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Ajju Landwalia

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Update 23


माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..


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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

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गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

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गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

**************



गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी अपनी चड्डी भी नीचे सरका देती है जिसमे से उसका तनतनाता हुआ लंड पूरी अकड़ में खड़ा होकर सामने आ जाता है जिसे सिमरन अपने हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन का 4 इंच का लोडा दिखाई देता है जिसे वो गौतम की गगांड में घुसा रही थी..
गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं एक shemale हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर अपना लोडा गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. मेरा हो जाए.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी गांड को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के बाल पकड़के गौतम की गांड मारे जा रही थी जिसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस छोटे से लंड से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - निकलने वाला है मेरे रसगुल्ले... आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन अपना माल झाड़ते हुए - आई लव यू मेरे रसगुल्ले... मैं तो दिवानी हो गइ तेरी इस गांड की..
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..

Bahut hi bdhiya update he moms_bachha Bhai,

Nani ka to badhiya se band bajaaya gugu ne.......

Lekin aakhir me ek shemale se apna hi band bajwa liya..........

Keep rocking Bro
 

Sushil@10

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माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..


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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

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गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

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गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

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गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी अपनी चड्डी भी नीचे सरका देती है जिसमे से उसका तनतनाता हुआ लंड पूरी अकड़ में खड़ा होकर सामने आ जाता है जिसे सिमरन अपने हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन का 4 इंच का लोडा दिखाई देता है जिसे वो गौतम की गगांड में घुसा रही थी..
गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं एक shemale हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर अपना लोडा गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. मेरा हो जाए.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी गांड को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के बाल पकड़के गौतम की गांड मारे जा रही थी जिसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस छोटे से लंड से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - निकलने वाला है मेरे रसगुल्ले... आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन अपना माल झाड़ते हुए - आई लव यू मेरे रसगुल्ले... मैं तो दिवानी हो गइ तेरी इस गांड की..
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..
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moms_bachha

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Update 24

गौतम को आता देखकर मनोज मुस्कुराते हुए उसे आवाज देकर बुलाता है - गौतम...
गौतम मनोज को देखकर उसकी तरफ आता है औऱ एक थप्पड़ उसके गाल पर मारकर बोलता है - बहन के लंड.. तेरी पागल वागल है क्या?
मनोज थप्पड़ खाकर भी हसने लगता है औऱ कहता है - लगता है लेने की जगह देकर आ रहा है..
गौतम मनोज के हाथों से पेग लेकर एक घूंट में खींच जाता है..
मनोज - अरे धीरे धीरे एक बार में ख़त्म कर जाएगा क्या? औऱ गुस्सा क्यों कर रहा है? इतनी खूबसूरत लड़की से गांड मरवाई है तुझे तो खुश होना चाहिए.. औऱ कोनसा असली लंड से मरवाई है.. नकली होगा..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा.. माँ के लोडे अब औऱ कुछ बोला तो.. साले नवाबो वाले शोक नहीं है मेरे.. असली हो या नकली मुझे मरना पसंद है मरवाना नहीं..
पीछे से सिमरन आती हुई - बात तो ऐसे कर रहे हो जैसे मरवाने के बाद तुम्हारी गांड किसी काम की ही नहीं रही हो.. इतना जोर का थप्पड़ मारके आये हो देखो मेरे गाल पर उंगलियां छप गई तुम्हारी..
गौतम - तुम दोनों भाई बहन ना मुझसे दूर रहना.. समझें? ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है..

गौतम यहां से सीधा वेडिंग हॉल में आ जाता है औऱ एक टेबल पर बैठी हुई सुमन के करीब आकर बैठ जाता है जहा सुमन वेटर से दो गिलास जूस लेकर एक गौतम के सामने रख देती है औऱ एक खुद पीते हुए गौतम से पूछती है..
सुमन - क्या हुआशहजादे मुंह क्यों लटकाया हुआ है?
गौतम जूस पीते हुए - कुछ नहीं.. बस मूंड थोड़ा खराब है..
सुमन - क्यों किसी ने कुछ कहा है क्या?
गौतम - नहीं माँ.. बस ऐसे ही..
सुमन - तो थोड़ा मुस्कुरा ना ग़ुगु.. चल मुस्कुरा दे अब. इतने प्यारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती..
सिमरन आते हुए - वही तो मैं भी समझा रही थी आंटी.. मगर गौतम समझने को ही तैयार नहीं है..
ये कहते हुए सिमरन गोतम के बगल में आकर बैठ जाती है..
सुमन - तुम?
सिमरन - आंटी मैं गौतम की गर्लफ्रेंड.. मतलब फ़्रेंड हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - गर्लफ्रेंड.. ओ हो.. लगता है लड़ाई हो गई है दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में..
सिमरन - लड़ाई कहाँ आंटी.. यही मुझे सता रहा है.. देखो कितना जोर का थप्पड़ मार दिया इसने मुझे...
सुमन सिमरन का गाल देखकर - ग़ुगु? तूने हाथ उठाया इसपर? मैंने ये सिखाया है तुझे? कितनी फूल सी प्यारी बच्ची है..
सिमरन - देखो ना आंटी.. छोटी सी बात पर थप्पड़ मार दिया इसने.. औऱ फिर भी मुंह फुला के बैठा है..
गोतम गुस्से से सिमरन को देखता हुआ - तुझे कहा था ना दूर रहना.. क्यों आ गई पीछे पीछे?
सिमरन रोने का नाटक करते हुए - आंटी इसने शादी का वादा किया है मुझे गर्लफ्रेंड बनाया है अब मुझे छोड़ने की बात कर रहा है..
सुमन - अरे तुम दोनों में जो हुआ है मुझे उससे दूर रखो.. अपना मसला खुद हल करो.. मुझे छोड़ दो.. गौतम अब हाथ नहीं उठाना इस बच्ची पर...
सिमरन - सिमरन.. आंटी.. सिमरन नाम है मेरा..
सुमन - हाँ.. सिमरन पर हाथ मत उठाना औऱ प्यार से बात करना..

सुमन ये कहते हुए आरती के पास चली जाती है औऱ सिमरन गोतम को मुस्कुराते हुए देखकर कहती है - देखो चुपचाप मेरे साथ चलो औऱ जो काम तुमने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा करो वरना..
गौतम - वरना क्या?
सिमरन फ़ोन निकालकर - वरना पुरे शहर में तुमको फेमस कर दूंगी.. कहो तो नेट पर वायरल कर दू तेरा मेरा mms?
गौतम गुस्से में - तू बहन की लोड़ी.. मरेगी मेरे हाथ से.. डिलीट कर उसे..
सिमरन - पहले बोल आई लव यू..
गौतम - लव यू.. अब डिलीट कर उन वीडियो को..
सिमरन - चलो मेरे साथ..
गौतम - कहाँ?
सिमरन - वही यहां से मुझे अकेला छोड़ के आ गए थे..
गौतम - देख मुझे अब तेरेमे इंट्रेस्ट नहीं है..
सिमरन - मुझे तो तुम पसंद हो.. औऱ मैं अब तुम्हारा पीछा तो किसी हाल में नहीं छोड़ने वाली.. अब चलो वरना मेरा पागलपन तुम नहीं जानते.. मुझे अपनी बिलकुल परवाह नहीं है..
गौतम - अब वहां जाकर क्या करना है? तुमने मार तो ली मेरी गांड अपने उस नकली लोडे से.. अब क्या साडी पहन लु तेरे सामने?
सिमरन - मैंने नकली से मार ली तो तुम असली से मार लो मेरी? बदला ले लो..
गौतम - मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है समझी.. अब ये वीडियो डिलीट करो..
सिमरन गुस्से में - अगर 15 मिनट में तुम उसी जगह वापस नहीं आये तो मैं ये वीडियो वायरल कर दूंगी.. समझा?

ये कहकर सिमरन चली जाती है..गौतम को सिमरन पर गुस्सा आ रहा था जिस तरह से सिमरन ने धोके से नकली लंड लगाकर गौतम कि गांड का स्वाद लिया था वो गौतम को पसंद नहीं आया था जिसे उसने खुले तौर पर सिमरन से बयाँ कर दिया था.. मगर mms के वायरल होने का डर उसे वापस सिमरन के पास खींच ले गया औऱ गौतम वापस होटल के रूम में जाकर दरवाजा लगाते हुए सिमरन से गुस्से में बोला..
गौतम - देख सिम्मी चुपचाप सीधी तरह वीडियो डिलीट कर वरना अच्छा नहीं होगा.. तू मुझे भी नहीं जानती ठीक से..
सिमरन गौतम को गले लगाकर बेड पर गिराती हुई - कर दूंगी डिलीट.. पर इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लो मुझसे..
गौतम - मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है तुम्हारे अंदर.. समझी..
सिमरन - इंट्रेस्ट नहीं था तो मेरे पास क्यों आये थे तुम? तब तो बहाने बहाने से बात करने की कोशिश कर रहे थे.. अब जब मैं बाहों में हूँ तो इस तरह मुंह फेर रहे हो.. ये तो बहुत दिल दुःखाने वाली बात है गौतम.. क्या मुझे प्यार करने का हक़ नहीं है? तुम कितनी प्यार से बात कर रहे थे.. मेरे होंठों से लेकर चुचो तक सब तुम्हे पसंद आ रहा था.. मेरा फिगर पसंद है ना तुम्हे? फिर क्यों मुझसे इस तरह रूखेपन से बात कर रहे हो..
गौतम - सिम्मी.. तू जो बोलोगी मैं वो सब कर लूंगा तुम्हारे साथ.. पर पहले वो वीडियो डिलीट करो..
सिमरन - इतनी पागल तो मैं भी नहीं हूँ.. वीडियो डिलीट कर दूंगी तो तूम मेरे बाहों से निकलकर कहा गायब हो जाओगे मुझे पता भी नहीं चलेगा.. उस वीडियो के कारण ही तुम यहां मेरे साथ हो.. डिलीट करते ही नहीं रहोगे..
गौतम - ऐसा नहीं है.. मुझ पर भरोसा कर.. देख मुझे तू पसंद है पर तूने धोके से नकली लंड लगाकर मेरी मारी है ना.. मेरी मर्दानगी को बुरा लगा है..
सिमरन - ओ हो बड़े आये मर्द.. इतने प्यारे औऱ क्यूट हो.. बिलकुल मेरे टाइप के.. देखो आज तक मैं डर डर के जीती आई हूँ किसी को करीब नहीं आने दिया... भईया से ही अपने दिल की बातें करती आई हूँ.. औऱ उन्होंने ही मुझे संभाला है.. तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए हो.. मेरे रसगुल्ले मैं अपने इस दिल को कैसे समझाऊ जो तुझे देखकर इतना जोर से धड़ककर उछल रहा है जैसे अभी बाहर आकर तुमसे अपना हाल कह देगा.. मेरे प्यार को मत ठुकराओ गौतम.. मुझे अपना बना लो.. मैं तुम्हारी हर बात मानुँगी.. जो तुम बोलोगे वही करुंगी बस मेरे दिल को ऐसे मत तोड़ो..
गौतम - मेरे हाथ पैर बाँध कर अपनी नकली लंड से मेरी गांड मारने के बाद अब ये इमोशनल ड्रामा करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती? पक्की ड्रामेबाज़ है तू.. अब जल्दी बता तू क्या चाहती है मुझे वापस नीचे लोन में जाना है औऱ शादी एन्जॉय करना है..
सिमरन - तुम बताओ तुम्हे क्या करना है.. मेरे होंठों से बदला लोगे या चुचो से खेलोगे? Blowjob दूँ या मेरे रसगुल्ले को मेरी चुत चाहिए?
गौतम मुस्कुराते हुए - सिम्मी सच कहु तो मैं पहली नज़र में तेरे प्यार में ही पड़ गया.. पर क्या करू.. मर्द हूँ.. औऱ मर्द को मरवाने का शोक नहीं रहता.. अपने अलवा किसी औऱ का लंड चाहे नकली क्यूना हो देखकर मुंह से सिर्फ गाली नकलती है.. तूने जो मेरे साथ वो बहुत गलत था..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तो उसका बदला भी तो लोगे तुम अभी.. अपने इतने मोटे लंड से मेरी चुत मारोगे.. पता नहीं क्या हाल होगा मेरी चुत का.. मुझे तो बहुत दर्द दोगे तुम.. मैं कैसे सह पाउंगी वो सोचा है तुमने.. होंठों से होंठ मिलाकर चूमने जितना आसान थोड़ी है चूत मराना.. मेरी तो छोटी सी थी तुम्हे तो पता भी नहीं चला होगा.. पर मेरा क्या होगा..
गौतम सिम्मी की सलवार कुर्ती उतारते हुए - ये तो पहले सोचना चाहिए था.. वैसे फिगर सच बहुत सेक्सी है तेरा.. तू तो गई साली आज..
सिमरन मुस्कुराते हुए - मुझे तो लगा था तुम मानोगे ही नहीं.. पर थोड़ा सा इमोशनल होकर दो मीठी बात क्या की.. तुम तो मोम की तरह पिघल गए.. जितना सुन्दर चेहरा है उतना ही सुन्दर दिल भी है तुम्हारा मेरे रसगुल्ले.. तुम किसी को रोते हुए नहीं देख सकते ना..
गौतम सिम्मी के बूब्स मसलकर दबाते हुए - गलत.. मुझे तो तुम्हारे जैसी खूबसूरत कालिया बिस्तर में रोते हुए देखना बहुत पसंद है.. थोड़ी देर बाद तुम भी रोने लगोगी..

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सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर चूमकर - ऐसे रोने के लिए तो कब से तरस रही हूँ मेरे रसगुल्ले.. हमेशा सोचती थी कौन होगा जो मुझे अपना बनाएगा.. तुम्हारे लिए तो मैं ख़ुशी खुशी अपनी चुत को क्या जान भी कुर्बान कर दू.. कुछ देर की मुलाक़ात ने मेरे दिल में तुम्हारी वो जगह बना दी है जो सालों के बाद भी लोग नहीं बना पाते.. मेरी लाइफ के पहले मर्द हो तुम.. औऱ अब लगता है आखिरी भी..
गौतम चुचे मसलकर अब चुचे पर अपना मुंह लगा देता है औऱ सिम्मी के तने चुचो पर खड़े हुए चुचक चूसते हुए कहता है - बातों की तो जादूगरनी है तू.. जितनी प्यारी शकल है उतनी प्यारी बातें भी करती है.. पर मुझसे ज्यादा लगाव मत कर लेना.. मैं आवारा हवा का झोका हूँ.. पल दो पल के लिए ठहरता हूँ..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने चुचे चुसवाती हुई कहती है - तुम चिंता मत करो गौतम.. मैं कभी तुमपर कोई दबाब नहीं बनाउंगी.. म मैं तुम्हे हर तरह से संतुष्ट कर सकती हूँ.. औऱ जोर जबरदस्ती से तुम्हे हासिल करके भी तुमसे दूर ही रह जाउंगी.. इसलिए बस तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहती हूँ औऱ कुछ नहीं.. आह्ह.. रसगुल्ले.. आराम से.. आहहह... दांतो से तो मत काट मेरे निप्पल्स को.. कितना जोर से चूसता है तू.. बचपन में आंटी को तो बहुत दर्द होता होगा तुझे दूध पिलाने में.. दांतो से बहुत तेज़ काटता होगा तू तो उनके निप्पल्स को बचपन में..
गौतम मुस्कुराते हुए - मैं तो अब भी बहुत तेज़ काटता हूँ औऱ वो मुझे अब भी प्यार से अपना दूध पिलती है.. मगर तेरी तरह हल्का सा दाँत लगने पर आह्ह.. उह्ह्ह.. नहीं करती..
सिमरन गौतम के बालों में हाथ फेरती हुई - अब आज पहली बार कोई मर्द मेरे चुचो को चूस रहा है, वो भी दांतो से खींचते हुए काट कर.. मुंह से आह्ह तो निकलेगी ही.. औऱ आंटी आज भी तुम्हे अपना दूध पीलाती है? सच में?
गौतम सिम्मी के कूल्हे पकडकर मसलते हुए - शर्त लगाती हो?
सिमरन - मुझे नहीं लगानी शर्त वर्त.. जितने प्यारे तुम हो ना.. तुम्हे तो कोई भी अपना दूध पीला सकता है..
गौतम सिमरन की आँखों में देखकर - सिम्मी..
सिमरन - हम्म्म...
गौतम - मुझे हमारे लिए सच में बुरा लग रहा है.. अब बहुत बुरा हाल होने वाला है तेरा.. ऊपर से नीचे तक पारियों जैसा हुस्न आज लूटने वाला है..
सिमरन गौतम के निचले होंठ को अपने दांतो से खींचकर चूमती हुई - हमारा मिलन पूरा है मेरे रसगुल्ले.. मैंने जब भी ऊपर वाले से दुआ की, तब यही माँगा कि मुझे एक प्यारा सा लड़का अपना ले.. मैं जैसी हूँ वैसी ही मुझे अपनी बना ले औऱ कभी मेरा साथ नहीं छोड़े.. औऱ देखो आज मुझे तुम मिल गए.. 19 साल की मैं हूँ औऱ तुम भी मुझे 18-19 साल के ही लगते हो..
गौतम - तुमसे एक साल बड़ा हूँ मैं.. पुरे बीस साल का..
सिमरन - हरकतो औऱ चेहरे से तो बिलकुल भी नहीं लगते..
गौतम - अच्छा औऱ कोई ख्वाहिश है? बता दो आज तुम्हारी सब ख्वाहिस पूरी होने वाली है...
सिमरन कुछ सोचकर - तुम सच में करोगे मेरी ख्वाहिश पूरी?
गौतम - 100 परसेंट..
सिमरन - सोच लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे? बहाने बनाने लगो कहीं.. ये नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं होगा? मर्द जात हो.. कहीं तुम्हरा ego हर्ट हो जाये..
गौतम मुस्कुराते हुए - चुत चटवानी है?
सिमरन हैरत हुए - तुम्हे कैसे पता?
गौतम - तुम्हारी आँखों से..
सिमरन - तो बोलो.. चाटोगे?
गौतम सिम्मी के नीचे जांघो के जोड़ आते हुए - इसे तो चाट चाट के कहा जाऊंगा मेरी चाशनी..
सिमरन - गौतम सिगरेट दो ना एक..
गौतम सिम्मी की चुत सहलाते हुए - मैं जेब में थोड़ी लेके घूमता हूँ.. वहा पीछे बेड के बगल की ड्रावर में होगी..
सिमरन सिगरेट निकालकर सुलगती है औऱ एक लम्बा कश मारकर धुआँ छोड़ते हुए गौतम से कहती है - अगर मन नहीं है तो छोड़ दे रसगुल्ले.. मत कर.. मैं जबरदस्ती नहीं करुँगी.. मैं नहीं चाहती तुम बिना मन के कुछ भी मेरे साथ करो..
गौतम सिमरन की चुत का दाना चूमकर उसको मुंह में लेते हुए - ड्रामा बंद कर साली.. बस मुंह में मत झड़ना..
सिमरन मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - काश तू सच में जिंदगी भर के लिए मेरा हो जाए रसगुल्ले..
गौतम चुत चूसता हुआ - ताकि तू हर रात नकली लंड से मेरी गांड मार सके..
सिमरन हसते हुए - तो क्या हुआ.. प्यार से मारूंगी.. औऱ बदले में तुम्हारा इतना बड़ा भी तो झेलूंगी हर रात.. तुम्हे जैसी बीवी चाहिए बिलकुल वैसी बनकर दिखाउंगी..
गौतम - रहने दो.. तेरा निकलने वाला हो तो बता देना..
सिमरन सिगरेट के कश लेती हुई गौतम का सर अपनी चुत पर दबाती हुई - आह्ह गौतम.. मज़ा आ रहा है.. तुम्हारी जगह मैं होती तो शर्म से पानी पानी हो जाती.. तुम तो कैसे बेशर्म होकर चूस रहे हो..
गौतम - मर्द हूँ साली.. शर्माना मेरा काम नहीं..
सिमरन सिगरेट का कश लेकर धुआँ गौतम के ऊपर छोड़ती हुई - आह्ह गुतम.. तुम तो पुरे बेशर्म हो.. मेरे मुंह में अपना लंड दिया था तब कैसे बोल रहे थे.. ऐसे नहीं ऐसे चुसो.. ये करो.. वो करो.. औऱ ना जाने क्या क्या.. मेरी चाट रहे हो तो अच्छे से चाटो.. (गौतम के जीभ चुत में घुसाते हुए) चुसो चुपचाप..आहहह... रसगुल्ले... ऐसे.. अहह.. अहह..
सिमरन सिगरेट के कश लेते हुए अपनी चुत गौतम के मुंह में पूरी तरह घुसा कर उसे चूसा रही थी औऱ कामुक निगाहो से गौतम का चेहरा देखकर मन ही मन उसके प्यार में डूबती जा रही थी.. कुछ ही देर के बाद सिमरन झड़ने लगी तो गौतम ने चुत से मुंह से निकाल दिया मगर फिर भी सिमरन की चुत से निकली एक दो धार तो गौतम के मुंह में गिर ही गई थी जिसे गौतम थूकता हुआ टेबल पर से पानी की बोतल उठाकर कुल्ला करने लगा..

गौतम - साली तुझे कहा था ना.. निकलने वाला हो तो बोल देना..
सिमरन - तुमने अपना माल निकालने से पहले बोला था जो मुझसे उम्मीद रखते हो. मेरे तो मुंह में पूरा माल गिरा दिया औऱ गले से नीचे भी उतार दिया.. तब तो तुम बड़े खुश हो रहे थे. अब क्या हुआ? मुझे तो अपना माल पीलाया था तुमने..
गौतम सिम्मी को देखकर अपनी पेंट नीचे करके लंड निकालकर हिलाते हुए - मेरा माल तो साली तू अब भी वापस पीयेगी... ये कहते हुए गौतम सिमरन के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लोडा घुसा देता है.. औऱ उसे अपना लंड चूसाने लगता है..

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सिमरन - आह्ह आराम से ना.. गौतम.. आराम से.. आह्ह..गुगुगुगुगुगुगु...
सिम्मी गौतम के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती हुई गौतम को देखती है औऱ गौतम सिमरन को देखकर बोलता है..
गौतम - बहुत बोलना आ रहा था ना तुझे.. अब बोल.. मुझसे चुत चूसाएगी साली... अब खुद चूस.. बहन की लोड़ी.. मुंह में निकालेगी.. अब ले ना मुंह में पूरा.. क्या हुआ? आ नहीं रहा क्या मेरा लोडा मुंह में? साली ये मर्द का लंड है तेरी जैसी कमसिन कली के मुंह में नहीं आयगा.. तू मुझे चुत चटवाएगी साली.. अब लंड चूस.. तुम लड़कियों का यही काम है
.. हमारा काम तुम्हे अपना लंड चुसवाना है.. समझी? मैंने इमोशनल होकर थोड़ा सा चूस क्या लिया खुदको तुरम खा समझने लग गई तू तो.. मेरे मुंह में निकालेगी बहन की लोड़ी.. चूस.. ले मुंह में..
सिमरन - ले तो रही हूँ जितना मुंह में आ रहा है.. तुम तो जबरदस्ती करने पर उतारू हो गए.. मुझे ज्यादा मर्द बनके दिखाओगे ना तो दांतो से लंड पर ऐसा काट के खाऊंग्गी की याद रखोगे..
गौतम सिम्मी को पलटकर बेड पर झुकाते हुए - जबरदस्ती की कहा है मेरी फुलझड़ी.. जबरदस्ती तो अब होगी..
ये कहकर गौतम सिम्मी की चुत पर थूक देता है औऱ हाथों से सिमरन की चुत के छेद पर थूक लगाने लागता है..
सिमरन सिर मोड़कर गौतम को देखते हुए - मेरा पहली बार है रसगुल्ले.. मुझे ख़ुशी है की मेरी पसंद का कोई लड़का मेरे साथ ये सब कर रहा है..
गौतम सिम्मी की कमर पकड़कर उसकी चुत के छेद पर अपना लंड सेट करके दबाब बनाते हुए - पहली बार शायद थोड़ा दर्द होगा सिम्मी.. संभाल लेना..
सिमरन मुस्कुराते हुए - इस दर्द के लिए तो कब से इंतजार कर रही थी.. मेरी चिंता मत करो गौतम तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे बदन का मज़ा लो.. मैं तुम्हे हर तरह से खुश कर देना चाहती हूँ..

गौतम सिम्मी की बात सुनकर अपना लोडा उसकी चुत में घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा लंड के थोड़े से हिस्से के साथ सिमरन की चुत में घुस जाता है औऱ सिमरन की पहली दर्द औऱ काम से मिश्रित चिंख निकल जाती है मगर बाहर लोन में चलते dj की आवाज में सिम्मी की चिंख दब चुकी थी..
गौतम कुछदेर स्थिर रहकर धीरे धीरे अपना लंड सिमरन की चुत में धकेलने लगता है औऱ कड़ी मेहनत औऱ मशक्कत के बाद अपना आधे से थोड़ा सा ज्यादा लंड सिमरन की चुत में डाल देता है.. सिम्मी की चुत से हल्का सा खून आकर गौतम को उसके कुंवारे पन का प्रमाण देता है.. सिमरन गौतम के लंड को झेल गई थी उसकी चुत में होता दर्द औऱ गौतम को सुख देने की प्रबल इच्छा उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी..
गौतम भी सिमरन का पूरा ख़याल रखते हुए उसकी चुत का उद्घाटन करने मे लगा हुआ था.. गौतम ने बहुत धीरे धीरे सिमरन की चुत को अपने लंड से खोल दिया था औऱ अब धीरे धीरे बिस्तर उल्टी पड़ी हुई सिमरन को पीछे से चोदने में लगा हुआ था..

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सिमरन की काममय सिस्कारीया पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी मगर कमरे से बाहर dj की आवाज में वो सिस्करीया कहीं दब रही थी..
गौतम ने सिमरन को घोड़ी बनाके पीछे से उसके दोनों बूब्स पकड़ कर सिमरन की चुत मारना शुरू कर दिया औऱ सिमरन अब काम शक्ति से परिचित होकर आँख बंद किये सिसकियाँ ले रही थी औऱ गौतम से चुदवा रही थी.. सिमरन को इस मिलन में अदभुद सुख मिल रहा था..
गौतम ने बूब्स छोड़कर सिमरन के बाल पकड़ लिए औऱ जोरदार 5-6 धक्के मारे जिससे गौतम का सारा लंड सिमरन की चुत में घुस गया औऱ सिमरन के गले से जोरदार चिंख निकल गई जो कमरे बाहर dj की आवाज में कहीं खो गई.. सिमरन को अपनी चुत के गोदाम बनने की खुशखबरी मिल चुकी थी जिसे वो जोर जोर से चिल्लाती हुई सबको बताना चाहती थी मगर वहा सिमरन को सुनने वाला कोई था ही नहीं..

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गौतम - उफ्फ्फ.. सिम्मी.. मान गए यार.. क्या चुत है तेरी.. मज़ा आ रहा है तेरी चुत मारने में..
सिमरन हलकी सी रोती हुई - कमीने एक दम से क्या हो गया तुझे.. धीरे कर ना.. औऱ मज़ा आएगा ही ना.. सील जो तोड़ दी तूने आज मेरी..
गौतम - सिम्मी बहुत प्यारी है यार तू सच में.. पहली बार ऐसा हुआ है चोदने के कुछ देर में ही मेरा झड़ने का मन हो रहा है..
सिमरन - मुंह में झाड़ना मेरे रसगुल्ले.. मुझे तेरा रस पिना है..
गौतम जोर के झटके मारके चुत चोदते हुए - पीला दूंगा यार.. उफ्फ्फ कयामत है तू तो..
सिमरन सिसकियाँ लेते हुए - गौतम आराम से बहुत दर्द हो रहा है मुझे.. आह्ह.. धीरे..
गौतम लगातार तेज़ तेज़ चोदते हुए - थोड़ा सा दर्द नहीं सह सकती तू अपने रसगुल्ले के लिए?
सिमरन चिल्लाते हुए - गौतम आराम से यार..
गौतम - धीरे ही चोद रहा हूँ.. अभी तो टॉप गियर डाला ही नहीं..
सिमरन - तुम तो बहुत दर्द देते हो गौतम.. मेरी जान निकाल दोगे..
गौतम हल्का धीरे होते हुए - सिमरन बहुत मस्त चुत है तुम्हारी मन करता है पूरी रात चोदता रहु..
सिमरन - तू कुछ भी कर मेरे रसगुले तुझे सब आजादी है.. बस मुझे औऱ ज्यादा दर्द मत दे.. पहला मिलन इतना भी यादगार मत बना की याद करते ही गंद में दर्द होने लगे..

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गौतम चुत मारते हुए - आई लव यू सिमरन.. तेरे मेरे पहले का कोई नाता जरुर है..
सिमरन - पहले का तो पता नहीं रसगुल्ले.. पर अब आगे जरूर हमारा रिश्ता होगा.. प्यार का रिश्ता.. आह्ह..
गौतम गांड मारना बंद करके लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करके - होने वाला है सिम्मी.. आजा लेले मेरा लंड मुंह में..

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सिमरन लोडा मुंह में लेकर चूसने लगती है औऱ कुछ पलों में गौतम सिमरन के मुंह में झड़ जाता है जिसे सिमरन पी जाती है औऱ गौतम को गले से लगाकर kiss करते हुए कहती है..
सिमरन - तू दिल में बस गया रसगुल्ले... सच्ची मोहब्बत हो गई तुझसे..
गौतम सिमरन के होंठों को चूमकर - चल अब शादी भी इंजॉय कर लेते है थोड़ा.. 9.30 बजने वाले है..
सिमरन - तुम जाओ.. मुझे थोड़ा समय लगेगा आने में..
गौतम - ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी.. पर जल्दी आना.. औऱ वीडियो डिलीट कर देना..
सिमरन - वो तो कब का कर दिया चाहो तो फ़ोन देख लो..
गौतम सिमरन का बोबा पकड़ कर चूसते हुए - सच में डिलीट कर दिया ना? साली तेरी माँ चोद दूंगा अगर झूठ बोला तो तूने?

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सिमरन गौतम के होंठ चूमकर - मुझे चोद कर मन नहीं भरा जो अब मेरी माँ भी चोदनी है तुम्हे.. वीडियो सच में डिलीट कर दिए मैंने.. मैं अपनी मोहब्बत को बदनाम थोड़ी कर सकती हूँ...
गौतम - चोदने लायक हुई तो तेरी माँ भी चोद दूंगा.. मुझे तो सब पसंद है.. मिल्फ ज्यादा पसंद है..
सिमरन हस्ती हुई - अब कपडे पहन लो .. तुमको ऐसे देखकर मेरा मूंड वापस बन रहा है.. जा मैं आती हूँ..
गौतम अपने कपडे पहनकर लोन की तरफ निकल जाता है औऱ सिम्मी अपने आपको ठीक करके बदन में आ चुकी लचक को काबू करने लगती है...

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मनोज - क्या हुआ भाई? मज़ा नहीं आया क्या मेरी बहन के साथ?
गौतम - साले तेरी बहन है या मिया खलीफा? कितनी वहशी है..
मनोज - उसकी गलती नहीं है भाई.. तू है ही इतना चिकना वो भी क्या करें? वैसे कैसी लगी ये बता?
गौतम - तू नहीं जानता कैसी है वो?
मनोज - भाई बहन है मेरी.. हमारे बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती है.. ऐसा वैसा कुछ नहीं.. मैंने आज तक उसे छुआ तक नहीं..
गौतम - लगता है सिर्फ बेलन से ही काम चलाया है उसने आज तक..
मनोज - पूरा मोहल्ला आगे पीछे घूमता है सिम्मी के.. पर किसी को भाव तक नहीं देती..
गौतम - देगी कैसे डरती होगी कोई नकली लंड गांड मरवाने से मना ना कर दे...पर आज चुत
में जन्नत मिल गई मुझे तो.. ऊपर से इतना सेक्सी फिगर है घोड़ी बनाने के बाद तो नशा ही हो गया था मुझे..
मनोज - जरुरत से ज्यादा तो नहीं पेला ना तूने? अभी तो बेचारी 19 साल की फूल सी बच्ची है..
गौतम - भाई तेरी फूल सी बहन को अच्छे से खिला दिया मैंने.. मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी.. मैंने थोड़ी सी की तो अकल आ गई उसे..
मनोज - पर है कहाँ वो? साथ क्यों नहीं आई..
गौतम - ठीक से चला जाएगा तब साथ आयगी ना.. अब तो चाल में लचक आ गई उसके.. देख वो आ रही.. कैसे बलखाते हुए आ रही है..
मनोज - अरे बहनचोद तूने तो रगड़ दिया लगता है.. मम्मी पापा देख लेंगे तो बहुत सुनाएंगे इसे..
गौतम - कुछ भी बोल देना यार.. क्या परेशान हो रहा है..

सिम्मी आकर अपने भाई के सामने गौतम को kiss कर लेती है औऱ प्यार से कहती है - चल रसगुल्ले... खाना खाते है साथ में.. भईया आप भी चलो..
मनोज - अभी रहने दे.. बहुत भीड़ है खाने पर.. थोड़ी कम हो जाए फिर चलते है खाने.. तब तक एक एक पेग औऱ ले लेते है.. चल.. स्टेज के पीछे खाली जगह वहा चलते है..
गौतम - वहां मत जा.. रांडे चुद रही है वहा पर...
मनोज - अरे कोई नहीं था अभी तो..
गौतम - भाई तब रांडे नाच रही थी.. अब नाच गाना ख़त्म हो गया तो सारी रंडिया स्टेज के पीछे खाली जगह में मेहमानो के लोडे खा रही है.. सब घराती बराती मिलकर चोद रहे है.. भईया के दोस्त औऱ अंकल के यार लोग सब मिलके पेल रहे है.. रंडियो को घोड़ी बनाकर..
मनोज - तूने नहीं चोदी रांड?
गौतम सिम्मी के गले में हाथ डालकर उसकी चूची मसलते हुए - तेरी बहन चोद रहा था ना.. औऱ मुझे रंडी चोदने का ज्यादा शोक भी नहीं है.. कोई घरेलु मिल जाए तो बात अलग है..
मनोज - तू तो मेरी बहन की ले रहा है मैं किसकी लू यार..
सिम्मी - सच में.. रसगुल्ले.. मेरे भाई के लिए भी कुछ कर ना.. बेचारा अपने हाथों से काम चलाता है..
गौतम फ़ोन निकालते हुए - करता हूँ तेरी व्यवस्था..
सिम्मी मुस्कुराते हुए अपनी चूची पर से गौतम का हाथ हटा कर - भईया के सामने मत कर..
गौतम - शर्मा क्यों रही है मेरी जान... साला है मेरा.. इसके सामने तेरे चुचे दबाउ या गांड मारु.. ये कुछ नहीं बोलने वाला..

गौतम फ़ोन पर - हेलो.. चेतन भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - भईया वो एक बात करनी थी आपसे..
चेतन - हाँ बोल ग़ुगु.. क्या बात है..
गौतम - भईया नचाने वाली औरते आई है ना..
चेतन - हाँ..
गौतम - भईया उनमे से जो नीली साडी में थी ना.. उससे मिलना है...
चेतन - नहीं ग़ुगु.. बुआ या माँ-पापा को पता लगा तो बहुत सुनाएगे मुझे.. वो सब रंडिया है तू अभी बच्चा है इन सब से दूर रह..
गौतम - भईया सब एन्जॉय कर रहे है मुझे छोड़कर.. औऱ पता कैसे चलेगा.. आप थोड़ी बताओगे.. ना मैं बताने वाला.. प्लीज भईया.. बहुत मन हो रहा है..
चेतन - अच्छा ठीक है नीली साडी वाली तो अंकल ज़ी के साथ है कोई दूसरी भेज रहा हूँ तेरे रूम में.. जल्दी से काम करके वापस लोन में आ जाना.. किसी को पता ना चले..
गौतम - ठीक है भाईया.. जैसा आप कहो..
चेतन - औऱ कंडोम याद से लगा लेना.. ये सब रंडिया है रोज़ किसी ना किसी से चुदवाती है.. चल रखता हूँ..

गौतम - ले साले.. तेरा जुगाड़ भी करवा दिया.. जा मेरे रूम में वहा आ जायेगी तेरे लिए कोई ना कोई रांड..
मनोज - तू भी चल ना..
गौतम सिमरन को देखकर - नहीं मैं यही ठीक हूँ तू जा..
सिम्मी - भईया वापस जाना है जरा जल्दी आना.. पापा का फ़ोन आया था बुला रहे थे..
मनोज - ठीक है..

मनोज गौतम के रूम में चला जाता है औऱ वहा कुछ देर बाद एक रांड आ जाती है मनोज औऱ उस रांड में कुछ देर चुदाई होती है फिर 15-20 बाद मनोज वापस लोन में आ जाता है औऱ सिम्मी को लेके वापस जाने लगता है..
गौतम - सिम्मी आज रात मेरे पास नहीं रुक सकती? मन नहीं कर रहा तुझे अपने दूर करने का..
सिमरन - मन तो मेरा भी नहीं है रसगुल्ले तुझसे दूर जाने का.. पर क्या करू.. पापा बहुत स्ट्रिक्ट है नहीं मानेगे मुझे छोड़ने के लिए.. मैं फ़ोन करुँगी..
गौतम - अपना ख्याल रखना सिम्मी..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तुम भी अपना ख्याल रखना रसगुल्ले..
मनोज दोनों का चुम्बन देखकर - अरे यहां मैं भी हूँ कुछ तो शर्म करो.. यही सब करना है अकेले में कहीं जाकर कर लो..
सिम्मी चुम्बन तोड़कर - चूमने दो ना भईया.. बड़ी मुरादो के बाद तो मुझे मेरा रसगुल्ला मिला है.. मन तो कर रहा है इसे भी अपने साथ ले जाऊ..
मनोज - पापा का फ़ोन आ रहा है सिम्मी चल..
गौतम मनोज से - साले इसका ख्याल रखना.. ये मेरी है..
मनोज - उसकी चिंता मत कर भाई.. बस मेरी बहन से जल्दी मिलने आना.. बेचारी बहुत अकेले रही है.. अब इसे प्यारकी जरुरत है..
सिमरन वापस गौतम को चूमते हुए - बाए मेरे रसगुले.. इंतजार करूंगी तुम्हारा.. जल्दी मिलने आना..
गौतम - बाय जान..
मनोज गौतम से गले मिलता हुआ - चल भाई.. चलता हूँ..
गौतम - अपनी बहन का ख्याल रखना यार.. बहुत प्यारी है..
मनोज सिमरन को साथ लेकर पार्किंग की तरफ चला जाता है औऱ एक वाइट कार में अपने माँ पापा के साथ बैठ जाता है.. कार वहा से चली जाती है गौतम मुस्कुराते हुए कार को जाते हुए देखता रहता है..




 
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