Jabardas Update tha...Update 28
गौतम जब अपने रूम में पहुंचा तो उसने देखा कि विक्रम वहां से कहीं जा चुका था और रूम में अब कोई नहीं था. गौतम ने थोड़ी देर बिस्तर पर आराम करने के बाद में फिर से शावर लिया औऱ फिर कुछ देर इधर-उधर घूमने लगा. होटल की छत से लेकर वेडिंग हॉल तक और फिर वेडिंग लॉन तक गौतम यहां से वहा टहलता रहा..
मेहमान अब उठने लगे थे और होटल में चहल पहल बढ़ने लगी थी मगर अब भी कुछ लोग रात को देर से सोने के कारण सो रहे थे सुबह के 6:30 बज चुके थे और मेहमानों को अब चाय की चुस्की लेने में आनंद आने लगा था.. कोई रात को अपने साथ हुए किस्से और कहानियों का जाएका एक दूसरे को चाय की चुस्कीया लेते हुए सुना रहा था तो कोई हमेशा की तरह शादी में कमी और खामी निकल रहा था.
गौतम के अंदर गोली का असर अभी बाकी था और वह अभी अपने लिए किसी शिकार की तलाश कर रहा था उसने हर जगह टहलती हुई लड़कियों और औरतों को देखा मगर उसे कहीं भी अपने लायक माल नहीं मिला और ना ही नानी मामी या भाभी अकेली मिली. गौतम की कामुकता बरकरार थी और वह सुमन के कमरे की ओर जाने लगा मगर बीच में ही उसने चाय के दो कप अपने साथ ले लिए थे. सुमन रात को देर से सोई थी इसलिए उसकी नींद अभी भी नहीं खुली थी सुबह के 6:30 पर भी वह इत्मीनान से सो रही थी.
रात को सुमन आरती के साथ ही सोई थी मगर आरती अब कमरे से बाहर जा चुकी थी और कमरे में सिर्फ सुमन अकेली ही बिस्तर पर नींद में थी. गौतम ने रूम में घुसते हुए कैमरे का दरवाजा बंद कर दिया और चाय के दोनों कप लेकर होटल में एक तरफ रखी टेबल पर रख दिया. गौतम ने कप उठकर चाय की तीन-चार चुस्की ली और फिर अपनी मां सुमन को देखने लगा. सुमन नींद में किसी हसीन ख्वाब में खोई थी और गौतम को सुमन परियों की तरह लग रही थी.
गौतम ने अपने हाथ से चाय का कप टेबल पर रख दिया और धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ गया. गौतम ने सो रही सुमन की साड़ी धीरे-धीरे कमर तक उठा दी और उसकी चड्डी नीचे करते हुए सुमन की जांघों के जोड़ पर अपने होंठ लगा दिये.. गौतम ने अपनी जीभ सुमन की जांघोँ के जोड़ पर लगाकर उसके नारीत्व को छेड़ना शुरू कर दिया था और अपनी जीभ से सुमन की चुत को चाटने और चूसने लगा था.
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गौतम ने सुमन की दोनों टांगें फैलाकर उसकी चुत को चूसना और चाटना शुरू कर दिया था जिससे सुमन नींद के आगोश से बाहर निकलने लगी थी और उसकी नींद कमजोर पढ़ने लगी थी. गौतम ने अपनी जीभ को सुमन की चुत में डाल दिया था और जितना अंदर घुस सकता था घुसा कर अपनी जीभ से सुमन के नारीत्व को छेड़ने लगा था जिससे सुमन कामुक होती हुई नींद से बाहर आ गई थी और उसने अपनी आंख खोलकर गौतम को अपने साथ छेड़खानी करते हुए देख लिया.
सुमन की जैसे ही नींद खुली उसकी कामुकता अपने शिखर पर थी और उसने ना चाहते हुए भी गौतम के मुंह में ही अपने पानी की पिचकारी को छोड़ दिया जिसे गौतम ने अमृत समझकर पीते हुए सुमन की चुत को वापस से चाट कर साफ कर दिया और फिर मुस्कुराते हुए सुमन को देखकर बोला..
गौतम - गुडमॉर्निंग माँ.. चाय पी लो..
सुमन अपनी चड्डी पहनती हुई अपनी साडी के पल्लू से गौतम के गीले होंठो को साफ करती हुई बोली - गुडमॉर्निंग बेटा.. मुझे जगा लेता ना.. नींद में ही तू ये सब करने लगा.. दरवाजा तो बंद किया है ना तूने?
गौतम - दरवाजा बंद है माँ.. आप फ़िक्र मत करो.. मैं इतना भी लापरवाह नहीं हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए चाय का कप लेकर चाय पीते हुए - रात को सोया नहीं ना तू.. आँखे बिलकुल लाल है तेरी..
गौतम - दिन में सो जाऊँगा माँ.. रात को नींद ही नहीं आई..
सुमन गौतम की गोद में बैठकर चाय की चुस्कीया लेती हुई - रात को नींद नहीं आई या किसी ने सोने नहीं दिया मेरे शहजादे को? हाय रे.. तेरे गले पर तो कितने निशान है.. कल तो नहीं थे.. सच बता? गर्लफ्रेंड के साथ था ना तू जो कल मिली थी.. उसीने दिए है ना ये निशान.. कितना बुरे नाख़ून लगाती है.. तूने रोका नहीं उसे?
गौतम सुमन की जांघ सहलाते हुए - किसीको प्यार करने से थोड़ी रोका जाता है माँ..
सुमन चाय का कप रखकर - थोड़ा कम प्यार करा कर ग़ुगु.. तू बहुत बिगड़ गया है आज कल.. हर दम बस यही सब चलता है तेरे दिमाग में..
गौतम सुमन के चेहरे पर लटक रही जुल्फ को उसके कान के पीछे करता हुआ सुमन के गाल पर चुम्बन देकर कहता है - मैं तो सुधर जाऊ माँ पर आपका ये छोटा ग़ुगु नहीं सुधारता.. जहाँ भी खड्डा देखता है अपनेआप उसमे कूद जाता है.. औऱ पानी निकाल कर ही बाहर निकलता है..
सुमन गौतम की बात पर हस्ती हुई - कल चल वापस घर.. तेरे इस छोटे ग़ुगु की शिकायत करती हूँ बाबाजी से.. बेलगाम हो गया है बहुत.. लगाम लगानी पड़ेगी इस पर..
गौतम सुमन की गर्दन को अपनी जीभ से चाटता हुआ - बाबाजी को शिकायत करने से कुछ नहीं होगा.. एक बार आप हाँ कर दो.. अपने आप लगाम लग जायेगी छोटे ग़ुगु पर..
सुमन गौतम की गोद में से खड़ी हो जाती है औऱ कहती है - एक बार कह दिया ना ग़ुगु.. तू क्यों फालतू ज़िद करता है..
गौतम उठकर सुमन को बाहों में भरते हुए - अच्छा सॉरी माँ.. अब नहीं कहता कुछ.. आप जेसा चाहोगी वैसा होगा..
सुमन गौतम के लंड पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए - लगता बहुत देर से खड़ा है छोटा ग़ुगु.. पूरी खुराख़ मिली नहीं इसे..
गौतम सुमन के कंधे पर हाथ रखकर सुमन को नीचे बैठाते हुए - रात को सेक्स की गोली खा ली थी अब तक असर बाकी है..
सुमन गौतम की जीन्स खोलकर लंड पकड़ते हुए - तुझे कब से गोली की जरुरत पड़ने लगी ग़ुगु..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर उसके चेहरे पर लंड रगढ़ते हुए - मैंने किसी के कहने पर खा ली.. छोडो उस बात को.. आप जल्दी से ठंडा कर दो छोटे ग़ुगु को..
सुमन गौतम के लंड को मुंह में लेकर चूसने ही लगी थी की दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई..
गौतम गुस्से में - पता किसकी माँ चुद गई.. साला कौन है..
सुमन मुस्कुराते हुए - रुक मैं देखती हूँ..
गौतम लंड पेंट में डालकर बेड पर बैठ जाता है औऱ सुमन दरवाजा खोलती है.
सिमरन सुमन से - आपको मालिक औऱ मालकिन बुला रहे है..
सुमन - मैं आती हूँ तू जा.. (वापस दरवाजा बंद करके) ग़ुगु जाना पड़ेगा बेटा..
गौतम सुमन को बाहों में भरके - कोई बात नहीं माँ.. आप जाओ औऱ मामी से किसी बात पर लड़ाई झगड़ा मत करने लग जाना..
सुमन मुस्कुराते हुए - भला मैं भाभी से क्यों झगड़ने लगी..
गौतम सुमन के होंठ चूमकर - आई लव यू माँ..
सुमन वापस गौतम के होंठ चूमकर - आई लव यू टू बेटा.. अच्छा अब जाने दे वरना औऱ भी कोई बुलाने आ जाएगा.. मुझे बहुत तेज़ सुसु भी लगा है..
गौतम नीचे बैठकर सुमन की साडी उठाते हुए चड्डी नीचे सरकाकर - माँ पहले बताना था ना.. मुझे भी प्यास लगी थी.. ये कहकर गौतम सुमन की साडी उठाकर चुत पर अपना मुंह लगा देता है औऱ चूसने लगता है सुमन भी शर्माती हुई गौतम के बाल पकड़ कर गौतम के मुंह में मूतने लगती है..
गौतम सुमन का पेशाब पी जाता है औऱ अपना मुंह चुत पर से तब तक नहीं हटाता जब तक पेशाब की आखिरी बून्द नहीं पी जाता.. सुमन भी गौतम को अपना मुंह हटाने के लिए नहीं कहती..
मूत पिने के बाद गौतम चुत से मुंह हटाकर खड़ा हो जाता है सुमन मुस्कुराते हुए फिर से अपनी साडी के पल्लू से गौतम का मुंह साफ कर देती है.. औऱ कमरे से बाहर चली जाती है..
गौतम अपने रूम में आकर रेशमा को फ़ोन करता है..
रेशमा - हेलो..
गौतम - तू आई नहीं ना कुत्तिया कल शादी में?
रेशमा - माफ़ कर दे मेरे कुत्ते.. मैंने कोशिश तो बहुत की पर असलम माना ही नहीं.. मैं करती भी क्या, ना आने के सिवा..
गौतम - अकेली नहीं आ सकती थी?
रेशमा - अकेली कैसे आती? इतनी बंदिश है मेरे ऊपर.. घर निकल भी जाऊ तो आफत आ जाती है सवालों की.. तू लड़का है इसलिए नहीं समझ पायेगा.
गौतम - ज्यादा ना ज्ञान मत चोदे रेशमा.. नहीं मिलना तो बता दे..
रेशमा - थोड़ा औऱ सब्र कर ले मेरे कुत्ते.. दो तीन दिन बाद अब्बू के घर आ जाउंगी तब जितना मिलना हो मुझसे मिल लेना.. मैं रोकूंगी नहीं तुझे..
गौतम - खाना खा लिया?
रेशमा - इतनी सुबह कौन खाना खाता है? अभी तो खाना बनाउंगी.. फिर खाउंगी.. जब तुझसे मिलूंगी तब तू अपने हाथों खिला देना खाना..
गौतम - मुझसे मिलते ही लंड खाएगी तू..वो भी अह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह... करके..
रेशमा हसती हुई - तू जो खिलायेगा वो खा लुंगी मेरे कुत्ते.. मेरा भी बहुत मन है तुझसे मिलने का..
गौतम - मन क्या है साली.. सीधा बोल ना तेरी चुत में खुजली चल रही है.. चुदवाना है तुझे भी..
रेशमा - हाँ चल रही है तू मिटायेगा ना मेरी खुजली..
गौतम - एक बार मिल रेशमा.. ऐसा चटूंगा ना तेरी चुत को.. तेरी साली खुजली मिट जायेगी...
रेशमा चुत में ऊँगली करते हुए - उफ्फ्फ.. मेरे कुत्ते.. तू चाटेगा ना मेरी चुत को, अपनी बात से मुकर तो नहीं जाएगा..
गौतम - चाटूँगा भी चोदुँगा भी.. चुत औऱ गांड दोनों.. कुतिया बच्चा नहीं हो रह ना तेरे.. एक बार में प्रेग्नेंट ना कर दिया तो कहना..
रेशमा ऊँगली करती हुई - आई लव यू मेरे कुत्ते.. अब तो मुझसे भी सब्र नहीं हो रह.. मन कर रहा है उड़ के आ जाऊ तेरे पास..
गौतम - अच्छा शोहर कहा है तेरा? आज सुबह सुबह चला गया क्या?
रेशमा - छोड़ ना बेबी.. गया होगा हराम का जना अपनी अम्मी चुदवाने... तू मीठी मीठी बात कर ना मुझसे.. बता मिलूंगी तो क्या क्या करेगा तू मेरे साथ?
गौतम हस्ते हुए - चुत में ऊँगली कर रही है ना तू मेरी कुतिया?
रेशमा - लड़कियों से ऐसी बातें नहीं पूछते..
गौतम - अच्छा दरवाजे पर कोई आया है मैं बाद में बात करता हूँ..
रेशमा - कुत्ते फ़ोन मत काटना.. जो भी आया है भगा उसे.. औऱ बात कर मुझसे..
गौतम ने फ़ोन बिना काटे टेबल पर रख दिया औऱ कानो में इयरबड्स लगाकर बात करते हुए रेशमा से कहा..
गौतम - ठीक है रुक दो मिनट मैं देखता हूँ कौन है..
गौतम ने दरवाजा खोला तो सामने शबनम हाथ में एक ट्रे लेकर खड़ी थी जिसमें एक चाय का कप और कुछ खाने का सामान था.. शबनम ने गौतम को देखते हुए उसकी आंखों से आंखें मिलाकर कहा - ग़ुगु भैया आपकी मम्मी ने आपके लिए नाश्ता भिजवाया है.. गौतम ने बिना कुछ कहे इशारे से शबनम को नाश्ते की ट्रे टेबल पर रखने को कहा और दरवाजा अंदर से बंद करके शबनम के पीछे-पीछे आ गया औऱ शबनम को अपनी तरफ घुमा कर उसके मुंह पर हाथ रखते हुए फ़ोन म्यूट करके शबनम से बोला...
गौतम - तुझे समझाया था ना भईया मत बोला कर..
शबनम मासूमियत से गौतम का हाथ हटा कर - गलती हो गई..
गौतम शबनम के बूब्स पर हाथ फेरकर - अब गलती की है तो फिर से सजा मिलेगी..
शबनम अपने बूब्स पर गौतम का हाथ देखकर - छोटे मालिक आप ये क्या कर रहे है? कोई देख लेगा?
गौतम - कोई नहीं आएगा औऱ अब तू मुंह से आवाज मत निकालना.. सेटिंग से बात कर रहा हूँ.. उसे तेरी आवाज ना सुनाई दे.. मैं कुछ भी करू तू चुप रहना बिलकुल..
शबनम - पर छोटे मालिक.. मालकिन को पता चला तो मेरी जान ले लेगी..
गौतम - तू बतायेगी? नहीं ना.. फिर? औऱ ये छोटे मालिक बहुत चूतिया लगता है सुनने में.. मैं कोई मालिक नहीं हूँ यहाँ पर.. तू भईया ही बोल वो फिर भी ठीक है..
शबनम गौतम की तरफ देखती हुई - ज़ी.. ग़ुगु भईया..
गौतम शबनम को चुप रहने का इशारा करते हुए फ़ोन का म्यूट खोलकर इयरबड्स हटा देता है औऱ फ़ोन स्पीकर पर डाल कर कहता है - हेलो..
रेशमा - हाँ मेरे कुत्ते.. चला गया जो आया था?
गौतम शबनम को बाहों में भरकर बिस्तर पर आता हुआ - हम्म..
रेशमा - तो अब बता क्या क्या करेगा जब मिलूंगी तब?
गौतम शबनम के होंठों को चूमता हुआ - सबसे पहले तो मैं तेरे गुलाबी होंठों को अपने होंठों में गिरफ़्तार कर लूंगा औऱ तेरे मुंह में अपनी जीभ डालकर तेरे पुरे मुंह की तलाशी लूंगा..
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रेशमा ऊँगली करते - अहह... कुत्ते.. फिर..
गौतम शबनम के चेहरे औऱ गले को चूमकर चाटता हुआ - फिर तेरे चेहरे औऱ सुराही जैसी गर्दन पर अनगिनत चुम्बन करके lovebite दूंगा..
रेशमा - हाय.. मैं भी अपने कुत्ते को जीभर के चुमूँगी औऱ lovebite दूंगी.. उसके बाद क्या करोगे बेबी?
गौतम शबनम का बोबा अपने हाथ में पकड़कर मसलते हुए शबनम की आँखों में देखकर - फिर मैं तेरा दूध निकाऊंगा..
रेशमा ऊँगली करते हुए - बेबी आराम से ज्यादा तेज़ मत दबाना मेरे चुचो को.. वरना दूध फट जाएगा..
गौतम शबनम की कुर्ती उतारकर ब्रा खींचकर निकालते हुए - फिर तेरे बोबो को बच्चों की तरह चूसूंगा मेरी कुतिया..
शबनम से अब रहा ना गया औऱ वो भी कामुकता के सागर में कश्तिया हाँकने लगी थी उसने अपने दोनों हाथों से गौतम के सर को पकड़कर गौतम को अपना बोबा चुसवाना शुरू कर दिया था..
रेशमा - हाये अम्मी.. मैं भी तुझे बच्चों की तरह अपना दूध चुसवाउंगी मेरा बच्चा बनाकर.. पी लेना मेरा सारा दूध अपने मुंह से कुत्ते..
गौतम शबनम की आँखों में देखकर अपने हाथ में शबनम के बोबे पर कड़क होकर खड़े हुए चुचक को अपनी ऊँगली से पकड़ कर जोर से मरोड़ता हुआ - फिर मैं तेरे बोबे के दाने को मसलकर तुझे दर्द दूंगा रेशमा...
शबनम गौतम की आंखों में देखी हुई उससे अपने बोबे पर खड़े हुए चूचक को छोड़ने की आँखों से अपील कर रही थी. शबनम आह भरना चाहती थी मगर गौतम को बुरा ना लगे इसलिए उसने अपनी आवाज को अपने गले में ही दबा लिया और गौतम की आंखों में देखती हुई अपने चेहरे पर दर्द भरे भाव ला रही थी. गौतम से शबनम की हालत ज्यादा देर तक देखी नहीं गई और उसने बोबे पर खड़े हुए शबनम के चुचकों को मरोड़ना और मसलना बंद करके अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया..
रेशमा चूत में ऊँगली करती हुई - मैं जोर से चिंख पड़ूँगी बेबी अगर तू करेगा तो.. ज्यादा दर्द देगा ना तो अपने दांतो से तेरे होंठ काट खाउंगी..
शबनम रेशमा की बात सुनकर कामुकता से गौतम के होंठों को चुम लेती औऱ अपने दाँत से जोर से काट लेटी है.
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गौतम शबनम को हैरानी से देखता हुआ - साली काटती है.. रुक तुझे अभी बताता हूँ..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगती है औऱ उसकी शर्ट के बटन खोलने लगती है वही गौतम को शबनम के बर्ताव से शबनम पर प्यार आने लगा था.. गौतम उसके बूब्स को मसलता हुआ चूसने लगता है..
रेशमा - अब क्या कर रहे हो जानु?
गौतम शर्ट उतार कर शबनम की चुत सहलाता हुआ - तेरी चुत को तैयार कर रहा हूँ..
शबनम अपनी चुत गौतम से सहलवाती हुई अपने एक हाथ से गौतम की जीन्स का बटन खोलकर उसकी जीन्स नीचे सरका देती है औऱ अपने पैरों की मदद से गौतम की जीन्स पूरी नीचे तक उतार देती है जिसे गौतम खुद पैरों से निकालकर अब सिर्फ चड्डी में आ जाता है..
रेशमा ऊँगली करते हुए - धीरे सहलाना जानू मेरी चुत को.. कहीं अभी ही ना झड़ जाए.. आहहह... अब मेरी सलवार खोल दो ना बेबी?
गौतम रेशमा की बात सुनकर शबनम की सलवार का नाड़ा खोलने लगता है पर गौतम से शबनम की सलवार का नाड़ा नहीं खुलता जिस पर शबनम गौतम को देखती हुई दबी हुई हंसी हँसने लगती है..
रेशमा फ़ोन पर - खोल दी क्या जानू मेरी सलवार..
गौतम - यार ये नाड़ा नहीं खुल रहा..
रेशमा फ़ोन पर - लाओ बेबी मैं खोल देती हूँ..
रेशमा की बात सुनकर शबनम अपना एक हाथ बढ़ाकर अपनी सलवार का नाड़ा खोल देती है औऱ अपनी सलवार नीचे सरका देती है.. औऱ मुस्कुराते हुए गौतम की आँखों में देखकर इशारे से वही कहती है जो रेशमा फोन पर बोलती है..
शबनम इशारे से औऱ रेशमा फ़ोन पर - खुल गया जानू..
गौतम मुस्कुराते हुए शबनम की चड्डी नीचे सरकाकर शबनम की चुत देखकर - कितने सारे बाल है यार तुम्हारी चुत पर.. काट तो लेती इन्हे..
शबनम मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथों से अपने दोनों कान पकड़कर गौतम से इशारे में बिना आवाज किये बोलती है - सॉरी..
रेशमा फ़ोन पर - अगली बार साफ कर लुंगी जानू.. आज माफ़ कर दो..
शबनम गौतम की चड्डी नीचे सरकाकर उसके लंड को देखते ही हैरानी से कुछ बोलने ही वाली थी की गौतम ने शबनम के मुंह पर हाथ रखकर शबनम की चुत पर अपने लंड को रगढ़ते हुए रेशमा से कहा.
गौतम - चुत पर लंड रगड़ रहा हूँ रेशमा..
रेशमा ऊँगली करती हुई इस बार झड़ गई औऱ बोली - जानू तुमने तो रगड़ कर ही झड़वा दिया.. मैंने अंदर तक लेने का सोच लिया था..
गौतम धीरे से शबनम के मुंह से हाथ हटाकर उसे चुप रहने का इशारा करते हुए रेशमा से कहा - झड़ भी गई.. अब मेरा क्या होगा? मुझे तो चुत चाहिए थी..
रेशमा हसते हुए - फोन पर लेकर क्या करोगे जानू? जब मिलूंगी तो रियल में ले लेना.. अच्छा अब रखती हूँ खाना भी बनाना है.. बाय मेरे कुत्ते..
गौतम फ़ोन काटते हुए - ठीक है मेरी कुत्तिया...
शबनम फ़ोन कटने पर - ग़ुगु भईया आपका तो बहुत बड़ा है..
गौतम मुस्कुराते हुए - डर लग रहा है लेने में? नहीं लेना तो मना कर दो. मैं नाराज़ नहीं हूंगा..
शबनम थोड़ा थूक लगाकर गौतम का लंड पकड़ते हुए अपनी चुत में घुसाती हुई - मैं तो कब से लेना चाहती हूं ग़ुगु.. तभी तो कब से आगे पीछे घूम रही हूं..
गौतम - क्या बात है शबनम? ग़ुगु भईया से सीधा ग़ुगु?
शबनम अपनी गांड उठाकर धीरे धीरे गौतम का लंड चुत में अंदर लेती हुई - 10 साल छोटे हो तुम मुझसे.. इतना तो मै बोल ही सकते हूँ.
गौतम मिशनरी में पहला तेज़ झटका मारते हुए शबनम की चुत में अपना आधे से ज्यादा लंड घुसा देता है औऱ शबनम से कहता है - मुझे बड़ी औरते चोदने में बहुत मज़ा आता है शबनम..
शबनम आह्ह करती हुई - इतनी जोरआजमाइश क्यों कर रहे हो ग़ुगु? तुमको जो चाहिए वो दे तो रही हूँ.. प्यार से नहीं ले सकते मेरी?
गौतम सॉरी बोलते हुए - तुम ठीक तो हो ना शबनम?
शबनम सिसकियाँ लेती हुई - अब तक तो ठीक हूँ पर आगे का पता नहीं.. तुम क्या हाल करोगे मेरा..
गौतम बिलकुल धीरे धीरे झटके मारकर चोदते हुए - दो बच्चे है तुम्हारे तो.. फिर भी इतनी टाइट है... अब्दुल लेता नहीं है क्या?
शबनम गांड उठाकर चुदाई में गौतम का बराबर साथ देती हुई - चुत का क्या है ग़ुगु.. कुछ टाइम ना चुदे तो सिकुड़ जाती है.. औऱ तुम्हारा इतना बड़ा है तुमको तो छोटी लगेगी ही..
गौतम झटको की रफ़्तार बढ़ाते हुए - सच सच बताना शबनम.. दोनों बच्चे अब्दुल के है या किसी औऱ के?
शबनम कामुक आहे भरती हुई - एक तो अब्दुल का..
गौतम झटके मारते हुए - औऱ दूसरा?
शबनम - दूसरा आरती भाभी के पापा का है..
गौतम हैरानी से - आरती का बाप कब चोद गया तुझे?
शबनम - चोद के नहीं गया ग़ुगु.. मैं औऱ अब्दुल पहले आरती भाभी के घर ही काम करते थे.. वहा अंकल ज़ी ने बहुत बार मेरा फ़ायदा उठाया था.. आरती भाभी से कहकर मैं यहां उनके पास आ गई..
गौतम - चोदने वाला अगर अपनी पसंद का आदमी ना हो तो कितना बुरा लगता है समझ सकता हूँ शबनम..
शबनम मुस्कुराते हुए - छोटी सी उम्र में कितनी समझदारी वाली बात करते हो गुगु.. अब जल्दी जो चाहिए वो लो औऱ मुझे जाने दो.. मैं नहीं मिलूंगी तो मालकिन हल्ला मचा देगी..
गौतम शबनम की चुत में पूरा लंड घुसाकर रुक जाता है औऱ शबनम के होंठ चूमकर कहता है - तुम्हारी मालकिन को मैं देख लूंगा.. तुम चिंता मत करो शबनम..
शबनम कामुक निगाहो से गौतम को देखती हुई - कल शादी में बहुत प्यारे औऱ हैंडसम लग रहे थे तुम?
गौतम - तू छुप छुप के देख रही थी मुझे?
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों पर उंगलियां फेरती हुई - जब से आये तो मेरी निगाहे तो तुम्ही पर है..
गौतम - अच्छा इतना पसंद आय तुम्हे.. बहुत चालक हो..
शबनम कुछ कहती इससे पहले दरवाजा बज गया..
गौतम - हर बार कोई ना कोई अपनी माँ चुदाने आ ही जाता है... तू रुक मैं देखकर आता हूँ..
शबनम बाथरूम में चली जाती है औऱ अपने कपडे अपने हाथ में पकड़कर बाथरूम में एक तरफ रख देती.. वही गौतम तौलिया लपेटकर दरवाजा खोलता है सामने कोमल थी..
कोमल - बेटा.. तूने शबनम को कहीं देखा है? मिल नहीं रही..
गौतम कोमल को बाहों में भरके उसका बोबा मसलते हुए - शबनम को नहीं देखा मामी पर आपको आज बिस्तर में नंगा देखने की बहुत तलब है..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम का कान खींचकर - रात ने देख लेना बेटा.. अभी घर जाना है तेरी बहन की विदाई भी होनी है.. ऊपर से वो शबनम भी नहीं मिल रही..
गौतम कोमल का बोबा ब्लाउज से बाहर निकाल कर चूसते हुए - शबनम को मैंने बाजार भेजा है मामी.. उसे आने में समय लगेगा.. कुछ काम है तो बोलो मैं कर देता हूँ..
कोमल गौतम से अपना बोबा छुड़वा कर वापस ब्लाउज में डालती हुई - ये सब रात में कर लेना ग़ुगु अभी बहुत काम है.. शबनम वापस आये तो मेरे पास भेज देना..
गौतम - मामी एक kiss तो दे जाओ..
कोमल गौतम के होंठो को अपने होंठो में भरके एक लम्बा औऱ गिला चुम्मा करके - चल अब अपना ख्याल रख बेटा.. मैं जाती हूँ..
गौतम अपना तौलिया हटाकर अपना लंड हिलाते हुए - बाय मामी..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम का लंड देखकर - बाय बेटा...
कोमल के जाने के बाद गौतम दरवाजा बंद कर देता है औऱ बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर पोट पर बैठी हुई शबनम से कहता - पोट्टी कर रही हो क्या?
शबनम खड़ी होकर - नहीं तो.. कौन था?
गौतम - मामी थी तेरे बारे में पूछ रही थी..
शबनम - तो? क्या कहा तुमने?
गौतम शबनम को बाहों में भरते हुए - मैंने कहा.. तुम्हे टाइम लगेगा.. बहुत जरुरी काम कर रही हो मेरा..
शबनम मुस्कुराते हुए - मालकिन ने क्या कहा?
गौतम - मामी ने कहा.. जब काम पूरा हो जाए तो भेज देना..
शबनम - सच में?
गौतम शबनम को बाहों से आजाद करते हुए - औऱ क्या मैं झूठ बोलूंगा?
शबनम मुस्कुराते हुए टेबल पर पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए - ऐसा मैंने कब कहा?
गौतम - तु सिगरेट पीती है?
शबनम - जब इतनी सी उम्र में तुम पी सकते हो तो मैं तो तीस साल की हूँ.. मैं नहीं पी सकती?
गौतम बेड पर बैठके - सिर्फ सिगरेट ही पीना आता है मेरा ये सिगार भी पीना जानती हो..
शबनम गौतम के आगे फर्श पर बैठकर सिगरेट का कश लगाकर उसके लंड को पकड़ते हुए - मुझे सिगरेट पीते हुए सिगार पीना अच्छे से आता है ग़ुगु.. ये कहते हुए शबनम सिगरेट के कश लगाकर गौतम का लोडा मुंह में लेकर चूसने लगी..
गौतम - उफ्फ्फ.. शबनम.. अहह..
शबनम थोड़ी देर लोडा चूसकर - मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु? तुम्हारा तो झड़ने का नाम ही नहीं लेता.. इतनी देर में तो अब्दुल 4 बार अंकल ज़ी 6 बार झड़ जाते..
गौतम - ये मर्द का लंड है शबनम.. आसानी से नहीं झडेगा..
शबनम - ग़ुगु एक बात बोलू.. बुरा तो नही मानोगे?
गौतम - खुलके बोल शबनम.. बुरा मान जाऊंगा तो तुझे चोदके बदला भी ले लूंगा..
शबनम मुंह से लंड निकालकर - ग़ुगु मैं घर की नोकरानी हूँ.. कभी मालकिन नहीं बन सकती.. पर लाइफ में एक बार मुझे मालकिन बनकर चुदाई करनी है अपने नोकर की.. मैं चाहती हूँ कोई मेरा नौकर बनकर रहे.. मेरा हर हुकुम माने..
गौतम शबनम के होंठ चुम्मा कर - इतनी सी बात?
(गौतम अपनी पेंट से अपना बेल्ट निकालकर अपने गले में पहन लेता है औऱ बिलकुल किसी कुत्ते की तरह उसका पट्टा शबनम के हाथ में देकर कुत्ते की तरह फर्श पर अपने हाथ पैर रखकर kutta बनते हुए शबनम से कहता है..
गौतम - लो हाज़िर है तुम्हारा गुलाम या कुत्ता.. दो हुकुम अपने इस गुलाम को मालकिन..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के सर को चूमकर - गुगु बुरा तो नहीं मानोगे ना तुम.. मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है..
गौतम - अगर तुने अपनी fantasy पूरी नहीं की तो जरूर बुरा मान जाऊँगा.. जो करना है करो.. समझी.. अब शुरू करो.. मुझे भी बहुत बोर हो गया था सिर्फ चुदाई करते हुए.. अब roleplay करके थोड़ा मज़ा लेता हूँ... भो भो.. मालकिन क्या हुकुम है अपने कुत्ते के लिए?
शबनम मूंड में आती हुई पट्टा अच्छे से पकड़ कर - क्या नाम है तेरा मेरे कुत्ते?
गौतम भोंकते हुए - ग़ुगु मालकिन..
शबनम बेड पर बैठकर अपने पैर का अंगूठा गौतम के मुंह में देती हुई - मालकिन के पैर की उंगलियां चूस मेरे कुत्ते..
गौतम अंगूठा औऱ उंगलियां चूसते हुए - ज़ी मालकिन..
शबनम कामुकता के अर्श पर थी उसने कहा - जीभ लगा के चूस.. मादरचोद..रंडी के बच्चे.. मालकिन नाराज़ हो गई तो जानता है ना क्या होगा?
गौतम रोने का नाटक करते हुए - चूसता हूँ मालकिन.. आप गुस्सा मत करो..
शबनम - रो मत साले कुत्ते.. चाट मेरे परो को अच्छे से.. जीभ लगा लगा के..
गौतम पैर चाटते हुए - जैसा आप बोलो मालकिन..
शबनम पैर चटवाने के बाद पट्टा खींचते हुए गौतम का मुंह अपनी चुत के करीब लाती हुई उसे गाली बकती है - साले ग़ुगु मादरचोद, बहन के लोडे, रंडी के मूत, चुदाईखाने, भोस्डिके भड़वे.. चाट अपनी मालकिन की चुत को.. बाहर निकाल अपनी जीभ..
गौतम अपनी जीभ बाहर निकालकर चुत पर फिराते हुए - मालकिन बदबू आती है आपकी चुत से..
शबनम गौतम को एक थप्पड़ मारकर - तुझसे पूछा मैंने कुत्ते? चाटने के बोला है ना.. तो फिर चाट अच्छे.. साला नौकर मुझसे जबान लड़ायेगा..
ये कहते हुए शबनम अपनी दोनों टाँगे औऱ अच्छे से खोलकर बेड पर लेट गई औऱ ग़ुगु के बाल पकड़कर उसके मुंह को जबरदस्ती अपनी चुत पर लगाती हुई उसे चुत चटवाने लगी..
इसके साथ ही शबनम ने एक सिगरेट जलाकर कश लेते हुए धुआँ ग़ुगु के मुंह पर छोड़ दिया.. औऱ बोली..
शबनम - अब आ रही है बदबू तुझे? साले नौकर.. छोटा सा होके अपनी मालकिन से जुबान लड़ायेगा.. चाट मादरचोद.. ठीक से चाट वरना काम से निकाल दूंगी औऱ झूठा केस लगाकर पुलिस स्टेशन में बंद भी करवा दूंगी..
गौतम रोते हुए - मालकिन नहीं आ रही बदबू.. मैं चाट रहा हूँ आपकी चुत को.. प्लीज मुझे पुलिस में मत देना.. पुलिस बहुत मारती है.
शबनम सिगरेट का कश लेकर मुझे मूतना है मेरे कुत्ते चल मेरे साथ बाथरूम में..
गौतम - ज़ी मालकिन...
शबनम बेल्ट का पट्टा पकड़ कर गौतम को बाथरूम ले जाती है औऱ गौतम कुत्ते की तरह ही अपने हाथ पैरों पर कुत्ते की तरह चलते हुए बाथरूम में चला जाता है..
शबनम पट्टा खींचते हुए गौतम को घुटनो पर बैठाकर एक थप्पड़ औऱ जमाती हुई - मुंह खोल साले नौकर.. तेरे मुंह में मूतेगी आज तेरी मालकिन..
गौतम मुंह खोलकर - लीजिये मालकिन..
शबनम एक हाथ से सिगरेट के कश लेकर दूसरे हाथ से गौतम के बाल पकड़कर उसके मुंह में मूतती हुई - पी साले कुत्ते.. गरीब.. तू मेरा मूत पिने लायक़ ही है..
गौतम शबनम का सारा मूत पी जाता है औऱ चाट कर उसकी चुत भी साफ कर देता है..
शबनम - मुंह खोल मेरे कुत्ते.. मालकिन को थूकना है..
गौतम मुंह खोलकर - लो मालकिन थूक दो मेरे मुंह में..
शबनम गौतम के मुंह में थूक देती है फिर शबनम सिगरेट पोट में फेंककर फ्लश करती है औऱ पट्टा खींचकर वापस गौतम को कुत्ते की तरह बिस्तर पर ले आती है औऱ कहती है - आजा मेरे कुत्ते.. अपनी मालकिन के दोनों बोबो को चूस के सारा दूध निकाल दे..
गौतम शबनम के बोबे चूसता हुआ - ज़ी मालकिन.. बहुत बड़े बड़े दूदू है आपके.. आह्ह.. मालकिन आपका दूदू बहुत मीठा है.. बहुत स्वादिस्ट है..
शबनम एक पल मुस्कुराते हुए गौतम को बेहद प्यार भरी नज़र से देखती है औऱ फिर गौतम के लंड को अपनी चुत में डाल कर कहती है - बहुत हो गई चूसाईं अब कर अपनी मालकिन की चुदाई मेरे कुत्ते..
गौतम लंड घुसते ही धमाकेदार धक्के मारना शुरू कर देता है - ज़ी मालकिन..
शबनम एकदम से सिसकती हुई - आह्ह.. कुत्ते थोड़ा धीरे.. मालकिन को धीरे चोद.. मालकिन को दर्द हो रहा है...
गौतम गले से पट्टा निकालकर - मालकिन की माँ की चुत.. साली..
शबनम कामुक सिसकियाँ लेते हुए - आहहह.. ग़ुगु थोड़ा आराम से..
गौतम मिशनरी में शबनम की चुत को कुछ देर चोदकर रुक जाता है औऱ शबनम झड़ जाती है मगर फिर भी कामुकता से भरी हुई आँखों से गौतम को देखती है और कहती है..
शबनम आहे भरती हुई - क्या हुआ ग़ुगु? करो ना..
गौतम चुत से लंड निकालकर - पोजीशन चेंज करनी है..
शबनम - बोलो ना.. क्या बनु? कुतिया या घोड़ी?
गौतम बेड से शबनम को उठाकर दिवार की तरफ मुंह करके खड़ा करते हुए पीछे से उसकी एक टांग उठाकर अपना लंड उसकी चुत में ड़ालते हुए कहता है - छिपकली...
शबनम दोनों हाथ दिवार पर लगाकर पीछे से गौतम के झटके खाती हुई सिसकती - अहह.. ग़ुगु.. आहिस्ता थोड़ा करो ना...
गौतम कुछ देर उसी तरह चोदकर शबनम को अपनी गोद में उठकर चोदता हुआ कहता है - अंदर ही निकाल दू ना मालकिन..
शबनम गौतम को चुमकर - जहा तुम्हारा मन हो ग़ुगु ..
गौतम शबनम चोदता हुआ बिस्तर पर पटककर शबनम की चुत में 8-10 धक्के पूरी ताकत से मारता हुआ झड़ जाता है औऱ अपना सारा माल शबनम की चुत में छोड़ देता है..
शबनम भी चीखती हुई गौतम से लिपटकर झड़ जाती है औऱ गीतम के होंठों को लगातार चूमने लगती है.. बहुत लम्बे समय तक दोनों उसी तरह से बिस्तर पर पड़े हुए एकदूसरे को चुम रहे थे..
गौतम चुम्बन तोड़कर - हैप्पी?
शबनम मुस्कुराते हुए - वैरी हैप्पी... थैंक्यू ग़ुगु भईया... औऱ सॉरी भी.. मैंने तुम्हारे इतने प्यारे चेहरे पर थप्पड़ मारा औऱ जो कुछ भी किया.. मगर तुम भी ना.. लंड घुसते ही औऱ छिपकली बनाके इतना कस के चोदा है मुझे कि क्या कहु.. बदला निकाल रहे थे ना जानू?
गौतम - बदला औऱ तुमसे? नहीं यार..
शबनम बेड से उठकर कपडे उठाकर पहनते हुए - अह्ह्ह्ह... हाय क्या हलात कर दी मेरी.. अब क्या जवाब दूंगी मालकिन को? कैसे प्यारे से दिखते हो पर बिलकुल शैतान हो शैतान.. पहली चुदाई से दस गुना ज्यादा दर्द दिया है तुमने..
गौतम बिस्तर पर लेटा हुआ - बुलाऊगा तो वापस आओगी ना..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम के लंड को मुंह में लेकर साफ करती हुई - बस इशारा कर देना..
शबनम कमरे से जाने लगती है तो गौतम कहता है - शबनम लाइट बंद कर देना जाते हुए..
शबनम लाइट ऑफ करके चली जाती है औऱ गौतम सुबह 10 बजे गहरी नींद में सो जाता है औऱ एक सपना देखने लगता है...
Aa Gugu to Pee Lover banta ja raha ha...
Apni Mummy ki Pee pika man nhi vara, sabki pee pi raha ha.....
Or Malkin Kutta bala roleplay...
Haaaay daaaaya....
Kitna Horny tha yaaaar....
Or ek gand fad Update....
Lagta ha...
Next Update ma 400 sal purani bhashar machna bala ha....
❤❤❤❤❤❤