Nice update bro mazza aagaya leela ko dekh karUpdate 42
गौतम आदिल के फ़ोन से नीरज को फ़ोन करता है..
नीरज - हेलो..
गौतम भारी आवाज में - हेलो नीरज..
नीरज - ज़ी कौन बोल रहा है..
गौतम - मैं अजमेर का पुलिस कमिश्नर बोल रहा हूँ..
नीरज डरते हुए - कमीशनर साब?
आदिल फ़ोन म्यूट करके - कोनसे स्कूल गया था रंडी.. अजमेर में कोई कमिश्नर नहीं है..
गौतम फ़ोन unmute करके - हेलो..
नीरज डरते हुए - ज़ी..
गौतम - तुम्हारे घर को पुलिस ने चारो तरफ से घेर लिया है.. तुमने जिस लड़की को भगाया है उसे वापस कर दो.. अपने आप को पुलिस के हवाले..
नीरज - सररर.. हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है..
गौतम - कितना प्यार करते हो?
नीरज - बहुत ज्यादा..
गौतम - हम कैसे मान ले..
नीरज - आप चाहो तो शमा से पूछ लो सर.. मैं उसके लिए कुछ भी कर सकता हूँ..
गौतम - क्या तुम अपने घर के बाहर आ सकते हो? मगर नंगे होकर आना.. हमें तुम्हारे पास कोई हथियार नहीं दिखना चाहिए..
नीरज - सर.. चड्डी..
गौतम - वो पहन सकते हो..
नीरज - आता हूँ सर..
गौतम फ़ोन काटते हुए - तुम हमारे निशाने ओर हो.. होशियारी मत करना..
आदिल हसते हुए - अबे इसकी तो फटी पड़ी है..
गौतम नशे में - अभी औऱ फाड़ेंगे.. वीडियो ऑन रख..
नीरज चड्डी में बाहर आता है औऱ गौतम को देखकर कहता है - तुम?
गौतम पास जाके नीरज की चड्डी नीचे सरका देता औऱ कहता है - शादी मुबारक हो मेरे भाई..
नीरज जल्दी से चड्डी पहन कर - ये क्या मज़ाक़ है.. औऱ जल्दी से अंदर चला जाता है औऱ कपडे पहन कर बाहर आता है..
नीरज - तुम कौन हो..
गौतम मुस्कुराते हुए - भूल गए मुझे? हबीबगंज में शादी का घर.. घर के पास एक खाली मकान.. मकान में अंधेरा औऱ दो अनजान.. अनजानो ने देखा प्यार का मुकाम.. औऱ भगा दिया तुम दोनों को वहा से मेरी जान..
नीरज धीरे से - वो तुम थे.. औऱ ये कौन है..
गौतम - ये मेरा साला मैं इसका जीजा.. उस दिन इसीकी बहन थी मेरे साथ.. क्यों साले साब?
आदिल - रंडी ज्यादा बोल रहा है..
गौतम नशे में - अब्सोल्युटली राइट साले साब..
नीरज गौर से देखकर - पी रखी है क्या? अंदर आ जाओ..
गौतम औऱ आदिल नीरज के पीछे उसके घर में आ जाते गई औऱ छोटे से उस घर में ऊपर पहली मंज़िल पर आगे की तरफ बने कमरे में चले जाते है..
शमा मेहमान देखकर पानी का गिलास देते हुए - पानी
गौतम शमा को देखकर - घर आज कोई नहीं? औऱ तुम अभी तक सोइ नहीं?
शमा - ज़ी?
गौतम - ज़ी नहीं शमा बेगम... जीजाजी.. कॉल मी जीजाजी.. मैं रेशमा का होने वाला यार.. जानने आया तू आपका कितना गहरा है प्यार..
शमा गौतम की बात पर हसते हुए आदिल को देखकर - भाईजान.. पानी..
आदिल पानी लेते हुए - इसकी बातों का बुरा मत मानो... ये थोड़ा दारु पी रखा है...
गौतम आदिल को देखकर - तूने क्या मेरा मूत पिया है.. तूने भी दारु पी है साले..
शमा हसते हुए गौतम से - जीजाजी.. आप बैठिये मैं चाय बनाती हूँ..
नीरज - किसीको मालूम तो नहीं हुआ ना..
गौतम नीरज से - सात देशो की पुलिस पीछे पड़ी है तुम दोनों के.. मैंने रोका हुआ है उनको..
नीरज गौतम की बात सुनकर - शमा.. चाय रहने दे.. नीबू पानी बना औऱ नीबू ज्यादा डालना..
आदिल नीरज से - इसका हर बार का ऐसा ही है.. संभाल नहीं पाता फिर भी पीता है.. बेवड़ा..
गौतम फ़ोन निकालकर रेशमा को फ़ोन करता है
रेशमा - हेलो...
गौतम रोते हुए - रेशु..
रेशमा फ़िक्र से - क्या हुआ गुगु .. तुम ठीक तो हो ना?
गौतम रोते हुए - रेशु.. रेशु...
रेशमा पूरी घबराहट से - क्या हुआ ग़ुगु.. कुछ बोलो ना.. मुझे डर लग रहा है.. मैं अभी तुम्हारे पास आ रही हूँ..
गौतम - रेशु.. तुम्हारे भाई ने मुझे बेवड़ा बोला.. ये बोलकर गौतम जोर से रोने लगता है..
रेशमा ये सुनकर अपना सर पकड़ कर बैठ जाती है औऱ कहती है - कहा था ना कुत्ते ज्यादा मत पीना.. मेरी जान निकाल के रख दी..
गौतम रोते हुए - तुम्हारी याद आ रही है रेशु..
रेशमा - फोन आदिल को दे.. मैं डाटती हूँ उसे..
गौतम आदिल को फ़ोन देते हुए - लो डांटो साले को.. जीजाजी को बेवड़ा बोलता है.. बहन का लंड..
आदिल - हलो आपा..
रेशमा - अरे किसने कहा इसे दारु पिलाने को.. नीबू चटा इसे.. और उतार इसकी शराब..
आदिल - ठीक है आपा..
शमा नीबू पानी लेकर आ जाती है..
आदिल - आपा शमा से बात करो.
शमा आदिल से फ़ोन लेकर बात करती हुई चली जाती है औऱ गौतम एक के बाद एक दोनों गिलास नीबू पानी पी जाता है..
आदिल नीरज से - सिर्फ तुम दोनों ही हो घर में? अंकल आंटी?
नीरज - वो बुआ ज़ी के गए है आज उनके कोई फंक्शन था.. शमा की तबियत खराब थी इसलिए मैं नहीं गया..
गौतम नशे से बाहर आता हुआ - अच्छा किया.. उसका बाप बन्दुक लेकर ढूंढ़ रहा है तुम दोनों को..
नीरज - तुम सच कह रहे हो?
गौतम - रेशमा ने बताया था.. शमा को घर से मत निकलने देना औऱ किसी खबर ना लगे वो यहां है.. अंकल आंटी को भी समझा देना..
नीरज - वो तो खुद नहीं चाहते किसी को पता लगे.. शमा जब से आई है घर से बाहर नहीं गई..
आदिल - अच्छा अब चलते है..
आदिल औऱ गौतम जैसे ही खड़े होते है नीचे का दरवाजा खुलता औऱ नीरज की माँ लीला घर आ जाती है आदिल औऱ गौतम को देखकर नीरज से पूछती है..
लीला - नीरज ये कौन?
नीरज - मेरे दोस्तों है माँ.
लीला - दोनों से नमस्ते बेटा..
आदिल औऱ गौतम - हलो आंटी..
गौतम लीला को देखकर मस्त हो गया औऱ बोला - आंटी आप किसी फंक्शन में गई थी?
लीला - हाँ बेटा.. नीरज ने बताया होगा ना..
गौतम - हाँ आंटी..
लीला नीरज से - बेटा तेरे पापा बुला रहे है एक बार बहु को लेजा मिल ले.. कोई वकील भी है उनके साथ..
नीरज - नहीं माँ इतना दूर नहीं जाऊ..
लीला - जरुरी काम है बेटा.. तब तक मैं खाना बना दूंगी..
गौतम - कोई बात नहीं नीरज तू मेरी बाइक ले जा..
लीला - गौतम को हैरानी से देखते हुए - नीरज..
गौतम - आंटी हमें सब पता है.. हमने ही नीरज की मदद की थी..
नीरज जाते हुए - माँ मैं जाता हूँ शमा को लेकर पापा के पास..
लीला सास में सांस लेते हुए मुस्कुरा कर - बेटा तुम भी खाना खाओगे ना..
आदिल - नहीं आंटी हम चलते है.. मुझे लेट हो रहा है
गौतम - आंटी आप बनाओगी तो मैं तो जरुर खाके जाऊंगा..
लीला - ठीक है बेटा तुम बैठो.. खाना खाके ही जाना..
लीला रसोई में चली जाती है और गौतम कुछ देर बाद रसोई के दरवाजे पर आ जाता है..
लीला गौतम को देखकर - अरे बेटा कुछ चाहिए था..
गौतम - हाँ आंटी.. थोड़ा पानी मिल जाता तो.
लीला पानी देती हुई - लो बेटा.. पिलो..
गौतम पानी पीता हुआ - आंटी वैसे आपको देखकर लगता नहीं है की आप नीरज की माँ हो.. आप तो बहुत यंग लगती हो..
लीला गौतम से गिलास वापस लेकर मुस्कुराते हुए - thanks बेटा.. कुछ औऱ चाहिए?
गौतम - नहीं आंटी बस.. मैं यही खड़ा रह सकता हूँ. अकेले बोर हो जाऊंगा..
लीला - अरे वहा क्यों खड़ा है बेटा.. रसोई के अंदर आजा..
गौतम अंदर आते हुए - thanks आंटी.. वैसे मुझे खाना बनाने का शोक है आंटी.. मैं तो घर पर बड़े चाव से खाना बनाता हूँ..
लीला - तू क्यों खाना बनाता है तेरी मम्मी नहीं बनाती?
गौतम लीला के बगल में खड़ा होकर - होगी तब बनाएगी ना आंटी.. वो तो अपने आशिक से साथ भाग गई.. जब मैं छोटा था..
लीला गौतम की शकल देखकर उसपर तरस खाते हुए गौतम को गले लगा कर - हाय.. इतने फूल से प्यारे बच्चों को छोड़ के चली गई.. कितनी पत्थर दिल होगी वो..
गौतम लीला को अपनी बाहों में जकड़के अपनी तरफ खींच लेता है औऱ उसकी गर्दन के पास होंठ से चूमते हुए इमोशनल ड्रामा करते हुए कहता है - माँ की बहुत याद आती है आंटी.. काश वो भी आपके जितनी ही अच्छी होती..
लीला गौतम के चेहरे को अपने दोनों हाथों की हथेलियों में लेकर गौतम के गाल चूमते हुए कहती है..
लीला - बेटा मैं तेरी माँ तो नहीं हूँ पर तू मुझे अपनी माँ की तरह ही समझ सकता है.. तेरी जब इच्छा हो तू यहां आकर मेरे हाथ का खाना खा सकता है. मुझसे बात कर सकता है..
गौतम मुस्कुराते हुए - शुक्रिया आंटी..
लीला - बता क्या खायेगा? क्या बनाऊ तेरे लिए?
गौतम - फिलहाल एक कप चाय से काम चल जाएगा..
लीला मुस्कुराते हुए - ठीक है बेटा..
गौतम - आपका नाम क्या है आंटी?
लीला चाय चढ़ाते हुए - लीला बेटा.. तेरा?
गौतम - गौतम आंटी..
दोनों में बातें शुरु हो जाती है औऱ जब चाय बनती है तो गौतम से रहा नहीं जाता औऱ वो लीला की गांड पर एक थप्पड़ मार देता है जिससे चाय छन्नी करती लीला का बैलेंस ख़राब हो जाता है औऱ चाय गौतम की जीन्स पर गिर जाती है..
लीला - ये क्या कर रहा है.
गौतम जीन्स पर से चाय साफ करता हुआ औऱ चाय की गर्माहट से झूझता हुआ - मच्छर था आंटी आपकी साडी पर उसे मार रहा था.. अह्ह्ह..
लीला गौतम को दर्द में देखकर - बेटा.. इधर दिखा.. बहुत जल रहा है? कहाँ जला.. दिखा जरा.
गौतम अपने लंड पर हाथ रखकर दर्द में होने का नाटक करते हुए - रहने दो आंटी आप मत देखो..
लीला गौतम का हाथ हटाते हुए - हाथ हटा ना.. दिखा तो एक बार..
गौतम औऱ नाटक करते हुए - नहीं आंटी आप मत देखो..
लीला जबरदस्ती गौतम का हाथ हटाकर जीन्स खोल देती है.. गौतम ने चड्डी पहनी नहीं थी सो गौतम का लम्बा मोटा लोडा उसके सामने आ कर लहरा जाता है जो सीधा शीला के होंठों पर टकर मारता है.
लीला लंड को देखकर सन्न रह जाती है औऱ लंड को ही देखती रह जाती है एक बार के लिए उसकी काम भावना बाहर आने लगती है जिसे वो अंदर ही दफ़न करके रह जाती है..
गौतम कुछ देर बाद वापस दर्द में होने का नाटक करते हुए - आंटी बहुत जल रहा है..
लीला लंड पकड़ कर - कहा हो रहा है बेटा.
गौतम लड के टोपे पर हाथ लगा कर - यहाँ आंटी बहुत जल रहा है..
लीला लंड के टोपे पर हाथ लगाती है तो गौतम सिसकते हुए कहता है - हाथ मत लगाओ आंटी..
लीला - बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है बेटा?
गौतम - बहुत आंटी.
लीला लंड देखकर काम के सानिध्य में आ चुकी थी और गौतम का धागा लाल हो चूका था. उसने लंड पर अपनी जीभ फिरा दी और चूमते हुए कहा - अब ठीक लगा बेटा..
गौतम - हाँ आंटी.. थोड़ा सा दर्द कम हुआ..
शीला लंड मुंह लेकर टोपा चूती हुई - दर्द कम हुआ बेटा?
गौतम लीला को देखकर - हाँ आंटी.. हो रहा है..
इतना कहकर गौतम ने लीला के सर पर हाथ रखकर उसके मुंह में लंड औऱ घुसा दिया फिर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा..
लीला बिना कुछ बोले गौतम का साथ देने लगी औऱ उसका लंड चूसने लगी...
गौतम ने कुछ ही पलों में लीला के मुंह में वीर्य की धार छोड़ दी..
लीला गौतम का मुठ पीकर खड़ी होती हुई - तू ठीक है ना बेटा अब..
गौतम - हाँ आंटी अब बहुत आराम है
लीला भी काम भावना से गौतम को देख रही थी जिसे गौतम समझ रहा था..
गौतम - ठीक है आंटी अब मैं चलता हूँ खाना फिर कभी खा लूंगा..
लीला गौतम का हाथ पकड़कर - बेटा.. तेरी बाइक नीरज लेकर गया है तू उसे वापस लेकर ही जाना.. तब तक मैं तेरा दर्द औऱ ठीक कर देती हूँ..
गौतम भोलेपन का नाटक करते हुए - वो कैसे आंटी?
लीला गौतम को अंदर कमरे में लेजाती हुई - बताती हूँ बेटा.. चल..
गौतम मासूमियत का नाटक करते हुए - यहां क्यों लाई हो आंटी?
लीला - बेटा तूने कभी गाडी चलाई है?
गौतम - हाँ आंटी रोज़ चलाता हूँ..
लीला - वो गाडी नहीं बेटा.. जो औरत के ऊपर चढ़कर चलाते है..
गौतम जान कर भी अनजान बनता हुआ - नहीं आंटी.. मैं तो कभी किसी औरत के ऊपर चढ़ा ही नहीं..
लीला - कितना भोला है तू.. चल आज मैं तुझे गाडी चलाना सिखाती हूँ तेरा दर्द बिलकुल ख़त्म हो जाएगा.. आ लेट जा बेड पर..
गौतम पिठ के बल लेटते हुए - पर आंटी?
लीला गौतम की जीन्स नीचे करके लंड हिलती हुई - बेटा कभी मम्मी ने दूदू भी नहीं पिलाया होगा तुझे? आ मैं पीलाती हूँ..
गौतम लीला के बूब्स पकड़ कर चूसता हुआ - आपके तो बहुत बड़े बड़े है आंटी..
लीला - अहह.. बेटा ये निप्पल्स चूस.. हाँ.. ऐसे.. आह्ह.. अच्छा लगा?
गौतम बूब्स चूसते हुए - हाँ आंटी बहुत अच्छा..
लीला - ये वाला भी चूस ले बेटा..
गौतम दूसरा बूब्स चूसते हुए - आपके दूदू आता ही नहीं है आंटी..
लीला - कैसे आएगा बेटा.. तूने दही जो नहीं डाला मेरे अंदर..
लीला गौतम के लंड को साडी उठाके अपनी फटी हुए भोसड़े में घुसाती हुई मीठे दर्द से - अहह.. बेटा..
लीला लंडपर धीरे धीरे उछल कर चुदवाते हुए मजे लेती हुई आँख बंद कर लेटी है औऱ गौतम मुस्कुराते हुए अब लीला का हाथ पकड़कर अपने ऊपर खींच लेता है औऱ उसे पलटकर होने नीचे लेटा लेता है औऱ झटके मारने लगता है.. लीला कुछ ही झटको में झड़कर ढीली पड़ गई पर गौतम लगातर चोदता रहा..
लीला आहे भरते हुए - अहह.. बेटा आराम से गाडी चला..
गौतम - आंटी पीछे से गाडी चलानी है..
लीला घोड़ी बनती हुई - रुक बेटा.. ले चला पीछे से गाडी..
गौतम चुत में वापस लंड डालके चोदता हुआ - आंटी बहुत मस्त गाडी है आपकी..
लीला - तू नंबर लेजा बेटा.. जब भी गाडी चलाने का मन हो फ़ोन कर देना..
गौतम - ठीक है आंटी.. और नंबर लेने के बाद वापस तेज़ तेज़ झटके मारते हुए चोदने लगता है..
गौतम लीला की चुत में घुसा हुआ उसे चोद रहा था औऱ जब वो झड़ने वाला था तभी कमरे में नीरज अंदर आते हुए बोला - माँ पापा ने आपको भी बुलाया है.. औऱ ये कहने के बाद जैसे ही गौतम औऱ शीला को देखा उसका सर चकरा गया औऱ गौतम शीला की चुत में झड़कर ढीला पड़ गया..
नीरज गुस्से में गौतम की शर्ट का कॉलर पकड़कर से - अबे तूने मेरी माँ चोद दी? मैं तुझे जान से मार दूंगा..
लीला साडी नीचे करके - नीरज छोड़ उसे..
गौतम अपनी जीन्स ऊपर करके पहनते हुए - नाराज क्यों हो रहा है.. प्यार से बात करते है.. आंटी देखो ना...
लीला - छोड़ नीरज उसे..
नीरज गुस्से में - नहीं माँ मैं इसका खून कर दूंगा..
शीला नीरज को जमा के थप्पड़ मारती हुई - छोड़ इसे..
नीरज गौतम की गिरेबान छोड़ता हुआ - माँ इसने आपके साथ..
गौतम - आंटी मैं तो गाडी चला रहा था...
लीला - जो हुआ सो हुआ. तू किसीसे कुछ नहीं कहेगा नीरज समझा? चल तेरे पापा के पास चलते है..
गोतम नीरज से - भाई बाइक चाबी देदे मुझे भी जाना है.
लीला मुस्कुराते हुए - तू पहले नीरज औऱ मुझे छोड़ दे फिर जाना..
गौतम - है आंटी..
घर से बाहर आकर..
गौतम - नीरज तू ही चला बाइक.. चाय गिर गई थी मेरी ऊँगली में हल्का सा दर्द है..
नीरज बाइक स्टार्ट करता हुआ बैठ..
गौतम - आंटी बैठो..
लीला - मैं पीछे बैठ जाउंगी तू बैठा जा..
गौतम - गिर जाओगी आंटी आप बीच में बिठो..
लीला बीच में बैठ जाती है औऱ गौतम पीछे..
गौतम लीला के साथ छेड़खानी करने लगता है..
गौतम शीला का चुचा पकड़कर मसलता हुआ शीला के मुंह को अपनी तरफ घुमा के चूमने लगता है..
लीला भी मज़े लेती है औऱ नीरज मिरर से सब देखकर भी चुपचाप बाइक चलाता है और लीला से कुछ नहीं कहता...
गौतम नीरज और लीला को उनके कही जगह छोड़कर..
गौतम - चलता हूँ आंटी..
लीला नीरज के सामने ही गौतम का लंड दबाकर - वापस आएगा ना मिलने बेटा..
गौतम नीरज को देखकर लीला का बोबा दबाता हुआ - जल्दी आऊंगा आंटी... नीरज से शमा का ख्याल रखना..
नीरज गुस्से से लीला और गौतम को देखकर - जा यहां से..
गौतम मुस्कुटे हुए अपने घर चला जाता है..
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गौतम - इतने दिनों से बस सोच रही हो आप.. हर्ज ही क्या है आपको रूपा और माधुरी के साथ रहने में? कब से वो दोनों आपको बुला रही हैं मगर आप है की जाना ही नहीं चाहती.. ऐसी छोड़ दो माँ.. हम कब तक इस घर में रहेंगे? आप जो चाहती थी वह होने वाला है आपको एक नया घर मिलने वाला है आप घर की मालकिन बनने वाली हो मगर पता नहीं क्यों आपने अपनेआप को रोका हुआ है.. एक बार फिर से सोच लो माँ.. रूपा और माधुरी दिल की बुरी नहीं है.. वह दोनों आपको अपनी बड़ी बहन की तरह रखने को तैयार है.. आप कहेंगी तो मैं भी उन दोनों से दूरी बनाकर रखूंगा.. आप इस तरह वहां जाने से इंकार मत कीजिए..
गौतम ने समझाते हुए अपनी मां सुमन को यह सब कहा तो सुमन पलटकर गौतम को जवाब देती हुई बोली..
सुमन - मैं नहीं जानती ग़ुगु मेरा रूपा और माधुरी के साथ नहीं रहने का फैसला सही है या गलत.. मगर मैं बस इतना जानती हूं कि मैं तुझे उन दोनों के साथ अब और नहीं देख सकती.. मैं किसी भी कीमत पर रूपा और माधुरी के साथ उस घर में नहीं रहूंगी और ना ही तुझे रहने दूंगी..
गौतम सुमन की बातें सुनकर घर से निकलते हुए उसे कहता है..
गौतम - जैसी आपकी इच्छा माँ.. अगर आप नहीं जाना चाहती तो कोई बात नहीं.. मैं आपके ऊपर यहां से चलने के लिए और दबाव नहीं डालूंगा.. आपके साथ मैं यहां भी आराम से रह सकता हूं.. मैं बस आपकी ख़ुशी के लिए आपको समझा रहा था..
ये कहते हुए गौतम घर से निकल जाता है और कार लेके आदिल के चाचा के घर के पास एक मोड़ पर आकर रजिया को फ़ोन करता है और उसे बहाना बनाकर घर से बुलाकर अपने साथ कार में बैठा कर कहीं जाने के लिए निकल पड़ता है..
गौतम के फोन पर आदिल का फोन आ जाता है जो उसे एक जगह मिलने के लिए कहता है..
गौतम आदिल की बताइ किसी जगह पहुंचता है तो देखा है कि आदिल अपने मामू की लड़की नरगिस के साथ खड़ा था.
शाम के 5:00 बजे का समय था और इस वक्त आदिल नरगिस के साथ एक पार्क के पास खड़ा था साथ ही उसके करीब उसके मामा की लड़की नरगिस भी खड़ी थी जो की बुर्के में थी. गौतम रजिया को लेकर उसी पार्क के पास आदिल की खड़ी जगह आ जाता है..
आदिल रज़िया को देखता है तो वो चौंक जाता है रज़िया आदिल को सलाम करती है और आदिल गौतम से कहता है..
आदिल - अबे रज़िया ही मिली थी तुझे?
गौतम - अब तेरी अम्मी को साथ से लाने से मना कर दिया तूने.. तो और किसको लाता? एंट्री चाहिए ना..
आदिल गाडी मैं बैठते हुए - ठीक है चल..
गौतम आदिल नरगिस सबको को गाडी में बैठा लेता है और चल देता है..
आदिल - मास्क तो ले लिये ना तूने?
गौतम - हाँ.. सब है..
नरगिस - मास्क लगाकर फ़िल्म देखेंगे?
आदिल - हाँ ख़ास फ़िल्म है मज़ा आएगा तुझे..
रज़िया - गौतम.. कोनसी फ़िल्म है..
गौतम - अभी पता नहीं.. जाकर पता चलेगा..
नरगिस - कहा जाना है? नया सिनेमाहॉल खुला है?
आदिल - नहीं.. पुराना है.. बहुत ख़ास है.. आसानी से टिकट नहीं मिलती.. बड़ी मुश्किल से मिली है..
रज़िया मुस्कुराते हुए - अच्छा? फ़िल्म देखते टाइम हमारे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं करोगे ना..
आदिल नरगिस की चूची पकड़ता हुआ - ज्यादा कुछ नहीं बस एक राउंड लेंगे..
नरगिस आदिल से अपनी चूची छुड़वाते हुए - क्या?
गौतम रज़िया की चुत पर हाथ लगाते हुए - ये..
रज़िया गौतम की तरफ बढ़कर उसके गाल चूमते हुए - सिर्फ एक बार ही लोगे?
गौतम रज़िया के होंठ चूमते हुए - तू एक राउंड ही संभाल लेना मुझे..
आदिल - गौतम मेडिकल पर रोक कंडोम ले लेता हूँ..
गौतम - छोड़ यार.. ये तो तेरे घर की घोड़िया है इनके साथ भी क्या कंडोम लगा के करेंगे?
नरगिस आदिल से - नहीं.. मैं बिना कंडोम नहीं करने दूंगी..
आदिल - रोक ले यार तू.. ले आता हूँ..
गौतम मेडिकल पर ग़ाडी रोकता है और आदिल कंडोम लेने चला जाता है..
रज़िया गौतम के ऊपर चढ़कर उसके होंठो पर टूट पडती है और अपने होंठों से चूमने लगती है जिसे देखकर नरगिस कहती है..
नरगिस - रज़िया तू तो यही शुरु हो गई.. अरे जगह तो देख ले.. लोग है आस पास..
रज़िया kiss तोड़कर - क्या करू नरगिस.. जब पास में ऐसा हसीन लड़का हो तो कैसे सब्र करू..
आदिल कंडोम लेकर आ जाता है साथ अपने लिए सेक्स पावर की गोली भी ले लेता है..
रज़िया वापस सीट पर आ जाती है और गौतम गाडी को चला कर सीधा एक पुरानी ईमारत के पीछे की बेसमेंट में लगा देता है जहा कोई नहीं था सब सुनसान था..
नरगिस - यहां कोनसी मूवी चल रही है? कोई भी तो नहीं है..
रज़िया - हाँ.. यहां तो कोई नहीं है.. और ये इलाका भी बहुत सुनसान है..
आदिल - अरे ऊपर है सिनेमा हॉल..
नरगिस - इस बिल्डिंग में?
आदिल - हाँ..
रज़िया - झूठ मत बोलो आदिल भाई.. तुम दोनों हमें किसी फ्लेट में लेजाकर पेलने वाले लगते हो..
नरगिस - आदिल.. ये क्या मज़ाक़ है.. तुम्हे करना था तो वही कर लेते.. मैंने मना थोड़ी किया था..
गौतम गाडी से उतरते हुए - अरे ख़ुफ़िया फ़िल्म है.. चलो आ जाओ.. चलते है..
गौतम आदिल रजिया और नरगिस के साथ उस पुरानी बिल्डिंग के बेसमेंट में गाड़ी लगाकर आगे की तरफ आ जाता है और सीडीओ से चढ़ता हुआ तीसरी मंजिल पर पहुंचता है.. यहां तक सारा रास्ता सुनसान था और कोई भी नहीं था मगर जैसे ही वह एक दरवाजे से एंट्री लेकर अंदर घुसते हैं वहां बहुत चल पहला और शोर शराब सब कुछ था.. वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी और सब किसी न किसी के साथ थे.. सब ने मास्क लगाया हुआ था और यहां पर गौतम ने भी सबको मास्क लगाने के लिए कह दिया था..
वहां से एक दरवाजे पर एंट्री पॉइंट था जहां पर दो लोग खड़े हुए थे और पर कपल एंट्री कर रहे थे लोग अपनी टिकट दिखाकर अंदर हाल की तरफ जा रहे थे और अपनी-अपनी सीट पर बैठ रहे थे सामने एक बड़ा सा पर्दा था जैसे कि आमतौर पर सिनेमा हॉल में होता है..
इस हाल की खास बात यह थी कि यहां पर हर तरफ से एंटी और एग्जिट प्वाइंट बने हुए थे पूरा कमरा साउंड प्रूफ था जिससे कोई भी शोर बाहर नहीं जा सकता था. सामने का पर्दा भी बिल्कुल सिनेमा हॉल की तरह साफ सुथरा और क्लियर था जिस पर कुछ ही देर में कोई पिक्चर चलने वाली थी..
गौतम ने रजिया के साथ तो आदिल ने नरगिस के साथ एंट्री ली.. एंट्री लेकर चारों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए जो गौतम के फ्रेंड ने रिक्वेस्ट करके दिलवाई थी..
5:00 बजने वाले थे और 6:15 पर पिक्चर शुरू होने वाली थी जो की डेढ़ घंटे की थी.. आज पिक्चर का थीम incest पर था जिसमें पारिवारिक रिश्तों में व्यभिचार को दिखाते हुए अश्लीलता का प्रदर्शन किया जा रहा था.. फिल्म का पोस्टर देखने से ऐसा लगता था कि इसमें घर में होने होने वाले व्यभिचार को कामुकता के रंग में रंगकर परोसा गया है..
सीट पर बैठते ही गौतम ने नरगिस के गले में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होंठो रखते हुए उसके होठों को खींचते हुए इस तरह चुम्मा जैसे कि वह आदिल की गर्लफ्रेंड ना होकर उसकी अपनी गर्लफ्रेंड हो..
नरगिस विरोध करना चाहती थी मगर एकदम से हुए इस हमले पर वह अपनी प्रतिक्रिया देने में असमर्थ थी और उसके होंठ गौतम के होठों के गुलाम बन गए. उसने अपने होठों के जाम गौतम को पिला दिए और जब गौतम उसके होठों को चुमकर चुत पर अपना हाथ रखता है तब नरगिस गौतम को रोक देती है और उसके साथ चुंबन को तोड़ लेती है..
आदिल ये सब देख रहा था मगर उसने गौतम को रोकने का कोई इरादा नहीं किया और ना ही उसने कोई कोशिश की.. वो बस सामने देखता हुआ पर्दे की तरफ देखने लगा..
रज़ीया ने गौतम को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होठों पर होंठ लगाती हुई बोली..
रज़िया - मैं हूँ ना.. गौतम.. मेरे साथ करो..
गौतम ने रज़िया को चुमा और चूमते हुए उसके बदन का जायजा लेने लगा. उसके बदन और गांड पर हाथ फिरता हुआ वह रजीया को चूमे जा रहा था कि सामने पर्दे पर पिक्चर शुरू हो चुकी थी..
हॉल के अंदर बैठे हुए सभी कपल एक दूसरे के साथ चुम्माचाटी और दूसरी तरह की कामुक हरकतो में लीन हो चुके थे वही सामने फ़िल्म की शुरुआत में दिखाया जा रहा था की एक 45 के करीब की खूबसूरत औरत एक 25 साल के लड़के के आगे घोड़ी बनी हुई थी और लड़का उसे चोद रहा था.
फ्लिम में चुत और लंड का सम्पर्क दिखाते हुए उन दोनों के चेहरे भी दिखाए जाते है.. इसीके साथ सामने दिवार पर लटकी घड़ी में रात के 2 बजे का समय दिखाया जाता है और उसके पास एक तस्वीर दिखाई जाती है जिसमे एक 50 साल का आदमी का चेहरा था जिसकी फोटो पर माला चढ़ी हुई थी.. उसी तस्वीर के करीब बाजू में एक और बड़ी सी तस्वीर थी जिसमे वो आदमी इस वक़्त चुद रही उस औरत के साथ खड़ा था और जो लड़का औरत को चोद रहा था वो उन दोनों के पैर छू रहा था.. जिससे पता चलता है की इस वक़्त जो लड़का जिस औरत को चोद रहा है वो उसकी माँ है और उसके बाप की मौत हो चुकी है..
नरगिस और रज़िया को अब पता चल गया था की ये सेक्स मूवी है.. हाल में बैठे हुए कपल में से बहुत से कपल ने अपने कपड़े साइड में रख दिए थे और अपने लंड और साथ आई लड़की की चुत और चुचो को भी नंगा कर दिया था और सेक्स की शुरुआत कर दी थी..
आदिल सेक्स की गोली खा चुका था और इस वक्त उसने नरगिस को अपनी बाहों में लेकर चूमना शुरू कर दिया था इसी के साथ ही गौतम ने भी रजीया के साथ मुंह मारना शुरू कर दिया था और अपना लंड बाहर निकाल कर रजीया के मुंह में दे दिया था जिसे रजीया बड़ी जोर से चूसते हुए मुस्कुराकर गौतम को देख रही थी..
गौतम रजिया को लंड चूसते हुए नरगिस की चुत पर हाथ रखकर उसकी चुत मसल रहा था.. काजल की बाहों में नरगिस यह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी चुत पर किसका हाथ है और वह गौतम को अपनी चुत पर हाथ लगाने से नहीं रोक रही थी.. आदिल में जब नरगिस को अपनी बाहों से थोड़ा ढीला छोड़ तब उसे पता चला कि उसकी चुत पर आदिल का नहीं बल्कि गौतम का हाथ था और उसने गौतम का हाथ हटाने की कोशिश की मगर गौतम ने नरगिस की चुत को कस के पकड़ लिया और मसल दिया जिससे नरगिस की आह निकल गई..
नरगिस की नजर जब गौतम के लंड पर गई तब उसकी आंखें खुली की खुली रह गई और लंड चुस्ती हुई रजिया को देखने के बाद में नरगिस की नजर गौतम के चेहरे पर पड़ी जिसपर एक कातिल मुस्कान छाई हुई थी..
गौतम का लंड देखने के बाद नरगिस ने गौतम के चेहरे पर मुस्कान देखी.. नरगिस भी मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगी और इस बार उसने अपनी चुत से गौतम का हाथ हटाने का कोई इरादा नहीं किया और गौतम को अपनी चुत से छेड़खानी करने की इज़ाज़त दे दीं. गौतम एक हाथ से नरगिस की चुत मसल रहा था दूसरे से अपना लंड चुस्ती हुई रज़िया की चुत को मसल रहा था..
आदिल भी नरगिस के होठों को चूमते हुए उसके बूब्स दबा रहा था और नरगिस के मज़े ले रहा था..
फिल्म मैं आगे दिखाया गया कि वह लड़का उस औरत के साथ घर के हर कोने में रोमांस कर रहा था और रोमांस करते हुए औरत को खुश रख रहा था साथ ही उसके साथ भर भर के चुदाई का काम भी कर रहा था.. दोनों की चुदाई की धमाकेदार आवाजे हॉल के स्पीकर से इतनी देर आ रही थी की हॉल में कपल की चुदाई की आवाजे उसमे दब कर रह जा रही थी..
आदिल ने नरगिस की सलवार नीचे करके उसे घोड़ी बना लिया और गौतम की तरफ नरगिस का मुंह करके पीछे से कंडोम लगाकर चोदने लगा..
गौतम के सामने जब नरगिस का चेहरा आया तो गौतम ने नरगिस के बाल पड़कर उसका चेहरा अपने लंड पर झुका दिया और नरगिस पीछे आदिल से चुदवाते हुए आगे रज़िया की तरह गौतम के लंड को चूसने लग गई..
गौतम के लंड पर रज़िया और नरगिस दोनों का मुंह था और दोनों बड़े चाव से लंड चूसती हुई गौतम के आंड चाट रही थी..
गौतम ने सामने हाल में देखा तो परदे की रोशनी मैं उसे कई कपल चुदाई करते हुए नज़र आ रहे थे उसके पास भी जो कपल बैठा हुआ था सेक्स करने लगा था...
गौतम को अब चुत चोदनी थी उसने नरगिस के मुंह से अपना लंड निकाल लिया और रज़िया की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पर बैठा लिया..
गौतम ने चुत पर लंड लगाते हुए झट से रज़िया की चुत में अपना लंड घुसा दिया.. रज़िया बहुत कामुक लड़की थी उस ने अपनी चुत में गाजर मूली बैगन बैलन लोकी सब घुसाईं हुई थी तो गौतम के लंड को अंदर जाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई मगर जब आधे से ज्यादा लंड जाने लगा तो रज़िया की चीख निकल गई और गौतम ने उसे चोदना शुरु कर दिया..
रज़िया की सडक छाप कुतिया की तरह सिसकते हुए गौतम के लंड पर उछल रही थी और आदिल नरगिस के बाल पकड़ कर पीछे से उसकी चुत मार रहा था और अब वो झड़ने वाला था.. रज़िया भी गौतम का लंड लेते ही झड़ गई और अब उसकी चुत पूरी गीली थी जिससे लंड ऊपर नीचे होने में ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था.. चुदाई चरम पर थी चारो सम्भोग में सुख भोग रहे थे.. फ़िल्म भी अपनी गती से आगे बढ़ रही थी और चुदाई पर चुदाई हो रही थी हॉल में कपल खुलकर एक दूसरे को चोद रहे थे सबकी शर्म निकल चुकी थी..
आदिल भी झड़ गया और सीट पर बैठ गया.. गौतम ने रज़िया को लंड पर से उतार दिया और आगे सीट पर झुका कर पीछे से उसकी चुत मारने लगा.. इसके साथ उसने देखा की नरगिस भी सीट पर बैठकर आदिल का कंडोम बांध कर सीट के नीचे रख रही थी.. गौतम ने थोड़ी देर रज़िया को छोड़ तो वो काम के चरम पर पहुंचकर वापस झड़ गई..
गौतम ने रज़िया छोड़ दिया और नरगिस का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया.. नरगिस भी बिना कुछ कहे गौतम के ऊपर आ गई और बिना कंडोम की परवाह किये गौतम के लंड को सिसकारियों और कामुक आवाजो के साथ चुत में ले गई..
गौतम ने नरगिस को गोद में उठाकर चोदना शुरुआत कर दिया जिसे आस पास के कपल देखकर तालिया बजाते हुए शोर करने लगे... .
फ़िल्म आधी ख़त्म हो चुकी थी और आदिल ने अब रज़िया का हाथ पकड़कर उसे सीट पर घुमा लिया और चुत में लंड डाल कर चोदने लगा रज़िया आदिल के लंड से आराम से चुद रही थी और गौतम को देख रही थी जो नरगिस को लोडे पर उछाल उछाल के चोद रहा था. नरगिस झड़ गई और हाफने लगी मगर गौतम चोदे जा रहा था.. और ताबड़तोड़ झटके माररहा था.
गौतम ने इशारे से आदिल को कुछ कहा तो वो रज़िया को छोड़कर गौतम के आगे आ गया और नरगिस के पीछे खड़ा हो गया.. गौतम ने चोदना रोका तो आदिल ने नरगिस की गांड के छेद पर अपना खड़ा लंड लगा के झटका मारा और अपना लंड नरगिस की गांड में पेल दिया..
नरगिस गांड मरवा चुकी थी इससे उसकी गांड में लंड आराम से चला गया और अब वो आदिल और गोतम के बीच आगे पीछे दोनों तरफ से चुद रही थी उसकी चीखे आदिल के कानो में मिश्री बनकर पड़ रही थी.. नरगिस की हालात खराब थी वो दोनों से छोड़ने को कह रही थी मगर दोनों उसको आगे पीछे से चोदे जा रहे थे..
आदिल ने चुदाई के दौरान नरगिस को कौशल की बात बता दीं और गाली देते हुए कहा..
आदिल - मुझे धोखा देगी रंडी.. ले.. चुदाई खानी छिनाल.. लंड चाहिए ना तुझे.. चुद अब..
नरगिस पहले ही इतनी हार्ड चुदाई से थक चुकी थी और अब उसे दर्द हो रहा था वही आदिल की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो चुकी थी और अब उसने दोनों से छोड़ने की अपील करना भी बंद कर दिया था..
रज़िया सीट पर बैठी हुई नरगिस की चुदाई देखकर घबरा गई थी और उसने अपनी चुत कपडे से पोंछकर वापस चुदने का इरादा छोड़ दिया रहा..
आदिल और गौतम के साथ नरगिस की चुदाई देखकर लोग तालिया बजाते हुए अपने अपने साथी के साथ मज़े ले रहे थे फ़िल्म में भी चुदाई का सीन चल रहा था जहा माँ रसोई में खाना बनाते हुए बेटे से चुद रही थी..
आदिल वापस झड़ गया और नरगिस की गांड में खाली होकर सीट पर आ बैठा वही अब गौतम भी झड़ने वाला था उसने नरगिस को सीट पर पटक दिया और रज़िया के बाल पकड़कर उसके मुंह को नरगिस के मुंह के पास लाकर दोनों के मुंह के सामने अपना लंड हिलाते हुए उनके मुंह पर अपना वीर्य एक के बाद एक अपनी पिचकारी से कई धार छोड़कर झड़ गया..
नरगिस शर्म और चुदाई से बेहाल थी वही रज़िया दो बार झड़कर संतुष्ट और खुशहाल हो चुकी थी..
फ़िल्म समाप्ति की और थी..
रज़िया ने मुंह में लेकर गौतम का लंड साफ किया और अपने मुंह अपने दुप्पटे से.. नरगिस भी उसी दुप्पटे से मुंह साफ करने लगी..
आदिल का गुस्सा शांत नहीं हुआ था वो दो बार झड़ चूका था और होली खाने से अब भी उसका लंड सख्त था उसने पहिसे नरगिस को सीट पर घोड़ी बना लिया और नरगिस शर्म के मारे बिना कुछ बोले सिसकती हुई वापस आदिल से गांड मरवाने लगी..
थोडी देर बाद गौतम ने आदिल को नरगिस के पीछे से हटा दिया और अपना लंड नरगिस की गांड में घुसा दिया जिससे नर्गिस गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाते हुए गांड मराने लगी आदिल के दिल को सुकून मिल गया और उसने रज़िया को भी उसी तरह घोड़ी बना लिया..
अगल बगल रज़िया और नरगिस एक जैसी पोज़ में घोड़ी बने हुए थे.. नरगिस की गांड में गौतम खलबली मचा रहा था और रज़िया की चुत में आदिल उतरा हुआ था मगर रज़िया को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा था.. रज़िया अपने दाने को छेड़ती हुई वापस कामुक हो रही थी और आदिल से चुद रही थी वही नरगिस तो ऐसे फसी जैसे रज़िया गुंडों में..
नरगिस ने हाथ जोड़कर गौतम से छोड़ने को कहा तो गौतम को तरस आ गया और उसने नरगिस की गांड से लंड निकाल लिया.. आदिल भी रज़िया के साथ वापस झड़ गया था.
गौतम के लंड पर किसी की नज़र पड़ी तो उसने गौतम को देखकर कहा.. बड़े लंड वाल.. बड़े लंड वाला.. गौतम के आस पास की 3-4 लड़की जो अपने कपल के साथ थी गौतम का लंड देखकर गौतम पर टूट पड़ी और एक साथ उसके लंड को चूसने लगी..
गोतम को अचानक समझ नहीं आया की ये क्या हुआ.. आदिल रज़िया और नरगिस भी ये सब देख रहे थे.. गौतम सामने 4-5 लड़किया बैठकर उसके लंडपर टूट बड़ी किसी ने उसके टट्टे चाटे किसी ने लंड किसी ने जांघ किसी ने झाट वाला हिस्सा.. गौतम कामुकता से वापस भरने गया था..
फ़िल्म ख़त्म होने ही वाली थी और एक एग्जिट point खुल चूका था जहा से अब कपल बाहर जाने लगे थे.. गौतम लड़कियों के चारे के मास्क उतारे तो उसे बेहद खूबसूरत खूबसूरत लड़किया अपने लंड दिखी जो रसीसजाडीया मालूम पडती थी..
आदिल ने गौतम से इशारे ने निकलने को कहा तो गौतम ने उसे इशारे से जाने के लिए कहा और आदिल रज़िया को इशारा करके वहा से जाने लगा आदिल के पीछे पीछे रज़िया भी लचकती हुई निकल गई और नरगिस हॉल में लगी सीट का सहारा लेते लेते बाहर निकली उसकी आज हालात खराब हो चुकी थी.. गौतम का लंड बारी बारी से सबके मुंह में जा रहा था और गौतम को लगने लगा था की अब अगर वो नहीं निकला तो लाइट on हो सकती है और फिर उसका चेहरा कोई भी देख सकता है..
गौतम ने लंड हाथ में लिया और मुठियाते हुए सामने बैठी लड़कियों के ऊपर अपना माल छोड़ दिया और हाल से अपने जीन्स पहनते हुए भागकर निकल गया..
आदिल के दिल में सुकून भर गया था उसके सामने नरगिस शर्म से पानी पानी होकर अपनी गांड पकडे खड़ी थी और रज़िया हसते हुए गौतम के लंड से मिले सुकून को महसूस करते हुए..
हॉल से निकले सब लोग आगे पार्किंग में जारहे रहे और गौतम पीछे पार्किंग में आदिल के पास आ गया..
गौतम कार मैं बैठ गया और बाकी लोग भी बैठ गए आदिल वहां से निकल गया और रास्ते में एक चाय की दूकान पर गाडी रोककर चाय वाले से चार चाय देने को कहते हुए आदिल से नरगिस का हाल पूछने को कहा..
गौतम - लगता है नरगिस नाराज़ है..
आदिल हसते हुए - कौशल की याद आ रही होगी..
नरगिस चुप थी और शर्मिंदा भी..
रज़िया - कितना रगड़ के किया था तुम दोनों ने इसके साथ... मैं तो घबरा ही गई थी कही मुझे भी इसकी तरह ना चुदवाना पड़े..
चायवाला - आपकी चाय..
सबने चायवाले से अपना अपना कुल्हड़ लेके चाय पीना शुरु कर दिया.. नरगिस को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करें.. वो चुपचाप चाय पी रही थी..
आदिल ने गौतम के कान में कुछ कहा और गौतम ने रज़िया के कान में.. रज़िया हस्ती हुई दोनों को देखने लगी..
सबने चाय पीकर कुल्हड़ बाहर फेंक दिया.. चायवाला आकर - भाईसाब आपकी 4 चाय के 60 हो गए..
गौतम आदिल को देखकर - मेरी पास तो नहीं है आदिल तू देदे..
आदिल - मेरी पास भी नहीं है यार.. रज़िया तू दे दे..
रज़िया - तुम्हारे पास नहीं है तो मेरी पास कय होंगे... मैं भी बिना पैसे आई थी..
गौतम - नरगिस तुम पैसे दे दो..
नरगिस शर्मिंदगी से - मेरी पास भी नहीं है..
आदिल नरगिस को बिना उसका पर्स लिए ही ले आया था इसलिए वो जानता था नरगिस के पास पैसे नहीं है.. वो गौतम और रज़िया के साथ मिलकर ये नाटक कर रहा था..
चायवाला - इतनी अच्छी कार है भाईसाहब आपके पास.. 60 रुपए तो होंगे ही..
गौतम - आज भूल गया पैसे लाना यार.. कुछ और हो सकता है..
चायवाला - क्या मतलब?
आदिल - अरे भाईसाब आप पीछे आओ ना..
चायवाला पीछे कार की खिड़की में देखता हुआ - क्या?
आदिल नरगिस के चुचे पकड़ कर - भाईसाब पैसे के बदले इसके चुचे चूस लो..
चायवाला हैरानी से चुप था..
आदिल - क्या हुआ भाईसाब? आओ अंदर बैठ जाओ.. चूस लो..
चायवाला कामुकता से भर गया और गाडी के अंदर बैठ गया..
आदिल ने नरगिस के चुचे कुर्ती से बाहर निकाल दिए और चायवाला झपट कर नरगिस के बोबे चूसने लगा.. आदिल और गौतम एक दूसरे को देखकर हसने लगे वही नरगिस चुपचाप शर्मिंदा बैठी हुई चायवाले को चुचे चूसा रही थी..
आदिल - भाईसाब सिगरेट मिलेगी..
चायवाला चुचे चूसता हुआ - अभी लाया भाईसाब..
चायवाला एक बड़ी एडवांस सिगरेट और लाइटर लेके आ गया और आदिल को दे कर वापस नरगिस के चुचे चूसने लगा..
आदिल ने एक कश लेकर सिगरेट गौतम को दे दी..
गौतम सिगरेट के कश लेते हुए चायवाले से बोला - भाईसाहब नाम क्या है आपका..
चायवाला - विनोद कुमार..
गौतम - विनोद भाई एक चाय और पीला दो..
नरगिस विनोद को अब अपने चुचे से हटा कर चुचे कुर्ती में वापस डाल लेती है और मुंह मोड़कर बैठ जाती है..
चायवाला - महगाई का टाइम है भाईसाब.. बिना वैसे कैसे चलेगा..
रज़िया विनोद के लंड पर हाथ रखकर - विनोद भाई.. पीला दो ना..
चायवाला विनोद - लता हूँ बहन जी..
आदिल हसते हुए - क्या बात है.. रज़िया रंडी..
रज़िया नरगिस से - नरगिस.. चुप क्यों है..
गौतम - ये तो कौशल बताएगा..
आदिल हसते हुए - सही कहा..
थोड़ी देर बाद चायवाल चाय लेकर आता है और आदिल और गौतम चाय पिने लगते है वही नरगिस चाय नहीं लती और मुंह बनाके बैठ जाती है रज़िया चाय की चुस्की लेकर चाय तो अच्छी बनाई है..
गौतम - हाँ इनाम तो मिलना चाहिए विनोद को..
चायवाला विनोद - क्या भाईसाहब...
गौतम रज़िया से - रज़िया मुंह में लेके thanks बोल विनोद को..
रज़िया हैरानी से - क्या?
आदिल चाय पीते हुए - बोल दे रज़िया.. तेरा क्या जाएगा बेचारे का भला हो जाएगा..
रज़िया कार का दरवाजा खोलकर इधर उधर देखती है और फिर विनोद की जीप खोलकर उसका लंड मुंह मे लेकर 2-3 बार चुस्ती है और thanks you भैया बोल देती है..
विनोद कामुकता से भरा हुआ देखता रह जाता है और सबके जाने के बाद दूकान के पीछे जाकर मुठ मारता है..
गौतम आदिल रज़िया और नरगिस को ड्राप करके वापस जब घर आया तो रात के 9 बज रहे थे..
कहा था अब तक? और फ़ोन क्यों नहीं उठाया तूने मेरा?
माँ साइलेंट था फ़ोन पता नहीं चला..
मैं यहां अकेली थी ग़ुगु..
माँ.. पुलिस क्वाटर है.. आसपास पुलिस वाले है.. इतने कैमरा और सेक्विरिटी है.. आप फिर भी डरती हो..
मुझे नहीं पता तू मुझे छोडके मत जाया कर शाम के बाद..
गौतम सुमन को बाहों में लेटा हुआ - अच्छा ठीक है मेरी शहजादी.. अब नहीं जाऊँगा शाम के बाद घर से बाहर...
सुमन मुस्कुराते हुए - खाना खा ले.. कब से इंतजार कर रही थी..
गौतम - क्या बनाया है?
सुमन - प्याज के पराठे तेरे पसंद के..
गौतम के गाल को चूमता हुआ - क्या बात है माँ.. आज तो बहुत प्यार आ रहा है अपने बेटे पर..
सुमन खाना ड़ालते हुए - तू नरकज़ तो नहीं है ना ग़ुगु मेरी फैसले से..
गौतम खाना खाते हुए - नहीं माँ.. रूपा और माधुरी के साथ रहना या ना रहना आपकी मर्ज़ी है.. मैं इसमें आपसे क्यों नाराज़ हूंगा? चलो आप भी खाओ.. मैं जानता हूँ आपने भी नहीं खाया होगा..
सुमन भी उसी प्लेट में गौतम के साथ खाना खाने लगती है और कहती है - ग़ुगु.. तू बता रहा था तेरे एग्जाम शुरु है 3 दिन बाद.. तैयारी ठीक चल रही है ना..
गौतम सुमन को खाना खिलाते हुए - आप फ़िक्र मत करो.. आज तक फ़ैल हुआ हूँ जो अब हूंगा.. टॉप करना नहीं है.. फैला होना नहीं है.. पास हो जाऊंगा..
सुमन - आज से हम अलग अलग सोयेंगे ग़ुगु..
गौतम - क्यों?
सुमन - कल रात तो तू बहक ही गया था.. अगर मैं नहीं रोकती तो तू छोटे ग़ुगु को मेरे अंदर डाल दी देता..
गौतम खाने की प्लेट देते हुए - वो तो मै मज़ाक़ कर रहा था माँ.. आप भी ना... चलो जल्दी आओ माँ मैं वेट कर रहा हूँ बिस्तर में..
सुमन मुस्कुराते हुए दिल ही दिल में गौतम को जाते देखकर मचलने लगी थी..
उसने जल्दी से बर्तन धोकर गौतम के पास की राह ले ली और उसके पास चली गई..
पिछली रात की तरह आज भी गौतम ने सुमन के बदन से चड्डी और ब्रा के अलावा सारे कपडे उतार दिए.. और खूबसूरत भी सिर्फ चड्डी में आ गया और सुमन से लिपटा हुआ थोड़ी देर उससे इधर उधर की बात करके सो गया..
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गौतम - इतने दिनों से बस सोच रही हो आप.. हर्ज ही क्या है आपको रूपा और माधुरी के साथ रहने में? कब से वो दोनों आपको बुला रही हैं मगर आप है की जाना ही नहीं चाहती.. ऐसी छोड़ दो माँ.. हम कब तक इस घर में रहेंगे? आप जो चाहती थी वह होने वाला है आपको एक नया घर मिलने वाला है आप घर की मालकिन बनने वाली हो मगर पता नहीं क्यों आपने अपनेआप को रोका हुआ है.. एक बार फिर से सोच लो माँ.. रूपा और माधुरी दिल की बुरी नहीं है.. वह दोनों आपको अपनी बड़ी बहन की तरह रखने को तैयार है.. आप कहेंगी तो मैं भी उन दोनों से दूरी बनाकर रखूंगा.. आप इस तरह वहां जाने से इंकार मत कीजिए..
गौतम ने समझाते हुए अपनी मां सुमन को यह सब कहा तो सुमन पलटकर गौतम को जवाब देती हुई बोली..
सुमन - मैं नहीं जानती ग़ुगु मेरा रूपा और माधुरी के साथ नहीं रहने का फैसला सही है या गलत.. मगर मैं बस इतना जानती हूं कि मैं तुझे उन दोनों के साथ अब और नहीं देख सकती.. मैं किसी भी कीमत पर रूपा और माधुरी के साथ उस घर में नहीं रहूंगी और ना ही तुझे रहने दूंगी..
गौतम सुमन की बातें सुनकर घर से निकलते हुए उसे कहता है..
गौतम - जैसी आपकी इच्छा माँ.. अगर आप नहीं जाना चाहती तो कोई बात नहीं.. मैं आपके ऊपर यहां से चलने के लिए और दबाव नहीं डालूंगा.. आपके साथ मैं यहां भी आराम से रह सकता हूं.. मैं बस आपकी ख़ुशी के लिए आपको समझा रहा था..
ये कहते हुए गौतम घर से निकल जाता है और कार लेके आदिल के चाचा के घर के पास एक मोड़ पर आकर रजिया को फ़ोन करता है और उसे बहाना बनाकर घर से बुलाकर अपने साथ कार में बैठा कर कहीं जाने के लिए निकल पड़ता है..
गौतम के फोन पर आदिल का फोन आ जाता है जो उसे एक जगह मिलने के लिए कहता है..
गौतम आदिल की बताइ किसी जगह पहुंचता है तो देखा है कि आदिल अपने मामू की लड़की नरगिस के साथ खड़ा था.
शाम के 5:00 बजे का समय था और इस वक्त आदिल नरगिस के साथ एक पार्क के पास खड़ा था साथ ही उसके करीब उसके मामा की लड़की नरगिस भी खड़ी थी जो की बुर्के में थी. गौतम रजिया को लेकर उसी पार्क के पास आदिल की खड़ी जगह आ जाता है..
आदिल रज़िया को देखता है तो वो चौंक जाता है रज़िया आदिल को सलाम करती है और आदिल गौतम से कहता है..
आदिल - अबे रज़िया ही मिली थी तुझे?
गौतम - अब तेरी अम्मी को साथ से लाने से मना कर दिया तूने.. तो और किसको लाता? एंट्री चाहिए ना..
आदिल गाडी मैं बैठते हुए - ठीक है चल..
गौतम आदिल नरगिस सबको को गाडी में बैठा लेता है और चल देता है..
आदिल - मास्क तो ले लिये ना तूने?
गौतम - हाँ.. सब है..
नरगिस - मास्क लगाकर फ़िल्म देखेंगे?
आदिल - हाँ ख़ास फ़िल्म है मज़ा आएगा तुझे..
रज़िया - गौतम.. कोनसी फ़िल्म है..
गौतम - अभी पता नहीं.. जाकर पता चलेगा..
नरगिस - कहा जाना है? नया सिनेमाहॉल खुला है?
आदिल - नहीं.. पुराना है.. बहुत ख़ास है.. आसानी से टिकट नहीं मिलती.. बड़ी मुश्किल से मिली है..
रज़िया मुस्कुराते हुए - अच्छा? फ़िल्म देखते टाइम हमारे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नहीं करोगे ना..
आदिल नरगिस की चूची पकड़ता हुआ - ज्यादा कुछ नहीं बस एक राउंड लेंगे..
नरगिस आदिल से अपनी चूची छुड़वाते हुए - क्या?
गौतम रज़िया की चुत पर हाथ लगाते हुए - ये..
रज़िया गौतम की तरफ बढ़कर उसके गाल चूमते हुए - सिर्फ एक बार ही लोगे?
गौतम रज़िया के होंठ चूमते हुए - तू एक राउंड ही संभाल लेना मुझे..
आदिल - गौतम मेडिकल पर रोक कंडोम ले लेता हूँ..
गौतम - छोड़ यार.. ये तो तेरे घर की घोड़िया है इनके साथ भी क्या कंडोम लगा के करेंगे?
नरगिस आदिल से - नहीं.. मैं बिना कंडोम नहीं करने दूंगी..
आदिल - रोक ले यार तू.. ले आता हूँ..
गौतम मेडिकल पर ग़ाडी रोकता है और आदिल कंडोम लेने चला जाता है..
रज़िया गौतम के ऊपर चढ़कर उसके होंठो पर टूट पडती है और अपने होंठों से चूमने लगती है जिसे देखकर नरगिस कहती है..
नरगिस - रज़िया तू तो यही शुरु हो गई.. अरे जगह तो देख ले.. लोग है आस पास..
रज़िया kiss तोड़कर - क्या करू नरगिस.. जब पास में ऐसा हसीन लड़का हो तो कैसे सब्र करू..
आदिल कंडोम लेकर आ जाता है साथ अपने लिए सेक्स पावर की गोली भी ले लेता है..
रज़िया वापस सीट पर आ जाती है और गौतम गाडी को चला कर सीधा एक पुरानी ईमारत के पीछे की बेसमेंट में लगा देता है जहा कोई नहीं था सब सुनसान था..
नरगिस - यहां कोनसी मूवी चल रही है? कोई भी तो नहीं है..
रज़िया - हाँ.. यहां तो कोई नहीं है.. और ये इलाका भी बहुत सुनसान है..
आदिल - अरे ऊपर है सिनेमा हॉल..
नरगिस - इस बिल्डिंग में?
आदिल - हाँ..
रज़िया - झूठ मत बोलो आदिल भाई.. तुम दोनों हमें किसी फ्लेट में लेजाकर पेलने वाले लगते हो..
नरगिस - आदिल.. ये क्या मज़ाक़ है.. तुम्हे करना था तो वही कर लेते.. मैंने मना थोड़ी किया था..
गौतम गाडी से उतरते हुए - अरे ख़ुफ़िया फ़िल्म है.. चलो आ जाओ.. चलते है..
गौतम आदिल रजिया और नरगिस के साथ उस पुरानी बिल्डिंग के बेसमेंट में गाड़ी लगाकर आगे की तरफ आ जाता है और सीडीओ से चढ़ता हुआ तीसरी मंजिल पर पहुंचता है.. यहां तक सारा रास्ता सुनसान था और कोई भी नहीं था मगर जैसे ही वह एक दरवाजे से एंट्री लेकर अंदर घुसते हैं वहां बहुत चल पहला और शोर शराब सब कुछ था.. वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी और सब किसी न किसी के साथ थे.. सब ने मास्क लगाया हुआ था और यहां पर गौतम ने भी सबको मास्क लगाने के लिए कह दिया था..
वहां से एक दरवाजे पर एंट्री पॉइंट था जहां पर दो लोग खड़े हुए थे और पर कपल एंट्री कर रहे थे लोग अपनी टिकट दिखाकर अंदर हाल की तरफ जा रहे थे और अपनी-अपनी सीट पर बैठ रहे थे सामने एक बड़ा सा पर्दा था जैसे कि आमतौर पर सिनेमा हॉल में होता है..
इस हाल की खास बात यह थी कि यहां पर हर तरफ से एंटी और एग्जिट प्वाइंट बने हुए थे पूरा कमरा साउंड प्रूफ था जिससे कोई भी शोर बाहर नहीं जा सकता था. सामने का पर्दा भी बिल्कुल सिनेमा हॉल की तरह साफ सुथरा और क्लियर था जिस पर कुछ ही देर में कोई पिक्चर चलने वाली थी..
गौतम ने रजिया के साथ तो आदिल ने नरगिस के साथ एंट्री ली.. एंट्री लेकर चारों सबसे पीछे की सीट पर बैठ गए जो गौतम के फ्रेंड ने रिक्वेस्ट करके दिलवाई थी..
5:00 बजने वाले थे और 6:15 पर पिक्चर शुरू होने वाली थी जो की डेढ़ घंटे की थी.. आज पिक्चर का थीम incest पर था जिसमें पारिवारिक रिश्तों में व्यभिचार को दिखाते हुए अश्लीलता का प्रदर्शन किया जा रहा था.. फिल्म का पोस्टर देखने से ऐसा लगता था कि इसमें घर में होने होने वाले व्यभिचार को कामुकता के रंग में रंगकर परोसा गया है..
सीट पर बैठते ही गौतम ने नरगिस के गले में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होठों पर अपने होंठो रखते हुए उसके होठों को खींचते हुए इस तरह चुम्मा जैसे कि वह आदिल की गर्लफ्रेंड ना होकर उसकी अपनी गर्लफ्रेंड हो..
नरगिस विरोध करना चाहती थी मगर एकदम से हुए इस हमले पर वह अपनी प्रतिक्रिया देने में असमर्थ थी और उसके होंठ गौतम के होठों के गुलाम बन गए. उसने अपने होठों के जाम गौतम को पिला दिए और जब गौतम उसके होठों को चुमकर चुत पर अपना हाथ रखता है तब नरगिस गौतम को रोक देती है और उसके साथ चुंबन को तोड़ लेती है..
आदिल ये सब देख रहा था मगर उसने गौतम को रोकने का कोई इरादा नहीं किया और ना ही उसने कोई कोशिश की.. वो बस सामने देखता हुआ पर्दे की तरफ देखने लगा..
रज़ीया ने गौतम को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होठों पर होंठ लगाती हुई बोली..
रज़िया - मैं हूँ ना.. गौतम.. मेरे साथ करो..
गौतम ने रज़िया को चुमा और चूमते हुए उसके बदन का जायजा लेने लगा. उसके बदन और गांड पर हाथ फिरता हुआ वह रजीया को चूमे जा रहा था कि सामने पर्दे पर पिक्चर शुरू हो चुकी थी..
हॉल के अंदर बैठे हुए सभी कपल एक दूसरे के साथ चुम्माचाटी और दूसरी तरह की कामुक हरकतो में लीन हो चुके थे वही सामने फ़िल्म की शुरुआत में दिखाया जा रहा था की एक 45 के करीब की खूबसूरत औरत एक 25 साल के लड़के के आगे घोड़ी बनी हुई थी और लड़का उसे चोद रहा था.
फ्लिम में चुत और लंड का सम्पर्क दिखाते हुए उन दोनों के चेहरे भी दिखाए जाते है.. इसीके साथ सामने दिवार पर लटकी घड़ी में रात के 2 बजे का समय दिखाया जाता है और उसके पास एक तस्वीर दिखाई जाती है जिसमे एक 50 साल का आदमी का चेहरा था जिसकी फोटो पर माला चढ़ी हुई थी.. उसी तस्वीर के करीब बाजू में एक और बड़ी सी तस्वीर थी जिसमे वो आदमी इस वक़्त चुद रही उस औरत के साथ खड़ा था और जो लड़का औरत को चोद रहा था वो उन दोनों के पैर छू रहा था.. जिससे पता चलता है की इस वक़्त जो लड़का जिस औरत को चोद रहा है वो उसकी माँ है और उसके बाप की मौत हो चुकी है..
नरगिस और रज़िया को अब पता चल गया था की ये सेक्स मूवी है.. हाल में बैठे हुए कपल में से बहुत से कपल ने अपने कपड़े साइड में रख दिए थे और अपने लंड और साथ आई लड़की की चुत और चुचो को भी नंगा कर दिया था और सेक्स की शुरुआत कर दी थी..
आदिल सेक्स की गोली खा चुका था और इस वक्त उसने नरगिस को अपनी बाहों में लेकर चूमना शुरू कर दिया था इसी के साथ ही गौतम ने भी रजीया के साथ मुंह मारना शुरू कर दिया था और अपना लंड बाहर निकाल कर रजीया के मुंह में दे दिया था जिसे रजीया बड़ी जोर से चूसते हुए मुस्कुराकर गौतम को देख रही थी..
गौतम रजिया को लंड चूसते हुए नरगिस की चुत पर हाथ रखकर उसकी चुत मसल रहा था.. काजल की बाहों में नरगिस यह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी चुत पर किसका हाथ है और वह गौतम को अपनी चुत पर हाथ लगाने से नहीं रोक रही थी.. आदिल में जब नरगिस को अपनी बाहों से थोड़ा ढीला छोड़ तब उसे पता चला कि उसकी चुत पर आदिल का नहीं बल्कि गौतम का हाथ था और उसने गौतम का हाथ हटाने की कोशिश की मगर गौतम ने नरगिस की चुत को कस के पकड़ लिया और मसल दिया जिससे नरगिस की आह निकल गई..
नरगिस की नजर जब गौतम के लंड पर गई तब उसकी आंखें खुली की खुली रह गई और लंड चुस्ती हुई रजिया को देखने के बाद में नरगिस की नजर गौतम के चेहरे पर पड़ी जिसपर एक कातिल मुस्कान छाई हुई थी..
गौतम का लंड देखने के बाद नरगिस ने गौतम के चेहरे पर मुस्कान देखी.. नरगिस भी मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगी और इस बार उसने अपनी चुत से गौतम का हाथ हटाने का कोई इरादा नहीं किया और गौतम को अपनी चुत से छेड़खानी करने की इज़ाज़त दे दीं. गौतम एक हाथ से नरगिस की चुत मसल रहा था दूसरे से अपना लंड चुस्ती हुई रज़िया की चुत को मसल रहा था..
आदिल भी नरगिस के होठों को चूमते हुए उसके बूब्स दबा रहा था और नरगिस के मज़े ले रहा था..
फिल्म मैं आगे दिखाया गया कि वह लड़का उस औरत के साथ घर के हर कोने में रोमांस कर रहा था और रोमांस करते हुए औरत को खुश रख रहा था साथ ही उसके साथ भर भर के चुदाई का काम भी कर रहा था.. दोनों की चुदाई की धमाकेदार आवाजे हॉल के स्पीकर से इतनी देर आ रही थी की हॉल में कपल की चुदाई की आवाजे उसमे दब कर रह जा रही थी..
आदिल ने नरगिस की सलवार नीचे करके उसे घोड़ी बना लिया और गौतम की तरफ नरगिस का मुंह करके पीछे से कंडोम लगाकर चोदने लगा..
गौतम के सामने जब नरगिस का चेहरा आया तो गौतम ने नरगिस के बाल पड़कर उसका चेहरा अपने लंड पर झुका दिया और नरगिस पीछे आदिल से चुदवाते हुए आगे रज़िया की तरह गौतम के लंड को चूसने लग गई..
गौतम के लंड पर रज़िया और नरगिस दोनों का मुंह था और दोनों बड़े चाव से लंड चूसती हुई गौतम के आंड चाट रही थी..
गौतम ने सामने हाल में देखा तो परदे की रोशनी मैं उसे कई कपल चुदाई करते हुए नज़र आ रहे थे उसके पास भी जो कपल बैठा हुआ था सेक्स करने लगा था...
गौतम को अब चुत चोदनी थी उसने नरगिस के मुंह से अपना लंड निकाल लिया और रज़िया की कमर में हाथ डाल कर उसे अपने लंड पर बैठा लिया..
गौतम ने चुत पर लंड लगाते हुए झट से रज़िया की चुत में अपना लंड घुसा दिया.. रज़िया बहुत कामुक लड़की थी उस ने अपनी चुत में गाजर मूली बैगन बैलन लोकी सब घुसाईं हुई थी तो गौतम के लंड को अंदर जाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई मगर जब आधे से ज्यादा लंड जाने लगा तो रज़िया की चीख निकल गई और गौतम ने उसे चोदना शुरु कर दिया..
रज़िया की सडक छाप कुतिया की तरह सिसकते हुए गौतम के लंड पर उछल रही थी और आदिल नरगिस के बाल पकड़ कर पीछे से उसकी चुत मार रहा था और अब वो झड़ने वाला था.. रज़िया भी गौतम का लंड लेते ही झड़ गई और अब उसकी चुत पूरी गीली थी जिससे लंड ऊपर नीचे होने में ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था.. चुदाई चरम पर थी चारो सम्भोग में सुख भोग रहे थे.. फ़िल्म भी अपनी गती से आगे बढ़ रही थी और चुदाई पर चुदाई हो रही थी हॉल में कपल खुलकर एक दूसरे को चोद रहे थे सबकी शर्म निकल चुकी थी..
आदिल भी झड़ गया और सीट पर बैठ गया.. गौतम ने रज़िया को लंड पर से उतार दिया और आगे सीट पर झुका कर पीछे से उसकी चुत मारने लगा.. इसके साथ उसने देखा की नरगिस भी सीट पर बैठकर आदिल का कंडोम बांध कर सीट के नीचे रख रही थी.. गौतम ने थोड़ी देर रज़िया को छोड़ तो वो काम के चरम पर पहुंचकर वापस झड़ गई..
गौतम ने रज़िया छोड़ दिया और नरगिस का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया.. नरगिस भी बिना कुछ कहे गौतम के ऊपर आ गई और बिना कंडोम की परवाह किये गौतम के लंड को सिसकारियों और कामुक आवाजो के साथ चुत में ले गई..
गौतम ने नरगिस को गोद में उठाकर चोदना शुरुआत कर दिया जिसे आस पास के कपल देखकर तालिया बजाते हुए शोर करने लगे... .
फ़िल्म आधी ख़त्म हो चुकी थी और आदिल ने अब रज़िया का हाथ पकड़कर उसे सीट पर घुमा लिया और चुत में लंड डाल कर चोदने लगा रज़िया आदिल के लंड से आराम से चुद रही थी और गौतम को देख रही थी जो नरगिस को लोडे पर उछाल उछाल के चोद रहा था. नरगिस झड़ गई और हाफने लगी मगर गौतम चोदे जा रहा था.. और ताबड़तोड़ झटके माररहा था.
गौतम ने इशारे से आदिल को कुछ कहा तो वो रज़िया को छोड़कर गौतम के आगे आ गया और नरगिस के पीछे खड़ा हो गया.. गौतम ने चोदना रोका तो आदिल ने नरगिस की गांड के छेद पर अपना खड़ा लंड लगा के झटका मारा और अपना लंड नरगिस की गांड में पेल दिया..
नरगिस गांड मरवा चुकी थी इससे उसकी गांड में लंड आराम से चला गया और अब वो आदिल और गोतम के बीच आगे पीछे दोनों तरफ से चुद रही थी उसकी चीखे आदिल के कानो में मिश्री बनकर पड़ रही थी.. नरगिस की हालात खराब थी वो दोनों से छोड़ने को कह रही थी मगर दोनों उसको आगे पीछे से चोदे जा रहे थे..
आदिल ने चुदाई के दौरान नरगिस को कौशल की बात बता दीं और गाली देते हुए कहा..
आदिल - मुझे धोखा देगी रंडी.. ले.. चुदाई खानी छिनाल.. लंड चाहिए ना तुझे.. चुद अब..
नरगिस पहले ही इतनी हार्ड चुदाई से थक चुकी थी और अब उसे दर्द हो रहा था वही आदिल की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो चुकी थी और अब उसने दोनों से छोड़ने की अपील करना भी बंद कर दिया था..
रज़िया सीट पर बैठी हुई नरगिस की चुदाई देखकर घबरा गई थी और उसने अपनी चुत कपडे से पोंछकर वापस चुदने का इरादा छोड़ दिया रहा..
आदिल और गौतम के साथ नरगिस की चुदाई देखकर लोग तालिया बजाते हुए अपने अपने साथी के साथ मज़े ले रहे थे फ़िल्म में भी चुदाई का सीन चल रहा था जहा माँ रसोई में खाना बनाते हुए बेटे से चुद रही थी..
आदिल वापस झड़ गया और नरगिस की गांड में खाली होकर सीट पर आ बैठा वही अब गौतम भी झड़ने वाला था उसने नरगिस को सीट पर पटक दिया और रज़िया के बाल पकड़कर उसके मुंह को नरगिस के मुंह के पास लाकर दोनों के मुंह के सामने अपना लंड हिलाते हुए उनके मुंह पर अपना वीर्य एक के बाद एक अपनी पिचकारी से कई धार छोड़कर झड़ गया..
नरगिस शर्म और चुदाई से बेहाल थी वही रज़िया दो बार झड़कर संतुष्ट और खुशहाल हो चुकी थी..
फ़िल्म समाप्ति की और थी..
रज़िया ने मुंह में लेकर गौतम का लंड साफ किया और अपने मुंह अपने दुप्पटे से.. नरगिस भी उसी दुप्पटे से मुंह साफ करने लगी..
आदिल का गुस्सा शांत नहीं हुआ था वो दो बार झड़ चूका था और होली खाने से अब भी उसका लंड सख्त था उसने पहिसे नरगिस को सीट पर घोड़ी बना लिया और नरगिस शर्म के मारे बिना कुछ बोले सिसकती हुई वापस आदिल से गांड मरवाने लगी..
थोडी देर बाद गौतम ने आदिल को नरगिस के पीछे से हटा दिया और अपना लंड नरगिस की गांड में घुसा दिया जिससे नर्गिस गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाते हुए गांड मराने लगी आदिल के दिल को सुकून मिल गया और उसने रज़िया को भी उसी तरह घोड़ी बना लिया..
अगल बगल रज़िया और नरगिस एक जैसी पोज़ में घोड़ी बने हुए थे.. नरगिस की गांड में गौतम खलबली मचा रहा था और रज़िया की चुत में आदिल उतरा हुआ था मगर रज़िया को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा था.. रज़िया अपने दाने को छेड़ती हुई वापस कामुक हो रही थी और आदिल से चुद रही थी वही नरगिस तो ऐसे फसी जैसे रज़िया गुंडों में..
नरगिस ने हाथ जोड़कर गौतम से छोड़ने को कहा तो गौतम को तरस आ गया और उसने नरगिस की गांड से लंड निकाल लिया.. आदिल भी रज़िया के साथ वापस झड़ गया था.
गौतम के लंड पर किसी की नज़र पड़ी तो उसने गौतम को देखकर कहा.. बड़े लंड वाल.. बड़े लंड वाला.. गौतम के आस पास की 3-4 लड़की जो अपने कपल के साथ थी गौतम का लंड देखकर गौतम पर टूट पड़ी और एक साथ उसके लंड को चूसने लगी..
गोतम को अचानक समझ नहीं आया की ये क्या हुआ.. आदिल रज़िया और नरगिस भी ये सब देख रहे थे.. गौतम सामने 4-5 लड़किया बैठकर उसके लंडपर टूट बड़ी किसी ने उसके टट्टे चाटे किसी ने लंड किसी ने जांघ किसी ने झाट वाला हिस्सा.. गौतम कामुकता से वापस भरने गया था..
फ़िल्म ख़त्म होने ही वाली थी और एक एग्जिट point खुल चूका था जहा से अब कपल बाहर जाने लगे थे.. गौतम लड़कियों के चारे के मास्क उतारे तो उसे बेहद खूबसूरत खूबसूरत लड़किया अपने लंड दिखी जो रसीसजाडीया मालूम पडती थी..
आदिल ने गौतम से इशारे ने निकलने को कहा तो गौतम ने उसे इशारे से जाने के लिए कहा और आदिल रज़िया को इशारा करके वहा से जाने लगा आदिल के पीछे पीछे रज़िया भी लचकती हुई निकल गई और नरगिस हॉल में लगी सीट का सहारा लेते लेते बाहर निकली उसकी आज हालात खराब हो चुकी थी.. गौतम का लंड बारी बारी से सबके मुंह में जा रहा था और गौतम को लगने लगा था की अब अगर वो नहीं निकला तो लाइट on हो सकती है और फिर उसका चेहरा कोई भी देख सकता है..
गौतम ने लंड हाथ में लिया और मुठियाते हुए सामने बैठी लड़कियों के ऊपर अपना माल छोड़ दिया और हाल से अपने जीन्स पहनते हुए भागकर निकल गया..
आदिल के दिल में सुकून भर गया था उसके सामने नरगिस शर्म से पानी पानी होकर अपनी गांड पकडे खड़ी थी और रज़िया हसते हुए गौतम के लंड से मिले सुकून को महसूस करते हुए..
हॉल से निकले सब लोग आगे पार्किंग में जारहे रहे और गौतम पीछे पार्किंग में आदिल के पास आ गया..
गौतम कार मैं बैठ गया और बाकी लोग भी बैठ गए आदिल वहां से निकल गया और रास्ते में एक चाय की दूकान पर गाडी रोककर चाय वाले से चार चाय देने को कहते हुए आदिल से नरगिस का हाल पूछने को कहा..
गौतम - लगता है नरगिस नाराज़ है..
आदिल हसते हुए - कौशल की याद आ रही होगी..
नरगिस चुप थी और शर्मिंदा भी..
रज़िया - कितना रगड़ के किया था तुम दोनों ने इसके साथ... मैं तो घबरा ही गई थी कही मुझे भी इसकी तरह ना चुदवाना पड़े..
चायवाला - आपकी चाय..
सबने चायवाले से अपना अपना कुल्हड़ लेके चाय पीना शुरु कर दिया.. नरगिस को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करें.. वो चुपचाप चाय पी रही थी..
आदिल ने गौतम के कान में कुछ कहा और गौतम ने रज़िया के कान में.. रज़िया हस्ती हुई दोनों को देखने लगी..
सबने चाय पीकर कुल्हड़ बाहर फेंक दिया.. चायवाला आकर - भाईसाब आपकी 4 चाय के 60 हो गए..
गौतम आदिल को देखकर - मेरी पास तो नहीं है आदिल तू देदे..
आदिल - मेरी पास भी नहीं है यार.. रज़िया तू दे दे..
रज़िया - तुम्हारे पास नहीं है तो मेरी पास कय होंगे... मैं भी बिना पैसे आई थी..
गौतम - नरगिस तुम पैसे दे दो..
नरगिस शर्मिंदगी से - मेरी पास भी नहीं है..
आदिल नरगिस को बिना उसका पर्स लिए ही ले आया था इसलिए वो जानता था नरगिस के पास पैसे नहीं है.. वो गौतम और रज़िया के साथ मिलकर ये नाटक कर रहा था..
चायवाला - इतनी अच्छी कार है भाईसाहब आपके पास.. 60 रुपए तो होंगे ही..
गौतम - आज भूल गया पैसे लाना यार.. कुछ और हो सकता है..
चायवाला - क्या मतलब?
आदिल - अरे भाईसाब आप पीछे आओ ना..
चायवाला पीछे कार की खिड़की में देखता हुआ - क्या?
आदिल नरगिस के चुचे पकड़ कर - भाईसाब पैसे के बदले इसके चुचे चूस लो..
चायवाला हैरानी से चुप था..
आदिल - क्या हुआ भाईसाब? आओ अंदर बैठ जाओ.. चूस लो..
चायवाला कामुकता से भर गया और गाडी के अंदर बैठ गया..
आदिल ने नरगिस के चुचे कुर्ती से बाहर निकाल दिए और चायवाला झपट कर नरगिस के बोबे चूसने लगा.. आदिल और गौतम एक दूसरे को देखकर हसने लगे वही नरगिस चुपचाप शर्मिंदा बैठी हुई चायवाले को चुचे चूसा रही थी..
आदिल - भाईसाब सिगरेट मिलेगी..
चायवाला चुचे चूसता हुआ - अभी लाया भाईसाब..
चायवाला एक बड़ी एडवांस सिगरेट और लाइटर लेके आ गया और आदिल को दे कर वापस नरगिस के चुचे चूसने लगा..
आदिल ने एक कश लेकर सिगरेट गौतम को दे दी..
गौतम सिगरेट के कश लेते हुए चायवाले से बोला - भाईसाहब नाम क्या है आपका..
चायवाला - विनोद कुमार..
गौतम - विनोद भाई एक चाय और पीला दो..
नरगिस विनोद को अब अपने चुचे से हटा कर चुचे कुर्ती में वापस डाल लेती है और मुंह मोड़कर बैठ जाती है..
चायवाला - महगाई का टाइम है भाईसाब.. बिना वैसे कैसे चलेगा..
रज़िया विनोद के लंड पर हाथ रखकर - विनोद भाई.. पीला दो ना..
चायवाला विनोद - लता हूँ बहन जी..
आदिल हसते हुए - क्या बात है.. रज़िया रंडी..
रज़िया नरगिस से - नरगिस.. चुप क्यों है..
गौतम - ये तो कौशल बताएगा..
आदिल हसते हुए - सही कहा..
थोड़ी देर बाद चायवाल चाय लेकर आता है और आदिल और गौतम चाय पिने लगते है वही नरगिस चाय नहीं लती और मुंह बनाके बैठ जाती है रज़िया चाय की चुस्की लेकर चाय तो अच्छी बनाई है..
गौतम - हाँ इनाम तो मिलना चाहिए विनोद को..
चायवाला विनोद - क्या भाईसाहब...
गौतम रज़िया से - रज़िया मुंह में लेके thanks बोल विनोद को..
रज़िया हैरानी से - क्या?
आदिल चाय पीते हुए - बोल दे रज़िया.. तेरा क्या जाएगा बेचारे का भला हो जाएगा..
रज़िया कार का दरवाजा खोलकर इधर उधर देखती है और फिर विनोद की जीप खोलकर उसका लंड मुंह मे लेकर 2-3 बार चुस्ती है और thanks you भैया बोल देती है..
विनोद कामुकता से भरा हुआ देखता रह जाता है और सबके जाने के बाद दूकान के पीछे जाकर मुठ मारता है..
गौतम आदिल रज़िया और नरगिस को ड्राप करके वापस जब घर आया तो रात के 9 बज रहे थे..
कहा था अब तक? और फ़ोन क्यों नहीं उठाया तूने मेरा?
माँ साइलेंट था फ़ोन पता नहीं चला..
मैं यहां अकेली थी ग़ुगु..
माँ.. पुलिस क्वाटर है.. आसपास पुलिस वाले है.. इतने कैमरा और सेक्विरिटी है.. आप फिर भी डरती हो..
मुझे नहीं पता तू मुझे छोडके मत जाया कर शाम के बाद..
गौतम सुमन को बाहों में लेटा हुआ - अच्छा ठीक है मेरी शहजादी.. अब नहीं जाऊँगा शाम के बाद घर से बाहर...
सुमन मुस्कुराते हुए - खाना खा ले.. कब से इंतजार कर रही थी..
गौतम - क्या बनाया है?
सुमन - प्याज के पराठे तेरे पसंद के..
गौतम के गाल को चूमता हुआ - क्या बात है माँ.. आज तो बहुत प्यार आ रहा है अपने बेटे पर..
सुमन खाना ड़ालते हुए - तू नरकज़ तो नहीं है ना ग़ुगु मेरी फैसले से..
गौतम खाना खाते हुए - नहीं माँ.. रूपा और माधुरी के साथ रहना या ना रहना आपकी मर्ज़ी है.. मैं इसमें आपसे क्यों नाराज़ हूंगा? चलो आप भी खाओ.. मैं जानता हूँ आपने भी नहीं खाया होगा..
सुमन भी उसी प्लेट में गौतम के साथ खाना खाने लगती है और कहती है - ग़ुगु.. तू बता रहा था तेरे एग्जाम शुरु है 3 दिन बाद.. तैयारी ठीक चल रही है ना..
गौतम सुमन को खाना खिलाते हुए - आप फ़िक्र मत करो.. आज तक फ़ैल हुआ हूँ जो अब हूंगा.. टॉप करना नहीं है.. फैला होना नहीं है.. पास हो जाऊंगा..
सुमन - आज से हम अलग अलग सोयेंगे ग़ुगु..
गौतम - क्यों?
सुमन - कल रात तो तू बहक ही गया था.. अगर मैं नहीं रोकती तो तू छोटे ग़ुगु को मेरे अंदर डाल दी देता..
गौतम खाने की प्लेट देते हुए - वो तो मै मज़ाक़ कर रहा था माँ.. आप भी ना... चलो जल्दी आओ माँ मैं वेट कर रहा हूँ बिस्तर में..
सुमन मुस्कुराते हुए दिल ही दिल में गौतम को जाते देखकर मचलने लगी थी..
उसने जल्दी से बर्तन धोकर गौतम के पास की राह ले ली और उसके पास चली गई..
पिछली रात की तरह आज भी गौतम ने सुमन के बदन से चड्डी और ब्रा के अलावा सारे कपडे उतार दिए.. और खूबसूरत भी सिर्फ चड्डी में आ गया और सुमन से लिपटा हुआ थोड़ी देर उससे इधर उधर की बात करके सो गया..
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मानेगी कैसे नहींLo bhai nargis aur rajiya bhi nipta di..suman itni asaani sa nahi mannage wali
देगा ही..बहुत ही शानदार और लाजवाब अपडेट है गौतम अपनी मां का लाडला बेटा है गौतम और आदिल की दोस्ती घनिष्ठ है लगता है बाबाजी ने गौतम ने जो मांगा था वो दे दिया है
ThanksBechari nargis ki haalat patli kar di
sexy update bhai
Nice update bro mazza aagaya leela ko dekh kar