोहन उसके मुंह पर अपना हाथ रखकर दबाते हुए बोला,,।)

डरो मत मैं हूं जानेमन,,,


सोहन तू,, तू तो मुझे डरा ही दिया था,,,

तू सच में डर गई,,,,,

तो क्या ईस तरह से पकड़ेगा तो डर तो लगेगा ही,,,,


अरे मेरी जान मैं तो समझा कि तू बहुत बहादुर है,,,,,
( सोहन अभी भी उसे पीछे से पकड़े हुए था कि गोल-गोल गांड का स्पर्श पाकर उसको पूरी तरह से खड़ा हो गया सुजाता की गांड के बीचो-बीच सलवार सहीत धंसे जा रहा था। जिसका एहसास सुजाता को भी अच्छी तरह से हो रहा था और वह इस स्पर्श की वजह से उत्तेजित हुए जा रही थी। सोहन आव देखा ना ताव कमर में डाले हुए हाथ को ऊपर की तरफ ले जाकर कुर्ती के ऊपर से ही उसकी गोल-गोल चूचियों को दबोच लिया,,,, और उसे ऊपर से ही दबाते हुए बोला।

मेरी रानी एक चुम्मा तो दे दो कब से मैं तड़प रहा हूं तुम्हारे गुलाबी होंठ को चूमने के लिए,,,
( सोहन की यह बात सुनकर उसके बदन में सुरसुराहट होने लगी,,, उसका भी बहुत मन कर रहा है कि सोहन उससे जो चाहता है वह सब कुछ करें लेकिन फिर भी वह यह नहीं जताना चाहती थी कि उसे भी यही सब करना है इसलिए सोहन से बोली,,,।)
धत्त,,,, तू पागल हो गया है क्या,,,,,

हां मैं पागल हो गया हूं रानी तुम्हारी खूबसूरती तुम्हारी खूबसूरत बदन को देखकर,,, अब तो तुम्हें चुमे बिना मेरा मन नहीं मानेगा,,,,( इतना कहते हुए सोहन उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख कर चूमने लगा सोहन की इस हरकत की वजह से सुजाता का पूरा बदन कामोत्तेजना से भर गया वैसे भी अगर औरतों को उनकी गर्दन के ऊपर के हिस्से पर चुंबन किया जाए तो उनकी उत्तेजना कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगती है और यही सुजाता के साथ भी हो रहा था। सुजाता उत्तेजना के मारे अपने नितंबों को और पीछे की तरफ ठेलने लगी क्योंकि सोहन का खड़ाा लंड उसकी गांड के बीचो-बीच ठोकर लगा रहा था। सुजाता सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हुए बोली,,,।

सोहन मुझे कुछ चुभ रहा है मुझे छोड़ो,,,,

मैं जानता हूं मेरी जान कि तुम्हें क्या चुभ रहा है। और तुम भी जानती हो कि क्या चुभ रहा है।,,,

मुझे नहीं मालूम सोहन कि क्या चुभ रहा है तुम ही बता दो क्या चुभ रहा है,,,,( सुजाता शरारती अंदाज में बोली।)

अच्छा मेरी रानी ज्यादा नादान बनने की कोशिश मत करो,,
( सोहन अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए सुजाता को जैसे कि चोद रहा हो इस तरह से करते हुए) पूरा का पूरा लंड बिना आवाज कीए बुर में निगल जाओगी और मुझ से पूछ रही हो कि क्या चुभ रहा है,,,, सुजाता अब तो तुम्हारी बात सुनकर मुझे तुम्हें चोदने का मन करने लगा है। चलो ना अपनी सलवार उतारो,,, मेरा लंड तुम्हारी बुर में जाने के लिए तड़प रहा है।

सोहन की तो ऐसी खुली बातें सुनकर सुजाता की बुर से पानी टपकने लगा उसका भी मन हो गया कि सोहन के लंड को अपनी बुर में डलवा कर चुदवा ले,,,, लेकिन उसे डर भी लग रहा था कि कहीं किसी ने देख लिया तो गजब हो जाएगा सोहन बेहद उत्तेजित नजर आ रहा था वह जोर जोर से कुर्ती के ऊपर से ही सुजाता की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था रह रह कर सुजाता के मुंह से सिसकारी की आवाज़ आ रही थी वह डर के मारे इधर-उधर नजरें घुमा कर देख भी ले रही थी कि कहीं को आ तो नहीं रहा,,, सुजाता पूरी तरह से चुदवाने का मन बना ली थी लेकिन यह अपने मुंह से कहने में शर्म आ रही थी,,,, सोहन लगातार उसे अपनी सलवार उतारने के लिए बोल रहा था क्योंकि वह पूरा उत्तेजित होकर के भरा पड़ा था। वह उसे समझाते हुए बोला,,,।

सुजाता यही सही मौका है आज तुम्हें चोदने का पूरा मौका हम दोनों के पास है देख लो चारों तरफ कोई नजर नहीं आ रहा है और वैसे भी पर बड़ी-बड़ी झाड़ियो और खेतों के बीच हमें कोई भी नहीं देख पाएगा,,,,( सोहन की बात सुनकर सुजाता भी इधर उधर देख कर पूरा इत्मीनान कर ली थी लेकिन फिर भी उसे डर लग रहा था कि कहीं कोई देख ना ले एक तो उसके मन में समाज का डर भी था और जवानी की उमंगे भी थी,, जवानी के जोश से भरी हुई सुजाता पर बदन की जरूरत,, तन का साथ भारी पड़ने लगा,,,, समाज के डर और परिवार के डर को वह कुछ देर के लिए एक तरफ रख दी,,, सोहन बार-बार उस पर दबाव डाल रहा था सलवार की डोरी खोल कर उसके लिए रास्ता बनाने के लिए,, सुजाता भी पूरी तरह से मन बना ली थी अब खुलकर तो वह उसी से नहीं बोल सकती थी कि हां मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूं इसलिए वहां बात को दूसरे शब्दों में बोली,,

सोहन मुझे डर लग रहा है कहीं कोई देख लिया तो,,,
( कहीं कोई देख लिया तो,,, औरतों के मुंह से कही गई यह बात हमेशा औरतों की संमति की मोहर लगाती है। खेला खाया सोहन सुजाता के मन की बात समझ गया,,,। और वह बोला,,,


how to adjust website for screen resolution


अरे कोई नहीं देखेगा तो ज्यादा अंधेरा पूरी तरह से छा चुका है। जल्दी से सलवार उतार दो,,,,

( सुजाता को फिर भी मन में डर बना हुआ था,,, दो कदम की दूरी पर ही सूखे घासों का ढेर लगा हुआ था,,, सुजाता उस तरफ देखते हुए बोली,,,।)

सोहन यहां नहीं उस घास के पीछे वहां कोई नहीं देख पाएगा,,,,

तुम्हारी जैसी मर्जी चलो जल्दी चलो,,,,

मैं पहले वहां जाती हूं तुम तब तक खड़े होकर नजर रखना मैं तुम्हें जल्दी ही बुलाऊंगी,,,,( ऐसा कह कर सुजाता उस घास के ढेर के करीब जाने लगी,,, सोहन को तो गुस्सा आ रहा था लेकिन क्या करता आज उसे सुजाता कि बुर चोदने को मिल रही थी इसलिए वह शांति से सुजाता के नखरे सहता रहा,, सुजाता घास के ढेर के पीछे पहुंचते ही एक बार फिर से चारों तरफ नजर दौड़ा ली,,, पूरी तरह से इत्मीनान कर लेने के बाद वह अपनी सलवार की डोरी को खोलकर पेंटी सहित जांघो तक नीचे सरका दी,,,, सुजाता पूरी तरह से चुदवासी हो चुकी थी उसकी बुर से मदन रस की बूंदें टपक रही थी वह पीछे नजरें घुमा कर सोहन की तरफ देखते हुए बोली,,,

जल्दी आओ मेरे पास समय नहीं है,,,,
( सोहन तो उसकी आवाज सुनते ही जल्दी से घास के पीछे पहुंच गया जहां पर सुजाता पहले से ही अपनी सलवार को घुटने तक सरकाकर खड़ी थी,,,, यह नजारा देखते ही सोहन जोश से भर गया,,, वह जल्दी से सुजाता को झुक़ने के लिए बोला,,,, लेकिन सुजाता को कुछ समझ में नहीं आया क्योंकि यह उसके लिए पहली ही बाहर था और तो हम तो पहले से ही खिला खाया था उसे सब मालूम था कि क्या करना है इसलिए वह खुद ही सुजाता की पीठ पर अपना हाथ रखकर उसे आगे की तरफ झुकाते हुए उसे उसकी गांड को थोड़ा सा उठाने के लिए बोला मुझे आता नहीं सोहन के कहे अनुसार ही अपनी गांड को थोड़ा सा बाहर की तरफ निकालकर हवा में उठा दी,,,, सुजाता की कुंवारी बुर बार-बार पानी छोड़ रही थी सुजाता की यह अदा देख कर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे,,, सोहन तो कई औरतों के मदन रस से अपनी प्यास बुझा चुका था इसलिए वह संभल गया जल्दी से वह भी अपने पजामे को नीचे सरका कर अपने मोटे लंड को बाहर निकाल लिया,,, और अंधेरे में भी अपने लंड को पकड़कर उसके सुपाड़े को लंड की सुपाड़े से ही टटोलकर सुजाता की बुर से सटा दिया,, सुपाड़ा का स्पर्श बुर पर होते ही सुजाता का पूरा बदन गनगना गया उसकी तो सांसे ही अटक गई,,,
सोहन अपने लंड के सुपाड़े को बुर के अंदर धीरे-धीरे सरकाते हुए बोला,,,

ओह मेरी रानी तुम तो बहुत पानी छोड़ रही हो,,,

जल्दी करो सोहन मुझे देर हो रही है घर जाने के लिए,,,,,



तुम चिंता मत करो मेरी जान( इतना कहने के साथ ही उसने आधा लंड सुजाता की बुर में घुसा दिया,,, दर्द के मारे सुजाता के मुंह से कहरने की आवाज़ आ रही थी,,, यह तो भला हो उस मोटे ताजे बैगन और ककड़ी का जिसे तू चाहता अपनी बुर में डाल डाल कर मोटे लंड को अंदर जाने के लिए जगह बना चुकी थी वरना इस समय वह चिल्ला चिल्ला कर पूरे गांव को इकट्ठा कर ली होती,, सोहन सुजाता की गोल-गोल गांड को सहलाते हुए अगले ही पल जोर का धक्का लगाया कि पूरा लंड उसकी बुर में समा गया,,, सोहन को मालूम था कि उसकी इस हरकत पर सुजाता जोर से चिल्ला देगी इसलिए वह धक्के के साथ ही अपना एक हाथ आगे ले जाकर उसके मुंह को बंद कर दिया और उसकी चीख़ गले में ही अटक गई,,,,, सुजाता को बहुत दर्द हो रहा था वह उसे निकालने के लिए बोलना चाहती थी,,, लेकिन सोहन जानता था कि एक बार बड़ी तेजी से लंड बुर में चला जाए तो लड़कियों को ज्यादा दर्द होता है और वह उसे निकालने के लिए जरूर बोलती है इसलिए वह उसके मुंह को वैसे ही दबाए रहा और धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे चोदना शुरू कर दिया,,, थोड़ी ही देर बाद सुजाता को भी मज़ा आने लगा और उसके मुंह से सिसकारी की आवाज आने लगी तो सोहन अपना हाथ उसके मुंह से हटा लिया और उसे चोदने का मजा लूटने लगा,,, थोड़ी देर बाद दोनों एक साथ अपना पानी छोड़ दिए सुजाता जल्दी से अपने कपड़े पहन कर खेतों से भाग गई,,,, घर पर पहुंचने पर जब उसे पूछने लगे कि देर किस लिए हुई तो वह सहेली से बातें कर रही थी ऐसा बहाना बनाकर असली बात को छुपा ले गई,, सुजाता बहुत खूब थी क्योंकि आज पहली बार उसकी बुर में किसी लंड का प्रवेश हुआ था। ऊसकी बुर का इस तरह से उद्घाटन होगा उसने कभी सोची भी नहीं थी,, लेकिन अपनी बुर की धमाकेदार उद्घाटन से वह बेहद खुश थी।



रात को खाना खाने के बाद पूनम अपने कमरे में काफी बेचैन नजर आ रही थी। मनोज को लेकर उसके दिल में अलग अलग से ख्याल आ रहे थे और इंसानों की वजह से उसकी आंखों में नींद नहीं थी। अपनी चाची से वह मोबाइल मांग कर लाई थी, क्योंकि मोबाइल की उनको अभी जरूरत नहीं थी उसके चाचा जो वापस लौट आए थे।,,, मनोज के लिए पूनम की बेचैनी और कड़क बढ़ती जा रही थी वह मोबाइल पर गाने सुन रही थी। गाना गा रही हीरोइन की तरह ही उसका भी हाल हो गया था,,,, वह कान में हैंड्स फ्री लगाकर आंखों में नींदे ना दिल में करार मोहब्बत भी क्या चीज होती है यार,,,

इस गाने को बार-बार लगाकर सुन रही थी लेकिन इस गाने में पूनम की बेचैनी को और भी ज्यादा बढ़ा दिया था।
उससे रहा नहीं जा रहा था और वहां टेबल पर रखा अपना स्कूल बैग लेकर आई और उसमें से अपनी इंग्लिश की नोट निकाल ली जिसने की आखिरी पन्ने पर नंबर लिखा हुआ था और यह नंबर मनोज का ही था। पूनम किसी के हाथ ना पड़ जाए इसलिए उसके दिए लेटर को तो वह फाड़ कर फेंक दी थी लेकिन उसमें लिखा नंबर अपनी नोटबुक में लिख ली थी
उसके मन में उथल पुथल मची हुई थी वह मन ही मन में सोच रही थी कि वह नोटबुक में लिखे नंबर को वह डायल करें कि ना करें,,, दिल कह रहा था कि वह नंबर डायल करें और दिमाग से रोक रहा था आखिरकार दिमाग हार गया और दिल जीत गया वह दिल की सुनी और कांपते उंगलियों से मोबाइल की कीपैड पर नोटबुक में लिखे नंबर को डायल करने लगी।
जैसे ही नंबर डायल करके वह मोबाइल को कान पर लगाई तो सामने मोबाइल की घंटी बज रही थी,,,, वह फोन कट करने के बारे में सोच ही रही थी कि सामने से फोन उठ गया,,,
और जैसे ही सामने से आवाज आई,,,,

हेलो कौन,,,,

इतना सुनते ही, पूनम का बदन कांपने लगा और वह झट से फोन काट दी,,,,, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था ना जाने उसके बदनन में अजीब प्रकार की हलचल महसूस हो रही थी।,,, कुछ देर तक वह ऐसे ही बैठी रही,,, उसका मन थोड़ा शांत हुआ कि तभी मोबाइल की घंटी बजने लगी वह स्क्रीन पर नंबर देखी तो उस नंबर को देख कर एक बार फिर से उसके बदन में कपकपी से मच गई,,,, और वह झट से मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया।

सोहन और सुजाता

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर सुजाता की गदराई बुर का उद्घाटन सोहन के मोटे तगडे लंड से हो ही गया
पुनम भी मनोज के लिये बेचैन होने लगी
 

rohnny4545

Well-Known Member
13,280
34,556
259
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
आखिर सुजाता की गदराई बुर का उद्घाटन सोहन के मोटे तगडे लंड से हो ही गया
पुनम भी मनोज के लिये बेचैन होने लगी
बहुत-बहुत शुक्रिया
 
  • Like
Reactions: xxxlove

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,719
111,058
304
Waiting
 
  • Like
Reactions: rohnny4545

Crazy7

Member
214
144
43
Update
Its been a long time
Update nhi aya

Intezar rahegar
 
  • Like
Reactions: अंजुम

Visgu

Member
165
226
58
Waiting
 
  • Wow
Reactions: Crazy7
Top