राज - ठीक है मौसी, पर अब मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया और मुझे अब टीना दीदी की चुत मारनी है वापिस।
टीना दीदी- नही भाई, मेरी चुत देखो कैसे सूज गयी। मैं नही मरवा सकती। मम्मी की मार लो।
मौसी- नही बेटा, मेरी भी अब हिम्मत नही है, तेरा लन्ड लेने की। कल मार लेना मेरी चुत या गाँड़ जो मर्जी।
राज- ठीक है, पर अब दोनों में कोई चुद तो लो मेरा लन्ड खड़ा हो गया।
टीना - भाई सच मे मेरी हिम्मत नही है, आज पहली बार चुदी हुँ, वो भी इतने बड़े लन्ड से। मैं आज अब कुछ नही कर पाऊंगी।
मौसी- बेटा आज मैं बहुत चुदी हुँ अब मेरी भी हिम्मत नही है।
तभी देव ने मेरा लन्ड पकड़ा और हिलाने लगा, फिर उसने मेरा लन्ड अपने मुह में ले लिया।
मौसी और टीना दीदी देखने लगी उसे।
10 मिनट देव को लन्ड चुसवाने के बाद मैंने लन्ड उसके मुह से निकाला और उसे घोड़ी बना दिया।
मैंने सरसो का तेल लेकर उसकी गाँड़ जी मोरी ओर लगाया और धीरे धीरे 1 उंगली उसकी गाँड़ में डाल दी, फिर 2 डाल दी। देव उह उह उह करने लगा। मैं उंगली उसकी गाँड़ में घुमाने लगा। फिर मैंने तेल अपने लन्ड पर लगाया थोड़ा देव की गाँड़ और लगाया।
मैंने अपना लन्ड देव की गाँड़ पर सेट किया और देव की कमर पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा। जिस से मेरा 4 इंच लन्ड देव की गाँड़ में घुस गया, देव की चीख निकल गयी, वो छूटने की कोशिश करने लगा, लेकिन मैंने उसको टाइट पकड़ रखा था और मैं लन्ड ओर उसकी गाँड़ में डालने की कोशिश करने लगा। देव मुझे गालिया देने लगा।
देव- छोड़ मुझे साले बहनचोद हरामी, अपनी बहन दीपिका दीदी की गाँड़ मार, जिसने पता नही गाँड़ में कितने लन्ड लेकर अपनी गाँड़ इतनी बड़ी की है।
दीपिका दीदी की गाँड़ का नाम सुनते ही मेरा लन्ड और जोश में आ गया, तो मैंने ओर तेज की लन्ड देव की गाँड़ में घुसाने लगा।
ये देख मौसी और टीना दीदी हँसने लगी।
देव की आंखों में आंसू आ गए थे, देव रोता रहा, चिल्लाता रहा कि छोड़ दे मुझे। पर मैं रुक नही और पूरे आधा घंटा उसकी गाँड़ मारता रहा, फिर मेरा पानी उसकी गाँड़ में ही निकल गया।
फिर मैं उसकी गाँड़ से लन्ड निकाल कर टीना दीदी और मौसी के साथ चिपक कर लेट गया।
देव की रोने की आवाज़े आ रही थी, देव सारी रात अपनी गाँड़ पर हाथ लगा लगा कर रोता रहा।
मौसी, टीना दीदी और मुझे भी नींद आ गयी।
सुबह जब मेरी आँख खुली, तो मैने देखा मीनाक्षी मामीजी भी हमारे कमरे में है। मामी मेरा लन्ड चूस रही थी और मौसी हमें देख रही थी। मौसी नहा चुकी थी, और तैयार होने लगी। मैने साथ मे लेटी टीना दीदी के बूब्स दबाने शुरू कर दिए। ऐसे ही मामीजी ने आधा घंटा मेरा लन्ड चूसा, फिर उनके मुँह में मेरा पानी निकल गया और वो सारा पानी पी गयी।
फिर वो अपने रूम में चली गई, मैं भी खड़ा होकर वाशरूम में गया, मैं फ्रेश होकर आया, तो देखा कि मौसी तैयार हो चुकी है। टीना दीदी और देव भी उठ चुके थे, टीना दीदी की चुत ब्रेड पाव की तरह फूली हुई थी। वो वाशरूम जाने के लिए उठी, तो उन्हें चलने में बहुत दिक्कत हो रही थी। मैं उन्हें पकड़ कर वाशरूम छोड़ कर आया।
देव की गाँड़ देखी तो वो भी बहुत सूजी हुई थी, देव से तो खड़ा भी नही हुआ जा रहा था। वो खड़ा होने लगा, तो उससे टांगें आपस मे नही लग रही थी। मैं उसे देख कर हँसने लगा, तो वो मुझे गालिया देने लगा।
देव- साले बहनचोद, जा अपनी बहन दीपिका दीदी की मोटी गाँड़ मार, उसकी गाँड़ फाड़ दे, बहनचोद बन जा।
राज (कपड़े पहनते हुए)- हाँ, मादरचोद, दीपिका दीदी की गाँड़ तो ऐसे चोदूंगा की वो याद रखेगी सब।