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moms_bachha

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Update 33

गौतम सुबह उठा तो उसने सबसे पहले किशोर कुमार के पुराने गाने लगा कर कान में इयर बड्स लगा लिए औऱ ब्रश करता हुआ बाथरूम में आ गया.. टट्टी करने इंग्लिश पोट पर बैठकर गौतम फ़ोन चलाते हुए फ़ोन देख ही रहा था उसे कल आदिल की बात याद आई औऱ उसने व्हाट्सप्प खोल लिया फिर आदिल के भेजे फोटो देखने लगा..
जैसे ही गौतम ने आदिल की व्हाट्सएप मैसेज पर भेज़ी हुई तस्वीर देखी और उनमें किसी जोड़े की शादी को देखा तो वह हैरत में पड़ गया और अपना सर को खुजाते हुए उसने आदिल को फोन कर दिया...

गौतम ने आदिल से तस्वीर के बारे में पूछताछ की और आदिल ने जवाब दिया कि कल जब वो अपने दोस्त मोनू (फोटोग्राफर) की दुकान पर गया था तब उसने दुकान पर यह तस्वीर देखी.. औऱ वही से इन तस्वीरों की पिक लेकर उसे massage किया..
गौतम ने आगे औऱ कुछ पूछा तो आदिल ने जवाब दिया की ये तस्वीर मोनू ने परसो खींची थी जब उसे एक आदमी ने बुलाया था.. किसी पुराने धार्मिक जगह पर ये शादी हुई थी औऱ गिनती के 3-4 लोग ही उसमे शामिल थे..

गौतम ने फ़ोन रख दिया औऱ फ्रेश होकर बाहर आ गया उसने सबसे पहले रूपा को फ़ोन किया औऱ कहा...

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(रूपा 41)
गौतम चिड़चिड़े पन से - ये क्या मज़ाक़ है?
रूपा - अच्छा तो तुम्हे खबर मिल गई? ये मज़ाक़ नहीं है नन्हे शैतान..
गौतम - माँ को पता चलेगा तो क्या होगा पता है ना?
रूपा - जो भी हो.. अब मैं कुछ नहीं कर सकती..
गौतम - तुम भी ना उड़ते तीर लेती हो.. अब संभालना माँ को आपको ही..
रूपा - मैं देख लुंगी.. तुम मत बताना..
गौतम - बताने के लिए ये कोई ख़ुशी खबर थोड़ी है.. आपने भी ना काण्ड कर दिया फालतू में.. पापा ही मिले थे आपको शादी करने के लिए..
रूपा - अच्छा ये सब छोड़.. ये बता तू केसा है..
गौतम - अब तक ठीक था पर आपने जो बम फोडा है उसके बाद सर दर्द होने लगा है..
रूपा हसते हुए - तू जल्दी से मेरे पास आजा मेरे नन्हे शैतान फिर मैं प्यार से तेरा सर दबाकर तेरा सर दर्द दूर कर दूंगी..
गौतम - हम्म्म..
रूपा - अपना ख्याल रखना नन्हे शैतान..
गौतम - ख्याल तो आप अपना रखना मम्मी.. जब से बाबाजी के पास होके आई हो एक बार भी मुझे अपनी गुफा में घुसने नहीं दिया.. इस बार कोई बहाना नहीं चलेगा..
रूपा - इस बार तुझे जो करना हो कर लेना मेरे नन्हे शैतान.. पर जल्दी से आजा बहुत दिन हो गए तुझे देखे हुए...
गौतम - रखता हूँ मम्मी.. कोई बुला रहा है..
रूपा - बाय गौतम..

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(माधुरी 36)
माधुरी - रूपा तुमने ये अच्छा नहीं किया.. किसी की मज़बूरी का फ़ायदा उठाना सही नहीं है..
रूपा - मैंने कहा किसी की मज़बूरी का फ़ायदा उठाया है माधुरी? मैंने तो बस एक सौदा किया था जगमोहन के साथ.. तुम भी तो राजी थी उसके लिए..
माधुरी - मैं राजी हुई क्युकी मेरे पास औऱ कोई रास्ता नहीं बचा था.. अगर तुम्हारी शर्त नहीं मानती तो जगमोहन को जेल हो जाती औऱ ये घर भी नीलाम हो जाता.. मैं सडक पर आ जाती..
रूपा - जगमोहन जुए में लाखों रुपए हार गया औऱ फिर रिश्वत लेते भी पकड़ा गया तो इसमें मेरी क्या गलती माधुरी? मैंने तो मदद करने की पेशकश की.. तुमने औऱ जगमोहन दोनों ने इसे माना था..
माधुरी - पर मैं ये नहीं समझ पा रही कि तुमने जगमोहन से शादी क्यों की? उसके पास ऐसा क्या है जो तुम्हे चाहिए.. मैंने बताया था तुम्हे कि वो अब किसी काम का नहीं.. ना उसके पासवर्ड कुछ ऐसा है जो तुम्हे वो दे सकता है..
रूपा - मुझे जगमोहन से सिर्फ उसकी पत्नी होने का दर्जा चाहिए था माधुरी.. वो मुझे मिल चूका है.. अब मुझे औऱ किसी की जरुरत नहीं..
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माधुरी - बहुत अजीब बात है रूपा.. तुमने ऐसे आदमी से शादी की जो अब नामर्द बन चूका है औऱ तुम खुश भी हो.. तुमने जगमोहन की नोकरी बचाई उसे जेल जाने से बचाया औऱ अब इस घर पर बाकी लोन भी चुकाने को तैयार हो.. मैं तुम्हे समझ नहीं पास रही..

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रूपा - माधुरी मैं तुम्हारे साथ इस घर में तुम्हारी बड़ी बहन बनकर रह सकती हूँ.. हमें आपस में लड़ने झगड़ने की जरुरत नहीं है.. मैं तुम्हे एक सच्चाई बताना चाहती हूँ..
माधुरी - कैसी सच्चाई रूपा?
रूपा - माधुरी मैंने जगमोहन से शादी इसलिए नहीं की कि मुझे जगमोहन पसंद है या मैं तुम्हारे साथ इस घर में रहना चाहती हूँ.. मेरे जगमोहन से शादी करने का कारण गौतम है.. मैं गौतम सको एक माँ औऱ एक प्रेमिका दोनों का प्यार देना चाहती हूँ..
माधुरी - ये क्या कह रही हो रूपा.. तुम होश में तो हो? गौतम बस एक बच्चा है.. जब उसे इसका पता लगेगा तो वो क्या सोचेगा तुम्हारे बारे में.. औऱ सुमन? सुमन तो तुम्हारी जान ही ले लेगी.. गौतम पर सिर्फ सुमन का अधिकार है..
रूपा - देखो माधुरी.. मैं जानती हूँ कि तुम भी गौतम के साथ उसी तरह रहना चाहती हो जैसे कि मैं.. मैंने कल तुम्हारी औऱ गौतम कि बाते सुनी थी औऱ मैं जानती हूँ तुम भी गौतम से वैसा ही रिश्ता रखना चाहती हो जैसा मैं रखना चाहती हूँ.. मुझसे तुम्हे कुछ छिपाने की जरुरत नहीं है.. हम दोनों मिलकर गौतम का हर तरह से ख्याल रख सकते है.. औऱ रही बात सुमन की तो उसे किसी भी तरह हमें समझाना पड़ेगा कि वो गौतम के साथ यहां हमारे साथ आकर रहे..
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माधुरी - ये तुम क्या बोले जा रही हो रूपा.. सुमन कभी ऐसा नहीं करेगी..
रूपा - सब होगा माधुरी.. मैं तुम औऱ सुमन तीनो इस घर में एक साथ गौतम की माँ बनकर रहेंगी.. सुमन के पीठ पीछे हम गौतम को माँ के साथ साथ उसकी प्रेमिकाएं बनकर भी उसका ख्याल रखेंगी..
माधुरी कुछ देर सोचकर - क्या ये सच में हो सकता है रूपा? क्या ऐसा मुमकिन है? क्या गौतम हम दोनों के साथ वैसा रिश्ता रखेगा?
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रूपा - हाँ माधुरी.. ऐसा जरुर होगा.. अब किसी तरह बस सुमन को यहां रहने के लिए राजी करना होगा.. मुझे पता है जब वो तुमपर गुस्सा है औऱ जब मेरी औऱ जगमोहन की शादी के बारे में जानेगी तब मुझपर भी गुस्सा होगी.. मगर हमें किसी भी तरह उसे मनाना होगा..
माधुरी कुछ देर ठहर कर - ठीक है रूपा.. मैं तैयार हूँ.. आज से हम दोनों बहने बनकर रहेंगी.. सुमन को मनाने में मैं तुम्हारी हर तरह से मदद करूंगी..
रूपा माधुरी के गले लगते हुए - मैं जानती थी माधुरी तुम जरुरत मेरी बात मान जाओगी..
माधुरी भी रूपा को गले लगाकर - बहन.. मैं तुम्हारे साथ हूँ.. तुम्हारी तरह मैं भी गौतम के बिना नहीं रह सकती..

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रूपा - मैं समझ सकती हूँ माधुरी.. गौतम ने मेरी तरह तुम्हे भी अपना दीवाना बना दिया है..
माधुरी - उसकी क्या गलती रूपा.. उसके प्यारा सा चेहरा मीठी बातें औऱ मर्दानगी किसी को भी अपना गुलाम बना सकती है..
रूपा - सच में माधुरी..

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गायत्री - कुछ दिन औऱ रुक जाती सुमन..
सुमन - माँ.. आप तो जानती है वहा कितना काम पड़ा है? ग़ुगु के आखिरी एग्जाम भी आने वाले है..
गौतम सीढ़ियों से नीचे उतरता हुआ - उनमे अभी समय है माँ.. हम 2-3 दिन औऱ नानी के साथ रह सकते है..
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आरती मुस्कुराते हुए - अब तो आप खुश है बुआ.. मेरे देवर ज़ी ने भी रुकने के लिए हामी भर दी है..
गौतम आरती को देखकर - अब आपने ख्याल ही इतना रखा है मेरा.. आपका कहा कैसे टाल सकता हूँ..
गायत्री - सुमन अब तो हमारे ग़ुगु ने भी कह दिया है अब तो रुकना ही पड़ेगा तुझे कुछ औऱ दिन मेरे साथ..
सुमन - पर माँ..
संजय - पर वर कुछ नहीं सुमन.. रुकना है तो रुकना है.. समझी?
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(कोमल 42)
कोमल - अरे शबनम.. कहा मर गई तू..
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(शबनम 30)
शबनम - आई मालकिन..
कोमल - कल से देख रही हूँ तू आहूत कामचोरी करने लगी है..
शबनम - नहीं मालकिन वो पैर में हलकी सी मोच आ गई थी इसलिए थोड़ा धीरे चल रही हूँ..
संजय - अब तेरे भी मेरो में मोच आ गई? माँ पता नहीं क्या हो रहा है? पहले कोमल फिर आरती बहु औऱ आपके मोच आई अब इस शबनम के भी मोच आ गई..
सुमन गौतम को देखकर - पत्थर की जगह पहाड़ से जाकर टकरायेगी तो मोच तो आएगी ना भईया..
संजय - मतलब सुमन?
सुमन - कुछ नहीं भईया.. सबको कहो देखकर चले.. मोच नहीं आएगी..
शबनम सबको चाय देते हुए गौतम के पासवर्ड आकर - ग़ुगु भईया चाय..
गौतम चाय लेते हुए धीरे से शबनम को - thanks मालकिन..
शबनम मुस्कुराते हुए वापस रसोई में चली जाती है..

चेतन बाहर से हॉल में आते हुए - पापा जीजाजी का फ़ोन आया था.. वो ऋतू को लेकर आने ही वाले है..
गौतम - कल विदाई हुई थी आज वापस भी आ रहे है..
गायत्री हसते हुए - ग़ुगु.. विदाई के बाद दुल्हन को पगफेरे की रसम के लिए वापस अपने माइके आना होता है..
सुमन - रहने दो माँ.. अंग्रेजी स्कूल में जाकर इसे ये सब रस्म औऱ रीवाज ढकोसला लगने लगा है..
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कोमल गौतम का गाल चूमते हुए - ऐसा क्यों कहती हो सुमन.. मेरा ग़ुगु तो कितना प्यारा है.. शादी वाले दिन मेरे ग़ुगु के सामने कोई औऱ नहीं नज़र ही नहीं आ रहा था.. चादन सा है मेरा ग़ुगु..
सुमन से कोमल जलते हुए - इतना लाड प्यार करने की जरुरत नहीं है भाभी.. ये पहले ही बहुत बिगड़ चूका है औऱ मत बिगाडो इसे..
कोमल - अरे बिगड़ना तो रईसो का शोक रहा है.. अब मेरा ग़ुगु जवानी में नहीं बिगड़ेगा तो कब बिगड़ेगा?
सुमन को कोमल से अब औऱ जलन होने लगी थी औऱ समझ रही थी कोमल क्या करने की कोशिश कर रही है उसने कहा - रहने दो भाभी.. मेरा ग़ुगु कोई रईस नहीं है..
कोमल गौतम के बाल सहलाते हुए - ऐसा क्यों कहती हो सुमन.. इतना सब तुम्हारे भईया ने जो कमाया है उसे खर्च करने वाला भी तो कोई चाहिए... ग़ुगु नहीं करेगा तो कौन करेगा? आखिरी ग़ुगु भी इसी घर का बेटा है..
सुमन से इस बारहा ना गया तो उसने कहा - मैं औऱ मेरा ग़ुगु जिस हाल मैं है खुश है भाभी.. आपको अगर आपके पैसे उड़ाने के लिए कोई वारिश चाहिए तो भईया के साथ एक बच्चा औऱ कर लीजिये...
कोमल सुमन की बात सुनकर मन ही मन सुमन पर झल्ला रही थी औऱ उसे दो चार खरी खोटी सुना देना चाहती थी मगर सबके वहा होने से वो ये बातें मन ही मन दबा गई.. संजय औऱ गायत्री जानते थे की कोमल बाँझ है औऱ सुमन ने अभी अभी उसे ताना मारा था..
गायत्री ने बात सँभालते हुए कहा - अरे अब कोमल को क्या जरुरत है बच्चा करने की.. हमारा ग़ुगु है तो.. चेतन तो संजय की तरह ही काम धंधे में घुस गया.. औऱ ऋतू पराई हो गई.. अब तो आरती से उम्मीद है वो हमें खुशखबरी दे दे..
आरती मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर रसोई में चली गई..
गायत्री - देखो कैसे शर्मा के चली गई गई..
संजय - माँ मुझे एक जरुरी काम से बाहर जाके आना है.. एक घंटे में आ जाऊंगा दामाद ज़ी आये तो आप संभाल लेना..
चेतन - पापा मैं भी चलता हूँ..
कोमल - अरे यहां भी तो कोई होना चाहिए..
चेतन - आप लोग हो ना.. ग़ुगु भी तो है..


कोमल सुमन की बातों को दिल में बैठा चुकी थी उसे अपने बाँझ होने का दुख हो रहा था औऱ सुमन पर गुस्सा आ रहा था.. कोमल छत पर बने कमरे के पीछे कोने में सिसकती हुई खड़ी हो कर आंसू बहाने लगी थी..
गौतम जानता था की कोमल को सुमन की उस बात का कितना दुख पंहुचा है.. इसलिए गौतम कोमल के पीछे पीछे कुछ देर बाद ही छत पर आ गया था..
गौतम ने रो रही कोमल को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया औऱ कोमल की गर्दन चूमते हुए कहा..
गौतम - मामी आपके मुंह से रोते हुए सिसकियाँ अच्छी नहीं लगती बल्कि चुदवाते हुए सिसकियाँ अच्छी लगती है..
कोमल गौतम को देखकर आंसू पोछते हुए - तू कब ऊपर आया बेटा? बता तो देता.. मैं रो नहीं रही थी.. मेरी आँखों में तो कचरा चला गया था..
गौतम कोमल को अपनी तरफ घुमाकर दिवार से स्टाते हुए - मुझसे झूठ बोलोगी तो ऐसी गांड मारूंगा मामी अगले दस दिन रेंगति हुई चलोगी.. समझी? माँ की बात का बुरा लगा ना आपको?
कोमल मुस्कुराते हुए - मुझे क्यों सुमन की बात का बुरा लगने लगा बेटा? मैं तो यूँ ही ऋतू को याद करके रो रही हूँ..
गौतम ब्लाउज के ऊपर से कोमल के चुचे पकड़तकर मसलते हुए - मामी आपको झूठ बोलना भी नहीं आता..
कोमल अपने बूब्स ओर से गौतम का हाथ हटाती हुई - ग़ुगु.. कोई आ जायेगा.. बंद कमरे वाली चीज़े खुले में मत करा कर.. ये बोलकर कोमल गौतम को पीछे कमरे में ले जाती है.. औऱ अपनी साडी का पल्लू गिराते हुए गौतम के सामने घुटनो ओर बैठकर उसकी जीन्स खोलते हुए लंड हाथ में लेकर कहती है - सुबह से मेरे आगे पीछे घूम रहा था.. मैं तभी समझ गई थी आज मेरी इज़्ज़त खतरे में है..

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गौतम कोमल को लोडा चूसाते हुए - अब आप हो ही इतनी ब्यूटीफुल मामी.. आपको देखकर दिल कैसे ना करें चोदने का.. रात को तो आप सो गई थी वरना रात को ही मैं आपको प्यार करता..
कोमल मुंह से लंड खड़ा करके खड़ी होती हुई - इतनी जरुरत थी तो जगा लेता ग़ुगु.. मैं कुछ कहती थोड़ी तुझे..
गौतम कोमल को उस कमरे के बेड पर लेटा कर साडी ऊपर करके चड्डी नीचे सरकता हुआ - आप सोते हुए प्यारी लग रही थी मामी.. मुझे जगाना सही नहीं लगा..
ये कहते हुए गौतम ने अपना लंड कोमल की चुत में डाल दिया औऱ धीरे धीरे प्यार से चोदने लगा..
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कोमल गौतम को चूमकर आहे भरते हुए - आज क्या बात है ग़ुगु.. तू इतना प्यार से कर रहा है.. उस दिन तो जान निकाल दी थी तूने.. आज बहुत प्यार आ रहा है तुझे अपनी मामी पर?
गौतम चोदते हुए - मामी आप हो ही इतनी प्यारी.. प्यार तो आएगा ही औऱ आपकी चुत भी बहुत टाइट है.. खामखा जोराजोरी में बेचारी को दर्द सहना पड़ेगा..
कोमल - मेरी इतनी परवाह है तुझे ग़ुगु? काश तू मेरा अपना बच्चा होता.. फिर देखती वो सुमन की बच्ची कैसे मुझे इतना सब सुनाती..
गौतम कोमल को पलटकर पीछे से चुत चोदते हुए - मामी आप भी तो माँ को इतना सब सुना देती हो.. आप दोनों की कैट फाइट किसी फ़िल्मी मूवी से ज्यादा मसालेदार होती है..
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कोमल मुस्कुराते हुए - मैं तेरी माँ से कितना भी लडू ग़ुगु.. तू कभी मुझसे नाराज़ मत होना.. मैं बहुत प्यार करती हूँ तुझे..
गौतम हलके तेज़ धक्के मारते हुए - जानता हूँ मामी.. आप तो मेरी गर्लफ्रेंड हो.. औऱ इतनी टाइट चुत वाली गर्लफ्रेंड से नाराज़ नहीं होता मैं..
कोमल सिसकियाँ लेते हुए - ग़ुगु बेटा.. फ़ोन आ रहा है..
गौतम चुदाई रोककर साइड में पड़े फ़ोन को उठाते हुए - आपका आ रहा है मामी..
कोमल फोन उठाकर - हेलो..
चेतन - माँ जीजाजी.. दस मिनट में पहिचने वाले है..
कोमल - औऱ तु अपने पापा के साथ कब आ रहा है?
चेतन - हम निकल चुके है आधा घंटा लग जाएगा..
कोमल फ़ोन काट कर - ठीक है..
कोमल - ग़ुगु बेटा जल्दी कर दस में ऋतु आने वाली है..
गौतम वापस चुदाई शुरू करता हुआ - ठीक है मामी बस पांच मिनट औऱ.. ये कहते हुए गौतम सुमन की चुत में ताबड़तोड़ झटके मारने लगा जिससे कोमल औऱ ज्यादा सिसकियाँ भरने लगी..
कोमल सिसकिया भरते हुए - बेटा थोड़ा धीरे.. ग़ुगु.. आह्ह... बेटा आराम से.. आह्ह.. ग़ुगु धीरे चोद बेटा अपनी मामी को..

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गौतम - मामी आप लग ही इतनी प्यारी रही हो.. कहा था ना चुदवाते हुए सिसकियाँ लेती हुई अच्छी लगती हो.. रोते हुए नहीं..
कोमल झड़ते हुए - ग़ुगु.. आहहह... बेटा...
गौतम कोमल के साथ झड़ते हुए - आहहह... मामी मैंरा भी हो गया..
कोमल औऱ गौतम एक साथ झड़े औऱ मुस्कुराते हुए कोमल गौतम को बेतहाशा चूमती हुई प्यार करने लगी.. फिर दोनों ने खड़े होकर अपने आपको ठीक किया..
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कोमल मुस्कुराते हुए गौतम का गाल खींचकर - बस.. हो गयी इच्छा पूरी? अब तो खुश मेरा ग़ुगु?
गौतम मुस्कुराते हुए कोमल का हाथ चूमकर - बहुत खुश मामी.. जितना फेशन आप करती हो.. आपको देखकर कोई नहीं कह सकता आपकी इतनी टाइट होगी..
कोमल - तुझे मज़ा आया ना बेटा..
गौतम - बहुत मामी..
कोमल - ग़ुगु तू सुमन को समझा ना.. यही क्यों नहीं रह जाती वो तुझे लेकर.. क्यों ज़िद पर अड़ी हुई है.. मैं जानती हूँ उसके औऱ जगमोहन के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा.. वहा उस छोटे से पुलिस क्वाटर में कब तक दिन गुजारेगी?
गौतम - आप खुद ही क्यों नहीं समझा देती मामी.. मेरे समझाने से तो वो नहीं समझेगी.. उनकी औऱ आपकी लव स्टोरी भी तो बहुत उलझी हुई है..
कोमल गौतम के गाल सहला कर हसते हुए - चुप पागल.. चल नीचे.. ऋतू आ गई लगता है..

***********

राहुल ऋतू, ऋतू की सास औऱ ससुर सब हॉल में बैठे हुए थे.. उसके साथ गायत्री सुमन आरती औऱ अब कोमल भी आ बैठी थी.. नाश्ता सामने टेबल रखा था.. हंसी ख़ुशी का माहौल था.. शबनम चाय बना रही थी औऱ शबनम के पीछे गौतम उसे इधर उधर छू कर छेड रहा था जिस पर शबनम मुस्कुराते हुए बार बार गौतम को छूने से रोक रही थी..
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गौतम ने थोड़ा सा मौका पाकर शबनम की कमर पर अपने हाथों से चीकूटी काट ली औऱ शबनम गौतम की तरफ बनावटी गुस्से वाली आँखों से देखती हुई धीरे से बोली बोली..
शबनम - अब कुछ किया तो थप्पड़ पड़ेगा..
गौतम मुस्कुराते हुए गाल आगे करके - मारो ना मालकिन..
शबनम रसोई के दरवाजे को देखकर जल्दी से एक प्यार भरा चुम्मा गौतम के गाल पर करके एक धीमा सा थप्पड़ मार देती है..
गौतम शबनम को पकड़कर बाहों में भरता हुआ - गाल पर भी कभी चुम्मा होता है मालकिन? चूमा तो होंठों से होंठ मिलते है तब होता है..
शबनम दरवाजे को देखती हुई - छोड़ ग़ुगु कोई आ गया तो मेरी नोकरी चली जायेगी..
गौतम होंठ आगे करके - पहले चुम्मा दो मालकिन तभी छोडूंगा..
शबनम जल्दी से गौतम के होंठ चूमकर - बस अब छोड़..
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गौतम शबनम को छोड़कर - चाय बनाने के बाद छत पर आ जाना मालकिन.. साथ में एक सुट्टा मारेंगे..
शबनम - अभी नहीं ग़ुगु.. मालकिन बुला लेगी मुझे.. बाद में..
गौतम शबनम का बोबा दबाकर - ठीक है मालकिन..
शबनम मुस्कुराते हुए गौतम को धक्का देकर - अब जा यहां से.. वरना कोई देख लेगा..

गौतम रसोई से हॉल में आ जाता है..
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आरती गौतम का हाथ पकड़कर अपने पास बैठाते हुए - देवर ज़ी आओ.. हमारे साथ भी बैठो.. देखो आपकी दीदी.. आते ही आपके बारे में पूछ रही है.. मैंने भी कह दिया हमने अभी तक देवर ज़ी को कहीं जाने नहीं दिया औऱ रोक कर रखा है..
गौतम ऋतू को देखकर - भाभी दीदी की बोलती बंद है.. लगता है वापस आकर अच्छा नहीं लगा दीदी को..
ऋतू सरक कर अपने बगल में जगह बनाती हुई - तू इधर आ मेरे पास.. अभी बताती हूँ तुझे..
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गौतम उठकर ऋतु के पास बैठ जाता है.. औऱ ऋतू गौतम का कान पकड़कर - कब से आकर बैठी हूँ औऱ तू है की छिपा हुआ था?
राहुल हसते हुए - आराम से ऋतू.. भाई है तुम्हारा..
ऋतू की सास बबिता - हा ऋतू.. कितना जोर से कान खींचा है तूने.. दर्द होगा बेचारे को..
ऋतू - कुछ नहीं होगा इसे.. जब देखो मुझे सताने के बहाने ढूंढता रहता है..
सुमन - ऋतू आराम से बेटा..
ऋतू - आप बीच में मत बोलो बुआ.. जब से गई हूँ सबने फ़ोन किया है एक इसी बेशर्म को मेरी याद नहीं आई..
गौतम कान छुड़ाते हुए - अच्छा सॉरी ना.. छोडो..
संजय औऱ चेतन भी आकर सोफे पर बैठ जाते है..
सब हंसी ख़ुशी के माहौल में थे आपस में बातें कर रहे थे शबनम चाय की ट्रे लाकर चाय बाँट देती है औऱ नाश्ता करते हुए सब चाय पिने लगते है.. कुछ देर इसी तरह बातें करने के बाद में रितु अपने कमरे में चली जाती है और उसके कुछ देर बाद गौतम भी ऋतु के कमरे में चला जाता है..

गौतम ऋतू को गले लगता हुआ - बहुत खूबसूरत लग रही हो ऋतू.. याद आई मेरी रात में?
ऋतू - कमीने.. तेरी याद में तो नींद भी नहीं आई.. पता नहीं कैसे रहूंगी तेरे बिना अब..
गौतम - चिंता मत कर ऋतू.. मैं टाइम टाइम पर आता रहूँगा तुझसे मिलने.
ऋतू अपनी साडी उठाकर गौतम का लंड निकालकर अपनी चुत में घुसाती हुई - काश में तेरी दुल्हन बन पाती मेरे भाई.. तुझसे मिलने के लिए छुपना नहीं पड़ता..
गौतम चोदना शुरु करते हुए - फ़िक्र मत कर मेरी बहना जल्दी ही कोई ना कोई औऱ उपाय खोज लेंगे हम दोनों...
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ऋतू चुदवाते हुए - मैं तो कल से तेरे इस लंड के बारे में ही सोच रही थी ग़ुगु.. बहुत मस्त औऱ मोटा है.. काश हर रात ये मेरे नसीब में होता.. पता नहीं कौन इसे हर रात अपनी चुत में लेगी.. भाई तू वादा कर मुझे हर दम ऐसे ही प्यार करेगा..
गौतम - ऋतू तू मेरी बहन है जो कहेगी मैं मरते दम तक वही करूँगा.. बस मुझे अपनी ये गांड दे दे
ऋतू - आज नहीं भाई.. वक़्त नहीं है.. कभी फुर्सत में लेना मेरी गांड.. अभी मेरी चुत से काम चला ले.. अगली बार मैं खुद तेरे सामने अपनी गांड परोस दूंगी..
गौतम - वादा कर रही है ऋतू.. भूलना मत.. अगली बार गांड नहीं दी तो जबरदस्ती ले लूंगा..
ऋतू - ले लेना भाई.. मेरे ऊपर तेरा पूरा हक़ है.. अभी जल्दी कर नहीं तो भाभी आ जायेगी..
गौतम चोदते हुए - बस बहाना झड़ने वाला हूँ तेरी चुत में..
ऋतू - मैं भी झड़ने वाली हूँ भाई.. साथ में झड़ते है.. आहहह...
गौतम रितु एक साथ झड़ जाते हैं और फिर कुछ देर बाद एक दूसरे को देखते हुए बातें करने लगते है..
ऋतू - विक्रम का फ़ोन आया था..
गौतम - क्या बोला उसने?
ऋतू - माफ़ी मांग रहा था.. मैंने कह दिया वापस नज़र आया तो वीडियो नेट पर वायरल कर दूंगी..
गौतम - अच्छा किया बहना.. अब सबसे बचा के रखना अपनी चुत का अनमोल गहना..
ऋतू गौतम को चूमते हुए - वापस जाना पड़ेगा भाई..
गौतम - फ़ोन करती रहना बहना.. अगली बार मिलने का इंतजार रहेगा..
ऋतू - मुझे भी..
ऋतु रस्म निभाकर शाम को वापस चली जाती है औऱ अगले दो दिन गौतम गायत्री कोमल आरती औऱ शबनम की जहा मौका मिलता है वही चुदाई करता है.. औऱ आज सुमन के साथ वापस अजमेर जाने को तैयार था.. दोनों दोपहर को अजमेर के लिए निकलने वाले थे औऱ अभी सुबह हो रही थी..

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देवर ज़ी कुछ दिन औऱ रुक जाओ ना.. आपके बिना सब कुछ सुना हो जाएगा फिर से..
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रुकना तो मैं भी चाहता हूँ भाभी.. मगर क्या करू? आप तो जानती है माँ को अब अगर मैं कुछ बोलूंगा तो वो मुझे कितना सुनाएंगी..
आरती जीन्स के ऊपर से गौतम के लंड पर हाथ फिराती हुई - बहुत ख्याल रखा है अपने अपनी इस भाभी का देवर ज़ी.. औऱ बहुत सुख भी दिया है.. आप तो कुछ दिनों में दिल के अंदर इतना गहरा उतर गए कि सागर की गहराई भी उसके आगे कुछ नहीं है.. मैंने आपका कितना दिल दुखाया कितना कुछ बोला मगर आपने मुझे कितना प्यार किया.. मुझे माफ़ कर देना देवर ज़ी..
गौतम आरती के होंठ पकड़कर - कितनी ड्रामेबाज़ हो आप भाभी.. मैंने कहा ना हर महीने आपसे मिलने आऊंगा.. आप फ़िक्र मत करो.. आपकी चुत को वापस सिकुड़ने नहीं दूंगा..
आरती मुस्कुराते हुए - शुक्रिया देवर ज़ी..
गौतम - सुबह सुबह आपकी चुत से शुरुआत हुई है.. लगता है आज दिन अच्छा जाएगा मेरा..
आरती छत पर से नीचे जाते हुए - वापस चाहिए तो बता दो देवर ज़ी मैं कुछ नहीं बोलूंगी..
गौतम - अब थोड़ा वक़्त लगेगा भाभी..
आरती - ठीक है देवर ज़ी..
आरती छत से नीचे चली जाती हैऔऱ उसके कुछ देर बाद चेतन ऊपर आ जाता है..

यहां अकेला क्या कर रहा है ग़ुगु..
कुछ नहीं चिंटू भईया बस कुछ सोच रहा था..
क्या सोच रहा था ग़ुगु?
भाभी के बारे में भईया.. भाभी ने बहुत ख्याल रखा है मेरा..
चेतन मुस्कुराते हुए - ख्याल तूने भी अपनी भाभी का बहुत रखा है.. वो बता रही थी कैसे तू उसका सबसे प्यारा साथी बन गया..
गौतम - कहा चेतन भईया.. मैं बस थोड़ा हंसबोल लिया भाभी से.. भाभी इतने में ही खुश हो गई..
चेतन - ग़ुगु मैं भी तुमसे सिर्फ 6 साल बड़ा हूँ.. मुझे चिंटू ही कहकर बोल.. जैसे पहले बोला करता था.. ये फॉर्मेलिटी छोड़ दे..
गौतम - ठीक है चिंटू..
चेतन - अच्छा तूने एग्जाम के बाद का क्या सोचा है?
गौतम - कुछ नहीं.. बस कोई जॉब कर लूंगा औऱ क्या..
चेतन - पागल हो गया है हम जॉब देते है करते नहीं है.. तू एग्जाम के बाद बुआ को लेके यही आ जाना.. यहां अपना कितना काम है उसे कौन संभालेगा..
गौतम - नहीं चिंटू.. माँ कभी इस बात के लिए राज़ी नहीं होगी..
चेतन - ग़ुगु.. मैं जानता हूँ बुआ नहीं मानेगी मगर वो तेरी बात मानने से इंकार नहीं करेगी.. औऱ कल रात आरती भी तेरे जाने का सोच कर रो रही थी..
गौतम - भाभी रो रही थी.. मगर अभी तो उन्होंने कुछ नहीं बताया उसके बारे में..
चेतन - औरत को बात छुपीना औऱ बताना अच्छे से आता है ग़ुगु.. मैं जान चूका हूँ कि वो तुझसे प्यार करने लगी है तेरे बिना नहीं रह पाएगी... उसकी ख़ुशी के लिए एक बार कोशिश करना..
गौतम - चिंटू.. भाभी तुम्हारी पत्नी है..
चेतन - काहेकि पत्नी ग़ुगु.. उसे कभी पत्नी वाला सुख तो मैं दे ही नहीं पाया.. मैं सुबह से रात तक इसलिए दूकान पर रहता हूँ कि मुझे आरती की बातें उसके ताने ना सुनने पड़े.. मगर जब से तू आया है उसने एक बार भी मुझसे गुस्से में या अपने अड़ियलपन से बात नहीं की.. ग़ुगु मैं जानता हूँ तू अपनी भाभी के साथ सो चूका है.. तूने उसे वो सुख दिया है जो एक मर्द से एक औरत चाहती है..
गौतम नज़र झुका - मैं बहका गया था चिंटू.. मैं भाभी के साथ वो सब नहीं करना चाहता था मगर अपने आप सब होता चला गया.. मुझे माफ़ कर दे..
चेतन - ग़ुगु.. इसमें माफ़ी वाली कोई बात नहीं है.. मैं तो खुश हूँ कि तू आरती का ख्याल रख रहा था.. मैं अब भी वही चाहता हूँ.. तू ऐसे ही आरती का ख्याल रखे.. मुझे तेरे औऱ आरती के रिश्ते से कोई ऐतराज़ नहीं है..
ग़ुगु - मैं जानता हूँ चिंटू तू ऐसा क्यों बोल रहा है.. तू चिंता मत कर भाभी को मैं अच्छे से खुश रखूँगा.. वो तुझे परेशान नहीं करेंगी.. औऱ अब तू अपनी जिंदगी भी खुलकर ज़ी सकता है.. यूँ घुट घुट कर जीने की तुझे क्या जरुरत? दुनिया की परवाह छोड़ दे चिंटू.. दुनिया ने किस किस को क्या कुछ नहीं बोला..
चिंटू - मैं समझ नहीं पाया ग़ुगु.. तू कहना क्या चाहता है..
ग़ुगु चिंटू का हाथ पकड़ कर - चल दोनों भाई कहीं घूम के आते है..
चिंटू - कहा ग़ुगु..
ग़ुगु - अभी पता चल जाएगा..
गौतम चिंटू के साथ कहीं चला जाता है औऱ किसी को कुछ massage करता है...

गौतम चिंटू को लेकर एक फाइव स्टार होटल की तरफ आ गया था जहा किसी फ़िल्म की स्टार कस्ट ठहरी हुई थी.. गौतम चिंटू को लेकर एक रूम में आ गया था..
चिंटू - ग़ुगु मुझे यहां क्यों लेकर आया है? मुझे दूकान जाना है..
ग़ुगु - थोड़ी देर वेट करो चिंटू.. सब पता चल जाएगा..
चिंटू - तू क्या कर रहा है मेरी समझ ही नहीं आता..
गुगु - चिंटू मैं जानता हूँ तुझे लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं है.. तू गे है.. औऱ तू ये बात अब तक सबसे छीपाता आया है.. मगर अब तुझे इस तरह घुट घुट कर जीने की कोई जरुरत नहीं..
चिंटू हैरानी से - ग़ुगु कैसे?
गौतम - चिंता मत करो चिंटू.. मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा औऱ ना ही तुझे ऐसे घुट घुट के जीने दूंगा..
चिंटू शरमाते हुए - तुझे कैसे पता ग़ुगु.. मेरे बारे में..
गौतम - शादी वाली रात की अगली सुबह.. जब मैं टहल रहा था तब मैंने देखा था.. तू जिस आदमी के साथ था उसे रात को मैने ही बुलाया था..
दरवाजा की बेल बजते ही गौतम दरवाजा खोलकर - आओ वसीम.. किसी ने रोका तो नहीं..
वसीम - ऐसी जगह हमारे जैसे गरीब लोगों तो रोका ही जाता है भईया.. पर आपने रिसेप्शन पर बोला हुआ था इसलिए ज्यादा तकलीफ नहीं हुई आने में..
गौतम - वसीम.. अब से तुम्हे ये काम करने की जरुरत नहीं.. मेरा भाई तुम्हे काम पर रखना चाहता है.. जितना तुम महीने में कमाते हो उससे दुगुनी तनख्वाह मिलेगी.. काम सिर्फ इतना की मेरे भाई को हर दम खुश रखना होगा...
वसीम - जैसा आप बोले..
गौतम चेतन की तरफ इशारा करते हुए - जाओ वसीम भईया इंतजार कर रहे है..
वसीम चेतन के पास जाकर प्यार से उसके होंठ चूमने लगता है औऱ चेतन शर्माते हुए ग़ुगु को देखकर वसीम को रोकते हुए - ग़ुगु सुन.. ग़ुगु..
गौतम रूम से बाहर जाते हुए - एन्जॉय करो भईया..

ये कहकर गौतम रूम से बाहर आ जाता है औऱ दरवाजे पर डु नॉट डिस्टर्ब का sign लटका कर जैसे ही पीछे मुड़ता है उसका पैर फिसल जाता है औऱ वो इस रूम के जस्ट सामने वाले रूम में आगे की तरफ जाते हुए जमीन पर गिर जाता है..


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Rahul Chauhan

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Update 32

गौतम सिटी मॉल के बाहर इधर-उधर घूम रहा था उसने सिटी मॉल के पास ही सडक पर एक चाय की टपरी के पीछे एक औरत को उदास बैठे हुए देखा तो गौतम के मन में उसके पास जाकर उसे औरत से बात करने की और उसकी उदासी का कारण जानने की इच्छा हुई..

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औरत की हालत ऐसी थी कि जैसे मानो अब वह रोने ही वाली हो.. औरत की उदास आंखों को देखकर गौतम से रहा ना गया और वह चाय की टपरी के पीछे पड़े हुए खाली डिब्बो में से एक डिब्बे पर बैठी हुई औरत के करीब आकर उसके पास वाले डिब्बे पर बैठकर उसे औरत को देखा हुआ बोला..
गौतम - क्या हुआ आंटी?
औरत उदास आँखों से गौतम को देखकर - हम्म्म...

औरत इतनी उदास और अपने आप में खोई हुई अपने ख्यालों में उलझी हुई इतनी हताश और निराशा थी कि उसे गौतम के अपने पास आकर बैठने का अंदाजा ही नहीं हुआ और ना ही उसे पता चला कि गौतम ने अभी-अभी उससे क्या कहा है. गौतम के सवाल पर वह सिर्फ हम्म्म करके ही रह गई..
औरत अपनी उदास आंखों से एक नजर को गौतम को देखकर फिर से नीचे जमीन की ओर देखने लगी.. तभी गौतम ने वापस अपने सवाल को अलग अंदाज़ में दोहराते हुए कहा..
गौतम - आंटी आप ठीक तो है..
इस बार गौतम का सवाल औरत के कान तक ठीक-ठाक पहुंच गया और औरत गौतम की तरफ देखती हुई उसी निराशा और हताशा के साथ बोली..
औरत - हम्म्म..
गौतम औरत की मनोदशा समझ रहा था और वह जानता था कि उस औरत को कुछ ना कुछ समस्या जरूर है.. मगर वह औरत उस समस्या को किसी से बयां नहीं करना चाहती गौतम ने वापस औरत की तरफ देखते हुए कहा..
गौतम - आंटी आप सच में ठीक है? मैं बहुत देर से आपको यूं ही गुमसुम उदास और अकेले बैठे हुए देख रहा हूं.. आपको कोई प्रॉब्लम है तो आप मुझसे शेयर कर सकते हो..
गौतम के मासूम चेहरे और अपनेपन से भरी हुइ इन बातों को देख सुनकर औरत ने मुस्कुराते हुए अपनी आंखों की नमी पोछते हुए अपने हाथ से गौतम के गाल को सहलाया और जवाब दिया..
औरत - मैं ठीक हूँ बेटा..
गौतम - आप सच में ठीक हो?
औरत इस बार हल्का सा मुस्कुराते हुए - हम्म्म.. मैं सच में ठीक हूँ..

गौतम और उस औरत के अलावा चाय की टपरी के पीछे पड़े हुए दिन खाली डब्बे पर कोई और बैठा हुआ नहीं था जो उन दोनों को देखा और सुन सके. गौतम ने वापस इस अपनेपन से औरत से सवाल किया..
गौतम - आप किसी का इंतज़ार कर रही हो.. कोई आने वाला है?
औरतों में गौतम के सवाल पर भावुक होकर अपनी आंखों से एक बार फिर नामी पहुंचते हुए कहा..
औरत - आने वाला था बेटा.. पर अब नहीं आएगा..
गौतम मुस्कुराते हुए - लगता है आपकी हस्बैंड से लड़ाई हुई है..
औरत गौतम को देखकर - मैं शादीशुदा नहीं हूँ बेटा..
गौतम - अच्छा तो बॉयफ्रेंड था आपका?
औरत उदासी से - हम्म्म..
गौतम - तभी मैं सोचु.. आप इस तरह क्यों उदास है.. लड़ाई हुई है ना?
औरत ना में सर हिला देती है औऱ कहती है - अब उसे मेरे साथ नहीं रहना.. कोई औऱ मिल गई होगी इसलिए मुझे छोड़ दिया..

यह कहते हुए औरत की आंखों में आंसू आ जाते हैं जिसे गौतम अपने रुमाल से पोछता हुआ औरत से कहता है..
गौतम - आंटी आप फिक्र मत करो.. जो बुरा करता है उसके साथ बुरा ही होता है.. देखना कर्मा उसे ऐसा रुलाएगा कि वह याद रखेगा..
औरत इस बार गौतम को देखकर मुस्कुराती हुई बोली - बहुत प्यारी बातें करते हो तुम.. नाम क्या है तुम्हारा?
गौतम - मेरा नाम गौतम है आंटी.. आपका..
औरत गौतम के गाल पर हाथ फेरते हुए बोली - पूनम..
गौतम - बहुत प्यारा नाम है आंटी आपका..
पूनम मुस्कुराते हुए - thanks बेटा..

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गौतम - आप मुझे उस आदमी का नम्बर दे सकती हो.. मैं सबक सीखा दूंगा उसे.. इतनी खूबसूरत औरत के साथ इतना गलत वो कैसे कर सकता है?
पूनम की उदासी गौतम की बातों से कम हो रही थी और वह बार-बार गौतम के चेहरे को देखकर अपने हाथ से गौतम के गाल को सहलाती हुई गौतम के मासूमियत भरे सवाल का जवाब दे रही थी..
पूनम - गलती मेरी थी बेटा.. खुद 45 साल की होकर एक 35 साल के आदमी से प्यार करने लगी थी. सोचा था एकदिन शादी करके साथ रहेंगे मगर मुझे क्या पता था उस आदमी का मकसद कुछ और था.. 2 साल प्यार के झूठे वादे करने के बाद जब उसका मन मुझसे भर गया तो वह मुझे छोड़ कर चला गया..

इस बार पूनम की बात सुनकर गौतम ने उसे कोई सवाल नहीं किया और चुपचाप इस तरह बैठा रहा.. पूनम की आंख एक बार फिर से नम हो गई थी जिसे गौतम ने एक बार फिर अपने रुमाल से साफ कर दिया और अपना एक हाथ पूनम के कंधे पर रख कर कन्धा सहलाता हुआ बोला..
गौतम - आंटी पता है सबसे ज्यादा दुख दर्द इंसान को कोनसी चीज देती है..
पूनम यह देखकर हैरान थी की कैसे उससे आधी उम्र का लड़का बिना उसकी इज़ाज़त उसके कंधे पर इतनी आसानी से हाथ रखकर उससे कोई सवाल पूछ रहा है.. गौतम की बातों में आत्मविश्वास था और उसकी बॉडी लैंग्वेज उसके बात में विश्वास को झलका रही थी.. पूनम थोड़ी देर चुप रहकर गौतम की तरफ देखकर बोली..
पूनम - कोनसी?
गौतम पूनम की आँखों में देखता हुआ - उम्मीद.. जो हम किसी से लगा बैठते है.. हम भूल जाते हैं कि इंसान की फितरत में छलकपट भरा हुआ है.. आपने उस इंसान से शादी की उम्मीद लगाईं.. भरोसा किया यही आपके दुखो का करण है.. मेरी सलाह मानो तो फिर कभी किसी पर भरोसा मत करना.. ना ही कोई उम्मीद किसी से लगाना..

पूनम गौतम को देखती हुई - अकेली औरत का बड़े शहर में रहना आसान नहीं है बेटा.. हम जब अकेले घर से निकलते हैं और रात को जब अकेले घर आते हैं तो रास्ते में कहीं निगाहें हमें इस तरह से देखती है जिस तरह हम किसी अलग दुनिया में रहते हैं.. सैकड़ो लोग 1000 उल्टी सीधी बातें करते हैं.. सही गलत लांछन लगते हैं.. अकेली औरत का कम कमाई में इतने बड़े शहर में अकेले जीना बहुत मुश्किल है.. उसे किसी न किसी का सहारा चाहिए ही होता है..
गौतम - कॉफ़ी पीती हो आंटी?
गौतम के इस सवाल पर पूनम हैरानी से - हम्म्म.. क्यों..
गौतम पूनम का हाथ पकड़कर - चलो मेरे साथ..

गौतम ने पूनम की इजाजत लिये बिना ही उसका हाथ पकड़ते हुए उसे खड़ा कर लिया था और अपने साथ सड़क क्रॉस करके दूसरी तरफ बने एक कॉफ़ी कैफ़े में ले आया था.. गौतम जानता था कि इस वक्त पूनम की हालत मृगतृष्णा में पड़ी हुई हिरनी की सी है. पूनम 45 साल की थी मगर एक 20 साल के लड़के के साथ इस तरह जा रही थी जैसे मेले में कोई मां-बाप अपने बच्चों को हाथ पकड़ कर ले जाता है..

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गौतम ने कैफे का दरवाजा खोलते हुए अंदर प्रवेश किया और पीछे-पीछे हाथ पकड़ कर पूनम को भी ले आया. कैफे के अंदर पुराने गांव जैसी झुग्गियां टाइप बैठने की व्यवस्था थी जो इस तरह बनाई गई थी कि वहां बैठने वालों को फुल प्राइवेसी मिले.. अक्सर यहां लव बर्ड्स आते थे..
गौतम ने एक केबिननुमा झुग्गी मैं बैठते हुए अपने पास ही पूनम को बैठा दिया.. और वेटर के आते ही उसे दो काफी का ऑर्डर दे दिया..
पूनम हैरानी औऱ सवालों भरी नज़रो से गौतम को देख रही थी की गौतम बोला..
गौतम - देखो आंटी में तुम्हारे अकेलेपन का तो कुछ नहीं कर सकता.. मगर तुम्हारे लिए इतना जरूर कर सकता हूं कि तुम्हे एक अच्छी जॉब दिलवा सकूं.. जिससे तुम्हें शहर में रहने में कोई परेशानी नहीं होगी..

पूनम ये देखकर बिल्कुल हैरान थी की कैसे उसकी आधी उम्र का लड़का उसे बच्चों की तरह समझा रहा है और अब वह आप की जगह तुम पर आ चुका है.. गौतम की इन बातों से हालांकि पूनम को कोई एतराज नहीं था ना ही उसे गौतम के मुंह से ये सब सुनने में कोई परेशानी थी. वह बस यह देखकर हैरान थी कि गौतम कितना आत्मविश्वास से भरा हुआ है और उसके मुकाबले में पूनम कितनी खोखली और डरी हुई औरत है.. उसे जीने के लिए सहारो की जरूरत पड़ रही है.. पूनम ने गौतम को देखकर कहा..
पूनम - तुम मुझे अच्छी जॉब दिलवा सकते हो..
गौतम - कोशिश कर सकता हूं.. उम्मीद तो है कि मिल जाएगी.. रुको मैं कॉल करता हूं.. अभी क्या करती हो तुम?
पूनम - मैं यही सामने मॉल में टॉय शॉप में जॉब करती हूँ.. सुबह से शाम तक यही सड़ना पड़ता है औऱ पैसे सिर्फ 14 हज़ार कुछ..

गौतम चेतन को कॉल करता है औऱ फ़ोन स्पीकर पर डालकर सामने टेबल पर रख देता है - हेलो चिटू भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - आप कल कह रहे थे ना.. नई दूकान के लिए स्टाफ की जरुरत है.
चेतन - हाँ ग़ुगु.. तू संभालेगा दूकान?
गौतम - मुझसे कहाँ काम होता है.. आप तो जानते हो मैं कितना आलसी औऱ कामचोर हूँ.. आपकी तरह सुबह से शाम तक बैठना मेरे बुते के बाहर की बात है.. मेरी एक फ्रेंड है उसे जॉब की need है..
चेतन - ठीक है ग़ुगु.. कल सोहन काका के पास भेज दे अपनी फ्रेंड को.. मैं उनको फ़ोन कर दूंगा वो 3 में से किसी ना किसी दूकान में जॉब दिलवा देंगे..
गौतम - भईया.. सेलेरी थोड़ी ठीक रखना.. जरुरत में है अभी..
चेतन - ठीक है ग़ुगु मैं बोल दूंगा सोहन काका को.. 30-35 तक दिलवा दूंगा..
गौतम - बाय भईया...
चेतन - तू कब तक घर आएगा? बुआ पूछ रही थी..
गौतम - भईया 9.15 का शो है मूवी देखने आया हूँ लेट हो जाऊँगा..
चेतन - ठीक है चल.. एन्जॉय कर..

गौतम पूनम से - खुश?
पूनम मुस्कुराते हुए - हम्म्म.. तुम बहुत अच्छे हो.. पहली मुलाक़ात कोई किसी के लिए इतना कुछ नहीं करता..
गौतम कंधे पर हाथ रखकर कन्धा सहलाते हुए - अब आप उस आदमी को भूल जाओ औऱ आगे का सोच कर जिओ..
पूनम मुस्कुराते हुए - उम्र क्या तुम्हारी..
गौतम - क्यों बॉयफ्रेंड बनाना है? आई ऍम 18 प्लस.. अगर बनाना है तो आई ऍम रेडी...
पूनम हसते हुए - कितनी प्यारी बातें करते हो..
गौतम पूनम का कन्धा पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए - प्यार भी बहुत प्यार से करता हूँ.. ट्राय करना हो बताना..
इतने में वेटर कॉफ़ी ले आता है.. औऱ टेबल पर रख देता है..
गौतम - कुछ खाना है?
पूनम शर्माती हुई - नहीं..
गौतम वेटर से - एक पिज़्ज़ा.. लार्ज़..
वेटर चला जाता है गौतम कॉफ़ी का सीप लेकर पूनम से भी पिने को कहता है..
पूनम - पिज़्ज़ा क्यों मंगवाया मुझे भूक नहीं है..
गौतम पूनम के पेट पर हाथ रखकर पेट दबाते हुए कहता है - भूक कैसे नहीं है.. पूरा खाली तो लग रहा है तुम्हारा पेट.. जैसे सुबह से कुछ खाया ही ना हो..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - तुम सच में 18 प्लस हो ना? मैं बॉयफ्रेंड बनाऊ तो..
गौतम कॉफ़ी पीते हुए - मैंने बता तो दिया.. अब क्या मेरा आधार कार्ड देखोगी तुम?
पूनम मुस्कुराकर कॉफ़ी पीते हुए - कोई जरुरत नहीं है.. मुझे यक़ीन है तुमपर..

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गौतम थोड़ा पीछे होकर तिरछी नज़र से पूनम की कमर देखता हुआ - 32.. नहीं 30..
पूनम गौतम को देखकर - 28...
गौतम आगे देखते हुए - हम्म्म क्या?
पूनम मुस्कुराते हुए - 28 है मेरी कमर का साइज.. वही देख रहे थे ना तुम?
गौतम - नहीं.. मैं क्यों तुम्हारी कमर देखने लगा..
पूनम मुस्कुराते हुए - झूठ भी बोलते हो तुम?
गौतम - मेरी गर्लफ्रेंड का फ़ोन आ रहा है शायद आ गई..
पूनम - वही जिसे मूवी देखने बुलाया है..
गौतम - हाँ यार.. (फ़ोन उठाकर) हेलो
सिम्मी - कहा है रसगुल्ले..
गौतम - सामने कैफ़े में कॉफ़ी पी रहा था बस आ रहा हूँ..( फ़ोन काटते हुए )
सिम्मी - ठीक है..
गौतम - पूनम फ़ोन दो तुम्हारा..
पूनम फ़ोन देते हुए - जा रहे हो..
गौतम - हाँ यार.. लो ये नम्बर है मेरा.. व्हाट्सप्प करना..
वेटर पिज़ा लाते हुए - सर आपका आर्डर..
गौतम - कितना हुआ..
वेटर - 480..
गौतम पैसे दे देता है औऱ वेटर चला जाता है..
पूनम - कोनसी मूवी देखने जा रहे हो?
गौतम मुस्कुराते हुए - पहली मुलाक़ात..
पूनम - मैं भी चलू?
गौतम असमंजस में - ले तो चलता आंटी पर गर्लफ्रेंड नाराज़ हो जाएगी..
पूनम - मैं अलग बैठ जाउंगी..
गौतम पिज़्ज़ा का एक स्लाइस खाते हुए - ठीक है तुम व्हाट्सप्प पर hi भेजो. मैं टिकट बुक करके टिकट व्हाट्सप्प करता हूँ तुम्हे..
पूनम - ठीक है बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए पूनम के गाल चूमकर - बेटा नहीं हूँ तुम्हारा समझी..
पूनम मुस्कुराते हुए - मैं कब कहा तुम मेरे बेटे हो? पर आधी उम्र के हो तो अपने आप मुंह से बेटा निकल जाता है..
गौतम उठते हुए - अच्छा तुम ये फिनिश करके आ जाओ.. मैं नहीं गया तो गर्लफ्रेंड यहां आ जायेगी..
पूनम हसते हुए - बहुत लकी है तुम्हारी गर्लफ्रेंड...

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how many sides are there in a dice
गौतम - नहीं.. मैं बहुत लक्की हूँ.. चलो चलता हूँ...

गौतम इतना कहकर पूनम को वही केफे मैं छोड़कर वापस सिटी मॉल की तरफ आ जाता है जहां एंट्री पर सिमरन अपने भाई मनोज के साथ खड़ी हुई थी..

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सिमरन गौतम को देखते ही भाग कर उसके गले से लिपट जाती है और एक चुम्मा उसकी गाल पर करते हुए पूछती है..
सिम्मी - प्यारे लग रहे हो..
गौतम - कैसी हो?
सिम्मी - पिछली सुरंग में खुदाई का दर्द बाकी है उसके अलावा सब ठीक है..
गौतम - 2-3 बार औऱ खुदाई होगी तो दर्द गायब हो जाएगा.. वैसे सलवार में लुटेरी लगती थी पर साडी में तो क़ातिल लग रही हो..
सिम्मी - तुम्हारे आगे तो कुछ भी नहीं हूँ..
मनोज पीछे से - क्या खुसर फुसर चल रही है दोनों में..
गौतम - कुछ नहीं.. चलो चलते है..
सिम्मी - अभी आधा घंटा मूवी शुरू होने में..
गौतम - तो क्या करें फिर?
सिम्मी - यही बैठ जाते है बाहर.. उस चाय की टपरी पर.. मैं चाय पी लुंगी आप दोनों सुट्टा पी लेना..
मनोज - हाँ चलो यार..

पूनम केफे से निकल कर मॉल में जा रही थी गौतम औऱ पूनम की नज़र बीच बीच में मिल भी रही थी.. इस बार पूनम औऱ गौतम ने एक दूसरे को ऊपर से नीचे तक फुल चेक आउट किया.. जिसका अंदाजा दोनों को एक दूसरे की नज़रे देखकर हो चुका था..
गौतम - अरे ये चाय अच्छी नहीं बनाता.. चलो सामने केफे में चलते है तु कॉफ़ी पी लेना..
सिम्मी - ठीक है.. चलो भईया वही चलते है..
मनोज - हाँ.. सिम्मी... चलो..
गौतम वापस सिम्मी औऱ मनोज के साथ केफे में आ जाता है औऱ एक झुग्गीनुमा केबिन में सिम्मी के साथ अगल बगल बैठ जाता है औऱ सामने मनोज बैठ जाता है..
वेटर आता है..
सिम्मी - तीन कॉफ़ी..
मनोज - एक बड़ी एडवांस भी..
गौतम - इतनी देर कैसे हुई तुमने तो आठ का कहा था..
सिम्मी - यार बहाना बनाना पड़ा.. पूछो ना भईया से
मनोज - हाँ गौतम.. आज पापा घर पर ही थे..
गौतम सिमरन के गले में हाथ डालकर उसके गाल चूमता हुआ - thanks आने के लिए..
सिम्मी - बेबी सामने भईया बैठे है.. कुछ तो शर्म करो.. ये सब बाद में..
गौतम - भईया बैठे है तो मैं क्या करू यार..
मनोज - मैं मुंह घुमा लेता हूँ तुम्हे जो करना है कर लो..
वेटर कॉफ़ी लेकर आता हुआ.. सर सिगरेट.. एंड लाइटर
सिम्मी - कॉफ़ी तो बहुत सही है..
गौतम - कहा था ना..
मनोज सिगरेट जलाकर - लो गौतम..
गौतम कॉफी का सिप लेकर अपना फ़ोन देखता है जिसमे पूनम का hi आ चूका था.. गौतम ने एक टिकट बुक करके पूनम को व्हाट्सप्प पर सेंड करते हुए लिखा.. तुम्हे अकेले बैठना पड़ेगा उसके लिए सॉरी..
पूनम ये देखकर मुस्कुराते हुए लिखती है - कोई बात नहीं.. औऱ एक लव का इमोजी भी साथ में सेंड कर देती है..
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सिम्मी - कहा ध्यान है गौतम?
गौतम मनोज से सिगरेट लेकर सिगरेट सिम्मी को देते हुए - कुछ नहीं.. यार.. फ़्रेंड का मैसेज था.. रिप्लाई कर रहा था..
सिम्मी सिगरेट लेने से मना करती हुई - गोतम भईया बैठे है..
गौतम - तो? मनोज तुम्हे सिमरन के सिगरेट पिने से ऐतराज़ है?
मनोज - मुझे क्यों होने लगा.. सिम्मी की अपनी मर्ज़ी है..
गौतम - बस.. लो अब..
सिम्मी सिगरेट लेकर कश मारती हुई - भईया बता रहे थे बहुत अच्छी मूवी है..
मनोज - मैंने तो बस सुना है कल एक दोस्त बता रहा था.. उसकी बातों पर भरोसा भी नहीं किया जा सकता..
गौतम - ट्रेलर देखा है.. काफी एडल्ट सीन्स है मूवी में..
सिम्मी मुस्कुराते हुए सिगरेट का अगला कश लेकर सिगरेट गौतम को देती हुई - वो तो होंगे ही हीरोइन सनी लियॉन जो है मूवी में..
गौतम सिम्मी के गले में हाथ को थोड़ा नीचे करके उसका बोबा पकड़ते हुए - हीरोइन तो तुझे होना चाहिए मेरी..
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सिम्मी अपने बूब्स पर से गौतम का हाथ हटाती हुई - गौतम तुम भी ना.. कहीं भी शुरू हो जाते हो.. बेशर्म कहीं के..
गौतम - इसमें क्या गलत है.. मनोज तुम ही बताओ.. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रोमांस करना गलत है क्या?
सिम्मी - भईया से क्या पूछ रहे हो.. उनकी कोई गर्लफ्रेंड थोड़ी है.. उनको तो लड़की से बात करना तक नहीं आता..
गौतम - इतनी सी बात मैं बनवा दूंगा.. बस थोड़ा सा तुम्हारे भईया कॉन्फिडेंस दिखा दे तो..
सिम्मी - पक्का..
गौतम - पक्का मेरी रसमलाई..
ये कहते हुए गौतम ने सिगरेट मनोज को दे दी औऱ सिमरन के होंठों को मनोज के सामने ही चूमने लगा औऱ उसके बूब्स को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा..

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summer holiday with lyrics
मनोज सिगरेट का कश लेकर - भाई यहां तो छोड़ दे मेरी बहन को.. अंदर हॉल में तो पता नहीं क्या क्या करेगा तू..
सिम्मी खुदको छुड़वाकर एक हलका सा थप्पड़ गौतम के गाल पर मारकर - रसगुल्ले तू ना बहुत बेशर्म है.. चल अब टाइम हो रहा है मूवी निकल जायेगी..
गौतम - ठीक है मेरी जान..
मनोज - भाई सच में गर्लफ्रेंड बनवाएगा मेरी?
गौतम - तेरी बहन की कसम..
सिम्मी हसते हुए - अब चलो..
मनोज बिल पे करके मॉल में आ जाता है जहा लगभग खाली पड़े सिनेमा हॉल आगे कोने में तीनो बैठ जाते है हॉल में कुछ ही लोग थे जो पीछे बैठे थे औऱ उनमे से ज्यादातर लवबर्ड्स जो अपनी अपनी gf bf के साथ कहीं ना कहीं लगे हुए थे.. कोने में मनोज बैठा उसके बगल में सिम्मी औऱ उसके बगल में गौतम.. पूनम दो सीट पीछे बैठकर गौतम को देख रही थी..

मूवी शुरू हो चुकी थी और तीनों बैठकर मूवी देखने लगे थे मूवी शुरू होने की कुछ ही देर बाद गौतम ने सिमरन के गले में हाथ डालकर उसे अपने करीब खींचते हुए उसके होठों को अपने होठों से लगाकर चुंबन की शुरुआत कर दी मनोज अपनी बहन और गौतम को चूमता देखकर वहां से उठने की कोशिश करता हुआ बोला मैं कहीं और बैठ जाता हूं. जिस पर गौतम में चुंबन तोड़कर मनोज कहा अरे बैठे रहो यार यहीं पर.. सिमरन इस पर कुछ नहीं बोला और मनोज भी गौतम की बात सुनकर वहीं बैठ गया और मूवी देखने लगा.. गौतम फिर से सिम्मी को चूमने लगा और उसके होंठों का रस पीने लगा.. सिम्मी इस हॉल के अंधेरे में गौतम को पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए चूम रही थी और उसके होठों को बराबर साथ देते हुए उसके मुंह का स्वाद ले रही थी और अपने मुंह का स्वाद उसे चखा रही थी..

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गौतम ने सिम्मी को कुछ देर चूमने के बाद उसके गले में हाथ जो डाला हुआ था उसे थोड़ा और नीचे सरका दिया और सिमरन की ब्लाउज में हाथ डालते हुए उसके बूब्स को पड़कर मसलने और दबाने लगा.. मनोज अपनी बहन के बूब्स दबाते हुए देख रहा था और अब कुछ भी करने में असमर्थ था..

गौतम ने ब्लाउज के बटन खोलके अंदर हाथ डालकर ब्रा को ऊपर सरकार दिया था जिससे सिमरन के बूब्स पूरी तरह नंगे हो चुके थे ब्लाउज के अंदर नंगे हो चुके बूब्स को गौतम चूसना चाहता था इसलिए वह सिमरन की तरफ झुकते हुए उसके पल्लू को उठाकर उसके बूब्स को अपनी तरफ कर दिया और अपने होंठ उसके बूब्स पर लगाते हुए उसके बूब्स चूसने लगा..

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मनोज के सामने उसकी बहन के बूब्स खुलकर आ चुके थे जिन्हें गौतम मजे से चुस्त हुआ सहला रहा था और मसल रहा था.. मनोज कुछ भी करने में असमर्थ था वह केवल पिक्चर देखे जा रहा था और अपने बगल में अपनी बहन और गौतम का रोमांस देखकर वह भी अब काम भावना से उत्प्रोत होने लगा था..

गौतम ने ब्रा को खोलते हुए सिमरन की ब्रा को उतार कर अपनी जेब में रख लिया था और अब सिमरन सिर्फ एक ब्लाउज में ही थी जिसे उठा उठा कर गौतम बार-बार उसके बूब्स को चुम औऱ चाटते हुए उसके निपल्स दबा दबा कर मरोड़ रहा था और सिमरन अपने भाई मनोज के बगल में बैठी हुई कामुक सिस्कारिया अपनी दबी हुई आवाज में ले रही थी जिसको सुनते हुए मनोज भी काम भावनाओं से भर रहा था.. दो सेट पीछे बैठी पूनम भी यह सब होता देख रही थी मगर उसे कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था वह इतना जरुर जानती थी कि गौतम अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रोमांस कर रहा है.. पूनम के दिल में गौतम के लिए एक अलग जगह बन चुकी थी.. जिस तरह से उसने पूनम को समझाया था और मदद की थी इसी के साथ में गौतम ने जिस तरह पूनम को अपनी हम उम्र की लड़की मान कर बातें की थी उससे पूनम गौतम के प्रति आकर्षित हो चुकी थी और वो गौतम से और बात करना चाहती थी.. गौतम में पूनम को एक नई उम्मीद दिख रही थी यह उम्मीद वैसी नहीं थी जैसी उसने अपने पिछले आशिक से लगाई थी जो उसे छोड़कर चला गया था. वो उम्मीद एक दोस्त की थी कि गौतम उसका एक अच्छा दोस्त बनाकर उसकी बातों को सुन सकता है और उससे ढेर सारी बातें कर सकता है.. पूनम एक अच्छे मित्र के रूप में गौतम को देखने लगी थी.. पूनम के मन में भरी हुई उदासी को गौतम ने कुछ ही देर में निकाल कर फेंक दिया था और अब पूनम आगे की ओर देखने लगी थी..

मनोज अपनी बहन की कामुक आवाजो को सुनते हुए वहीं बैठा हुआ अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से सहला रहा था और साइड में अपनी बहन औऱ गौतम का रोमांस देखकर मन ही मन कामुक हो रहा था..
गौतम सिमरन के बूब्स इस तरह चूस और चाट रहा था कि सिमरन के मुंह से कामुक सिसकियाँ आप निकलने लगी थी हालांकि यह सिस्कारिया और कामुक आवाज केवल उसके पास में बैठे हुए मनोज को ही सुनाई दे रही थी उसके अलावा कोई और आसपास वहां सुनने वाला था ही नहीं..

सामने चलते सनी लियोन के मूवी के चुदाई सीन और साइड में बैठी हुई अपनी बहन सिम्मी और गौतम के चूसाईं सीन देख कर मनोज सब रहा नहीं गया और वह उठकर मुठ मारने बाथरूम की तरफ चला गया..
उसके जाने के बाद गौतम ने भी सिमरन को अपनी तरफ झुका लिया और अपना लंड बाहर निकाल कर सिमरन का सर अपने लंड पर झुकते हुए सिमरन के मुंह में आपका लौड़ा घुसा कर सिमरन को सिनेमा हाल में ही अपना लंड चूसने लगा..

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सिमरन भी गौतम के अनुसार उसके ऊपर झुक गई और गौतम को खुश करने में लग गई.. सिमरन किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह गौतम के लिंग को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी और चाट रही थी औऱ अपने हाथ से उसके अंडकोष भी सहला रही थी जिससे गौतम को बहुत संतुष्टि का अनुभव हो रहा था.. गौतम प्यार से सिमरन के बाल सहलाते हुये जुल्फे सवारते हुए उसे अपना लोडा चूसने में मसरूफ था..
मनोज बाथरूम में अपना हिला कर वापस अपनी सीट पर है तो उसने देखा कि सिमरन गौतम के उपर झुकी हुई है और गौतम उसे अपना लंड चूसा रहा है ये देखकर मनोज फिर से कामुक होने लगा था.. मगर इस बार मनोज बगल में बैठकर सामने मूवी देखने लगा सिमरन लोडा चूस रही थी और मनोज अपनी बहन सिमरन को चुसता हुआ देख रहा था गौतम सिमरन लंड चूसाईं का आनंद ले रहा था..
मनोज औऱ पीछे बैठी पूनम ने जब गौतम के लंड की झलक देखी तो दोनों अचरज में पड़े हुए उसके लंड को देखते ही रह गए..

गौतम अब काम भावना से भरकर चुदाई के मूंड में चुका था गौतम ने सिमरन का हाथ पड़कर उसे सीट से उठा लिया और बाथरूम ले गया.. जहां मेल टॉयलेट में ले जाकर गौतम ने एक बाथरूम में घुसकर सिमरन के साथ दरवाजा बंद कर लिया. गौतम और सिमरन दोनों काम भावनाओं से भरे हुए थे कि उनको किसी और का कोई ख्याल नहीं था.. गौतम ने सिमरन की साडी खोल दी और सिम्मी को पलट कर उसकी गांड में अपना लिंग घुसते हुए धीरे-धीरे उसके बाल पड़कर पीछे से चोदने लगा.. सिमरन सिसकियाँ लेते हुए गौतम से गांड मरवाने लगी थी.. 25313102
गौतम ने सिमरन का ब्लाउज उतार कर साइड में रख दिया और उसकी पेंटी भी उतार कर अपनी जेब में रख ली.. सिमरन अपनी गांड में गौतम का लौड़ा लेते हुए बहुत ही मस्ती से चुदवा रही थी.. गौतम अपना पूरा लौड़ा घुसा घुसा के सिमरन की गांड मारे जा रहा था और सिमरन गांड मरवाते हुए सिसकियाँ लेकर गौतम को मुड़ मुड़कर देखते हुए कामुकता से आहे भर रही थी..

मनोज कुछ देर बाद ही सीट से उठकर बथरूम में आ गया था औऱ उसके जस्ट बगल वाले बाथरूम में घुस गया.. मनोज अपनी बहन की सिस्कारिया सुनते हुए वपद मुट्ठी मारने लगा औऱ मुट्ठी मारके वापस चला गया..

गौतम जब झड़ने वाला हुआ तो उसने सिमरन को पलट कर नीचे घुटनों पर बैठा दिया और उसके मुंह में अपना लौड़ा डालकर उसके बाल पकड़ते हुए लौड़ा चूसने लगा और थोड़ी देर में उसके मुंह में अपना सारा माल भर के झड़ गया..

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सिमरन पूरा माल पीते हुए मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगी..
सिमरन अपने पैरों पर खड़ी हुई और उसने गौतम को पलट कर उसकी एक टांग चौड़ी करते हुए अपना छोटा सा लौड़ा गौतम की गांड में घुसने लगी..
गौतम - सिम्मी क्या कर रही है..
सिम्मी - रसगुल्ले चुप ना.. मुझे भी मारनी तेरी..
गौतम - अबे लंड भी तो होना चाहिए इस लुल्ली से क्या करेगी तू..
सिम्मी - रसगुल्ले करने दे ना.. मेरे लिए..
गौतम - ठीक है मेरी रसमलाई...
सिमरन गौतम की एक टांग चौड़ी करके अपनी छोटी सी लल्ली उसकी गांड में घुसाती है..
गौतम - डाल दिया क्या?
सिम्मी - हाँ..
गौतम - पता ही नहीं चला..
सिम्मी चोदते हुए - कल तू चला जाएगा फिर मेरा क्या होगा रसगुल्ले..
गौतम - तू भी साथ चल ना रसमलाई.. पर मेरी गांड का पीछा छोड़..
सिम्मी - कैसे छोड़ दू रसगुल्ले.. जितना प्यारा तू है उतनी प्यारी तेरी गांड भी..
गौतम - पिछले जन्म में ना जाने कोनसा पाप किया था जो ये करना पड़ रहा है.. तू इतनी सेक्सी औऱ प्यारी नहीं होती तो बताता तुझे साली...
सिम्मी - क्या पता पिछले जन्म में तुमने बहुत गांड मारी हो मेरी.. जिसका बदला मैं इस जन्म में निकाल रही हूँ..

सिमरन के इतना कहते ही गौतम की आंखों के सामने अपने पिछले जन्म की एक याद आ गई और फ्लैशबैक में उसे एक सीन दिखाई दिया जिसमें सिमरन जंगल में नदी किनारे चट्टान के पास खिली हुई हरी हरी घास में उल्टी लेटी हुई थी और गौतम उसकी पीछे से गांड मार रहा था.. सिमरन गांड मरवाती हुई बोल रही थी..
धीरे.. आराम से.. बहुत सताने लगे हो तुम मुझे..
और सिमरन की गांड मारते हुए गौतम कह रहा था..
मुझे मत रोको.. कितने दिनों बाद मौका मिला है.. आज बिना प्रेम किये तुम्हे नहीं छोड़ने वाला..
तुम्हारा प्रेम क्या मेरी योनि औऱ गुदा में ही आकर निकलता है? अब तो तुम पहले की तरह मुझसे दो मीठी बात करना भी भूल गए हो..
गांड मारते हुए - जात का बंजारा हूँ राजकुमारी.. तुमसे पहले सिर्फ काबिले की बंजारनो या वैश्याओ से ही मिला हूँ.. मुझे क्या पता एक राजकुमारी को कैसे प्रेम करना होता है..
तुम्हे सब पता है... पहले तो सिर्फ मेरी योनि का उपयोग करते थे आगे से करते थे अपनी संतुस्टी के लिए.. अब तो हर बार मेरी गुदा को भी उपयोग करने लगे हो.. तुमसे प्रेम ना किया होता तो तुम्हरी हत्या कर दी होती मैंने.. जितना तुम मेरे साथ गुदामैथुन करते हो ना देखना अगले जन्म में मैं भी योनि के स्थान पर लिंग लेके जन्म लुंगी औऱ तुम्हारे साथ यही करुँगी..
अगले जन्म में कर लेना राजकुमारी.. इस जन्म में तो मुझे करने दो..
आराम से ना.. धीरे..

गौतम अपनी खुली आंखों से अपने पिछले जन्म का यह सीन देखकर हड़बड़ा जाता है और वह पीछे सिमरन को रोकना हुआ कहता है - धीरे..
सिमरन - इतने सी लुल्ली सी दर्द हो गया गौतम?
गौतम - नहीं..
सिमरन गौतम को वापस पलटकर - करने दे ना रसगुल्ले बस होने वाला है..
थोड़ी देर में सिमरन भी गौतम की गांड से छेड़खानी करके संतुष्ट हो जाती है औऱ दोनों वापस हॉल में अपनी सीट पर आ कर बैठ जाते है..

गौतम को बार बार अभी अपनी खुली आँखों से देखे इस दृश्य को याद करके अचरज हो रहा था..
उसे अपनी खुली आँखों में सिमरन किसी राजकुमारी के भेस में दिखी थी जिसके पास लंड नहीं चुत थी जो एक प्रॉपर लड़की थी जिसके साथ गौतम सम्भोग करते हुए पीछे से उसे चोद रहा था..

मूवी का मध्यांतर हो चुका था और सभी अब कुछ ना कुछ खाने का सामान लेने जा रहे थे मगर गौतम उसी तरह बैठा हुआ वही एक बात सोच रहा था कि कैसे सिमरन और वो उसकी खुली आंखों से देखे गए सपने में संभोग करते हुए एक दूसरे को अलग नाम से बुला रहे थे और दोनों पूर्ण रूप से सम्भोग कर रहे थे..

सिम्मी - क्या खाना है रसगुल्ले?
सिम्मी ने गौतम का ध्यान तोड़ते हुए कहा तो गौतम ने कहा- कुछ नहीं.. भूख नहीं है..
मनोज - कुछ तो खा ले भाई. इतनी मेहनत की है तूने..
गौतम - अभी कुछ खाने की इच्छा नहीं है..
सिम्मी मनोज के साथ जाती हुई - चलो भईया.. मुझे तो पॉपकोन खाने है.. वो लेकर आते है..
मनोज - ठीक है सिम्मी.. चल..

मनोज और सिमरन सिनेमा हॉल से बाहर पॉपकोन लेने चले जाते हैं और पूनम मौका देखकर गौतम के बगल वाली सीट पर आकर बैठ जाती है..
पूनम - गर्लफ्रेंड बहुत खूबसूरत है तुम्हारी..
गौतम पूनम की तरफ देखकर - thanks आंटी..
पूनम - पीछे से देखा मैंने.. बहुत तंग कर रहे थे तुम बेचारी को.. बाथरूम में भी बहुत सताया तुमने उसे..
गौतम - तुम हमारे पीछे बाथरूम तक आई थी? यार आंटी क्या है ये..
पूनम अपना एक कान पकड़कर मुस्कुराते हुए - सॉरी.. पर वो साथ वाला लड़का भी गया था..
गौतम - अच्छा.. मूवी कैसी है?
पूनम - पूरी मूवी में सनी लियॉन के अलावा कुछ औऱ हो तब तो बताऊ..
गौतम - बोर हो गई ना..
पूनम - हाँ अकेली तो बोर ही होंगी...
गौतम - मैं भी बोर हो गया.. मैंने अब जाने वाला हूँ यहां से..
पूनम - बिना बताये मत चले जाना.. इशारा करना.. कुछ औऱ बात करनी है तुमसे..
गौतम - ठीक है..
पूनम - मैंने पीछे जाती हूँ.. तुम्हारी गर्लफ्रेंड आने वाली होगी..
इतना कहकर पूनम पीछे वापस अपनी सीट पर जाकर बैठ जाती है और कुछ देर बाद मनोज और सिमरन वापस गौतम के पास आकर बैठ जाते हैं और पॉपकॉर्न खाते हुए बातें करने लगते हैं जिसमें मूवी से जुड़ी हुई बातों के अलावा के बहुत सी बातें हो रही थी गौतम ने अपनी बात करते हुए मूवी के बोरिंग होने का हवाला देते हुए यहां से चलने की बात कही जिस पर मनोज और सिमरन एक मत से हामी भरते हुए बोले..
सही कहा.. चलते है..

आगे आगे मनोज और सिमरन जाने लगे तो पीछे से गौतम ने पूनम को जाने का इशारा कर दिया.. तीनों मॉल के गेट के बाहर आ चुके थे और पार्किंग में जाते हुए दूसरे से बात कर रहे थे..
गौतम और सिमरन का हाथ एकदूसरे के हाथ में था और दोनों अब आखरी बार एक दूसरे से गले मिलते हुए एक दूसरे को चूम रहे थे मनोज उनके चुम्मी के खत्म होने का इंतजार कर रहा था..
पूनम पीछे छूपके खड़ी हुई यह सब देख रही थी..
मनोज पार्किंग से अपनी बाइक ले आया था और अब वह गौतम और सिमरन से कहने लगा था..
मनोज - आज ही करनी है क्या सारी चुम्मी तुम दोनों को.. सिम्मी अब चल यार..
सिम्मी चुम्बन तोड़ते हुए - बाय रसगुल्ले.. जल्दी मिलने आना वरना मैंने आ जाउंगी..
गौतम अपनी जेब से सिम्मी की ब्रा पेंटी निकालकर सिम्मी को देते हुए - रास्ते में सुनसान जगह पहन लेना.. औऱ अपना ख्याल रखना..
सिम्मी मनोज के पीछे बाइक पर बैठ जाती है औऱ बाय करते हुए वहा से मनोज के साथ चली जाती है..
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गौतम जैसे ही पार्किंग की तरफ बढ़ता है उसके सामने पूनम आकर खड़ी हो जाती है..
गौतम - घर छोड़ दू आंटी?
पूनम - हाँ बेटा..
गौतम पार्किंग से कार निकालकर - आओ आंटी अंदर बैठ जाओ..
पूनम - तुम्हारी कार है?
गौतम - नहीं.. किसी औऱ की है मैंने तो बस चला रहा हूँ.. अच्छा किस तरफ है आपका घर..
पूनम - घर कहा है बेटा.. किराए का कमरा है..
गौतम - पर शहर के किस हिस्से में है आंटी आपका वो कमरा.. जगह तो बताओ..
पूनम उसी वेडिंग हॉटल के आसपास की जगह का नाम बताती है जहा कल ऋतू की शादी हुई थी..
गौतम गाडी चलाते हुए - मुझे भूख लगने लगी लगी है आंटी.. चलो पहले कहीं खाना खाते है फिर मैं आपको छोड़ दूंगा..
पूनम - बेटा यहां आसपास कोई अच्छा रेस्टोरेंट नहीं है.. तुम मेरे साथ चलो मैं अपने हाथ से बनाके खिला दूंगी..
गौतम उसी होटल की जगमग देखकर - रेस्टोरेंट की क्या जरुरत है आंटी..

ये कहते हुए गौतम गाडी वेडिंग होटल की पार्किंग में लगा देता है.. जहा चकाचोध देखकर लग रहा था कि आज भी यहां किसी की शादी है..
पूनम - बेटा.. बिन बुलाये नहीं जाना चाहिए कोई रोक लेगा..
गौतम - डरो मत आंटी.. मैं हूँ ना आपके साथ.. चलो उतरो.. आ जाओ..
गौतम पूनम को लेकर वेडिंग होटल के अंदर ले आता है औऱ होटल से गुजरते हुए पीछे वेडिंग लोन में चल रहे फंक्शन में आ जाता है.. रात के लगभग 10.45 का समय हो रहा था औऱ फंक्शन में अब कम भीड़ थी.. गौतम बिना किसी शर्म औऱ झिझक के खाना लेकर टेबल पर पूनम के साथ बैठ गया औऱ खाने लगा जहाँ गोतम को देखकर बिरजू उसके पास आ गया..

बिरजू - भईया ज़ी.. नमस्ते... कल रात आप आये नहीं.. मैं पूरी रात जाग रहा था..
गौतम बिरजू से - कल नींद आ गई थी बिरजू.. तू चिंता मत कर अभी तेरी जरुरत पड़ेगी..
बिरजू पूनम की तरफ देखकर - भईया आपकी माँ है..
गौतम मुस्कुराते हुए पूनम की तरफ देखकर - हाँ बिरजू ये मेरी माँ है..
पूनम गौतम की तरफ देखकर उसके झूठ में शरीक हो गई औऱ बोली - हाँ मैं इसकी माँ हूँ.
बिरजू झुक कर प्रणाम करते हुए - नमस्ते आंटी ज़ी..
पूनम एक झलक गौतम को देखने के बाद बिरजू से - नमस्ते..
बिरजू चला जाता है..
पूनम - कौन था ये?
गौतम खाना खाते हुए - यहां की निगहेबानी करता है आंटी.. तुम्हे देखकर उसे लगा होगा की तुम मेरी माँ हो.. मैंने भी उसके भरम नहीं तोड़ा..
पूनम खाना खाते हुए - कल क्यों जाग रहा था वो.. औऱ तुम क्यों जाने वाले थे उसके पास..
गौतम - पीछे हलवाईखाने के बगल में थोड़ा दूर इसका रूम है जहा ये रहता है.. मैंने इसे कहा था रात को गर्लफ्रेंड के साथ आ सकता हूँ तेरा रूम खुला रखना.. इसिलए..
पूनम खाना खाते हुए - कल भी तुम बिन बुलाये खाना खाने आये थे यहां? डर नहीं लगता तुम्हे?
गौतम पूनम को खाने की एक कोर खिलाते हुए - कल मेरी बहन की शादी थी यहां.. अब समझी? मैंने कोई भूखा नंगा थोड़ी हूँ.. जो जहाँ कहीं बिन बुलाये आता जाता रहूँगा.. आसपास कोई रेस्टोरेंट नहीं था यहां आना पड़ा.. औऱ कुछ नहीं..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर उसके हाथ का निवाला खाते हुए - मैंने कब वैसा कहा..

कुछ देर बाद दोनों खाना खा कर उठ गए औऱ पूनम ने गौतम से कहा.. अब चले यहां से?
गौतम - एक सेकंड आंटी.. बिरजू से मिलके आता हूँ.. बेचारा रात भर जाग रहा था कुछ तो मिलना चाहिए उसे..
पूनम गौतम का हाथ पकड़ कर - मैं भी चलती हूँ बेटा.. बिन बुलाये यहां इतनी बड़ी शादी में मुझसे अकेले नहीं रहा जाएगा..

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गौतम पूनम के साथ बिरजू के कमरे की तरफ आ जाता है जहा बाहर अंधेरा था औऱ अंदर कमरे में वही धीमी रौशनी का लट्टू जल रहा था.. बिरजू आसपास नहीं था..
गौतम पुनम के साथ उस छोटे से कमरे में आ जाता है औऱ दरवाजा अंदर से बंद करने लगता है बगैर कुंदी लगाए...
पूनम - यहां कोई नहीं है बेटा.. अरे तुम दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?
गौतम मुड़कर पूनम को देखता हुआ - क्यों आंटी आपको डर लग रहा है? कहीं मैं आपके साथ कुछ गलत काम ना कर दूँ..
पूनम हसती हुई - मुझे क्यों डर लगेगा? वो भी तुम्हारे जैसे इतने खूबसूरत और प्यारे लड़के से.. डरना तो तुम्हे मुझसे चाहिए.. कहीं मैंने तुम्हारा फ़ायदा उठा लिया तो...
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गौतम पूनम के करीब आता हुआ उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर पूनम को अपनी तरफ खींचते हुए - अच्छा? तुम ऐसा क्या कर सकती ही आंटी.. जो मुझे तुमसे डर लगना चाहिए..
पूनम को देखकर हैरानी से - बेटा.. क्या कर रहे हो तुम.. छोडो मुझे.. तुमसे इतनी बड़ी हूँ मैं.. तुम्हारी माँ जैसी..
गौतम - आंटी मैं जानता हूँ आप अंदर से बहुत अकेली हो.. आपको एक दोस्त की जरुरत है.. मैं आपका दोस्त बनने के लिए तैयार हूँ.. आपकी ख़ुशी के लिए मैं सब कुछ कर सकता हूँ..
पूनम - बेटा तुम मुझे गलत समझ रहे हो.. तुमने इतने प्यार से बात की, मेरी इतनी मदद भी की उसके लिए मैं तुम्हारी अहसानमंद हूँ.. मगर अपनी ख़ुशी के लिए तुम्हारे जैसे इतने प्यारे बच्चे का फ़ायदा नहीं उठा सकती.

गौतम की नज़र खाट के किनारे पड़े हुए सिगरेट के पैकेट औऱ लाइटर पर पड़ी जो कल उसने यही छोड़ दिया था.. उसने पूनम को बाहों की क़ैद से आजाद कर दिया.. औऱ एक सिगरेट निकालकर सुलगाकर कश लेते हुए बोला - औऱ अगर ये बच्चा तुम्हारा फ़ायदा उठाना चाहे तो आंटी? तुम तब भी मुझे मना करोगी?
पूनम खाट पर बैठती हुई - बेटा तुम्हारे साथ मुझसे ये सब नहीं होगा.. तुम बहुत छोटे हो.. कहाँ मैंने 45 साल की औऱ कहा तुम 18-19 साल के..
गौतम खाट पर पूनम के बदल में बैठकर सिगरेट के कश लेता हुआ - 20 साल.. आंटी पुरे बीस साल का हूँ.. (कमर में हाथ डालता हुआ) आंटीलवर सुना है तुमने.. मैं वही हूँ.. आपके जैसी खूबसूरत आंटीया मुझे बहुत पसंद है.. मैं एक बात सच बताऊ तुम्हे आंटी?
पुनम अपनी कमर से गौतम का हाथ नहीं हटाती औऱ गौतम को देखकर कहती क्या - क्या?
गौतम सिगरेट का कश लेकर - मैं तुम्हे उदास देखकर तुम्हारे पास नहीं आया था आंटी.. तुम्हारा फिगर औऱ उम्र देखकर तुम्हारी तरफ खींचा चला आया था.. सोचा था तुम्हारा फ़ायदा उठा लूंगा.. मगर तुम्हारा दिल टुटा हुआ था इसलिए मैंने कोशिश नहीं की.. मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ आंटी.. मेरी दोस्त बनोगी?

पूनम गौतम की बात सुनकर उसे ही देखे जा रही थी..
इस बार जैसे ही गौतम ने सिगरेट अपने होंठो से लगाई पूनम ने अपनी उंगलि से गौतम के होंठों से सिगरेट लेकर फर्श पर फेंककर अपने पैरों की चप्पल से बुझा दी औऱ गौतम को देखकर कहा - सिगरेट पीना अच्छा नहीं होता बेटा..
गौतम ने अपनी कलाई का धागा लाल होते देखा तो वो समझा गया की पूनम उसके साथ सोने के लिए तैयार हो चुकी है..
गौतम पूनम को बाहों में भरता हुआ खड़ा हो गया औऱ उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमने लगा.. इस बार पूनम ने उसे कुछ भी करने से नहीं रोका उलटे दोनों हाथों से गौतम की कमर को पकड़कर चुम्बन में बराबर उसका साथ देने लगी..

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कमरे के बीचो-बीच खड़े होकर गौतम और पूनम एक दूसरे को चुम ही रहे थे कि बिरजू गेट खोलकर अंदर घुस गया.. बिरजू ने जब गौतम और पूनम को एक दूसरे को चूमता देखा तो वह हैरानी से भर गया कि कैसे एक माँ बेटा आपस में चुम सकते है.. बिरजू के आने से गौतम और पूनम का चुंबन भी टूट गया..
गौतम बिरजू को देखकर अपनी जेब से 500 का नोट निकालकर देता हुआ - अरे बिरजू.. ले..
बिरजू पैसे लेकर - कुछ लाना है भईया ज़ी..
गौतम - नहीं यार.. कल तू मेरी वजह से पूरी रात जागता रहा है..
बिरजू - धन्यवाद भईया ज़ी..
गौतम पूनम को बाहों में भरता हुआ - अच्छा बिरजू.. अभी कुछ देर मैं यही तेरे कमरे में इस खाट पर अपनी माँ के साथ सोऊंगा.. तू नीचे बिछा के सो जा.. औऱ दरवाजा बंद कर दे..
बिरजू - पर भईया ज़ी.. आपकी माँ..
गौतम - बिरजू मैं अपनी माँ से सच्चा प्यार करता हूँ.. औऱ मेरी माँ भी मुझसे.. क्यों माँ..
पूनम झिझकती हुई धीरे से गौतम से - बेटा.. इसके सामने..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार पूनम को खाट पर लेटाता हुआ - अरे बिरजू की चिंता मत करो माँ.. ये मेरा पक्का दोस्त है किसी को कुछ नहीं कहेगा.. क्यों बिरजू..
बिरजू फर्श पर चटाइ बिछाकर लेटता हुआ - ज़ी भईया..
गौतम पूनम को चूमता हुआ उसके बूब्स पर हाथ फेरकर मसलने लगता है औऱ धीरे धीरे साडी का पल्लू हटाकर ब्लाउज खोलने लगता है.. साडी औऱ ब्लाउज उतारकर एक तरफ करने के बाद गौतम जैसे ही पूनम के पटीकोट के नाड़े पर हाथ लगाता है पूनम गौतम का हाथ पकड़ कर बोलती है..
पूनम - खोलो मत बेटा वैसे ही कर लो..
गौतम - चुदाई तो नंगे होकर ही की जाती है माँ... अब छोडो मेरा हाथ.. पूनम हाथ छोड़ देती है औऱ गौतम पुनम का पेटीकोट भी निकाल देता है.. अब पूनम सिर्फ पैंटी औऱ ब्रा में थी.. गौतम भी अपनी जीन्स खोल चूका था औऱ वो भी चड्डी में था..
बिरजू दोनों से पीठ करके सब सुन रहा था औऱ लेटा हुआ लंड को पज़ामे के ऊपर से हिला रहा था..

गौतम पूनम से - कंडोम पहनु?
पूनम गौतम को चूमकर - नहीं.. मेरे पास गोली है.. बेटा बस थोड़ी शर्म आ रही है..
गौतम बिरजू से - बिरजू मेरी माँ को शर्म आ रही है.. ये लट्टू बंद कर दे.. अंधरा होगा तो शर्म चली जायेगी औऱ खुलके कुछ कर पाएगी....
बिरजू लट्टू बंद करके वापस लेट जाता है औऱ गौतम अपनी चड्डी नीचे सरका कर पूनम की पेंटी नीचे कर देता है औऱ चुत को टटोल कर लंड सेट करता हुआ पुनम से कहता है - मैं अंदर डाल रहा हूँ.. चिल्लाना मत..
पूनम मुस्कुराते हुए - मैं क्यों चिल्लाने लगी बेटा..
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गौतम एक जोरदार धमाकेदार धक्का देखकर
एक बार में अपना सारा का सारा लंड पूनम की चुत में घुसा देता है जिससे पूनम एक दम से पूरी आवाज के साथ चीख पडती है..
बिरजू चिंख सुनकर डरता हुआ खड़ा होकर लट्टू जला देता है औऱ दोनों को देखता है.. खाट पर पूनम पीठ के बल लेटी थी औऱ गौतम उसके ऊपर उसकी चुत में लंड डालकर..
गौतम बिरजू से - लट्टू बंद कर मादरचोद..
बिरजू - पर भईया आपकी माँ..
गौतम गुस्से में - अबे मेरी माँ है मैं कैसे भी चोदू.. तू लाइट बंद कर..
बिरजू लाइट बंद कर देता है..
पूनम की चीख बहुत जोर की थी मगर लोन में बजते dj की आवाज में उसका पाता किसीको चलने वाला नहीं था.. केवल बिरजू औऱ गौतम ही उसकी चिंख सुन पाए थे..
गौतम - बोला था चिल्लाना मत..
पूनम सिसकती हुई - ये क्या डाल दिया तूने..
गौतम - लंड डाला है मेरा औऱ क्या डाला है..
पूनम - इतना बड़ा? मुज्जे तो दर्द होने लगा है..
गौतम चोदना शुरू करते हुए - बिरजू..
बिरजू - हाँ भईया ज़ी..
गौतम - दारु पड़ी है?
बिरजू - नहीं है भईया ज़ी मेरे पास तो..
गौतम - होटल के रूम नम्बर 26 में जा सकता है अभी.. दिन में मैं छोड़ आया था एक बोतल..
बिरजू - ज़ी भईया.. दिन से बंद ही पड़ा है.. शाम को सफाई वाले ने चाबी मुझे ही दी थी.. मैं अभी लाता हूँ..
बिरजू चला जाता है औऱ एक थैले में बोतल ले आता है.. साथ में दो गिलास भी..
गौतम पूनम को धीरे धीरे चोदते हुए - दो लर्ज़ पेग बना बिरजू..
बिरजू पेग बनाकर - लो भईया..
गौतम पेग पूनम को देकर - लो ये पिलो फिर दर्द नहीं होगा..
पूनम गौतम को देखते हुए दोनों पेग पी जाती है औऱ किसी रांड की तरह पेर फैलाकर लेट जाती है एक पेग गौतम भी पी लेता है औऱ फिर से चुदाई का सुभारम्भ कर देता है..
गौतम - अब थोड़ी दर्द हो रहा है?
पूनम - नहीं बेटा.. अब मज़ा आ रहा है..

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घप घप की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था औऱ बिरजू भी झड़ चूका था वो बस दोनों को माँ बेटा समझा कर उनकी चुदाई की कामुक भारी आवाजे सुन रहा था..
गौतम फूल स्पीड में चोद रहा था औऱ पूनम भी मज़े से अब चुदवा रही थी उसे लगा था गौतम मामूली लड़का होगा पर चुदाई के पहले झटके ने उसकी सोच बदल दी.. गौतम ने काफी देर तक सुमन को मिशनरी में छोड़ा और फिर पूनम के झड़ने पर उसे कुतिया बना लिया औऱ चोदने लगा...

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गौतम पूनम को कुतिया बनाकर कुतिया की तरह ही चोद रहा था औऱ साथ में पूनम के बदन की औऱ उसके फिगर की तारीफ़ भी करहा था जिससे पूनम चुदाई के साथ अपनी तारीफ़ सुनकर भी मस्त हो गई थी..

थोड़ी देर कुतिया बनाके चोदने के बाद गौतम ने पूनम को अपने ऊपर ले लिया औऱ नीचे से झटके मारते हुए पेलने लगा.. जिसमे अब वापस पूनम झड़ने को हो रही थी औऱ गौतम भी उसकी कगार पर था.. कुछ देर में दोनों ने एक साथ अपना पानी छोड़ दिया औऱ झड़ गए..

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पूनम की संतुष्टि सातवे आसमान पर थी उसे आज तक ऐसी चुदाई नसीब नहीं हुई थी जिसने उसके रोम रोम को प्रफुलित कर दिया था.. पूनम अपने दोनों हाथों से गौतम को अपने गले से लगाकर अपने ऊपर लेटाए हुए खाट पर पड़ी थी..
गौतम बिरजू को लाइट ऑन करने का बोलकर पूनम से - मज़ा आया माँ?
पूनम हलके नशे में - हां बेटा.. बहुत मज़ा आया..
बिरजू - भईया ज़ी आपका फ़ोन आ रहा है..
गौतम खाट से खड़ा होकर फ़ोन उठाते हुए - अबे इस वक़्त क्यों फ़ोन किया चूतिये?
आदिल - कुछ फोटो भेजी है व्हाट्सप्प पर चेक कर..
गौतम - ऐसा क्या भेज दिया गांडू? आधी रात को चैन नहीं है.. बाद में देखूंगा..
आदिल - तेरी मर्ज़ी भोस्डिके मत देख..
गौतम फ़ोन रखकर पूनम से - माँ चल अब चलते है..
पूनम भी बिरजू के सामने नाटक करते हुए - ठीक है बेटा.. ले चल अपनी माँ को..
बिरजू - भईया ज़ी मेरा भी कुछ करवा दो..
गौतम बनावटी गुस्से में - भोस्दीके माँ है मेरी..तू चोदेगा इसे?
बिरजू - नहीं भईया ज़ी मैं ऐसा नहीं बोल रहा था.
पूनम साड़ी पहनकर - क्यों बेचारे पर चिल्ला रहे हो बेटा..
गौतम - अरे मुंह मत लटका बिरजू.. सुन.. सुबह वो मुन्नी आती ना होटल में.. ले उसे ये दो सो रूपये देकर पेल लेना.. मैंने देखा है उसे कल वॉचमैन के साथ.. उसीने ये बताया..
बिरजू - सच में भईया..
गौतम पूनम को बाहों में लेकर बिरजू के सामने उसके बूब्स पकड़कर - मेरी माँ के बोबो की कसम.. बिरजू..
पूनम - बेटा.. क्या कर रहा है चल अब..

गौतम पूनम को वहां से लेकर होटल की पार्किंग में आ जाता है और गाड़ी में पूनम के साथ बैठ जाता है..
पूनम एक सिगरेट गोतम के होंठों पर लगाकर जलाती हुई - फिर कब मिलने आओगे मुझसे?
गौतम कश लेकर - पता नहीं यार.. कल वापस जा रहा हूँ अजमेर.. लेकिन तुम्हे जब भी मेरी जरुरत हो मुझे फ़ोन कर देना..
पूनम गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - पहली मुलाक़ात में ही तूने मेरे साथ सब कर लिया.. बिलकुल उस मूवी की तरह.. क्या नाम था उसका.. पहली मुलाक़ात..
गौतम - तुमने तो सिगरेट पिने से रोका था..
पूनम - बच्चा समझके रोका था मगर मुझे क्या पता था तुम तो मर्द हो..
गौतम रास्ते में एक सुनसान जगह गाडी रोकता है..
पूनम - क्या हुआ? अभी तो थोड़ा आगे औऱ है..
गौतम - बाथरूम लगा है करके आता हुआ..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स खोलकर उसका लंड हाथ में ले लेती है औऱ गौतम से कहती है - मैं हूँ ना.. मेरे मुंह में कर दो..
गौतम पूनम के हाथ से सिगरेट ले लेता है और बाहर फेंककर उसका सर अपने लंड पर झुकता हुआ उसके मुंह में मूतने लगता है

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जिसे पूनम पी जाती है फिर गौतम को अपने पुरे अनुभव से एक कामुक blowjob देने लगती है..
गौतम गाडी चला कर पूनम की के मोड़ पर गाडी रोक देता है.. आधी रात का वक़्त सुनसान सडक थी औऱ पूनम के मुंह में गौतम का लंड..
गौतम पूनम के सर पर हाथ फेरकर - आपका ठिकाना आ गया आंटी..
पूनम लोडा मुंह से निकालकर - आंटी नहीं बेटा पूनम.. दोस्तों को नाम से बुलाते है...
गौतम - अच्छा ठीक है पूनम.. अब जाओ मुझे भी जाना है.. औऱ कल याद से सोहन काका से जाकर मिल लेना..
पूनम - ठीक है पर ये खड़ा लंड लेकर कहा जाओगे? थोड़ी देर रुको मैं चूसकर झाड़ देती हूँ..
गौतम चूमकर - इतना खुश मत करो.. मैं संभाल लूंगा इसे तुम जाओ..
पूनम - इतना प्यारा दोस्त मिला है खुश तो रखना पड़ेगा ना.. बस पांच मिनट...
पूनम पूरी तन्मयता के साथ लूँ को जोर जोर से औऱ चूसने लगती है औऱ आंड भी चाटने लगती है गौतम प्यार से पूनम के बाल एक तरफ करके उसके सर पर हाथ फेरता हुआ पूनम को लोडा चूसवाता है.. औऱ कुछ देर बाद झड़ जाता है...
पूनम लंड का माल पीकर लोडा साफ कर देती है औऱ गौतम से कहती है - चल बाये बेटा...
गौतम - बाय पूनम..
पूनम मुस्कुराते हुए - अगली बार मिलोगे तो पूरी रात बितानी पड़ेगी मेरे साथ..
गौतम लंड पेंट में डालकर - पक्का पूनम..
गौतम पूनम को उसके घर छोड़कर अपने मामा के घर चल देता है और गाड़ी घर के बाहर पार्क करके घर के अंदर आ जाता है वो देखता है की उसकी नानी मामी भाभी औऱ माँ सब एक कमरे में साथ सो रहे थे जैसे एकसाथ बातें करके यही सो गए हो.. गौतम अपने कमरे में चला जाता है औऱ वो भी सो जाता है....

Shandaar update
 

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Update 32

गौतम सिटी मॉल के बाहर इधर-उधर घूम रहा था उसने सिटी मॉल के पास ही सडक पर एक चाय की टपरी के पीछे एक औरत को उदास बैठे हुए देखा तो गौतम के मन में उसके पास जाकर उसे औरत से बात करने की और उसकी उदासी का कारण जानने की इच्छा हुई..

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औरत की हालत ऐसी थी कि जैसे मानो अब वह रोने ही वाली हो.. औरत की उदास आंखों को देखकर गौतम से रहा ना गया और वह चाय की टपरी के पीछे पड़े हुए खाली डिब्बो में से एक डिब्बे पर बैठी हुई औरत के करीब आकर उसके पास वाले डिब्बे पर बैठकर उसे औरत को देखा हुआ बोला..
गौतम - क्या हुआ आंटी?
औरत उदास आँखों से गौतम को देखकर - हम्म्म...

औरत इतनी उदास और अपने आप में खोई हुई अपने ख्यालों में उलझी हुई इतनी हताश और निराशा थी कि उसे गौतम के अपने पास आकर बैठने का अंदाजा ही नहीं हुआ और ना ही उसे पता चला कि गौतम ने अभी-अभी उससे क्या कहा है. गौतम के सवाल पर वह सिर्फ हम्म्म करके ही रह गई..
औरत अपनी उदास आंखों से एक नजर को गौतम को देखकर फिर से नीचे जमीन की ओर देखने लगी.. तभी गौतम ने वापस अपने सवाल को अलग अंदाज़ में दोहराते हुए कहा..
गौतम - आंटी आप ठीक तो है..
इस बार गौतम का सवाल औरत के कान तक ठीक-ठाक पहुंच गया और औरत गौतम की तरफ देखती हुई उसी निराशा और हताशा के साथ बोली..
औरत - हम्म्म..
गौतम औरत की मनोदशा समझ रहा था और वह जानता था कि उस औरत को कुछ ना कुछ समस्या जरूर है.. मगर वह औरत उस समस्या को किसी से बयां नहीं करना चाहती गौतम ने वापस औरत की तरफ देखते हुए कहा..
गौतम - आंटी आप सच में ठीक है? मैं बहुत देर से आपको यूं ही गुमसुम उदास और अकेले बैठे हुए देख रहा हूं.. आपको कोई प्रॉब्लम है तो आप मुझसे शेयर कर सकते हो..
गौतम के मासूम चेहरे और अपनेपन से भरी हुइ इन बातों को देख सुनकर औरत ने मुस्कुराते हुए अपनी आंखों की नमी पोछते हुए अपने हाथ से गौतम के गाल को सहलाया और जवाब दिया..
औरत - मैं ठीक हूँ बेटा..
गौतम - आप सच में ठीक हो?
औरत इस बार हल्का सा मुस्कुराते हुए - हम्म्म.. मैं सच में ठीक हूँ..

गौतम और उस औरत के अलावा चाय की टपरी के पीछे पड़े हुए दिन खाली डब्बे पर कोई और बैठा हुआ नहीं था जो उन दोनों को देखा और सुन सके. गौतम ने वापस इस अपनेपन से औरत से सवाल किया..
गौतम - आप किसी का इंतज़ार कर रही हो.. कोई आने वाला है?
औरतों में गौतम के सवाल पर भावुक होकर अपनी आंखों से एक बार फिर नामी पहुंचते हुए कहा..
औरत - आने वाला था बेटा.. पर अब नहीं आएगा..
गौतम मुस्कुराते हुए - लगता है आपकी हस्बैंड से लड़ाई हुई है..
औरत गौतम को देखकर - मैं शादीशुदा नहीं हूँ बेटा..
गौतम - अच्छा तो बॉयफ्रेंड था आपका?
औरत उदासी से - हम्म्म..
गौतम - तभी मैं सोचु.. आप इस तरह क्यों उदास है.. लड़ाई हुई है ना?
औरत ना में सर हिला देती है औऱ कहती है - अब उसे मेरे साथ नहीं रहना.. कोई औऱ मिल गई होगी इसलिए मुझे छोड़ दिया..

यह कहते हुए औरत की आंखों में आंसू आ जाते हैं जिसे गौतम अपने रुमाल से पोछता हुआ औरत से कहता है..
गौतम - आंटी आप फिक्र मत करो.. जो बुरा करता है उसके साथ बुरा ही होता है.. देखना कर्मा उसे ऐसा रुलाएगा कि वह याद रखेगा..
औरत इस बार गौतम को देखकर मुस्कुराती हुई बोली - बहुत प्यारी बातें करते हो तुम.. नाम क्या है तुम्हारा?
गौतम - मेरा नाम गौतम है आंटी.. आपका..
औरत गौतम के गाल पर हाथ फेरते हुए बोली - पूनम..
गौतम - बहुत प्यारा नाम है आंटी आपका..
पूनम मुस्कुराते हुए - thanks बेटा..

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गौतम - आप मुझे उस आदमी का नम्बर दे सकती हो.. मैं सबक सीखा दूंगा उसे.. इतनी खूबसूरत औरत के साथ इतना गलत वो कैसे कर सकता है?
पूनम की उदासी गौतम की बातों से कम हो रही थी और वह बार-बार गौतम के चेहरे को देखकर अपने हाथ से गौतम के गाल को सहलाती हुई गौतम के मासूमियत भरे सवाल का जवाब दे रही थी..
पूनम - गलती मेरी थी बेटा.. खुद 45 साल की होकर एक 35 साल के आदमी से प्यार करने लगी थी. सोचा था एकदिन शादी करके साथ रहेंगे मगर मुझे क्या पता था उस आदमी का मकसद कुछ और था.. 2 साल प्यार के झूठे वादे करने के बाद जब उसका मन मुझसे भर गया तो वह मुझे छोड़ कर चला गया..

इस बार पूनम की बात सुनकर गौतम ने उसे कोई सवाल नहीं किया और चुपचाप इस तरह बैठा रहा.. पूनम की आंख एक बार फिर से नम हो गई थी जिसे गौतम ने एक बार फिर अपने रुमाल से साफ कर दिया और अपना एक हाथ पूनम के कंधे पर रख कर कन्धा सहलाता हुआ बोला..
गौतम - आंटी पता है सबसे ज्यादा दुख दर्द इंसान को कोनसी चीज देती है..
पूनम यह देखकर हैरान थी की कैसे उससे आधी उम्र का लड़का बिना उसकी इज़ाज़त उसके कंधे पर इतनी आसानी से हाथ रखकर उससे कोई सवाल पूछ रहा है.. गौतम की बातों में आत्मविश्वास था और उसकी बॉडी लैंग्वेज उसके बात में विश्वास को झलका रही थी.. पूनम थोड़ी देर चुप रहकर गौतम की तरफ देखकर बोली..
पूनम - कोनसी?
गौतम पूनम की आँखों में देखता हुआ - उम्मीद.. जो हम किसी से लगा बैठते है.. हम भूल जाते हैं कि इंसान की फितरत में छलकपट भरा हुआ है.. आपने उस इंसान से शादी की उम्मीद लगाईं.. भरोसा किया यही आपके दुखो का करण है.. मेरी सलाह मानो तो फिर कभी किसी पर भरोसा मत करना.. ना ही कोई उम्मीद किसी से लगाना..

पूनम गौतम को देखती हुई - अकेली औरत का बड़े शहर में रहना आसान नहीं है बेटा.. हम जब अकेले घर से निकलते हैं और रात को जब अकेले घर आते हैं तो रास्ते में कहीं निगाहें हमें इस तरह से देखती है जिस तरह हम किसी अलग दुनिया में रहते हैं.. सैकड़ो लोग 1000 उल्टी सीधी बातें करते हैं.. सही गलत लांछन लगते हैं.. अकेली औरत का कम कमाई में इतने बड़े शहर में अकेले जीना बहुत मुश्किल है.. उसे किसी न किसी का सहारा चाहिए ही होता है..
गौतम - कॉफ़ी पीती हो आंटी?
गौतम के इस सवाल पर पूनम हैरानी से - हम्म्म.. क्यों..
गौतम पूनम का हाथ पकड़कर - चलो मेरे साथ..

गौतम ने पूनम की इजाजत लिये बिना ही उसका हाथ पकड़ते हुए उसे खड़ा कर लिया था और अपने साथ सड़क क्रॉस करके दूसरी तरफ बने एक कॉफ़ी कैफ़े में ले आया था.. गौतम जानता था कि इस वक्त पूनम की हालत मृगतृष्णा में पड़ी हुई हिरनी की सी है. पूनम 45 साल की थी मगर एक 20 साल के लड़के के साथ इस तरह जा रही थी जैसे मेले में कोई मां-बाप अपने बच्चों को हाथ पकड़ कर ले जाता है..

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गौतम ने कैफे का दरवाजा खोलते हुए अंदर प्रवेश किया और पीछे-पीछे हाथ पकड़ कर पूनम को भी ले आया. कैफे के अंदर पुराने गांव जैसी झुग्गियां टाइप बैठने की व्यवस्था थी जो इस तरह बनाई गई थी कि वहां बैठने वालों को फुल प्राइवेसी मिले.. अक्सर यहां लव बर्ड्स आते थे..
गौतम ने एक केबिननुमा झुग्गी मैं बैठते हुए अपने पास ही पूनम को बैठा दिया.. और वेटर के आते ही उसे दो काफी का ऑर्डर दे दिया..
पूनम हैरानी औऱ सवालों भरी नज़रो से गौतम को देख रही थी की गौतम बोला..
गौतम - देखो आंटी में तुम्हारे अकेलेपन का तो कुछ नहीं कर सकता.. मगर तुम्हारे लिए इतना जरूर कर सकता हूं कि तुम्हे एक अच्छी जॉब दिलवा सकूं.. जिससे तुम्हें शहर में रहने में कोई परेशानी नहीं होगी..

पूनम ये देखकर बिल्कुल हैरान थी की कैसे उसकी आधी उम्र का लड़का उसे बच्चों की तरह समझा रहा है और अब वह आप की जगह तुम पर आ चुका है.. गौतम की इन बातों से हालांकि पूनम को कोई एतराज नहीं था ना ही उसे गौतम के मुंह से ये सब सुनने में कोई परेशानी थी. वह बस यह देखकर हैरान थी कि गौतम कितना आत्मविश्वास से भरा हुआ है और उसके मुकाबले में पूनम कितनी खोखली और डरी हुई औरत है.. उसे जीने के लिए सहारो की जरूरत पड़ रही है.. पूनम ने गौतम को देखकर कहा..
पूनम - तुम मुझे अच्छी जॉब दिलवा सकते हो..
गौतम - कोशिश कर सकता हूं.. उम्मीद तो है कि मिल जाएगी.. रुको मैं कॉल करता हूं.. अभी क्या करती हो तुम?
पूनम - मैं यही सामने मॉल में टॉय शॉप में जॉब करती हूँ.. सुबह से शाम तक यही सड़ना पड़ता है औऱ पैसे सिर्फ 14 हज़ार कुछ..

गौतम चेतन को कॉल करता है औऱ फ़ोन स्पीकर पर डालकर सामने टेबल पर रख देता है - हेलो चिटू भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - आप कल कह रहे थे ना.. नई दूकान के लिए स्टाफ की जरुरत है.
चेतन - हाँ ग़ुगु.. तू संभालेगा दूकान?
गौतम - मुझसे कहाँ काम होता है.. आप तो जानते हो मैं कितना आलसी औऱ कामचोर हूँ.. आपकी तरह सुबह से शाम तक बैठना मेरे बुते के बाहर की बात है.. मेरी एक फ्रेंड है उसे जॉब की need है..
चेतन - ठीक है ग़ुगु.. कल सोहन काका के पास भेज दे अपनी फ्रेंड को.. मैं उनको फ़ोन कर दूंगा वो 3 में से किसी ना किसी दूकान में जॉब दिलवा देंगे..
गौतम - भईया.. सेलेरी थोड़ी ठीक रखना.. जरुरत में है अभी..
चेतन - ठीक है ग़ुगु मैं बोल दूंगा सोहन काका को.. 30-35 तक दिलवा दूंगा..
गौतम - बाय भईया...
चेतन - तू कब तक घर आएगा? बुआ पूछ रही थी..
गौतम - भईया 9.15 का शो है मूवी देखने आया हूँ लेट हो जाऊँगा..
चेतन - ठीक है चल.. एन्जॉय कर..

गौतम पूनम से - खुश?
पूनम मुस्कुराते हुए - हम्म्म.. तुम बहुत अच्छे हो.. पहली मुलाक़ात कोई किसी के लिए इतना कुछ नहीं करता..
गौतम कंधे पर हाथ रखकर कन्धा सहलाते हुए - अब आप उस आदमी को भूल जाओ औऱ आगे का सोच कर जिओ..
पूनम मुस्कुराते हुए - उम्र क्या तुम्हारी..
गौतम - क्यों बॉयफ्रेंड बनाना है? आई ऍम 18 प्लस.. अगर बनाना है तो आई ऍम रेडी...
पूनम हसते हुए - कितनी प्यारी बातें करते हो..
गौतम पूनम का कन्धा पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए - प्यार भी बहुत प्यार से करता हूँ.. ट्राय करना हो बताना..
इतने में वेटर कॉफ़ी ले आता है.. औऱ टेबल पर रख देता है..
गौतम - कुछ खाना है?
पूनम शर्माती हुई - नहीं..
गौतम वेटर से - एक पिज़्ज़ा.. लार्ज़..
वेटर चला जाता है गौतम कॉफ़ी का सीप लेकर पूनम से भी पिने को कहता है..
पूनम - पिज़्ज़ा क्यों मंगवाया मुझे भूक नहीं है..
गौतम पूनम के पेट पर हाथ रखकर पेट दबाते हुए कहता है - भूक कैसे नहीं है.. पूरा खाली तो लग रहा है तुम्हारा पेट.. जैसे सुबह से कुछ खाया ही ना हो..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - तुम सच में 18 प्लस हो ना? मैं बॉयफ्रेंड बनाऊ तो..
गौतम कॉफ़ी पीते हुए - मैंने बता तो दिया.. अब क्या मेरा आधार कार्ड देखोगी तुम?
पूनम मुस्कुराकर कॉफ़ी पीते हुए - कोई जरुरत नहीं है.. मुझे यक़ीन है तुमपर..

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गौतम थोड़ा पीछे होकर तिरछी नज़र से पूनम की कमर देखता हुआ - 32.. नहीं 30..
पूनम गौतम को देखकर - 28...
गौतम आगे देखते हुए - हम्म्म क्या?
पूनम मुस्कुराते हुए - 28 है मेरी कमर का साइज.. वही देख रहे थे ना तुम?
गौतम - नहीं.. मैं क्यों तुम्हारी कमर देखने लगा..
पूनम मुस्कुराते हुए - झूठ भी बोलते हो तुम?
गौतम - मेरी गर्लफ्रेंड का फ़ोन आ रहा है शायद आ गई..
पूनम - वही जिसे मूवी देखने बुलाया है..
गौतम - हाँ यार.. (फ़ोन उठाकर) हेलो
सिम्मी - कहा है रसगुल्ले..
गौतम - सामने कैफ़े में कॉफ़ी पी रहा था बस आ रहा हूँ..( फ़ोन काटते हुए )
सिम्मी - ठीक है..
गौतम - पूनम फ़ोन दो तुम्हारा..
पूनम फ़ोन देते हुए - जा रहे हो..
गौतम - हाँ यार.. लो ये नम्बर है मेरा.. व्हाट्सप्प करना..
वेटर पिज़ा लाते हुए - सर आपका आर्डर..
गौतम - कितना हुआ..
वेटर - 480..
गौतम पैसे दे देता है औऱ वेटर चला जाता है..
पूनम - कोनसी मूवी देखने जा रहे हो?
गौतम मुस्कुराते हुए - पहली मुलाक़ात..
पूनम - मैं भी चलू?
गौतम असमंजस में - ले तो चलता आंटी पर गर्लफ्रेंड नाराज़ हो जाएगी..
पूनम - मैं अलग बैठ जाउंगी..
गौतम पिज़्ज़ा का एक स्लाइस खाते हुए - ठीक है तुम व्हाट्सप्प पर hi भेजो. मैं टिकट बुक करके टिकट व्हाट्सप्प करता हूँ तुम्हे..
पूनम - ठीक है बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए पूनम के गाल चूमकर - बेटा नहीं हूँ तुम्हारा समझी..
पूनम मुस्कुराते हुए - मैं कब कहा तुम मेरे बेटे हो? पर आधी उम्र के हो तो अपने आप मुंह से बेटा निकल जाता है..
गौतम उठते हुए - अच्छा तुम ये फिनिश करके आ जाओ.. मैं नहीं गया तो गर्लफ्रेंड यहां आ जायेगी..
पूनम हसते हुए - बहुत लकी है तुम्हारी गर्लफ्रेंड...

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गौतम - नहीं.. मैं बहुत लक्की हूँ.. चलो चलता हूँ...

गौतम इतना कहकर पूनम को वही केफे मैं छोड़कर वापस सिटी मॉल की तरफ आ जाता है जहां एंट्री पर सिमरन अपने भाई मनोज के साथ खड़ी हुई थी..

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सिमरन गौतम को देखते ही भाग कर उसके गले से लिपट जाती है और एक चुम्मा उसकी गाल पर करते हुए पूछती है..
सिम्मी - प्यारे लग रहे हो..
गौतम - कैसी हो?
सिम्मी - पिछली सुरंग में खुदाई का दर्द बाकी है उसके अलावा सब ठीक है..
गौतम - 2-3 बार औऱ खुदाई होगी तो दर्द गायब हो जाएगा.. वैसे सलवार में लुटेरी लगती थी पर साडी में तो क़ातिल लग रही हो..
सिम्मी - तुम्हारे आगे तो कुछ भी नहीं हूँ..
मनोज पीछे से - क्या खुसर फुसर चल रही है दोनों में..
गौतम - कुछ नहीं.. चलो चलते है..
सिम्मी - अभी आधा घंटा मूवी शुरू होने में..
गौतम - तो क्या करें फिर?
सिम्मी - यही बैठ जाते है बाहर.. उस चाय की टपरी पर.. मैं चाय पी लुंगी आप दोनों सुट्टा पी लेना..
मनोज - हाँ चलो यार..

पूनम केफे से निकल कर मॉल में जा रही थी गौतम औऱ पूनम की नज़र बीच बीच में मिल भी रही थी.. इस बार पूनम औऱ गौतम ने एक दूसरे को ऊपर से नीचे तक फुल चेक आउट किया.. जिसका अंदाजा दोनों को एक दूसरे की नज़रे देखकर हो चुका था..
गौतम - अरे ये चाय अच्छी नहीं बनाता.. चलो सामने केफे में चलते है तु कॉफ़ी पी लेना..
सिम्मी - ठीक है.. चलो भईया वही चलते है..
मनोज - हाँ.. सिम्मी... चलो..
गौतम वापस सिम्मी औऱ मनोज के साथ केफे में आ जाता है औऱ एक झुग्गीनुमा केबिन में सिम्मी के साथ अगल बगल बैठ जाता है औऱ सामने मनोज बैठ जाता है..
वेटर आता है..
सिम्मी - तीन कॉफ़ी..
मनोज - एक बड़ी एडवांस भी..
गौतम - इतनी देर कैसे हुई तुमने तो आठ का कहा था..
सिम्मी - यार बहाना बनाना पड़ा.. पूछो ना भईया से
मनोज - हाँ गौतम.. आज पापा घर पर ही थे..
गौतम सिमरन के गले में हाथ डालकर उसके गाल चूमता हुआ - thanks आने के लिए..
सिम्मी - बेबी सामने भईया बैठे है.. कुछ तो शर्म करो.. ये सब बाद में..
गौतम - भईया बैठे है तो मैं क्या करू यार..
मनोज - मैं मुंह घुमा लेता हूँ तुम्हे जो करना है कर लो..
वेटर कॉफ़ी लेकर आता हुआ.. सर सिगरेट.. एंड लाइटर
सिम्मी - कॉफ़ी तो बहुत सही है..
गौतम - कहा था ना..
मनोज सिगरेट जलाकर - लो गौतम..
गौतम कॉफी का सिप लेकर अपना फ़ोन देखता है जिसमे पूनम का hi आ चूका था.. गौतम ने एक टिकट बुक करके पूनम को व्हाट्सप्प पर सेंड करते हुए लिखा.. तुम्हे अकेले बैठना पड़ेगा उसके लिए सॉरी..
पूनम ये देखकर मुस्कुराते हुए लिखती है - कोई बात नहीं.. औऱ एक लव का इमोजी भी साथ में सेंड कर देती है..
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सिम्मी - कहा ध्यान है गौतम?
गौतम मनोज से सिगरेट लेकर सिगरेट सिम्मी को देते हुए - कुछ नहीं.. यार.. फ़्रेंड का मैसेज था.. रिप्लाई कर रहा था..
सिम्मी सिगरेट लेने से मना करती हुई - गोतम भईया बैठे है..
गौतम - तो? मनोज तुम्हे सिमरन के सिगरेट पिने से ऐतराज़ है?
मनोज - मुझे क्यों होने लगा.. सिम्मी की अपनी मर्ज़ी है..
गौतम - बस.. लो अब..
सिम्मी सिगरेट लेकर कश मारती हुई - भईया बता रहे थे बहुत अच्छी मूवी है..
मनोज - मैंने तो बस सुना है कल एक दोस्त बता रहा था.. उसकी बातों पर भरोसा भी नहीं किया जा सकता..
गौतम - ट्रेलर देखा है.. काफी एडल्ट सीन्स है मूवी में..
सिम्मी मुस्कुराते हुए सिगरेट का अगला कश लेकर सिगरेट गौतम को देती हुई - वो तो होंगे ही हीरोइन सनी लियॉन जो है मूवी में..
गौतम सिम्मी के गले में हाथ को थोड़ा नीचे करके उसका बोबा पकड़ते हुए - हीरोइन तो तुझे होना चाहिए मेरी..
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explanation of hope is the thing with feathers
सिम्मी अपने बूब्स पर से गौतम का हाथ हटाती हुई - गौतम तुम भी ना.. कहीं भी शुरू हो जाते हो.. बेशर्म कहीं के..
गौतम - इसमें क्या गलत है.. मनोज तुम ही बताओ.. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रोमांस करना गलत है क्या?
सिम्मी - भईया से क्या पूछ रहे हो.. उनकी कोई गर्लफ्रेंड थोड़ी है.. उनको तो लड़की से बात करना तक नहीं आता..
गौतम - इतनी सी बात मैं बनवा दूंगा.. बस थोड़ा सा तुम्हारे भईया कॉन्फिडेंस दिखा दे तो..
सिम्मी - पक्का..
गौतम - पक्का मेरी रसमलाई..
ये कहते हुए गौतम ने सिगरेट मनोज को दे दी औऱ सिमरन के होंठों को मनोज के सामने ही चूमने लगा औऱ उसके बूब्स को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा..

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summer holiday with lyrics
मनोज सिगरेट का कश लेकर - भाई यहां तो छोड़ दे मेरी बहन को.. अंदर हॉल में तो पता नहीं क्या क्या करेगा तू..
सिम्मी खुदको छुड़वाकर एक हलका सा थप्पड़ गौतम के गाल पर मारकर - रसगुल्ले तू ना बहुत बेशर्म है.. चल अब टाइम हो रहा है मूवी निकल जायेगी..
गौतम - ठीक है मेरी जान..
मनोज - भाई सच में गर्लफ्रेंड बनवाएगा मेरी?
गौतम - तेरी बहन की कसम..
सिम्मी हसते हुए - अब चलो..
मनोज बिल पे करके मॉल में आ जाता है जहा लगभग खाली पड़े सिनेमा हॉल आगे कोने में तीनो बैठ जाते है हॉल में कुछ ही लोग थे जो पीछे बैठे थे औऱ उनमे से ज्यादातर लवबर्ड्स जो अपनी अपनी gf bf के साथ कहीं ना कहीं लगे हुए थे.. कोने में मनोज बैठा उसके बगल में सिम्मी औऱ उसके बगल में गौतम.. पूनम दो सीट पीछे बैठकर गौतम को देख रही थी..

मूवी शुरू हो चुकी थी और तीनों बैठकर मूवी देखने लगे थे मूवी शुरू होने की कुछ ही देर बाद गौतम ने सिमरन के गले में हाथ डालकर उसे अपने करीब खींचते हुए उसके होठों को अपने होठों से लगाकर चुंबन की शुरुआत कर दी मनोज अपनी बहन और गौतम को चूमता देखकर वहां से उठने की कोशिश करता हुआ बोला मैं कहीं और बैठ जाता हूं. जिस पर गौतम में चुंबन तोड़कर मनोज कहा अरे बैठे रहो यार यहीं पर.. सिमरन इस पर कुछ नहीं बोला और मनोज भी गौतम की बात सुनकर वहीं बैठ गया और मूवी देखने लगा.. गौतम फिर से सिम्मी को चूमने लगा और उसके होंठों का रस पीने लगा.. सिम्मी इस हॉल के अंधेरे में गौतम को पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए चूम रही थी और उसके होठों को बराबर साथ देते हुए उसके मुंह का स्वाद ले रही थी और अपने मुंह का स्वाद उसे चखा रही थी..

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गौतम ने सिम्मी को कुछ देर चूमने के बाद उसके गले में हाथ जो डाला हुआ था उसे थोड़ा और नीचे सरका दिया और सिमरन की ब्लाउज में हाथ डालते हुए उसके बूब्स को पड़कर मसलने और दबाने लगा.. मनोज अपनी बहन के बूब्स दबाते हुए देख रहा था और अब कुछ भी करने में असमर्थ था..

गौतम ने ब्लाउज के बटन खोलके अंदर हाथ डालकर ब्रा को ऊपर सरकार दिया था जिससे सिमरन के बूब्स पूरी तरह नंगे हो चुके थे ब्लाउज के अंदर नंगे हो चुके बूब्स को गौतम चूसना चाहता था इसलिए वह सिमरन की तरफ झुकते हुए उसके पल्लू को उठाकर उसके बूब्स को अपनी तरफ कर दिया और अपने होंठ उसके बूब्स पर लगाते हुए उसके बूब्स चूसने लगा..

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मनोज के सामने उसकी बहन के बूब्स खुलकर आ चुके थे जिन्हें गौतम मजे से चुस्त हुआ सहला रहा था और मसल रहा था.. मनोज कुछ भी करने में असमर्थ था वह केवल पिक्चर देखे जा रहा था और अपने बगल में अपनी बहन और गौतम का रोमांस देखकर वह भी अब काम भावना से उत्प्रोत होने लगा था..

गौतम ने ब्रा को खोलते हुए सिमरन की ब्रा को उतार कर अपनी जेब में रख लिया था और अब सिमरन सिर्फ एक ब्लाउज में ही थी जिसे उठा उठा कर गौतम बार-बार उसके बूब्स को चुम औऱ चाटते हुए उसके निपल्स दबा दबा कर मरोड़ रहा था और सिमरन अपने भाई मनोज के बगल में बैठी हुई कामुक सिस्कारिया अपनी दबी हुई आवाज में ले रही थी जिसको सुनते हुए मनोज भी काम भावनाओं से भर रहा था.. दो सेट पीछे बैठी पूनम भी यह सब होता देख रही थी मगर उसे कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था वह इतना जरुर जानती थी कि गौतम अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रोमांस कर रहा है.. पूनम के दिल में गौतम के लिए एक अलग जगह बन चुकी थी.. जिस तरह से उसने पूनम को समझाया था और मदद की थी इसी के साथ में गौतम ने जिस तरह पूनम को अपनी हम उम्र की लड़की मान कर बातें की थी उससे पूनम गौतम के प्रति आकर्षित हो चुकी थी और वो गौतम से और बात करना चाहती थी.. गौतम में पूनम को एक नई उम्मीद दिख रही थी यह उम्मीद वैसी नहीं थी जैसी उसने अपने पिछले आशिक से लगाई थी जो उसे छोड़कर चला गया था. वो उम्मीद एक दोस्त की थी कि गौतम उसका एक अच्छा दोस्त बनाकर उसकी बातों को सुन सकता है और उससे ढेर सारी बातें कर सकता है.. पूनम एक अच्छे मित्र के रूप में गौतम को देखने लगी थी.. पूनम के मन में भरी हुई उदासी को गौतम ने कुछ ही देर में निकाल कर फेंक दिया था और अब पूनम आगे की ओर देखने लगी थी..

मनोज अपनी बहन की कामुक आवाजो को सुनते हुए वहीं बैठा हुआ अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से सहला रहा था और साइड में अपनी बहन औऱ गौतम का रोमांस देखकर मन ही मन कामुक हो रहा था..
गौतम सिमरन के बूब्स इस तरह चूस और चाट रहा था कि सिमरन के मुंह से कामुक सिसकियाँ आप निकलने लगी थी हालांकि यह सिस्कारिया और कामुक आवाज केवल उसके पास में बैठे हुए मनोज को ही सुनाई दे रही थी उसके अलावा कोई और आसपास वहां सुनने वाला था ही नहीं..

सामने चलते सनी लियोन के मूवी के चुदाई सीन और साइड में बैठी हुई अपनी बहन सिम्मी और गौतम के चूसाईं सीन देख कर मनोज सब रहा नहीं गया और वह उठकर मुठ मारने बाथरूम की तरफ चला गया..
उसके जाने के बाद गौतम ने भी सिमरन को अपनी तरफ झुका लिया और अपना लंड बाहर निकाल कर सिमरन का सर अपने लंड पर झुकते हुए सिमरन के मुंह में आपका लौड़ा घुसा कर सिमरन को सिनेमा हाल में ही अपना लंड चूसने लगा..

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सिमरन भी गौतम के अनुसार उसके ऊपर झुक गई और गौतम को खुश करने में लग गई.. सिमरन किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह गौतम के लिंग को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी और चाट रही थी औऱ अपने हाथ से उसके अंडकोष भी सहला रही थी जिससे गौतम को बहुत संतुष्टि का अनुभव हो रहा था.. गौतम प्यार से सिमरन के बाल सहलाते हुये जुल्फे सवारते हुए उसे अपना लोडा चूसने में मसरूफ था..
मनोज बाथरूम में अपना हिला कर वापस अपनी सीट पर है तो उसने देखा कि सिमरन गौतम के उपर झुकी हुई है और गौतम उसे अपना लंड चूसा रहा है ये देखकर मनोज फिर से कामुक होने लगा था.. मगर इस बार मनोज बगल में बैठकर सामने मूवी देखने लगा सिमरन लोडा चूस रही थी और मनोज अपनी बहन सिमरन को चुसता हुआ देख रहा था गौतम सिमरन लंड चूसाईं का आनंद ले रहा था..
मनोज औऱ पीछे बैठी पूनम ने जब गौतम के लंड की झलक देखी तो दोनों अचरज में पड़े हुए उसके लंड को देखते ही रह गए..

गौतम अब काम भावना से भरकर चुदाई के मूंड में चुका था गौतम ने सिमरन का हाथ पड़कर उसे सीट से उठा लिया और बाथरूम ले गया.. जहां मेल टॉयलेट में ले जाकर गौतम ने एक बाथरूम में घुसकर सिमरन के साथ दरवाजा बंद कर लिया. गौतम और सिमरन दोनों काम भावनाओं से भरे हुए थे कि उनको किसी और का कोई ख्याल नहीं था.. गौतम ने सिमरन की साडी खोल दी और सिम्मी को पलट कर उसकी गांड में अपना लिंग घुसते हुए धीरे-धीरे उसके बाल पड़कर पीछे से चोदने लगा.. सिमरन सिसकियाँ लेते हुए गौतम से गांड मरवाने लगी थी.. 25313102
गौतम ने सिमरन का ब्लाउज उतार कर साइड में रख दिया और उसकी पेंटी भी उतार कर अपनी जेब में रख ली.. सिमरन अपनी गांड में गौतम का लौड़ा लेते हुए बहुत ही मस्ती से चुदवा रही थी.. गौतम अपना पूरा लौड़ा घुसा घुसा के सिमरन की गांड मारे जा रहा था और सिमरन गांड मरवाते हुए सिसकियाँ लेकर गौतम को मुड़ मुड़कर देखते हुए कामुकता से आहे भर रही थी..

मनोज कुछ देर बाद ही सीट से उठकर बथरूम में आ गया था औऱ उसके जस्ट बगल वाले बाथरूम में घुस गया.. मनोज अपनी बहन की सिस्कारिया सुनते हुए वपद मुट्ठी मारने लगा औऱ मुट्ठी मारके वापस चला गया..

गौतम जब झड़ने वाला हुआ तो उसने सिमरन को पलट कर नीचे घुटनों पर बैठा दिया और उसके मुंह में अपना लौड़ा डालकर उसके बाल पकड़ते हुए लौड़ा चूसने लगा और थोड़ी देर में उसके मुंह में अपना सारा माल भर के झड़ गया..

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सिमरन पूरा माल पीते हुए मुस्कुराते हुए गौतम को देखने लगी..
सिमरन अपने पैरों पर खड़ी हुई और उसने गौतम को पलट कर उसकी एक टांग चौड़ी करते हुए अपना छोटा सा लौड़ा गौतम की गांड में घुसने लगी..
गौतम - सिम्मी क्या कर रही है..
सिम्मी - रसगुल्ले चुप ना.. मुझे भी मारनी तेरी..
गौतम - अबे लंड भी तो होना चाहिए इस लुल्ली से क्या करेगी तू..
सिम्मी - रसगुल्ले करने दे ना.. मेरे लिए..
गौतम - ठीक है मेरी रसमलाई...
सिमरन गौतम की एक टांग चौड़ी करके अपनी छोटी सी लल्ली उसकी गांड में घुसाती है..
गौतम - डाल दिया क्या?
सिम्मी - हाँ..
गौतम - पता ही नहीं चला..
सिम्मी चोदते हुए - कल तू चला जाएगा फिर मेरा क्या होगा रसगुल्ले..
गौतम - तू भी साथ चल ना रसमलाई.. पर मेरी गांड का पीछा छोड़..
सिम्मी - कैसे छोड़ दू रसगुल्ले.. जितना प्यारा तू है उतनी प्यारी तेरी गांड भी..
गौतम - पिछले जन्म में ना जाने कोनसा पाप किया था जो ये करना पड़ रहा है.. तू इतनी सेक्सी औऱ प्यारी नहीं होती तो बताता तुझे साली...
सिम्मी - क्या पता पिछले जन्म में तुमने बहुत गांड मारी हो मेरी.. जिसका बदला मैं इस जन्म में निकाल रही हूँ..

सिमरन के इतना कहते ही गौतम की आंखों के सामने अपने पिछले जन्म की एक याद आ गई और फ्लैशबैक में उसे एक सीन दिखाई दिया जिसमें सिमरन जंगल में नदी किनारे चट्टान के पास खिली हुई हरी हरी घास में उल्टी लेटी हुई थी और गौतम उसकी पीछे से गांड मार रहा था.. सिमरन गांड मरवाती हुई बोल रही थी..
धीरे.. आराम से.. बहुत सताने लगे हो तुम मुझे..
और सिमरन की गांड मारते हुए गौतम कह रहा था..
मुझे मत रोको.. कितने दिनों बाद मौका मिला है.. आज बिना प्रेम किये तुम्हे नहीं छोड़ने वाला..
तुम्हारा प्रेम क्या मेरी योनि औऱ गुदा में ही आकर निकलता है? अब तो तुम पहले की तरह मुझसे दो मीठी बात करना भी भूल गए हो..
गांड मारते हुए - जात का बंजारा हूँ राजकुमारी.. तुमसे पहले सिर्फ काबिले की बंजारनो या वैश्याओ से ही मिला हूँ.. मुझे क्या पता एक राजकुमारी को कैसे प्रेम करना होता है..
तुम्हे सब पता है... पहले तो सिर्फ मेरी योनि का उपयोग करते थे आगे से करते थे अपनी संतुस्टी के लिए.. अब तो हर बार मेरी गुदा को भी उपयोग करने लगे हो.. तुमसे प्रेम ना किया होता तो तुम्हरी हत्या कर दी होती मैंने.. जितना तुम मेरे साथ गुदामैथुन करते हो ना देखना अगले जन्म में मैं भी योनि के स्थान पर लिंग लेके जन्म लुंगी औऱ तुम्हारे साथ यही करुँगी..
अगले जन्म में कर लेना राजकुमारी.. इस जन्म में तो मुझे करने दो..
आराम से ना.. धीरे..

गौतम अपनी खुली आंखों से अपने पिछले जन्म का यह सीन देखकर हड़बड़ा जाता है और वह पीछे सिमरन को रोकना हुआ कहता है - धीरे..
सिमरन - इतने सी लुल्ली सी दर्द हो गया गौतम?
गौतम - नहीं..
सिमरन गौतम को वापस पलटकर - करने दे ना रसगुल्ले बस होने वाला है..
थोड़ी देर में सिमरन भी गौतम की गांड से छेड़खानी करके संतुष्ट हो जाती है औऱ दोनों वापस हॉल में अपनी सीट पर आ कर बैठ जाते है..

गौतम को बार बार अभी अपनी खुली आँखों से देखे इस दृश्य को याद करके अचरज हो रहा था..
उसे अपनी खुली आँखों में सिमरन किसी राजकुमारी के भेस में दिखी थी जिसके पास लंड नहीं चुत थी जो एक प्रॉपर लड़की थी जिसके साथ गौतम सम्भोग करते हुए पीछे से उसे चोद रहा था..

मूवी का मध्यांतर हो चुका था और सभी अब कुछ ना कुछ खाने का सामान लेने जा रहे थे मगर गौतम उसी तरह बैठा हुआ वही एक बात सोच रहा था कि कैसे सिमरन और वो उसकी खुली आंखों से देखे गए सपने में संभोग करते हुए एक दूसरे को अलग नाम से बुला रहे थे और दोनों पूर्ण रूप से सम्भोग कर रहे थे..

सिम्मी - क्या खाना है रसगुल्ले?
सिम्मी ने गौतम का ध्यान तोड़ते हुए कहा तो गौतम ने कहा- कुछ नहीं.. भूख नहीं है..
मनोज - कुछ तो खा ले भाई. इतनी मेहनत की है तूने..
गौतम - अभी कुछ खाने की इच्छा नहीं है..
सिम्मी मनोज के साथ जाती हुई - चलो भईया.. मुझे तो पॉपकोन खाने है.. वो लेकर आते है..
मनोज - ठीक है सिम्मी.. चल..

मनोज और सिमरन सिनेमा हॉल से बाहर पॉपकोन लेने चले जाते हैं और पूनम मौका देखकर गौतम के बगल वाली सीट पर आकर बैठ जाती है..
पूनम - गर्लफ्रेंड बहुत खूबसूरत है तुम्हारी..
गौतम पूनम की तरफ देखकर - thanks आंटी..
पूनम - पीछे से देखा मैंने.. बहुत तंग कर रहे थे तुम बेचारी को.. बाथरूम में भी बहुत सताया तुमने उसे..
गौतम - तुम हमारे पीछे बाथरूम तक आई थी? यार आंटी क्या है ये..
पूनम अपना एक कान पकड़कर मुस्कुराते हुए - सॉरी.. पर वो साथ वाला लड़का भी गया था..
गौतम - अच्छा.. मूवी कैसी है?
पूनम - पूरी मूवी में सनी लियॉन के अलावा कुछ औऱ हो तब तो बताऊ..
गौतम - बोर हो गई ना..
पूनम - हाँ अकेली तो बोर ही होंगी...
गौतम - मैं भी बोर हो गया.. मैंने अब जाने वाला हूँ यहां से..
पूनम - बिना बताये मत चले जाना.. इशारा करना.. कुछ औऱ बात करनी है तुमसे..
गौतम - ठीक है..
पूनम - मैंने पीछे जाती हूँ.. तुम्हारी गर्लफ्रेंड आने वाली होगी..
इतना कहकर पूनम पीछे वापस अपनी सीट पर जाकर बैठ जाती है और कुछ देर बाद मनोज और सिमरन वापस गौतम के पास आकर बैठ जाते हैं और पॉपकॉर्न खाते हुए बातें करने लगते हैं जिसमें मूवी से जुड़ी हुई बातों के अलावा के बहुत सी बातें हो रही थी गौतम ने अपनी बात करते हुए मूवी के बोरिंग होने का हवाला देते हुए यहां से चलने की बात कही जिस पर मनोज और सिमरन एक मत से हामी भरते हुए बोले..
सही कहा.. चलते है..

आगे आगे मनोज और सिमरन जाने लगे तो पीछे से गौतम ने पूनम को जाने का इशारा कर दिया.. तीनों मॉल के गेट के बाहर आ चुके थे और पार्किंग में जाते हुए दूसरे से बात कर रहे थे..
गौतम और सिमरन का हाथ एकदूसरे के हाथ में था और दोनों अब आखरी बार एक दूसरे से गले मिलते हुए एक दूसरे को चूम रहे थे मनोज उनके चुम्मी के खत्म होने का इंतजार कर रहा था..
पूनम पीछे छूपके खड़ी हुई यह सब देख रही थी..
मनोज पार्किंग से अपनी बाइक ले आया था और अब वह गौतम और सिमरन से कहने लगा था..
मनोज - आज ही करनी है क्या सारी चुम्मी तुम दोनों को.. सिम्मी अब चल यार..
सिम्मी चुम्बन तोड़ते हुए - बाय रसगुल्ले.. जल्दी मिलने आना वरना मैंने आ जाउंगी..
गौतम अपनी जेब से सिम्मी की ब्रा पेंटी निकालकर सिम्मी को देते हुए - रास्ते में सुनसान जगह पहन लेना.. औऱ अपना ख्याल रखना..
सिम्मी मनोज के पीछे बाइक पर बैठ जाती है औऱ बाय करते हुए वहा से मनोज के साथ चली जाती है..
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गौतम जैसे ही पार्किंग की तरफ बढ़ता है उसके सामने पूनम आकर खड़ी हो जाती है..
गौतम - घर छोड़ दू आंटी?
पूनम - हाँ बेटा..
गौतम पार्किंग से कार निकालकर - आओ आंटी अंदर बैठ जाओ..
पूनम - तुम्हारी कार है?
गौतम - नहीं.. किसी औऱ की है मैंने तो बस चला रहा हूँ.. अच्छा किस तरफ है आपका घर..
पूनम - घर कहा है बेटा.. किराए का कमरा है..
गौतम - पर शहर के किस हिस्से में है आंटी आपका वो कमरा.. जगह तो बताओ..
पूनम उसी वेडिंग हॉटल के आसपास की जगह का नाम बताती है जहा कल ऋतू की शादी हुई थी..
गौतम गाडी चलाते हुए - मुझे भूख लगने लगी लगी है आंटी.. चलो पहले कहीं खाना खाते है फिर मैं आपको छोड़ दूंगा..
पूनम - बेटा यहां आसपास कोई अच्छा रेस्टोरेंट नहीं है.. तुम मेरे साथ चलो मैं अपने हाथ से बनाके खिला दूंगी..
गौतम उसी होटल की जगमग देखकर - रेस्टोरेंट की क्या जरुरत है आंटी..

ये कहते हुए गौतम गाडी वेडिंग होटल की पार्किंग में लगा देता है.. जहा चकाचोध देखकर लग रहा था कि आज भी यहां किसी की शादी है..
पूनम - बेटा.. बिन बुलाये नहीं जाना चाहिए कोई रोक लेगा..
गौतम - डरो मत आंटी.. मैं हूँ ना आपके साथ.. चलो उतरो.. आ जाओ..
गौतम पूनम को लेकर वेडिंग होटल के अंदर ले आता है औऱ होटल से गुजरते हुए पीछे वेडिंग लोन में चल रहे फंक्शन में आ जाता है.. रात के लगभग 10.45 का समय हो रहा था औऱ फंक्शन में अब कम भीड़ थी.. गौतम बिना किसी शर्म औऱ झिझक के खाना लेकर टेबल पर पूनम के साथ बैठ गया औऱ खाने लगा जहाँ गोतम को देखकर बिरजू उसके पास आ गया..

बिरजू - भईया ज़ी.. नमस्ते... कल रात आप आये नहीं.. मैं पूरी रात जाग रहा था..
गौतम बिरजू से - कल नींद आ गई थी बिरजू.. तू चिंता मत कर अभी तेरी जरुरत पड़ेगी..
बिरजू पूनम की तरफ देखकर - भईया आपकी माँ है..
गौतम मुस्कुराते हुए पूनम की तरफ देखकर - हाँ बिरजू ये मेरी माँ है..
पूनम गौतम की तरफ देखकर उसके झूठ में शरीक हो गई औऱ बोली - हाँ मैं इसकी माँ हूँ.
बिरजू झुक कर प्रणाम करते हुए - नमस्ते आंटी ज़ी..
पूनम एक झलक गौतम को देखने के बाद बिरजू से - नमस्ते..
बिरजू चला जाता है..
पूनम - कौन था ये?
गौतम खाना खाते हुए - यहां की निगहेबानी करता है आंटी.. तुम्हे देखकर उसे लगा होगा की तुम मेरी माँ हो.. मैंने भी उसके भरम नहीं तोड़ा..
पूनम खाना खाते हुए - कल क्यों जाग रहा था वो.. औऱ तुम क्यों जाने वाले थे उसके पास..
गौतम - पीछे हलवाईखाने के बगल में थोड़ा दूर इसका रूम है जहा ये रहता है.. मैंने इसे कहा था रात को गर्लफ्रेंड के साथ आ सकता हूँ तेरा रूम खुला रखना.. इसिलए..
पूनम खाना खाते हुए - कल भी तुम बिन बुलाये खाना खाने आये थे यहां? डर नहीं लगता तुम्हे?
गौतम पूनम को खाने की एक कोर खिलाते हुए - कल मेरी बहन की शादी थी यहां.. अब समझी? मैंने कोई भूखा नंगा थोड़ी हूँ.. जो जहाँ कहीं बिन बुलाये आता जाता रहूँगा.. आसपास कोई रेस्टोरेंट नहीं था यहां आना पड़ा.. औऱ कुछ नहीं..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर उसके हाथ का निवाला खाते हुए - मैंने कब वैसा कहा..

कुछ देर बाद दोनों खाना खा कर उठ गए औऱ पूनम ने गौतम से कहा.. अब चले यहां से?
गौतम - एक सेकंड आंटी.. बिरजू से मिलके आता हूँ.. बेचारा रात भर जाग रहा था कुछ तो मिलना चाहिए उसे..
पूनम गौतम का हाथ पकड़ कर - मैं भी चलती हूँ बेटा.. बिन बुलाये यहां इतनी बड़ी शादी में मुझसे अकेले नहीं रहा जाएगा..

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गौतम पूनम के साथ बिरजू के कमरे की तरफ आ जाता है जहा बाहर अंधेरा था औऱ अंदर कमरे में वही धीमी रौशनी का लट्टू जल रहा था.. बिरजू आसपास नहीं था..
गौतम पुनम के साथ उस छोटे से कमरे में आ जाता है औऱ दरवाजा अंदर से बंद करने लगता है बगैर कुंदी लगाए...
पूनम - यहां कोई नहीं है बेटा.. अरे तुम दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?
गौतम मुड़कर पूनम को देखता हुआ - क्यों आंटी आपको डर लग रहा है? कहीं मैं आपके साथ कुछ गलत काम ना कर दूँ..
पूनम हसती हुई - मुझे क्यों डर लगेगा? वो भी तुम्हारे जैसे इतने खूबसूरत और प्यारे लड़के से.. डरना तो तुम्हे मुझसे चाहिए.. कहीं मैंने तुम्हारा फ़ायदा उठा लिया तो...
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गौतम पूनम के करीब आता हुआ उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर पूनम को अपनी तरफ खींचते हुए - अच्छा? तुम ऐसा क्या कर सकती ही आंटी.. जो मुझे तुमसे डर लगना चाहिए..
पूनम को देखकर हैरानी से - बेटा.. क्या कर रहे हो तुम.. छोडो मुझे.. तुमसे इतनी बड़ी हूँ मैं.. तुम्हारी माँ जैसी..
गौतम - आंटी मैं जानता हूँ आप अंदर से बहुत अकेली हो.. आपको एक दोस्त की जरुरत है.. मैं आपका दोस्त बनने के लिए तैयार हूँ.. आपकी ख़ुशी के लिए मैं सब कुछ कर सकता हूँ..
पूनम - बेटा तुम मुझे गलत समझ रहे हो.. तुमने इतने प्यार से बात की, मेरी इतनी मदद भी की उसके लिए मैं तुम्हारी अहसानमंद हूँ.. मगर अपनी ख़ुशी के लिए तुम्हारे जैसे इतने प्यारे बच्चे का फ़ायदा नहीं उठा सकती.

गौतम की नज़र खाट के किनारे पड़े हुए सिगरेट के पैकेट औऱ लाइटर पर पड़ी जो कल उसने यही छोड़ दिया था.. उसने पूनम को बाहों की क़ैद से आजाद कर दिया.. औऱ एक सिगरेट निकालकर सुलगाकर कश लेते हुए बोला - औऱ अगर ये बच्चा तुम्हारा फ़ायदा उठाना चाहे तो आंटी? तुम तब भी मुझे मना करोगी?
पूनम खाट पर बैठती हुई - बेटा तुम्हारे साथ मुझसे ये सब नहीं होगा.. तुम बहुत छोटे हो.. कहाँ मैंने 45 साल की औऱ कहा तुम 18-19 साल के..
गौतम खाट पर पूनम के बदल में बैठकर सिगरेट के कश लेता हुआ - 20 साल.. आंटी पुरे बीस साल का हूँ.. (कमर में हाथ डालता हुआ) आंटीलवर सुना है तुमने.. मैं वही हूँ.. आपके जैसी खूबसूरत आंटीया मुझे बहुत पसंद है.. मैं एक बात सच बताऊ तुम्हे आंटी?
पुनम अपनी कमर से गौतम का हाथ नहीं हटाती औऱ गौतम को देखकर कहती क्या - क्या?
गौतम सिगरेट का कश लेकर - मैं तुम्हे उदास देखकर तुम्हारे पास नहीं आया था आंटी.. तुम्हारा फिगर औऱ उम्र देखकर तुम्हारी तरफ खींचा चला आया था.. सोचा था तुम्हारा फ़ायदा उठा लूंगा.. मगर तुम्हारा दिल टुटा हुआ था इसलिए मैंने कोशिश नहीं की.. मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ आंटी.. मेरी दोस्त बनोगी?

पूनम गौतम की बात सुनकर उसे ही देखे जा रही थी..
इस बार जैसे ही गौतम ने सिगरेट अपने होंठो से लगाई पूनम ने अपनी उंगलि से गौतम के होंठों से सिगरेट लेकर फर्श पर फेंककर अपने पैरों की चप्पल से बुझा दी औऱ गौतम को देखकर कहा - सिगरेट पीना अच्छा नहीं होता बेटा..
गौतम ने अपनी कलाई का धागा लाल होते देखा तो वो समझा गया की पूनम उसके साथ सोने के लिए तैयार हो चुकी है..
गौतम पूनम को बाहों में भरता हुआ खड़ा हो गया औऱ उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमने लगा.. इस बार पूनम ने उसे कुछ भी करने से नहीं रोका उलटे दोनों हाथों से गौतम की कमर को पकड़कर चुम्बन में बराबर उसका साथ देने लगी..

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कमरे के बीचो-बीच खड़े होकर गौतम और पूनम एक दूसरे को चुम ही रहे थे कि बिरजू गेट खोलकर अंदर घुस गया.. बिरजू ने जब गौतम और पूनम को एक दूसरे को चूमता देखा तो वह हैरानी से भर गया कि कैसे एक माँ बेटा आपस में चुम सकते है.. बिरजू के आने से गौतम और पूनम का चुंबन भी टूट गया..
गौतम बिरजू को देखकर अपनी जेब से 500 का नोट निकालकर देता हुआ - अरे बिरजू.. ले..
बिरजू पैसे लेकर - कुछ लाना है भईया ज़ी..
गौतम - नहीं यार.. कल तू मेरी वजह से पूरी रात जागता रहा है..
बिरजू - धन्यवाद भईया ज़ी..
गौतम पूनम को बाहों में भरता हुआ - अच्छा बिरजू.. अभी कुछ देर मैं यही तेरे कमरे में इस खाट पर अपनी माँ के साथ सोऊंगा.. तू नीचे बिछा के सो जा.. औऱ दरवाजा बंद कर दे..
बिरजू - पर भईया ज़ी.. आपकी माँ..
गौतम - बिरजू मैं अपनी माँ से सच्चा प्यार करता हूँ.. औऱ मेरी माँ भी मुझसे.. क्यों माँ..
पूनम झिझकती हुई धीरे से गौतम से - बेटा.. इसके सामने..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार पूनम को खाट पर लेटाता हुआ - अरे बिरजू की चिंता मत करो माँ.. ये मेरा पक्का दोस्त है किसी को कुछ नहीं कहेगा.. क्यों बिरजू..
बिरजू फर्श पर चटाइ बिछाकर लेटता हुआ - ज़ी भईया..
गौतम पूनम को चूमता हुआ उसके बूब्स पर हाथ फेरकर मसलने लगता है औऱ धीरे धीरे साडी का पल्लू हटाकर ब्लाउज खोलने लगता है.. साडी औऱ ब्लाउज उतारकर एक तरफ करने के बाद गौतम जैसे ही पूनम के पटीकोट के नाड़े पर हाथ लगाता है पूनम गौतम का हाथ पकड़ कर बोलती है..
पूनम - खोलो मत बेटा वैसे ही कर लो..
गौतम - चुदाई तो नंगे होकर ही की जाती है माँ... अब छोडो मेरा हाथ.. पूनम हाथ छोड़ देती है औऱ गौतम पुनम का पेटीकोट भी निकाल देता है.. अब पूनम सिर्फ पैंटी औऱ ब्रा में थी.. गौतम भी अपनी जीन्स खोल चूका था औऱ वो भी चड्डी में था..
बिरजू दोनों से पीठ करके सब सुन रहा था औऱ लेटा हुआ लंड को पज़ामे के ऊपर से हिला रहा था..

गौतम पूनम से - कंडोम पहनु?
पूनम गौतम को चूमकर - नहीं.. मेरे पास गोली है.. बेटा बस थोड़ी शर्म आ रही है..
गौतम बिरजू से - बिरजू मेरी माँ को शर्म आ रही है.. ये लट्टू बंद कर दे.. अंधरा होगा तो शर्म चली जायेगी औऱ खुलके कुछ कर पाएगी....
बिरजू लट्टू बंद करके वापस लेट जाता है औऱ गौतम अपनी चड्डी नीचे सरका कर पूनम की पेंटी नीचे कर देता है औऱ चुत को टटोल कर लंड सेट करता हुआ पुनम से कहता है - मैं अंदर डाल रहा हूँ.. चिल्लाना मत..
पूनम मुस्कुराते हुए - मैं क्यों चिल्लाने लगी बेटा..
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गौतम एक जोरदार धमाकेदार धक्का देखकर
एक बार में अपना सारा का सारा लंड पूनम की चुत में घुसा देता है जिससे पूनम एक दम से पूरी आवाज के साथ चीख पडती है..
बिरजू चिंख सुनकर डरता हुआ खड़ा होकर लट्टू जला देता है औऱ दोनों को देखता है.. खाट पर पूनम पीठ के बल लेटी थी औऱ गौतम उसके ऊपर उसकी चुत में लंड डालकर..
गौतम बिरजू से - लट्टू बंद कर मादरचोद..
बिरजू - पर भईया आपकी माँ..
गौतम गुस्से में - अबे मेरी माँ है मैं कैसे भी चोदू.. तू लाइट बंद कर..
बिरजू लाइट बंद कर देता है..
पूनम की चीख बहुत जोर की थी मगर लोन में बजते dj की आवाज में उसका पाता किसीको चलने वाला नहीं था.. केवल बिरजू औऱ गौतम ही उसकी चिंख सुन पाए थे..
गौतम - बोला था चिल्लाना मत..
पूनम सिसकती हुई - ये क्या डाल दिया तूने..
गौतम - लंड डाला है मेरा औऱ क्या डाला है..
पूनम - इतना बड़ा? मुज्जे तो दर्द होने लगा है..
गौतम चोदना शुरू करते हुए - बिरजू..
बिरजू - हाँ भईया ज़ी..
गौतम - दारु पड़ी है?
बिरजू - नहीं है भईया ज़ी मेरे पास तो..
गौतम - होटल के रूम नम्बर 26 में जा सकता है अभी.. दिन में मैं छोड़ आया था एक बोतल..
बिरजू - ज़ी भईया.. दिन से बंद ही पड़ा है.. शाम को सफाई वाले ने चाबी मुझे ही दी थी.. मैं अभी लाता हूँ..
बिरजू चला जाता है औऱ एक थैले में बोतल ले आता है.. साथ में दो गिलास भी..
गौतम पूनम को धीरे धीरे चोदते हुए - दो लर्ज़ पेग बना बिरजू..
बिरजू पेग बनाकर - लो भईया..
गौतम पेग पूनम को देकर - लो ये पिलो फिर दर्द नहीं होगा..
पूनम गौतम को देखते हुए दोनों पेग पी जाती है औऱ किसी रांड की तरह पेर फैलाकर लेट जाती है एक पेग गौतम भी पी लेता है औऱ फिर से चुदाई का सुभारम्भ कर देता है..
गौतम - अब थोड़ी दर्द हो रहा है?
पूनम - नहीं बेटा.. अब मज़ा आ रहा है..

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घप घप की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था औऱ बिरजू भी झड़ चूका था वो बस दोनों को माँ बेटा समझा कर उनकी चुदाई की कामुक भारी आवाजे सुन रहा था..
गौतम फूल स्पीड में चोद रहा था औऱ पूनम भी मज़े से अब चुदवा रही थी उसे लगा था गौतम मामूली लड़का होगा पर चुदाई के पहले झटके ने उसकी सोच बदल दी.. गौतम ने काफी देर तक सुमन को मिशनरी में छोड़ा और फिर पूनम के झड़ने पर उसे कुतिया बना लिया औऱ चोदने लगा...

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गौतम पूनम को कुतिया बनाकर कुतिया की तरह ही चोद रहा था औऱ साथ में पूनम के बदन की औऱ उसके फिगर की तारीफ़ भी करहा था जिससे पूनम चुदाई के साथ अपनी तारीफ़ सुनकर भी मस्त हो गई थी..

थोड़ी देर कुतिया बनाके चोदने के बाद गौतम ने पूनम को अपने ऊपर ले लिया औऱ नीचे से झटके मारते हुए पेलने लगा.. जिसमे अब वापस पूनम झड़ने को हो रही थी औऱ गौतम भी उसकी कगार पर था.. कुछ देर में दोनों ने एक साथ अपना पानी छोड़ दिया औऱ झड़ गए..

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पूनम की संतुष्टि सातवे आसमान पर थी उसे आज तक ऐसी चुदाई नसीब नहीं हुई थी जिसने उसके रोम रोम को प्रफुलित कर दिया था.. पूनम अपने दोनों हाथों से गौतम को अपने गले से लगाकर अपने ऊपर लेटाए हुए खाट पर पड़ी थी..
गौतम बिरजू को लाइट ऑन करने का बोलकर पूनम से - मज़ा आया माँ?
पूनम हलके नशे में - हां बेटा.. बहुत मज़ा आया..
बिरजू - भईया ज़ी आपका फ़ोन आ रहा है..
गौतम खाट से खड़ा होकर फ़ोन उठाते हुए - अबे इस वक़्त क्यों फ़ोन किया चूतिये?
आदिल - कुछ फोटो भेजी है व्हाट्सप्प पर चेक कर..
गौतम - ऐसा क्या भेज दिया गांडू? आधी रात को चैन नहीं है.. बाद में देखूंगा..
आदिल - तेरी मर्ज़ी भोस्डिके मत देख..
गौतम फ़ोन रखकर पूनम से - माँ चल अब चलते है..
पूनम भी बिरजू के सामने नाटक करते हुए - ठीक है बेटा.. ले चल अपनी माँ को..
बिरजू - भईया ज़ी मेरा भी कुछ करवा दो..
गौतम बनावटी गुस्से में - भोस्दीके माँ है मेरी..तू चोदेगा इसे?
बिरजू - नहीं भईया ज़ी मैं ऐसा नहीं बोल रहा था.
पूनम साड़ी पहनकर - क्यों बेचारे पर चिल्ला रहे हो बेटा..
गौतम - अरे मुंह मत लटका बिरजू.. सुन.. सुबह वो मुन्नी आती ना होटल में.. ले उसे ये दो सो रूपये देकर पेल लेना.. मैंने देखा है उसे कल वॉचमैन के साथ.. उसीने ये बताया..
बिरजू - सच में भईया..
गौतम पूनम को बाहों में लेकर बिरजू के सामने उसके बूब्स पकड़कर - मेरी माँ के बोबो की कसम.. बिरजू..
पूनम - बेटा.. क्या कर रहा है चल अब..

गौतम पूनम को वहां से लेकर होटल की पार्किंग में आ जाता है और गाड़ी में पूनम के साथ बैठ जाता है..
पूनम एक सिगरेट गोतम के होंठों पर लगाकर जलाती हुई - फिर कब मिलने आओगे मुझसे?
गौतम कश लेकर - पता नहीं यार.. कल वापस जा रहा हूँ अजमेर.. लेकिन तुम्हे जब भी मेरी जरुरत हो मुझे फ़ोन कर देना..
पूनम गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - पहली मुलाक़ात में ही तूने मेरे साथ सब कर लिया.. बिलकुल उस मूवी की तरह.. क्या नाम था उसका.. पहली मुलाक़ात..
गौतम - तुमने तो सिगरेट पिने से रोका था..
पूनम - बच्चा समझके रोका था मगर मुझे क्या पता था तुम तो मर्द हो..
गौतम रास्ते में एक सुनसान जगह गाडी रोकता है..
पूनम - क्या हुआ? अभी तो थोड़ा आगे औऱ है..
गौतम - बाथरूम लगा है करके आता हुआ..
पूनम मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स खोलकर उसका लंड हाथ में ले लेती है औऱ गौतम से कहती है - मैं हूँ ना.. मेरे मुंह में कर दो..
गौतम पूनम के हाथ से सिगरेट ले लेता है और बाहर फेंककर उसका सर अपने लंड पर झुकता हुआ उसके मुंह में मूतने लगता है

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जिसे पूनम पी जाती है फिर गौतम को अपने पुरे अनुभव से एक कामुक blowjob देने लगती है..
गौतम गाडी चला कर पूनम की के मोड़ पर गाडी रोक देता है.. आधी रात का वक़्त सुनसान सडक थी औऱ पूनम के मुंह में गौतम का लंड..
गौतम पूनम के सर पर हाथ फेरकर - आपका ठिकाना आ गया आंटी..
पूनम लोडा मुंह से निकालकर - आंटी नहीं बेटा पूनम.. दोस्तों को नाम से बुलाते है...
गौतम - अच्छा ठीक है पूनम.. अब जाओ मुझे भी जाना है.. औऱ कल याद से सोहन काका से जाकर मिल लेना..
पूनम - ठीक है पर ये खड़ा लंड लेकर कहा जाओगे? थोड़ी देर रुको मैं चूसकर झाड़ देती हूँ..
गौतम चूमकर - इतना खुश मत करो.. मैं संभाल लूंगा इसे तुम जाओ..
पूनम - इतना प्यारा दोस्त मिला है खुश तो रखना पड़ेगा ना.. बस पांच मिनट...
पूनम पूरी तन्मयता के साथ लूँ को जोर जोर से औऱ चूसने लगती है औऱ आंड भी चाटने लगती है गौतम प्यार से पूनम के बाल एक तरफ करके उसके सर पर हाथ फेरता हुआ पूनम को लोडा चूसवाता है.. औऱ कुछ देर बाद झड़ जाता है...
पूनम लंड का माल पीकर लोडा साफ कर देती है औऱ गौतम से कहती है - चल बाये बेटा...
गौतम - बाय पूनम..
पूनम मुस्कुराते हुए - अगली बार मिलोगे तो पूरी रात बितानी पड़ेगी मेरे साथ..
गौतम लंड पेंट में डालकर - पक्का पूनम..
गौतम पूनम को उसके घर छोड़कर अपने मामा के घर चल देता है और गाड़ी घर के बाहर पार्क करके घर के अंदर आ जाता है वो देखता है की उसकी नानी मामी भाभी औऱ माँ सब एक कमरे में साथ सो रहे थे जैसे एकसाथ बातें करके यही सो गए हो.. गौतम अपने कमरे में चला जाता है औऱ वो भी सो जाता है....

वाह उस्ताद वाह क्या गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर खतरनाक अपडेट है भाई मजा आ गया
अपने गौतम बाबा के चुदने वालों के लिस्ट में एक नाम और जुड गया पुनम क्या जबरदस्त चुदाई हुई दोनों के बीच मजा आ गया
खैर देखते हैं आगे आदिल ने कौनसी फोटो भेजी गौतम को
 
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