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acha idea haiसुमन मम्मी भी आ गई लाइन में, उम्मीद है शायद आगे चल के सुमन मम्मी, और रूपा मम्मी के साथ गुग्गु का थ्रीसम देखने मिले, या फिर चारों मम्मी के साथ रिवर्स गैंगबैंग।
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Thanksबहुत ही जबरदस्त अपडेट।
Nic one bro I liked itUpdate 13
आदिल गौतम को लेके एक बार में आ जाता है औऱ दोनों कोने में एक टेबल पर बैठ जाते है..
गौतम - अब बता भोस्डिके क्या बता रहा था तू?
आदिल - भाई ऐसे नहीं आज दारू पीला पहले..
गौतम - ठीक है साले.. मंगवा ले..
आदिल वेटर से - भाई दो बियर...
गौतम - बता ना अब..
आदिल - भाई सलमा आपा का अड्रेस मिल गया..
गौतम - कहा से मिला?
आदिल - अरे मिल गया कहीं से बस..
गौतम - तो बता ना भोस्डिके.. रांडो की जैसे नखरे क्या कर रहा है..
आदिल - भाई जयपुर रहती है सलमा औऱ किसी मॉल में जॉब करती है.. व्हाट्सप्प पर पूरा एड्रेस भेजा है तुझे देख..
गौतम फ़ोन देखकर - सच बोल रहा है ना गांडु?
आदिल - अम्मी कसम भाई..
गौतम - अम्मी से याद आया.. भाई तेरी अम्मी है मस्त माल बहनचोद.. पूरी मिया खलीफा है साली.. पूरा ठंडा कर दिया मुझे आज..
आदिल - बहन के लोडे हद में रह.. क्या बोल रहा है..
गौतम - सच में भाई.. बुरा मत मान यार, तेरी अम्मी पसंद आ गई मुझे..
आदिल - भोस्डिके पागल हो गया क्या? अम्मी है मेरी.. क्यों फ़ालतू बकवास कर रहा है.. बिना पिए ही चढ़ गई क्या तुझे?
गौतम - अरे नहीं यार, सच बोल रहा हूँ थोड़ी सी हेल्प कर दे भाई.. तेरी अम्मी की चुत तुझे भी दिलवा दूंगा..
आदिल - चुदाईखाने अम्मी पर मत जा वरना बुरा हो जाएगा.. सबको रांड समझ लिया क्या तूने?
गौतम - क्या बुरा हो जाएगा गांडु? एक चुत के लिए साले औकात दिखा रहा है.. बचपन से कितनी मदद की है तेरी औऱ तू इतनी सी मदद नहीं कर सकता? बदले में तुझे भी तो दिलवा दूंगा..
आदिल - भाई अम्मी का ख्याल दिमाग से निकाल दे..
गौतम - कैसे निकाल दू भाई.. आगे औऱ पीछे का सामान देखा है तूने शबाना का.. देखते ही रगड़ने का मन करता है बहन की लोड़ी को, शकल देखते ही लंड खड़ा हो जाता है मादरचोद..
आदिल - अम्मी को गाली मत दे भोस्डिके, अब औऱ कुछ बोला तो सच में दोस्ती ख़त्म समझ..
वेटर बियर लाकर टेबल ओर रख डेता है औऱ चला जाता है..
गौतम - अच्छा गाली नहीं दूंगा पर सच बोल रहा हूँ.. बहुत पहले से मैं तुझे ये बात बताना चाहता था, यार मैं पागल हो रहा हूँ शबाना के लिए.. लंड खड़ा है देख..
आदिल बियर पीते हुए - तो बहन के लंड हिला ले ना जाके.. अम्मी नहीं यार.. अम्मी को छोड़ दे..
गौतम - देख भाई मैं जानता हूँ तुझे अगर शबाना की चुत मिले तो तू उसे भी नहीं छोड़ेगा.. भाई मेरा वादा है मेरा मन भरने के बाद तुझे भी तेरी अम्मी की चुत दिला दूंगा.. साले ऐसे रांड चोद के कहा तक काम चलायेंगे औऱ कहा से इतने पैसे लाएंगे? भाई सोच अगर हमें चुदाई करनी हो औऱ तेरी माँ फ्री हमसे चुदती रहे तो हमारा कितना फ़ायदा होगा..
आदिल थोड़ी देर चुप रहकर - अब्बू जान से मार देगा भोस्डिके..
गौतम - अबे पता कैसे चलेगा तेरे अब्बू को? तू बताएगा?
आदिल - छोड़ भाई.. जाने दे यार.. अम्मी को रहने दे..
गौतम - भड़वे ऐसे माल को चोदने की जगह छोड़ने की बात कर रहा है.. तू हाँ कर बस.. बाकी सब मुझपर छोड़ दे.. शबाना को बीच में लेके चोदेगे अपन दोनों.. सैंडविच की तरह.. आगे में लूंगा पीछे से तू लेना.. सोच ले.
आदिल - पर पटायेगा कैसे अम्मी को?
गौतम बियर ख़त्म करके - भाई उसकी फ़िक्र मत कर.. पटाया हुआ है.. बस सही टाइम का वेट कर.. कोई फोटो है शबाना की तेरे पास?
आदिल - फोटो तो बहुत है क्यों?
गौतम - चल बताता हूँ..
आदिल - कहा चलू?
गौतम - लंड के मेल.. ज्यादा सवाल मत कर.. चुपचाप चल..
आदिल गौतम के पीछे पीछे चल देता है औऱ दोनों जेंट्स टॉयलेट में आ जाते है जहा गौतम एक केबिननुमा बाथरूम में घुस जाता है औऱ आदिल को भी अंदर आने को कहता है आदिल के अंदर आते है गौतम उसका दरवाजा बंद कर लेटा है औऱ दिल से कहता है..
गौतम - फोटो दिखा शबाना रंडी की..
आदिल फ़ोन निकालकर - भाई क्या कर रहा है?
गौतम - तेरी अम्मी शबाना रंडी पर लंड हिलाएंगे आज दोनों भाई मिलके.. कोई सेक्सी फोटो दिखा तेरी अम्मी की.. बहन की लोड़ी सस्ती मिया खलीफा..
आदिल फोटो निकालकर - देख ये ठीक है?
गौतम - अबे कोई ऐसी फोटो दिखा ना जिसमे इसके चुचे दिखे अच्छे से बिना बुरखे के..
आदिल - ले बहन के लोडे ये देख.. है ना मस्त..
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गौतम - मादरचोद कहा छुपा रखी थी ऐसी तस्वीर? क्या माल लग रही है रंडी.. चुचे देख साली के. फोटो ज़ूम कर..
आदिल - हाँ यार.. अम्मी को चोदने का मन तो मेरा भी बहुत है पहले से.. बस डर लग रहा था..
गौतम - क्या अम्मी अम्मी बोल रहा है मदरचोद.. रंडी है अपनी..
आदिल लोडा बाहर निकालकर - भाई इस रंडी की दिलवा दे यार. अब तो तूने मेरे लंड में भी आग लगा दी शबाना के नाम की.. इसे चोदे बिना चैन नहीं मिलेगा.
गौतम अपना लंड निकालकर - चोद दे पटक के तेरे तो घर में ही रहती है साली..
आदिल गौतम का लंड देखकर - अबे इतना बड़ा कैसे हो गया तेरा?
गौतम - जामुन खाकर हो गया भोस्डिके..
आदिल - मुझे खिला दे वो जामुन भाई..
गौतम - पहले तेरी अम्मी को चोद दू तेरे सामने फिर खिला दूंगा..
आदिल - चोद लेना रंडी को भाई मैं कोनसा मना करने वाला हूँ तुझे.. पर मेरा लंड भी अपने जैसा करवा दे..
गौतम - टाइम आने पर सब हो जाएगा तू चिंता मत कर.. अभी तो इस रंडी पर माल निकाल..
आदिल - हिला बहन की लोड़ी पर.. साली रंडी..
गौतम औऱ आदिल दोनों आदिल के फ़ोन पर शबाना की तस्वीर को देखते हुए मुठ मारने लगते है औऱ आदिल अपना माल उस तस्वीर पर गिरा देता है मगर गौतम अपना माल नहीं गिराता..
आदिल - क्या हुआ निकल नहीं रहा क्या?
गौतम - फोटो पर नहीं भाई, रियल में निकलेगा मेरा..
आदिल फ़ोन उठा लेता है औऱ उसके बाद आदिल अपने फ़ोन की स्क्रीन को गीले रुमाल से साफ करके गौतम के साथ बाहर आ जाता है औऱ दोनों वापस टेबल पर बैठकर एक एक बियर औऱ आर्डर कर देते है..
गौतम - रेशमा का क्या सीन है?
आदिल - कुछ नहीं यार.. निकाह को चार साल हो गये अभी तक बच्चा नहीं हुआ.. जीजा तलाक़ के देने की बोल रहा है..
गौतम - बच्चा नहीं हुआ मतलब कोई कमी है रेशमा में?
आदिल - पता नहीं मुझे जीजा ढीला लगता है..
गौतम - नंबर दे रेशमा के मैं बात कर लूंगा..
आदिल - तू नम्बर का क्या करेगा भाई?
गौतम - भाई तेरी अम्मी के साथ तेरी आपा को भी लंड के नीचे से निकाल दू तो तूझे कोई परेशानी थोड़ी है.. ले नंबर दे..
आदिल नंबर देकर - भोस्डिके चोदने के बाद मुझसे भी चुदवाएगा.. ऐसा ना हो की तू पलट जाए..
गौतम - भाई मेरे बाद तेरा ही नम्बर है.. मेरा मन भर जाए फिर तेरे ही लंड के नीचे रहेंगी दोनों..
आदिल - भाई लंड केसा बड़ा किया बता ना..
गौतम - बताया तो था साले.. जामुन खाकर..
आदिल - मुझे भी खिला दे यार..
गौतम - भाई वो जामुन ख़ास है बहुत दूर एक ख़ास जगह मिलते है ले चलूँगा तुझे कभी..
आदिल - ठीक है भाई.. जल्दी ले चलना..
गौतम - चल अब घर चलते है.. मैं तुझे घर छोड़ देता हूँ..
आदिल - हाँ.. चल..
गौतम आदिल को लेकर उसके घर आ जाता है औऱ घर के बाहर आदिल से कहता है..
गौतम - फारूक कब तक आएगा?
आदिल - अब्बू को आने में 10 बज जायेंगे..
गौतम - अभी 8 बज रहे है.. सुन तेरी अम्मी दरवाजा खोले तो सीधा अंदर जाकर सो जाना. मैं तेरी अम्मी को पटाने के लिए थोड़ी देर तेरी अम्मी से बात करूंगा.. समझा..
आदिल - ठीक है समझ गया..
आदिल दरवाजा बजाता है औऱ कुछ पलो में शबाना लंगड़ाती हुई आकर दरवाजा खोल देती है..
आदिल शबाना के दरवाजा खोलते ही अंदर जाकर अपने कमरे में चला जाता है औऱ गौतम दरवाजे से थोड़ा अंदर आकर दरवाजा लगा देता है..
शबाना - क्या कर रहा है.. आदिल अंदर है
गौतम - तो?
शबाना - देख लेगा.. जा यहां से
गौतम - वो नहीं आएगा.. बस एक चुम्मा लेना है..
शबाना - कुत्ते मेरी चाल बिगाड़ दी औऱ अब चूमा लेने आया है.. जा यहां से मैं फ़ोन करके बुलाऊंगी.
गौतम - बिना चुम्मे नहीं जाऊंगा..
शबाना - चुम्मे के बहाने तू कुछ भी करने लग जाएगा..
गौतम - सिर्फ चुम्मा लूंगा..
शबाना पीछे आदिल के कमरे की तरफ देखती है औऱ गौतम का हाथ पकड़ कर उसे रसोई के पीछे खाली जगह पर ले जाती है..
शबाना - ले जल्दी कर..
गौतम शबाना के चुचे पकड़के अपनी औऱ खींचता है औऱ उसे अपने गले से लगा लेता है फिर चूमने लगता है.. करीब 2-3 मिनट के चुम्बन के बाद शबाना चुम्बन तोड़ देती औऱ कहती है..
शबाना - अब जा ना बेटा.. कोई देख लेगा तो आफत हो जायेगी..
गौतम अपना लोडा बाहर निकाल लेता है औऱ शबाना के कंधे पर हाथ रखकर उसे नीचे बैठने का इशारा करता है औऱ कहता है..
गौतम - इसे शांत कर दो अम्मी फिर चला जाऊंगा.
शबाना गुस्से से - कितना बेसब्री है तू.. आदिल अंदर है.. तू जा यहां से.. कहा ना बाद में सब कर दूंगी.. मेरा भी मन है मगर.. तू समझता नहीं है..
गौतम शबाना का बोबा पकड़ लेटा है औऱ मसलकर कहता है - इसे तो चूसना पड़ेगा अम्मी... वरना मैं यहां से नहीं जाने वाला..
शबाना - बेटा मान जा ना..
गौतम शबाना के बाल पकड़कर उसे नीचे घुटनो पर बैठा देता है औऱ अपना लंड शबाना के मुंह में डाल कर उसे लंड चूसाने लगता है..
गौतम - आदिल की चिंता मत कर, तू बस अच्छे से चूस अम्मी.. आदिल नहीं आने वाला..
शबाना बार बार इधर उधर देखकर जोर जोर से गौतम का लंड चूसने लगती है औऱ थोड़ी देर बाद गौतम शबाना के मुंह में झड़ जाता है..
शबाना गौतम का माल पीकर - अब जा यहां से औऱ फ़ोन करू तभी ही आना..
गौतम शबाना को अपने फ़ोन में कुछ फोटोज जिनमे आदिल ने कुछ देर पहले शबाना की फोटो ओर मुठी मारी थी दिखाकर कहता है - देख तेरे आदिल ने आज तेरी तस्वीर के साथ क्या किया है.
शबाना हैरानी से - तू करवाया होगा उससे ये सब..
गौतम - मैं क्यों करवाने लगा? वो खुद तुझे चोदने की फिराक में है..
शबाना - सच सच बता तेरे आदिल के बीच में क्या खिचड़ी पक रही है..
गौतम - खिचड़ी क्या पैकेगी अम्मी.. बताया तो मैंने आदिल भी तेरी लेना चाहता है..
शबाना - तूने बताया तो नहीं ना उसे हमारे बारे में?
गौतम - मैंने तुम्हारे सामने ही सब बता दिया.. अब पता नहीं उसने विश्वास किया या नहीं..
शबाना - ठीक है अब जा यहां से.. औऱ सुन..
गौतम - हाँ..
शबाना गौतम को चूमकर - अपना ख्याल रखना..
गौतम जैसे ही घर से बाहर निकलता है उसके फ़ोन पर आदिल का फ़ोन आ जाता है..
आदिल - भाई 15-20 मिनट रसोई के पीछे अम्मी के साथ क्या क्या किया बता तो दे..
गौतम - यार चुम्माचाटी की है बस..
आदिल - चुम्मा हो गया? बहनचोद इतनी जल्दी अम्मी मान गई? साली रांड ही है..
गौतम - बूब्स देख गांडू तेरी अम्मी के जाके बहुत सारी लव बाईट देके आया हूँ..
आदिल - बूब्स पर? वाह भाई मज़े ले रहा है मेरी अम्मी के..
गौतम - चल फ़ोन रख बाद में बात करता हूँ.. फ़ोन कट जाता है..
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गौतम जब रात को घर आया तो उसने देखा की सुमन औऱ जगमोहन के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था जिसका कारण वो नहीं जानता था. गौतम के आने पर सुमन अपनेआप को काबू में करती हुई चुप हो गई औऱ जगमोहन भी बिना कुछ बोले हाथ में एक बेग लिए घर से बाहर की तरफ आ गया. गौतम ने अपने पापा जगमोहन से बात करने की कोशिश की मगर जगमोहन किसी की भी सुनने के मूंड में नहीं था वो तुरंत घर से बाहर निकल गया औऱ सुमन अपने कमरे में बेड पर बूत बनी बैठी जगमोहन को जाते हुए देखने लगी वही गौतम के पास दो रास्ते थे एक तो ये कि वो जगमोहन को रोककर उससे पूछता कि वो कहा जा रहा है औऱ उसकी माँ सुमन के साथ झगड़ा क्यों कर रहा था तो दूसरा ये कि वो बेड पर बैठी आंसू बहा रही है औऱ सुमन को अपने गले से लगा कर चुप करवाता औऱ उससे इस झगडे कि वजह जानता..
गौतम ने दूर रास्ते को चुना औऱ जोगमोहन को जाने दिया वही सुमन के पास आकर उसके आंसू पोंछते हुए उसे अपने गले से लगा लिया औऱ उसके आँसुओ का कारण पूछने लगा जिसपर सुमन ने कोई जवाब नहीं दिया. गौतम बार बार सुमन से पूछे जा रहा था औऱ सुमन चुपचाप गौतम को देखकर उसके चेहरे को चूमती औऱ कुछ नहीं बोलती..
गौतम - हुआ क्या है माँ? आखिर कुछ तो कहो.. ऐसे क्यों चुप बैठी हो.
सुमन - कुछ नहीं ग़ुगु.. तू जा अपने कमरे में, मैं तेरे लिए कुछ खाने को बना देती हूँ..
गौतम - खाना वाना छोडो यार माँ, मैं यहां फ़िक्र से आधा हुआ जा रहा हूँ पहले मुझे पूरी बात बताओ तभी मैं यहां से जाऊंगा वरना यही जमकर बैठा रहूँगा..
सुमन - ग़ुगु तू अभी छोटा है इन सब बातों में मत उलझ, जाने दे.
गौतम - अगर नहीं बताओगी तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा औऱ ना ही आपका कहा मानूंगा. आपको मेरी कसम सच सच पूरी बात बताओ मुझे..
गौतम के अपनी कसम देने पर सुमन कुछ नरम सी पड़ गई औऱ गौतम को अपने गले से लगा कर जोर जोर से रोने लगी. उसके सब्र का बाँध टूट चूका था औऱ वो अपने आंसू बहा देना चाहती थी. गौतम ने बड़े ही प्यार से अपनी माँ के आंसू को पोंछा औऱ उसे ढांधस बंधाते हुए सुमन से फिर से पूछने लगा तो सुमन ने सब बताने का फैसला कर लिया औऱ बोली..
सुमन - ग़ुगु.. तेरे पापा अब हमारे साथ नहीं रहेंगे..
गौतम - पर क्यों?
सुमन गौतम को देखते हुए - ग़ुगु.. तेरे पापा ने दूसरी शादी भी की है.. औऱ अब वो वही उसी चुड़ैल के साथ रहेंगे कह रहे थे बस महीने एक बार आएंगे वो भी खर्चा देने.. ये कहते हुए सुमन फिर से रोने लगी..
गौतम - माँ.. पापा नहीं है तो क्या हुआ मैं हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिए, चलो चुप हो जाओ औऱ अब ये रोना धोना बंद करो.. वैसे भी वो कोनसा यहां रहते ही थे. मैं तो पहले से जानता था कि वो बाहर किसी औऱ के चक्कर में है आपको नहीं बताया क्युकी मुझे डर था आपको बुरा लगेगा..
सुमन - तू जानता था? पर कैसे?
गौतम - वो छोडो.. आप मिली हो उस चुड़ैल से?
सुमन - नहीं.. कभी नहीं देखा उसे.. पता नहीं क्या जादू किया है उस चुड़ैल ने तेरे पापा पर..
गौतम - कोई जादू नहीं किया माँ, औऱ वैसे भी पापा के वहा रहने से या यहां रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सुमन - ऐसा क्यों बोल रहा है..
गौतम - क्युकी मैं जानता हूँ उनकी बन्दूक को जंग लग चुकी है औऱ अब वो अपनी बन्दुक से गोली नहीं चला सकते..
सुमन गौतम कि बात सुनकर हैरानी औऱ हास्य से मुस्कुरा पडती है औऱ कहती है - शर्म नहीं आती तुझे पापा के बारे में ऐसी बात करते हुए?
गौतम सुमन के होंठों के बिलकुल करीब गाल पर चुम्मा करते हुए दांतो से गाल काट लेटा है औऱ सुमन गौतम कि इस हरकत पर हलकी सी आह निकालकर उसके होंठों को अपनी उंगलियों से पकड़ लेती है औऱ कहती है..
सुमन - देख रही हूँ तू भी दिन ब दिन बहुत बिगड़ता जा रहा है.. कितना जोर से काटा है.. कहा था पुरे दिन आज?
गौतम - कहीं नहीं यार माँ, वो एग्जाम आने वाले है तो उसकी तैयारी के लिए दोस्त के साथ पढ़ाई कर रहा था लाइब्रेरी में बैठकर..
सुमन - चल खाना बना देती हूँ..
गौतम - रहने दो.. आज कहीं बाहर खाने का मन है.. आप अपना मूंड ठीक कर लो फिर चलते है..
सुमन मुस्कुराते हुए - ठीक है.. जैसा मेरा ग़ुगु कहे..
गौतम सुमन की जाँघ पर हाथ रखकर सहलाते हुए - माँ मैं चेंज करके आता हूँ आप कपडे बदल लो..
गौतम अपने रूम में आ जाता है और कपड़े बदलने लगता है तभी उसके फोन पर माधुरी का फोन आता है और माधुरी गौतम से बात करते हुए गौतम को अपनी दशा का बयान करते हुए कहती है कि उसे आज गौतम की सख्त जरूरत है. गौतम माधुरी को मना कर देता है और माधुरी गौतम से मिलने की ज़िद करने लगती है गौतम के बार-बार समझाने पर भी माधुरी उससे मिलने पर अड़ी रहती है और गौतम उसे समझा नहीं पता, आखिर में थक हारकर गौतम माधुरी को एक एड्रेस भेजता है जिसमें किसी होटल का पता होता है माधुरी उसे होटल में मिलने को कहती है गौतम और माधुरी के बीच यह बातचीत होकर फोन कट हो जाता है और गौतम कपड़े बदलकर बाहर आ जाता है कुछ देर में सुमन भी अपने कमरे से बाहर हो जाती है और गौतम के साथ घर से निकल पड़ती है.
गौतम सुमन के साथ किसी होटल के रेस्टोरेंट में जाता है जहां उसने माधुरी को बुलाया था और एक टेबल पर सुमन के साथ बैठ जाता है जहां दोनों आमने-सामने बैठकर खाने का ऑर्डर दे देते हैं आज सुमन ने आगे से नॉनवेज आर्डर किया था और खुद भी बड़े चाव से खा रही थी गौतम को देखकर लग रहा था कि वह आश्चर्य में है और सुमन के व्यवहार पर उसे हैरानी हो रही है मगर वह कुछ नहीं पूछता और सुमन के साथ खाना खाने लगता है. गौतम ने कुछ बाईट ही खाइ थी फिर उसे माधुरी याद आ गई और वह बहाना बनाते हुए सुमन से कहने लगा कि उसे प्रेशर आया है और उसे फ्रेश होने की जरूरत है, यह कहकर गौतम टेबल से उठ गया और रेस्टोरेंट से निकलकर होटल के एक कमरे में पहुंचा जहां माधुरी थी.. माधुरी ने जैसे दरवाजा खोला गौतम माधुरी के लबों से चिपक गया और दरवाजा बंद करते हुए माधुरी को अपने आगोश में लेकर बिस्तर पर ले गया और वहां दोनों का संभोग शुरू हो गया गौतम और माधुरी एक दूसरे को पाने की नीयत से चूम रहे थे और दोनों एक दूसरे को कम सुख देने की भरपूर प्रयास कर रहे थे माधुरी तो जैसे काम के शिखर पर थी उसे तो बस गौतम की कमी खल रही थी जो अब पूरी हो चुकी थी और वो गौतम को अपने से अलग नहीं करने देना चाहती थी.
सुमन ने जब गौतम को बाथरूम की जगह सीडीओ की तरफ जाते देखा तो वह अचरज में पड़ गई और वह सोच लगी कि गौतम फ्रेश होने की बोलकर सीडीओ की तरफ क्यों जा रहा है जबकि बाथरूम तो वही नीचे की तरफ बना हुआ है सुमन को कुछ ठीक नहीं लगा और उसे शक हुआ तो वह गौतम के पीछे-पीछे जाने लगी और पता करने की नीयत से सीडीओ पर आ गई. औऱ सोचने लगी कि गौतम कहां जा रहा है.. सीढ़िया चढने के बाद गौतम उसकी आंखों से ओझल हो गया और सुमन गौतम को यहां वहां देखने लगे मगर गौतम कहीं नहीं मिला.
सुमन ने नीचे वापस जाने का निर्णय लिया तभी उसे ऊपर की तरफ एक आदमी अपना काम करते हुए दिखा जो की होटल का स्टाफ मालूम पड़ रहा था सुमन ने उससे पूछा कि उसने एक लड़के को यहां से आते हुए देखा है क्या? बदले में उस आदमी ने सुमन को जवाब दिया कि एक लड़का अभी-अभी 402 रूम नंबर में गुस्सा है सुमन ये सुनकर थोड़ी सी परेशान हो गई और सोचने लगी कि गौतम 402 रूम नंबर में क्या करने गया होगा. वह रूम के सामने आ गई और रूम के अंदर झांकने की कोशिश करने लगी लेकिन रुम के अंदर देखने का कोई जरिया नहीं था सुमन अंदर झांकने की कोशिश कर ही रही थी कि उस आदमी ने जिसे अभी-अभी सुमन सुमन एड्रेस पूछा था उसने सुमन को अंदर झाँकते हुए देख लिया और उसके पास आकर बोला - ऐसे अंदर कुछ नहीं दिखेगा और एक पीन देते हुए सुमन से कहा कि इसे चाबी की सुराख़ में लगाकर अंदर का नजारा देखा जा सकता है..
सुमन ने पीन लेकर चाबी की सुराग में लगा दिया और घुटने पर बैठ गई अंदर देखने लगी जैसे सुमन ने अंदर का नजारा ददेखा तो उसके पैरों की जमीन हिल गई अंदर गौतम और माथुर के बीच संभोग चल रहा था जिसमें गौतम माधुरी को बिस्तर पर घोड़ी बनाएं चोद रहा था
सुमन यह नजारा देखकर सोचने लगी कि गौतम उससे बहाना बनाकर यह सब क्यों कर रहा है और जो औरत उसके आगे घोड़ी बनी हुई थी उसकी शक्ल देखते ही सुमन समझ गई कि उसकी उम्र 35 से ऊपर है मगर गौतम को इतनी बड़ी-बड़ी औरतें क्यों पसंद है सुमन ने पहले गौतम को पिंकी के साथ देखा था और अब वह गौतम को माधुरी के साथ देख रही थी जिस तरह से गौतम अपने लंड से माधुरी की प्यास बुझा रहा था उसे देखकर सुमन के दिल में भी हल्का-हल्का दर्द होने लगा और उसकी चुत से हल्की-हल्की पानी के बुँदे बाहर आने लगी उसके दिल में भी अब काम के प्यास आजाद होने लगी थी और सुमन अब यह सोचने की जगह की उसका बेटा क्या कर रहा है और किसके साथ कर रहा है वह खुद का कामोतेजना से ओतप्रोत होकर भरने लगी थी.
गौतम माधुरी के बाल पड़कर उसे बिस्तर पर आडा पटक के चोद रहा था
ये नज़ारा देखकर सुमन बाहर घुटनों पर बैठी हुई अपने मन को काबू में करती हुई सब देख रही थी उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि गौतम अपने से इतनी बड़ी औरत और इतनी खेली खाई लगने वाली औरत को इतनी आसानी से बिस्तर पर चोद-चोद कर रुला रहा था. गौतम ने माधुरी के बाल पड़कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसे अपना लंड चूसाने लगा. यह देखकर सुमन की चुत से पानी बहने लगा और वह दरवाजे के बाहर खड़ी हुई गौतम के लंड को निहारने लगी और उसे आंखों में बसने लगी उसने पिंकी के साथ गौतम की चुदाई के दौरान भी गौतम का लंड देखा था मगर आज उसे और भी ज्यादा साफ नजारे के साथ गौतम के लंड के दर्शन हो रहे थे.. गौतम का लंड बहुत ही सुंदर बलिस्ट और परिपूर्ण लग रहा था जिसे देखकर सुमन की चुत में खुजली चलने लग गई थी मगर वह कुछ नहीं कर सकती थी. सुमन चाहती तो दरवाजा खुलवा कर अंदर जा सकती थी और गौतम और माधुरी को पड़कर हंगामा खड़ा कर सकती थी मगर उसने ऐसा कुछ नहीं किया और वह चुपचाप घुटनों पर बैठकर अंदर रूम में झांकती हुई दोनों की चुदाई देखने लगी.
गौतम ने माधुरी को जिस तरह अपने बस में करके चोदा था उससे माधुरी गौतम की गुलाम हो चुकी थी और आज भी गौतम के कहे अनुसार हर पोज में गौतम को काम संतुष्टि देकर अपने भी मन की इच्छा पूरी करवा रही थी
थोड़ी देर माधुरी को चोदने के बाद गौतम ने माधुरी को घुटने पर बैठा दिया और उसके मुंह पर अपना लंड हिलाते हुए सारा माल उसके मुंह पर निकाल दिया..
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यह देखकर सुमन काम की इच्छा से भर गई और वहां से उठकर वापस नीचे आ गई रेस्टोरेंट में बने लेडीज टॉयलेट में जाकर सुमन ने अपनी उंगली से अपनी प्यास बुझाने का निर्णय किया और कुछ ही देर में उंगली करके बाहर आ गई फिर से वह अपनी टेबल पर बैठ गई और गौतम का इंतजार करते हुए सोचने लगी कि गौतम किस तरह से इतनी अच्छी चुदाई कर लेता है और यह औरत कौन थी जो गौतम से चुद रही थी? देखने से तो वह भी गौतम की मां की बराबर ही लगती थी लेकिन गौतम किस तरह रंडी बनाकर उस औरत को चोद रहा था. आखिर थी कौन? औऱ कैसे गौतम के संपर्क में आइ? और गौतम से अपनी इच्छा या कहो काम इच्छा पूरी करवा रही थी.
गौतम और माधुरी दोनों ही काम के सागर में डुबकी लगाकर बाहर आ चुके थे और अब दोनों ही अपने-अपने कपड़े पहन कर खड़े हो चुके थे और साथ में नीचे आ गए..
गौतम टेबल पर बैठकर सुमन से माधुरी का परिचय करवाते हुए - माँ ये मेरी टीचर है..
सुमन झूठी मुस्कान के साथ - हेलो..
माधुरी भी उसी टेबल पर बैठके - हेलो.. कैसी हो आप..
सुमन - अच्छी..
माधुरी - गौतम बहुत तारीफ़ करता है आपकी.. मेरी माँ ऐसी है मेरी माँ वैसी है.. आज आपसे मिलने का मौका भी मिल गया..
सुमन - ग़ुगु ने कभी आपके बारे में नहीं बताया..
गौतम खाने में तनलीन था..
माधुरी मुस्कुराते हुए - कैसे बताएगा आपने कभी पूछा ही नहीं होगा.
सुमन - आपके गले पर ये निशान? लगता है किसी ने जोर से काटा है आपको..
माधुरी गौतम को देखते हुए - हाँ बहुत जोर से काटा है.. पर इसमें भी मज़ा है आप तो जानती होगी.. आपसे क्या छुपाना..
सुमन - आप यहां अकेली आई है?
माधुरी - हाँ कुछ काम था, पूरा हो गया तो अब चलती हूँ.. आप दोनों अपना खाना एन्जॉय कीजिये..
सुमन - ज़ी..
माधुरी गौतम और सुमन से विदा लेकर बाहर आ जाती है और माधुरी रेस्टोरेंट से निकल जाती है जबकि सुमन माधुरी को जाते हुए तब तक देखने लगती है जब तक कि वह उसकी आंखों से दूर नहीं हो जाती.. सुमन की आंखों में क्रोध और जलन साफ-साफ दिखाई दे रही थी गौतम से माधुरी का मिलन सुमन को जरा भी नहीं भाया था लेकिन सुमन गौतम और माधुरी को पड़कर या उनसे बात करके कि वह दोनों यह सब क्यों कर रहे हैं? नहीं पूछना चाहती थी..
सुमन जानती थी कि गौतम को उसकी बातों का बुरा लगेगा और अगर वह भी उससे रूठ गया तो सुमन कैसे गौतम के बिना जी पाएगी. मगर न जाने क्यों सुमन को अब पहले से ज्यादा गौतम पर लाड और प्यार आने लगा था वह चाहती थी कि गौतम खुश रहे और उसे दुनिया की हर खुशी मिले.. उसके मन में यह भाव अब और ज्यादा उमड़ रहे थे. यह भाव ममता से कहीं ज्यादा आगे के थे सुमन गौतम की ख़ुशी के लिए अब और भी ज्यादा जतन करने का इरादा करती थी.
गौतम - माँ खाना केसा है?
सुमन - बहुत अच्छा..
गौतम - लो ना.. ये मटन खाओ.. बहुत स्वाद बना है..
सुमन खाते हुए - हम्म.. अच्छा है..
गौतम और सुमन दोनों खाना खाने के बाद टेबल से खड़े हो जाते हैं और गौतम बिल पे करके सुमन के साथ रेस्टोरेंट से बाहर आ जाता है जहां गौतम पार्किंग में लगी अपनी बाइक निकाल कर सुनसान पड़ी सड़क पर बाहर आ जाता है और सुमन उसके पीछे बैठने लगती हैं. गौतम थोड़ी देर बाइक चला कर रास्ते में एक सुनसान पड़ी सड़क जहां किसी भी इंसान का कोई नामो निशान नहीं था उसके किनारे अपनी बाइक रोक लेता है और गौतम के बाइक रोकने पर सुमन से पूछता है कि क्या हुआ तब गौतम कहता है कि उसे बाथरूम आया है गौतम बाइक से उतरकर सड़क के किनारे बाथरूम करने लगता है और सुमन बाइक से उतरकर गौतम को बाथरूम करते हुए देखने लगती है गौतम का लंड उसकी आंखों के सामने था मगर सुमन के सामने गौतम के पीठ होने के कारण उसे देख नहीं पा रही थी.. सुमन के मन में उसे देखने की इच्छा थी मगर वह क्या कर सकती थी वह खुलकर गौतम से उसका लंड दिखाने के लिए का भी नहीं सकती थी और गौतम यह जान भी नहीं पा रहा था कि उसकी मां सुमन उसके लंड को देखने के लिए बेताब है और उसे मन ही मन में चाहने लगी है कुछ देर बाद गौतम बाथरूम करके वापस बाइक के पास आ गया जहां उसकी मां समान खड़ी थी सुमन गौतम को देखे जा रही थी और उसमें ही कोई हुई थी..
गौतम - माँ सिगरेट लाई हो?
सुमन अपने पर्स से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर गौतम को देते हुए - लो..
गौतम एक सिगरेट निकालकर अपने होंठों पर लगा लेता औऱ सुमन गौतम के हाथ से लाइटर लेकर अपने हाथ से मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों पर लगी सिगरेट सुलगा देती है गौतम अपनी माँ के इस व्यवहार से चकित था मगर उसने कुछ नहीं कहा..
गौतम दो कश लेकर सिगरेट सुमन को दे देता है और सुमन भी दो तीन कश लेकर वापस से सिगरेट गौतम को दे देती है दोनों के बीच इस दौरान कोई बात नहीं होती मगर आंखों ही आंखों में बहुत सी बातें एक दूसरे को समझ आ जाती है जो बातें मुंह से कहने में दोनों को ही शर्म आ रही थी..
सिगरेट के खत्म होने पर गौतम वापस अपनी बाइक स्टार्ट करके उसे पर बैठ गया और सुमन भी उसके पीछे बाइक पर बैठ गई और दोनों वापस घर आ गए..
सुमन और गौतम अपने-अपने कमरे में जाकर सोने की तैयारी कर रहे थे और दोनों ने हीं अपने-अपने कपड़े बदल दिए थे रात के 11:00 बज रहे थे गौतम को जब अपने कमरे में नींद नहीं आई तो वो सुमन के कमरे में आ गया और उसने देखा कि सुमन भी आंखें खोलकर बिस्तर पर करवटें बदलती हुई इधर-उधर देख रही है अब तक दोनों में कोई बात नहीं हुई थी मगर सुमन ने गौतम को कमरे के दरवाजे पर खड़ा देखा तो वह हैरानी से बोली..
सुमन - क्या हुआ ग़ुगु?
गौतम - माँ मैं आपके साथ सो जाऊ?
सुमन मुस्कुराते हुए - इसमें पूछने की क्या बात है बेटा आजा.. सुमन ने अपनी दोनों बाहे फैला कर ऐसा कहा था औऱ गौतम आगे बढ़कर सुमन के गले से लग गया औऱ बिस्तर पर सुमन औऱ गौतम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भरे लेट गए..
गौतम सुमन के चुचे पर हाथ रखकर - माँ..
सुमन जानती थी गौतम उससे क्या पूछने वाला है इसलिए सुमन खुद ही गोतम से बोली - दूदू पीना है..
गौतम की आँखों में चमक आ गई औऱ वो बोला - हम्म..
सुमन ने अपना ब्लाउज औऱ ब्रा उतार कर बिस्तर के कोने पर रख दी औऱ गौतम को चुचे चुसवाने की नियत से इशारा कर दिया गौतम ने भी अपनी टीशर्ट उतारकार साइड में रख दी औऱ दोनों माँ बेटे कमर से ऊपर पूरी तरह नंगे होकर बिस्तर पर अपनी मर्यादा भूल रहे थे..
गौतम सुमन के चुचे पकड़कर मसलते हुए उनका दूध पी रहा था औऱ बार बार निप्पल्स को मरोड़ कर सुमन की काम पिपासा बढ़ा रहा था. आज गौतम जिस तरह से सुमन के बूब्स पर लव बाईट दी थी उससे सुमन को साफ पता चल गया था की अगर गौतम को उसकी चुत मिल जाए तो वो उसे भी चोद देगा.. मगर सुमन गौतम की मनमानिया सहते हुए अपने बूब्स को चुसवाने औऱ उनपर होने वाली लव बाईट का मज़ा ले रही थी..
करीब आधे घंटे गौतम ने सुमन के चुचो का स्वाद चखा औऱ उनपर अपने प्यार की छाप छोड़ी फिर सुमन ने गौतम से कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अब तक मन नहीं भरा तेरा?
गौतम - क्यों.. आपको नींद आ रही है माँ?
सुमन - नहीं बस ऐसे ही पूछा बेटा.. तुम जितना चाहो मम्मा का दूदू पी सकते हो..
गौतम - माँ एक गेम खेलोगी मेरे साथ? ट्रुथ एंड डेर वाला..
सुमन - ठीक पर कोई फालतू सवाल या काम नहीं बताना मुझे समझा?
गौतम सुमन के ऊपर आता हुआ - पक्का माँ.. अच्छा पहले eye कोंटेक्ट करते है जिसने पहले पलके झुका ली वो हार जाएगा..
सुमन - ठीक है.. चलो..
बिस्तर पर सुमन पीठ के बाद लेटी हुई थी और सुमन के ऊपर गौतम लेटा हुआ था गौतम के सीने में सुमन के निपल्स कड़क होकर इस तरह चुब रहे थे जैसे कोई तीर चुभ रहा हो जिसमें गौतम का बहुत आनंद आ रहा था सुमन भी इस बात से पूरी तरह वाकिफ थी और जानती थी कि गौतम को उसके ऊपर इस तरह लेटने में मजा आ रहा है.. सुमन औऱ गौतम दोनों कमर से ऊपर नंगे थे.. सुमन ने अपने दोनों हाथ गौतम के गले में डाल दिया और उसकी आंखों में देखने लगी.. सुमन ज्यादा देर तक अपनी आंखें खोल पाने में सफल नहीं रही और उसने अपनी पलके झुका कर झपका दी.. जिससे वो हार गई..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ माँ ट्रुथ या डेर?
सुमन - ट्रुथ..
गौतम - शादी पहले कितने बॉयफ्रेंड थे आपके?
सुमन - ये क्या सवाल है.
गौतम - इतना आसान सवाल तो है.. बताओ ना..
सुमन - 2 थे.. एक स्कूल में एक बाहर..
गौतम - सेक्स किया था आपने उनके साथ?
सुमन - ग़ुगु एक ही सवाल करना था वो हो गया..
गौतम - माँ बताओ ना.. वही सवाल है अभी..
सुमन शरमाते हुए - हम्म किया था.. अब चलो वापस आँख मिलाओ.. वापस खेलते है..
सुमन और गौतम वापस से आई कॉन्टेक्ट खेलने लगे जिसमें वापस से सुमन की हार हो गई..
गौतम - बोलो.. ट्रुथ या डेर?
सुमन - तुम पता नहीं क्या पूछोगे.. इस बार डेर..
गौतम - अच्छा तो आपका डेर ये है की आप मुझे 2 मिनट लीप kiss करोगी..
सुमन हँसते हुए - सीधा बोल ना तुझे मेरे बोबो के बाद होंठ चाहिए चूसने के लिए.. बहुत बिगड़ गया है तू.. जवानी चढने लगी है तुझे..
सुमन बातें कर रही थी कि गौतम ने सुमन के होठों को अपने होठों में ले लिया और उसे चूमने लगा सुमन ने उसका कोई विरोध नहीं किया और प्यार से हंसते हुए मुस्कुराकर गौतम को अपने होंठ चूसाने लगी.. गौतम और सुमन के बीच चुंबन बहुत गहरा हो चुका था दोनों ही एक दूसरे को भर भर के अपने लबो के जाम पिला रहे थे और एक दूसरे के होंठों से मदिरा का प्याला पी रहे थे, 2 मिनट लंबा होने वाला चुंबन कब 10 मिनट से ऊपर हो गया दोनों को पता ही नहीं चला और दोनों आप एक दूसरे के मुंह का स्वाद लेने में और देने में लगे थे दोनों की जीभ वापस में ऐसे लड़ रही थी जैसे कुश्ती के अखाड़े में पहलवान लड़ते हैं. सुमन काम के सागर में इतनी डूब गई थी कि उसने गौतम के लबो को चूमते हुए और चूसते हुए उसपर एक जोर की लव बाईट कर ली जिससे गौतम की आवाज निकल गई और दोनों का चुंबन टूट गया..
सुमन - तू ठीक है ना ग़ुगु? गलती से काट लिया बेटा.. माफ़ कर दे मम्मा को.. देखा मुझे..
गौतम - कुछ नहीं हुआ माँ.. सब ठीक है..
सुमन - सॉरी बेटू.. इतना जोर से काट लिया तेरे होंठों को..
गौतम सुमन के निप्पल्स मसलते हुए - कोई बात नहीं माँ.. वैसे किसिंग बहुत अच्छा करती हो आप.. कहा से सीखा बताओ ना?
सुमन आह भरते हुए - कहीं नहीं बेटा.. तू भी बहुत अच्छा चूमता है.. दो मिनट से कब दस मिनट हो गए पता ही नहीं चला.
गौतम - आओ माँ वापस खेलते है..
सुमन - नहीं अब नहीं.. ना जाने तू क्या क्या पूछेगा औऱ क्या क्या करवा लेगा मुझसे..
गौतम सुमन की गांड पर हाथ रख देता है औऱ गांड मसलते हुए कहता है - प्लीज ना माँ..
सुमन भी काम की अग्नि में जल रही थी उसने गौतम का हाथ अपनी गांड से नहीं हटाया औऱ गोतम से बोली - ग़ुगु तू ना बहुत शैतान हो गया है.. आजकल बिलकुल भी मेरा कहा नहीं मानता.. चल ठीक ही मिला ले आँखे.. इस बार मैं तुझे हरा के रहूंगी..
गौतम और सुमन फिर से ऑइ कांटेक्ट करते हैं और इस बार वापस गौतम सुमन को हरा देता है
गौतम - बड़ी आई थी आप मुझे हराने वाली.. चलो बताओ क्या लोगी..
सुमन मुस्कुराते हुए - ट्रुथ..
गौतम - अच्छा तो बताओ पापा औऱ आपके बीच कब से सेक्स नहीं हुआ..
सुमन प्यार से गौतम के होंठ पकड़कर - कैसे कैसे सवाल पूछ रहा है, लगता है मार खाने का इरादा है मेरे ग़ुगु आज..
गौतम उदास मुंह बनाकर - नहीं बताना तो ठीक है जाने दो, सो जाते है..
सुमन ने गौतम का चेहरा अपने हाथ में ले लिया औऱ उसके होंठों पर एक के बाद एक 8 चुम्मे कर डाले औऱ फिर प्यार से बोली - आठ साल हो गए.. बस.. अब चल अच्छे बच्चे की तरह सो जा.. औऱ कोई ऐसी वैसी शरारत मत करना वरना बहुत मारूंगी तुझे...
गौतम - ठीक है जैसा आप कहो.. एक बात बोलू..
सुमन - हम्म..
गौतम बूब्स पकड़कर निप्पल्स से खेलते हुए - आपके बूब्स पर टैटू बहुत अच्छा लगेगा..
सुमन - तू कहेगा तो बनवा लुंगी.. पर बनता कहा है टेटू?
गौतम- उसकी फ़िक्र आप मत करो मैं आपको ले चलूँगा मैं जानता हूँ जो ये बनाता है..
सुमन - अच्छा ठीक है पर कोई सस्ता वाला देखना..
गौतम - उसकी चिंता आप मत करो.. वैसे आपके इंस्टा अकॉउंट का क्या हुआ?
सुमन - वो मैंने डिलीट कर दिया..
गौतम - पर क्यों? इतने सारे फॉलोअर थे आपके..
सुमन - बस ऐसे ही ग़ुगु.. लोग बहुत गंदे massage करते थे..
गौतम - कब डिलीट किया
सुमन - एक हफ्ता हो गया..
गौतम - कोई बात नहीं.. आपका मन हो तो वापस बना लेना.
सुमन - हम्म.. चलो अब मम्मा को गुड नाईट किस दो औऱ सो जाओ..
गौतम सुमन के होंठ चूमने लगता है औऱ सुमन गौतम के चेहरे को पकड़ के चूमती हुई अपनी जीभ वापस गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ उसे चूमने लगती है.. दोनों एकदूसरे को चूमने के बाद एक दूसरे से लिपटकर सो जाते है..
नींद आते ही गौतम को सपने में एक गाँव दीखता है जहाँ दो औरत तेज़ी से कहीं जा रही थी.. गौतम को ऐसा लग रहा था जैसे उसे ये गाँव औऱ जगह देखी हुई है औऱ वो उन औरतों को जानता है.. गौतम सपने में आगे जो देखता उससे वो नींद में बड़बड़ाने लगता है..
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आदिल गौतम को लेके एक बार में आ जाता है औऱ दोनों कोने में एक टेबल पर बैठ जाते है..
गौतम - अब बता भोस्डिके क्या बता रहा था तू?
आदिल - भाई ऐसे नहीं आज दारू पीला पहले..
गौतम - ठीक है साले.. मंगवा ले..
आदिल वेटर से - भाई दो बियर...
गौतम - बता ना अब..
आदिल - भाई सलमा आपा का अड्रेस मिल गया..
गौतम - कहा से मिला?
आदिल - अरे मिल गया कहीं से बस..
गौतम - तो बता ना भोस्डिके.. रांडो की जैसे नखरे क्या कर रहा है..
आदिल - भाई जयपुर रहती है सलमा औऱ किसी मॉल में जॉब करती है.. व्हाट्सप्प पर पूरा एड्रेस भेजा है तुझे देख..
गौतम फ़ोन देखकर - सच बोल रहा है ना गांडु?
आदिल - अम्मी कसम भाई..
गौतम - अम्मी से याद आया.. भाई तेरी अम्मी है मस्त माल बहनचोद.. पूरी मिया खलीफा है साली.. पूरा ठंडा कर दिया मुझे आज..
आदिल - बहन के लोडे हद में रह.. क्या बोल रहा है..
गौतम - सच में भाई.. बुरा मत मान यार, तेरी अम्मी पसंद आ गई मुझे..
आदिल - भोस्डिके पागल हो गया क्या? अम्मी है मेरी.. क्यों फ़ालतू बकवास कर रहा है.. बिना पिए ही चढ़ गई क्या तुझे?
गौतम - अरे नहीं यार, सच बोल रहा हूँ थोड़ी सी हेल्प कर दे भाई.. तेरी अम्मी की चुत तुझे भी दिलवा दूंगा..
आदिल - चुदाईखाने अम्मी पर मत जा वरना बुरा हो जाएगा.. सबको रांड समझ लिया क्या तूने?
गौतम - क्या बुरा हो जाएगा गांडु? एक चुत के लिए साले औकात दिखा रहा है.. बचपन से कितनी मदद की है तेरी औऱ तू इतनी सी मदद नहीं कर सकता? बदले में तुझे भी तो दिलवा दूंगा..
आदिल - भाई अम्मी का ख्याल दिमाग से निकाल दे..
गौतम - कैसे निकाल दू भाई.. आगे औऱ पीछे का सामान देखा है तूने शबाना का.. देखते ही रगड़ने का मन करता है बहन की लोड़ी को, शकल देखते ही लंड खड़ा हो जाता है मादरचोद..
आदिल - अम्मी को गाली मत दे भोस्डिके, अब औऱ कुछ बोला तो सच में दोस्ती ख़त्म समझ..
वेटर बियर लाकर टेबल ओर रख डेता है औऱ चला जाता है..
गौतम - अच्छा गाली नहीं दूंगा पर सच बोल रहा हूँ.. बहुत पहले से मैं तुझे ये बात बताना चाहता था, यार मैं पागल हो रहा हूँ शबाना के लिए.. लंड खड़ा है देख..
आदिल बियर पीते हुए - तो बहन के लंड हिला ले ना जाके.. अम्मी नहीं यार.. अम्मी को छोड़ दे..
गौतम - देख भाई मैं जानता हूँ तुझे अगर शबाना की चुत मिले तो तू उसे भी नहीं छोड़ेगा.. भाई मेरा वादा है मेरा मन भरने के बाद तुझे भी तेरी अम्मी की चुत दिला दूंगा.. साले ऐसे रांड चोद के कहा तक काम चलायेंगे औऱ कहा से इतने पैसे लाएंगे? भाई सोच अगर हमें चुदाई करनी हो औऱ तेरी माँ फ्री हमसे चुदती रहे तो हमारा कितना फ़ायदा होगा..
आदिल थोड़ी देर चुप रहकर - अब्बू जान से मार देगा भोस्डिके..
गौतम - अबे पता कैसे चलेगा तेरे अब्बू को? तू बताएगा?
आदिल - छोड़ भाई.. जाने दे यार.. अम्मी को रहने दे..
गौतम - भड़वे ऐसे माल को चोदने की जगह छोड़ने की बात कर रहा है.. तू हाँ कर बस.. बाकी सब मुझपर छोड़ दे.. शबाना को बीच में लेके चोदेगे अपन दोनों.. सैंडविच की तरह.. आगे में लूंगा पीछे से तू लेना.. सोच ले.
आदिल - पर पटायेगा कैसे अम्मी को?
गौतम बियर ख़त्म करके - भाई उसकी फ़िक्र मत कर.. पटाया हुआ है.. बस सही टाइम का वेट कर.. कोई फोटो है शबाना की तेरे पास?
आदिल - फोटो तो बहुत है क्यों?
गौतम - चल बताता हूँ..
आदिल - कहा चलू?
गौतम - लंड के मेल.. ज्यादा सवाल मत कर.. चुपचाप चल..
आदिल गौतम के पीछे पीछे चल देता है औऱ दोनों जेंट्स टॉयलेट में आ जाते है जहा गौतम एक केबिननुमा बाथरूम में घुस जाता है औऱ आदिल को भी अंदर आने को कहता है आदिल के अंदर आते है गौतम उसका दरवाजा बंद कर लेटा है औऱ दिल से कहता है..
गौतम - फोटो दिखा शबाना रंडी की..
आदिल फ़ोन निकालकर - भाई क्या कर रहा है?
गौतम - तेरी अम्मी शबाना रंडी पर लंड हिलाएंगे आज दोनों भाई मिलके.. कोई सेक्सी फोटो दिखा तेरी अम्मी की.. बहन की लोड़ी सस्ती मिया खलीफा..
आदिल फोटो निकालकर - देख ये ठीक है?
गौतम - अबे कोई ऐसी फोटो दिखा ना जिसमे इसके चुचे दिखे अच्छे से बिना बुरखे के..
आदिल - ले बहन के लोडे ये देख.. है ना मस्त..
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गौतम - मादरचोद कहा छुपा रखी थी ऐसी तस्वीर? क्या माल लग रही है रंडी.. चुचे देख साली के. फोटो ज़ूम कर..
आदिल - हाँ यार.. अम्मी को चोदने का मन तो मेरा भी बहुत है पहले से.. बस डर लग रहा था..
गौतम - क्या अम्मी अम्मी बोल रहा है मदरचोद.. रंडी है अपनी..
आदिल लोडा बाहर निकालकर - भाई इस रंडी की दिलवा दे यार. अब तो तूने मेरे लंड में भी आग लगा दी शबाना के नाम की.. इसे चोदे बिना चैन नहीं मिलेगा.
गौतम अपना लंड निकालकर - चोद दे पटक के तेरे तो घर में ही रहती है साली..
आदिल गौतम का लंड देखकर - अबे इतना बड़ा कैसे हो गया तेरा?
गौतम - जामुन खाकर हो गया भोस्डिके..
आदिल - मुझे खिला दे वो जामुन भाई..
गौतम - पहले तेरी अम्मी को चोद दू तेरे सामने फिर खिला दूंगा..
आदिल - चोद लेना रंडी को भाई मैं कोनसा मना करने वाला हूँ तुझे.. पर मेरा लंड भी अपने जैसा करवा दे..
गौतम - टाइम आने पर सब हो जाएगा तू चिंता मत कर.. अभी तो इस रंडी पर माल निकाल..
आदिल - हिला बहन की लोड़ी पर.. साली रंडी..
गौतम औऱ आदिल दोनों आदिल के फ़ोन पर शबाना की तस्वीर को देखते हुए मुठ मारने लगते है औऱ आदिल अपना माल उस तस्वीर पर गिरा देता है मगर गौतम अपना माल नहीं गिराता..
आदिल - क्या हुआ निकल नहीं रहा क्या?
गौतम - फोटो पर नहीं भाई, रियल में निकलेगा मेरा..
आदिल फ़ोन उठा लेता है औऱ उसके बाद आदिल अपने फ़ोन की स्क्रीन को गीले रुमाल से साफ करके गौतम के साथ बाहर आ जाता है औऱ दोनों वापस टेबल पर बैठकर एक एक बियर औऱ आर्डर कर देते है..
गौतम - रेशमा का क्या सीन है?
आदिल - कुछ नहीं यार.. निकाह को चार साल हो गये अभी तक बच्चा नहीं हुआ.. जीजा तलाक़ के देने की बोल रहा है..
गौतम - बच्चा नहीं हुआ मतलब कोई कमी है रेशमा में?
आदिल - पता नहीं मुझे जीजा ढीला लगता है..
गौतम - नंबर दे रेशमा के मैं बात कर लूंगा..
आदिल - तू नम्बर का क्या करेगा भाई?
गौतम - भाई तेरी अम्मी के साथ तेरी आपा को भी लंड के नीचे से निकाल दू तो तूझे कोई परेशानी थोड़ी है.. ले नंबर दे..
आदिल नंबर देकर - भोस्डिके चोदने के बाद मुझसे भी चुदवाएगा.. ऐसा ना हो की तू पलट जाए..
गौतम - भाई मेरे बाद तेरा ही नम्बर है.. मेरा मन भर जाए फिर तेरे ही लंड के नीचे रहेंगी दोनों..
आदिल - भाई लंड केसा बड़ा किया बता ना..
गौतम - बताया तो था साले.. जामुन खाकर..
आदिल - मुझे भी खिला दे यार..
गौतम - भाई वो जामुन ख़ास है बहुत दूर एक ख़ास जगह मिलते है ले चलूँगा तुझे कभी..
आदिल - ठीक है भाई.. जल्दी ले चलना..
गौतम - चल अब घर चलते है.. मैं तुझे घर छोड़ देता हूँ..
आदिल - हाँ.. चल..
गौतम आदिल को लेकर उसके घर आ जाता है औऱ घर के बाहर आदिल से कहता है..
गौतम - फारूक कब तक आएगा?
आदिल - अब्बू को आने में 10 बज जायेंगे..
गौतम - अभी 8 बज रहे है.. सुन तेरी अम्मी दरवाजा खोले तो सीधा अंदर जाकर सो जाना. मैं तेरी अम्मी को पटाने के लिए थोड़ी देर तेरी अम्मी से बात करूंगा.. समझा..
आदिल - ठीक है समझ गया..
आदिल दरवाजा बजाता है औऱ कुछ पलो में शबाना लंगड़ाती हुई आकर दरवाजा खोल देती है..
आदिल शबाना के दरवाजा खोलते ही अंदर जाकर अपने कमरे में चला जाता है औऱ गौतम दरवाजे से थोड़ा अंदर आकर दरवाजा लगा देता है..
शबाना - क्या कर रहा है.. आदिल अंदर है
गौतम - तो?
शबाना - देख लेगा.. जा यहां से
गौतम - वो नहीं आएगा.. बस एक चुम्मा लेना है..
शबाना - कुत्ते मेरी चाल बिगाड़ दी औऱ अब चूमा लेने आया है.. जा यहां से मैं फ़ोन करके बुलाऊंगी.
गौतम - बिना चुम्मे नहीं जाऊंगा..
शबाना - चुम्मे के बहाने तू कुछ भी करने लग जाएगा..
गौतम - सिर्फ चुम्मा लूंगा..
शबाना पीछे आदिल के कमरे की तरफ देखती है औऱ गौतम का हाथ पकड़ कर उसे रसोई के पीछे खाली जगह पर ले जाती है..
शबाना - ले जल्दी कर..
गौतम शबाना के चुचे पकड़के अपनी औऱ खींचता है औऱ उसे अपने गले से लगा लेता है फिर चूमने लगता है.. करीब 2-3 मिनट के चुम्बन के बाद शबाना चुम्बन तोड़ देती औऱ कहती है..
शबाना - अब जा ना बेटा.. कोई देख लेगा तो आफत हो जायेगी..
गौतम अपना लोडा बाहर निकाल लेता है औऱ शबाना के कंधे पर हाथ रखकर उसे नीचे बैठने का इशारा करता है औऱ कहता है..
गौतम - इसे शांत कर दो अम्मी फिर चला जाऊंगा.
शबाना गुस्से से - कितना बेसब्री है तू.. आदिल अंदर है.. तू जा यहां से.. कहा ना बाद में सब कर दूंगी.. मेरा भी मन है मगर.. तू समझता नहीं है..
गौतम शबाना का बोबा पकड़ लेटा है औऱ मसलकर कहता है - इसे तो चूसना पड़ेगा अम्मी... वरना मैं यहां से नहीं जाने वाला..
शबाना - बेटा मान जा ना..
गौतम शबाना के बाल पकड़कर उसे नीचे घुटनो पर बैठा देता है औऱ अपना लंड शबाना के मुंह में डाल कर उसे लंड चूसाने लगता है..
गौतम - आदिल की चिंता मत कर, तू बस अच्छे से चूस अम्मी.. आदिल नहीं आने वाला..
शबाना बार बार इधर उधर देखकर जोर जोर से गौतम का लंड चूसने लगती है औऱ थोड़ी देर बाद गौतम शबाना के मुंह में झड़ जाता है..
शबाना गौतम का माल पीकर - अब जा यहां से औऱ फ़ोन करू तभी ही आना..
गौतम शबाना को अपने फ़ोन में कुछ फोटोज जिनमे आदिल ने कुछ देर पहले शबाना की फोटो ओर मुठी मारी थी दिखाकर कहता है - देख तेरे आदिल ने आज तेरी तस्वीर के साथ क्या किया है.
शबाना हैरानी से - तू करवाया होगा उससे ये सब..
गौतम - मैं क्यों करवाने लगा? वो खुद तुझे चोदने की फिराक में है..
शबाना - सच सच बता तेरे आदिल के बीच में क्या खिचड़ी पक रही है..
गौतम - खिचड़ी क्या पैकेगी अम्मी.. बताया तो मैंने आदिल भी तेरी लेना चाहता है..
शबाना - तूने बताया तो नहीं ना उसे हमारे बारे में?
गौतम - मैंने तुम्हारे सामने ही सब बता दिया.. अब पता नहीं उसने विश्वास किया या नहीं..
शबाना - ठीक है अब जा यहां से.. औऱ सुन..
गौतम - हाँ..
शबाना गौतम को चूमकर - अपना ख्याल रखना..
गौतम जैसे ही घर से बाहर निकलता है उसके फ़ोन पर आदिल का फ़ोन आ जाता है..
आदिल - भाई 15-20 मिनट रसोई के पीछे अम्मी के साथ क्या क्या किया बता तो दे..
गौतम - यार चुम्माचाटी की है बस..
आदिल - चुम्मा हो गया? बहनचोद इतनी जल्दी अम्मी मान गई? साली रांड ही है..
गौतम - बूब्स देख गांडू तेरी अम्मी के जाके बहुत सारी लव बाईट देके आया हूँ..
आदिल - बूब्स पर? वाह भाई मज़े ले रहा है मेरी अम्मी के..
गौतम - चल फ़ोन रख बाद में बात करता हूँ.. फ़ोन कट जाता है..
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गौतम जब रात को घर आया तो उसने देखा की सुमन औऱ जगमोहन के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा था जिसका कारण वो नहीं जानता था. गौतम के आने पर सुमन अपनेआप को काबू में करती हुई चुप हो गई औऱ जगमोहन भी बिना कुछ बोले हाथ में एक बेग लिए घर से बाहर की तरफ आ गया. गौतम ने अपने पापा जगमोहन से बात करने की कोशिश की मगर जगमोहन किसी की भी सुनने के मूंड में नहीं था वो तुरंत घर से बाहर निकल गया औऱ सुमन अपने कमरे में बेड पर बूत बनी बैठी जगमोहन को जाते हुए देखने लगी वही गौतम के पास दो रास्ते थे एक तो ये कि वो जगमोहन को रोककर उससे पूछता कि वो कहा जा रहा है औऱ उसकी माँ सुमन के साथ झगड़ा क्यों कर रहा था तो दूसरा ये कि वो बेड पर बैठी आंसू बहा रही है औऱ सुमन को अपने गले से लगा कर चुप करवाता औऱ उससे इस झगडे कि वजह जानता..
गौतम ने दूर रास्ते को चुना औऱ जोगमोहन को जाने दिया वही सुमन के पास आकर उसके आंसू पोंछते हुए उसे अपने गले से लगा लिया औऱ उसके आँसुओ का कारण पूछने लगा जिसपर सुमन ने कोई जवाब नहीं दिया. गौतम बार बार सुमन से पूछे जा रहा था औऱ सुमन चुपचाप गौतम को देखकर उसके चेहरे को चूमती औऱ कुछ नहीं बोलती..
गौतम - हुआ क्या है माँ? आखिर कुछ तो कहो.. ऐसे क्यों चुप बैठी हो.
सुमन - कुछ नहीं ग़ुगु.. तू जा अपने कमरे में, मैं तेरे लिए कुछ खाने को बना देती हूँ..
गौतम - खाना वाना छोडो यार माँ, मैं यहां फ़िक्र से आधा हुआ जा रहा हूँ पहले मुझे पूरी बात बताओ तभी मैं यहां से जाऊंगा वरना यही जमकर बैठा रहूँगा..
सुमन - ग़ुगु तू अभी छोटा है इन सब बातों में मत उलझ, जाने दे.
गौतम - अगर नहीं बताओगी तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा औऱ ना ही आपका कहा मानूंगा. आपको मेरी कसम सच सच पूरी बात बताओ मुझे..
गौतम के अपनी कसम देने पर सुमन कुछ नरम सी पड़ गई औऱ गौतम को अपने गले से लगा कर जोर जोर से रोने लगी. उसके सब्र का बाँध टूट चूका था औऱ वो अपने आंसू बहा देना चाहती थी. गौतम ने बड़े ही प्यार से अपनी माँ के आंसू को पोंछा औऱ उसे ढांधस बंधाते हुए सुमन से फिर से पूछने लगा तो सुमन ने सब बताने का फैसला कर लिया औऱ बोली..
सुमन - ग़ुगु.. तेरे पापा अब हमारे साथ नहीं रहेंगे..
गौतम - पर क्यों?
सुमन गौतम को देखते हुए - ग़ुगु.. तेरे पापा ने दूसरी शादी भी की है.. औऱ अब वो वही उसी चुड़ैल के साथ रहेंगे कह रहे थे बस महीने एक बार आएंगे वो भी खर्चा देने.. ये कहते हुए सुमन फिर से रोने लगी..
गौतम - माँ.. पापा नहीं है तो क्या हुआ मैं हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिए, चलो चुप हो जाओ औऱ अब ये रोना धोना बंद करो.. वैसे भी वो कोनसा यहां रहते ही थे. मैं तो पहले से जानता था कि वो बाहर किसी औऱ के चक्कर में है आपको नहीं बताया क्युकी मुझे डर था आपको बुरा लगेगा..
सुमन - तू जानता था? पर कैसे?
गौतम - वो छोडो.. आप मिली हो उस चुड़ैल से?
सुमन - नहीं.. कभी नहीं देखा उसे.. पता नहीं क्या जादू किया है उस चुड़ैल ने तेरे पापा पर..
गौतम - कोई जादू नहीं किया माँ, औऱ वैसे भी पापा के वहा रहने से या यहां रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सुमन - ऐसा क्यों बोल रहा है..
गौतम - क्युकी मैं जानता हूँ उनकी बन्दूक को जंग लग चुकी है औऱ अब वो अपनी बन्दुक से गोली नहीं चला सकते..
सुमन गौतम कि बात सुनकर हैरानी औऱ हास्य से मुस्कुरा पडती है औऱ कहती है - शर्म नहीं आती तुझे पापा के बारे में ऐसी बात करते हुए?
गौतम सुमन के होंठों के बिलकुल करीब गाल पर चुम्मा करते हुए दांतो से गाल काट लेटा है औऱ सुमन गौतम कि इस हरकत पर हलकी सी आह निकालकर उसके होंठों को अपनी उंगलियों से पकड़ लेती है औऱ कहती है..
सुमन - देख रही हूँ तू भी दिन ब दिन बहुत बिगड़ता जा रहा है.. कितना जोर से काटा है.. कहा था पुरे दिन आज?
गौतम - कहीं नहीं यार माँ, वो एग्जाम आने वाले है तो उसकी तैयारी के लिए दोस्त के साथ पढ़ाई कर रहा था लाइब्रेरी में बैठकर..
सुमन - चल खाना बना देती हूँ..
गौतम - रहने दो.. आज कहीं बाहर खाने का मन है.. आप अपना मूंड ठीक कर लो फिर चलते है..
सुमन मुस्कुराते हुए - ठीक है.. जैसा मेरा ग़ुगु कहे..
गौतम सुमन की जाँघ पर हाथ रखकर सहलाते हुए - माँ मैं चेंज करके आता हूँ आप कपडे बदल लो..
गौतम अपने रूम में आ जाता है और कपड़े बदलने लगता है तभी उसके फोन पर माधुरी का फोन आता है और माधुरी गौतम से बात करते हुए गौतम को अपनी दशा का बयान करते हुए कहती है कि उसे आज गौतम की सख्त जरूरत है. गौतम माधुरी को मना कर देता है और माधुरी गौतम से मिलने की ज़िद करने लगती है गौतम के बार-बार समझाने पर भी माधुरी उससे मिलने पर अड़ी रहती है और गौतम उसे समझा नहीं पता, आखिर में थक हारकर गौतम माधुरी को एक एड्रेस भेजता है जिसमें किसी होटल का पता होता है माधुरी उसे होटल में मिलने को कहती है गौतम और माधुरी के बीच यह बातचीत होकर फोन कट हो जाता है और गौतम कपड़े बदलकर बाहर आ जाता है कुछ देर में सुमन भी अपने कमरे से बाहर हो जाती है और गौतम के साथ घर से निकल पड़ती है.
गौतम सुमन के साथ किसी होटल के रेस्टोरेंट में जाता है जहां उसने माधुरी को बुलाया था और एक टेबल पर सुमन के साथ बैठ जाता है जहां दोनों आमने-सामने बैठकर खाने का ऑर्डर दे देते हैं आज सुमन ने आगे से नॉनवेज आर्डर किया था और खुद भी बड़े चाव से खा रही थी गौतम को देखकर लग रहा था कि वह आश्चर्य में है और सुमन के व्यवहार पर उसे हैरानी हो रही है मगर वह कुछ नहीं पूछता और सुमन के साथ खाना खाने लगता है. गौतम ने कुछ बाईट ही खाइ थी फिर उसे माधुरी याद आ गई और वह बहाना बनाते हुए सुमन से कहने लगा कि उसे प्रेशर आया है और उसे फ्रेश होने की जरूरत है, यह कहकर गौतम टेबल से उठ गया और रेस्टोरेंट से निकलकर होटल के एक कमरे में पहुंचा जहां माधुरी थी.. माधुरी ने जैसे दरवाजा खोला गौतम माधुरी के लबों से चिपक गया और दरवाजा बंद करते हुए माधुरी को अपने आगोश में लेकर बिस्तर पर ले गया और वहां दोनों का संभोग शुरू हो गया गौतम और माधुरी एक दूसरे को पाने की नीयत से चूम रहे थे और दोनों एक दूसरे को कम सुख देने की भरपूर प्रयास कर रहे थे माधुरी तो जैसे काम के शिखर पर थी उसे तो बस गौतम की कमी खल रही थी जो अब पूरी हो चुकी थी और वो गौतम को अपने से अलग नहीं करने देना चाहती थी.
सुमन ने जब गौतम को बाथरूम की जगह सीडीओ की तरफ जाते देखा तो वह अचरज में पड़ गई और वह सोच लगी कि गौतम फ्रेश होने की बोलकर सीडीओ की तरफ क्यों जा रहा है जबकि बाथरूम तो वही नीचे की तरफ बना हुआ है सुमन को कुछ ठीक नहीं लगा और उसे शक हुआ तो वह गौतम के पीछे-पीछे जाने लगी और पता करने की नीयत से सीडीओ पर आ गई. औऱ सोचने लगी कि गौतम कहां जा रहा है.. सीढ़िया चढने के बाद गौतम उसकी आंखों से ओझल हो गया और सुमन गौतम को यहां वहां देखने लगे मगर गौतम कहीं नहीं मिला.
सुमन ने नीचे वापस जाने का निर्णय लिया तभी उसे ऊपर की तरफ एक आदमी अपना काम करते हुए दिखा जो की होटल का स्टाफ मालूम पड़ रहा था सुमन ने उससे पूछा कि उसने एक लड़के को यहां से आते हुए देखा है क्या? बदले में उस आदमी ने सुमन को जवाब दिया कि एक लड़का अभी-अभी 402 रूम नंबर में गुस्सा है सुमन ये सुनकर थोड़ी सी परेशान हो गई और सोचने लगी कि गौतम 402 रूम नंबर में क्या करने गया होगा. वह रूम के सामने आ गई और रूम के अंदर झांकने की कोशिश करने लगी लेकिन रुम के अंदर देखने का कोई जरिया नहीं था सुमन अंदर झांकने की कोशिश कर ही रही थी कि उस आदमी ने जिसे अभी-अभी सुमन सुमन एड्रेस पूछा था उसने सुमन को अंदर झाँकते हुए देख लिया और उसके पास आकर बोला - ऐसे अंदर कुछ नहीं दिखेगा और एक पीन देते हुए सुमन से कहा कि इसे चाबी की सुराख़ में लगाकर अंदर का नजारा देखा जा सकता है..
सुमन ने पीन लेकर चाबी की सुराग में लगा दिया और घुटने पर बैठ गई अंदर देखने लगी जैसे सुमन ने अंदर का नजारा ददेखा तो उसके पैरों की जमीन हिल गई अंदर गौतम और माथुर के बीच संभोग चल रहा था जिसमें गौतम माधुरी को बिस्तर पर घोड़ी बनाएं चोद रहा था
सुमन यह नजारा देखकर सोचने लगी कि गौतम उससे बहाना बनाकर यह सब क्यों कर रहा है और जो औरत उसके आगे घोड़ी बनी हुई थी उसकी शक्ल देखते ही सुमन समझ गई कि उसकी उम्र 35 से ऊपर है मगर गौतम को इतनी बड़ी-बड़ी औरतें क्यों पसंद है सुमन ने पहले गौतम को पिंकी के साथ देखा था और अब वह गौतम को माधुरी के साथ देख रही थी जिस तरह से गौतम अपने लंड से माधुरी की प्यास बुझा रहा था उसे देखकर सुमन के दिल में भी हल्का-हल्का दर्द होने लगा और उसकी चुत से हल्की-हल्की पानी के बुँदे बाहर आने लगी उसके दिल में भी अब काम के प्यास आजाद होने लगी थी और सुमन अब यह सोचने की जगह की उसका बेटा क्या कर रहा है और किसके साथ कर रहा है वह खुद का कामोतेजना से ओतप्रोत होकर भरने लगी थी.
गौतम माधुरी के बाल पड़कर उसे बिस्तर पर आडा पटक के चोद रहा था
ये नज़ारा देखकर सुमन बाहर घुटनों पर बैठी हुई अपने मन को काबू में करती हुई सब देख रही थी उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि गौतम अपने से इतनी बड़ी औरत और इतनी खेली खाई लगने वाली औरत को इतनी आसानी से बिस्तर पर चोद-चोद कर रुला रहा था. गौतम ने माधुरी के बाल पड़कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसे अपना लंड चूसाने लगा. यह देखकर सुमन की चुत से पानी बहने लगा और वह दरवाजे के बाहर खड़ी हुई गौतम के लंड को निहारने लगी और उसे आंखों में बसने लगी उसने पिंकी के साथ गौतम की चुदाई के दौरान भी गौतम का लंड देखा था मगर आज उसे और भी ज्यादा साफ नजारे के साथ गौतम के लंड के दर्शन हो रहे थे.. गौतम का लंड बहुत ही सुंदर बलिस्ट और परिपूर्ण लग रहा था जिसे देखकर सुमन की चुत में खुजली चलने लग गई थी मगर वह कुछ नहीं कर सकती थी. सुमन चाहती तो दरवाजा खुलवा कर अंदर जा सकती थी और गौतम और माधुरी को पड़कर हंगामा खड़ा कर सकती थी मगर उसने ऐसा कुछ नहीं किया और वह चुपचाप घुटनों पर बैठकर अंदर रूम में झांकती हुई दोनों की चुदाई देखने लगी.
गौतम ने माधुरी को जिस तरह अपने बस में करके चोदा था उससे माधुरी गौतम की गुलाम हो चुकी थी और आज भी गौतम के कहे अनुसार हर पोज में गौतम को काम संतुष्टि देकर अपने भी मन की इच्छा पूरी करवा रही थी
थोड़ी देर माधुरी को चोदने के बाद गौतम ने माधुरी को घुटने पर बैठा दिया और उसके मुंह पर अपना लंड हिलाते हुए सारा माल उसके मुंह पर निकाल दिया..
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यह देखकर सुमन काम की इच्छा से भर गई और वहां से उठकर वापस नीचे आ गई रेस्टोरेंट में बने लेडीज टॉयलेट में जाकर सुमन ने अपनी उंगली से अपनी प्यास बुझाने का निर्णय किया और कुछ ही देर में उंगली करके बाहर आ गई फिर से वह अपनी टेबल पर बैठ गई और गौतम का इंतजार करते हुए सोचने लगी कि गौतम किस तरह से इतनी अच्छी चुदाई कर लेता है और यह औरत कौन थी जो गौतम से चुद रही थी? देखने से तो वह भी गौतम की मां की बराबर ही लगती थी लेकिन गौतम किस तरह रंडी बनाकर उस औरत को चोद रहा था. आखिर थी कौन? औऱ कैसे गौतम के संपर्क में आइ? और गौतम से अपनी इच्छा या कहो काम इच्छा पूरी करवा रही थी.
गौतम और माधुरी दोनों ही काम के सागर में डुबकी लगाकर बाहर आ चुके थे और अब दोनों ही अपने-अपने कपड़े पहन कर खड़े हो चुके थे और साथ में नीचे आ गए..
गौतम टेबल पर बैठकर सुमन से माधुरी का परिचय करवाते हुए - माँ ये मेरी टीचर है..
सुमन झूठी मुस्कान के साथ - हेलो..
माधुरी भी उसी टेबल पर बैठके - हेलो.. कैसी हो आप..
सुमन - अच्छी..
माधुरी - गौतम बहुत तारीफ़ करता है आपकी.. मेरी माँ ऐसी है मेरी माँ वैसी है.. आज आपसे मिलने का मौका भी मिल गया..
सुमन - ग़ुगु ने कभी आपके बारे में नहीं बताया..
गौतम खाने में तनलीन था..
माधुरी मुस्कुराते हुए - कैसे बताएगा आपने कभी पूछा ही नहीं होगा.
सुमन - आपके गले पर ये निशान? लगता है किसी ने जोर से काटा है आपको..
माधुरी गौतम को देखते हुए - हाँ बहुत जोर से काटा है.. पर इसमें भी मज़ा है आप तो जानती होगी.. आपसे क्या छुपाना..
सुमन - आप यहां अकेली आई है?
माधुरी - हाँ कुछ काम था, पूरा हो गया तो अब चलती हूँ.. आप दोनों अपना खाना एन्जॉय कीजिये..
सुमन - ज़ी..
माधुरी गौतम और सुमन से विदा लेकर बाहर आ जाती है और माधुरी रेस्टोरेंट से निकल जाती है जबकि सुमन माधुरी को जाते हुए तब तक देखने लगती है जब तक कि वह उसकी आंखों से दूर नहीं हो जाती.. सुमन की आंखों में क्रोध और जलन साफ-साफ दिखाई दे रही थी गौतम से माधुरी का मिलन सुमन को जरा भी नहीं भाया था लेकिन सुमन गौतम और माधुरी को पड़कर या उनसे बात करके कि वह दोनों यह सब क्यों कर रहे हैं? नहीं पूछना चाहती थी..
सुमन जानती थी कि गौतम को उसकी बातों का बुरा लगेगा और अगर वह भी उससे रूठ गया तो सुमन कैसे गौतम के बिना जी पाएगी. मगर न जाने क्यों सुमन को अब पहले से ज्यादा गौतम पर लाड और प्यार आने लगा था वह चाहती थी कि गौतम खुश रहे और उसे दुनिया की हर खुशी मिले.. उसके मन में यह भाव अब और ज्यादा उमड़ रहे थे. यह भाव ममता से कहीं ज्यादा आगे के थे सुमन गौतम की ख़ुशी के लिए अब और भी ज्यादा जतन करने का इरादा करती थी.
गौतम - माँ खाना केसा है?
सुमन - बहुत अच्छा..
गौतम - लो ना.. ये मटन खाओ.. बहुत स्वाद बना है..
सुमन खाते हुए - हम्म.. अच्छा है..
गौतम और सुमन दोनों खाना खाने के बाद टेबल से खड़े हो जाते हैं और गौतम बिल पे करके सुमन के साथ रेस्टोरेंट से बाहर आ जाता है जहां गौतम पार्किंग में लगी अपनी बाइक निकाल कर सुनसान पड़ी सड़क पर बाहर आ जाता है और सुमन उसके पीछे बैठने लगती हैं. गौतम थोड़ी देर बाइक चला कर रास्ते में एक सुनसान पड़ी सड़क जहां किसी भी इंसान का कोई नामो निशान नहीं था उसके किनारे अपनी बाइक रोक लेता है और गौतम के बाइक रोकने पर सुमन से पूछता है कि क्या हुआ तब गौतम कहता है कि उसे बाथरूम आया है गौतम बाइक से उतरकर सड़क के किनारे बाथरूम करने लगता है और सुमन बाइक से उतरकर गौतम को बाथरूम करते हुए देखने लगती है गौतम का लंड उसकी आंखों के सामने था मगर सुमन के सामने गौतम के पीठ होने के कारण उसे देख नहीं पा रही थी.. सुमन के मन में उसे देखने की इच्छा थी मगर वह क्या कर सकती थी वह खुलकर गौतम से उसका लंड दिखाने के लिए का भी नहीं सकती थी और गौतम यह जान भी नहीं पा रहा था कि उसकी मां सुमन उसके लंड को देखने के लिए बेताब है और उसे मन ही मन में चाहने लगी है कुछ देर बाद गौतम बाथरूम करके वापस बाइक के पास आ गया जहां उसकी मां समान खड़ी थी सुमन गौतम को देखे जा रही थी और उसमें ही कोई हुई थी..
गौतम - माँ सिगरेट लाई हो?
सुमन अपने पर्स से सिगरेट का पैकेट औऱ लाइटर गौतम को देते हुए - लो..
गौतम एक सिगरेट निकालकर अपने होंठों पर लगा लेता औऱ सुमन गौतम के हाथ से लाइटर लेकर अपने हाथ से मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों पर लगी सिगरेट सुलगा देती है गौतम अपनी माँ के इस व्यवहार से चकित था मगर उसने कुछ नहीं कहा..
गौतम दो कश लेकर सिगरेट सुमन को दे देता है और सुमन भी दो तीन कश लेकर वापस से सिगरेट गौतम को दे देती है दोनों के बीच इस दौरान कोई बात नहीं होती मगर आंखों ही आंखों में बहुत सी बातें एक दूसरे को समझ आ जाती है जो बातें मुंह से कहने में दोनों को ही शर्म आ रही थी..
सिगरेट के खत्म होने पर गौतम वापस अपनी बाइक स्टार्ट करके उसे पर बैठ गया और सुमन भी उसके पीछे बाइक पर बैठ गई और दोनों वापस घर आ गए..
सुमन और गौतम अपने-अपने कमरे में जाकर सोने की तैयारी कर रहे थे और दोनों ने हीं अपने-अपने कपड़े बदल दिए थे रात के 11:00 बज रहे थे गौतम को जब अपने कमरे में नींद नहीं आई तो वो सुमन के कमरे में आ गया और उसने देखा कि सुमन भी आंखें खोलकर बिस्तर पर करवटें बदलती हुई इधर-उधर देख रही है अब तक दोनों में कोई बात नहीं हुई थी मगर सुमन ने गौतम को कमरे के दरवाजे पर खड़ा देखा तो वह हैरानी से बोली..
सुमन - क्या हुआ ग़ुगु?
गौतम - माँ मैं आपके साथ सो जाऊ?
सुमन मुस्कुराते हुए - इसमें पूछने की क्या बात है बेटा आजा.. सुमन ने अपनी दोनों बाहे फैला कर ऐसा कहा था औऱ गौतम आगे बढ़कर सुमन के गले से लग गया औऱ बिस्तर पर सुमन औऱ गौतम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भरे लेट गए..
गौतम सुमन के चुचे पर हाथ रखकर - माँ..
सुमन जानती थी गौतम उससे क्या पूछने वाला है इसलिए सुमन खुद ही गोतम से बोली - दूदू पीना है..
गौतम की आँखों में चमक आ गई औऱ वो बोला - हम्म..
सुमन ने अपना ब्लाउज औऱ ब्रा उतार कर बिस्तर के कोने पर रख दी औऱ गौतम को चुचे चुसवाने की नियत से इशारा कर दिया गौतम ने भी अपनी टीशर्ट उतारकार साइड में रख दी औऱ दोनों माँ बेटे कमर से ऊपर पूरी तरह नंगे होकर बिस्तर पर अपनी मर्यादा भूल रहे थे..
गौतम सुमन के चुचे पकड़कर मसलते हुए उनका दूध पी रहा था औऱ बार बार निप्पल्स को मरोड़ कर सुमन की काम पिपासा बढ़ा रहा था. आज गौतम जिस तरह से सुमन के बूब्स पर लव बाईट दी थी उससे सुमन को साफ पता चल गया था की अगर गौतम को उसकी चुत मिल जाए तो वो उसे भी चोद देगा.. मगर सुमन गौतम की मनमानिया सहते हुए अपने बूब्स को चुसवाने औऱ उनपर होने वाली लव बाईट का मज़ा ले रही थी..
करीब आधे घंटे गौतम ने सुमन के चुचो का स्वाद चखा औऱ उनपर अपने प्यार की छाप छोड़ी फिर सुमन ने गौतम से कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अब तक मन नहीं भरा तेरा?
गौतम - क्यों.. आपको नींद आ रही है माँ?
सुमन - नहीं बस ऐसे ही पूछा बेटा.. तुम जितना चाहो मम्मा का दूदू पी सकते हो..
गौतम - माँ एक गेम खेलोगी मेरे साथ? ट्रुथ एंड डेर वाला..
सुमन - ठीक पर कोई फालतू सवाल या काम नहीं बताना मुझे समझा?
गौतम सुमन के ऊपर आता हुआ - पक्का माँ.. अच्छा पहले eye कोंटेक्ट करते है जिसने पहले पलके झुका ली वो हार जाएगा..
सुमन - ठीक है.. चलो..
बिस्तर पर सुमन पीठ के बाद लेटी हुई थी और सुमन के ऊपर गौतम लेटा हुआ था गौतम के सीने में सुमन के निपल्स कड़क होकर इस तरह चुब रहे थे जैसे कोई तीर चुभ रहा हो जिसमें गौतम का बहुत आनंद आ रहा था सुमन भी इस बात से पूरी तरह वाकिफ थी और जानती थी कि गौतम को उसके ऊपर इस तरह लेटने में मजा आ रहा है.. सुमन औऱ गौतम दोनों कमर से ऊपर नंगे थे.. सुमन ने अपने दोनों हाथ गौतम के गले में डाल दिया और उसकी आंखों में देखने लगी.. सुमन ज्यादा देर तक अपनी आंखें खोल पाने में सफल नहीं रही और उसने अपनी पलके झुका कर झपका दी.. जिससे वो हार गई..
गौतम मुस्कुराते हुए - बताओ माँ ट्रुथ या डेर?
सुमन - ट्रुथ..
गौतम - शादी पहले कितने बॉयफ्रेंड थे आपके?
सुमन - ये क्या सवाल है.
गौतम - इतना आसान सवाल तो है.. बताओ ना..
सुमन - 2 थे.. एक स्कूल में एक बाहर..
गौतम - सेक्स किया था आपने उनके साथ?
सुमन - ग़ुगु एक ही सवाल करना था वो हो गया..
गौतम - माँ बताओ ना.. वही सवाल है अभी..
सुमन शरमाते हुए - हम्म किया था.. अब चलो वापस आँख मिलाओ.. वापस खेलते है..
सुमन और गौतम वापस से आई कॉन्टेक्ट खेलने लगे जिसमें वापस से सुमन की हार हो गई..
गौतम - बोलो.. ट्रुथ या डेर?
सुमन - तुम पता नहीं क्या पूछोगे.. इस बार डेर..
गौतम - अच्छा तो आपका डेर ये है की आप मुझे 2 मिनट लीप kiss करोगी..
सुमन हँसते हुए - सीधा बोल ना तुझे मेरे बोबो के बाद होंठ चाहिए चूसने के लिए.. बहुत बिगड़ गया है तू.. जवानी चढने लगी है तुझे..
सुमन बातें कर रही थी कि गौतम ने सुमन के होठों को अपने होठों में ले लिया और उसे चूमने लगा सुमन ने उसका कोई विरोध नहीं किया और प्यार से हंसते हुए मुस्कुराकर गौतम को अपने होंठ चूसाने लगी.. गौतम और सुमन के बीच चुंबन बहुत गहरा हो चुका था दोनों ही एक दूसरे को भर भर के अपने लबो के जाम पिला रहे थे और एक दूसरे के होंठों से मदिरा का प्याला पी रहे थे, 2 मिनट लंबा होने वाला चुंबन कब 10 मिनट से ऊपर हो गया दोनों को पता ही नहीं चला और दोनों आप एक दूसरे के मुंह का स्वाद लेने में और देने में लगे थे दोनों की जीभ वापस में ऐसे लड़ रही थी जैसे कुश्ती के अखाड़े में पहलवान लड़ते हैं. सुमन काम के सागर में इतनी डूब गई थी कि उसने गौतम के लबो को चूमते हुए और चूसते हुए उसपर एक जोर की लव बाईट कर ली जिससे गौतम की आवाज निकल गई और दोनों का चुंबन टूट गया..
सुमन - तू ठीक है ना ग़ुगु? गलती से काट लिया बेटा.. माफ़ कर दे मम्मा को.. देखा मुझे..
गौतम - कुछ नहीं हुआ माँ.. सब ठीक है..
सुमन - सॉरी बेटू.. इतना जोर से काट लिया तेरे होंठों को..
गौतम सुमन के निप्पल्स मसलते हुए - कोई बात नहीं माँ.. वैसे किसिंग बहुत अच्छा करती हो आप.. कहा से सीखा बताओ ना?
सुमन आह भरते हुए - कहीं नहीं बेटा.. तू भी बहुत अच्छा चूमता है.. दो मिनट से कब दस मिनट हो गए पता ही नहीं चला.
गौतम - आओ माँ वापस खेलते है..
सुमन - नहीं अब नहीं.. ना जाने तू क्या क्या पूछेगा औऱ क्या क्या करवा लेगा मुझसे..
गौतम सुमन की गांड पर हाथ रख देता है औऱ गांड मसलते हुए कहता है - प्लीज ना माँ..
सुमन भी काम की अग्नि में जल रही थी उसने गौतम का हाथ अपनी गांड से नहीं हटाया औऱ गोतम से बोली - ग़ुगु तू ना बहुत शैतान हो गया है.. आजकल बिलकुल भी मेरा कहा नहीं मानता.. चल ठीक ही मिला ले आँखे.. इस बार मैं तुझे हरा के रहूंगी..
गौतम और सुमन फिर से ऑइ कांटेक्ट करते हैं और इस बार वापस गौतम सुमन को हरा देता है
गौतम - बड़ी आई थी आप मुझे हराने वाली.. चलो बताओ क्या लोगी..
सुमन मुस्कुराते हुए - ट्रुथ..
गौतम - अच्छा तो बताओ पापा औऱ आपके बीच कब से सेक्स नहीं हुआ..
सुमन प्यार से गौतम के होंठ पकड़कर - कैसे कैसे सवाल पूछ रहा है, लगता है मार खाने का इरादा है मेरे ग़ुगु आज..
गौतम उदास मुंह बनाकर - नहीं बताना तो ठीक है जाने दो, सो जाते है..
सुमन ने गौतम का चेहरा अपने हाथ में ले लिया औऱ उसके होंठों पर एक के बाद एक 8 चुम्मे कर डाले औऱ फिर प्यार से बोली - आठ साल हो गए.. बस.. अब चल अच्छे बच्चे की तरह सो जा.. औऱ कोई ऐसी वैसी शरारत मत करना वरना बहुत मारूंगी तुझे...
गौतम - ठीक है जैसा आप कहो.. एक बात बोलू..
सुमन - हम्म..
गौतम बूब्स पकड़कर निप्पल्स से खेलते हुए - आपके बूब्स पर टैटू बहुत अच्छा लगेगा..
सुमन - तू कहेगा तो बनवा लुंगी.. पर बनता कहा है टेटू?
गौतम- उसकी फ़िक्र आप मत करो मैं आपको ले चलूँगा मैं जानता हूँ जो ये बनाता है..
सुमन - अच्छा ठीक है पर कोई सस्ता वाला देखना..
गौतम - उसकी चिंता आप मत करो.. वैसे आपके इंस्टा अकॉउंट का क्या हुआ?
सुमन - वो मैंने डिलीट कर दिया..
गौतम - पर क्यों? इतने सारे फॉलोअर थे आपके..
सुमन - बस ऐसे ही ग़ुगु.. लोग बहुत गंदे massage करते थे..
गौतम - कब डिलीट किया
सुमन - एक हफ्ता हो गया..
गौतम - कोई बात नहीं.. आपका मन हो तो वापस बना लेना.
सुमन - हम्म.. चलो अब मम्मा को गुड नाईट किस दो औऱ सो जाओ..
गौतम सुमन के होंठ चूमने लगता है औऱ सुमन गौतम के चेहरे को पकड़ के चूमती हुई अपनी जीभ वापस गौतम के मुंह में डाल देती है औऱ उसे चूमने लगती है.. दोनों एकदूसरे को चूमने के बाद एक दूसरे से लिपटकर सो जाते है..
नींद आते ही गौतम को सपने में एक गाँव दीखता है जहाँ दो औरत तेज़ी से कहीं जा रही थी.. गौतम को ऐसा लग रहा था जैसे उसे ये गाँव औऱ जगह देखी हुई है औऱ वो उन औरतों को जानता है.. गौतम सपने में आगे जो देखता उससे वो नींद में बड़बड़ाने लगता है..