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Thanks200 पेज पूरे होने की बहुत बहुत शुभकामनाएँ आपको मित्र !
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Bhai shemale nhi hai ab simran ldki hai maine update 23/24 me badlav kiya hai aur moderators ke kahne pr shemale ko hta diya hai kahani aeKya logic lagaya hai bhai aapne ! Is hisab se toh wo shemale bhi pregnan ho gayi hogi …
वाह क्या गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 43
गौतम - इतने दिनों से बस सोच रही हो आप.. हर्ज ही क्या है आपको रूपा और माधुरी के साथ रहने में? कब से वो दोनों आपको बुला रही हैं मगर आप है की जाना ही नहीं चाहती.. ऐसी छोड़ दो माँ.. हम कब तक इस घर में रहेंगे? आप जो चाहती थी वह होने वाला है आपको एक नया घर मिलने वाला है आप घर की मालकिन बनने वाली हो मगर पता नहीं क्यों आपने अपनेआप को रोका हुआ है.. एक बार फिर से सोच लो माँ.. रूपा और माधुरी दिल की बुरी नहीं है.. वह दोनों आपको अपनी बड़ी बहन की तरह रखने को तैयार है.. आप कहेंगी तो मैं भी उन दोनों से दूरी बनाकर रखूंगा.. आप इस तरह वहां जाने से इंकार मत कीजिए..
गौतम ने समझाते हुए अपनी मां सुमन को यह सब कहा तो सुमन पलटकर गौतम को जवाब देती हुई बोली..
सुमन - मैं नहीं जानती ग़ुगु मेरा रूपा और माधुरी के साथ नहीं रहने का फैसला सही है या गलत.. मगर मैं बस इतना जानती हूं कि मैं तुझे उन दोनों के साथ अब और नहीं देख सकती.. मैं किसी भी कीमत पर रूपा और माधुरी के साथ उस घर में नहीं रहूंगी और ना ही तुझे रहने दूंगी..
गौतम सुमन की बातें सुनकर घर से निकलते हुए उसे कहता है..
गौतम - जैसी आपकी इच्छा माँ.. अगर आप नहीं जाना चाहती तो कोई बात नहीं.. मैं आपके ऊपर यहां से चलने के लिए और दबाव नहीं डालूंगा.. आपके साथ मैं यहां भी आराम से रह सकता हूं.. मैं बस आपकी ख़ुशी के लिए आपको समझा रहा था..
ये कहते हुए गौतम घर से निकल जाता है और कार लेके आदिल के चाचा के घर के पास एक मोड़ पर आकर रजिया को फ़ोन करता है और उसे बहाना बनाकर घर से बुलाकर अपने साथ कार में बैठा कर कहीं जाने के लिए निकल पड़ता है..
गौतम के फोन पर आदिल का फोन आ जाता है जो उसे एक जगह मिलने के लिए कहता है..
गौतम आदिल की बताइ किसी जगह पहुंचता है तो देखा है कि आदिल अपने मामू की लड़की नरगिस के साथ खड़ा था.
शाम के 5:00 बजे का समय था और इस वक्त आदिल नरगिस के साथ एक पार्क के पास खड़ा था साथ ही उसके करीब उसके मामा की लड़की नरगिस भी खड़ी थी जो की बुर्के में थी. गौतम रजिया को लेकर उसी पार्क के पास आदिल की खड़ी जगह आ जाता है..
आदिल रज़िया को देखता है तो वो चौंक जाता है रज़िया आदिल को सलाम करती है और आदिल गौतम से कहता है..
आदिल - अबे रज़िया ही मिली थी तुझे?
गौतम - अब तेरी अम्मी को साथ से लाने से मना कर दिया तूने.. तो और किसको लाता? एंट्री चाहिए ना..
आदिल गाडी मैं बैठते हुए - ठीक है चल..
गौतम आदिल नरगिस सबको को गाडी में बैठा लेता है और चल देता है..
आदिल - मास्क तो ले लिये ना तूने?
गौतम - हाँ.. सब है..
नरगिस - मास्क लगाकर फ़िल्म देखेंगे?
आदिल - हाँ ख़ास फ़िल्म है मज़ा आएगा तुझे..
रज़िया - गौतम.. कोनसी फ़िल्म है..
गौतम - अभी पता नहीं.. जाकर पता चलेगा..
नरगिस - कहा जाना है? नया सिनेमाहॉल खुला है?
आदिल - नहीं.. पुराना है.. बहुत ख़ास है.. आसानी से टिकट नहीं मिलती.. बड़ी मुश्किल से मिली है..
रज़िया मुस्कुराते हुए - अच्छा? फ़िल्म देखते टाइम हमारे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं करोगे ना..
आदिल नरगिस की चूची पकड़ता हुआ - ज्यादा कुछ नहीं बस एक राउंड लेंगे..
नरगिस आदिल से अपनी चूची छुड़वाते हुए - क्या?
गौतम रज़िया की चुत पर हाथ लगाते हुए - ये..
रज़िया गौतम की तरफ बढ़कर उसके गाल चूमते हुए - सिर्फ एक बार ही लोगे?
गौतम रज़िया के होंठ चूमते हुए - तू एक राउंड ही संभाल लेना मुझे..
आदिल - गौतम मेडिकल पर रोक कंडोम ले लेता हूँ..
गौतम - छोड़ यार.. ये तो तेरे घर की घोड़िया है इनके साथ भी क्या कंडोम लगा के करेंगे?
नरगिस आदिल से - नहीं.. मैं बिना कंडोम नहीं करने दूंगी..
आदिल - रोक ले यार तू.. ले आता हूँ..
गौतम मेडिकल पर ग़ाडी रोकता है और आदिल कंडोम लेने चला जाता है..
रज़िया गौतम के ऊपर चढ़कर उसके होंठो पर टूट पडती है और अपने होंठों से चूमने लगती है जिसे देखकर नरगिस कहती है..
नरगिस - रज़िया तू तो यही शुरु हो गई.. अरे जगह तो देख ले.. लोग है आस पास..
रज़िया kiss तोड़कर - क्या करू नरगिस.. जब पास में ऐसा हसीन लड़का हो तो कैसे सब्र करू..
आदिल कंडोम लेकर आ जाता है साथ अपने लिए सेक्स पावर की गोली भी ले लेता है..
रज़िया वापस सीट पर आ जाती है और गौतम गाडी को चला कर सीधा एक पुरानी ईमारत के पीछे की बेसमेंट में लगा देता है जहा कोई नहीं था सब सुनसान था..
नरगिस - यहां कोनसी मूवी चल रही है? कोई भी तो नहीं है..
रज़िया - हाँ.. यहां तो कोई नहीं है.. और ये इलाका भी बहुत सुनसान है..
आदिल - अरे ऊपर है सिनेमा हॉल..
नरगिस - इस बिल्डिंग में?
आदिल - हाँ..
रज़िया - झूठ मत बोलो आदिल भाई.. तुम दोनों हमें किसी फ्लेट में लेजाकर पेलने वाले लगते हो..
नरगिस - आदिल.. ये क्या मज़ाक़ है.. तुम्हे करना था तो वही कर लेते.. मैंने मना थोड़ी किया था..
गौतम गाडी से उतरते हुए - अरे ख़ुफ़िया फ़िल्म है.. चलो आ जाओ.. चलते है..
गौतम आदिल रजिया और नरगिस के साथ उस पुरानी बिल्डिंग के बेसमेंट में गाड़ी लगाकर आगे की तरफ आ जाता है और सीडीओ से चढ़ता हुआ तीसरी मंजिल पर पहुंचता है.. यहां तक सारा रास्ता सुनसान था और कोई भी नहीं था मगर जैसे ही वह एक दरवाजे से एंट्री लेकर अंदर घुसते हैं वहां बहुत चल पहला और शोर शराब सब कुछ था.. वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी और सब किसी न किसी के साथ थे.. सब ने मास्क लगाया हुआ था और यहां पर गौतम ने भी सबको मास्क लगाने के लिए कह दिया था..
वहां से एक दरवाजे पर एंट्री पॉइंट था जहां पर दो लोग खड़े हुए थे और पर कपल एंट्री कर रहे थे लोग अपनी टिकट दिखाकर अंदर हाल की तरफ जा रहे थे और अपनी-अपनी सीट पर बैठ रहे थे सामने एक बड़ा सा पर्दा था जैसे कि आमतौर पर सिनेमा हॉल में होता है..
इस हाल की खास बात यह थी कि यहां पर हर तरफ से एंटी और एग्जिट प्वाइंट बने हुए थे पूरा कमरा साउंड प्रूफ था जिससे कोई भी शोर बाहर नहीं जा सकता था. सामने का पर्दा भी बिल्कुल सिनेमा हॉल की तरह साफ सुथरा और क्लियर था जिस पर कुछ ही देर में कोई पिक्चर चलने वाली थी..
गौतम ने रजिया के साथ तो आदिल ने नरगिस के साथ एंट्री ली.. एंट्री लेकर चारों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए जो गौतम के फ्रेंड ने रिक्वेस्ट करके दिलवाई थी..
5:00 बजने वाले थे और 6:15 पर पिक्चर शुरू होने वाली थी जो की डेढ़ घंटे की थी.. आज पिक्चर का थीम incest पर था जिसमें पारिवारिक रिश्तों में व्यभिचार को दिखाते हुए अश्लीलता का प्रदर्शन किया जा रहा था.. फिल्म का पोस्टर देखने से ऐसा लगता था कि इसमें घर में होने होने वाले व्यभिचार को कामुकता के रंग में रंगकर परोसा गया है..
सीट पर बैठते ही गौतम ने नरगिस के गले में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होंठो रखते हुए उसके होठों को खींचते हुए इस तरह चुम्मा जैसे कि वह आदिल की गर्लफ्रेंड ना होकर उसकी अपनी गर्लफ्रेंड हो..
नरगिस विरोध करना चाहती थी मगर एकदम से हुए इस हमले पर वह अपनी प्रतिक्रिया देने में असमर्थ थी और उसके होंठ गौतम के होठों के गुलाम बन गए. उसने अपने होठों के जाम गौतम को पिला दिए और जब गौतम उसके होठों को चुमकर चुत पर अपना हाथ रखता है तब नरगिस गौतम को रोक देती है और उसके साथ चुंबन को तोड़ लेती है..
आदिल ये सब देख रहा था मगर उसने गौतम को रोकने का कोई इरादा नहीं किया और ना ही उसने कोई कोशिश की.. वो बस सामने देखता हुआ पर्दे की तरफ देखने लगा..
रज़ीया ने गौतम को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होठों पर होंठ लगाती हुई बोली..
रज़िया - मैं हूँ ना.. गौतम.. मेरे साथ करो..
गौतम ने रज़िया को चुमा और चूमते हुए उसके बदन का जायजा लेने लगा. उसके बदन और गांड पर हाथ फिरता हुआ वह रजीया को चूमे जा रहा था कि सामने पर्दे पर पिक्चर शुरू हो चुकी थी..
हॉल के अंदर बैठे हुए सभी कपल एक दूसरे के साथ चुम्माचाटी और दूसरी तरह की कामुक हरकतो में लीन हो चुके थे वही सामने फ़िल्म की शुरुआत में दिखाया जा रहा था की एक 45 के करीब की खूबसूरत औरत एक 25 साल के लड़के के आगे घोड़ी बनी हुई थी और लड़का उसे चोद रहा था.
फ्लिम में चुत और लंड का सम्पर्क दिखाते हुए उन दोनों के चेहरे भी दिखाए जाते है.. इसीके साथ सामने दिवार पर लटकी घड़ी में रात के 2 बजे का समय दिखाया जाता है और उसके पास एक तस्वीर दिखाई जाती है जिसमे एक 50 साल का आदमी का चेहरा था जिसकी फोटो पर माला चढ़ी हुई थी.. उसी तस्वीर के करीब बाजू में एक और बड़ी सी तस्वीर थी जिसमे वो आदमी इस वक़्त चुद रही उस औरत के साथ खड़ा था और जो लड़का औरत को चोद रहा था वो उन दोनों के पैर छू रहा था.. जिससे पता चलता है की इस वक़्त जो लड़का जिस औरत को चोद रहा है वो उसकी माँ है और उसके बाप की मौत हो चुकी है..
नरगिस और रज़िया को अब पता चल गया था की ये सेक्स मूवी है.. हाल में बैठे हुए कपल में से बहुत से कपल ने अपने कपड़े साइड में रख दिए थे और अपने लंड और साथ आई लड़की की चुत और चुचो को भी नंगा कर दिया था और सेक्स की शुरुआत कर दी थी..
आदिल सेक्स की गोली खा चुका था और इस वक्त उसने नरगिस को अपनी बाहों में लेकर चूमना शुरू कर दिया था इसी के साथ ही गौतम ने भी रजीया के साथ मुंह मारना शुरू कर दिया था और अपना लंड बाहर निकाल कर रजीया के मुंह में दे दिया था जिसे रजीया बड़ी जोर से चूसते हुए मुस्कुराकर गौतम को देख रही थी..
गौतम रजिया को लंड चूसते हुए नरगिस की चुत पर हाथ रखकर उसकी चुत मसल रहा था.. काजल की बाहों में नरगिस यह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी चुत पर किसका हाथ है और वह गौतम को अपनी चुत पर हाथ लगाने से नहीं रोक रही थी.. आदिल में जब नरगिस को अपनी बाहों से थोड़ा ढीला छोड़ तब उसे पता चला कि उसकी चुत पर आदिल का नहीं बल्कि गौतम का हाथ था और उसने गौतम का हाथ हटाने की कोशिश की मगर गौतम ने नरगिस की चुत को कस के पकड़ लिया और मसल दिया जिससे नरगिस की आह निकल गई..
नरगिस की नजर जब गौतम के लंड पर गई तब उसकी आंखें खुली की खुली रह गई और लंड चुस्ती हुई रजिया को देखने के बाद में नरगिस की नजर गौतम के चेहरे पर पड़ी जिसपर एक कातिल मुस्कान छाई हुई थी..
गौतम का लंड देखने के बाद नरगिस ने गौतम के चेहरे पर मुस्कान देखी.. नरगिस भी मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगी और इस बार उसने अपनी चुत से गौतम का हाथ हटाने का कोई इरादा नहीं किया और गौतम को अपनी चुत से छेड़खानी करने की इज़ाज़त दे दीं. गौतम एक हाथ से नरगिस की चुत मसल रहा था दूसरे से अपना लंड चुस्ती हुई रज़िया की चुत को मसल रहा था..
आदिल भी नरगिस के होठों को चूमते हुए उसके बूब्स दबा रहा था और नरगिस के मज़े ले रहा था..
फिल्म मैं आगे दिखाया गया कि वह लड़का उस औरत के साथ घर के हर कोने में रोमांस कर रहा था और रोमांस करते हुए औरत को खुश रख रहा था साथ ही उसके साथ भर भर के चुदाई का काम भी कर रहा था.. दोनों की चुदाई की धमाकेदार आवाजे हॉल के स्पीकर से इतनी देर आ रही थी की हॉल में कपल की चुदाई की आवाजे उसमे दब कर रह जा रही थी..
आदिल ने नरगिस की सलवार नीचे करके उसे घोड़ी बना लिया और गौतम की तरफ नरगिस का मुंह करके पीछे से कंडोम लगाकर चोदने लगा..
गौतम के सामने जब नरगिस का चेहरा आया तो गौतम ने नरगिस के बाल पड़कर उसका चेहरा अपने लंड पर झुका दिया और नरगिस पीछे आदिल से चुदवाते हुए आगे रज़िया की तरह गौतम के लंड को चूसने लग गई..
गौतम के लंड पर रज़िया और नरगिस दोनों का मुंह था और दोनों बड़े चाव से लंड चूसती हुई गौतम के आंड चाट रही थी..
गौतम ने सामने हाल में देखा तो परदे की रोशनी मैं उसे कई कपल चुदाई करते हुए नज़र आ रहे थे उसके पास भी जो कपल बैठा हुआ था सेक्स करने लगा था...
गौतम को अब चुत चोदनी थी उसने नरगिस के मुंह से अपना लंड निकाल लिया और रज़िया की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पर बैठा लिया..
गौतम ने चुत पर लंड लगाते हुए झट से रज़िया की चुत में अपना लंड घुसा दिया.. रज़िया बहुत कामुक लड़की थी उस ने अपनी चुत में गाजर मूली बैगन बैलन लोकी सब घुसाईं हुई थी तो गौतम के लंड को अंदर जाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई मगर जब आधे से ज्यादा लंड जाने लगा तो रज़िया की चीख निकल गई और गौतम ने उसे चोदना शुरु कर दिया..
रज़िया की सडक छाप कुतिया की तरह सिसकते हुए गौतम के लंड पर उछल रही थी और आदिल नरगिस के बाल पकड़ कर पीछे से उसकी चुत मार रहा था और अब वो झड़ने वाला था.. रज़िया भी गौतम का लंड लेते ही झड़ गई और अब उसकी चुत पूरी गीली थी जिससे लंड ऊपर नीचे होने में ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था.. चुदाई चरम पर थी चारो सम्भोग में सुख भोग रहे थे.. फ़िल्म भी अपनी गती से आगे बढ़ रही थी और चुदाई पर चुदाई हो रही थी हॉल में कपल खुलकर एक दूसरे को चोद रहे थे सबकी शर्म निकल चुकी थी..
आदिल भी झड़ गया और सीट पर बैठ गया.. गौतम ने रज़िया को लंड पर से उतार दिया और आगे सीट पर झुका कर पीछे से उसकी चुत मारने लगा.. इसके साथ उसने देखा की नरगिस भी सीट पर बैठकर आदिल का कंडोम बांध कर सीट के नीचे रख रही थी.. गौतम ने थोड़ी देर रज़िया को छोड़ तो वो काम के चरम पर पहुंचकर वापस झड़ गई..
गौतम ने रज़िया छोड़ दिया और नरगिस का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया.. नरगिस भी बिना कुछ कहे गौतम के ऊपर आ गई और बिना कंडोम की परवाह किये गौतम के लंड को सिसकारियों और कामुक आवाजो के साथ चुत में ले गई..
गौतम ने नरगिस को गोद में उठाकर चोदना शुरुआत कर दिया जिसे आस पास के कपल देखकर तालिया बजाते हुए शोर करने लगे... .
फ़िल्म आधी ख़त्म हो चुकी थी और आदिल ने अब रज़िया का हाथ पकड़कर उसे सीट पर घुमा लिया और चुत में लंड डाल कर चोदने लगा रज़िया आदिल के लंड से आराम से चुद रही थी और गौतम को देख रही थी जो नरगिस को लोडे पर उछाल उछाल के चोद रहा था. नरगिस झड़ गई और हाफने लगी मगर गौतम चोदे जा रहा था.. और ताबड़तोड़ झटके माररहा था.
गौतम ने इशारे से आदिल को कुछ कहा तो वो रज़िया को छोड़कर गौतम के आगे आ गया और नरगिस के पीछे खड़ा हो गया.. गौतम ने चोदना रोका तो आदिल ने नरगिस की गांड के छेद पर अपना खड़ा लंड लगा के झटका मारा और अपना लंड नरगिस की गांड में पेल दिया..
नरगिस गांड मरवा चुकी थी इससे उसकी गांड में लंड आराम से चला गया और अब वो आदिल और गोतम के बीच आगे पीछे दोनों तरफ से चुद रही थी उसकी चीखे आदिल के कानो में मिश्री बनकर पड़ रही थी.. नरगिस की हालात खराब थी वो दोनों से छोड़ने को कह रही थी मगर दोनों उसको आगे पीछे से चोदे जा रहे थे..
आदिल ने चुदाई के दौरान नरगिस को कौशल की बात बता दीं और गाली देते हुए कहा..
आदिल - मुझे धोखा देगी रंडी.. ले.. चुदाई खानी छिनाल.. लंड चाहिए ना तुझे.. चुद अब..
नरगिस पहले ही इतनी हार्ड चुदाई से थक चुकी थी और अब उसे दर्द हो रहा था वही आदिल की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो चुकी थी और अब उसने दोनों से छोड़ने की अपील करना भी बंद कर दिया था..
रज़िया सीट पर बैठी हुई नरगिस की चुदाई देखकर घबरा गई थी और उसने अपनी चुत कपडे से पोंछकर वापस चुदने का इरादा छोड़ दिया रहा..
आदिल और गौतम के साथ नरगिस की चुदाई देखकर लोग तालिया बजाते हुए अपने अपने साथी के साथ मज़े ले रहे थे फ़िल्म में भी चुदाई का सीन चल रहा था जहा माँ रसोई में खाना बनाते हुए बेटे से चुद रही थी..
आदिल वापस झड़ गया और नरगिस की गांड में खाली होकर सीट पर आ बैठा वही अब गौतम भी झड़ने वाला था उसने नरगिस को सीट पर पटक दिया और रज़िया के बाल पकड़कर उसके मुंह को नरगिस के मुंह के पास लाकर दोनों के मुंह के सामने अपना लंड हिलाते हुए उनके मुंह पर अपना वीर्य एक के बाद एक अपनी पिचकारी से कई धार छोड़कर झड़ गया..
नरगिस शर्म और चुदाई से बेहाल थी वही रज़िया दो बार झड़कर संतुष्ट और खुशहाल हो चुकी थी..
फ़िल्म समाप्ति की और थी..
रज़िया ने मुंह में लेकर गौतम का लंड साफ किया और अपने मुंह अपने दुप्पटे से.. नरगिस भी उसी दुप्पटे से मुंह साफ करने लगी..
आदिल का गुस्सा शांत नहीं हुआ था वो दो बार झड़ चूका था और होली खाने से अब भी उसका लंड सख्त था उसने पहिसे नरगिस को सीट पर घोड़ी बना लिया और नरगिस शर्म के मारे बिना कुछ बोले सिसकती हुई वापस आदिल से गांड मरवाने लगी..
थोडी देर बाद गौतम ने आदिल को नरगिस के पीछे से हटा दिया और अपना लंड नरगिस की गांड में घुसा दिया जिससे नर्गिस गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाते हुए गांड मराने लगी आदिल के दिल को सुकून मिल गया और उसने रज़िया को भी उसी तरह घोड़ी बना लिया..
अगल बगल रज़िया और नरगिस एक जैसी पोज़ में घोड़ी बने हुए थे.. नरगिस की गांड में गौतम खलबली मचा रहा था और रज़िया की चुत में आदिल उतरा हुआ था मगर रज़िया को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा था.. रज़िया अपने दाने को छेड़ती हुई वापस कामुक हो रही थी और आदिल से चुद रही थी वही नरगिस तो ऐसे फसी जैसे रज़िया गुंडों में..
नरगिस ने हाथ जोड़कर गौतम से छोड़ने को कहा तो गौतम को तरस आ गया और उसने नरगिस की गांड से लंड निकाल लिया.. आदिल भी रज़िया के साथ वापस झड़ गया था.
गौतम के लंड पर किसी की नज़र पड़ी तो उसने गौतम को देखकर कहा.. बड़े लंड वाल.. बड़े लंड वाला.. गौतम के आस पास की 3-4 लड़की जो अपने कपल के साथ थी गौतम का लंड देखकर गौतम पर टूट पड़ी और एक साथ उसके लंड को चूसने लगी..
गोतम को अचानक समझ नहीं आया की ये क्या हुआ.. आदिल रज़िया और नरगिस भी ये सब देख रहे थे.. गौतम सामने 4-5 लड़किया बैठकर उसके लंडपर टूट बड़ी किसी ने उसके टट्टे चाटे किसी ने लंड किसी ने जांघ किसी ने झाट वाला हिस्सा.. गौतम कामुकता से वापस भरने गया था..
फ़िल्म ख़त्म होने ही वाली थी और एक एग्जिट point खुल चूका था जहा से अब कपल बाहर जाने लगे थे.. गौतम लड़कियों के चारे के मास्क उतारे तो उसे बेहद खूबसूरत खूबसूरत लड़किया अपने लंड दिखी जो रसीसजाडीया मालूम पडती थी..
आदिल ने गौतम से इशारे ने निकलने को कहा तो गौतम ने उसे इशारे से जाने के लिए कहा और आदिल रज़िया को इशारा करके वहा से जाने लगा आदिल के पीछे पीछे रज़िया भी लचकती हुई निकल गई और नरगिस हॉल में लगी सीट का सहारा लेते लेते बाहर निकली उसकी आज हालात खराब हो चुकी थी.. गौतम का लंड बारी बारी से सबके मुंह में जा रहा था और गौतम को लगने लगा था की अब अगर वो नहीं निकला तो लाइट on हो सकती है और फिर उसका चेहरा कोई भी देख सकता है..
गौतम ने लंड हाथ में लिया और मुठियाते हुए सामने बैठी लड़कियों के ऊपर अपना माल छोड़ दिया और हाल से अपने जीन्स पहनते हुए भागकर निकल गया..
आदिल के दिल में सुकून भर गया था उसके सामने नरगिस शर्म से पानी पानी होकर अपनी गांड पकडे खड़ी थी और रज़िया हसते हुए गौतम के लंड से मिले सुकून को महसूस करते हुए..
हॉल से निकले सब लोग आगे पार्किंग में जारहे रहे और गौतम पीछे पार्किंग में आदिल के पास आ गया..
गौतम कार मैं बैठ गया और बाकी लोग भी बैठ गए आदिल वहां से निकल गया और रास्ते में एक चाय की दूकान पर गाडी रोककर चाय वाले से चार चाय देने को कहते हुए आदिल से नरगिस का हाल पूछने को कहा..
गौतम - लगता है नरगिस नाराज़ है..
आदिल हसते हुए - कौशल की याद आ रही होगी..
नरगिस चुप थी और शर्मिंदा भी..
रज़िया - कितना रगड़ के किया था तुम दोनों ने इसके साथ... मैं तो घबरा ही गई थी कही मुझे भी इसकी तरह ना चुदवाना पड़े..
चायवाला - आपकी चाय..
सबने चायवाले से अपना अपना कुल्हड़ लेके चाय पीना शुरु कर दिया.. नरगिस को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करें.. वो चुपचाप चाय पी रही थी..
आदिल ने गौतम के कान में कुछ कहा और गौतम ने रज़िया के कान में.. रज़िया हस्ती हुई दोनों को देखने लगी..
सबने चाय पीकर कुल्हड़ बाहर फेंक दिया.. चायवाला आकर - भाईसाब आपकी 4 चाय के 60 हो गए..
गौतम आदिल को देखकर - मेरी पास तो नहीं है आदिल तू देदे..
आदिल - मेरी पास भी नहीं है यार.. रज़िया तू दे दे..
रज़िया - तुम्हारे पास नहीं है तो मेरी पास कय होंगे... मैं भी बिना पैसे आई थी..
गौतम - नरगिस तुम पैसे दे दो..
नरगिस शर्मिंदगी से - मेरी पास भी नहीं है..
आदिल नरगिस को बिना उसका पर्स लिए ही ले आया था इसलिए वो जानता था नरगिस के पास पैसे नहीं है.. वो गौतम और रज़िया के साथ मिलकर ये नाटक कर रहा था..
चायवाला - इतनी अच्छी कार है भाईसाहब आपके पास.. 60 रुपए तो होंगे ही..
गौतम - आज भूल गया पैसे लाना यार.. कुछ और हो सकता है..
चायवाला - क्या मतलब?
आदिल - अरे भाईसाब आप पीछे आओ ना..
चायवाला पीछे कार की खिड़की में देखता हुआ - क्या?
आदिल नरगिस के चुचे पकड़ कर - भाईसाब पैसे के बदले इसके चुचे चूस लो..
चायवाला हैरानी से चुप था..
आदिल - क्या हुआ भाईसाब? आओ अंदर बैठ जाओ.. चूस लो..
चायवाला कामुकता से भर गया और गाडी के अंदर बैठ गया..
आदिल ने नरगिस के चुचे कुर्ती से बाहर निकाल दिए और चायवाला झपट कर नरगिस के बोबे चूसने लगा.. आदिल और गौतम एक दूसरे को देखकर हसने लगे वही नरगिस चुपचाप शर्मिंदा बैठी हुई चायवाले को चुचे चूसा रही थी..
आदिल - भाईसाब सिगरेट मिलेगी..
चायवाला चुचे चूसता हुआ - अभी लाया भाईसाब..
चायवाला एक बड़ी एडवांस सिगरेट और लाइटर लेके आ गया और आदिल को दे कर वापस नरगिस के चुचे चूसने लगा..
आदिल ने एक कश लेकर सिगरेट गौतम को दे दी..
गौतम सिगरेट के कश लेते हुए चायवाले से बोला - भाईसाहब नाम क्या है आपका..
चायवाला - विनोद कुमार..
गौतम - विनोद भाई एक चाय और पीला दो..
नरगिस विनोद को अब अपने चुचे से हटा कर चुचे कुर्ती में वापस डाल लेती है और मुंह मोड़कर बैठ जाती है..
चायवाला - महगाई का टाइम है भाईसाब.. बिना वैसे कैसे चलेगा..
रज़िया विनोद के लंड पर हाथ रखकर - विनोद भाई.. पीला दो ना..
चायवाला विनोद - लता हूँ बहन जी..
आदिल हसते हुए - क्या बात है.. रज़िया रंडी..
रज़िया नरगिस से - नरगिस.. चुप क्यों है..
गौतम - ये तो कौशल बताएगा..
आदिल हसते हुए - सही कहा..
थोड़ी देर बाद चायवाल चाय लेकर आता है और आदिल और गौतम चाय पिने लगते है वही नरगिस चाय नहीं लती और मुंह बनाके बैठ जाती है रज़िया चाय की चुस्की लेकर चाय तो अच्छी बनाई है..
गौतम - हाँ इनाम तो मिलना चाहिए विनोद को..
चायवाला विनोद - क्या भाईसाहब...
गौतम रज़िया से - रज़िया मुंह में लेके thanks बोल विनोद को..
रज़िया हैरानी से - क्या?
आदिल चाय पीते हुए - बोल दे रज़िया.. तेरा क्या जाएगा बेचारे का भला हो जाएगा..
रज़िया कार का दरवाजा खोलकर इधर उधर देखती है और फिर विनोद की जीप खोलकर उसका लंड मुंह मे लेकर 2-3 बार चुस्ती है और thanks you भैया बोल देती है..
विनोद कामुकता से भरा हुआ देखता रह जाता है और सबके जाने के बाद दूकान के पीछे जाकर मुठ मारता है..
गौतम आदिल रज़िया और नरगिस को ड्राप करके वापस जब घर आया तो रात के 9 बज रहे थे..
कहा था अब तक? और फ़ोन क्यों नहीं उठाया तूने मेरा?
माँ साइलेंट था फ़ोन पता नहीं चला..
मैं यहां अकेली थी ग़ुगु..
माँ.. पुलिस क्वाटर है.. आसपास पुलिस वाले है.. इतने कैमरा और सेक्विरिटी है.. आप फिर भी डरती हो..
मुझे नहीं पता तू मुझे छोडके मत जाया कर शाम के बाद..
गौतम सुमन को बाहों में लेटा हुआ - अच्छा ठीक है मेरी शहजादी.. अब नहीं जाऊँगा शाम के बाद घर से बाहर...
सुमन मुस्कुराते हुए - खाना खा ले.. कब से इंतजार कर रही थी..
गौतम - क्या बनाया है?
सुमन - प्याज के पराठे तेरे पसंद के..
गौतम के गाल को चूमता हुआ - क्या बात है माँ.. आज तो बहुत प्यार आ रहा है अपने बेटे पर..
सुमन खाना ड़ालते हुए - तू नरकज़ तो नहीं है ना ग़ुगु मेरी फैसले से..
गौतम खाना खाते हुए - नहीं माँ.. रूपा और माधुरी के साथ रहना या ना रहना आपकी मर्ज़ी है.. मैं इसमें आपसे क्यों नाराज़ हूंगा? चलो आप भी खाओ.. मैं जानता हूँ आपने भी नहीं खाया होगा..
सुमन भी उसी प्लेट में गौतम के साथ खाना खाने लगती है और कहती है - ग़ुगु.. तू बता रहा था तेरे एग्जाम शुरु है 3 दिन बाद.. तैयारी ठीक चल रही है ना..
गौतम सुमन को खाना खिलाते हुए - आप फ़िक्र मत करो.. आज तक फ़ैल हुआ हूँ जो अब हूंगा.. टॉप करना नहीं है.. फैला होना नहीं है.. पास हो जाऊंगा..
सुमन - आज से हम अलग अलग सोयेंगे ग़ुगु..
गौतम - क्यों?
सुमन - कल रात तो तू बहक ही गया था.. अगर मैं नहीं रोकती तो तू छोटे ग़ुगु को मेरे अंदर डाल दी देता..
गौतम खाने की प्लेट देते हुए - वो तो मै मज़ाक़ कर रहा था माँ.. आप भी ना... चलो जल्दी आओ माँ मैं वेट कर रहा हूँ बिस्तर में..
सुमन मुस्कुराते हुए दिल ही दिल में गौतम को जाते देखकर मचलने लगी थी..
उसने जल्दी से बर्तन धोकर गौतम के पास की राह ले ली और उसके पास चली गई..
पिछली रात की तरह आज भी गौतम ने सुमन के बदन से चड्डी और ब्रा के अलावा सारे कपडे उतार दिए.. और खूबसूरत भी सिर्फ चड्डी में आ गया और सुमन से लिपटा हुआ थोड़ी देर उससे इधर उधर की बात करके सो गया..
Bahut hi shandar update he moms_bachha Bro,Update 41
शाम के समय कबाड की दूकान में एक टेबल के आगे कुर्सी लगा के बैठे फारूक का जब फ़ोन बजा तो वो उठ खड़े हुए और दूकान में टहलते हुए बात करने लगा.
कुछ देर बात करने के बाद फारूक ने फ़ोन काट दिया और दूकान की छत पर अपनी मामू की लड़की नरगिस से आशिक़ी लड़ाते अपने बेटे आदिल को आवाज लगाई. जब आदिल आवाज सुनकर नहीं आया तो फारूक ने अपने यहां काम करने वाले रामु को ऊपर छत पर भेजते हुए आदिल को बुलाने का कहा..
फारूक - आदिल.. आदिल.. रामु जा ऊपर देख वो हरामखोर क्या कर रहा है? बुला के ला उसे..
रामु ने अपने मालिक की बात मानकर छत की तरफ रास्ता कर लिया और छत पर आ गया.. आदिल छत के एक कोने में बैठा नरगिस के साथ फ़ोन सेक्स में बिजी था तभी वहा रामु आकर बोला..
रामु - नीचे तुम्हे तूम्हारे अब्बा फारूक मिया बुला रहे है..
आदिल रामु को देखकर - क्या रामु डरा दिया तूने तो.. चल मैं आता हूँ..
रामु वापस नीचे चला जाता है और आदिल उसके पीछे पीछे नीचे आ जाता है..
फारूक - कान में तेल डालके बैठा था क्या भड़वे? कितनी आवाजे लगाई, सुनाई नहीं दिया? चल.. अब जल्दी जा और चाचू के यहां से हिसाब की डायरी ले आ.. महीने का आखिर है सबका हिसाब करना है.. और इस बार टेंडर में सरकारी कबाड की बोली कितनी भेजनी है ये भी पूछ लेना.. पर ज़रा अकेले में, जरुरी टेंडर है..
आदिल - आज तक कोई टेंडर मिला है जो अब मिलेगा... पर ठीक है.. जाता हूँ..
आदिल दूकान से थोड़ा दूर जाकर गौतम को फ़ोन करता है..
आदिल - हेलो.. रंडी..
गौतम - हाँ गांडु.. बोल?
आदिल - दुकान के पास वाली डेयरी पर मिल.. कहीं चलके आना है..
गौतम - अभी मूड नहीं है यार.. बहुत गर्मी है..
आदिल - नाटक मत कर रंडी.. आजा जल्दी.. तेल डलवा दूंगा बाइक में..
गौतम - चल आता हूँ..
गौतम आदिल को डेयरी पर से पिकअप करके चल देता है..
गौतम - बता कहा चलना है?
आदिल - चाचू के यहां..
गौतम - क्यों? अब चाचू की लड़की रज़िया पर दिल आ गया क्या तेरा? वो तो खुश हो जायेगी सुनकर..
आदिल - अबे अब्बू ने भेजा है काम से.. रजिया पे किसका दिल आएगा.. ना शकल है ना सामान.. डायरी लाना है हिसाब की.. चाचू की दूकान से क्या क्या आया है और उनको क्या क्या गया है..
गौतम - अच्छा तो अब कबाड़ीवाले भी बनियो की तरह हिसाब रखने लगे है.. अच्छा है..
आदिल - अबे ओ ठुल्ले की औलाद.. कबाड़ी की सही पर अपनी अपनी दुकान है अब्बू की और चाचू की.. दिनभर कुर्सी पर बैठके काम करते है तेरे बाप की तरह थानेदार का लोडा मुंह में लेकर चूसते हुए ज़ी सर ज़ी सर नहीं करते..
गौतम जोर से - कबाड़ीवाले... कबाड़ीवाले...
आदिल - भोस्डिके, मुंह बंद कर ले अपना.. बकचोद साला..
गौतम - बुरा क्यों मानता है गांडु.. चल टंकी फुल करवा दे..
आदिल - भाई 100 का डाल दे..
गौतम - 100 में भड़वे वापस नहीं लाऊंगा तुझे..
आदिल - ठीक है रंडी.. 200 का डालवा ले..
गौतम - वैसे एक बात बोलनी थी तुझे.
आदिल - हाँ बोल..
गौतम - यहा नहीं, किसी चाय कॉफी की दूकान पर रोक.. बहुत सीरियस है पर मुझे कन्फर्म नहीं है..
आदिल - भोस्डिके, चाय कॉफी तो वैसे ही पीला दूंगा उसके लिए क्यों नाटक कर रहा है..
गौतम - गांडु सीरियस बात है तेरे लिए.. मेरा क्या है मत सुन.. तेरी अम्मी चुदेगी बाद में..
आदिल - वो तो तू पहले ही चोद चूका है.. अब लंड बड़ा करवा रहा है क्या? आगे उस दूकान पर रोक ले..
गौतम आगे एक रेस्टोरेंट पर रोक लेता है और आदिल के साथ अंदर जाकर एक टेबल पर बैठ जाता है..
आदिल - हां बता.. क्या बात है..
गौतम - पहले कुछ मंगवा तो ले गांडु..
आदिल - भाई दो चाय ला दे..
गौतम - दो समोसे भी ले आना..
आदिल - रंडी.. अब अपना घाघरा खोलके बोल भी दे क्या बात है?
वेटर - लो भईया.. समोसे और चाय..
गौतम - भाई एक चिप्स का पैकेट भी देना..
आदिल - भोस्डिके उस दिन बड़े पैसे थे जब मुझे दो मिनट में दो हज़ार भेजे थे.. अब क्या हुआ?
गौतम - भाई पैसे तो अब भी है औऱ इतने है की तेरे बाप की दूकान खरीदकर तेरी अम्मी के भोसड़े में डाल दू मगर खर्च करने में शर्म आती है..
आदिल - बहन के लंड.. बात क्या है वो बता..
गौतम - सुन वो तेरे मामूवाली लड़की नहीं है जिसकी तूने फ़ोन में फोटो दिखाई थी.. जिसके इश्क़ में तू पागल है.. नरगिस..
आदिल - हाँ तो उसका क्या?
गौतम - यार उसको कल हाज़ीवाले की गली में देखा था.. किसी लड़के से बात करते हुए मैंने.. उसका पता किया है, कौशल नाम है लड़के का..
आदिल - तू क्या कह रहा है? साले बहुत लॉयल है वो मेरे साथ..
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - तू देख ले यही है ना..
आदिल - पर वो कह रही थी कल अपने खालू के यहां गई थी..
गौतम - भाई बुरा मत मानना.. पर मुझे तो यही खालू तेरी नरगिस का लालू लगता है.. मेरा दोस्त लोकेश भी इसके बारे में बता रहा था..
आदिल - क्या..
गौतम समोसे खाते हुए - छोड़ तू रोने लग जाएगा सुनकर.. यहां के समोसे मस्त है बहनचोद..
आदिल - समोसे गांड में डाल दूंगा.. रंडी.. नरगिस के चक्कर में मेरा यहां दिमाग खराब हो रहा है और तुझे समोसे की पड़ी है.. तेरे दोस्त ने क्या बोला सच बता..
गौतम - सुनना चाहता है तो तेरी मर्ज़ी सुन.. वो कह रहा था की नरगिस को उसके शोहर ने कौशल से बात करते पकड़ लिया था इसलिए तलाक़ दे कर भेज दिया.. और अब भी दोनों छुप छुप के मिलते है..
आदिल - सच कह रहा है ना.. मज़ाक़ थोड़ी कर रहा है मेरे साथ?
गौतम - समोसे की कसम भाई.. चल अब तू तो खाने से रहा.. तेरा समोसा भी मैं खा लेता हूँ..
आदिल - वो कौशल कहा रहता है? जानता है क्या? मिलना है उससे.. बात करनी है..
गौतम - रहता तो हाज़ीवाले मोहल्ले में ही है.. ये ले.. लोकेश से नंबर ले आया था उसके.. कर ले बात..
आदिल नंबर मिलाकर..
आदिल - हेलो..
कौशल - हाँ ज़ी कौन?
आदिल - कौशल बोल रहा है?
कौशल - हाँ बोल रहा हूँ बोलो क्या चाहिए?
आदिल - नरगिस को कैसे जानता है?
कौशल - कैसे जानता है मतलब? सेटिंग है मेरी.. और तू कौन है साले?
आदिल - मै तेरा बाप हूँ साले.. समझा..
कौशल - अबे ओ लोड़ू.. जबान संभालके. नरगिस के चक्कर में कई लड़के मार खा चुके है मुझसे, तेरी भी इच्छा हो मार खाने की तो आ जाना.. कौशल ने फ़ोन काट दिया और आदिल फ़ोन कटने पर उदास होकर अपना सर पकड़ कर वही नीचे की तरफ टेबल को देखने लगा और अपने चुदे हुए इश्क़ का शोक मनाने लगा..
गौतम वेटर से - तुम्हारे यहां बियर वगेरा मिलती है?
वेटर - नहीं भाईसाब..
गौतम - ठीक है एक पानी बोतल ला दे..
वेटर पानी की बोतल दे गया और गौतम आदिल के मुंह को देखने लगा जिसपर मातम छाया हुआ था..
आदिल - अम्मी ने सही कहा था भाई, मैं ही अंधा था. मुझे ही कुछ नज़र नहीं आया.. नरगिस का फ़ोन रात रातभर बिजी आने पर भी मैं समझ नहीं पाया..
गौतम - चल अब ये नरगिस वाला क़िस्सा यही दफ़न कर.. छोटे कबाड़ी के घर चलते है..
आदिल - साले चाचू है मेरे..
गौतम - एक ही बात है भाई.. चल आजा..
आदिल - बहुत दिल दुखा है यार, इस साली नरगिस को तो बताऊंगा मैं.. ऐसा रगड़ के चोदुँगा साली को की याद रखेगी..
गौतम - भाई एक राउंड मुझे भी चाहिए..
आदिल - एक बार मेरा हो जाए फिर एक क्या दो ले लेना.. बहुत शौक है साली को रंडी बनने का.. मैं बनाऊंगा इसको रंडी..
गौतम - ले भाई.. आ गया तेरे चाचू का घर.. ले आ अंदर से जो लाना है..
आदिल अंदर चला जाता है और गौतम घर के बाहर बाइक पर बैठा उसका इंतज़ार करने लगता है की एक लड़कि उसके गाल को पीछे से आकर चुम लेती है..
गौतम पीछे देखकर - क्या कर रही है?
लड़कि मुस्कुराते हुए - किस्सी कर रही हूँ..
गौतम नाराज़गी से - मैंने कहा है तुझे किस्सी करने को? बेशर्म है क्या बिलकुल..
लड़की - इतनी भी क्या नाराज़गी.. एक किस्सी ही तो की है.. कोनसा तुम्हारा रेप कर दिया..
गौतम - तू करेगी साली मेरा रेप.. एक बार चोद दिया ना पकड़ के.. तो कई दिनों तो ठीक से चल भी नहीं पायेगी..
लड़की प्यार से - तो चोद ना गौतम.. मैंने कब मना किया है तुम्हे.. अम्मी कसम.. पूरा खुश करुँगी.. तू जैसे कहेगा वैसे..
गौतम - इतनी आग लगी है तेरे अंदर तो बोल दे कबाड़ी वाले को तेरा निकाह करवा देगा..
लड़की उदासी से - इस शकल के साथ कौन निकाह करने पसंद करेगा.. इस साल पचीस की हो जाउंगी..
गौतम लड़की का हाथ पकड़ कर - अरे उदास मत हो यार.. तेरा फ़ोन दे..
लड़की फ़ोन देते हुए - लो..
गौतम अपना नंबर देते हुए - आस पास में कोई जगह है सुनसान?
लड़की मुस्कुराते हुए गोतम की बात का मतलब समझकर गौतम का हाथ पकड़ कर उसे घर के पीछे कबाड़ के ढ़ेर से होते हुए एक कोने में लेजा कर - यहां कोई नहीं आएगा..
गौतम लड़की को बाहों में लेते हुए उसके होंठों पर kiss करके - मुंह में लेगी?
लड़की शरमाते हुए नीचे बैठकर गौतम की जीन्स खोलती हुई उसके लंड को देखकर - गौतम ये.. ये.. तेरा इतना बड़ा?
गौतम लंड लड़की के होंठों पर रगढ़ते हुए - डर गई क्या रज़िया? ले ना..
रज़िया लंड देखकर अपनी चुत मसलते हुए - ले रही हूँ गौतम..
रज़िया जीभ बाहर निकालकर लंड चाटने लगती है और फिर धीरे धीरे मुंह में लेकर चूसने लगती है..
आदिल फ़ोन पर - अबे रंडी कहा गया तू?
गौतम फ़ोन पर - घर के पीछे हूँ.. रज़िया को मुंह में दे रहा था..
आदिल - अबे उस कालीकलूटी में तुझे क्या मज़ा आ रहा है..
गौतम रज़िया के बाल मुट्ठी में भीच के मुंह में लंड के झटके मारते हुए - चुप बहन के लंड.. इतनी प्यार से मुंह में लेकर चूस रही है बेचारी.. तू वेट कर..
आदिल - जल्दी आ भाई.. मेरा दिमाग खराब है आज दारू पियूँगा..
गौतम फ़ोन काट कर - रुक आता हूँ.. रज़िया से.. रज़िया डार्लिग.. जाना पड़ेगा मुझे..
रज़िया मुंह लंड निकालकर जीरो जीरो से हिलाती हुई - फिर कब मिलेगा मुझसे?
गौतम झड़ते हुए - बहुत जल्द.. चुत भी तो लेनी है तेरी.
गौतम का मुठ रज़िया मुंह झड़वा लेटी है और पीते हुए गौतम से अपना छोटा सा बोबा दिखा कर कहती है - एक निशानी तो दे जाओ गौतम...
गौतम जीन्स पहन कर रज़िया का बोबा पूरा मुंह में भरकर चूसते हुए निप्पल्स के पास दो तीन जगह love बाईट दे देता है और रज़िया से कहता है - चलता हूँ.. फ़ोन करूँगा..
रज़िया अपनी चूची सहलाती हुई - मैं इंतजार करूंगी गौतम..
आदिल गौतम के साथ वापस चल देता है...
आदिल दूकान पर डायरी रखकर गौतम से - चल भाई.. आखिरी मंज़िल ले चल..
गौतम - पैसे है तेरे पास?
आदिल उदासी से - हाँ रंडी.. अभी अभी गल्ले से निकाले है..
गौतम - अब्बू के सामने चोरी?
आदिल - अबे अब्बू का ध्यान कहीं औऱ था..
गौतम गाडी स्टार्ट करके - चल भाई आज तो मेरा भी मन है.. आखिरी मंज़िल पर जाकर जाम छलकाते है..
गौतम और आदिल बाइक स्टार्ट करके आदिल के अब्बू फारूक की दुकान से चल पड़ता है और छोटी-मोटी गलियों से होते हुए एक पुराने जमाने वाले बार में पहुंचते हैं जिसका नाम आखरी मंजिल होता है..
बार में कोने की एक टेबल पर बैठके दोनों दो बियर मंगवा लेते है औऱ पीते हुए बात करने लगते है आज आदिल उदासी से अपने दुख दर्द सुना रहा था औऱ गौतम को बता रहा था की वो नरगिस से कितना प्यार करता था औऱ उसे केसा महसूस हो रहा है..
आदिल - बहन की लोड़ी रांड.. साली.. भाई बहुत कुछ सोच रखा था मैंने उसके लिए.. मगर वो साली.. फ़ोन पर कितनी शरीफ औऱ सीधी बनती है.. असल में है छिनाल.. बहुत दर्द हो रहा है यार दिल में..
गौतम - अबे जितना दर्द तेरे दिल में है उतना उसकी चुत में देंगे ना मिलकर अपन दोनों.. तू उससे अभी कुछ मत कहना.. उसे मिलने बुला फिर साली को चोदते है दोनों जमके..
आदिल बियर पीते हुए - सही कह रहा है तू.. ऐसा चोदेग की लोग देखते रह जायेंगे..
गौतम - कबाब तो माँगा ले लोडे.. तभी तो गर्मी आएगी औऱ सारी गर्मी उस कुतिया की चुत पर निकालेंगे..
आदिल वेटर से - भाई एक प्लेट कबाब.. औऱ दो बियर औऱ.. (गौतम से) किसका फ़ोन आ रहा है?
गौतम - तेरी बहन का..
आदिल - क्या कह रही है..
गौतम - रुक पूछता हूँ.. फ़ोन उठाकर - हाँ रेशु..
रेशमा - ओ हो.. रेशमा औऱ कुतिया से सीधा रेशु.. लगता है बहुत मूंड में है मेरा कुत्ता.. क्या कर रहा है?
गौतम - तेरे भाई के साथ बार में बैठकर दारु पी रहा हूँ..
रेशमा - ज्यादा मत पीना ग़ुगु.. उस रात भी तुमने ज्यादा पी ली थी.. औऱ फिर उल्टी सीधी हरकत करने लगे थे..
गौतम - ठीक है.. क्या कर रही हो?
रेशमा - खाना बना के free हुई थी.. अब तुमसे बात कर रही हूँ.. तुमने आदिल को तो नहीं बताया ना हमारे बारे में..
गौतम - तू उसकी चिंता मत कर रेशु.. आदिल को सब पता है औऱ वो किसीसे कुछ नहीं कहेगा.. तुझे भी कुछ नहीं बोलेगा..
रेशमा हैरात से - तुमने आदिल को सब बता दिया?
गौतम - अरे दोस्त है मेरा यार.. अब उसकी बहन पटाऊंगा चोदुँगा औऱ उसे ही नहीं बताऊंगा तो बुरा लगेगा ना बेचारे को..
रेशमा - तू पागल है क्या.. कुत्ते..
गौतम - अबे कुछ नहीं बोलेगा वो.. ना तुझे ना किसी औऱ को.. अच्छा ये बता यहां कब आएगी..
रेशमा - 3-4 दिन बाद असलम को अभी फुर्सत नहीं है..
गौतम - अरे वो बहन का लंड ऐसा क्या कर रहा है जो फुर्सत नहीं है.. अपने बाप की सारी कमाई तो शराब में उड़ा दी अब साला दिनभर दूकान में गद्दे बनाकर उसपे लाठिया पीटता रहता है.. तू जल्दी से आ वरना मैं आ जाऊंगा.. याद रखना..
रेशमा - अब मैं क्या करू यार.. तुमसे सब्र नहीं होता क्या? अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ मिले.. औऱ तुम फिर से पीछे पड़ने लगे.. ऐसा करोगे तो फिर देख लेना..
गौतम - ठीक है.. नहीं पड़ता पीछे.. भाड़ में जा.. फ़ोन काटते हुए..
आदिल - अबे बहन है मेरी.. ऐसे क्यों बात कर रहा है उससे..
गौतम बियर पीते हुए - तेरी बहन है तो क्या सर चढ़ाउ?
आदिल - भोस्डिके प्यार से तो बात कर सकता है.. उस दिन तो कह रहा था दिल आ गया.. रेशमा सिर्फ मेरी रहेंगी..
गौतम बियर पीते हुए - हाँ तो..
आदिल - पहले फ़ोन उठा रंडी.. फिर बात करना..
गौतम फ़ोन उठाकर - बोलो?
रेशमा - बच्चे हो क्या बिलकुल? छोटी छोटी बातों पर नाराज़ हो जाते हो..
गौतम - तू बात ही ऐसी करती है मैं क्या करू?
रेशमा - अच्छा अब नहीं करती.. सॉरी.. वैसे एक चीज देखी है मैंने.. जब से तुमने मेरी ली है ना.. तुम्हारा एडिटूड बदल गया.. पहले मेरी किसी भी बात का गुस्सा नहीं करते थे अब मुझपर हुकुम चलाने लगे हो..
गौतम - तो? मेरी चीज है.. हुकुम नहीं चलाऊंगा?
रेशमा - चलाओ ना.. मैंने कब मना किया.. पर मेरी बात भो तो समझो.. अभी नहीं आ सकती.. मेरा बस चलता तो तुमसे दूर थोड़ी होती..
गौतम बियर पीते हुए - ठीक है रेशु..
रेशमा - शमा कैसी है?
गौतम - कौन शमा?
रेशमा - अरे वही दुल्हन.. जो भागी थी नीरज के साथ.. सुना उसकी बहुत खोज रही है.. उसका बाप तो बंदुक लेकर फिर रहा है.. देखते ही गोली मार देगा..
गौतम - देखता हूँ यार.. अभी तक तो नहीं मिला मैं उससे..
रेशमा - मिले तो कहना संभल कर रहे..
गौतम - ठीक है.. आज पता करता हूँ.. वैसे किसी कुछ पता चला..
रेशमा - नहीं.. असलम कह रहा था अभी कोई खबर नहीं मिली.. जो खत शमा छोडके गई थी उसे पढ़कर सब दिल्ली जाकर उसे ढूंढ़ रहे है..
गौतम - क्या लिखा था खत में?
रेशमा - जो तुमने उसे बताया था लिखने को.. कि वो शादी नहीं करना चाहती. अपने सपने पुरे करना चाहती है.. औऱ दिल्ली मुंबई जैसे शहर में बड़ी औरत बनना चाहती है..
गौतम - सही है.. उसका फ़ोन भी उस रात मैंने एक ट्रक में रख दिया था जो मुंबई जा रहा था.. औऱ नीरज के बारे में कोई नहीं जानता.. तो उसपर कोई शक नहीं करेगा..
रेशमा - पर तुम एक बार शमा से मिल लेना.. वो ठीक है या नहीं..
गौतम - ठीक है रेशु.. चल अब दारु पिने दे..
रेशमा - ज्यादा मत पीना.. समझा... मैं सुबह फ़ोन करुँगी..
गौतम - बाय कुतिया..
रेशमा - बाय मेरे कुत्ते.. दुबारा मेरा फ़ोन मत काटना.. समझा..
गौतम - ठीक है.. फ़ोन काटते हुए..
आदिल - तू पसंद करने लगा है.. रेशमा आपा को..
गौतम - मुझे भी ऐसा लगता है पर एक औऱ है जिसके बारे में भी मुझे यही फीलिंग आती है..
आदिल - कौन है वो?
गौतम - है कोई.. शादी में मिली थी..
आदिल बियर पीते हुए - भूल जा उसको.. रेशमा आपा जैसी नहीं मिलेगी..
गौतम - दिल टूट जाएगा यार उसका..
आदिल - बहन के लंड तो क्या मेरी बहन का दिल तोड़ेगा तू? साले इसलिए तुझे इतनी ऐश कराता हूँ रंडी.. मादरचोद दिल तोड़ेगा मेरी बहन का.. ठुल्ले का मूत..
गौतम बियर पीते हुए - तेरी बहन का दिल तोड़ू या ना तोड़ू.. तेरी गांड जरुर तोड़ दूंगा कबाड़ी की औलाद अगर तू ज्यादा बोला तो..
आदिल बियर पीते हुए - भावनाओं में बहुत गया था यार.. चल छोड़.. एक एक बियर औऱ मगाते है..
गौतम - रहने दे.. कहीं चलके आना है..
आदिल - कहाँ..
गौतम - दुल्हन से मिलके आते है.. जो भागी थी..
आदिल - कहा?
गौतम - यही पास में..
आदिल - किसी को पता चल गया तो गांड पर लठ पड़ेगी तेरे साथ मेरे भी..
गौतम - तो फिर चुप रह.. किसी को बताना मत.. अब चल..
आदिल बिल देकर गौतम के साथ चल देता है और गौतम एक बियर और हाथ में लेकर पीते हुए आदिल के पीछे बाइक पर बैठ जाता है..
आदिल बाइक चलाते हुए - बहनचोद आज बियर भी कोई असर नहीं कर रही.. नरगिस का कुछ करना पड़ेगा..
गौतम पीछे से आदिल को पकड़ते हुए उसके कंधे पर सर रखकर - शनिवार को बुला ले रात में.. बरंगीन सिनेमा दिखाते है उसको..
आदिल - अबे ज्यादा हो गई क्या रंडी? क्या रंडियो की तरह बैठा है.. औऱ रंगीन सिनेमा तो कब का बंद हो गया.. बचपन में ही सुना था उसके बारे में..
गौतम अपना हाथ आदिल के सीने पर फिराते उसे छेड़कर - अबे गवर्नमेंट औऱ पब्लिक की नज़र में बेन है.. मेरा एक कॉलेज फ्रेंड्स है वो जाता है अपनी gf के साथ.. सीक्रेट जगह चलता है औऱ अब सर्फ़ कपल एंट्री मिलती है वहा.. सब हॉल में मास्क लगा के चुदाई करते है खुलम खुला औऱ सामने ब्लू मूवी चलती है फूल आवाज में.. मगर पैसे ज्यादा लेते है सिनेमा वाले..
आदिल हाथ पकड़कर - अबे मेरी इज़्ज़त लूटेगा क्या भोस्डिके.. औऱ कितने पैसे लगते है?
गौतम - वो बता रहा था 3 हज़ार पर कपल एंट्री है..
आदिल - भाई ज्यादा हो गई क्या ठीक से बैठ ना.. और मत पी.. 3 के हिसाब से अपने हो गए 6 हज़ार.. पैसे का भी जुगाड़ कर ले तो एक लड़की औऱ कहा से लाएंगे कपल एंट्री के लिए..
गौतम आदिल की गांड पर हाथ लगाते हुए - ये भी है..
आदिल - मादरचोद हाथ काबू में रख वापस हरकते मत करें.. औऱ तू जानता है किसी को? जो चल सके..
गौतम नशे में - हाँ..
आदिल - कौन?
गौतम जोर से चिल्लाते हुए - शबाना रंडी...
आदिल स्पीड बढ़ा कर बाइक चलाते हुए - चिल्ला मत रंडी.. अम्मी घर का माल है.. घर से बाहर नहीं ले जा सकते औऱ वो जायेगी भी नहीं.. उनके साथ सीक्रेट रखना है सब..
गौतम नशे में आदिल के मज़े लेते हुए - तू अपनी गांड मुझसे मरवा ले तो मैं फ्रेंड् से बात करता हूँ लड़की के लिए.. तू बस पैसे जुगाड़..
आदिल गुस्से से - चुदाईखाने तू आदमी है या हिजड़ा है?
गौतम हसते हुए - अबे मज़ाक़ कर रहा हूँ..
आदिल - भोस्डिके.. कभी मज़ाक़ मज़ाक़ में मेरी गांड मत मार लेना.. फिर बोले मज़ाक़ में मार दी..
गौतम बियर पीके फेंकते हुए - फ़िक्र मत कर साले.. नवाबी शोक नहीं रखता.. बस तेरी गांड में उंगलि करना अच्छा लगता है..
आदिल गांड उठा कर - ले कर ले बहनचोद.. औऱ फिर उस ऊँगली को चूस भी लेना..
गौतम सच में गांड में ऊँगली कर देता है औऱ बाइक स्लीप हो जाती मगर सडक के किनारे घास में गिरती है औऱ स्पीड कम होने से किसी को चोट भी नहीं आती...
गौतम हसते हुए - गांड का छेद तो बहुत बड़ा है.. कोठे पर मरवाता है क्या?
आदिल बाइक उठाते हुए - तेरे साथ गलत दारु पी ली झांट के बाल.. तू किसी दिन मार के छोड़ेगा..
गौतम - चल अब नहीं करू कुछ भी.. पास में ही है.. उसका घर..
आदिल - साले तेरे साथ तो अब दारु नहीं पिऊंगा..
गौतम - छोटी छोटी बातों में क्या नाराज़ होता है यार अपने जीजाजी से..
आदिल - यहां से राइट या लेफ्ट?
गौतम - लेफ्ट.. अच्छा पैसे का जुगाड़ कर लेगा तू?
आदिल - मामू की अम्मी चोदनी पड़ेगी.. उसके गल्ले से पैसे निकल कर उसकी लड़की को ही चोदेगे..
गौतम हसते हुए - कितना घटिया आदमी है तू साले..अच्छा तमीज से रहना.. ऐसा ना लगे हम दारु पी रखे है..
आदिल - मेरा तो नहीं लगेगा तू खुदको संभाल पहले.
गौतम - उस पिले घर के आगे रोक..
आदिल बाइक रोककर लगा देता है औऱ आदिल औऱ गौतम एक दुसरे को देखकर वापस कहते है कोई हरकत मत करना..
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से खतरनाक अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 44
अगले दिन दोपहर में..
लीला दरवाजा खोलकर - तू आ गया बेटा?
गौतम - बस आंटी आपका फ़ोन आते ही दौड़ा चला आया.. गाडी चालान जो सीखना था.. घर पर कोई नहीं है ना..
लीला - कोई नहीं है तू अंदर..
गौतम - कहा गये है सब?
लीला - नीरज के पापा शमा को लेके गाज़ियाबाद गए है कल नीरज और मैं भी जाने वाले है वही कोर्ट मैरिज करेंगे इन दोनों की..
गौतम - और नीरज आंटी?
लीला - अरे उसे मैंने सामान लेने भेज दिया है..
गौतम लीला को बाहों में उठा के कमरे के अंदर बिस्तर में ले जाता हुआ - आंटी आपकी सडक बहुत अच्छी है गाडी चलाने में मज़ा आ गया उस दिन..
लीला बिस्तर में साडी उठाकर - आज सडक की सफाई की है बेटा.. और मज़ा आएगा.
गौतम पेंट खोलकर लंड चुत पर लगाने ही वाला था की नीरज आ गया और उसने ये सब देख लिया.
गौतम नीरज को देखकर लीला से - आंटी केसा गांडू बेटा पैदा किया है? हर बार गलत टाइम पर आता है..
नीरज चौंकते हुए - साले तू फिर से मेरी माँ चोद रहा है..
गौतम - तो क्या जबरदस्ती चोद रहा हूँ गांडू? देख नहीं रहा कैसे तेरी माँ टागे खोलके पड़ी मेरी सामने चुदने के लिए..
लीला अपनी चुत को साडी से ढकती हुई नीरज से - तू इतनी जल्दी कैसे आ गया?
नीरज गुस्से से - जिस दुकान पे आपने भेजा था वो बंद है आज... और मुझे नहीं पता था मुझे दूकान पर भेजकर आप ये गुल खिलाओगी...
गौतम लीला की चुत से साडी ऊपर करके चुत चाटते हुए - अब खड़ा खड़ा क्या अपनी माँ की चुदाई देखेगा गांडू.. जा ना यहां से.. एक घंटे बाद आना..
नीरज लीला से - माँ इसको बोलो यहाँ से चला जाए वरना मेरे हाथ से आज खून हो जाएगा इसका...
लीला सिसकी लेती हुई नीरज से - ये तो यही रहेगा.. तू जा चाय बना.. वरना ये शादी जो तू कर रहा है होने नहीं दूंगी..
नीरज लीला की बात सुनकर खड़ा खड़ा रोने लगता है.. और गौतम चुत चाटने के बाद उसमे अपने लंड पेल देता है और चोदता हुआ बोलता है..
गौतम - अरे क्यों रो रहा है गांडू.. कोनसा तेरी माँ पहली बार चूद रही है...
लीला कामवासना से भरकर - अह्ह्ह इसे रौने दे बैठके... तू चोद मुझे बेटा...
गौतम मिशनरी में झटके मारता हुआ - मज़ा आ रहा है ना आंटी...
लीला - हाँ.. बेटा.. आह्ह..
गौतम नीरज से - नीरज कमाल की चुत है तेरी माँ की... बहुत टाइट है यार.. उफ्फ्फ...
लीला - अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह... बेटा.. उम्म्म्म.. अह्ह्ह्ह..
लीला की सिस्कारिया कमरे में गूंजने लगी थी और उसी के साथ में लंड चुत के मिलन से मधुर छप छप की आवाज भी..
नीरज अपने कान पर हाथ लगाकर वही बैठा वो अपनी माँ को चुदते हुए देखकर रो रहा था और गौतम उसे देखकर लीला को जबरदस्त तरीके से चोदे जा रहा था..
गौतम ने मिशनरी के बाद घोड़ी बनाके लंड चुत में पेल दिया और पट पट की आवाज के साथ लीला को चोदने लगा और नीरज से बोला..
गौतम - अबे क्या माल है तेरी माँ.. साले...
लीला - अह्ह्ह.. अह्ह्ह..
गौतम - आंटी आपको तो ब्लू फ़िल्म में होना चाहिए.. बहुत कमाओगी..
लीला - तू दिला दे काम बेटा.. फिल्मो में..
नीरज उठकर आंशू बहाते हुए बाहर जाने लगता है तभी गौतम उससे कहता है..
गौतम - चाय बनाने जा रहा है क्या?
नीरज पलट कर गुस्से से - तेरे लिए चाय बनाऊंगा क्या साले..
गौतम - अबे इतना गुस्सा क्यों है? शमा से चिकनी तो तेरी माँ लीला है.. एक बार चोद के देख शमा को भूल जाएगा..
लीला चुदते हुए सिसकियाँ लेकर - अह्ह्ह बेटा.. कैसी बातें कर रहा है.. आह्ह... अह्ह्ह्ह..
गौतम नीरज से - खड़ा क्या है गांडु? चाय बना रहा है या तेरी माँ को लंड पर बैठाके रसोई में ले जाऊ चाय बनवाने?
लीला - आह्ह... नीरज बना दे बेटा..
गौतम - हाँ.. चाय पीके चला जाऊंगा..
लीला झड़ते हुए - अह्ह्ह... अह्ह्ह...
नीरज रोते हुए रसोई में आकर चाय चढ़ा देता है और अपनी माँ के बारे में सोचने लगता है कि वो कितनी बड़ी वाली रांडी है..
गौतम लीला को उठाके चोदते हुए रसोई में ले आता है..
गौतम नीरज से - भाई हां या ना बोलके बता तो देता.. चाय बना रहा है या नहीं..
फ़ालतू तेरी माँ को कमरे से रसोई में लेके आया..
नीरज रोते हुए - माँ मैं पापा को सब बता दूंगा.. आपके और इस कमीने के बारे में..
लीला चुदते हुए एक थप्पड़ नीरज के गाल पर जड़ देती है और कहती है - सूअर.. ना जाने कोनसी रंडी को उठा के यहां ले आया.. और मुझे धमका रहा है.. बता दे तेरे पापा को.. अरे उसके लंड में दम नहीं है तभी तो इसके लंड पर बैठी हुँ... तेरे लंड में दम था तो तू बैठा लेता मुझे अपने लंड पर..
गौतम लीला कि चुत में झड़ते हुए - अह्ह्ह्ह.. आंटी.. आह्ह... मज़ा आ गया...
नीरज चाय कप में डालकर रख देता है और गौतम लीला को गोद से उतार कर बिना लंड पेंट में डाले चाय पिने लगता है..
गौतम चाय पीता हुआ - तेरी मा तो तेरा लेने के लिए भी तैयार है.. साले डाल क्यों नहीं देता..
लीला साडी सही करते हुए - ये क्या डालेगा डरपोक..
नीरज गुस्से में आकर अपने आंसू पोंछता है और अपनी माँ लीला कि साडी उठा कर अपना लंड लीला की चुत में पेलते हुए कहता है..
नीरज - बहुत गर्मी है ना माँ तेरी चुत में.. अब से मैं तेरी सारी गर्मी दूर करूँगा..
गौतम हसते हुए चाय पीकर रसोई की सिंक में मूतने लगता है और नीरज लीला को चोदने लगता है.. गौतम चाय पीते हुए मूत कर लंड पेंट में डाल लेता है और नीरज और लीला को देखने लगता है..
नीरज रसोई की स्लीब पर लीला को झुकाते हुए लीला को चोद रहा था और अपनी माँ को रांड छिनाल जैसे उपमा से अलंकृत करता है..
गौतम - अब बोल भोस्डिके.. है शमा तेरी माँ के आगे कुछ?
नीरज लीला को चोदते हुए - शमा की बात मत कर मैं उससे प्यार करता हूँ.. और रही बात माँ की तो इसकी चुत की सारी गर्मी अब मैं निकालूँगा..
गौतम जाते हुए - सोने मत देना रात भर आंटी को..
नीरज - इसे तो लंड पर सुलाऊंगा..
लीला मज़े से गौतम को देखकर - बाए बेटा..
गौतम - बाए आंटी...
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कुछ दिन बाद...
रूपा झील के पास करीम की रिक्शा में बैठी हुई सडक को देख रही थी.. गौतम एक बस से उतर कर रिक्शा के पास आ गया और टेक्सी में बैठ गया..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा के होंठो को अपने होंठों से लगा लिया और चूमकर रूपा से बोला..
गौतम - माफ़ कर दो.. देरी हो गई आने में..
रूपा - करीम.. रिक्शा कहीं ले चल..
करीम - आपा वही ले चलू जहा पहली बार लेकर गया था..
रूपा - हाँ.. ले चल..
गौतम - ज्यादा टाइम नहीं है मम्मी.. रूम ले लेते है किसी होटल में..
रूपा - टाइम क्यों नहीं है..
गौतम - अरे आते आते शाम हो जायेगी.. माँ ने मना किया है शाम के बाद बाहर रहने से.. उन्हें डर लगता है अकेले..
रूपा - हम जल्दी आ जाएंगे..
गौतम - तुम कह रही थी कुछ बात करनी है तुम्हे?
रूपा - वही बैठ कर बात करेंगे..
गौतम रूपा के बूब्स पकड़कर मसलते हुए उसके चेहरे पर चुम्मिया करते हुए - ठीक है..
रूपा गौतम के सर को अपनी गोद में खींच लेती है और अपना ब्लाउज के बटन खोलकर एक चूची गौतम के मुंह पर रख देती जिसे गौतम चूसने लगता है और रूपा साडी का पल्लू गौतम के सर पर डाल कर उसका चहेरा आँचल में छुपा लेती है और रिक्शा से बाहर देखकर इतनी ख़ुशी से मुस्कुराने लगती है जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया हो..
करीब सब बैक मीरर में देख रह था और उसे समझ नहीं आ रहा था की रूपा इतनी खुश क्यों है?
गौतम ने रूपा का दूसरा चुचा भी निकाल लिया और मुंह में लेकर पूरी काम भावना के साथ चुचक चूसते हुए चुचो को चाट चाट कर पिने लगा.. रूपा के बदन में झुनझुनाहट हो रही थी और वो प्यार से गौतम का सर सहला रही थी..
रूपा गौतम को प्यार भरी और ममता भरी आँखों से देखने लगी.. उसे गौतम आज जान से प्यारा लग रहा था उसका करण सिर्फ वही जानती थी..
उसी जगह वापस आने के बाद गौतम ने रूपा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके होंठों का रस लेते हुए बोला - अब बताओ ना मम्मी क्या कह रही थी तुम?
रूपा फिर से गौतम के होंठ चूमते हुए - इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे मेरे शैतान बच्चे के नजूक लबों को तो मन भरके चुम लेने दे..
गौतम चूमते हुए - सॉरी मम्मी.. मैं माँ को साथ रहने के लिए नहीं मना पाया..
रूपा - कोई बात नहीं नन्हे शैतान.. वैसे भी कल मैं वापस माधुरी के साथ उसी फ्लेट में रहने जा रही हूँ..
गौतम - क्यों?
रूपा पर्स से कुछ डॉक्यूमेंट निकालती हुई - हमने वो घर सुमन दीदी के नाम पर कर दिया है.. और अब मैं और माधुरी दोनों ये चाहते है की तू सुमन के साथ उस छोटे से पुलिसक्वाटर से निकलकर उस घर में रहे..
गौतम - पर इतनी मेहरबानी क्यों?
रूपा - कैसी मेहरबानी? उस घर की असली हक़दार तो सुमन दीदी ही है.. और अब तु इसे लेने से मना मत करना.. तुझे दीदी की कसम..
गौतम रूपा के ब्लाउज में हाथ डालकर - अच्छा ये सब छोडो.. प्यार करना शुरु करें?
रूपा मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स का हुक खोलकर चैन नीचे कर देती है और झट से उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है..
गौतम रूपा के पर्स में से सिगरेट लाइटर निकलकर सिगरेट सुलगाते हुए एक दो कश लेकर अपना लंड चुस्ती रूपा को सिगरेट देते हुए कश लेने के लिए कहता है तो रूपा मना कर देती है और लंड चूसने में फिर से मग्न हो जाती है..
गौतम - क्या हुआ मम्मी?
रूपा - मैने सिगरेट छोड़ दी..
गौतम - क्यों?
रूपा - डॉक्टर ने कहा है..
गौतम - डॉक्टर ने क्यों मना किया है?
रूपा - बच्चे को परेशानी होती है..
गौतम - मुझे क्या परेशानी होगी?
रूपा मुंह से लंड निकालकर गौतम को देखते हुए - तुझे नहीं मेरे नन्हे शैतान.. तेरे होने वाले बच्चे को जो मेरे अंदर पल रहा है..
गौतम स्तब्ध भाव से - क्या..
रूपा - क्या नहीं हाँ.. मेरे होने वाले बच्चे के पापा जी..
गौतम - मैं पापा बनने वाला हूँ? बहनचोद.. तुमने बच्चे रोकने वाली पिल्स नहीं ली थी..
रूपा लंड वापस चूसते हुए - तू फ़िक्र मत कर.. मैं संभाल लुंगी.. और मैं ही नहीं माधुरी का भी यही हाल है वो डॉक्टर के पास गई है.. मुझे उस दिन जब हम बाबाजी के पास से आ रहे थे तब पता चला मै पेट से हूँ और माधुरी को आज सुबह..
गौतम मुस्कुराते हुए - यार.. सब माँ बनती है तुम दोनों सीधा दादी बनगी..
रूपा टांग खोलते हुए - अच्छा अब धीरे धीरे चोदना.. पहले वाला शैतान नहीं अब प्यारा वाला शैतान बनकर रहना पड़ेगा तुझे..
गौतम चुत में लंड घुसाकार धीरे धीरे पेलता हुआ - पर तुम जानती हो मम्मी..
रूपा चुदवाते हुए - मैंने कहा ना मैं सभाल लुंगी.. तुझे फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है.. बस मिलने जरुर आना.. हम दोनों ने जगमोहन से भी रिश्ता तोड़ दिया है..
गौतम रूपा ब्लाउज खोलकर उसके कबूतर आजाद कर देता है और अपनी टीशर्ट उतारकर रूपा के छाती से अपना सीना सटा देता है और होंठों के करीब होंठ लाकर रूपा की साँसों को महसूस करते हुए उसी तरह चोदते हुए कहता है - मुझे जब भी मौका मिलेग मैं मिलने आऊंगा मम्मी.. छोटी माँ से भी कहना.. आप दोनों अपना और बच्चे का अब और ज्यादा ख्याल रखना..
रूपा चुत में झटके खाकर मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को चुम लेती है और कहती है - हाँ शैतान...
रूपा और गौतम के मिलन में सिर्फ उनके बदन ही नहीं मिल रहे थे बल्कि उनकी आत्मा भी उनके शरीर से निकलकर एक दूसरे को का लेना चाहती थी और इसी उद्देश्य को अपने मन में लिए दोनों एक दूसरे को भोग रहे थे..
प्रेम की जितनी कला रूपा को आती थी वह अपनी कलाओं में गौतम को अपने शरीर का सुख दे रही थी..
गौतम घास में पीठ के बल लेटा हुआ था और रूपा उसके लंड पर बैठकर अपने कबूतरों को मसलती हुई और अपने चेहरे पर कामुकता के भाव लाती हुई इठलात हुई मुस्कुराती हुई गौतम को देखकर आंख मारती हुई और उसे छेढ़ती हुई गौतम के लंड को चुत में लेकर गांड हिलाती हुई सम्भोग और प्रेम के नए आयाम से परिचित करवा रही थी रूपा आज कई बार झड़ी थी उसी तरह जैसे पहली बार गौतम की चुदाई से झडी थी.. और आखिर में गौतम ने भी रूपा की चुत में झटके मारते हुए अपना पानी निकाल दिया..
गौतम - मम्मी...
रूपा - हाँ?
गौतम गांड पकड़ते हुए - प्लीज...
रूपा - अच्छा लेले.. आज गांड भी...
गौतम - मम्मी यार गांड उची करो ना अपनी.. लंड आराम से घुस जाएगा गांड में..
रूपा - धीरे... आहिस्ता घुसाना..
गौतम - फ़िक्र मत करो ज्यादा तकलीफ नहीं दूंगा..
गौतम गांड में लंड का टोपा फंसा कर गांड मारते हुए - लगता है आपसे सच्चा प्यार हो गया है..
रूपा - आहहह ग़ुगु धीरे ना.. बच्चा..
गौतम धीरे धीरे गांड मारते हुए - पता है उस जब उस रात तुम्हे और माँ को साथ में देखा था तब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था तुम पर मगर फिर माँ के चेहरे पर ख़ुशी देखी तो तुम पर प्यार आने लगा था ..
रूपा - तुम्हारे प्यार ने ही तो मुझे इस तरह झुका रखा है ग़ुगु.. अब तेरे अलावा मुझे कुछ नहीं चाहिए..
गौतम - बहुत टाइट है मम्मी.. बहुत मज़ा आ रहा है अपनी गांड मारने में.. मम्मी आपकी चुत जन्नत तो गांड स्वर्ग का द्वार है सच में.. मेरा निकलने वाला है..
रूपा - ग़ुगु मुंह में देदे..
गौतम - लो मम्मी... आहहह...
रूपा लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है.. और कुछ ही पलो में गौतम रूपा के मुंह में झड़ जाता है..
दोनों सम्भोग समाप्त हो चूका था और अब गौतम एक पेड़ के सहारे बैठा हुआ था वही रूपा भी गौतम की गोद में उसके सीने का सहारा लिए बैठी थी..
गौतम - पता है मम्मी जब पहली बार मैं तुमसे मिला था और तुमने वापस आने के लिए अपनी सोने की चैन मुझे दे दी थी तब मुझे लगा था कि तुम बेवकूफ हो.. मगर बाद में समझ आया कि तुम मेरे मोह में पड़ गई थी..
रूपा - मैं तुझे देखते ही समझ गई थी नन्हें शैतान.. कि तू जैसा भी हो दिल का बुरा नहीं है.. ऊपर से तेरी प्यारी सूरत मेरे मन में तेरे लिए ममता भी जगा रही थी..
गौतम अपने वॉलेट से एक मगलसूत्र निकालकर - ये वही चैन है मम्मी.. जो तुमने मुझे कोठे के उस कमरे में दी थी मैंने इसका मगलसूत्र बनवाया है.. अब मैं इसे अपने हाथों से तुम्हारे गले में पहनाना चाहता हूँ..
रूपा आँखों में आंसू लेकर - गौतम...
गौतम मगलसूत्र पहनाकर पास पड़ी कटीली झाडी के एक कांटे से अपना अंगूंठा लगाकर खून की दो बून्द निकाल लेता है और उस अंगूठे के खून से रूपा की मांग भरके कहता है - लो मम्मी अब से तुम पूरी तरह मेरी हुई..
रूपा की आँखों से ख़ुशी के आंसू निकल पड़ते है.. और वो गौतम को गले लगा कर अपने पुरे जीवन के सारे दुख दर्द पीड़ा को भुलाकर नए सपने आँखों में सजा लेती है.. और गौतम के गले लग कर ख़ुशी से रोने लगती है..