• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

moms_bachha

Active Member
1,042
6,045
144
Jabardast news 🗞️ bhi bahut jabardast hai ❤️ 😂
Thanks❤️
bhai this is too far....mere liye v ye hazam karna muskil tha ....I like trans sex but between trans and girl but gotam ko koi dala isme
Sick Paramount Network GIF by Yellowstone
Shemale ka liya hai na..
Nice update bro 👍
Thanks❤️
Bhut shandaar update.....ऋतु की सारी पोल खुल गई..... ग़ज़ब
Thanks❤️
Fantastic update
Thanks❤️
Aaj hua vikaram ka cheerharan wah ..
😂😂👍🏿👍🏿
isly hazam nhi hua 😂
 

Danny69

Active Member
503
853
93
Update 14

बिस्तर पर चादर के नीचे सुमन और गौतम कमर के ऊपर नंगे एक दूसरे से लिपटे हुए एकदूसरे को बाहों में भरकर सोने लगे थे. सुमन प्यार से गौतम का चेहरा अपने सीने से लगाकर उसके सर के ऊपर हाथ फेर कर उसके बाल सहलाती हुई उसे सुला रही थी जिससे गौतम को कुछ ही देर में नींद आ गई और वह सपनों के सागर में खो गया.. वह सपना देखने लगा औऱ सपने में उसने देखा की एक औरत जो करीब 60 साल की है जल्दी में दूसरी औरत से बात करती हुई कहीं जा रही थी..

अरे कहा था ना ताई वही रुक जाओ.. अब देखो कैसी हालात हो गई है लता की..
तू ज्यादा बात मत कर शान्ति.. जल्दी से गर्म पानी करवा के ले आ.. लगता है कुछ ही देर में बच्चा होने वाला है..
शान्ति - ठीक है ताई.. अभी करवा के लाती हूँ..

शांति ताई को अंदर लता के पास छोड़कर खुद बाहर आ जाती है और बाहर परेशानी में इधर-उधर घूम रहे लता के पति धूपसिंह से कहती है कि उसे गर्म पानी चाहिए धूपसिंह शांति को चूल्हे की तरफ इशारा करते हुए कहता है गर्म पानी किया हुआ पड़ा है.. लता चूल्हे से गर्म पानी का भगोना उठा कर कमरे के अंदर आ जाती है और लल्ली ताई को पानी का भगोना दे देती है..

कुछ देर बाद लता एक जुड़वा भाई बहन को जन्म देती है जिसे हाथ में लेकर ताई शांति को देखती और शांति भी ताई को देखने लगती है..

लता बच्चों को जन्म देकर बेहोश हो चुकी थी और उसे हो रहे दर्द से थोड़ा आराम मिल गया था..
शान्ति - ताई.. मैं धुप भाईसाब को बता के आती हूँ..
लल्ली ताई - अरे रुक कम्भख्त..
शांति - क्या हुआ ताई इतनी ख़ुशी की खबर है धुप भाईसाब कुछ ना कुछ इनाम जरूर दे देंगे खुश होकर..
लल्ली ताई - अरे इनाम से कब तक काम चलेगा?
शान्ति - तो ताई?

लल्ली ताई - एक काम कर.. इस बच्ची को तू पीछे के दरवाजे से बाहर ले जा औऱ घर में रख, 11 कोस पर जो नोगी गाँव है वहा के साहूकार के यहां बच्चा नहीं है उसने कहा भी था बच्चा लेने के लिए.. वो बड़ी औऱ मोटी रकम देगा. जिससे हम आराम से बैठके खा पी सकते है..

शान्ति - सही कह रही हो ताई.. वैसे भी कोनसा धुप भाईसाब औऱ लता को पता लगने वाला है इस बात का.. लाओ दो मुझे बच्ची मैं अभी पीछे के रास्ते से उसे ले जाती हूँ..

लल्ली ताई - संभालके.. बहुत ध्यान से कोई देख ना ले.. बड़ी जिम्मेदारी का काम है.. मैं बच्चे को धुप सिंह के पास बाहर ले जाती हूँ.. थोड़ी देर में लता को भी होश में आ जायेगी..
शांति - हां ताई.. चलो..

लल्ली ताई हाथ में बच्चा लिए कमरे से बाहर आ जाती है और दूर पेड़ के नीचे दांतों में उंगलियां दबाए इधर से उधर घूम रहे धूप सिंह को बुलाते हुए कहती है..
लल्ली ताई - अरे ओ धुपया.. आ जाओ.. लल्ला हुआ है लल्ला.. देख केसा चाँद खिला है तेरे आँगन में..

धुपसिंह लल्ली ताई के पास आ कर मुस्कुराते हुए बच्चे को अपनी गोद में ले लेता है औऱ अपने हाथ से सोने की अंगूठी निकालकर लल्ली को दे देता है..
लल्ली ताई - अरे इस अंगूठी से क्या होगा धुपया.. पहली बार में लल्ला हुआ है कुछ औऱ भी दिओ..
धुपसिंह बच्चे को देखता हुआ - क्या चाहिए ताई..
लल्ली ताई - अब तुझे क्या कहु धुपया.. तू जानता है मेरी हालात ना खाने को है ना पहनने को.. इस अंगूठी से कुछ दिन काम चल जाएगा मगर फिर वही हालात होगी.. तू तो जागीरदार के दिए खेत भी जोतता है.. 3-4 महीने का अनाज दे दे तो बरसात के दिन आराम से कटे..

धुपसिंह - 3-4 महीने क्यों ताई तू साल भर का अनाज लेजा..
लल्ली ताई - तेरा भाला हो धुपया.. आज तेरे माँ बापू जिन्दा होते तो बहुत खुश होते.. अब जा अपनी लुगाई के पास.. थोड़ी देर में वो होश में आ जायेगी.. अब तुझे ही ख्याल रखना है माँ बेटे दोनों का..

इतना कहकर ताई वहां से चली जाती है और धूपसिंह कमरे के अंदर जाकर लता के करीब बैठ जाता है और बच्चे को खिलाता हुआ लता के होश में आने का इंतजार करता है कुछ ही पलों में लता भी होश में आ जाती है और दर्द से राहत पाकर मुस्कुराती हुई धूपसिंह और उसके गोद में बच्चे को देखती हैं.

धुपसिंह - बेटा हुआ है लता.. शकल तेरे ऊपर गई है..
लेता - मैंने कहा था मैं माइके से किसीको बुला लेती हूँ आपको कितना कस्ट हो रहा है मेरे कारण..
धुपसिंह - तू आराम कर.. ये बातें फिर कभी करना..

दूसरी ओर जैसे ही शांति बच्चों को लेकर घर के पिछले दरवाजे से निकली वह इधर-उधर से छुपती छुपाती हुई जंगल के मुहाने पर पहुंच गई. शान्ति को सामने से जागीरदार के सैनिक करते हुए दिखाई दिए तो वह थोड़ा सा जंगल के अंदर आ गई और वहीं से किनारे किनारे अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चलने लगी.. मगर शांति को पता ही नहीं चला कि वह जंगल के अंदर किनारे किनारे नहीं बल्कि थोड़ा सा और अंदर आ चुकी है जहां जंगल के जानवर उसके आसपास मंडरा रहे थे और परिंदे रात के इस पहर जंगल को अपनी आवाजों से और भयानक कर रहे.

शांति ने रात के अंधेरे में भी अपने से थोड़ा सा दूर एक बाघ को देख लिया जिसकी आंखें चमक रही थी मगर उस बाघ का ध्यान कहीं और था. शांति की हालत खराब हो गई उसके बदन में कंपन होने लगा और उसे डर था की कहीं बच्ची अब रो ना दे.. क्योंकि अगर उसने रोना शुरू कर दिया तो बाघ निश्चित ही उसके यहां होने का अनुमान लगा लगा और अपने नुकीले पंजों और दातों से उसकी हत्या करके उसे खा जाएगा..

शांति धीरे-धीरे पीछे हटने लगी और पीछे हटते हुए उसका पर एक पत्थर से टकरा गया जिससे वह जमीन पर गिर गई और बच्ची भी नीचे गिर गई और रोने लगी.. बच्ची की आवाज करने पर शांति डर से तिलमिला गई और अपनी जान बचाने के लिए बच्ची को वहीं छोड़कर पीछे की ओर भागने लगी.

शांति तब तक भागती रही जब तक उसके पैरों ने उसका साथ नहीं छोड़ दिया.. शांति भगते भगते जंगल से बाहर आ चुकी थी और सड़क से एक किनारे आकर एक जगह बैठ गई औऱ लम्बी लम्बी सांस लेने लगी.. शांति की साँसे बहुत तेज ऊपर नीचे हो रही थी और उसका मन घबराहट के मारे उथल-पुथल हो रहा था. शांति अपनी जान बचाकर भाग आई थी मगर उसे यह ध्यान नहीं था कि वह उस बच्ची को वहीं छोड़कर आ चुकी है और बाघ उसकी आवाज सुनकर उसके निश्चित ही करीब आ जाएगा और उसे मार डालेगा.

शांति ये सोच सोच कर रोने लगी थी कि उसने एक बच्ची को मौत के मुंह में डाल दिया है और वह खुद डरपोक की भांति अपनी जान बचाकर भाग आई है.

लल्ली ताई जब धूपसिंह के घर से निकली और अपने घर आ रही थी तभी उस रास्ते में शांति डगर के किनारे बैठी हुई रोती हुई दिखाई पड़ी.. ताई ने आगे बढ़कर शांति से उसके रोने की वजह पूछी और उसे चुप करते हुए क्या हुआ बताने को कहा तो ताई के पूछने पर शांति ने साफ-साफ शब्दों में अपने साथ जो कुछ हुआ उस कहानी को बयां कर दिया जिससे ताई भी शांति के साथ में वही बैठ गई और जो कुछ हुआ उसपर अफसोस करने लगी. दोनों ने काफी देर तक वहीं बैठकर एक दूसरे को संभाला और फिर दोनों ने एक मत होकर वापस जंगल में जाकर उसे बच्ची को तलाशने की सोची.. दोनों डरते-डरते धीरे-धीरे जंगल में कदम बढ़ाती हुई जा रही थी..


शांति के बच्ची को छोड़कर भाग जाने के बाद बाघ के कानों में जब बच्ची के रोने की आवाज पड़ी तब बाघ उस बच्ची के करीब आने लगा और जब बाघ ने उस बच्ची को जमीन पर पड़ा रोता हुआ देखा तो उस बाग ने बच्ची जिस कपड़े में थी उस कपड़े को अपने मुंह से पकड़ लिया और कपडे के साथ बच्ची को उठाकर थोड़ा सा दूर जंगल की जमीन पर बेसुध होकर सो रहे एक आदमी के पास ले आ गया..

आदमी मटमेली जमीन पर इस तरह लेटा हुआ सो रहा था जैसे कोई राजा मखमली बिस्तर पर सोता है. बच्ची के रोने की आवाज से उस आदमी की नींद नहीं खुली मगर बाघ के पंजों की छुअन से उस आदमी की नींद टूटी गई.. आदमी ने जब बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो वह उठ कर बैठ गया और अपने पास रखें एक पानी के भरे सुराही जैसे चमड़े के अंदर से पानी निकाल कर अपने मुंह पर मरता हुआ अपने सामने खड़े बाग और बगल में जमीन पर पड़ी रोती हुई बच्ची को देखने लगा..

आदमी ने बाघ को देखते हुए उससे पूछा - यह किसे अपने साथ ले आया बालम.. और फिर उस बाघ के सर पर हाथ रखकर अपनी आंखें बंद करते हुए जो कुछ घटा था सारा दृश्य देख लिया औऱ माजरा समझ लिया..

आदमी के बदन पर फटे पुराने मट मेले कपड़े थे सर औऱ दाढ़ी पर बाल बड़े-बड़े और देखने से लगता था कि आदमी कई दिनों से नहीं नहाया है हालत से दिन हीन लगने वाला ये आदमी इतने भयानक जंगल में अकेला एक कुटिया बनाकर रहता था और उसने जिस बाघ को पाला हुआ था उसका नाम बालम रखा था.. जिस तरह से उस आदमी ने बाघ के सर पर हाथ रखकर बाग के दिमाग की याददास्त देख ली थी उससे यह आदमी कोई साधारण व्यक्ति नहीं मालूम पड़ता था.. कद काठी और चेहरे से साधारण औऱ सामान्य से भी कम दिखने वाला यह आदमी जिस तरह से इतनी बेपरवाही और निडरता से इतने बयानक जंगल में विहार कर रहा था उससे लगता था कि यह कोई चमत्कारी आदमी है..

आदमी ने बच्ची को उठा कर लिया और अपनी गोद में लेकर अपनी कुटिया की तरफ आ गया जहां पीछे-पीछे बाघ भी उसके साथ आ चूका था.. उस कुटिया और उसके आसपास की जगह को देखने से ऐसा लगता था जैसे वह आदमी कई बरसो से कोई कठोर साधना कर रहा है और उसी में तनलीन रहता है.. आदमी को कुछ भी कहा जा सकता था लेकिन कोई भी संज्ञा उसके लिए परिपूर्ण नहीं थी वह तांत्रिक अघोरि या औघड़ कुछ भी हो सकता था.

लल्ली ताई औऱ शान्ति उस जगह तक आ गए जहां बच्ची गिरी थी लल्ली ताई और शांति को बच्ची कहीं नहीं मिली.. काफी देर तक ढूंढने के बाद दोनों ने यह समझा कि वह बाघ उस बच्ची को उठाकर ले गया है और उसको मार के खा चुका है वापस जंगल से बाहर आ गई और इस बारे में किसी से भी बात न करने और कुछ भी नहीं बोलने का निश्चय किया और एक दूसरे से वादा करते हुए इस बात को यहीं पर भूल जाने का निर्णय किया.

वही आदमी ने बच्ची को अपने साथ रख लिया और उसे अपने बच्चे की तरह पढ़ने लगा. बच्ची जैसे-जैसे बड़ी हुई वो उस आदमी को बाबा कहकर पुकारने लगी और अपना असली बाप समझती थी. बच्ची ने उस आदमी से उसकी विद्या सीख ली.. दोनों जंगल में किसी कुटिया में रहने लगे थे और हंसी खुशी से अपना जीवन जी रहे थे आदमी ने बच्ची को एक नाम भी दिया था.. आदमी बच्ची को उसके शीतल स्वाभाव के कारण मृदुला कह बुलाता था.. मृदुला ने कुटिया को महल की तरह सजाया था औऱ अब उस आदमी जिसे बाप वो मानती थी उसको रोज़ नहाने धोने औऱ साफ रहने को मजबूर करती थी.. आदमी भी अपने जीवन में मृदुला के आने से बहुत खुश था उसकी साधना पहले से अच्छी होने लगी थी औऱ उसने मृदुला को अपनी बेटी मानकर जीना शुरू कर दिया था उसने मृदुला को बहुत कुछ ऐसा सीखा दिया था जिससे मृदुला अकेली ही पूरी फौज का काम तमाम कर सकती थी औऱ बड़े बड़े भूत प्रेत को अपनी मुट्ठी में कर सकती थी..

दिन गुजरते गए, मौसम बदलते गए, साल दर साल बीतते गए औऱ मृदुला का जोबन खिलने लगा.. उसके अंग इस तरह खिलकर फूटने लगे जैसे गुलाब की कली खिलकर फुटती है.. मृदुला के उतार चढाव कामदेवी का वरदान थे जो अब मृदुला के मन को काम की औऱ बढ़ाने लगे थे.. वो अब अपनी उम्र के अठरवे साल पर आ चुकी थी..

आदमी को इसकी बिल्कुल भी भनक नहीं थी वह इसी तरह अपनी साधना में तनलीन रहता और सुबह शाम मृदुल के हाथ का पकाया भोजन खाकर आराम करता.. मृदुला ने अक्सर उस आदमी से जंगल के बाहर की दुनिया देखने के लिए आग्रह किया.. मगर आदमी अपनी साधना अधूरी छोड़कर जाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था और हर बार मृदुला को कुछ ना कुछ कह कर या बहाना बनाकर उसकी बात को टाल देता.

एक दिन जब मृदुल पानी का घड़ा लिए नदी की तरफ जा रही थी तभी उसने अपने जीवन में पहली बार अपने पिता के अतिरिक्त किसी आदमी को देखा जो नदी के मुहाने पर बैठा हुआ पानी पी रहा था. रंगरूप और कदकाटी में हसीन तरीन दिखने वाला यह लड़का मृदुला के मन को पहली नज़र में ही भा गया था..

लड़का देखने से करीब 22 साल का लगता था चेहरे पर दाढ़ी मूछ नहीं थी चेहरा साफ औऱ खिला हुआ था और कंधे तक लंबे बाल थे एक नई सी शाल उसने ओढ़ रखी थी.. अपनी हथेलियों में नदी का पानी भरके पिता हुआ वह लड़का मृदुला के मन को लुभा रहा था. मृदुला 18 साल की हो चुकी थी और अब उसे कामइच्छा औऱ प्रेम का भाव परेशान करने लगा था.

मृदुला ने जब उसे लड़के को पानी पीकर नदी से दूर जाने के खड़ा होता देखा तब वह उस लड़के के पास आ गई और उसके पीछे कुछ दूर खड़ी होकर कर बोली..

मृदुला - कौन हो तुम?
लड़का हैरानी से - तुम कौन हो औऱ इतने घने के बीच यहां क्या कर रही हो? तुम्हे पता नहीं यहां कितने खूंखार जानवर रहते है.. (लड़का मृदुला के जोबन को देखकर उसपर मोहित हो चूका था मगर उसके अंदर हैरत भी थी)
मृदुला - यहां पहली बार आये हो?
लड़का - हाँ पर तुम अकेली यहां क्या कर रही हो?
मृदुला - मैं यही रहती हूँ अपने बाबा के साथ.
लड़का हैरानी से - इस जंगल में?
मृदुला - हाँ.. तुम कहा रहते हो?
लड़का - मैंरा तो कोई ठिकाना नहीं.. यहां वहा घूमता हूँ.. गलती से जंगल में आ गया औऱ रास्ता भूल गया. प्यास लगी थी तो पानी पिने लगा..
मृदुला करीब आते हुए - नाम क्या है तुम्हारा?
लड़का - रागी..
मृदुला हसते हुए - नाम रागी है औऱ बैरागी सा भेस बनाया है..
लड़का मुस्कुराते हुए - तो फिर बैरागी ही कहकर पुकार लो.. तुम्हारा नाम क्या है?
मृदुला - मेरा नाम मृदुला है बैरागी..
बैरागी - ठीक है मृदुला चलता हूँ.. अगर वापस कभी मिलना हुआ जरूर मिलूंगा.
मृदुला - पर तुमने तो कहा कि तुम्हारा कोई ठिकाना नहीं है.. फिर कहा जा रहे हो..
बैरागी - बंजारा हूँ एक जगह ज्यादा देर तक रुकू तो ज़ी उचटने लगता है.. जाना तो पड़ेगा..
मृदुला के चेहरे पर ख़ुशी का जो भाव था वो अब गंभीर हो गया था.. उसने बैरागी के औऱ करीब आते हुए कहा - अगर मैं ना जाने दू तो?
बैरागी मुस्कुराते हुए - मुझे यहां रोक कर क्या करोगी.. मैं तुम्हारे किस काम आ सकता हूँ?
मृदुला - बाबा ने बताया था इस जंगल के बाहर लोग शादी ब्याह करके साथ रहते है.. तुम मुझसे ब्याह कर लो.. फिर हम भी साथ रहेंगे..
बैरागी हसते हुए - तुम्हे शर्म नहीं आती लड़की होकर ऐसी बात करते हुए?
मृदुला - शर्म क्यों आएगी.. मैंने कुछ गलत तो नहीं किया..
बैरागी - ठीक है.. मेरे तो आगे पीछे कोई नहीं है.. तुम्हारे तो बाबा है उनसे तो पूछ लो..
मृदुला - चलो साथ में चलकर पूछते है..
बैरागी - अगर मैंने झूठ बोलकर तुम्हारे बाबा को मना लिया तो?
मृदुला - तुम मेरे बाबा के सामने झूठ बोल ही नहीं सकते..
बैरागी - ऐसा क्यों?
मृदुला - मेरे बाबा आँख पढ़कर अतीत जान लेते है.
बैरागी - ऐसी बात है तो चलो.

मृदुला जब बैरागी को अपने साथ लेकर अपनी कुटिया के बाहर आई तब उसे उसके पिता कहीं जाने की तैयारी करते हुए दिखे.
मृदुला ने अपने पिता से पूछा कि वो कहां जाने की तैयारी में है उसके पिता ने सामने खड़े बैरागी और मृदुल को साथ में देखकर सारा माजरा समझ लिया और उनसे कहा की उनकी साधना का ये चरण पूरी हो चुकी है और उन्हें अपनी साधना की आखिरी चरण पूरी करने के लिए यहां से बहुत दूर जाना पड़ेगा.
इसीके साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह बैरागी और मृदुला दोनों के मन से सहमत है और वो आज शाम जाने से पहले पुरानी रीती से दोनों ब्याह करवा देगा..

उस बूढ़ा हो चुके आदमी ने मृदुला और बैरागी का ब्याह एक पुरानी रीति से करवा दिया और खुद कुटिया से जरूरी सामान लेकर एक रास्ते चल दिया.. बूढ़े आदमी ने मृदुला से वापस मिलने का वादा किया और उसे भरोसा दिया कि वह जहां भी रहेगा मृदुला से मिलने जरूर आएगा.. मृदुला ने भी रोते हुए अपने पिता को विदाई दी और अपना नया जीवन शुरू करने के लिए बैरागी के साथ उस कुटिया में रहने लगी..

एक दोपहर के उजाले में जब कुटिया के अंदर बैरागी और मृदुला प्रेम प्रसंग कर रहे थे तब उन्हें कुछ लोगों के आने की आहट सुन दी और दोनों प्रेम करना छोड़कर बाहर आ गए.. दोनों ने देखा की कुटिया के आसपास बहुत सारे डाकू इकट्ठा थे जिनमें से कई डाकू के बदन पर घाव के निशान थे औऱ उनके पास लूट का सामान भी था डाकू की संख्या करीब 20-25 होगी..

डाकूओ ने भी दोनों को देख लिया और मृदुला बैरागी औऱ डाकू आमने सामने खड़े हो गए. डाकुओं के मुखिया ने जैसे ही मृदुला को देखा वह उसे पर लट्टू हो गया और कामुकता से भरकर बैरागी से कहा कि है उस लड़की को उनके हवाले कर दे और वहां से चला जाए. बैरागी ने जवाब में पास में पड़े गंडासे को उठाकर उस डाकू के ऊपर फेंक दिया.. गंडासा डाकू की छाती में धंस गया औऱ डाकू एक पल में ही प्राण त्याग कर जमीन पर गिर गया. अपने मुखिया की मौत देखकर बाकी सारे डाकू गुस्से से दिलमिला गए और चिल्लाते हुए बैरागी को मारने के लिए जपटे मगर जैसे ही सारे डाकू एक साथ बैरागी को करने के लिए झपटे मृदुला ने जमीन की मिट्टी उठाकर उन डाकुओ पर फेंक दी.. जैसे मृदुला ने जमीन की मिट्टी उठाकर डाकूओ पर फ़ेंकी मृदुला की फ़ेंकी मिट्टी का एक-एक कण एक एक प्रेत में बदल गया औऱ उन प्रेतो ने एक पल में ही सारे डाकुओ के सर उनके कंधे से उतार दिए औऱ वापस मिट्टी बनकर जमीन पर गिर पड़े.. बैरागी ने जब इस तरह से मृदुला को क्रोध में देखा औऱ उसके द्वारा की गई इस भयावह घटना को देखा वो आश्चर्य डर औऱ जिज्ञासा के भाव से भरते हुए मृदुला को देखने लगा..

मृदुला ने जब बैरागी को तरह से खड़ा हुआ देखा तो उसने अपने गले से एक ताबीज निकाल कर बैरागी को पहना दिया और कहा ये ताबिज़ उसे चोट पहुंचाने वाले इंसान को कभी चैन से जीने नहीं देगा..


20 साल बीत जाने के बाद धुपसिंह औऱ लता को इस बात की भनक तक नहीं लगी थी कि लता ने उस रात जुड़वा भाई बहनों को जन्म दिया था जिसमें से बच्ची को लल्ली औऱ शांति ने चुरा लिया था जो अभी बैरागी के साथ जंगल में उस कुटिया में रहती थी.. धुपसिंह औऱ लता ने अपने बेटे का नाम समर रखा था औऱ समर अब अपने पिता कि तरह ही जागीरदार की हिफाज़त में लगी राजा की सेना की टुकड़ी में था..

बैरागी और मृदुला को उस कुटिया में रहते 2 साल हो चुके थे औऱ अब मृदुला 8 माह की गर्भवती थी उसका बच्चा होने वाला था बैरागी ने मृदुला से बार बार जंगल बाहर चलने औऱ किसी गाँव में रहने की गुहार की मगर मृदुला ने मना कर दिया औऱ बैरागी के साथ जंगल से बाहर जाने को इंकार कर दिया बैरागी ने बार बार मृदुला को समझया था कि उसे इस्त्री रोग औऱ बच्चे के जन्म का उपचार नहीं आता मगर मृदुला ने उसकी एक ना सुनी औऱ जंगल ना छोड़ने की अपनी ज़िद पर अड़ी रही..

आखिरकार वही हुआ जिसका बैरागी को डर था बच्चा पैदा करने के दौरान मृदुला औऱ उसके बच्चे दोनों की मौत हो गई और बैरागी फिर से अकेला हो गया. उसके मन में एक बार फिर से दुख दर्द तकलीफ का बसेरा हो गया.. बैरागी मृदुला औऱ बच्चे का अंतिम संस्कार करके जंगल छोड़ दिया और पागलों की तरह भटकने लगा. बैरागी किसी फकीर की तरह दिन बताने लगा और भूख लगने पर भिखारी की तरह मांग कर खाने लगा.. 2 महीना इसी तरह बिताने के बाद जब उसने गांव में इसी तरह एक और महिला को मारते देखा तो उसने इस रोग का इलाज करने के लिए दवा बनाने का निश्चय किया. उसे शरीर की समझ थी उसके मुताबिक जदिबूती से लोगों का इलाज़ करने लगा औऱ घूम घूम के जदिबूती औऱ इलाज़ की खोज करने लगा..

बैरागी ने मृदुला के साथ रहकर बहुत सी चीज सीखी थी जो उसके इस कार्य में उसकी बहुत मदद कर रही थी बैरागी ना गांव-गांव घूम कर बहुत से लोगों का इलाज किया और बहुत सी आज के समय छोटीमोटी कही जाने वाली बीमारी को ठीक किया. बदले में कुछ लोगों ने उसे भरपेट खाना खिलाया तो कुछ लोगों ने वहीं रहने के लिए जमीन देनी चाहिए लेकिन बैरागी ने एक जगह रहने से इनकार कर दिया और अपना मकसद पूरा करने के लिए एक बैलगाड़ी ले ली और उस पर बैठकर गांव गांव घूमते हुए स्त्री रोग का इलाज ढूंढने निकल पड़ा

बैरागी को अब किसी बात की फ़िक्र नहीं थी वह अपने आप में मस्त अपनी पत्नी मृदुला को याद करते हुए प्रेम से भरे गीत गाते हुए और अपनी पत्नी के साथ बिताये प्रेम से परिपूर्ण उन पलों को याद करते हुए मुसाफिरों की तरह घूमने लगा और बीमारियों का इलाज ढूंढने लगा किसी एक पुराने वैद्य के कहने पर उसने एक खास किस्म की जड़ीबूटी तलाश करने का निर्णय किया जिसके लिए वह बहुत दूर सफर पर निकल पड़ा लेकिन रास्ते में ही वीरेंद्र सिंह के पहरेदारो ने उसे पकड़ कर क़ैद कर लिया..

सुबह के 4:00 बजे गौतम इस सपने से बाहर निकल आया और अपने सपने की हकीकत को झूठ मानते हुए यह बस उसका एक वहम समझ कर इसे भूल जाने का निर्णय कर वापस सो गया..

Bahut hi Emotional Update ha...
Dil var aya...
Bahut kuch clear vi huwa....
❤❤❤❤❤👍👍👍👍👍👍🤤🤤🤤🤤🤤🤤
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,295
8,770
159
Waiting for next update…
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
42,039
107,428
304
Update 25


बुआ बहुत अच्छा नाचती हो आप तो.. देखो कैसे सारे मर्द आपको देखकर कुत्ते की तरह जीभ बाहर निकाल रहे है..
आरती ने नाचकर अभी अभी बगल वाली कुर्सी पर बैठी सुमन से कहा तो सुमन खिलखिलाती हुई हसने लगी औऱ आस पास खड़े मर्दो को देखने लगी जो उसी के ऊपर नज़र गड़ाये खड़े थे..
सुमन अच्छे से समझ रही थी मर्दो की नज़र उसके बदन पर कहा कहा पड़ रही है औऱ वो सब क्यों इतने हवस भारी नज़रो से उसे देख रहे है..
रात के दस बज चुके थे औऱ सुमन को अब तक कई milflover लड़को औऱ उसकी हम उम्र आदमियों ने नंबर देने की कोशिश की थी मगर सुमन ने एक भी आदमी को भाव नहीं दिया औऱ अपनी मस्ती में मस्त होकर शादी का पूरा मज़ा लेती रही..
सुमन - निकालने दो जीभ बाहर.. कोनसा जीभ बाहर निकालने से खाने को हड्डी मिल जायेगी इन कुत्तो को..
आरती औऱ सुमन इस बात पर जोर से हँसने लगती है..
आरती - मानना पड़ेगा बुआ.. पुरानी शराब हो.. हम नई नई जवान औरतों से ज्यादा नशा देती हो.. मुझसे ज्यादा तो सब आपको ही देख रहे है.
सुमन - चुप कर अब तू.. चल अब बहुत नाच गाना हो गया कुछ खा लेते है बहुत भूक लगने लगी है मुझे तो..
आरती - बुआ आप खाओ खाना मुझे तो अभी इन मर्दो का पानी भी निजालवाना है.. आज तो बहुत लोगों ने आपके औऱ मेरे नाम से पानी निकाला होगा..
सुमन हस्ती हुई - कितना बेशर्म हो गई है तू.. औऱ इस लंगड़ी चाल से कब तक नाचेगी? चल अब मैं तो जाती हूँ बहुत नाच लिया..
कोमल आते हुए - सुमन ग़ुगु को कहीं देखा तूने?
सुमन - क्यों भाभी क्या हुआ?
कोमल - सुमन पंडित ज़ी ने फेरो के लिए जो सामान मंगवाया था वो तो घर ही रह गया है.. तू ग़ुगु को बोल ना जाकर ले आये फ़ोन भी नहीं उठा रहा वो..
सुमन - यही कहीं होगा.. भाभी मैं देखती हूँ..
कोमल - जल्दी देख सुमन.. आज का ही शुभ समय है.. पूर्णिमा का दिन है.. अगर 12 बजे के बाद फेरे पड़े तो अशुभ घड़ी शुरू हो जायेगी..
सुमन - आज पूर्णिमा है?
कोमल - हाँ.. लेकिन तू इतनी फ़िक्र में क्यों है?
सुमन - कुछ नहीं भाभी.. मैं ग़ुगु के साथ घर जाती हूँ औऱ सामान लेकर आती हूँ..
कोमल - लो सुमन चाबी.. जल्दी आना..
सुमन - चिंता मत करो भाभी अभी समय है..

सुमन कोमल से चाबी लेकर लोन में गौतम को ढूंढने लगती है.. औऱ कुछ देर बाद गौतम सुमन को अकेला कहीं बैठा हुआ अपने फ़ोन में किसी से चैटिंग करते हुए दिखाई देता है..
सुमन - ग़ुगु चल.. घर चलना है..
गौतम - क्यों?
सुमन - चल ना रास्ते में बताती हूँ..
गौतम उठकर सुमन के साथ पार्किंग की तरफ जाते हुए - क्या हुआ माँ.. सब ठीक है ना इतनी जल्दी में क्यों हो..
सुमन - अरे वो भाभी कुछ सामान भूल गई है घर पर.. वही लेकर आना है.. फेरो के लिए पंडित ज़ी को जरुरत है उसकी..
गौतम - ये बात है क्या.. मुझे लगा आज मैं लकी होने वाला हूँ.. आप शायद मान गई हो..
सुमन हसते हुए - ग़ुगु तू.. हर दम वही सब सोचता रहता है?
गौतम - अब आपके जैसी खूबसूरत माँ हो तो औऱ क्या सोचूंगा.. मैं भी देख रहा था कैसे लोग आपको नाचते हुए देख रहे थे.. कई लोगों ने तो नंबर भी दिये है..
सुमन - वो सब मैंने नहीं लिए.. मुझे किसी में दिलचस्पी नहीं है.. तू जल्दी से गाडी चला औऱ घर चल.. एक औऱ काम है तुझसे..
गौतम - औऱ वो क्या है..
सुमन - अकेले में बताऊंगी..
गौतम - यहां पार्किंग में कौन है बता दो...
सुमन - नहीं.. तू चल..
गौतम गाडी स्टार्ट करके घर की तरफ मोड़ लेता है रात के सुनसान रास्ते औऱ खाली सडक से घर पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता...
सुमन का दरवाजा खोलकर अंदर आ जाती है गौतम भी उसके पीछे पीछे अंदर आकर घर का दरवाजा लगा देता है औऱ सुमन से कहता है..
गौतम - अब तो बता दो दूसरा कम क्या है..
सुमन मुस्कुराते हुए - थोड़ा सब्र कर शहजादे.. इतनी बेसब्री अच्छी नहीं पहले सामान देख लेती हूँ कहा रखा है भाभी ने..
गौतम - अपने रूम में रखा होगा..
सुमन - नहीं ग़ुगु सारा सामान भाभी ने इसी रूम में रखा था..
गौतम - रुको मैं फ़ोन करके पूछता हूँ..
सुमन - हाँ ये ठीक रहेगा.. पूछो कहा रखा है सामान..
गौतम फ़ोन पर - हेलो मामी.. सामान कहा है रखा है जो आप छोड़ गए थे?
सुमन - अरे बेटा.. गलती हो गई.. तेरे मामा वो सामान ले तो आये पर अपनी गाडी की डिक्की से निकाला ही नहीं.. सामान यही गाडी में है.. मैंने तेरे मामा को कहकर मंगवा लिया.. तुम्हे बिना काम ही घर जाना पड़ा..
गौतम - कोई बात नहीं मामी.. फ़ोन कट जाता है..

फ़ोन स्पीकर पर था सुमन भी सारी बातें सुन रही थी..
सुमन - भाभी भी ना.. ऐसा नहीं कि पहले भईया से पूछ ले.. फालतू ही यहां आये..
गौतम सुमन को बाहों मे भरते हुए - फ़ालतू क्यों माँ.. हम यहां खुलकर रोमांस कर सकते है.. अब बताओ औऱ क्या काम था मुझसे..
सुमन - पहले छोड़.. मुझे कुछ काम है..
गौतम सुमन को छोड़ते हुए - लो छोड़ दिया...
सुमन मुस्कुराते हुए - अपने कमरे में जाके बैठ मैं पांच मिनट में आती हूँ..
गौतम - जल्दी आना माँ.. वरना मैं आ जाऊँगा..
सुमन गौतम की बात पर हसते हुए अपने कमरे में चली जाती है औऱ अपने साड़ियों में से एक लाल कलर की साडी पहन लेती है.. औऱ गौतम के कमरे में आती है..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा तो याद आ ही गया आपको आज पूर्णिमा है.. मगर जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी मैं आपका दूध नहीं पिने वाला..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम की गोद में आकर बैठती हुई अपना ब्लाउज खोलकर - मेरे इन दोनो कबूतरों को देखकर आज बहुत सारे मर्दो ने इन्हे पाने की कोशिश की थी.. औऱ एक तू है.. इतनी प्यार से मिन्नतें करके.. हाथ जोड़कर.. तुझे अपने बोबे चुसवाती हूँ फिर भी तू नखरे करता है..
गौतम - मैं नखरे करता हूँ या आप नखरे करती हो.. कब से बोल रहा हूँ सेक्स करते है पर आप हो की सुनती ही नहीं.. हम दोनों के बीच अकेले में इतना सब होता है.. सेक्स भी हो जाएगा तो कौन पूछने वाला है? आपको चाहिए तो कंडोम पहन के चोद लूंगा मुझे कोई परेशानी नहीं है उसमे.. बस आप हाँ कर दो बहुत प्यार करुंगा माँ आपको..
सुमन - बेशम.. भला कोई बेटा भी अपनी सगी माँ चोदता है? तू तो ऐसी बात कर रहा है जो आज तक कहीं नहीं हुई..
गौतम - हर दूसरे घर में होती है माँ.. पर आप मानने को ही तैयार नहीं हो..
सुमन - कहा होती? तेरे सपनो में? कुछ भी मत बोल.. चुपचाप अब मेरे बोबे चूस.. वापस भी चलना है..
गौतम - नहीं चूसने माँ मुझे आपके बोबे.. हर बार बोबे चूसा कर लंड खड़ा कर देती हो फिर खड़े लंड पर चोट करके चली जाती हो.. औऱ आप नहीं मानती इसका मतलब ये नहीं कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं होता.. दुनिया में बहुत कुछ होता है औऱ इंडिया में तो औऱ भी ज्यादा.. कहीं किसी घर कोई बेटा अपनी माँ चोद रहा है तो कहीं कोई बाप अपनी बेटी.. भाई बहन तो हर दूसरे घर में चुदाई कर रहे है.. लोग इसपर बात करने से डरते है इसलिए अब तक ये सब छीपा हुआ है.. इंटरनेट जानती हो ना.. उस पर कई ऐसे समाचार पत्र आते है जिनमे घर में होने वाली चुदाई के समाचार आते है वो भी पूरी डिटेल के साथ.. मगर आपको क्या पता.. आपको तो ये सब बकवास औऱ कोरी बातें लगती है..
सुमन - अच्छा होनसा अखबार छापता ऐसी खबर.. बता जरा..
गौतम - डार्क वेब करके कुछ होता है उस पर आते है.. मेने एक साइट को सब्सक्राइब किया है उसमे इंडिया की incest न्यूज़ आती है.. "भारत की पारिवारिक चुदाईया" नाम से आता है समाचार... हर वीकेंड पर.. पढ़ोगी..
सुमन कुछ पल रूककर -पढ़ा जरा.. मैं भी तो देखु तू सच कह भी रहा है या नहीं..
गौतम अपना फ़ोन निकालकर - लो पढ़ो ये पिछले वीकेंड का न्यूज़ पेपर है..
सुमन - तू ही पढ़ के सुना.. मुझसे फ़ोन में नहीं पढ़ा जाएगा.. आँखे कमजोर हो गई है मेरी..
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - सुनो.. पहली खबर - बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बाप पिछले 1 साल से कर रहा था अपनी बेटी के साथ गलत काम.. बेटी के प्रेग्नेंट होने पर आस पास के लोगों को इस बात का पता चला.. बेटी ने पुलिस से कहा की उसके बाप ने उसकी मर्ज़ी से उसके साथ सम्बन्ध बनाये थे औऱ अब वो अपने बाप के साथ ही रहना चाहती है..
दूसरी खबर - बिहार के मधुबनी में भाई ने रचाई अपनी ही बहन के साथ शादी.. दोनों का चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था.. घर में ही दोनों करते थे रात रातभर चुदाई.. एक बार बच्चा भी गिरा चुके है.. लड़की ने कहा.. पति शराब पीके मारपिट करता था इसलिए ससुराल छोड़कर अकेले रह रहे छोटे भाई के घर रहने आई थी.. घर आने के कुछ दिनों में ही लड़की को अपने छोटे भाई से प्यार हो गया औऱ दोनों में रात दिन चुदाई होने लगी.. पहला बच्चा तो समाज के डर से गिरा दिया मगर दूसरे बच्चे को वो पैदा करना चाहती है औऱ इसलिए दोनों भाई बहनो ने आपस में शादी करके साथ रहने का निर्णय लिया है..
तीसरी खबर - हरियाणा के रोहतक में अपने पति के कहने पर बाप की जायद में अपना हिस्सा मांग रही औरत को उसके दोनों भाइयो औऱ पांचो भतीजो ने हिस्सा देने के बदले 21 दिनों तक खूब चोदा.. औरत का कहना है की उसे जायदाद में हिस्सा लेने के लिए 21 की जगह 121 दिन भी चुदना पड़ता तो वो चुदने को तैयार थी.. भतीजो ने कहा कि बुआ की चुत बहुत टाइट थी सबको बुआ की चुत मारने में मज़ा आया..
चौथी ख़बर - उतर प्रदेश के शहर बरेली में एक शराबी बेटे के पास जब रांड चोदने के पैसे नहीं बचे तो उसने घर आकर अपनी ही माँ का घाघरा उठा दिया.. बीमार बाप की गैरमोज़ूदगी में शराबी बेटे ने रातभर में 4 बार अपनी माँ की चुत चोदकर माँ की चुत में अपना माल झाड़ दिया.. नशा उतरने पर बेटे ने माँ से पैर छूकर माफ़ी मांगी औऱ शराब छोड़ देने का वादा भी किया.. माँ का कहना है कि.. जो हुआ सो हुआ.. एकलौता जवान लड़का है औऱ ऊपर से घर चलाने वाला भी.. अगर फिर से बेटा चोदना चाहेगा तो वो अपनी मर्ज़ी से चुदवाएगी...
पाँचवी खबर - महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सटे ग्रामीण इलाके में दो भाइयो का विवाद तब सुर्खियों में आ गया जब दोनों ने एकदूसरे पर अपनी अपनी पत्नियों को पेलने का आरोप लगाते हुए अपनी अपनी बात कही.. बड़े भाई का कहना था कि छोटा भाई उसकी पत्नी को खेतो में बुलाकर चोदता है तो छोटे भाई का कहना था कि बड़ा भाई उसकी पत्नी को छत पर बुला के चोदता है.. आखिर में पंचायत ने दोनों को पत्नियां अदला बदली करनी कि सलाह दी. दोनों भाइयो ने अपनी पत्नी को तलाक़ देकर एकदूसरे की पत्नी से शादी कर ली..
छटी खबर - उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले जुनेद आलम नाम के शख्स को अपनी तलाक़शुदा बहन जमीला से तब निकाह करना पड़ गया जब जमीला को चोदते हुए उसे पड़ोसियों ने देख लिया.. जमीला का कहना है की जुनेद उसे हर तरह से खुश रखता है औऱ वो जुनेद के साथ निकाह करके खुश है..
सातवीं खबर - मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लूलीपुर गाँव में एक 18 साल की युवती मीना को उसके 32 साल के मामा रघुवर से ऐसा इश्क़ हुआ कि लड़की ने घरवालों से मामा के साथ शादी करने की ज़िद पर अड़ गई.. परिवार ने चोरी छिपे लड़की की शादी करवाकर उसको उसके मामा के साथ शहर भेज दिया.. जहाँ दोनों एक किराए के घर में रहते है..
आठवीं खबर - छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहने वाले मज़ीद अली नाम के शख्स ने हवस में अंधे होकर अपनी माँ औऱ बहन को तब चोद डाला जब दोनों एक साथ सो रही थी..
बहन का कहना है की भाई ने पहले उसकी अम्मी चोदी औऱ जब भाई को अम्मी की चुत ढीली लगी तो भाई ने उसकी सलवार उतार कर उसकी चुत मारी.. माँ का कहना है की बेटा ब्लू फिल्मो का शौकीन है उसे ava adams कहकर बुलाता था औऱ बेटी को mia khalifa..
नवी खबर - बिहार के समस्तीपुर के छोटे से गाँव कुला में भाई बहन 2 साल से बना रहे थे सम्बन्ध.. पिता को पता लगने पर दोनों को घर से निकाला.. लड़का अपनी बहन के साथ पटना अपने दोस्तों के घर किराए पर रहने आ गया औऱ वही अपनी बहन से शादी करके रहने लगा..
दसवीं खबर - दिल्ली में अपने ही बेटे पर आ गया एक माँ का दिल.. 44 साल की सुशीला अपने 26 साल के बेटे संस्कार के साथ प्यार में ऐसी पड़ी कि समाज की मर्यादा तोड़कर अपने बेटे के साथ भाग निकली.. पति का कहना है कि सुशीला उसके सो जाने के बाद संस्कार के कमरे में जाकर चुदवाती थी.. बेटे के साथ आपत्तिजनक तस्वीर भी खिचवाती थी.. मना करने के बाद भी सुशीला ने अपने नाजायज सम्बन्ध अपने बेटे संस्कार से नहीं तोड़े औऱ घर में खुलकर गंद मचाने लगी.. कई बार उसने अपने बीवी बेटे को रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथ पकड़ा मगर समाज औऱ बदनामी के डर से कुछ बोल ना सका.. शुशीला जब संस्कार से प्रेग्नेंट हुई तो घर से सारा केश औऱ गहने के साथ संस्कार को लेके भाग निकली..
सुमन - हाय.. कैसी औरत होगी.. अपने ही बेटे को भगा के ले गई..
गौतम - तो.. सब क्या आपके जैसी डरपोक है? अभी औऱ भी बहुत सी खबर है.. एक तरफ सुशीला है औऱ एक तरफ आप.. आप तो कंडोम लगा के भी नहीं चोदने देती... चुत पूरी तरह गीली है मगर फिर भी चुदवाना नहीं है..
सुमन - तू मेरी मजबूरिया क्यों नहीं समझता शहजादे.. मेरी चुत औऱ गांड तुझसे बढ़कर थोड़ी है.. चल अब अच्छे बच्चे कि तरह मेरे दोनों बोबो को चूस वरना माँ नाराज़ हो जायेगी..
गौतम सुमन के दोनों बूब्स पकड़कर उसे बिस्तर पर पीठ के बल लेटा देता है औऱ बोबे मसलते हुए कहता है - बचपन से देख रहा हूँ आपको.. थोड़ी देर मेरी शकल ना दिखे तो बेचैन हो उठती हो आप.. कितनी भी बड़ी गलती कर दूँ कभी कुछ नहीं कहती.. बड़ी आई नाराज़ होने वाली..
सुमन - एकलौता सुकून है मेरी आँखों का तू ग़ुगु.. तुझसे कैसे नाराज़ हो सकती हूँ..
गौतम सुमन के निप्पल्स चाटते हुए - तो फिर ले चलो मुझे भी भगा कर.. कहीं दूर पहाड़ो में.. एक छोटा सा घर होगा.. उसमें सिर्फ आप मैं औऱ एक बिस्तर.. दिन महीने साल बदल जायेगे पर हम दोनों वही उसी बिस्तर पर हमारे मिलन के सुख को भोगते रहेंगे..
सुमन मुस्कुराते हुए - खुली हुई आँखों से इतने बड़े बड़े औऱ पुरे नहीं होने वाले सपने मत देख मेरे शहजादे.. मैं तेरी माँ हूँ औऱ माँ बनकर ही तेरे साथ रहूंगी हमेशा..
गौतम निप्पल्स चूसते हुए - होगा माँ.. हर सपना पूरा होगा.. देखना एक दिन ऐसे ही किसी मुलायम बिस्तर पर आप इसी तरह मेरे नीचे लेटी रहोगी औऱ अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत में घुसाती हुई बोलोगी.. गौतम ज़ी.. आज जरा धीरे करना.. अभी अभी आपके बच्चे को दूध पीलाके सुलाके आई हूँ.. अगर वो कल की तरह उठ गया तो हिलाके ही सोना पड़ेगा आपको...
सुमन जोर से हसते हुए - हट बेशर्म.. कुछ भी उल्टा सीधा बोलता है.. कितना कुछ सोच रखा है तूने.. तू जितना प्यारा है उतना ही शैतानी दिमाग भी है तेरा... अब चल वापस चलते है..
गौतम - इतनी भी क्या जल्दी है माँ.. कोनसी हमारे बिना शादी रुक जायेगी.. चलो थोड़ी देर ट्रुथ एंड डेयर खेलते है..
सुमन - नहीं ग़ुगु... तू ना बहुत गंदे गंदे सवाल पूछता है औऱ गंदे गंदे काम करवाता है मुझसे..
गौतम - तो आप भी पूछ लेना ना.. औऱ जो मन हो वो डेयर दे देना मैं मना नहीं करूँगा..
सुमन - ठीक है मगर इस बार आँख झपकाने वाला गेम नहीं चलेगा उसमे हर बार तू ही जीत जाता है..
गौतम - तो कोनसा गेम खेले?
सुमन - कोई भी दूसरा..
गौतम - अच्छा ठीक है.. मैं अलार्म सेट करता हूँ फ़ोन में जो एक मिनट होने पर बजेगा.. औऱ ये चिविंगम आप खा लो.. मैं आपके मुंह से आपको चूमकर चिविंगम निकालने की कोशिश करूँगा.. अलार्म बजते ही जिसके मुंह में चिविंगम होगी वही जीतेगा...
सुमन - ठीक है.. इस बार देखती हूँ तू कैसे जीतता है.. आओ चूमो मुझे औऱ अलार्म सेट कर दो.. एक मिनट क्या दस के बाद भी तू मेरे मुंह से चिविंगम नहीं निकाल पायेगा बच्चू...
गौतम - वो अभी पता चल जाएगा माँ..
गौतम औऱ सुमन का चुम्मा शुरू होता है गौतम अपनी जीभ से सुमन के मुंह में इधर से उधर चिविंगम तलाश करता है.. मगर अलार्म बजने पर सुमन के मुंह से गौतम चिविंगम निकालकर अपने मुंह में लेने में नाकाम रहता है..

सुमन अलार्म बजने पर चुम्मा तोड़कर - अब बोल बच्चू? बहुत गेम खेलने का शोक है ना तुझे..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ क्या करू? डेयर लेता हूँ मैं..
सुमन थोड़ी देर सोचकर - हम्म.. अपने फ़ोन का पासवर्ड बताओ.. औऱ लोक चेंज मत करना..
गौतम - माँ नहीं यार.. ये बहुत पर्सनल है मैं भी तो आपके फ़ोन का पासवर्ड नहीं पूछता..
सुमन मुंह मोड़ते हुए - नहीं करना छोड़ दो.. वैसे भी तुम मेरी तरह डेयर तो कर नहीं सकते..
गौतम सुमन को देखते हुए - ताना मार रही हो मुझे.. आपकी डेट ऑफ़ बर्थ है मेरे फ़ोन का पासवर्ड.. अब खुश..
सुमन मुस्कुराते हुए - मेरी डेट ऑफ़ बर्थ? ग़ुगु तू भी ना.. तेरी इन्ही हरकतों की वजह से मुझे इतना प्यार आता है तुझ पर..
गौतम - अच्छा अब चिविंगम दो.. इस बार आप मेरे मुंह से निकालना..
सुमन अपने मुंह की चिविंगम गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ गौतम अलार्म सेट करके फिर से सुमन को चूमने लगता है सुमन भी अपनी पूरी कोशिश करती है मगर गौतम के मुंह से चिविंगम अपने मुंह में लेने में असफल रहती है.. औऱ हार जाती है..
गौतम - बताओ मेरी सेक्सी माँ.. क्या लोगी ट्रुथ या डेयर?
सुमन - तूने जो लिए मैं भी वही लुंगी.. बता क्या करना है..
गौतम - एक काम करो.. अपना फ़ोन उठाओ औऱ पापा को फ़ोन करके उनसे झगड़ा करो गन्दा वाला औऱ पापा को एक दो गाली भी दे देना..
सुमन - इस वक़्त?
गौतम - अभी तो सिर्फ साढ़े दस हुए है..
सुमन अपना फ़ोन उठा कर - ठीक है..
सुमन फ़ोन स्पीकर पर डालकर - हेलो..
जगमोहन - हेलो.. हाँ बोलो..
सुमन - तुम शादी में आने वाले थे ना.. कल भी तुम्हे फ़ोन करके कहा था मैंने औऱ तुमने हां करी थी..
जगमोहन - सुमन अभी इंचार्ज साब के साथ गस्त पर आया हुआ हूँ बाद में बात करूँगा..
सुमन - इंचार्ज के साथ हो या अपनी उस रखैल माधुरी के साथ? मुझे छोटे से पुलिस क्वाटर में रखा है उस महारानी के लिए बड़ा मकान बनवाया है.. एक बार वापस आ जाऊ फिर देखती हूँ तुम दोनों को..
जगमोहन - तु अब वापस शुरू मत हो जाना.. कहा है ना मैंने. बात कर रहा हूँ माधुरी से.. जल्दी ही उसे मनाकर तुझे भी वहा से बुला लूंगा..
सुमन - उसकी परमिशन से आउंगी क्या मैं? वो होती कोन है हां या ना करने वाली.. मर्दानगी तो ख़त्म हो ही चुकी है तुम्हारे अंदर अब लगता है शर्म भी ख़त्म हो गई है..
जगमोहन - सुमन जबान संभाल के.. अपनी हद को मत भूल.. औऱ घर उसके नाम पर है उससे तो बात करनी पड़ेगी..
सुमन - वाह.. बहन दुगुनी उम्र के बूढ़े से शादी करके बैठी है औऱ भाई अपनी पत्नी को छोड़कर रखैल के नाम पर घर ले रहा है.. थोड़ी बहुत शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब जाओ..
जगमोहन - अपनी जबान को लगाम दे सुमन.. वरना घर छोड़ उस पुलिस क्वाटर से भी जायेगी.. हर महीने खर्चा भेज रहा हूँ उसे खुश किस्मती समझ..
सुमन - खर्चा भेजते हो तो अहसान करते हो क्या.. औऱ होता क्या है तुम्हारे भेजे 15 हज़ार रुपए में.. अपने बेटे की छोटी मोटी जरुरत भी पूरी नहीं कर पाती.. अब तो मेरे बेटे ने मुझसे कुछ माँगना भी छोड़ दिया है.. नपुंसक तो थे ही अब बेशर्म भी हो गए..
जगमोहन - मेरा तुझसे लड़ाई का कोई मूंड नहीं है फोन रख..
सुमन - औऱ कर भी क्या सकते हो फ़ोन रखने के अलावा? चोद तो मुझे पाओगे नहीं.. ढीला लंड एक मिनट में झड़ जाएगा.. पता नहीं उस डायन को क्या पसंद आया तुम्हारे अंदर? जो अब तक तुम्हारे साथ है..
जगमोहन - साली वो कम से कम मुझे इंसान मानकर तो बात करती है तेरी तरह ताने तो नहीं मारती.. जब तेरे पास आता हूँ.. तू मुझे हर बार मेरी नामर्दानगी का अहसास दिला देती है.. बेटे पर जादू किया हुआ है.. मेरी तो आज तक कोई बात नहीं मानी उसने.. औऱ तेरे साथ शादी में चला गया..
गौतम अपनी माँ औऱ बाप की बातें सुनता हुआ सुमन के चुचे चूस रहा था औऱ फिर एक सिगरेट जलाते हुए कश लेकर सुमन को मुस्कुराते हुए देखने लगा..
सुमन गौतम से सिगरेट लेकर कश मारके कहती है - मेरा बेटा है मेरी नहीं सुनेगा तो क्या तुम्हारी उस रखैल की सुनेगा? तुम्हारी बहन तो बदचलन थी ही.. उसके साथ साथ तुम्हे भी बाहर मुंह मारने की आदत है..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ अपना लंड सुमन के मुंह के आगे ले आता है जिसे सुमन पकड़ते हुए धीरे धीरे मुंह में लेकर चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे किसने मना किया है साली.. तू भी बाहर किसी से गांड मरवा ले.. पर मुझे रोज़ रोज़ फ़ोन करके परेशान मत कर.. मैं तंग आ गया तुझसे..
सुमन लंड चूसते हुए - तुम्हारी बहन के जैसी रांड नहीं हूँ मैं जो बाहर गैर मर्दो से चुदवाती फिरू.. इज़्ज़तदार घरेलु औरत हूँ औऱ एक जवान बेटे की माँ.. बाहर मुंह मारना मेरी आदत नहीं है.. इतना कहते ही सुमन फिर से गौतम का लंड चूसने लगती है..
जगमोहन - तुझे जो करना है कर.. मुझे माफ़ कर.. मेरे पास तेरे घरवालों के लिए टाइम नहीं है..
सुमन धीरे धीरे लंड चूसते हुए गौतम से सिगरेट लेकर कश मारते हुए - हाँ.. आई ज़ी.. डीआईज़ी लगे हो ना तुम तो.. सिर्फ एक हेड कांस्टेबल हो.. देसी भाषा में ठुल्ला..
जगमोहन फ़ोन काटते हुए - हट बहनचोद.. तेरा फ़ोन ही नहीं उठाना चाहिए था..
गौतम सुमन के बाल पकड़कर अपना लोडा चुसवाता हुआ सिगरेट का कश लेकर - माँ बुआ के बारे में कुछ मत बोला करो.. आपकी तरह उनको भी बहुत प्यार करता हूँ मैं...
सुमन गुस्से में - सब जानती हूँ कितना प्यार करता है औऱ कैसे प्यार करता है तू अपनी बुआ को.. उस रात सब अपनी आँखों से देखा था मैंने...
गौतम - माँ कहा छुपा रखा था अपने अपना ये रूप.. पापा से जैसे बात की औऱ मुझसे कर रही.. गुस्से में कभी देखा नहीं आपको.. गुस्सा अच्छा लगता है आपके ऊपर.. मुझ पर भी किया करो..
सुमन मुस्कुराते हुए - तेरा तो आधे घंटे से पहले नहीं निकलने वाला.. चल अब वापस चलते है वरना बहुत देर हो जायेगी.. बहुत भूक भी लगी है मुझे तो..
गौतम - जैसा आप कहो..
सुमन - रुक मैं साडी बदल कर आती हूँ..
गौतम - रहने दो ना अच्छा लग रहा है आपके ऊपर ये भी..
सुमन - अच्छा चल ठीक है..

***********

इतना समय कैसे लग गया सुमन? औऱ ये साडी क्यों बदली है तूने..
भाभी वो कुछ गिर गया था साड़ी पर इसलिए बदल ली.. मैं गौतम के साथ खाना खाने जा रही हूँ..
अरे खाना मेरे साथ खा लेना.. कहा गौतम के पीछे पीछे घूम रही है अब वो बच्चा नहीं मर्द बन चूका है..
ठीक है भाभी चलो..

अधिकांश मेहमान वापस जा चुके थे और लोन में अब बहुत कम ही लोग बचे थे रात के 11:00 का समय था और अब स्टेज पर रितु और राहुल भी सभी मेहमानों के साथ तस्वीर खिचवा चुके थे..

लोन में खाली टेबल पर एक आदमी नशे में बैठा झूलता हुआ एक वेटर से अनाप-शनाप गाली-गलौज कर रहा था..
आदमी - भोस्डिके क्या मंगवाया था औऱ क्या लेके आया है तू?
वेटर - सॉरी सर.. अभी ला देता हूँ..
गौतम उसके नजदीक जाकर.. टेबल पर बैठता हुआ..
गौतम - बहुत ख़ास मेहमान लग रहे हो..
आदमी - तू कौन है..
गौतम झूठ बोलता हुआ - केटरिंग मेरी है.. मेरे ही आदमियों से आप बदसूलुकी कररहे थे..
आदमी - अरे समझाओ अपने वेटर को साला कहता कुछ हूँ करता कुछ है.
गौतम - नासमझ है साला.. कई बार पिट भी चूका है.. खैर छोडो.. मेरा नाम गौतम है.. आप?
आदमी - विक्रम..
गौतम - विक्रम ज़ी बराती लगते हो..
विक्रम - नहीं यार.. ना घराती ना बराती.. हम है अपनी मर्ज़ी के मेहमान..
गौतम - मतलब?
विक्रम - मतलब कि मैं वो हूँ जो इस शादी को दो मिनट में ख़राब कर सकता हूँ.
गौतम - अच्छा? कोई महान हस्ती लगते हो?
विकर्म - हाँ बेशक़.. दुल्हन का बॉयफ्रेंड हूँ मैं..
गौतम हैरानी से - क्या? पर मैंने तो सुना है दुल्हन बहुत भोली भाली शरीफ है..
विकर्म फ़ोन निकालते हुए - अरे मेरा लंड शरीफ है साली.. लपक लपक के लोडे लेती है मादरचोद.. थोड़ी देर पहले पीछे बाथरूम में चोद के आया हूँ रंडी को ये देख सबूत..
गौतम फोन में विकर्म औऱ ऋतू कि चुदाई का वीडियो देखकर - अरे बहनचोद.. लगता है बहुत टाइम से पेल रहे हो इस लड़की को.. फिर शादी क्यों नहीं कि?
विकर्म - रडियो से शादी नहीं करते छोटे भाई.. बस चोदके मज़े लेते है..
गौतम - समझा नहीं..
विकर्म - ये साली रांड मुझसे पहले औऱ कई लोगो से चुद चुकी है.. सबने एक एक करके चोदा है इसको..
गौतम - बड़े भाई.. खाना छोडो यार दारु पीते है औऱ.. आओ मेरे साथ चलो.. हर ब्राड है अपने पास..
विक्रम हसते हुए - लगता है तुझे भी इसकी लेनी है.. चिंता मत कर मैं दिलवा दूंगा..

गौतम विक्रम हो अपने रूम में जाता है औऱ दो पेग बनाकर एक बैठ जाता है..
गौतम - लकी तो हो यार आप.. मगर ये लड़की शादी के दिन भी आपसे चुदवा रही है.. कुछ तो बात है.
विकर्म पेग पीकर- अरे इसके बहुत वीडियो है मेरे पास.. एक बार बुलाने पर भाग के चली आती.. (बोतल लेकर पीते हुए) मैं कहता हूँ नहीं आएगी तो mms लीक कर दूंगा.. साली को आना ही पड़ता है..
गौतम - क्या बात है.. बहुत पहुचे हुए खिलाड़ी हो.. आप तो..
विक्रम हसते हुए बोतल से एक साथ बहुत सारी दारु पिता हुआ बेड पर गिर जाता है औऱ गौतम विकर्म के गिरने पर उसे बेड पर अच्छे से लेटा देता है औऱ उसके फोन को लेकर विकर्म कि ऊँगली से लॉक खोलकर ऋतू के सारे वीडियो अपने फ़ोन में ट्रांसफर करके विकर्म के फ़ोन से ऋतू के वीडियो डिलीट कर देता है.. इसके बाद गौतम चेतन को फ़ोन करता है..

गौतम - भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु?
गौतम - भईया उस आदमी के नम्बर दोगे जिसने रांडे बुलाई थी?
चेतन - तुझे क्यों चाहिए उसके नम्बर?
गौतम - अर्जेंट है भईया.. आप दो ना..
चेतन - ग़ुगु एक दो लड़की अभी यही है तुझे चाहिए तो भेज देता हूँ..
गौतम - भईया आप भेजो ना यार नम्बर.. लड़की नहीं चाहिए मुझे..
चेतन - ठीक है व्हाट्सप्प कर रहा हूँ.. पैसे मत देना मैं दे दूंगा..
गौतम - ठीक है भईया..

गौतम चेतन के भेजे हुए नम्बर डायल करके - हेलो
दलाल - हैल्लो..
गौतम - कालू ज़ी बोल रहे है..
दलाल - हाँ.. आप कौन?
गौतम - मैं चेतन का भाई हूँ.. आपने आज 11 औरते भेजी थी ना नाचने के लिए..
कालू - हाँ.. औऱ कुछ चाहिए तो बताओ? भेजना है औऱ किसी औरत को?.
गौतम - हाँ.. पर औरत को नहीं मर्द चाहिए जिसे लड़के पसंद हो..
कालू हसते हुए - अच्छा है आजकल लड़के भी डिमांड में है.. कितने भेजू?
गौतम - 1 ही भेज दो.. जितना बदसूरत हो उतना अच्छा..
कालू - 10 मिनट में आ जाएगा.. इस नम्बर के कांटेक्ट सेंड कर रहा हूँ. फ़ोन उठा लेना.. वसीम नाम है आदमी का..
गौतम - ठीक है..

हेलो ..
वसीम - ज़ी मैं पहुंच गया हूँ..
गौतम - लेफ्ट साइड में वाइट बिल्डिंग दिख रही है.. फर्स्ट फ्लोर पर रूम नम्बर 26 में आजा..
वसीम रूम में आकर गौतम से - आपने बुलाया है?
गौतम - हाँ ये आदमी दिख रहा है..
वसीम - मरा हुआ है क्या?
गौतम - अबे नशे में है..
वसीम - तो..
गौतम - तो क्या.. चोद इस आदमी को..
वसीम - पर आप वीडियो क्यों बना रहे है..
गौतम - बना नहीं रहा बनाऊंगा.. तुझे दिक्कत है वीडियो बनाने से?
वसीम - हाँ.. मैं वीडियो नहीं बना सकता..
गौतम - अबे डबल रेट दिलवा दूंगा..
वसीम कुछ सोचकर - मेरा फेस तो नहीं आएगा ना..
गौतम - अबे रुमाल बाँध ले.. चल अब शुरू कर फ़िल्म...
वसीम विकर्म को नंगा कर के खुद्द भी नंगा हो जाता है औऱ विक्रम के साथ चूमाचाटी करते हुए विक्रम के मज़े लेने लगता है.. विकर्म नशे में पूरी तरह से चूर हिलता दुलता हुआ वसीम को अपने ऊपर से हटाता है मगर वसीम विकर्म की गांड में थूक लगा कर अपने लंड से उसे चोदने लगता है.. विकर्म नशे में चूर था उसे सब दिखाई दे रहा था मगर वो कुछ नहीं कर पास रहा था.. गौतम विक्रम के फ़ोन से ही उसका mms बना रहा था..

विक्रम चुद चूका था औऱ उसका वीडियो उसी के फ़ोन में बन चूका था जिसे गौतम ने अपने फ़ोन में ट्रांसफर भी कर लिया था.. वसीम विकर्म को चोदकर निकल चूका था औऱ विकर्म आहे भरता हुआ अपनी गांड के हाथ लगा के लेता था उसकी हालात ऐसी थी की वो कुछ नहीं कर सकता था.. नशे में चुर विक्रम कुछ देर बाद गहरी नींद में सो गया.

गौतम ने विकर्म के फ़ोन से उसका mms बनाकर फ़ोन विक्रम के पास ही पटक कर रूम से बाहर आ गया.. विक्रम का mms गौतम के पास था औऱ अब विक्रम के पास ऋतू का एक भी वीडियो नहीं था..

Shaandar jabardast Super hot Romantic update 💓 💓 🔥 🔥 🔥
Ritu ki history khul gayi 😊 Gautam ne use Vikaram se bacha liya aur Vikram ko saza bhi de di 👍 Vikram uthega to pata chala ki uski le li gayi hai 🤣 🤣 🤣
Ab Ritu ka kya haal karega Gautam :sex:
Suman ne apne pati ko hi pel diya 🤣 🤣
Kya news banaye hai Jabardast 😀😀😀😀😀
 
  • Love
Reactions: moms_bachha

Rajizexy

Punjabi Doc
Supreme
46,235
47,940
304

Luckyloda

Well-Known Member
2,453
8,052
158
विक्रम की सही पहचान बना ली गोतम ने..


अब किसी को ब्लैकमेल नहीं करेंगे जिंदगी में ये विक्रम
 
Top