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moms_bachha

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अगर इस लाइन को पढ़ते हैं तो साफ लगता है जगमोहन से शादी सुमन को बेऔलाद रखने की साज़िश थी।
गौतम के जगमोहन का बेटा होने की तो संभावना ही इस डायलॉग से खत्म कर दी

गौतम के बाद चेतन का भी जिक्र ऐसा किया है जैसे वो सिर्फ मॉं से छीना गया पिताजी का तो कोई जिक्र ही नहीं। अब मुझे या किसी भी पाठक को जो समझ आयेगा, वहीं मैंने बताया
जगमोहन is a greedy man. Komal can easily take his child but suman didn't want to give. Thats why that line is there👍🏿
 

Luckyloda

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Update 27


विवाह समपन्न हुआ आज से आप पति पत्नी..
संजय - आओ बेटी.. चलो.. चेतन.. ये सामान कमरे में पंहुचा दे..
चेतन - ठीक है पापाज़ी...
गायत्री - संजय बेटा.. दामाद ज़ी औऱ ऋतू को एक साथ ही ले जा.. कोमल तू भी साथ में जा...
आरती - मम्मी ज़ी अब तो अकेले छोड़ दो दामाद ज़ी औऱ ऋतू को.. सब हँसने लगते है..
गायत्री - रात के डेढ़ बज चुके है औऱ तू अभी भी मज़ाक़ मस्ती में लगी हुई है.. चल अब तू भी चेतन के साथ चली जा.. अब थोड़ा आराम कर लेते है.. कल विदाई में बहुत काम है..
संजय - सही कहा माँ.. आज का दिन बहुत थका देने वाला था..
कोमल - तुम तो रोज़ ही थके हुए लगते हो.. कोनसी नई बात है..

बात करते हुए सब अपने अपने रूम में चले गए थे..
राहुल औऱ उसके दो दोस्त अब साथ थे औऱ दोस्त राहुल को इशारे से बुला रहे थे..
एक दोस्त - क्या बात है साले.. शादी होते ही हमारी बात नहीं सुन रहा..
राहुल अलग जाकर - अबे तुम भी जाकर सो जाओ क्यों भूत की तरह सर पर घूम रहे हो..
दूसरा दोस्त - भाई तेरी नींद का जुगाड़ तो हो गया हम अकेले कैसे सोये?
राहुल - एकदूसरे की गांड मार लो.. अब चल.. जाने दे मुझे..
दोस्त - अभी से डरने लगा तू तो अपनी बीवी से..
राहुल - अबे टाइम देख अब तुम भी सो जाओ जाकर..
दोस्त हसते हुए - अरे यार थोड़ी सी दारु तो पिले.. बिल्ली कैसे मारेगा.. वरना..
राहुल - ठीक है मैं बोलके आता हूँ तुम रूम में जाओ..
दोस्त - हाँ हाँ बोलके आ.. अब तो परमिशन लेनी ही पड़ेगी तुझे..

राहुल ऋतू से थोड़ी देर दोस्तों के साथ बैठने की बात बोलके दोस्तों के साथ रूम में बैठकर शराबखोरी करने लगता है औऱ ऋतू अकेली अपने कमरे में सोफे पर बैठी हुई दिनभर की थकान से चूर होकर एक सिगरेट जलाकर कश लेने लगती है.. ऋतू ने अपने भारी भरकम दुल्हन वाले कपडे बदल लिए थे औऱ सादा सूट पहन लिया था.. ऋतू बैठी ही थी कि उसके फ़ोन पर अनजान नम्बरो से व्हाट्सप्प पर एक वीडियो आया औऱ नीचे टेक्स्ट आया - छत पर मिलो...

ऋतू वीडियो देखकर समझ गई कि ये विकर्म ने भेजा है क्युकी वीडियो में ऋतू औऱ विक्रम कि चुदाईलीला थी.. ऋतू समझ गई की विक्रम वापस उसे चोदने के लिए बुला रहा है इसलिए ऋतू सिगरेट का पैकेट लाइटर औऱ कंडोम का पैकेट लेकर छत पर चली गई.. छत पर अँधेरा था औऱ लोन की भी लगभग सभी लाइट बंद हो गई थी लोन की एक्का दुक्का लाइट से छनकर आती मामूली रोशनी छत के अँधेरे को दूर नहीं कर रही थी.. पूर्णिमा का चाँद निकला हुआ था मगर बदलो ने उसे ढक लिया था.. छत पर अंधेरा था औऱ किसीका चेहरा देख पाना मुश्किल था..

ऋतू को छत पर बने एक कमरे के बाहर परछाई दिखी जिसे उसने विकर्म समझ लिया औऱ ऋतू बोली - बोला था ना.. अब मत मिलना मुझसे.. तुम ब्लैकमेल करना बंद क्यों नहीं कर देते मुझे.. मेरी शादी हो चुकी है विक्रम..
परछाई में विकर्म नहीं गौतम था जिसने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था औऱ गौतम ने कुछ नहीं कहा तो ऋतू फिर से बोली - मेरी लेने आये हो ना वापस? लो ये कंडोम औऱ जल्दी से मुझे चोदकर निकल जाओ यहां से.. मेरी गलती थी जो तुमको वीडियो बनाने दिया उस रात..

गौतम कंडोम लेकर ऋतू को पलट देता है औऱ उसे झुकाते हुए उसकी पज़ामी का नाड़ा खोलकर पज़ामी नीचे कर देता है, पेंटी भी नीचे सरकाते हुए कुर्ती ऊपर करके अपने लंड पर कंडोम पहन लेता है औऱ पीछे से ऋतू की चुत पर लोडा लगाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपनी बहन ऋतू की चुत चिरते हुए अपना लंड ऋतू की चुत में घुसा देता है...

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ऋतू चिल्लाते हुए - अह्ह्ह्ह... ये क्या है.. विक्रम..?? आहहह... इतना बड़ा..
गौतम लंड घुसते ही एक हाथ से ऋतू के बाल पकड़कर झटके पर झटके मारना शुरू कर देता है जिससे ऋतू सिसकती हुई चिल्लाने लगती है औऱ छत पर ऋतू की चुदाई का संग्राम शुरू हो जाता है..

गौतम पीछे से ऋतू की चुत चोदे जा रहा था जिसमे ऋतू भी अब पूरी तरह शामिल हो चुकी थी उसे चोद रहे आदमी पर शक हो रहा था मगर उसे मज़ा आने लगा था औऱ अब वो काम सुख की हवा में बहकर गौतम को विकर्म समझती हुई उससे बात भी करने लगती है जो सिर्फ एक तरफा थी..
गौतम ऋतू की बात का कोई रिप्ली नहीं दे रहा था..
ऋतू - विकर्म क्या हो गया है आज तुम्हे... आहहह... औऱ ये तुम्हारा लंड.. ये आज इतना बड़ा कैसे लग रहा है... आहहह... तुम बदले बदले कैसे लग रहे हो.. विक्रम.. अह्ह्ह्ह.. मज़ा आ रहा है.. चोदो मुझे ऐसे ही चोदो.. अह्ह्ह्ह... फाड़ दो मेरी चुत..

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गौतम बिना रुके धक्के पर धक्के लगाता हुआ ऋतू को पीछे से चोद रहा था औऱ चोदते चोदते गौतम ऋतू को छत पर उसी सामान से भरे हुए कमरे में ले आता है जहा उसने सुमन के साथ बातें की थी..

कमरे में घनघोर अँधेरे था औऱ बस लोन में लगे एक बल्ब से हलकी सी रौशनी आ रही थी.. ऋतू औऱ गौतम वहां चुदाई कर रहे थे औऱ चुदाई की आवाज यहां घूंज रही थी..
गौतम ने ऋतू को पलट कर अपनी तरफ मोड़ लिया औऱ दिवार से ऋतू की पीठ लगाते हुए उसकी एक टांग उठा कर उसकी चुत में अपना लंड घुसा कर फिर से तेज़ तेज़ झटको से चोदने लगा जिसमे ऋतू भी काम के वाशीभूत होकर आनंद उठा रही थी.. उसे परवाह नहीं रह गई थी कि उसे चोदने वाला विक्रम है या कोई औऱ..
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ऋतू को चुदाई के दौरान मिले रहे आंनद के बीच शक था कि उसे चोदने वाला विकर्म नहीं है.. औऱ अब वो अपने शक को यकीन में भी बदल लेना चाहती थी मगर उसे मिल रहे सुख ने उसे काफ़ी देर तक रोके रखा औऱ फिर चुदाई के बीच ऋतू ने अपने हाथ से गौतम का मास्क उतार दिया औऱ अँधेरे में बड़ी गौर से उसका गौतम का चेहरा देखा तो वो चौंक पड़ी..

ऋतू का कामसुख गुस्से में बदल गया औऱ वो बोली - ग़ुगु तू... शर्म नहीं आई तुझे अपनी बहन के साथ..
गौतम नीचे से किसी के आने कि आहट सुनकर चुदाई रोकते हुए - दीदी कोई आ रहा है.. चुप रहना वरना हम पकडे जाएंगे..

कमरे के अंदर खिड़की के पास ऋतू औऱ गौतम थे जो एकदूसरे से लिपटे हुए थे गौतम का लंड ऋतू की चुत में अभी भी तनकर खड़ा था वही छत पर एक औरत आकर उसी कमरे की खिड़की के करीब बाहर की तरफ खड़ी हो गई.. गौतम औऱ ऋतू दोनों ही औरत को नहीं देख पाए.. लेकिन फिर एक आदमी आता दिखा औऱ ऋतू औऱ गौतम को आदमी की चाल से औऱ उसकी आवाज से पता चल गया था की ये ऋतू का बाप संजय है..

संजय उस औरत के करीब आकर - क्यों नाराज़ होती हो.. जानबूझकर नहीं कहा कोमल ने वो सब.. तुम तो जानती हो कोमल की जबान कैसी है? वो कभी भी कुछ भी बोल देती है..
औरत रोते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूँ भईया भाभी की जबान कैसी है? एक तो अपनी ही बेटी की शादी में मेहमान बनकर आई हूँ ऊपर से भाभी मुझे अपने अहसान गिनाते हुए ताने मार रही है.. मेरे ग़ुगु को छीनना चाहती है.. ग़ुगु सही कह रहा था.. हम यहां नहीं आते तो ही अच्छा था..
गौतम औऱ ऋतू को आवाज से पता चल चूका था की ये औरत औऱ कोई नहीं गौतम की माँ सुमन है..
संजय - अरे तुम भी कैसी बातें लेकर बैठ गई सुमन.. आज भी बात बात पर नाराज़ होती हो.. कोमल ने हमारी ऋतू को कभी पराया नहीं समझा.. अपनी सगी बेटी समझकर पाला है.. हमारी कितनी मदद की है कोमल ने.. तुम तो सब जानती हो..
सुमन - भईया.. मदद की है तो फ़ायदा भी उठाया है भाभी ने.. ऋतू मेरी बेटी थी जिसे भाभी ने मुझसे छीन लिया..
संजय - छिना नहीं था मदद की थी हमारी.. शादी से पहले जो लड़की माँ बने उसे समाज क्या कहता है जानती हो ना?
ऋतू - ये बात तब याद नहीं थी आपको.. जब आप भाभी को अकेला छोड़कर रात रातभर मेरे साथ सोते थे? मैंने कितना समझा आपको ये सब गलत है पर आप नहीं माने..
संजय - पुरानी बातों पर मिट्टी डाल सुमन.. तू जानती है मैं जितना कोमल से प्यार करता हूँ उससे कहीं ज्यादा तुझसे करता हूँ.. मैं कब से तेरी मदद करने की कोशिश कररहा हूँ पर तू मानती ही नहीं..
सुमन - नहीं चाहिए भईया आपका अहसान.. मैं मेरे ग़ुगु के साथ उसी हाल में खुश हूँ..
संजय - सुमन.. ग़ुगु मेरा भी कुछ लगता है.. उसके लिए मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ.. पर मेरी मदद लेने में तो तेरी नाक नीची हो जायेगी ना..

गौतम औऱ ऋतू संजय औऱ सुमन की बात सुनकर ये जान चुके थे कि वो दोनों सुमन की औलादे है.. गौतम ये बात जानकार औऱ भी उत्तेजित हो चूका था कि ऋतू उसीकी बहन है जिसे सुमन औऱ संजय के व्यभिचार से जन्म मिला है.. औऱ ये बात जानने के बाद गौतम के लंड ने ऋतू की चुत में प्यार की पहली बरसात भी कर दी थी जिसे ऋतू महसूस कर सकती थी..

गौतम ने झड़ने के बाद भी ऋतू की चुत से लंड नहीं निकाला औऱ ना ही ऋतू ने गौतम को ऐसा करने का इशारा किया वो दोनों संजय औऱ सुमन की बात सुनने में लीन थे..

सुमन - भाभी तो चाहती नहीं थी कि मेरे कोई औलाद रहे.. तभी तो उस आदमी से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दीं.. पहले भाभी ने मेरी ऋतू को मुझसे छीन लिया औऱ फिर मेरे ग़ुगु को भी मुझसे छीनने कि पूरी कोशिश की थी..
संजय - सुमन क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो.. उन बातों को भूल जाओ.. जो हुआ सो हुआ.. अब उन बातों का क्या फ़ायदा..
सुमन - ये बात आप भाभी को क्यों नहीं समझाते.. वो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकती इसमें मेरी गलती थोड़ी है.. पहले माँ से चेतन को छिना.. फिर मुझसे ऋतू को.. फिर ग़ुगु को छीनने की कोशिश की औऱ अब मुझे ही हर दम ताने मारती रहती है.. बता दूँ चेतन को कि वो आपका बेटा नहीं छोटा भाई है? माँ ने कभी कोई शिकायत नहीं कि पर मैं अब बर्दास्त नहीं करुँगी भईया.. अब अगर भाभी ने कुछ औऱ कहा तो मैं भी चुप नहीं रहूंगी.. वो बाँझ है इसमें हमारा क्या दोष?
संजय - सुमन.. पागलपन छोड़.. मैं कोमल से बात करुँगा.. उसने जो कहा गलत था पर तू भी समझती है वो कैसी है फिर उसकी बात को दिल पर क्यों लगाती है..
सुमन गुस्से में चिल्लाकर - क्यों ना लगाऊ दिल से.. ग़ुगु मेरा बच्चा है.. मेरे जीने मरने का सहारा.. भाभी उसे अब मुझसे छीनना चाहती है.. बचपन में उसका मंसूबा कामयाद नहीं हुआ तो अब वापस से उन्होंने कोशिश शुरू कर दीं.. मुझे पैसो का लालच देती है.. मेरे ग़ुगु के लिए मैं सारे जहान कि दौलत छोड़ सकती हूँ..
संजय - क्या फर्क पड़ता है सुमन.. ग़ुगु यहां रहे या वहा.. तू तो जानती है मैंने जो कुछ कमाया है उसे चेतन अकेले नहीं संभाल पायेगा..
सुमन - भईया ग़ुगु को मैंने जन्म दिया है मैंने पाला है.. मैं उसे यहां नहीं छोड़ने वाली. आप भाभी को समझा दीजिये कि वो मेरे ग़ुगु से दूर रहे औऱ उसका ख्याल छोड़ दे..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ उसके पीछे पीछे संजय भी नीचे चला जाता है..
सुमन औऱ संजय के नीचे जाने के बाद ऋतू अपने फ़ोन की फलेशलाइट ऑन करके गौतम का चेहरा देखती है औऱ उससे गुस्से में कहती है..
ऋतू - वो वीडियो कहा से आया तेरे पास?
गौतम फ्लशलाइट अपने चेहरे की तरफ से हटाकर - आपके उस आशिक विक्रम ने फ़ोन में दिखाया था..
ऋतू - तू उसे कैसे जानता है?
गौतम - शादी में मिला था आपके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.. उसने आपका वीडियो दिखाया औऱ बाथरूम के पीछे जो आपके साथ किया वो बताया..
ऋतू - तो अब तू भी मुझे ब्लैकमेल करने लगा उसके साथ मिलकर? शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए?
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - नहीं दीदी.. मैंने तो उसके फ़ोन से आपके सारे वीडियो डिलीट कर दिए.. औऱ नशे में उसका वीडियो बना लिया.. ये देखो.. मैं आपको सेंड करता हूँ.. अगली बार वो आपको ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा.. आप चाहो तो उसे कर सकती हो.. उसका वीडियो भी वायरल कर सकती हो.. मैं तो बस आपको ये बताने के लिए छत पर बुलाया था..
ऋतू फ़ोन साइड में रख कर - बताने के छत पर बुलाया था तो मेरी लेने क्यों लगा?
गौतम सर झुकाकर - आपने ही कंडोम देकर कहा था मैं क्या करता? आप सेक्सी भी लग रही थी..
ऋतू मुस्कुराते हुए - सर ऊपर कर बुद्धू.. तूने विक्रम के साथ ये सब मेरे लिए किया?
गौतम - आप बड़ी बहन हो मेरी.. कोई आपको तंग करें मैं कैसे सहन कर सकता हूँ..
ऋतू हसते हुए - अच्छा तो फिर तुमने क्यों तंग किया अभी मुझे?
गौतम - मैंने कहा किया दीं.. अपने ही बोला था चोदने के लिए.. देखो मेरा तो आपकी चुदाई में कंडोम भी फट गया..
ऋतू हसते हुए घुटनो पर बैठकर गौतम के लंड से कंडोम उतारते हुए - भला कोई कंडोम पहन के भी अपनी बहन चोदता है? ग़ुगु तेरा ये लंड.. कितना बड़ा औऱ मजबूत है.. मुझे तो दर्द हो रहा था इससे चुदवाते हुए..
गौतम - दीदी यार आपकी चुत तो भाभी से भी ज्यादा चौड़ी है.. मेरा लंड तो आसानी से अंदर चला गया.. विक्रम सही कह रहा था पक्की रांड हो आप तो..
ऋतू धीरे धीरे गौतम का लंड हिलाती हुई - सगी बहन को रांड बोलता है.. तुझे तो सबक सीखना पड़ेगा ग़ुगु..
गौतम - अब रांड को रांड ही बोला जाता है दीदी.. यहां बिस्तर नहीं है मुझे सबक सिखाने के चक्कर में आपके गोड़े छील जाएंगे..
ऋतू सिगरेट सुलगाते हुए - छील जाए तो छील जाने दे ग़ुगु.. सुहागरात तो आज तेरी बहन तेरे साथ ही मनाएगी.. पहली बार कोई टक्कर का मर्द मिला है..
गौतम - फिर जीजाजी क्या करेंगे? वो क्या सारी रात हिलाएंगे अपना?
ऋतू - उसकी चिंता तू मत कर ग़ुगु.. वो साला ढीला है.. 2-4 मिनट में थक्के झड़ जाता है.. मैं 5-10 मिनट में उसको निपटा के तेरे पास आ जाउंगी..
गौतम हसते हुए - औऱ वो?
ऋतू - उसे नींद की गोली दे दूंगी.. पक्की खिलाड़ी हूँ मैं भी.. आज तो मेरी रात औऱ मेरी जवानी अपने भाई के नाम है..
गौतम - मत हिलाओ दीदी अब इसे खड़े होने में थोड़ा वक़्त लगेगा.. आज बहुत सारी चुते चोदी है इसने..
ऋतू सिगरेट के कश लेती हुई खड़ी होकर - इसे तो आज पूरी रात खड़ा रहना है..
गौतम - अब नीचे चलते है दीदी.. वरना कोई फिर से ऊपर आ जाएगा.. यहां किसी को चैन नहीं है..
ऋतू कश लेती हुई - सिगरेट तो ख़त्म हो जाए ग़ुगु.. फिर चलते है.. वैसे एक बात बता तुझे कैसे पता आरती भाभी की चुत का.. मुझसे ज्यादा टाइट है उनकी? सच सच बताना तूने कब चोदा भाभी को?
गौतम - कल दोपहर में दीदी.. औऱ आज भी भाभी लहंगा उठा के पीछे ही पड़ गई इसलिए अभी आपके फेरे होने से जस्ट पहले भी चोदना पड़ा..
ऋतू - भाभी तो बहुत चालु निकली.. देवर के साथ ही रासलीला शुरू कर दी..
गौतम - दीदी अब भाभी है.. देवर पर हक़ तो उनका भी है..
ऋतू सिगरेट का कश लेकर - दीदी नहीं ग़ुगु.. नाम से बुलाया कर.. 3-4 साल ही तो बड़ी हूँ तुझसे..
गौतम - जैसा आप कहो ऋतू ज़ी..
ऋतू - आप नहीं तूम.. अब से कोई फॉर्मेलिटी नहीं समझा.. औऱ अब नाराज़ हुआ तो बहुत मारूंगी..
गौतम ऋतू से सिगरेट लेकर फेंकता हुआ - ठीक है ऋतू.. अब चल नीचे..
ऋतू मुस्कुराते हुए - तू अपने कमरे में जा मैं राहुल को सेट करके आती हूँ..
गौतम - मेरे कमरे में तो तेरा पुराना यार लेता हुआ है नशे में धुत होकर.. सारे रूम्स भी फूल है.. अब क्या करें?
ऋतू - एक काम करते है गौतम.. मैं राहुल को सुलाने के बाद तुझे बुलाऊंगी तू मेरे रूम में आ जाना..
गौतम - ठीक है पर मुझे मेरी बहन दुल्हन की तरह सजी हुई चाहिए.. ऐसे सादा सलवार सूट में नहीं..
ऋतू - जैसा तू चाहे ग़ुगु..

ऋतू गौतम से ये कहकर अपने रूम में आ जाती है जहा कुछ देर बाद राहुल भी आ जाता है जो अपने दोस्तों के साथ शराब पिने के करण नशे में था.. राहुल को ऋतू पानी में नींद की दवा देकर जल्दी ही सुला देती है.. इधर गौतम जब अपने कमरे में पहूचता है तो देखता है कि विक्रम उसी तरह नधे में सो रहा है गौतम नहाने चला जाता है औऱ नहाने के बाद जैसे बाथरूम से बाहर आता है उसके कुछ देर बाद ऋतू का फ़ोन आ जाता है औऱ ऋतू गौतम को अपने रूम में आने के लिए कहती है..
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गौतम ऋतू के कमरे में आकर - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. (राहुल को देखकर) बेड पर क्यों सुलाया है इसे?
ऋतू - खुद सो गया..
गौतम राहुल को बेड से उठाकर सोफे पर पटक देता है औऱ ऋतू को बाहों में भरके फूलो से सजी सेज पर आ ऋतू के साथ गिरता है..
ऋतू एक गोली गौतम के मुंह में डाल कर - इसे खा लो गौतम..
गौतम - मुझे इसकी जरुरत नहीं है ऋतू..
ऋतू - खा लो ना ग़ुगु मेरे लिए.. अपनी बहन कि बात नहीं मानोगे?
गौतम - थोड़ी देर बाद तुम ही पछताओगी...
ऋतू - अब बातें ही करते रहोगे क्या कुछ करोगे भी? मेरी चुत में बहुत जोरो से खुजली मचने लगी है ऊपर से तुम्हारा लंड भी ऐसा है कि चुत में लेने कि तलब हो रही है..
गौतम - ऋतू अगर मुझे पहले पता होता कि मेरी बहन इतनी चुदक्कड़ है तो कब का तुझे चोद चूका होता..
ऋतू - गौतम अगर मुझे भी मुझे पहले पता होता कि मेरे भाई के पास इतना बड़ा लंड है तुझे पहले ही अपनी चुत में घुसा लेती.. कितने प्यारे होंठ है तेरे.. बच्चों जैसे..
गौतम - चूमो ना ऋतू.. मेरे ये होंठ कब से तुम्हारे होंठों से मुलाक़ात करना चाहते थे..
ऋतू गौतम को चूमती हुई - आई लव यू गौतम..

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गौतम और रितु एक दूसरे के साथ बिस्तर पर लिपटे हुए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे जिससे दोनों के मुंह की लार एक दूसरे में घुल रही थी और दोनों को इसमें बहुत ही स्वाद और मजा आ रहा था रितु आज किसी भी कीमत पर गौतम को पा लेना चाहती थी और यही हाल गौतम का था गौतम भी किसी भी कीमत पर आज अपनी बहन ऋतु के साथ वह सब कर लेना चाहता था जो वह सोच चुका था..

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कुछ देर इसी तरह एक दूसरे को चूमने के बाद गौतम और रितु एक दूसरे के गले पर और चेहरे पर अपने अपने प्यार की अपनी-अपनी चुम्मिया बरसने लगे और एक दूसरे को इस बात का एहसास दिलाने लगी कि वह एक दूसरे से कितना आकर्षित है और कितना वह एक दूसरे को पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं..

गौतम और रितु ने एक दूसरे के बदन से एक-एक करके सारे कपड़े उतार कर बिस्तर के एक तरफ फेंक दिए और फिर दोनों लगभग एक सी अवस्था में नंगे होकर एक दूसरे के बदन को चूमने और चाटने लगे..

गौतम की तुलना में ऋतु का हाल और भी ज्यादा बुरा था मुझे तो बिल्कुल पागलों की तरह गौतम को अपनी बाहों में भरे हुए झूम रही थी और उसे अपने मुंह का सारा रस पिलाना चाहती थी.. गौतम रितु के इस व्यवहार से बहुत उत्तेजित हो चुका था और वह भी भर भर के अपने मुंह से ऋतु के मुंह का रस पी रहा था और अपनी बहन की हर इच्छा पूरी कर रहा था.. गौतम पर धीरे-धीरे गोली का नाश होने लगा था मगर उसे अब लगने लगा था कि कहीं ना कहीं जो ऋतू ने भी एक गोली खा ली है और यह उसी का असर है कि कामोतेजना से भरकर उसे चुम औऱ चाट रही है..

ऋतू ने काम उत्तेजना के वशीभूत होकर गौतम के होंठों को इतना जोर से अपने दांतों से काटा की गौतम की चीख निकल गई और वह ऋतु के दांतों से अपने होठों को छुड़वाकर रितु से बोला..
गौतम - पागल हो गई है क्या तू?
ऋतू वापस चूमती हुई - सॉरी छोटे भाई पर आज रात अपनी बहन को माफ़ कर देना..
गौतम रितु की हालत देखकर समझ गया था कि अब रितु काम के शिखर पर पहुंच चुकी है और जब तक उसकी उत्तेजना शांत नहीं हो जाती और उसकी चुत से बरसात का पानी निकाल कर बह नहीं जाता तब तक वह किसी भी बात को समझने और सोचने की हालत में नहीं आएगी इसीलिए गौतम ने अब रितु की काम उत्तेजना को ठंडा करने के लिए उसे अपने नीचे ले लिया..
गौतम ने रितु की टांग चोडी करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके की झटके में अंदर घुसा दिया अगर ऋतू पर गोली का असर ना होता तो वो चिल्ला पडती मगर इस वक़्त वो मज़े से चुदवाने लगी थी.. गौतम धीरे-धीरे चोदते हुए ऋतु के भारी भरकम चुचे पड़ककर मसलने लगा..

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ऋतू किसी रंडी की तरह सिसकियाँ लेते हुए चुदवाने लगी और उसकी सिस्कारिया पूरे कमरे में गूंजने लगी..
गौतम चोदते हुए ऋतु के चुचो को चूसने और चाटने लगा, मसलते हुए ऋतु के तनकर खड़े हुए चुचक को चूसने लगा..

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गौतम की चोदने की रफ्तार के साथ रितु की सिसकारियां और चीख भी तेज होने लगी थी उसकी आवाज और कमरे से बाहर जाने लगी थी और कोई अगर कमरे के आसपास से गुजरता तो ऋतू की आवाज उसके कान में पढ़ जाती..

ऋतू की चुदी हुई चुत में गौतम इतनी जोर जोर से झटके मार रहा था कि अब रितु को भी चुदवाने में दर्द होने लगा था और रितु दर्द और सुख के मिश्रित अनुभव को अनुभव करते हुए गौतम से लिपट गई थी..

दोनों जवान थे और दोनों में सेक्स की गोली खाई थी जिससे दोनों की चुदाई को चलते हुए अब तक एक घंटा हो गया था जिसमें कई बार रितु की नदी बह चुकी थी मगर गौतम अब तक उसी तरह ऋतु की नदी में बाढ़ पर बाढ़ लाये जा रहा था

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गौतम ऋतु को पोजीशन बदल बदल कर चोद रहा था कभी वह रितु को अपनी गोद में उठता
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तो कभी बिस्तर पर लेटाता
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कभी घोड़ी बनता
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तो कभी दीवार से चिपकाकर चोदता..
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रितु गौतम की हर बात मानते हुए उसके बताए गए हर पोज़ में चुदवा रही थी और गौतम अपनी बहन ऋतू को पिछले एक घंटे से चोदे जा रहा था..

ऋतू की चुत में दर्द अब ख़त्म हो चूका था औऱ जलन शुरू हो चुकी थी.. गौतम का लंड लेने का सुख उस जलन के मुक़ाबले में अतुलनीय था.. ऋतू बिलकुल रांड की तरह गौतम की हर बात मानकर चुदवा रही थी.. गौतम ने लगभग सवा घंटे चोदकर ऋतू की चुत में अपना माल भर दिया फुल ac ने भी दोनों पसीने से तर होकर पानी पानी थे..

ऋतू पेट बल बिस्तर पर लेटी हुई थी औऱ गौतम ऋतू के ऊपर उसकी चुत में लंड गुसाये हुए झड़ने के बाद भी ऋतू को चोद रहा था..

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ऋतू - गौतम..
गौतम - हाँ.. बहना...
ऋतू - शुक्रिया भाई.. मेरी सुहागरात को याद गार बनाने के लिए.. ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं मिला.. एक बार में इतनी बार कभी नहीं झड़ी..
गौतम - शुक्रिया केसा बहन? तेरा सगा भाई हूँ.. जो तु बोलोगी वो तो मुझे करना ही पड़ेगा..
ऋतू - छोटे भाई .. ये सच्चाई माँ पापा ने हम दोनों से छिपाई है.. चेतन भईया औऱ भाभी को भी इसका नहीं पाता.. इसे छिपी ही रहने देना.. हम जैसे ज़ी रहे है वैसे ठीक है.. मेरी असली माँ कौन है ये सच्चाई कई घर तोड़ सकती है.
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - मुझे फर्क नहीं पड़ता ऋतू कौन क्या है.. मैं बस इतना जानता हूँ की मैं अपनी माँ का दिल नहीं दुखा सकता.. औऱ अब जब मुझे आता चल चूका है की तू भी मेरी सगी बहन है.. तु भी मेरे दिल में उतर चुकी हो..
ऋतू - किस्मत भी कितनी अजीब है गौतम.. हम दोनों सगे भाई बहन है औऱ फिर भी एकदूसरे को इतना पसंद है कि साथ सो रहे है..
गौतम बिस्तर से उठता हुआ - इसमें किसका कसूर है ऋतू.. किसे दोष दे..
ऋतू उठती हुई - छोडो ना छोटे भाई.. हमें एक दूसरे कि जरुरत है.. अब कोई भी रिश्ता हमें एक दूसरे के साथ मिलने से नहीं कोई रोक सकता.. अब तक जो हुआ उसे भूल जाते है.. तुम्हारी नाराजगी ने तुमको इतने साल मुझसे दूर रखा.. पता है कितना कोसा है मैंने अपने आपको तुम्हारे लिए?
गौतम ऋतू का बोबा पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए - ऋतू मैं मर्द हूँ किसी बात को दिल से लगा लू तो आसानी से नहीं मानता..
ऋतू - मर्द के साथ साथ भाई भी तो हो मेरे.. मेरी गलती को माफ़ नहीं कर सकते थे तुम?

गौतम ऋतू को दिवार से चिपका कर उसकी एक टांग उठाते हुए - मुंह से माफ़ी मांगी थी तुमने.. अगर चुत से मांगी होती तो कब का माफ़ कर देती मैं तुम्हे बहना..
ऋतू गौतम का लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाती हुई - लो अब मांगती हूँ अपने छोटे भाई से चुत खोलकर माफ़ी.. करोगे कबूल अपनी बहन को माफी?
गौतम ऋतू की दोनों टांग उठाकर पहला झटका मारते हुए अपना पूरा लंड घुसाकर - कबूल है ऋतू.. तुम्हारे छोटे भाई को तुम्हारी माफ़ी कबूल है..

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ऋतू सिसकियाँ लेती हुई - आराम से ग़ुगु.. ये तुम्हारी बहन की छोटी सी चुत है, चम्बल का मैदान नहीं.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. हाय.. वापस से दर्द होने लगा है मुझे तो..
गौतम धीरे धीरे धक्के मारते हुए - छोटी सी कहाँ है बहना? तेरी चुत को तो तेरे आशिक़ो ने चोद चोद के चौडा कर दिया है.. मुझे सच में ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई रांड चोद रहा हूँ.. पता नहीं इस गांडु ने तुझे इस फटी हुई चुत के साथ कैसे पसंद कर लिया औऱ शादी कर ली?
ऋतू चुदवाते हुए - दहेज के लालची चुत की सील नहीं पैसो की डील देखते है छोटे भाई..
गौतम मुस्कुराते - ये तो सही कहा बहना.. चल बचपन की तरह अंतराक्षरी खेले?
ऋतू गीतम को चूमती हुई - चुदाई के बीच अंतराक्षरी खेलनी है तुझे?
गौतम - खेलते है ना ऋतू.. चल पहले तू गा..
ऋतू चुदते हुए - मुन्नी बदनाम हुई डार्लिग तेरे लिए.. मैं झंडुबाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.. मुन्नी के गाल गुलाबी होंठ शराबी चाल नवावी रे.. मैं आइटम बम हुई डार्लिंग तेरे लिये..
गौतम ऋतू को बेड ओर लेटा कर धीरे धीरे चोदते हुए - ये शाम मास्तानी मदहोश किये जाए.. मुझे चुत तेरी खींचे मेरा लंड लिए जाये.. ये से गा ऋतू..

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ऋतू चुदते हुए - ये गलिया ये चोबारा यहां आना ना दोबारा.. अब हम तो भये परदेसी की तेरा यहां कोई नहीं. कि तेरा यहां कोई नहीं.

गौतम ऋतू को बैठा देता है औऱ अपना लोडा उसके मुंह में देकर गाता है - होंठों से छू लो ऋतू, मेरा लंड अमर कर दो.. बन जाओ रांड मेरी, मुझे गांड भी दे दो..

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ऋतू मुंह से लंड निकालकर अपने बूब्स के बीच रखकर गौतम को titjob देती हुई - दिल दीवाना ना जाने कब खो गया.. तूने ऐसे चोदा कि कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया मेरी जा..
गौतम ऋतू को पीछे धकेल कर उसकी टांग फैलाते हुए उसकी चुत में लंड सेट करके धक्का मरते हुए - जिसका मुझे था इंतजार, जिसके लिए लंड था बेक़रार.. वो घड़ी आ गई आ गई.. आज चुत में तेरी उतर जाना है.. चोद देना है तुझको या चुद जाना है..

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ऋतू सिसकियाँ लेते हुए - हर ग़म उठा लूँ तन्हा अकेली.. तेरे लिये भाई लोडा भी झेली.. इतना तुझे प्यार दू.. कपडे उतार दूँ.. चोद लो भईया.. चुत भी वार दूँ..
गौतम चोदने कि रफ़्तार बढ़ाते हुए - तुझको ना चोदू तो दिल घबराता है.. चोदके तुझको बहना मुझको चैन आता है.
ऋतू - आराम से ग़ुगु जलन हो रही है..

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गौतम लगातार मिशनरी में चोदता हुआ. - सॉरी ऋतू..
गौतम औऱ ऋतू की चुदाई इस बार भी चलती रही औऱ तब तक नहीं रुकी जब तक गौतम ने ऋतू की चुत को चोद चोद कर सुज्जा नहीं दिया.. ऋतू की चुत लाल हो चुकी थी जलन औऱ सूजन भी चुत पर आ चुकी थी डबल रोती की तरह फूली हुई चुत हो चुकी थी ऋतू की...ऋतू की चाल में औऱ ज्यादा लचक आ गई थी..

सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे औऱ ऋतू गौतम की बाहों ने नंगी लेटी हुई मुस्कुराते हुए गौतम को देख रही थी.. जो एक हाथ में ऋतू का बोबा पकड़कर ऋतू को अपनी बाहों में जकड़े हुए था औऱ दूसरे हाथ से सिगरेट के कश लगा रहा था.. राहुल अब भी बेसुध सोफे पर पड़ा था.
गौतम सिगरेट बुझाकार - बहना अब मुझे चलना चाहिए.. सुबह होने वाली भीड़ बढ़ जायेगी.. कोई भी तेरे कमरे से निकलते हुए देख सकता है.
ऋतू गौतम के होंठ चूमकर - दिल औऱ चुत लेकर जा रहे हो छोटे भाई.. ख्याल रखना मेरे दिल का..
गौतम उठकर कपडे पहनते हुए - तु भी मेरे दिल का ख्याल रखना ऋतू.. बहुत नाजुक है जल्दी टूट जाता है..
ऋतू मुस्कुराते हुए - एक बार तोड़ चुकी हूँ अब वो गलती नहीं करुँगी..

गौतम रूम से चला जाता है औऱ ऋतू नहाने चली जाती है..
Bhut shandaar update....par ऋतु तो पक्की randi निकली.... kuwari hoke भी शादीशुदा से चौड़ी chut लेके घूम रही हैं......



Waise गौतम को कायदे में इसकी gand मार कर सुहागरात bnani थी इसकी.....


पर चलो कोई नहीं.....


और हाँ ये तो सुमन का पूरा खानदान ही randibaaj निकला....
 

sunoanuj

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मित्र अगला अपडेट कब तक आएगा ?
 

Ajju Landwalia

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Update 26


गौतम जब नीचे आया दूल्हे औऱ दुल्हन का खाना लग चूका था.. आरती ने गौतम का हाथ पकड़ कर उसे भी अपने साथ खाने की मेज पर बैठा लिया औऱ बोली..
आरती - क्यों देवर ज़ी.. आज तो अपनी भाभी से मिलने की फुर्सत ही नहीं मिली आपको.. कितना ढूंढा पर आप कभी यहां तो कभी वहा.. आज तो हवा की तरह बह रहे थे.. अब पकड़ में आये हो..
कोमल - अरे आरती क्यों तंग रही है ग़ुगु को..
सुमन भी खाने की टेबल पर बैठी थी उसने कोमल से कहा - अरे भाभी.. आप देवर भाभी के बीच क्यों बोलती हो.. अब आरती अपने देवर से हंसी मज़ाक़ नहीं करेंगी तो किस्से करेंगी.. आपसे?
आरती - सही कहा बुआ.. औऱ देवर जब इतना प्यारा हो तो मज़ाक़ के साथ साथ औऱ भी बहुत कुछ करना पड़ता है..
आरती की बात पर सब हँसने लगते है..
गौतम - भाभी छोडो मुझे.. मुझे दीदी के साथ बैठके खाना है आज.. बहुत सताया है मैंने दीदी को..
(गौतम उठकर ऋतू के साथ वाली कुर्सी पर बैठकर) दीदी जीजा ज़ी के हाथ से बाद में खाना पहले मेरे हाथ से खाओ..
ऋतू मुस्कुराते हुए गौतम का गाल चूमकर - ग़ुगु.. सच में बहुत सताया तूने मुझे..

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गौतम - मैंने जितना सताया उसका बदला आप ससुराल जाकर जीजाजी को सताकर पूरा कर लेना..
ऋतू हसते हुए गौतम को गले लगा कर - मेरा प्यारा भाई..
कोमल - अब खाना भी खालो.. दोनों भाई बहन क्या बात ही करते रहोगे..
गौतम - हाँ मामी.. मुझे तो बहुत भूख लगी है..
आरती - ऋतू जरा राहुल ज़ी को भी तो खिला अपने हाथो से..
सुमन - अब तो इसे सारी उम्र यही करना है आरती..
आरती - ये सच कहा बुआ आपने.. अब तो देवर ज़ी बचे है.. उनके लिए भी लड़की देखनी पड़ेगी..
गौतम - आप हो ना भाभी.. कोई औऱ लड़की देखने की क्या जरुरत है..
आरती - देख रही हो बुआ.. पहले तो बोलने से भी बात नहीं करता था.. अब केसे कैंची की तरह जुबान चलाने लगा है आपका ग़ुगु..
सुमन खाना खाते हुए - तुम अपनी देवर भाभी की बातों में मुझे मत खींचो..
गौतम - दीदी ये स्वाद है.. इसे लो ना..
आरती - देवर ज़ी हमें भी दे दो क्या स्वाद बना है.. आप तो अपनी दीदी से ही चिपके हुए हो..
गौतम अपनी जगह से उठकर आरती के पास जाता है औऱ एक निवाला उसे खिलाकर कहता है- लो कहा लो.. बस?
कोमल - अब तो खुश हो आरती? देवर ने अपने हाथों से भी खिला दिया..
आरती - मैं कल ही खुश हो गई थी देवर ज़ी से मम्मी ज़ी..
गौतम आरती को देखता हुआ - मतलब?
आरती - कल देवर ज़ी आपने गन्ने का जूस पिलाया था ना.. उसके बारे में बात कर रही हूँ..
गायत्री - जूस तो ग़ुगु ने आज मुझे भी पिलाया था..
कोमल - आप दोनों से पहले ग़ुगु मेरे पास आया था.. जूस लेकर.. मुझे तो दो दो बार पिलाया था.. जूस पीते पीते ही तो मेरे पैर में मोच आई थी..
संजय - ग़ुगु.. ये क्या बात हुई सिर्फ अपनी नानी मामी औऱ भाभी को ही तुमने जूस पिलाया.. हमसे क्या दुश्मनी है तुम्हारी?
गौतम - मामाजी.. वो एक ही गन्ना था.. बेचारे से कितना जूस निकालता.. मैंने तो अभी तक माँ औऱ ऋतू दीदी को भी नहीं पिलाया..
सुमन - छोडो ना भईया.. क्या गन्ने के पीछे पड़ गए सब लोग.. आज हमारी ऋतू कितनी प्यारी लग रही है..
गौतम - माँ सही कह रही हो.. दीदी तो बिलकुल चाँद जैसी लग रही है..

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ऋतू - चाँद तो तू है.. मेरा प्यारा सा ग़ुगु..
सुमन - अब ये प्यार अपने पति को करना ऋतू.. भाई को नहीं.
ऋतू - बुआ.. बड़ी मुश्किल से ग़ुगु मुझसे बात करने लगा है औऱ आप कह रही हो प्यार ना करू.. ग़ुगु को तो मैं बहुत प्यार करुँगी.. शादी होने से बदल थोड़ी जाउंगी..
गौतम खड़ा होता हुआ - मेरा तो खाना हो गया..
कोमल - इतनी जल्दी?
गौतम - औऱ भूख नहीं है मामी.. ये कहते हुए गौतम हॉल से बाहर निकल कर बाथरूम की तरफ चला जाता है..
गौतम बाथरूम करके बाथरूम के बाहर खड़ा हो जाता है औऱ सिगरेट सुलगा कर पहला कश लेता ही है की पीछे से आरती आकर उसे अपनी बाहों में भर लेती है..


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आरती - आज तो बहुत तड़पाया आपने देवर ज़ी..
गौतम मुड़कर आरती की बाहों से अपने आप को छुड़वाता है औऱ आरती का हाथ पकड़कर कहता है..
गौतम - भाभी यहां कोई देख लेगा.. इस तरफ आओ..
गौतम आरती को बाथरूम के दाई तरफ हलवाई के लिए बने कमरे के पीछे खाली जगह ले आता है.. जहा हलकी सी रौशनी के अलावा कुछ नहीं था..
आरती गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - बताओ देवर ज़ी.. अपना लंहगा मैं उठाउ या इतनी मेहनत आप खुद कर लोगे?
गौतम लुहंगा उठाते हुए - देवर के होते हुए भाभी मेहनत करें.. ये तो गलत बात है..
गौतम अपनी पेंट चड्डी सहित नीचे करके अपने लंड को आरती की चुत में डाल देता है औऱ दिवार से लगा कर धीरे धीरे आरती को चोदने लगता है..

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आरती सिगरेट के कश लगाती हुई चुदते चुदते कहती है - देवर ज़ी आप तो जोनी सिंन्स के भी बाप हो.. आप चले जाओगे तो कैसे ज़ी पाउंगी मैं आपके बिना..
गौतम चोदते हुए - अब तो आना जाना लगा ही रहेगा भाभी.. क्यों चिंता करती हो..
आरती सिगरेट का कश लेकर अँधेरे में किसीको खड़ा देखकर - कौन? कौन है तू?
एक 25-30 साल का दुबला पतला सीधा साधा आदमी - ज़ी.. मैं बिरजू..
आरती गुस्से में - क्या कर रहा है चुतिया यहां खड़ा खड़ा.. निकल यहां से..
गौतम - अरे रुक रुक.. इधर आ..
बिरजू - ज़ी..
गौतम आरती का बोबा पकड़कर चूसते हुए - लड़की मस्त है ना..

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बिरजू आरती को देखकर हाँ में सर हिलता है ..
गौतम - ये पीछे कमरे में कौन है?
बिरजू धीरे से - कोई नहीं है.. मैं अकेला रहता हूँ.. लोन की देखरेख करता हूँ..
गौतम - देख बिरजू ये मेरी भाभी है.. औऱ मैं इसे तसल्ली से चोदना चाहता हूँ.. कोई जगह है तो बता.. तेरी तनख्वाह बढ़वा दूंगा..
आरती बिरजू का लंड उसके पज़ामे के बाहर से पकड़ कर सिगरेट का कश लेती हुई - देखो बिरजू भईया.. मुझे अपनी बहन समझो.. औऱ इनको अपने जीजाजी.. आपकी बहन आपके जीजाजी से चुदना चाहती है.. अंदर कमरे में कोई गद्दा वद्दा पड़ा है जिसपर आपकी ये बहन आराम से चुदवा सके तो बता दो..
बिरजू - गद्दा तो नहीं है.. एक खाट पड़ी है बस..
गौतम आरती से सिगरेट लेकर एक कश मारता है औऱ सिगरेट फेंककर बिरजू से कहता है - चल दिखा..
बिरजू गौतम औऱ आरती को पीछे कमरे में ले आता है जहा धीमी रौशनी वाला बल्ब जल रहा था औऱ एक पुरानी खाट पर चटाई बिछी हुई थी..
गौतम ने आरती को खाट पर बिठा दिया औऱ अपनी शर्ट निकालता हुआ बिरजू को एक 500 का नोट देकर बोला - बाहर जाकर खड़ा रह.. मैं तेरी ये बहन चोद ना दू तब तक कोई अन्दर नहीं आना नहीं चाहिए.. समझा..
बिरजू बाहर चला जाता है औऱ खिड़की से अंदर झांकने लगता है वही गौतम आरती को खाट पर लेटा कर लहंगा उठाते हुए अपना लोडा आरती की चुत में फिट करके आरती को चोदने लगता है...
गौतम के झटको पर आरती जोर जोर से खुलकर आहे भरने लगती है औऱ बाहर बिरजू आरती की कामुक सिस्कारिया सुनकर अपना लंड हिला कर मुठ मारने लगता है...

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आरती - आह्ह..देवर ज़ी यही रह जाओ ना.. मेरे पास.. बहुत प्यार दूंगी आपको.. अपनी इस चुत में घुसा के रखूंगी..
गौतम - आपके पास रह जाऊँगा भाभी तो आपकी उन बहनो का क्या होगा जो अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरे इंतजार में लेटी है..
आरती - अब तक कितनी लड़कियों को दीवाना बना चुके हो देवर ज़ी?
गौतम चोदते हुए - लड़किया नहीं भाभी ऑन्टीया.. औऱ उनकी तो गिनती करनी पड़ेगी..
आरती चुदवाते हुए - देवर ज़ी सिगरेट..
गौतम चोदते हुए - पेंट में है भाभी..
आरती आवाज लगाते हुए - बिरजू भईया.. ओ बिरजू भईया..
बिरजू एक बार झड़ चूका था औऱ अब दूसरी बार लंड हिला रहा था.. आरती की आवाज सुनकर वो लंड पजामे में डालाकर अंदर आ गया.
बिरजू चुदवाती हुई आरती को देखकर - ज़ी दीदी..
आरती चुदवाते हुए प्यार से- बिरजू भईया.. आपके जीजाजी की पेंट वहा पड़ी है उसमे से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर दो अपनी इस बहन को..
बिरजू गौतम की पेंट से दोनों चीज निकालकर आरती को दे देता है औऱ जाने लगता है तभी गौतम चोदते हुए कहता है..
गौतम - बिरजू यही बैठा जा.. किसी औऱ चीज की भी जरुरत पड़ सकती है..
आरती एक सिगरेट सुलगाकर बिरजू से - बिरजू भईया आप पिओगे सिगरेट?

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बिरजू नीचे सर करके - मैं नहीं पिता दीदी..
आरती सिगरेट का कश लेकर गौतम से चुदवाते हुए - देखो ना बिरजू भईया आपके जीजाजी अपकी बहन को कैसे चोद रहे है.. आप बच्चाओगे नहीं अपनी बहन को चुदने से..
गौतम धीरे धीरे चोदते हुए - बिरजू तो तिरछी नज़रो से आपके बूब्स देख रहा है.. लगता आपके दोनों कबूतर देखने की इच्छा है बिरजू की..
आरती सिगरेट पीते हुआ - सच में बिरजू भईया? अब देखो मैं चोली तो उतार नहीं सकती आप चोली के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाना चाहो तो दबा लो..
गौतम - ले भाई बिरजू.. दे दीं परमिशन तुझे.. दबा ले अपनी बहन के बोबे..
बिरजू खाट के पास ही बैठा था उसने डरते हुए अपना रखा हाथ आरती के चुचे पर रख दिया औऱ धीरे से दबा दिया..
आरती सिगरेट के कश लेकर मुस्कुराती हुई - डर क्यों रहे हो बिरजू भईया.. खुलके दबाओ अपनी बहन के बोबे..
गौतम - दबा ना बिरजू.. क्यों शर्मा रहा है..
बिरजू पूरी ताक़त से आरती का बोबा अपने पंजे में लेकर मसल देता है जिससे आरती की आह निकल जाती है..
गौतम बिरजू से - मज़ा आया?
बिरजू - ज़ी..
आरती सिगरेट पीती हुई - इतना भी जोर से मत दबाओ बिरज्जू भईया थोड़ा धीरे..
गौतम - बोल बिरजू है ना मस्त मोटा बोबा तेरी बहन का..
बिरजू मुस्कुराते हुए - ज़ी भईया..
गौतम चोदते हुए - बिरजू ये बड़े घर की बेटी है इनके बोबे औऱ भोसड़े दोनों बड़े होते है..
आरती झड़ चुकी थी औऱ अब गौतम भी कुछ ही झटको में आरती की चुत में झड़ गया..

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आरती गौतम के सर को पकड़कर चूमने लगती है..
दोनों का चुम्बम ख़त्म होने पर गौतम खाट से खड़ा हो जाता है मगर आरती गौतम के रुमाल से अपनी चुत साफ करने लगती है..
गौतम चुपचाप बैठे हुए बिरजू को धीरे धीरे पज़ामे के ऊपर से अपना लंड मसलता देखकर - चोदेगा क्या बिरजू अपनी बहन को?
बिरजू शर्माते हुए कोई जवाब नहीं देता औऱ आरती उसे देखकर हँसने लगती है औऱ खाट से खड़ी होती हुई कहती है - बेचारा.. चलो देवरजी.. लगता है फेरे शुरू होने वाले है..
गौतम - हाँ भाभी.. आप जाओ.. मैं थोड़ी देर में आता हूँ..
आरती जाते हुए - ठीक है.. बाय बिरजू भईया..
आरती वहा से चली जाती है...
बिरजू - भईया ज़ी भाभी बहुत खूबसूरत है..
गौतम - तू अकेला ही रहता है यहां..
बिरजू - ज़ी भईया ज़ी..
गौतम - सुन.. रात में हो सकता है मैं औऱ भी किसी लड़की को यहां लेके आउ.. तू जागता रहना आज रात..
बिरजू - भईया ज़ी आप चिता मत करिये मैं पूरी रात जागता रहूँगा.. आप चाहे जितनी लड़की यहां ले आइये..
गौतम - साले लड़की के सामने जुबान नहीं खुली तेरी अब कैसे पक पक बोल रहे है.
बिरजू - वो भईया ज़ी.. मैं लड़की के सामने थोड़ा शरमाता हूँ.
गौतम - अबे शर्माना लड़कियों का काम है.. अच्छा याद रखना रात को आ सकता हूँ..
बिरजू - चिंता मत करिये भईया ज़ी.. आप कभी भी आइये.. हम जागते रहेंगे..




Bahut hi shandar update he moms_bachha Bro,

Aarti ka badhiya band bajaya gugu ne.............

Ritu ka bhi number aaj raat ko hi lagega usi khaat aur usi kamre me...........

Keep rocking Bro
 

moms_bachha

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Update 28


गौतम जब अपने रूम में पहुंचा तो उसने देखा कि विक्रम वहां से कहीं जा चुका था और रूम में अब कोई नहीं था. गौतम ने थोड़ी देर बिस्तर पर आराम करने के बाद में फिर से शावर लिया औऱ फिर कुछ देर इधर-उधर घूमने लगा. होटल की छत से लेकर वेडिंग हॉल तक और फिर वेडिंग लॉन तक गौतम यहां से वहा टहलता रहा..

मेहमान अब उठने लगे थे और होटल में चहल पहल बढ़ने लगी थी मगर अब भी कुछ लोग रात को देर से सोने के कारण सो रहे थे सुबह के 6:30 बज चुके थे और मेहमानों को अब चाय की चुस्की लेने में आनंद आने लगा था.. कोई रात को अपने साथ हुए किस्से और कहानियों का जाएका एक दूसरे को चाय की चुस्कीया लेते हुए सुना रहा था तो कोई हमेशा की तरह शादी में कमी और खामी निकल रहा था.

गौतम के अंदर गोली का असर अभी बाकी था और वह अभी अपने लिए किसी शिकार की तलाश कर रहा था उसने हर जगह टहलती हुई लड़कियों और औरतों को देखा मगर उसे कहीं भी अपने लायक माल नहीं मिला और ना ही नानी मामी या भाभी अकेली मिली. गौतम की कामुकता बरकरार थी और वह सुमन के कमरे की ओर जाने लगा मगर बीच में ही उसने चाय के दो कप अपने साथ ले लिए थे. सुमन रात को देर से सोई थी इसलिए उसकी नींद अभी भी नहीं खुली थी सुबह के 6:30 पर भी वह इत्मीनान से सो रही थी.

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रात को सुमन आरती के साथ ही सोई थी मगर आरती अब कमरे से बाहर जा चुकी थी और कमरे में सिर्फ सुमन अकेली ही बिस्तर पर नींद में थी. गौतम ने रूम में घुसते हुए कैमरे का दरवाजा बंद कर दिया और चाय के दोनों कप लेकर होटल में एक तरफ रखी टेबल पर रख दिया. गौतम ने कप उठकर चाय की तीन-चार चुस्की ली और फिर अपनी मां सुमन को देखने लगा. सुमन नींद में किसी हसीन ख्वाब में खोई थी और गौतम को सुमन परियों की तरह लग रही थी.
गौतम ने अपने हाथ से चाय का कप टेबल पर रख दिया और धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ गया. गौतम ने सो रही सुमन की साड़ी धीरे-धीरे कमर तक उठा दी और उसकी चड्डी नीचे करते हुए सुमन की जांघों के जोड़ पर अपने होंठ लगा दिये.. गौतम ने अपनी जीभ सुमन की जांघोँ के जोड़ पर लगाकर उसके नारीत्व को छेड़ना शुरू कर दिया था और अपनी जीभ से सुमन की चुत को चाटने और चूसने लगा था.

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गौतम ने सुमन की दोनों टांगें फैलाकर उसकी चुत को चूसना और चाटना शुरू कर दिया था जिससे सुमन नींद के आगोश से बाहर निकलने लगी थी और उसकी नींद कमजोर पढ़ने लगी थी. गौतम ने अपनी जीभ को सुमन की चुत में डाल दिया था और जितना अंदर घुस सकता था घुसा कर अपनी जीभ से सुमन के नारीत्व को छेड़ने लगा था जिससे सुमन कामुक होती हुई नींद से बाहर आ गई थी और उसने अपनी आंख खोलकर गौतम को अपने साथ छेड़खानी करते हुए देख लिया.

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सुमन की जैसे ही नींद खुली उसकी कामुकता अपने शिखर पर थी और उसने ना चाहते हुए भी गौतम के मुंह में ही अपने पानी की पिचकारी को छोड़ दिया जिसे गौतम ने अमृत समझकर पीते हुए सुमन की चुत को वापस से चाट कर साफ कर दिया और फिर मुस्कुराते हुए सुमन को देखकर बोला..
गौतम - गुडमॉर्निंग माँ.. चाय पी लो..
सुमन अपनी चड्डी पहनती हुई अपनी साडी के पल्लू से गौतम के गीले होंठो को साफ करती हुई बोली - गुडमॉर्निंग बेटा.. मुझे जगा लेता ना.. नींद में ही तू ये सब करने लगा.. दरवाजा तो बंद किया है ना तूने?
गौतम - दरवाजा बंद है माँ.. आप फ़िक्र मत करो.. मैं इतना भी लापरवाह नहीं हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए चाय का कप लेकर चाय पीते हुए - रात को सोया नहीं ना तू.. आँखे बिलकुल लाल है तेरी..
गौतम - दिन में सो जाऊँगा माँ.. रात को नींद ही नहीं आई..
सुमन गौतम की गोद में बैठकर चाय की चुस्कीया लेती हुई - रात को नींद नहीं आई या किसी ने सोने नहीं दिया मेरे शहजादे को? हाय रे.. तेरे गले पर तो कितने निशान है.. कल तो नहीं थे.. सच बता? गर्लफ्रेंड के साथ था ना तू जो कल मिली थी.. उसीने दिए है ना ये निशान.. कितना बुरे नाख़ून लगाती है.. तूने रोका नहीं उसे?
गौतम सुमन की जांघ सहलाते हुए - किसीको प्यार करने से थोड़ी रोका जाता है माँ..
सुमन चाय का कप रखकर - थोड़ा कम प्यार करा कर ग़ुगु.. तू बहुत बिगड़ गया है आज कल.. हर दम बस यही सब चलता है तेरे दिमाग में..
गौतम सुमन के चेहरे पर लटक रही जुल्फ को उसके कान के पीछे करता हुआ सुमन के गाल पर चुम्बन देकर कहता है - मैं तो सुधर जाऊ माँ पर आपका ये छोटा ग़ुगु नहीं सुधारता.. जहाँ भी खड्डा देखता है अपनेआप उसमे कूद जाता है.. औऱ पानी निकाल कर ही बाहर निकलता है..
सुमन गौतम की बात पर हस्ती हुई - कल चल वापस घर.. तेरे इस छोटे ग़ुगु की शिकायत करती हूँ बाबाजी से.. बेलगाम हो गया है बहुत.. लगाम लगानी पड़ेगी इस पर..
गौतम सुमन की गर्दन को अपनी जीभ से चाटता हुआ - बाबाजी को शिकायत करने से कुछ नहीं होगा.. एक बार आप हाँ कर दो.. अपने आप लगाम लग जायेगी छोटे ग़ुगु पर..

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सुमन गौतम की गोद में से खड़ी हो जाती है औऱ कहती है - एक बार कह दिया ना ग़ुगु.. तू क्यों फालतू ज़िद करता है..
गौतम उठकर सुमन को बाहों में भरते हुए - अच्छा सॉरी माँ.. अब नहीं कहता कुछ.. आप जेसा चाहोगी वैसा होगा..
सुमन गौतम के लंड पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए - लगता बहुत देर से खड़ा है छोटा ग़ुगु.. पूरी खुराख़ मिली नहीं इसे..
गौतम सुमन के कंधे पर हाथ रखकर सुमन को नीचे बैठाते हुए - रात को सेक्स की गोली खा ली थी अब तक असर बाकी है..
सुमन गौतम की जीन्स खोलकर लंड पकड़ते हुए - तुझे कब से गोली की जरुरत पड़ने लगी ग़ुगु..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर उसके चेहरे पर लंड रगढ़ते हुए - मैंने किसी के कहने पर खा ली.. छोडो उस बात को.. आप जल्दी से ठंडा कर दो छोटे ग़ुगु को..

सुमन गौतम के लंड को मुंह में लेकर चूसने ही लगी थी की दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई..
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गौतम गुस्से में - पता किसकी माँ चुद गई.. साला कौन है..
सुमन मुस्कुराते हुए - रुक मैं देखती हूँ..
गौतम लंड पेंट में डालकर बेड पर बैठ जाता है औऱ सुमन दरवाजा खोलती है.
सिमरन सुमन से - आपको मालिक औऱ मालकिन बुला रहे है..
सुमन - मैं आती हूँ तू जा.. (वापस दरवाजा बंद करके) ग़ुगु जाना पड़ेगा बेटा..
गौतम सुमन को बाहों में भरके - कोई बात नहीं माँ.. आप जाओ औऱ मामी से किसी बात पर लड़ाई झगड़ा मत करने लग जाना..
सुमन मुस्कुराते हुए - भला मैं भाभी से क्यों झगड़ने लगी..
गौतम सुमन के होंठ चूमकर - आई लव यू माँ..

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सुमन वापस गौतम के होंठ चूमकर - आई लव यू टू बेटा.. अच्छा अब जाने दे वरना औऱ भी कोई बुलाने आ जाएगा.. मुझे बहुत तेज़ सुसु भी लगा है..
गौतम नीचे बैठकर सुमन की साडी उठाते हुए चड्डी नीचे सरकाकर - माँ पहले बताना था ना.. मुझे भी प्यास लगी थी.. ये कहकर गौतम सुमन की साडी उठाकर चुत पर अपना मुंह लगा देता है औऱ चूसने लगता है सुमन भी शर्माती हुई गौतम के बाल पकड़ कर गौतम के मुंह में मूतने लगती है..

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गौतम सुमन का पेशाब पी जाता है औऱ अपना मुंह चुत पर से तब तक नहीं हटाता जब तक पेशाब की आखिरी बून्द नहीं पी जाता.. सुमन भी गौतम को अपना मुंह हटाने के लिए नहीं कहती..
मूत पिने के बाद गौतम चुत से मुंह हटाकर खड़ा हो जाता है सुमन मुस्कुराते हुए फिर से अपनी साडी के पल्लू से गौतम का मुंह साफ कर देती है.. औऱ कमरे से बाहर चली जाती है..


गौतम अपने रूम में आकर रेशमा को फ़ोन करता है..
रेशमा - हेलो..
गौतम - तू आई नहीं ना कुत्तिया कल शादी में?
रेशमा - माफ़ कर दे मेरे कुत्ते.. मैंने कोशिश तो बहुत की पर असलम माना ही नहीं.. मैं करती भी क्या, ना आने के सिवा..
गौतम - अकेली नहीं आ सकती थी?
रेशमा - अकेली कैसे आती? इतनी बंदिश है मेरे ऊपर.. घर निकल भी जाऊ तो आफत आ जाती है सवालों की.. तू लड़का है इसलिए नहीं समझ पायेगा.
गौतम - ज्यादा ना ज्ञान मत चोदे रेशमा.. नहीं मिलना तो बता दे..
रेशमा - थोड़ा औऱ सब्र कर ले मेरे कुत्ते.. दो तीन दिन बाद अब्बू के घर आ जाउंगी तब जितना मिलना हो मुझसे मिल लेना.. मैं रोकूंगी नहीं तुझे..
गौतम - खाना खा लिया?
रेशमा - इतनी सुबह कौन खाना खाता है? अभी तो खाना बनाउंगी.. फिर खाउंगी.. जब तुझसे मिलूंगी तब तू अपने हाथों खिला देना खाना..
गौतम - मुझसे मिलते ही लंड खाएगी तू..वो भी अह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह... करके..
रेशमा हसती हुई - तू जो खिलायेगा वो खा लुंगी मेरे कुत्ते.. मेरा भी बहुत मन है तुझसे मिलने का..
गौतम - मन क्या है साली.. सीधा बोल ना तेरी चुत में खुजली चल रही है.. चुदवाना है तुझे भी..
रेशमा - हाँ चल रही है तू मिटायेगा ना मेरी खुजली..
गौतम - एक बार मिल रेशमा.. ऐसा चटूंगा ना तेरी चुत को.. तेरी साली खुजली मिट जायेगी...
रेशमा चुत में ऊँगली करते हुए - उफ्फ्फ.. मेरे कुत्ते.. तू चाटेगा ना मेरी चुत को, अपनी बात से मुकर तो नहीं जाएगा..
गौतम - चाटूँगा भी चोदुँगा भी.. चुत औऱ गांड दोनों.. कुतिया बच्चा नहीं हो रह ना तेरे.. एक बार में प्रेग्नेंट ना कर दिया तो कहना..
रेशमा ऊँगली करती हुई - आई लव यू मेरे कुत्ते.. अब तो मुझसे भी सब्र नहीं हो रह.. मन कर रहा है उड़ के आ जाऊ तेरे पास..

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गौतम - अच्छा शोहर कहा है तेरा? आज सुबह सुबह चला गया क्या?
रेशमा - छोड़ ना बेबी.. गया होगा हराम का जना अपनी अम्मी चुदवाने... तू मीठी मीठी बात कर ना मुझसे.. बता मिलूंगी तो क्या क्या करेगा तू मेरे साथ?
गौतम हस्ते हुए - चुत में ऊँगली कर रही है ना तू मेरी कुतिया?
रेशमा - लड़कियों से ऐसी बातें नहीं पूछते..
गौतम - अच्छा दरवाजे पर कोई आया है मैं बाद में बात करता हूँ..
रेशमा - कुत्ते फ़ोन मत काटना.. जो भी आया है भगा उसे.. औऱ बात कर मुझसे..
गौतम ने फ़ोन बिना काटे टेबल पर रख दिया औऱ कानो में इयरबड्स लगाकर बात करते हुए रेशमा से कहा..
गौतम - ठीक है रुक दो मिनट मैं देखता हूँ कौन है..

गौतम ने दरवाजा खोला तो सामने शबनम हाथ में एक ट्रे लेकर खड़ी थी जिसमें एक चाय का कप और कुछ खाने का सामान था.. शबनम ने गौतम को देखते हुए उसकी आंखों से आंखें मिलाकर कहा - ग़ुगु भैया आपकी मम्मी ने आपके लिए नाश्ता भिजवाया है.. गौतम ने बिना कुछ कहे इशारे से शबनम को नाश्ते की ट्रे टेबल पर रखने को कहा और दरवाजा अंदर से बंद करके शबनम के पीछे-पीछे आ गया औऱ शबनम को अपनी तरफ घुमा कर उसके मुंह पर हाथ रखते हुए फ़ोन म्यूट करके शबनम से बोला...
गौतम - तुझे समझाया था ना भईया मत बोला कर..
शबनम मासूमियत से गौतम का हाथ हटा कर - गलती हो गई..
गौतम शबनम के बूब्स पर हाथ फेरकर - अब गलती की है तो फिर से सजा मिलेगी..
शबनम अपने बूब्स पर गौतम का हाथ देखकर - छोटे मालिक आप ये क्या कर रहे है? कोई देख लेगा?
गौतम - कोई नहीं आएगा औऱ अब तू मुंह से आवाज मत निकालना.. सेटिंग से बात कर रहा हूँ.. उसे तेरी आवाज ना सुनाई दे.. मैं कुछ भी करू तू चुप रहना बिलकुल..
शबनम - पर छोटे मालिक.. मालकिन को पता चला तो मेरी जान ले लेगी..
गौतम - तू बतायेगी? नहीं ना.. फिर? औऱ ये छोटे मालिक बहुत चूतिया लगता है सुनने में.. मैं कोई मालिक नहीं हूँ यहाँ पर.. तू भईया ही बोल वो फिर भी ठीक है..
शबनम गौतम की तरफ देखती हुई - ज़ी.. ग़ुगु भईया..
गौतम शबनम को चुप रहने का इशारा करते हुए फ़ोन का म्यूट खोलकर इयरबड्स हटा देता है औऱ फ़ोन स्पीकर पर डाल कर कहता है - हेलो..
रेशमा - हाँ मेरे कुत्ते.. चला गया जो आया था?
गौतम शबनम को बाहों में भरकर बिस्तर पर आता हुआ - हम्म..
रेशमा - तो अब बता क्या क्या करेगा जब मिलूंगी तब?
गौतम शबनम के होंठों को चूमता हुआ - सबसे पहले तो मैं तेरे गुलाबी होंठों को अपने होंठों में गिरफ़्तार कर लूंगा औऱ तेरे मुंह में अपनी जीभ डालकर तेरे पुरे मुंह की तलाशी लूंगा..

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रेशमा ऊँगली करते - अहह... कुत्ते.. फिर..
गौतम शबनम के चेहरे औऱ गले को चूमकर चाटता हुआ - फिर तेरे चेहरे औऱ सुराही जैसी गर्दन पर अनगिनत चुम्बन करके lovebite दूंगा..
रेशमा - हाय.. मैं भी अपने कुत्ते को जीभर के चुमूँगी औऱ lovebite दूंगी.. उसके बाद क्या करोगे बेबी?
गौतम शबनम का बोबा अपने हाथ में पकड़कर मसलते हुए शबनम की आँखों में देखकर - फिर मैं तेरा दूध निकाऊंगा..

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रेशमा ऊँगली करते हुए - बेबी आराम से ज्यादा तेज़ मत दबाना मेरे चुचो को.. वरना दूध फट जाएगा..
गौतम शबनम की कुर्ती उतारकर ब्रा खींचकर निकालते हुए - फिर तेरे बोबो को बच्चों की तरह चूसूंगा मेरी कुतिया..
शबनम से अब रहा ना गया औऱ वो भी कामुकता के सागर में कश्तिया हाँकने लगी थी उसने अपने दोनों हाथों से गौतम के सर को पकड़कर गौतम को अपना बोबा चुसवाना शुरू कर दिया था..

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रेशमा - हाये अम्मी.. मैं भी तुझे बच्चों की तरह अपना दूध चुसवाउंगी मेरा बच्चा बनाकर.. पी लेना मेरा सारा दूध अपने मुंह से कुत्ते..
गौतम शबनम की आँखों में देखकर अपने हाथ में शबनम के बोबे पर कड़क होकर खड़े हुए चुचक को अपनी ऊँगली से पकड़ कर जोर से मरोड़ता हुआ - फिर मैं तेरे बोबे के दाने को मसलकर तुझे दर्द दूंगा रेशमा...
शबनम गौतम की आंखों में देखी हुई उससे अपने बोबे पर खड़े हुए चूचक को छोड़ने की आँखों से अपील कर रही थी. शबनम आह भरना चाहती थी मगर गौतम को बुरा ना लगे इसलिए उसने अपनी आवाज को अपने गले में ही दबा लिया और गौतम की आंखों में देखती हुई अपने चेहरे पर दर्द भरे भाव ला रही थी. गौतम से शबनम की हालत ज्यादा देर तक देखी नहीं गई और उसने बोबे पर खड़े हुए शबनम के चुचकों को मरोड़ना और मसलना बंद करके अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया..
रेशमा चूत में ऊँगली करती हुई - मैं जोर से चिंख पड़ूँगी बेबी अगर तू करेगा तो.. ज्यादा दर्द देगा ना तो अपने दांतो से तेरे होंठ काट खाउंगी..
शबनम रेशमा की बात सुनकर कामुकता से गौतम के होंठों को चुम लेती औऱ अपने दाँत से जोर से काट लेटी है.

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गौतम शबनम को हैरानी से देखता हुआ - साली काटती है.. रुक तुझे अभी बताता हूँ..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगती है औऱ उसकी शर्ट के बटन खोलने लगती है वही गौतम को शबनम के बर्ताव से शबनम पर प्यार आने लगा था.. गौतम उसके बूब्स को मसलता हुआ चूसने लगता है..
रेशमा - अब क्या कर रहे हो जानु?
गौतम शर्ट उतार कर शबनम की चुत सहलाता हुआ - तेरी चुत को तैयार कर रहा हूँ..
शबनम अपनी चुत गौतम से सहलवाती हुई अपने एक हाथ से गौतम की जीन्स का बटन खोलकर उसकी जीन्स नीचे सरका देती है औऱ अपने पैरों की मदद से गौतम की जीन्स पूरी नीचे तक उतार देती है जिसे गौतम खुद पैरों से निकालकर अब सिर्फ चड्डी में आ जाता है..
रेशमा ऊँगली करते हुए - धीरे सहलाना जानू मेरी चुत को.. कहीं अभी ही ना झड़ जाए.. आहहह... अब मेरी सलवार खोल दो ना बेबी?
गौतम रेशमा की बात सुनकर शबनम की सलवार का नाड़ा खोलने लगता है पर गौतम से शबनम की सलवार का नाड़ा नहीं खुलता जिस पर शबनम गौतम को देखती हुई दबी हुई हंसी हँसने लगती है..
रेशमा फ़ोन पर - खोल दी क्या जानू मेरी सलवार..
गौतम - यार ये नाड़ा नहीं खुल रहा..
रेशमा फ़ोन पर - लाओ बेबी मैं खोल देती हूँ..
रेशमा की बात सुनकर शबनम अपना एक हाथ बढ़ाकर अपनी सलवार का नाड़ा खोल देती है औऱ अपनी सलवार नीचे सरका देती है.. औऱ मुस्कुराते हुए गौतम की आँखों में देखकर इशारे से वही कहती है जो रेशमा फोन पर बोलती है..
शबनम इशारे से औऱ रेशमा फ़ोन पर - खुल गया जानू..
गौतम मुस्कुराते हुए शबनम की चड्डी नीचे सरकाकर शबनम की चुत देखकर - कितने सारे बाल है यार तुम्हारी चुत पर.. काट तो लेती इन्हे..
शबनम मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथों से अपने दोनों कान पकड़कर गौतम से इशारे में बिना आवाज किये बोलती है - सॉरी..
रेशमा फ़ोन पर - अगली बार साफ कर लुंगी जानू.. आज माफ़ कर दो..

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शबनम गौतम की चड्डी नीचे सरकाकर उसके लंड को देखते ही हैरानी से कुछ बोलने ही वाली थी की गौतम ने शबनम के मुंह पर हाथ रखकर शबनम की चुत पर अपने लंड को रगढ़ते हुए रेशमा से कहा.
गौतम - चुत पर लंड रगड़ रहा हूँ रेशमा..
रेशमा ऊँगली करती हुई इस बार झड़ गई औऱ बोली - जानू तुमने तो रगड़ कर ही झड़वा दिया.. मैंने अंदर तक लेने का सोच लिया था..

गौतम धीरे से शबनम के मुंह से हाथ हटाकर उसे चुप रहने का इशारा करते हुए रेशमा से कहा - झड़ भी गई.. अब मेरा क्या होगा? मुझे तो चुत चाहिए थी..
रेशमा हसते हुए - फोन पर लेकर क्या करोगे जानू? जब मिलूंगी तो रियल में ले लेना.. अच्छा अब रखती हूँ खाना भी बनाना है.. बाय मेरे कुत्ते..
गौतम फ़ोन काटते हुए - ठीक है मेरी कुत्तिया...
शबनम फ़ोन कटने पर - ग़ुगु भईया आपका तो बहुत बड़ा है..
गौतम मुस्कुराते हुए - डर लग रहा है लेने में? नहीं लेना तो मना कर दो. मैं नाराज़ नहीं हूंगा..
शबनम थोड़ा थूक लगाकर गौतम का लंड पकड़ते हुए अपनी चुत में घुसाती हुई - मैं तो कब से लेना चाहती हूं ग़ुगु.. तभी तो कब से आगे पीछे घूम रही हूं..
गौतम - क्या बात है शबनम? ग़ुगु भईया से सीधा ग़ुगु?
शबनम अपनी गांड उठाकर धीरे धीरे गौतम का लंड चुत में अंदर लेती हुई - 10 साल छोटे हो तुम मुझसे.. इतना तो मै बोल ही सकते हूँ.
गौतम मिशनरी में पहला तेज़ झटका मारते हुए शबनम की चुत में अपना आधे से ज्यादा लंड घुसा देता है औऱ शबनम से कहता है - मुझे बड़ी औरते चोदने में बहुत मज़ा आता है शबनम..

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शबनम आह्ह करती हुई - इतनी जोरआजमाइश क्यों कर रहे हो ग़ुगु? तुमको जो चाहिए वो दे तो रही हूँ.. प्यार से नहीं ले सकते मेरी?
गौतम सॉरी बोलते हुए - तुम ठीक तो हो ना शबनम?
शबनम सिसकियाँ लेती हुई - अब तक तो ठीक हूँ पर आगे का पता नहीं.. तुम क्या हाल करोगे मेरा..
गौतम बिलकुल धीरे धीरे झटके मारकर चोदते हुए - दो बच्चे है तुम्हारे तो.. फिर भी इतनी टाइट है... अब्दुल लेता नहीं है क्या?
शबनम गांड उठाकर चुदाई में गौतम का बराबर साथ देती हुई - चुत का क्या है ग़ुगु.. कुछ टाइम ना चुदे तो सिकुड़ जाती है.. औऱ तुम्हारा इतना बड़ा है तुमको तो छोटी लगेगी ही..
गौतम झटको की रफ़्तार बढ़ाते हुए - सच सच बताना शबनम.. दोनों बच्चे अब्दुल के है या किसी औऱ के?
शबनम कामुक आहे भरती हुई - एक तो अब्दुल का..
गौतम झटके मारते हुए - औऱ दूसरा?
शबनम - दूसरा आरती भाभी के पापा का है..
गौतम हैरानी से - आरती का बाप कब चोद गया तुझे?
शबनम - चोद के नहीं गया ग़ुगु.. मैं औऱ अब्दुल पहले आरती भाभी के घर ही काम करते थे.. वहा अंकल ज़ी ने बहुत बार मेरा फ़ायदा उठाया था.. आरती भाभी से कहकर मैं यहां उनके पास आ गई..
गौतम - चोदने वाला अगर अपनी पसंद का आदमी ना हो तो कितना बुरा लगता है समझ सकता हूँ शबनम..
शबनम मुस्कुराते हुए - छोटी सी उम्र में कितनी समझदारी वाली बात करते हो गुगु.. अब जल्दी जो चाहिए वो लो औऱ मुझे जाने दो.. मैं नहीं मिलूंगी तो मालकिन हल्ला मचा देगी..
गौतम शबनम की चुत में पूरा लंड घुसाकर रुक जाता है औऱ शबनम के होंठ चूमकर कहता है - तुम्हारी मालकिन को मैं देख लूंगा.. तुम चिंता मत करो शबनम..

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शबनम कामुक निगाहो से गौतम को देखती हुई - कल शादी में बहुत प्यारे औऱ हैंडसम लग रहे थे तुम?
गौतम - तू छुप छुप के देख रही थी मुझे?
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों पर उंगलियां फेरती हुई - जब से आये तो मेरी निगाहे तो तुम्ही पर है..
गौतम - अच्छा इतना पसंद आय तुम्हे.. बहुत चालक हो..
शबनम कुछ कहती इससे पहले दरवाजा बज गया..
गौतम - हर बार कोई ना कोई अपनी माँ चुदाने आ ही जाता है... तू रुक मैं देखकर आता हूँ..

शबनम बाथरूम में चली जाती है औऱ अपने कपडे अपने हाथ में पकड़कर बाथरूम में एक तरफ रख देती.. वही गौतम तौलिया लपेटकर दरवाजा खोलता है सामने कोमल थी..
कोमल - बेटा.. तूने शबनम को कहीं देखा है? मिल नहीं रही..
गौतम कोमल को बाहों में भरके उसका बोबा मसलते हुए - शबनम को नहीं देखा मामी पर आपको आज बिस्तर में नंगा देखने की बहुत तलब है..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम का कान खींचकर - रात ने देख लेना बेटा.. अभी घर जाना है तेरी बहन की विदाई भी होनी है.. ऊपर से वो शबनम भी नहीं मिल रही..
गौतम कोमल का बोबा ब्लाउज से बाहर निकाल कर चूसते हुए - शबनम को मैंने बाजार भेजा है मामी.. उसे आने में समय लगेगा.. कुछ काम है तो बोलो मैं कर देता हूँ..

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कोमल गौतम से अपना बोबा छुड़वा कर वापस ब्लाउज में डालती हुई - ये सब रात में कर लेना ग़ुगु अभी बहुत काम है.. शबनम वापस आये तो मेरे पास भेज देना..
गौतम - मामी एक kiss तो दे जाओ..
कोमल गौतम के होंठो को अपने होंठो में भरके एक लम्बा औऱ गिला चुम्मा करके - चल अब अपना ख्याल रख बेटा.. मैं जाती हूँ..
गौतम अपना तौलिया हटाकर अपना लंड हिलाते हुए - बाय मामी..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम का लंड देखकर - बाय बेटा...
कोमल के जाने के बाद गौतम दरवाजा बंद कर देता है औऱ बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर पोट पर बैठी हुई शबनम से कहता - पोट्टी कर रही हो क्या?
शबनम खड़ी होकर - नहीं तो.. कौन था?
गौतम - मामी थी तेरे बारे में पूछ रही थी..
शबनम - तो? क्या कहा तुमने?
गौतम शबनम को बाहों में भरते हुए - मैंने कहा.. तुम्हे टाइम लगेगा.. बहुत जरुरी काम कर रही हो मेरा..
शबनम मुस्कुराते हुए - मालकिन ने क्या कहा?
गौतम - मामी ने कहा.. जब काम पूरा हो जाए तो भेज देना..
शबनम - सच में?
गौतम शबनम को बाहों से आजाद करते हुए - औऱ क्या मैं झूठ बोलूंगा?
शबनम मुस्कुराते हुए टेबल पर पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए - ऐसा मैंने कब कहा?
गौतम - तु सिगरेट पीती है?
शबनम - जब इतनी सी उम्र में तुम पी सकते हो तो मैं तो तीस साल की हूँ.. मैं नहीं पी सकती?
गौतम बेड पर बैठके - सिर्फ सिगरेट ही पीना आता है मेरा ये सिगार भी पीना जानती हो..
शबनम गौतम के आगे फर्श पर बैठकर सिगरेट का कश लगाकर उसके लंड को पकड़ते हुए - मुझे सिगरेट पीते हुए सिगार पीना अच्छे से आता है ग़ुगु.. ये कहते हुए शबनम सिगरेट के कश लगाकर गौतम का लोडा मुंह में लेकर चूसने लगी..

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गौतम - उफ्फ्फ.. शबनम.. अहह..
शबनम थोड़ी देर लोडा चूसकर - मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु? तुम्हारा तो झड़ने का नाम ही नहीं लेता.. इतनी देर में तो अब्दुल 4 बार अंकल ज़ी 6 बार झड़ जाते..
गौतम - ये मर्द का लंड है शबनम.. आसानी से नहीं झडेगा..
शबनम - ग़ुगु एक बात बोलू.. बुरा तो नही मानोगे?
गौतम - खुलके बोल शबनम.. बुरा मान जाऊंगा तो तुझे चोदके बदला भी ले लूंगा..
शबनम मुंह से लंड निकालकर - ग़ुगु मैं घर की नोकरानी हूँ.. कभी मालकिन नहीं बन सकती.. पर लाइफ में एक बार मुझे मालकिन बनकर चुदाई करनी है अपने नोकर की.. मैं चाहती हूँ कोई मेरा नौकर बनकर रहे.. मेरा हर हुकुम माने..
गौतम शबनम के होंठ चुम्मा कर - इतनी सी बात?
(गौतम अपनी पेंट से अपना बेल्ट निकालकर अपने गले में पहन लेता है औऱ बिलकुल किसी कुत्ते की तरह उसका पट्टा शबनम के हाथ में देकर कुत्ते की तरह फर्श पर अपने हाथ पैर रखकर kutta बनते हुए शबनम से कहता है..
गौतम - लो हाज़िर है तुम्हारा गुलाम या कुत्ता.. दो हुकुम अपने इस गुलाम को मालकिन..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के सर को चूमकर - गुगु बुरा तो नहीं मानोगे ना तुम.. मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है..
गौतम - अगर तुने अपनी fantasy पूरी नहीं की तो जरूर बुरा मान जाऊँगा.. जो करना है करो.. समझी.. अब शुरू करो.. मुझे भी बहुत बोर हो गया था सिर्फ चुदाई करते हुए.. अब roleplay करके थोड़ा मज़ा लेता हूँ... भो भो.. मालकिन क्या हुकुम है अपने कुत्ते के लिए?
शबनम मूंड में आती हुई पट्टा अच्छे से पकड़ कर - क्या नाम है तेरा मेरे कुत्ते?
गौतम भोंकते हुए - ग़ुगु मालकिन..
शबनम बेड पर बैठकर अपने पैर का अंगूठा गौतम के मुंह में देती हुई - मालकिन के पैर की उंगलियां चूस मेरे कुत्ते..
गौतम अंगूठा औऱ उंगलियां चूसते हुए - ज़ी मालकिन..
शबनम कामुकता के अर्श पर थी उसने कहा - जीभ लगा के चूस.. मादरचोद..रंडी के बच्चे.. मालकिन नाराज़ हो गई तो जानता है ना क्या होगा?
गौतम रोने का नाटक करते हुए - चूसता हूँ मालकिन.. आप गुस्सा मत करो..
शबनम - रो मत साले कुत्ते.. चाट मेरे परो को अच्छे से.. जीभ लगा लगा के..
गौतम पैर चाटते हुए - जैसा आप बोलो मालकिन..

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शबनम पैर चटवाने के बाद पट्टा खींचते हुए गौतम का मुंह अपनी चुत के करीब लाती हुई उसे गाली बकती है - साले ग़ुगु मादरचोद, बहन के लोडे, रंडी के मूत, चुदाईखाने, भोस्डिके भड़वे.. चाट अपनी मालकिन की चुत को.. बाहर निकाल अपनी जीभ..
गौतम अपनी जीभ बाहर निकालकर चुत पर फिराते हुए - मालकिन बदबू आती है आपकी चुत से..
शबनम गौतम को एक थप्पड़ मारकर - तुझसे पूछा मैंने कुत्ते? चाटने के बोला है ना.. तो फिर चाट अच्छे.. साला नौकर मुझसे जबान लड़ायेगा..
ये कहते हुए शबनम अपनी दोनों टाँगे औऱ अच्छे से खोलकर बेड पर लेट गई औऱ ग़ुगु के बाल पकड़कर उसके मुंह को जबरदस्ती अपनी चुत पर लगाती हुई उसे चुत चटवाने लगी..

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इसके साथ ही शबनम ने एक सिगरेट जलाकर कश लेते हुए धुआँ ग़ुगु के मुंह पर छोड़ दिया.. औऱ बोली..
शबनम - अब आ रही है बदबू तुझे? साले नौकर.. छोटा सा होके अपनी मालकिन से जुबान लड़ायेगा.. चाट मादरचोद.. ठीक से चाट वरना काम से निकाल दूंगी औऱ झूठा केस लगाकर पुलिस स्टेशन में बंद भी करवा दूंगी..
गौतम रोते हुए - मालकिन नहीं आ रही बदबू.. मैं चाट रहा हूँ आपकी चुत को.. प्लीज मुझे पुलिस में मत देना.. पुलिस बहुत मारती है.
शबनम सिगरेट का कश लेकर मुझे मूतना है मेरे कुत्ते चल मेरे साथ बाथरूम में..
गौतम - ज़ी मालकिन...
शबनम बेल्ट का पट्टा पकड़ कर गौतम को बाथरूम ले जाती है औऱ गौतम कुत्ते की तरह ही अपने हाथ पैरों पर कुत्ते की तरह चलते हुए बाथरूम में चला जाता है..
शबनम पट्टा खींचते हुए गौतम को घुटनो पर बैठाकर एक थप्पड़ औऱ जमाती हुई - मुंह खोल साले नौकर.. तेरे मुंह में मूतेगी आज तेरी मालकिन..
गौतम मुंह खोलकर - लीजिये मालकिन..
शबनम एक हाथ से सिगरेट के कश लेकर दूसरे हाथ से गौतम के बाल पकड़कर उसके मुंह में मूतती हुई - पी साले कुत्ते.. गरीब.. तू मेरा मूत पिने लायक़ ही है..

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गौतम शबनम का सारा मूत पी जाता है औऱ चाट कर उसकी चुत भी साफ कर देता है..
शबनम - मुंह खोल मेरे कुत्ते.. मालकिन को थूकना है..
गौतम मुंह खोलकर - लो मालकिन थूक दो मेरे मुंह में..
शबनम गौतम के मुंह में थूक देती है फिर शबनम सिगरेट पोट में फेंककर फ्लश करती है औऱ पट्टा खींचकर वापस गौतम को कुत्ते की तरह बिस्तर पर ले आती है औऱ कहती है - आजा मेरे कुत्ते.. अपनी मालकिन के दोनों बोबो को चूस के सारा दूध निकाल दे..
गौतम शबनम के बोबे चूसता हुआ - ज़ी मालकिन.. बहुत बड़े बड़े दूदू है आपके.. आह्ह.. मालकिन आपका दूदू बहुत मीठा है.. बहुत स्वादिस्ट है..

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शबनम एक पल मुस्कुराते हुए गौतम को बेहद प्यार भरी नज़र से देखती है औऱ फिर गौतम के लंड को अपनी चुत में डाल कर कहती है - बहुत हो गई चूसाईं अब कर अपनी मालकिन की चुदाई मेरे कुत्ते..
गौतम लंड घुसते ही धमाकेदार धक्के मारना शुरू कर देता है - ज़ी मालकिन.. 161315f3171afe50f8b99db192a265e3
शबनम एकदम से सिसकती हुई - आह्ह.. कुत्ते थोड़ा धीरे.. मालकिन को धीरे चोद.. मालकिन को दर्द हो रहा है...
गौतम गले से पट्टा निकालकर - मालकिन की माँ की चुत.. साली..
शबनम कामुक सिसकियाँ लेते हुए - आहहह.. ग़ुगु थोड़ा आराम से..
गौतम मिशनरी में शबनम की चुत को कुछ देर चोदकर रुक जाता है औऱ शबनम झड़ जाती है मगर फिर भी कामुकता से भरी हुई आँखों से गौतम को देखती है और कहती है..
शबनम आहे भरती हुई - क्या हुआ ग़ुगु? करो ना..
गौतम चुत से लंड निकालकर - पोजीशन चेंज करनी है..
शबनम - बोलो ना.. क्या बनु? कुतिया या घोड़ी?
गौतम बेड से शबनम को उठाकर दिवार की तरफ मुंह करके खड़ा करते हुए पीछे से उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड उसकी चुत में ड़ालते हुए कहता है - छिपकली...

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शबनम दोनों हाथ दिवार पर लगाकर पीछे से गौतम के झटके खाती हुई सिसकती - अहह.. ग़ुगु.. आहिस्ता थोड़ा करो ना...
गौतम कुछ देर उसी तरह चोदकर शबनम को अपनी गोद में उठकर चोदता हुआ कहता है - अंदर ही निकाल दू ना मालकिन..

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शबनम गौतम को चुमकर - जहा तुम्हारा मन हो ग़ुगु ..
गौतम शबनम चोदता हुआ बिस्तर पर पटककर शबनम की चुत में 8-10 धक्के पूरी ताकत से मारता हुआ झड़ जाता है औऱ अपना सारा माल शबनम की चुत में छोड़ देता है..
शबनम भी चीखती हुई गौतम से लिपटकर झड़ जाती है औऱ गीतम के होंठों को लगातार चूमने लगती है.. बहुत लम्बे समय तक दोनों उसी तरह से बिस्तर पर पड़े हुए एकदूसरे को चुम रहे थे..
गौतम चुम्बन तोड़कर - हैप्पी?
शबनम मुस्कुराते हुए - वैरी हैप्पी... थैंक्यू ग़ुगु भईया... औऱ सॉरी भी.. मैंने तुम्हारे इतने प्यारे चेहरे पर थप्पड़ मारा औऱ जो कुछ भी किया.. मगर तुम भी ना.. लंड घुसते ही औऱ छिपकली बनाके इतना कस के चोदा है मुझे कि क्या कहु.. बदला निकाल रहे थे ना जानू?
गौतम - बदला औऱ तुमसे? नहीं यार..
शबनम बेड से उठकर कपडे उठाकर पहनते हुए - अह्ह्ह्ह... हाय क्या हलात कर दी मेरी.. अब क्या जवाब दूंगी मालकिन को? कैसे प्यारे से दिखते हो पर बिलकुल शैतान हो शैतान.. पहली चुदाई से दस गुना ज्यादा दर्द दिया है तुमने..
गौतम बिस्तर पर लेटा हुआ - बुलाऊगा तो वापस आओगी ना..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के लंड को मुंह में लेकर साफ करती हुई - बस इशारा कर देना..
शबनम कमरे से जाने लगती है तो गौतम कहता है - शबनम लाइट बंद कर देना जाते हुए..

शबनम लाइट ऑफ करके चली जाती है औऱ गौतम सुबह 10 बजे गहरी नींद में सो जाता है औऱ एक सपना देखने लगता है...
 

Ajju Landwalia

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Update 27


विवाह समपन्न हुआ आज से आप पति पत्नी..
संजय - आओ बेटी.. चलो.. चेतन.. ये सामान कमरे में पंहुचा दे..
चेतन - ठीक है पापाज़ी...
गायत्री - संजय बेटा.. दामाद ज़ी औऱ ऋतू को एक साथ ही ले जा.. कोमल तू भी साथ में जा...
आरती - मम्मी ज़ी अब तो अकेले छोड़ दो दामाद ज़ी औऱ ऋतू को.. सब हँसने लगते है..
गायत्री - रात के डेढ़ बज चुके है औऱ तू अभी भी मज़ाक़ मस्ती में लगी हुई है.. चल अब तू भी चेतन के साथ चली जा.. अब थोड़ा आराम कर लेते है.. कल विदाई में बहुत काम है..
संजय - सही कहा माँ.. आज का दिन बहुत थका देने वाला था..
कोमल - तुम तो रोज़ ही थके हुए लगते हो.. कोनसी नई बात है..

बात करते हुए सब अपने अपने रूम में चले गए थे..
राहुल औऱ उसके दो दोस्त अब साथ थे औऱ दोस्त राहुल को इशारे से बुला रहे थे..
एक दोस्त - क्या बात है साले.. शादी होते ही हमारी बात नहीं सुन रहा..
राहुल अलग जाकर - अबे तुम भी जाकर सो जाओ क्यों भूत की तरह सर पर घूम रहे हो..
दूसरा दोस्त - भाई तेरी नींद का जुगाड़ तो हो गया हम अकेले कैसे सोये?
राहुल - एकदूसरे की गांड मार लो.. अब चल.. जाने दे मुझे..
दोस्त - अभी से डरने लगा तू तो अपनी बीवी से..
राहुल - अबे टाइम देख अब तुम भी सो जाओ जाकर..
दोस्त हसते हुए - अरे यार थोड़ी सी दारु तो पिले.. बिल्ली कैसे मारेगा.. वरना..
राहुल - ठीक है मैं बोलके आता हूँ तुम रूम में जाओ..
दोस्त - हाँ हाँ बोलके आ.. अब तो परमिशन लेनी ही पड़ेगी तुझे..

राहुल ऋतू से थोड़ी देर दोस्तों के साथ बैठने की बात बोलके दोस्तों के साथ रूम में बैठकर शराबखोरी करने लगता है औऱ ऋतू अकेली अपने कमरे में सोफे पर बैठी हुई दिनभर की थकान से चूर होकर एक सिगरेट जलाकर कश लेने लगती है.. ऋतू ने अपने भारी भरकम दुल्हन वाले कपडे बदल लिए थे औऱ सादा सूट पहन लिया था.. ऋतू बैठी ही थी कि उसके फ़ोन पर अनजान नम्बरो से व्हाट्सप्प पर एक वीडियो आया औऱ नीचे टेक्स्ट आया - छत पर मिलो...

ऋतू वीडियो देखकर समझ गई कि ये विकर्म ने भेजा है क्युकी वीडियो में ऋतू औऱ विक्रम कि चुदाईलीला थी.. ऋतू समझ गई की विक्रम वापस उसे चोदने के लिए बुला रहा है इसलिए ऋतू सिगरेट का पैकेट लाइटर औऱ कंडोम का पैकेट लेकर छत पर चली गई.. छत पर अँधेरा था औऱ लोन की भी लगभग सभी लाइट बंद हो गई थी लोन की एक्का दुक्का लाइट से छनकर आती मामूली रोशनी छत के अँधेरे को दूर नहीं कर रही थी.. पूर्णिमा का चाँद निकला हुआ था मगर बदलो ने उसे ढक लिया था.. छत पर अंधेरा था औऱ किसीका चेहरा देख पाना मुश्किल था..

ऋतू को छत पर बने एक कमरे के बाहर परछाई दिखी जिसे उसने विकर्म समझ लिया औऱ ऋतू बोली - बोला था ना.. अब मत मिलना मुझसे.. तुम ब्लैकमेल करना बंद क्यों नहीं कर देते मुझे.. मेरी शादी हो चुकी है विक्रम..
परछाई में विकर्म नहीं गौतम था जिसने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था औऱ गौतम ने कुछ नहीं कहा तो ऋतू फिर से बोली - मेरी लेने आये हो ना वापस? लो ये कंडोम औऱ जल्दी से मुझे चोदकर निकल जाओ यहां से.. मेरी गलती थी जो तुमको वीडियो बनाने दिया उस रात..

गौतम कंडोम लेकर ऋतू को पलट देता है औऱ उसे झुकाते हुए उसकी पज़ामी का नाड़ा खोलकर पज़ामी नीचे कर देता है, पेंटी भी नीचे सरकाते हुए कुर्ती ऊपर करके अपने लंड पर कंडोम पहन लेता है औऱ पीछे से ऋतू की चुत पर लोडा लगाते हुए एक जोरदार झटके के साथ अपनी बहन ऋतू की चुत चिरते हुए अपना लंड ऋतू की चुत में घुसा देता है...

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ऋतू चिल्लाते हुए - अह्ह्ह्ह... ये क्या है.. विक्रम..?? आहहह... इतना बड़ा..
गौतम लंड घुसते ही एक हाथ से ऋतू के बाल पकड़कर झटके पर झटके मारना शुरू कर देता है जिससे ऋतू सिसकती हुई चिल्लाने लगती है औऱ छत पर ऋतू की चुदाई का संग्राम शुरू हो जाता है..

गौतम पीछे से ऋतू की चुत चोदे जा रहा था जिसमे ऋतू भी अब पूरी तरह शामिल हो चुकी थी उसे चोद रहे आदमी पर शक हो रहा था मगर उसे मज़ा आने लगा था औऱ अब वो काम सुख की हवा में बहकर गौतम को विकर्म समझती हुई उससे बात भी करने लगती है जो सिर्फ एक तरफा थी..
गौतम ऋतू की बात का कोई रिप्ली नहीं दे रहा था..
ऋतू - विकर्म क्या हो गया है आज तुम्हे... आहहह... औऱ ये तुम्हारा लंड.. ये आज इतना बड़ा कैसे लग रहा है... आहहह... तुम बदले बदले कैसे लग रहे हो.. विक्रम.. अह्ह्ह्ह.. मज़ा आ रहा है.. चोदो मुझे ऐसे ही चोदो.. अह्ह्ह्ह... फाड़ दो मेरी चुत..

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गौतम बिना रुके धक्के पर धक्के लगाता हुआ ऋतू को पीछे से चोद रहा था औऱ चोदते चोदते गौतम ऋतू को छत पर उसी सामान से भरे हुए कमरे में ले आता है जहा उसने सुमन के साथ बातें की थी..

कमरे में घनघोर अँधेरे था औऱ बस लोन में लगे एक बल्ब से हलकी सी रौशनी आ रही थी.. ऋतू औऱ गौतम वहां चुदाई कर रहे थे औऱ चुदाई की आवाज यहां घूंज रही थी..
गौतम ने ऋतू को पलट कर अपनी तरफ मोड़ लिया औऱ दिवार से ऋतू की पीठ लगाते हुए उसकी एक टांग उठा कर उसकी चुत में अपना लंड घुसा कर फिर से तेज़ तेज़ झटको से चोदने लगा जिसमे ऋतू भी काम के वाशीभूत होकर आनंद उठा रही थी.. उसे परवाह नहीं रह गई थी कि उसे चोदने वाला विक्रम है या कोई औऱ..
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ऋतू को चुदाई के दौरान मिले रहे आंनद के बीच शक था कि उसे चोदने वाला विकर्म नहीं है.. औऱ अब वो अपने शक को यकीन में भी बदल लेना चाहती थी मगर उसे मिल रहे सुख ने उसे काफ़ी देर तक रोके रखा औऱ फिर चुदाई के बीच ऋतू ने अपने हाथ से गौतम का मास्क उतार दिया औऱ अँधेरे में बड़ी गौर से उसका गौतम का चेहरा देखा तो वो चौंक पड़ी..

ऋतू का कामसुख गुस्से में बदल गया औऱ वो बोली - ग़ुगु तू... शर्म नहीं आई तुझे अपनी बहन के साथ..
गौतम नीचे से किसी के आने कि आहट सुनकर चुदाई रोकते हुए - दीदी कोई आ रहा है.. चुप रहना वरना हम पकडे जाएंगे..

कमरे के अंदर खिड़की के पास ऋतू औऱ गौतम थे जो एकदूसरे से लिपटे हुए थे गौतम का लंड ऋतू की चुत में अभी भी तनकर खड़ा था वही छत पर एक औरत आकर उसी कमरे की खिड़की के करीब बाहर की तरफ खड़ी हो गई.. गौतम औऱ ऋतू दोनों ही औरत को नहीं देख पाए.. लेकिन फिर एक आदमी आता दिखा औऱ ऋतू औऱ गौतम को आदमी की चाल से औऱ उसकी आवाज से पता चल गया था की ये ऋतू का बाप संजय है..

संजय उस औरत के करीब आकर - क्यों नाराज़ होती हो.. जानबूझकर नहीं कहा कोमल ने वो सब.. तुम तो जानती हो कोमल की जबान कैसी है? वो कभी भी कुछ भी बोल देती है..
औरत रोते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूँ भईया भाभी की जबान कैसी है? एक तो अपनी ही बेटी की शादी में मेहमान बनकर आई हूँ ऊपर से भाभी मुझे अपने अहसान गिनाते हुए ताने मार रही है.. मेरे ग़ुगु को छीनना चाहती है.. ग़ुगु सही कह रहा था.. हम यहां नहीं आते तो ही अच्छा था..
गौतम औऱ ऋतू को आवाज से पता चल चूका था की ये औरत औऱ कोई नहीं गौतम की माँ सुमन है..
संजय - अरे तुम भी कैसी बातें लेकर बैठ गई सुमन.. आज भी बात बात पर नाराज़ होती हो.. कोमल ने हमारी ऋतू को कभी पराया नहीं समझा.. अपनी सगी बेटी समझकर पाला है.. हमारी कितनी मदद की है कोमल ने.. तुम तो सब जानती हो..
सुमन - भईया.. मदद की है तो फ़ायदा भी उठाया है भाभी ने.. ऋतू मेरी बेटी थी जिसे भाभी ने मुझसे छीन लिया..
संजय - छिना नहीं था मदद की थी हमारी.. शादी से पहले जो लड़की माँ बने उसे समाज क्या कहता है जानती हो ना?
ऋतू - ये बात तब याद नहीं थी आपको.. जब आप भाभी को अकेला छोड़कर रात रातभर मेरे साथ सोते थे? मैंने कितना समझा आपको ये सब गलत है पर आप नहीं माने..
संजय - पुरानी बातों पर मिट्टी डाल सुमन.. तू जानती है मैं जितना कोमल से प्यार करता हूँ उससे कहीं ज्यादा तुझसे करता हूँ.. मैं कब से तेरी मदद करने की कोशिश कररहा हूँ पर तू मानती ही नहीं..
सुमन - नहीं चाहिए भईया आपका अहसान.. मैं मेरे ग़ुगु के साथ उसी हाल में खुश हूँ..
संजय - सुमन.. ग़ुगु मेरा भी कुछ लगता है.. उसके लिए मैं कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ.. पर मेरी मदद लेने में तो तेरी नाक नीची हो जायेगी ना..

गौतम औऱ ऋतू संजय औऱ सुमन की बात सुनकर ये जान चुके थे कि वो दोनों सुमन की औलादे है.. गौतम ये बात जानकार औऱ भी उत्तेजित हो चूका था कि ऋतू उसीकी बहन है जिसे सुमन औऱ संजय के व्यभिचार से जन्म मिला है.. औऱ ये बात जानने के बाद गौतम के लंड ने ऋतू की चुत में प्यार की पहली बरसात भी कर दी थी जिसे ऋतू महसूस कर सकती थी..

गौतम ने झड़ने के बाद भी ऋतू की चुत से लंड नहीं निकाला औऱ ना ही ऋतू ने गौतम को ऐसा करने का इशारा किया वो दोनों संजय औऱ सुमन की बात सुनने में लीन थे..

सुमन - भाभी तो चाहती नहीं थी कि मेरे कोई औलाद रहे.. तभी तो उस आदमी से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दीं.. पहले भाभी ने मेरी ऋतू को मुझसे छीन लिया औऱ फिर मेरे ग़ुगु को भी मुझसे छीनने कि पूरी कोशिश की थी..
संजय - सुमन क्यों गड़े मुर्दे उखाड़ रही हो.. उन बातों को भूल जाओ.. जो हुआ सो हुआ.. अब उन बातों का क्या फ़ायदा..
सुमन - ये बात आप भाभी को क्यों नहीं समझाते.. वो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकती इसमें मेरी गलती थोड़ी है.. पहले माँ से चेतन को छिना.. फिर मुझसे ऋतू को.. फिर ग़ुगु को छीनने की कोशिश की औऱ अब मुझे ही हर दम ताने मारती रहती है.. बता दूँ चेतन को कि वो आपका बेटा नहीं छोटा भाई है? माँ ने कभी कोई शिकायत नहीं कि पर मैं अब बर्दास्त नहीं करुँगी भईया.. अब अगर भाभी ने कुछ औऱ कहा तो मैं भी चुप नहीं रहूंगी.. वो बाँझ है इसमें हमारा क्या दोष?
संजय - सुमन.. पागलपन छोड़.. मैं कोमल से बात करुँगा.. उसने जो कहा गलत था पर तू भी समझती है वो कैसी है फिर उसकी बात को दिल पर क्यों लगाती है..
सुमन गुस्से में चिल्लाकर - क्यों ना लगाऊ दिल से.. ग़ुगु मेरा बच्चा है.. मेरे जीने मरने का सहारा.. भाभी उसे अब मुझसे छीनना चाहती है.. बचपन में उसका मंसूबा कामयाद नहीं हुआ तो अब वापस से उन्होंने कोशिश शुरू कर दीं.. मुझे पैसो का लालच देती है.. मेरे ग़ुगु के लिए मैं सारे जहान कि दौलत छोड़ सकती हूँ..
संजय - क्या फर्क पड़ता है सुमन.. ग़ुगु यहां रहे या वहा.. तू तो जानती है मैंने जो कुछ कमाया है उसे चेतन अकेले नहीं संभाल पायेगा..
सुमन - भईया ग़ुगु को मैंने जन्म दिया है मैंने पाला है.. मैं उसे यहां नहीं छोड़ने वाली. आप भाभी को समझा दीजिये कि वो मेरे ग़ुगु से दूर रहे औऱ उसका ख्याल छोड़ दे..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ उसके पीछे पीछे संजय भी नीचे चला जाता है..
सुमन औऱ संजय के नीचे जाने के बाद ऋतू अपने फ़ोन की फलेशलाइट ऑन करके गौतम का चेहरा देखती है औऱ उससे गुस्से में कहती है..
ऋतू - वो वीडियो कहा से आया तेरे पास?
गौतम फ्लशलाइट अपने चेहरे की तरफ से हटाकर - आपके उस आशिक विक्रम ने फ़ोन में दिखाया था..
ऋतू - तू उसे कैसे जानता है?
गौतम - शादी में मिला था आपके बारे में अनाप शनाप बक रहा था.. उसने आपका वीडियो दिखाया औऱ बाथरूम के पीछे जो आपके साथ किया वो बताया..
ऋतू - तो अब तू भी मुझे ब्लैकमेल करने लगा उसके साथ मिलकर? शर्म नहीं आई तुझे ये सब करते हुए?
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - नहीं दीदी.. मैंने तो उसके फ़ोन से आपके सारे वीडियो डिलीट कर दिए.. औऱ नशे में उसका वीडियो बना लिया.. ये देखो.. मैं आपको सेंड करता हूँ.. अगली बार वो आपको ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा.. आप चाहो तो उसे कर सकती हो.. उसका वीडियो भी वायरल कर सकती हो.. मैं तो बस आपको ये बताने के लिए छत पर बुलाया था..
ऋतू फ़ोन साइड में रख कर - बताने के छत पर बुलाया था तो मेरी लेने क्यों लगा?
गौतम सर झुकाकर - आपने ही कंडोम देकर कहा था मैं क्या करता? आप सेक्सी भी लग रही थी..
ऋतू मुस्कुराते हुए - सर ऊपर कर बुद्धू.. तूने विक्रम के साथ ये सब मेरे लिए किया?
गौतम - आप बड़ी बहन हो मेरी.. कोई आपको तंग करें मैं कैसे सहन कर सकता हूँ..
ऋतू हसते हुए - अच्छा तो फिर तुमने क्यों तंग किया अभी मुझे?
गौतम - मैंने कहा किया दीं.. अपने ही बोला था चोदने के लिए.. देखो मेरा तो आपकी चुदाई में कंडोम भी फट गया..
ऋतू हसते हुए घुटनो पर बैठकर गौतम के लंड से कंडोम उतारते हुए - भला कोई कंडोम पहन के भी अपनी बहन चोदता है? ग़ुगु तेरा ये लंड.. कितना बड़ा औऱ मजबूत है.. मुझे तो दर्द हो रहा था इससे चुदवाते हुए..
गौतम - दीदी यार आपकी चुत तो भाभी से भी ज्यादा चौड़ी है.. मेरा लंड तो आसानी से अंदर चला गया.. विक्रम सही कह रहा था पक्की रांड हो आप तो..
ऋतू धीरे धीरे गौतम का लंड हिलाती हुई - सगी बहन को रांड बोलता है.. तुझे तो सबक सीखना पड़ेगा ग़ुगु..
गौतम - अब रांड को रांड ही बोला जाता है दीदी.. यहां बिस्तर नहीं है मुझे सबक सिखाने के चक्कर में आपके गोड़े छील जाएंगे..
ऋतू सिगरेट सुलगाते हुए - छील जाए तो छील जाने दे ग़ुगु.. सुहागरात तो आज तेरी बहन तेरे साथ ही मनाएगी.. पहली बार कोई टक्कर का मर्द मिला है..
गौतम - फिर जीजाजी क्या करेंगे? वो क्या सारी रात हिलाएंगे अपना?
ऋतू - उसकी चिंता तू मत कर ग़ुगु.. वो साला ढीला है.. 2-4 मिनट में थक्के झड़ जाता है.. मैं 5-10 मिनट में उसको निपटा के तेरे पास आ जाउंगी..
गौतम हसते हुए - औऱ वो?
ऋतू - उसे नींद की गोली दे दूंगी.. पक्की खिलाड़ी हूँ मैं भी.. आज तो मेरी रात औऱ मेरी जवानी अपने भाई के नाम है..
गौतम - मत हिलाओ दीदी अब इसे खड़े होने में थोड़ा वक़्त लगेगा.. आज बहुत सारी चुते चोदी है इसने..
ऋतू सिगरेट के कश लेती हुई खड़ी होकर - इसे तो आज पूरी रात खड़ा रहना है..
गौतम - अब नीचे चलते है दीदी.. वरना कोई फिर से ऊपर आ जाएगा.. यहां किसी को चैन नहीं है..
ऋतू कश लेती हुई - सिगरेट तो ख़त्म हो जाए ग़ुगु.. फिर चलते है.. वैसे एक बात बता तुझे कैसे पता आरती भाभी की चुत का.. मुझसे ज्यादा टाइट है उनकी? सच सच बताना तूने कब चोदा भाभी को?
गौतम - कल दोपहर में दीदी.. औऱ आज भी भाभी लहंगा उठा के पीछे ही पड़ गई इसलिए अभी आपके फेरे होने से जस्ट पहले भी चोदना पड़ा..
ऋतू - भाभी तो बहुत चालु निकली.. देवर के साथ ही रासलीला शुरू कर दी..
गौतम - दीदी अब भाभी है.. देवर पर हक़ तो उनका भी है..
ऋतू सिगरेट का कश लेकर - दीदी नहीं ग़ुगु.. नाम से बुलाया कर.. 3-4 साल ही तो बड़ी हूँ तुझसे..
गौतम - जैसा आप कहो ऋतू ज़ी..
ऋतू - आप नहीं तूम.. अब से कोई फॉर्मेलिटी नहीं समझा.. औऱ अब नाराज़ हुआ तो बहुत मारूंगी..
गौतम ऋतू से सिगरेट लेकर फेंकता हुआ - ठीक है ऋतू.. अब चल नीचे..
ऋतू मुस्कुराते हुए - तू अपने कमरे में जा मैं राहुल को सेट करके आती हूँ..
गौतम - मेरे कमरे में तो तेरा पुराना यार लेता हुआ है नशे में धुत होकर.. सारे रूम्स भी फूल है.. अब क्या करें?
ऋतू - एक काम करते है गौतम.. मैं राहुल को सुलाने के बाद तुझे बुलाऊंगी तू मेरे रूम में आ जाना..
गौतम - ठीक है पर मुझे मेरी बहन दुल्हन की तरह सजी हुई चाहिए.. ऐसे सादा सलवार सूट में नहीं..
ऋतू - जैसा तू चाहे ग़ुगु..

ऋतू गौतम से ये कहकर अपने रूम में आ जाती है जहा कुछ देर बाद राहुल भी आ जाता है जो अपने दोस्तों के साथ शराब पिने के करण नशे में था.. राहुल को ऋतू पानी में नींद की दवा देकर जल्दी ही सुला देती है.. इधर गौतम जब अपने कमरे में पहूचता है तो देखता है कि विक्रम उसी तरह नधे में सो रहा है गौतम नहाने चला जाता है औऱ नहाने के बाद जैसे बाथरूम से बाहर आता है उसके कुछ देर बाद ऋतू का फ़ोन आ जाता है औऱ ऋतू गौतम को अपने रूम में आने के लिए कहती है..
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गौतम ऋतू के कमरे में आकर - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. (राहुल को देखकर) बेड पर क्यों सुलाया है इसे?
ऋतू - खुद सो गया..
गौतम राहुल को बेड से उठाकर सोफे पर पटक देता है औऱ ऋतू को बाहों में भरके फूलो से सजी सेज पर आ ऋतू के साथ गिरता है..
ऋतू एक गोली गौतम के मुंह में डाल कर - इसे खा लो गौतम..
गौतम - मुझे इसकी जरुरत नहीं है ऋतू..
ऋतू - खा लो ना ग़ुगु मेरे लिए.. अपनी बहन कि बात नहीं मानोगे?
गौतम - थोड़ी देर बाद तुम ही पछताओगी...
ऋतू - अब बातें ही करते रहोगे क्या कुछ करोगे भी? मेरी चुत में बहुत जोरो से खुजली मचने लगी है ऊपर से तुम्हारा लंड भी ऐसा है कि चुत में लेने कि तलब हो रही है..
गौतम - ऋतू अगर मुझे पहले पता होता कि मेरी बहन इतनी चुदक्कड़ है तो कब का तुझे चोद चूका होता..
ऋतू - गौतम अगर मुझे भी मुझे पहले पता होता कि मेरे भाई के पास इतना बड़ा लंड है तुझे पहले ही अपनी चुत में घुसा लेती.. कितने प्यारे होंठ है तेरे.. बच्चों जैसे..
गौतम - चूमो ना ऋतू.. मेरे ये होंठ कब से तुम्हारे होंठों से मुलाक़ात करना चाहते थे..
ऋतू गौतम को चूमती हुई - आई लव यू गौतम..

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गौतम और रितु एक दूसरे के साथ बिस्तर पर लिपटे हुए थे और एक दूसरे को चूम रहे थे जिससे दोनों के मुंह की लार एक दूसरे में घुल रही थी और दोनों को इसमें बहुत ही स्वाद और मजा आ रहा था रितु आज किसी भी कीमत पर गौतम को पा लेना चाहती थी और यही हाल गौतम का था गौतम भी किसी भी कीमत पर आज अपनी बहन ऋतु के साथ वह सब कर लेना चाहता था जो वह सोच चुका था..

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कुछ देर इसी तरह एक दूसरे को चूमने के बाद गौतम और रितु एक दूसरे के गले पर और चेहरे पर अपने अपने प्यार की अपनी-अपनी चुम्मिया बरसने लगे और एक दूसरे को इस बात का एहसास दिलाने लगी कि वह एक दूसरे से कितना आकर्षित है और कितना वह एक दूसरे को पढ़ने की ख्वाहिश रखते हैं..

गौतम और रितु ने एक दूसरे के बदन से एक-एक करके सारे कपड़े उतार कर बिस्तर के एक तरफ फेंक दिए और फिर दोनों लगभग एक सी अवस्था में नंगे होकर एक दूसरे के बदन को चूमने और चाटने लगे..

गौतम की तुलना में ऋतु का हाल और भी ज्यादा बुरा था मुझे तो बिल्कुल पागलों की तरह गौतम को अपनी बाहों में भरे हुए झूम रही थी और उसे अपने मुंह का सारा रस पिलाना चाहती थी.. गौतम रितु के इस व्यवहार से बहुत उत्तेजित हो चुका था और वह भी भर भर के अपने मुंह से ऋतु के मुंह का रस पी रहा था और अपनी बहन की हर इच्छा पूरी कर रहा था.. गौतम पर धीरे-धीरे गोली का नाश होने लगा था मगर उसे अब लगने लगा था कि कहीं ना कहीं जो ऋतू ने भी एक गोली खा ली है और यह उसी का असर है कि कामोतेजना से भरकर उसे चुम औऱ चाट रही है..

ऋतू ने काम उत्तेजना के वशीभूत होकर गौतम के होंठों को इतना जोर से अपने दांतों से काटा की गौतम की चीख निकल गई और वह ऋतु के दांतों से अपने होठों को छुड़वाकर रितु से बोला..
गौतम - पागल हो गई है क्या तू?
ऋतू वापस चूमती हुई - सॉरी छोटे भाई पर आज रात अपनी बहन को माफ़ कर देना..
गौतम रितु की हालत देखकर समझ गया था कि अब रितु काम के शिखर पर पहुंच चुकी है और जब तक उसकी उत्तेजना शांत नहीं हो जाती और उसकी चुत से बरसात का पानी निकाल कर बह नहीं जाता तब तक वह किसी भी बात को समझने और सोचने की हालत में नहीं आएगी इसीलिए गौतम ने अब रितु की काम उत्तेजना को ठंडा करने के लिए उसे अपने नीचे ले लिया..
गौतम ने रितु की टांग चोडी करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके की झटके में अंदर घुसा दिया अगर ऋतू पर गोली का असर ना होता तो वो चिल्ला पडती मगर इस वक़्त वो मज़े से चुदवाने लगी थी.. गौतम धीरे-धीरे चोदते हुए ऋतु के भारी भरकम चुचे पड़ककर मसलने लगा..

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ऋतू किसी रंडी की तरह सिसकियाँ लेते हुए चुदवाने लगी और उसकी सिस्कारिया पूरे कमरे में गूंजने लगी..
गौतम चोदते हुए ऋतु के चुचो को चूसने और चाटने लगा, मसलते हुए ऋतु के तनकर खड़े हुए चुचक को चूसने लगा..

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गौतम की चोदने की रफ्तार के साथ रितु की सिसकारियां और चीख भी तेज होने लगी थी उसकी आवाज और कमरे से बाहर जाने लगी थी और कोई अगर कमरे के आसपास से गुजरता तो ऋतू की आवाज उसके कान में पढ़ जाती..

ऋतू की चुदी हुई चुत में गौतम इतनी जोर जोर से झटके मार रहा था कि अब रितु को भी चुदवाने में दर्द होने लगा था और रितु दर्द और सुख के मिश्रित अनुभव को अनुभव करते हुए गौतम से लिपट गई थी..

दोनों जवान थे और दोनों में सेक्स की गोली खाई थी जिससे दोनों की चुदाई को चलते हुए अब तक एक घंटा हो गया था जिसमें कई बार रितु की नदी बह चुकी थी मगर गौतम अब तक उसी तरह ऋतु की नदी में बाढ़ पर बाढ़ लाये जा रहा था

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गौतम ऋतु को पोजीशन बदल बदल कर चोद रहा था कभी वह रितु को अपनी गोद में उठता
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तो कभी बिस्तर पर लेटाता
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कभी घोड़ी बनता
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तो कभी दीवार से चिपकाकर चोदता..
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रितु गौतम की हर बात मानते हुए उसके बताए गए हर पोज़ में चुदवा रही थी और गौतम अपनी बहन ऋतू को पिछले एक घंटे से चोदे जा रहा था..

ऋतू की चुत में दर्द अब ख़त्म हो चूका था औऱ जलन शुरू हो चुकी थी.. गौतम का लंड लेने का सुख उस जलन के मुक़ाबले में अतुलनीय था.. ऋतू बिलकुल रांड की तरह गौतम की हर बात मानकर चुदवा रही थी.. गौतम ने लगभग सवा घंटे चोदकर ऋतू की चुत में अपना माल भर दिया फुल ac ने भी दोनों पसीने से तर होकर पानी पानी थे..

ऋतू पेट बल बिस्तर पर लेटी हुई थी औऱ गौतम ऋतू के ऊपर उसकी चुत में लंड गुसाये हुए झड़ने के बाद भी ऋतू को चोद रहा था..

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ऋतू - गौतम..
गौतम - हाँ.. बहना...
ऋतू - शुक्रिया भाई.. मेरी सुहागरात को याद गार बनाने के लिए.. ऐसा मज़ा तो आज तक कभी नहीं मिला.. एक बार में इतनी बार कभी नहीं झड़ी..
गौतम - शुक्रिया केसा बहन? तेरा सगा भाई हूँ.. जो तु बोलोगी वो तो मुझे करना ही पड़ेगा..
ऋतू - छोटे भाई .. ये सच्चाई माँ पापा ने हम दोनों से छिपाई है.. चेतन भईया औऱ भाभी को भी इसका नहीं पाता.. इसे छिपी ही रहने देना.. हम जैसे ज़ी रहे है वैसे ठीक है.. मेरी असली माँ कौन है ये सच्चाई कई घर तोड़ सकती है.
गौतम ऋतू की चुत से लंड निकालकर - मुझे फर्क नहीं पड़ता ऋतू कौन क्या है.. मैं बस इतना जानता हूँ की मैं अपनी माँ का दिल नहीं दुखा सकता.. औऱ अब जब मुझे आता चल चूका है की तू भी मेरी सगी बहन है.. तु भी मेरे दिल में उतर चुकी हो..
ऋतू - किस्मत भी कितनी अजीब है गौतम.. हम दोनों सगे भाई बहन है औऱ फिर भी एकदूसरे को इतना पसंद है कि साथ सो रहे है..
गौतम बिस्तर से उठता हुआ - इसमें किसका कसूर है ऋतू.. किसे दोष दे..
ऋतू उठती हुई - छोडो ना छोटे भाई.. हमें एक दूसरे कि जरुरत है.. अब कोई भी रिश्ता हमें एक दूसरे के साथ मिलने से नहीं कोई रोक सकता.. अब तक जो हुआ उसे भूल जाते है.. तुम्हारी नाराजगी ने तुमको इतने साल मुझसे दूर रखा.. पता है कितना कोसा है मैंने अपने आपको तुम्हारे लिए?
गौतम ऋतू का बोबा पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए - ऋतू मैं मर्द हूँ किसी बात को दिल से लगा लू तो आसानी से नहीं मानता..
ऋतू - मर्द के साथ साथ भाई भी तो हो मेरे.. मेरी गलती को माफ़ नहीं कर सकते थे तुम?

गौतम ऋतू को दिवार से चिपका कर उसकी एक टांग उठाते हुए - मुंह से माफ़ी मांगी थी तुमने.. अगर चुत से मांगी होती तो कब का माफ़ कर देती मैं तुम्हे बहना..
ऋतू गौतम का लंड पकड़ कर अपनी चुत में घुसाती हुई - लो अब मांगती हूँ अपने छोटे भाई से चुत खोलकर माफ़ी.. करोगे कबूल अपनी बहन को माफी?
गौतम ऋतू की दोनों टांग उठाकर पहला झटका मारते हुए अपना पूरा लंड घुसाकर - कबूल है ऋतू.. तुम्हारे छोटे भाई को तुम्हारी माफ़ी कबूल है..

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ऋतू सिसकियाँ लेती हुई - आराम से ग़ुगु.. ये तुम्हारी बहन की छोटी सी चुत है, चम्बल का मैदान नहीं.. एक बार में पूरा घुसा दिया.. हाय.. वापस से दर्द होने लगा है मुझे तो..
गौतम धीरे धीरे धक्के मारते हुए - छोटी सी कहाँ है बहना? तेरी चुत को तो तेरे आशिक़ो ने चोद चोद के चौडा कर दिया है.. मुझे सच में ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई रांड चोद रहा हूँ.. पता नहीं इस गांडु ने तुझे इस फटी हुई चुत के साथ कैसे पसंद कर लिया औऱ शादी कर ली?
ऋतू चुदवाते हुए - दहेज के लालची चुत की सील नहीं पैसो की डील देखते है छोटे भाई..
गौतम मुस्कुराते - ये तो सही कहा बहना.. चल बचपन की तरह अंतराक्षरी खेले?
ऋतू गीतम को चूमती हुई - चुदाई के बीच अंतराक्षरी खेलनी है तुझे?
गौतम - खेलते है ना ऋतू.. चल पहले तू गा..
ऋतू चुदते हुए - मुन्नी बदनाम हुई डार्लिग तेरे लिए.. मैं झंडुबाम हुई डार्लिंग तेरे लिए.. मुन्नी के गाल गुलाबी होंठ शराबी चाल नवावी रे.. मैं आइटम बम हुई डार्लिंग तेरे लिये..
गौतम ऋतू को बेड ओर लेटा कर धीरे धीरे चोदते हुए - ये शाम मास्तानी मदहोश किये जाए.. मुझे चुत तेरी खींचे मेरा लंड लिए जाये.. ये से गा ऋतू..

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ऋतू चुदते हुए - ये गलिया ये चोबारा यहां आना ना दोबारा.. अब हम तो भये परदेसी की तेरा यहां कोई नहीं. कि तेरा यहां कोई नहीं.

गौतम ऋतू को बैठा देता है औऱ अपना लोडा उसके मुंह में देकर गाता है - होंठों से छू लो ऋतू, मेरा लंड अमर कर दो.. बन जाओ रांड मेरी, मुझे गांड भी दे दो..

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ऋतू मुंह से लंड निकालकर अपने बूब्स के बीच रखकर गौतम को titjob देती हुई - दिल दीवाना ना जाने कब खो गया.. तूने ऐसे चोदा कि कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया.. कुछ हो गया मेरी जा..
गौतम ऋतू को पीछे धकेल कर उसकी टांग फैलाते हुए उसकी चुत में लंड सेट करके धक्का मरते हुए - जिसका मुझे था इंतजार, जिसके लिए लंड था बेक़रार.. वो घड़ी आ गई आ गई.. आज चुत में तेरी उतर जाना है.. चोद देना है तुझको या चुद जाना है..

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ऋतू सिसकियाँ लेते हुए - हर ग़म उठा लूँ तन्हा अकेली.. तेरे लिये भाई लोडा भी झेली.. इतना तुझे प्यार दू.. कपडे उतार दूँ.. चोद लो भईया.. चुत भी वार दूँ..
गौतम चोदने कि रफ़्तार बढ़ाते हुए - तुझको ना चोदू तो दिल घबराता है.. चोदके तुझको बहना मुझको चैन आता है.
ऋतू - आराम से ग़ुगु जलन हो रही है..

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गौतम लगातार मिशनरी में चोदता हुआ. - सॉरी ऋतू..
गौतम औऱ ऋतू की चुदाई इस बार भी चलती रही औऱ तब तक नहीं रुकी जब तक गौतम ने ऋतू की चुत को चोद चोद कर सुज्जा नहीं दिया.. ऋतू की चुत लाल हो चुकी थी जलन औऱ सूजन भी चुत पर आ चुकी थी डबल रोती की तरह फूली हुई चुत हो चुकी थी ऋतू की...ऋतू की चाल में औऱ ज्यादा लचक आ गई थी..

सुबह के साढ़े पांच बज चुके थे औऱ ऋतू गौतम की बाहों ने नंगी लेटी हुई मुस्कुराते हुए गौतम को देख रही थी.. जो एक हाथ में ऋतू का बोबा पकड़कर ऋतू को अपनी बाहों में जकड़े हुए था औऱ दूसरे हाथ से सिगरेट के कश लगा रहा था.. राहुल अब भी बेसुध सोफे पर पड़ा था.
गौतम सिगरेट बुझाकार - बहना अब मुझे चलना चाहिए.. सुबह होने वाली भीड़ बढ़ जायेगी.. कोई भी तेरे कमरे से निकलते हुए देख सकता है.
ऋतू गौतम के होंठ चूमकर - दिल औऱ चुत लेकर जा रहे हो छोटे भाई.. ख्याल रखना मेरे दिल का..
गौतम उठकर कपडे पहनते हुए - तु भी मेरे दिल का ख्याल रखना ऋतू.. बहुत नाजुक है जल्दी टूट जाता है..
ऋतू मुस्कुराते हुए - एक बार तोड़ चुकी हूँ अब वो गलती नहीं करुँगी..

गौतम रूम से चला जाता है औऱ ऋतू नहाने चली जाती है..

Gazab ki update he moms_bachha Bro,

Ritu sanjay aur suman ki beti he...............

Aur chetan bhi sanjay ka saga bhai he..................Komal bachcha paida karne ke kabil nahi he

tabhi wo itni frustrated rehti he..........aur gugu ko apne pass rakhna chahti he..........

Ritu ke sath badhiya suhagrat banayi gugu ne....

Keep rocking Bro
 
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