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Adultery चाहत

MrBoss

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Koi muje batayega meri story kese delete karu kyoki m new story likhna cahta 🫰anyone 🤔🤔🤔
 

TheEndgame

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भाग 9

"Bencho** सारी प्लान पर पानी फिर गया। हमारा मुख्य औजार ही शहर से बाहर है?
सोचा था इंस्पेक्टर अजय से काम बन जायेगा लेकिन ये तो साला सही समय में सो गया। "..... मंत्री जी एकदम से बौखलाते हुए गरजे और हाथ में रखी शराब की गिलास को जमीन पर फेंक दिए जिससे तनिक छन भर में पूरा ग्लास चूर चूर हो गया।

"क्या करे मंत्री जी ? अब मैंने प्लान तो सही बनाया था और हमारा प्लान सही ढंग से चल भी रहा था लेकिन ये अजय तो असली का अजय देवगन निकला। ..... कोमल मंत्री जी के बातों पर गुस्सा होते हुए बोली।*

मन कर रहा है की उस अजय को अभी के अभी इन्ही हाथो से मार दूं! .... मंत्री बोला।

हां मंत्री जी आप अगर इजाजत दे तो अभी गोलीयों से भूंज दु उसे? ...." जाधव भी गुस्से से बोला ।

अरे नहीं नहीं कैसी बातें कर रहें हैं आप लोग? अब अजय जैसा भी है मेरा पति है।
कम से कम मेरे सामने तो ऐसी बातें मत कीजिए? ....." कोमल अजय को मारने की बातें सुन थोड़ा घबराई हुई बोली।"

कोमल जी अपनी पतिव्रता का ढोंग खत्म कीजिए। भूलिए मत की हमरा मकसद कुछ और ही है। आपके पतिव्रता बनने के चक्कर में कहीं लेने के देने न पड़ जाए।....." मंत्री उसकी बात पर थोड़ा गुस्सा और थोड़ा हंसते हुए बोला "!

नहीं मंत्री जी ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा। मैं अपने मकसद से बिल्कुल भी नहीं भटकी हूं। अब जब बिना अजय को मारे हमरा काम बन रहा है तो बेकार में उसे क्यूं मारे। ......" कोमल अब थोड़ा सहज भाव से बोली"।

अरे तो क्या करे ? वो साले ने मुंह जब खोलना था तब खोला नहीं और जब नहीं खोलना था तब तुझे मेरी बाहों में देख मुंह खोले बोले जा रहा था। ....." मंत्री बोला।

लेकिन तेरी बात भी सही है। अगर उसे मार दिया तो अपना काम नहीं बन पाएगा।...." मंत्री बोला।"

खैर इस बात को अभी यहीं खत्म करते है ! घबराने की ज़रूरत नही है अजय अब वैसे भी हमारे काबू में है। ...." कोमल कुटिल मुस्कान लेते हुए बोली।"

जल्द ही इस शहर में हमारा डंका बजेगा और धीरे धीरे पुरे देश में । हम अमीर बनने में अब ज्यादा दूर नहीं है।
......"मंत्री की इस बात पर पूरे रूम में जाधव ,उसकी बीवी ,कोमल सब शैतानी हंसी हंसने लगे।"

मंत्री जी पार्टी के सारे गेस्ट तो चले गए है । अब हमे भी चलना चाहिए। ....." जाधव बोला।"

हां निकलो जल्दी से अब ! और कोमल उस अजय को होश में लाने वाली अपनी दवाई दे देना वरना सोता ही रहेगा। ...." मंत्री बोला।"

अजय उठो अजय ....अजय जी! उठिए....कोमल गिलास में रखे पानी को उसके मुंह में डालते हुए बोली ।

एकदम से अजय के शरीर में थोड़ी सी जान आई! अपनी बंद आंखों को थोड़ा खोलते हुए बोला वो....." कोमल मैं कब सो गया था? मुझे कुछ याद नहीं आ रहा है? "

अरे आप शायद कुछ ज्यादा ही पी लिए थे , इसीलिए आपको कुछ होश नहीं था और आप सो गए थे। ...." कोमल उसे उठाती हुए बोली।"

मंत्री जी को बॉय बोलने के बाद मैं और कोमल मंत्री जी के ड्राइवर को लेके घर की तरफ निकल लिए। अब मेरी हालत इतनी खराब थी की मैं अपनी गाड़ी चला पाने में समर्थ था नहीं।

गाड़ी में मैं कोमल के गोदी में अपना सिर रखे हुए था। और वो प्यार से मेरी बालों को सहला रही थी।


अभी आधी दूर भी नहीं पंचुचे थे हम की गाड़ी पंक्चर हो गई। ड्राइवर को मैने दूसरी टायर बदलने को हिदायत दी।

इस घनघोर काली रात में गाड़ी भी वही सुनसान जगह पर पंक्चर हुई थी।

"कोमल मुझे पेशाब लगा है! मुझे गाड़ी से उतरने में थोड़ा मदद करो ".....पेशाब तो मंत्री जी के घर पर ही लगी थी पर मैं उस समय अकेले खड़े हो पाने में समर्थ नहीं था ।

किसी तरह दीवार को सहारा लेकर मैं अपनी पेंट की जिप खोलकर मूतने ही वाला थी की तभी कुछ लोगो ने हमे घेर लिया।

हिलना नहीं अपनी जगह से.....! चेहरे पर मास्क लगाए चार लोगों ने हम पर थोड़ी दूर से ही बंदूके तान दी थी ।

ड्राइवर जो की हमारी गाड़ी चला रहा था तुरंत उनके पास चला गया और हमारी तरफ देख मुस्काने लगा।

शूट करो ! इस लड़की पर ! इसे मारने का ऑर्डर पहले मिला है क्योंकि इस इंस्पेक्टर को तो हम मार ही लेंगे। चला तो जा नहीं रहा है इससे वैसे भी।

कोमल की तरफ बंदूक ताने देख मेरा कलेजा मानो बाहर आने को हो गया। मेरी आंखों से मानो जैसे आंसू गिरने ही वाले थे। ऐसा लग रहा था जैसे मेरी सबसे बड़ी खुशी अब एक झटके से मुझसे छीन जाने वाली थी।


नहीं! उसे मत मारो , उसके बदले मुझे मार दो पर उसे छोड़ दो। भला उस से तुमको क्या लेना देना है? प्लीज उसे छोड़ दो? ...... " मैं एकदम से उनसे गिड़गिड़ाते हुए कोमल की जान की भीख मांगने लगा।"

हा हा हा हा! चारो आदमी पूरे जोरो से हंसने लगे।
देखो तो कैसा आशिक बन रहा है ये इंस्पेक्टर? बीवी मानता है इसे तो फिर क्यों जाधव की बीवी के साथ चुम्मा चाटी कर रहा था बे इंस्पेक्टर? वो भी उसी के घर जाकर! ......"उनमें से एक आदमी हंसते हुए बोलने लगा।"

मैं उनकी बातों से हैरान हो गया? ....." तुम लोगों को कैसे पता ये बात? "

अबे इंस्पेक्टर तेरी हर बात हमें पता रहती हैं! तु क्या करता है क्या नहीं! तेरी हर गतिविधियों पर हमारी पैनी नजर है।

मैं हैरान भाव से कोमल को ओर देख बोलने लगा....." कोमल मैने सिर्फ किस किया था! वो जाधव की बीवी खुद ही मुझसे लिपटी जा रही थी। मेरा यकीन करो कोमल ! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हुं। वो सब महज एक संयोग ही था।

कोमल के चेहरे पर एक दुख के भाव नजर आने लगे! ऐसा लग रहा था जैसे कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी वो ।

अबे तू किस से अपनी प्यार की दुहाई दे रहा है? ये तो खुद ही राण्ड हैं। पता नहीं कितनो के साथ सोई होगी! हंसते हुए वो आदमी मेरी और देख बोलने लगा।

हतामजादे मेरी कोमल के बारे में क्या क्या बक रहा है तु? तुझे तो मैं छोडूंगा नहीं? गुस्से से आगबबूला मैं उसकी ओर बढ़ने ही वाला था की तभी मुझे आभास हुआ की मेरे पैरो मे तो जैसे जान ही नहीं बचे थे।

शायद दारु की वजह से पूरा शरीर कमजोर पड़ गया था।

अबे मारो इन दोनो को बेकार में दिमाग खा रहा है ये।

जैसे ही एक ने कोमल को ओर बंदूक तान गोली चलाने ही वाला था की मैने अपने शरीर की सारी ऊर्जा को संगठित किया और जोर से कोमल की और उछल पड़ा ।

नहीं कोमल ....जोर से चिल्लाते हुए मैं उसके सामने हो गया और गोली सीधा आके मेरे सीने में लग गई।

मेरे मुंह से एक बार फिर कोमल की आवाज निकली और मैं कोमल के बाहों में नीचे सड़क पर ढेर हो गया।
 

Ajju Landwalia

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Kya gazab ki update post ki he TheEndgame Bhai,

Jaisa ki pehle se hi shaq tha..........komal, mantri jadhav aur uski biwi, sab ke sab aapas me mile huye he.............

Koi bahut hi badi planing chal rahi he inke beech...............

Shayad ab ajay koi sapna dekh raha he...............usike duaran use ye goli lagi he..........

Agli dhamakedar update ka intezar rahega Bhai
 

TheEndgame

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भाग 10

इससे पहले को वे कोमल को पर भी गोलियां चलाते ,अचानक से ही कुछ लोग चिल्लाते हुए हमारे सामने प्रकट हो गए और उन गुंडों को मारने लग गए।

इन लोगों के पास अलग अलग तरह के औजार थे इन गुंडों से लड़ने के लिए। कुछ के पास लकड़ियां थी तो कुछ के पास लोहे की बनी रॉड। इनकी संख्या ज्यादा थी उन गुंडों के मुकाबले जिससे की उनमें एक आत्मविश्वास जाग गया था । कुछ आठ या नौ होंगे ये।
सबने तेजी से फुर्ती दिखाते हुए उनके बंदूकों को उनके हाथ में वार करके गिरा दिया और इन आदमियों को जकड़ लिया।

मैं कोमल की बाहों में सड़क पर मृत शरीर की भांति पड़ा हुआ था। कोमल तो मानो मुझे इस हालत में देख सांस लेना ही भूल गई थी।
उसकी आंखों से आंसू ऐसे बहे जा रहे थे जैसे आज तक कभी रोई ही न हो ।

"उठिए अपनी आंखे बंद नहीं कीजियेगा ! मेरी ओर देखते रहिए,मुझसे बातें कीजिए! प्लीज आंखे खोले रखिए। कुछ नहीं होगा आपको! ..... मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको ! हम जल्द ही हॉस्पिटल जायेंगे। ........ मेरे चेहरे को अपनी हाथो में लिए कोमल मुझसे विनती किए जा रही थी"।
"क क....कोमल मैं ...इतना ही बोल पाया की एक तेज दर्द सीने में उभर आई मेरी।"

"आप कुछ मत बोलिए बस मेरी ओर आंखे खोलके देखते रहिए ! मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको। ... कोमल की आंखों से आंसू झरने की तरह बहे जा रहे थे जो मेरे चेहरे पर गिर रहे थे"!

"अरे सुनो ! कोई हमारी मदद करो ! मेरे पति को गोली लगी है ! इन्हे जल्द ही हॉस्पिटल ले जाना होगा। कोई तो मदद करो हमारी प्लीज।....कोमल चीखने लगी ।

तभी उनमें से एक आदमी ने अपने साथियों को रुकने को बोला।
"अरे रुक जाओ इतना ही मारो इन्हें । कहीं मर न जाए ये। इन्हे जिंदा रखना है हमें। "
"तुम लोग इसे पकड़ के मेरे बताए गए अड्डे में ले जाओ ! मैं बाकी के पैसे आकर देता हूं तुम लोगो को। पहले इस इंस्पेक्टर को हॉस्पिटल लेके जाना पड़ेगा। *

"मैडम आप छोड़िए इन्हे। मुझे उठाने दीजिए ! कुछ नहीं होगा इनको ! आप थोड़ा धीरज रखिए।....वो आदमी मेरे पास आकर बोला।"

उसे देखते ही मेरी पत्नी उस आदमी से विनती करने लग गई......"कृपया कर मेरे पति की जान बचा लीजिए। इन्हे हॉस्पिटल ले चलिए। मेरी मदद कीजिए ! मैं आपके पांव पड़ती हुं।"


"अरे मैडम आप चिंता मत कीजिए। मुझे इन्हे उठाने दीजिए। इन्हे जल्दी ही हॉस्पिटल ले चलना होगा।*

"आप चिंता मत कीजिए ! कुछ नहीं होगा आपको! मेरी ओर देखते रहिए और मुझसे बातें कीजिए। हम बस हॉस्पिटल पहुंचने ही वाले है ! भाई साहब आप प्लीज थोड़ा और तेज चलाइए गाड़ी ! ....कोमल लगातार रोए जा रही थी"!

मैं उसकी आंखों से निकल रहे आंसू देखे जा रहा था। कोमल के कहने पर किसी तरह बस आंखों को खुला रखा हुआ था मैने।

कुछ ही देर बाद मैं हॉस्पिटल में भर्ती था। हालत एकदम से अधमरे व्यक्ति के जैसे हो गई थी।

मेरी बीवी और वो आदमी बाहर ही मेरे ठीक होने का इंतजार किए जा रहे थे।

"डॉक्टर कैसे है मेरे पति ? उनकी हालत कैसी है अब? वो ठीक तो हो जाएंगे न? उनकी जान को कोई खतरा तो नहीं है न? ..... करीब एक घंटे के ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टर बाहर निकला तो मेरी बीवी तुरंत उसके पास जाकर रोते हुए पूछने लगी*।

"घबराइए मत कोमल जी ! वो अभी खतरे से बाहर है ! अगले दो तीन घंटे में उनको होश आ जायेगा। तब आप उनसे मिल सकती है। ....डॉक्टर मेरी बीवी की परेशानी को देखते हुए उसे दिलासा देने लगा।"

"सच डॉक्टर वो ठीक है। क्या मैं उनसे मिल सकती हूं अभी? मुझे उन्हे देखना है एक बार!" .... डॉक्टर की बात सुन कोमल के सीने से मानो एक बड़ा बोझ उतर गया था!
"हां कोमल की वो बिलकुल ठीक है ! दरअसल बात ये है की गोली लगी तो सीधा उनके सीने में आकर ही पर शायद भगवान ने उन्हें बचा लिया।"

मैं कुछ समझा नहीं डॉक्टर? वो आदमी जो किसी फरिश्ते के समान था मेरे लिए ! जिसने शायद सही वक्त पर आज मुझे न बचाया होता तो मैं इस दुनिया को कब का छोड़ चुका होता। ...वो डॉक्टर से की बात सुन अचंभित होके पूछने लग गया।

"हा अब बात है इतनी अजीब की यकीन न हो ! और इसे कुदरत का करिश्मा का कहा जा सकता है की इंस्पेक्टर अजय आज जिंदा है।
दरअसल बात ये है की उनकी गले में एक हनुमान जी की चौड़ी लॉकेट थी ! गोली जब लगी तो वो लॉकेट उनके ठीक हृदय के पास थी। गोली सीधा लॉकेट के साथ उनके सीने में घुस गई।
पर उनकी हृदय तक नही पहुंच पाई! जिसके परिणामस्वरूम इंस्पेक्टर अजय जिंदा बच गए।"

डॉक्टर की बात सुन जहां वो मेरे जान बचाने वाले व्यक्ति को यकीन नहीं हुआ वही मेरी बीवी खुशी से सामने बने मंदिर में जाके भगवान के नीचे माथा टेकने लगी।

क्यों कोमल जी ! आपकी असलियत मैं बता दूं उन्हे या आप स्वयं ही बताएंगी उन्हे? ..... उस आदमी ने मेरी बीवी की ओर देखते हुए बोल।

मेरी बीवी उसकी बात सुन अचंभित होकर उसकी ओर देखने लगी ।
ये क्या बोल रहे है आप? कौन सी असलियत ? मैं कुछ समझी नहीं? ...."कोमल उस आदमी की ओर देखते हुए बोलने लगी"!
हा हा .... हसते हुए वो कोमल से बोलने लगा....." अरे वही असलियत कोमल जी की उनकी इस हालत की जिम्मेदार तो आप ही है। क्या और कुछ बताना बाकी रह गया है अभी? मुझे सब पता है आपकी साजिशो के बारे में? "

"देखिए प्लीज उन्हे अभी कुछ मत बताइएगा ! ठीक होने पर मैं उन्हें सब खुद ही बता दूंगी ! ....में हाथ जोड़ती हूं आपके सामने ! "

ठीक है कोमल जी ! चलिए एक बात मैं आपकी मान ही लेता हूं ! आपकी आंखों में इस वक्त सच्चाई दिख रही है ।....वो बोला"

"वैसे एक बात समझ नहीं आई मेरी? आप इतनी चिंतित क्यूं हो गई अचानक अजय सर को लेकर? आपको तो आखिर उनसे अपना काम ही निकलवाना था ना? ....वो आदमी मेरी बीवी की और देखते हुए हैरान भाव से बोला!*

उसकी बात सुन कोमल की आंखों से आंसू फिर से निकलने लगी !

"क्या वो इंस्पेक्टर अजय बच निकला? ऐसा कैसे हो गया ? आखिर किसने बचा लिया उन्हे? ....सामने खड़ा आदमी उस आदमी से बोलने लगा जो इस वक्त पसीने से तरबतर हुआ किसी तरह दौड़े दौड़े आया था? "

बॉस! वो वो .....इतना ही बोल पाया था की एक जोरदार चाटा उसके गालों पर जड़ दिया उसने? ....." उसकी आंखो पर इस वक्त गुस्सा साफ देखा जा सकता था। चेहरे पर काली मास्क और आंखों पर चश्मा लगाए हुए इस वक्त वो किसी खूंखार जानवर से कम नहीं लग रहा था।



 
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TheEndgame

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Kya gazab ki update post ki he TheEndgame Bhai,

Jaisa ki pehle se hi shaq tha..........komal, mantri jadhav aur uski biwi, sab ke sab aapas me mile huye he.............

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Shayad ab ajay koi sapna dekh raha he...............usike duaran use ye goli lagi he..........

Agli dhamakedar update ka intezar rahega Bhai
धन्यवाद भाई! अपडेट पोस्ट कर दिया है! ....
 

sunoanuj

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Bahut hi jabardast suspense se bharpur kahani hai…. 👏🏻👏🏻👏🏻

Keep posting bro 😎
 

Tri2010

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भाग 10

इससे पहले को वे कोमल को पर भी गोलियां चलाते ,अचानक से ही कुछ लोग चिल्लाते हुए हमारे सामने प्रकट हो गए और उन गुंडों को मारने लग गए।

इन लोगों के पास अलग अलग तरह के औजार थे इन गुंडों से लड़ने के लिए। कुछ के पास लकड़ियां थी तो कुछ के पास लोहे की बनी रॉड। इनकी संख्या ज्यादा थी उन गुंडों के मुकाबले जिससे की उनमें एक आत्मविश्वास जाग गया था । कुछ आठ या नौ होंगे ये।
सबने तेजी से फुर्ती दिखाते हुए उनके बंदूकों को उनके हाथ में वार करके गिरा दिया और इन आदमियों को जकड़ लिया।

मैं कोमल की बाहों में सड़क पर मृत शरीर की भांति पड़ा हुआ था। कोमल तो मानो मुझे इस हालत में देख सांस लेना ही भूल गई थी।
उसकी आंखों से आंसू ऐसे बहे जा रहे थे जैसे आज तक कभी रोई ही न हो ।

"उठिए अपनी आंखे बंद नहीं कीजियेगा ! मेरी ओर देखते रहिए,मुझसे बातें कीजिए! प्लीज आंखे खोले रखिए। कुछ नहीं होगा आपको! ..... मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको ! हम जल्द ही हॉस्पिटल जायेंगे। ........ मेरे चेहरे को अपनी हाथो में लिए कोमल मुझसे विनती किए जा रही थी"।
"क क....कोमल मैं ...इतना ही बोल पाया की एक तेज दर्द सीने में उभर आई मेरी।"

"आप कुछ मत बोलिए बस मेरी ओर आंखे खोलके देखते रहिए ! मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको। ... कोमल की आंखों से आंसू झरने की तरह बहे जा रहे थे जो मेरे चेहरे पर गिर रहे थे"!

"अरे सुनो ! कोई हमारी मदद करो ! मेरे पति को गोली लगी है ! इन्हे जल्द ही हॉस्पिटल ले जाना होगा। कोई तो मदद करो हमारी प्लीज।....कोमल चीखने लगी ।

तभी उनमें से एक आदमी ने अपने साथियों को रुकने को बोला।
"अरे रुक जाओ इतना ही मारो इन्हें । कहीं मर न जाए ये। इन्हे जिंदा रखना है हमें। "
"तुम लोग इसे पकड़ के मेरे बताए गए अड्डे में ले जाओ ! मैं बाकी के पैसे आकर देता हूं तुम लोगो को। पहले इस इंस्पेक्टर को हॉस्पिटल लेके जाना पड़ेगा। *

"मैडम आप छोड़िए इन्हे। मुझे उठाने दीजिए ! कुछ नहीं होगा इनको ! आप थोड़ा धीरज रखिए।....वो आदमी मेरे पास आकर बोला।"

उसे देखते ही मेरी पत्नी उस आदमी से विनती करने लग गई......"कृपया कर मेरे पति की जान बचा लीजिए। इन्हे हॉस्पिटल ले चलिए। मेरी मदद कीजिए ! मैं आपके पांव पड़ती हुं।"


"अरे मैडम आप चिंता मत कीजिए। मुझे इन्हे उठाने दीजिए। इन्हे जल्दी ही हॉस्पिटल ले चलना होगा।*

"आप चिंता मत कीजिए ! कुछ नहीं होगा आपको! मेरी ओर देखते रहिए और मुझसे बातें कीजिए। हम बस हॉस्पिटल पहुंचने ही वाले है ! भाई साहब आप प्लीज थोड़ा और तेज चलाइए गाड़ी ! ....कोमल लगातार रोए जा रही थी"!

मैं उसकी आंखों से निकल रहे आंसू देखे जा रहा था। कोमल के कहने पर किसी तरह बस आंखों को खुला रखा हुआ था मैने।

कुछ ही देर बाद मैं हॉस्पिटल में भर्ती था। हालत एकदम से अधमरे व्यक्ति के जैसे हो गई थी।

मेरी बीवी और वो आदमी बाहर ही मेरे ठीक होने का इंतजार किए जा रहे थे।

"डॉक्टर कैसे है मेरे पति ? उनकी हालत कैसी है अब? वो ठीक तो हो जाएंगे न? उनकी जान को कोई खतरा तो नहीं है न? ..... करीब एक घंटे के ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टर बाहर निकला तो मेरी बीवी तुरंत उसके पास जाकर रोते हुए पूछने लगी*।

"घबराइए मत कोमल जी ! वो अभी खतरे से बाहर है ! अगले दो तीन घंटे में उनको होश आ जायेगा। तब आप उनसे मिल सकती है। ....डॉक्टर मेरी बीवी की परेशानी को देखते हुए उसे दिलासा देने लगा।"

"सच डॉक्टर वो ठीक है। क्या मैं उनसे मिल सकती हूं अभी? मुझे उन्हे देखना है एक बार!" .... डॉक्टर की बात सुन कोमल के सीने से मानो एक बड़ा बोझ उतर गया था!
"हां कोमल की वो बिलकुल ठीक है ! दरअसल बात ये है की गोली लगी तो सीधा उनके सीने में आकर ही पर शायद भगवान ने उन्हें बचा लिया।"

मैं कुछ समझा नहीं डॉक्टर? वो आदमी जो किसी फरिश्ते के समान था मेरे लिए ! जिसने शायद सही वक्त पर आज मुझे न बचाया होता तो मैं इस दुनिया को कब का छोड़ चुका होता। ...वो डॉक्टर से की बात सुन अचंभित होके पूछने लग गया।

"हा अब बात है इतनी अजीब की यकीन न हो ! और इसे कुदरत का करिश्मा का कहा जा सकता है की इंस्पेक्टर अजय आज जिंदा है।
दरअसल बात ये है की उनकी गले में एक हनुमान जी की चौड़ी लॉकेट थी ! गोली जब लगी तो वो लॉकेट उनके ठीक हृदय के पास थी। गोली सीधा लॉकेट के साथ उनके सीने में घुस गई।
पर उनकी हृदय तक नही पहुंच पाई! जिसके परिणामस्वरूम इंस्पेक्टर अजय जिंदा बच गए।"

डॉक्टर की बात सुन जहां वो मेरे जान बचाने वाले व्यक्ति को यकीन नहीं हुआ वही मेरी बीवी खुशी से सामने बने मंदिर में जाके भगवान के नीचे माथा टेकने लगी।

क्यों कोमल जी ! आपकी असलियत मैं बता दूं उन्हे या आप स्वयं ही बताएंगी उन्हे? ..... उस आदमी ने मेरी बीवी की ओर देखते हुए बोल।

मेरी बीवी उसकी बात सुन अचंभित होकर उसकी ओर देखने लगी ।
ये क्या बोल रहे है आप? कौन सी असलियत ? मैं कुछ समझी नहीं? ...."कोमल उस आदमी की ओर देखते हुए बोलने लगी"!
हा हा .... हसते हुए वो कोमल से बोलने लगा....." अरे वही असलियत कोमल जी की उनकी इस हालत की जिम्मेदार तो आप ही है। क्या और कुछ बताना बाकी रह गया है अभी? मुझे सब पता है आपकी साजिशो के बारे में? "

"देखिए प्लीज उन्हे अभी कुछ मत बताइएगा ! ठीक होने पर मैं उन्हें सब खुद ही बता दूंगी ! ....में हाथ जोड़ती हूं आपके सामने ! "

ठीक है कोमल जी ! चलिए एक बात मैं आपकी मान ही लेता हूं ! आपकी आंखों में इस वक्त सच्चाई दिख रही है ।....वो बोला"

"वैसे एक बात समझ नहीं आई मेरी? आप इतनी चिंतित क्यूं हो गई अचानक अजय सर को लेकर? आपको तो आखिर उनसे अपना काम ही निकलवाना था ना? ....वो आदमी मेरी बीवी की और देखते हुए हैरान भाव से बोला!*

उसकी बात सुन कोमल की आंखों से आंसू फिर से निकलने लगी !

"क्या वो इंस्पेक्टर अजय बच निकला? ऐसा कैसे हो गया ? आखिर किसने बचा लिया उन्हे? ....सामने खड़ा आदमी उस आदमी से बोलने लगा जो इस वक्त पसीने से तरबतर हुआ किसी तरह दौड़े दौड़े आया था? "

बॉस! वो वो .....इतना ही बोल पाया था की एक जोरदार चाटा उसके गालों पर जड़ दिया उसने? ....." उसकी आंखो पर इस वक्त गुस्सा साफ देखा जा सकता था। चेहरे पर काली मास्क और आंखों पर चश्मा लगाए हुए इस वक्त वो किसी खूंखार जानवर से कम नहीं लग रहा था।



Excellent story
 

Ajju Landwalia

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भाग 10

इससे पहले को वे कोमल को पर भी गोलियां चलाते ,अचानक से ही कुछ लोग चिल्लाते हुए हमारे सामने प्रकट हो गए और उन गुंडों को मारने लग गए।

इन लोगों के पास अलग अलग तरह के औजार थे इन गुंडों से लड़ने के लिए। कुछ के पास लकड़ियां थी तो कुछ के पास लोहे की बनी रॉड। इनकी संख्या ज्यादा थी उन गुंडों के मुकाबले जिससे की उनमें एक आत्मविश्वास जाग गया था । कुछ आठ या नौ होंगे ये।
सबने तेजी से फुर्ती दिखाते हुए उनके बंदूकों को उनके हाथ में वार करके गिरा दिया और इन आदमियों को जकड़ लिया।

मैं कोमल की बाहों में सड़क पर मृत शरीर की भांति पड़ा हुआ था। कोमल तो मानो मुझे इस हालत में देख सांस लेना ही भूल गई थी।
उसकी आंखों से आंसू ऐसे बहे जा रहे थे जैसे आज तक कभी रोई ही न हो ।

"उठिए अपनी आंखे बंद नहीं कीजियेगा ! मेरी ओर देखते रहिए,मुझसे बातें कीजिए! प्लीज आंखे खोले रखिए। कुछ नहीं होगा आपको! ..... मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको ! हम जल्द ही हॉस्पिटल जायेंगे। ........ मेरे चेहरे को अपनी हाथो में लिए कोमल मुझसे विनती किए जा रही थी"।
"क क....कोमल मैं ...इतना ही बोल पाया की एक तेज दर्द सीने में उभर आई मेरी।"

"आप कुछ मत बोलिए बस मेरी ओर आंखे खोलके देखते रहिए ! मैं कुछ नहीं होने दूंगी आपको। ... कोमल की आंखों से आंसू झरने की तरह बहे जा रहे थे जो मेरे चेहरे पर गिर रहे थे"!

"अरे सुनो ! कोई हमारी मदद करो ! मेरे पति को गोली लगी है ! इन्हे जल्द ही हॉस्पिटल ले जाना होगा। कोई तो मदद करो हमारी प्लीज।....कोमल चीखने लगी ।

तभी उनमें से एक आदमी ने अपने साथियों को रुकने को बोला।
"अरे रुक जाओ इतना ही मारो इन्हें । कहीं मर न जाए ये। इन्हे जिंदा रखना है हमें। "
"तुम लोग इसे पकड़ के मेरे बताए गए अड्डे में ले जाओ ! मैं बाकी के पैसे आकर देता हूं तुम लोगो को। पहले इस इंस्पेक्टर को हॉस्पिटल लेके जाना पड़ेगा। *

"मैडम आप छोड़िए इन्हे। मुझे उठाने दीजिए ! कुछ नहीं होगा इनको ! आप थोड़ा धीरज रखिए।....वो आदमी मेरे पास आकर बोला।"

उसे देखते ही मेरी पत्नी उस आदमी से विनती करने लग गई......"कृपया कर मेरे पति की जान बचा लीजिए। इन्हे हॉस्पिटल ले चलिए। मेरी मदद कीजिए ! मैं आपके पांव पड़ती हुं।"


"अरे मैडम आप चिंता मत कीजिए। मुझे इन्हे उठाने दीजिए। इन्हे जल्दी ही हॉस्पिटल ले चलना होगा।*

"आप चिंता मत कीजिए ! कुछ नहीं होगा आपको! मेरी ओर देखते रहिए और मुझसे बातें कीजिए। हम बस हॉस्पिटल पहुंचने ही वाले है ! भाई साहब आप प्लीज थोड़ा और तेज चलाइए गाड़ी ! ....कोमल लगातार रोए जा रही थी"!

मैं उसकी आंखों से निकल रहे आंसू देखे जा रहा था। कोमल के कहने पर किसी तरह बस आंखों को खुला रखा हुआ था मैने।

कुछ ही देर बाद मैं हॉस्पिटल में भर्ती था। हालत एकदम से अधमरे व्यक्ति के जैसे हो गई थी।

मेरी बीवी और वो आदमी बाहर ही मेरे ठीक होने का इंतजार किए जा रहे थे।

"डॉक्टर कैसे है मेरे पति ? उनकी हालत कैसी है अब? वो ठीक तो हो जाएंगे न? उनकी जान को कोई खतरा तो नहीं है न? ..... करीब एक घंटे के ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टर बाहर निकला तो मेरी बीवी तुरंत उसके पास जाकर रोते हुए पूछने लगी*।

"घबराइए मत कोमल जी ! वो अभी खतरे से बाहर है ! अगले दो तीन घंटे में उनको होश आ जायेगा। तब आप उनसे मिल सकती है। ....डॉक्टर मेरी बीवी की परेशानी को देखते हुए उसे दिलासा देने लगा।"

"सच डॉक्टर वो ठीक है। क्या मैं उनसे मिल सकती हूं अभी? मुझे उन्हे देखना है एक बार!" .... डॉक्टर की बात सुन कोमल के सीने से मानो एक बड़ा बोझ उतर गया था!
"हां कोमल की वो बिलकुल ठीक है ! दरअसल बात ये है की गोली लगी तो सीधा उनके सीने में आकर ही पर शायद भगवान ने उन्हें बचा लिया।"

मैं कुछ समझा नहीं डॉक्टर? वो आदमी जो किसी फरिश्ते के समान था मेरे लिए ! जिसने शायद सही वक्त पर आज मुझे न बचाया होता तो मैं इस दुनिया को कब का छोड़ चुका होता। ...वो डॉक्टर से की बात सुन अचंभित होके पूछने लग गया।

"हा अब बात है इतनी अजीब की यकीन न हो ! और इसे कुदरत का करिश्मा का कहा जा सकता है की इंस्पेक्टर अजय आज जिंदा है।
दरअसल बात ये है की उनकी गले में एक हनुमान जी की चौड़ी लॉकेट थी ! गोली जब लगी तो वो लॉकेट उनके ठीक हृदय के पास थी। गोली सीधा लॉकेट के साथ उनके सीने में घुस गई।
पर उनकी हृदय तक नही पहुंच पाई! जिसके परिणामस्वरूम इंस्पेक्टर अजय जिंदा बच गए।"

डॉक्टर की बात सुन जहां वो मेरे जान बचाने वाले व्यक्ति को यकीन नहीं हुआ वही मेरी बीवी खुशी से सामने बने मंदिर में जाके भगवान के नीचे माथा टेकने लगी।

क्यों कोमल जी ! आपकी असलियत मैं बता दूं उन्हे या आप स्वयं ही बताएंगी उन्हे? ..... उस आदमी ने मेरी बीवी की ओर देखते हुए बोल।

मेरी बीवी उसकी बात सुन अचंभित होकर उसकी ओर देखने लगी ।
ये क्या बोल रहे है आप? कौन सी असलियत ? मैं कुछ समझी नहीं? ...."कोमल उस आदमी की ओर देखते हुए बोलने लगी"!
हा हा .... हसते हुए वो कोमल से बोलने लगा....." अरे वही असलियत कोमल जी की उनकी इस हालत की जिम्मेदार तो आप ही है। क्या और कुछ बताना बाकी रह गया है अभी? मुझे सब पता है आपकी साजिशो के बारे में? "

"देखिए प्लीज उन्हे अभी कुछ मत बताइएगा ! ठीक होने पर मैं उन्हें सब खुद ही बता दूंगी ! ....में हाथ जोड़ती हूं आपके सामने ! "

ठीक है कोमल जी ! चलिए एक बात मैं आपकी मान ही लेता हूं ! आपकी आंखों में इस वक्त सच्चाई दिख रही है ।....वो बोला"

"वैसे एक बात समझ नहीं आई मेरी? आप इतनी चिंतित क्यूं हो गई अचानक अजय सर को लेकर? आपको तो आखिर उनसे अपना काम ही निकलवाना था ना? ....वो आदमी मेरी बीवी की और देखते हुए हैरान भाव से बोला!*

उसकी बात सुन कोमल की आंखों से आंसू फिर से निकलने लगी !

"क्या वो इंस्पेक्टर अजय बच निकला? ऐसा कैसे हो गया ? आखिर किसने बचा लिया उन्हे? ....सामने खड़ा आदमी उस आदमी से बोलने लगा जो इस वक्त पसीने से तरबतर हुआ किसी तरह दौड़े दौड़े आया था? "

बॉस! वो वो .....इतना ही बोल पाया था की एक जोरदार चाटा उसके गालों पर जड़ दिया उसने? ....." उसकी आंखो पर इस वक्त गुस्सा साफ देखा जा सकता था। चेहरे पर काली मास्क और आंखों पर चश्मा लगाए हुए इस वक्त वो किसी खूंखार जानवर से कम नहीं लग रहा था।




Bahut hi faadu update he TheEndgame Bhai,

Inspector Ajay, aakhirkar bach hi gya..................Hanuman ji ke locket ke karan vo goli itna ghaav nahi kar payi...................jaake rakhe sainya maar sake na koi

Ab ye mystrious aadmi kaun he jisne pehle to ajay ko bachaya aur fir hospital bhi lekar aaya...............

Ye komal ke baare me sab janta he....................lekin komal ki request par usne kuch bhi ajay ko nahi bataya.............

Agli dhamakedar update ki pratiksha rahegi Bhai
 
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