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Hmmm thik hai thanksBadhiya update Bhai
But update toda chota laga
ThanksVery interesting update
Thanksbhai kamukta ke bich jo mamta ko jagaya hai....maza aagya
ThanksMAST UPDATE BHAI
Update 5शहर में बनी झील के किनारे फुटपाथ पर चलते लोग औऱ सडक के किनारे खड़े वाहनों को देखती रूपा एक ऑटोरिक्शा में बैठी हुई सिगरेट के कश लेटे हुए गौतम का इंतजार कर रही थी.. तय समय से दो घंटा ऊपर हो चूका था मगर गौतम अभी तक रूपा से मिलने नहीं पंहुचा था.. रूपा की हालात में अब उदासी औऱ बेचैनी बढ़ रही थी की आगे बैठे करीम ने कहा..
करीम - बाजी.. मुझे लगता है वो लड़का नहीं आएगा.. ये सब स्कूल कॉलेज वाले लड़के है कहते कुछ है करते कुछ.. इनपर भरोसा करना मुश्किल है.. बारह बज चुके अब तो भूक भी लगने लगी है..
रूपा का ध्यान करीम की बातों से भंग हो गया औऱ वो सिगरेट का अगला कश लगाकर रिक्शा में आगे ड्राइविंग सीट पर बैठे 28 साल के पतले दुबले कम हाइट के सामान्य से भी कम दिखने वाले करीम से बोली..
रूपा - 10-15 मिनट औऱ इंतजार कर लू करीम फिर वापस चलते है..
करीम - जैसा आप कहो बाजी पर मेरी मानो उस लड़के का ख्याल छोड़ दो..
करीम की बात सुनकर रूपा का दिल दुखने लगा था मगर उसने अपने जज्बात जाहिर करना सही नहीं समझा.. उसे करीम की बातों पर धीरे धीरे यक़ीन हो रहा था मगर वो चाहती थी उसका ये यक़ीन गलत साबित हो.. रूपा ने पिछले दो घंटे में 20 से ज्यादा बार गौतम को फ़ोन किया था मगर गौतम ने एक बार भी उसके फ़ोन का रिप्लाई नहीं किया..
रूपा के दिल में अलग अलग ख्याल आ रहे थे की शायद कुछ बुरा ना हुआ हो शायद कोई काम आ गया हो शायद गौतम को याद ना रहा हो मगर फिर करीम की बात याद आती तो वो सब ख्याल भूल जाती औऱ सोचती की क्या उसके साथ उस लड़के ने ये सही किया?एक रात मिलकर गौतम ने रूपा के दिल में उसके लिए माँ की ममता औऱ प्रियतम का लगाव दोनों जगा दिए थे मगर अब रूपा को उसका दुख औऱ मलाल हो रहा था. उसे लग रहा था की उसने एक मक्कार लड़के पर भरोसा किया.. आखिर वो उस 40 साल की औरत से वापस क्यू मिलने आएगा?इधर गौतम को सुबह जो स्वर्ग की सेर उसकी माँ सुमन ने करवाई थी उसके चलते औऱ रास्ते में जो उसकी बाइक खराब हो गई थी उसके करण उसे इतनी देरी हो गई थी. फ़ोन तो रात को गौतम ने अपनी माँ की रील्स पर मुठ मारते हुए साइलेंट कर लिया था जो अब तक साइलेंट ही था..गौतम जब अपनी बाइक बनवाने के लिए दूकान पर छोड़कर झील पर पंहुचा तो उसने सामने ही रूपा को रिक्शा में बैठा दिख लिया औऱ फिर धीरे से नज़र बचाकर सामने एक हलवाई की दूकान से एक गरमा गर्म समोसा लेकर चुपचाप छुपते हुए अचानक रिक्शा के अंदर आ बैठा औऱ रूपा से बोला..
गौतम - माफ़ कर दो जरा सी देरी हो गई.. वो बाइक बिगड़ गई थी.. ई ऍम सॉरी.. देखो में क्या लाया हूँ तुम्हारे लिए? यहां का समोसा बहुत फेमस है.. तुम खाओगी तो उंगलियां चाटती रह जाओगी..
करीम तो गौतम के आने पर खामोश होकर चुपचाप आगे देखने लगा औऱ रूपा जो मानो गौतम के ना आने पर अपनी आँख से आंसू छलकाने वाली थी गौतम को देखकर उसकी जान में जान आ गई उसने फिर से अपने जज्बातो पर संयम रखा औऱ अपनी फीलिंग जाहिर नहीं होने दी..रूपा ने गौतम की बात का कोई जवाब नहीं दिया औऱ रिक्शा में आगे ड्राइवर औऱ पीछे पेसेंजर की सीट के बीच लटका पर्दा खींचकर लगा दिया, इसके साथ ही अपनी उंगलियों में सुलगती सिगरेट को फेंक कर गौतम को अपनी औऱ खींच लिया औऱ समोसे की जगह उसके होंठों को चूमचुम कर खाने लगी.. गौतम भी रूपा को अपने होंठों का रस पिलाकर रूपा के होंठो की मदिरा पिने लगा. 5-7 मिनट के इस चुम्बन ने रूपा के सारे गीले सिकवे औऱ गौतम से नाराज़गी ख़त्म कर दी औऱ फिर से उसकी आँखों में गौतम के लिए वही ममता औऱ प्यार उतर आया जो वो उस रात से महसूस कर रही थी..करीम - बाजी कहीं चलना है या यही खड़े रहने दू रिक्शा को?
करीम की बात सुनकर चुम्बन दोनों का टूट गया औऱ गौतम रूपा को देखते हुए बोला..
गौतम - कनकपुरा के आगे जंगल की तरफ ले चल..
करीम - ठीक है.. कहते हुए रिक्शा स्टार्ट कर चलाने लगा..
रूपा - फ़ोन क्यू नहीं उठाया तुमने?
गौतम फ़ोन निकाल कर - साइलेंट पर है शायद.. अरे इतने फ़ोन कर दिए तुमने? यार रूपा सॉरी...
गौतम के मुंह से अपना नाम सुनकर रूपा को एक अजीब अहसास हुआ उसे फिर से अपनी बाली उम्र की याद आने लगी.. बहुत सालों के बाद किसीने उसे उसके नाम से बुलाया था वरना वो तो अब रूपा मौसी या बाजी.. सुनने की ही आदि थी..
रूपा ने गौतम से आगे उसके लेट होने की वजह के बारे में नहीं पूछा औऱ उसके हाथ से समोसा लेकर खाने लगी.. औऱ गौतम रूपा के बेहद नज़दीक आकर उसके कंधे गले को चूमते हुए रूपा की जुल्फों में आती खुशबु को सूंघता हुआ रूपा से छेड़खानी करने लगा जिसमे रूपा मुस्कुराते हुए गौतम का पूरा साथ दे रही थी औऱ प्यार से बीच बीच में उसके मासूम चेहरे को देख रही थी..
गौतम - बहुत प्यारी लग रही हो आज..
रूपा - पऱ तुम तो हमेशा प्यारे लगते हो..
गौतम - टट्टू बनवाया है?
रूपा - हम्म्म.. तुम्हारे नाम का..
गौतम - सच में? दिखाओ जरा..
रूपा अपनी साडी का पल्लू सरका कर ब्लाउज के दो तीन हुक खोलकर अपने राइट बूब्स पर लिखा गौतम के नाम का टट्टू उसे दिखाने लगती है.. गौतम के नाम के साथ एक दिल का छोटा सा निशान औऱ साथ में रूपा का नाम लिखा हुआ था.. गौतम टट्टू देखकर रूपा के बूब्स पर चुम लेता है..
गौतम - एक रात में इतनी मोहब्बत मुझसे?
रूपा - मोहब्बत तो एक नज़र में हो जाती है तुमसे तो पूरी रात लगी है होने में..
करीम - बाजी पहुंच गए..
गौतम - थोड़ा आगे से लेफ्ट लेना जंगल में.. गाडी आराम से निकाल जायेगी..
करीम रिक्शा जंगल में मोड़ लेता है औऱ थोड़ा आगे एक चट्टान के पास रोक लेटा है दिन के एक बज चुके थे..
रूपा - करीम तुम जाकर कुछ खा लो.. वापस यही आकर इंतजार करना..
गौतम वहा से रूपा को लेकर चट्टान के दूसरी तरफ चल पड़ता है..
थोड़ी दूर जाकर गोतम रूपा को एक घुफानुमा जगह के करीब ले आता है जहाँ से सामने का नज़ारा मनमोहक लग रहा था.. जंगल में खड़े बड़े बड़े पेड़ औऱ पेड़ो की छाव में पनप रहे पौधों पर खिले हुए फूल को देखकर रूपा की आँखों उनमे ही खो गई थी, छोटे छोटे खरगोश गीलेहरी औऱ बाकी जानवर उसकी आँखों के सामने स्वच्छन्द यहां से यहां उछाल कूद मचा रहे थे.. हिरन औऱ उसके जैसे दिखने वाले जानवर के साथ परिंदे पेड़ पर बने घोंसलों से अपनी मीठी आवाज में तराने सूना रहे थे.. रूपा ये सब देखकर उन्ही में खो सी गई थी, उसने आज से पहले कभी इस तरह का नज़ारा नहीं देखा था वो ऐसे ही गौतम के साथ बैठी हुई उसकी बाहे अपने हाथ से पकडे सामने देखे जा रही थी वही गौतम भी रूपा की हालात समझकर उसे अपने बाहों में समेटकर प्यार से उसकी जुल्फों को संवार रहा था..
गौतम - जगह पसंद आई?
रूपा - बहुत खूबसूरत है.. पर तुमसे कम मेरे नन्हे मेहमान..
गौतम - नाम लेकर बुलाओ ना.. इतना छोटा नहीं हूँ मैं.
रूपा मुस्कुराते हुए - एक शर्त पर नन्हे मेहमान..
गौतम - औऱ वो क्या है?
रूपा गौतम के अंदर अपने ना बस सके परिवार को तलाश रही थी उसे गौतम में अपना ही बच्चा दिखाने लगा था औऱ वो चाहती थी की कोई हो जो उसे माँ कहकर बुलाआये औऱ उससे बात करें.. परिवार की चाहत उसे आज भी उतनी ही थी जितनी की पहले..
रूपा - तुम्हे भी मुझे मम्मी कहकर बुलाना होगा..
गौतम - ठीक है मेरी प्यारी मम्मी.. चलो अब अपने बेटे को प्यार तो कर लो थोड़ा सा..
रूपा अपना आँचल गिरा कर - आजा मेरे पास पहले तुझे अच्छे से दूध तो पीला दू.. ये कहते हुए रूपा ने भी सुमन की तरह ही गौतम के सर को अपनी गोद में रख लिया औऱ उसे अपना बोबा चूसाने लगी..
गौतम ने भी पूरी कामुकता के साथ रूपा का बोबा चूसना चालू कर दिया अपने हाथो से मसलना भी. जिससे रूपा काम के सागर में उतरने लगी थी.. रूपा ने पास में रखे अपने पर्स से एक सिगरेट निकालकर लाइटर से जला ली औऱ कश लेते हुए कभी प्यार से गौतम को देखती तो कभी सामने के नज़ारे को.
गौतम ने जब रूपा के बूब्स पर तने हुए निप्पल्स को दांतो से काटा तो रूपा के मुंह से आह निकाल गई औऱ वो गौतम को देखकर बड़े प्यार से बोली..
रूपा - इतना तेज़ मत काटो ना गौतम.. मम्मी को दर्द होता है..
गौतम - सोरी मम्मी.. आपके दूध बहुत अच्छे है अनजाने में बाईट हो गई..
रूपा - कोई बात नहीं बेबी.. अच्छा अब तुमने मम्मा का दूदू चूस लिया तो मम्मा भी तुम्हारा दूदू चूसेगी..
गौतम अपने शर्ट उतारकर - पर मम्मी मेरे दूदू में दूध नहीं आता..
रूपा - कोई बात नहीं बेबी.. मम्मा को बस थोड़ा सा चूसना है..
गौतम - आओ ना मम्मी.. लो सकिंग कर लो..
रूपा - क्या बेबी..
गौतम - सकिंग मम्मी.. चूसने को इंग्लिश में सकिंग बोलते है अब आओ..
रूपा अपने होंठ गौतम के सीने के निप्पल्स पर लगा देती है प्यार से उसे चूसने चाटने लगती है..
गौतम - आह्ह. मम्मी.. कमाल हो यार तुम..
रूपा गौतम के निप्पल्स चूस रही थी औऱ गौतम को पूरा मज़ा दे रही थी कुछ देर बाद रूपा ने अपनी जीभ से गौतम के सीने को चाटने लगी रूपा पर चढ़ते काम के नशे को गौतम साफ साफ देख सकता था, रूपा उसके गले से लेकर पेट तक हर जगह चूमते हुए पागलो की तरह चाट रही थी आज गौतम उसे नहीं चोद रहा था बल्कि रूपा पर गौतम की चुदाई का भूत सवार होने लगा था..रूपा ने गौतम की पेंट खोल दी औऱ उसके लंड को झट से अपने मुंह में लेकर चूसने लगी गौतम को रूपा वो सुख दे रही थी जो उसे बहुत कम मिला था..
गौतम ने रूपा को देखा वो इस तरह से उसका लंड मुंह में भरके चूस रही थी जैसे लॉलीपॉप हो.. इसमें गौतम को रूपा पर प्यार आने लगा था.. गौतम ने कुछ देर रूपा को प्यार से देखा तो उसे रूपा में अपनी असली माँ सुमन की शकल दिखाई देने लगी औऱ अचानक उसका माल रूपा के मुंह में छूट गया औऱ वो झड़ गया..
रूपा सारा माल पीके - आज क्या हुआ मेरे बच्चे के हथियार को. जल्दी निकल गया..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा का हाथ खींचकर अपने ऊपर गिरा लिया औऱ उसके होंठ चूमने लगा..
कुछ मिनटों में वापस उसका लंड उसी तरह खड़ा हो गया जैसे पहले था गौतम ने रूपा को ऊपर से नीचे ले लिया औऱ साडी के साथ साया उठाकर कमर तक ले आया औऱ फिर नीचे जाकर रूपा की चुत चाटने लगा.. रूपा काम के सागर की गहराई में उतर चुकी थी औऱ यहां उसे भरपूर आनंद मिल रहा था.. गौतम ने चाटने पर कुछ ही पलो में उसने भी चुत से झरना बहा दिया जिसे गौतम ने रुमाल से साफ कर दिया..
गौतम - मम्मी?
रूपा - क्या?
गौतम - लोगी अपने बेटे का अपने अंदर?
रूपा शरमाते हुए - हाँ...
गौतम अपना लोडा एक बार में आधे से ज्यादा अंदर उतारकार रूपा की चुदाई शुरु करता है औऱ रूपा घास में आँखे बंद करके गौतम को अपनी बाहों में भरे कामसुख भोगने लगती है..
अगले कुछ घंटे दोनों का मिलन यहां के परिंदे औऱ जानवर देखते है औऱ रूपा गौतम दोनों दो बार प्रेम की बारिश में नहा चुके होते है..गौतम घास में चट्टान का सहारा लिए नंगा बैठा अपनी गोद में नंगी बैठी रूपा की चूत के आस पास उगे बालों/झांटो में उंगलियां घुमा रहा था औऱ रूपा सिगरेट के कश लेते हुए सामने देख रही थी..
गौतम - मम्मी, मुझे भी पिलाओ एक कश..
रूपा अपने हाथ से सिगरेट गौतम के होंठों पर लगा देती है औऱ एक कश पीला के कहती है..
रूपा - अच्छा अब फिर वापस कब मिलने आउ मैं अपने बेटे से?
गौतम - जब भी तुम्हारी इस चुत में खुजली चले मम्मी तब आ जाना.. मैं मिटा दूंगा..
रूपा - बेबी एक बात बोलू, तुम मुझसे एक वादा करोगे?
गौतम - हम्म बोलो ना.. अब तो मम्मी भी बोलने लगा हूँ तुम्हे..
रूपा - सिर्फ मम्मी बोलने से काम नहीं चलेगा.. मुझे अपनी माँ की तरह मानना भी होगा.. मुझसे बात करनी होगी.. अपना अच्छा बुरा सब बताना होगा.. तुम्हे जो चाहिए मुझसे माँगना होगा.. मैं तुझे सब दूंगी.. मेरे जिस्म के साथ साथ मेरे मन को भी तुम्हे सुकून देना होगा मुझे अपना मानकर..गौतम रूपा की बातें सुनकर - अच्छा ठीक हैमेरी जान.. अब कपडे पहनो चलते यहां से वरना मेरे प्यारी मम्मी को वापस जगताल पहुंचते पहुंचते अंधेरा हो जाएगा..
रूपा - जैसे उतारे है वैसे पहना भी दो..
गौतम - मम्मी मुझे सिर्फ उतारना आता है.. कहते हुए गौतम ने रूपा की चुत के बाल हलके से खींच लिए जिससे रूपा का आह निकल गई..
रूपा - आह्ह.. शैतान कहीं का.. अगली बार मिलूंगी तो झांट साफ कर लुंगी सब.. तब खींचना मेरे बाल..
गौतम औऱ रूपा कपडे पहन कर वापस करीम के रिक्शा की तरफ आ जाते है.. औऱ उसमे बैठकर वापस शहर की तरफ चल देते है.. जहा गौतम रूपा से विदा लेकर अपनी बाइक दी हुई दूकान पर जाता है औऱ अपनी ठीक हो चुकी बाइक को लेके घर निकल पड़ता है..
गौतम - माँ पापा कहाँ गए?
सुमन - उनको कुछ काम था इसलिए जल्दी चले गए..
गौतम - सालों से देखकर रहा हूँ.. घर पर तो रुकते ही नहीं है वो.
सुमन - बहुत मेहनत करनी पडती है तेरे पापा को इसलिए..
गौतम - काहे की मेहनत माँ.. कब इस पुलिस क्वाटर में रखा हुआ.. अब तक तो घर बना लेना चाहिए था.. पाता नहीं कहा छुपा के रखते है खज़ाना.. पता चल जाए लूट लू मैं..
सुमन - खज़ाना बाद में लूटना ग़ुगु.. पहली ले ये चाय पी ले..
गौतम - चाय नहीं माँ ? अब तो दूदू पिने का मन कर रहा है..
सुमन - अब मेरे ग़ुगु को माँ का दूदू अगली पूर्णिमा को मिलेगा.. औऱ कल याद से जल्दी उठ जाना बाबाजी के वापस माथा टेकने चलना है..
गौतम - सिर्फ पांच मिनट ना माँ.. फिर नहीं बोलूंगा..
सुमन - अब ऐसी प्यारी सूरत बनाकर बोलेगा तो कैसे माना करुँगी मैं आपने ग़ुगु को? चल कमरे में जा मैं आती हूँ रसोई का काम खत्म करके फिर पीला दूंगी.. बस..
गौतम - thanks माँ..
गौतम आपने रूम में आकर नहाने लगता है औऱ फिर एक स्लीवलेस्स टीशर्ट औऱ पज़ाम पहनकर फ़ोन देखने लगता है..
वो जैसे ही इंस्टा अकाउंट खोलता है उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है.. सुमन की रील्स पर लाखों में व्यूज आ गए थे औऱ हज़ारो में कमैंट्स.. फॉलोर्स की संख्या भी 4 हज़ार से 24 हज़ार के पार हो गई थी.. ना जाने कितने ही मैसेज उसके इनबॉक्स में आ गए थे.. गौतम एक बार के लिए फ़ोन बंद कर दिया औऱ कुछ सोचने लगा कि इतने में सुमन गौतम के कमरे में आ गयी औऱ उसके सामने बैठते हुए मुस्कुराकर उसका माथा चुम लिया..
सुमन - ले आजा ग़ुगु.. पिले जितना मन है.
गौतम के सामने बैठके सुमन ने ब्लाउज के हुक खोलकर सुबह कि तरह अपनी काली ब्रा ऊपर करके आपना बोबा उसके मुंह की तरफ बढ़ा दिया जिसे गौतम ने लपक के आपने मुंह में लेकर चूसना शुरु कर दिया.. सुमन अपना स्तनपान करवाकर एक मीठे सुख के अहसास में डूब रही थी औऱ प्यार से गौतम के सर पर अपना हाथ फेर रही थी जैसे उसे अपना दूध पिने का आशीर्वाद दे रही हो..
गौतम ने भी एक एक करके अपनी माँ सुमन के दोनों बोबे चूसने चाटने शुरु कर दिए जिससे उसके दिल में अपनी माँ सुमन के प्रति जागरत हो चुकी काम इच्छा को औऱ बल मिल गया औऱ वो सुमन के प्रति औऱ कामुकता का भाव रखने लगा..
सुमन को होता मीठा मीठा अहसास जब उसकी चुत को गिला कर गया औऱ उसे जब आपने बेटे के प्रति आसक्ति महसूस हुई तो उसने घड़ी की तरफ देखा जो रात के आठ बजा चुकी थी सुमन की नज़र घड़ी से हटी तो गौतम के पज़ामे में खड़े घंटे पर जा टिकी जो पज़ामे के ऊपर ही देखने से लम्बा औऱ मोटा लग रहा था..सुमन पांच मिनट के नाम पर पिछले पचीस मिनट से गौतम को अपना स्तनपान करवा रही थी, गौतम ने सुमन जे बूब्स पर कई गहरे निशान अपने दाँटों से काट काट कर बना दिए थे सुमन ने एक बार भी गौतम को बूब्स पर काटकर निशान बनाने से नहीं रोका अब दोनों के मन में काम की प्यास जागरत हो रही थी सुमन ने इस अहसास को समझ लिया औऱ गौतम के सर को सहलाती हुई बोली..
सुमन - औऱ कितनी देर पियेगा ग़ुगु? मन नहीं भरा मम्मी के दूदू से?
गौतम - माँ के दूध से कभी बच्चे का मन भरता है भला? माँ आज यही सो जाओ ना.. मेरे पास..
सुमन - हम्म ताकि तू मेरे रातभर मेरे दूदू पिता रहे.. क्यू?
गौतम - नहीं.. देखो आपकी रील्स पर बहुत सारे लोगों ने like कमैंट्स किये है.. औऱ 24 हज़ार लोगों ने फॉलो भी किया है आपकी रील वायरल हो रही है.. जल्दी ही अकाउंट मोनेटीज़ भी हो जाएगा..
सुमन - चल ठीक है.. आज में आपने ग़ुगु के पास ही सो जाती हूँ.. पर मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा तू क्या कह रहा है..
गौतम अकाउंट खोलता है औऱ इनबॉक्स के मैसेज दिखाने लगता है जहाँ कई लोगों ने कोलाब औऱ कई लोगों ने प्रमोशन के लिए massage किया था साथ बहुत से लोगों ने भद्दे भद्दे massage भी डाले थे..
गौतम - लो देखो आप.. Massage.. मैं बाथरूम जाके आता हूँ तब तक..
सुमन - इनबॉक्स के massage औऱ रील्स के कमैंट्स पढ़ने लगी तो उसे शर्म आ गयी. लोगों ने ऐसी बातें लिखी थी जिसे सुमन पढ़ने में शर्मा रही थी औऱ उसे लग रहा था की इन सबसे अच्छा तो ये की वो रील्स ही ना बनाये.. अकाउंट बंद कर दे.. जब गौतम बाथरूम से आया तो सुमन ने रूखे पन से कहा.. सुमन - कैसी कैसी बात लिखते है लोगों को बिलकुल शर्म नहीं है.. आपने घर की कोई होती तो भी ऐसे ही बातें करते ये लोग?
गौतम समझा गया की क्या माज़रा है औऱ वो सुमन को गले लगाते हुए बोला - अरे छोडो ना सब फालतू लोग है औऱ कोई काम. नहीं है उनको आप क्यू ध्यान देती हो.. आपने ये massage पढ़ा?
सुमन - क्यू क्या ख़ास है इसमें?
गौतम - बहुत ख़ास है मेरी प्यारी माँ.. जो MK ज्वेलर्स है ना.. उसीका massage है.. न्यू ब्रांच खोल रहा है शहर में इस इतवार को औऱ चाहता है आप उसकी मॉडल बने.. देखो.. क्या अमाउंट चार्ज करती हो पूछ रहा है.. नंबर भी दिया हुआ है..
सुमन - क्या.. सच में.. पर मुझे मॉडलिंग कहा आती है?
गौतम - अरे मेरी भोली माँ.. बस गहने पहनकर दो-चार फोटो खिचवानी है.. जिसकी पिक वो अपनी ब्रांच में लगाएगा, बस वही होती है..
सुमन - बस इतनी सी बात के लिए वो पैसे देंगे?
गौतम - हाँ.. आप तैयार हो तो मैं कॉल करू उन्हें?
सुमन - पर तेरे पापा?
गौतम - उनसे आप पूछ लेना.. इतनी बात के लिए मना थोड़ी करेंगे..
सुमन - कितने पैसे दे रहे है वो लोग?
गौतम - ये हमें बताना पड़ेगा.. आप बताओ कितना बोलू?
सुमन - एक काम कर दस-पंद्रह तो हज़ार बोल ही दे..
गौतम - आप भी ना माँ.. रुको मैं बात करता हूँ..गौतम - हेलो MK ज्वेलर्स से बात कर रहे है? ज़ी अच्छा.. वो आपने सुमन ज़ी को इंस्टा पर massage डाला था. ज़ी.. वही वही.. मैं उनकी तरफ से बात कर रहा है.. ज़ी.. नहीं नहीं फ्री है इतवार को, कोई प्लान नहीं है आगे बन जाए कह नहीं सकते.. ज़ी.. हाँ बस वही डिसकस करने में लिए फ़ोन किया था आप कितना अमाउंट ऑफर कर रहे हो इसके लिए सुमन ज़ी को? अच्छा अच्छा.. ज़ी.. नहीं नहीं.. वो सब ठीक है लेकिन अभी सुमन ज़ी उदयपुर गई हुई है तो उनसे बात नहीं हो पाएगी औऱ जो अमाउंट आप बोल रहे हो उसमे तो उनका आना मुश्किल है.. अरे नहीं.. मैं पूरी कोशिश करूंगा.. ज़ी.. ठीक है मैं उनसे बात करके आपको बताता हूँ लेकिन पेमेंट एडवांस करनी होगी आपको.. नहीं उसकी चिंता आप मत करिये.. वो सब हमारी जिम्मेदारी है..सुमन - क्या हुआ?
गौतम - 20 हज़ार देने को त्यार है..
सुमन ख़ुशी - क्या? जल्दी से हाँ बोल दे..
गौतम - रुको थोड़ा सब्र करो..
थोड़ी देर बाद वापस गौतम फ़ोन मिलता है..
हेलो.. ज़ी.. हाँ वो सुमन ज़ी से बात हो गयी है मैडम आने को त्यार पर 30 से कम में नहीं हो पाएगा.. ज़ी आप जैसा सही समझें.. ठीक है.. नहीं नहीं.. इसी नम्बर पर पेमेंट करना होगा में कॉन्फ्रेंस पर आपकी बात करवा देता हूँ.. ज़ी एक मिनट मैं सुमन ज़ी को लाइन पर लेता हूँ..
फ़ोन म्यूट करके..
गौतम - माँ वो मान गए बस आप थोड़ा कॉन्फिडेंस से बात करना.. ठीक है मैं म्यूट खोल रह हूँ..
गौतम -हेलो.. ज़ी.. वो मैडम कॉन्फ्रेंस पर है..
सुमन - हेलो.. ज़ी गुड इवनिंग.. नहीं आपसे बात कर ली होंगी ना उन्होंने? हाँ तो ठीक है आप पेमेंट कर दीजिये, मैं आ जाउंगी. ज़ी.. चलिए मैं बाद में बात करती हूँ..
गौतम - हेलो.. ज़ी अब तो तसल्ली हो गई आपको? ठीक है.. ज़ी कोई बात नहीं पेमेंट सुबह करवा दीजियेगा.. उसमे क्या बड़ी बात है.. ठीक है..
फ़ोन कट जाता है..
सुमन - क्या हुआ?
गौतम - वो त्यार है सुबह ऑनलाइन पेमेंट करवाने का बोला है.. आप तो अब सुपरस्टार बन गयी..
सुमन - सच वो लोग इतने से काम के इतने वैसे देंगे?
गौतम - माँ ये बड़े बड़े लोग इंस्टा सेलिब्रेती है वो सब लाखों में पैसे लेटे है.. आपके जितने ज्यादा फॉलोवर होंगे उतना ज्यादा पैसा मिलेगा..
सुमन - अच्छा.. फिर जल्दी से औऱ रील्स बना दे मेरी ताकि जल्दी से फोल्लोवेर्स बढ़ जाए..
गौतम - ठीक है पर आपने ही कहा था लोग गलत कमेंट करेंगे.. फिर मत बोलना..
सुमन - करने दो जिसको जो करना.. लोग तो वैसे भी कुछ भी बोलते है..
गौतम - ठीक है पर थोड़ा सा शोओफ भी करना पड़ेगा माँ अपनेआप को.. उसके बिना किसी को आपकी रील्स पसंद नहीं आएगी..
सुमन - शो.. क्या..
गौतम - शोओफ माँ.. आपको थोड़ा सा खुदको दिखाना होगा..
सुमन - मतलब क्या? कैसे दिखाना होगा?
गौतम - कितनी भोली हो आप.. मेरा मतलब है आपको हलके से अपने बूब्स दिखाने होंगे.. लोगों को अट्रैक्ट करने के लिए.. तभी लोग फ़ॉलो करेंगे..
सुमन - पर तेरे पापा ने देख लिया तो? मुश्किल हो जायेगी..
गौतम - उनके पास बाबाआदम के ज़माने का फ़ोन है.. उन्हें कैसे पाता चलेगा?
सुमन - ठीक है.. पर थोड़ा ख्याल रखना.. कुछ ज्यादा ना दिख जाए.. बिलकुल थोड़ा सा..
गौतम - जैसा आप बोलो.. औऱ कोई न्यू सोंग गाना जो ट्रेडिंग में हो.. गौतम फ़ोन का कैमरा ऑन करके..
सुमन - कोनसा गाना ग़ुगु?
गौतम थोड़ा सोचकर ये वाला..
सुमन गाना देखकर -थोड़ा वैसा नहीं है..
गौतम.- माँ इस तरह के ही सोंग गाने पड़ेंगे अगर जल्दी फोल्लोवेर्स चाहिए..
सुमन - ठीक है..
गौतम - माँ थोड़ा पल्लू सरका दो औऱ ब्रा की स्टेप्स ब्लाउज से बाहर कर दो..
सुमन - ग़ुगु.. थोड़ा ज्यादा नहीं हो जाएगा?
गौतम - कुछ नहीं होगा माँ.. गौतम कहते हुए सुमन का पल्लू हल्का हटा देता है औऱ ब्लाउज के अंदर से ब्रा की स्टेप्स कंधे पर कर देता है जिससे सबको हलकी सी ब्रा दिख सके.. चलो माँ गाना शुरु करो..
सुमन -
1st रिल..
रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा रिंगा रिंग
खटिये पे में पड़ी थी और गहरी नींद बड़ी थी
आगे क्या मैं कहूं सखी रे
एक खटमल था सायना
मुझपे था उसका निशाना
चुनरी में गुस गया धीरे धीरे
कुछ नहीं समझा वो बुद्धू कुछ नहीं सोचा
रेंग के जाने कहा पंहुचा
रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा रिंगा रिंग
2nd रिल..
कितना में तदपि थी
कितना में रोई थी
मैं तो थी अच्छी भली
क्यों भला सोई थी
निगोड़े ने मुझको चैन लेने ना दिया
रोना भी चाहा तो मुझको रोने ना दिया
ओ हो
ऐसी थी उस हरजाई की मक्कारी
मेरे तन बदन में थी लगी चिंगारी
ओ हो अरे हैया हैया हो
रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा रिंगा रिंग
रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा, रिंग रिंग रिंगा रिंगा रिंग
गौतम - माँ अब दूसरे सोंग पर..
सुमन - कोनसे?
गौतम - ये वाले..
सुमन - ठीक है..
गौतम - औऱ थोड़ा इस तरफ आ जाओ बैकग्राउंड चेंज कर लो.. एक जैसा अच्छा नहीं लगेगा..
सुमन - ठीक है ग़ुगु.. अब ठीक है?
सुमन - अच्छा ठीक है.. गौतम ने फ़ोन का कैमरा ऑन कर देता है औऱ सुमन से गाने के लिए कहता है..
3rd रिल
आ रे प्रीतम प्यारे
बन्दुक में ना तो गोली मेरे
आ रे प्रीतम प्यारे
सब आग तो मेरी चोली में रे
ज़रा हुक्का उठा, ज़रा चिलम जला
पल्लू के नीचे छुपा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
4th
जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो
कमले कुवारों का चेहरा खिले
हाय मैं आँख मारूँ तो नोटों की बारिश हो
लख जो हिला दूँ तो जिल्ला हिले
ज़रा टूटी बजा, ज़रा ठुमका लगा
पल्लू के नीचे दबा के रखा है
उठा दूँ तो हंगामा हो
गौतम - सच में माँ कहर छाने वाला है इंस्टा पर तो, आपकी ये रील्स देखकर लोग दीवाने होने वाले है..
सुमन - चल पागल कुछ भी कहता है..
गौतम - माँ भूख लगी है आज क्या बनाया है?
सुमन - तेरे इस रिल औऱ दूदू के चक्कर में खान बनाना तो भूल ही गई.. रुक मैं बना देती हूँ..
गौतम - छोडो ना.. चलो बाहर चलते है आज खाना खाने..
सुमन - अभी पैसे नहीं आये ग़ुगु.. घर में ही खाले जब आएंगे तब चलेंगे.
गौतम - पैसो की चिंता छोडो आप.. आज मेरी तरफ से ट्रीट है मेरी प्यारी माँ को.. चलो मैं चेंज कर लेता हूँ आप भी त्यार हो जाओ..
सुमन - पर ग़ुगु..
गौतम - कोई पर वर नहीं.. अब चुपचाप चलो वरना मैं उठा के ले जाऊंगा आपनी बाहों में भरके आपको ..
सुमन - अच्छा ठीक है.. मैं आती हूँ..
गौतम सुमन को लेकर शहर के एक महंगे औऱ नामी रेस्टोरेंट में चला गया जिसकी चकाचोध औऱ सजावट देखकर सुमन गौतम से कहती है - ग़ुगु.. बहुत महँगा लग रहा है.. किसी औऱ जगह चलते है..
गौतम - अब ऐसी जगह की आदत डाल लो माँ. औऱ सस्ते महंगे की चिंता मत करो.. अब चलो..
रेस्टोरेंट की खाली टेबल पर गौतम सुमन के सामने बैठ जाता है.. तभी एक वेटर आकर कहता है..
वेटर - सर.. हाउ कैन ई हेल्प यू..
गौतम - ब्रिंग अ वाटर बोतल फर्स्ट देन ई विल टेल यू..
वेटर - ok सर..
गौतम - माँ बताओ क्या खाना है?
सुमन - कुछ भी माँगा लो..
गौतम - यहां की चिकेन करी फमस है खाना है?
सुमन - ग़ुगु.. पागल हो क्या?
गौतम - अरे इसमें क्या मैं वही खाऊंगा. बहुत पसंद है मुझे..
सुमन - ठीक है पर मेरे कुछ मांगवाना..
वेटर - सर योर वाटर बोतल.. एनीथिंग एल्स?
गौतम - वन चीकेन करी without बोन, वन मलाई कोपता एंड वन दाल फ्राई तड़का.. एंड... फुल्का द तवा रोटी.. टु बटर मिल्क विथ बूदी मसाला..
वेटर - ok सर..
गौतम - माँ कुछ औऱ मँगवाना है?
सुमन - नहीं..
कुछ देर बाद वेटर ऑडर लेकर आ गया औऱ टेबल पर लगा दिया..
गौतम में मस्ती में चीकेन करी की प्लेट सुमन के सामने रख दी औऱ बोला - लो आपका मलाई कोपता.. मैं अपनी चीकेन करी खा लेता हूँ..
सुमन ने बिना कुछ सोचे समझें प्लेट से रोटी लेकर चीकेन करी के साथ रोटी खाने लगी औऱ चीकेन के बोनलेस पीस को मज़े से स्वाद लेकर मलाई कोपता मानकर खाने लगी..
गौतम मुस्कुराते हुए मलाई कोपते औऱ दाल के साथ खाना खाने लगा औऱ सुमन को चीकेन खाते देखने लगा..
गौतम - माँ है ना यहां खाना टेस्टी?
सुमन - सच में बहुत टेस्टी है ग़ुगु.. आज तक नहीं खाई ऐसी मलाई कोपते की सब्जी..
गौतम - कहा था ना.. मैं एक प्लेट औऱ मंगवा देता हूँ आपके लिए रुको..
गौतम वेटर को इशारे में वापस एक प्लेट बोनलेस चीकेन करी लाने का बोलता है जो वेटर लाकर टेबल पर रख देता है..
गौतम - माँ लो आपका मलाई कोपता.. मेरी चिकन टेस्ट करनी है बताओ?
सुमन - नहीं खानी तू ही खा उसे.. कहते हुए सुमन ने चीकन करी की दूसरी प्लेट भी उंगलियां चाट कर खाते हुए ख़त्म कर दी..
खाने के बाद वेटर बिल लेकर आ गया..
वेटर - सर योर बिल..
गोतम - ok..
गौतम बिलकर पैसे उस बिल के ऊपर रख देता है औऱ वेटर को दे देता है..
सुमन - ग़ुगु.. कितना हुआ?
गौतम - कुछ माँ मैंने पे कर दिया..
सुमन - दिखा तो..
गौतम - रहने दो..
सुमन वेटर से - भाईया दिखाओ मुझे..
वेटर ने बिल सुमन की तरह बढ़ा दिया जिसमे सुमन रेट देखकर चौंक पड़ी पर कुछ नहीं बोली लेकिन जब उसने देखा की बोनलेस चीकन करी 2 लिखा हुआ ही तो वो वेटर से बोली..
सुमन - भाईसाब ये चिकेन करी का बिल डबल क्यू जोड़ा है आपने हमने तो एक बार ली है..
वेटर - मैडम डबल आई है डबल ही ऐड होगी बिल में.. आपने ही तो मंगवाई औऱ खाई भी है.. इतना कहकर वेटर बिल लेकर चला गया औऱ गौतम सुमन से नज़र बचाने लगा..
सुमन गुस्से में धीरे से - ग़ुगु तूने मुझे नॉनवेज खिला दिया?
गौतम - माँ मैं तो मज़ाक़ कर रहा था आपके साथ, आप खाने लगी फिर मैं क्या करता? वैसे आप ही तो बोल रही थी बहुत टेस्टी है.. आपको पसंद आई..
सुमन - ग़ुगु.. तुझे पता था ना मैं औऱ तेरे पापा शराब औऱ नॉनवेज नहीं खाते फिर भी तूने ये मज़ाक़ किया?
गौतम - सॉरी माँ.. पर आज खाने में इतना खो गई की मैं रोक ही नहीं पाया..
सुमन - कितना बुरा लग रहा है मुझे.. पाता नहीं तेरे पापा को पता लगेगा तब मैं क्या जवाब दूंगी? मैं ना अब तुझसे बात ही नहीं करूंगी..
गौतम - माँ अगर आप ऐसा करोगी तो मैं घर छोड़कर कहीं दूर चला जाऊंगा..
सुमन - दुबारा घर छोड़ने की बात की तो थप्पड़ खायेगा मुझसे समझा? एक तो तेरी सब करतूत पर पर्दा डालू औऱ उसपर तुझसे नाराज़ भी नहीं हो सकती..
गौतम - अच्छा माँ अब चलो घर मुझे बहुत जोर की नींद आ रही है..
सुमन - चल.. मेरी नींद उड़ाकर अब खुद नींद लेना चाहता है..
घर पहुंचने पर गौतम ने मटके से पानी पिया औऱ अपने बेड ओर जाकर लेट गया.. सुमन को नॉनवेज खाने का गिल्ट हो रहा था मगर वो अब क्या कर सकती थी खाते वक़्त उसे इतना स्वाद लगा की वो समझा ही नहीं पाई की ये बिना हड्डी का चीकन है..
कुछ देर गिल्ट में रहने के बाद सुमन आपने बेड ओर लेट गयी औऱ सोने की कोशिश करने लगी मगर नींद उसकी आँखों से उतनी दूर थी जितना दूर धरती से चाँद होता है..
सुमन कुछ देर तो आँखे बंद करके लेटी रही फिर जब उसे नींद नहीं आई तो उसने आँखे खोल ली.. उसे दरवाजे पर गौतम खड़ा दिखा तो वो उसे देखकर बोली -
सुमन - ग़ुगु.. क्या हुआ.. यहां क्यू खड़ा हो?
गौतम - मैं बस देखने आया था आप ठीक तो हो?
सुमन - पहले आपने मन की करके मेरा दिल दुखता है फिर पूछता है ठीक तो हो.. नहीं हूँ मैं ठीक..
गौतम - अच्छा तो ठीक करने के लिए क्या करना पड़ेगा मुझे? पैर दबा दू या सर में तेल की मालिश करू?
सुमन मुस्कुराते हुए - इधर आ..
गौतम सुमन के पास चला जाता है बेड पर बैठ जाता है..
सुमन - आजा.. कुछ मत कर.. बस आज रात मेरे पास यही सोजा..
गौतम - जैसा आप बोलो.. होउत्तम कहते हुए बेड ओर लेट गया औऱ सुमन का हाथ पकड़ कर आँखे बंद कर सोने लगा.. सुमन ने भी प्यार से गौतम को आपने से लगा लिया औऱ उसका सर अपनी छातियों में छुपाकर सोने लगी.. इस बार उसे हलकी हलकी नींद आने लगी औऱ जो नॉनवेज खाने का गिल्ट उसके मन में था वो सब गायब हो गया.. दोनों को कब एक दूसरे के साथ नींद आई उनको पता ही नहीं लगा..
I'm sure agr aapne wo dhaga bandha to hmesa lal hi rahega, kyuki Hume jb bhi teri jesi koi Hot or kamuk lady dikhti, hmara chhota sultan khda ho jata h or landbudhi chalane lgta haisa dhaga mujhe bhi mil jay toh maja aa jay mujhe bhi toh pata chale meri chudai kon kon karna chahta hain hehe
Ek cheez to haam Saab bhool gayemast update hai chota tha lekin perfect tha
maa aur muh boli maa dono ki dosti ho gayi in dono ki mamta aur leela se gautam ko maja hi aa jayga aur kya pata Gautam ke alawa bhi kisi ko maja dede
ab gautam ko bhi baba par viswas ho gaya hai toh dekhte hai aange chalkar Gautam kuch maangta hai ya ni bade babaji se
aur yeh dhaga jab laal honga tab maja aayga sabse pehle kiske saamne hota hai kahin bua ke saamne na ho jay ya woh inspector rajni ke saamne ab yeh toh aange story me hi pata lagega
aisa dhaga mujhe bhi mil jay toh maja aa jay mujhe bhi toh pata chale meri chudai kon kon karna chahta hain hehe