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Erotica चस्का चुदाई का

deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update - 1

बहन ने कॉन्डोम लेने भेजा


हॅलो दोस्तो, मेरा नाम राजेश, मैं पुने का रहने वाला 33 साल का शादी शुदा बंदा हु। ये करीब 15 साल पुरानीं एक सुखद घटना है मैं एक कॉलेज मैें पढता था। रोज़ का दिन निकल रहे थे। मेरे एक दोस्त के पास DVD प्लेअर था, उस समय CD का जमाना था, हम किसींको अगर कोई CD मिलती तो, हम दोस्त लोग मिल कर उसके यंहा कभी-कभी ब्लू फ़िल्म देखा करते थे। बहोत मज़ा आता था। हम सभी को चुदाई वाली गन्दी-गन्दी पोर्न फ़िल्मे देखने का चस्का-सा लग गया था।

ब्लू फ़िल्म देखने के बाद अपना लौड़ा हिलाके पानी निकाल ते थे। चोदना कैसे होता है ये तो मालूम था मगर कभी चोदने का मोका नहीं मिल रहा था। हमारे यंहा बुधवार पेठ हे वहा पर वेश्या व्यवसाय चलता है, मगर, बहोत सुना था उधर अगर छोटे उमर के लंडको को लूटा जाता है, में और मेरा दोस्त वह गली से बहोत बार गुजरे मगर, उधर अंदर जाकर कुछ करने का साहस नहीं हो पाया। वेसे ही हाथ से काम चलाकर दिन निकाल रहे थे। अपने लंड को समझा रहे थे बेटा तेरा भी एक दिन आयेगा, तेरे को ये हाथ से छुडाके अपने चुत में समाने वाली कोई तो मिलेगी। बोलते है ना भगवान के घर देर है मगर अंधेर नही, आख़िर वह दिन भी आ गया।

एक दिन में कॉलेज से घर शाम करिब 5 बजे आया । जुते निकालकर सिधे बाथरूम में गया, हाथ पेर धोये और कुछ खाने के लिये किचन मैं गया। तभी मेने देखा मेरी बडी बुआ की लंडकी रेखा बर्तन धो रही थी । मैं आप को रेखा के बारेमे बताऊ तो आप का लंड खडा हो जाये, भरे हुवे स्तन ऐसें उभरे दीखते है कि उसपे झपटने का किसीं का भी मन करे, गोल गांड, भगवान ने भी उसको क्या तराश के बनाया था, एकदम अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा जैसे दीखती थी वो। शादी शुदा थी, मगर कुछ घरेलू झगडे के वज़ह तीन महिने पहले वह अपने पति का घर छोडकर मेरे बुआ के घर आई थी, वापस जाने को हम सब लोगों ने बहुत समझाया पर वह नहीं मानी। तबसे वह अपने मायके रह रही थी। उसको एक बेटी है। वह उसको भी साथ लेकरं आई थी।

आज अचानक रेखा को देखकर में चोक गया। में उसके पास जाकर पुछा; अरे रेखा दीदी कब आई तुम। मेरे से पाच साल बडी होने के वज़ह से मैं उसको दीदी बुलाता था। रेखा दीदी बोली अरे राज कब आये तुम पता ही नहीं चला, में दोपहर को आई, ज़रा पूना मैं काम था तो आ गई, अभी दो दिन यही हु ।मेने पुछा पिंकी दिखाई नहीं दे रही, पिंकी उसकी बेटी का नाम है, उसने बोला अरे दो दिन के लिये आई हु इस लिये उसको साथ नहीं लाई. मेरा और रेखा दीदी का बहुत अच्छी जमती थी ।मे उसको देख कर खुश हो गया । हम लोग इधर उधर की बात कर के कब समय बीत गया पता ही नहीं चला। बातो ही बातो में मैने उसके पति की बात छेडी, इस बात से उसका पुरा मुड बिगड़ गया।

तभी मेरी माँ आगयी, माँ बोली जा थोडी पढाई कर, तबतक में और रेखा मिलकर खाना बना लेते है, और में किचन से चला गया। रात के 9 बजे हम सब लोग खाना खाने के लिये बैठे, खाना खाकर मैं Tv देखने हॉल में लगे बेड पर लेट गया। करिब एक घंटे बाद रेखा दीदी आई मेरे बाजू में बेठकर tv देखने लगी। Tv देखते-देखते कब मेरे को नींद आई पताही नहीं चला । में वही बेड पर सो गया। हमारा घर छोटा था, किच और हॉल, इसलीये हम सभी लोग हॉल में ही सोते है। मेरे को एक बहुत ही मस्त सेक्स का सपना आया , सपने में मैं और मेरी कॉलेज की लंडकी दीपा गार्डन में बैठे है और एक दुसरे को किस कर रहे है, में उसके भरे हुवे स्तन अपने हाथ से दबा रहा हु और दीपा मेरे पॅन्ट में हाथ डालकर मेरा लंड सहला रही है।

महत मजा आ रहा था , मैं उसकी सलवार खोलने ही वाला था कि तभी बिल्ली ने आवाज़ की और में नींद से जाग गया। तभी मेरे को अहसास हुवा की बेड पर मेरे बाजू में रेखा दीदी सोई हुई है। मेरे को लगा शायद tv देखते-देखते मेरे जैसे यही सो गयि। मेरे को कभी भी उसके बारे में ऐसें ग़लत खयाल नहीं आया था, मेने कभी भी उसके बारे मे ऐसें सोचा ही नहीं था, मगर सपने की वज़ह से मेरी वासना का भूत मेरे पर चढ चुका था। मेरा 6 इंच लंड तनके पॅन्ट में गोतें खा रहा था और मेरे बाजू में एकदम मस्त माल सोया हुवा था क्या करू कुछ समझ मे नहीं आ रहा था, तभी मेने सोचा थोडा साहस करते हे ।

मेने मेरा एक हाथ रेखा दीदी के बदन पर डाल दिया करीब पाच मिनिटं तक देखा उसकी कोई रिअकॅशन नहि हुआ , तब मेने थोडा और साहस करके हाथ उसके उभरे हुवे बुब के उपर रखा तब भी कोई प्रतिक्रिया उसके तरफ़ से नहि हुई । में धिरे-धिरे उसके बुब दबाने लगा। थोडी देर दबाने के बाद मेरे को अहसास हुवा की रेखा दीदी गहरी निंद मैं है। मेने थोडा और साहस करते हुवे उसके कुर्ते के अंदर हाथ डालकर बुब दबाने लगा। उसने एक ढिला सलवार कुर्ता पहाना हुवा था। ये मेरा पहला अनुभव था इसलिए मुझे बहुत मज़ा आ रहा था में तो जैसे जन्नत में था यह सब करते हुवे मेरा लंड बहुत ही उत्तेजना से फडफडा रहा था।

रेखा दीदी से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, करिब 15 मिनिट मैने उसके चुचे आराम-आराम से दबाये। मेरे में और ज्यादा साहस आया तभी मैने सोचा सीधे मुद्दे पर आते है। मैने धिरे-धिरे रेखा दीदी का सलवार का नाडा ढुडनेके लिये अपना हाथ नीचे सरकाया, उसने नाडा सलवार के अंदर घुसाया हुवा था, धीरे से मैने उसे बाहर निकाला और नाडा खोलनेकीं लकीर खिची मगर मेरी बदकिस्मती से नाड़े को गाठ लग गयी, करिब पाच मिनिटं की कोशीश के बाद वह गाठ खुली। मेरे को समज नहीं आ रहा था कि रेखा दीदी सच में सोइ हुवी है या नाटक कर रही है। मेने सोचा जाने दो देखेगे जो होगा वह देखा जयेगा, क्यो की मेरे उपर सेक्स का भूत सवार हो गया था।

मेने सलवार धिरे-धिरे नीचे खोलनेकीं कोशीश की सलवार के साथ उसकी निकर भी उसके जांघो तक आ गयी। तब में उठा और बाजू में देखा सब लोग सो रहे थे, थोडी धीमी रोशनी के कारन मेरे को उसकी चुत दिखी, चुतपर बहोत बाल थे इसलीये गोरी जांघो में मेरे को काले बाल का जंगल दिखाई दे रहा था। अब मेने जादा देर न करते हुवे मेरा तना हुवा लंड पॅन्ट की चेन खोल कर बाहर निकाला और ज्यादा वज़न न डालते हुवे में रेखा दीदी के उपर आया। एक हाथ से लंड पकडकर चुत का रास्ता ढुडने लगा, तभी मेरे को उसकी चुत गिली हुई है यह अहसास हुवा, लंड चुत के उपर घुमाके उसका द्वार मिल गया वेसेही मेने एक झटका दिया पुरा लंड चुत में घुस गया, वाह दोस्तो क्या अहसास था मेरे पहले चुदाई का मानो सारी दुनिया की ख़ुशी मेरे लंड में समा गई है।

मेने देखा नीचे से कोई हलचल नहीं हो रही, तभी मेने और दो तीन बार लंड अंदर बाहर किया लेकिन इतने देर से चल रही क्रीडा के वज़ह से मैं उत्तेजना के परम चरन पर पोहच गया और मेने और एक झटके में मेरा सारा माल उसके चुत में छोडकर उसके उपर गिर गया। तभी रेखा दीदी जेसे नींद से उठी और एकदम धीमी आवाज़ से मेर कान में बोली अरे ये क्या किया तुने ।

मेरी डर के मारे फट गई. में जल्दी से बाजू सरक कर मेरे जगह पर जाकर सो गया। वह अपनी सोयी अवस्था में सलवार उपर खिच कर बाँधी और उठकर बाथरूम चली गयी। में बहोत डर गया, मेरे को लगा अब ये माँ को बता देगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं और ही वह वापस आकर मेरे बाजुंमे सो गई.

मेरी हालत खराब थी सुबह के करिब 6 बज रहे होंगे। मअब क्या होगा कुछ समझ नहीं आ रहा था मेने वैसे ही सोने का नाटक किया । करिब साडे छह बजे मेरी माँ उठी और उसने रेखा दीदी को भी उठाया और दोनों किचन में चली गयी करिब सात बजे मैं उठा और सीधे बाथरूम जाकर फ्रेश होगया और बाहर घूम कर आता हु माँ को कहकर निकल गया।

हमारे घर के बाजू मैं एक बगीचा है मैं वहा जाकर बैठ गया, मेरे कुछ दोस्त वहा पर कसरत कर रहे थे, एक दोस्त ने मुझे भी साथ में कसरत करने को कहा, पर मेरा ध्यान कही और था। डर के मारे मेरी हालत खराब होकर पसीना छूट रहा था। मेरे एक दोस्त ने मेरे को देखकर बोला अरे राज कसरत हम कर रहे है और पसीना तेरे को छुटा क्या बात है।

मै चूप चाप बेठा रहा कुछ बोला नहीं मेरे दिमाग़ मैं बहोत सारे सवाल उठने लगे थे, की अगर रेखा दीदी ने माँ को बताया तो क्या होगा। हमारे घरके सब लोग करीब 9 बजे बाहर काम पर निकल जाते थे, इस लिये में साडे नो बजे घर गया । घर पे कोई नजर नहीं आ रहा था मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी रेखा दीदी के सामने जानेकीं, तभी रेखा दीदी किचन से बाहर आई और मेरे हाथ में चाय दे दी।

मेने उसकी तरफ़ अपराधी की तरह देखा और फटाक से सॉरी बोल दिया। उसने कुछ कहने से पहले में उसके पेर पर गिरकर माँ को मत बताना बोलने लगा। तभी उसने मेरे को उठाकर कहा एक शर्त पर, तब मैं बोला ' तेरी सारी शर्ते मान्य, वह बोली अरे सून तो ले; तुने जो कुछ मेरे साथ किया वही अभी में जैसे बोलुगी वैसे करना पडेगा, में चोक गया, मानो सारी दुनिया की ख़ुशी खुद्द ब खुद्द मेरी झोली मैं आ गिरी हो।

मैने उसे कस के पकडा और उसके पूरे चेहरेको चुंमने लगा। तभी उसने मुझे धकेला और कहा, शर्त के मुताबीक में जैसे कहूगी वेसा होगा। मैं बोला जी दीदी आप जैसे बोलोगी वैसे ही करूंगा , तभी वह बोली तू जब रात को मेरे बुब पर हाथ रखा तभी मैने सोचा की देखते है ये आगे बढता है या नहीं।

मैने उसकी बात काटते हुवे कहा तब तुम जागी हुई थी, वह हस् कर बोली पागल किसी भी औरत का स्तन बहोत सेंसिटिव होता है, तुने उपर-उपर हाथ रखा तभी मैं जाग गयी थी, तेरे को बराबर सेक्स करने को नहीं आता, आज में तेरे को सिखाती हु कैसे करते है, अभी एक काम कर मेरे को नहाने जाणा है तो तू मेडिकल जा और एक इरेजर और कंडोम लेके आ। कंडोम तो समझ आता है, मगर इरेजर क्यो चाहीये मैंने मेरी बहन से पुछा, तभी वह मेरे गाल पर एक हलकी किस करके बोली; अरे मेरे राजा तू लेके तो आ बाद में सब समझ जायेगा।

मे मन मैं सोचा जाने दो अपने को क्या एक तो मस्त चुत का जुगाड़ हुवा है उसको खोना नहीं चाहता था। मेने तुरंत अपनी सायकल निकाली और चला रेखा दीदी ने बोली चीजे लेने, मगर उसी समय मेरे को याद आया साला अपने पास पैसे किधर है। मैं वापीस घर आया, मेरे को देखते ही रेखा दीदी बोली अरे इतने जलदी आ गया , चल अब अपने काम पर लगते है, तब मैं उसके सामने मुरझाया हुआ मुँह लेकरं बोला, दीदी में वो चिजें नहीं लाया।

तभी मेरी बहन बोली देख राज तू अगर सोचता है कि बिना कंडोम के चोदेगा तो वह नहीं चलेगा क्यो की तेरा वीर्य मेरी फुद्दी में जाते ही मैं पेट से हो सखती हु, तभी मैं दीदी से बोला अरे दीदी वेसी बात नहीं, उसने बोला फिर क्या बात है, दरअसल दीदी ये सब लेने को मेरे पास पैसे नहीं है, तभी दीदी मुस्कुराके बोली बस इतनी-सी बात, रुक मैं आई, उसने अपने बॅग से पर्स निकाली और मेरे को सौ की पत्ती निकाल कर दे दि और बोली ये ले पैसे और ले आ और जाते समय आवाज़ दे के बोली ये उधार रहा तुझं पर मेरा...

मैं बोला ठीक है दीदी अभी में कॉन्डोम लेने जा रहा हूँ बाद में दे दुगा... तभी मेरी बहन मुझे कातिल नजरो से देखकर बोली मेरे प्यारे भाई तुमसे ये पैसे कैसे वसुलने है मुझे अच्छी तरह से पता है... में वापीस सायकल ली और कॉन्डोम खरीदने चल दिया अपनी मंज़िल की और......।

तो आगे क्या हुवा ये जानने के लिये आगे की कहानी का वेट करे।

Note-अन्य साइट से ली गयी कहानी
 
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Update ki pratiksha rahegi.....
 

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अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी
 

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

deeppreeti

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चस्का चुदाई का

Update- 6

दीदी की चुदाई करने गाँव गया


इस हिंदी सेक्स स्टोरी के पिछले वाले भाग में आप ने पढ़ा था की मेडिकल स्टोरी वाली सविता भाभी मैंने छोड़ चढ़ कर प्रेग्नेंट कर डाला था और अब वो मेरे बच्चे की माँ बन्ने वाली थी. सविता भाभी को प्रेग्नेंट होने की वजह से डॉक्टर ने सेक्स न करने की सलहा दी.

सविता भाभी ने मुझे ये बात बतादी और कुछ तेरे लिये जुघाड करुंगी ये भी वादा किया. दो तीन दिन ऐसें ही निकल गये, अब मुझे चुदाई की आदत लग गयी थी. खाली खाली मन नही लग रहा था. तभी अपनी बहन रेखा दीदी की बात याद आगयी और मेने सोचा क्यो ना अपनी बहन की चुदाई करने के लिये गाँव चला जाये. मेने गाँव मे रेखा दीदी के डॉक्यूमेंट लाने का बहाना बताकर माँ से परमिशन ली. और गाँव जाने की तयारी की अब आगे- मे शनिवार को दोपहर की गाडी से गाँव पोहच गया. जाते जाते शाम हो गयी थी.

मे घर पोहच गया. मेरी चाची ने और मेरी बुवा ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया. पर मेरी नजरे रेखा दीदी को ढुंढ रही थी. रेखा दीदी किधर नजर नही आ रही थी. मे ने बुआ से पुछा,रेखा दीदी दीदी दिखाई नही दे रही है? बुवा बोली होगी यही कही किसीं सहेली के घर…तभी दौडते हुवे रेखा दीदी दरवाजे से अंदर आ गयी. रेखा दीदी मुझे देख एकदम उत्साह के साथ आकार मुझे गले लगाने ही वाली थी तभी उसने सामने बुवा को देख अपने होश संभाले.रेखा दीदी ने मुझे पुछा अरे राज तुम कब आये. मेने कहा अभी अभी ही पोहचा हु. चलो अब फ्रेश हो आओ तब तक हम खाने की तयारी करते है, रेखा दीदी ने एक प्यारी मुस्कान के साथ कहा.

मे भी फ्रेश होकर बाहर आंगन मे जाकर बेठा. रेखा दीदी ने मुझे चाय लाके दी और धीमी आवाज मे कहा इतने दिन क्यो लगे आने मैं. मेने कहा कुछ बहाना नही मिल रहा था आने के लिये. अब क्या मिला तुझे बहाना रेखा दीदी ने मेरी चुटकी काटते कहा. मेने रेखा दीदी से कहा माँ से तेरे डॉक्यूमेंट पोहचाने का बहाना बताकर तेरी चुदाई करने आया हूँ. मेरी बहन रेखा अपनी चुत मसलते हुए अंदर चली गयी. करिब 8 बजे रेखा दीदी दीदी ने मुझे खाना खाने के लिये आवाज दि. मे भी अंदर जाकर खाना खाने को बैठ गया. हम सब लोग साथ मे ही खाना खाने बैठ गये.

चाची ने मुझे पुछा, राजेश बहुत दिन बाद गाँव की कैसे याद गयी. मेने भी तुरंत जबाब दिया ,चाची वो रेखा दीदी दीदी के डॉक्यूमेंट देने थे ना इसलीये आया हु. तेरे को क्या गाँव आने को कोई बहाना ही चाहीये क्या, अब हर छुट्टी को आते जा , चाची ने बडी जोर डालकर कहा. मेने भी उनके हा मे हा मिला के रेखा दीदी की और देखा. रेखा दीदी अपनी खुशी छुपाने का नाकाम प्रयास कर रही थी. हम सब ने खाना खाकर आंगन मे जाकर गप्पे मारने बैठ गये. कुछ समय की बातचीत के बाद चाचा और चाची सोने चले गये.अब मे मेरी बुवा और रेखा दीदी ही आंगन मे गप्पे मार रहे थे. कुछ समय बाद बुवा बोली ,चलो अब सोने के लिये बहुत रात हुवी है.

तभी रेखा दीदी ने कहा राज तुम मेरे कमरे मे ही चलो सोने के लिये, बाहर हॉल मे तुम्हे निंद नही आयेगी. बुवा भी बोली हा राज तू रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे बैड पर सोजाओ , तूम्हे आदत नही होनगी ना नीचे सोने की, मे और पिंकी बाहर हॉल मे सोजाती हु. मेने कहा नही बुआ आप सोजाओ रेखा दीदी के साथ बैडरूम मे मैं हॉल में नीचे सोजाता हु. बुवा बोली नही मेरा भाई क्या बोलेगा मुझे की ,मेरा बेटा इतने दिनो बाद गाँव आया और बुवा ने उसे नीचे बाहर सुलाया. नही नही तुम अंदर बैडरूम में ही सोना. मेरे मन मे तो रेखा दीदी दीदी के साथ बैडरूम मेंही सोने का था मगर थोडी नौटंकी तो करनी ही थी. मेने कहा ठीक है बुआ मे जाता हु अब सोने को, थक गया हु यात्रा मे.

अब मे अंदर अपनी बहन रेखा के बैडरूम में चला गया. और कपडे बदल कर बैड पर लेट गया. मे रेखा दीदी की बडी आतुरता से राह देख रहा था. कुछ समय बाद रेखा दीदी आगयी. आते ही उसने फटाक से दरवाजा बंद कर मेरे उपर तूट पडी. मुझे बेताहाशा चुंमने लगी. तभी मेने देखा की दरवाजा खुला है. मेने उसे बहुत ही धीमी आवाज मे कहा दरवाजा तो बंद करो. रेखा दीदी भी होश मे आकार दरवाजा बंद करने गइ और दरवाजा बंद कर वापस आकार मेरे उप्पर टूट पडी. रेखा दीदी को रोकते हुवे मेने कहा, कंहा है मेरा सरप्राइज दीदी….??? रेखा दीदी ने मेरे होटो को चुमते हुए कहा सब्र करो मेरे राजा भैया सब्र का फल मीठा होता है. मेने उसके होटो को काटते हुवे कहा नही मुझे मिठा फल नही चाहीये, जो भी हो वो अब चाहीये.

रेखा दीदी ने भी जबाब मे मेरे होट काटते हुवे कहा अब ये खट्टा फल खाले कल तुझे मिठा फल मिल जायेगा. मेने भी उसके रसिले होटो को चुमते हुवे कहा आज तो इस खट्टे फल को निचोड निचोड के खाउगा. मेरी बहनरेखा दीदी मेरे होटो को चुंम रही थी, चुस रही थी. माहोल एकदम रोमांच से भर गया तथा. मेने भी उसके गर्दन के पिछे हाथ डालकर उसके गर्दन को पकडे बडी रोमॅंटिक स्टाईल मे उसके होटो को किस कर रहा था. रेखा दीदी और मे अब पुरी तरह सेक्स करने के मुड मे आने लगे थे. मेने मेरा एक हाथ उसके कुर्ते के उपर से ही उसके बोबे के उपर रख दबा दिया. वेसे ही वह सिहर उठी, और मुझे दुगनी रफ्तार से किस करने लगी.

मेने भी अपनी सेक्सी बहन का स्तनमंथन जोर से शुरू किया. करिब पाच मिनिटं बाद हम दोनो ने एक दुसरे के सारे कपडे उतार दिये. हम दोनों भाई बहन पुरे नंगे एक दुसरे के सामने थे. तभी मेने मेरी बहन को बोला लाईट बंद करदो दीदी . मेरी बहन ने बैडरूम की लाईट बंद कर जिरो ब्लब जला दिया. पुरे कमरे मे धीमी लाल रोशनी छा गयी. ऊस लाल रोशनी मे रेखा दीदी दीदी का बदन और भी मादक लग रहा था. मेने उसे खिचकर बैड पर लिटा दिया. उसके पैरो की उंगली को मेरे जबान से चाटते हुवे उपर की तरफ जाने लगा. रेखा दीदी के बदन मे मानो करंट दोड गया.जेसे जैसे मे उसके पैरो को चुंम रहा था वैसे वैसे वो आहे भर रही थी.

अब में अपनी बहन की जांघो तक आ गया उसकी जांघो को चाटने के बाद मै थोडा उपर चाटने लगा. रेखा दीदी ने अब आखे बंद कर बैड शीट को अपने दोनो हाथो से दबोचे अपने होटो को दातो मे दबोचे एक प्यारी आह भरी. उसकी आवाज तेज थी.मेने उसे आवाज कम करनेका इशारा किया. अब मे उसकी चुत तक आ गया , मगर मे उसे और तडपानां चाहता था. उसकी चुत के बाजू से किस करते हुवे मे उसके पेट तक पोहोच गया और उसके नाभी मे अपनी जुबान डाल चाटने लगा. रेखा दीदी नीचे मानो चुदाई के लिये तडप रही थी.

मेने अब धिरे धिरे पेट पे किस करते हुवे बोबे के निप्पल तक पोहच अपनी जुबान निप्पल पे घुमा दी. उसने अब मेरे सर के बालोमे हाथ डालकर सेहलाना शुरू किया मेने भी अब एक हाथ उसके दुसरे बोबे पर ले जाते हुवे एक बोबे का निप्पल मु मे भर चुसने लगा और दुसरे को दबाने लगा. रेखा दीदी अब पुरी तरह से गरम होगयी थी. उसके पैरो ही हलचल सब बयान कर रही थी. दोनो बोबे की बारी बारी चुसाई के बाद मे मुडकर 69 पोजिशन मे आ गया और उसकी चुत को चुंम लिया. अपनी जुबान से उसकी चुत की पँखुडियो को बाजू कर चुत के छेद मे जुबान लगा दि. मेरी जुबान के स्पर्श से रेखा दीदी ने अपने कुल्हे उठा दिये. मेरा पुरा लंड मु मे भर चुसने लगी. मेने भी उसकी चुत चाटना शुरू किया. अब मेरी बहन की चुत से पानी रिज रहा था.

करिब पाच मिनिटं बाद रेखा दीदी ने कहा बस करो भाई अब अपनी बहन को और मत तडपाओ अब डाल दो नही तो मे बिना चुदवाये ही झड जाऊगी. अब मे उठ कर उसके दोनो पेर अपने कंधो पे लिये अपना लंड उसकी चुत पर घुमाँकर उसके छेद का मुवायना किया और एक झटके मे ही अंदर डाल दिया. चुत गिली होने की वजह से बडी आसनी से लंड अंदर चला गया. मगर झटका इतना जबरदस्त था की रेखा दीदी को तकलीब हुवी उसने कहा आराम से राज . अब मेने उसकी चुत मे लँड अंदर बाहर करना शुरू किया. रेखा दीदी भी जोश मे आ रही थी. मे अपनी बहन के पेर नीचे कर उसके दोनों पैरो के बीच आ गया. रेखा दीदी के उपर लेट कर उसकी चुत मे लंड अंदर बाहर कर उसके बोबे दबाकर ,होटो को किस करने लगा.

रेखा दीदी भी अब पुरे आगोश मे मुझे चुंम रही थी. नीचे से कमर हिलांकर मेरा साथ दे रही थी. मे तो सातवी आसमान मे था. मेरा लंड मानो फटने को आय था. तो मे थोडा रुक गया. वह फील मुझे जादा समय लेना था. रेखा दीदी मानो जोश मे थी , वह नीचे से कमर उठा के खुद ही चूदवा रही थी. 1 मिनिट रुकर मेने भी वापीस लंड अंदर बाहर करना चालू किया. लंड धीमी गती से उसकी चुत मे अंदर बाहर करने लगा. वाह क्या फील था. मे पुरा लंड बाहर निकाल अंदर डाले जा रहा था. लंड चुत मे पुरा घुसाकर दबा रहा था, चुत से निकले पानी से लंड और मेरा अंडा तक भिग गया था. रेखा दीदी बडी कामुक सिसकीया ले रही थी. अब उसका सब्र तूट गया वो अब उसकी गांड जोर जोर से उठाने लगी. मे समज गया अब रेखा दीदी अपने चरम पर आ गयी है. मेने भी अपनी बहन को ठोकने की स्पीड बढा दी और जोर जोर से चोदने लगा.

मे तेजी से धक्के लगाने लगा. रेखा दीदी के मुह से दर्द के कारण जोर – जोर से आवाजे निकली, मेने वैसे ही उसके मु पे हाथ रखा और अपने धक्को की स्पीड बढा दि. आवाज नही होनी चाहीये इस लिये चुत पे लंड दबाके अंदर बाहर कर रहा था. मगर चरम पे पोहच ने के बाद मे भी कंट्रोल न कर सका और जोर से आवाज की परवाह किये बिना ही लंड अंदर बाहर करने लगा. चप चप ढप की आवाज होने लगी एक जोर दार धक्के के साथ मे और रेखा दीदी एक साथ ही झड गये. कुछ पल के लिये जोर से आवाज हुवी थी इसलीये , मुझे डर लगा की आवाज बाहर किसींने सुनी तो नही. मेने रेखा दीदी के उपर गीर उसके कानो मे कहा. रेखा दीदी ने कहा मत टेंगशन ले इतनी आवाज बाहर नही जाती. मे भी थोडा रिलॅक्स हो कर बिना लंड बाहर निकाले रेखा दीदी के उपर ही लेट गया.

कुछ पल मे ही हम लोगो को निंद आ गयी. हम भाई बहन नंगे ही एक दुसरे से चिपके हुए सो गये. करिब 2 घंटे बाद रेखा दीदी ने मुझे उठाया. उसके बाद हम भाई बहनों ने एक बार फिर चुदाई करी और फिर से नंगे ही एक दुसरे को चिपकर सो गये. सुबह 8 बजे रेखा दीदी ने मुझे फिर से उठाया और बोला की भाई सुबह हो गयी है जल्दी से कपडे पहनो नहीं तो कोई देख लेगा. हम दोनोने कपडे पहने. मे वापस लेट गया और सोने का नाटक करने लगा. रेखा दीदी बाहर चली गयी. करिब 15 मिनिट बाद मे उठकर बाहर आया. बाथरूम जाकर नहा धोकर तैयार हो गया. रेखा दीदी भी नहा धोकर तैयार होकर मुझे नाष्टा लेकरं आई और मेरे कानो मे कहा सरप्राईज के लिये तैयार हो जाओ.

मेने भी नाष्टा किया और बाहर आंगन मे जाकर बेठ गया. करिब 10.30 बजे रेखा दीदी बाहर आई और मुझे कहा चलो राज कही घुम आते है. मे भी बैठे बैठे बोर हो रहा था तो बोला चलो. हम लोग चलते चलते गाँवसे आधा किलोमीटर दूर आ गये थे. सब तरफ खेत ही दिखाई दे रहे थे. कुछ दूर चलने के बाद मेने रेखा दीदी से पुछा,हम कहा जा रहे है. तो रेखा दीदी ने हाथो के इशारे से मुझे एक खेत मे दिख रहा घर दिखाया. मुझे लगा शायद रेखा दीदी मुझे वहा चुदवाने ले जा रही है. मे ने उससे पुछा वहा क्या है.उसने मुझे कहा तेरा सरप्राईज. मेरी भी उत्सुकता अब बढ गयी थी. करिब पाच मिनिटं चलने के बाद हम वहा पोहच गये. रेखा दीदी ने मुझे कहा तुम यंहा रुको मे आती हु.

करिब 2 मिनिट बाद रेखा दीदी ने मुझे आवाज दि भाई अंदर आ जाओ. मे अंदर गया, घर पुराना मिट्टी से बना हुवा था मगर बहुत बडा था. मे अंदर जाने के बाद रेखा दीदी को आवाज दि , तो अंदर के रुम से रेखा दीदी की आवाज आई. अरे यंहा आओ. मे अंदर गया तो रेखा दीदी नीचे बैठी थी और रेखा दीदी के सामने एक लंडकी बैठी थी. रूम मे जादा रोशनी नही थी तो मुझे वह ठीक से दिखाई नही दे रही थी. तभी मेने कहा अरे अंधेरे मे क्यो बेठो हो. लाईट जलाओ. तभी रेखा दीदी उठी और लाइट जलाई. रेखा दीदी ने लाईट जलाई वैसे ही मुझे वह लंडकी दिखी. लंडकी गोरी चिट्टी और एकदम मस्त माल थी. भरा हुवा बदन, मिडीयम साईज के मम्मे कायामत लग रही थी.

मेने उसे ठीक से देखा तो वो वही लंडकी थी जिसे मे बहुत चाहता था उसका नाम अंजली था. जब भी मे गाँव आता था तब हम लोग बहुत खेलते थे. बचपन से ही मे उसे चाहता था. अंजली मेरे उमर की याने 18 साल की थी. तभी रेखा दीदी बोली राज पेहचाना क्या. मेने भी सर हिला कर हा मे जबाब दिया. रेखा दीदी अब हमारे साथ बैठ गई. तभी रेखा दीदी ने मुझे कहा तुमने कभी माडी पी है क्या.

हमारे गाँव मे नारीयल जैसा एक पेड मगर उसके पत्ते थोडे अलग रहते है ऊस पेड से निकला रस को माडी बोलते है. गाँव मे नशा करने को उसे पिते है. कुछ मात्रा मे उसे दवाई के रूप से पिया जाता है.उसके 2 ग्लास पिने से एक बियर इतनी नशा चढती है. मेने रेखा दीदी से कहा मेने कभी नही पी. तभी रेखा दीदी ने कहा पियेगा क्या? मेने कहा , मुझे भी ट्राय करनी थी लाओ. तभी अंजली उठी और बाजू मे रखा मटका ले आ गयी और 3 ग्लास भी ले आयी.

मेने अंजली से पुछा ,तुमने कभी पी है. अंजली बोली यार हमारी तो घरकी खेती है, मे नही पिऊनगी यौ कैसा. उसने बात करते करते तीन ग्लास भरे. हमने एक एक ग्लास उठा लिया. मेने उसे पिया उसका स्वाद मुझे थोडा खट्टा मिठा लगा. मुझे बहुत पसंद आया. मेने एक ग्लास फटाक से पी लिया. रेखा दीदी बोली आराम से पहली बार पी रहा है. मे ने अंजली से कहा और एक भरो ऐसें ही हम लोगो ने 3-3ग्लास पी लिये. अब उसका असर होने लगा था, मुझे बडा मस्त लग रहा था. मेरी हिम्मत मानो दुगनी हो गयी थी.तभी मेने रेखा दीदी से पुछा ए , कहा हे मेरा सरप्राईज. रेखा दीदी बोली सरप्राईज तो तेरे सामने है. मे कुछ समजा नही.मे पुरा नशे मे आ गया था.

मेने अंजली के और देखा और कहा अंजली!!!!! मे नशे मे पुरे जोश मे अंजली को मेरी तरफ खिचा वो मेरी गोदी मे आकार गीर गयी और उसे कहा अंजली मे तूम्हे बहुत चाहता हु. तभी रेखा दीदी बोली ये महारानी भी तुझे चाहती है और तेरे से अपनी चुत चुदाई करवाना चाहती है. ये सूनते ही मे मानो खुशी से उछल गया. मेने अंजली को उठाया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे आलिंगन दि. अब मेने उसके होटो पे अपने होट रख उसे किस करने लगा. वो भी मुझे बेताहाश चुंमने लगा.उस सेक्सी लड़की ने अपने जिस्म पर गाऊन पेहन रखा था. रेखा दीदी बोलीं कैसा लगा सरप्राईज. मेने कहा. मेरे जिंदगी का सबसे बडा. अंजली को पाकर मे बेहत खुश था. मे उसके जिस्म को मानो भुके शेर की तरह चुंम रहा था.

नशे की वजह से माहोल और भी रोमांचभरा लगने लगा. अंजली भी मानो बहुत दिनो की भुखी शेरनी की तरह मुझे चुंम रही थी. तभी नीचे मेरी पॅन्ट पे कुछ हलचल महसुस हुवी. रेखा दीदी मेरी पॅन्ट की चैन खोल रही थी. मे अंजली के बोबे दबाते दबाते उसे चुंम रहा था. मेंने अंजली का टॉप उतार दिया. उसने ब्रा नही पेहनी थी . उसके मिडीयम साईज के बोबे खुले हो गये. उसपे गुलाबी छोटे निप्पल देख मे उनपर तूट पडा. जेसे ही मेने उसके बोबे के निप्पल अपने मुह में लेकर चुसना शुरू किये वैसे ही वो जोर जोर से सिसकीया लेने लगी. अहआआआआआआ राज आय लव यु…..आहाआआ आआआआआआआआ. म्म्मम्म्मम्म्मम.

नीचे रेखा दीदी ने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाल चुसना शुरू किया 6 इंच का लंड मानो लोहे के माफिक कडक हो गया था. मेने अब रेखा दीदी को रोका और अंजली को नीचे बिठाकर उसके मु मे लंड डालदिया. वो भी बडी प्यार से लंड चुसने लगी.रेखा दीदी ने मेरे होटो पर होट रख किस किया दो मिनिट बाद रेखा दीदी अंजली के पिछे गयी. रेखा दीदी ने अपने सारे कपडे उतार दिये अंजली मेरा लँड घोडी की पोजिशन बना चुस रही थी. रेखा दीदी ने पिछे से उसकी सलवार चड्डी उतार खिंच दि और उसकी चुत पर अपना मु घुसा चाटने लगी. रेखा दीदी जैसे चाटती वैसे अंजली का जोश बढता और वो लंड जोर से चुसने लगती. मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.

मेने अब अंजली को उठाया. उसे नीचे लिटाकर उसकी चुत की तरफ मुह घुमाया. क्या चुत थी उसने उसे शायद आज ही साफ किया था. उसकी चुत मुझे रेखा दीदी के चुत के सामने बहुत ही छोटी लग रही थी. मेने अपनी जुबान अंजली के चुत पे जैसे ही घुमाई , वैसे ही वो उछल पडी. रेखा दीदी ने अब अपना मोर्चा अंजली के बोबे की तरफ किया . वो उसके बोबे चुसने लगी. मे नीचे से उसकी चुत चाट रहा था. अंजली मानो तडप उठी उसने मेरा सर उसकी चुत पे दबा दिया और जोर जोर से आवाज करते गांड हिलाने लगी. आहाआआय आआआआम्म्मम्म्मम्म्म…राजज्जजज्जज्ज….. आह्हाआआआआ… आम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म. और वो मेरे मु मे झड गयी. मेने अब रुक कर रेखा दीदी को उसकी चुत चाटने को कहा. अब रेखा दीदी नीचे जाकर उस सेक्सी लड़की की चुत चाटने लगी.

अब हम तीनो का थ्रीसम सेक्स शुरू हो गया था दोस्तों यह मेरे जीवन का पहला थ्रीसम सेक्स होने वाला था आज से पहले मैंने कभी दो – दो लड़कियों को एकसाथ नहीं चोदा था. मेंने भी मेरे सारे कपडे निकाल फेके और अपना लँड अंजली के मु मे दे दिया. अंजली मेरे लंड को चुसने लगी. दो मिनिट के चुसाई के बाद मे उठ गया और रेखा दीदी को बाजू कर अंजली के दोनो पैरो के बीच आ कर लंड चुत पे सेट किया. एक जोर दार झटका दिया. मगर लंड फिसल गया.

तभी अंजली ने अपने चुत पर मेरा लंड सेट कर पकडे रही. मेने जोर से झटका दिया मेरा लंड का टोपा उसकी चुत मे घुस गया. मगर अंजली बहुत जोर से चिल्लई और तडप उठी. मेने दुसरा झटका इतना करारा मारा मानो उसकी चुत को फाडतें हुए मेरा पुरा लंड उसकी चुत मे समा गया. अंजली अब बहुत जोर से चिल्लई और रोने लगी. मुझे निकालने को कहने लगी. मगर अब मुझपे चुत चोदकर फाड़ने का नशा चढ चूका था उसकी चुत से खून भी आने लगा था पर मै उस रंडी पर बिना तरस खाए उसकी चुत में अपना लौड़ा पेलता रहा.

मै निर्दयी रूप से उसे चोदने लगा मे इतने जोर से धक्के मार रहा था की आवाज बडी तेज आ रही थी. लंड बहुत तेजीसे मे अंदर बाहर कर रहा था. अब मेरा लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा. चुत से निकला खून मुझे लंड पे दिख रहा था. कुछ समय बाद अंजली का दर्द मानो किधर गुम हो गया. वो भी अपनी चुतड उठाने लगी. वो भी अब जोश मे आ गयी दो मिनिट मे ही वो चरम पर पोहचनकर आहाआआय आआआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम्म आहहहहहह कर झड गयी.

मेरा मानो पानी गिरने का नाम नही ले रहा था. नशे का असर था शायद. अब मेने उसे घोडी बनने को कहा. और रेखा दीदी को भी उसके बाजू घोडी बनने को बोला. दोनो एक दुसरे बाजू घोडी बन के थे. वैसे ही मेने पिछे जाकर रेखा दीदी की चुत मे लंड पेल दिया. एक मिनिट बाद लंड निकाल कर अंजली की चुत मे पेला. मुझे थ्रीसम सेक्स करने में बहुत मजा आ रहा था. कभी रेखा दीदी की चुत मे कभी अंजली की चुत मे लंड डाले मे धकापेल चुदाई कर रहा था. 10 मिनिट बाद अंजली वापस चरम पर आ गयी उसने मुझे लंड बाहर निकाल ने नही दिया. मे समज गया और जोर से चोदने लगा अंजली अब जोर से सिसकारी भर झड गयी और नीचे गीर गयी.

मैने वेसे ही लँड रेखा दीदी की चुत मे घुसाया. रेखा दीदी को जोर से चोदने लगा. ठप्प ठप्प ठप्प पुरे घर मे आवाज गुंज रही थी 5 मिनिट बाद रेखा दीदी भी चरम पर आ गयी लेकींन मेरा पानी गिरने का नाम नही ले रहा था.दोन मिनिटं बाद रेखा दीदी भी झड गयी. मेने पुरा पसिने से भर गया था मगर जोश कम नही हो रहा था. मेने अंजली को कहा आ जाओ. अंजली ने मानो हार मान ली थी. उसने कहा दर्द हो रहा है मुझे बस. अब मे नीचे लेट रेखा दीदी को उपर आने को कहा . रेखा दीदी भी मेरे उपर आ कर लंड चुत मे डाल पेलने लगी.

मेरी रंडी बहन उछल उछल कर मेरा लंड अपनी चुत मे अंदर अपनी बच्चे दानी तक ले रही थी. अंजली बाजू लेटी ये नजारा देख रही थी. मे अब चरम पे आने लगा था.वेसे ही लंड बिना निकाल मेने रेखा दीदी को मेने नीचे किया और जोर जोर से लँड अंदर बाहर करने लगा रेखा दीदी भी नीचे से चुतड उठाकर मुझे साथ देने लगी. करिब दो मिनिट बाद मे और रेखा दीदी दोनो एक साथ झड गये. ऊस दिन हम तिनो ने 3 बार चुदाई की , मेरी 3 बार लेकींन हर बार दोनो 2 बार झड चुकी थी. बीच बीच मे मेने माडी पी इसलीये उसने एक व्हायग्रा का काम किया. 5 बजने को आ गये थे. तभी अंजली बोली बस अब निकलो मेरे माँ बाबा अब आने का समय हो गया है.

हम लोगो ने अब कपडे पहन लिये और मे और रेखा दीदी कल आते है फिर से थ्रीसम सेक्स करने… कह कर वहा से निकल गये. घर जाकर रात को खाना खाने के बाद मैंने फिर से अपनी बहन की चुदाई करी पर इस बार वो सुबह की थ्रीसम सेक्स जैसा मजा नहीं आया. अगले दो दिन हमारा ये सिलसिला जारी रहा. अब मुझे पुना जाने का समय आ गया था. बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाँव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ रेखा दीदी भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पे पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते भी चुदाई करने के लिये आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर लाल डिब्बे मे बैठ गया. तो दोंस्तो आगे भी बहुत कुछ हुवा है. अगली कहानी का वेट करें..
मस्त चूदाई हुई लण्ड खड़ा हो गया।
 
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