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धन्यवाद भाई।Fantastic update
धन्यवाद भाई।Fantastic update
Bahut hi badhiya update he TheEndgame Bhai,भाग 2
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यौन उत्तेजना की उस असीम अनुकंपा को पा लेने की चाहत जो हर कोई करता है और उसमें कुछ लोगों को काफी हद तक सफलता भी प्राप्त होती हैं और कुछ को नहीं। पर चाहत हर कोई करता है ,अब चाहे वो कितना भी शरीफ क्यों न हो या कितने ही अच्छे संस्कारों से परिपूर्ण क्यों न हो ।
संभोग क्रिया खत्म होने के उपरांत भी मैं और कोमल दोनो एक दूसरे को काफी देर तक चूमते चूसते रहे। और जब हमारी तीव्रता खत्म हुई तो मेरी प्यारी कोमल ने मुझे अपनी बांहों में कैद कर लिया। उसके कोमल बाहों में समाते ही मानो मैं फूलों की वादियों की सैर करना लगा।
जान तुम्हे जितना पाऊं हमेशा कम ही लगता है, " थके हारे मै बोला"। I love you so much.....ummma एक प्यारी सी किस दे दिया मैने उसके माथे पर।'
मैं आपकी ही तो हूं,सदा आपको ऐसे ही अपनी बांहों में रखुंगी, I love you so much my dear hubby......" एक लंबी प्यारी सी मुस्कान लेते हुए बोली वो"!
अब उठो मुझे कपड़े भी पहनने है , ऐसे ही रहोगे क्या।
जान एक और राउंड हो जाए, ' मैने शरारत भरी आवाज में बोला।'
नाह! बिलकुल नहीं क्या आप चाहते है की पिछले हफ्ते की तरह इस बार भी मैं देर से उठू और आप नाश्ते की चक्कर में देरी से ऑफिस जाए,अब मेरा मतलब है थाने जाए, " थोड़ी सीरियस आवाज में बोली वो।"
अपनी जान के लिए तो सब कुर्बान है, चला जाऊंगा देरी से इसमें क्या है।
हां जी फिर सुबह मुझे ही डांटोगे ये बोलकर की इतनी देरी क्यों कर रही हो? देरी हो रही हैं," हंसते हुए बोली वो।"
आखिरकार मैं उसे बिस्तर में सुलाकर अपनी बालकनी में आ गया और सिगरेट सुलगाने लगा। आसमान में टिमटिमाते तारों को देखते हुए मैं उन सुनहरी यादों में खो गया जो मेरे जीवन की सबसे सुखद यादों में से एक है।
बचपन में ही मां बाप के गुजर जाने के बाद चाचा चाची ने मेरा भरन पोषण किया था। मां बाप के क्या मायने होते है ये मैं तो नहीं जान सका क्योंकि चाचा चाची ने ही एक मां बाप के जैसा लाड दिया था ।
उनका एक ही बेटा है ' अनिल ' जो मुझसे करीबन दो या तीन वर्ष बड़ा है। मेरी उस से कम ही बात होती थी क्योंकि उसके अलग ही दोस्त थे जिनके साथ वो ज्यादातर समय गुजरता था। शराब और सिगरेट के जैसी लत उसे बहुत पहले से ही लग गई थी। कितनी बार ही उसका चाचा चाची से अनबन हो जाती थी। पर शायद वो जिम्मेदारियों को समझता था, कभी व्यर्थ में ही बाहर से झगड़ा करके नहीं आता था। चाचा के कपड़े की दुकान को बखूबी संभाल लेता था।
शायद उसकी शराब के लतों के कारण मुझे काफी लाड मिला। मैं बचपन से पुलिस अधिकारी बनना चाहता था। एक तरह से जुनून था मेरे लिए वो।
पुलिस अधिकारी बनने के एक महीने बाद ही मेरे चाचा ने मुझसे शादी को लेकर प्रस्ताव रखा। चाचा बोलते हैं की लड़की के बाप ने ही भैया के सामने प्रस्ताव रखा था, फिर भैया ने चाचा जी को बताया।
अब भला मैं चाचा जी के बात को कैसे टाल सकता था । कोमल और हम मिले और उसकी सुंदरता पर मैं जैसे मोहित हो गया था। धीरे धीरे मुलाकाते बढ़ने लग गई और मैने शादी के बारे खुद एक दिन चाचा जी के सामने बोल दिया।
शादी के एक महीने बाद ही मेरा ट्रांसफर हो गया इस शहर में और मुझे आना पड़ा। मैंने चाचा जी को ये आश्वासन दिया की जल्द ही मैं अपने सीनियर से बात करके फिर से इधर आ जाऊंगा।
मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता था। उसकी हर छोटी बड़ी आदतों को जैसे मैने अपना लिया था। उसकी शरारते,उसका भोलापन,उसकी आंखों से चीजों को परख लेने की शक्ति इन सभी चीजों का कायल था मैं।
कोमल भी मुझसे उतना ही प्यार करती । मेरी हर चीजे,हर फाइलें वो संभालके रखती ।
कई बार तो जब हम बाहर घूमने जाते और जब लोग उसे ताड़ते तो वो आंखों से इशारे कर देती की देखो कैसे ताड़ रहा है और हंस देती ।
मैं भी उसके इन इशारों को समझकर हंसे बिना रह नहीं पता।
ऐसे ही हमारी जिंदगी काफी हंसी खुशी और उमंगों से भरपूर चली आ रही थी।
अपने खयालों में खोया हुआ मैं तारों को देखता ही जा रहा था की शायद इन्ही तारों में कहीं मेरे मां बाप भी होंगे।
आंखों से कुछ बूंदे गिरने लगी की तभी मेरा फोन बजने लगा। नंबर देखते ही मेरे चेहरे पर गंभीर भाव आ गए। आंसू पोछकर मैने तुरंत कॉल रिसीव किया।
बोलिए जाधव सर ,क्या खबर हैं, मैं बोला।
इंस्पेक्टर अजय , कुछ पता नहीं चल पा रहा है की ये व्यक्ति है कौन है और इसकी हत्या के पीछे क्या साज़िश है?
मैं कल आपके पास आकर कुछ पूछताछ करूंगा ,अगर आपको एतराज न हो तो?
नहीं सर don't worry, please come।
Okay then,Good night Mr Ajay,will meet you tomorrow, bye .
Good night sir .
हत्या मेरे इलाके में हुई नहीं थी तो मैने वहां के पुलिस थाने को सूचना दे दी थी।
हर सुबह की तरह मेरी नींद मेरी बीवी के चिल्लाने पर उठी ,"अरे उठिए भी अब जाकर नहाहिए जल्दी और ब्रेकफास्ट के लिए आ जाइए, ठंडा हो जायेगा और आपको तो पता ही है की ब्रेकफास्ट मैं आपके बिना करती नहीं ।"
कसमसाते हुए जब मैं अपने बिस्तर से उठा तो सामने कोमल को पाया जो चेहरे पर गंभीर भाव लिए खड़ी थी ।
सुंदर चेहरा, काली आंखे और गुलाबी होंठ और उन सबसे ज्यादा उसकी पतली कमर जहां उसने अपनी साड़ी खोंस रखी थी इस वजह से की कहीं रोटियां बनाते वक्त आटा लग ना जाए।
मुझसे बर्दास्त नही हुआ और बिना देर किए मैने उसे अपनी बाहों में कस लिया !
"छी छी छी ,जाइए पहले नहाहिये,उठे नहीं की सुबह सुबह ही चालू हो गए, मेरी बाहों में कसमसाते हुए कोमल बोली "!
अब जान तुम हो इतनी कोमल की देखते ही तुम्हे चूमने को दिल करता है। कोई भी पागल हो जाए तुम्हे देखकर !' मैने उसे अपनी बाहों में कसे हुए ही बोला । "
" आप कितने पागल हुए हो ये बताओ ? *
"जान मैं तो पूरा ही पागल हुं।"
' अच्छा! अब जल्दी उठते हो आप या देरी से जाना है थाने? हंसते हुए बोली वो ! *
मैंने तुरंत उसे छोड़ा और सीधा वाशरूम में घुस गया, इधर मेरी बीवी की हंसी और गहरी हो गई।
नाश्ता अभी खत्म ही हुआ था की मेरे फोन की घंटी बजने लगी, नाम देखते ही मैं जल्दी से कोमल को bye बोलकर निकल गया।
ज्यादा नहीं बस आधे घंटे में पहुंच जाऊंगा मैं।
Thanks dost, keep giving your valuable feedback so that I can be motivated।Bahut
Bahut hi badhiya update he TheEndgame Bhai,
Hero ki past jindgai ka background to pata chal gaya aur sath hi sath komal se uski shadi ka bhi................
Lekin jo ye murder mystery he............ye itni jaldi solve hone wali nahi lag rahi mujhe
Keep posting Bro
धन्यवाद मेरे भाई, definitely I will try my best to make it more engaging. As this is my first and I don't have any writing experience so .....Nice start, lagta hai ek achhi story padhne ko milegi, waiting for update
Stay updatedWaiting for next update