ब्यानजी रूम में आयी। दोनो को रूम में एक साथ देख कर उन्हें लग तो गया कि कही दोनो ब्याही आज मिलकर दोनों छेद तो नही भरने वाले है। ये सोचकर ब्यानजी घबरा गई।और दरवाजे की तरफ जाने लगी तब नन्दोईजी ने उठकर ब्यानजी को पीछे से दबोचते हुए कहा ओ म्हारी लाडकडी ब्यान कटे चाली आ म्हाने थांके लाड़ तो लडाबा दे और नन्दोईजी ने ब्यानजी को पकड़ कर सोफे पर बैठा लिया। ब्यानजी नन्दोईजी को जवाब देते हुए बोली ब्याहीजी कितरा लाड़ लड़ाओ म्हारे ।।दोनु ब्याही लाड़ तो लड़ा दिया म्हारे।और किसान लाड़ लड़ाओ म्हारे।।
अब मेरे पति बोले ब्यानजी देखो आज तो थाने लाड़ लड़ा लडार पूरी रांड बनार छोड़ा। आज तो थाने गालिया दे देर चोदा और थांका सारा अंग मसल मसल कर चोदा.
थांकी भरी हुई गांड पर थप्पड़ मारा और थांकी रसभरी में लौडो अन्दर तक घुसा कर थांका बाल पकड़कर रांड की तरह चोदा थाने।ब्यानजी मेरे पति के मुंह से ये सुनकर और घबरा गयी ।दोनो ने वियाग्रा वाला दूध पी रखा था ।दोनो के लौड़े टनाटन खड़े थे। दोनो के पजामे तम्बू बने हुए थे ब्यानजी कि नजर उन पर पड़ी और ब्यानजी वापस घबरा गयीं।
अब नन्दोईजी भी मेरे पति के स्वर में बोले कितनी किस्मतवाली हो म्हाकी बयान रांड !! जो थे 2 2 लण्ड पा गी। जिंदगी भर दीपक लेकर ढूंढती तो भी नी पाती। देखजो थे जिंदगी भर आज की रात की रंगरलिया सोच सोचकर अपना बोसड़ा में ऊँगली डालकर मुठ मारोली।।।अब ब्यानजी बोली ओ म्हारा ब्याहीजी मत बनाओ मने रांड छोड़ दो मने। ब्यानजी सती सावित्री बनती हुई बोली आज तक थांका ब्याहीजी के अलावा कोई ने भी नी चढ़ाई म म्हारा ऊपर थे दोनु चढ़ कर पेली बर्बाद कर दी मने थांका ब्याहीजी ने कांई मुँह दिखाऊ म।।अब थांकी ही ब्यान हु ब्याहीजी जो भी करो प्यार सु करजो इतरी मत फाड़जो जो थांका ब्याही ने मालूम पड़े।मेरे पति बोले ब्यानजी सबसे ज्यादा मजो चुदाई म रांड ने ही आवे क्युकि बे खुल कर चुदे। इसलिये आज थाने पुरो खुलकर मजो देवा।
इधर नन्दोईजी से तो अब रुका नहीं जा रहा था और उन्होंने ब्यानजी के पास आकर ब्यानजी की जांघ को सहलाना शुरू कर दिया. फिर दूसरी ओर से मेरे पति भी आ गये और ब्यानजी की दूसरी जांघ को सहलाने लगे.
अब सोफे पर ब्यान बीच मे और उनके दोनों ब्याही उनकी दोनो ओर थे। ब्यानजी ने घाघरा और लुगड़ी पहन रखा था और वो दोनों कुर्ते पजामे में थे । ब्यानजी ने एक लंबा घूंघट भी ले रखा था।
मेरे पति बोले ब्यानजी आज की रात तो यादगार रेबा ली ह। थाने जिंदगी भर याद रेही या रात की दो दो ब्याही एक साथ ।
मेरे नन्दोईजी बीच मे बोले हाँ ब्यानजी थांकी जीसान मालदार ब्यान की तो इसान जबरदस्त ठुकाई भी होनी चावे आज
तो म्हे थाने पूरी रांड बनार छोड़ा।।म्हारी ब्यानरांड...मेरे पति भी बोले हाँ ब्यानजी आज तो रांड की जीसान पूरी मस्का देवा थांकी सूजा कर मेल देवा।।
अब नन्दोईजी बीच बीच में ब्यानजी के गर्दन पर हल्के चुम्बन भी दे रहे थे ताकि ब्यानजी जल्दी गर्म हो सके। ब्यानजी अभी भी सोच के ही कांप रही थी कि उनके आज एक साथ दो घुसने वाले थे। ब्यानजी नन्दोईजी की बातों से और घबरा गई।।ब्यानजी बार बार दोनो को मना कर रही थी बोल रही थी ब्याहीजी मान जाओ अब तो मत करो। काल रात फिर सुबह। अब तो रुको। और दो दो डालकर फाड़ो कांई म्हारी ने, थांका ब्याहीजी के सामने फाटोड़ी किसान लेर जाउ। मान जाओ म्हारा ब्याहीजी।और अंदर से ब्यान खुश भी हो रही थी दो दो लौड़े पाके। बस उन्हें डर ये था कि उन्होंने एक साथ दो केले पहले नही खाये थे।
नन्दोईजी बोले ब्यानजी फिक्र मत करो थांके मोची सु टांका लगार भिजवा देवा। और मेरे पति और नन्दोईजी दोनों हँसने लगे।
फिर उन दोनों ने ब्यानजी को दोनों ओर से बांहों के घेरे में कैद कर लिया और ब्यानजी को दोनों ओर से चूमने लगे.
ब्यानजी के बदन में भी मदहोशी छाने लगी. की दो दो मर्द उन्हें अपने आगोश में समाने के लिए बेताब हो रहे थे.
दोनों ने ब्यानजी को अपनी बांहों में भर लिया और उन्हें चूमने लगे.नन्दोईजी ब्यानजी के गाल को चूम रहे थे और मेरे पति ब्यानजी की गर्दन और लिप्स को अपने मुंह में लेकर चूस रहे थे। ब्यानजी उन दोनों के बीच में जैसे जल बिन मछली की तरह छटपटा रही थी।आह आउच ब्याहीजी मानो मति करो म्हारा ब्याहीजी।छोड़ दो मने जाबा दो।।
अब मेरे पति ब्यानजी की चूचियों को छेड़ने लगे और उनकी देखा देखी नन्दोईजी भी दूसरी ओर से ब्यानजी के बोबो को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगे.। ब्यानजी ने झूठा मुठा विरोध किया पर अब ब्यानजी की लुगड़ी नीचे गिर चुकी थी और उनके काले ब्लाउज में कैद उनके गोरे चूचे जैसे उन दोनों को पागल करने लगे.
वो जोर जोर से ब्यानजी के बोबो को दबाने लगे.
उसके बाद नन्दोईजी ने पीछे से ब्यानजी के ब्लाउज का हुक खोल दिया. और ब्यानजी के ब्लाउज को उतार दिया और ब्यानजी की मोटी मोटी गोरी चूचियां उन दोनों मर्दों के सामने नंगी हो गयीं।
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ब्यानजी दोनो हाथो से उन्हें ढकने का असफल प्रयास करने लगी। पर वो दोनों ब्यानजी की चूचियों पर दोनों ही तरफ से टूट पड़े. एक चूची को नन्दोईजी ने तो दूसरी को मेरे पति ने अपने मुंह में भर लिया.
वो दोनों जोर जोर से ब्यानजी के बोबो को चूसने लगे और उनके निप्पलों को काटने लगे.
आ… आआ… आआह… आअ… उउ… ऊहह… ब्याहीजी मती काटो रे।।ऊईई…उफ्फ्फ्फ़…बस.. रुक जाओ रे.. अब और नी. दुखा दिया रे ब्याहीजी.”
दो दो मर्दों की जीभ का स्पर्श अपने निप्पलों पर पाकर ब्यानजी तो मदहोश होने लगी. और अब वो भी गर्म होकर उन दोनों के सिर को अपने बोबो में दबाने लगी.।उनके कड़क निप्पल देखकर नन्दोईजी समझ गये ब्यान अब चुदने के लिए तैयार होने लगी है।
तभी नन्दोईजी ने ब्यानजी के घाघरे को घुटनों तक उठा कर अपना हाथ उनकी जांघों में दे दिया और उनकी जांघों पर हाथ फेरते हुए उनकी चूत को टटोलने लगे. जैसे ही उनका हाथ ब्यानजी की चूत पर पड़ा उन्होंने ब्यानजी की चूत को पूरी की पूरी अपनी हथेली से कवर करते हुए चूत को पकड़ कर हाथ में भींच दिया।।.आह्ह्ह्हह आईईईईईई। धीईरे……. धीईर्र……ब्याहीजी।।।
ब्यानजी एकदम से सिहर गयी फिर नन्दोईजी ब्यानजी की चूत को सहलाने लगे।और ब्यानजी के चूत के दाने को मसलने लगे अपनी दो उंगुली ब्यानजी के चीरे में उतार दी ब्यानजी एकदमसे सिसक गयी
"ओह ... आह ऽ .... आह ऽ.... ओह ऽ ...।।
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इधर मेरे पति भी ब्यानजी की चूची से बच्चे की तरह खेल रहे थे.पूरे निप्पल को मुँह में लेके जोर जोर से चुसाई कर रहे थे।
अब नन्दोईजी से और सब्र नही हुआ और उन्होंने ब्यानजी के घाघरे का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे सरका कर ब्यानजी की टांगों से अलग करवा दिया. अब ब्यानजी पूरी की पूरी नँगी दो मर्दो के बीच बैठी थी।
ब्यानजी बोली ब्रारे पूरी नागी कर दी मने तो ब्याहीजी मानो छोड़ दो कोई ने मुंह दिखाबा लायक नई रेउ।
फिर नन्दोईजी नीचे उठ कर घुटनों के बल बैठ गये. और उन्होंने ब्यानजी की पीठ को सोफे से सटा दिया और फिर उनकी जांघों को फैलाते हुए उनकी दोनों टांगों को खोल दिया. ब्यानजी की रसभरी उनके सामने उभर कर आ गयी.
नन्दोईजी ब्यानजी की चूत को चाट चाट कर जैसे खाने लगे
ब्याहीजी ब्या...ही…जी... म..त. क..रो…ओह..हह.ह.ह.ह.. म..म..र..जाऊं..ली..ई..ई…” नन्दोईजी जीभ से उनका रस चूस रहे थे.. और ब्यानजी..”हे रामजी… ब्याहीजी तो कोई ने मुँह दिखाबा लायक नी छोड़ी” ओ….आह..उफ़
और अब मेरे पति के दोनों हाथों में ब्यानजी के दोनों भारी भारी चूचे थे. वो उनको दबा दबा कर पी रहे थे. ब्यानजी की चूत अब गीली होने लगी.।। फिर उन दोनों ने ब्यानजी को खड़ी किया और दोनों ब्यानजी पर ऐसे टूट पड़े जैसे गिद्ध किसी मांस के टुकड़े को नोंचने लगते हैं.
वो दोनों ब्यानजी के बदन को ऊपर नीचे और आगे पीछे से चूमने, चूसने और चाटने लगे. ब्यानजी के कानों से लेकर गांड के छेद तक और उनकी चूत से लेकर उनके पंजों तक उनके शरीर का कोई अंग उन्होंने चाटे बिना नहीं छोड़ा.
नन्दोईजी ने ब्यानजी की गांड की दरार मे अपनी बीच वाली उंगली डालकर उनकी गहरी दरार का जायजा लेने लगे।
वाह ब्यान थांकी गांड तो कांई मस्त है... लागे है खूब मर्द सवारी कर रिया है इ गाँड की...
ब्यानजी को वापस सोफे पर बैठाया और दोनों वापस उनके अगल बगल बैठ गए। फिर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े भी निकाल दिये और दोनों पूरे के पूरे नंगे हो गये. नन्दोईजी और मेरे पति दोनों का ही लौड़ा लगभग एक जैसा ही था.दोनो ही लौड़े ब्यानजी खा चुकी थी। दोनो ब्यानजी के एक एक हाथ को अपने लौड़े पर रख दिया ब्यानजी के एक एक बोबे को अपने मुँह में भर लिया। ब्यानजी भी गर्म हो चुकी थी वो भी दोनो हाथो से दोनों लौड़े मसले जा रही थी । और लंबी लम्बी आहे भर रही थी।।
अब दोनों ने अपने लौड़े ब्यानजी को चूसने के लिए कहा.।।ब्यानजी मना करती करती अपने घुटनों पर बैठ गयी और वो दोनों अपने अपने लौड़े ब्यानजी के मुँह के सामने हिलाने लगे और ब्यानजी दोनो के लौड़ों को बारी बारी से चूसने लगी।
कभी नन्दोईजी के लंड को चूसती और कभी मेरे पति के लंड को। ब्यानजी दोनों के लंड को चूस रही थी और वो दोनों आंखें बंद करके अपने लंड को चुसवाने का मजा ले रहे थे.
ब्यानजी के मुँह से लंड चूसने से लार बह रही थी, जिसके कारण उनके दोनों बोबे पूरे गीले हो गए।। उन दोनों ने अपने-अपने हाथों में ब्यानजी के दोनों बोबो को पकड़ रखा था और उनके बोबो को दबाने का मजा ले रहे थे।।
ब्यानजी
अब तो तीनों से ही और इंतज़ार मुश्किल हो रहा था।
फिर वो ब्यानजी को बेड पर ले गये और फिर से चूमने लगे. फिर वापस नन्दोईजी ब्यानजी की चूत को जीभ से सहलाने लगें
ब्यानजी के मुंह से जोर जोर की सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … स्सस … आई … ओह्ह … उफ्फ … ओह्ह रामजी … आह … ऊफ़… आह्ह … … आई …बाई रे.. आह्ह।
ब्यानजी की चूत में भी लौड़े के लिए बहुत तेज प्यास लगी थी.उनसे भी अब रहा नही जा रहा था वो भी चाह रही थी कि बस अब लौड़े की एंट्री उनकी चूत में हो जाये पर शर्म के मारे कह नही पा रही थी कि आओ ब्याहीजी अब थांकी ब्यान की चूत में थांको मूसल डाल कर जोर जोर से चोद दो।।
।। एक बार फिर से वो दोनों ब्यानजी के ऊपर टूट पड़े. मेरे पति ने ब्यानजी के मुंह में अपना लंड दे दिया और नन्दोईजी ब्यानजी की चूत को चूसने लगए.
अब चूदासी ब्यानजी मेरे पति के लंड को जीभ फिरा फिरा कर चूसने लगी और मेरे पति ब्यानजी के मुंह में धक्के देने लगे. साथ ही साथ वो ब्यानजी की मोटी मोटी चूचियों को जोर से भींच रहै थे. अब ब्यानजी की हालत देखिये.
एक ओर नीचे नन्दोईजी ब्यानजी की चूत में जीभ चला चला कर उन्हें पागल कर रहे थे . दूसरी ओर ऊपर की तरफ मेरे पति ब्यानजी के मुंह में लंड का मजा दे रहे थे और साथ ही ब्यानजी की चूचियों का मर्दन भी हो रहा था.
ब्यानजी तो मदहोशी की हालत में जाने लगी.
अब नन्दोईजी ने ब्यानजी की टांगों को ऊपर उठाकर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया नन्दोईजी का लाल सुपाड़ा ब्यानजी की गीली चूत में गप्प से घुस गया और नन्दोईजी लौड़े को अंदर बाहर कर ब्यानजी को चोदने लगे.
ब्यानजी के मुँह में अभी भी मेरे पति का लंड था और वो लगातार अपने लंड को धक्के लगा लगा कर ब्यानजी के मुंह में घुसाये जा रहे थे. मुँह में लौड़ा होने के कारण ब्यान कुछ बोल भी नही पा रही थी। इस समय ब्यानजी मुँह और चूत दोनों तरफ से ठुक रही थी।।
नन्दोईजी की स्पीड बढ़ती ही जा रही थी कमरे में तेज तेज धक्कों की पट पट … फट फट की आवाजें गूंज रही थीं।
नन्दोईजी के धक्के ब्यानजी की चूत में बराबर लग रहे थे. मेरे पति का निकलने वाला था इसलिए उन्होंने ब्यान के मुंह से अपने लौड़े को निकाल लिया और अब केवल नन्दोईजी ही ब्यान को चोदने लगे। ब्यानजी ने भी नन्दोईजी को अपनी बांहों में जकड़ लिया और उनके चूतड़ों पर अपनी टांगें लपेट कर चुदने लगी. नन्दोईजी भी धक्के लगाते हुए बड़बड़ाते जा रहे थे। ल म्हारी ब्यान और ल थारे ब्याही को लण्ड।ल आज तो चोद चोद ढीली कर देउ थारी।।
अरे ब्रारे ब्याहीजी धीरे धीरे मारो धक्का दुख जाई म्हारी
उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओ ब्याहीजी … उफ्फ … अम्म … आह्हा … स्स्श… ब्यानजी तो जैसे आनंद में बहने सी लगी.ब्याहीजी धीरे! … आह्ह … धीरे … आह्ह … आह्ह … … आराम सु … ओह्ह!
आह्ह … उईई … माँ … आह्ह … आहह … ओह्ह!
नन्दोईजी लगातार ब्यानजी की चूत में धक्कमपेल कर रहे थे
इस बीच नन्दोईजीने अपने होंठ ब्यानजी के मुंह में दे दिए और तेज तेज धक्के मारने लगे।
और इस बीच में ब्यानजी का शरीर अकड़ने लगा
आआह आआह आआह… उई म्मा… आआआआह… हाय हाय हाय… सीईई ईईई…
और उन्होंने सिस्कारते हुए अपनी रसभरी का पानी छोड़ दिया। आह ब्रारे झड़ा दी मने । आह म्हारा ब्याहीजी कितरी बार ठोको म्हारी अब तो रेबा दो।। पर दोनों कहा रुकने वाले थे
अब दोनों ने भी अपनी पोजीशन चेंज कर ली
अब नन्दोईजी ने ब्यानजी के मुंह में लंड दे दिया और चुसवाने लगे ब्यानजी भी खुद के रस से सराबोर लौड़े को चूसने लगी ।जबकि मेरे पति ने ब्यानजी की चूत की पोजीशन संभाल ली.
मेरे पति ने ब्यानजी की चूत में अपना लंड लगाया और अंदर पेल दिया.
लंड अंदर गच्च से चला गया और मेरे पति बड़े ही रिदम के साथ ब्यानजी चुदाई करने लगे. कुछ देर चोदने के बाद मेरे पति ने चोदने की पोजीशन चेंज करी और अब ब्यानजी
मेरे पति के ऊपर आ गयी और उनकी जांघों के बीच में बैठते हुए ब्यानजी ने अपनी चूत मे मेरे पति का लंड ले लिया और कूद कूद कर चुदने लगी।।आआह आआह आआह… उई म्मा… आआआआह… हाय हाय हाय… सीईई ईईई…
नन्दोईजी ने ब्यानजी के पास एक बार फिर उनके मुंह में लंड दे दिया और ब्यानजी चुदते हुए लौड़ा भी चूसने लगी.
कुछ देर लंड चुसवा कर नन्दोईजी ने ब्यानजी को मेरे पति के ऊपर झुका कर उनकी छाती पर लिटा दिया. मेरे पति का लंड ब्यानजी चूत में ही था. फिर नन्दोईजी ने ब्यानजी गांड पर थूक लगाया और अपने लंड का सुपारा ब्यानजी की गांड पर रगड़ने लगे. ब्यानजी जान गयी कि उनकी गांड मारी जाने वाली है.। ब्यानजी बोली नही ब्याहीजी मत डालो एक साथ ।
अब नन्दोईजी ने धक्का लगाया और ब्यानजी की चीख निकल गयी. आह मर गी रे ब्रारे … निकालो इने … सहन नी हो रिये ब्याहीजी … बहुत दुख रिये।। मति फाड़ो रे म्हारा ब्याहीजी ।।।
मगर मेरे पति ने ब्यानजी के होंठों को अपने होंठों से लॉक कर लिया और इतने में ही नन्दोईजी ने जोर लगा कर पूरा लंड ब्यानजी की गांड में घुसा दिया
आआईईई अ...रे...बाई...रे..आआह्ह ह्ह् बचा लो आआह्ह्ह आराम से... अह्ह्ह्ह्ह…! आःह्ह्ह आउच… ब्याहीजी आराम से… दर्द हो.......रियो.. है… आःह्ह्ह आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह…
. दो मिनट का विराम देकर एक बार फिर से दोनों लौड़े ब्यानजी के छेदों को खोलने लगे.
नन्दोईजी का लंड ब्यानजी की गांड चोद रहा था और मेरे पति का लंड ब्यानजी की चूत। लेकिन ब्यानजी की चिकनी चूत से मेरे पति का लण्ड फिसल कर बाहर आ गया।। अब मेरे पति वापस पूरे लौड़े को ब्यानजी की चूत में समाने वाले थे ।। दूसरी और ब्यानजी की गांड में नन्दोईजी का पूरा तो नहीं लेकिन आधे से ज्यादा लौड़ा फिट था। अब मेरे पतिदेव ने वापस डालने के लिए ब्यानजी की रसभरी पर अपना मूसल रखा और एक तेज़ करारा शॉट मारा और रुक गये।
अब ब्यानजी को महसूस हो गया कि उनके दोनों छेदों में वापस लौड़े घुस चुके हैं ।।उन्हें इस बार भी बहुत दर्द हुआ, और वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी। आह्ह … उईई … माँ … आह्ह … आहह … ओह्ह!ब्याहीजी दुखे।।।।।
ब्यानजी की चूत में भी लौड़ा जाने की वजह से उनकी गांड में नन्दोईजी का लौड़ा और कस गया था। इसके अलावा उनकी चूत भी मेरे पति के लौड़े को आसानी से नहीं ले पा रही थी।
ब्यानजी को इतना दर्द हो रहा था कि पुछो मत पर उनके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था।
ब्यानजी के मुंह से निकला- ओ म्हारी माँ, वापस दो चढ़ गया। हाय!हाँ आह… आह… सी… सी… सी… आः… आह… ब्रारे ब्याहीजी तो फाड़ ही दी म्हारी… आह… आ…ह…सी…सी…
अगर अब कोई कमरे का नज़ारा देखता तो उसकी आंखें खुली की खुली रह जातीं। वो दोनों भी तकड़े, थे और ब्यानजी भी औरतों के मुकाबले कुछ ज़्यादा ही भरी भरी थी। तो तांगा जुड़ चुका था ।
“जीजाजी बारी बारी … हो जाओ शुरू!” मेरे पति की आवाज़ आयी और नन्दोईजी ने नीचे ब्यानजी की गांड में एक धीमा मगर लंबा शॉट मारा और रुक गये। इसके बाद मेरे पति ने ऐसे ही एक शॉट मारा और रुके।
ब्यानजी भी तरह तरह की आवाजें निकाल रही थी।ब्यानजी बोली ब्याहीजी तो पूरी रांड बना दी मने इसान की ठुकाई तो रांडा की भी नी हुवे जीसान म्हारी हो रिये।।
थोड़ी देर तक उन्हें लगातार इसी तरह चोदने के बाद मेरे पति अचानक रुके और नन्दोईजी से बोले-अब एक साथ जाबा दो अंदर! और स्पीड तेज़ कर दी।
नन्दोईजी उनकी बात सुनकर नन्दोईजी जोश में आ गये और उन्होंने भी कहा- चालो अब करा ब्यान की जोरदार खुदाई ।
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यह कह कर दोनों ने ब्यानजी की वो तूफानी चुदाई शुरू कर दी कि उनकी चूत और गांड में छक्के छूट गए। पलँग ज़ोरों से हिलने लगा और ‘चूं … चूं …’ की आवाज़ करने लगा। अब ब्यानजी के मुंह से बस ‘हूँ … हूँ … हूँ …’ की आवाज़ निकल रही थी। तेज़ गति में उन दोनों ने 10-12 शॉट ही मारे कि ब्यानजी की रसभरी ने घुटने टेक दिए और वो ज़ोरों से झड़ने लगी। हाय म्हारी माँ कांई कर दिया ब्याहीजी मुंह से बहुत ऊंची आवाज में ‘ निकला और ब्यानजी पतिदेव के सीने पर बदहवासी से सांस लेते हुए पसर गई।
लेकिन ब्यानजी के झड़ने के बाद भी उनकी गति में कोई फर्क नहीं आया और वो दोनो लौड़े उन्हें ‘ताड़ … ताड़ …’ करके 15-20 मिनट तक चोदते रहे। ईईइ… ब्याहीजी… उईईइ… म्मा… ओह…अब तो रुको… ऊईइ… ओह… छोड़ो मने… ओईईइ… माआआ… अह्ह्ह… य़ाआअ…!!’
नन्दोईजी भी ब्यानजी के लण्ड पेलते हुए बोले जा रहे थे ।।उफ़ ले ब्यान चुद.. अहह ले चुद ब्यान।। ल ब्यान रांड आज तो थांके दो दो लौड़ा से ठोका.. आह आह ल चुदक्कड़ ब्यानरांड म्हारो मोटो लौडो थारी गांड मे… आह वाह कांई गांड ह ब्यान थारी!
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मत चोदो रे ब्याहीजी... छोड़ दो मने ... आज म्हारी वाली बहुत थक गी रे, काल सु ले रिया म्हारी ने ।।अब तो अड़बा सु भी दुख रिये
और चुदवाऊंली तो मर ही जाऊंली ब्याहीजी!"
पीछे सु भी मत मारो रे ब्याहीजी दुखे है रे .... रे ... थांका ह भी तो घना मोटा मोटा खोल देवे म्हारी ने।।
अरे ब्रारे ब्यानजी बचालो मने कटे फ़सवा दी मने।
एक और तूफानी चुदाई के बाद ब्यानजी एक बार फिर ज़ोरों से झड़ गयी। मगर वो थे कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। ये देख कर ब्यानजी ने हांफते हुए उन दोनों से कहा- बस करो ब्याहीजी रेबा दो … दो बार हो गयो म्हारो , कितरी लेओ म्हारी ने?
नन्दोईजी हँसे और बोले ब्यानजी अबार तो काम शुरूहुयो ह सुबह तक थांकी चाल ही नी बदली तो किसान पतो चाली थे ब्याही के घर आ रखिया हो।।
मेरे पति भी ब्यानजी की चूत में अपना लौड़ा पेलते हुए बोले ब्यानजी हाल तो थाने सुबह तक चुदनो ह। उनकी बात सुनकर ब्यानजी के होश उड़ गए। अभी तो उन्होंने उन्हें 30-40 मिनट ही चोदा था और सुबह तक चुदने की बात सुनकर वो घबरा सी गयी। अब उन्हें पता चल चुका था कि जोश जोश में ब्यानजी ने मेरे से गलत पंगा ले लिया था। उन्हें यह भी पता था कि उनकी चूत और गांड दोनों के छेद सुबह तक इतने खोल दिए जाएंगे कि किसी छोटे लण्ड से तो वो शायद कभी न झड़ सके।दोनो ने अपनी स्पीड बड़ा दी मेरे पति के टट्टे तक ब्यानजी की चूत के साथ टच करते थे और नन्दोईजी के टट्टे भी ब्यानजी की गांड को लगते थे.
अब दोनों ने अपनी स्पीड बढा दी और पिच्छह … पिच्छह … की आवाज के साथ चोदने लगा।।
ब्यानजी भी अब उनके जोरदार धक्कों से हिलते हुए आगे पीछे होने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहह … आहह … स्सी … आई … आहह … करने लगी।
ब्यानजीअब पूरे मजे ले रही थी- आहह … ब्याहीजी. आह
उफ़ उई आह जुल्मी ब्याही फाड़ दिया रे म्हारो बोस्यो हरजाई ब्याही अब तो छोड़ो… आह अह अह सी सी … म्हारी गांड फाड़ दी ब्याहीजी थे तो… उई .. उफ़…
और फिर दोनों ने अपना माल दोनो छेदो में डाल दिया
ब्यानजी ने राहत की सांस ली वो
जब ब्यानजी उठी तो ढेर सारा गाढ़ा वीर्य उनकी गांड और चूत से बाहर रिस कर, उनकी टाँगों तक गया।
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पीछे हाथ लगा कर देखा तो उनकी गांड का मुंह बुरी तरह से खुला था। उन्होंने ज़ोर लगा कर उसे बंद करने की कोशिश भी की ताकि वीर्य बाहर निकलना बंद हो जाये, लेकिन गांड थी कि पूरी तरह बंद नहीं हुई।
फिर ब्यानजी नीचे हाथ लगाकर अपनी गांड को चेक करने लगी तो सीधी 3 उंगलियां उनकी गांड में घप्प से घुस गयीं। उनके मुंह से अनायास ही निकल गया- अरे राम ब्याहीजी कांई कर दिया यो अरे ब्रारे इतरी खोल दी म्हारी।
ब्यानजी की बात सुनकर वो दोनों हँसने लगे। ब्यानजी नँगी ही भागकर वाशरूम गयी । अपनी चूत को देखा तो वो मुँह फाड़कर फैली हुई पड़ी थी।थोड़ी देर तक ब्यानजी वाशरूम में खुद को संभालती रही वापस आयी तो उनकी नज़र दोनो के पूरी तरह तने हुए काले लौडों पर पड़ी ।।नन्दोईजी ब्यानजी के आगे आये और उन्होंने खड़े खड़े ही ब्यानजी के घप्प से लण्ड उनकी चूत में डाल दिया। ब्यानजी के दोनों बड़े बड़े और दूध से सफेद चूतड़ नन्दोईजी के फौलादी हाथों में थरथरा रहे। उन दोनों को पकड़ कर नन्दोईजी ने 8-10 शॉट अपने लौड़े से तेज़ी से ‘फच … फच …’ की आवाज़ के साथ मारे।
ब्यानजी के मुख से अनायास ही ‘हाय ब्याहीजी, हाय म्हारी माँ, ठेठ अंदर तक घुस गयो म्हारी , माँ, हाये!’ की अलग अलग तरह की आवाज़ें निकल रही थीं। इन तीक्ष्ण तेज़ शॉट मारने के बाद नन्दोईजी रुके और बोले- सालाजी, डालो ब्यानजी की गांड में भी लौडो, बड़ी मालदार ब्यान ह।
यह सुनकर मेरे पति ब्यानजी के पीछे आ गए और उन्होंने अपना लौड़ा ब्यानजी की गांड में जड़ तक पेल दिया।
इसके बाद वो खड़े खड़े ही ब्यानजी को हब्शियों की तरह चोदने लगे।
ब्यानजी के मुंह से तरह तरह की बकवास निकलने लगी- मर गी रे, फट गी, हूँ हूँ हूँ … एक साथ दो ..मां … हाये म्हारी मां हो हो हो।
दोनों छेदों में चुदने के दौरान ब्यानजी को अपना निचला हिस्सा पूरी तरह भरा भरा लग रहा था और ब्यानजी को अब कोई कमी महसूस नहीं हो रही थी।
इतनी घनघोर चुदाई । चुदने के दौरान ब्यानजी की चूत और गांड से ‘पुच्च … पुच्च …’ की बहुत ही तेज़ आवाज़ें निकल रहीं थीं।
, इसी तरह ब्यानजी पता नहीं कितनी देर ताड़ ताड़ करके चुदती रही। आखिर ब्यानजी के मज़े का बांध एक बार फिर टूट गया और ब्यानजी का फिर से निकल गया, लेकिन इस बार बहुत ही मामूली सा काम रस चूत से निकला था। उन दोनों ने ब्यानजी को पूरी तरह से निचोड़ दिया था।
मेरे पति ने ब्यानजी के दोनों चूतड़ों का भार अपने हाथों में ले लिया और बुरी तरह जोश में आकर ब्यानजी की गांड की ऐसी तैसी करने लग गये। इधर नन्दोईजी भी ब्यानजी की चूत को अंधाधुंध चोदने लगे।
अब दोनों ने ब्यानजी को वापस पलँग पे पटक दिया।अब मेरे पति ने वापस अपना लौड़ा ब्यानजी की रसभरी में पेल दिया
नन्दोईजी ने भी अपना लौड़ा ब्यानजी के गांड के छेद पर रखा, इस बार अपना लौड़ा उसने कस के पकड़ा हुआ था कि हिल न सके, छेद पर रखके उन्होंने एक ऐसा धक्का मारा कि ब्यानजी जैसे चिर गयी। ब्यानजी मुंह से एक चीख निकल कर फिर हलक में ही दब गई।ब्रारे ब्याहीजी ब्रारे.....मरी ईईईईईईईईइ रे में तो आआज ...आआआआआइ ब्याहीजी तो फाड़ दी म्हारी
उन्होंने इतना दर्द कभी ज़िन्दगी में बर्दाश्त नही किया था।
नन्दोईजी ने 5-6 झटको की जबरदस्त मेहनत के बाद एक आखरी झटका मारा और जब उनके टट्टे ब्यानजी के पिछवाड़े से टकराये तो ब्यानजी आधी बेहोशी की हालत में चली गयी और चाहते हुए भी न चीख सकी।
जब नन्दोईजी का लौड़ा पूरी तरह ब्यानजी की गान्ड में पेवस्त हो गया तो वो वैसे ही रुक गया
अब एक बार फिर ब्यानजी की धुआंधार डबल चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।
दोनों साला बहनोई बड़े माहिर खिलाड़ी थे. पहले दो चार मिनट तो वे ब्यानजी को आराम से धीरे धीरे चोदते रहे क्योंकि उनको पता था कि डबल चुदाई में ब्यानजी की 12 बज गयी है।
एक बार फिर उन्होंने पहले लगभग 5-7 मिनट ब्यानजी को बड़े प्यार से पेला।
इसके बाद नन्दोईजी ने मेरे पति से कहा - एक एक करके!
अब नन्दोईजी अपना लौड़ा लगभग टोपे तक बाहर निकाल लेते तो मेरे पति अपना मूसल जड़ तक ब्यानजी की चूत में पेल देते और जब मेरे पति का लौड़ा बाहर निकलता तो नन्दोईजी गांड की गहराई तक अपना पिस्टन ठोक देते।
इसी तरह दो तीन मिनटों के बाद उनकी स्पीड पूरी तेज ही गई और ब्यानजी कामुकता के समंदर में एक बार फिर गोते लगाने लगी।
अगले पांच सात मिनट में उन दोनों की ताल बिल्कुल सैट हो गई और वो ब्यानजी को पूरा ज़ोर लगाकर ठोकने लगे।
अब ब्यानजी की ठुकाई इतनी तेज़ी से हो रही थी कि उन्हें पता ही नहीं कब चूत में लौड़ा जा रहा है और कब गांड में। बस नीचे से सब कुछ भरा भरा सा लग रहा था। ब्यानजी की आंखें अब पूरी तरह बंद हो चुकी थीं और ब्यानजी उन दोनों सांडों के बीच पिसी हुई बिना किसी की परवाह करते हुए ज़ोर ज़ोर से ‘आअह … आऊह … हाँआह’ करने लगी।
अगले दस पंद्रह मिनटों की चुदाई के बाद ब्यानजी का जिस्म कमान की तरह अकड़ गया और उनके बोबे मेरे पति की छाती में बुरी तरह धंस गए.
और ब्यानजी एक बार फिर लगभग चीखती हुई लंबी ‘आह …’ के साथ झड़ी।
आआआआआआआआआआ ररीए म्हारी म माँ.... फाड़ दी ................फ..अट गी रे म्हारी फट गी ... ......अरे वरुण का पापा थांकी लुगाई तो चुद गी रे......श्श्सश्..........अरे. ..बाप हो.....मार ....डाला ... ..जुल्मी ब्याही...अरे ब्यान थारा कसम तो म्हारी ने फाड़ ही दी ...चोद दी म्हारी ने ......उउउहहारे अरे हरजाई ब्यानरांड....अब तो खुश होगी म्हारी फड़वार।। ...मने कांई पतो हो आज ही ....आज म्हारी ....फट जाएगी.....मु तो आती नई अटे....
जब मेरे पति ने ब्यानजी को झड़ते हुए महसूस किया तो उन्होंने भी पैंतरा बदला और नन्दोईजी से कहा- अब एक साथ जाबा दो!
अगले ही पल मेरे पति और नन्दोईजी दोनों एकसाथ अपने लौड़े बाहर निकालते और एक साथ ही अंदर ठूंस देते।
जब दोनों के बाहर निकलते तो ब्यानजी की चूत और गांड में एक बहुत बड़ा खालीपन महसूस होता। लेकिन जब दोनों अन्दर जाते तो वहीं खालीपन ठूंस के भर दिया जाता।
अब दोनो सांड ब्यानजी को इतनी तेज़ी से चोदने लगे कि उनकी सुधबुध ही गुम हो गई । अगले लगभग पच्चीस तीस झटको में दो बार फिर झड़ी लेकिन दोनों बार उनकी चूत तर नहीं हुई क्योंकि उनका इंजन ऑयल तो खत्म हो गया था।
खैर जब वो दूसरी बार झड़ी तो उनकी बस ही हो गई और उन्होंने चीखते हुए मेरे पति से से कहा की- बस कर दो ब्याहीजी अब , बहुत बजा लिया थे मन्ने!
अब दोनों भी झड़ने वाले थे
थोड़ी देर बाद दोनों का पानी निकलने लगा ब्यानजी घुटनो के बल थी दोनो अपने लौड़े हिला रहे थे और अपनी पिचकारी का निशाना ब्यानजी के मुंह की तरफ लगा रहे थे और थोड़ी देर में ही ब्यानजी का पूरा मुँह गाढ़े वीर्य से लबालब था थोड़ा बहुत ब्यानजी ने गटक भी लिया था और कुछ ब्यानजी के मुँह से टपक कर उनके बोबो पर जा रहा था।
अब ब्यानजी की जान में जान आयी और वो निढाल होकर उसी तरह मेरे पति के ऊपर पड़ी रही।
इतनी चुदाई के बाद ब्यानजी को भी
एकदम से नींद आ गई।
और जब वो सुबह जाग गयी तो उन्होंने पाया के वोउसी तरह अलफ़ नंगी उन दोनों सांडो के बीच घी खिचड़ी हुई पड़ी थी।
ब्यानजी का बाजा अच्छी तरह से बजाया जा चुका था। चूत का हाल तो आपको पता ही होगा। उनकी चूत का मुंह अब पूरी तरह खुल चुका था और उसे बंद होने के लिए 1-2 हफ्तों की ज़रूरत थी। चूत फट तो गई थी लेकिन ब्यानजी तो पहले ही काफी चुदी होने के कारण ज़्यादा हल्का सा ही निशान था। इसके अलावा अंदर जाने वाला रास्ता अब और खुल गया था। दोनो के लौडो ने चूत का दाना थोड़ा बाहर को सरका दिया था।और ब्यानजी कि गांड अब गुड़गांव बन चुकी थी
अब मेरे मन को सुकून आया ब्यानजी कि डबल चुदाई करवाकर।।उन्होंने मेरे एक डलवाया और मैने दो दो वो भी एक साथ।।