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Update 26


गौतम जब नीचे आया दूल्हे औऱ दुल्हन का खाना लग चूका था.. आरती ने गौतम का हाथ पकड़ कर उसे भी अपने साथ खाने की मेज पर बैठा लिया औऱ बोली..
आरती - क्यों देवर ज़ी.. आज तो अपनी भाभी से मिलने की फुर्सत ही नहीं मिली आपको.. कितना ढूंढा पर आप कभी यहां तो कभी वहा.. आज तो हवा की तरह बह रहे थे.. अब पकड़ में आये हो..
कोमल - अरे आरती क्यों तंग रही है ग़ुगु को..
सुमन भी खाने की टेबल पर बैठी थी उसने कोमल से कहा - अरे भाभी.. आप देवर भाभी के बीच क्यों बोलती हो.. अब आरती अपने देवर से हंसी मज़ाक़ नहीं करेंगी तो किस्से करेंगी.. आपसे?
आरती - सही कहा बुआ.. औऱ देवर जब इतना प्यारा हो तो मज़ाक़ के साथ साथ औऱ भी बहुत कुछ करना पड़ता है..
आरती की बात पर सब हँसने लगते है..
गौतम - भाभी छोडो मुझे.. मुझे दीदी के साथ बैठके खाना है आज.. बहुत सताया है मैंने दीदी को..
(गौतम उठकर ऋतू के साथ वाली कुर्सी पर बैठकर) दीदी जीजा ज़ी के हाथ से बाद में खाना पहले मेरे हाथ से खाओ..
ऋतू मुस्कुराते हुए गौतम का गाल चूमकर - ग़ुगु.. सच में बहुत सताया तूने मुझे..

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गौतम - मैंने जितना सताया उसका बदला आप ससुराल जाकर जीजाजी को सताकर पूरा कर लेना..
ऋतू हसते हुए गौतम को गले लगा कर - मेरा प्यारा भाई..
कोमल - अब खाना भी खालो.. दोनों भाई बहन क्या बात ही करते रहोगे..
गौतम - हाँ मामी.. मुझे तो बहुत भूख लगी है..
आरती - ऋतू जरा राहुल ज़ी को भी तो खिला अपने हाथो से..
सुमन - अब तो इसे सारी उम्र यही करना है आरती..
आरती - ये सच कहा बुआ आपने.. अब तो देवर ज़ी बचे है.. उनके लिए भी लड़की देखनी पड़ेगी..
गौतम - आप हो ना भाभी.. कोई औऱ लड़की देखने की क्या जरुरत है..
आरती - देख रही हो बुआ.. पहले तो बोलने से भी बात नहीं करता था.. अब केसे कैंची की तरह जुबान चलाने लगा है आपका ग़ुगु..
सुमन खाना खाते हुए - तुम अपनी देवर भाभी की बातों में मुझे मत खींचो..
गौतम - दीदी ये स्वाद है.. इसे लो ना..
आरती - देवर ज़ी हमें भी दे दो क्या स्वाद बना है.. आप तो अपनी दीदी से ही चिपके हुए हो..
गौतम अपनी जगह से उठकर आरती के पास जाता है औऱ एक निवाला उसे खिलाकर कहता है- लो कहा लो.. बस?
कोमल - अब तो खुश हो आरती? देवर ने अपने हाथों से भी खिला दिया..
आरती - मैं कल ही खुश हो गई थी देवर ज़ी से मम्मी ज़ी..
गौतम आरती को देखता हुआ - मतलब?
आरती - कल देवर ज़ी आपने गन्ने का जूस पिलाया था ना.. उसके बारे में बात कर रही हूँ..
गायत्री - जूस तो ग़ुगु ने आज मुझे भी पिलाया था..
कोमल - आप दोनों से पहले ग़ुगु मेरे पास आया था.. जूस लेकर.. मुझे तो दो दो बार पिलाया था.. जूस पीते पीते ही तो मेरे पैर में मोच आई थी..
संजय - ग़ुगु.. ये क्या बात हुई सिर्फ अपनी नानी मामी औऱ भाभी को ही तुमने जूस पिलाया.. हमसे क्या दुश्मनी है तुम्हारी?
गौतम - मामाजी.. वो एक ही गन्ना था.. बेचारे से कितना जूस निकालता.. मैंने तो अभी तक माँ औऱ ऋतू दीदी को भी नहीं पिलाया..
सुमन - छोडो ना भईया.. क्या गन्ने के पीछे पड़ गए सब लोग.. आज हमारी ऋतू कितनी प्यारी लग रही है..
गौतम - माँ सही कह रही हो.. दीदी तो बिलकुल चाँद जैसी लग रही है..

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ऋतू - चाँद तो तू है.. मेरा प्यारा सा ग़ुगु..
सुमन - अब ये प्यार अपने पति को करना ऋतू.. भाई को नहीं.
ऋतू - बुआ.. बड़ी मुश्किल से ग़ुगु मुझसे बात करने लगा है औऱ आप कह रही हो प्यार ना करू.. ग़ुगु को तो मैं बहुत प्यार करुँगी.. शादी होने से बदल थोड़ी जाउंगी..
गौतम खड़ा होता हुआ - मेरा तो खाना हो गया..
कोमल - इतनी जल्दी?
गौतम - औऱ भूख नहीं है मामी.. ये कहते हुए गौतम हॉल से बाहर निकल कर बाथरूम की तरफ चला जाता है..
गौतम बाथरूम करके बाथरूम के बाहर खड़ा हो जाता है औऱ सिगरेट सुलगा कर पहला कश लेता ही है की पीछे से आरती आकर उसे अपनी बाहों में भर लेती है..


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आरती - आज तो बहुत तड़पाया आपने देवर ज़ी..
गौतम मुड़कर आरती की बाहों से अपने आप को छुड़वाता है औऱ आरती का हाथ पकड़कर कहता है..
गौतम - भाभी यहां कोई देख लेगा.. इस तरफ आओ..
गौतम आरती को बाथरूम के दाई तरफ हलवाई के लिए बने कमरे के पीछे खाली जगह ले आता है.. जहा हलकी सी रौशनी के अलावा कुछ नहीं था..
आरती गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - बताओ देवर ज़ी.. अपना लंहगा मैं उठाउ या इतनी मेहनत आप खुद कर लोगे?
गौतम लुहंगा उठाते हुए - देवर के होते हुए भाभी मेहनत करें.. ये तो गलत बात है..
गौतम अपनी पेंट चड्डी सहित नीचे करके अपने लंड को आरती की चुत में डाल देता है औऱ दिवार से लगा कर धीरे धीरे आरती को चोदने लगता है..

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आरती सिगरेट के कश लगाती हुई चुदते चुदते कहती है - देवर ज़ी आप तो जोनी सिंन्स के भी बाप हो.. आप चले जाओगे तो कैसे ज़ी पाउंगी मैं आपके बिना..
गौतम चोदते हुए - अब तो आना जाना लगा ही रहेगा भाभी.. क्यों चिंता करती हो..
आरती सिगरेट का कश लेकर अँधेरे में किसीको खड़ा देखकर - कौन? कौन है तू?
एक 25-30 साल का दुबला पतला सीधा साधा आदमी - ज़ी.. मैं बिरजू..
आरती गुस्से में - क्या कर रहा है चुतिया यहां खड़ा खड़ा.. निकल यहां से..
गौतम - अरे रुक रुक.. इधर आ..
बिरजू - ज़ी..
गौतम आरती का बोबा पकड़कर चूसते हुए - लड़की मस्त है ना..

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बिरजू आरती को देखकर हाँ में सर हिलता है ..
गौतम - ये पीछे कमरे में कौन है?
बिरजू धीरे से - कोई नहीं है.. मैं अकेला रहता हूँ.. लोन की देखरेख करता हूँ..
गौतम - देख बिरजू ये मेरी भाभी है.. औऱ मैं इसे तसल्ली से चोदना चाहता हूँ.. कोई जगह है तो बता.. तेरी तनख्वाह बढ़वा दूंगा..
आरती बिरजू का लंड उसके पज़ामे के बाहर से पकड़ कर सिगरेट का कश लेती हुई - देखो बिरजू भईया.. मुझे अपनी बहन समझो.. औऱ इनको अपने जीजाजी.. आपकी बहन आपके जीजाजी से चुदना चाहती है.. अंदर कमरे में कोई गद्दा वद्दा पड़ा है जिसपर आपकी ये बहन आराम से चुदवा सके तो बता दो..
बिरजू - गद्दा तो नहीं है.. एक खाट पड़ी है बस..
गौतम आरती से सिगरेट लेकर एक कश मारता है औऱ सिगरेट फेंककर बिरजू से कहता है - चल दिखा..
बिरजू गौतम औऱ आरती को पीछे कमरे में ले आता है जहा धीमी रौशनी वाला बल्ब जल रहा था औऱ एक पुरानी खाट पर चटाई बिछी हुई थी..
गौतम ने आरती को खाट पर बिठा दिया औऱ अपनी शर्ट निकालता हुआ बिरजू को एक 500 का नोट देकर बोला - बाहर जाकर खड़ा रह.. मैं तेरी ये बहन चोद ना दू तब तक कोई अन्दर नहीं आना नहीं चाहिए.. समझा..
बिरजू बाहर चला जाता है औऱ खिड़की से अंदर झांकने लगता है वही गौतम आरती को खाट पर लेटा कर लहंगा उठाते हुए अपना लोडा आरती की चुत में फिट करके आरती को चोदने लगता है...
गौतम के झटको पर आरती जोर जोर से खुलकर आहे भरने लगती है औऱ बाहर बिरजू आरती की कामुक सिस्कारिया सुनकर अपना लंड हिला कर मुठ मारने लगता है...

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आरती - आह्ह..देवर ज़ी यही रह जाओ ना.. मेरे पास.. बहुत प्यार दूंगी आपको.. अपनी इस चुत में घुसा के रखूंगी..
गौतम - आपके पास रह जाऊँगा भाभी तो आपकी उन बहनो का क्या होगा जो अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरे इंतजार में लेटी है..
आरती - अब तक कितनी लड़कियों को दीवाना बना चुके हो देवर ज़ी?
गौतम चोदते हुए - लड़किया नहीं भाभी ऑन्टीया.. औऱ उनकी तो गिनती करनी पड़ेगी..
आरती चुदवाते हुए - देवर ज़ी सिगरेट..
गौतम चोदते हुए - पेंट में है भाभी..
आरती आवाज लगाते हुए - बिरजू भईया.. ओ बिरजू भईया..
बिरजू एक बार झड़ चूका था औऱ अब दूसरी बार लंड हिला रहा था.. आरती की आवाज सुनकर वो लंड पजामे में डालाकर अंदर आ गया.
बिरजू चुदवाती हुई आरती को देखकर - ज़ी दीदी..
आरती चुदवाते हुए प्यार से- बिरजू भईया.. आपके जीजाजी की पेंट वहा पड़ी है उसमे से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर दो अपनी इस बहन को..
बिरजू गौतम की पेंट से दोनों चीज निकालकर आरती को दे देता है औऱ जाने लगता है तभी गौतम चोदते हुए कहता है..
गौतम - बिरजू यही बैठा जा.. किसी औऱ चीज की भी जरुरत पड़ सकती है..
आरती एक सिगरेट सुलगाकर बिरजू से - बिरजू भईया आप पिओगे सिगरेट?

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बिरजू नीचे सर करके - मैं नहीं पिता दीदी..
आरती सिगरेट का कश लेकर गौतम से चुदवाते हुए - देखो ना बिरजू भईया आपके जीजाजी अपकी बहन को कैसे चोद रहे है.. आप बच्चाओगे नहीं अपनी बहन को चुदने से..
गौतम धीरे धीरे चोदते हुए - बिरजू तो तिरछी नज़रो से आपके बूब्स देख रहा है.. लगता आपके दोनों कबूतर देखने की इच्छा है बिरजू की..
आरती सिगरेट पीते हुआ - सच में बिरजू भईया? अब देखो मैं चोली तो उतार नहीं सकती आप चोली के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना चाहो तो दबा लो..
गौतम - ले भाई बिरजू.. दे दीं परमिशन तुझे.. दबा ले अपनी बहन के बोबे..
बिरजू खाट के पास ही बैठा था उसने डरते हुए अपना रखा हाथ आरती के चुचे पर रख दिया औऱ धीरे से दबा दिया..
आरती सिगरेट के कश लेकर मुस्कुराती हुई - डर क्यों रहे हो बिरजू भईया.. खुलके दबाओ अपनी बहन के बोबे..
गौतम - दबा ना बिरजू.. क्यों शर्मा रहा है..
बिरजू पूरी ताक़त से आरती का बोबा अपने पंजे में लेकर मसल देता है जिससे आरती की आह निकल जाती है..
गौतम बिरजू से - मज़ा आया?
बिरजू - ज़ी..
आरती सिगरेट पीती हुई - इतना भी जोर से मत दबाओ बिरज्जू भईया थोड़ा धीरे..
गौतम - बोल बिरजू है ना मस्त मोटा बोबा तेरी बहन का..
बिरजू मुस्कुराते हुए - ज़ी भईया..
गौतम चोदते हुए - बिरजू ये बड़े घर की बेटी है इनके बोबे औऱ भोसड़े दोनों बड़े होते है..
आरती झड़ चुकी थी औऱ अब गौतम भी कुछ ही झटको में आरती की चुत में झड़ गया..

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आरती गौतम के सर को पकड़कर चूमने लगती है..
दोनों का चुम्बम ख़त्म होने पर गौतम खाट से खड़ा हो जाता है मगर आरती गौतम के रुमाल से अपनी चुत साफ करने लगती है..
गौतम चुपचाप बैठे हुए बिरजू को धीरे धीरे पज़ामे के ऊपर से अपना लंड मसलता देखकर - चोदेगा क्या बिरजू अपनी बहन को?
बिरजू शर्माते हुए कोई जवाब नहीं देता औऱ आरती उसे देखकर हँसने लगती है औऱ खाट से खड़ी होती हुई कहती है - बेचारा.. चलो देवरजी.. लगता है फेरे शुरू होने वाले है..
गौतम - हाँ भाभी.. आप जाओ.. मैं थोड़ी देर में आता हूँ..
आरती जाते हुए - ठीक है.. बाय बिरजू भईया..
आरती वहा से चली जाती है...
बिरजू - भईया ज़ी भाभी बहुत खूबसूरत है..
गौतम - तू अकेला ही रहता है यहां..
बिरजू - ज़ी भईया ज़ी..
गौतम - सुन.. रात में हो सकता है मैं औऱ भी किसी लड़की को यहां लेके आउ.. तू जागता रहना आज रात..
बिरजू - भईया ज़ी आप चिता मत करिये मैं पूरी रात जागता रहूँगा.. आप चाहे जितनी लड़की यहां ले आइये..
गौतम - साले लड़की के सामने जुबान नहीं खुली तेरी अब कैसे पक पक बोल रहे है.
बिरजू - वो भईया ज़ी.. मैं लड़की के सामने थोड़ा शरमाता हूँ.
गौतम - अबे शर्माना लड़कियों का काम है.. अच्छा याद रखना रात को आ सकता हूँ..
बिरजू - चिंता मत करिये भईया ज़ी.. आप कभी भी आइये.. हम जागते रहेंगे..

शानदार update
 

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Update 27


विवाह समपन्न हुआ आज से आप पति पत्नी..
संजय - आओ बेटी.. चलो.. चेतन.. ये सामान कमरे में पंहुचा दे..
चेतन - ठीक है पापाज़ी...
गायत्री - संजय बेटा.. दामाद ज़ी औऱ ऋतू को एक साथ ही ले जा.. कोमल तू भी साथ में जा...
आरती - मम्मी ज़ी अब तो अकेले छोड़ दो दामाद ज़ी औऱ ऋतू को.. सब हँसने लगते है..
गायत्री - रात के डेढ़ बज चुके है औऱ तू अभी भी मज़ाक़ मस्ती में लगी हुई है.. चल अब तू भी चेतन के साथ चली जा.. अब थोड़ा आराम कर लेते है.. कल विदाई में बहुत काम है..
संजय - सही कहा माँ.. आज का दिन बहुत थका देने वाला था..
कोमल - तुम तो रोज़ ही थके हुए लगते हो.. कोनसी नई बात है..

बात करते हुए सब अपने अपने रूम में चले गए थे..
राहुल औऱ उसके दो दोस्त अब साथ थे औऱ दोस्त राहुल को इशारे से बुला रहे थे..
एक दोस्त - क्या बात है साले.. शादी होते ही हमारी बात नहीं सुन रहा..
राहुल अलग जाकर - अबे तुम भी जाकर सो जाओ क्यों भूत की तरह सर पर घूम रहे हो..
दूसरा दोस्त - भाई तेरी नींद का जुगाड़ तो हो गया हम अकेले कैसे सोये?
राहुल - एकदूसरे की गांड मार लो.. अब चल.. जाने दे मुझे..
दोस्त - अभी से डरने लगा तू तो अपनी बीवी से..
राहुल - अबे टाइम देख अब तुम भी सो जाओ जाकर..
दोस्त हसते हुए - अरे यार थोड़ी सी दारु तो पिले.. बिल्ली कैसे मारेगा.. वरना..
राहुल - ठीक है मैं बोलके आता हूँ तुम रूम में जाओ..
दोस्त - हाँ हाँ बोलके आ.. अब तो परमिशन लेनी ही पड़ेगी तुझे..

राहुल ऋतू से थोड़ी देर दोस्तों के साथ बैठने की बात बोलके दोस्तों के साथ रूम में बैठकर शराबखोरी करने लगता है औऱ ऋतू अकेली अपने कमरे में सोफे पर बैठी हुई दिनभर की थकान से चूर होकर एक सिगरेट जलाकर कश लेने लगती है.. ऋतू ने अपने भारी भरकम दुल्हन वाले कपडे बदल लिए थे औऱ सादा सूट पहन लिया था.. ऋतू बैठी ही थी कि उसके फ़ोन पर अनजान नम्बरो से व्हाट्सप्प पर एक वीडियो आया औऱ नीचे टेक्स्ट आया - छत पर मिलो...

ऋतू वीडियो देखकर समझ गई कि ये विकर्म ने भेजा है क्युकी वीडियो में ऋतू औऱ विक्रम कि चुदाईलीला थी.. ऋतू समझ गई की विक्रम वापस उसे चोदने के लिए बुला रहा है इसलिए ऋतू सिगरेट का पैकेट लाइटर औऱ कंडोम का पैकेट लेकर छत पर चली गई.. छत पर अँधेरा था औऱ लोन की भी लगभग सभी लाइट बंद हो गई थी लोन की एक्का दुक्का लाइट से छनकर आती मामूली रोशनी छत के अँधेरे को दूर नहीं कर रही थी.. पूर्णिमा का चाँद निकला हुआ था मगर बदलो ने उसे ढक लिया था.. छत पर अंधेरा था औऱ किसीका चेहरा देख पाना मुश्किल था..

ऋतू को छत पर बने एक कमरे के बाहर परछाई दिखी जिसे उसने विकर्म समझ लिया औऱ ऋतू बोली - बोला था ना.. अब मत मिलना मुझसे.. तुम ब्लैकमेल करना बंद क्यों नहीं कर देते मुझे.. मेरी शादी हो चुकी है विक्रम..
परछाई में विकर्म नहीं गौतम था जिसने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था औऱ गौतम ने कुछ नहीं कहा तो ऋतू फिर से बोली - मेरी लेने आये हो ना वापस? लो ये कंडोम औऱ जल्दी से मुझे चोदकर निकल जाओ यहां से.. मेरी गलती थी जो तुमको वीडियो बनाने दिया उस रात..

गौतम कंडोम लेकर ऋतू को पलट देता है औऱ उसे झुकाते हुए उसकी पज़ामी का नाड़ा खोलकर पज़ामी नीचे कर देता है, पेंटी भी नीचे सरकाते हुए कुर्ती ऊपर करके अपने लंड पर कंडोम पहन लेता है औऱ पीछे से ऋतू की चुत पर लोडा लगाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपनी बहन ऋतू की चुत चिरते हुए अपना लंड ऋतू की चुत में घुसा देता है...

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ऋतू चिल्लाते हुए - अह्ह्ह्ह... ये क्या है.. विक्रम..?? आहहह... इतना बड़ा..
गौतम लंड घुसते ही एक हाथ से ऋतू के बाल पकड़कर झटके पर झटके मारना शुरू कर देता है जिससे ऋतू सिसकती हुई चिल्लाने लगती है औऱ छत पर ऋतू की चुदाई का संग्राम शुरू हो जाता है..

गौतम पीछे से ऋतू की चुत चोदे जा रहा था जिसमे ऋतू भी अब पूरी तरह शामिल हो चुकी थी उसे चोद रहे आदमी पर शक हो रहा था मगर उसे मज़ा आने लगा था औऱ अब वो काम सुख की हवा में बहकर गौतम को विकर्म समझती हुई उससे बात भी करने लगती है जो सिर्फ एक तरफा थी..
गौतम ऋतू की बात का कोई रिप्ली नहीं दे रहा था..
ऋतू - विकर्म क्या हो गया है आज तुम्हे... आहहह... औऱ ये तुम्हारा लंड.. ये आज इतना बड़ा कैसे लग रहा है... आहहह... तुम बदले बदले कैसे लग रहे हो.. विक्रम.. अह्ह्ह्ह.. मज़ा आ रहा है.. चोदो मुझे ऐसे ही चोदो.. अह्ह्ह्ह... फाड़ दो मेरी चुत..

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गौतम बिना रुके धक्के पर धक्के लगाता हुआ ऋतू को पीछे से चोद रहा था औऱ चोदते चोदते गौतम ऋतू को छत पर उसी सामान से भरे हुए कमरे में ले आता है जहा उसने सुमन के साथ बातें की थी..

कमरे में घनघोर अँधेरे था औऱ बस लोन में लगे एक बल्ब से हलकी सी रौशनी आ रही थी.. ऋतू औऱ गौतम वहां चुदाई कर रहे थे औऱ चुदाई की आवाज यहां घूंज रही थी..
गौतम ने ऋतू को पलट कर अपनी तरफ मोड़ लिया औऱ दिवार से ऋतू की पीठ लगाते हुए उसकी एक टांग उठा कर उसकी चुत में अपना लंड घुसा कर फिर से तेज़ तेज़ झटको से चोदने लगा जिसमे ऋतू भी काम के वाशीभूत होकर आनंद उठा रही थी.. उसे परवाह नहीं रह गई थी कि उसे चोदने वाला विक्रम है या कोई औऱ..
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ऋतू को चुदाई के दौरान मिले रहे आंनद के बीच शक था कि उसे चोदने वाला विकर्म नहीं है.. औऱ अब वो अपने शक को यकीन में भी बदल लेना चाहती थी मगर उसे मिल रहे सुख ने उसे काफ़ी देर तक रोके रखा औऱ फिर चुदाई के बीच ऋतू ने अपने हाथ से गौतम का मास्क उतार दिया औऱ अँधेरे में बड़ी गौर से उसका गौतम का चेहरा देखा तो वो चौंक पड़ी..

ऋतू का कामसुख गुस्से में बदल गया औऱ वो बोली - ग़ुगु तू... शर्म नहीं आई तुझे अपनी बहन के साथ..
गौतम नीचे से किसी के आने कि आहट सुनकर चुदाई रोकते हुए - दीदी कोई आ रहा है.. चुप रहना वरना हम पकडे जाएंगे..

कमरे के अंदर खिड़की के पास ऋतू औऱ गौतम थे जो एकदूसरे से लिपटे हुए थे गौतम का लंड ऋतू की चुत में अभी भी तनकर खड़ा था वही छत पर एक औरत आकर उसी कमरे की खिड़की के करीब बाहर की तरफ खड़ी हो गई.. गौतम औऱ ऋतू दोनों ही औरत को नहीं देख पाए.. लेकिन फिर एक आदमी आता दिखा औऱ ऋतू औऱ गौतम को आदमी की चाल से औऱ उसकी आवाज से पता चल गया था की ये ऋतू का बाप संजय है..

संजय उस औरत के करीब आकर - क्यों नाराज़ होती हो.. जानबूझकर नहीं कहा कोमल ने वो सब.. तुम तो जानती हो कोमल की जबान कैसी है? वो कभी भी कुछ भी बोल देती है..
औरत रोते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूँ भईया भाभी की जबान कैसी है? एक तो अपनी ही बेटी की शादी में मेहमान बनकर आई हूँ ऊपर से भाभी मुझे अपने अहसान गिनाते हुए ताने मार रही है.. मेरे ग़ुगु को छीनना चाहती है.. ग़ुगु सही कह रहा था.. हम यहां नहीं आते तो ही अच्छा था..
गौतम औऱ ऋतू को आवाज से पता चल चूका था की ये औरत औऱ कोई नहीं गौतम की माँ सुमन है..
संजय - अरे तुम भी कैसी बातें लेकर बैठ गई सुमन.. आज भी बात बात पर नाराज़ होती हो.. कोमल ने हमारी ऋतू को कभी पराया नहीं समझा.. अपनी सगी बेटी समझकर पाला है.. हमारी कितनी मदद की है कोमल ने.. तुम तो सब जानती हो..
सुमन - भईया.. मदद की है तो फ़ायदा भी उठाया है भाभी ने.. ऋतू मेरी बेटी थी जिसे भाभी ने मुझसे छीन लिया..
संजय - छिना नहीं था मदद की थी हमारी.. शादी से पहले जो लड़की माँ बने उसे समाज क्या कहता है जानती हो ना?
ऋतू - ये बात तब याद नहीं थी आपको.. जब आप भाभी को अकेला छोड़कर रात रातभर मेरे साथ सोते थे? मैंने कितना समझा आपको ये सब गलत है पर आप नहीं माने..
संजय - पुरानी बातों पर मिट्टी डाल सुमन.. तू जानती है मैं जितना कोमल से प्यार करता हूँ उससे कहीं ज्यादा तुझसे करता हूँ.. मैं कब से तेरी मदद करने की कोशिश कररहा हूँ पर तू मानती ही नहीं..
सुमन - नहीं चाहिए भईया आपका अहसान.. मैं मेरे ग़ुगु के साथ उसी हाल में खुश हूँ..
संजय - सुमन.. ग़ुगु मेरा भी कुछ लगता है.. उसके लिए मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ.. पर मेरी मदद लेने में तो तेरी नाक नीची हो जायेगी ना..

गौतम औऱ ऋतू संजय औऱ सुमन की बात सुनकर ये जान चुके थे कि वो दोनों सुमन की औलादे है.. गौतम ये बात जानकार औऱ भी उत्तेजित हो चूका था कि ऋतू उसीकी बहन है जिसे सुमन औऱ संजय के व्यभिचार से जन्म मिला है.. औऱ ये बात जानने के बाद गौतम के लंड ने ऋतू की चुत में प्यार की पहली बरसात भी कर दी थी जिसे ऋतू महसूस कर सकती थी..

गौतम ने झड़ने के बाद भी ऋतू की चुत से लंड नहीं निकाला औऱ ना ही ऋतू ने गौतम को ऐसा करने का इशारा किया वो दोनों संजय औऱ सुमन की बात सुनने में लीन थे..

सुमन - भाभी तो चाहती नहीं थी कि मेरे कोई औलाद रहे.. तभी तो उस आदमी से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दीं.. पहले भाभी ने मेरी ऋतू को मुझसे छीन लिया औऱ फिर मेरे ग़ुगु को भी मुझसे छीनने कि पूरी कोशिश की थी..
संजय - सुमन क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो.. उन बातों को भूल जाओ.. जो हुआ सो हुआ.. अब उन बातों का क्या फ़ायदा..
सुमन - ये बात आप भाभी को क्यों नहीं समझाते.. वो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकती इसमें मेरी गलती थोड़ी है.. पहले माँ से चेतन को छिना.. फिर मुझसे ऋतू को.. फिर ग़ुगु को छीनने की कोशिश की औऱ अब मुझे ही हर दम ताने मारती रहती है.. बता दूँ चेतन को कि वो आपका बेटा नहीं छोटा भाई है? माँ ने कभी कोई शिकायत नहीं कि पर मैं अब बर्दास्त नहीं करुँगी भईया.. अब अगर भाभी ने कुछ औऱ कहा तो मैं भी चुप नहीं रहूंगी.. वो बाँझ है इसमें हमारा क्या दोष?
संजय - सुमन.. पागलपन छोड़.. मैं कोमल से बात करुँगा.. उसने जो कहा गलत था पर तू भी समझती है वो कैसी है फिर उसकी बात को दिल पर क्यों लगाती है..
सुमन गुस्से में चिल्लाकर - क्यों ना लगाऊ दिल से.. ग़ुगु मेरा बच्चा है.. मेरे जीने मरने का सहारा.. भाभी उसे अब मुझसे छीनना चाहती है.. बचपन में उसका मंसूबा कामयाद नहीं हुआ तो अब वापस से उन्होंने कोशिश शुरू कर दीं.. मुझे पैसो का लालच देती है.. मेरे ग़ुगु के लिए मैं सारे जहान कि दौलत छोड़ सकती हूँ..
संजय - क्या फर्क पड़ता है सुमन.. ग़ुगु यहां रहे या वहा.. तू तो जानती है मैंने जो कुछ कमाया है उसे चेतन अकेले नहीं संभाल पायेगा..
सुमन - भईया ग़ुगु को मैंने जन्म दिया है मैंने पाला है.. मैं उसे यहां नहीं छोड़ने वाली. आप भाभी को समझा दीजिये कि वो मेरे ग़ुगु से दूर रहे औऱ उसका ख्याल छोड़ दे..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ उसके पीछे पीछे संजय भी नीचे चला जाता है..
सुमन औऱ संजय के नीचे जाने के बाद ऋतू अपने फ़ोन की फलेशलाइट ऑन करके गौतम का चेहरा देखती है औऱ उससे गुस्से में कहती है..
ऋतू - वो वीडियो कहा से आया तेरे पास?
गौतम फ्लशलाइट अपने चेहरे की तरफ से हटाकर - आपके उस आशिक विक्रम ने फ़ोन में दिखाया था..
ऋतू - तू उसे कैसे जानता है?
गौतम - शादी में मिला था आपके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.. उसने आपका वीडियो दिखाया औऱ बाथरूम के पीछे जो आपके साथ किया वो बताया..
ऋतू - तो अब तू भी मुझे ब्लैकमेल करने लगा उसके साथ मिलकर? शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए?
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - नहीं दीदी.. मैंने तो उसके फ़ोन से आपके सारे वीडियो डिलीट कर दिए.. औऱ नशे में उसका वीडियो बना लिया.. ये देखो.. मैं आपको सेंड करता हूँ.. अगली बार वो आपको ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा.. आप चाहो तो उसे कर सकती हो.. उसका वीडियो भी वायरल कर सकती हो.. मैं तो बस आपको ये बताने के लिए छत पर बुलाया था..
ऋतू फ़ोन साइड में रख कर - बताने के छत पर बुलाया था तो मेरी लेने क्यों लगा?
गौतम सर झुकाकर - आपने ही कंडोम देकर कहा था मैं क्या करता? आप सेक्सी भी लग रही थी..
ऋतू मुस्कुराते हुए - सर ऊपर कर बुद्धू.. तूने विक्रम के साथ ये सब मेरे लिए किया?
गौतम - आप बड़ी बहन हो मेरी.. कोई आपको तंग करें मैं कैसे सहन कर सकता हूँ..
ऋतू हसते हुए - अच्छा तो फिर तुमने क्यों तंग किया अभी मुझे?
गौतम - मैंने कहा किया दीं.. अपने ही बोला था चोदने के लिए.. देखो मेरा तो आपकी चुदाई में कंडोम भी फट गया..
ऋतू हसते हुए घुटनो पर बैठकर गौतम के लंड से कंडोम उतारते हुए - भला कोई कंडोम पहन के भी अपनी बहन चोदता है? ग़ुगु तेरा ये लंड.. कितना बड़ा औऱ मजबूत है.. मुझे तो दर्द हो रहा था इससे चुदवाते हुए..
गौतम - दीदी यार आपकी चुत तो भाभी से भी ज्यादा चौड़ी है.. मेरा लंड तो आसानी से अंदर चला गया.. विक्रम सही कह रहा था पक्की रांड हो आप तो..
ऋतू धीरे धीरे गौतम का लंड हिलाती हुई - सगी बहन को रांड बोलता है.. तुझे तो सबक सीखना पड़ेगा ग़ुगु..
गौतम - अब रांड को रांड ही बोला जाता है दीदी.. यहां बिस्तर नहीं है मुझे सबक सिखाने के चक्कर में आपके गोड़े छील जाएंगे..
ऋतू सिगरेट सुलगाते हुए - छील जाए तो छील जाने दे ग़ुगु.. सुहागरात तो आज तेरी बहन तेरे साथ ही मनाएगी.. पहली बार कोई टक्कर का मर्द मिला है..
गौतम - फिर जीजाजी क्या करेंगे? वो क्या सारी रात हिलाएंगे अपना?
ऋतू - उसकी चिंता तू मत कर ग़ुगु.. वो साला ढीला है.. 2-4 मिनट में थक्के झड़ जाता है.. मैं 5-10 मिनट में उसको निपटा के तेरे पास आ जाउंगी..
गौतम हसते हुए - औऱ वो?
ऋतू - उसे नींद की गोली दे दूंगी.. पक्की खिलाड़ी हूँ मैं भी.. आज तो मेरी रात औऱ मेरी जवानी अपने भाई के नाम है..
गौतम - मत हिलाओ दीदी अब इसे खड़े होने में थोड़ा वक़्त लगेगा.. आज बहुत सारी चुते चोदी है इसने..
ऋतू सिगरेट के कश लेती हुई खड़ी होकर - इसे तो आज पूरी रात खड़ा रहना है..
गौतम - अब नीचे चलते है दीदी.. वरना कोई फिर से ऊपर आ जाएगा.. यहां किसी को चैन नहीं है..
ऋतू कश लेती हुई - सिगरेट तो ख़त्म हो जाए ग़ुगु.. फिर चलते है.. वैसे एक बात बता तुझे कैसे पता आरती भाभी की चुत का.. मुझसे ज्यादा टाइट है उनकी? सच सच बताना तूने कब चोदा भाभी को?
गौतम - कल दोपहर में दीदी.. औऱ आज भी भाभी लहंगा उठा के पीछे ही पड़ गई इसलिए अभी आपके फेरे होने से जस्ट पहले भी चोदना पड़ा..
ऋतू - भाभी तो बहुत चालु निकली.. देवर के साथ ही रासलीला शुरू कर दी..
गौतम - दीदी अब भाभी है.. देवर पर हक़ तो उनका भी है..
ऋतू सिगरेट का कश लेकर - दीदी नहीं ग़ुगु.. नाम से बुलाया कर.. 3-4 साल ही तो बड़ी हूँ तुझसे..
गौतम - जैसा आप कहो ऋतू ज़ी..
ऋतू - आप नहीं तूम.. अब से कोई फॉर्मेलिटी नहीं समझा.. औऱ अब नाराज़ हुआ तो बहुत मारूंगी..
गौतम ऋतू से सिगरेट लेकर फेंकता हुआ - ठीक है ऋतू.. अब चल नीचे..
ऋतू मुस्कुराते हुए - तू अपने कमरे में जा मैं राहुल को सेट करके आती हूँ..
गौतम - मेरे कमरे में तो तेरा पुराना यार लेता हुआ है नशे में धुत होकर.. सारे रूम्स भी फूल है.. अब क्या करें?
ऋतू - एक काम करते है गौतम.. मैं राहुल को सुलाने के बाद तुझे बुलाऊंगी तू मेरे रूम में आ जाना..
गौतम - ठीक है पर मुझे मेरी बहन दुल्हन की तरह सजी हुई चाहिए.. ऐसे सादा सलवार सूट में नहीं..
ऋतू - जैसा तू चाहे ग़ुगु..

ऋतू गौतम से ये कहकर अपने रूम में आ जाती है जहा कुछ देर बाद राहुल भी आ जाता है जो अपने दोस्तों के साथ शराब पिने के करण नशे में था.. राहुल को ऋतू पानी में नींद की दवा देकर जल्दी ही सुला देती है.. इधर गौतम जब अपने कमरे में पहूचता है तो देखता है कि विक्रम उसी तरह नधे में सो रहा है गौतम नहाने चला जाता है औऱ नहाने के बाद जैसे बाथरूम से बाहर आता है उसके कुछ देर बाद ऋतू का फ़ोन आ जाता है औऱ ऋतू गौतम को अपने रूम में आने के लिए कहती है..
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गौतम ऋतू के कमरे में आकर - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. (राहुल को देखकर) बेड पर क्यों सुलाया है इसे?
ऋतू - खुद सो गया..
गौतम राहुल को बेड से उठाकर सोफे पर पटक देता है औऱ ऋतू को बाहों में भरके फूलो से सजी सेज पर आ ऋतू के साथ गिरता है..
ऋतू एक गोली गौतम के मुंह में डाल कर - इसे खा लो गौतम..
गौतम - मुझे इसकी जरुरत नहीं है ऋतू..
ऋतू - खा लो ना ग़ुगु मेरे लिए.. अपनी बहन कि बात नहीं मानोगे?
गौतम - थोड़ी देर बाद तुम ही पछताओगी...
ऋतू - अब बातें ही करते रहोगे क्या कुछ करोगे भी? मेरी चुत में बहुत जोरो से खुजली मचने लगी है ऊपर से तुम्हारा लंड भी ऐसा है कि चुत में लेने कि तलब हो रही है..
गौतम - ऋतू अगर मुझे पहले पता होता कि मेरी बहन इतनी चुदक्कड़ है तो कब का तुझे चोद चूका होता..
ऋतू - गौतम अगर मुझे भी मुझे पहले पता होता कि मेरे भाई के पास इतना बड़ा लंड है तुझे पहले ही अपनी चुत में घुसा लेती.. कितने प्यारे होंठ है तेरे.. बच्चों जैसे..
गौतम - चूमो ना ऋतू.. मेरे ये होंठ कब से तुम्हारे होंठों से मुलाक़ात करना चाहते थे..
ऋतू गौतम को चूमती हुई - आई लव यू गौतम..

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गौतम और रितु एक दूसरे के साथ बिस्तर पर लिपटे हुए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे जिससे दोनों के मुंह की लार एक दूसरे में घुल रही थी और दोनों को इसमें बहुत ही स्वाद और मजा आ रहा था रितु आज किसी भी कीमत पर गौतम को पा लेना चाहती थी और यही हाल गौतम का था गौतम भी किसी भी कीमत पर आज अपनी बहन ऋतु के साथ वह सब कर लेना चाहता था जो वह सोच चुका था..

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कुछ देर इसी तरह एक दूसरे को चूमने के बाद गौतम और रितु एक दूसरे के गले पर और चेहरे पर अपने अपने प्यार की अपनी-अपनी चुम्मिया बरसने लगे और एक दूसरे को इस बात का एहसास दिलाने लगी कि वह एक दूसरे से कितना आकर्षित है और कितना वह एक दूसरे को पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं..

गौतम और रितु ने एक दूसरे के बदन से एक-एक करके सारे कपड़े उतार कर बिस्तर के एक तरफ फेंक दिए और फिर दोनों लगभग एक सी अवस्था में नंगे होकर एक दूसरे के बदन को चूमने और चाटने लगे..

गौतम की तुलना में ऋतु का हाल और भी ज्यादा बुरा था मुझे तो बिल्कुल पागलों की तरह गौतम को अपनी बाहों में भरे हुए झूम रही थी और उसे अपने मुंह का सारा रस पिलाना चाहती थी.. गौतम रितु के इस व्यवहार से बहुत उत्तेजित हो चुका था और वह भी भर भर के अपने मुंह से ऋतु के मुंह का रस पी रहा था और अपनी बहन की हर इच्छा पूरी कर रहा था.. गौतम पर धीरे-धीरे गोली का नाश होने लगा था मगर उसे अब लगने लगा था कि कहीं ना कहीं जो ऋतू ने भी एक गोली खा ली है और यह उसी का असर है कि कामोतेजना से भरकर उसे चुम औऱ चाट रही है..

ऋतू ने काम उत्तेजना के वशीभूत होकर गौतम के होंठों को इतना जोर से अपने दांतों से काटा की गौतम की चीख निकल गई और वह ऋतु के दांतों से अपने होठों को छुड़वाकर रितु से बोला..
गौतम - पागल हो गई है क्या तू?
ऋतू वापस चूमती हुई - सॉरी छोटे भाई पर आज रात अपनी बहन को माफ़ कर देना..
गौतम रितु की हालत देखकर समझ गया था कि अब रितु काम के शिखर पर पहुंच चुकी है और जब तक उसकी उत्तेजना शांत नहीं हो जाती और उसकी चुत से बरसात का पानी निकाल कर बह नहीं जाता तब तक वह किसी भी बात को समझने और सोचने की हालत में नहीं आएगी इसीलिए गौतम ने अब रितु की काम उत्तेजना को ठंडा करने के लिए उसे अपने नीचे ले लिया..
गौतम ने रितु की टांग चोडी करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके की झटके में अंदर घुसा दिया अगर ऋतू पर गोली का असर ना होता तो वो चिल्ला पडती मगर इस वक़्त वो मज़े से चुदवाने लगी थी.. गौतम धीरे-धीरे चोदते हुए ऋतु के भारी भरकम चुचे पड़ककर मसलने लगा..

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ऋतू किसी रंडी की तरह सिसकियाँ लेते हुए चुदवाने लगी और उसकी सिस्कारिया पूरे कमरे में गूंजने लगी..
गौतम चोदते हुए ऋतु के चुचो को चूसने और चाटने लगा, मसलते हुए ऋतु के तनकर खड़े हुए चुचक को चूसने लगा..

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गौतम की चोदने की रफ्तार के साथ रितु की सिसकारियां और चीख भी तेज होने लगी थी उसकी आवाज और कमरे से बाहर जाने लगी थी और कोई अगर कमरे के आसपास से गुजरता तो ऋतू की आवाज उसके कान में पढ़ जाती..

ऋतू की चुदी हुई चुत में गौतम इतनी जोर जोर से झटके मार रहा था कि अब रितु को भी चुदवाने में दर्द होने लगा था और रितु दर्द और सुख के मिश्रित अनुभव को अनुभव करते हुए गौतम से लिपट गई थी..

दोनों जवान थे और दोनों में सेक्स की गोली खाई थी जिससे दोनों की चुदाई को चलते हुए अब तक एक घंटा हो गया था जिसमें कई बार रितु की नदी बह चुकी थी मगर गौतम अब तक उसी तरह ऋतु की नदी में बाढ़ पर बाढ़ लाये जा रहा था

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गौतम ऋतु को पोजीशन बदल बदल कर चोद रहा था कभी वह रितु को अपनी गोद में उठता
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तो कभी बिस्तर पर लेटाता
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कभी घोड़ी बनता
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तो कभी दीवार से चिपकाकर चोदता..
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रितु गौतम की हर बात मानते हुए उसके बताए गए हर पोज़ में चुदवा रही थी और गौतम अपनी बहन ऋतू को पिछले एक घंटे से चोदे जा रहा था..

ऋतू की चुत में दर्द अब ख़त्म हो चूका था औऱ जलन शुरू हो चुकी थी.. गौतम का लंड लेने का सुख उस जलन के मुक़ाबले में अतुलनीय था.. ऋतू बिलकुल रांड की तरह गौतम की हर बात मानकर चुदवा रही थी.. गौतम ने लगभग सवा घंटे चोदकर ऋतू की चुत में अपना माल भर दिया फुल ac ने भी दोनों पसीने से तर होकर पानी पानी थे..

ऋतू पेट बल बिस्तर पर लेटी हुई थी औऱ गौतम ऋतू के ऊपर उसकी चुत में लंड गुसाये हुए झड़ने के बाद भी ऋतू को चोद रहा था..

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ऋतू - गौतम..
गौतम - हाँ.. बहना...
ऋतू - शुक्रिया भाई.. मेरी सुहागरात को याद गार बनाने के लिए.. ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं मिला.. एक बार में इतनी बार कभी नहीं झड़ी..
गौतम - शुक्रिया केसा बहन? तेरा सगा भाई हूँ.. जो तु बोलोगी वो तो मुझे करना ही पड़ेगा..
ऋतू - छोटे भाई .. ये सच्चाई माँ पापा ने हम दोनों से छिपाई है.. चेतन भईया औऱ भाभी को भी इसका नहीं पाता.. इसे छिपी ही रहने देना.. हम जैसे ज़ी रहे है वैसे ठीक है.. मेरी असली माँ कौन है ये सच्चाई कई घर तोड़ सकती है.
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - मुझे फर्क नहीं पड़ता ऋतू कौन क्या है.. मैं बस इतना जानता हूँ की मैं अपनी माँ का दिल नहीं दुखा सकता.. औऱ अब जब मुझे आता चल चूका है की तू भी मेरी सगी बहन है.. तु भी मेरे दिल में उतर चुकी हो..
ऋतू - किस्मत भी कितनी अजीब है गौतम.. हम दोनों सगे भाई बहन है औऱ फिर भी एकदूसरे को इतना पसंद है कि साथ सो रहे है..
गौतम बिस्तर से उठता हुआ - इसमें किसका कसूर है ऋतू.. किसे दोष दे..
ऋतू उठती हुई - छोडो ना छोटे भाई.. हमें एक दूसरे कि जरुरत है.. अब कोई भी रिश्ता हमें एक दूसरे के साथ मिलने से नहीं कोई रोक सकता.. अब तक जो हुआ उसे भूल जाते है.. तुम्हारी नाराजगी ने तुमको इतने साल मुझसे दूर रखा.. पता है कितना कोसा है मैंने अपने आपको तुम्हारे लिए?
गौतम ऋतू का बोबा पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए - ऋतू मैं मर्द हूँ किसी बात को दिल से लगा लू तो आसानी से नहीं मानता..
ऋतू - मर्द के साथ साथ भाई भी तो हो मेरे.. मेरी गलती को माफ़ नहीं कर सकते थे तुम?

गौतम ऋतू को दिवार से चिपका कर उसकी एक टांग उठाते हुए - मुंह से माफ़ी मांगी थी तुमने.. अगर चुत से मांगी होती तो कब का माफ़ कर देती मैं तुम्हे बहना..
ऋतू गौतम का लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाती हुई - लो अब मांगती हूँ अपने छोटे भाई से चुत खोलकर माफ़ी.. करोगे कबूल अपनी बहन को माफी?
गौतम ऋतू की दोनों टांग उठाकर पहला झटका मारते हुए अपना पूरा लंड घुसाकर - कबूल है ऋतू.. तुम्हारे छोटे भाई को तुम्हारी माफ़ी कबूल है..

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ऋतू सिसकियाँ लेती हुई - आराम से ग़ुगु.. ये तुम्हारी बहन की छोटी सी चुत है, चम्बल का मैदान नहीं.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. हाय.. वापस से दर्द होने लगा है मुझे तो..
गौतम धीरे धीरे धक्के मारते हुए - छोटी सी कहाँ है बहना? तेरी चुत को तो तेरे आशिक़ो ने चोद चोद के चौडा कर दिया है.. मुझे सच में ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई रांड चोद रहा हूँ.. पता नहीं इस गांडु ने तुझे इस फटी हुई चुत के साथ कैसे पसंद कर लिया औऱ शादी कर ली?
ऋतू चुदवाते हुए - दहेज के लालची चुत की सील नहीं पैसो की डील देखते है छोटे भाई..
गौतम मुस्कुराते - ये तो सही कहा बहना.. चल बचपन की तरह अंतराक्षरी खेले?
ऋतू गीतम को चूमती हुई - चुदाई के बीच अंतराक्षरी खेलनी है तुझे?
गौतम - खेलते है ना ऋतू.. चल पहले तू गा..
ऋतू चुदते हुए - मुन्नी बदनाम हुई डार्लिग तेरे लिए.. मैं झंडुबाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.. मुन्नी के गाल गुलाबी होंठ शराबी चाल नवावी रे.. मैं आइटम बम हुई डार्लिंग तेरे लिये..
गौतम ऋतू को बेड ओर लेटा कर धीरे धीरे चोदते हुए - ये शाम मास्तानी मदहोश किये जाए.. मुझे चुत तेरी खींचे मेरा लंड लिए जाये.. ये से गा ऋतू..

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ऋतू चुदते हुए - ये गलिया ये चोबारा यहां आना ना दोबारा.. अब हम तो भये परदेसी की तेरा यहां कोई नहीं. कि तेरा यहां कोई नहीं.

गौतम ऋतू को बैठा देता है औऱ अपना लोडा उसके मुंह में देकर गाता है - होंठों से छू लो ऋतू, मेरा लंड अमर कर दो.. बन जाओ रांड मेरी, मुझे गांड भी दे दो..

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ऋतू मुंह से लंड निकालकर अपने बूब्स के बीच रखकर गौतम को titjob देती हुई - दिल दीवाना ना जाने कब खो गया.. तूने ऐसे चोदा कि कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया मेरी जा..
गौतम ऋतू को पीछे धकेल कर उसकी टांग फैलाते हुए उसकी चुत में लंड सेट करके धक्का मरते हुए - जिसका मुझे था इंतजार, जिसके लिए लंड था बेक़रार.. वो घड़ी आ गई आ गई.. आज चुत में तेरी उतर जाना है.. चोद देना है तुझको या चुद जाना है..

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ऋतू सिसकियाँ लेते हुए - हर ग़म उठा लूँ तन्हा अकेली.. तेरे लिये भाई लोडा भी झेली.. इतना तुझे प्यार दू.. कपडे उतार दूँ.. चोद लो भईया.. चुत भी वार दूँ..
गौतम चोदने कि रफ़्तार बढ़ाते हुए - तुझको ना चोदू तो दिल घबराता है.. चोदके तुझको बहना मुझको चैन आता है.
ऋतू - आराम से ग़ुगु जलन हो रही है..

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गौतम लगातार मिशनरी में चोदता हुआ. - सॉरी ऋतू..
गौतम औऱ ऋतू की चुदाई इस बार भी चलती रही औऱ तब तक नहीं रुकी जब तक गौतम ने ऋतू की चुत को चोद चोद कर सुज्जा नहीं दिया.. ऋतू की चुत लाल हो चुकी थी जलन औऱ सूजन भी चुत पर आ चुकी थी डबल रोती की तरह फूली हुई चुत हो चुकी थी ऋतू की...ऋतू की चाल में औऱ ज्यादा लचक आ गई थी..

सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे औऱ ऋतू गौतम की बाहों ने नंगी लेटी हुई मुस्कुराते हुए गौतम को देख रही थी.. जो एक हाथ में ऋतू का बोबा पकड़कर ऋतू को अपनी बाहों में जकड़े हुए था औऱ दूसरे हाथ से सिगरेट के कश लगा रहा था.. राहुल अब भी बेसुध सोफे पर पड़ा था.
गौतम सिगरेट बुझाकार - बहना अब मुझे चलना चाहिए.. सुबह होने वाली भीड़ बढ़ जायेगी.. कोई भी तेरे कमरे से निकलते हुए देख सकता है.
ऋतू गौतम के होंठ चूमकर - दिल औऱ चुत लेकर जा रहे हो छोटे भाई.. ख्याल रखना मेरे दिल का..
गौतम उठकर कपडे पहनते हुए - तु भी मेरे दिल का ख्याल रखना ऋतू.. बहुत नाजुक है जल्दी टूट जाता है..
ऋतू मुस्कुराते हुए - एक बार तोड़ चुकी हूँ अब वो गलती नहीं करुँगी..

गौतम रूम से चला जाता है औऱ ऋतू नहाने चली जाती है..
Fantastic update
 

sunoanuj

Well-Known Member
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bahut hee jabardast kahani hai! Agle update ke pratiksha hai mitr !
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update 25


बुआ बहुत अच्छा नाचती हो आप तो.. देखो कैसे सारे मर्द आपको देखकर कुत्ते की तरह जीभ बाहर निकाल रहे है..
आरती ने नाचकर अभी अभी बगल वाली कुर्सी पर बैठी सुमन से कहा तो सुमन खिलखिलाती हुई हसने लगी औऱ आस पास खड़े मर्दो को देखने लगी जो उसी के ऊपर नज़र गड़ाये खड़े थे..
सुमन अच्छे से समझ रही थी मर्दो की नज़र उसके बदन पर कहा कहा पड़ रही है औऱ वो सब क्यों इतने हवस भारी नज़रो से उसे देख रहे है..
रात के दस बज चुके थे औऱ सुमन को अब तक कई milflover लड़को औऱ उसकी हम उम्र आदमियों ने नंबर देने की कोशिश की थी मगर सुमन ने एक भी आदमी को भाव नहीं दिया औऱ अपनी मस्ती में मस्त होकर शादी का पूरा मज़ा लेती रही..
सुमन - निकालने दो जीभ बाहर.. कोनसा जीभ बाहर निकालने से खाने को हड्डी मिल जायेगी इन कुत्तो को..
आरती औऱ सुमन इस बात पर जोर से हँसने लगती है..
आरती - मानना पड़ेगा बुआ.. पुरानी शराब हो.. हम नई नई जवान औरतों से ज्यादा नशा देती हो.. मुझसे ज्यादा तो सब आपको ही देख रहे है.
सुमन - चुप कर अब तू.. चल अब बहुत नाच गाना हो गया कुछ खा लेते है बहुत भूक लगने लगी है मुझे तो..
आरती - बुआ आप खाओ खाना मुझे तो अभी इन मर्दो का पानी भी निजालवाना है.. आज तो बहुत लोगों ने आपके औऱ मेरे नाम से पानी निकाला होगा..
सुमन हस्ती हुई - कितना बेशर्म हो गई है तू.. औऱ इस लंगड़ी चाल से कब तक नाचेगी? चल अब मैं तो जाती हूँ बहुत नाच लिया..
कोमल आते हुए - सुमन ग़ुगु को कहीं देखा तूने?
सुमन - क्यों भाभी क्या हुआ?
कोमल - सुमन पंडित ज़ी ने फेरो के लिए जो सामान मंगवाया था वो तो घर ही रह गया है.. तू ग़ुगु को बोल ना जाकर ले आये फ़ोन भी नहीं उठा रहा वो..
सुमन - यही कहीं होगा.. भाभी मैं देखती हूँ..
कोमल - जल्दी देख सुमन.. आज का ही शुभ समय है.. पूर्णिमा का दिन है.. अगर 12 बजे के बाद फेरे पड़े तो अशुभ घड़ी शुरू हो जायेगी..
सुमन - आज पूर्णिमा है?
कोमल - हाँ.. लेकिन तू इतनी फ़िक्र में क्यों है?
सुमन - कुछ नहीं भाभी.. मैं ग़ुगु के साथ घर जाती हूँ औऱ सामान लेकर आती हूँ..
कोमल - लो सुमन चाबी.. जल्दी आना..
सुमन - चिंता मत करो भाभी अभी समय है..

सुमन कोमल से चाबी लेकर लोन में गौतम को ढूंढने लगती है.. औऱ कुछ देर बाद गौतम सुमन को अकेला कहीं बैठा हुआ अपने फ़ोन में किसी से चैटिंग करते हुए दिखाई देता है..
सुमन - ग़ुगु चल.. घर चलना है..
गौतम - क्यों?
सुमन - चल ना रास्ते में बताती हूँ..
गौतम उठकर सुमन के साथ पार्किंग की तरफ जाते हुए - क्या हुआ माँ.. सब ठीक है ना इतनी जल्दी में क्यों हो..
सुमन - अरे वो भाभी कुछ सामान भूल गई है घर पर.. वही लेकर आना है.. फेरो के लिए पंडित ज़ी को जरुरत है उसकी..
गौतम - ये बात है क्या.. मुझे लगा आज मैं लकी होने वाला हूँ.. आप शायद मान गई हो..
सुमन हसते हुए - ग़ुगु तू.. हर दम वही सब सोचता रहता है?
गौतम - अब आपके जैसी खूबसूरत माँ हो तो औऱ क्या सोचूंगा.. मैं भी देख रहा था कैसे लोग आपको नाचते हुए देख रहे थे.. कई लोगों ने तो नंबर भी दिये है..
सुमन - वो सब मैंने नहीं लिए.. मुझे किसी में दिलचस्पी नहीं है.. तू जल्दी से गाडी चला औऱ घर चल.. एक औऱ काम है तुझसे..
गौतम - औऱ वो क्या है..
सुमन - अकेले में बताऊंगी..
गौतम - यहां पार्किंग में कौन है बता दो...
सुमन - नहीं.. तू चल..
गौतम गाडी स्टार्ट करके घर की तरफ मोड़ लेता है रात के सुनसान रास्ते औऱ खाली सडक से घर पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता...
सुमन का दरवाजा खोलकर अंदर आ जाती है गौतम भी उसके पीछे पीछे अंदर आकर घर का दरवाजा लगा देता है औऱ सुमन से कहता है..
गौतम - अब तो बता दो दूसरा कम क्या है..
सुमन मुस्कुराते हुए - थोड़ा सब्र कर शहजादे.. इतनी बेसब्री अच्छी नहीं पहले सामान देख लेती हूँ कहा रखा है भाभी ने..
गौतम - अपने रूम में रखा होगा..
सुमन - नहीं ग़ुगु सारा सामान भाभी ने इसी रूम में रखा था..
गौतम - रुको मैं फ़ोन करके पूछता हूँ..
सुमन - हाँ ये ठीक रहेगा.. पूछो कहा रखा है सामान..
गौतम फ़ोन पर - हेलो मामी.. सामान कहा है रखा है जो आप छोड़ गए थे?
सुमन - अरे बेटा.. गलती हो गई.. तेरे मामा वो सामान ले तो आये पर अपनी गाडी की डिक्की से निकाला ही नहीं.. सामान यही गाडी में है.. मैंने तेरे मामा को कहकर मंगवा लिया.. तुम्हे बिना काम ही घर जाना पड़ा..
गौतम - कोई बात नहीं मामी.. फ़ोन कट जाता है..

फ़ोन स्पीकर पर था सुमन भी सारी बातें सुन रही थी..
सुमन - भाभी भी ना.. ऐसा नहीं कि पहले भईया से पूछ ले.. फालतू ही यहां आये..
गौतम सुमन को बाहों मे भरते हुए - फ़ालतू क्यों माँ.. हम यहां खुलकर रोमांस कर सकते है.. अब बताओ औऱ क्या काम था मुझसे..
सुमन - पहले छोड़.. मुझे कुछ काम है..
गौतम सुमन को छोड़ते हुए - लो छोड़ दिया...
सुमन मुस्कुराते हुए - अपने कमरे में जाके बैठ मैं पांच मिनट में आती हूँ..
गौतम - जल्दी आना माँ.. वरना मैं आ जाऊँगा..
सुमन गौतम की बात पर हसते हुए अपने कमरे में चली जाती है औऱ अपने साड़ियों में से एक लाल कलर की साडी पहन लेती है.. औऱ गौतम के कमरे में आती है..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा तो याद आ ही गया आपको आज पूर्णिमा है.. मगर जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी मैं आपका दूध नहीं पिने वाला..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम की गोद में आकर बैठती हुई अपना ब्लाउज खोलकर - मेरे इन दोनो कबूतरों को देखकर आज बहुत सारे मर्दो ने इन्हे पाने की कोशिश की थी.. औऱ एक तू है.. इतनी प्यार से मिन्नतें करके.. हाथ जोड़कर.. तुझे अपने बोबे चुसवाती हूँ फिर भी तू नखरे करता है..
गौतम - मैं नखरे करता हूँ या आप नखरे करती हो.. कब से बोल रहा हूँ सेक्स करते है पर आप हो की सुनती ही नहीं.. हम दोनों के बीच अकेले में इतना सब होता है.. सेक्स भी हो जाएगा तो कौन पूछने वाला है? आपको चाहिए तो कंडोम पहन के चोद लूंगा मुझे कोई परेशानी नहीं है उसमे.. बस आप हाँ कर दो बहुत प्यार करुंगा माँ आपको..
सुमन - बेशम.. भला कोई बेटा भी अपनी सगी माँ चोदता है? तू तो ऐसी बात कर रहा है जो आज तक कहीं नहीं हुई..
गौतम - हर दूसरे घर में होती है माँ.. पर आप मानने को ही तैयार नहीं हो..
सुमन - कहा होती? तेरे सपनो में? कुछ भी मत बोल.. चुपचाप अब मेरे बोबे चूस.. वापस भी चलना है..
गौतम - नहीं चूसने माँ मुझे आपके बोबे.. हर बार बोबे चूसा कर लंड खड़ा कर देती हो फिर खड़े लंड पर चोट करके चली जाती हो.. औऱ आप नहीं मानती इसका मतलब ये नहीं कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं होता.. दुनिया में बहुत कुछ होता है औऱ इंडिया में तो औऱ भी ज्यादा.. कहीं किसी घर कोई बेटा अपनी माँ चोद रहा है तो कहीं कोई बाप अपनी बेटी.. भाई बहन तो हर दूसरे घर में चुदाई कर रहे है.. लोग इसपर बात करने से डरते है इसलिए अब तक ये सब छीपा हुआ है.. इंटरनेट जानती हो ना.. उस पर कई ऐसे समाचार पत्र आते है जिनमे घर में होने वाली चुदाई के समाचार आते है वो भी पूरी डिटेल के साथ.. मगर आपको क्या पता.. आपको तो ये सब बकवास औऱ कोरी बातें लगती है..
सुमन - अच्छा होनसा अखबार छापता ऐसी खबर.. बता जरा..
गौतम - डार्क वेब करके कुछ होता है उस पर आते है.. मेने एक साइट को सब्सक्राइब किया है उसमे इंडिया की incest न्यूज़ आती है.. "भारत की पारिवारिक चुदाईया" नाम से आता है समाचार... हर वीकेंड पर.. पढ़ोगी..
सुमन कुछ पल रूककर -पढ़ा जरा.. मैं भी तो देखु तू सच कह भी रहा है या नहीं..
गौतम अपना फ़ोन निकालकर - लो पढ़ो ये पिछले वीकेंड का न्यूज़ पेपर है..
सुमन - तू ही पढ़ के सुना.. मुझसे फ़ोन में नहीं पढ़ा जाएगा.. आँखे कमजोर हो गई है मेरी..
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - सुनो.. पहली खबर - बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बाप पिछले 1 साल से कर रहा था अपनी बेटी के साथ गलत काम.. बेटी के प्रेग्नेंट होने पर आस पास के लोगों को इस बात का पता चला.. बेटी ने पुलिस से कहा की उसके बाप ने उसकी मर्ज़ी से उसके साथ सम्बन्ध बनाये थे औऱ अब वो अपने बाप के साथ ही रहना चाहती है..
दूसरी खबर - बिहार के मधुबनी में भाई ने रचाई अपनी ही बहन के साथ शादी.. दोनों का चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था.. घर में ही दोनों करते थे रात रातभर चुदाई.. एक बार बच्चा भी गिरा चुके है.. लड़की ने कहा.. पति शराब पीके मारपिट करता था इसलिए ससुराल छोड़कर अकेले रह रहे छोटे भाई के घर रहने आई थी.. घर आने के कुछ दिनों में ही लड़की को अपने छोटे भाई से प्यार हो गया औऱ दोनों में रात दिन चुदाई होने लगी.. पहला बच्चा तो समाज के डर से गिरा दिया मगर दूसरे बच्चे को वो पैदा करना चाहती है औऱ इसलिए दोनों भाई बहनो ने आपस में शादी करके साथ रहने का निर्णय लिया है..
तीसरी खबर - हरियाणा के रोहतक में अपने पति के कहने पर बाप की जायद में अपना हिस्सा मांग रही औरत को उसके दोनों भाइयो औऱ पांचो भतीजो ने हिस्सा देने के बदले 21 दिनों तक खूब चोदा.. औरत का कहना है की उसे जायदाद में हिस्सा लेने के लिए 21 की जगह 121 दिन भी चुदना पड़ता तो वो चुदने को तैयार थी.. भतीजो ने कहा कि बुआ की चुत बहुत टाइट थी सबको बुआ की चुत मारने में मज़ा आया..
चौथी ख़बर - उतर प्रदेश के शहर बरेली में एक शराबी बेटे के पास जब रांड चोदने के पैसे नहीं बचे तो उसने घर आकर अपनी ही माँ का घाघरा उठा दिया.. बीमार बाप की गैरमोज़ूदगी में शराबी बेटे ने रातभर में 4 बार अपनी माँ की चुत चोदकर माँ की चुत में अपना माल झाड़ दिया.. नशा उतरने पर बेटे ने माँ से पैर छूकर माफ़ी मांगी औऱ शराब छोड़ देने का वादा भी किया.. माँ का कहना है कि.. जो हुआ सो हुआ.. एकलौता जवान लड़का है औऱ ऊपर से घर चलाने वाला भी.. अगर फिर से बेटा चोदना चाहेगा तो वो अपनी मर्ज़ी से चुदवाएगी...
पाँचवी खबर - महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सटे ग्रामीण इलाके में दो भाइयो का विवाद तब सुर्खियों में आ गया जब दोनों ने एकदूसरे पर अपनी अपनी पत्नियों को पेलने का आरोप लगाते हुए अपनी अपनी बात कही.. बड़े भाई का कहना था कि छोटा भाई उसकी पत्नी को खेतो में बुलाकर चोदता है तो छोटे भाई का कहना था कि बड़ा भाई उसकी पत्नी को छत पर बुला के चोदता है.. आखिर में पंचायत ने दोनों को पत्नियां अदला बदली करनी कि सलाह दी. दोनों भाइयो ने अपनी पत्नी को तलाक़ देकर एकदूसरे की पत्नी से शादी कर ली..
छटी खबर - उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले जुनेद आलम नाम के शख्स को अपनी तलाक़शुदा बहन जमीला से तब निकाह करना पड़ गया जब जमीला को चोदते हुए उसे पड़ोसियों ने देख लिया.. जमीला का कहना है की जुनेद उसे हर तरह से खुश रखता है औऱ वो जुनेद के साथ निकाह करके खुश है..
सातवीं खबर - मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लूलीपुर गाँव में एक 18 साल की युवती मीना को उसके 32 साल के मामा रघुवर से ऐसा इश्क़ हुआ कि लड़की ने घरवालों से मामा के साथ शादी करने की ज़िद पर अड़ गई.. परिवार ने चोरी छिपे लड़की की शादी करवाकर उसको उसके मामा के साथ शहर भेज दिया.. जहाँ दोनों एक किराए के घर में रहते है..
आठवीं खबर - छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले मज़ीद अली नाम के शख्स ने हवस में अंधे होकर अपनी माँ औऱ बहन को तब चोद डाला जब दोनों एक साथ सो रही थी..
बहन का कहना है की भाई ने पहले उसकी अम्मी चोदी औऱ जब भाई को अम्मी की चुत ढीली लगी तो भाई ने उसकी सलवार उतार कर उसकी चुत मारी.. माँ का कहना है की बेटा ब्लू फिल्मो का शौकीन है उसे ava adams कहकर बुलाता था औऱ बेटी को mia khalifa..
नवी खबर - बिहार के समस्तीपुर के छोटे से गाँव कुला में भाई बहन 2 साल से बना रहे थे सम्बन्ध.. पिता को पता लगने पर दोनों को घर से निकाला.. लड़का अपनी बहन के साथ पटना अपने दोस्तों के घर किराए पर रहने आ गया औऱ वही अपनी बहन से शादी करके रहने लगा..
दसवीं खबर - दिल्ली में अपने ही बेटे पर आ गया एक माँ का दिल.. 44 साल की सुशीला अपने 26 साल के बेटे संस्कार के साथ प्यार में ऐसी पड़ी कि समाज की मर्यादा तोड़कर अपने बेटे के साथ भाग निकली.. पति का कहना है कि सुशीला उसके सो जाने के बाद संस्कार के कमरे में जाकर चुदवाती थी.. बेटे के साथ आपत्तिजनक तस्वीर भी खिचवाती थी.. मना करने के बाद भी सुशीला ने अपने नाजायज सम्बन्ध अपने बेटे संस्कार से नहीं तोड़े औऱ घर में खुलकर गंद मचाने लगी.. कई बार उसने अपने बीवी बेटे को रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथ पकड़ा मगर समाज औऱ बदनामी के डर से कुछ बोल ना सका.. शुशीला जब संस्कार से प्रेग्नेंट हुई तो घर से सारा केश औऱ गहने के साथ संस्कार को लेके भाग निकली..
सुमन - हाय.. कैसी औरत होगी.. अपने ही बेटे को भगा के ले गई..
गौतम - तो.. सब क्या आपके जैसी डरपोक है? अभी औऱ भी बहुत सी खबर है.. एक तरफ सुशीला है औऱ एक तरफ आप.. आप तो कंडोम लगा के भी नहीं चोदने देती... चुत पूरी तरह गीली है मगर फिर भी चुदवाना नहीं है..
सुमन - तू मेरी मजबूरिया क्यों नहीं समझता शहजादे.. मेरी चुत औऱ गांड तुझसे बढ़कर थोड़ी है.. चल अब अच्छे बच्चे कि तरह मेरे दोनों बोबो को चूस वरना माँ नाराज़ हो जायेगी..
गौतम सुमन के दोनों बूब्स पकड़कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा देता है औऱ बोबे मसलते हुए कहता है - बचपन से देख रहा हूँ आपको.. थोड़ी देर मेरी शकल ना दिखे तो बेचैन हो उठती हो आप.. कितनी भी बड़ी गलती कर दूँ कभी कुछ नहीं कहती.. बड़ी आई नाराज़ होने वाली..
सुमन - एकलौता सुकून है मेरी आँखों का तू ग़ुगु.. तुझसे कैसे नाराज़ हो सकती हूँ..
गौतम सुमन के निप्पल्स चाटते हुए - तो फिर ले चलो मुझे भी भगा कर.. कहीं दूर पहाड़ो में.. एक छोटा सा घर होगा.. उसमें सिर्फ आप मैं औऱ एक बिस्तर.. दिन महीने साल बदल जायेगे पर हम दोनों वही उसी बिस्तर पर हमारे मिलन के सुख को भोगते रहेंगे..
सुमन मुस्कुराते हुए - खुली हुई आँखों से इतने बड़े बड़े औऱ पुरे नहीं होने वाले सपने मत देख मेरे शहजादे.. मैं तेरी माँ हूँ औऱ माँ बनकर ही तेरे साथ रहूंगी हमेशा..
गौतम निप्पल्स चूसते हुए - होगा माँ.. हर सपना पूरा होगा.. देखना एक दिन ऐसे ही किसी मुलायम बिस्तर पर आप इसी तरह मेरे नीचे लेटी रहोगी औऱ अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत में घुसाती हुई बोलोगी.. गौतम ज़ी.. आज जरा धीरे करना.. अभी अभी आपके बच्चे को दूध पीलाके सुलाके आई हूँ.. अगर वो कल की तरह उठ गया तो हिलाके ही सोना पड़ेगा आपको...
सुमन जोर से हसते हुए - हट बेशर्म.. कुछ भी उल्टा सीधा बोलता है.. कितना कुछ सोच रखा है तूने.. तू जितना प्यारा है उतना ही शैतानी दिमाग भी है तेरा... अब चल वापस चलते है..
गौतम - इतनी भी क्या जल्दी है माँ.. कोनसी हमारे बिना शादी रुक जायेगी.. चलो थोड़ी देर ट्रुथ एंड डेयर खेलते है..
सुमन - नहीं ग़ुगु... तू ना बहुत गंदे गंदे सवाल पूछता है औऱ गंदे गंदे काम करवाता है मुझसे..
गौतम - तो आप भी पूछ लेना ना.. औऱ जो मन हो वो डेयर दे देना मैं मना नहीं करूँगा..
सुमन - ठीक है मगर इस बार आँख झपकाने वाला गेम नहीं चलेगा उसमे हर बार तू ही जीत जाता है..
गौतम - तो कोनसा गेम खेले?
सुमन - कोई भी दूसरा..
गौतम - अच्छा ठीक है.. मैं अलार्म सेट करता हूँ फ़ोन में जो एक मिनट होने पर बजेगा.. औऱ ये चिविंगम आप खा लो.. मैं आपके मुंह से आपको चूमकर चिविंगम निकालने की कोशिश करूँगा.. अलार्म बजते ही जिसके मुंह में चिविंगम होगी वही जीतेगा...
सुमन - ठीक है.. इस बार देखती हूँ तू कैसे जीतता है.. आओ चूमो मुझे औऱ अलार्म सेट कर दो.. एक मिनट क्या दस के बाद भी तू मेरे मुंह से चिविंगम नहीं निकाल पायेगा बच्चू...
गौतम - वो अभी पता चल जाएगा माँ..
गौतम औऱ सुमन का चुम्मा शुरू होता है गौतम अपनी जीभ से सुमन के मुंह में इधर से उधर चिविंगम तलाश करता है.. मगर अलार्म बजने पर सुमन के मुंह से गौतम चिविंगम निकालकर अपने मुंह में लेने में नाकाम रहता है..

सुमन अलार्म बजने पर चुम्मा तोड़कर - अब बोल बच्चू? बहुत गेम खेलने का शोक है ना तुझे..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ क्या करू? डेयर लेता हूँ मैं..
सुमन थोड़ी देर सोचकर - हम्म.. अपने फ़ोन का पासवर्ड बताओ.. औऱ लोक चेंज मत करना..
गौतम - माँ नहीं यार.. ये बहुत पर्सनल है मैं भी तो आपके फ़ोन का पासवर्ड नहीं पूछता..
सुमन मुंह मोड़ते हुए - नहीं करना छोड़ दो.. वैसे भी तुम मेरी तरह डेयर तो कर नहीं सकते..
गौतम सुमन को देखते हुए - ताना मार रही हो मुझे.. आपकी डेट ऑफ़ बर्थ है मेरे फ़ोन का पासवर्ड.. अब खुश..
सुमन मुस्कुराते हुए - मेरी डेट ऑफ़ बर्थ? ग़ुगु तू भी ना.. तेरी इन्ही हरकतों की वजह से मुझे इतना प्यार आता है तुझ पर..
गौतम - अच्छा अब चिविंगम दो.. इस बार आप मेरे मुंह से निकालना..
सुमन अपने मुंह की चिविंगम गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ गौतम अलार्म सेट करके फिर से सुमन को चूमने लगता है सुमन भी अपनी पूरी कोशिश करती है मगर गौतम के मुंह से चिविंगम अपने मुंह में लेने में असफल रहती है.. औऱ हार जाती है..
गौतम - बताओ मेरी सेक्सी माँ.. क्या लोगी ट्रुथ या डेयर?
सुमन - तूने जो लिए मैं भी वही लुंगी.. बता क्या करना है..
गौतम - एक काम करो.. अपना फ़ोन उठाओ औऱ पापा को फ़ोन करके उनसे झगड़ा करो गन्दा वाला औऱ पापा को एक दो गाली भी दे देना..
सुमन - इस वक़्त?
गौतम - अभी तो सिर्फ साढ़े दस हुए है..
सुमन अपना फ़ोन उठा कर - ठीक है..
सुमन फ़ोन स्पीकर पर डालकर - हेलो..
जगमोहन - हेलो.. हाँ बोलो..
सुमन - तुम शादी में आने वाले थे ना.. कल भी तुम्हे फ़ोन करके कहा था मैंने औऱ तुमने हां करी थी..
जगमोहन - सुमन अभी इंचार्ज साब के साथ गस्त पर आया हुआ हूँ बाद में बात करूँगा..
सुमन - इंचार्ज के साथ हो या अपनी उस रखैल माधुरी के साथ? मुझे छोटे से पुलिस क्वाटर में रखा है उस महारानी के लिए बड़ा मकान बनवाया है.. एक बार वापस आ जाऊ फिर देखती हूँ तुम दोनों को..
जगमोहन - तु अब वापस शुरू मत हो जाना.. कहा है ना मैंने. बात कर रहा हूँ माधुरी से.. जल्दी ही उसे मनाकर तुझे भी वहा से बुला लूंगा..
सुमन - उसकी परमिशन से आउंगी क्या मैं? वो होती कोन है हां या ना करने वाली.. मर्दानगी तो ख़त्म हो ही चुकी है तुम्हारे अंदर अब लगता है शर्म भी ख़त्म हो गई है..
जगमोहन - सुमन जबान संभाल के.. अपनी हद को मत भूल.. औऱ घर उसके नाम पर है उससे तो बात करनी पड़ेगी..
सुमन - वाह.. बहन दुगुनी उम्र के बूढ़े से शादी करके बैठी है औऱ भाई अपनी पत्नी को छोड़कर रखैल के नाम पर घर ले रहा है.. थोड़ी बहुत शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब जाओ..
जगमोहन - अपनी जबान को लगाम दे सुमन.. वरना घर छोड़ उस पुलिस क्वाटर से भी जायेगी.. हर महीने खर्चा भेज रहा हूँ उसे खुश किस्मती समझ..
सुमन - खर्चा भेजते हो तो अहसान करते हो क्या.. औऱ होता क्या है तुम्हारे भेजे 15 हज़ार रुपए में.. अपने बेटे की छोटी मोटी जरुरत भी पूरी नहीं कर पाती.. अब तो मेरे बेटे ने मुझसे कुछ माँगना भी छोड़ दिया है.. नपुंसक तो थे ही अब बेशर्म भी हो गए..
जगमोहन - मेरा तुझसे लड़ाई का कोई मूंड नहीं है फोन रख..
सुमन - औऱ कर भी क्या सकते हो फ़ोन रखने के अलावा? चोद तो मुझे पाओगे नहीं.. ढीला लंड एक मिनट में झड़ जाएगा.. पता नहीं उस डायन को क्या पसंद आया तुम्हारे अंदर? जो अब तक तुम्हारे साथ है..
जगमोहन - साली वो कम से कम मुझे इंसान मानकर तो बात करती है तेरी तरह ताने तो नहीं मारती.. जब तेरे पास आता हूँ.. तू मुझे हर बार मेरी नामर्दानगी का अहसास दिला देती है.. बेटे पर जादू किया हुआ है.. मेरी तो आज तक कोई बात नहीं मानी उसने.. औऱ तेरे साथ शादी में चला गया..
गौतम अपनी माँ औऱ बाप की बातें सुनता हुआ सुमन के चुचे चूस रहा था औऱ फिर एक सिगरेट जलाते हुए कश लेकर सुमन को मुस्कुराते हुए देखने लगा..
सुमन गौतम से सिगरेट लेकर कश मारके कहती है - मेरा बेटा है मेरी नहीं सुनेगा तो क्या तुम्हारी उस रखैल की सुनेगा? तुम्हारी बहन तो बदचलन थी ही.. उसके साथ साथ तुम्हे भी बाहर मुंह मारने की आदत है..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ अपना लंड सुमन के मुंह के आगे ले आता है जिसे सुमन पकड़ते हुए धीरे धीरे मुंह में लेकर चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे किसने मना किया है साली.. तू भी बाहर किसी से गांड मरवा ले.. पर मुझे रोज़ रोज़ फ़ोन करके परेशान मत कर.. मैं तंग आ गया तुझसे..
सुमन लंड चूसते हुए - तुम्हारी बहन के जैसी रांड नहीं हूँ मैं जो बाहर गैर मर्दो से चुदवाती फिरू.. इज़्ज़तदार घरेलु औरत हूँ औऱ एक जवान बेटे की माँ.. बाहर मुंह मारना मेरी आदत नहीं है.. इतना कहते ही सुमन फिर से गौतम का लंड चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे जो करना है कर.. मुझे माफ़ कर.. मेरे पास तेरे घरवालों के लिए टाइम नहीं है..
सुमन धीरे धीरे लंड चूसते हुए गौतम से सिगरेट लेकर कश मारते हुए - हाँ.. आई ज़ी.. डीआईज़ी लगे हो ना तुम तो.. सिर्फ एक हेड कांस्टेबल हो.. देसी भाषा में ठुल्ला..
जगमोहन फ़ोन काटते हुए - हट बहनचोद.. तेरा फ़ोन ही नहीं उठाना चाहिए था..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर अपना लोडा चुसवाता हुआ सिगरेट का कश लेकर - माँ बुआ के बारे में कुछ मत बोला करो.. आपकी तरह उनको भी बहुत प्यार करता हूँ मैं...
सुमन गुस्से में - सब जानती हूँ कितना प्यार करता है औऱ कैसे प्यार करता है तू अपनी बुआ को.. उस रात सब अपनी आँखों से देखा था मैंने...
गौतम - माँ कहा छुपा रखा था अपने अपना ये रूप.. पापा से जैसे बात की औऱ मुझसे कर रही.. गुस्से में कभी देखा नहीं आपको.. गुस्सा अच्छा लगता है आपके ऊपर.. मुझ पर भी किया करो..
सुमन मुस्कुराते हुए - तेरा तो आधे घंटे से पहले नहीं निकलने वाला.. चल अब वापस चलते है वरना बहुत देर हो जायेगी.. बहुत भूक भी लगी है मुझे तो..
गौतम - जैसा आप कहो..
सुमन - रुक मैं साडी बदल कर आती हूँ..
गौतम - रहने दो ना अच्छा लग रहा है आपके ऊपर ये भी..
सुमन - अच्छा चल ठीक है..

***********

इतना समय कैसे लग गया सुमन? औऱ ये साडी क्यों बदली है तूने..
भाभी वो कुछ गिर गया था साड़ी पर इसलिए बदल ली.. मैं गौतम के साथ खाना खाने जा रही हूँ..
अरे खाना मेरे साथ खा लेना.. कहा गौतम के पीछे पीछे घूम रही है अब वो बच्चा नहीं मर्द बन चूका है..
ठीक है भाभी चलो..

अधिकांश मेहमान वापस जा चुके थे और लोन में अब बहुत कम ही लोग बचे थे रात के 11:00 का समय था और अब स्टेज पर रितु और राहुल भी सभी मेहमानों के साथ तस्वीर खिचवा चुके थे..

लोन में खाली टेबल पर एक आदमी नशे में बैठा झूलता हुआ एक वेटर से अनाप-शनाप गाली-गलौज कर रहा था..
आदमी - भोस्डिके क्या मंगवाया था औऱ क्या लेके आया है तू?
वेटर - सॉरी सर.. अभी ला देता हूँ..
गौतम उसके नजदीक जाकर.. टेबल पर बैठता हुआ..
गौतम - बहुत ख़ास मेहमान लग रहे हो..
आदमी - तू कौन है..
गौतम झूठ बोलता हुआ - केटरिंग मेरी है.. मेरे ही आदमियों से आप बदसूलुकी कररहे थे..
आदमी - अरे समझाओ अपने वेटर को साला कहता कुछ हूँ करता कुछ है.
गौतम - नासमझ है साला.. कई बार पिट भी चूका है.. खैर छोडो.. मेरा नाम गौतम है.. आप?
आदमी - विक्रम..
गौतम - विक्रम ज़ी बराती लगते हो..
विक्रम - नहीं यार.. ना घराती ना बराती.. हम है अपनी मर्ज़ी के मेहमान..
गौतम - मतलब?
विक्रम - मतलब कि मैं वो हूँ जो इस शादी को दो मिनट में ख़राब कर सकता हूँ.
गौतम - अच्छा? कोई महान हस्ती लगते हो?
विकर्म - हाँ बेशक़.. दुल्हन का बॉयफ्रेंड हूँ मैं..
गौतम हैरानी से - क्या? पर मैंने तो सुना है दुल्हन बहुत भोली भाली शरीफ है..
विकर्म फ़ोन निकालते हुए - अरे मेरा लंड शरीफ है साली.. लपक लपक के लोडे लेती है मादरचोद.. थोड़ी देर पहले पीछे बाथरूम में चोद के आया हूँ रंडी को ये देख सबूत..
गौतम फोन में विकर्म औऱ ऋतू कि चुदाई का वीडियो देखकर - अरे बहनचोद.. लगता है बहुत टाइम से पेल रहे हो इस लड़की को.. फिर शादी क्यों नहीं कि?
विकर्म - रडियो से शादी नहीं करते छोटे भाई.. बस चोदके मज़े लेते है..
गौतम - समझा नहीं..
विकर्म - ये साली रांड मुझसे पहले औऱ कई लोगो से चुद चुकी है.. सबने एक एक करके चोदा है इसको..
गौतम - बड़े भाई.. खाना छोडो यार दारु पीते है औऱ.. आओ मेरे साथ चलो.. हर ब्राड है अपने पास..
विक्रम हसते हुए - लगता है तुझे भी इसकी लेनी है.. चिंता मत कर मैं दिलवा दूंगा..

गौतम विक्रम हो अपने रूम में जाता है औऱ दो पेग बनाकर एक बैठ जाता है..
गौतम - लकी तो हो यार आप.. मगर ये लड़की शादी के दिन भी आपसे चुदवा रही है.. कुछ तो बात है.
विकर्म पेग पीकर- अरे इसके बहुत वीडियो है मेरे पास.. एक बार बुलाने पर भाग के चली आती.. (बोतल लेकर पीते हुए) मैं कहता हूँ नहीं आएगी तो mms लीक कर दूंगा.. साली को आना ही पड़ता है..
गौतम - क्या बात है.. बहुत पहुचे हुए खिलाड़ी हो.. आप तो..
विक्रम हसते हुए बोतल से एक साथ बहुत सारी दारु पिता हुआ बेड पर गिर जाता है औऱ गौतम विकर्म के गिरने पर उसे बेड पर अच्छे से लेटा देता है औऱ उसके फोन को लेकर विकर्म कि ऊँगली से लॉक खोलकर ऋतू के सारे वीडियो अपने फ़ोन में ट्रांसफर करके विकर्म के फ़ोन से ऋतू के वीडियो डिलीट कर देता है.. इसके बाद गौतम चेतन को फ़ोन करता है..

गौतम - भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु?
गौतम - भईया उस आदमी के नम्बर दोगे जिसने रांडे बुलाई थी?
चेतन - तुझे क्यों चाहिए उसके नम्बर?
गौतम - अर्जेंट है भईया.. आप दो ना..
चेतन - ग़ुगु एक दो लड़की अभी यही है तुझे चाहिए तो भेज देता हूँ..
गौतम - भईया आप भेजो ना यार नम्बर.. लड़की नहीं चाहिए मुझे..
चेतन - ठीक है व्हाट्सप्प कर रहा हूँ.. पैसे मत देना मैं दे दूंगा..
गौतम - ठीक है भईया..

गौतम चेतन के भेजे हुए नम्बर डायल करके - हेलो
दलाल - हैल्लो..
गौतम - कालू ज़ी बोल रहे है..
दलाल - हाँ.. आप कौन?
गौतम - मैं चेतन का भाई हूँ.. आपने आज 11 औरते भेजी थी ना नाचने के लिए..
कालू - हाँ.. औऱ कुछ चाहिए तो बताओ? भेजना है औऱ किसी औरत को?.
गौतम - हाँ.. पर औरत को नहीं मर्द चाहिए जिसे लड़के पसंद हो..
कालू हसते हुए - अच्छा है आजकल लड़के भी डिमांड में है.. कितने भेजू?
गौतम - 1 ही भेज दो.. जितना बदसूरत हो उतना अच्छा..
कालू - 10 मिनट में आ जाएगा.. इस नम्बर के कांटेक्ट सेंड कर रहा हूँ. फ़ोन उठा लेना.. वसीम नाम है आदमी का..
गौतम - ठीक है..

हेलो ..
वसीम - ज़ी मैं पहुंच गया हूँ..
गौतम - लेफ्ट साइड में वाइट बिल्डिंग दिख रही है.. फर्स्ट फ्लोर पर रूम नम्बर 26 में आजा..
वसीम रूम में आकर गौतम से - आपने बुलाया है?
गौतम - हाँ ये आदमी दिख रहा है..
वसीम - मरा हुआ है क्या?
गौतम - अबे नशे में है..
वसीम - तो..
गौतम - तो क्या.. चोद इस आदमी को..
वसीम - पर आप वीडियो क्यों बना रहे है..
गौतम - बना नहीं रहा बनाऊंगा.. तुझे दिक्कत है वीडियो बनाने से?
वसीम - हाँ.. मैं वीडियो नहीं बना सकता..
गौतम - अबे डबल रेट दिलवा दूंगा..
वसीम कुछ सोचकर - मेरा फेस तो नहीं आएगा ना..
गौतम - अबे रुमाल बाँध ले.. चल अब शुरू कर फ़िल्म...
वसीम विकर्म को नंगा कर के खुद्द भी नंगा हो जाता है औऱ विक्रम के साथ चूमाचाटी करते हुए विक्रम के मज़े लेने लगता है.. विकर्म नशे में पूरी तरह से चूर हिलता दुलता हुआ वसीम को अपने ऊपर से हटाता है मगर वसीम विकर्म की गांड में थूक लगा कर अपने लंड से उसे चोदने लगता है.. विकर्म नशे में चूर था उसे सब दिखाई दे रहा था मगर वो कुछ नहीं कर पास रहा था.. गौतम विक्रम के फ़ोन से ही उसका mms बना रहा था..

विक्रम चुद चूका था औऱ उसका वीडियो उसी के फ़ोन में बन चूका था जिसे गौतम ने अपने फ़ोन में ट्रांसफर भी कर लिया था.. वसीम विकर्म को चोदकर निकल चूका था औऱ विकर्म आहे भरता हुआ अपनी गांड के हाथ लगा के लेता था उसकी हालात ऐसी थी की वो कुछ नहीं कर सकता था.. नशे में चुर विक्रम कुछ देर बाद गहरी नींद में सो गया.

गौतम ने विकर्म के फ़ोन से उसका mms बनाकर फ़ोन विक्रम के पास ही पटक कर रूम से बाहर आ गया.. विक्रम का mms गौतम के पास था औऱ अब विक्रम के पास ऋतू का एक भी वीडियो नहीं था..

Jabardast update 🔥 👍🏻
Ritu attitude tou bahut dikhati hai Gautam ko but nikali ek randi se bhi battar .....khair dekhte hai ab Gautam kaise apna badala leta hai Ritu se
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update 26


गौतम जब नीचे आया दूल्हे औऱ दुल्हन का खाना लग चूका था.. आरती ने गौतम का हाथ पकड़ कर उसे भी अपने साथ खाने की मेज पर बैठा लिया औऱ बोली..
आरती - क्यों देवर ज़ी.. आज तो अपनी भाभी से मिलने की फुर्सत ही नहीं मिली आपको.. कितना ढूंढा पर आप कभी यहां तो कभी वहा.. आज तो हवा की तरह बह रहे थे.. अब पकड़ में आये हो..
कोमल - अरे आरती क्यों तंग रही है ग़ुगु को..
सुमन भी खाने की टेबल पर बैठी थी उसने कोमल से कहा - अरे भाभी.. आप देवर भाभी के बीच क्यों बोलती हो.. अब आरती अपने देवर से हंसी मज़ाक़ नहीं करेंगी तो किस्से करेंगी.. आपसे?
आरती - सही कहा बुआ.. औऱ देवर जब इतना प्यारा हो तो मज़ाक़ के साथ साथ औऱ भी बहुत कुछ करना पड़ता है..
आरती की बात पर सब हँसने लगते है..
गौतम - भाभी छोडो मुझे.. मुझे दीदी के साथ बैठके खाना है आज.. बहुत सताया है मैंने दीदी को..
(गौतम उठकर ऋतू के साथ वाली कुर्सी पर बैठकर) दीदी जीजा ज़ी के हाथ से बाद में खाना पहले मेरे हाथ से खाओ..
ऋतू मुस्कुराते हुए गौतम का गाल चूमकर - ग़ुगु.. सच में बहुत सताया तूने मुझे..

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गौतम - मैंने जितना सताया उसका बदला आप ससुराल जाकर जीजाजी को सताकर पूरा कर लेना..
ऋतू हसते हुए गौतम को गले लगा कर - मेरा प्यारा भाई..
कोमल - अब खाना भी खालो.. दोनों भाई बहन क्या बात ही करते रहोगे..
गौतम - हाँ मामी.. मुझे तो बहुत भूख लगी है..
आरती - ऋतू जरा राहुल ज़ी को भी तो खिला अपने हाथो से..
सुमन - अब तो इसे सारी उम्र यही करना है आरती..
आरती - ये सच कहा बुआ आपने.. अब तो देवर ज़ी बचे है.. उनके लिए भी लड़की देखनी पड़ेगी..
गौतम - आप हो ना भाभी.. कोई औऱ लड़की देखने की क्या जरुरत है..
आरती - देख रही हो बुआ.. पहले तो बोलने से भी बात नहीं करता था.. अब केसे कैंची की तरह जुबान चलाने लगा है आपका ग़ुगु..
सुमन खाना खाते हुए - तुम अपनी देवर भाभी की बातों में मुझे मत खींचो..
गौतम - दीदी ये स्वाद है.. इसे लो ना..
आरती - देवर ज़ी हमें भी दे दो क्या स्वाद बना है.. आप तो अपनी दीदी से ही चिपके हुए हो..
गौतम अपनी जगह से उठकर आरती के पास जाता है औऱ एक निवाला उसे खिलाकर कहता है- लो कहा लो.. बस?
कोमल - अब तो खुश हो आरती? देवर ने अपने हाथों से भी खिला दिया..
आरती - मैं कल ही खुश हो गई थी देवर ज़ी से मम्मी ज़ी..
गौतम आरती को देखता हुआ - मतलब?
आरती - कल देवर ज़ी आपने गन्ने का जूस पिलाया था ना.. उसके बारे में बात कर रही हूँ..
गायत्री - जूस तो ग़ुगु ने आज मुझे भी पिलाया था..
कोमल - आप दोनों से पहले ग़ुगु मेरे पास आया था.. जूस लेकर.. मुझे तो दो दो बार पिलाया था.. जूस पीते पीते ही तो मेरे पैर में मोच आई थी..
संजय - ग़ुगु.. ये क्या बात हुई सिर्फ अपनी नानी मामी औऱ भाभी को ही तुमने जूस पिलाया.. हमसे क्या दुश्मनी है तुम्हारी?
गौतम - मामाजी.. वो एक ही गन्ना था.. बेचारे से कितना जूस निकालता.. मैंने तो अभी तक माँ औऱ ऋतू दीदी को भी नहीं पिलाया..
सुमन - छोडो ना भईया.. क्या गन्ने के पीछे पड़ गए सब लोग.. आज हमारी ऋतू कितनी प्यारी लग रही है..
गौतम - माँ सही कह रही हो.. दीदी तो बिलकुल चाँद जैसी लग रही है..

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ऋतू - चाँद तो तू है.. मेरा प्यारा सा ग़ुगु..
सुमन - अब ये प्यार अपने पति को करना ऋतू.. भाई को नहीं.
ऋतू - बुआ.. बड़ी मुश्किल से ग़ुगु मुझसे बात करने लगा है औऱ आप कह रही हो प्यार ना करू.. ग़ुगु को तो मैं बहुत प्यार करुँगी.. शादी होने से बदल थोड़ी जाउंगी..
गौतम खड़ा होता हुआ - मेरा तो खाना हो गया..
कोमल - इतनी जल्दी?
गौतम - औऱ भूख नहीं है मामी.. ये कहते हुए गौतम हॉल से बाहर निकल कर बाथरूम की तरफ चला जाता है..
गौतम बाथरूम करके बाथरूम के बाहर खड़ा हो जाता है औऱ सिगरेट सुलगा कर पहला कश लेता ही है की पीछे से आरती आकर उसे अपनी बाहों में भर लेती है..


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आरती - आज तो बहुत तड़पाया आपने देवर ज़ी..
गौतम मुड़कर आरती की बाहों से अपने आप को छुड़वाता है औऱ आरती का हाथ पकड़कर कहता है..
गौतम - भाभी यहां कोई देख लेगा.. इस तरफ आओ..
गौतम आरती को बाथरूम के दाई तरफ हलवाई के लिए बने कमरे के पीछे खाली जगह ले आता है.. जहा हलकी सी रौशनी के अलावा कुछ नहीं था..
आरती गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - बताओ देवर ज़ी.. अपना लंहगा मैं उठाउ या इतनी मेहनत आप खुद कर लोगे?
गौतम लुहंगा उठाते हुए - देवर के होते हुए भाभी मेहनत करें.. ये तो गलत बात है..
गौतम अपनी पेंट चड्डी सहित नीचे करके अपने लंड को आरती की चुत में डाल देता है औऱ दिवार से लगा कर धीरे धीरे आरती को चोदने लगता है..

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आरती सिगरेट के कश लगाती हुई चुदते चुदते कहती है - देवर ज़ी आप तो जोनी सिंन्स के भी बाप हो.. आप चले जाओगे तो कैसे ज़ी पाउंगी मैं आपके बिना..
गौतम चोदते हुए - अब तो आना जाना लगा ही रहेगा भाभी.. क्यों चिंता करती हो..
आरती सिगरेट का कश लेकर अँधेरे में किसीको खड़ा देखकर - कौन? कौन है तू?
एक 25-30 साल का दुबला पतला सीधा साधा आदमी - ज़ी.. मैं बिरजू..
आरती गुस्से में - क्या कर रहा है चुतिया यहां खड़ा खड़ा.. निकल यहां से..
गौतम - अरे रुक रुक.. इधर आ..
बिरजू - ज़ी..
गौतम आरती का बोबा पकड़कर चूसते हुए - लड़की मस्त है ना..

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बिरजू आरती को देखकर हाँ में सर हिलता है ..
गौतम - ये पीछे कमरे में कौन है?
बिरजू धीरे से - कोई नहीं है.. मैं अकेला रहता हूँ.. लोन की देखरेख करता हूँ..
गौतम - देख बिरजू ये मेरी भाभी है.. औऱ मैं इसे तसल्ली से चोदना चाहता हूँ.. कोई जगह है तो बता.. तेरी तनख्वाह बढ़वा दूंगा..
आरती बिरजू का लंड उसके पज़ामे के बाहर से पकड़ कर सिगरेट का कश लेती हुई - देखो बिरजू भईया.. मुझे अपनी बहन समझो.. औऱ इनको अपने जीजाजी.. आपकी बहन आपके जीजाजी से चुदना चाहती है.. अंदर कमरे में कोई गद्दा वद्दा पड़ा है जिसपर आपकी ये बहन आराम से चुदवा सके तो बता दो..
बिरजू - गद्दा तो नहीं है.. एक खाट पड़ी है बस..
गौतम आरती से सिगरेट लेकर एक कश मारता है औऱ सिगरेट फेंककर बिरजू से कहता है - चल दिखा..
बिरजू गौतम औऱ आरती को पीछे कमरे में ले आता है जहा धीमी रौशनी वाला बल्ब जल रहा था औऱ एक पुरानी खाट पर चटाई बिछी हुई थी..
गौतम ने आरती को खाट पर बिठा दिया औऱ अपनी शर्ट निकालता हुआ बिरजू को एक 500 का नोट देकर बोला - बाहर जाकर खड़ा रह.. मैं तेरी ये बहन चोद ना दू तब तक कोई अन्दर नहीं आना नहीं चाहिए.. समझा..
बिरजू बाहर चला जाता है औऱ खिड़की से अंदर झांकने लगता है वही गौतम आरती को खाट पर लेटा कर लहंगा उठाते हुए अपना लोडा आरती की चुत में फिट करके आरती को चोदने लगता है...
गौतम के झटको पर आरती जोर जोर से खुलकर आहे भरने लगती है औऱ बाहर बिरजू आरती की कामुक सिस्कारिया सुनकर अपना लंड हिला कर मुठ मारने लगता है...

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आरती - आह्ह..देवर ज़ी यही रह जाओ ना.. मेरे पास.. बहुत प्यार दूंगी आपको.. अपनी इस चुत में घुसा के रखूंगी..
गौतम - आपके पास रह जाऊँगा भाभी तो आपकी उन बहनो का क्या होगा जो अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरे इंतजार में लेटी है..
आरती - अब तक कितनी लड़कियों को दीवाना बना चुके हो देवर ज़ी?
गौतम चोदते हुए - लड़किया नहीं भाभी ऑन्टीया.. औऱ उनकी तो गिनती करनी पड़ेगी..
आरती चुदवाते हुए - देवर ज़ी सिगरेट..
गौतम चोदते हुए - पेंट में है भाभी..
आरती आवाज लगाते हुए - बिरजू भईया.. ओ बिरजू भईया..
बिरजू एक बार झड़ चूका था औऱ अब दूसरी बार लंड हिला रहा था.. आरती की आवाज सुनकर वो लंड पजामे में डालाकर अंदर आ गया.
बिरजू चुदवाती हुई आरती को देखकर - ज़ी दीदी..
आरती चुदवाते हुए प्यार से- बिरजू भईया.. आपके जीजाजी की पेंट वहा पड़ी है उसमे से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर दो अपनी इस बहन को..
बिरजू गौतम की पेंट से दोनों चीज निकालकर आरती को दे देता है औऱ जाने लगता है तभी गौतम चोदते हुए कहता है..
गौतम - बिरजू यही बैठा जा.. किसी औऱ चीज की भी जरुरत पड़ सकती है..
आरती एक सिगरेट सुलगाकर बिरजू से - बिरजू भईया आप पिओगे सिगरेट?

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बिरजू नीचे सर करके - मैं नहीं पिता दीदी..
आरती सिगरेट का कश लेकर गौतम से चुदवाते हुए - देखो ना बिरजू भईया आपके जीजाजी अपकी बहन को कैसे चोद रहे है.. आप बच्चाओगे नहीं अपनी बहन को चुदने से..
गौतम धीरे धीरे चोदते हुए - बिरजू तो तिरछी नज़रो से आपके बूब्स देख रहा है.. लगता आपके दोनों कबूतर देखने की इच्छा है बिरजू की..
आरती सिगरेट पीते हुआ - सच में बिरजू भईया? अब देखो मैं चोली तो उतार नहीं सकती आप चोली के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना चाहो तो दबा लो..
गौतम - ले भाई बिरजू.. दे दीं परमिशन तुझे.. दबा ले अपनी बहन के बोबे..
बिरजू खाट के पास ही बैठा था उसने डरते हुए अपना रखा हाथ आरती के चुचे पर रख दिया औऱ धीरे से दबा दिया..
आरती सिगरेट के कश लेकर मुस्कुराती हुई - डर क्यों रहे हो बिरजू भईया.. खुलके दबाओ अपनी बहन के बोबे..
गौतम - दबा ना बिरजू.. क्यों शर्मा रहा है..
बिरजू पूरी ताक़त से आरती का बोबा अपने पंजे में लेकर मसल देता है जिससे आरती की आह निकल जाती है..
गौतम बिरजू से - मज़ा आया?
बिरजू - ज़ी..
आरती सिगरेट पीती हुई - इतना भी जोर से मत दबाओ बिरज्जू भईया थोड़ा धीरे..
गौतम - बोल बिरजू है ना मस्त मोटा बोबा तेरी बहन का..
बिरजू मुस्कुराते हुए - ज़ी भईया..
गौतम चोदते हुए - बिरजू ये बड़े घर की बेटी है इनके बोबे औऱ भोसड़े दोनों बड़े होते है..
आरती झड़ चुकी थी औऱ अब गौतम भी कुछ ही झटको में आरती की चुत में झड़ गया..

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आरती गौतम के सर को पकड़कर चूमने लगती है..
दोनों का चुम्बम ख़त्म होने पर गौतम खाट से खड़ा हो जाता है मगर आरती गौतम के रुमाल से अपनी चुत साफ करने लगती है..
गौतम चुपचाप बैठे हुए बिरजू को धीरे धीरे पज़ामे के ऊपर से अपना लंड मसलता देखकर - चोदेगा क्या बिरजू अपनी बहन को?
बिरजू शर्माते हुए कोई जवाब नहीं देता औऱ आरती उसे देखकर हँसने लगती है औऱ खाट से खड़ी होती हुई कहती है - बेचारा.. चलो देवरजी.. लगता है फेरे शुरू होने वाले है..
गौतम - हाँ भाभी.. आप जाओ.. मैं थोड़ी देर में आता हूँ..
आरती जाते हुए - ठीक है.. बाय बिरजू भईया..
आरती वहा से चली जाती है...
बिरजू - भईया ज़ी भाभी बहुत खूबसूरत है..
गौतम - तू अकेला ही रहता है यहां..
बिरजू - ज़ी भईया ज़ी..
गौतम - सुन.. रात में हो सकता है मैं औऱ भी किसी लड़की को यहां लेके आउ.. तू जागता रहना आज रात..
बिरजू - भईया ज़ी आप चिता मत करिये मैं पूरी रात जागता रहूँगा.. आप चाहे जितनी लड़की यहां ले आइये..
गौतम - साले लड़की के सामने जुबान नहीं खुली तेरी अब कैसे पक पक बोल रहे है.
बिरजू - वो भईया ज़ी.. मैं लड़की के सामने थोड़ा शरमाता हूँ.
गौतम - अबे शर्माना लड़कियों का काम है.. अच्छा याद रखना रात को आ सकता हूँ..
बिरजू - चिंता मत करिये भईया ज़ी.. आप कभी भी आइये.. हम जागते रहेंगे..

Awesome update bhai
Birju ko tou free me hi bhai bana diya aarti ka
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update 26


गौतम जब नीचे आया दूल्हे औऱ दुल्हन का खाना लग चूका था.. आरती ने गौतम का हाथ पकड़ कर उसे भी अपने साथ खाने की मेज पर बैठा लिया औऱ बोली..
आरती - क्यों देवर ज़ी.. आज तो अपनी भाभी से मिलने की फुर्सत ही नहीं मिली आपको.. कितना ढूंढा पर आप कभी यहां तो कभी वहा.. आज तो हवा की तरह बह रहे थे.. अब पकड़ में आये हो..
कोमल - अरे आरती क्यों तंग रही है ग़ुगु को..
सुमन भी खाने की टेबल पर बैठी थी उसने कोमल से कहा - अरे भाभी.. आप देवर भाभी के बीच क्यों बोलती हो.. अब आरती अपने देवर से हंसी मज़ाक़ नहीं करेंगी तो किस्से करेंगी.. आपसे?
आरती - सही कहा बुआ.. औऱ देवर जब इतना प्यारा हो तो मज़ाक़ के साथ साथ औऱ भी बहुत कुछ करना पड़ता है..
आरती की बात पर सब हँसने लगते है..
गौतम - भाभी छोडो मुझे.. मुझे दीदी के साथ बैठके खाना है आज.. बहुत सताया है मैंने दीदी को..
(गौतम उठकर ऋतू के साथ वाली कुर्सी पर बैठकर) दीदी जीजा ज़ी के हाथ से बाद में खाना पहले मेरे हाथ से खाओ..
ऋतू मुस्कुराते हुए गौतम का गाल चूमकर - ग़ुगु.. सच में बहुत सताया तूने मुझे..

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गौतम - मैंने जितना सताया उसका बदला आप ससुराल जाकर जीजाजी को सताकर पूरा कर लेना..
ऋतू हसते हुए गौतम को गले लगा कर - मेरा प्यारा भाई..
कोमल - अब खाना भी खालो.. दोनों भाई बहन क्या बात ही करते रहोगे..
गौतम - हाँ मामी.. मुझे तो बहुत भूख लगी है..
आरती - ऋतू जरा राहुल ज़ी को भी तो खिला अपने हाथो से..
सुमन - अब तो इसे सारी उम्र यही करना है आरती..
आरती - ये सच कहा बुआ आपने.. अब तो देवर ज़ी बचे है.. उनके लिए भी लड़की देखनी पड़ेगी..
गौतम - आप हो ना भाभी.. कोई औऱ लड़की देखने की क्या जरुरत है..
आरती - देख रही हो बुआ.. पहले तो बोलने से भी बात नहीं करता था.. अब केसे कैंची की तरह जुबान चलाने लगा है आपका ग़ुगु..
सुमन खाना खाते हुए - तुम अपनी देवर भाभी की बातों में मुझे मत खींचो..
गौतम - दीदी ये स्वाद है.. इसे लो ना..
आरती - देवर ज़ी हमें भी दे दो क्या स्वाद बना है.. आप तो अपनी दीदी से ही चिपके हुए हो..
गौतम अपनी जगह से उठकर आरती के पास जाता है औऱ एक निवाला उसे खिलाकर कहता है- लो कहा लो.. बस?
कोमल - अब तो खुश हो आरती? देवर ने अपने हाथों से भी खिला दिया..
आरती - मैं कल ही खुश हो गई थी देवर ज़ी से मम्मी ज़ी..
गौतम आरती को देखता हुआ - मतलब?
आरती - कल देवर ज़ी आपने गन्ने का जूस पिलाया था ना.. उसके बारे में बात कर रही हूँ..
गायत्री - जूस तो ग़ुगु ने आज मुझे भी पिलाया था..
कोमल - आप दोनों से पहले ग़ुगु मेरे पास आया था.. जूस लेकर.. मुझे तो दो दो बार पिलाया था.. जूस पीते पीते ही तो मेरे पैर में मोच आई थी..
संजय - ग़ुगु.. ये क्या बात हुई सिर्फ अपनी नानी मामी औऱ भाभी को ही तुमने जूस पिलाया.. हमसे क्या दुश्मनी है तुम्हारी?
गौतम - मामाजी.. वो एक ही गन्ना था.. बेचारे से कितना जूस निकालता.. मैंने तो अभी तक माँ औऱ ऋतू दीदी को भी नहीं पिलाया..
सुमन - छोडो ना भईया.. क्या गन्ने के पीछे पड़ गए सब लोग.. आज हमारी ऋतू कितनी प्यारी लग रही है..
गौतम - माँ सही कह रही हो.. दीदी तो बिलकुल चाँद जैसी लग रही है..

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ऋतू - चाँद तो तू है.. मेरा प्यारा सा ग़ुगु..
सुमन - अब ये प्यार अपने पति को करना ऋतू.. भाई को नहीं.
ऋतू - बुआ.. बड़ी मुश्किल से ग़ुगु मुझसे बात करने लगा है औऱ आप कह रही हो प्यार ना करू.. ग़ुगु को तो मैं बहुत प्यार करुँगी.. शादी होने से बदल थोड़ी जाउंगी..
गौतम खड़ा होता हुआ - मेरा तो खाना हो गया..
कोमल - इतनी जल्दी?
गौतम - औऱ भूख नहीं है मामी.. ये कहते हुए गौतम हॉल से बाहर निकल कर बाथरूम की तरफ चला जाता है..
गौतम बाथरूम करके बाथरूम के बाहर खड़ा हो जाता है औऱ सिगरेट सुलगा कर पहला कश लेता ही है की पीछे से आरती आकर उसे अपनी बाहों में भर लेती है..


200w
आरती - आज तो बहुत तड़पाया आपने देवर ज़ी..
गौतम मुड़कर आरती की बाहों से अपने आप को छुड़वाता है औऱ आरती का हाथ पकड़कर कहता है..
गौतम - भाभी यहां कोई देख लेगा.. इस तरफ आओ..
गौतम आरती को बाथरूम के दाई तरफ हलवाई के लिए बने कमरे के पीछे खाली जगह ले आता है.. जहा हलकी सी रौशनी के अलावा कुछ नहीं था..
आरती गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - बताओ देवर ज़ी.. अपना लंहगा मैं उठाउ या इतनी मेहनत आप खुद कर लोगे?
गौतम लुहंगा उठाते हुए - देवर के होते हुए भाभी मेहनत करें.. ये तो गलत बात है..
गौतम अपनी पेंट चड्डी सहित नीचे करके अपने लंड को आरती की चुत में डाल देता है औऱ दिवार से लगा कर धीरे धीरे आरती को चोदने लगता है..

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आरती सिगरेट के कश लगाती हुई चुदते चुदते कहती है - देवर ज़ी आप तो जोनी सिंन्स के भी बाप हो.. आप चले जाओगे तो कैसे ज़ी पाउंगी मैं आपके बिना..
गौतम चोदते हुए - अब तो आना जाना लगा ही रहेगा भाभी.. क्यों चिंता करती हो..
आरती सिगरेट का कश लेकर अँधेरे में किसीको खड़ा देखकर - कौन? कौन है तू?
एक 25-30 साल का दुबला पतला सीधा साधा आदमी - ज़ी.. मैं बिरजू..
आरती गुस्से में - क्या कर रहा है चुतिया यहां खड़ा खड़ा.. निकल यहां से..
गौतम - अरे रुक रुक.. इधर आ..
बिरजू - ज़ी..
गौतम आरती का बोबा पकड़कर चूसते हुए - लड़की मस्त है ना..

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बिरजू आरती को देखकर हाँ में सर हिलता है ..
गौतम - ये पीछे कमरे में कौन है?
बिरजू धीरे से - कोई नहीं है.. मैं अकेला रहता हूँ.. लोन की देखरेख करता हूँ..
गौतम - देख बिरजू ये मेरी भाभी है.. औऱ मैं इसे तसल्ली से चोदना चाहता हूँ.. कोई जगह है तो बता.. तेरी तनख्वाह बढ़वा दूंगा..
आरती बिरजू का लंड उसके पज़ामे के बाहर से पकड़ कर सिगरेट का कश लेती हुई - देखो बिरजू भईया.. मुझे अपनी बहन समझो.. औऱ इनको अपने जीजाजी.. आपकी बहन आपके जीजाजी से चुदना चाहती है.. अंदर कमरे में कोई गद्दा वद्दा पड़ा है जिसपर आपकी ये बहन आराम से चुदवा सके तो बता दो..
बिरजू - गद्दा तो नहीं है.. एक खाट पड़ी है बस..
गौतम आरती से सिगरेट लेकर एक कश मारता है औऱ सिगरेट फेंककर बिरजू से कहता है - चल दिखा..
बिरजू गौतम औऱ आरती को पीछे कमरे में ले आता है जहा धीमी रौशनी वाला बल्ब जल रहा था औऱ एक पुरानी खाट पर चटाई बिछी हुई थी..
गौतम ने आरती को खाट पर बिठा दिया औऱ अपनी शर्ट निकालता हुआ बिरजू को एक 500 का नोट देकर बोला - बाहर जाकर खड़ा रह.. मैं तेरी ये बहन चोद ना दू तब तक कोई अन्दर नहीं आना नहीं चाहिए.. समझा..
बिरजू बाहर चला जाता है औऱ खिड़की से अंदर झांकने लगता है वही गौतम आरती को खाट पर लेटा कर लहंगा उठाते हुए अपना लोडा आरती की चुत में फिट करके आरती को चोदने लगता है...
गौतम के झटको पर आरती जोर जोर से खुलकर आहे भरने लगती है औऱ बाहर बिरजू आरती की कामुक सिस्कारिया सुनकर अपना लंड हिला कर मुठ मारने लगता है...

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आरती - आह्ह..देवर ज़ी यही रह जाओ ना.. मेरे पास.. बहुत प्यार दूंगी आपको.. अपनी इस चुत में घुसा के रखूंगी..
गौतम - आपके पास रह जाऊँगा भाभी तो आपकी उन बहनो का क्या होगा जो अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरे इंतजार में लेटी है..
आरती - अब तक कितनी लड़कियों को दीवाना बना चुके हो देवर ज़ी?
गौतम चोदते हुए - लड़किया नहीं भाभी ऑन्टीया.. औऱ उनकी तो गिनती करनी पड़ेगी..
आरती चुदवाते हुए - देवर ज़ी सिगरेट..
गौतम चोदते हुए - पेंट में है भाभी..
आरती आवाज लगाते हुए - बिरजू भईया.. ओ बिरजू भईया..
बिरजू एक बार झड़ चूका था औऱ अब दूसरी बार लंड हिला रहा था.. आरती की आवाज सुनकर वो लंड पजामे में डालाकर अंदर आ गया.
बिरजू चुदवाती हुई आरती को देखकर - ज़ी दीदी..
आरती चुदवाते हुए प्यार से- बिरजू भईया.. आपके जीजाजी की पेंट वहा पड़ी है उसमे से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर दो अपनी इस बहन को..
बिरजू गौतम की पेंट से दोनों चीज निकालकर आरती को दे देता है औऱ जाने लगता है तभी गौतम चोदते हुए कहता है..
गौतम - बिरजू यही बैठा जा.. किसी औऱ चीज की भी जरुरत पड़ सकती है..
आरती एक सिगरेट सुलगाकर बिरजू से - बिरजू भईया आप पिओगे सिगरेट?

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बिरजू नीचे सर करके - मैं नहीं पिता दीदी..
आरती सिगरेट का कश लेकर गौतम से चुदवाते हुए - देखो ना बिरजू भईया आपके जीजाजी अपकी बहन को कैसे चोद रहे है.. आप बच्चाओगे नहीं अपनी बहन को चुदने से..
गौतम धीरे धीरे चोदते हुए - बिरजू तो तिरछी नज़रो से आपके बूब्स देख रहा है.. लगता आपके दोनों कबूतर देखने की इच्छा है बिरजू की..
आरती सिगरेट पीते हुआ - सच में बिरजू भईया? अब देखो मैं चोली तो उतार नहीं सकती आप चोली के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना चाहो तो दबा लो..
गौतम - ले भाई बिरजू.. दे दीं परमिशन तुझे.. दबा ले अपनी बहन के बोबे..
बिरजू खाट के पास ही बैठा था उसने डरते हुए अपना रखा हाथ आरती के चुचे पर रख दिया औऱ धीरे से दबा दिया..
आरती सिगरेट के कश लेकर मुस्कुराती हुई - डर क्यों रहे हो बिरजू भईया.. खुलके दबाओ अपनी बहन के बोबे..
गौतम - दबा ना बिरजू.. क्यों शर्मा रहा है..
बिरजू पूरी ताक़त से आरती का बोबा अपने पंजे में लेकर मसल देता है जिससे आरती की आह निकल जाती है..
गौतम बिरजू से - मज़ा आया?
बिरजू - ज़ी..
आरती सिगरेट पीती हुई - इतना भी जोर से मत दबाओ बिरज्जू भईया थोड़ा धीरे..
गौतम - बोल बिरजू है ना मस्त मोटा बोबा तेरी बहन का..
बिरजू मुस्कुराते हुए - ज़ी भईया..
गौतम चोदते हुए - बिरजू ये बड़े घर की बेटी है इनके बोबे औऱ भोसड़े दोनों बड़े होते है..
आरती झड़ चुकी थी औऱ अब गौतम भी कुछ ही झटको में आरती की चुत में झड़ गया..

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आरती गौतम के सर को पकड़कर चूमने लगती है..
दोनों का चुम्बम ख़त्म होने पर गौतम खाट से खड़ा हो जाता है मगर आरती गौतम के रुमाल से अपनी चुत साफ करने लगती है..
गौतम चुपचाप बैठे हुए बिरजू को धीरे धीरे पज़ामे के ऊपर से अपना लंड मसलता देखकर - चोदेगा क्या बिरजू अपनी बहन को?
बिरजू शर्माते हुए कोई जवाब नहीं देता औऱ आरती उसे देखकर हँसने लगती है औऱ खाट से खड़ी होती हुई कहती है - बेचारा.. चलो देवरजी.. लगता है फेरे शुरू होने वाले है..
गौतम - हाँ भाभी.. आप जाओ.. मैं थोड़ी देर में आता हूँ..
आरती जाते हुए - ठीक है.. बाय बिरजू भईया..
आरती वहा से चली जाती है...
बिरजू - भईया ज़ी भाभी बहुत खूबसूरत है..
गौतम - तू अकेला ही रहता है यहां..
बिरजू - ज़ी भईया ज़ी..
गौतम - सुन.. रात में हो सकता है मैं औऱ भी किसी लड़की को यहां लेके आउ.. तू जागता रहना आज रात..
बिरजू - भईया ज़ी आप चिता मत करिये मैं पूरी रात जागता रहूँगा.. आप चाहे जितनी लड़की यहां ले आइये..
गौतम - साले लड़की के सामने जुबान नहीं खुली तेरी अब कैसे पक पक बोल रहे है.
बिरजू - वो भईया ज़ी.. मैं लड़की के सामने थोड़ा शरमाता हूँ.
गौतम - अबे शर्माना लड़कियों का काम है.. अच्छा याद रखना रात को आ सकता हूँ..
बिरजू - चिंता मत करिये भईया ज़ी.. आप कभी भी आइये.. हम जागते रहेंगे..

Awesome update bhai
Birju ko tou free me hi bhai bana diya aarti ka
 

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update 27


विवाह समपन्न हुआ आज से आप पति पत्नी..
संजय - आओ बेटी.. चलो.. चेतन.. ये सामान कमरे में पंहुचा दे..
चेतन - ठीक है पापाज़ी...
गायत्री - संजय बेटा.. दामाद ज़ी औऱ ऋतू को एक साथ ही ले जा.. कोमल तू भी साथ में जा...
आरती - मम्मी ज़ी अब तो अकेले छोड़ दो दामाद ज़ी औऱ ऋतू को.. सब हँसने लगते है..
गायत्री - रात के डेढ़ बज चुके है औऱ तू अभी भी मज़ाक़ मस्ती में लगी हुई है.. चल अब तू भी चेतन के साथ चली जा.. अब थोड़ा आराम कर लेते है.. कल विदाई में बहुत काम है..
संजय - सही कहा माँ.. आज का दिन बहुत थका देने वाला था..
कोमल - तुम तो रोज़ ही थके हुए लगते हो.. कोनसी नई बात है..

बात करते हुए सब अपने अपने रूम में चले गए थे..
राहुल औऱ उसके दो दोस्त अब साथ थे औऱ दोस्त राहुल को इशारे से बुला रहे थे..
एक दोस्त - क्या बात है साले.. शादी होते ही हमारी बात नहीं सुन रहा..
राहुल अलग जाकर - अबे तुम भी जाकर सो जाओ क्यों भूत की तरह सर पर घूम रहे हो..
दूसरा दोस्त - भाई तेरी नींद का जुगाड़ तो हो गया हम अकेले कैसे सोये?
राहुल - एकदूसरे की गांड मार लो.. अब चल.. जाने दे मुझे..
दोस्त - अभी से डरने लगा तू तो अपनी बीवी से..
राहुल - अबे टाइम देख अब तुम भी सो जाओ जाकर..
दोस्त हसते हुए - अरे यार थोड़ी सी दारु तो पिले.. बिल्ली कैसे मारेगा.. वरना..
राहुल - ठीक है मैं बोलके आता हूँ तुम रूम में जाओ..
दोस्त - हाँ हाँ बोलके आ.. अब तो परमिशन लेनी ही पड़ेगी तुझे..

राहुल ऋतू से थोड़ी देर दोस्तों के साथ बैठने की बात बोलके दोस्तों के साथ रूम में बैठकर शराबखोरी करने लगता है औऱ ऋतू अकेली अपने कमरे में सोफे पर बैठी हुई दिनभर की थकान से चूर होकर एक सिगरेट जलाकर कश लेने लगती है.. ऋतू ने अपने भारी भरकम दुल्हन वाले कपडे बदल लिए थे औऱ सादा सूट पहन लिया था.. ऋतू बैठी ही थी कि उसके फ़ोन पर अनजान नम्बरो से व्हाट्सप्प पर एक वीडियो आया औऱ नीचे टेक्स्ट आया - छत पर मिलो...

ऋतू वीडियो देखकर समझ गई कि ये विकर्म ने भेजा है क्युकी वीडियो में ऋतू औऱ विक्रम कि चुदाईलीला थी.. ऋतू समझ गई की विक्रम वापस उसे चोदने के लिए बुला रहा है इसलिए ऋतू सिगरेट का पैकेट लाइटर औऱ कंडोम का पैकेट लेकर छत पर चली गई.. छत पर अँधेरा था औऱ लोन की भी लगभग सभी लाइट बंद हो गई थी लोन की एक्का दुक्का लाइट से छनकर आती मामूली रोशनी छत के अँधेरे को दूर नहीं कर रही थी.. पूर्णिमा का चाँद निकला हुआ था मगर बदलो ने उसे ढक लिया था.. छत पर अंधेरा था औऱ किसीका चेहरा देख पाना मुश्किल था..

ऋतू को छत पर बने एक कमरे के बाहर परछाई दिखी जिसे उसने विकर्म समझ लिया औऱ ऋतू बोली - बोला था ना.. अब मत मिलना मुझसे.. तुम ब्लैकमेल करना बंद क्यों नहीं कर देते मुझे.. मेरी शादी हो चुकी है विक्रम..
परछाई में विकर्म नहीं गौतम था जिसने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था औऱ गौतम ने कुछ नहीं कहा तो ऋतू फिर से बोली - मेरी लेने आये हो ना वापस? लो ये कंडोम औऱ जल्दी से मुझे चोदकर निकल जाओ यहां से.. मेरी गलती थी जो तुमको वीडियो बनाने दिया उस रात..

गौतम कंडोम लेकर ऋतू को पलट देता है औऱ उसे झुकाते हुए उसकी पज़ामी का नाड़ा खोलकर पज़ामी नीचे कर देता है, पेंटी भी नीचे सरकाते हुए कुर्ती ऊपर करके अपने लंड पर कंडोम पहन लेता है औऱ पीछे से ऋतू की चुत पर लोडा लगाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपनी बहन ऋतू की चुत चिरते हुए अपना लंड ऋतू की चुत में घुसा देता है...

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ऋतू चिल्लाते हुए - अह्ह्ह्ह... ये क्या है.. विक्रम..?? आहहह... इतना बड़ा..
गौतम लंड घुसते ही एक हाथ से ऋतू के बाल पकड़कर झटके पर झटके मारना शुरू कर देता है जिससे ऋतू सिसकती हुई चिल्लाने लगती है औऱ छत पर ऋतू की चुदाई का संग्राम शुरू हो जाता है..

गौतम पीछे से ऋतू की चुत चोदे जा रहा था जिसमे ऋतू भी अब पूरी तरह शामिल हो चुकी थी उसे चोद रहे आदमी पर शक हो रहा था मगर उसे मज़ा आने लगा था औऱ अब वो काम सुख की हवा में बहकर गौतम को विकर्म समझती हुई उससे बात भी करने लगती है जो सिर्फ एक तरफा थी..
गौतम ऋतू की बात का कोई रिप्ली नहीं दे रहा था..
ऋतू - विकर्म क्या हो गया है आज तुम्हे... आहहह... औऱ ये तुम्हारा लंड.. ये आज इतना बड़ा कैसे लग रहा है... आहहह... तुम बदले बदले कैसे लग रहे हो.. विक्रम.. अह्ह्ह्ह.. मज़ा आ रहा है.. चोदो मुझे ऐसे ही चोदो.. अह्ह्ह्ह... फाड़ दो मेरी चुत..

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गौतम बिना रुके धक्के पर धक्के लगाता हुआ ऋतू को पीछे से चोद रहा था औऱ चोदते चोदते गौतम ऋतू को छत पर उसी सामान से भरे हुए कमरे में ले आता है जहा उसने सुमन के साथ बातें की थी..

कमरे में घनघोर अँधेरे था औऱ बस लोन में लगे एक बल्ब से हलकी सी रौशनी आ रही थी.. ऋतू औऱ गौतम वहां चुदाई कर रहे थे औऱ चुदाई की आवाज यहां घूंज रही थी..
गौतम ने ऋतू को पलट कर अपनी तरफ मोड़ लिया औऱ दिवार से ऋतू की पीठ लगाते हुए उसकी एक टांग उठा कर उसकी चुत में अपना लंड घुसा कर फिर से तेज़ तेज़ झटको से चोदने लगा जिसमे ऋतू भी काम के वाशीभूत होकर आनंद उठा रही थी.. उसे परवाह नहीं रह गई थी कि उसे चोदने वाला विक्रम है या कोई औऱ..
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ऋतू को चुदाई के दौरान मिले रहे आंनद के बीच शक था कि उसे चोदने वाला विकर्म नहीं है.. औऱ अब वो अपने शक को यकीन में भी बदल लेना चाहती थी मगर उसे मिल रहे सुख ने उसे काफ़ी देर तक रोके रखा औऱ फिर चुदाई के बीच ऋतू ने अपने हाथ से गौतम का मास्क उतार दिया औऱ अँधेरे में बड़ी गौर से उसका गौतम का चेहरा देखा तो वो चौंक पड़ी..

ऋतू का कामसुख गुस्से में बदल गया औऱ वो बोली - ग़ुगु तू... शर्म नहीं आई तुझे अपनी बहन के साथ..
गौतम नीचे से किसी के आने कि आहट सुनकर चुदाई रोकते हुए - दीदी कोई आ रहा है.. चुप रहना वरना हम पकडे जाएंगे..

कमरे के अंदर खिड़की के पास ऋतू औऱ गौतम थे जो एकदूसरे से लिपटे हुए थे गौतम का लंड ऋतू की चुत में अभी भी तनकर खड़ा था वही छत पर एक औरत आकर उसी कमरे की खिड़की के करीब बाहर की तरफ खड़ी हो गई.. गौतम औऱ ऋतू दोनों ही औरत को नहीं देख पाए.. लेकिन फिर एक आदमी आता दिखा औऱ ऋतू औऱ गौतम को आदमी की चाल से औऱ उसकी आवाज से पता चल गया था की ये ऋतू का बाप संजय है..

संजय उस औरत के करीब आकर - क्यों नाराज़ होती हो.. जानबूझकर नहीं कहा कोमल ने वो सब.. तुम तो जानती हो कोमल की जबान कैसी है? वो कभी भी कुछ भी बोल देती है..
औरत रोते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूँ भईया भाभी की जबान कैसी है? एक तो अपनी ही बेटी की शादी में मेहमान बनकर आई हूँ ऊपर से भाभी मुझे अपने अहसान गिनाते हुए ताने मार रही है.. मेरे ग़ुगु को छीनना चाहती है.. ग़ुगु सही कह रहा था.. हम यहां नहीं आते तो ही अच्छा था..
गौतम औऱ ऋतू को आवाज से पता चल चूका था की ये औरत औऱ कोई नहीं गौतम की माँ सुमन है..
संजय - अरे तुम भी कैसी बातें लेकर बैठ गई सुमन.. आज भी बात बात पर नाराज़ होती हो.. कोमल ने हमारी ऋतू को कभी पराया नहीं समझा.. अपनी सगी बेटी समझकर पाला है.. हमारी कितनी मदद की है कोमल ने.. तुम तो सब जानती हो..
सुमन - भईया.. मदद की है तो फ़ायदा भी उठाया है भाभी ने.. ऋतू मेरी बेटी थी जिसे भाभी ने मुझसे छीन लिया..
संजय - छिना नहीं था मदद की थी हमारी.. शादी से पहले जो लड़की माँ बने उसे समाज क्या कहता है जानती हो ना?
ऋतू - ये बात तब याद नहीं थी आपको.. जब आप भाभी को अकेला छोड़कर रात रातभर मेरे साथ सोते थे? मैंने कितना समझा आपको ये सब गलत है पर आप नहीं माने..
संजय - पुरानी बातों पर मिट्टी डाल सुमन.. तू जानती है मैं जितना कोमल से प्यार करता हूँ उससे कहीं ज्यादा तुझसे करता हूँ.. मैं कब से तेरी मदद करने की कोशिश कररहा हूँ पर तू मानती ही नहीं..
सुमन - नहीं चाहिए भईया आपका अहसान.. मैं मेरे ग़ुगु के साथ उसी हाल में खुश हूँ..
संजय - सुमन.. ग़ुगु मेरा भी कुछ लगता है.. उसके लिए मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ.. पर मेरी मदद लेने में तो तेरी नाक नीची हो जायेगी ना..

गौतम औऱ ऋतू संजय औऱ सुमन की बात सुनकर ये जान चुके थे कि वो दोनों सुमन की औलादे है.. गौतम ये बात जानकार औऱ भी उत्तेजित हो चूका था कि ऋतू उसीकी बहन है जिसे सुमन औऱ संजय के व्यभिचार से जन्म मिला है.. औऱ ये बात जानने के बाद गौतम के लंड ने ऋतू की चुत में प्यार की पहली बरसात भी कर दी थी जिसे ऋतू महसूस कर सकती थी..

गौतम ने झड़ने के बाद भी ऋतू की चुत से लंड नहीं निकाला औऱ ना ही ऋतू ने गौतम को ऐसा करने का इशारा किया वो दोनों संजय औऱ सुमन की बात सुनने में लीन थे..

सुमन - भाभी तो चाहती नहीं थी कि मेरे कोई औलाद रहे.. तभी तो उस आदमी से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दीं.. पहले भाभी ने मेरी ऋतू को मुझसे छीन लिया औऱ फिर मेरे ग़ुगु को भी मुझसे छीनने कि पूरी कोशिश की थी..
संजय - सुमन क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो.. उन बातों को भूल जाओ.. जो हुआ सो हुआ.. अब उन बातों का क्या फ़ायदा..
सुमन - ये बात आप भाभी को क्यों नहीं समझाते.. वो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकती इसमें मेरी गलती थोड़ी है.. पहले माँ से चेतन को छिना.. फिर मुझसे ऋतू को.. फिर ग़ुगु को छीनने की कोशिश की औऱ अब मुझे ही हर दम ताने मारती रहती है.. बता दूँ चेतन को कि वो आपका बेटा नहीं छोटा भाई है? माँ ने कभी कोई शिकायत नहीं कि पर मैं अब बर्दास्त नहीं करुँगी भईया.. अब अगर भाभी ने कुछ औऱ कहा तो मैं भी चुप नहीं रहूंगी.. वो बाँझ है इसमें हमारा क्या दोष?
संजय - सुमन.. पागलपन छोड़.. मैं कोमल से बात करुँगा.. उसने जो कहा गलत था पर तू भी समझती है वो कैसी है फिर उसकी बात को दिल पर क्यों लगाती है..
सुमन गुस्से में चिल्लाकर - क्यों ना लगाऊ दिल से.. ग़ुगु मेरा बच्चा है.. मेरे जीने मरने का सहारा.. भाभी उसे अब मुझसे छीनना चाहती है.. बचपन में उसका मंसूबा कामयाद नहीं हुआ तो अब वापस से उन्होंने कोशिश शुरू कर दीं.. मुझे पैसो का लालच देती है.. मेरे ग़ुगु के लिए मैं सारे जहान कि दौलत छोड़ सकती हूँ..
संजय - क्या फर्क पड़ता है सुमन.. ग़ुगु यहां रहे या वहा.. तू तो जानती है मैंने जो कुछ कमाया है उसे चेतन अकेले नहीं संभाल पायेगा..
सुमन - भईया ग़ुगु को मैंने जन्म दिया है मैंने पाला है.. मैं उसे यहां नहीं छोड़ने वाली. आप भाभी को समझा दीजिये कि वो मेरे ग़ुगु से दूर रहे औऱ उसका ख्याल छोड़ दे..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ उसके पीछे पीछे संजय भी नीचे चला जाता है..
सुमन औऱ संजय के नीचे जाने के बाद ऋतू अपने फ़ोन की फलेशलाइट ऑन करके गौतम का चेहरा देखती है औऱ उससे गुस्से में कहती है..
ऋतू - वो वीडियो कहा से आया तेरे पास?
गौतम फ्लशलाइट अपने चेहरे की तरफ से हटाकर - आपके उस आशिक विक्रम ने फ़ोन में दिखाया था..
ऋतू - तू उसे कैसे जानता है?
गौतम - शादी में मिला था आपके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.. उसने आपका वीडियो दिखाया औऱ बाथरूम के पीछे जो आपके साथ किया वो बताया..
ऋतू - तो अब तू भी मुझे ब्लैकमेल करने लगा उसके साथ मिलकर? शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए?
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - नहीं दीदी.. मैंने तो उसके फ़ोन से आपके सारे वीडियो डिलीट कर दिए.. औऱ नशे में उसका वीडियो बना लिया.. ये देखो.. मैं आपको सेंड करता हूँ.. अगली बार वो आपको ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा.. आप चाहो तो उसे कर सकती हो.. उसका वीडियो भी वायरल कर सकती हो.. मैं तो बस आपको ये बताने के लिए छत पर बुलाया था..
ऋतू फ़ोन साइड में रख कर - बताने के छत पर बुलाया था तो मेरी लेने क्यों लगा?
गौतम सर झुकाकर - आपने ही कंडोम देकर कहा था मैं क्या करता? आप सेक्सी भी लग रही थी..
ऋतू मुस्कुराते हुए - सर ऊपर कर बुद्धू.. तूने विक्रम के साथ ये सब मेरे लिए किया?
गौतम - आप बड़ी बहन हो मेरी.. कोई आपको तंग करें मैं कैसे सहन कर सकता हूँ..
ऋतू हसते हुए - अच्छा तो फिर तुमने क्यों तंग किया अभी मुझे?
गौतम - मैंने कहा किया दीं.. अपने ही बोला था चोदने के लिए.. देखो मेरा तो आपकी चुदाई में कंडोम भी फट गया..
ऋतू हसते हुए घुटनो पर बैठकर गौतम के लंड से कंडोम उतारते हुए - भला कोई कंडोम पहन के भी अपनी बहन चोदता है? ग़ुगु तेरा ये लंड.. कितना बड़ा औऱ मजबूत है.. मुझे तो दर्द हो रहा था इससे चुदवाते हुए..
गौतम - दीदी यार आपकी चुत तो भाभी से भी ज्यादा चौड़ी है.. मेरा लंड तो आसानी से अंदर चला गया.. विक्रम सही कह रहा था पक्की रांड हो आप तो..
ऋतू धीरे धीरे गौतम का लंड हिलाती हुई - सगी बहन को रांड बोलता है.. तुझे तो सबक सीखना पड़ेगा ग़ुगु..
गौतम - अब रांड को रांड ही बोला जाता है दीदी.. यहां बिस्तर नहीं है मुझे सबक सिखाने के चक्कर में आपके गोड़े छील जाएंगे..
ऋतू सिगरेट सुलगाते हुए - छील जाए तो छील जाने दे ग़ुगु.. सुहागरात तो आज तेरी बहन तेरे साथ ही मनाएगी.. पहली बार कोई टक्कर का मर्द मिला है..
गौतम - फिर जीजाजी क्या करेंगे? वो क्या सारी रात हिलाएंगे अपना?
ऋतू - उसकी चिंता तू मत कर ग़ुगु.. वो साला ढीला है.. 2-4 मिनट में थक्के झड़ जाता है.. मैं 5-10 मिनट में उसको निपटा के तेरे पास आ जाउंगी..
गौतम हसते हुए - औऱ वो?
ऋतू - उसे नींद की गोली दे दूंगी.. पक्की खिलाड़ी हूँ मैं भी.. आज तो मेरी रात औऱ मेरी जवानी अपने भाई के नाम है..
गौतम - मत हिलाओ दीदी अब इसे खड़े होने में थोड़ा वक़्त लगेगा.. आज बहुत सारी चुते चोदी है इसने..
ऋतू सिगरेट के कश लेती हुई खड़ी होकर - इसे तो आज पूरी रात खड़ा रहना है..
गौतम - अब नीचे चलते है दीदी.. वरना कोई फिर से ऊपर आ जाएगा.. यहां किसी को चैन नहीं है..
ऋतू कश लेती हुई - सिगरेट तो ख़त्म हो जाए ग़ुगु.. फिर चलते है.. वैसे एक बात बता तुझे कैसे पता आरती भाभी की चुत का.. मुझसे ज्यादा टाइट है उनकी? सच सच बताना तूने कब चोदा भाभी को?
गौतम - कल दोपहर में दीदी.. औऱ आज भी भाभी लहंगा उठा के पीछे ही पड़ गई इसलिए अभी आपके फेरे होने से जस्ट पहले भी चोदना पड़ा..
ऋतू - भाभी तो बहुत चालु निकली.. देवर के साथ ही रासलीला शुरू कर दी..
गौतम - दीदी अब भाभी है.. देवर पर हक़ तो उनका भी है..
ऋतू सिगरेट का कश लेकर - दीदी नहीं ग़ुगु.. नाम से बुलाया कर.. 3-4 साल ही तो बड़ी हूँ तुझसे..
गौतम - जैसा आप कहो ऋतू ज़ी..
ऋतू - आप नहीं तूम.. अब से कोई फॉर्मेलिटी नहीं समझा.. औऱ अब नाराज़ हुआ तो बहुत मारूंगी..
गौतम ऋतू से सिगरेट लेकर फेंकता हुआ - ठीक है ऋतू.. अब चल नीचे..
ऋतू मुस्कुराते हुए - तू अपने कमरे में जा मैं राहुल को सेट करके आती हूँ..
गौतम - मेरे कमरे में तो तेरा पुराना यार लेता हुआ है नशे में धुत होकर.. सारे रूम्स भी फूल है.. अब क्या करें?
ऋतू - एक काम करते है गौतम.. मैं राहुल को सुलाने के बाद तुझे बुलाऊंगी तू मेरे रूम में आ जाना..
गौतम - ठीक है पर मुझे मेरी बहन दुल्हन की तरह सजी हुई चाहिए.. ऐसे सादा सलवार सूट में नहीं..
ऋतू - जैसा तू चाहे ग़ुगु..

ऋतू गौतम से ये कहकर अपने रूम में आ जाती है जहा कुछ देर बाद राहुल भी आ जाता है जो अपने दोस्तों के साथ शराब पिने के करण नशे में था.. राहुल को ऋतू पानी में नींद की दवा देकर जल्दी ही सुला देती है.. इधर गौतम जब अपने कमरे में पहूचता है तो देखता है कि विक्रम उसी तरह नधे में सो रहा है गौतम नहाने चला जाता है औऱ नहाने के बाद जैसे बाथरूम से बाहर आता है उसके कुछ देर बाद ऋतू का फ़ोन आ जाता है औऱ ऋतू गौतम को अपने रूम में आने के लिए कहती है..
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गौतम ऋतू के कमरे में आकर - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. (राहुल को देखकर) बेड पर क्यों सुलाया है इसे?
ऋतू - खुद सो गया..
गौतम राहुल को बेड से उठाकर सोफे पर पटक देता है औऱ ऋतू को बाहों में भरके फूलो से सजी सेज पर आ ऋतू के साथ गिरता है..
ऋतू एक गोली गौतम के मुंह में डाल कर - इसे खा लो गौतम..
गौतम - मुझे इसकी जरुरत नहीं है ऋतू..
ऋतू - खा लो ना ग़ुगु मेरे लिए.. अपनी बहन कि बात नहीं मानोगे?
गौतम - थोड़ी देर बाद तुम ही पछताओगी...
ऋतू - अब बातें ही करते रहोगे क्या कुछ करोगे भी? मेरी चुत में बहुत जोरो से खुजली मचने लगी है ऊपर से तुम्हारा लंड भी ऐसा है कि चुत में लेने कि तलब हो रही है..
गौतम - ऋतू अगर मुझे पहले पता होता कि मेरी बहन इतनी चुदक्कड़ है तो कब का तुझे चोद चूका होता..
ऋतू - गौतम अगर मुझे भी मुझे पहले पता होता कि मेरे भाई के पास इतना बड़ा लंड है तुझे पहले ही अपनी चुत में घुसा लेती.. कितने प्यारे होंठ है तेरे.. बच्चों जैसे..
गौतम - चूमो ना ऋतू.. मेरे ये होंठ कब से तुम्हारे होंठों से मुलाक़ात करना चाहते थे..
ऋतू गौतम को चूमती हुई - आई लव यू गौतम..

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गौतम और रितु एक दूसरे के साथ बिस्तर पर लिपटे हुए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे जिससे दोनों के मुंह की लार एक दूसरे में घुल रही थी और दोनों को इसमें बहुत ही स्वाद और मजा आ रहा था रितु आज किसी भी कीमत पर गौतम को पा लेना चाहती थी और यही हाल गौतम का था गौतम भी किसी भी कीमत पर आज अपनी बहन ऋतु के साथ वह सब कर लेना चाहता था जो वह सोच चुका था..

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कुछ देर इसी तरह एक दूसरे को चूमने के बाद गौतम और रितु एक दूसरे के गले पर और चेहरे पर अपने अपने प्यार की अपनी-अपनी चुम्मिया बरसने लगे और एक दूसरे को इस बात का एहसास दिलाने लगी कि वह एक दूसरे से कितना आकर्षित है और कितना वह एक दूसरे को पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं..

गौतम और रितु ने एक दूसरे के बदन से एक-एक करके सारे कपड़े उतार कर बिस्तर के एक तरफ फेंक दिए और फिर दोनों लगभग एक सी अवस्था में नंगे होकर एक दूसरे के बदन को चूमने और चाटने लगे..

गौतम की तुलना में ऋतु का हाल और भी ज्यादा बुरा था मुझे तो बिल्कुल पागलों की तरह गौतम को अपनी बाहों में भरे हुए झूम रही थी और उसे अपने मुंह का सारा रस पिलाना चाहती थी.. गौतम रितु के इस व्यवहार से बहुत उत्तेजित हो चुका था और वह भी भर भर के अपने मुंह से ऋतु के मुंह का रस पी रहा था और अपनी बहन की हर इच्छा पूरी कर रहा था.. गौतम पर धीरे-धीरे गोली का नाश होने लगा था मगर उसे अब लगने लगा था कि कहीं ना कहीं जो ऋतू ने भी एक गोली खा ली है और यह उसी का असर है कि कामोतेजना से भरकर उसे चुम औऱ चाट रही है..

ऋतू ने काम उत्तेजना के वशीभूत होकर गौतम के होंठों को इतना जोर से अपने दांतों से काटा की गौतम की चीख निकल गई और वह ऋतु के दांतों से अपने होठों को छुड़वाकर रितु से बोला..
गौतम - पागल हो गई है क्या तू?
ऋतू वापस चूमती हुई - सॉरी छोटे भाई पर आज रात अपनी बहन को माफ़ कर देना..
गौतम रितु की हालत देखकर समझ गया था कि अब रितु काम के शिखर पर पहुंच चुकी है और जब तक उसकी उत्तेजना शांत नहीं हो जाती और उसकी चुत से बरसात का पानी निकाल कर बह नहीं जाता तब तक वह किसी भी बात को समझने और सोचने की हालत में नहीं आएगी इसीलिए गौतम ने अब रितु की काम उत्तेजना को ठंडा करने के लिए उसे अपने नीचे ले लिया..
गौतम ने रितु की टांग चोडी करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके की झटके में अंदर घुसा दिया अगर ऋतू पर गोली का असर ना होता तो वो चिल्ला पडती मगर इस वक़्त वो मज़े से चुदवाने लगी थी.. गौतम धीरे-धीरे चोदते हुए ऋतु के भारी भरकम चुचे पड़ककर मसलने लगा..

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ऋतू किसी रंडी की तरह सिसकियाँ लेते हुए चुदवाने लगी और उसकी सिस्कारिया पूरे कमरे में गूंजने लगी..
गौतम चोदते हुए ऋतु के चुचो को चूसने और चाटने लगा, मसलते हुए ऋतु के तनकर खड़े हुए चुचक को चूसने लगा..

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गौतम की चोदने की रफ्तार के साथ रितु की सिसकारियां और चीख भी तेज होने लगी थी उसकी आवाज और कमरे से बाहर जाने लगी थी और कोई अगर कमरे के आसपास से गुजरता तो ऋतू की आवाज उसके कान में पढ़ जाती..

ऋतू की चुदी हुई चुत में गौतम इतनी जोर जोर से झटके मार रहा था कि अब रितु को भी चुदवाने में दर्द होने लगा था और रितु दर्द और सुख के मिश्रित अनुभव को अनुभव करते हुए गौतम से लिपट गई थी..

दोनों जवान थे और दोनों में सेक्स की गोली खाई थी जिससे दोनों की चुदाई को चलते हुए अब तक एक घंटा हो गया था जिसमें कई बार रितु की नदी बह चुकी थी मगर गौतम अब तक उसी तरह ऋतु की नदी में बाढ़ पर बाढ़ लाये जा रहा था

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गौतम ऋतु को पोजीशन बदल बदल कर चोद रहा था कभी वह रितु को अपनी गोद में उठता
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तो कभी बिस्तर पर लेटाता
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कभी घोड़ी बनता
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तो कभी दीवार से चिपकाकर चोदता..
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रितु गौतम की हर बात मानते हुए उसके बताए गए हर पोज़ में चुदवा रही थी और गौतम अपनी बहन ऋतू को पिछले एक घंटे से चोदे जा रहा था..

ऋतू की चुत में दर्द अब ख़त्म हो चूका था औऱ जलन शुरू हो चुकी थी.. गौतम का लंड लेने का सुख उस जलन के मुक़ाबले में अतुलनीय था.. ऋतू बिलकुल रांड की तरह गौतम की हर बात मानकर चुदवा रही थी.. गौतम ने लगभग सवा घंटे चोदकर ऋतू की चुत में अपना माल भर दिया फुल ac ने भी दोनों पसीने से तर होकर पानी पानी थे..

ऋतू पेट बल बिस्तर पर लेटी हुई थी औऱ गौतम ऋतू के ऊपर उसकी चुत में लंड गुसाये हुए झड़ने के बाद भी ऋतू को चोद रहा था..

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ऋतू - गौतम..
गौतम - हाँ.. बहना...
ऋतू - शुक्रिया भाई.. मेरी सुहागरात को याद गार बनाने के लिए.. ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं मिला.. एक बार में इतनी बार कभी नहीं झड़ी..
गौतम - शुक्रिया केसा बहन? तेरा सगा भाई हूँ.. जो तु बोलोगी वो तो मुझे करना ही पड़ेगा..
ऋतू - छोटे भाई .. ये सच्चाई माँ पापा ने हम दोनों से छिपाई है.. चेतन भईया औऱ भाभी को भी इसका नहीं पाता.. इसे छिपी ही रहने देना.. हम जैसे ज़ी रहे है वैसे ठीक है.. मेरी असली माँ कौन है ये सच्चाई कई घर तोड़ सकती है.
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - मुझे फर्क नहीं पड़ता ऋतू कौन क्या है.. मैं बस इतना जानता हूँ की मैं अपनी माँ का दिल नहीं दुखा सकता.. औऱ अब जब मुझे आता चल चूका है की तू भी मेरी सगी बहन है.. तु भी मेरे दिल में उतर चुकी हो..
ऋतू - किस्मत भी कितनी अजीब है गौतम.. हम दोनों सगे भाई बहन है औऱ फिर भी एकदूसरे को इतना पसंद है कि साथ सो रहे है..
गौतम बिस्तर से उठता हुआ - इसमें किसका कसूर है ऋतू.. किसे दोष दे..
ऋतू उठती हुई - छोडो ना छोटे भाई.. हमें एक दूसरे कि जरुरत है.. अब कोई भी रिश्ता हमें एक दूसरे के साथ मिलने से नहीं कोई रोक सकता.. अब तक जो हुआ उसे भूल जाते है.. तुम्हारी नाराजगी ने तुमको इतने साल मुझसे दूर रखा.. पता है कितना कोसा है मैंने अपने आपको तुम्हारे लिए?
गौतम ऋतू का बोबा पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए - ऋतू मैं मर्द हूँ किसी बात को दिल से लगा लू तो आसानी से नहीं मानता..
ऋतू - मर्द के साथ साथ भाई भी तो हो मेरे.. मेरी गलती को माफ़ नहीं कर सकते थे तुम?

गौतम ऋतू को दिवार से चिपका कर उसकी एक टांग उठाते हुए - मुंह से माफ़ी मांगी थी तुमने.. अगर चुत से मांगी होती तो कब का माफ़ कर देती मैं तुम्हे बहना..
ऋतू गौतम का लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाती हुई - लो अब मांगती हूँ अपने छोटे भाई से चुत खोलकर माफ़ी.. करोगे कबूल अपनी बहन को माफी?
गौतम ऋतू की दोनों टांग उठाकर पहला झटका मारते हुए अपना पूरा लंड घुसाकर - कबूल है ऋतू.. तुम्हारे छोटे भाई को तुम्हारी माफ़ी कबूल है..

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ऋतू सिसकियाँ लेती हुई - आराम से ग़ुगु.. ये तुम्हारी बहन की छोटी सी चुत है, चम्बल का मैदान नहीं.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. हाय.. वापस से दर्द होने लगा है मुझे तो..
गौतम धीरे धीरे धक्के मारते हुए - छोटी सी कहाँ है बहना? तेरी चुत को तो तेरे आशिक़ो ने चोद चोद के चौडा कर दिया है.. मुझे सच में ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई रांड चोद रहा हूँ.. पता नहीं इस गांडु ने तुझे इस फटी हुई चुत के साथ कैसे पसंद कर लिया औऱ शादी कर ली?
ऋतू चुदवाते हुए - दहेज के लालची चुत की सील नहीं पैसो की डील देखते है छोटे भाई..
गौतम मुस्कुराते - ये तो सही कहा बहना.. चल बचपन की तरह अंतराक्षरी खेले?
ऋतू गीतम को चूमती हुई - चुदाई के बीच अंतराक्षरी खेलनी है तुझे?
गौतम - खेलते है ना ऋतू.. चल पहले तू गा..
ऋतू चुदते हुए - मुन्नी बदनाम हुई डार्लिग तेरे लिए.. मैं झंडुबाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.. मुन्नी के गाल गुलाबी होंठ शराबी चाल नवावी रे.. मैं आइटम बम हुई डार्लिंग तेरे लिये..
गौतम ऋतू को बेड ओर लेटा कर धीरे धीरे चोदते हुए - ये शाम मास्तानी मदहोश किये जाए.. मुझे चुत तेरी खींचे मेरा लंड लिए जाये.. ये से गा ऋतू..

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ऋतू चुदते हुए - ये गलिया ये चोबारा यहां आना ना दोबारा.. अब हम तो भये परदेसी की तेरा यहां कोई नहीं. कि तेरा यहां कोई नहीं.

गौतम ऋतू को बैठा देता है औऱ अपना लोडा उसके मुंह में देकर गाता है - होंठों से छू लो ऋतू, मेरा लंड अमर कर दो.. बन जाओ रांड मेरी, मुझे गांड भी दे दो..

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ऋतू मुंह से लंड निकालकर अपने बूब्स के बीच रखकर गौतम को titjob देती हुई - दिल दीवाना ना जाने कब खो गया.. तूने ऐसे चोदा कि कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया मेरी जा..
गौतम ऋतू को पीछे धकेल कर उसकी टांग फैलाते हुए उसकी चुत में लंड सेट करके धक्का मरते हुए - जिसका मुझे था इंतजार, जिसके लिए लंड था बेक़रार.. वो घड़ी आ गई आ गई.. आज चुत में तेरी उतर जाना है.. चोद देना है तुझको या चुद जाना है..

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ऋतू सिसकियाँ लेते हुए - हर ग़म उठा लूँ तन्हा अकेली.. तेरे लिये भाई लोडा भी झेली.. इतना तुझे प्यार दू.. कपडे उतार दूँ.. चोद लो भईया.. चुत भी वार दूँ..
गौतम चोदने कि रफ़्तार बढ़ाते हुए - तुझको ना चोदू तो दिल घबराता है.. चोदके तुझको बहना मुझको चैन आता है.
ऋतू - आराम से ग़ुगु जलन हो रही है..

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गौतम लगातार मिशनरी में चोदता हुआ. - सॉरी ऋतू..
गौतम औऱ ऋतू की चुदाई इस बार भी चलती रही औऱ तब तक नहीं रुकी जब तक गौतम ने ऋतू की चुत को चोद चोद कर सुज्जा नहीं दिया.. ऋतू की चुत लाल हो चुकी थी जलन औऱ सूजन भी चुत पर आ चुकी थी डबल रोती की तरह फूली हुई चुत हो चुकी थी ऋतू की...ऋतू की चाल में औऱ ज्यादा लचक आ गई थी..

सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे औऱ ऋतू गौतम की बाहों ने नंगी लेटी हुई मुस्कुराते हुए गौतम को देख रही थी.. जो एक हाथ में ऋतू का बोबा पकड़कर ऋतू को अपनी बाहों में जकड़े हुए था औऱ दूसरे हाथ से सिगरेट के कश लगा रहा था.. राहुल अब भी बेसुध सोफे पर पड़ा था.
गौतम सिगरेट बुझाकार - बहना अब मुझे चलना चाहिए.. सुबह होने वाली भीड़ बढ़ जायेगी.. कोई भी तेरे कमरे से निकलते हुए देख सकता है.
ऋतू गौतम के होंठ चूमकर - दिल औऱ चुत लेकर जा रहे हो छोटे भाई.. ख्याल रखना मेरे दिल का..
गौतम उठकर कपडे पहनते हुए - तु भी मेरे दिल का ख्याल रखना ऋतू.. बहुत नाजुक है जल्दी टूट जाता है..
ऋतू मुस्कुराते हुए - एक बार तोड़ चुकी हूँ अब वो गलती नहीं करुँगी..

गौतम रूम से चला जाता है औऱ ऋतू नहाने चली जाती है..
Awesome update
Ye kya Gautam aur Ritu dono sage bhai bahen hai but Ritu Saadi se pahle hi paida huyi thi tou Ritu ka asli baap kaun hai ,Gautam ka mama
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Update 27


विवाह समपन्न हुआ आज से आप पति पत्नी..
संजय - आओ बेटी.. चलो.. चेतन.. ये सामान कमरे में पंहुचा दे..
चेतन - ठीक है पापाज़ी...
गायत्री - संजय बेटा.. दामाद ज़ी औऱ ऋतू को एक साथ ही ले जा.. कोमल तू भी साथ में जा...
आरती - मम्मी ज़ी अब तो अकेले छोड़ दो दामाद ज़ी औऱ ऋतू को.. सब हँसने लगते है..
गायत्री - रात के डेढ़ बज चुके है औऱ तू अभी भी मज़ाक़ मस्ती में लगी हुई है.. चल अब तू भी चेतन के साथ चली जा.. अब थोड़ा आराम कर लेते है.. कल विदाई में बहुत काम है..
संजय - सही कहा माँ.. आज का दिन बहुत थका देने वाला था..
कोमल - तुम तो रोज़ ही थके हुए लगते हो.. कोनसी नई बात है..

बात करते हुए सब अपने अपने रूम में चले गए थे..
राहुल औऱ उसके दो दोस्त अब साथ थे औऱ दोस्त राहुल को इशारे से बुला रहे थे..
एक दोस्त - क्या बात है साले.. शादी होते ही हमारी बात नहीं सुन रहा..
राहुल अलग जाकर - अबे तुम भी जाकर सो जाओ क्यों भूत की तरह सर पर घूम रहे हो..
दूसरा दोस्त - भाई तेरी नींद का जुगाड़ तो हो गया हम अकेले कैसे सोये?
राहुल - एकदूसरे की गांड मार लो.. अब चल.. जाने दे मुझे..
दोस्त - अभी से डरने लगा तू तो अपनी बीवी से..
राहुल - अबे टाइम देख अब तुम भी सो जाओ जाकर..
दोस्त हसते हुए - अरे यार थोड़ी सी दारु तो पिले.. बिल्ली कैसे मारेगा.. वरना..
राहुल - ठीक है मैं बोलके आता हूँ तुम रूम में जाओ..
दोस्त - हाँ हाँ बोलके आ.. अब तो परमिशन लेनी ही पड़ेगी तुझे..

राहुल ऋतू से थोड़ी देर दोस्तों के साथ बैठने की बात बोलके दोस्तों के साथ रूम में बैठकर शराबखोरी करने लगता है औऱ ऋतू अकेली अपने कमरे में सोफे पर बैठी हुई दिनभर की थकान से चूर होकर एक सिगरेट जलाकर कश लेने लगती है.. ऋतू ने अपने भारी भरकम दुल्हन वाले कपडे बदल लिए थे औऱ सादा सूट पहन लिया था.. ऋतू बैठी ही थी कि उसके फ़ोन पर अनजान नम्बरो से व्हाट्सप्प पर एक वीडियो आया औऱ नीचे टेक्स्ट आया - छत पर मिलो...

ऋतू वीडियो देखकर समझ गई कि ये विकर्म ने भेजा है क्युकी वीडियो में ऋतू औऱ विक्रम कि चुदाईलीला थी.. ऋतू समझ गई की विक्रम वापस उसे चोदने के लिए बुला रहा है इसलिए ऋतू सिगरेट का पैकेट लाइटर औऱ कंडोम का पैकेट लेकर छत पर चली गई.. छत पर अँधेरा था औऱ लोन की भी लगभग सभी लाइट बंद हो गई थी लोन की एक्का दुक्का लाइट से छनकर आती मामूली रोशनी छत के अँधेरे को दूर नहीं कर रही थी.. पूर्णिमा का चाँद निकला हुआ था मगर बदलो ने उसे ढक लिया था.. छत पर अंधेरा था औऱ किसीका चेहरा देख पाना मुश्किल था..

ऋतू को छत पर बने एक कमरे के बाहर परछाई दिखी जिसे उसने विकर्म समझ लिया औऱ ऋतू बोली - बोला था ना.. अब मत मिलना मुझसे.. तुम ब्लैकमेल करना बंद क्यों नहीं कर देते मुझे.. मेरी शादी हो चुकी है विक्रम..
परछाई में विकर्म नहीं गौतम था जिसने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था औऱ गौतम ने कुछ नहीं कहा तो ऋतू फिर से बोली - मेरी लेने आये हो ना वापस? लो ये कंडोम औऱ जल्दी से मुझे चोदकर निकल जाओ यहां से.. मेरी गलती थी जो तुमको वीडियो बनाने दिया उस रात..

गौतम कंडोम लेकर ऋतू को पलट देता है औऱ उसे झुकाते हुए उसकी पज़ामी का नाड़ा खोलकर पज़ामी नीचे कर देता है, पेंटी भी नीचे सरकाते हुए कुर्ती ऊपर करके अपने लंड पर कंडोम पहन लेता है औऱ पीछे से ऋतू की चुत पर लोडा लगाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपनी बहन ऋतू की चुत चिरते हुए अपना लंड ऋतू की चुत में घुसा देता है...

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ऋतू चिल्लाते हुए - अह्ह्ह्ह... ये क्या है.. विक्रम..?? आहहह... इतना बड़ा..
गौतम लंड घुसते ही एक हाथ से ऋतू के बाल पकड़कर झटके पर झटके मारना शुरू कर देता है जिससे ऋतू सिसकती हुई चिल्लाने लगती है औऱ छत पर ऋतू की चुदाई का संग्राम शुरू हो जाता है..

गौतम पीछे से ऋतू की चुत चोदे जा रहा था जिसमे ऋतू भी अब पूरी तरह शामिल हो चुकी थी उसे चोद रहे आदमी पर शक हो रहा था मगर उसे मज़ा आने लगा था औऱ अब वो काम सुख की हवा में बहकर गौतम को विकर्म समझती हुई उससे बात भी करने लगती है जो सिर्फ एक तरफा थी..
गौतम ऋतू की बात का कोई रिप्ली नहीं दे रहा था..
ऋतू - विकर्म क्या हो गया है आज तुम्हे... आहहह... औऱ ये तुम्हारा लंड.. ये आज इतना बड़ा कैसे लग रहा है... आहहह... तुम बदले बदले कैसे लग रहे हो.. विक्रम.. अह्ह्ह्ह.. मज़ा आ रहा है.. चोदो मुझे ऐसे ही चोदो.. अह्ह्ह्ह... फाड़ दो मेरी चुत..

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गौतम बिना रुके धक्के पर धक्के लगाता हुआ ऋतू को पीछे से चोद रहा था औऱ चोदते चोदते गौतम ऋतू को छत पर उसी सामान से भरे हुए कमरे में ले आता है जहा उसने सुमन के साथ बातें की थी..

कमरे में घनघोर अँधेरे था औऱ बस लोन में लगे एक बल्ब से हलकी सी रौशनी आ रही थी.. ऋतू औऱ गौतम वहां चुदाई कर रहे थे औऱ चुदाई की आवाज यहां घूंज रही थी..
गौतम ने ऋतू को पलट कर अपनी तरफ मोड़ लिया औऱ दिवार से ऋतू की पीठ लगाते हुए उसकी एक टांग उठा कर उसकी चुत में अपना लंड घुसा कर फिर से तेज़ तेज़ झटको से चोदने लगा जिसमे ऋतू भी काम के वाशीभूत होकर आनंद उठा रही थी.. उसे परवाह नहीं रह गई थी कि उसे चोदने वाला विक्रम है या कोई औऱ..
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ऋतू को चुदाई के दौरान मिले रहे आंनद के बीच शक था कि उसे चोदने वाला विकर्म नहीं है.. औऱ अब वो अपने शक को यकीन में भी बदल लेना चाहती थी मगर उसे मिल रहे सुख ने उसे काफ़ी देर तक रोके रखा औऱ फिर चुदाई के बीच ऋतू ने अपने हाथ से गौतम का मास्क उतार दिया औऱ अँधेरे में बड़ी गौर से उसका गौतम का चेहरा देखा तो वो चौंक पड़ी..

ऋतू का कामसुख गुस्से में बदल गया औऱ वो बोली - ग़ुगु तू... शर्म नहीं आई तुझे अपनी बहन के साथ..
गौतम नीचे से किसी के आने कि आहट सुनकर चुदाई रोकते हुए - दीदी कोई आ रहा है.. चुप रहना वरना हम पकडे जाएंगे..

कमरे के अंदर खिड़की के पास ऋतू औऱ गौतम थे जो एकदूसरे से लिपटे हुए थे गौतम का लंड ऋतू की चुत में अभी भी तनकर खड़ा था वही छत पर एक औरत आकर उसी कमरे की खिड़की के करीब बाहर की तरफ खड़ी हो गई.. गौतम औऱ ऋतू दोनों ही औरत को नहीं देख पाए.. लेकिन फिर एक आदमी आता दिखा औऱ ऋतू औऱ गौतम को आदमी की चाल से औऱ उसकी आवाज से पता चल गया था की ये ऋतू का बाप संजय है..

संजय उस औरत के करीब आकर - क्यों नाराज़ होती हो.. जानबूझकर नहीं कहा कोमल ने वो सब.. तुम तो जानती हो कोमल की जबान कैसी है? वो कभी भी कुछ भी बोल देती है..
औरत रोते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूँ भईया भाभी की जबान कैसी है? एक तो अपनी ही बेटी की शादी में मेहमान बनकर आई हूँ ऊपर से भाभी मुझे अपने अहसान गिनाते हुए ताने मार रही है.. मेरे ग़ुगु को छीनना चाहती है.. ग़ुगु सही कह रहा था.. हम यहां नहीं आते तो ही अच्छा था..
गौतम औऱ ऋतू को आवाज से पता चल चूका था की ये औरत औऱ कोई नहीं गौतम की माँ सुमन है..
संजय - अरे तुम भी कैसी बातें लेकर बैठ गई सुमन.. आज भी बात बात पर नाराज़ होती हो.. कोमल ने हमारी ऋतू को कभी पराया नहीं समझा.. अपनी सगी बेटी समझकर पाला है.. हमारी कितनी मदद की है कोमल ने.. तुम तो सब जानती हो..
सुमन - भईया.. मदद की है तो फ़ायदा भी उठाया है भाभी ने.. ऋतू मेरी बेटी थी जिसे भाभी ने मुझसे छीन लिया..
संजय - छिना नहीं था मदद की थी हमारी.. शादी से पहले जो लड़की माँ बने उसे समाज क्या कहता है जानती हो ना?
ऋतू - ये बात तब याद नहीं थी आपको.. जब आप भाभी को अकेला छोड़कर रात रातभर मेरे साथ सोते थे? मैंने कितना समझा आपको ये सब गलत है पर आप नहीं माने..
संजय - पुरानी बातों पर मिट्टी डाल सुमन.. तू जानती है मैं जितना कोमल से प्यार करता हूँ उससे कहीं ज्यादा तुझसे करता हूँ.. मैं कब से तेरी मदद करने की कोशिश कररहा हूँ पर तू मानती ही नहीं..
सुमन - नहीं चाहिए भईया आपका अहसान.. मैं मेरे ग़ुगु के साथ उसी हाल में खुश हूँ..
संजय - सुमन.. ग़ुगु मेरा भी कुछ लगता है.. उसके लिए मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ.. पर मेरी मदद लेने में तो तेरी नाक नीची हो जायेगी ना..

गौतम औऱ ऋतू संजय औऱ सुमन की बात सुनकर ये जान चुके थे कि वो दोनों सुमन की औलादे है.. गौतम ये बात जानकार औऱ भी उत्तेजित हो चूका था कि ऋतू उसीकी बहन है जिसे सुमन औऱ संजय के व्यभिचार से जन्म मिला है.. औऱ ये बात जानने के बाद गौतम के लंड ने ऋतू की चुत में प्यार की पहली बरसात भी कर दी थी जिसे ऋतू महसूस कर सकती थी..

गौतम ने झड़ने के बाद भी ऋतू की चुत से लंड नहीं निकाला औऱ ना ही ऋतू ने गौतम को ऐसा करने का इशारा किया वो दोनों संजय औऱ सुमन की बात सुनने में लीन थे..

सुमन - भाभी तो चाहती नहीं थी कि मेरे कोई औलाद रहे.. तभी तो उस आदमी से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दीं.. पहले भाभी ने मेरी ऋतू को मुझसे छीन लिया औऱ फिर मेरे ग़ुगु को भी मुझसे छीनने कि पूरी कोशिश की थी..
संजय - सुमन क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो.. उन बातों को भूल जाओ.. जो हुआ सो हुआ.. अब उन बातों का क्या फ़ायदा..
सुमन - ये बात आप भाभी को क्यों नहीं समझाते.. वो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकती इसमें मेरी गलती थोड़ी है.. पहले माँ से चेतन को छिना.. फिर मुझसे ऋतू को.. फिर ग़ुगु को छीनने की कोशिश की औऱ अब मुझे ही हर दम ताने मारती रहती है.. बता दूँ चेतन को कि वो आपका बेटा नहीं छोटा भाई है? माँ ने कभी कोई शिकायत नहीं कि पर मैं अब बर्दास्त नहीं करुँगी भईया.. अब अगर भाभी ने कुछ औऱ कहा तो मैं भी चुप नहीं रहूंगी.. वो बाँझ है इसमें हमारा क्या दोष?
संजय - सुमन.. पागलपन छोड़.. मैं कोमल से बात करुँगा.. उसने जो कहा गलत था पर तू भी समझती है वो कैसी है फिर उसकी बात को दिल पर क्यों लगाती है..
सुमन गुस्से में चिल्लाकर - क्यों ना लगाऊ दिल से.. ग़ुगु मेरा बच्चा है.. मेरे जीने मरने का सहारा.. भाभी उसे अब मुझसे छीनना चाहती है.. बचपन में उसका मंसूबा कामयाद नहीं हुआ तो अब वापस से उन्होंने कोशिश शुरू कर दीं.. मुझे पैसो का लालच देती है.. मेरे ग़ुगु के लिए मैं सारे जहान कि दौलत छोड़ सकती हूँ..
संजय - क्या फर्क पड़ता है सुमन.. ग़ुगु यहां रहे या वहा.. तू तो जानती है मैंने जो कुछ कमाया है उसे चेतन अकेले नहीं संभाल पायेगा..
सुमन - भईया ग़ुगु को मैंने जन्म दिया है मैंने पाला है.. मैं उसे यहां नहीं छोड़ने वाली. आप भाभी को समझा दीजिये कि वो मेरे ग़ुगु से दूर रहे औऱ उसका ख्याल छोड़ दे..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ उसके पीछे पीछे संजय भी नीचे चला जाता है..
सुमन औऱ संजय के नीचे जाने के बाद ऋतू अपने फ़ोन की फलेशलाइट ऑन करके गौतम का चेहरा देखती है औऱ उससे गुस्से में कहती है..
ऋतू - वो वीडियो कहा से आया तेरे पास?
गौतम फ्लशलाइट अपने चेहरे की तरफ से हटाकर - आपके उस आशिक विक्रम ने फ़ोन में दिखाया था..
ऋतू - तू उसे कैसे जानता है?
गौतम - शादी में मिला था आपके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.. उसने आपका वीडियो दिखाया औऱ बाथरूम के पीछे जो आपके साथ किया वो बताया..
ऋतू - तो अब तू भी मुझे ब्लैकमेल करने लगा उसके साथ मिलकर? शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए?
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - नहीं दीदी.. मैंने तो उसके फ़ोन से आपके सारे वीडियो डिलीट कर दिए.. औऱ नशे में उसका वीडियो बना लिया.. ये देखो.. मैं आपको सेंड करता हूँ.. अगली बार वो आपको ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा.. आप चाहो तो उसे कर सकती हो.. उसका वीडियो भी वायरल कर सकती हो.. मैं तो बस आपको ये बताने के लिए छत पर बुलाया था..
ऋतू फ़ोन साइड में रख कर - बताने के छत पर बुलाया था तो मेरी लेने क्यों लगा?
गौतम सर झुकाकर - आपने ही कंडोम देकर कहा था मैं क्या करता? आप सेक्सी भी लग रही थी..
ऋतू मुस्कुराते हुए - सर ऊपर कर बुद्धू.. तूने विक्रम के साथ ये सब मेरे लिए किया?
गौतम - आप बड़ी बहन हो मेरी.. कोई आपको तंग करें मैं कैसे सहन कर सकता हूँ..
ऋतू हसते हुए - अच्छा तो फिर तुमने क्यों तंग किया अभी मुझे?
गौतम - मैंने कहा किया दीं.. अपने ही बोला था चोदने के लिए.. देखो मेरा तो आपकी चुदाई में कंडोम भी फट गया..
ऋतू हसते हुए घुटनो पर बैठकर गौतम के लंड से कंडोम उतारते हुए - भला कोई कंडोम पहन के भी अपनी बहन चोदता है? ग़ुगु तेरा ये लंड.. कितना बड़ा औऱ मजबूत है.. मुझे तो दर्द हो रहा था इससे चुदवाते हुए..
गौतम - दीदी यार आपकी चुत तो भाभी से भी ज्यादा चौड़ी है.. मेरा लंड तो आसानी से अंदर चला गया.. विक्रम सही कह रहा था पक्की रांड हो आप तो..
ऋतू धीरे धीरे गौतम का लंड हिलाती हुई - सगी बहन को रांड बोलता है.. तुझे तो सबक सीखना पड़ेगा ग़ुगु..
गौतम - अब रांड को रांड ही बोला जाता है दीदी.. यहां बिस्तर नहीं है मुझे सबक सिखाने के चक्कर में आपके गोड़े छील जाएंगे..
ऋतू सिगरेट सुलगाते हुए - छील जाए तो छील जाने दे ग़ुगु.. सुहागरात तो आज तेरी बहन तेरे साथ ही मनाएगी.. पहली बार कोई टक्कर का मर्द मिला है..
गौतम - फिर जीजाजी क्या करेंगे? वो क्या सारी रात हिलाएंगे अपना?
ऋतू - उसकी चिंता तू मत कर ग़ुगु.. वो साला ढीला है.. 2-4 मिनट में थक्के झड़ जाता है.. मैं 5-10 मिनट में उसको निपटा के तेरे पास आ जाउंगी..
गौतम हसते हुए - औऱ वो?
ऋतू - उसे नींद की गोली दे दूंगी.. पक्की खिलाड़ी हूँ मैं भी.. आज तो मेरी रात औऱ मेरी जवानी अपने भाई के नाम है..
गौतम - मत हिलाओ दीदी अब इसे खड़े होने में थोड़ा वक़्त लगेगा.. आज बहुत सारी चुते चोदी है इसने..
ऋतू सिगरेट के कश लेती हुई खड़ी होकर - इसे तो आज पूरी रात खड़ा रहना है..
गौतम - अब नीचे चलते है दीदी.. वरना कोई फिर से ऊपर आ जाएगा.. यहां किसी को चैन नहीं है..
ऋतू कश लेती हुई - सिगरेट तो ख़त्म हो जाए ग़ुगु.. फिर चलते है.. वैसे एक बात बता तुझे कैसे पता आरती भाभी की चुत का.. मुझसे ज्यादा टाइट है उनकी? सच सच बताना तूने कब चोदा भाभी को?
गौतम - कल दोपहर में दीदी.. औऱ आज भी भाभी लहंगा उठा के पीछे ही पड़ गई इसलिए अभी आपके फेरे होने से जस्ट पहले भी चोदना पड़ा..
ऋतू - भाभी तो बहुत चालु निकली.. देवर के साथ ही रासलीला शुरू कर दी..
गौतम - दीदी अब भाभी है.. देवर पर हक़ तो उनका भी है..
ऋतू सिगरेट का कश लेकर - दीदी नहीं ग़ुगु.. नाम से बुलाया कर.. 3-4 साल ही तो बड़ी हूँ तुझसे..
गौतम - जैसा आप कहो ऋतू ज़ी..
ऋतू - आप नहीं तूम.. अब से कोई फॉर्मेलिटी नहीं समझा.. औऱ अब नाराज़ हुआ तो बहुत मारूंगी..
गौतम ऋतू से सिगरेट लेकर फेंकता हुआ - ठीक है ऋतू.. अब चल नीचे..
ऋतू मुस्कुराते हुए - तू अपने कमरे में जा मैं राहुल को सेट करके आती हूँ..
गौतम - मेरे कमरे में तो तेरा पुराना यार लेता हुआ है नशे में धुत होकर.. सारे रूम्स भी फूल है.. अब क्या करें?
ऋतू - एक काम करते है गौतम.. मैं राहुल को सुलाने के बाद तुझे बुलाऊंगी तू मेरे रूम में आ जाना..
गौतम - ठीक है पर मुझे मेरी बहन दुल्हन की तरह सजी हुई चाहिए.. ऐसे सादा सलवार सूट में नहीं..
ऋतू - जैसा तू चाहे ग़ुगु..

ऋतू गौतम से ये कहकर अपने रूम में आ जाती है जहा कुछ देर बाद राहुल भी आ जाता है जो अपने दोस्तों के साथ शराब पिने के करण नशे में था.. राहुल को ऋतू पानी में नींद की दवा देकर जल्दी ही सुला देती है.. इधर गौतम जब अपने कमरे में पहूचता है तो देखता है कि विक्रम उसी तरह नधे में सो रहा है गौतम नहाने चला जाता है औऱ नहाने के बाद जैसे बाथरूम से बाहर आता है उसके कुछ देर बाद ऋतू का फ़ोन आ जाता है औऱ ऋतू गौतम को अपने रूम में आने के लिए कहती है..
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गौतम ऋतू के कमरे में आकर - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. (राहुल को देखकर) बेड पर क्यों सुलाया है इसे?
ऋतू - खुद सो गया..
गौतम राहुल को बेड से उठाकर सोफे पर पटक देता है औऱ ऋतू को बाहों में भरके फूलो से सजी सेज पर आ ऋतू के साथ गिरता है..
ऋतू एक गोली गौतम के मुंह में डाल कर - इसे खा लो गौतम..
गौतम - मुझे इसकी जरुरत नहीं है ऋतू..
ऋतू - खा लो ना ग़ुगु मेरे लिए.. अपनी बहन कि बात नहीं मानोगे?
गौतम - थोड़ी देर बाद तुम ही पछताओगी...
ऋतू - अब बातें ही करते रहोगे क्या कुछ करोगे भी? मेरी चुत में बहुत जोरो से खुजली मचने लगी है ऊपर से तुम्हारा लंड भी ऐसा है कि चुत में लेने कि तलब हो रही है..
गौतम - ऋतू अगर मुझे पहले पता होता कि मेरी बहन इतनी चुदक्कड़ है तो कब का तुझे चोद चूका होता..
ऋतू - गौतम अगर मुझे भी मुझे पहले पता होता कि मेरे भाई के पास इतना बड़ा लंड है तुझे पहले ही अपनी चुत में घुसा लेती.. कितने प्यारे होंठ है तेरे.. बच्चों जैसे..
गौतम - चूमो ना ऋतू.. मेरे ये होंठ कब से तुम्हारे होंठों से मुलाक़ात करना चाहते थे..
ऋतू गौतम को चूमती हुई - आई लव यू गौतम..

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गौतम और रितु एक दूसरे के साथ बिस्तर पर लिपटे हुए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे जिससे दोनों के मुंह की लार एक दूसरे में घुल रही थी और दोनों को इसमें बहुत ही स्वाद और मजा आ रहा था रितु आज किसी भी कीमत पर गौतम को पा लेना चाहती थी और यही हाल गौतम का था गौतम भी किसी भी कीमत पर आज अपनी बहन ऋतु के साथ वह सब कर लेना चाहता था जो वह सोच चुका था..

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कुछ देर इसी तरह एक दूसरे को चूमने के बाद गौतम और रितु एक दूसरे के गले पर और चेहरे पर अपने अपने प्यार की अपनी-अपनी चुम्मिया बरसने लगे और एक दूसरे को इस बात का एहसास दिलाने लगी कि वह एक दूसरे से कितना आकर्षित है और कितना वह एक दूसरे को पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं..

गौतम और रितु ने एक दूसरे के बदन से एक-एक करके सारे कपड़े उतार कर बिस्तर के एक तरफ फेंक दिए और फिर दोनों लगभग एक सी अवस्था में नंगे होकर एक दूसरे के बदन को चूमने और चाटने लगे..

गौतम की तुलना में ऋतु का हाल और भी ज्यादा बुरा था मुझे तो बिल्कुल पागलों की तरह गौतम को अपनी बाहों में भरे हुए झूम रही थी और उसे अपने मुंह का सारा रस पिलाना चाहती थी.. गौतम रितु के इस व्यवहार से बहुत उत्तेजित हो चुका था और वह भी भर भर के अपने मुंह से ऋतु के मुंह का रस पी रहा था और अपनी बहन की हर इच्छा पूरी कर रहा था.. गौतम पर धीरे-धीरे गोली का नाश होने लगा था मगर उसे अब लगने लगा था कि कहीं ना कहीं जो ऋतू ने भी एक गोली खा ली है और यह उसी का असर है कि कामोतेजना से भरकर उसे चुम औऱ चाट रही है..

ऋतू ने काम उत्तेजना के वशीभूत होकर गौतम के होंठों को इतना जोर से अपने दांतों से काटा की गौतम की चीख निकल गई और वह ऋतु के दांतों से अपने होठों को छुड़वाकर रितु से बोला..
गौतम - पागल हो गई है क्या तू?
ऋतू वापस चूमती हुई - सॉरी छोटे भाई पर आज रात अपनी बहन को माफ़ कर देना..
गौतम रितु की हालत देखकर समझ गया था कि अब रितु काम के शिखर पर पहुंच चुकी है और जब तक उसकी उत्तेजना शांत नहीं हो जाती और उसकी चुत से बरसात का पानी निकाल कर बह नहीं जाता तब तक वह किसी भी बात को समझने और सोचने की हालत में नहीं आएगी इसीलिए गौतम ने अब रितु की काम उत्तेजना को ठंडा करने के लिए उसे अपने नीचे ले लिया..
गौतम ने रितु की टांग चोडी करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके की झटके में अंदर घुसा दिया अगर ऋतू पर गोली का असर ना होता तो वो चिल्ला पडती मगर इस वक़्त वो मज़े से चुदवाने लगी थी.. गौतम धीरे-धीरे चोदते हुए ऋतु के भारी भरकम चुचे पड़ककर मसलने लगा..

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ऋतू किसी रंडी की तरह सिसकियाँ लेते हुए चुदवाने लगी और उसकी सिस्कारिया पूरे कमरे में गूंजने लगी..
गौतम चोदते हुए ऋतु के चुचो को चूसने और चाटने लगा, मसलते हुए ऋतु के तनकर खड़े हुए चुचक को चूसने लगा..

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गौतम की चोदने की रफ्तार के साथ रितु की सिसकारियां और चीख भी तेज होने लगी थी उसकी आवाज और कमरे से बाहर जाने लगी थी और कोई अगर कमरे के आसपास से गुजरता तो ऋतू की आवाज उसके कान में पढ़ जाती..

ऋतू की चुदी हुई चुत में गौतम इतनी जोर जोर से झटके मार रहा था कि अब रितु को भी चुदवाने में दर्द होने लगा था और रितु दर्द और सुख के मिश्रित अनुभव को अनुभव करते हुए गौतम से लिपट गई थी..

दोनों जवान थे और दोनों में सेक्स की गोली खाई थी जिससे दोनों की चुदाई को चलते हुए अब तक एक घंटा हो गया था जिसमें कई बार रितु की नदी बह चुकी थी मगर गौतम अब तक उसी तरह ऋतु की नदी में बाढ़ पर बाढ़ लाये जा रहा था

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गौतम ऋतु को पोजीशन बदल बदल कर चोद रहा था कभी वह रितु को अपनी गोद में उठता
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तो कभी बिस्तर पर लेटाता
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कभी घोड़ी बनता
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तो कभी दीवार से चिपकाकर चोदता..
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रितु गौतम की हर बात मानते हुए उसके बताए गए हर पोज़ में चुदवा रही थी और गौतम अपनी बहन ऋतू को पिछले एक घंटे से चोदे जा रहा था..

ऋतू की चुत में दर्द अब ख़त्म हो चूका था औऱ जलन शुरू हो चुकी थी.. गौतम का लंड लेने का सुख उस जलन के मुक़ाबले में अतुलनीय था.. ऋतू बिलकुल रांड की तरह गौतम की हर बात मानकर चुदवा रही थी.. गौतम ने लगभग सवा घंटे चोदकर ऋतू की चुत में अपना माल भर दिया फुल ac ने भी दोनों पसीने से तर होकर पानी पानी थे..

ऋतू पेट बल बिस्तर पर लेटी हुई थी औऱ गौतम ऋतू के ऊपर उसकी चुत में लंड गुसाये हुए झड़ने के बाद भी ऋतू को चोद रहा था..

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ऋतू - गौतम..
गौतम - हाँ.. बहना...
ऋतू - शुक्रिया भाई.. मेरी सुहागरात को याद गार बनाने के लिए.. ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं मिला.. एक बार में इतनी बार कभी नहीं झड़ी..
गौतम - शुक्रिया केसा बहन? तेरा सगा भाई हूँ.. जो तु बोलोगी वो तो मुझे करना ही पड़ेगा..
ऋतू - छोटे भाई .. ये सच्चाई माँ पापा ने हम दोनों से छिपाई है.. चेतन भईया औऱ भाभी को भी इसका नहीं पाता.. इसे छिपी ही रहने देना.. हम जैसे ज़ी रहे है वैसे ठीक है.. मेरी असली माँ कौन है ये सच्चाई कई घर तोड़ सकती है.
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - मुझे फर्क नहीं पड़ता ऋतू कौन क्या है.. मैं बस इतना जानता हूँ की मैं अपनी माँ का दिल नहीं दुखा सकता.. औऱ अब जब मुझे आता चल चूका है की तू भी मेरी सगी बहन है.. तु भी मेरे दिल में उतर चुकी हो..
ऋतू - किस्मत भी कितनी अजीब है गौतम.. हम दोनों सगे भाई बहन है औऱ फिर भी एकदूसरे को इतना पसंद है कि साथ सो रहे है..
गौतम बिस्तर से उठता हुआ - इसमें किसका कसूर है ऋतू.. किसे दोष दे..
ऋतू उठती हुई - छोडो ना छोटे भाई.. हमें एक दूसरे कि जरुरत है.. अब कोई भी रिश्ता हमें एक दूसरे के साथ मिलने से नहीं कोई रोक सकता.. अब तक जो हुआ उसे भूल जाते है.. तुम्हारी नाराजगी ने तुमको इतने साल मुझसे दूर रखा.. पता है कितना कोसा है मैंने अपने आपको तुम्हारे लिए?
गौतम ऋतू का बोबा पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए - ऋतू मैं मर्द हूँ किसी बात को दिल से लगा लू तो आसानी से नहीं मानता..
ऋतू - मर्द के साथ साथ भाई भी तो हो मेरे.. मेरी गलती को माफ़ नहीं कर सकते थे तुम?

गौतम ऋतू को दिवार से चिपका कर उसकी एक टांग उठाते हुए - मुंह से माफ़ी मांगी थी तुमने.. अगर चुत से मांगी होती तो कब का माफ़ कर देती मैं तुम्हे बहना..
ऋतू गौतम का लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाती हुई - लो अब मांगती हूँ अपने छोटे भाई से चुत खोलकर माफ़ी.. करोगे कबूल अपनी बहन को माफी?
गौतम ऋतू की दोनों टांग उठाकर पहला झटका मारते हुए अपना पूरा लंड घुसाकर - कबूल है ऋतू.. तुम्हारे छोटे भाई को तुम्हारी माफ़ी कबूल है..

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ऋतू सिसकियाँ लेती हुई - आराम से ग़ुगु.. ये तुम्हारी बहन की छोटी सी चुत है, चम्बल का मैदान नहीं.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. हाय.. वापस से दर्द होने लगा है मुझे तो..
गौतम धीरे धीरे धक्के मारते हुए - छोटी सी कहाँ है बहना? तेरी चुत को तो तेरे आशिक़ो ने चोद चोद के चौडा कर दिया है.. मुझे सच में ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई रांड चोद रहा हूँ.. पता नहीं इस गांडु ने तुझे इस फटी हुई चुत के साथ कैसे पसंद कर लिया औऱ शादी कर ली?
ऋतू चुदवाते हुए - दहेज के लालची चुत की सील नहीं पैसो की डील देखते है छोटे भाई..
गौतम मुस्कुराते - ये तो सही कहा बहना.. चल बचपन की तरह अंतराक्षरी खेले?
ऋतू गीतम को चूमती हुई - चुदाई के बीच अंतराक्षरी खेलनी है तुझे?
गौतम - खेलते है ना ऋतू.. चल पहले तू गा..
ऋतू चुदते हुए - मुन्नी बदनाम हुई डार्लिग तेरे लिए.. मैं झंडुबाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.. मुन्नी के गाल गुलाबी होंठ शराबी चाल नवावी रे.. मैं आइटम बम हुई डार्लिंग तेरे लिये..
गौतम ऋतू को बेड ओर लेटा कर धीरे धीरे चोदते हुए - ये शाम मास्तानी मदहोश किये जाए.. मुझे चुत तेरी खींचे मेरा लंड लिए जाये.. ये से गा ऋतू..

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ऋतू चुदते हुए - ये गलिया ये चोबारा यहां आना ना दोबारा.. अब हम तो भये परदेसी की तेरा यहां कोई नहीं. कि तेरा यहां कोई नहीं.

गौतम ऋतू को बैठा देता है औऱ अपना लोडा उसके मुंह में देकर गाता है - होंठों से छू लो ऋतू, मेरा लंड अमर कर दो.. बन जाओ रांड मेरी, मुझे गांड भी दे दो..

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ऋतू मुंह से लंड निकालकर अपने बूब्स के बीच रखकर गौतम को titjob देती हुई - दिल दीवाना ना जाने कब खो गया.. तूने ऐसे चोदा कि कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया मेरी जा..
गौतम ऋतू को पीछे धकेल कर उसकी टांग फैलाते हुए उसकी चुत में लंड सेट करके धक्का मरते हुए - जिसका मुझे था इंतजार, जिसके लिए लंड था बेक़रार.. वो घड़ी आ गई आ गई.. आज चुत में तेरी उतर जाना है.. चोद देना है तुझको या चुद जाना है..

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ऋतू सिसकियाँ लेते हुए - हर ग़म उठा लूँ तन्हा अकेली.. तेरे लिये भाई लोडा भी झेली.. इतना तुझे प्यार दू.. कपडे उतार दूँ.. चोद लो भईया.. चुत भी वार दूँ..
गौतम चोदने कि रफ़्तार बढ़ाते हुए - तुझको ना चोदू तो दिल घबराता है.. चोदके तुझको बहना मुझको चैन आता है.
ऋतू - आराम से ग़ुगु जलन हो रही है..

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गौतम लगातार मिशनरी में चोदता हुआ. - सॉरी ऋतू..
गौतम औऱ ऋतू की चुदाई इस बार भी चलती रही औऱ तब तक नहीं रुकी जब तक गौतम ने ऋतू की चुत को चोद चोद कर सुज्जा नहीं दिया.. ऋतू की चुत लाल हो चुकी थी जलन औऱ सूजन भी चुत पर आ चुकी थी डबल रोती की तरह फूली हुई चुत हो चुकी थी ऋतू की...ऋतू की चाल में औऱ ज्यादा लचक आ गई थी..

सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे औऱ ऋतू गौतम की बाहों ने नंगी लेटी हुई मुस्कुराते हुए गौतम को देख रही थी.. जो एक हाथ में ऋतू का बोबा पकड़कर ऋतू को अपनी बाहों में जकड़े हुए था औऱ दूसरे हाथ से सिगरेट के कश लगा रहा था.. राहुल अब भी बेसुध सोफे पर पड़ा था.
गौतम सिगरेट बुझाकार - बहना अब मुझे चलना चाहिए.. सुबह होने वाली भीड़ बढ़ जायेगी.. कोई भी तेरे कमरे से निकलते हुए देख सकता है.
ऋतू गौतम के होंठ चूमकर - दिल औऱ चुत लेकर जा रहे हो छोटे भाई.. ख्याल रखना मेरे दिल का..
गौतम उठकर कपडे पहनते हुए - तु भी मेरे दिल का ख्याल रखना ऋतू.. बहुत नाजुक है जल्दी टूट जाता है..
ऋतू मुस्कुराते हुए - एक बार तोड़ चुकी हूँ अब वो गलती नहीं करुँगी..

गौतम रूम से चला जाता है औऱ ऋतू नहाने चली जाती है..
Shaandar jabardast Romanchak super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
Gautam ke naihal me pahle se hi rishto me jhol macha hua hai 😏
Ab Gautam Ritu ko bhi sachhai pata chal gayi 😊
Ab dekhte hai Gautam aage kya karta hai 😏 Mami ko phir se sabka sikhana padega 🤣
RItu Gautam ki chudai jordar wo bhi fun with sex 🤣🤣🤣🤣
 

moms_bachha

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गजब धमाल ही नहीं धमाकेदार अपडेट
संजय और सुमन के बच्चे हैं ऋतु और गौतम
चेतन गायत्री का बेटा है लेकिन उसका बाप भी संजय ही है क्या

और इस कमीनी कोमल ने तो सुमन के साथ बहुत बुरा किया
गौतम और ऋतु को भी एक दूसरे से नफ़रत की दरार डाल दी
संजय उससे भी ज्यादा कमीना है जोरू का गुलाम बहन को चोदकर बच्चे पैदा किए, बेटी को छीनकर कोमल को दे दिया अब बेटे को भी छीनकर कोमल को दे देना चाहता है
कोमल के कहने से अपनी बहन की शादी एक नामर्द और कमीनें पुलिसिये से कर दी

ऋतु पुरानी बातें भूल सकती है, कोमल के घर में ऐशोआराम में पली है तो सुमन की तकलीफ़, दर्द और मुसीबतें उसके लिए मायने नहीं रखती लेकिन क्या गौतम अपनी मॉं के साथ हुई साजिश, नाइंसाफी और ज़ुल्म जो उसके अपने भाई भाभी ने किया पुलिसिये 'बाप' से भी ज्यादा.... इसका बदला नहीं लेगा?
अब आज की संजय सुमन की बात से लगता है सुमन विद्रोह पर उतारू है, गौतम को आगे बढ़कर सुमन के साथ खड़ा होना चाहिये


देखते हैं अब सुबह को क्या धमाल होता है
Ritu suman aur sanjay ki beti hai
Gotm suman aur jagmohan ka beta hai
Chetan gaaytri aur uske pati ka beta hai
Gahmohan shuru se namard nhi tha baad me hua
 

moms_bachha

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