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जब हम होटल पहुंचे तो सभी लेडीज 3-3 पेग मार कर सेट हो चुकी थी। जेंट्स अभी भी पी रहे थे। फिर डिनर के लिए कहा तो जेंट्स ने कहा की तुम सब खा कर सो जायो। हम यही खा कर सो जाएंगे। फिर हमने लेडीज के साथ डिनर किया और अब सब लेडीज अपने अपने रूम में सोने चली गई।
मैं और देव सिगरेट पीने निकल गए और सोच रहे थे कि हम दोनों किसके रूम में सोएं, देव वाले या हमारे वाले रूम में। तभी देव को हेमा मौसी की कॉल आ गयी की अनमोल दीदी मेरी दीदी दीपिका के पास सोने जाएगी, इसलिए राज को अपने रूम में ले आना सोने के लिए। मैं खुश हो गया कि टीना दीदी के साथ उनके रूम में सोऊंगा।
फिर मैं और देव मौसी के रूम में जाने लगे तो मैंने देव को कहा कि मैं अपने रूम में चेंज करके आता हूं।
मैं जैसे ही अपने रूम में गया तो देखा मेरी सेक्सी मोटी गाँड़ वाली दीपिका दीदी मेरे भांजे को अपना दूथ पिला रहीं है। दीपिका दीदी ने नाइटी पहनी हुई थी, जो उनकी गाँड़ तक ही थी, और गाँड़ बड़ी होने की वजह से नाइटी से गाँड़ ढक नही रही थी।
ऐसा लग रहा था की दीदी ने पैंटी भी नही पहनी हुई। दीपिका दीदी बेड पर बैठकर मेरे भांजे यानी अपने बेटे को चुच्चियों से दूध पिला रही थी, दीदी ने अपनी नाइटी कंधे से एक साइड से निकाल कर दोनो चुचिया बाहर निकाल निकाली। दीदी की मोटी चुचियाँ और मोटी गौरी जाँघे देखते ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया। दीदी मेरे सामने ऐसे ही बेशर्म रंडी की तरह बैठी थी, जिसे देख कर मैं पागल हो रहा था।
मैं दीदी को देख रहा था और दीदी मुझे देख रही थी। तभी मेरा भांजा दूध पीते पीते सो गया तो दीदी ने उसे उठा कर साइड में सुलाने लगी, तभी दीदी उसे लिटाने के लिए झुकी तो पीछे से दीदी की नाइटी पूरी ऊपर उठ गयी, ओर दीदी की गाँड़ का छेद दिखने लगा, हे भगवान दीदी की गाँड़ का बड़ा था, ऐसे लग रहा था की अभी अभी लन्ड ले कर आई हो गाँड़ में, उसे देख कर मेरा लन्ड और उफान पर आ गया, और कच्छे फाड़ कर बाहर आने को तैयार। मैं लन्ड पर हाथ फेरने लगा और दीदी की गाँड़ के मोरे के पास जा कर उसे सूंघने लगा। मेरा तो मन करने लगा कि अभी दीदी को पकड़ कर चोद दूँ। तभी दीदी सीधी होने लगी, तो मैं भी पीछे हो गया। फिर दीदी सीधी हो कर बेड पर लेट गयी। दीदी के बूब्स अभी भी बाहर ही थे, दीदी के गुलाबी बड़े निप्पल्स थे। फिर दीदी ने आपनी एक टांग मोड़ ली, जिस से दीदी की चुत भी थोड़ी थोड़ी दिखने लगी।
मैंने दीदी से पूछा मम्मी कहाँ है तो दीदी बोली वो वाशरूम में है। मेरे पाजामे पर लन्ड एक तंबू की तरह दिख रहा था, जिसे दीपिका दीदी हवस भर नजरो से देख रही थी,फिर मैं दीदी के सामने ही चेंज करने लगा। दीदी मेरी तरफ ही देख रही थी, मैंने अपना पाजामा उतारा, तो कच्छे से मेरा खड़ा लन्ड थोड़ा सा बाहर दिख रहा था, जिसे दीदी ध्यान से देख रही थी। मेरी निक्कर दीदी के पास बैड पर पड़ी थी, जब मैं निक्कर लेने दीदी के पास गया तो दीदी ने अचानक से मेरा लन्ड पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ खींच कर लिप किस करने लगी। लिप किस करते हुए दीदी ने मेरा कच्छा उतार दिया, ओर मेरा लन्ड हिलाने लगी।
तभी वाशरूम खुलने की आवाज़ आयी तो हम अलग हो गए। लेकिन मम्मी इतनी जल्दी बाहर आई कि मुझे कपड़े पहनने का मौका ही नही मिला, और मम्मी ने मेरे खड़े लन्ड को देखा। जैसे ही मैंने मम्मी की तरफ देखा तो वो पूरी नंगी थी, वो अपनी नाइटी लेने आए थी। फिर मम्मी मेरे लन्ड को घूर घूर कर देख रही थी। इधर मम्मी पूरी नंगी, मैं पूरा नंगा, दीदी भी बस नाम के कपड़ो में थी, चुचियां बाहर थी दीदी की, नीचे से नाइटी पेट पर आई हुई थी।तभी बाहर का गेट खुलने की आवाज़ आयी तो मम्मी जल्दी से अपनी नाइटी उठा कर बाथरूम में भाग गई। दीदी ने भी आपनी नाइटी सही कर ली मैं फटाफट निकर पहनने लगा।
मैं और देव सिगरेट पीने निकल गए और सोच रहे थे कि हम दोनों किसके रूम में सोएं, देव वाले या हमारे वाले रूम में। तभी देव को हेमा मौसी की कॉल आ गयी की अनमोल दीदी मेरी दीदी दीपिका के पास सोने जाएगी, इसलिए राज को अपने रूम में ले आना सोने के लिए। मैं खुश हो गया कि टीना दीदी के साथ उनके रूम में सोऊंगा।
फिर मैं और देव मौसी के रूम में जाने लगे तो मैंने देव को कहा कि मैं अपने रूम में चेंज करके आता हूं।
मैं जैसे ही अपने रूम में गया तो देखा मेरी सेक्सी मोटी गाँड़ वाली दीपिका दीदी मेरे भांजे को अपना दूथ पिला रहीं है। दीपिका दीदी ने नाइटी पहनी हुई थी, जो उनकी गाँड़ तक ही थी, और गाँड़ बड़ी होने की वजह से नाइटी से गाँड़ ढक नही रही थी।
ऐसा लग रहा था की दीदी ने पैंटी भी नही पहनी हुई। दीपिका दीदी बेड पर बैठकर मेरे भांजे यानी अपने बेटे को चुच्चियों से दूध पिला रही थी, दीदी ने अपनी नाइटी कंधे से एक साइड से निकाल कर दोनो चुचिया बाहर निकाल निकाली। दीदी की मोटी चुचियाँ और मोटी गौरी जाँघे देखते ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया। दीदी मेरे सामने ऐसे ही बेशर्म रंडी की तरह बैठी थी, जिसे देख कर मैं पागल हो रहा था।
मैं दीदी को देख रहा था और दीदी मुझे देख रही थी। तभी मेरा भांजा दूध पीते पीते सो गया तो दीदी ने उसे उठा कर साइड में सुलाने लगी, तभी दीदी उसे लिटाने के लिए झुकी तो पीछे से दीदी की नाइटी पूरी ऊपर उठ गयी, ओर दीदी की गाँड़ का छेद दिखने लगा, हे भगवान दीदी की गाँड़ का बड़ा था, ऐसे लग रहा था की अभी अभी लन्ड ले कर आई हो गाँड़ में, उसे देख कर मेरा लन्ड और उफान पर आ गया, और कच्छे फाड़ कर बाहर आने को तैयार। मैं लन्ड पर हाथ फेरने लगा और दीदी की गाँड़ के मोरे के पास जा कर उसे सूंघने लगा। मेरा तो मन करने लगा कि अभी दीदी को पकड़ कर चोद दूँ। तभी दीदी सीधी होने लगी, तो मैं भी पीछे हो गया। फिर दीदी सीधी हो कर बेड पर लेट गयी। दीदी के बूब्स अभी भी बाहर ही थे, दीदी के गुलाबी बड़े निप्पल्स थे। फिर दीदी ने आपनी एक टांग मोड़ ली, जिस से दीदी की चुत भी थोड़ी थोड़ी दिखने लगी।
मैंने दीदी से पूछा मम्मी कहाँ है तो दीदी बोली वो वाशरूम में है। मेरे पाजामे पर लन्ड एक तंबू की तरह दिख रहा था, जिसे दीपिका दीदी हवस भर नजरो से देख रही थी,फिर मैं दीदी के सामने ही चेंज करने लगा। दीदी मेरी तरफ ही देख रही थी, मैंने अपना पाजामा उतारा, तो कच्छे से मेरा खड़ा लन्ड थोड़ा सा बाहर दिख रहा था, जिसे दीदी ध्यान से देख रही थी। मेरी निक्कर दीदी के पास बैड पर पड़ी थी, जब मैं निक्कर लेने दीदी के पास गया तो दीदी ने अचानक से मेरा लन्ड पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ खींच कर लिप किस करने लगी। लिप किस करते हुए दीदी ने मेरा कच्छा उतार दिया, ओर मेरा लन्ड हिलाने लगी।
तभी वाशरूम खुलने की आवाज़ आयी तो हम अलग हो गए। लेकिन मम्मी इतनी जल्दी बाहर आई कि मुझे कपड़े पहनने का मौका ही नही मिला, और मम्मी ने मेरे खड़े लन्ड को देखा। जैसे ही मैंने मम्मी की तरफ देखा तो वो पूरी नंगी थी, वो अपनी नाइटी लेने आए थी। फिर मम्मी मेरे लन्ड को घूर घूर कर देख रही थी। इधर मम्मी पूरी नंगी, मैं पूरा नंगा, दीदी भी बस नाम के कपड़ो में थी, चुचियां बाहर थी दीदी की, नीचे से नाइटी पेट पर आई हुई थी।तभी बाहर का गेट खुलने की आवाज़ आयी तो मम्मी जल्दी से अपनी नाइटी उठा कर बाथरूम में भाग गई। दीदी ने भी आपनी नाइटी सही कर ली मैं फटाफट निकर पहनने लगा।