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Adultery चुदाई के दास्तान (मां बेटा बेटी और किरायेदार)

स्टोरी कैसी लगी

  • अच्छी है

    Votes: 5 33.3%
  • बहुत अच्छी है

    Votes: 11 73.3%

  • Total voters
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ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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शोभा: अहह ओह अहह सीईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा का बदन ढीला पड़ गया वो झड चुकी थी और साथ ही बबलू के लंड से गर्म पानी की फ़ुआर शोभा की चूत के अंदर निकलने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली बबलू ने शोभा के होंठो को फिर से चूसा और लंड निकाल कर खड़ा हो गया बबलू ने अपना शॉर्ट्स पहना और मूड कर जाने लगा

शोभा: बेड से खड़ी उतर कर) देखो बबलू आगे से जब बच्चे घर पर हो ऐसे हरकत ना करना

बबलू: मुस्कराते हुए) ठीक है मेरी जान

और बबलू डोर खोल कर निकल गया और नीचे रूम में आ गया

अगली सुबह शोभा का चेहरा खिला हुआ था जब चारों बैठ कर नाश्ता कर रहे तो शोभा ने बबलू से कहा
शोभा: बबलू एक काम कर दोगे

बबलू: जी बोलिए

शोभा: कल से इनकी (रेणु और अमन) के स्कूल वाली जो स्कूल बस थी वो बंद कर रहे हैं क्या तुम कल से काम पर जाते वक़्त इनको स्कूल छोड़ दिया करोगे इनका स्कूल स्टेशन के नज़दीक ही है

बबलू: ठीक में इनको छोड़ दिया करूँगा

और फिर नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे आ गया और अपने रूम में आकर तैयार होने लगा अमन और रेणु स्कूल के लिए निकल गये उनके जाते ही बबलू ने मोका देख कर गेट बंद कर दिया अभी सुबह 7:30 ही बजे थे गेट बंद करके ऊपर आ गया शोभा किचन में बर्तन सॉफ कर रही थी बबलू ने पीछे जाकर शोभा को बाहों में जकड लिया शोभा एक दम घबरा गयी
शोभा: कॉन अहह तुम हो तुम्हें काम पर नही जाना है

बबलू:जाना हैं मेरी जान अभी टाइम है

बबलू ने शोभा की चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से मसल दिया

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो तुम बाहर जाकर बैठो में अभी आती हूँ

बबलू: जल्दी करना मेरे पास टाइम कम है

बबलू बाहर हाल में आकर सोफे पर बैठ गया और पेंट खोल कर घुटनो के नीचे सरका दी शोभा ने जल्दी से बर्तन सॉफ किए और बाहर हाल में आ गयी सामने बबलू सोफे पर बैठा अपने लंड को सहला रहा था शोभा ने अपनी नज़रें नीचे कर ली

बबलू:जल्दी कर आ ना

शोभा बबलू के पास आई और उसने अपना पेटिकोट को अपनी कमर तक उठा लिया शोभा की झान्टो भरी चूत बबलू के सामने थी शोभा सोफे पर बबलू की दोनो जाँघो के साइड में पंजो के बल बैठ गयी उसने एक हाथ बबलू के कंधें पर रखा और एक हाथ से बबलू के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे उसपर बैठने लगी बबलू ने भी बिना देर किए ऊपर की तरफ धक्का मारा लंड चूत में समाता चला गया

शोभा: हाई रीईए जालिम बड़ी बेदर्दी से चोदता है तू अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

और ये कह कर शोभा अपनी चूत बबलू के लंड पर पटकने लगी शोभा की गान्ड ऊपर नीचे हो रही थी करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद दोनो झड गये उसके बाद बबलू तैयार हुआ और अपने काम के लिए निकल पड़ा जब रात को वापिस आया तो गर्मी की वजह से सब को ऊपर सोना पड़ा उस रात कुछ ख़ास नही हुआ अगले दिन सुबह बबलू को रेणु और अमन को साथ में स्कूल के लिए लेकर जाना था नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे अपने रूम में आकर तैयार होने लगा थोड़ी देर बाद अमन बबलू के कमरे में आया
अमन:भैया हम तैयार हैं चलें

बबलू- हां चलो
जब बबलू रूम से बाहर आया तो रेणु नीचे आ रही थी उसने स्काइ ब्लू कलर की कमीज़ और वाइट सलवार की यूनिफॉर्म पहनी हुई थी रेणु अपने माँ से उलट रंग की गोरी थी उसके गालों के लाली पर बहुत से लड़के फिदा थे दोनो ने एक दूसरे को देखा रेणु थोड़ा सा शर्मा गयी क्योंकि बबलू की नज़र रेणु के हर अंग का जायज़ा ले रही थी उसने नज़रें नीचे कर ली तभी शोभा भी नीचे आ गयी

शोभा:देखो ध्यान से जाना कोई शरारत ना करना

अमन; ओके मम्मी बाइ
और तीनो घर से निकल पड़े गली से बाहर आकर वो रोड पर बस स्टॉप पर खड़े हो गये 5 मिनट इंतजार करने के बाद बस आ गयी तीनो बस में चढ़ गये बस में पहले से बहुत भीड़ थी बस चल पड़ी बस काफ़ी लोग खड़े होकर सफ़र कर रहे थे खैर किसी तरह तीनो बस में खड़े हो गये सबसे आगे अमन खड़ा था उसके पीछे रेणु खड़ी थी और उसके पीछे अमन तीनो एक दूसरे से चिपके हुए थे

बबलू:लाओ ये बॅग मुझे दे दो

रेणु ने पीछे मूड कर देखा और बिना कुछ बोले अपना स्कूल बॅग बबलू को पकड़ा दिया अब बबलू रेणु के पीछे खड़ा था उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सटी हुई थी रेणु थोड़ा अनकमफर्टबल महसूस कर रही थी अगले स्टॉप पर कुछ लोग और बस में चढ़ गये जिसकी वजह से रेणु बबलू से और सट गयी रेणु के बदन की गर्मी महसूस करते ही बबलू के लंड में हलचल होने लगी उसके बदन से उठती मादक खुसबू उसे पागल बनाने लगी और उसका लंड पेंट में तन गया और उसकी गान्ड के एक साइड पर रगड़ खाने लगा रेणु को भी बबलू के बदन का अहसास हो रहा था जैसे ही उसे अपनी गान्ड पर बबलू के लंड का अहसास हुआ वो एक दम काँप गयी वो बड़ी मुस्किल से अपने फेस के एक्सप्रेशन को कंट्रोल कर पा रही थी
 
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Gurdep

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शोभा;क्या कहा तुमने (और शोभा ने उसे एक चाँटा झाड़ दिया)

बबलू गुस्से से लाल हो गया और उसने आगे बढ़ कर शोभा के कंधों से पकड़ कर दीवार से सटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने उसे ज़ोर लगा कर धक्का दिया और एक चाँटा बबलू के गाल पर झाड़ दिया

बबलू की नज़रें शोभा की चुचियों पर गढ़ी हुई थी जो सॉफ दिख रही थी जब शोभा को अपनी हालत का पता चला तो उसने सर झुका लिया और स्टोर रूम के अंदर आ गयी बबलू भी उसके पीछे अंदर आ गया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रहा था और बबलू उसके पीछे खड़ा था शोभा ने सोचा अगर उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही है तो उसका पेटिकॉट भी बहुत पतला है और उसने नीचे पैंटी भी नही पहन रखी है ये सोच कर उसका दिल जोरों से धड़कने लगा बबलू शोभा के करीब आने लगा

शोभा:वहीं रुक जाओ ये ठीक नही है मुझसे बुरा कोई नही होगा अगर एक कदम भी
और शोभा वहीं बोलते-2 रुक गयी क्योंकि बबलू उसके साथ एक दम सट गया था उसे अपने चुतड़ों की दर्रार में कोई सख़्त चीज़ की चुभन महसूस हो रही थी और शोभा जानती थी कि ये गरम अहसास बबलू के लंड का है बबलू ने शोभा को दोनो हाथों से कंधो से पकड़ लिया शोभा एक दम घबरा कर आगे हो गयी और वो स्टोर रूम के अंदर की दीवार के बिल्कुल पास थी और ना ही आगे बढ़ने की जगह थी

शोभा: देखो तुम जाओ यहाँ से ये ठीक नही में शोर मचा दूँगी

थोड़ी देर तक कोई हरकत नही हुई शोभा का दिल जोरों से धड़क रहा था उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था शोभा ने डरते हुए पीछे देखा जैसे ही उसने पीछे देखा तो वो मंज़र देख शोभा का दिल और जोरों से धक-2 करने लगा पीछे बबलू अपना 8 इंच का लंड हाथ में लिए खड़ा था जिसकी नसें एक दम फूली हुई थी शोभा ने अपनी नज़रें आगे कर ली

इससे पहले के शोभा कुछ बोलती बबलू फिर से उसके पीछे आ गया अब शोभा के आगे बढ़ने के जगह नही थी बबलू उसके पीछे से उसके साथ चिपक गया और अपने दोनो हाथ उसकी कमर से आगे करते हुए उसके पेट पर रख दिए और पीछे से ब्लाउस के ऊपेर की खुली पीठ पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा


शोभा:अहह क्या कर रहे हो छोड़ दूओ उंह

शोभा ने विरोध किया लेकिन बबलू ने उसे कस के पकड़ा हुआ था शोभा जितना आगे हो सकती थी वो आगे सरक गयी अब वो दीवार के साथ सट गयी थी बबलू अपने हाथों को ऊपेर की और लेजाने लगा पर शोभा ने अपनी चुचियों को हाथों से ढक रखा था बबलू की नज़र पेटिकोट के बाहर लटक रहे नाडे पर पड़ी बबलू ने बिजली की गति से नाडे को पकड़ कर खींच दिया इससे पहले कि शोभा अपने हाथों से पेटिकोट को पकड़ती बबलू ने शोभा के दोनो हाथों को पकड़ लिया और ढीला होते ही पेटिकोट सरकता हुआ नीचे गिर गया अब शोभा नीचे से बिल्कुल नंगी थी बबलू ने एक हाथ से शोभा के हाथ को छोड़ दिया और उसे दीवार के साथ सटा दिया अब शोभा बबलू और दीवार के बीच में धँस गयी थी बबलू ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और थोड़ा सा नीचे झुक कर शोभा की चूत में घुसाने के लिए आगे करने लगा पर शोभा ने अपनी टाँगों को भींच रखा था जिससे बबलू अपने लंड को उसकी चूत के पास नही ले जा पा रहा था शोभा अब भी विरोध कर रही थी बबलू ने अपने लंड को शोभा की गान्ड की दरार में रगड़ने लगा और हाथ से पकड़ लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर टिका दिया


शोभा:ओह अहह शोभा के बदन ने झटका लिया उसके बदन में बिजली दौड़ गयी अपनी गान्ड के छेद पर गर्म लंड के सुपाडे को महसूस करके उसके अंदर हल चल होने लगी बबलू साथ में उसकी पीठ को चाट रहा था करीब 5 मिनट तक बबलू अपने लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर रगड़ता रहा शोभा से अब बर्दास्त नही हो रहा था उसकी टाँगें ढीली पड़ने लगी और खुद ब खुद खुलने लगी बबलू ने मोका देखते हुए नीचे झुक कर लंड को पकड़ कर शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे –2 अंदर करने लगा जैसे ही बबलू का लंड शोभा की चूत के छेद पर लगा उसके बदन में करेंट दौड़ गया एक ज़ोर के झटके के साथ उसका बदन काँप गया और जिससे उसके बदन ने झटका खाया बबलू के लंड का सुपाडा शोभा की चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया

शोभा: अहह नही बब्बब्ब यीयीईयी उम्ह्ह्ह्ह्ह

इससे पहले कि शोभा और कुछ बोलती बबलू ने दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को पकड़ कर एक और ज़ोर दार झटका मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया और सीधा बच्चेदानी से जा टकराया


शोभा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह शोभा की आँखें बंद हो गयी उसने अपने दोनो हाथों की हथेलियों को दीवार से टिका दिया बबलू ने धीरे से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से धीरे –2 अंदर करने लगा शोभा की चूत में पानी आने लगा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया बबलू ने फिर से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला पर इसबार उसने वापिस धक्का नही मारा लंड का सुपाडा चूत के अंदर था शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी थी बबलू ने शोभा की नेक पर पीछे चूमना शुरू कर दिया शोभा की चूत बबलू के लंड को अपनी गहराइयों तक अंदर लेने के लिए मचल रही थे इसलिए शोभा मस्ती में आकर धीरे अपनी गान्ड को पीछे की तरफ करने लगी लंड फिर से अंदर जाने लगा जैसे ही लंड फिर से अंदर चला गया शोभा ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया और उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ उसकी मस्ती को बयान कर गयी बबलू को पता चल चुका था कि अब शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी है बबलू ने अपने दोनो हाथ आगे करके शोभा की 38 साइज़ की चुचियों को पकड़ लिया और उन्हे मसलने लगा शोभा अब बिल्कुल चुप खड़ी थी उसका विरोध ख़तम हो चुका था बबलू ने धीरे-2 शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने चालू कर दिए कुछ ही पलों में शोभा की चुचियाँ ब्लाउस से बाहर आ गयी 38 साइज़ की चुचियों पर काले निपल्स एक दम मोटे-2 और तने हुए थी बबलू शोभा के निपल को उंगलियों के बीच में मसलने लगा



शोभा की मस्ती का कोई ठिकाना नही था बबलू ने धीरे-2 धक्के लगाने शुरू कर दिए लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर होने लगा बबलू की रफ़्तार धीरे-2 बढ़ने लगी शोभा हल्की आह आह की आवाज़ निकालने लगी पूरे कमरे में फतच-2 की आवाज़ गूँज रही थी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी शोभा अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी शोभा ने अपने पैरो को खोल लिया और बबलू तबडतोड़ धक्के मारने लगा शोभा का बदन ऐंठने लगा और वो अहह अहह करती हुई झड गयी कुछ ही धक्को के बाद बबलू ने शोभा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया शोभा आज कई सालों बाद झड़ी थी उसके चहरे के भाव उसकी संतुष्टि को बयान कर रहे थी बबलू ने लंड को चूत से बाहर निकाला जो पूरी तरह से भीगा हुआ था और बिना देर किए बबलू ने पेंट पहनी और नीचे चला गया शोभा कुछ देर वैसे ही खड़ी रही फिर वो सीधी हुई और अपनी जाँघो को फैला कर देखने लगी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी जाँघो तक फैला हुआ था उसकी चूत के होंठ अभी भी खुले हुए थे शोभा ने वहाँ पड़े एक पुराने कपड़े के टुकड़े को उठाया और अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जांघे सॉफ की फिर उसने पेटिकोट और ब्लाउस पहना और नीचे आ गयी और नीचे आने के बाद बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतार कर नहाने लगी नहाने के बाद उसने दूसरी साड़ी पहन ली और बेड पर लेट गयी
AMAZING

शोभा;क्या कहा तुमने (और शोभा ने उसे एक चाँटा झाड़ दिया)

बबलू गुस्से से लाल हो गया और उसने आगे बढ़ कर शोभा के कंधों से पकड़ कर दीवार से सटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए शोभा ने उसे ज़ोर लगा कर धक्का दिया और एक चाँटा बबलू के गाल पर झाड़ दिया

बबलू की नज़रें शोभा की चुचियों पर गढ़ी हुई थी जो सॉफ दिख रही थी जब शोभा को अपनी हालत का पता चला तो उसने सर झुका लिया और स्टोर रूम के अंदर आ गयी बबलू भी उसके पीछे अंदर आ गया शोभा ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रहा था और बबलू उसके पीछे खड़ा था शोभा ने सोचा अगर उसकी चुचियाँ सॉफ दिखाई दे रही है तो उसका पेटिकॉट भी बहुत पतला है और उसने नीचे पैंटी भी नही पहन रखी है ये सोच कर उसका दिल जोरों से धड़कने लगा बबलू शोभा के करीब आने लगा

शोभा:वहीं रुक जाओ ये ठीक नही है मुझसे बुरा कोई नही होगा अगर एक कदम भी
और शोभा वहीं बोलते-2 रुक गयी क्योंकि बबलू उसके साथ एक दम सट गया था उसे अपने चुतड़ों की दर्रार में कोई सख़्त चीज़ की चुभन महसूस हो रही थी और शोभा जानती थी कि ये गरम अहसास बबलू के लंड का है बबलू ने शोभा को दोनो हाथों से कंधो से पकड़ लिया शोभा एक दम घबरा कर आगे हो गयी और वो स्टोर रूम के अंदर की दीवार के बिल्कुल पास थी और ना ही आगे बढ़ने की जगह थी

शोभा: देखो तुम जाओ यहाँ से ये ठीक नही में शोर मचा दूँगी

थोड़ी देर तक कोई हरकत नही हुई शोभा का दिल जोरों से धड़क रहा था उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था शोभा ने डरते हुए पीछे देखा जैसे ही उसने पीछे देखा तो वो मंज़र देख शोभा का दिल और जोरों से धक-2 करने लगा पीछे बबलू अपना 8 इंच का लंड हाथ में लिए खड़ा था जिसकी नसें एक दम फूली हुई थी शोभा ने अपनी नज़रें आगे कर ली

इससे पहले के शोभा कुछ बोलती बबलू फिर से उसके पीछे आ गया अब शोभा के आगे बढ़ने के जगह नही थी बबलू उसके पीछे से उसके साथ चिपक गया और अपने दोनो हाथ उसकी कमर से आगे करते हुए उसके पेट पर रख दिए और पीछे से ब्लाउस के ऊपेर की खुली पीठ पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा


शोभा:अहह क्या कर रहे हो छोड़ दूओ उंह

शोभा ने विरोध किया लेकिन बबलू ने उसे कस के पकड़ा हुआ था शोभा जितना आगे हो सकती थी वो आगे सरक गयी अब वो दीवार के साथ सट गयी थी बबलू अपने हाथों को ऊपेर की और लेजाने लगा पर शोभा ने अपनी चुचियों को हाथों से ढक रखा था बबलू की नज़र पेटिकोट के बाहर लटक रहे नाडे पर पड़ी बबलू ने बिजली की गति से नाडे को पकड़ कर खींच दिया इससे पहले कि शोभा अपने हाथों से पेटिकोट को पकड़ती बबलू ने शोभा के दोनो हाथों को पकड़ लिया और ढीला होते ही पेटिकोट सरकता हुआ नीचे गिर गया अब शोभा नीचे से बिल्कुल नंगी थी बबलू ने एक हाथ से शोभा के हाथ को छोड़ दिया और उसे दीवार के साथ सटा दिया अब शोभा बबलू और दीवार के बीच में धँस गयी थी बबलू ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा और थोड़ा सा नीचे झुक कर शोभा की चूत में घुसाने के लिए आगे करने लगा पर शोभा ने अपनी टाँगों को भींच रखा था जिससे बबलू अपने लंड को उसकी चूत के पास नही ले जा पा रहा था शोभा अब भी विरोध कर रही थी बबलू ने अपने लंड को शोभा की गान्ड की दरार में रगड़ने लगा और हाथ से पकड़ लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर टिका दिया


शोभा:ओह अहह शोभा के बदन ने झटका लिया उसके बदन में बिजली दौड़ गयी अपनी गान्ड के छेद पर गर्म लंड के सुपाडे को महसूस करके उसके अंदर हल चल होने लगी बबलू साथ में उसकी पीठ को चाट रहा था करीब 5 मिनट तक बबलू अपने लंड के सुपाडे को शोभा की गान्ड के छेद पर रगड़ता रहा शोभा से अब बर्दास्त नही हो रहा था उसकी टाँगें ढीली पड़ने लगी और खुद ब खुद खुलने लगी बबलू ने मोका देखते हुए नीचे झुक कर लंड को पकड़ कर शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे –2 अंदर करने लगा जैसे ही बबलू का लंड शोभा की चूत के छेद पर लगा उसके बदन में करेंट दौड़ गया एक ज़ोर के झटके के साथ उसका बदन काँप गया और जिससे उसके बदन ने झटका खाया बबलू के लंड का सुपाडा शोभा की चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया

शोभा: अहह नही बब्बब्ब यीयीईयी उम्ह्ह्ह्ह्ह

इससे पहले कि शोभा और कुछ बोलती बबलू ने दोनो हाथों से शोभा के चुतड़ों को पकड़ कर एक और ज़ोर दार झटका मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया और सीधा बच्चेदानी से जा टकराया


शोभा:उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह शोभा की आँखें बंद हो गयी उसने अपने दोनो हाथों की हथेलियों को दीवार से टिका दिया बबलू ने धीरे से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और फिर से धीरे –2 अंदर करने लगा शोभा की चूत में पानी आने लगा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया बबलू ने फिर से अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला पर इसबार उसने वापिस धक्का नही मारा लंड का सुपाडा चूत के अंदर था शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी थी बबलू ने शोभा की नेक पर पीछे चूमना शुरू कर दिया शोभा की चूत बबलू के लंड को अपनी गहराइयों तक अंदर लेने के लिए मचल रही थे इसलिए शोभा मस्ती में आकर धीरे अपनी गान्ड को पीछे की तरफ करने लगी लंड फिर से अंदर जाने लगा जैसे ही लंड फिर से अंदर चला गया शोभा ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया और उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ उसकी मस्ती को बयान कर गयी बबलू को पता चल चुका था कि अब शोभा पूरी तरह गरम हो चुकी है बबलू ने अपने दोनो हाथ आगे करके शोभा की 38 साइज़ की चुचियों को पकड़ लिया और उन्हे मसलने लगा शोभा अब बिल्कुल चुप खड़ी थी उसका विरोध ख़तम हो चुका था बबलू ने धीरे-2 शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने चालू कर दिए कुछ ही पलों में शोभा की चुचियाँ ब्लाउस से बाहर आ गयी 38 साइज़ की चुचियों पर काले निपल्स एक दम मोटे-2 और तने हुए थी बबलू शोभा के निपल को उंगलियों के बीच में मसलने लगा



शोभा की मस्ती का कोई ठिकाना नही था बबलू ने धीरे-2 धक्के लगाने शुरू कर दिए लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर होने लगा बबलू की रफ़्तार धीरे-2 बढ़ने लगी शोभा हल्की आह आह की आवाज़ निकालने लगी पूरे कमरे में फतच-2 की आवाज़ गूँज रही थी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी शोभा अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी शोभा ने अपने पैरो को खोल लिया और बबलू तबडतोड़ धक्के मारने लगा शोभा का बदन ऐंठने लगा और वो अहह अहह करती हुई झड गयी कुछ ही धक्को के बाद बबलू ने शोभा की चूत को अपने वीर्य से भर दिया शोभा आज कई सालों बाद झड़ी थी उसके चहरे के भाव उसकी संतुष्टि को बयान कर रहे थी बबलू ने लंड को चूत से बाहर निकाला जो पूरी तरह से भीगा हुआ था और बिना देर किए बबलू ने पेंट पहनी और नीचे चला गया शोभा कुछ देर वैसे ही खड़ी रही फिर वो सीधी हुई और अपनी जाँघो को फैला कर देखने लगी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी जाँघो तक फैला हुआ था उसकी चूत के होंठ अभी भी खुले हुए थे शोभा ने वहाँ पड़े एक पुराने कपड़े के टुकड़े को उठाया और अपनी जाँघो को फैला कर अपनी चूत और जांघे सॉफ की फिर उसने पेटिकोट और ब्लाउस पहना और नीचे आ गयी और नीचे आने के बाद बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतार कर नहाने लगी नहाने के बाद उसने दूसरी साड़ी पहन ली और बेड
AMAZINGAwesome MAZA a GAYA
 

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धीरे-2 बबलू का लंड रेणु की गान्ड की दर्रार में धँस गया रेणु का जिस्म कँपने लगा उसने आगे खड़े अमन के कंधो पर हाथ रख दिए उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी दिल जोरो से धड़कने लगा जब बस हिलती तो बबलू का लंड उसकी गान्ड की दरार में रगड़ खा जाता रेणु के पाँव में जैसे जान ही ना रही हो बबलू का लंड उसकी गान्ड के छेद पर सलवार और पेंटी के ऊपर से दस्तक दे रहा था रेणु गरम होने लगी थी बबलू तो जैसे जन्नत में था उसने लोगो की नज़रों से बचा कर अपना एक हाथ उसकी जाँघ के साइड पर रख दिया जहाँ से कमर शुरू होती हैं रेणु के अंदर वासना की लहर दौड़ गयी बबलू ने हाथ हटा कर अपनी पेंट की जेब में डाल लिया और जेब के अंदर से अपने लंड को पकड़ कर धीरे-2 रेणु की गान्ड की दर्रार में रगड़ने लगा रेणु की आँखें बंद होने लगी उसकी चूत से पानी आने लगा फिर बबलू ने हाथ को जेब से बाहर निकाल लिया और लोगो को नज़र से बचाते हुए अपने हाथ को धीरे से रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से उसकी गान्ड पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा.
रेणु का पूरा बदन कांप ने लगा बबलू ने अपनी दो उंगलियों को रेणु की गान्ड में ड्ररार में रगड़ने लगा रेणु के मुँह से घुटि हुई आह निकल गयी बबलू की उंगलियाँ रेणु की गान्ड की दरार में ऊपर से नीचे तक का सफ़र तय कर रही थी रेणु बहुत गरम हो चुकी थी उसे पहले कभी किसी लड़के ने नही छुआ था धीरे –2 बबलू ने अपनी उंगलियों को रेणु की चूत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया बबलू की उंगलियों और रेणु की गान्ड के बीच सिर्फ़ एक सलवार और पैंटी थी बबलू ने उंगलियों से उसकी चूत के छेद को सहलाने की कोशिश की पर पैंटी कसी हुई थी इतने में रेणु और अमन का स्कूल आ गया था इसलिए उनको नीचे उतरना पड़ा रेणु की नज़रें झुकी हुई थी उसका फेस एक दम लाल हो चुका था आँखों में वासना का नशा सॉफ झलक रहा था वो बिना नज़र मिलाए स्कूल में चली गयी और अपना बॅग क्लास में रख कर सीधा टाय्लेट में चली गयी ।
 
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शोभा: अहह ओह अहह सीईईईईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
और शोभा का बदन ढीला पड़ गया वो झड चुकी थी और साथ ही बबलू के लंड से गर्म पानी की फ़ुआर शोभा की चूत के अंदर निकलने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा शोभा ने अपनी आँखें बंद कर ली बबलू ने शोभा के होंठो को फिर से चूसा और लंड निकाल कर खड़ा हो गया बबलू ने अपना शॉर्ट्स पहना और मूड कर जाने लगा

शोभा: बेड से खड़ी उतर कर) देखो बबलू आगे से जब बच्चे घर पर हो ऐसे हरकत ना करना

बबलू: मुस्कराते हुए) ठीक है मेरी जान

और बबलू डोर खोल कर निकल गया और नीचे रूम में आ गया

अगली सुबह शोभा का चेहरा खिला हुआ था जब चारों बैठ कर नाश्ता कर रहे तो शोभा ने बबलू से कहा
शोभा: बबलू एक काम कर दोगे

बबलू: जी बोलिए

शोभा: कल से इनकी (रेणु और अमन) के स्कूल वाली जो स्कूल बस थी वो बंद कर रहे हैं क्या तुम कल से काम पर जाते वक़्त इनको स्कूल छोड़ दिया करोगे इनका स्कूल स्टेशन के नज़दीक ही है

बबलू: ठीक में इनको छोड़ दिया करूँगा

और फिर नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे आ गया और अपने रूम में आकर तैयार होने लगा अमन और रेणु स्कूल के लिए निकल गये उनके जाते ही बबलू ने मोका देख कर गेट बंद कर दिया अभी सुबह 7:30 ही बजे थे गेट बंद करके ऊपर आ गया शोभा किचन में बर्तन सॉफ कर रही थी बबलू ने पीछे जाकर शोभा को बाहों में जकड लिया शोभा एक दम घबरा गयी
शोभा: कॉन अहह तुम हो तुम्हें काम पर नही जाना है

बबलू:जाना हैं मेरी जान अभी टाइम है

बबलू ने शोभा की चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से मसल दिया

शोभा:अह्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो तुम बाहर जाकर बैठो में अभी आती हूँ

बबलू: जल्दी करना मेरे पास टाइम कम है

बबलू बाहर हाल में आकर सोफे पर बैठ गया और पेंट खोल कर घुटनो के नीचे सरका दी शोभा ने जल्दी से बर्तन सॉफ किए और बाहर हाल में आ गयी सामने बबलू सोफे पर बैठा अपने लंड को सहला रहा था शोभा ने अपनी नज़रें नीचे कर ली

बबलू:जल्दी कर आ ना

शोभा बबलू के पास आई और उसने अपना पेटिकोट को अपनी कमर तक उठा लिया शोभा की झान्टो भरी चूत बबलू के सामने थी शोभा सोफे पर बबलू की दोनो जाँघो के साइड में पंजो के बल बैठ गयी उसने एक हाथ बबलू के कंधें पर रखा और एक हाथ से बबलू के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और धीरे उसपर बैठने लगी बबलू ने भी बिना देर किए ऊपर की तरफ धक्का मारा लंड चूत में समाता चला गया

शोभा: हाई रीईए जालिम बड़ी बेदर्दी से चोदता है तू अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

और ये कह कर शोभा अपनी चूत बबलू के लंड पर पटकने लगी शोभा की गान्ड ऊपर नीचे हो रही थी करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद दोनो झड गये उसके बाद बबलू तैयार हुआ और अपने काम के लिए निकल पड़ा जब रात को वापिस आया तो गर्मी की वजह से सब को ऊपर सोना पड़ा उस रात कुछ ख़ास नही हुआ अगले दिन सुबह बबलू को रेणु और अमन को साथ में स्कूल के लिए लेकर जाना था नाश्ता करने के बाद बबलू नीचे अपने रूम में आकर तैयार होने लगा थोड़ी देर बाद अमन बबलू के कमरे में आया
अमन:भैया हम तैयार हैं चलें

बबलू- हां चलो
जब बबलू रूम से बाहर आया तो रेणु नीचे आ रही थी उसने स्काइ ब्लू कलर की कमीज़ और वाइट सलवार की यूनिफॉर्म पहनी हुई थी रेणु अपने माँ से उलट रंग की गोरी थी उसके गालों के लाली पर बहुत से लड़के फिदा थे दोनो ने एक दूसरे को देखा रेणु थोड़ा सा शर्मा गयी क्योंकि बबलू की नज़र रेणु के हर अंग का जायज़ा ले रही थी उसने नज़रें नीचे कर ली तभी शोभा भी नीचे आ गयी

शोभा:देखो ध्यान से जाना कोई शरारत ना करना

अमन; ओके मम्मी बाइ
और तीनो घर से निकल पड़े गली से बाहर आकर वो रोड पर बस स्टॉप पर खड़े हो गये 5 मिनट इंतजार करने के बाद बस आ गयी तीनो बस में चढ़ गये बस में पहले से बहुत भीड़ थी बस चल पड़ी बस काफ़ी लोग खड़े होकर सफ़र कर रहे थे खैर किसी तरह तीनो बस में खड़े हो गये सबसे आगे अमन खड़ा था उसके पीछे रेणु खड़ी थी और उसके पीछे अमन तीनो एक दूसरे से चिपके हुए थे

बबलू:लाओ ये बॅग मुझे दे दो

रेणु ने पीछे मूड कर देखा और बिना कुछ बोले अपना स्कूल बॅग बबलू को पकड़ा दिया अब बबलू रेणु के पीछे खड़ा था उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सटी हुई थी रेणु थोड़ा अनकमफर्टबल महसूस कर रही थी अगले स्टॉप पर कुछ लोग और बस में चढ़ गये जिसकी वजह से रेणु बबलू से और सट गयी रेणु के बदन की गर्मी महसूस करते ही बबलू के लंड में हलचल होने लगी उसके बदन से उठती मादक खुसबू उसे पागल बनाने लगी और उसका लंड पेंट में तन गया और उसकी गान्ड के एक साइड पर रगड़ खाने लगा रेणु को भी बबलू के बदन का अहसास हो रहा था जैसे ही उसे अपनी गान्ड पर बबलू के लंड का अहसास हुआ वो एक दम काँप गयी वो बड़ी मुस्किल से अपने फेस के एक्सप्रेशन को कंट्रोल कर पा रही थी
BHAI STORY KO LONG REKHNA MAST MAZA
 
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धीरे-2 बबलू का लंड रेणु की गान्ड की दर्रार में धँस गया रेणु का जिस्म कँपने लगा उसने आगे खड़े अमन के कंधो पर हाथ रख दिए उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी दिल जोरो से धड़कने लगा जब बस हिलती तो बबलू का लंड उसकी गान्ड की दरार में रगड़ खा जाता रेणु के पाँव में जैसे जान ही ना रही हो बबलू का लंड उसकी गान्ड के छेद पर सलवार और पेंटी के ऊपर से दस्तक दे रहा था रेणु गरम होने लगी थी बबलू तो जैसे जन्नत में था उसने लोगो की नज़रों से बचा कर अपना एक हाथ उसकी जाँघ के साइड पर रख दिया जहाँ से कमर शुरू होती हैं रेणु के अंदर वासना की लहर दौड़ गयी बबलू ने हाथ हटा कर अपनी पेंट की जेब में डाल लिया और जेब के अंदर से अपने लंड को पकड़ कर धीरे-2 रेणु की गान्ड की दर्रार में रगड़ने लगा रेणु की आँखें बंद होने लगी उसकी चूत से पानी आने लगा फिर बबलू ने हाथ को जेब से बाहर निकाल लिया और लोगो को नज़र से बचाते हुए अपने हाथ को धीरे से रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से उसकी गान्ड पर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगा.
रेणु का पूरा बदन कांप ने लगा बबलू ने अपनी दो उंगलियों को रेणु की गान्ड में ड्ररार में रगड़ने लगा रेणु के मुँह से घुटि हुई आह निकल गयी बबलू की उंगलियाँ रेणु की गान्ड की दरार में ऊपर से नीचे तक का सफ़र तय कर रही थी रेणु बहुत गरम हो चुकी थी उसे पहले कभी किसी लड़के ने नही छुआ था धीरे –2 बबलू ने अपनी उंगलियों को रेणु की चूत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया बबलू की उंगलियों और रेणु की गान्ड के बीच सिर्फ़ एक सलवार और पैंटी थी बबलू ने उंगलियों से उसकी चूत के छेद को सहलाने की कोशिश की पर पैंटी कसी हुई थी इतने में रेणु और अमन का स्कूल आ गया था इसलिए उनको नीचे उतरना पड़ा रेणु की नज़रें झुकी हुई थी उसका फेस एक दम लाल हो चुका था आँखों में वासना का नशा सॉफ झलक रहा था वो बिना नज़र मिलाए स्कूल में चली गयी और अपना बॅग क्लास में रख कर सीधा टाय्लेट में चली गयी ।
Nice😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊💘💘💘💘💘💘💘💘💘💓💓💓💓💓💓💓💓💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
 

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Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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UPDATE NO .11

टाय्लेट के अंदर आते ही उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे कर दी और फिर ब्लॅक कलर की टाइट पैंटी को नीचे कर के देखने लगी उसकी चूत में गाढ़ा लिसलिसा पानी बहकर उसकी पैंटी पर लगा हुआ था रेणु ने अपने साथ लाए टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और फिर पैंटी और सलवार पहन कर बाहर आ गयी रेणु का पूरा दिन क्लास में मन नही लगा रात को जब बबलू घर आया तो उस रात भी बबलू को शोभा को चोदने का मोका नही मिला रेणु भी बबलू से नज़रें नही मिला रही थी बबलू को समझ में नही आ रहा था कि आख़िर रेणु के दिल में क्या है अगले दिन जब तीनो नाश्ता करके स्कूल के लिए निकले तो इसबार बस में कल की तरह ही भीड़ थी रेणु कल की तरहा अमन के पीछे खड़ी थी और उसके पीछे बबलू खड़ा था धीरे-2 बस में भीड़ बढ़ने लगी बबलू एक बार फिर से रेणु के पीछे से उसके साथ सट गया


बबलू ने अपना हाथ नीचे किया और रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से डाल कर उसकी मखमली गाल्ड के ऊपर रख दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की गान्ड पर पड़ा रेणु के अंदर करेंट सा दौड़ गया एक झटका बबलू को भी लगा आज वो रेणु की गान्ड को और अच्छी तरह महसूस कर रहा था क्योंकि आज उसने सलवार के नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी बस उसके हाथ और रेणु की नरम मुलायम गान्ड के बीच एक पतली सी वाइट कलर की सलवार थी रेणु को कल से ज़्यादा आज अपनी गान्ड पर बबलू की हथेलिया महसूस हो रही थी बबलू की तो जैसे लॉटरी निकल आई हो इस बार बबलू बिना देर किए अपनी उंगलियों को उसकी गान्ड दरार में रगड़ने लगा रेणु की साँसें भारी होनी लगी धीरे-2 गर्म होने लगी बबलू उंगलियों से गान्ड की दरार को रगड़ते हुए आगे चूत की तरफ बढ़ने लगा बबलू ने महसूस किया कि रेणु की जांघे पहले आपस में सटी हुई थी जो अब धीरे-2 खुलने लगी थी उनमे करीब 2 इंच का गॅप बन गया था उंगलियों को आगे बढ़ाते हुए वो सीधा रेणु की चूत पर पहुँच गया पतली सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर बबलू की उंगलियों के पड़ते ही रेणु के जिस्म ने एक ज़ोर दार झटका लिया जिसे बबलू भी महसूस कर सकता था उसके पूरे बदन के रोंगटे खड़े हो गये रेणु के पूरा जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी उसकी साँसे तेज हो गयी उसने आगे खड़े अमन के कंधों को कस के पकड़ लिया अमन ने रेणु की तरफ देखा रेणु की आँखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे जो अमन के लिए समझना नमुनकीन था


बबलू धीरे – 2 उसकी चूत की फांकों को रगड़ने लगा रेणु की मस्ती की कोई सीमा ना थी रेणु की कमर रह –2 कर तेज और हल्के झटके खा रही थी जिसे दूसरे खड़े लोग नही देख पा रही थी उसकी कुँवारी चूत से पानी निकल कर उसकी सलवार को गीला करने लगा लेकिन स्कूल आ चुका था मजबूरन तीनों को बस से उतरना पड़ा जब तीनो नीचे उतर आए तो बबलू ने अपनी उंगलियों को नाक के पास लाकर सूँगा जो रेणु सब देख रही थी रेणु ने ये सब देख अपनी नज़रे नीचे कर ली रेणु और अमन को स्कूल छोड़ने के बाद बबलू स्टेशन आ गया उसके दिमाग़ में बस घटना ही चल रही थी उसे समझ में नही आ रहा था कि किया रेणु ने आज जान बुझ कर पैंटी नही पहनी थी या ऐसे ही भूल गये या फिर कोई धूलि हुई पैंटी ना हो बस वो अभी इसी सोच विचार में था उसका मन काम में नही लग रहा था उसने अपने इंचार्ज से तबीयत का बहाना बना कर छुट्टी ले ली और रास्ते में आते हुए एक क़्वार्टर दारू पी ली । .............. continue........
 
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टाय्लेट के अंदर आते ही उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे कर दी और फिर ब्लॅक कलर की टाइट पैंटी को नीचे कर के देखने लगी उसकी चूत में गाढ़ा लिसलिसा पानी बहकर उसकी पैंटी पर लगा हुआ था रेणु ने अपने साथ लाए टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और फिर पैंटी और सलवार पहन कर बाहर आ गयी रेणु का पूरा दिन क्लास में मन नही लगा रात को जब बबलू घर आया तो उस रात भी बबलू को शोभा को चोदने का मोका नही मिला रेणु भी बबलू से नज़रें नही मिला रही थी बबलू को समझ में नही आ रहा था कि आख़िर रेणु के दिल में क्या है अगले दिन जब तीनो नाश्ता करके स्कूल के लिए निकले तो इसबार बस में कल की तरह ही भीड़ थी रेणु कल की तरहा अमन के पीछे खड़ी थी और उसके पीछे बबलू खड़ा था धीरे-2 बस में भीड़ बढ़ने लगी बबलू एक बार फिर से रेणु के पीछे से उसके साथ सट गया


बबलू ने अपना हाथ नीचे किया और रेणु की कमीज़ के पल्ले के नीचे से डाल कर उसकी मखमली गाल्ड के ऊपर रख दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की गान्ड पर पड़ा रेणु के अंदर करेंट सा दौड़ गया एक झटका बबलू को भी लगा आज वो रेणु की गान्ड को और अच्छी तरह महसूस कर रहा था क्योंकि आज उसने सलवार के नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी बस उसके हाथ और रेणु की नरम मुलायम गान्ड के बीच एक पतली सी वाइट कलर की सलवार थी रेणु को कल से ज़्यादा आज अपनी गान्ड पर बबलू की हथेलिया महसूस हो रही थी बबलू की तो जैसे लॉटरी निकल आई हो इस बार बबलू बिना देर किए अपनी उंगलियों को उसकी गान्ड दरार में रगड़ने लगा रेणु की साँसें भारी होनी लगी धीरे-2 गर्म होने लगी बबलू उंगलियों से गान्ड की दरार को रगड़ते हुए आगे चूत की तरफ बढ़ने लगा बबलू ने महसूस किया कि रेणु की जांघे पहले आपस में सटी हुई थी जो अब धीरे-2 खुलने लगी थी उनमे करीब 2 इंच का गॅप बन गया था उंगलियों को आगे बढ़ाते हुए वो सीधा रेणु की चूत पर पहुँच गया पतली सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर बबलू की उंगलियों के पड़ते ही रेणु के जिस्म ने एक ज़ोर दार झटका लिया जिसे बबलू भी महसूस कर सकता था उसके पूरे बदन के रोंगटे खड़े हो गये रेणु के पूरा जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी उसकी साँसे तेज हो गयी उसने आगे खड़े अमन के कंधों को कस के पकड़ लिया अमन ने रेणु की तरफ देखा रेणु की आँखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे जो अमन के लिए समझना नमुनकीन था


बबलू धीरे – 2 उसकी चूत की फांकों को रगड़ने लगा रेणु की मस्ती की कोई सीमा ना थी रेणु की कमर रह –2 कर तेज और हल्के झटके खा रही थी जिसे दूसरे खड़े लोग नही देख पा रही थी उसकी कुँवारी चूत से पानी निकल कर उसकी सलवार को गीला करने लगा लेकिन स्कूल आ चुका था मजबूरन तीनों को बस से उतरना पड़ा जब तीनो नीचे उतर आए तो बबलू ने अपनी उंगलियों को नाक के पास लाकर सूँगा जो रेणु सब देख रही थी रेणु ने ये सब देख अपनी नज़रे नीचे कर ली रेणु और अमन को स्कूल छोड़ने के बाद बबलू स्टेशन आ गया उसके दिमाग़ में बस घटना ही चल रही थी उसे समझ में नही आ रहा था कि किया रेणु ने आज जान बुझ कर पैंटी नही पहनी थी या ऐसे ही भूल गये या फिर कोई धूलि हुई पैंटी ना हो बस वो अभी इसी सोच विचार में था उसका मन काम में नही लग रहा था उसने अपने इंचार्ज से तबीयत का बहाना बना कर छुट्टी ले ली और रास्ते में आते हुए एक क़्वार्टर दारू पी ली । .............. continue........
NICE UPDATE BHAI HOT 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💋💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕
 
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