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ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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Update 22

शाम के पांच बज चुके थे होटल की छत पर गौतम सुमन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. सुमन भी छत पर आने के लिए निकल चुकी थी गौतम यह सोच रहा था कि वह आज अपनी मां से अपने प्यार का इजहार कर देगा और उसे अपनी दुल्हन बनाने का प्रस्ताव रखेगा. गौतम यह जानता था कि जो वह करने जा रहा है इसमें उसे सफलता नहीं मिलने वाली है लेकिन वह फिर भी एक बार सुमन को अपने प्यार का इजहार करके मानना चाहता था और चाहता था कि सुमन उसे अपने प्रेमी के रूप में अपना ले.. अब तक जो सुमन और गौतम के बीच में हो रहा था वह केवल सुमन के मातृत्व प्रेम के कारण हो रहा था जिसमें वह गौतम को अपना बेटा मानकर सब कुछ कर रही थी भले इसमें उसे आनंद और काम संतुस्टी की प्रति हो रही थी लेकिन वह अब तक गौतम को अपने प्रेमी के रूप में स्वीकृत नहीं कर पाई थी ना ही उसे यह अधिकार दिया था कि गौतम उसके पूरे शरीर पर अधिकार जताये..


सुमन का नारीत्व और काम इच्छा उफान पर थी जिसे वो गौतम के साथ शांत कर लेती थी मगर इस अधूरी शांति से गौतम और सुमन दोनों ही काम के शिखर पर पहुंच कर उस अद्भुत और अतुल्य सुख से वंचित ही रहे जिसे पाना दोनों के मन में लंबित था. सुमन अपने मन की आखिरी दीवार को नहीं गिराना चाहती थी. सुमन चाहती थी कि गौतम की हर इच्छा और हर मनोकामना पूरी हो लेकिन वह खुद इसके लिए अपनी चुत की कुर्बानी देने को तैयार नहीं थी. सुमन अब यही चाहती थी कि जैसे गौतम और सुमन के बीच एक रिश्ता कायम हो चुका है वह इस तरह कायम रहे और अब सुमन ना तो इससे आगे बढ़ना चाहती थी और ना ही इससे पीछे हटाना चाहती थी.


गौतम ने भी अपने मन में ये तय कर लिया था कि वह सुमन को किसी भी शर्त पर अपना बना कर रहेगा और उसके लिए वह आज पहली-पहल कर देगा. भले इसमें उसे सफलता मिले या वह असफल रहे. गौतम अब मन ही मन सुमन को पाने की चाहत में जलने लगा था और उसे आप सुमन को भोगने की इच्छा पूरी उफान ले चुकी थी. मगर वह इस बात से भली-भांति परिचित था की सुमन को भोगना और उसे पाना इतना आसान नहीं होगा और जो दीवार सुमन ने अपने मन में उसके और खुद के बीच में बना रखी है उसे गिराना भी आसान नहीं होगा. दोनों के बदनों के मिलन के बीच सुमन ने अपने मन में उसके औऱ गौतम के रिस्ते को रोड़ा बना लिया था जिसे दूर करना आसान नहीं था. मगर गौतम ने ये तय कर लिया था जो किसी भी तरह से उसके मन से इस दीवार को गिरा कर रहेगा और उसे अपना बना कर रहेगा इसके लिए भले ही उसे कुछ भी करना पड़े. गौतम और सुमन के बीच सब कुछ हो रहा था मगर बाकी था वही सबसे जरूरी था और वहीं गौतम करना चाहता था मन ही मन सुमन भी ऐसा ही चाहती थी मगर उसने अपने मन में रिश्ते की दीवार को बीच में खड़ा कर दिया था जिसे वह नहीं गिराना चाहती थी.


सुमन अकेली चुपके चुपके सीडीओ से होती हुई छत के दरवाजे तक आ पहुंची.. सुमन के मन में अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे और अजीब सवाल वह अपने आप से पूछ रही थी जिसके जवाब खुद ही अपने आप को देती हुई वह छत के दरवाजे पर खड़ी हुई थी गौतम भी सुमन के इंतजार में छत के कोने में खाली पड़ी की जगह पर खड़ा हुआ सुमन का इंतजार कर रहा था उसके मन में भी कई बातें चल रही थी जिसे वह सोचकर सही और गलत तय करने में लगा हुआ था. गौतम ने सुमन को छत के दरवाजे पर खड़ा हुआ देख लिया और सुमन की नजर भी गौतम से मिल गई. गौतम ने सुमन को इशारे से अपने पास आने के लिए कहा औऱ सुमन गौतम के पास धीरे धीरे कदमो से चली आई..


गौतम ने उसी नज़र से अपनी माँ के बदन को ऊपर से नीचे तक देखा जिस तरह वो बाकी लड़कियों औऱ औरतों को ताड़ता था. सुमन इस नज़र को अच्छे से समझ गई थी मगर काम के भाव से भारी हुई सुमन को इस नज़र का बुरा कतई नहीं लगा.. गौतम ने सुमन की कमर में हाथ डालकर उसे अपने सीने से लगाकर बाहों में भर लिया औऱ फिर अपने होंठों से सुमन के होंठ मिलाकर जंग शुरू कर दी.. इस जंग में दोनों ही एक दूसरे को हराने के लिए भर्षक प्रयास कर रहे थे और एक दूसरे के लबों को चूमते हुए खींच कर काटते हुए ऐसे चुम रहे थे जैसे उनके बीच ये प्यार का पहला चुम्बन हो..

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गौतम ने चुम्बन के दौरान एक जोरदार थप्पड़ सुमन की गांड पर मारा औऱ फिर उसकी गांड को जोर से मसलते हुए इतना तेज़ दबाया की सुमन चुम्बन तोड़कर सिसक उठी औऱ गौतम को शिकायत की नज़र से देखते हुए बोली..

सुमन - आराम से ग़ुगु.. माँ को दर्द होता है ना.

गौतम - ग़ुगु नहीं सुमन.. गौतम.. मुझे गौतम कहकर पुकारो.. मैं अब आपके इन गुलाबी होंठों से अपना नाम सुनना चाहता हूँ..

सुमन हैरानी से - तू क्या कह रहा है ग़ुगु औऱ मुझे नाम से क्यों बुला रहा है.. मैं तेरी माँ हूँ.. तू भूल गया है क्या?

गौतम - मुझे सब याद है सुमन.. (अपना हाथ सुमन की चुत पर रखते हुए) आपने 20 साल पहले मुझे अपनी इसी चुत से निकाला था.. आपने इन 20 सालों में जितना मुझे प्यार किया है उतना शायद कोई औऱ कभी ना कर पाए.. मेरी ख़ुशी के लिए आप मेरे सामने नंगी तक हो गई.. मेरी हर ज़िद पूरी की मगर अब सुमन.. मैं आपको खुश रखना चाहता हूँ.. प्यार करना चाहता हूँ.. मैं चाहता हूँ आप मुझे नाम से बुलाओ.. हर शाम घर पर मेरा इंतज़ार करो औऱ जब मैं काम से वापस आउ तो आप मुझसे लिपटकर अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दो.. मुझे गौतम ज़ी कहकर बुलाओ.. बिलकुल जैसे आप पापा को बुलाती थी..

सुमन - तू पागल हो गया है क्या गौतम? ये सब क्या बकवास कर रहा है.. तू अच्छी तरह जानता है मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती.. माँ हूँ मैं तेरी औऱ तू मेरा ग़ुगु.. समझा?

गौतम - आप सब करोगी सुमन.. मुझे यक़ीन है मेरी मोहब्बत आपको ये सब करने पर मजबूर कर देगी.. आप मुझे अपने दिल में वही जगह दोगी जो जगह तुमने पापा की दी थी..

सुमन गौतम के सामने घुटनो पर बैठकर उसकी पेंट खोलते हुए - तू ये मुझे चिढ़ाने के लिए बोल रहा है ना? पर मैं नहीं चिढ़ने वाली समझा? मैं अभी तुझे चूसकर ठंडा कर देती हूँ फिर तेरा सारा भुत उतर जाएगा औऱ तू फिर से मुझे सुमन नहीं माँ कहकर बुलायेगा..

गौतम कंडोम देते हुए - लो सुमन.. बिना कंडोम तुम्हे उल्टी हो जायेगी..

सुमन कंडोम लेकर फेंक देती है औऱ गौतम का लंड हाथ में पकड़कर उससे कहती है - उल्टी होती है तो हो जाए.. तुझे बिना कंडोम के अच्छा लगता है मैं उसी तरह तुझे खुश कर देती हूँ..

ये कहकर सुमन गौतम के लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी औऱ गौतम सुमन को प्यार से देखता हुआ उसके सर पर हाथ फेरने लगा..

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गौतम - जानती हो सुमन जब आप सुबह नाच रही तब मेरा दिल आपको देखकर क्या कह रहा था मुझसे? मेरा दिल कह रहा था कि मैं आपको अपनी दुल्हन बना लू.. औऱ जो सुख पापा आपको सालों से नहीं दे पाये वो सुख मैं आपको हर रात दू.. सुबह तो मैंने अपनी खुली आँखों से हमारे बच्चों तक के नाम सोच लिए थे.. लड़का हुआ तो निखिल लड़की हुई तो निकिता..

सुमन लंड को पूरी मेहनत औऱ काम कला के साथ चूस रही थी मगर गौतम कि बात सुनकर वो बोली..

सुमन मुंह से लोडा निकालकर - गौतम तूने अब एक औऱ शब्द अपने मुंह से निकाला तो अच्छा नहीं होगा.. मैं तेरी माँ हूँ और माँ ही रहूंगी.. मुझे अपनी दुल्हन बनाने का ख्याल अपने दिल औऱ दिमाग से निकाल दे..

गौतम - मैं आप से प्यार करता हूँ सुमन..

सुमन - जितना तू मुझसे करता है उससे कहीं ज्यादा प्यार मैं तुझसे करती हूँ बेटू..

गौतम - सुमन मैं आपको अपनी माँ नहीं अपनी दुल्हन की तरह प्यार करता हूँ..

सुमन - ये ज़िद छोड़ दे ग़ुगु.. ये मुमकिन नहीं है.. मैं तुझे कभी भी वो सब नहीं दे सकती..

ये कहकर सुमन गौतम के लंड को वापस मुंह में भर लेती है औऱ चूसने लगती है

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मगर अब गौतम सुमन के मुंह से अपना लंड निकाल लेता है औऱ अपनी पेंट पहनने लगता है लेकिन सुमन गौतम के हाथ पकड़ कर उसे पेंट पहनने से रोक देती है औऱ कहती है.

सुमन - गौतम ये ज़िद छोड़ दे.. मैंने तेरी हर बात मानी है मगर ये बात मैं नहीं मान सकती.. तू चाहता है मैं अपनी ही नज़रो में गिर जाऊ? कभी खुदसे आँख भी ना मिला पाउ? कैसी जिद पर तू अड़ गया है गौतम.. तू चाहता है तो मैं आज से तुझे तेरे नाम से बुलाऊंगी.. तेरे मुंह से माँ की जगह सुमन भी सुन लुंगी.. मगर ये ज़िद छोड़ दे मेरे शहजादे..

गौतम सुमन से अपने हाथ छुड़वाकर अपनी पेंट पहन लेता है औऱ छत की रेलिंग के पास जाकर सुमन से कहता है..

गौतम - आप नीचे जाओ माँ.. मुझे अब आपसे कुछ नहीं चाहिए.. शादी एन्जॉय करो..

सुमन अपने घुटनो पर से पैरो पर खड़ी हो जाती है औऱ गौतम के पास आकर अपने ब्लाउज में सिगरेट का पैकेट निकालकर एक सिगरेट गौतम के होंठों पर लगा देती है औऱ लाइटर से जलाते हुए कहती है..

सुमन - मुझे माफ़ कर दे गौतम मैं तेरी ये इच्छा पूरी नहीं कर सकती.. तू चाहे तो मुझे अभी नंगा कर दे मैं उफ़ तक नहीं करुगी मगर मेरे शहजादे अपनी माँ को इस तरह जलील मत कर..

गौतम सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर अपनी माँ के मुंह पर धुआँ छोड़ते हुए - माफ़ तो आप मुझे कर दो माँ.. मैं हमारे रिस्ते को भूल गया था.. पर अब आप भरोसा रखो मैं आपसे इस बारे में कुछ नहीं कहने वाला...

सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर पेंट के ऊपर से हाथ रखते हुए - चल गौतम.. मैं अपने छोटे ग़ुगु को थोड़ा प्यार कर लेती हूँ.. नीचे ना सही ऊपर से तो मैं तेरी हर ख्वाहिश पूरी कर सकती हूँ..

गौतम सिगरेट का कश लेकर सुमन का हाथ लंड पर से हटाते हुए - रहने दो माँ.. छोटा ग़ुगु सो चूका है.. आप जाओ नीचे..

सुमन गौतम के हाथ से सिगरेट लेकर कश लेती है औऱ गौतम के लंड को इस बार जोर से हाथों में पकड़कर मसलते हुए गौतम से कहती है..

सुमन - छोटे ग़ुगु को नींद से जगाना औऱ खड़ा करना मुझे अच्छे से आता है.. तू फ़िक्र मतकर मैं छोटे ग़ुगु को खुश करने में ज्यादा वक़्त नहीं लगाउंगी..

सुमन कहते हुए अपने घुटनों पर बैठ जाती है गौतम की पेंट उतारने लगती है लेकिन गौतम सुमन के हाथों से अपनी पेंट छुड़वाते हुए उसे कहते हैं..

गौतम - मन नहीं माँ.. रहने दो..

सुमन गुस्से से - मैं अच्छी तरह जानती हूँ तेरा मन क्यों नहीं है? तू मुझसे नाराज़ है ना.. मैंने तेरी ज़िद पूरी नहीं की इसलिए? तूने अगर अपनी ज़िद नहीं छोडी तो मैं यही से नीचे कूद कर अपनी जान दे दूंगी..


ये कहते हुए सुमन छत की रेलिंग की तरफ बढ़ती है और उससे पार करने की कोशिश करने लगती है मगर पीछे से गौतम उसका हाथ पकड़ कर सुमन को अपनी तरफ खींच लेता है और एक जोरदार थप्पड़ सुमन के गाल पर मरता हुआ उसे अपनी बाहों में भर लेता है औऱ सुमन से कहता है..

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गौतम - अगली बार मरने की बात भी की, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझी आप?

सुमन थप्पड़ खाकर भी मुस्कुरा पडती है औऱ गौतम के होंठों को चुमकर कहती है - अपनी माँ के गाल पर इतना जोर से थप्पड़ मारना जरुरी था?

गौतम अपनी माँ सुमन को बाहों में भरके छत पर बने फालतू सामान से भरे कमरे की तरफ उठाकर ले जाते हुए - अभी तो सिर्फ एक ही पड़ा है अगली बार ऐसा कुछ किया ना आपने तो बहुत पिटोगी आप..

इतना कहते हुए गौतम सुमन को कमरे में एक चारपाई पर बैठा देता है औऱ सुमन का पल्लू हटाकर उसकी ब्लाउज के सारे बटन खोलकर ब्रा ऊपर सरकातें हुए सुमन के कबूतर आजाद कर देता है औऱ फिर अपनी पेंट खोलकर लंड को लहराते हुए सुमन के मुंह में घुसा देता है औऱ सुमन भी मुस्कुराते हुए गौतम के लंड को बिना कंडोम लगाए चूसने लगती है औऱ लंड चूसते हुए गौतम को देखने लगती है..

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गौतम अपनी माँ के इस रूप से उत्तेजित औऱ कामुकता के शिखर पर जा चूका था उसे झड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा औऱ उसने सारा वीर्य सुमन के मुंह में भरके उसे अपना वीर्यपान करवा दिया औऱ सुमन न चाहते हुए भी गौतम को खुश करने के लिए उसका वीर्य पी गई...

गौतम झड़ने के बाद सुमन के बगल में बैठ जाता औऱ औऱ गले में हाथ डाल कर सुमन की एक चूची पकड़कर मसलते हुए कहता है..

गौतम - काश आप मेरी माँ नहीं बीवी होती सुमन.. मैं आपको बिस्तर से उठने ही नहीं देता..

सुमन हसते हुए गौतम का लंड साफ करती हुई - ये नहीं होने वाला बच्चू.. तेरे नसीब मेरे ऊपर का छेद है नीचे का नहीं.. चल अब जाती हूँ..

वरना तू फिर से शुरू हो जाएगा..

सुमन जैसे ही उठने लगती है गौतम सुमन को अपनी गोद में बैठा लेता है औऱ कहता है - थोड़ी देर बैठो ना माँ मेरे साथ.. नीचे जाकर क्या करोगी.. कितनी भीड़ औऱ शोर है नीचे..

सुमन - शादी में भीड़ औऱ शोरगुल तो होता ही है.. जब तेरी शादी होगी तब भी इतना ही ऐसे ही भीड़ औऱ शोर होगा..

गौतम - नहीं होगा माँ.. मेरी शादी में सिर्फ दो लोग ही रहेंगे.. एक मैं औऱ दूसरी आप.. हमारी शादी ख़ास होगी..

सुमन - गौतम देख तू वापस वही बात मत शुरू कर देना.. मैं तुझे अपना फैसला बता चुकी हूँ..

गौतम - मैं तो मज़ाक़ कर रहा था मेरी प्यारी सी सेक्सी सुमन..

सुमन सिगरेट सुलगाते हुए - रूपा का फोन आया था कह रही थी तेरा फ़ोन बंद है..

गौतम - हाँ अब इतने चाहने वाले है मेरे.. किस किस से बात करता तो सोच कुछ बंद ही कर देता हूँ..

सुमन सिगरेट का कश लेकर सिगरेट गौतम को देती हुई - एक बार बात कर ले बेचारी बहुत परवाह करती है तेरी..

गौतम कश लेकर - पता है माँ.. वापस जाकर रूपा मम्मी के साथ ही रहेंगे हम दोनों..

सुमन - मम्मी? माँ सिर्फ मैं हूँ तेरी औऱ कोई नहीं.. समझा?

गौतम - आप माँ हो रूपा मम्मी औऱ माधुरी छोटी माँ.. मैंन छोटी माँ को सब बता दिया..

सुमन - फिर क्या कहा उसने?

गौतम - पहले तो कुछ नहीं बोली मगर फिर थोड़ा डांटने लगी औऱ बोली आपसे बात करनी है उसे..

सुमन - बात करवा ना फिर..

गौतम - वापस चलकर बात कर लेना माँ सीधा घर चले जाएंगे उनके..

सुमन - उनका घर कैसे हुआ? तेरे पापा ने लिया है घर.. हमारा भी हक़ है उसपर.. मैं तो जाकर उससे यही बात करुँगी औऱ तेरे पापा से भी यही बात कहूँगी..

गौतम - पर हम खुश है ना वहा भी..

सुमन - खुश? उस शुरू होते ही ख़त्म होने वाली जगह में रहकर खुश है तू? मैं खुश नहीं हूँ.. मेरा हक़ कोई औऱ चुड़ैल नहीं खा सकती..

गौतम सिगरेट सुमन को देते हुए - गुस्से में कितनी प्यारी लगती हो माँ..

सुमन कश लेकर - तेरा भी हक़ है उस घर पर.. हम वापस जाकर रूपा नहीं माधुरी के साथ रहेंगे.. देखती हूँ वो कैसे रोकती है हमें..

गौतम - वो क्यों रोकने लगी माँ.. वो तो शायद यही चाहती है औऱ इसीलिए आपसे बात भी करना चाहती है.. वैसे मेरे लिए भी अच्छा है.. आप तो अपनी चुत को छुपा के रखो.. छोटी माँ तो मुझे अच्छे से प्यार करेंगी उस घर में..

सुमन गुस्से में - चुत के चककर में अपनी माँ की सौतन से प्यार करेगा तू..

गौतम मुस्कुराते हुए - सौतन होगी आपकी मेरी तो छोटी माँ है.. कैसे भी चोदू बुरा नहीं मानती उल्टा बराबर का साथ देती है..

सुमन उदासी से - देख रही हूँ उस डायन ने मेरा पति तो छीन ही लिया है मेरा बेटा भी मुझसे छीन रही है..

गौतम सुमन की उंगलियों में सुलगती सिगरेट को अपनी उंगलियों में लेकर सुमन के होंठों पर सिगरेट लगाते हुए - ऐसा नहीं है मेरी सेक्सी सुमन.. आपसे मुझे कोई नहीं छीन सकता..

सुमन सिगरेट का कश लेकर गौतम को देखते हुए - भाभी का बहुत बुरा हाल किया है तूने.. बेटी की शादी में चलने ठीक से लायक नहीं छोड़ा..

गौतम - कुछ सीखो अपनी भाभी से माँ.. आप आगे के लिए मना कर रही हो मामी तो आगे पीछे दोनों तरफ ले गई थी मेरा..

सुमन चौंकते हुए - तूने भाभी की गांड..

गौतम हस्ते हुए - हाँ.. मारी है मैंने आपकी प्यारी भाभी की गांड..

सुमन - भाभी ने मना नहीं किया? बहुत दर्द हुआ होगा उनको तो..

गौतम - मना तो किया पर.. बदले में गांड मारना तो जायज था.. सुबह यहां आने के बाद भी एक बार औऱ मरवाई थी मामी ने..

सुमन - तभी ये हाल है भाभी का.. तुझे शर्म नहीं आई.. इतना सब करते हुए...

गौतम मुस्कुराते हुए - भाभी तो फिर भी चल पा रही है माँ..एक बार आप हाँ कर दो फिर देखना आपको तो चलने लायक भी नहीं छोडूंगा.. वैसे माँ मुझे तो इस शादी में कई चुत मिल जायेगी.. आप कहो तो आपकी इस चुत के लिए लोड़ो का बंदोबस्त करू?

सुमन हसते हुए - अपनी माँ का दल्ला बनेगा तू.. बेशर्म..

गौतम - जब आप मेरी ख़ुशी के लिए ये सब कर सकती हो तो में क्यों नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं चुदना तो किसी औऱ से चुदलो.. मैं बुरा नहीं मानुगा..

सुमन जोर से हँस्ती हुई - अब नीचे जाने दे वरना तू मुझे सच में किसीसे चुदवा देगा..

गौतम सुमन के दोनों चुचे अपने हाथों में पकड़कर मसलते हुए - आपके जैसी खूबसूरत औरत बिना चुदे अपने दिन बिताये ये तो बहुत गलत बात है माँ..

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सुमन - कितना जोर से दबाता है तू गौतम मेरे बोबो को.. अब तो सारे ब्लाउज औऱ ब्रा भी टाइट हो गई है.. लगता है तूने दबा दबा के मेरे बोबो का साइज बढ़ा दिया है.. अब नए ब्रा औऱ ब्लाउज बनवाने पड़ेगे.. बाबाजी से तेरी शिकायत करनी पड़ेगी.. छोड़ अब..

ये कहकर सुमन नीचे चली जाती है औऱ गौतम छत पर ही ठहलने लगता है फिर कुछ देर बाद वो भी नीचे आ जाता है..

************

फ़ोन क्यों नहीं उठा रहे थे?
सो रहा था..
इतनी देर तक सो रहे थे? ऐसा क्या कर रहे थे रातभर?
अरे यार.. बताया था ना कल फंक्शन था यहां.. इतना शोर गुल था नींद ही नहीं आई.. सुबह 4 बजे सोया था..
तो बताना चाहिए था ना मुझे.. मैं अपनी बाहों में भरके सुला लेती तुम्हे..
ओह हो.. फिर अगर मैंने तेरे बदन को इधर उधर से पकड़कर छू लिया होता औऱ तेरे साथ जोर जबरदस्ती करने की कोशिश की होती, तब तू क्या करती?
तब मैं तुम्हे चुम लेती औऱ कहती कि अगर तुमने मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की तो मैं तुम्हारे साथ जबरदस्ती कर लुंगी.. औऱ फिर तुम्हारी इज़्ज़त लुटकर अपनी हवस मिटा लेती..
अच्छा ज़ी.. 4 दिनों में ही इतनी मोहब्बत हो गई मुझसे?
एक बार मिलने तो आओ मुझसे तुम.. फिर बताउंगी ये कबाड़ी वाले की बेटी कितनी मोहब्बत करती है तुमसे..
2-3 दिन की औऱ बात है रेशमा.. फिर देखना तेरा ये आशिक कैसे तेरी चुत की खुजली मिटाता है..
मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा तेरे बिना मेरे कुत्ते.. मन कर रहा है इस फ़ोन में घुसके तेरे पास आ जाऊ औऱ तुझे अपने गले से लगा लू..
अच्छा ये चैटिंग छोड़ वीडियो कॉल कर ना रेशमा.. देखना है तुझे..
एक मिनट.. हाँ.. कॉल कर रही हूँ..
गौतम वीडियो कॉल उठाके - आज तो बहुत प्यारी लग रही हो..
रेशमा हस्ते हुए - कुछ पहन तो लो.. कैसे नंगे होके बैठे हो..
गौतम केमेरा में अपना रेशमा को लंड दिखाकर - देखो ना ये बेचारा तुमसे मिलने की आस में कैसे खड़ा है.. बोलता है जब तक तुझसे नहीं मिलेगा तब तक नहीं बैठेगा..
रेशमा अपनी कुर्ती उतारकर अपने चूचियाँ मसलते हुए - गौतम इससे कहो कि ये खड़ा हुआ ही अच्छा लगता है.. जब हमारी मुलाक़ात होगी तब अगर ये बैठ गया तो बहुत मार खायेगा मुझसे..
गौतम - रेशमा तुम तो कह रही थी असलम बात तक नहीं करता तुमसे फिर तुम्हारे चुचे इतने कैसे बड़े होते जा रहे है? कोई औऱ तो इनपर मेहनत नहीं कर रहा ना?
रेशमा - कमीने फ़ोन पर बड़े लग रहे होंगे तुझे.. तीन साल से ब्रा का साइज वही है..
गौतम - फ़िक्र मत कर मेरी फुलझड़ी.. बहुत जल्दी तेरी चूची औऱ चुत्तड़ का साइज बढ़ने वाला है..
रेशमा अपनी चुत में ऊँगली करती हुई - गौतम देखो ना.. कैसे ये कमीनी तुम्हे देखकर गीली हो गई है.. लगता है तुमसे दुरी इसे भी बर्दाश्त नहीं है..
गौतम - तो तुम ही क्यों नहीं आ जाती मुझसे मिलने यहां? परसो की शादी है.. औऱ कोनसा तू दूर रहती है.. दो घंटे का ही तो सफर है..
रेशमा - पर आउ किसके साथ? क्या कहूँगी असलम से?
गौतम - बोल देना तेरी सहेली की शादी है.. कार्ड मैं तुझे व्हाट्सप्प कर देता हूँ..
रेशमा - ठीक है मैं बात करके देखती हूँ असलम से.. वैसे उम्मीद तो बहुत कम वो मेरी बात मानेगा..
गौतम - वैसे रेशमा.. एक बात बताऊ.. मैंने आदिल के फ़ोन से तेरे नंबर नहीं लिए थे.. आदिल ने खुद मुझे तेरे नम्बर दिए थे..
रेशमा चुत में ऊँगली करती हुई - क्यों दिए थे उसने तुझे मेरे नंबर?
गौतम - ताकि मैं तेरी चुत की खुजली को मिटा सकूँ..
रेशमा झड़ने लगती है फिर संभलकर कहती है - तूने अब तक हमारे बीच जो हुआ वो आदिल को तो नहीं बताया ना..
गौतम - अभी तक हुआ ही क्या है हमारे बीच.. जो मैं किसी को बताऊंगा.. पहले कुछ हो तो जाए..
रेशमा मुस्कुराते हुए - होने के बाद भी अगर तुमने किसी से कुछ कहा तो बहुत मार खाओगे देखना..
गौतम - अच्छा अब रखता हूँ.. नहाना है मुझे..
रेशमा - आई लव यू मेरे कुत्ते..
गौतम - आई लव यू मेरी कुत्तिया.. फ़ोन कट हो जाता है..

गौतम नहाने लगता है और नहा कर जब बाहर आता है तो उसे अपने सामने खड़ी हुई आरती कप मैं चाय लिए दिखती है जो गौतम को सिर्फ टावल में देखकर अपनी आँखे सेकती हुई बार-बार गौतम को ऊपर से नीचे तक देख कर अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए उसे आंखों से अश्लील इशारे कर रही थी जिसे गौतम अच्छे से समझ रहा था और आरती के मन की दशा भी उसे अब अच्छे से समझ आ रही थी...

गौतम में नाराज होने का नाटक करते हुए आरती से चाय का कप नहीं लिया और अपने गीले बाल सुखाने लगा.. आरती ने चाय का कप टेबल पर रखते हुए गौतम के हाथ से तोलिया ले लिया और उसे बेड पर बिठाते हुए अपने हाथ से उसके बाल सुखाने लगी.. गौतम को आरती से इस तरह की कोई उम्मीद नहीं थी मगर जिस तरह से आरती उसके सर के बाल जो गीले थे उन को तौलिये से सुखा रही थी.. गौतम जान रहा था कि आरती पूरी तरह से गौतम के ऊपर लट्टू है और गौतम से आकर्षित है.. आरती बहाने बहाने से गौतम के बदन को छू रही थी और गौतम आरती से बचते हुए ऐसा दिखा रहा था जैसे वह आरती से दूर जाना चाहता हो मगर आरती उसे अपने से दूर नहीं करना चाहती थी..

आरती - क्या बात है देवर ज़ी? गले औऱ सीने पर इतने निशान.. लगता है कई बिल्लीओ ने आपका ये हाल किया है..
गौतम आरती से तौलिया लेकर - रहने दो भाभी मैं सूखा लूंगा अपने बाल..
आरती - अरे अरे.. नहीं बताना तो मत बताओ.. देवर ज़ी.. पर ऐसे क्या करते हो.. अपनी भाभी को कम से कम इतना तो करने दो..
यह कहते हुए आरती गौतम के बेहद करीब आ जाती है और उसके होठों से अपने होंठ लगभग लगाते हुए उसके बाल साफ करने लगती है मगर गौतम अपना चेहरा मोड़ते हुए आरती से मुंह फेर लेता है औऱ आरती से कहता है.
गौतम - भईया याद कर रहे होंगे आपको भाभी.. अब रहने दो.. मैं कर लूंगा..
आरती उदासी से - तुम्हारे भईया ही तो याद नहीं करते मुझे.. देवर ज़ी.. वो तो बस दूकान ही सँभालते है मुझे सँभालने के लिए उनके पास ना तो वक़्त है ना उनमे इतनी ताकत..
गौतम बाल बनाते हुए - तभी मेरे पीछे पड़ी हो आप.. पर ये ख्याल छोड़ दो भाभी.. मैं नहीं पटने वाला..
आरती अपना पल्लू गिराकर गौतम के करीब आते हुए - अरे देवर ज़ी.. पटाना अभी शुरू ही कहा किया है मैंने आपको.. शादी का माहौल है.. सबकी इच्छा पूरी हो रही है.. मेरी मुराद भी पूरी हो जाए तो आपका क्या बिगड़ जाएगा.. इतनी बुरी भी नहीं है आपकी भाभी.. आपके गले औऱ सीने पर कुछ निशान छोड़ने का हक़ तो आपकी इस भाभी का भी है..

ये कहते हुए आरती ने गौतम की कमर पर बंधे हुए तोलिया को अपनी उंगली के दबाव से एकदम से झटके से खोल दिया और गौतम को इसका अंदाजा भी नहीं था. गौतम ने अभी तौलिये के नीचे अंडरवियर नहीं पहना था जिससे तोलिया हटाने पर वह पूरी तरह अपनी प्राकृतिक अवस्था में आ गया और आरती के सामने उसका विशालकाय हथियार लहराते हुए झूलने लगा.. गौतम का हथियार देखकर आरती के जैसे रोंगटे खड़े हो गए और वह कामुकता से भर्ती हुई सन रह गई उसने आज से पहले इस तरह की कोई चीज नहीं देखी थी आरती अश्लील फिल्में देखने की शौकीन थी और अक्सर वह फिल्मों में इस तरह के लंड देखती थी मगर आज उसने हकीकत में ऐसा कुछ देख लिया था और उसे देखकर उसकी आंखें खुली की खुली रह गई थी और वह हैरत से गौतम को देख रही थी.

गौतम का आरती से ऐसा कुछ करने की उम्मीद नहीं थी मगर आरती ने जब ऐसा कुछ कर दिया तो उसे समझ नहीं आया कि वह क्या करें वह पहले तो एक दो पल के लिए भूत बना हुआ खड़ा रहा मगर फिर अपने तोड़ने को फर्ष से उठाकर वापस अपनी कमर पर बांध लिया और आरती पर गुस्सा होते हुए चिल्लाते हुए कहा..
गौतम - भाभी पागल हो क्या? ये क्या हरकत है?
आरती तो जैसे अभी तक गौतम के हथियार में ही खोई हुई थी उसे तौलिये के ऊपर से भी गौतम के हथियार की हल्की झलक मिल रही थी जो अभी तक सोया हुआ था.. आरती के कानों में गौतम की आवाज पड़ी ही नहीं और वह बस गौतम के लंड पर अपनी नजर डालें खड़ी हुई सिर्फ गौतम के लंड की ओर देख रही थी, गौतम ने आरती को ऐसा करते हुए देखा तो फिर से चिल्लाकर उसका कंधा पकड़कर झकझोरते हुए कहा..
गौतम - भाभी... भाभी...
आरती - देवर ज़ी.. आपका इतना बड़ा..
गौतम शरमाते हुए - भाभी आप जाओ यहां से..
आरती वापस अपने हाथ से गोतम का तौलिया खींचने लगती है मगर इस बार गौतम आरती का हाथ पकड़ लेता है..
गोतम - भाभी पागल हो गई हो क्या आप.. क्या कर रही हो..
आरती उत्सुकता से - देवर ज़ी बस एक बार वापस देख लेने दीजिये.. मैं चली जाउंगी..
गौतम - दरवाजा खुला हुआ है भाभी, कोई देख लेगा आप जाओ यहाँ से..
आरती - कोई नहीं देखेगा ग़ुगु.. मैं दरवाजा बंद करके आती हूँ..

आरती दरवाजा बंद करने के लिए मुड़ जाती है और दरवाजा बंद करने लगती है आरती के दरवाजा बंद करते ही बाहर हाल में डीजे की आवाज बजनी शुरू हो जाती है जिसमें आज शादी का महिला संगीत था.. डीजे पर पहला गाना बजते ही होटल में चारों तरफ शोर गुल मच जाता है जिसमें हर किसी को एक दूसरे की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी हर कोई एक दूसरे से जोर से कहकर बात कर रहा था और एक दूसरे को इशारों से अपनी बात समझ रहा था इसका फायदा उठाकर आरती ने दरवाजा बंद कर वापस गौतम के पास आ गई और उसका तोलिया खींचने की नीयत से अपना हाथ बढ़ा दिया..
गौतम हाथ पकड़ते हुए - भाभी क्या मज़ाक है.. जाओ आप यहां से..
आरती अपना हाथ छुड़ाकर अपनी साडी उतारते हुए - देवर ज़ी आज तो चाहे कयामत आ जाए.. मैं यहां से नहीं जाने वाली..
आरती जब अपनी साड़ी उतार रही होती है गौतम की नजर आरती के ब्लाउज में चली जाती है जहां दो मस्त-मस्त मौसम कड़क होकर सामने की तरफ तनी हुई थी और उनको देखने से लगता था कि उन पर अब तक किसी के हाथ नहीं पड़े हैं और ना ही आरती ने इन पर किसी और को हुकूमत करने का आदेश ही दिया था..
गौतम का सोया हुआ लैंड धीरे-धीरे उठने लगता है और वह आरती को अपने कपड़े उतारते हुए देखने लगता है आरती साड़ी के बाद अपना ब्लाउज और फिर पेटिकोट उतार कर ब्रा औऱ पेंटी में आ जाती है और फिर गौतम की ओर बढ़ने लगती है.. इस बार गौतम ने आरती से बिना किसी शर्म और लिहाज़ के मिलने का निश्चय कर लिया था और वह अपनी और आती हुई आरती को कामुक नजरों से देखने लगा था..

गौतम ने अपनी और आती हुई आरती को देखते हुए अपना तोलिया अपने हाथों से ही हटाकर साइड में रखे सोफे पर फेंक दिया और आरती की कमर में हाथ डालकर उसे अपने करीब खींचते हुए उठाकर एक साथ बिस्तर पर पटक दिया... वहां से गौतम आरती के ऊपर चढ़ा और उसे छूने लगा.. आरती भी गौतम के इस व्यवहार से हक्की बक्की रह गई और चौंकते हुए वह गौतम को चूमने लगी और उसकी आंखों में देखी हुई अपनी आंखों के इशारों से उसे पूछने लगी कि एकदम से उसे यह क्या हुआ है मगर गौतम ने उसकी आंखों के इशारे का कोई प्रति उत्तर नहीं दिया और चुपचाप आरती के होठों का स्वाद लेने लगा दोनों के होंठ आपस में इस तरह मिल रहे थे जैसे दो बिछड़े हुए दोस्त लिपटकर एक साथ मिल जाते हैं दोनों के बीच होठों की जंग जुबानी हो चुकी थी गौतम और आरती ने एक दूसरे की जीभ को अपने-अपने मुंह से निकाल कर एक दूसरे की जीभ से लड़ाना और मिलना चालू कर दिया था..

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आरती को जो सुख अपने पति चेतन से नहीं मिल पाया था वह गौतम से पा लेना चाहती थी और किसी नियत से गौतम को चूम रही थी..

चुंबन के दौरान गौतम ने आरती की ब्रा निकाल कर फेंक दी जिससे उसके नुकीले सूचक गौतम के सीने पर चुभने लगे और इसमें गौतम को एक अजीब और मीठा अहसास होने लगा, उसकी कामुकता और ऊपर उठने लगी और हवाओं में तैरने लगी..

गौतम चुम्बन तोड़कर आरती से कहा - भाभी एक बार फिर सोच लो.. कल दीदी की शादी है औऱ एक बार मेरे साथ ये सब करने के बाद आप कुछ दिन ठीक से चल भी नहीं पाओगी.
आरती - मुझे फर्क नहीं पड़ता देवर ज़ी.. आप बस मुझे ऐसा रगड़ के रख दो कि मैं तृप्त हो जाऊ..
गौतम - जैसा आप चाहो भाभी..
गौतम इतना कह कर आरती कि छाती की तरफ आ जाता है और उसकी छतिया पर खड़े हुए चूचक अपने मुंह में लेकर चूसने लगता है और अपने हाथों से उन्हें मसलने और दबाने लगता है जिससे आरती के मनोभावों में कामुकता कि हवा में घूमती महक की तरह उठकर फैलने लगती है और तैरने लगती है जिससे आसपास का वातावरण काममई हो जाता है..

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आरती गौतम का चेहरा पकडे हुए उसे अपनी छाती के उभार का मज़ा देने लगती है.. आरती के कड़क उठे हुए और तीर की तरह चुभने वाले चुचक गौतम अपने मुंह में लेकर इस तरह चूस रहा था जैसे वह बच्चे बचपन में अपनी माँ की चूची पकड़ के उनमे से दूध चूसते हैं...

आरती सीस्कारियां लेते हुए गौतम के चेहरे को पकड़े हुए उसके बालों में हाथ फिराती हुई उसे अपनी छाती का पूरा मजा दे रही थी और वह चाहती थी कि गौतम उसकी छाती से भरपूर मजे लेकर उसपर लट्टू हो जाए, उससे खेले जिससे उसकी ब्रा का साइज औऱ उसकी मादकता दोनों बढ़ जाए..

गौतम आरती के चुचे से खेलते हुए एक हाथ से उसकी पेंटिंग नीचे सरकार कर उतार देता है और फिर उसकी टांगों के बीच में आ जाता है और उसकी टांगें खोलकर उसकी जांघों की जोड़ पर अपना हाथ रखकर आरती की चुत को मसलने लगता है जिससे आरती अब खुलकर सिसकने औऱ आहे भरने लगती है..

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आरती की चुत से गौतम के हाथ लगाते ही पानी निकलने लगा था औऱ वो झड़ गई थी मगर फिर गौतम ने अपने लंड पर थूककर अपने लंड को आरती की चुत में घुसने के लिए सेट कर दिया औऱ धक्का देने लगा..

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आरती को चेतन ने सुहागरात से लेकर अब तक एक बार भी तृप्त नहीं किया था ना ही उसके साथ अच्छे से संभोग किया था जिससे आरती काम की अग्नि में जल रही थी और उसने शादी के इतने सालों तक अपनी चुत को घर में रखें गाजर मूली बैंगन यहां तक की बेलन से भी ठंडा किया था इसलिए उसकी चुत खुल तो चुकी थी मगर चुदी नहीं थी..

गौतम का लोहे की तरह मजबूत औऱ ठोस लंड अपनी पूरी औकात में खड़ा होकर आरती की चुत में घुसने लगा था औऱ आरती की सिस्कारिया अब उसकी चिंखो में बदलने लगी थी मगर यहां उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था.. ऊपर से उसकी आवाज नीचे बज रहे dj के शोर में इस तरह खो गई थी जैसे भुंसे के ढेर में सुई खो जाती है.

गौतम ने आरती पर रहम करते हुए अपना हथियार धीरे-धीरे उसकी गुफा में गुस्सा आया था मगर अब आधा हथियार अंदर जाने के बाद गौतम को आरती की शक्ल देखने में मजा आने लगा..
आरती की सूरत इस तरह की थी जैसे कोई बिन पानी मछली की होती है आरती की शक्ल देखते हुए गौतम को उसकी कही हुई हर बात याद आने लगी कि किस तरह से आरती कुछ दिनों से गौतम का दिल दुखाने की पूरी पूरी कोशिश कर रही थी हालांकि आरती उन बातों को मीन नहीं करती थी ना ही उसने वह बात जानबूझकर कही थी..

उसका मकसद सिर्फ गौतम का दिल दुखाना था जिसमें वह कामयाब भी नहीं हो पाई थी मगर गौतम को आप सब याद आ रहा था और वह आरती के चेहरे पर उभरते इस भाव को देखकर सुकून महसूस कर रहा था कि अब आरती का सारा घमंड और सारी अकड़ चकनाचूर हो चुकी है..
गौतम - क्या हुआ भाभी अभी तो आधा ही अंदर गया है औऱ आप तड़पने लगी..
आरती सिसकते हुए - देवर ज़ी मैं कोई रांड थोड़ी हूँ जो इतना बड़ा लोडा एक बार में ले जाउंगी..
गौतम - चिंता क्यों करती हो भाभी.. मैं हूँ ना आपका देवर.. आपको अपने लंड से चोदकर पक्का रांड बना दूंगा..
आरती - ग़ुगु धीरे धीरे करना.. अब दर्द भी होने लगा है..
गौतम - ऐसा लगता है तीन साल में चेतन भईया ने आपको हाथ तक नहीं लगाया.. बिलकुल नाजुक हो आप तो.. देखो सील टूट गई आपकी...
आरती - उसे तो सिर्फ खाना औऱ सोना है.. साला सो किलो का ढ़ोल है.. दूकान पर बैठने के अलावा कुछ नहीं आता..
गौतम - ये बात तो है भाभी.. चेतन आप जैसी हसीन नाजुक औऱ प्यारी लड़की के लायक़ नहीं है..
आरती धीरे धीरे अपनी गांड उठाकर चुदवाते हुए - तो देवर ज़ी.. आप क्यों नहीं बना लेटे मुझे अपना.. ले चलो अपनी भाभी को भगा के.. मैं मना थोड़ी करुँगी..
गौतम धीरे धीरे आधे लंड से चोदते हुए - रहने दो भाभी.. ये ऐश औऱ आराम छोड़कर जाना आपके बस की बात नहीं है..
आरती - ऐसा नहीं है देवर ज़ी.. मैं तो आपके साथ फुटपाथ पर भी रह लुंगी. बस आप अपने इस लंड से मेरी चुत की सर्विस टाइम से करते रहना..
गौतम एक जोरदार धक्का मारके आरती की चुत में अब पूरा लंड घुसा देता है औऱ आरती चिल्लाते हुए गौतम से लिपटकर सिसकियाँ लेने लगती है..

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गौतम - भाभी दर्द तो नहीं हुआ ना..
आरती - देवर ज़ी आपने तो आज असली में सील तोड़ दी..
गौतम मिशनरी पोज़ में आरती की चुदाई करता है और फिर आरती को अपने आगे घोड़ी बनाकर उसकी सवारी करने लगता है..

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आरती खुलकर गौतम के साथ अपनी हवस बुझा रही थी उसे अब किसी की फिक्र नहीं थी आरती खुल के गौतम को अपना चुकी थी और उसके साथ मजाक मस्तियां करते हुए कामसुख भोग रही थी..

गौतम ने घोड़ी के बाद आरती को अपनी गोद में उठा लिया औऱ उठा उठा के चोदने लगा..

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आरती ने गौतम का बराबर साथ दिया औऱ चुदाई लीला में गौतम को भी पूरा मज़ा मिलरहा था.. आरती बार बार गौतम के होंठों को चूमकर उससे अपने प्यार का इज़हार कर रही थी औऱ चुदाई के चरम पर पहुंचकर झड़ चुकी थी.. इस चुदाई में कई बार चुत से झड़ने के बाद आरती ने गौतम को अपनी चुत में घुसा कर लंड पर दबाब बनाते हुए गौतम को भी अपने अंदर अपना पानी निकालने पर मजबूर कर दिया औऱ दोनोंअपनी इस चुदाई के महासंगम के महामिलन से तृप्त होकर एक दूसरे की बाहों में लेट गए थे..
आरती - देवर ज़ी.. आप तो बहुत बुरे हो..
गौतम - क्यों भाभी.. मज़ा नहीं आया आपको?
आरती - प्यार से प्यार करने को कहा था मैंने औऱ आपने.. एक झटके में अपना ये अजगर मेरी बिल में घुसा दिया.. देखो कितनी फ़ैल गई है मेरी चुत..
गौतम - भाभी ऐसी फैली हुई चुत तो हमारे प्यार की निशानी है..
आरती मुस्कुराते हुए - बड़े आये प्यार की निशानी देने वाले.. मैं जानती हूँ तुमने मेरी बातों का बदला लिया है मुझसे..
गौतम - भाभी आपसे बदला? आप किस बात का बदला लूंगा मैं? मैं जानता था कि आप बस मेरा दिल दुखाने के लिए ही बोल रही थी जो आपने बोला.. मैं तो आपसे कभी नाराज़ था ही नहीं..
आरती मुस्कुराते हुए - अच्छा देवर ज़ी.. अब जाने दीजिये.. मौका मिलते ही वापस प्यार झरने आउंगी आपसे.
गौतम - जैसा आप चाहो भाभी.. आपका देवर हमेशा आपकी सेवा के लिए तरयार रहेगा...
आरती बेड से खड़े होते ही लड़खड़ा जाती है हसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिगरेट सुलगाते हुए - मैंने तो पहले ही कहा था भाभी.. चुदने के बाद ठीक से चल भी नहीं पाओगी..
आरती लड़खड़ाकर दो कदम चलती है उसके मन में वापस चुदने की तलब थी मगर जुबान से इस बात को कहना आरती के बस में अब नहीं था वो कमरे के दरवाजे पर रूकते हुए मुस्कुराते हुए गौतम से कहती है - देवर ज़ी मुझे मेरे रूम तक छोड़ दोगे?
गौतम सिगरेट का एक कश लेकर आरती से कहता है - ये भी तो आपका रूम है भाभी यही आराम कर लो.. शाम तक तो वैसे भी कोई नहीं है पूछने वाला..
आरती लड़खड़ाती हुई वापस बेड के करीब आ जाती है जहाँ गौतम आरती का हाथ पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता है औऱ आरती गौतम के ऊँगली में सुलगती सिगरेट लेकर एक लम्बा सा कश भरती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम को फिर से चूमने लगता है..

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Ab Aarti bhi gayi



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माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..

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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

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गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी एक डिलडो हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन के हाथ में डिलडो दिखाई देता है जिसे वो पहनकर गौतम की गांड में घुसा रही थी..

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गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं मरवाने से पहले तेरी मारना चाहती हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर डिलडो गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. बहुत मज़ा आ रहा है.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी चुत को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के कंधे पकड़के डिलडो से गौतम की गांड मारे जा रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस डिलडो से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - मेरी मारनी है तो पहले मरवा ले रसगुल्ले... बोल.. आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन - बोल मेरे रसगुल्ले.. अब पता चला कितना दर्द होता है चुदने में?
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..
 
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ayush01111

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माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..


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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

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गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

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गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

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गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी अपनी चड्डी भी नीचे सरका देती है जिसमे से उसका तनतनाता हुआ लंड पूरी अकड़ में खड़ा होकर सामने आ जाता है जिसे सिमरन अपने हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन का 4 इंच का लोडा दिखाई देता है जिसे वो गौतम की गगांड में घुसा रही थी..
गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं एक shemale हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर अपना लोडा गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. मेरा हो जाए.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी गांड को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के बाल पकड़के गौतम की गांड मारे जा रही थी जिसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस छोटे से लंड से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - निकलने वाला है मेरे रसगुल्ले... आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन अपना माल झाड़ते हुए - आई लव यू मेरे रसगुल्ले... मैं तो दिवानी हो गइ तेरी इस गांड की..
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..
Ye kya kand kar diya tumne acchi Kashi story ki gand mar di
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Update 23


माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..


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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

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गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

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गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

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गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी अपनी चड्डी भी नीचे सरका देती है जिसमे से उसका तनतनाता हुआ लंड पूरी अकड़ में खड़ा होकर सामने आ जाता है जिसे सिमरन अपने हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन का 4 इंच का लोडा दिखाई देता है जिसे वो गौतम की गगांड में घुसा रही थी..
गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं एक shemale हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर अपना लोडा गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. मेरा हो जाए.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी गांड को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के बाल पकड़के गौतम की गांड मारे जा रही थी जिसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस छोटे से लंड से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - निकलने वाला है मेरे रसगुल्ले... आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन अपना माल झाड़ते हुए - आई लव यू मेरे रसगुल्ले... मैं तो दिवानी हो गइ तेरी इस गांड की..
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..
Shaandar super hot update 🔥 🔥
Yaha to Gautam ko hi pel diya gaya hai a 😡 😡 😡
 
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