ayush01111
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Update 24
गौतम को आता देखकर मनोज मुस्कुराते हुए उसे आवाज देकर बुलाता है - गौतम...
गौतम मनोज को देखकर उसकी तरफ आता है औऱ एक थप्पड़ उसके गाल पर मारकर बोलता है - बहन के लंड.. बता नहीं सकता था तेरी बहन की सलवार में तलवार है..
मनोज थप्पड़ खाकर भी हसने लगता है औऱ कहता है - लगता है लेने की जगह देकर आ रहा है..
गौतम मनोज के हाथों से पेग लेकर एक घूंट में खींच जाता है..
मनोज - अरे धीरे धीरे एक बार में ख़त्म कर जाएगा क्या? औऱ गुस्सा क्यों कर रहा है? इतनी खूबसूरत लड़की से गांड मरवाई है तुझे तो खुश होना चाहिए..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा.. माँ के लोडे अब औऱ कुछ बोला तो.. साले नवाबो वाले शोक नहीं है मेरे..
पीछे से सिमरन आती हुई - बात तो ऐसे कर रहे हो जैसे मुझसे मरवाने के बाद तुम्हारी गांड किसी काम की ही नहीं रही हो.. इतना जोर का थप्पड़ मारके आये हो देखो मेरे गाल पर उंगलियां छप गई तुम्हारी..
गौतम - तुम दोनों भाई बहन ना मुझसे दूर रहना.. समझें? ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है..
गौतम यहां से सीधा वेडिंग हॉल में आ जाता है औऱ एक टेबल पर बैठी हुई सुमन के करीब आकर बैठ जाता है जहा सुमन वेटर से दो गिलास जूस लेकर एक गौतम के सामने रख देती है औऱ एक खुद पीते हुए गौतम से पूछती है..
सुमन - क्या हुआशहजादे मुंह क्यों लटकाया हुआ है?
गौतम जूस पीते हुए - कुछ नहीं.. बस मूंड थोड़ा खराब है..
सुमन - क्यों किसी ने कुछ कहा है क्या?
गौतम - नहीं माँ.. बस ऐसे ही..
सुमन - तो थोड़ा मुस्कुरा ना ग़ुगु.. चल मुस्कुरा दे अब. इतने प्यारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती..
सिमरन आते हुए - वही तो मैं भी समझा रही थी आंटी.. मगर गौतम समझने को ही तैयार नहीं है..
ये कहते हुए सिमरन गोतम के बगल में आकर बैठ जाती है..
सुमन - तुम?
सिमरन - आंटी मैं गौतम की गर्लफ्रेंड.. मतलब फ़्रेंड हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - गर्लफ्रेंड.. ओ हो.. लगता है लड़ाई हो गई है दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में..
सिमरन - लड़ाई कहाँ आंटी.. यही मुझे सता रहा है.. देखो कितना जोर का थप्पड़ मार दिया इसने मुझे...
सुमन सिमरन का गाल देखकर - ग़ुगु? तूने हाथ उठाया इसपर? मैंने ये सिखाया है तुझे? कितनी फूल सी प्यारी बच्ची है..
सिमरन - देखो ना आंटी.. छोटी सी बात पर थप्पड़ मार दिया इसने.. औऱ फिर भी मुंह फुला के बैठा है..
गोतम गुस्से से सिमरन को देखता हुआ - तुझे कहा था ना दूर रहना.. क्यों आ गई पीछे पीछे?
सिमरन रोने का नाटक करते हुए - आंटी इसने शादी का वादा किया है मुझे गर्लफ्रेंड बनाया है अब मुझे छोड़ने की बात कर रहा है..
सुमन - अरे तुम दोनों में जो हुआ है मुझे उससे दूर रखो.. अपना मसला खुद हल करो.. मुझे छोड़ दो.. गौतम अब हाथ नहीं उठाना इस बच्ची पर...
सिमरन - सिमरन.. आंटी.. सिमरन नाम है मेरा..
सुमन - हाँ.. सिमरन पर हाथ मत उठाना औऱ प्यार से बात करना..
सुमन ये कहते हुए आरती के पास चली जाती है औऱ सिमरन गोतम को मुस्कुराते हुए देखकर कहती है - देखो चुपचाप मेरे साथ चलो औऱ जो काम तुमने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा करो वरना..
गौतम - वरना क्या?
सिमरन फ़ोन निकालकर - वरना पुरे शहर में तुमको फेमस कर दूंगी.. कहो तो नेट पर वायरल कर दू तेरा मेरा mms?
गौतम गुस्से में - तू बहन की लोड़ी पागल वागल है क्या? डिलीट कर उसे..
सिमरन - पहले बोल आई लव यू..
गौतम - लव यू.. अब डिलीट कर उन वीडियो को..
सिमरन - चलो मेरे साथ..
गौतम - कहाँ?
सिमरन - वही यहां से मुझे अकेला छोड़ के आ गए थे..
गौतम - देख मुझे प्रॉपर लड़की में इंट्रेस्ट है आधी अधूरी में नहीं..
सिमरन - ऊपर वाले ने चुत की जगह लंड चिपका दिया तो इसमें मेरा क्या कसूर? मुझे तो तुम पसंद हो.. औऱ मैं अब तुम्हारा पीछा तो किसी हाल में नहीं छोड़ने वाली.. अब चलो वरना मेरा पागलपन तुम नहीं जानते.. मुझे अपनी बिलकुल परवाह नहीं है..
गौतम - अब वहां जाकर क्या करना है? तुमने मार तो ली मेरी गांड.. अब क्या लंड पकड़ के हिलाउ मैं तुम्हारा..
सिमरन - मैंने तो मार ली मगर तुमने कहा मारी है मेरी?
गौतम - मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है समझी.. अब ये वीडियो डिलीट करो..
सिमरन गुस्से में - अगर 15 मिनट में तुम उसी जगह वापस नहीं आये तो मैं ये वीडियो वायरल कर दूंगी.. समझा?
ये कहकर सिमरन चली जाती है..गौतम को सिमरन पर गुस्सा आ रहा था जिस तरह से सिमरन ने धोके से अपने छोटे से लंड से गौतम कि गांड का स्वाद लिया था वो गौतम को पसंद नहीं आया था जिसे उसने खुले तौर पर सिमरन से बयाँ कर दिया था.. मगर mms के वायरल होने का डर उसे वापस सिमरन के पास खींच ले गया औऱ गौतम वापस होटल के रूम में जाकर दरवाजा लगाते हुए सिमरन से गुस्से में बोला..
गौतम - देख सिम्मी चुपचाप सीधी तरह वीडियो डिलीट कर वरना अच्छा नहीं होगा.. तू मुझे भी नहीं जानती ठीक से..
सिमरन गौतम को गले लगाकर बेड पर गिराती हुई - कर दूंगी डिलीट.. पर इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लो मुझसे..
गौतम - मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है तुम्हारे अंदर.. समझी..
सिमरन - इंट्रेस्ट नहीं था तो मेरे पास क्यों आये थे तुम? तब तो बहाने बहाने से बात करने की कोशिश कर रहे थे.. अब जब मैं बाहों में हूँ तो इस तरह मुंह फेर रहे हो.. ये तो बहुत दिल दुःखाने वाली बात है गौतम.. मुझे भगवान ने चुत की जगह लंड दिया है तो इसमें मेरी क्या गलती? क्या मुझे प्यार करने का हक़ नहीं है? मेरे चड्डी उतारने से पहले तो तुम कितनी प्यार से बात कर रहे थे.. मेरे होंठों से लेकर चुचो तक सब तुम्हे पसंद आ रहा था.. मेरा फिगर पसंद है ना तुम्हे? फिर क्यों मुझसे इस तरह रूखेपन से बात कर रहे हो..
गौतम - सिम्मी.. तू जो बोलोगी मैं वो सब कर लूंगा तुम्हारे साथ.. पर पहले वो वीडियो डिलीट करो..
सिमरन - इतनी पागल तो मैं भी नहीं हूँ.. वीडियो डिलीट कर दूंगी तो तूम मेरे बाहों से निकलकर कहा गायब हो जाओगे मुझे पता भी नहीं चलेगा.. उस वीडियो के कारण ही तुम यहां मेरे साथ हो.. डिलीट करते ही नहीं रहोगे..
गौतम - ऐसा नहीं है.. मुझ पर भरोसा कर.. देख मुझे तू पसंद है पर यार मर्द को चुत चाहिए होती है.. उसके बिना मर्द जात क्या करेगा?
सिमरन - मेरी गांड से भी तो काम चल सकता है तेरा.. देखो आज तक मैं डर डर के जीती आई हूँ.. मेरा राज सिर्फ मेरी फॅमिली को पता है.. ये बाहर किसी औऱ को ना पता लग जाए इसलिए मैंने किसी से दोस्ती नहीं की.. भईया से ही अपने दिल की बातें करती आई हूँ.. औऱ उन्होंने ही मुझे संभाला है.. तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए थे मगर मैं डर गई थी की तुम मेरा राज़ जानने के बाद मुझे नकार दोगे.. औऱ तुम वही कर रहे हो.. मगर मेरे रसगुल्ले मैं अपने इस दिल को कैसे समझाऊ जो तुझे देखकर इतना जोर से धड़ककर उछल रहा है जैसे अभी बाहर आकर तुमसे अपना हाल कह देगा.. मेरे प्यार को मत ठुकराओ गौतम.. मुझे अपना बना लो.. मैं तुम्हारी हर बात मानुँगी.. जो तुम बोलोगे वही करुंगी बस मेरे दिल को ऐसे मत तोड़ो..
गौतम - मेरे हाथ पैर बाँध कर अपनी छोटी सी लुल्ली से मेरी गांड मारने के बाद अब ये इमोशनल ड्रामा करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती? पक्की ड्रामेबाज़ है तू.. अब जल्दी बता तू क्या चाहती है मुझे वापस नीचे लोन में जाना है औऱ शादी एन्जॉय करनी है..
सिमरन - तुम बताओ तुम्हे क्या करना है.. मेरे होंठों से बदला लोगे या चुचो से खेलोगे? Blowjob दूँ या मेरे रसगुल्ले को मेरी गांड चाहिए?
गौतम मुस्कुराते हुए - सिम्मी सच कहु तो मैं पहली नज़र में तेरे प्यार में ही पड़ गया.. पर क्या करू.. मर्द हूँ.. बस चुत दिखती है.. अपने अलवा किसी औऱ का लंड देखकर मुंह से सिर्फ गाली निकलती है.. भूल गया था जज़्बात सबके होते है.. मगर तूने जो मेरे साथ वो बहुत गलत था..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तो उसका बदला भी तो लोगे तुम अभी.. अपने इतने मोटे लंड से मेरी गांड मारोगे.. पता नहीं क्या हाल होगा मेरी गांड का.. मुझे तो बहुत दर्द दोगे तुम.. मैं कैसे सह पाउंगी वो सोचा है तुमने.. होंठों से होंठ मिलाकर चूमने जितना आसान थोड़ी है गांड मराना.. मेरी तो छोटी सी थी तुम्हे तो पता भी नहीं चला होगा.. पर मेरा क्या होगा..
गौतम सिम्मी की सलवार कुर्ती उतारते हुए - ये तो पहले सोचना चाहिए था.. वैसे फिगर सच बहुत सेक्सी है तेरा.. तू तो गांड से भी जन्नत का सफर करवा सकती है..
सिमरन मुस्कुराते हुए - मुझे तो लगा था तुम मानोगे ही नहीं.. पर थोड़ा सा इमोशनल होकर दो मीठी बात क्या की.. तुम तो मोम की तरह पिघल गए.. जितना सुन्दर चेहरा है उतना ही सुन्दर दिल भी है तुम्हारा मेरे रसगुल्ले.. तुम किसी को रोते हुए नहीं देख सकते ना..
गौतम सिम्मी के बूब्स मसलकर दबाते हुए - गलत.. मुझे तो तुम्हारे जैसी खूबसूरत कालिया बिस्तर में रोते हुए देखना बहुत पसंद है.. थोड़ी देर बाद तुम भी रोने लगोगी..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर चूमकर - ऐसे रोने के लिए तो कब से तरस रही हूँ मेरे रसगुल्ले.. हमेशा सोचती थी कौन होगा जो मुझे अपना बनाएगा.. तुम्हारे लिए तो मैं ख़ुशी खुशी अपनी गांड का क्या जान भी कुर्बान कर दू.. कुछ देर की मुलाक़ात ने मेरे दिल में तुम्हारी वो जगह बना दी है जो सालों के बाद भी लोग नहीं बना पाते.. मेरी लाइफ के पहले मर्द हो तुम.. औऱ अब लगता है आखिरी भी..
गौतम चुचे मसलकर अब चुचे पर अपना मुंह लगा देता है औऱ सिम्मी के तने चुचो पर खड़े हुए चुचक चूसते हुए कहता है - बातों की तो जादूगरनी है तू.. जितनी प्यारी शकल है उतनी प्यारी बातें भी करती है.. पर मुझसे ज्यादा लगाव मत कर लेना.. मैं आवारा हवा का झोका हूँ.. पल दो पल के लिए ठहरता हूँ..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने चुचे चुसवाती हुई कहती है - तुम चिंता मत करो गौतम.. मैं कभी तुमपर कोई दबाब नहीं बनाउंगी.. मैं जानती हूँ मैं तुम्हे हर तरह से संतुष्ट नहीं कर सकती.. औऱ जोर जबरदस्ती से तुम्हे हासिल करके भी तुमसे दूर ही रह जाउंगी.. इसलिए बस तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहती हूँ औऱ कुछ नहीं.. आह्ह.. रसगुल्ले.. आराम से.. आहहह... दांतो से तो मत काट मेरे निप्पल्स को.. कितना जोर से चूसता है तू.. बचपन में आंटी को तो बहुत दर्द होता होगा तुझे दूध पिलाने में.. दांतो से बहुत तेज़ काटता होगा तू तो उनके निप्पल्स को बचपन में..
गौतम मुस्कुराते हुए - मैं तो अब भी बहुत तेज़ काटता हूँ औऱ वो मुझे अब भी प्यार से अपना दूध पिलती है.. मगर तेरी तरह हल्का सा दाँत लगने पर आह्ह.. उह्ह्ह.. नहीं करती..
सिमरन गौतम के बालों में हाथ फेरती हुई - अब आज पहली बार कोई मर्द मेरे चुचो को चूस रहा है, वो भी दांतो से खींचते हुए काट कर.. मुंह से आह्ह तो निकलेगी ही.. औऱ आंटी आज भी तुम्हे अपना दूध पीलाती है? सच में?
गौतम सिम्मी के कूल्हे पकडकर मसलते हुए - शर्त लगाती हो?
सिमरन - मुझे नहीं लगानी शर्त वर्त.. जितने प्यारे तुम हो ना.. तुम्हे तो कोई भी अपना दूध पीला सकता है..
गौतम सिमरन की आँखों में देखकर - सिम्मी..
सिमरन - हम्म्म...
गौतम - मुझे हमारे लिए सच में बुरा लग रहा है.. ऊपर से नीचे तक पारियों जैसा हुस्न होने के बाद भी तुम मुझे औऱ मैं तुम्हे पूरी तरह अपना नहीं बना सकते..
सिमरन गौतम के निचले होंठ को अपने दांतो से खींचकर चूमती हुई - हमारा मिलन अधूरा होकर भी पूरा है मेरे रसगुल्ले.. मैंने जब भी ऊपर वाले से दुआ की, तब यही माँगा कि मुझे एक प्यारा सा लड़का अपना ले.. मैं जैसी हूँ वैसी ही मुझे अपनी बना ले औऱ कभी मेरा साथ नहीं छोड़े.. औऱ देखो आज मुझे तुम मिल गए.. 19 साल की मैं हूँ औऱ तुम भी मुझे 18-19 साल के ही लगते हो..
गौतम - तुमसे एक साल बड़ा हूँ मैं.. पुरे बीस साल का..
सिमरन - हरकतो औऱ चेहरे से तो बिलकुल भी नहीं लगते..
गौतम - अच्छा औऱ कोई ख्वाहिश है? बता दो आज तुम्हारी सब ख्वाहिस पूरी होने वाली है...
सिमरन कुछ सोचकर - तुम सच में करोगे मेरी ख्वाहिश पूरी?
गौतम - 100 परसेंट..
सिमरन - सोच लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे? बहाने बनाने लगो कहीं.. ये नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं होगा? मर्द जात हो.. कहीं तुम्हरा ego हर्ट हो जाये..
गौतम मुस्कुराते हुए - blowjob चाहिए?
सिमरन हैरत हुए - तुम्हे कैसे पता?
गौतम - तुम्हारी आँखों से..
सिमरन - तो बोलो.. दोगे अपनी इस दिवानी को blowjob?
गौतम सिम्मी के नीचे जांघो के जोड़ आते हुए - आज तक सिर्फ लिया है.. दिया कभी नहीं.. लेकिन तुम्हारे लिए कोशिश करता हूँ..
सिमरन - गौतम सिगरेट दो ना एक..
गौतम सिम्मी का छोटा सा लोडा पकड़ के धीरे धीरे हिलाते हुए - मैं जेब में थोड़ी लेके घूमता हूँ.. वहा पीछे बेड के बगल की ड्रावर में होगी..
सिमरन सिगरेट निकालकर सुलगती है औऱ एक लम्बा कश मारकर धुआँ छोड़ते हुए गौतम से कहती है - अगर मन नहीं है तो छोड़ दे रसगुल्ले.. मत कर.. मैं जबरदस्ती नहीं करुँगी.. मैं नहीं चाहती तुम बिना मन के कुछ भी मेरे साथ करो..
गौतम सिमरन की लुल्ली का टोपा चूमकर उसकी लुल्ली मुंह में लेते हुए - ड्रामा बंद कर साली.. बस मुंह में मत निकालना..
सिमरन मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - काश तू सच में जिंदगी भर के लिए मेरा हो जाए रसगुल्ले..
गौतम लंड चूसता हुआ - ताकि तू हर रात मेरी गांड मार सके..
सिमरन हसते हुए - तो क्या हुआ.. इतनी छोटी सी तो है मेरी.. तुम्हे कोनसा फर्क पड़ेगा.. औऱ बदले में तुम्हारा इतना बड़ी भी तो झेलूंगी हर रात.. तुम्हे जैसी बीवी चाहिए बिलकुल वैसी बनकर दिखाउंगी..
गौतम - रहने दो.. तेरा निकलने वाला हो तो बता देना..
सिमरन सिगरेट के कश लेती हुई गौतम का सर अपनी लुल्ली पर दबाती हुई - पूरी लो ना गौतम.. इतनी सी तो है मेरी.. तुम्हारी जगह मैं होती तो लुल्ली के साथ टट्टे भी चूस जाती.. एक साथ.. शर्माओ मत.. चुसो पूरी मुंह में लेके..
गौतम - चूस तो रहा हूँ.. तुम्हारी तो अब दिमाड ही बहुत बढ़ने लगी है..
सिमरन सिगरेट का कश लेकर धुआँ गौतम के ऊपर छोड़ती हुई - अच्छा.. अब पता चला हम कैसे करते है ये सब? जब मेरे मुंह में अपना लंड दिया था तब तो बहुत बोल रहे थे.. ऐसे नहीं ऐसे चुसो.. ये करो.. वो करो.. औऱ ना जाने क्या क्या.. तब तो तुम्हारी दिमाड ही ख़त्म नहीं हो रही थी अब क्या हुआ? (गौतम के मुंह में पूरा लोडा घुसते हुए) चुसो चुपचाप..आहहह... रसगुल्ले... ऐसे.. अहह.. अहह..
सिमरन सिगरेट के कश लेते हुए अपनी चार इंच की लुल्ली गौतम के मुंह में पूरी तरह घुसा कर उसे चूसा रही थी औऱ कामुक निगाहो से गौतम का मासूम चेहरा देखकर मन ही मन उसके प्यार में डूबती जा रही थी.. कुछ ही देर के बाद सिमरन झड़ने लगी तो गौतम ने लंड मुंह से निकाल दिया मगर फिर भी सिमरन की लुल्ली से निकली एक दो धार तो गौतम के मुंह में गिर ही गई थी जिसे गौतम थूकता हुआ टेबल पर से पानी की बोतल उठाकर कुल्ला करने लगा..
गौतम - साली तुझे कहा था ना.. निकलने वाला हो तो बोल देना..
सिमरन - तुमने अपना माल निकालने से पहले बोला था जो मुझसे उम्मीद रखते हो. मेरे तो मुंह में पूरा माल गिरा दिया औऱ गले से नीचे भी उतार दिया.. तब तो तुम बड़े खुश हो रहे थे. अब क्या हुआ? मुझे तो अपना माल पीलाया था तुमने..
गौतम सिम्मी को देखकर अपनी पेंट नीचे करके लंड निकालकर हिलाते हुए - मेरा माल तो साली तू अब भी वापस पीयेगी... ये कहते हुए गौतम सिमरन के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लोडा घुसा देता है.. औऱ उसे अपना लंड चूसाने लगता है..
सिमरन - आह्ह आराम से ना.. गौतम.. आराम से.. आह्ह..गुगुगुगुगुगुगु...
सिम्मी गौतम के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती हुई गौतम को देखती है औऱ गौतम सिमरन को देखकर बोलता है..
गौतम - बहुत बोलना आ रहा था ना तुझे.. अब बोल.. इस छोटी सी लुल्ली के दम पर खुदको मर्द समझने लगी है तू.. मुझसे लुल्ली चूसाएगी साली... अब खुद चूस.. बहन की लोड़ी.. पूरा मुंह में देगी.. अब ले ना मुंह में पूरा.. क्या हुआ? आ नहीं रहा क्या मेरा लोडा मुंह में? साली ये मर्द का लंड है तेरी जैसी कमसिन कली का नहीं.. तू मुझे लंड चुसवाएगी साली.. लंड चूसना तुम लड़कियों का काम है हम मर्दो का नहीं.. हमारा काम तुम्हे अपना लंड चुसवाना है.. समझी? मैंने इमोशनल होकर थोड़ा सा चूस क्या लिया खुदको मर्द समझने लग गई तू तो.. मेरे मुंह में निकालेगी बहन की लोड़ी.. चूस.. ले मुंह में..
सिमरन - ले तो रही हूँ जितना मुंह में आ रहा है.. तुम तो जबरदस्ती करने पर उतारू हो गए.. मुझे ज्यादा मर्द बनके दिखाओगे ना तो दांतो से लंड पर ऐसा काट के खाऊंग्गी की याद रखोगे..
गौतम सिम्मी को पलटकर बेड पर झुकाते हुए - जबरदस्ती की कहा है मेरी फुलझड़ी.. जबरदस्ती तो अब होगी..
ये कहकर गौतम सिम्मी की गांड पर थूक देता है औऱ हाथों से सिमरन की गांड के छेद पर थूक लगाने लागता है..
सिमरन सिर मोड़कर गौतम को देखते हुए - मेरा पहली बार है रसगुल्ले.. मुझे ख़ुशी है की मेरी पसंद का कोई लड़का मेरे साथ ये सब कर रहा है..
गौतम सिम्मी की कमर पकड़कर उसकी गांड के छेद पर अपना लंड सेट करके दबाब बनाते हुए - पहली बार शायद थोड़ा दर्द होगा सिम्मी.. संभाल लेना..
सिमरन मुस्कुराते हुए - इस दर्द के लिए तो कब से इंतजार कर रही थी.. मेरी चिंता मत करो गौतम तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे बदन का मज़ा लो.. मैं तुम्हे हर तरह से खुश कर देना चाहती हूँ..
गौतम सिम्मी की बात सुनकर अपना लोडा उसकी गांड में घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा लंड के थोड़े से हिस्से के साथ सिमरन की गांड में घुस जाता है औऱ सिमरन की पहली दर्द औऱ काम से मिश्रित चिंख निकल जाती है मगर बाहर लोन में चलते dj की आवाज में सिम्मी की चिंख दब चुकी थी..
गौतम कुछदेर स्थिर रहकर धीरे धीरे अपना लंड सिमरन की गांड में धकेलने लगता है औऱ कड़ी मेहनत औऱ मशक्कत के बाद अपना आधे से थोड़ा सा ज्यादा लंड सिमरन की गांड में डाल देता है.. सिमरन गौतम के लंड को झेल गई थी उसकी गांड में होता दर्द औऱ गौतम को सुख देने की प्रबल इच्छा उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी..
गौतम भी सिमरन का पूरा ख़याल रखते हुए उसकी गांड का उद्घाटन करने मे लगा हुआ था.. गौतम ने बहुत धीरे धीरे सिमरन की गांड को अपने लंड से खोल दिया था औऱ अब धीरे धीरे बिस्तर उल्टी पड़ी हुई सिमरन को पीछे से चोदने में लगा हुआ था..
सिमरन की काममय सिस्कारीया पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी मगर कमरे से बाहर dj की आवाज में वो सिस्करीया कहीं दब रही थी..
गौतम ने सिमरन को घोड़ी बनाके पीछे से उसके दोनों बूब्स पकड़ कर सिमरन की गांड मारना शुरू कर दिया औऱ सिमरन अब काम शक्ति से परिचित होकर आँख बंद किये सिसकियाँ ले रही थी औऱ गौतम से चुदवा रही थी.. सिमरन को इस मिलन में अदभुद सुख मिल रहा था..
गौतम ने बूब्स छोड़कर सिमरन के बाल पकड़ लिए औऱ जोरदार 5-6 धक्के मारे जिससे गौतम का सारा लंड सिमरन की गांड में घुस गया औऱ सिमरन के गले से जोरदार चिंख निकल गई जो कमरे बाहर dj की आवाज में कहीं खो गई.. सिमरन को अपनी गांड के गोदाम बनने की खुशखबरी मिल चुकी थी जिसे वो जोर जोर से चिल्लाती हुई सबको बताना चाहती थी मगर वहा सिमरन को सुनने वाला कोई था ही नहीं..
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गौतम - उफ्फ्फ.. सिम्मी.. मान गए यार.. क्या गांड है तेरी.. मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में..
सिमरन हलकी सी रोती हुई - कमीने एक दम से क्या हो गया तुझे.. धीरे कर ना.. औऱ मज़ा आएगा ही ना.. सील जो तोड़ दी तूने आज मेरी..
गौतम - सिम्मी बहुत प्यारी है यार तू सच में.. पहली बार ऐसा हुआ है चोदने के कुछ देर में ही मेरा झड़ने का मन हो रहा है..
सिमरन - मुंह में झाड़ना मेरे रसगुल्ले.. मुझे तेरा रस पिना है..
गौतम जोर के झटके मारके गांड चोदते हुए - पीला दूंगा यार.. उफ्फ्फ कयामत है तू तो..
सिमरन सिसकियाँ लेते हुए - गौतम आराम से बहुत दर्द हो रहा है मुझे.. आह्ह.. धीरे..
गौतम लगातार तेज़ तेज़ चोदते हुए - थोड़ा सा दर्द नहीं सह सकती तू अपने रसगुल्ले के लिए?
सिमरन चिल्लाते हुए - गौतम आराम से यार..
गौतम - धीरे ही चोद रहा हूँ.. अभी तो टॉप गियर डाला ही नहीं..
सिमरन - तुम तो बहुत दर्द देते हो गौतम.. मेरी जान निकाल दोगे..
गौतम हल्का धीरे होते हुए - सिमरन बहुत मस्त गांड है तुम्हारी मन करता है पूरी रात चोदता रहु..
सिमरन - तू कुछ भी कर मेरे रसगुले तुझे सब आजादी है.. बस मुझे औऱ ज्यादा दर्द मत दे.. पहला मिलन इतना भी यादगार मत बना की याद करते ही गंद में दर्द होने लगे..
गौतम गांड मारते हुए - आई लव यू सिमरन.. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है मैंने तुझे पहले कहीं देखा है.. तेरे मेरे पहले का कोई नाता है.. कोई रिश्ता है कोई बंधन है..
सिमरन - पहले का तो पता नहीं रसगुल्ले.. पर अब आगे जरूर हमारा रिश्ता होगा.. प्यार का रिश्ता.. आह्ह..
गौतम गांड मारना बंद करके लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करके - होने वाला है सिम्मी.. आजा लेले मेरा लंड मुंह में..
सिमरन लोडा मुंह में लेकर चूसने लगती है औऱ कुछ पलों में गौतम सिमरन के मुंह में झड़ जाता है जिसे सिमरन पी जाती है औऱ गौतम को गले से लगाकर kiss करते हुए कहती है..
सिमरन - तू दिल में बस गया रसगुल्ले... सच्ची मोहब्बत हो गई तुझसे..
गौतम सिमरन के होंठों को चूमकर - चल अब शादी भी इंजॉय कर लेते है थोड़ा.. 9.30 बजने वाले है..
सिमरन - तुम जाओ.. मुझे थोड़ा समय लगेगा आने में..
गौतम - ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी.. पर जल्दी आना.. औऱ वीडियो डिलीट कर देना..
सिमरन - वो तो कब का कर दिया चाहो तो फ़ोन देख लो..
गौतम सिमरन का बोबा पकड़ कर चूसते हुए - सच में डिलीट कर दिया ना? साली तेरी माँ चोद दूंगा अगर झूठ बोला तो तूने?
सिमरन गौतम के होंठ चूमकर - मुझे चोद कर मन नहीं भरा जो अब मेरी माँ भी चोदनी है तुम्हे.. वीडियो सच में डिलीट कर दिए मैंने.. मैं अपनी मोहब्बत को बदनाम थोड़ी कर सकती हूँ...
गौतम - चोदने लायक हुई तो तेरी माँ भी चोद दूंगा.. मुझे तो सब पसंद है.. मिल्फ ज्यादा पसंद है..
सिमरन हस्ती हुई - अब कपडे पहन लो .. तुमको ऐसे देखकर मेरा मूंड वापस बन रहा है.. जा मैं आती हूँ..
गौतम अपने कपडे पहनकर लोन की तरफ निकल जाता है औऱ सिम्मी अपने आपको ठीक करके बदन में आ चुकी लचक को काबू करने लगती है...
*********
मनोज - क्या हुआ भाई? मज़ा नहीं आया क्या मेरी बहन के साथ?
गौतम - साले तेरी बहन है या मिया खलीफा? कितनी वहशी है..
मनोज - उसकी गलती नहीं है भाई.. तू है ही इतना चिकना वो भी क्या करें? वैसे कैसी लगी ये बता?
गौतम - तू नहीं जानता कैसी है वो?
मनोज - भाई बहन है मेरी.. हमारे बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती है.. ऐसा वैसा कुछ नहीं.. मैंने आज तक उसे छुआ तक नहीं..
गौतम - लगता है सिर्फ बेलन से ही काम चलाया है उसने आज तक..
मनोज - पूरा मोहल्ला आगे पीछे घूमता है सिम्मी के.. पर किसी को भाव तक नहीं देती..
गौतम - देगी कैसे डरती होगी कोई सलवार में तलवार देखकर डर ना जाए.. वैसे जितनी खूबसूरत वो है ना.. भगवान ने अच्छा नहीं किया उसके साथ.. बेचारी की चुत पर छोटा सा लोडा चिपका दिया..
मनोज - पर भाई मज़ा तो पूरी लड़की वाला दिया होगा उसने.. तभी तेरा मूंड पहले से अच्छा लग रहा है..
गौतम - वो तो है.. गांड में ही जन्नत मिल गई मुझे तो.. ऊपर से इतना सेक्सी फिगर है घोड़ी बनाने के बाद तो नशा ही हो गया था मुझे..
मनोज - जरुरत से ज्यादा तो नहीं पेला ना तूने? अभी तो बेचारी 19 साल की फूल सी बच्ची है..
गौतम - भाई तेरी फूल सी बहन को अच्छे से खिला दिया मैंने.. मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी.. मैंने थोड़ी सी की तो अकल आ गई उसे..
मनोज - पर है कहाँ वो? साथ क्यों नहीं आई..
गौतम - ठीक से चला जाएगा तब साथ आयगी ना.. अब तो बदन में लचक आ गई उसके.. देख वो आ रही.. कैसे बलखाते हुए आ रही है..
मनोज - अरे बहनचोद तूने तो रगड़ दिया लगता है.. मम्मी पापा देख लेंगे तो बहुत सुनाएंगे इसे..
गौतम - कुछ भी बोल देना यार.. क्या परेशान हो रहा है..
सिम्मी आकर अपने भाई के सामने गौतम को kiss कर लेती है औऱ प्यार से कहती है - चल रसगुल्ले... खाना खाते है साथ में.. भईया आप भी चलो..
मनोज - अभी रहने दे.. बहुत भीड़ है खाने पर.. थोड़ी कम हो जाए फिर चलते है खाने.. तब तक एक एक पेग औऱ ले लेते है.. चल.. स्टेज के पीछे खाली जगह वहा चलते है..
गौतम - वहां मत जा.. रांडे चुद रही है वहा पर...
मनोज - अरे कोई नहीं था अभी तो..
गौतम - भाई तब रांडे नाच रही थी.. अब नाच गाना ख़त्म हो गया तो सारी रंडिया स्टेज के पीछे खाली जगह में मेहमानो के लोडे खा रही है.. सब घराती बराती मिलकर चोद रहे है.. भईया के दोस्त औऱ अंकल के यार लोग सब मिलके पेल रहे है.. रंडियो को घोड़ी बनाकर..
मनोज - तूने नहीं चोदी रांड?
गौतम सिम्मी के गले में हाथ डालकर उसकी चूची मसलते हुए - तेरी बहन चोद रहा था ना.. औऱ मुझे रंडी चोदने का ज्यादा शोक भी नहीं है.. कोई घरेलु मिल जाए तो बात अलग है..
मनोज - तू तो मेरी बहन की ले रहा है मैं किसकी लू यार..
सिम्मी - सच में.. रसगुल्ले.. मेरे भाई के लिए भी कुछ कर ना.. बेचारा अपने हाथों से काम चलाता है..
गौतम फ़ोन निकालते हुए - करता हूँ तेरी व्यवस्था..
सिम्मी मुस्कुराते हुए अपनी चूची पर से गौतम का हाथ हटा कर - भईया के सामने मत कर..
गौतम - शर्मा क्यों रही है मेरी जान... साला है मेरा.. इसके सामने तेरे चुचे दबाउ या गांड मारु.. ये कुछ नहीं बोलने वाला..
गौतम फ़ोन पर - हेलो.. चेतन भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - भईया वो एक बात करनी थी आपसे..
चेतन - हाँ बोल ग़ुगु.. क्या बात है..
गौतम - भईया नचाने वाली औरते आई है ना..
चेतन - हाँ..
गौतम - भईया उनमे से जो नीली साडी में थी ना.. उससे मिलना है...
चेतन - नहीं ग़ुगु.. बुआ या माँ-पापा को पता लगा तो बहुत सुनाएगे मुझे.. वो सब रंडिया है तू अभी बच्चा है इन सब से दूर रह..
गौतम - भईया सब एन्जॉय कर रहे है मुझे छोड़कर.. औऱ पता कैसे चलेगा.. आप थोड़ी बताओगे.. ना मैं बताने वाला.. प्लीज भईया.. बहुत मन हो रहा है..
चेतन - अच्छा ठीक है नीली साडी वाली तो अंकल ज़ी के साथ है कोई दूसरी भेज रहा हूँ तेरे रूम में.. जल्दी से काम करके वापस लोन में आ जाना.. किसी को पता ना चले..
गौतम - ठीक है भाईया.. जैसा आप कहो..
चेतन - औऱ कंडोम याद से लगा लेना.. ये सब रंडिया है रोज़ किसी ना किसी से चुदवाती है.. चल रखता हूँ..
गौतम - ले साले.. तेरा जुगाड़ भी करवा दिया.. जा मेरे रूम में वहा आ जायेगी तेरे लिए कोई ना कोई रांड..
मनोज - तू भी चल ना..
गौतम सिमरन को देखकर - नहीं मैं यही ठीक हूँ तू जा..
सिम्मी - भईया वापस जाना है जरा जल्दी आना.. पापा का फ़ोन आया था बुला रहे थे..
मनोज - ठीक है..
मनोज गौतम के रूम में चला जाता है औऱ वहा कुछ देर बाद एक रांड आ जाती है मनोज औऱ उस रांड में कुछ देर चुदाई होती है फिर 15-20 बाद मनोज वापस लोन में आ जाता है औऱ सिम्मी को लेके वापस जाने लगता है..
गौतम - सिम्मी आज रात मेरे पास नहीं रुक सकती? मन नहीं कर रहा तुझे अपने दूर करने का..
सिमरन - मन तो मेरा भी नहीं है रसगुल्ले तुझसे दूर जाने का.. पर क्या करू.. पापा बहुत स्ट्रिक्ट है नहीं मानेगे मुझे छोड़ने के लिए.. मैं फ़ोन करुँगी..
गौतम - अपना ख्याल रखना सिम्मी..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तुम भी अपना ख्याल रखना रसगुल्ले..
मनोज दोनों का चुम्बन देखकर - अरे यहां मैं भी हूँ कुछ तो शर्म करो.. यही सब करना है अकेले में कहीं जाकर कर लो..
सिम्मी चुम्बन तोड़कर - चूमने दो ना भईया.. बड़ी मुरादो के बाद तो मुझे मेरा रसगुल्ला मिला है.. मन तो कर रहा है इसे भी अपने साथ ले जाऊ..
मनोज - पापा का फ़ोन आ रहा है सिम्मी चल..
गौतम मनोज से - साले इसका ख्याल रखना.. ये मेरी है..
मनोज - उसकी चिंता मत कर भाई.. बस मेरी बहन से जल्दी मिलने आना.. बेचारी बहुत अकेले रही है.. अब इसे प्यारकी जरुरत है..
सिमरन वापस गौतम को चूमते हुए - बाए मेरे रसगुले.. इंतजार करूंगी तुम्हारा.. जल्दी मिलने आना..
गौतम - बाय जान..
मनोज गौतम से गले मिलता हुआ - चल भाई.. चलता हूँ..
गौतम - अपनी बहन का ख्याल रखना यार.. बहुत प्यारी है..
मनोज सिमरन को साथ लेकर पार्किंग की तरफ चला जाता है औऱ एक वाइट कार में अपने माँ पापा के साथ बैठ जाता है.. कार वहा से चली जाती है गौतम मुस्कुराते हुए कार को जाते हुए देखता रहता है..
Haaaay daaaaya.....Update 13
आदिल गौतम को लेके एक बार में आ जाता है औऱ दोनों कोने में एक टेबल पर बैठ जाते है..
गौतम - अब बता भोस्डिके क्या बता रहा था तू?
आदिल - भाई ऐसे नहीं आज दारू पीला पहले..
गौतम - ठीक है साले.. मंगवा ले..
आदिल वेटर से - भाई दो बियर...
गौतम - बता ना अब..
आदिल - भाई सलमा आपा का अड्रेस मिल गया..
गौतम - कहा से मिला?
आदिल - अरे मिल गया कहीं से बस..
गौतम - तो बता ना भोस्डिके.. रांडो की जैसे नखरे क्या कर रहा है..
आदिल - भाई जयपुर रहती है सलमा औऱ किसी मॉल में जॉब करती है.. व्हाट्सप्प पर पूरा एड्रेस भेजा है तुझे देख..
गौतम फ़ोन देखकर - सच बोल रहा है ना गांडु?
आदिल - अम्मी कसम भाई..
गौतम - अम्मी से याद आया.. भाई तेरी अम्मी है मस्त माल बहनचोद.. पूरी मिया खलीफा है साली.. पूरा ठंडा कर दिया मुझे आज..
आदिल - बहन के लोडे हद में रह.. क्या बोल रहा है..
गौतम - सच में भाई.. बुरा मत मान यार, तेरी अम्मी पसंद आ गई मुझे..
आदिल - भोस्डिके पागल हो गया क्या? अम्मी है मेरी.. क्यों फ़ालतू बकवास कर रहा है.. बिना पिए ही चढ़ गई क्या तुझे?
गौतम - अरे नहीं यार, सच बोल रहा हूँ थोड़ी सी हेल्प कर दे भाई.. तेरी अम्मी की चुत तुझे भी दिलवा दूंगा..
आदिल - चुदाईखाने अम्मी पर मत जा वरना बुरा हो जाएगा.. सबको रांड समझ लिया क्या तूने?
गौतम - क्या बुरा हो जाएगा गांडु? एक चुत के लिए साले औकात दिखा रहा है.. बचपन से कितनी मदद की है तेरी औऱ तू इतनी सी मदद नहीं कर सकता? बदले में तुझे भी तो दिलवा दूंगा..
आदिल - भाई अम्मी का ख्याल दिमाग से निकाल दे..
गौतम - कैसे निकाल दू भाई.. आगे औऱ पीछे का सामान देखा है तूने शबाना का.. देखते ही रगड़ने का मन करता है बहन की लोड़ी को, शकल देखते ही लंड खड़ा हो जाता है मादरचोद..
आदिल - अम्मी को गाली मत दे भोस्डिके, अब औऱ कुछ बोला तो सच में दोस्ती ख़त्म समझ..
वेटर बियर लाकर टेबल ओर रख डेता है औऱ चला जाता है..
गौतम - अच्छा गाली नहीं दूंगा पर सच बोल रहा हूँ.. बहुत पहले से मैं तुझे ये बात बताना चाहता था, यार मैं पागल हो रहा हूँ शबाना के लिए.. लंड खड़ा है देख..
आदिल बियर पीते हुए - तो बहन के लंड हिला ले ना जाके.. अम्मी नहीं यार.. अम्मी को छोड़ दे..
गौतम - देख भाई मैं जानता हूँ तुझे अगर शबाना की चुत मिले तो तू उसे भी नहीं छोड़ेगा.. भाई मेरा वादा है मेरा मन भरने के बाद तुझे भी तेरी अम्मी की चुत दिला दूंगा.. साले ऐसे रांड चोद के कहा तक काम चलायेंगे औऱ कहा से इतने पैसे लाएंगे? भाई सोच अगर हमें चुदाई करनी हो औऱ तेरी माँ फ्री हमसे चुदती रहे तो हमारा कितना फ़ायदा होगा..
आदिल थोड़ी देर चुप रहकर - अब्बू जान से मार देगा भोस्डिके..
गौतम - अबे पता कैसे चलेगा तेरे अब्बू को? तू बताएगा?
आदिल - छोड़ भाई.. जाने दे यार.. अम्मी को रहने दे..
गौतम - भड़वे ऐसे माल को चोदने की जगह छोड़ने की बात कर रहा है.. तू हाँ कर बस.. बाकी सब मुझपर छोड़ दे.. शबाना को बीच में लेके चोदेगे अपन दोनों.. सैंडविच की तरह.. आगे में लूंगा पीछे से तू लेना.. सोच ले.
आदिल - पर पटायेगा कैसे अम्मी को?
गौतम बियर ख़त्म करके - भाई उसकी फ़िक्र मत कर.. पटाया हुआ है.. बस सही टाइम का वेट कर.. कोई फोटो है शबाना की तेरे पास?
आदिल - फोटो तो बहुत है क्यों?
गौतम - चल बताता हूँ..
आदिल - कहा चलू?
गौतम - लंड के मेल.. ज्यादा सवाल मत कर.. चुपचाप चल..
आदिल गौतम के पीछे पीछे चल देता है औऱ दोनों जेंट्स टॉयलेट में आ जाते है जहा गौतम एक केबिननुमा बाथरूम में घुस जाता है औऱ आदिल को भी अंदर आने को कहता है आदिल के अंदर आते है गौतम उसका दरवाजा बंद कर लेटा है औऱ दिल से कहता है..
गौतम - फोटो दिखा शबाना रंडी की..
आदिल फ़ोन निकालकर - भाई क्या कर रहा है?
गौतम - तेरी अम्मी शबाना रंडी पर लंड हिलाएंगे आज दोनों भाई मिलके.. कोई सेक्सी फोटो दिखा तेरी अम्मी की.. बहन की लोड़ी सस्ती मिया खलीफा..
आदिल फोटो निकालकर - देख ये ठीक है?
गौतम - अबे कोई ऐसी फोटो दिखा ना जिसमे इसके चुचे दिखे अच्छे से बिना बुरखे के..
आदिल - ले बहन के लोडे ये देख.. है ना मस्त..
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गौतम - मादरचोद कहा छुपा रखी थी ऐसी तस्वीर? क्या माल लग रही है रंडी.. चुचे देख साली के. फोटो ज़ूम कर..
आदिल - हाँ यार.. अम्मी को चोदने का मन तो मेरा भी बहुत है पहले से.. बस डर लग रहा था..
गौतम - क्या अम्मी अम्मी बोल रहा है मदरचोद.. रंडी है अपनी..
आदिल लोडा बाहर निकालकर - भाई इस रंडी की दिलवा दे यार. अब तो तूने मेरे लंड में भी आग लगा दी शबाना के नाम की.. इसे चोदे बिना चैन नहीं मिलेगा.
गौतम अपना लंड निकालकर - चोद दे पटक के तेरे तो घर में ही रहती है साली..
आदिल गौतम का लंड देखकर - अबे इतना बड़ा कैसे हो गया तेरा?
गौतम - जामुन खाकर हो गया भोस्डिके..
आदिल - मुझे खिला दे वो जामुन भाई..
गौतम - पहले तेरी अम्मी को चोद दू तेरे सामने फिर खिला दूंगा..
आदिल - चोद लेना रंडी को भाई मैं कोनसा मना करने वाला हूँ तुझे.. पर मेरा लंड भी अपने जैसा करवा दे..
गौतम - टाइम आने पर सब हो जाएगा तू चिंता मत कर.. अभी तो इस रंडी पर माल निकाल..
आदिल - हिला बहन की लोड़ी पर.. साली रंडी..
गौतम औऱ आदिल दोनों आदिल के फ़ोन पर शबाना की तस्वीर को देखते हुए मुठ मारने लगते है औऱ आदिल अपना माल उस तस्वीर पर गिरा देता है मगर गौतम अपना माल नहीं गिराता..
आदिल - क्या हुआ निकल नहीं रहा क्या?
गौतम - फोटो पर नहीं भाई, रियल में निकलेगा मेरा..
आदिल फ़ोन उठा लेता है औऱ उसके बाद आदिल अपने फ़ोन की स्क्रीन को गीले रुमाल से साफ करके गौतम के साथ बाहर आ जाता है औऱ दोनों वापस टेबल पर बैठकर एक एक बियर औऱ आर्डर कर देते है..
गौतम - रेशमा का क्या सीन है?
आदिल - कुछ नहीं यार.. निकाह को चार साल हो गये अभी तक बच्चा नहीं हुआ.. जीजा तलाक़ के देने की बोल रहा है..
गौतम - बच्चा नहीं हुआ मतलब कोई कमी है रेशमा में?
आदिल - पता नहीं मुझे जीजा ढीला लगता है..
गौतम - नंबर दे रेशमा के मैं बात कर लूंगा..
आदिल - तू नम्बर का क्या करेगा भाई?
गौतम - भाई तेरी अम्मी के साथ तेरी आपा को भी लंड के नीचे से निकाल दू तो तूझे कोई परेशानी थोड़ी है.. ले नंबर दे..
आदिल नंबर देकर - भोस्डिके चोदने के बाद मुझसे भी चुदवाएगा.. ऐसा ना हो की तू पलट जाए..
गौतम - भाई मेरे बाद तेरा ही नम्बर है.. मेरा मन भर जाए फिर तेरे ही लंड के नीचे रहेंगी दोनों..
आदिल - भाई लंड केसा बड़ा किया बता ना..
गौतम - बताया तो था साले.. जामुन खाकर..
आदिल - मुझे भी खिला दे यार..
गौतम - भाई वो जामुन ख़ास है बहुत दूर एक ख़ास जगह मिलते है ले चलूँगा तुझे कभी..
आदिल - ठीक है भाई.. जल्दी ले चलना..
गौतम - चल अब घर चलते है.. मैं तुझे घर छोड़ देता हूँ..
आदिल - हाँ.. चल..
गौतम आदिल को लेकर उसके घर आ जाता है औऱ घर के बाहर आदिल से कहता है..
गौतम - फारूक कब तक आएगा?
आदिल - अब्बू को आने में 10 बज जायेंगे..
गौतम - अभी 8 बज रहे है.. सुन तेरी अम्मी दरवाजा खोले तो सीधा अंदर जाकर सो जाना. मैं तेरी अम्मी को पटाने के लिए थोड़ी देर तेरी अम्मी से बात करूंगा.. समझा..
आदिल - ठीक है समझ गया..
आदिल दरवाजा बजाता है औऱ कुछ पलो में शबाना लंगड़ाती हुई आकर दरवाजा खोल देती है..
आदिल शबाना के दरवाजा खोलते ही अंदर जाकर अपने कमरे में चला जाता है औऱ गौतम दरवाजे से थोड़ा अंदर आकर दरवाजा लगा देता है..
शबाना - क्या कर रहा है.. आदिल अंदर है
गौतम - तो?
शबाना - देख लेगा.. जा यहां से
गौतम - वो नहीं आएगा.. बस एक चुम्मा लेना है..
शबाना - कुत्ते मेरी चाल बिगाड़ दी औऱ अब चूमा लेने आया है.. जा यहां से मैं फ़ोन करके बुलाऊंगी.
गौतम - बिना चुम्मे नहीं जाऊंगा..
शबाना - चुम्मे के बहाने तू कुछ भी करने लग जाएगा..
गौतम - सिर्फ चुम्मा लूंगा..
शबाना पीछे आदिल के कमरे की तरफ देखती है औऱ गौतम का हाथ पकड़ कर उसे रसोई के पीछे खाली जगह पर ले जाती है..
शबाना - ले जल्दी कर..
गौतम शबाना के चुचे पकड़के अपनी औऱ खींचता है औऱ उसे अपने गले से लगा लेता है फिर चूमने लगता है.. करीब 2-3 मिनट के चुम्बन के बाद शबाना चुम्बन तोड़ देती औऱ कहती है..
शबाना - अब जा ना बेटा.. कोई देख लेगा तो आफत हो जायेगी..
गौतम अपना लोडा बाहर निकाल लेता है औऱ शबाना के कंधे पर हाथ रखकर उसे नीचे बैठने का इशारा करता है औऱ कहता है..
गौतम - इसे शांत कर दो अम्मी फिर चला जाऊंगा.
शबाना गुस्से से - कितना बेसब्री है तू.. आदिल अंदर है.. तू जा यहां से.. कहा ना बाद में सब कर दूंगी.. मेरा भी मन है मगर.. तू समझता नहीं है..
गौतम शबाना का बोबा पकड़ लेटा है औऱ मसलकर कहता है - इसे तो चूसना पड़ेगा अम्मी... वरना मैं यहां से नहीं जाने वाला..
शबाना - बेटा मान जा ना..
गौतम शबाना के बाल पकड़कर उसे नीचे घुटनो पर बैठा देता है औऱ अपना लंड शबाना के मुंह में डाल कर उसे लंड चूसाने लगता है..
गौतम - आदिल की चिंता मत कर, तू बस अच्छे से चूस अम्मी.. आदिल नहीं आने वाला..
शबाना बार बार इधर उधर देखकर जोर जोर से गौतम का लंड चूसने लगती है औऱ थोड़ी देर बाद गौतम शबाना के मुंह में झड़ जाता है..
शबाना गौतम का माल पीकर - अब जा यहां से औऱ फ़ोन करू तभी ही आना..
गौतम शबाना को अपने फ़ोन में कुछ फोटोज जिनमे आदिल ने कुछ देर पहले शबाना की फोटो ओर मुठी मारी थी दिखाकर कहता है - देख तेरे आदिल ने आज तेरी तस्वीर के साथ क्या किया है.
शबाना हैरानी से - तू करवाया होगा उससे ये सब..
गौतम - मैं क्यों करवाने लगा? वो खुद तुझे चोदने की फिराक में है..
शबाना - सच सच बता तेरे आदिल के बीच में क्या खिचड़ी पक रही है..
गौतम - खिचड़ी क्या पैकेगी अम्मी.. बताया तो मैंने आदिल भी तेरी लेना चाहता है..
शबाना - तूने बताया तो नहीं ना उसे हमारे बारे में?
गौतम - मैंने तुम्हारे सामने ही सब बता दिया.. अब पता नहीं उसने विश्वास किया या नहीं..
शबाना - ठीक है अब जा यहां से.. औऱ सुन..
गौतम - हाँ..
शबाना गौतम को चूमकर - अपना ख्याल रखना..
गौतम जैसे ही घर से बाहर निकलता है उसके फ़ोन पर आदिल का फ़ोन आ जाता है..
आदिल - भाई 15-20 मिनट रसोई के पीछे अम्मी के साथ क्या क्या किया बता तो दे..
गौतम - यार चुम्माचाटी की है बस..
आदिल - चुम्मा हो गया? बहनचोद इतनी जल्दी अम्मी मान गई? साली रांड ही है..
गौतम - बूब्स देख गांडू तेरी अम्मी के जाके बहुत सारी लव बाईट देके आया हूँ..
आदिल - बूब्स पर? वाह भाई मज़े ले रहा है मेरी अम्मी के..
गौतम - चल फ़ोन रख बाद में बात करता हूँ.. फ़ोन कट जाता है..
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गौतम जब रात को घर आया तो उसने देखा की सुमन औऱ जगमोहन के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था जिसका कारण वो नहीं जानता था. गौतम के आने पर सुमन अपनेआप को काबू में करती हुई चुप हो गई औऱ जगमोहन भी बिना कुछ बोले हाथ में एक बेग लिए घर से बाहर की तरफ आ गया. गौतम ने अपने पापा जगमोहन से बात करने की कोशिश की मगर जगमोहन किसी की भी सुनने के मूंड में नहीं था वो तुरंत घर से बाहर निकल गया औऱ सुमन अपने कमरे में बेड पर बूत बनी बैठी जगमोहन को जाते हुए देखने लगी वही गौतम के पास दो रास्ते थे एक तो ये कि वो जगमोहन को रोककर उससे पूछता कि वो कहा जा रहा है औऱ उसकी माँ सुमन के साथ झगड़ा क्यों कर रहा था तो दूसरा ये कि वो बेड पर बैठी आंसू बहा रही है औऱ सुमन को अपने गले से लगा कर चुप करवाता औऱ उससे इस झगडे कि वजह जानता..
गौतम ने दूर रास्ते को चुना औऱ जोगमोहन को जाने दिया वही सुमन के पास आकर उसके आंसू पोंछते हुए उसे अपने गले से लगा लिया औऱ उसके आँसुओ का कारण पूछने लगा जिसपर सुमन ने कोई जवाब नहीं दिया. गौतम बार बार सुमन से पूछे जा रहा था औऱ सुमन चुपचाप गौतम को देखकर उसके चेहरे को चूमती औऱ कुछ नहीं बोलती..
गौतम - हुआ क्या है माँ? आखिर कुछ तो कहो.. ऐसे क्यों चुप बैठी हो.
सुमन - कुछ नहीं ग़ुगु.. तू जा अपने कमरे में, मैं तेरे लिए कुछ खाने को बना देती हूँ..
गौतम - खाना वाना छोडो यार माँ, मैं यहां फ़िक्र से आधा हुआ जा रहा हूँ पहले मुझे पूरी बात बताओ तभी मैं यहां से जाऊंगा वरना यही जमकर बैठा रहूँगा..
सुमन - ग़ुगु तू अभी छोटा है इन सब बातों में मत उलझ, जाने दे.
गौतम - अगर नहीं बताओगी तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा औऱ ना ही आपका कहा मानूंगा. आपको मेरी कसम सच सच पूरी बात बताओ मुझे..
गौतम के अपनी कसम देने पर सुमन कुछ नरम सी पड़ गई औऱ गौतम को अपने गले से लगा कर जोर जोर से रोने लगी. उसके सब्र का बाँध टूट चूका था औऱ वो अपने आंसू बहा देना चाहती थी. गौतम ने बड़े ही प्यार से अपनी माँ के आंसू को पोंछा औऱ उसे ढांधस बंधाते हुए सुमन से फिर से पूछने लगा तो सुमन ने सब बताने का फैसला कर लिया औऱ बोली..
सुमन - ग़ुगु.. तेरे पापा अब हमारे साथ नहीं रहेंगे..
गौतम - पर क्यों?
सुमन गौतम को देखते हुए - ग़ुगु.. तेरे पापा ने दूसरी शादी भी की है.. औऱ अब वो वही उसी चुड़ैल के साथ रहेंगे कह रहे थे बस महीने एक बार आएंगे वो भी खर्चा देने.. ये कहते हुए सुमन फिर से रोने लगी..
गौतम - माँ.. पापा नहीं है तो क्या हुआ मैं हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिए, चलो चुप हो जाओ औऱ अब ये रोना धोना बंद करो.. वैसे भी वो कोनसा यहां रहते ही थे. मैं तो पहले से जानता था कि वो बाहर किसी औऱ के चक्कर में है आपको नहीं बताया क्युकी मुझे डर था आपको बुरा लगेगा..
सुमन - तू जानता था? पर कैसे?
गौतम - वो छोडो.. आप मिली हो उस चुड़ैल से?
सुमन - नहीं.. कभी नहीं देखा उसे.. पता नहीं क्या जादू किया है उस चुड़ैल ने तेरे पापा पर..
गौतम - कोई जादू नहीं किया माँ, औऱ वैसे भी पापा के वहा रहने से या यहां रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सुमन - ऐसा क्यों बोल रहा है..
गौतम - क्युकी मैं जानता हूँ उनकी बन्दूक को जंग लग चुकी है औऱ अब वो अपनी बन्दुक से गोली नहीं चला सकते..
सुमन गौतम कि बात सुनकर हैरानी औऱ हास्य से मुस्कुरा पडती है औऱ कहती है - शर्म नहीं आती तुझे पापा के बारे में ऐसी बात करते हुए?
गौतम सुमन के होंठों के बिलकुल करीब गाल पर चुम्मा करते हुए दांतो से गाल काट लेटा है औऱ सुमन गौतम कि इस हरकत पर हलकी सी आह निकालकर उसके होंठों को अपनी उंगलियों से पकड़ लेती है औऱ कहती है..
सुमन - देख रही हूँ तू भी दिन ब दिन बहुत बिगड़ता जा रहा है.. कितना जोर से काटा है.. कहा था पुरे दिन आज?
गौतम - कहीं नहीं यार माँ, वो एग्जाम आने वाले है तो उसकी तैयारी के लिए दोस्त के साथ पढ़ाई कर रहा था लाइब्रेरी में बैठकर..
सुमन - चल खाना बना देती हूँ..
गौतम - रहने दो.. आज कहीं बाहर खाने का मन है.. आप अपना मूंड ठीक कर लो फिर चलते है..
सुमन मुस्कुराते हुए - ठीक है.. जैसा मेरा ग़ुगु कहे..
गौतम सुमन की जाँघ पर हाथ रखकर सहलाते हुए - माँ मैं चेंज करके आता हूँ आप कपडे बदल लो..
गौतम अपने रूम में आ जाता है और कपड़े बदलने लगता है तभी उसके फोन पर माधुरी का फोन आता है और माधुरी गौतम से बात करते हुए गौतम को अपनी दशा का बयान करते हुए कहती है कि उसे आज गौतम की सख्त जरूरत है. गौतम माधुरी को मना कर देता है और माधुरी गौतम से मिलने की ज़िद करने लगती है गौतम के बार-बार समझाने पर भी माधुरी उससे मिलने पर अड़ी रहती है और गौतम उसे समझा नहीं पता, आखिर में थक हारकर गौतम माधुरी को एक एड्रेस भेजता है जिसमें किसी होटल का पता होता है माधुरी उसे होटल में मिलने को कहती है गौतम और माधुरी के बीच यह बातचीत होकर फोन कट हो जाता है और गौतम कपड़े बदलकर बाहर आ जाता है कुछ देर में सुमन भी अपने कमरे से बाहर हो जाती है और गौतम के साथ घर से निकल पड़ती है.
गौतम सुमन के साथ किसी होटल के रेस्टोरेंट में जाता है जहां उसने माधुरी को बुलाया था और एक टेबल पर सुमन के साथ बैठ जाता है जहां दोनों आमने-सामने बैठकर खाने का ऑर्डर दे देते हैं आज सुमन ने आगे से नॉनवेज आर्डर किया था और खुद भी बड़े चाव से खा रही थी गौतम को देखकर लग रहा था कि वह आश्चर्य में है और सुमन के व्यवहार पर उसे हैरानी हो रही है मगर वह कुछ नहीं पूछता और सुमन के साथ खाना खाने लगता है. गौतम ने कुछ बाईट ही खाइ थी फिर उसे माधुरी याद आ गई और वह बहाना बनाते हुए सुमन से कहने लगा कि उसे प्रेशर आया है और उसे फ्रेश होने की जरूरत है, यह कहकर गौतम टेबल से उठ गया और रेस्टोरेंट से निकलकर होटल के एक कमरे में पहुंचा जहां माधुरी थी.. माधुरी ने जैसे दरवाजा खोला गौतम माधुरी के लबों से चिपक गया और दरवाजा बंद करते हुए माधुरी को अपने आगोश में लेकर बिस्तर पर ले गया और वहां दोनों का संभोग शुरू हो गया गौतम और माधुरी एक दूसरे को पाने की नीयत से चूम रहे थे और दोनों एक दूसरे को कम सुख देने की भरपूर प्रयास कर रहे थे माधुरी तो जैसे काम के शिखर पर थी उसे तो बस गौतम की कमी खल रही थी जो अब पूरी हो चुकी थी और वो गौतम को अपने से अलग नहीं करने देना चाहती थी.
सुमन ने जब गौतम को बाथरूम की जगह सीडीओ की तरफ जाते देखा तो वह अचरज में पड़ गई और वह सोच लगी कि गौतम फ्रेश होने की बोलकर सीडीओ की तरफ क्यों जा रहा है जबकि बाथरूम तो वही नीचे की तरफ बना हुआ है सुमन को कुछ ठीक नहीं लगा और उसे शक हुआ तो वह गौतम के पीछे-पीछे जाने लगी और पता करने की नीयत से सीडीओ पर आ गई. औऱ सोचने लगी कि गौतम कहां जा रहा है.. सीढ़िया चढने के बाद गौतम उसकी आंखों से ओझल हो गया और सुमन गौतम को यहां वहां देखने लगे मगर गौतम कहीं नहीं मिला.
सुमन ने नीचे वापस जाने का निर्णय लिया तभी उसे ऊपर की तरफ एक आदमी अपना काम करते हुए दिखा जो की होटल का स्टाफ मालूम पड़ रहा था सुमन ने उससे पूछा कि उसने एक लड़के को यहां से आते हुए देखा है क्या? बदले में उस आदमी ने सुमन को जवाब दिया कि एक लड़का अभी-अभी 402 रूम नंबर में गुस्सा है सुमन ये सुनकर थोड़ी सी परेशान हो गई और सोचने लगी कि गौतम 402 रूम नंबर में क्या करने गया होगा. वह रूम के सामने आ गई और रूम के अंदर झांकने की कोशिश करने लगी लेकिन रुम के अंदर देखने का कोई जरिया नहीं था सुमन अंदर झांकने की कोशिश कर ही रही थी कि उस आदमी ने जिसे अभी-अभी सुमन सुमन एड्रेस पूछा था उसने सुमन को अंदर झाँकते हुए देख लिया और उसके पास आकर बोला - ऐसे अंदर कुछ नहीं दिखेगा और एक पीन देते हुए सुमन से कहा कि इसे चाबी की सुराख़ में लगाकर अंदर का नजारा देखा जा सकता है..
सुमन ने पीन लेकर चाबी की सुराग में लगा दिया और घुटने पर बैठ गई अंदर देखने लगी जैसे सुमन ने अंदर का नजारा ददेखा तो उसके पैरों की जमीन हिल गई अंदर गौतम और माथुर के बीच संभोग चल रहा था जिसमें गौतम माधुरी को बिस्तर पर घोड़ी बनाएं चोद रहा था
सुमन यह नजारा देखकर सोचने लगी कि गौतम उससे बहाना बनाकर यह सब क्यों कर रहा है और जो औरत उसके आगे घोड़ी बनी हुई थी उसकी शक्ल देखते ही सुमन समझ गई कि उसकी उम्र 35 से ऊपर है मगर गौतम को इतनी बड़ी-बड़ी औरतें क्यों पसंद है सुमन ने पहले गौतम को पिंकी के साथ देखा था और अब वह गौतम को माधुरी के साथ देख रही थी जिस तरह से गौतम अपने लंड से माधुरी की प्यास बुझा रहा था उसे देखकर सुमन के दिल में भी हल्का-हल्का दर्द होने लगा और उसकी चुत से हल्की-हल्की पानी के बुँदे बाहर आने लगी उसके दिल में भी अब काम के प्यास आजाद होने लगी थी और सुमन अब यह सोचने की जगह की उसका बेटा क्या कर रहा है और किसके साथ कर रहा है वह खुद का कामोतेजना से ओतप्रोत होकर भरने लगी थी.
गौतम माधुरी के बाल पड़कर उसे बिस्तर पर आडा पटक के चोद रहा था
ये नज़ारा देखकर सुमन बाहर घुटनों पर बैठी हुई अपने मन को काबू में करती हुई सब देख रही थी उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि गौतम अपने से इतनी बड़ी औरत और इतनी खेली खाई लगने वाली औरत को इतनी आसानी से बिस्तर पर चोद-चोद कर रुला रहा था. गौतम ने माधुरी के बाल पड़कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसे अपना लंड चूसाने लगा. यह देखकर सुमन की चुत से पानी बहने लगा और वह दरवाजे के बाहर खड़ी हुई गौतम के लंड को निहारने लगी और उसे आंखों में बसने लगी उसने पिंकी के साथ गौतम की चुदाई के दौरान भी गौतम का लंड देखा था मगर आज उसे और भी ज्यादा साफ नजारे के साथ गौतम के लंड के दर्शन हो रहे थे.. गौतम का लंड बहुत ही सुंदर बलिस्ट और परिपूर्ण लग रहा था जिसे देखकर सुमन की चुत में खुजली चलने लग गई थी मगर वह कुछ नहीं कर सकती थी. सुमन चाहती तो दरवाजा खुलवा कर अंदर जा सकती थी और गौतम और माधुरी को पड़कर हंगामा खड़ा कर सकती थी मगर उसने ऐसा कुछ नहीं किया और वह चुपचाप घुटनों पर बैठकर अंदर रूम में झांकती हुई दोनों की चुदाई देखने लगी.
गौतम ने माधुरी को जिस तरह अपने बस में करके चोदा था उससे माधुरी गौतम की गुलाम हो चुकी थी और आज भी गौतम के कहे अनुसार हर पोज में गौतम को काम संतुष्टि देकर अपने भी मन की इच्छा पूरी करवा रही थी
थोड़ी देर माधुरी को चोदने के बाद गौतम ने माधुरी को घुटने पर बैठा दिया और उसके मुंह पर अपना लंड हिलाते हुए सारा माल उसके मुंह पर निकाल दिया..
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यह देखकर सुमन काम की इच्छा से भर गई और वहां से उठकर वापस नीचे आ गई रेस्टोरेंट में बने लेडीज टॉयलेट में जाकर सुमन ने अपनी उंगली से अपनी प्यास बुझाने का निर्णय किया और कुछ ही देर में उंगली करके बाहर आ गई फिर से वह अपनी टेबल पर बैठ गई और गौतम का इंतजार करते हुए सोचने लगी कि गौतम किस तरह से इतनी अच्छी चुदाई कर लेता है और यह औरत कौन थी जो गौतम से चुद रही थी? देखने से तो वह भी गौतम की मां की बराबर ही लगती थी लेकिन गौतम किस तरह रंडी बनाकर उस औरत को चोद रहा था. आखिर थी कौन? औऱ कैसे गौतम के संपर्क में आइ? और गौतम से अपनी इच्छा या कहो काम इच्छा पूरी करवा रही थी.
गौतम और माधुरी दोनों ही काम के सागर में डुबकी लगाकर बाहर आ चुके थे और अब दोनों ही अपने-अपने कपड़े पहन कर खड़े हो चुके थे और साथ में नीचे आ गए..
गौतम टेबल पर बैठकर सुमन से माधुरी का परिचय करवाते हुए - माँ ये मेरी टीचर है..
सुमन झूठी मुस्कान के साथ - हेलो..
माधुरी भी उसी टेबल पर बैठके - हेलो.. कैसी हो आप..
सुमन - अच्छी..
माधुरी - गौतम बहुत तारीफ़ करता है आपकी.. मेरी माँ ऐसी है मेरी माँ वैसी है.. आज आपसे मिलने का मौका भी मिल गया..
सुमन - ग़ुगु ने कभी आपके बारे में नहीं बताया..
गौतम खाने में तनलीन था..
माधुरी मुस्कुराते हुए - कैसे बताएगा आपने कभी पूछा ही नहीं होगा.
सुमन - आपके गले पर ये निशान? लगता है किसी ने जोर से काटा है आपको..
माधुरी गौतम को देखते हुए - हाँ बहुत जोर से काटा है.. पर इसमें भी मज़ा है आप तो जानती होगी.. आपसे क्या छुपाना..
सुमन - आप यहां अकेली आई है?
माधुरी - हाँ कुछ काम था, पूरा हो गया तो अब चलती हूँ.. आप दोनों अपना खाना एन्जॉय कीजिये..
सुमन - ज़ी..
माधुरी गौतम और सुमन से विदा लेकर बाहर आ जाती है और माधुरी रेस्टोरेंट से निकल जाती है जबकि सुमन माधुरी को जाते हुए तब तक देखने लगती है जब तक कि वह उसकी आंखों से दूर नहीं हो जाती.. सुमन की आंखों में क्रोध और जलन साफ-साफ दिखाई दे रही थी गौतम से माधुरी का मिलन सुमन को जरा भी नहीं भाया था लेकिन सुमन गौतम और माधुरी को पड़कर या उनसे बात करके कि वह दोनों यह सब क्यों कर रहे हैं? नहीं पूछना चाहती थी..
सुमन जानती थी कि गौतम को उसकी बातों का बुरा लगेगा और अगर वह भी उससे रूठ गया तो सुमन कैसे गौतम के बिना जी पाएगी. मगर न जाने क्यों सुमन को अब पहले से ज्यादा गौतम पर लाड और प्यार आने लगा था वह चाहती थी कि गौतम खुश रहे और उसे दुनिया की हर खुशी मिले.. उसके मन में यह भाव अब और ज्यादा उमड़ रहे थे. यह भाव ममता से कहीं ज्यादा आगे के थे सुमन गौतम की ख़ुशी के लिए अब और भी ज्यादा जतन करने का इरादा करती थी.
गौतम - माँ खाना केसा है?
सुमन - बहुत अच्छा..
गौतम - लो ना.. ये मटन खाओ.. बहुत स्वाद बना है..
सुमन खाते हुए - हम्म.. अच्छा है..
गौतम और सुमन दोनों खाना खाने के बाद टेबल से खड़े हो जाते हैं और गौतम बिल पे करके सुमन के साथ रेस्टोरेंट से बाहर आ जाता है जहां गौतम पार्किंग में लगी अपनी बाइक निकाल कर सुनसान पड़ी सड़क पर बाहर आ जाता है और सुमन उसके पीछे बैठने लगती हैं. गौतम थोड़ी देर बाइक चला कर रास्ते में एक सुनसान पड़ी सड़क जहां किसी भी इंसान का कोई नामो निशान नहीं था उसके किनारे अपनी बाइक रोक लेता है और गौतम के बाइक रोकने पर सुमन से पूछता है कि क्या हुआ तब गौतम कहता है कि उसे बाथरूम आया है गौतम बाइक से उतरकर सड़क के किनारे बाथरूम करने लगता है और सुमन बाइक से उतरकर गौतम को बाथरूम करते हुए देखने लगती है गौतम का लंड उसकी आंखों के सामने था मगर सुमन के सामने गौतम के पीठ होने के कारण उसे देख नहीं पा रही थी.. सुमन के मन में उसे देखने की इच्छा थी मगर वह क्या कर सकती थी वह खुलकर गौतम से उसका लंड दिखाने के लिए का भी नहीं सकती थी और गौतम यह जान भी नहीं पा रहा था कि उसकी मां सुमन उसके लंड को देखने के लिए बेताब है और उसे मन ही मन में चाहने लगी है कुछ देर बाद गौतम बाथरूम करके वापस बाइक के पास आ गया जहां उसकी मां समान खड़ी थी सुमन गौतम को देखे जा रही थी और उसमें ही कोई हुई थी..
गौतम - माँ सिगरेट लाई हो?
सुमन अपने पर्स से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर गौतम को देते हुए - लो..
गौतम एक सिगरेट निकालकर अपने होंठों पर लगा लेता औऱ सुमन गौतम के हाथ से लाइटर लेकर अपने हाथ से मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों पर लगी सिगरेट सुलगा देती है गौतम अपनी माँ के इस व्यवहार से चकित था मगर उसने कुछ नहीं कहा..
गौतम दो कश लेकर सिगरेट सुमन को दे देता है और सुमन भी दो तीन कश लेकर वापस से सिगरेट गौतम को दे देती है दोनों के बीच इस दौरान कोई बात नहीं होती मगर आंखों ही आंखों में बहुत सी बातें एक दूसरे को समझ आ जाती है जो बातें मुंह से कहने में दोनों को ही शर्म आ रही थी..
सिगरेट के खत्म होने पर गौतम वापस अपनी बाइक स्टार्ट करके उसे पर बैठ गया और सुमन भी उसके पीछे बाइक पर बैठ गई और दोनों वापस घर आ गए..
सुमन और गौतम अपने-अपने कमरे में जाकर सोने की तैयारी कर रहे थे और दोनों ने हीं अपने-अपने कपड़े बदल दिए थे रात के 11:00 बज रहे थे गौतम को जब अपने कमरे में नींद नहीं आई तो वो सुमन के कमरे में आ गया और उसने देखा कि सुमन भी आंखें खोलकर बिस्तर पर करवटें बदलती हुई इधर-उधर देख रही है अब तक दोनों में कोई बात नहीं हुई थी मगर सुमन ने गौतम को कमरे के दरवाजे पर खड़ा देखा तो वह हैरानी से बोली..
सुमन - क्या हुआ ग़ुगु?
गौतम - माँ मैं आपके साथ सो जाऊ?
सुमन मुस्कुराते हुए - इसमें पूछने की क्या बात है बेटा आजा.. सुमन ने अपनी दोनों बाहे फैला कर ऐसा कहा था औऱ गौतम आगे बढ़कर सुमन के गले से लग गया औऱ बिस्तर पर सुमन औऱ गौतम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भरे लेट गए..
गौतम सुमन के चुचे पर हाथ रखकर - माँ..
सुमन जानती थी गौतम उससे क्या पूछने वाला है इसलिए सुमन खुद ही गोतम से बोली - दूदू पीना है..
गौतम की आँखों में चमक आ गई औऱ वो बोला - हम्म..
सुमन ने अपना ब्लाउज औऱ ब्रा उतार कर बिस्तर के कोने पर रख दी औऱ गौतम को चुचे चुसवाने की नियत से इशारा कर दिया गौतम ने भी अपनी टीशर्ट उतारकार साइड में रख दी औऱ दोनों माँ बेटे कमर से ऊपर पूरी तरह नंगे होकर बिस्तर पर अपनी मर्यादा भूल रहे थे..
गौतम सुमन के चुचे पकड़कर मसलते हुए उनका दूध पी रहा था औऱ बार बार निप्पल्स को मरोड़ कर सुमन की काम पिपासा बढ़ा रहा था. आज गौतम जिस तरह से सुमन के बूब्स पर लव बाईट दी थी उससे सुमन को साफ पता चल गया था की अगर गौतम को उसकी चुत मिल जाए तो वो उसे भी चोद देगा.. मगर सुमन गौतम की मनमानिया सहते हुए अपने बूब्स को चुसवाने औऱ उनपर होने वाली लव बाईट का मज़ा ले रही थी..
करीब आधे घंटे गौतम ने सुमन के चुचो का स्वाद चखा औऱ उनपर अपने प्यार की छाप छोड़ी फिर सुमन ने गौतम से कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अब तक मन नहीं भरा तेरा?
गौतम - क्यों.. आपको नींद आ रही है माँ?
सुमन - नहीं बस ऐसे ही पूछा बेटा.. तुम जितना चाहो मम्मा का दूदू पी सकते हो..
गौतम - माँ एक गेम खेलोगी मेरे साथ? ट्रुथ एंड डेर वाला..
सुमन - ठीक पर कोई फालतू सवाल या काम नहीं बताना मुझे समझा?
गौतम सुमन के ऊपर आता हुआ - पक्का माँ.. अच्छा पहले eye कोंटेक्ट करते है जिसने पहले पलके झुका ली वो हार जाएगा..
सुमन - ठीक है.. चलो..
बिस्तर पर सुमन पीठ के बाद लेटी हुई थी और सुमन के ऊपर गौतम लेटा हुआ था गौतम के सीने में सुमन के निपल्स कड़क होकर इस तरह चुब रहे थे जैसे कोई तीर चुभ रहा हो जिसमें गौतम का बहुत आनंद आ रहा था सुमन भी इस बात से पूरी तरह वाकिफ थी और जानती थी कि गौतम को उसके ऊपर इस तरह लेटने में मजा आ रहा है.. सुमन औऱ गौतम दोनों कमर से ऊपर नंगे थे.. सुमन ने अपने दोनों हाथ गौतम के गले में डाल दिया और उसकी आंखों में देखने लगी.. सुमन ज्यादा देर तक अपनी आंखें खोल पाने में सफल नहीं रही और उसने अपनी पलके झुका कर झपका दी.. जिससे वो हार गई..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ माँ ट्रुथ या डेर?
सुमन - ट्रुथ..
गौतम - शादी पहले कितने बॉयफ्रेंड थे आपके?
सुमन - ये क्या सवाल है.
गौतम - इतना आसान सवाल तो है.. बताओ ना..
सुमन - 2 थे.. एक स्कूल में एक बाहर..
गौतम - सेक्स किया था आपने उनके साथ?
सुमन - ग़ुगु एक ही सवाल करना था वो हो गया..
गौतम - माँ बताओ ना.. वही सवाल है अभी..
सुमन शरमाते हुए - हम्म किया था.. अब चलो वापस आँख मिलाओ.. वापस खेलते है..
सुमन और गौतम वापस से आई कॉन्टेक्ट खेलने लगे जिसमें वापस से सुमन की हार हो गई..
गौतम - बोलो.. ट्रुथ या डेर?
सुमन - तुम पता नहीं क्या पूछोगे.. इस बार डेर..
गौतम - अच्छा तो आपका डेर ये है की आप मुझे 2 मिनट लीप kiss करोगी..
सुमन हँसते हुए - सीधा बोल ना तुझे मेरे बोबो के बाद होंठ चाहिए चूसने के लिए.. बहुत बिगड़ गया है तू.. जवानी चढने लगी है तुझे..
सुमन बातें कर रही थी कि गौतम ने सुमन के होठों को अपने होठों में ले लिया और उसे चूमने लगा सुमन ने उसका कोई विरोध नहीं किया और प्यार से हंसते हुए मुस्कुराकर गौतम को अपने होंठ चूसाने लगी.. गौतम और सुमन के बीच चुंबन बहुत गहरा हो चुका था दोनों ही एक दूसरे को भर भर के अपने लबो के जाम पिला रहे थे और एक दूसरे के होंठों से मदिरा का प्याला पी रहे थे, 2 मिनट लंबा होने वाला चुंबन कब 10 मिनट से ऊपर हो गया दोनों को पता ही नहीं चला और दोनों आप एक दूसरे के मुंह का स्वाद लेने में और देने में लगे थे दोनों की जीभ वापस में ऐसे लड़ रही थी जैसे कुश्ती के अखाड़े में पहलवान लड़ते हैं. सुमन काम के सागर में इतनी डूब गई थी कि उसने गौतम के लबो को चूमते हुए और चूसते हुए उसपर एक जोर की लव बाईट कर ली जिससे गौतम की आवाज निकल गई और दोनों का चुंबन टूट गया..
सुमन - तू ठीक है ना ग़ुगु? गलती से काट लिया बेटा.. माफ़ कर दे मम्मा को.. देखा मुझे..
गौतम - कुछ नहीं हुआ माँ.. सब ठीक है..
सुमन - सॉरी बेटू.. इतना जोर से काट लिया तेरे होंठों को..
गौतम सुमन के निप्पल्स मसलते हुए - कोई बात नहीं माँ.. वैसे किसिंग बहुत अच्छा करती हो आप.. कहा से सीखा बताओ ना?
सुमन आह भरते हुए - कहीं नहीं बेटा.. तू भी बहुत अच्छा चूमता है.. दो मिनट से कब दस मिनट हो गए पता ही नहीं चला.
गौतम - आओ माँ वापस खेलते है..
सुमन - नहीं अब नहीं.. ना जाने तू क्या क्या पूछेगा औऱ क्या क्या करवा लेगा मुझसे..
गौतम सुमन की गांड पर हाथ रख देता है औऱ गांड मसलते हुए कहता है - प्लीज ना माँ..
सुमन भी काम की अग्नि में जल रही थी उसने गौतम का हाथ अपनी गांड से नहीं हटाया औऱ गोतम से बोली - ग़ुगु तू ना बहुत शैतान हो गया है.. आजकल बिलकुल भी मेरा कहा नहीं मानता.. चल ठीक ही मिला ले आँखे.. इस बार मैं तुझे हरा के रहूंगी..
गौतम और सुमन फिर से ऑइ कांटेक्ट करते हैं और इस बार वापस गौतम सुमन को हरा देता है
गौतम - बड़ी आई थी आप मुझे हराने वाली.. चलो बताओ क्या लोगी..
सुमन मुस्कुराते हुए - ट्रुथ..
गौतम - अच्छा तो बताओ पापा औऱ आपके बीच कब से सेक्स नहीं हुआ..
सुमन प्यार से गौतम के होंठ पकड़कर - कैसे कैसे सवाल पूछ रहा है, लगता है मार खाने का इरादा है मेरे ग़ुगु आज..
गौतम उदास मुंह बनाकर - नहीं बताना तो ठीक है जाने दो, सो जाते है..
सुमन ने गौतम का चेहरा अपने हाथ में ले लिया औऱ उसके होंठों पर एक के बाद एक 8 चुम्मे कर डाले औऱ फिर प्यार से बोली - आठ साल हो गए.. बस.. अब चल अच्छे बच्चे की तरह सो जा.. औऱ कोई ऐसी वैसी शरारत मत करना वरना बहुत मारूंगी तुझे...
गौतम - ठीक है जैसा आप कहो.. एक बात बोलू..
सुमन - हम्म..
गौतम बूब्स पकड़कर निप्पल्स से खेलते हुए - आपके बूब्स पर टैटू बहुत अच्छा लगेगा..
सुमन - तू कहेगा तो बनवा लुंगी.. पर बनता कहा है टेटू?
गौतम- उसकी फ़िक्र आप मत करो मैं आपको ले चलूँगा मैं जानता हूँ जो ये बनाता है..
सुमन - अच्छा ठीक है पर कोई सस्ता वाला देखना..
गौतम - उसकी चिंता आप मत करो.. वैसे आपके इंस्टा अकॉउंट का क्या हुआ?
सुमन - वो मैंने डिलीट कर दिया..
गौतम - पर क्यों? इतने सारे फॉलोअर थे आपके..
सुमन - बस ऐसे ही ग़ुगु.. लोग बहुत गंदे massage करते थे..
गौतम - कब डिलीट किया
सुमन - एक हफ्ता हो गया..
गौतम - कोई बात नहीं.. आपका मन हो तो वापस बना लेना.
सुमन - हम्म.. चलो अब मम्मा को गुड नाईट किस दो औऱ सो जाओ..
गौतम सुमन के होंठ चूमने लगता है औऱ सुमन गौतम के चेहरे को पकड़ के चूमती हुई अपनी जीभ वापस गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ उसे चूमने लगती है.. दोनों एकदूसरे को चूमने के बाद एक दूसरे से लिपटकर सो जाते है..
नींद आते ही गौतम को सपने में एक गाँव दीखता है जहाँ दो औरत तेज़ी से कहीं जा रही थी.. गौतम को ऐसा लग रहा था जैसे उसे ये गाँव औऱ जगह देखी हुई है औऱ वो उन औरतों को जानता है.. गौतम सपने में आगे जो देखता उससे वो नींद में बड़बड़ाने लगता है..
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बुआ बहुत अच्छा नाचती हो आप तो.. देखो कैसे सारे मर्द आपको देखकर कुत्ते की तरह जीभ बाहर निकाल रहे है..
आरती ने नाचकर अभी अभी बगल वाली कुर्सी पर बैठी सुमन से कहा तो सुमन खिलखिलाती हुई हसने लगी औऱ आस पास खड़े मर्दो को देखने लगी जो उसी के ऊपर नज़र गड़ाये खड़े थे..
सुमन अच्छे से समझ रही थी मर्दो की नज़र उसके बदन पर कहा कहा पड़ रही है औऱ वो सब क्यों इतने हवस भारी नज़रो से उसे देख रहे है..
रात के दस बज चुके थे औऱ सुमन को अब तक कई milflover लड़को औऱ उसकी हम उम्र आदमियों ने नंबर देने की कोशिश की थी मगर सुमन ने एक भी आदमी को भाव नहीं दिया औऱ अपनी मस्ती में मस्त होकर शादी का पूरा मज़ा लेती रही..
सुमन - निकालने दो जीभ बाहर.. कोनसा जीभ बाहर निकालने से खाने को हड्डी मिल जायेगी इन कुत्तो को..
आरती औऱ सुमन इस बात पर जोर से हँसने लगती है..
आरती - मानना पड़ेगा बुआ.. पुरानी शराब हो.. हम नई नई जवान औरतों से ज्यादा नशा देती हो.. मुझसे ज्यादा तो सब आपको ही देख रहे है.
सुमन - चुप कर अब तू.. चल अब बहुत नाच गाना हो गया कुछ खा लेते है बहुत भूक लगने लगी है मुझे तो..
आरती - बुआ आप खाओ खाना मुझे तो अभी इन मर्दो का पानी भी निजालवाना है.. आज तो बहुत लोगों ने आपके औऱ मेरे नाम से पानी निकाला होगा..
सुमन हस्ती हुई - कितना बेशर्म हो गई है तू.. औऱ इस लंगड़ी चाल से कब तक नाचेगी? चल अब मैं तो जाती हूँ बहुत नाच लिया..
कोमल आते हुए - सुमन ग़ुगु को कहीं देखा तूने?
सुमन - क्यों भाभी क्या हुआ?
कोमल - सुमन पंडित ज़ी ने फेरो के लिए जो सामान मंगवाया था वो तो घर ही रह गया है.. तू ग़ुगु को बोल ना जाकर ले आये फ़ोन भी नहीं उठा रहा वो..
सुमन - यही कहीं होगा.. भाभी मैं देखती हूँ..
कोमल - जल्दी देख सुमन.. आज का ही शुभ समय है.. पूर्णिमा का दिन है.. अगर 12 बजे के बाद फेरे पड़े तो अशुभ घड़ी शुरू हो जायेगी..
सुमन - आज पूर्णिमा है?
कोमल - हाँ.. लेकिन तू इतनी फ़िक्र में क्यों है?
सुमन - कुछ नहीं भाभी.. मैं ग़ुगु के साथ घर जाती हूँ औऱ सामान लेकर आती हूँ..
कोमल - लो सुमन चाबी.. जल्दी आना..
सुमन - चिंता मत करो भाभी अभी समय है..
सुमन कोमल से चाबी लेकर लोन में गौतम को ढूंढने लगती है.. औऱ कुछ देर बाद गौतम सुमन को अकेला कहीं बैठा हुआ अपने फ़ोन में किसी से चैटिंग करते हुए दिखाई देता है..
सुमन - ग़ुगु चल.. घर चलना है..
गौतम - क्यों?
सुमन - चल ना रास्ते में बताती हूँ..
गौतम उठकर सुमन के साथ पार्किंग की तरफ जाते हुए - क्या हुआ माँ.. सब ठीक है ना इतनी जल्दी में क्यों हो..
सुमन - अरे वो भाभी कुछ सामान भूल गई है घर पर.. वही लेकर आना है.. फेरो के लिए पंडित ज़ी को जरुरत है उसकी..
गौतम - ये बात है क्या.. मुझे लगा आज मैं लकी होने वाला हूँ.. आप शायद मान गई हो..
सुमन हसते हुए - ग़ुगु तू.. हर दम वही सब सोचता रहता है?
गौतम - अब आपके जैसी खूबसूरत माँ हो तो औऱ क्या सोचूंगा.. मैं भी देख रहा था कैसे लोग आपको नाचते हुए देख रहे थे.. कई लोगों ने तो नंबर भी दिये है..
सुमन - वो सब मैंने नहीं लिए.. मुझे किसी में दिलचस्पी नहीं है.. तू जल्दी से गाडी चला औऱ घर चल.. एक औऱ काम है तुझसे..
गौतम - औऱ वो क्या है..
सुमन - अकेले में बताऊंगी..
गौतम - यहां पार्किंग में कौन है बता दो...
सुमन - नहीं.. तू चल..
गौतम गाडी स्टार्ट करके घर की तरफ मोड़ लेता है रात के सुनसान रास्ते औऱ खाली सडक से घर पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता...
सुमन का दरवाजा खोलकर अंदर आ जाती है गौतम भी उसके पीछे पीछे अंदर आकर घर का दरवाजा लगा देता है औऱ सुमन से कहता है..
गौतम - अब तो बता दो दूसरा कम क्या है..
सुमन मुस्कुराते हुए - थोड़ा सब्र कर शहजादे.. इतनी बेसब्री अच्छी नहीं पहले सामान देख लेती हूँ कहा रखा है भाभी ने..
गौतम - अपने रूम में रखा होगा..
सुमन - नहीं ग़ुगु सारा सामान भाभी ने इसी रूम में रखा था..
गौतम - रुको मैं फ़ोन करके पूछता हूँ..
सुमन - हाँ ये ठीक रहेगा.. पूछो कहा रखा है सामान..
गौतम फ़ोन पर - हेलो मामी.. सामान कहा है रखा है जो आप छोड़ गए थे?
सुमन - अरे बेटा.. गलती हो गई.. तेरे मामा वो सामान ले तो आये पर अपनी गाडी की डिक्की से निकाला ही नहीं.. सामान यही गाडी में है.. मैंने तेरे मामा को कहकर मंगवा लिया.. तुम्हे बिना काम ही घर जाना पड़ा..
गौतम - कोई बात नहीं मामी.. फ़ोन कट जाता है..
फ़ोन स्पीकर पर था सुमन भी सारी बातें सुन रही थी..
सुमन - भाभी भी ना.. ऐसा नहीं कि पहले भईया से पूछ ले.. फालतू ही यहां आये..
गौतम सुमन को बाहों मे भरते हुए - फ़ालतू क्यों माँ.. हम यहां खुलकर रोमांस कर सकते है.. अब बताओ औऱ क्या काम था मुझसे..
सुमन - पहले छोड़.. मुझे कुछ काम है..
गौतम सुमन को छोड़ते हुए - लो छोड़ दिया...
सुमन मुस्कुराते हुए - अपने कमरे में जाके बैठ मैं पांच मिनट में आती हूँ..
गौतम - जल्दी आना माँ.. वरना मैं आ जाऊँगा..
सुमन गौतम की बात पर हसते हुए अपने कमरे में चली जाती है औऱ अपने साड़ियों में से एक लाल कलर की साडी पहन लेती है.. औऱ गौतम के कमरे में आती है..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा तो याद आ ही गया आपको आज पूर्णिमा है.. मगर जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी मैं आपका दूध नहीं पिने वाला..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम की गोद में आकर बैठती हुई अपना ब्लाउज खोलकर - मेरे इन दोनो कबूतरों को देखकर आज बहुत सारे मर्दो ने इन्हे पाने की कोशिश की थी.. औऱ एक तू है.. इतनी प्यार से मिन्नतें करके.. हाथ जोड़कर.. तुझे अपने बोबे चुसवाती हूँ फिर भी तू नखरे करता है..
गौतम - मैं नखरे करता हूँ या आप नखरे करती हो.. कब से बोल रहा हूँ सेक्स करते है पर आप हो की सुनती ही नहीं.. हम दोनों के बीच अकेले में इतना सब होता है.. सेक्स भी हो जाएगा तो कौन पूछने वाला है? आपको चाहिए तो कंडोम पहन के चोद लूंगा मुझे कोई परेशानी नहीं है उसमे.. बस आप हाँ कर दो बहुत प्यार करुंगा माँ आपको..
सुमन - बेशम.. भला कोई बेटा भी अपनी सगी माँ चोदता है? तू तो ऐसी बात कर रहा है जो आज तक कहीं नहीं हुई..
गौतम - हर दूसरे घर में होती है माँ.. पर आप मानने को ही तैयार नहीं हो..
सुमन - कहा होती? तेरे सपनो में? कुछ भी मत बोल.. चुपचाप अब मेरे बोबे चूस.. वापस भी चलना है..
गौतम - नहीं चूसने माँ मुझे आपके बोबे.. हर बार बोबे चूसा कर लंड खड़ा कर देती हो फिर खड़े लंड पर चोट करके चली जाती हो.. औऱ आप नहीं मानती इसका मतलब ये नहीं कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं होता.. दुनिया में बहुत कुछ होता है औऱ इंडिया में तो औऱ भी ज्यादा.. कहीं किसी घर कोई बेटा अपनी माँ चोद रहा है तो कहीं कोई बाप अपनी बेटी.. भाई बहन तो हर दूसरे घर में चुदाई कर रहे है.. लोग इसपर बात करने से डरते है इसलिए अब तक ये सब छीपा हुआ है.. इंटरनेट जानती हो ना.. उस पर कई ऐसे समाचार पत्र आते है जिनमे घर में होने वाली चुदाई के समाचार आते है वो भी पूरी डिटेल के साथ.. मगर आपको क्या पता.. आपको तो ये सब बकवास औऱ कोरी बातें लगती है..
सुमन - अच्छा होनसा अखबार छापता ऐसी खबर.. बता जरा..
गौतम - डार्क वेब करके कुछ होता है उस पर आते है.. मेने एक साइट को सब्सक्राइब किया है उसमे इंडिया की incest न्यूज़ आती है.. "भारत की पारिवारिक चुदाईया" नाम से आता है समाचार... हर वीकेंड पर.. पढ़ोगी..
सुमन कुछ पल रूककर -पढ़ा जरा.. मैं भी तो देखु तू सच कह भी रहा है या नहीं..
गौतम अपना फ़ोन निकालकर - लो पढ़ो ये पिछले वीकेंड का न्यूज़ पेपर है..
सुमन - तू ही पढ़ के सुना.. मुझसे फ़ोन में नहीं पढ़ा जाएगा.. आँखे कमजोर हो गई है मेरी..
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - सुनो.. पहली खबर - बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बाप पिछले 1 साल से कर रहा था अपनी बेटी के साथ गलत काम.. बेटी के प्रेग्नेंट होने पर आस पास के लोगों को इस बात का पता चला.. बेटी ने पुलिस से कहा की उसके बाप ने उसकी मर्ज़ी से उसके साथ सम्बन्ध बनाये थे औऱ अब वो अपने बाप के साथ ही रहना चाहती है..
दूसरी खबर - बिहार के मधुबनी में भाई ने रचाई अपनी ही बहन के साथ शादी.. दोनों का चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था.. घर में ही दोनों करते थे रात रातभर चुदाई.. एक बार बच्चा भी गिरा चुके है.. लड़की ने कहा.. पति शराब पीके मारपिट करता था इसलिए ससुराल छोड़कर अकेले रह रहे छोटे भाई के घर रहने आई थी.. घर आने के कुछ दिनों में ही लड़की को अपने छोटे भाई से प्यार हो गया औऱ दोनों में रात दिन चुदाई होने लगी.. पहला बच्चा तो समाज के डर से गिरा दिया मगर दूसरे बच्चे को वो पैदा करना चाहती है औऱ इसलिए दोनों भाई बहनो ने आपस में शादी करके साथ रहने का निर्णय लिया है..
तीसरी खबर - हरियाणा के रोहतक में अपने पति के कहने पर बाप की जायद में अपना हिस्सा मांग रही औरत को उसके दोनों भाइयो औऱ पांचो भतीजो ने हिस्सा देने के बदले 21 दिनों तक खूब चोदा.. औरत का कहना है की उसे जायदाद में हिस्सा लेने के लिए 21 की जगह 121 दिन भी चुदना पड़ता तो वो चुदने को तैयार थी.. भतीजो ने कहा कि बुआ की चुत बहुत टाइट थी सबको बुआ की चुत मारने में मज़ा आया..
चौथी ख़बर - उतर प्रदेश के शहर बरेली में एक शराबी बेटे के पास जब रांड चोदने के पैसे नहीं बचे तो उसने घर आकर अपनी ही माँ का घाघरा उठा दिया.. बीमार बाप की गैरमोज़ूदगी में शराबी बेटे ने रातभर में 4 बार अपनी माँ की चुत चोदकर माँ की चुत में अपना माल झाड़ दिया.. नशा उतरने पर बेटे ने माँ से पैर छूकर माफ़ी मांगी औऱ शराब छोड़ देने का वादा भी किया.. माँ का कहना है कि.. जो हुआ सो हुआ.. एकलौता जवान लड़का है औऱ ऊपर से घर चलाने वाला भी.. अगर फिर से बेटा चोदना चाहेगा तो वो अपनी मर्ज़ी से चुदवाएगी...
पाँचवी खबर - महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सटे ग्रामीण इलाके में दो भाइयो का विवाद तब सुर्खियों में आ गया जब दोनों ने एकदूसरे पर अपनी अपनी पत्नियों को पेलने का आरोप लगाते हुए अपनी अपनी बात कही.. बड़े भाई का कहना था कि छोटा भाई उसकी पत्नी को खेतो में बुलाकर चोदता है तो छोटे भाई का कहना था कि बड़ा भाई उसकी पत्नी को छत पर बुला के चोदता है.. आखिर में पंचायत ने दोनों को पत्नियां अदला बदली करनी कि सलाह दी. दोनों भाइयो ने अपनी पत्नी को तलाक़ देकर एकदूसरे की पत्नी से शादी कर ली..
छटी खबर - उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले जुनेद आलम नाम के शख्स को अपनी तलाक़शुदा बहन जमीला से तब निकाह करना पड़ गया जब जमीला को चोदते हुए उसे पड़ोसियों ने देख लिया.. जमीला का कहना है की जुनेद उसे हर तरह से खुश रखता है औऱ वो जुनेद के साथ निकाह करके खुश है..
सातवीं खबर - मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लूलीपुर गाँव में एक 18 साल की युवती मीना को उसके 32 साल के मामा रघुवर से ऐसा इश्क़ हुआ कि लड़की ने घरवालों से मामा के साथ शादी करने की ज़िद पर अड़ गई.. परिवार ने चोरी छिपे लड़की की शादी करवाकर उसको उसके मामा के साथ शहर भेज दिया.. जहाँ दोनों एक किराए के घर में रहते है..
आठवीं खबर - छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले मज़ीद अली नाम के शख्स ने हवस में अंधे होकर अपनी माँ औऱ बहन को तब चोद डाला जब दोनों एक साथ सो रही थी..
बहन का कहना है की भाई ने पहले उसकी अम्मी चोदी औऱ जब भाई को अम्मी की चुत ढीली लगी तो भाई ने उसकी सलवार उतार कर उसकी चुत मारी.. माँ का कहना है की बेटा ब्लू फिल्मो का शौकीन है उसे ava adams कहकर बुलाता था औऱ बेटी को mia khalifa..
नवी खबर - बिहार के समस्तीपुर के छोटे से गाँव कुला में भाई बहन 2 साल से बना रहे थे सम्बन्ध.. पिता को पता लगने पर दोनों को घर से निकाला.. लड़का अपनी बहन के साथ पटना अपने दोस्तों के घर किराए पर रहने आ गया औऱ वही अपनी बहन से शादी करके रहने लगा..
दसवीं खबर - दिल्ली में अपने ही बेटे पर आ गया एक माँ का दिल.. 44 साल की सुशीला अपने 26 साल के बेटे संस्कार के साथ प्यार में ऐसी पड़ी कि समाज की मर्यादा तोड़कर अपने बेटे के साथ भाग निकली.. पति का कहना है कि सुशीला उसके सो जाने के बाद संस्कार के कमरे में जाकर चुदवाती थी.. बेटे के साथ आपत्तिजनक तस्वीर भी खिचवाती थी.. मना करने के बाद भी सुशीला ने अपने नाजायज सम्बन्ध अपने बेटे संस्कार से नहीं तोड़े औऱ घर में खुलकर गंद मचाने लगी.. कई बार उसने अपने बीवी बेटे को रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथ पकड़ा मगर समाज औऱ बदनामी के डर से कुछ बोल ना सका.. शुशीला जब संस्कार से प्रेग्नेंट हुई तो घर से सारा केश औऱ गहने के साथ संस्कार को लेके भाग निकली..
सुमन - हाय.. कैसी औरत होगी.. अपने ही बेटे को भगा के ले गई..
गौतम - तो.. सब क्या आपके जैसी डरपोक है? अभी औऱ भी बहुत सी खबर है.. एक तरफ सुशीला है औऱ एक तरफ आप.. आप तो कंडोम लगा के भी नहीं चोदने देती... चुत पूरी तरह गीली है मगर फिर भी चुदवाना नहीं है..
सुमन - तू मेरी मजबूरिया क्यों नहीं समझता शहजादे.. मेरी चुत औऱ गांड तुझसे बढ़कर थोड़ी है.. चल अब अच्छे बच्चे कि तरह मेरे दोनों बोबो को चूस वरना माँ नाराज़ हो जायेगी..
गौतम सुमन के दोनों बूब्स पकड़कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा देता है औऱ बोबे मसलते हुए कहता है - बचपन से देख रहा हूँ आपको.. थोड़ी देर मेरी शकल ना दिखे तो बेचैन हो उठती हो आप.. कितनी भी बड़ी गलती कर दूँ कभी कुछ नहीं कहती.. बड़ी आई नाराज़ होने वाली..
सुमन - एकलौता सुकून है मेरी आँखों का तू ग़ुगु.. तुझसे कैसे नाराज़ हो सकती हूँ..
गौतम सुमन के निप्पल्स चाटते हुए - तो फिर ले चलो मुझे भी भगा कर.. कहीं दूर पहाड़ो में.. एक छोटा सा घर होगा.. उसमें सिर्फ आप मैं औऱ एक बिस्तर.. दिन महीने साल बदल जायेगे पर हम दोनों वही उसी बिस्तर पर हमारे मिलन के सुख को भोगते रहेंगे..
सुमन मुस्कुराते हुए - खुली हुई आँखों से इतने बड़े बड़े औऱ पुरे नहीं होने वाले सपने मत देख मेरे शहजादे.. मैं तेरी माँ हूँ औऱ माँ बनकर ही तेरे साथ रहूंगी हमेशा..
गौतम निप्पल्स चूसते हुए - होगा माँ.. हर सपना पूरा होगा.. देखना एक दिन ऐसे ही किसी मुलायम बिस्तर पर आप इसी तरह मेरे नीचे लेटी रहोगी औऱ अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत में घुसाती हुई बोलोगी.. गौतम ज़ी.. आज जरा धीरे करना.. अभी अभी आपके बच्चे को दूध पीलाके सुलाके आई हूँ.. अगर वो कल की तरह उठ गया तो हिलाके ही सोना पड़ेगा आपको...
सुमन जोर से हसते हुए - हट बेशर्म.. कुछ भी उल्टा सीधा बोलता है.. कितना कुछ सोच रखा है तूने.. तू जितना प्यारा है उतना ही शैतानी दिमाग भी है तेरा... अब चल वापस चलते है..
गौतम - इतनी भी क्या जल्दी है माँ.. कोनसी हमारे बिना शादी रुक जायेगी.. चलो थोड़ी देर ट्रुथ एंड डेयर खेलते है..
सुमन - नहीं ग़ुगु... तू ना बहुत गंदे गंदे सवाल पूछता है औऱ गंदे गंदे काम करवाता है मुझसे..
गौतम - तो आप भी पूछ लेना ना.. औऱ जो मन हो वो डेयर दे देना मैं मना नहीं करूँगा..
सुमन - ठीक है मगर इस बार आँख झपकाने वाला गेम नहीं चलेगा उसमे हर बार तू ही जीत जाता है..
गौतम - तो कोनसा गेम खेले?
सुमन - कोई भी दूसरा..
गौतम - अच्छा ठीक है.. मैं अलार्म सेट करता हूँ फ़ोन में जो एक मिनट होने पर बजेगा.. औऱ ये चिविंगम आप खा लो.. मैं आपके मुंह से आपको चूमकर चिविंगम निकालने की कोशिश करूँगा.. अलार्म बजते ही जिसके मुंह में चिविंगम होगी वही जीतेगा...
सुमन - ठीक है.. इस बार देखती हूँ तू कैसे जीतता है.. आओ चूमो मुझे औऱ अलार्म सेट कर दो.. एक मिनट क्या दस के बाद भी तू मेरे मुंह से चिविंगम नहीं निकाल पायेगा बच्चू...
गौतम - वो अभी पता चल जाएगा माँ..
गौतम औऱ सुमन का चुम्मा शुरू होता है गौतम अपनी जीभ से सुमन के मुंह में इधर से उधर चिविंगम तलाश करता है.. मगर अलार्म बजने पर सुमन के मुंह से गौतम चिविंगम निकालकर अपने मुंह में लेने में नाकाम रहता है..
सुमन अलार्म बजने पर चुम्मा तोड़कर - अब बोल बच्चू? बहुत गेम खेलने का शोक है ना तुझे..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ क्या करू? डेयर लेता हूँ मैं..
सुमन थोड़ी देर सोचकर - हम्म.. अपने फ़ोन का पासवर्ड बताओ.. औऱ लोक चेंज मत करना..
गौतम - माँ नहीं यार.. ये बहुत पर्सनल है मैं भी तो आपके फ़ोन का पासवर्ड नहीं पूछता..
सुमन मुंह मोड़ते हुए - नहीं करना छोड़ दो.. वैसे भी तुम मेरी तरह डेयर तो कर नहीं सकते..
गौतम सुमन को देखते हुए - ताना मार रही हो मुझे.. आपकी डेट ऑफ़ बर्थ है मेरे फ़ोन का पासवर्ड.. अब खुश..
सुमन मुस्कुराते हुए - मेरी डेट ऑफ़ बर्थ? ग़ुगु तू भी ना.. तेरी इन्ही हरकतों की वजह से मुझे इतना प्यार आता है तुझ पर..
गौतम - अच्छा अब चिविंगम दो.. इस बार आप मेरे मुंह से निकालना..
सुमन अपने मुंह की चिविंगम गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ गौतम अलार्म सेट करके फिर से सुमन को चूमने लगता है सुमन भी अपनी पूरी कोशिश करती है मगर गौतम के मुंह से चिविंगम अपने मुंह में लेने में असफल रहती है.. औऱ हार जाती है..
गौतम - बताओ मेरी सेक्सी माँ.. क्या लोगी ट्रुथ या डेयर?
सुमन - तूने जो लिए मैं भी वही लुंगी.. बता क्या करना है..
गौतम - एक काम करो.. अपना फ़ोन उठाओ औऱ पापा को फ़ोन करके उनसे झगड़ा करो गन्दा वाला औऱ पापा को एक दो गाली भी दे देना..
सुमन - इस वक़्त?
गौतम - अभी तो सिर्फ साढ़े दस हुए है..
सुमन अपना फ़ोन उठा कर - ठीक है..
सुमन फ़ोन स्पीकर पर डालकर - हेलो..
जगमोहन - हेलो.. हाँ बोलो..
सुमन - तुम शादी में आने वाले थे ना.. कल भी तुम्हे फ़ोन करके कहा था मैंने औऱ तुमने हां करी थी..
जगमोहन - सुमन अभी इंचार्ज साब के साथ गस्त पर आया हुआ हूँ बाद में बात करूँगा..
सुमन - इंचार्ज के साथ हो या अपनी उस रखैल माधुरी के साथ? मुझे छोटे से पुलिस क्वाटर में रखा है उस महारानी के लिए बड़ा मकान बनवाया है.. एक बार वापस आ जाऊ फिर देखती हूँ तुम दोनों को..
जगमोहन - तु अब वापस शुरू मत हो जाना.. कहा है ना मैंने. बात कर रहा हूँ माधुरी से.. जल्दी ही उसे मनाकर तुझे भी वहा से बुला लूंगा..
सुमन - उसकी परमिशन से आउंगी क्या मैं? वो होती कोन है हां या ना करने वाली.. मर्दानगी तो ख़त्म हो ही चुकी है तुम्हारे अंदर अब लगता है शर्म भी ख़त्म हो गई है..
जगमोहन - सुमन जबान संभाल के.. अपनी हद को मत भूल.. औऱ घर उसके नाम पर है उससे तो बात करनी पड़ेगी..
सुमन - वाह.. बहन दुगुनी उम्र के बूढ़े से शादी करके बैठी है औऱ भाई अपनी पत्नी को छोड़कर रखैल के नाम पर घर ले रहा है.. थोड़ी बहुत शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब जाओ..
जगमोहन - अपनी जबान को लगाम दे सुमन.. वरना घर छोड़ उस पुलिस क्वाटर से भी जायेगी.. हर महीने खर्चा भेज रहा हूँ उसे खुश किस्मती समझ..
सुमन - खर्चा भेजते हो तो अहसान करते हो क्या.. औऱ होता क्या है तुम्हारे भेजे 15 हज़ार रुपए में.. अपने बेटे की छोटी मोटी जरुरत भी पूरी नहीं कर पाती.. अब तो मेरे बेटे ने मुझसे कुछ माँगना भी छोड़ दिया है.. नपुंसक तो थे ही अब बेशर्म भी हो गए..
जगमोहन - मेरा तुझसे लड़ाई का कोई मूंड नहीं है फोन रख..
सुमन - औऱ कर भी क्या सकते हो फ़ोन रखने के अलावा? चोद तो मुझे पाओगे नहीं.. ढीला लंड एक मिनट में झड़ जाएगा.. पता नहीं उस डायन को क्या पसंद आया तुम्हारे अंदर? जो अब तक तुम्हारे साथ है..
जगमोहन - साली वो कम से कम मुझे इंसान मानकर तो बात करती है तेरी तरह ताने तो नहीं मारती.. जब तेरे पास आता हूँ.. तू मुझे हर बार मेरी नामर्दानगी का अहसास दिला देती है.. बेटे पर जादू किया हुआ है.. मेरी तो आज तक कोई बात नहीं मानी उसने.. औऱ तेरे साथ शादी में चला गया..
गौतम अपनी माँ औऱ बाप की बातें सुनता हुआ सुमन के चुचे चूस रहा था औऱ फिर एक सिगरेट जलाते हुए कश लेकर सुमन को मुस्कुराते हुए देखने लगा..
सुमन गौतम से सिगरेट लेकर कश मारके कहती है - मेरा बेटा है मेरी नहीं सुनेगा तो क्या तुम्हारी उस रखैल की सुनेगा? तुम्हारी बहन तो बदचलन थी ही.. उसके साथ साथ तुम्हे भी बाहर मुंह मारने की आदत है..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ अपना लंड सुमन के मुंह के आगे ले आता है जिसे सुमन पकड़ते हुए धीरे धीरे मुंह में लेकर चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे किसने मना किया है साली.. तू भी बाहर किसी से गांड मरवा ले.. पर मुझे रोज़ रोज़ फ़ोन करके परेशान मत कर.. मैं तंग आ गया तुझसे..
सुमन लंड चूसते हुए - तुम्हारी बहन के जैसी रांड नहीं हूँ मैं जो बाहर गैर मर्दो से चुदवाती फिरू.. इज़्ज़तदार घरेलु औरत हूँ औऱ एक जवान बेटे की माँ.. बाहर मुंह मारना मेरी आदत नहीं है.. इतना कहते ही सुमन फिर से गौतम का लंड चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे जो करना है कर.. मुझे माफ़ कर.. मेरे पास तेरे घरवालों के लिए टाइम नहीं है..
सुमन धीरे धीरे लंड चूसते हुए गौतम से सिगरेट लेकर कश मारते हुए - हाँ.. आई ज़ी.. डीआईज़ी लगे हो ना तुम तो.. सिर्फ एक हेड कांस्टेबल हो.. देसी भाषा में ठुल्ला..
जगमोहन फ़ोन काटते हुए - हट बहनचोद.. तेरा फ़ोन ही नहीं उठाना चाहिए था..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर अपना लोडा चुसवाता हुआ सिगरेट का कश लेकर - माँ बुआ के बारे में कुछ मत बोला करो.. आपकी तरह उनको भी बहुत प्यार करता हूँ मैं...
सुमन गुस्से में - सब जानती हूँ कितना प्यार करता है औऱ कैसे प्यार करता है तू अपनी बुआ को.. उस रात सब अपनी आँखों से देखा था मैंने...
गौतम - माँ कहा छुपा रखा था अपने अपना ये रूप.. पापा से जैसे बात की औऱ मुझसे कर रही.. गुस्से में कभी देखा नहीं आपको.. गुस्सा अच्छा लगता है आपके ऊपर.. मुझ पर भी किया करो..
सुमन मुस्कुराते हुए - तेरा तो आधे घंटे से पहले नहीं निकलने वाला.. चल अब वापस चलते है वरना बहुत देर हो जायेगी.. बहुत भूक भी लगी है मुझे तो..
गौतम - जैसा आप कहो..
सुमन - रुक मैं साडी बदल कर आती हूँ..
गौतम - रहने दो ना अच्छा लग रहा है आपके ऊपर ये भी..
सुमन - अच्छा चल ठीक है..
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इतना समय कैसे लग गया सुमन? औऱ ये साडी क्यों बदली है तूने..
भाभी वो कुछ गिर गया था साड़ी पर इसलिए बदल ली.. मैं गौतम के साथ खाना खाने जा रही हूँ..
अरे खाना मेरे साथ खा लेना.. कहा गौतम के पीछे पीछे घूम रही है अब वो बच्चा नहीं मर्द बन चूका है..
ठीक है भाभी चलो..
अधिकांश मेहमान वापस जा चुके थे और लोन में अब बहुत कम ही लोग बचे थे रात के 11:00 का समय था और अब स्टेज पर रितु और राहुल भी सभी मेहमानों के साथ तस्वीर खिचवा चुके थे..
लोन में खाली टेबल पर एक आदमी नशे में बैठा झूलता हुआ एक वेटर से अनाप-शनाप गाली-गलौज कर रहा था..
आदमी - भोस्डिके क्या मंगवाया था औऱ क्या लेके आया है तू?
वेटर - सॉरी सर.. अभी ला देता हूँ..
गौतम उसके नजदीक जाकर.. टेबल पर बैठता हुआ..
गौतम - बहुत ख़ास मेहमान लग रहे हो..
आदमी - तू कौन है..
गौतम झूठ बोलता हुआ - केटरिंग मेरी है.. मेरे ही आदमियों से आप बदसूलुकी कररहे थे..
आदमी - अरे समझाओ अपने वेटर को साला कहता कुछ हूँ करता कुछ है.
गौतम - नासमझ है साला.. कई बार पिट भी चूका है.. खैर छोडो.. मेरा नाम गौतम है.. आप?
आदमी - विक्रम..
गौतम - विक्रम ज़ी बराती लगते हो..
विक्रम - नहीं यार.. ना घराती ना बराती.. हम है अपनी मर्ज़ी के मेहमान..
गौतम - मतलब?
विक्रम - मतलब कि मैं वो हूँ जो इस शादी को दो मिनट में ख़राब कर सकता हूँ.
गौतम - अच्छा? कोई महान हस्ती लगते हो?
विकर्म - हाँ बेशक़.. दुल्हन का बॉयफ्रेंड हूँ मैं..
गौतम हैरानी से - क्या? पर मैंने तो सुना है दुल्हन बहुत भोली भाली शरीफ है..
विकर्म फ़ोन निकालते हुए - अरे मेरा लंड शरीफ है साली.. लपक लपक के लोडे लेती है मादरचोद.. थोड़ी देर पहले पीछे बाथरूम में चोद के आया हूँ रंडी को ये देख सबूत..
गौतम फोन में विकर्म औऱ ऋतू कि चुदाई का वीडियो देखकर - अरे बहनचोद.. लगता है बहुत टाइम से पेल रहे हो इस लड़की को.. फिर शादी क्यों नहीं कि?
विकर्म - रडियो से शादी नहीं करते छोटे भाई.. बस चोदके मज़े लेते है..
गौतम - समझा नहीं..
विकर्म - ये साली रांड मुझसे पहले औऱ कई लोगो से चुद चुकी है.. सबने एक एक करके चोदा है इसको..
गौतम - बड़े भाई.. खाना छोडो यार दारु पीते है औऱ.. आओ मेरे साथ चलो.. हर ब्राड है अपने पास..
विक्रम हसते हुए - लगता है तुझे भी इसकी लेनी है.. चिंता मत कर मैं दिलवा दूंगा..
गौतम विक्रम हो अपने रूम में जाता है औऱ दो पेग बनाकर एक बैठ जाता है..
गौतम - लकी तो हो यार आप.. मगर ये लड़की शादी के दिन भी आपसे चुदवा रही है.. कुछ तो बात है.
विकर्म पेग पीकर- अरे इसके बहुत वीडियो है मेरे पास.. एक बार बुलाने पर भाग के चली आती.. (बोतल लेकर पीते हुए) मैं कहता हूँ नहीं आएगी तो mms लीक कर दूंगा.. साली को आना ही पड़ता है..
गौतम - क्या बात है.. बहुत पहुचे हुए खिलाड़ी हो.. आप तो..
विक्रम हसते हुए बोतल से एक साथ बहुत सारी दारु पिता हुआ बेड पर गिर जाता है औऱ गौतम विकर्म के गिरने पर उसे बेड पर अच्छे से लेटा देता है औऱ उसके फोन को लेकर विकर्म कि ऊँगली से लॉक खोलकर ऋतू के सारे वीडियो अपने फ़ोन में ट्रांसफर करके विकर्म के फ़ोन से ऋतू के वीडियो डिलीट कर देता है.. इसके बाद गौतम चेतन को फ़ोन करता है..
गौतम - भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु?
गौतम - भईया उस आदमी के नम्बर दोगे जिसने रांडे बुलाई थी?
चेतन - तुझे क्यों चाहिए उसके नम्बर?
गौतम - अर्जेंट है भईया.. आप दो ना..
चेतन - ग़ुगु एक दो लड़की अभी यही है तुझे चाहिए तो भेज देता हूँ..
गौतम - भईया आप भेजो ना यार नम्बर.. लड़की नहीं चाहिए मुझे..
चेतन - ठीक है व्हाट्सप्प कर रहा हूँ.. पैसे मत देना मैं दे दूंगा..
गौतम - ठीक है भईया..
गौतम चेतन के भेजे हुए नम्बर डायल करके - हेलो
दलाल - हैल्लो..
गौतम - कालू ज़ी बोल रहे है..
दलाल - हाँ.. आप कौन?
गौतम - मैं चेतन का भाई हूँ.. आपने आज 11 औरते भेजी थी ना नाचने के लिए..
कालू - हाँ.. औऱ कुछ चाहिए तो बताओ? भेजना है औऱ किसी औरत को?.
गौतम - हाँ.. पर औरत को नहीं मर्द चाहिए जिसे लड़के पसंद हो..
कालू हसते हुए - अच्छा है आजकल लड़के भी डिमांड में है.. कितने भेजू?
गौतम - 1 ही भेज दो.. जितना बदसूरत हो उतना अच्छा..
कालू - 10 मिनट में आ जाएगा.. इस नम्बर के कांटेक्ट सेंड कर रहा हूँ. फ़ोन उठा लेना.. वसीम नाम है आदमी का..
गौतम - ठीक है..
हेलो ..
वसीम - ज़ी मैं पहुंच गया हूँ..
गौतम - लेफ्ट साइड में वाइट बिल्डिंग दिख रही है.. फर्स्ट फ्लोर पर रूम नम्बर 26 में आजा..
वसीम रूम में आकर गौतम से - आपने बुलाया है?
गौतम - हाँ ये आदमी दिख रहा है..
वसीम - मरा हुआ है क्या?
गौतम - अबे नशे में है..
वसीम - तो..
गौतम - तो क्या.. चोद इस आदमी को..
वसीम - पर आप वीडियो क्यों बना रहे है..
गौतम - बना नहीं रहा बनाऊंगा.. तुझे दिक्कत है वीडियो बनाने से?
वसीम - हाँ.. मैं वीडियो नहीं बना सकता..
गौतम - अबे डबल रेट दिलवा दूंगा..
वसीम कुछ सोचकर - मेरा फेस तो नहीं आएगा ना..
गौतम - अबे रुमाल बाँध ले.. चल अब शुरू कर फ़िल्म...
वसीम विकर्म को नंगा कर के खुद्द भी नंगा हो जाता है औऱ विक्रम के साथ चूमाचाटी करते हुए विक्रम के मज़े लेने लगता है.. विकर्म नशे में पूरी तरह से चूर हिलता दुलता हुआ वसीम को अपने ऊपर से हटाता है मगर वसीम विकर्म की गांड में थूक लगा कर अपने लंड से उसे चोदने लगता है.. विकर्म नशे में चूर था उसे सब दिखाई दे रहा था मगर वो कुछ नहीं कर पास रहा था.. गौतम विक्रम के फ़ोन से ही उसका mms बना रहा था..
विक्रम चुद चूका था औऱ उसका वीडियो उसी के फ़ोन में बन चूका था जिसे गौतम ने अपने फ़ोन में ट्रांसफर भी कर लिया था.. वसीम विकर्म को चोदकर निकल चूका था औऱ विकर्म आहे भरता हुआ अपनी गांड के हाथ लगा के लेता था उसकी हालात ऐसी थी की वो कुछ नहीं कर सकता था.. नशे में चुर विक्रम कुछ देर बाद गहरी नींद में सो गया.
गौतम ने विकर्म के फ़ोन से उसका mms बनाकर फ़ोन विक्रम के पास ही पटक कर रूम से बाहर आ गया.. विक्रम का mms गौतम के पास था औऱ अब विक्रम के पास ऋतू का एक भी वीडियो नहीं था..
Bole to zakaas update bro.par pics or gif kahan haiUpdate 25
बुआ बहुत अच्छा नाचती हो आप तो.. देखो कैसे सारे मर्द आपको देखकर कुत्ते की तरह जीभ बाहर निकाल रहे है..
आरती ने नाचकर अभी अभी बगल वाली कुर्सी पर बैठी सुमन से कहा तो सुमन खिलखिलाती हुई हसने लगी औऱ आस पास खड़े मर्दो को देखने लगी जो उसी के ऊपर नज़र गड़ाये खड़े थे..
सुमन अच्छे से समझ रही थी मर्दो की नज़र उसके बदन पर कहा कहा पड़ रही है औऱ वो सब क्यों इतने हवस भारी नज़रो से उसे देख रहे है..
रात के दस बज चुके थे औऱ सुमन को अब तक कई milflover लड़को औऱ उसकी हम उम्र आदमियों ने नंबर देने की कोशिश की थी मगर सुमन ने एक भी आदमी को भाव नहीं दिया औऱ अपनी मस्ती में मस्त होकर शादी का पूरा मज़ा लेती रही..
सुमन - निकालने दो जीभ बाहर.. कोनसा जीभ बाहर निकालने से खाने को हड्डी मिल जायेगी इन कुत्तो को..
आरती औऱ सुमन इस बात पर जोर से हँसने लगती है..
आरती - मानना पड़ेगा बुआ.. पुरानी शराब हो.. हम नई नई जवान औरतों से ज्यादा नशा देती हो.. मुझसे ज्यादा तो सब आपको ही देख रहे है.
सुमन - चुप कर अब तू.. चल अब बहुत नाच गाना हो गया कुछ खा लेते है बहुत भूक लगने लगी है मुझे तो..
आरती - बुआ आप खाओ खाना मुझे तो अभी इन मर्दो का पानी भी निजालवाना है.. आज तो बहुत लोगों ने आपके औऱ मेरे नाम से पानी निकाला होगा..
सुमन हस्ती हुई - कितना बेशर्म हो गई है तू.. औऱ इस लंगड़ी चाल से कब तक नाचेगी? चल अब मैं तो जाती हूँ बहुत नाच लिया..
कोमल आते हुए - सुमन ग़ुगु को कहीं देखा तूने?
सुमन - क्यों भाभी क्या हुआ?
कोमल - सुमन पंडित ज़ी ने फेरो के लिए जो सामान मंगवाया था वो तो घर ही रह गया है.. तू ग़ुगु को बोल ना जाकर ले आये फ़ोन भी नहीं उठा रहा वो..
सुमन - यही कहीं होगा.. भाभी मैं देखती हूँ..
कोमल - जल्दी देख सुमन.. आज का ही शुभ समय है.. पूर्णिमा का दिन है.. अगर 12 बजे के बाद फेरे पड़े तो अशुभ घड़ी शुरू हो जायेगी..
सुमन - आज पूर्णिमा है?
कोमल - हाँ.. लेकिन तू इतनी फ़िक्र में क्यों है?
सुमन - कुछ नहीं भाभी.. मैं ग़ुगु के साथ घर जाती हूँ औऱ सामान लेकर आती हूँ..
कोमल - लो सुमन चाबी.. जल्दी आना..
सुमन - चिंता मत करो भाभी अभी समय है..
सुमन कोमल से चाबी लेकर लोन में गौतम को ढूंढने लगती है.. औऱ कुछ देर बाद गौतम सुमन को अकेला कहीं बैठा हुआ अपने फ़ोन में किसी से चैटिंग करते हुए दिखाई देता है..
सुमन - ग़ुगु चल.. घर चलना है..
गौतम - क्यों?
सुमन - चल ना रास्ते में बताती हूँ..
गौतम उठकर सुमन के साथ पार्किंग की तरफ जाते हुए - क्या हुआ माँ.. सब ठीक है ना इतनी जल्दी में क्यों हो..
सुमन - अरे वो भाभी कुछ सामान भूल गई है घर पर.. वही लेकर आना है.. फेरो के लिए पंडित ज़ी को जरुरत है उसकी..
गौतम - ये बात है क्या.. मुझे लगा आज मैं लकी होने वाला हूँ.. आप शायद मान गई हो..
सुमन हसते हुए - ग़ुगु तू.. हर दम वही सब सोचता रहता है?
गौतम - अब आपके जैसी खूबसूरत माँ हो तो औऱ क्या सोचूंगा.. मैं भी देख रहा था कैसे लोग आपको नाचते हुए देख रहे थे.. कई लोगों ने तो नंबर भी दिये है..
सुमन - वो सब मैंने नहीं लिए.. मुझे किसी में दिलचस्पी नहीं है.. तू जल्दी से गाडी चला औऱ घर चल.. एक औऱ काम है तुझसे..
गौतम - औऱ वो क्या है..
सुमन - अकेले में बताऊंगी..
गौतम - यहां पार्किंग में कौन है बता दो...
सुमन - नहीं.. तू चल..
गौतम गाडी स्टार्ट करके घर की तरफ मोड़ लेता है रात के सुनसान रास्ते औऱ खाली सडक से घर पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता...
सुमन का दरवाजा खोलकर अंदर आ जाती है गौतम भी उसके पीछे पीछे अंदर आकर घर का दरवाजा लगा देता है औऱ सुमन से कहता है..
गौतम - अब तो बता दो दूसरा कम क्या है..
सुमन मुस्कुराते हुए - थोड़ा सब्र कर शहजादे.. इतनी बेसब्री अच्छी नहीं पहले सामान देख लेती हूँ कहा रखा है भाभी ने..
गौतम - अपने रूम में रखा होगा..
सुमन - नहीं ग़ुगु सारा सामान भाभी ने इसी रूम में रखा था..
गौतम - रुको मैं फ़ोन करके पूछता हूँ..
सुमन - हाँ ये ठीक रहेगा.. पूछो कहा रखा है सामान..
गौतम फ़ोन पर - हेलो मामी.. सामान कहा है रखा है जो आप छोड़ गए थे?
सुमन - अरे बेटा.. गलती हो गई.. तेरे मामा वो सामान ले तो आये पर अपनी गाडी की डिक्की से निकाला ही नहीं.. सामान यही गाडी में है.. मैंने तेरे मामा को कहकर मंगवा लिया.. तुम्हे बिना काम ही घर जाना पड़ा..
गौतम - कोई बात नहीं मामी.. फ़ोन कट जाता है..
फ़ोन स्पीकर पर था सुमन भी सारी बातें सुन रही थी..
सुमन - भाभी भी ना.. ऐसा नहीं कि पहले भईया से पूछ ले.. फालतू ही यहां आये..
गौतम सुमन को बाहों मे भरते हुए - फ़ालतू क्यों माँ.. हम यहां खुलकर रोमांस कर सकते है.. अब बताओ औऱ क्या काम था मुझसे..
सुमन - पहले छोड़.. मुझे कुछ काम है..
गौतम सुमन को छोड़ते हुए - लो छोड़ दिया...
सुमन मुस्कुराते हुए - अपने कमरे में जाके बैठ मैं पांच मिनट में आती हूँ..
गौतम - जल्दी आना माँ.. वरना मैं आ जाऊँगा..
सुमन गौतम की बात पर हसते हुए अपने कमरे में चली जाती है औऱ अपने साड़ियों में से एक लाल कलर की साडी पहन लेती है.. औऱ गौतम के कमरे में आती है..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा तो याद आ ही गया आपको आज पूर्णिमा है.. मगर जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी मैं आपका दूध नहीं पिने वाला..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम की गोद में आकर बैठती हुई अपना ब्लाउज खोलकर - मेरे इन दोनो कबूतरों को देखकर आज बहुत सारे मर्दो ने इन्हे पाने की कोशिश की थी.. औऱ एक तू है.. इतनी प्यार से मिन्नतें करके.. हाथ जोड़कर.. तुझे अपने बोबे चुसवाती हूँ फिर भी तू नखरे करता है..
गौतम - मैं नखरे करता हूँ या आप नखरे करती हो.. कब से बोल रहा हूँ सेक्स करते है पर आप हो की सुनती ही नहीं.. हम दोनों के बीच अकेले में इतना सब होता है.. सेक्स भी हो जाएगा तो कौन पूछने वाला है? आपको चाहिए तो कंडोम पहन के चोद लूंगा मुझे कोई परेशानी नहीं है उसमे.. बस आप हाँ कर दो बहुत प्यार करुंगा माँ आपको..
सुमन - बेशम.. भला कोई बेटा भी अपनी सगी माँ चोदता है? तू तो ऐसी बात कर रहा है जो आज तक कहीं नहीं हुई..
गौतम - हर दूसरे घर में होती है माँ.. पर आप मानने को ही तैयार नहीं हो..
सुमन - कहा होती? तेरे सपनो में? कुछ भी मत बोल.. चुपचाप अब मेरे बोबे चूस.. वापस भी चलना है..
गौतम - नहीं चूसने माँ मुझे आपके बोबे.. हर बार बोबे चूसा कर लंड खड़ा कर देती हो फिर खड़े लंड पर चोट करके चली जाती हो.. औऱ आप नहीं मानती इसका मतलब ये नहीं कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं होता.. दुनिया में बहुत कुछ होता है औऱ इंडिया में तो औऱ भी ज्यादा.. कहीं किसी घर कोई बेटा अपनी माँ चोद रहा है तो कहीं कोई बाप अपनी बेटी.. भाई बहन तो हर दूसरे घर में चुदाई कर रहे है.. लोग इसपर बात करने से डरते है इसलिए अब तक ये सब छीपा हुआ है.. इंटरनेट जानती हो ना.. उस पर कई ऐसे समाचार पत्र आते है जिनमे घर में होने वाली चुदाई के समाचार आते है वो भी पूरी डिटेल के साथ.. मगर आपको क्या पता.. आपको तो ये सब बकवास औऱ कोरी बातें लगती है..
सुमन - अच्छा होनसा अखबार छापता ऐसी खबर.. बता जरा..
गौतम - डार्क वेब करके कुछ होता है उस पर आते है.. मेने एक साइट को सब्सक्राइब किया है उसमे इंडिया की incest न्यूज़ आती है.. "भारत की पारिवारिक चुदाईया" नाम से आता है समाचार... हर वीकेंड पर.. पढ़ोगी..
सुमन कुछ पल रूककर -पढ़ा जरा.. मैं भी तो देखु तू सच कह भी रहा है या नहीं..
गौतम अपना फ़ोन निकालकर - लो पढ़ो ये पिछले वीकेंड का न्यूज़ पेपर है..
सुमन - तू ही पढ़ के सुना.. मुझसे फ़ोन में नहीं पढ़ा जाएगा.. आँखे कमजोर हो गई है मेरी..
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - सुनो.. पहली खबर - बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बाप पिछले 1 साल से कर रहा था अपनी बेटी के साथ गलत काम.. बेटी के प्रेग्नेंट होने पर आस पास के लोगों को इस बात का पता चला.. बेटी ने पुलिस से कहा की उसके बाप ने उसकी मर्ज़ी से उसके साथ सम्बन्ध बनाये थे औऱ अब वो अपने बाप के साथ ही रहना चाहती है..
दूसरी खबर - बिहार के मधुबनी में भाई ने रचाई अपनी ही बहन के साथ शादी.. दोनों का चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था.. घर में ही दोनों करते थे रात रातभर चुदाई.. एक बार बच्चा भी गिरा चुके है.. लड़की ने कहा.. पति शराब पीके मारपिट करता था इसलिए ससुराल छोड़कर अकेले रह रहे छोटे भाई के घर रहने आई थी.. घर आने के कुछ दिनों में ही लड़की को अपने छोटे भाई से प्यार हो गया औऱ दोनों में रात दिन चुदाई होने लगी.. पहला बच्चा तो समाज के डर से गिरा दिया मगर दूसरे बच्चे को वो पैदा करना चाहती है औऱ इसलिए दोनों भाई बहनो ने आपस में शादी करके साथ रहने का निर्णय लिया है..
तीसरी खबर - हरियाणा के रोहतक में अपने पति के कहने पर बाप की जायद में अपना हिस्सा मांग रही औरत को उसके दोनों भाइयो औऱ पांचो भतीजो ने हिस्सा देने के बदले 21 दिनों तक खूब चोदा.. औरत का कहना है की उसे जायदाद में हिस्सा लेने के लिए 21 की जगह 121 दिन भी चुदना पड़ता तो वो चुदने को तैयार थी.. भतीजो ने कहा कि बुआ की चुत बहुत टाइट थी सबको बुआ की चुत मारने में मज़ा आया..
चौथी ख़बर - उतर प्रदेश के शहर बरेली में एक शराबी बेटे के पास जब रांड चोदने के पैसे नहीं बचे तो उसने घर आकर अपनी ही माँ का घाघरा उठा दिया.. बीमार बाप की गैरमोज़ूदगी में शराबी बेटे ने रातभर में 4 बार अपनी माँ की चुत चोदकर माँ की चुत में अपना माल झाड़ दिया.. नशा उतरने पर बेटे ने माँ से पैर छूकर माफ़ी मांगी औऱ शराब छोड़ देने का वादा भी किया.. माँ का कहना है कि.. जो हुआ सो हुआ.. एकलौता जवान लड़का है औऱ ऊपर से घर चलाने वाला भी.. अगर फिर से बेटा चोदना चाहेगा तो वो अपनी मर्ज़ी से चुदवाएगी...
पाँचवी खबर - महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सटे ग्रामीण इलाके में दो भाइयो का विवाद तब सुर्खियों में आ गया जब दोनों ने एकदूसरे पर अपनी अपनी पत्नियों को पेलने का आरोप लगाते हुए अपनी अपनी बात कही.. बड़े भाई का कहना था कि छोटा भाई उसकी पत्नी को खेतो में बुलाकर चोदता है तो छोटे भाई का कहना था कि बड़ा भाई उसकी पत्नी को छत पर बुला के चोदता है.. आखिर में पंचायत ने दोनों को पत्नियां अदला बदली करनी कि सलाह दी. दोनों भाइयो ने अपनी पत्नी को तलाक़ देकर एकदूसरे की पत्नी से शादी कर ली..
छटी खबर - उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले जुनेद आलम नाम के शख्स को अपनी तलाक़शुदा बहन जमीला से तब निकाह करना पड़ गया जब जमीला को चोदते हुए उसे पड़ोसियों ने देख लिया.. जमीला का कहना है की जुनेद उसे हर तरह से खुश रखता है औऱ वो जुनेद के साथ निकाह करके खुश है..
सातवीं खबर - मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लूलीपुर गाँव में एक 18 साल की युवती मीना को उसके 32 साल के मामा रघुवर से ऐसा इश्क़ हुआ कि लड़की ने घरवालों से मामा के साथ शादी करने की ज़िद पर अड़ गई.. परिवार ने चोरी छिपे लड़की की शादी करवाकर उसको उसके मामा के साथ शहर भेज दिया.. जहाँ दोनों एक किराए के घर में रहते है..
आठवीं खबर - छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले मज़ीद अली नाम के शख्स ने हवस में अंधे होकर अपनी माँ औऱ बहन को तब चोद डाला जब दोनों एक साथ सो रही थी..
बहन का कहना है की भाई ने पहले उसकी अम्मी चोदी औऱ जब भाई को अम्मी की चुत ढीली लगी तो भाई ने उसकी सलवार उतार कर उसकी चुत मारी.. माँ का कहना है की बेटा ब्लू फिल्मो का शौकीन है उसे ava adams कहकर बुलाता था औऱ बेटी को mia khalifa..
नवी खबर - बिहार के समस्तीपुर के छोटे से गाँव कुला में भाई बहन 2 साल से बना रहे थे सम्बन्ध.. पिता को पता लगने पर दोनों को घर से निकाला.. लड़का अपनी बहन के साथ पटना अपने दोस्तों के घर किराए पर रहने आ गया औऱ वही अपनी बहन से शादी करके रहने लगा..
दसवीं खबर - दिल्ली में अपने ही बेटे पर आ गया एक माँ का दिल.. 44 साल की सुशीला अपने 26 साल के बेटे संस्कार के साथ प्यार में ऐसी पड़ी कि समाज की मर्यादा तोड़कर अपने बेटे के साथ भाग निकली.. पति का कहना है कि सुशीला उसके सो जाने के बाद संस्कार के कमरे में जाकर चुदवाती थी.. बेटे के साथ आपत्तिजनक तस्वीर भी खिचवाती थी.. मना करने के बाद भी सुशीला ने अपने नाजायज सम्बन्ध अपने बेटे संस्कार से नहीं तोड़े औऱ घर में खुलकर गंद मचाने लगी.. कई बार उसने अपने बीवी बेटे को रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथ पकड़ा मगर समाज औऱ बदनामी के डर से कुछ बोल ना सका.. शुशीला जब संस्कार से प्रेग्नेंट हुई तो घर से सारा केश औऱ गहने के साथ संस्कार को लेके भाग निकली..
सुमन - हाय.. कैसी औरत होगी.. अपने ही बेटे को भगा के ले गई..
गौतम - तो.. सब क्या आपके जैसी डरपोक है? अभी औऱ भी बहुत सी खबर है.. एक तरफ सुशीला है औऱ एक तरफ आप.. आप तो कंडोम लगा के भी नहीं चोदने देती... चुत पूरी तरह गीली है मगर फिर भी चुदवाना नहीं है..
सुमन - तू मेरी मजबूरिया क्यों नहीं समझता शहजादे.. मेरी चुत औऱ गांड तुझसे बढ़कर थोड़ी है.. चल अब अच्छे बच्चे कि तरह मेरे दोनों बोबो को चूस वरना माँ नाराज़ हो जायेगी..
गौतम सुमन के दोनों बूब्स पकड़कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा देता है औऱ बोबे मसलते हुए कहता है - बचपन से देख रहा हूँ आपको.. थोड़ी देर मेरी शकल ना दिखे तो बेचैन हो उठती हो आप.. कितनी भी बड़ी गलती कर दूँ कभी कुछ नहीं कहती.. बड़ी आई नाराज़ होने वाली..
सुमन - एकलौता सुकून है मेरी आँखों का तू ग़ुगु.. तुझसे कैसे नाराज़ हो सकती हूँ..
गौतम सुमन के निप्पल्स चाटते हुए - तो फिर ले चलो मुझे भी भगा कर.. कहीं दूर पहाड़ो में.. एक छोटा सा घर होगा.. उसमें सिर्फ आप मैं औऱ एक बिस्तर.. दिन महीने साल बदल जायेगे पर हम दोनों वही उसी बिस्तर पर हमारे मिलन के सुख को भोगते रहेंगे..
सुमन मुस्कुराते हुए - खुली हुई आँखों से इतने बड़े बड़े औऱ पुरे नहीं होने वाले सपने मत देख मेरे शहजादे.. मैं तेरी माँ हूँ औऱ माँ बनकर ही तेरे साथ रहूंगी हमेशा..
गौतम निप्पल्स चूसते हुए - होगा माँ.. हर सपना पूरा होगा.. देखना एक दिन ऐसे ही किसी मुलायम बिस्तर पर आप इसी तरह मेरे नीचे लेटी रहोगी औऱ अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत में घुसाती हुई बोलोगी.. गौतम ज़ी.. आज जरा धीरे करना.. अभी अभी आपके बच्चे को दूध पीलाके सुलाके आई हूँ.. अगर वो कल की तरह उठ गया तो हिलाके ही सोना पड़ेगा आपको...
सुमन जोर से हसते हुए - हट बेशर्म.. कुछ भी उल्टा सीधा बोलता है.. कितना कुछ सोच रखा है तूने.. तू जितना प्यारा है उतना ही शैतानी दिमाग भी है तेरा... अब चल वापस चलते है..
गौतम - इतनी भी क्या जल्दी है माँ.. कोनसी हमारे बिना शादी रुक जायेगी.. चलो थोड़ी देर ट्रुथ एंड डेयर खेलते है..
सुमन - नहीं ग़ुगु... तू ना बहुत गंदे गंदे सवाल पूछता है औऱ गंदे गंदे काम करवाता है मुझसे..
गौतम - तो आप भी पूछ लेना ना.. औऱ जो मन हो वो डेयर दे देना मैं मना नहीं करूँगा..
सुमन - ठीक है मगर इस बार आँख झपकाने वाला गेम नहीं चलेगा उसमे हर बार तू ही जीत जाता है..
गौतम - तो कोनसा गेम खेले?
सुमन - कोई भी दूसरा..
गौतम - अच्छा ठीक है.. मैं अलार्म सेट करता हूँ फ़ोन में जो एक मिनट होने पर बजेगा.. औऱ ये चिविंगम आप खा लो.. मैं आपके मुंह से आपको चूमकर चिविंगम निकालने की कोशिश करूँगा.. अलार्म बजते ही जिसके मुंह में चिविंगम होगी वही जीतेगा...
सुमन - ठीक है.. इस बार देखती हूँ तू कैसे जीतता है.. आओ चूमो मुझे औऱ अलार्म सेट कर दो.. एक मिनट क्या दस के बाद भी तू मेरे मुंह से चिविंगम नहीं निकाल पायेगा बच्चू...
गौतम - वो अभी पता चल जाएगा माँ..
गौतम औऱ सुमन का चुम्मा शुरू होता है गौतम अपनी जीभ से सुमन के मुंह में इधर से उधर चिविंगम तलाश करता है.. मगर अलार्म बजने पर सुमन के मुंह से गौतम चिविंगम निकालकर अपने मुंह में लेने में नाकाम रहता है..
सुमन अलार्म बजने पर चुम्मा तोड़कर - अब बोल बच्चू? बहुत गेम खेलने का शोक है ना तुझे..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ क्या करू? डेयर लेता हूँ मैं..
सुमन थोड़ी देर सोचकर - हम्म.. अपने फ़ोन का पासवर्ड बताओ.. औऱ लोक चेंज मत करना..
गौतम - माँ नहीं यार.. ये बहुत पर्सनल है मैं भी तो आपके फ़ोन का पासवर्ड नहीं पूछता..
सुमन मुंह मोड़ते हुए - नहीं करना छोड़ दो.. वैसे भी तुम मेरी तरह डेयर तो कर नहीं सकते..
गौतम सुमन को देखते हुए - ताना मार रही हो मुझे.. आपकी डेट ऑफ़ बर्थ है मेरे फ़ोन का पासवर्ड.. अब खुश..
सुमन मुस्कुराते हुए - मेरी डेट ऑफ़ बर्थ? ग़ुगु तू भी ना.. तेरी इन्ही हरकतों की वजह से मुझे इतना प्यार आता है तुझ पर..
गौतम - अच्छा अब चिविंगम दो.. इस बार आप मेरे मुंह से निकालना..
सुमन अपने मुंह की चिविंगम गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ गौतम अलार्म सेट करके फिर से सुमन को चूमने लगता है सुमन भी अपनी पूरी कोशिश करती है मगर गौतम के मुंह से चिविंगम अपने मुंह में लेने में असफल रहती है.. औऱ हार जाती है..
गौतम - बताओ मेरी सेक्सी माँ.. क्या लोगी ट्रुथ या डेयर?
सुमन - तूने जो लिए मैं भी वही लुंगी.. बता क्या करना है..
गौतम - एक काम करो.. अपना फ़ोन उठाओ औऱ पापा को फ़ोन करके उनसे झगड़ा करो गन्दा वाला औऱ पापा को एक दो गाली भी दे देना..
सुमन - इस वक़्त?
गौतम - अभी तो सिर्फ साढ़े दस हुए है..
सुमन अपना फ़ोन उठा कर - ठीक है..
सुमन फ़ोन स्पीकर पर डालकर - हेलो..
जगमोहन - हेलो.. हाँ बोलो..
सुमन - तुम शादी में आने वाले थे ना.. कल भी तुम्हे फ़ोन करके कहा था मैंने औऱ तुमने हां करी थी..
जगमोहन - सुमन अभी इंचार्ज साब के साथ गस्त पर आया हुआ हूँ बाद में बात करूँगा..
सुमन - इंचार्ज के साथ हो या अपनी उस रखैल माधुरी के साथ? मुझे छोटे से पुलिस क्वाटर में रखा है उस महारानी के लिए बड़ा मकान बनवाया है.. एक बार वापस आ जाऊ फिर देखती हूँ तुम दोनों को..
जगमोहन - तु अब वापस शुरू मत हो जाना.. कहा है ना मैंने. बात कर रहा हूँ माधुरी से.. जल्दी ही उसे मनाकर तुझे भी वहा से बुला लूंगा..
सुमन - उसकी परमिशन से आउंगी क्या मैं? वो होती कोन है हां या ना करने वाली.. मर्दानगी तो ख़त्म हो ही चुकी है तुम्हारे अंदर अब लगता है शर्म भी ख़त्म हो गई है..
जगमोहन - सुमन जबान संभाल के.. अपनी हद को मत भूल.. औऱ घर उसके नाम पर है उससे तो बात करनी पड़ेगी..
सुमन - वाह.. बहन दुगुनी उम्र के बूढ़े से शादी करके बैठी है औऱ भाई अपनी पत्नी को छोड़कर रखैल के नाम पर घर ले रहा है.. थोड़ी बहुत शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब जाओ..
जगमोहन - अपनी जबान को लगाम दे सुमन.. वरना घर छोड़ उस पुलिस क्वाटर से भी जायेगी.. हर महीने खर्चा भेज रहा हूँ उसे खुश किस्मती समझ..
सुमन - खर्चा भेजते हो तो अहसान करते हो क्या.. औऱ होता क्या है तुम्हारे भेजे 15 हज़ार रुपए में.. अपने बेटे की छोटी मोटी जरुरत भी पूरी नहीं कर पाती.. अब तो मेरे बेटे ने मुझसे कुछ माँगना भी छोड़ दिया है.. नपुंसक तो थे ही अब बेशर्म भी हो गए..
जगमोहन - मेरा तुझसे लड़ाई का कोई मूंड नहीं है फोन रख..
सुमन - औऱ कर भी क्या सकते हो फ़ोन रखने के अलावा? चोद तो मुझे पाओगे नहीं.. ढीला लंड एक मिनट में झड़ जाएगा.. पता नहीं उस डायन को क्या पसंद आया तुम्हारे अंदर? जो अब तक तुम्हारे साथ है..
जगमोहन - साली वो कम से कम मुझे इंसान मानकर तो बात करती है तेरी तरह ताने तो नहीं मारती.. जब तेरे पास आता हूँ.. तू मुझे हर बार मेरी नामर्दानगी का अहसास दिला देती है.. बेटे पर जादू किया हुआ है.. मेरी तो आज तक कोई बात नहीं मानी उसने.. औऱ तेरे साथ शादी में चला गया..
गौतम अपनी माँ औऱ बाप की बातें सुनता हुआ सुमन के चुचे चूस रहा था औऱ फिर एक सिगरेट जलाते हुए कश लेकर सुमन को मुस्कुराते हुए देखने लगा..
सुमन गौतम से सिगरेट लेकर कश मारके कहती है - मेरा बेटा है मेरी नहीं सुनेगा तो क्या तुम्हारी उस रखैल की सुनेगा? तुम्हारी बहन तो बदचलन थी ही.. उसके साथ साथ तुम्हे भी बाहर मुंह मारने की आदत है..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ अपना लंड सुमन के मुंह के आगे ले आता है जिसे सुमन पकड़ते हुए धीरे धीरे मुंह में लेकर चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे किसने मना किया है साली.. तू भी बाहर किसी से गांड मरवा ले.. पर मुझे रोज़ रोज़ फ़ोन करके परेशान मत कर.. मैं तंग आ गया तुझसे..
सुमन लंड चूसते हुए - तुम्हारी बहन के जैसी रांड नहीं हूँ मैं जो बाहर गैर मर्दो से चुदवाती फिरू.. इज़्ज़तदार घरेलु औरत हूँ औऱ एक जवान बेटे की माँ.. बाहर मुंह मारना मेरी आदत नहीं है.. इतना कहते ही सुमन फिर से गौतम का लंड चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे जो करना है कर.. मुझे माफ़ कर.. मेरे पास तेरे घरवालों के लिए टाइम नहीं है..
सुमन धीरे धीरे लंड चूसते हुए गौतम से सिगरेट लेकर कश मारते हुए - हाँ.. आई ज़ी.. डीआईज़ी लगे हो ना तुम तो.. सिर्फ एक हेड कांस्टेबल हो.. देसी भाषा में ठुल्ला..
जगमोहन फ़ोन काटते हुए - हट बहनचोद.. तेरा फ़ोन ही नहीं उठाना चाहिए था..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर अपना लोडा चुसवाता हुआ सिगरेट का कश लेकर - माँ बुआ के बारे में कुछ मत बोला करो.. आपकी तरह उनको भी बहुत प्यार करता हूँ मैं...
सुमन गुस्से में - सब जानती हूँ कितना प्यार करता है औऱ कैसे प्यार करता है तू अपनी बुआ को.. उस रात सब अपनी आँखों से देखा था मैंने...
गौतम - माँ कहा छुपा रखा था अपने अपना ये रूप.. पापा से जैसे बात की औऱ मुझसे कर रही.. गुस्से में कभी देखा नहीं आपको.. गुस्सा अच्छा लगता है आपके ऊपर.. मुझ पर भी किया करो..
सुमन मुस्कुराते हुए - तेरा तो आधे घंटे से पहले नहीं निकलने वाला.. चल अब वापस चलते है वरना बहुत देर हो जायेगी.. बहुत भूक भी लगी है मुझे तो..
गौतम - जैसा आप कहो..
सुमन - रुक मैं साडी बदल कर आती हूँ..
गौतम - रहने दो ना अच्छा लग रहा है आपके ऊपर ये भी..
सुमन - अच्छा चल ठीक है..
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इतना समय कैसे लग गया सुमन? औऱ ये साडी क्यों बदली है तूने..
भाभी वो कुछ गिर गया था साड़ी पर इसलिए बदल ली.. मैं गौतम के साथ खाना खाने जा रही हूँ..
अरे खाना मेरे साथ खा लेना.. कहा गौतम के पीछे पीछे घूम रही है अब वो बच्चा नहीं मर्द बन चूका है..
ठीक है भाभी चलो..
अधिकांश मेहमान वापस जा चुके थे और लोन में अब बहुत कम ही लोग बचे थे रात के 11:00 का समय था और अब स्टेज पर रितु और राहुल भी सभी मेहमानों के साथ तस्वीर खिचवा चुके थे..
लोन में खाली टेबल पर एक आदमी नशे में बैठा झूलता हुआ एक वेटर से अनाप-शनाप गाली-गलौज कर रहा था..
आदमी - भोस्डिके क्या मंगवाया था औऱ क्या लेके आया है तू?
वेटर - सॉरी सर.. अभी ला देता हूँ..
गौतम उसके नजदीक जाकर.. टेबल पर बैठता हुआ..
गौतम - बहुत ख़ास मेहमान लग रहे हो..
आदमी - तू कौन है..
गौतम झूठ बोलता हुआ - केटरिंग मेरी है.. मेरे ही आदमियों से आप बदसूलुकी कररहे थे..
आदमी - अरे समझाओ अपने वेटर को साला कहता कुछ हूँ करता कुछ है.
गौतम - नासमझ है साला.. कई बार पिट भी चूका है.. खैर छोडो.. मेरा नाम गौतम है.. आप?
आदमी - विक्रम..
गौतम - विक्रम ज़ी बराती लगते हो..
विक्रम - नहीं यार.. ना घराती ना बराती.. हम है अपनी मर्ज़ी के मेहमान..
गौतम - मतलब?
विक्रम - मतलब कि मैं वो हूँ जो इस शादी को दो मिनट में ख़राब कर सकता हूँ.
गौतम - अच्छा? कोई महान हस्ती लगते हो?
विकर्म - हाँ बेशक़.. दुल्हन का बॉयफ्रेंड हूँ मैं..
गौतम हैरानी से - क्या? पर मैंने तो सुना है दुल्हन बहुत भोली भाली शरीफ है..
विकर्म फ़ोन निकालते हुए - अरे मेरा लंड शरीफ है साली.. लपक लपक के लोडे लेती है मादरचोद.. थोड़ी देर पहले पीछे बाथरूम में चोद के आया हूँ रंडी को ये देख सबूत..
गौतम फोन में विकर्म औऱ ऋतू कि चुदाई का वीडियो देखकर - अरे बहनचोद.. लगता है बहुत टाइम से पेल रहे हो इस लड़की को.. फिर शादी क्यों नहीं कि?
विकर्म - रडियो से शादी नहीं करते छोटे भाई.. बस चोदके मज़े लेते है..
गौतम - समझा नहीं..
विकर्म - ये साली रांड मुझसे पहले औऱ कई लोगो से चुद चुकी है.. सबने एक एक करके चोदा है इसको..
गौतम - बड़े भाई.. खाना छोडो यार दारु पीते है औऱ.. आओ मेरे साथ चलो.. हर ब्राड है अपने पास..
विक्रम हसते हुए - लगता है तुझे भी इसकी लेनी है.. चिंता मत कर मैं दिलवा दूंगा..
गौतम विक्रम हो अपने रूम में जाता है औऱ दो पेग बनाकर एक बैठ जाता है..
गौतम - लकी तो हो यार आप.. मगर ये लड़की शादी के दिन भी आपसे चुदवा रही है.. कुछ तो बात है.
विकर्म पेग पीकर- अरे इसके बहुत वीडियो है मेरे पास.. एक बार बुलाने पर भाग के चली आती.. (बोतल लेकर पीते हुए) मैं कहता हूँ नहीं आएगी तो mms लीक कर दूंगा.. साली को आना ही पड़ता है..
गौतम - क्या बात है.. बहुत पहुचे हुए खिलाड़ी हो.. आप तो..
विक्रम हसते हुए बोतल से एक साथ बहुत सारी दारु पिता हुआ बेड पर गिर जाता है औऱ गौतम विकर्म के गिरने पर उसे बेड पर अच्छे से लेटा देता है औऱ उसके फोन को लेकर विकर्म कि ऊँगली से लॉक खोलकर ऋतू के सारे वीडियो अपने फ़ोन में ट्रांसफर करके विकर्म के फ़ोन से ऋतू के वीडियो डिलीट कर देता है.. इसके बाद गौतम चेतन को फ़ोन करता है..
गौतम - भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु?
गौतम - भईया उस आदमी के नम्बर दोगे जिसने रांडे बुलाई थी?
चेतन - तुझे क्यों चाहिए उसके नम्बर?
गौतम - अर्जेंट है भईया.. आप दो ना..
चेतन - ग़ुगु एक दो लड़की अभी यही है तुझे चाहिए तो भेज देता हूँ..
गौतम - भईया आप भेजो ना यार नम्बर.. लड़की नहीं चाहिए मुझे..
चेतन - ठीक है व्हाट्सप्प कर रहा हूँ.. पैसे मत देना मैं दे दूंगा..
गौतम - ठीक है भईया..
गौतम चेतन के भेजे हुए नम्बर डायल करके - हेलो
दलाल - हैल्लो..
गौतम - कालू ज़ी बोल रहे है..
दलाल - हाँ.. आप कौन?
गौतम - मैं चेतन का भाई हूँ.. आपने आज 11 औरते भेजी थी ना नाचने के लिए..
कालू - हाँ.. औऱ कुछ चाहिए तो बताओ? भेजना है औऱ किसी औरत को?.
गौतम - हाँ.. पर औरत को नहीं मर्द चाहिए जिसे लड़के पसंद हो..
कालू हसते हुए - अच्छा है आजकल लड़के भी डिमांड में है.. कितने भेजू?
गौतम - 1 ही भेज दो.. जितना बदसूरत हो उतना अच्छा..
कालू - 10 मिनट में आ जाएगा.. इस नम्बर के कांटेक्ट सेंड कर रहा हूँ. फ़ोन उठा लेना.. वसीम नाम है आदमी का..
गौतम - ठीक है..
हेलो ..
वसीम - ज़ी मैं पहुंच गया हूँ..
गौतम - लेफ्ट साइड में वाइट बिल्डिंग दिख रही है.. फर्स्ट फ्लोर पर रूम नम्बर 26 में आजा..
वसीम रूम में आकर गौतम से - आपने बुलाया है?
गौतम - हाँ ये आदमी दिख रहा है..
वसीम - मरा हुआ है क्या?
गौतम - अबे नशे में है..
वसीम - तो..
गौतम - तो क्या.. चोद इस आदमी को..
वसीम - पर आप वीडियो क्यों बना रहे है..
गौतम - बना नहीं रहा बनाऊंगा.. तुझे दिक्कत है वीडियो बनाने से?
वसीम - हाँ.. मैं वीडियो नहीं बना सकता..
गौतम - अबे डबल रेट दिलवा दूंगा..
वसीम कुछ सोचकर - मेरा फेस तो नहीं आएगा ना..
गौतम - अबे रुमाल बाँध ले.. चल अब शुरू कर फ़िल्म...
वसीम विकर्म को नंगा कर के खुद्द भी नंगा हो जाता है औऱ विक्रम के साथ चूमाचाटी करते हुए विक्रम के मज़े लेने लगता है.. विकर्म नशे में पूरी तरह से चूर हिलता दुलता हुआ वसीम को अपने ऊपर से हटाता है मगर वसीम विकर्म की गांड में थूक लगा कर अपने लंड से उसे चोदने लगता है.. विकर्म नशे में चूर था उसे सब दिखाई दे रहा था मगर वो कुछ नहीं कर पास रहा था.. गौतम विक्रम के फ़ोन से ही उसका mms बना रहा था..
विक्रम चुद चूका था औऱ उसका वीडियो उसी के फ़ोन में बन चूका था जिसे गौतम ने अपने फ़ोन में ट्रांसफर भी कर लिया था.. वसीम विकर्म को चोदकर निकल चूका था औऱ विकर्म आहे भरता हुआ अपनी गांड के हाथ लगा के लेता था उसकी हालात ऐसी थी की वो कुछ नहीं कर सकता था.. नशे में चुर विक्रम कुछ देर बाद गहरी नींद में सो गया.
गौतम ने विकर्म के फ़ोन से उसका mms बनाकर फ़ोन विक्रम के पास ही पटक कर रूम से बाहर आ गया.. विक्रम का mms गौतम के पास था औऱ अब विक्रम के पास ऋतू का एक भी वीडियो नहीं था..