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Adultery चुदाई के दास्तान (मां बेटा बेटी और किरायेदार)

स्टोरी कैसी लगी

  • अच्छी है

    Votes: 5 33.3%
  • बहुत अच्छी है

    Votes: 11 73.3%

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ellysperry

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सदाबहार कहानी जितना पढो उतना कम,लगे रहो दोस्त
धन्यवाद भाई
 

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UPDATE NO 12
शोभा घर का काम ख़तम कर चुकी थी

आज शोभा को भी दो दिन हो चुके थे बबलू से चुदवाये हुए अभी वो नहाने की तैयारी कर रही थी शोभा ने टाइम देखा 10 बज चुके थे शोभा ने अपने धुले हुए कपड़े उठाए और बाथरूम की तरफ जाने लगी तभी डोर बेल बजी शोभा ने बाल्कनी में आकर देखा नीचे बबलू खड़ा था शोभा के चेहरे पर मुस्कान आ गयी वो तेज कदमों से चलती हुई नीचे आ गयी और गेट खोला
शोभा:क्या बात आज घर वापिस आ गयी

बबलू: अंदर आते हुए) बस काम में दिल नही लग रहा था

शोभा: ने गेट बंद कर दिया) क्यों क्या हुआ तुम्हारे दिल को

बबलू: बस इस दिल को तुम्हारी चूत ने दीवाना बना दिया है

शोभा: धात्त कैसी बाते करते हो
और शोभा ऊपर आने लगी बबलू भी शोभा के पीछे ऊपर आ गया ऊपर आते ही उसने शोभा को पीछे से बाहों में भर लिया शोभा बबलू की बाहों से निकलते हुए अपने रूम में आ गयी बबलू भी उसके पीछे रूम में आ गया शोभा बबलू की तरफ पलटी कमरे में खामोसी छाई हुई थी दोनो एक दूसरे से लिपट गये शोभा पागलों की तरह बबलू के होंठो को चूमने लगी दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस लिया

शोभा: अहह बबलू तुमने मुझे क्या कर दिया है में एक पल भी तुम्हारे बिना नही रह सकती

बबलू: (शोभा की चुचियों को मसलते हुए) क्यों मैने ऐसा लिया कर दिया है

शोभा : अहह तुमने मेरे अंदर आग लगा कर रखी है

बबलू ने शोभा के ब्लाउस के हुक्स खोलने शुरू कर दिए और एक –2 करके सारे हुक्स खोल दिए शोभा ने बिना देर किए ब्लाउस को बाहों से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया बबलू शोभा से अलग हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा शोभा ने भी अपना पेटिकोट निकाल कर फेंक दिया कुछ ही पलों में दोनो एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे शोभा की बड़ी –2 चुचियाँ साँस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी बबलू ने शोभा को बेड पर धक्का दे दिया और खुद शोभा के ऊपर चढ़ गया पागलों की तरह उसकी चुचियों को मसलने लगा

शोभा: अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आराम सीईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू शोभा की एक निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे चुचि को मसलने लगा

शोभा :आ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाआअँ पीईए जऊऊओ इनका साआआराआ रस्स्सस्स ओह और मसलूऊऊओ अहह

बबलू ने शोभा की चुचि का जी भर कर रस्पान किया और धीरे नीचे आने लगा और शोभा की नाभी को चाटने लगा

शोभा: अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह बहुत मज़ा आ रहा है

शोभा के हाथ बबलू के बालों में खेल रहे थे बबलू ने शोभा की टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया जिसे शोभा की चूत ऊपर की और हो गई बबलू शोभा के नाभि से होता हुआ नीचे आने लगा और उसकी चूत के छेद पर मुँह लगा दिया।


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UPDATE NO. 13


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शोभा: ओह मररर्र्र्र्ररर गीईईईईई माआआआआआअरीईईईई उंहहह सीईईईईईईईईईईईईईईईई ये किय्ाआआअ हााआआ नाहह उफफफफफफफफफफफ्फ़ अहह शोभा की गान्ड ऊपर की तरफ झटके खाने लगी शोभा अपने हाथों से बबलू के सर को अपनी चूत से दूर धकेलने लगी पर बबलू ने पूरी ताक़त से शोभा की चूत को चाट रहा था आख़िर हार कर शोभा ने अपने हाथों से तकिये को कस के पकड़ लिया और नोचने लगी बबलू ने शोभा की चूत के दाने को मुँह में ले लिया और चूसने लगा
शोभा:उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मत कार्रर्र्र्र्र्र्ररर में पागलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊऊओ अहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआ रीईईईईईईई उफफफफफफफफफफफ्फ़ बबलू सीधा हो गया और शोभा की बगल में लेट गया और शोभा की गर्दन के नीचे हाथ डाल के बैठा दिया और अपने लंड पर उसके सर को झुकाने लगा शोभा को समझते देर नही लगी कि बबलू क्या चाहता है जब शोभा का पति जिंदा था था तब शोभा ने कई बार अपने पति का लंड चूसा था पर बेमन से और ना ही उसके पति ने उसकी चूत को चाटा था आज से पहली बार सुधा की चूत को किसी ने चाटा था शोभा ने बिना एक पल देर किए बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में ले लिया और चूसने लगी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ लिया शोभा बबलू के लिए कुछ भी करने को तैयार थी धीरे-2 शोभा की जीभ बबलू के लंड पर अपना कमाल दिखाने लगी अब शोभा बबलू का आधा लंड मुँह में अंदर बाहर कर रही थी बबलू ने शोभा के बालों को पकड़ कर ऊपर किया बबलू का लंड शोभा के मुँह से बाहर आ गया शोभा बबलू की तरफ देखने लगी उसकी आँखों में मदहोशी भरी हुई थी बबलू ने शोभा को सीधा लेटा दिया और उसकी टाँगों को घुटनो से मोड़ दिया और अपने लंड के सुपाडे को शोभा की चूत के छेद पर टिका दिया और कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त से ज़ोर दार धक्का मारा लंड चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा अंदर घुस गया



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शोभा; हइईईईईईईईई मारीईईईई रीईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ धीरीईई फद्द्द्द्द्द्द्दद्ड डाली उफफफफफफ्फ़

पर बबलू पर इसका कोई असर नही हुआ बबलू ने अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से एक ही झटके में पूरा लंड थॅप की आवाज़ करता हुआ शोभा की चूत में घुस गया

शोभा; उफफफ्फ़ क्या कर रहे हो में कहीं भागी जा रही हूँ तूऊऊ
इससे पहले कि शोभा आगे बोल पाती बबलू ने फिर से एक ज़ोर धार धक्का मारा शोभा अंदर तक हिल गयी इसके बाद बबलू ने बिना रुके ताबड तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि शोभा ऊपर नीचे हिलने लगी उसकी बड़ी-2 चुचियाँ ऊपर नीचे हिल रही थी वो अहह ओह उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सीईईईईईईईईईईईईईई कर रही थी करीब 5 मिनट की जबरदस्त की चुदाई से शोभा झड गयी उसकी चूत में पानी की धार बह निकली लेकिन बबलू अभी नही झडा था उसने शोभा की चूत से लंड निकाला जो की पूरी तरह शोभा के काम रस से भीगा हुआ था ।


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UPDATE NO 14

बबलू:चल उल्टी हो कर कुतिया बन जा

शोभा बेचारी बबलू के लंड की दीवानी हो चुकी थी और बिना कुछ बोले घुटनो और हाथों के बल उल्टी हो गयी बबलू शोभा के पीछे आ गया शोभा ने पीछे से अपनी गान्ड ऊपर कर दी बबलू ने एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और बिना देर किए एक झटकेके साथ पूरा का पूरा लंड चूत में पेल दिया बबलू ने शोभा के खुले हुए बालों को एक हाथ से पकड़ लिया और धना धन धक्के लगाने लगा एक बार फिर फतच-2 थॅप-2 की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी बबलू के लंड का सुपाडा सीधे शोभा की बच्चेदानी पर टकरा रहा था पूरे रूम में शोभा की कामुक सिसकारियाँ गूँज रही थी शोभा अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कर रही थी




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शोभा:अहह ओह लगताा हाईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज तुम मेरी चूत को सूजा डालोगे ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मररर्र्ररर गाईईईई

शोभा की आज तक इतनी ज़बरदस्त चुदाई नही हुई थी करीब 6-7 मिनट बाद शोभा दूसरी बार झड गयी थी लेकिन बबलू अभी भी शोभा को बिना रुके चोदे जा रहा था शोभा दो बार झड चुकी थी उसे बहुत तेज पेशाब लगी थी

शोभा: अहह ओझहह मुझीई पेशाब्ब्ब्बबब जाना है रूको

लेकिन बबलू रुकने का नाम नही ले रहा था शोभा आगे की तरफ हो गयी बबलू का लंड पुतछ की आवाज़से बाहर आ गया शोभा जल्दी से बेड उतर कर बातरूम की तरफ जाने लगी अभी वो बाथरूम के डोर की दलहीज़ को भी पार नही कर पाई थी कि बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया और थोड़ा सा नीचे झुक कर पीछे से शोभा की चूत में लंड घुसा दिया और आगे हाथ लेजा कर शोभा की चुचियों को पकड़ कर धक्के लगाने लगा



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शोभा: अहह क्या कर रहीईईईई हो पेशाब तो कारणेनंनननननननणणन् अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

बबलू के धक्के इतने ज़बरदस्त थे कि थोड़ी देर बाद शोभा और बबलू बाथरूम के अंदर की सामने वाली दीवार के पास पहुँच गये शोभा ने अपने हाथ दीवार से टिका दिए और आगे पंजो के बल खड़ी हो गयी बबलू ने शोभा की कमर को कस के पकड़ लिया और तेज़ी से धक्के लगाने लगा

शोभा: ओह ओह मुझे बहुत तीईईईज्ज्ज्ज्ज्ज पेशाब्ब्ब्ब कारणेनंनणणन् दूओ

बबलू:मेरी जान अहह ऐसी हीईए मूत ले में भी तुम्हारे मूतने की आवाज़ सुनू
इस दरमिया शोभा तीसरी बार झड चुकी थी वो एक दम बहाल हो गयी और उसने वहीं खड़े -2 मूतना चालू कर दिया नीचे शोभा की चूत में अभी भी बबलू का लंड अंदर बाहर हो रहा था बबलू ने एक कस के धक्का मारा और अपना सारा पानी उसकी चूत में निकाल दिया शोभा अभी भी मूत रही थी जब शोभा का मूतना ख़तम हुआ तो बबलू का लंड सुकड कर बाहर आ गया शोभा ने राहत के साँस ली शोभा ने अपनी जाँघो को फैला कर देखा उसकी काली झांटेँ एक दम भीगी पड़ी थी शोभा ने पानी से पहले अपनी चूत और टाँगों को सॉफ किया और उसके बाद बबलू के लंड और जाँघो को सॉफ किया बबलू बाहर आकर बॅड पर लेट गया थोड़ी देर बाद शोभा अपनी मोटी गान्ड मटकाती हुई बाहर आई उसकी हाथ में टवल था उसने बड़े प्यार से बबलू के सुकड़े हुए लंड को पोन्छा फिर उसकी बगल में लेट गयी दोनो काफ़ी थक गये थे ।
 
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UPDATE NO 15

घड़ी पर 11 बज रहे थी रेणु और अमन स्कूल से 2 बजे वापिस आते थे उस दिन बबलू ने शोभा को 1बजे तक कई बार चोदा और शोभा ना जाने कितनी बार झड़ी घर का कोई कोना कोई हिस्सा नही बचा था जहाँ इन तीन चार घंटों मे बबलू ने शोभा को नही चोदा शोभा की चूत भी सूज गयी थी 2 बजे जब रेणु और अमन वापिस आए तो बबलू नीचे था उसने गेट खोला तो रेणु और अमन अंदर आ गये रेणु बबलू को घर पर देख कर थोड़ी हैरान ज़रूर हुई लेकिन सीधा ऊपर आ गयी शोभा ने किसी तरह दोपहर का खाना बना लिया था जब बबलू ऊपर आया तो चारों बैठ कर खाना खाने लगे तभी शोभा ने खाना खाते हुए रेणु और अमन को बताया कि आज उनके मासी यानी शोभा की बहन सीमा का फोन आया था उसके देवर की शादी सनडे को है उसने हमे इन्वाइट किया है पर लगता है कि मैं नही जा पाउन्गी बहुत से कपड़े सिलने वाले पड़े है

अमन: लेकिन माँ मुझे जाना है कितने महीने हो गये हम कहीं घूमने भी नही गये सारी सम्मर वकेशन भी घर पर ही बिता दी

अमन जिद्द करने लगा रेणु भी शोभा से बोली माँ हमें जाना है अब तो कई साल हो गये हमें एक भी शादी नही देखी है प्लीज़ माँ जाने दो ना हम अकेले चले जाएँगे

शोभा:ठीक है ठीक लेकिन अकेले नही अगर बबलू साथ में जाएगा तो मुझे भी परेशानी नही हो गी

अमन:ये ठीक रहेगा में बबलू भैया के साथ खूब मस्ती करूँगा

शोभा: क्यों बबलू तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही

बबलू: (बेमन से) ठीक है में चला जाउन्गा

खाना खाने के बाद शोभा ने अपनी बेहन सीमा को फोन किया

शोभा: हेलो सीमा कैसी हो

सीमा:में ठीक हूँ तो दीदी कल तुम आ रही हो ना

शोभा:नही में नही आ पाउन्गी घर पर बहुत सा काम पड़ा है पर बच्चे आ रहे हैं

सीमा: क्या अकेले

शोभा:नही नही हमने नीचे का रूम एक लड़के को रेंट पर दे रखा है बहुत ही अच्छा लड़का है उसी के साथ आ रहे है तुम संभाल लेना

सीमा: ठीक है दीदी अगर तुम आती तो मुझे बहुत अच्छा लगता

शोभा: अच्छा में फोन रखती हूँ

उसके बाद शोभा ऊपर छत पर आ गयी रेणु और अमन अपना बॅग पॅक करने में लगे हुए थे दोनो बहुत खुश थे जब शोभा ऊपर आई तो बबलू पहले से ऊपर अपना बिस्तर लगा कर लेटा हुआ था शोभा बिना कुछ बोले बिस्तर लाने स्टोर रूम के अंदर चली गयी बबलू भी उसके पीछे आ गया बबलू ने शोभा को पीछे से पकड़ लिया ।
शोभा: छोड़ो क्या कर रहे हो बच्चे नीचे हैं अगर ऊपर आ गये तो

बबलू: तुमने मुझे क्यों जाने के लिए बोला उनके जाने के बाद हमारे पास रात को टाइम ही टाइम होता

शोभा: लेकिन बच्चे अकेले कैसे जाते और मुझे भी दो तीन दिन के रेस्ट चाहिए

बबलू : क्यों क्या हुआ मन भर गया

शोभा: तुम्हें नही पता तुमने तो मेरी चूत सूजा कर रख दी अब ठीक होने में थोड़ा टाइम तो चाहिए इसलिए तुम्हें वहाँ भेज रही हूँ

बबलू -पर तब तक में क्या करूँ मुझे बर्दास्त नही होता एक बार दे दो ना फिर में चला जाउन्गा

शोभा :नही बच्चे नीचे हैं
 

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UPDATE NO 16

बबलू: (अपना लंड पयज़ामा नीचे करके बाहर निकाल लिया और शोभा के हाथ में पकड़ाते हुएबोला) देख ना कैसे खड़ा है अब तो इसका हल कर दे

शोभा ने बबलू के लंड को छोड़ कर स्टोररूम के डोर के पास आकर बाहर देखा फिर लाइट ऑफ करके स्टोर रूम की खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया और बबलू को अपने पास बुलाया और खुद नीचे बैठ गयी और बबलू के लंड के सुपाडे को मुँह में भर ली और चूसने लगी शोभा का सर तेज़ी से बबलू के लंड पर आगे पीछे हो रहा था शोभा के जीभ का दबाव बबलू के लंड के सुपाडे पर बढ़ता जा रहा था बबलू ने शोभा के सर को दोनो हाथों से कस के पकड़ लिया और शोभा तेज़ी से बबलू का लंड मुँह के अंदर बाहर करने लगी 5 मिनट की चुसाइ के बाद बबलू के लंड ने पानी शोभा के मुँह में छोड़ दिया शोभा ने जल्दी से बाहर थूक दिया और साड़ी के पल्ले से अपना चेहरा सॉफ किया बबलू तो जैसे स्वर्ग की सैर कर वापिस आया था


फिर दोनो बाहर आ गये थोड़ी देर बाद रेणु और अमन भी ऊपर आ गये और सब लोग सो गये अगले सुबह नाश्ते के बाद बबलू अमन और रेणु जाने के तैयारी में जुट गये करीब 2 बजे तीनो बस स्टॅंड पर पहुँच गये और लखनऊ के लिए बस पकड़ ली सीमा का घर लखनऊ सिटी से थोड़ा बाहर था तीनो बस में बैठ गये अमन विंडो सीट की तरफ बैठा था उसके बाद रेणु और फिर बबलू बैठा हुआ था पूरे रास्ते में बबलू की जांघे रेणु की जाँघो से रगड़ खाती रही और कई बार बबलू की कोहनी रेणु की अन्छुई चुचियों से रगड़ खा गयी शाम के करीब 6 बजे रेणु अमन की मोसी के घर पहुँच गये सीमा रेणु और अमन को देख कर बहुत खुस हुई सीमा ने तीनो को अंदर ड्राइंग रूम में बैठा दिया घर में मेहमानो के काफ़ी भीड़ थी चाइ नाश्ते के बाद रेणु और अमन अपने रिश्तेदारो से मिलने और बातें करने में मशरूफ हो गये और बबलू एक कोने में चेयर पर बैठा सब देख रहा था रेणु और बबलू की नज़रें आपस में बार-2 टकरा रही थी रेणु के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती पर बबलू समझ नही पा रहा थे कि वो अपनी कज़िन से बात पर मुस्करा रही है या उसे देख कर बबलू अमन के पास गया
बबलू: अमन ज़रा बात सुनना

अमन : जी भैया

बबलू : में ज़रा बाहर घूम कर आता हूँ

अमन: जी ठीक है भैया

और बबलू घर से निकल पैदल चलता हुआ मार्केट में आ गया और ठेके से एक हाफ लेकर दारू पी ली जब बबलू घर वापिस आया तो रात के 9 बज रहे थे घर में लॅडीस संगीत चल रहा था सब लोग नाच गा रहे थे बबलू एक कोने में चेयर पर जाकर बैठ गया रेणु अपनी रिलेटिव्स के साथ नाच रही थी उसने महरून कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था रेणु एक दम कयामत लग रही थी बबलू उसके गोरे रंग को देख कर पागल हुआ जा रहा था लेकिन बबलू का मन नही लग रहा था उसे नींद आने लगी उसने अमन को हाथ से इशारा किया अमन बबलू के पास आया और बोला जी भैया क्या बात है

बबलू: अमन मुझे नींद आ रही है

अमन: भैया आप रुकिये में मौसी को अभी कहता हूँ

और अमन अपनी मौसी सीमा के पास चला गया और अपनी मौसी को बताया थोड़ी देर बाद सीमा अमन के साथ एक ओर आ गये और अमन ने बबलू को इशारे से बुलाया बबलू उन्दोनो के पीछे चला गया सीमा अमन और बबलू को ऊपर के एक कमरे में ले गयी वो रूम शादी के समान से भरा पड़ा था वहाँ बहुत कम जगह थी सीमा ने दो गद्दो को नीचे ज़मीन पर बिछा दिया और बोली अमन तुम लोग यहीं सो जाना और अमन तुम मेरे साथ चलो में खाना देती हूँ तुम अपने भैया को ऊपर खाना दे जाना और अमन अपनी मौसी सीमा के साथ नीचे आ गया उसकी मौसी ने खाना डाल कर अमन को दे दिया अमन बबलू का खाना वहीं उसके रूम में दे आया बबलू ने तब तक कपड़े चेंज कर लिए थे और शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर खाना खाने लगा और खाना खाने के बाद वो लेट गया थका होने के कारण उसे नींद आ गयी नीचे नाच गाना चल रहा था देर रात बबलू को प्यास लगी उसकी नींद टूटी तो कमरे में अंधेरा छाया हुआ था बाहर से हल्की रोशनी अंदर आ रही थी ।

बबलू खड़ा हुआ और अंदाज़े से लाइट्स के बटन के पास पहुँच कर लाइट ऑन की जैसे ही लाइट ऑन हुई सबसे पहले उसकी नज़र दीवार पर लगी घड़ी पर पड़ी रात के 2 बज रहे थे पूरे घर में सन्नाटा पसराहुआ था बबलू ने बिस्तर की तरफ देखा तो वो एक दम हैरान रह गया उसके बगल में रेणु लेटी हुई थी और उसके आगे अमन लेटा हुआ था बबलू ने पानी पीया और एक बार फिर से रेणु को देखा उसके गोरे गालों पर बाल बिखरे हुए थे वो बहुत ही हसीन लग रही थी बबलू मन में सोचने लगा काश ये मुझ से पट जाए तो लाइफ बन जाए पर इसका कुछ पता नही चलता कि इसके मन में क्या है

बबलू लाइट ऑफ करके वहीं वापिस अपनी जगह लेट गया उसका लंड यही सोच कर खड़ा हो गया था कि उसकी बगल में रेणु लेटी हुई है बबलू सोचने लगा कि क्या रेणु जानबूझ कर उसकी तरफ सोई हुई थी अमन को उसने बीच में क्यों नही सुलाया क्या रेणु भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ बबलू ने सोचा आज अच्छा मोका है अपना लक आज़माने का वो रेणु के करीब खिसक गया रेणु करवट केबल लेटी हुई थी उसकी पीठ बबलू की तरफ थी उसने वाइट कलर की शर्ट और पाजामा पहना हुआ था बबलू धीरे -2 उसकी ओर खिसकताचला गया आख़िर कार बबलू रेणु के साथ सट गया उसकी चेस्ट रेणु की पीठ से सट गयी और लंड रेणु के पयज़ामे के ऊपर से उसकी गान्ड के साथ सट गया थोड़ी देर बबलू बिना हिले पड़ा रहा फिर हिम्मत जुटा कर उसने अपना राइट हॅंड रेणु के कूल्हे पर रख दिया और धीरे -2 अपनी कमर हिलाने लगा बबलू का लंड रेणु की गान्ड के दरार में रगड़ खाने लगा बबलू उतेजना और डर के मारे काँप रहा था उसका लंड एक दम तन चुका था

उसने धीरे -2 अपना हाथ ऊपर लेजाना चालू कर दिया उसने अपना हाथ रेणु की टी-शर्ट के अंदर करके ऊपर करना चालू कर दिया जैसे ही बबलू का हाथ रेणु की नंगी कमर पर पड़ा रेणु की साँसें भारी हो गयी उसकी साँसें अब बबलू को सॉफ सुनाई दे रही थी धीरे-2 बबलू का हाथ रेंगता हुआ ऊपर की तरफ बढ़ने लगा रेणु करवट के बल लेटी हुई थी उसकी एक बाजू कोहनी तक उसकी बगल के ऊपर थी ।

जैसे ही बबलू टी-शर्ट के अंदर से अपना हाथ ऊपर की ओर कर रहा था तब रेणु के बाजू बगल के ऊपर होने के कारण उसका हाथ वहीं रुक गया जैसे ही बबलू ने थोड़ा सा हाथ और आगे किया तभी रेणु का बाजू हल्का सा ऊपर हो गया जैसे रेणु खुद बबलू के हाथ को आगे बढ़ने की जगह दे रही हो बबलू सोच में पड़ गया क्या रेणु जाग रही है अब जो होगा देखा जाएगा धीरे-2 बबलू का हाथ रेणु की कमर और मखमली पेट से ऊपर की ओर चुचियों की ओर बढ़ रहा था रेणु की साँसें इस बात की गवाही दे रही थी कि वो जागी हुई है आख़िर कार बबलू का हाथ रेणु की नरम मुलायम राइट चुचि तक पहुँच गया और उसकी उंगलियाँ रेणु के ब्रा के नीचले हिस्से से टकरा गयी बबलू ने सारी हिम्मत जुटा कर अपना हाथ उसकी चुचि पर रख दिया और थोड़ी देर बाद धीरे-2 बबलू रेणु की चुचि को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु की चुचि को सहलाना शुरू किया रेणु की पीठ बबलू की ओर झुकने लगी उसके मुँह से घुटि हुई अहह निकल गयी बबलू ने अपना हाथ थोड़ा नीचे किया और ब्रा के कप्स को ऊपर उठाने की कोशिश करने लगा पर ब्रा बहुत टाइट थी वो ब्रा के कप्स को ऊपर उठा कर रेणु की चुचि को बाहर निकालना चाहता था फिर उसने अपने हाथ टी-शर्ट के अंदर से ही रेणु की पीठ पर ले आया और ब्रा की हुक्स खोलने की कोशिश करने लगा पर वो ब्रा के हुक्स भी खोल नही पा रहा था तभी अचानक अमन के खांसने की आवाज़ आई बबलू ने जल्दी से हाथ बाहर निकाले और सीधा लेट गया कमरे में अंधेरा था करीब 10मिनट गुजर गये कोई हरकत या हलचल नही हुई बबलू फिर से रेणु की तरफ करवट बदल कर लेट गया बाहर से आती हल्की रोशनी से बबलू ने गॉर से रेणु की तरफ देखा वो सीधी पीठ के बल लेटी हुई थी बबलू रेणु के बिल्कुल पास लेटा हुआ था उसने अपना हाथ धीरे से रेणु के पेट पर रख दिया रेणु की टीशर्ट नाभि से थोड़ा ऊपर तक उठी हुई थी बबलू ने फिर से टीशर्ट के नीचे से अपना हाथ घुसा दिया और उसकी चुचियों की तरफ बढ़ने लगा जैसे ही उसके हाथ उसकी चुचि से टकराए उसे महसूस हुआ कि उसकी ब्रा ढीली हो गयी है बबलू ने ब्रा के नीचे अपना हाथ आगे बढ़ा दिया ।
 
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UPDATE NO .17

ब्रा के कप्स एक दम ऊपर उठ गये और रेणु की अन्छुई चुचियों में से एक पर बबलू की हथेली थी बबलू धीरे-2 रेणु की चुचि पर अपना हथेली रगड़ने लगा उसकी चुचि के निपल पर बबलू की हथेली रगड़ खा रही थी रेणु के बदन में कंपन सॉफ महसूस किया जा सकता था बबलू ने राइट चुचि को सहलाने के बाद लेफ्ट चुचि को सहलाना शुरू कर दिया रेणु ने एक दम से बबलू के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया लेकिन बबलू ने अपना हाथ हटाया नही और वो रेणु की चुचि को सहलाता रहा तभी अचानक फिर से अमन के खांसने की आवाज़ से बबलू डर गया और अपना हाथ रेणु की टीशर्ट से निकाल दिया अमन उठ कर बैठ गया और दीदी -2 पुकारने लगा थोड़ी देर बाद रेणु ने जवाब दिया

रेणु: क्या है अमन सो जा

अमन: मुझे नीचे नींद नही आ रही है देखो ना ये गद्दा कितनी पतला है

रेणु ने उठ कर लाइट ऑन की बबलू अपनी आँखें बंद किए लेटा हुआ था

अमन: मुझे नींद नही आ रही दीदी

रेणु: तो फिर अब रात को में क्या करूँ

अभी बाहर कुछ चहल पहल थी रेणु की मौसी सीमा ने डोर नॉक किया रेणु ने डोर खोला तो सीमा ने पूछा क्या हुआ कोई प्राब्लम तो नही है

अमन:मुझे यहाँ नीचे नींद नही आ रही मौसी

सीमा: अच्छा ठीक है मेरे बच्चे चल तू आ जा मेरे साथ ही सो जा रेणु तुम्हें यहाँ कोई तकलीफ़ तो नही है अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ मेरे रूम में चलो जगह तंग है पर हम मॅनेज का लेंगे

रेणु: कुछ देर सोचने के बाद) कोई बात नही मौसी में यहीं सो जाउन्गी

सीमा: पक्का ना कि प्राब्लम तो नही

रेणु: नही

और सीमा अमन को अपने साथ लेकर चली गयी इधर रेणु के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी ये सोच कर की आगे क्या होने वाला है उसने काँपते हाथो से डोर को बंद किया जैसे ही रेणु डोर बंद करके पलटी तो उसने देखा बबलू बिस्तर पर बैठा हुआ था रेणु ने नज़रे नीचे कर ली उसके गाल शर्म से लाल हो चुके थे बबलू उठ कर उसके पास आ गया रेणु नीचे फर्श की तरफ देख रही थी और अपने पैर के अंगूठों से फर्श को कुरेद रही थी बबलू ने बिना कुछ बोले उसे अपनी तरफ खींच कर बाहों में भर लिया रेणु के हाथ बबलू की चेस्ट पर थे वो अपनी चुचियों को बबलू की चेस्ट से दूर रखने की कॉसिश कर रही थी

रेणु: छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो

बबलू: अच्छा तो अब शर्मा रही हो पहले तो

और कहते हुए बबलू चुप हो गया रेणु शर्म के मारे मरी जा रही थी बबलू ने रेणु के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठो पर किस करने लगा रेणु ने अपना मुँह हटा लिया उसकी आँखें बंद थी बबलू ने लाइट ऑफ कर दी और उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथों से रेणु के दोनो हाथों को पकड़ कर बिस्तर से सटा दिया और ताबड तोड़ चुंबन की बोछार उसके फेस पर कर दी रेणु अपना सर इधर उधर कर रही थी जिसके चलते बबलू उसके होंठो को चूम नही पा रहा था बबलू ने अपना एक हाथ रेणु की गर्दन के नीचे से निकाल कर उसके फेस को पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा थोड़ा विरोध के बाद रेणु शांत पड़ गयी और उसने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया बबलू रेणु के होंठो को चूसने लगा उसने बरी-2 रेणु के दोनो होंठो को चूसा और फिर अपनी ज़ुबान को रेणु को मुँह में डालने लगा थोड़ी देर में ही रेणु ने अपना मुँह खोल लिया और अपनी ज़ुबान को बबलू की ज़ुबान से भिड़ा दिया रेणु एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू ने एक हाथ नीचे लेजा कर रेणु की टी-शर्ट को एक झटके से ऊपर कर दिया और फिर दोनो हाथों से टी-शर्ट को रेणु की चुचियों से ऊपर तक कर दिया नीचे बबलू की टाँगें रेणु की जाँघो को फैला कर बीच में आ चुकी थी और बबलू का लंड उसके पयज़ामे और पैंटी के ऊपर से चूत पर रगड़ खाने लगा ।
रेणु ने अपने दोनो हाथों से बबलू के कंधो को कस के पकड़ लिया बबलू ने ब्रा को ऊपर उठा दिया रेणु की अन्छुई चुचियाँ बाहर आ गयी बबलू ने बिना देर के रेणु की एक चुचि का निपल मुँह में ले लिया और चूसने लगा जैसे ही बबलू ने रेणु का निपल चूसना शुरू किया वैसे ही रेणु के जिस्म में आग लग गयी रेणु ने अपने होंठो को दाँतों में भींच लिया उसके जिस्म में करेंट दौड़ घाया और मस्ती के लहर पूरे बदन में कोंध गयी रेणु के हाथ बबलू के कंधो से नीचे हो कर पीठ पर आ गये और रेणु उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अहह सीईईईईईईईईईईईईईईई करने लगी बबलू पूरे ज़ोर से निपल को चूसने लगा और दूसरी चुचि को मसलने लगा रेणु अपने नखुनो से बबलू की पीठ कुरदेन लगी उसकी चूत की आग भड़क चुकी थी बबलू ने 5 मिनट निपल चूसने के बाद दूसरे निपल को चूसना चालू कर दिया रेणु के निपल एक दम तन चुके थे उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी पैंटी को भिगोेन लगा था बबलू ने रेणु के निपल को मुँह से निकाला और रेणु की टाँगों के बीच घुटनो के बल बैठ गया और दोनो हाथों से रेणु के पयज़ामे के दोनो साइड से अपनी उंगलियों को एलास्टिक में फँसा कर नीचे की ओर सरकाने लगा रेणु एक दम गरम हो चुकी थी ।
रेणु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा ऊपर कर लिया ताकि पायजामा निकल सकें बबलू ने पयज़ामे को उतार कर एक साइड में रख दिया फिर वैसे ही पैंटी को भी उतार दिया और फिर से रेणु के ऊपर झुक कर उसके होंठो पर किस करने लगा बबलू अपने दोनो हाथों से रेणु की चुचियों को मसल रहा था नीचे बबलू का लंड एक दम तन कर खड़ा था और रेणु की चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था रेणु का जिस्म मस्ती की लहर में तैर रहा था रेणु ने अपनी जाँघो को फैला कर रखा था पूरी तरह गरम होने के कारण चूत के होंठ थोड़ा सा खुल गये थे बबलू ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडे को रेणु की कुँवारी चूत के छेद पर लगा दिया रेणु के मुँह से आहह निकल गयी और वो बबलू से चिपक गयी और उसके होंठो को चूमते हुए बोल पड़ी आइ लव यू बबलू में तुम से बहुत प्यार करती हूँ ।
बबलू: में भी पर क्या तुमने पहले ये सब किया है

रेणु:धीमी आवाज़ में ) नही

बबलू:पहली बार थोड़ा दर्द होता है

रेणु: में जानती हूँ पर में आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ

बबलू ने रेणु की जाँघो को पकड़ कर ऊपर की ओर कर दिया और अपनी कमर का पूरा ज़ोर लगा कर बहुत तेज धक्का मारा लंड का सुपाडा चूत की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुस गया


zoe-wood-her-first-interracial-scene-blacked-003


रेणु:अहह माआआआआ बहुत दर्द हो रहााआआ हाईईईईईईईई

बबलू जानता था कि अब रुकना ठीक नही हो गा बबलू ने अपना लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर से अंदर पेल दिया रेणु के मुँह से घुटि हुई चीख निकल गयी

रेणु:अहह निकालूऊऊओ ईसीईईई बहुत दर्द्द्द्द्दद्ड हो रहा हाईईईईईईई
 
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UPDATE NO.18

बबलू रेणु के ऊपर झुक गया और उसके एक चुचि को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया बबलू बारी-2 रेणु की दोनो चुचियों को चूसने लगा रेणु का दर्द भी कम हो गया बबलू ने धीरे-2 अपना लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया बबलू का लंड रेणु की टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ताहुआ अंदर बाहर हो रहा था रेणु को भी अब मज़ा आने लगा था उसने अपनी जाँघो को और फैला लिया था रेणु की दर्द की चीखे अब कामुक रूप ले चुकी थी रेणु के हाथ बबलू के बालों में खेल रहे थे दोनो एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे अब रेणु भी मस्ती में आ चुकी थी और नीचे अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपर की और करने लगी रेणु अपनी चूत के अंदर बबलू का लंड महसूस करके एक दम मस्त हो चुकी थी बबलू बीच-2में रेणु की चुचि को चूस्ता और कभी मसल देता अब रेणु का दर्द एक दम ख़तम हो चुका था

धीरे-2 बबलू अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा रेणु भी मस्ती उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईई कर रही थी

रेणु : अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मुझीईईईई कुचह हो र्हााआअ हाईईईईईईई

बबलू ने और तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए रेणु मस्ती में आकर अपने बालों को नोचने लगी
रेणु:अहह औरर्र ज़ोर सीईईईई अहह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

रेणु का सारा जिस्म ऐंठने लगा उसकी चूत अपना पहला पानी छोड़ेने वाली थी अचानक रेणु का बदन अकड़ गया और उसकी गान्ड झटके खाने लगी रेणु जैसे स्वर्ग में थी वो झड चुकी थी रेणु की टाइट चूत को बबलू भी झेल नही पाया और रेणु के साथ ही उसकी चूत में झड गया दोनो हाँफने लगे बबलू रेणु के ऊपर ही लूड़क गया रेणु बबलू के बालों में प्यार से उंगलियों को फेरने लगी आज रेणु जिंदगी मेंपहली बार झड़ी थी दोनो एक दूसरे की बाहों में समाए हुए थी बबलू का लंड सिकुड कर रेणु की चूत से बाहर आ गया बबलू खड़ा हुआ लाइट ऑन कर दी रेणु अपने आप को इस हालत में देख शरमा गये बबलू वापिस बिस्तर पर आया तो उसने देखा गधे पर खून के दाग लगे हुए थे रेणु ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक करके पयज़ामा पहना और गद्दे को गीले कपड़े सॉफ कर दिया फिर दोनो लाइट ऑफ करके एक दूसरे की बाहों में सो गये सुबह 7 बजे रेणु की मौसी ने डोर नॉक किया तो रेणु ने उठकर अपने आप और बबलू को उठा कर दुरस्त करके डोर खोला

सीमा: उठो बेटा फ्रेश हो जाओं फिर चाइ नाश्ता कर लेना

रेणु:जी मौसी

सीमा के जाते ही रेणु ने बबलू की तरफ देखा और मुस्करा कर नज़रे नीचे कर ली फिर रेणु बाहर चली गयी उस्दिन घर पर और ज़्यादा मेहमान आ गये जिसके कारण उन दोनो को शादी के बाद तक भी मोका नही मिला आख़िर कार रेणु अमन और बबलू तीनो शादी के बाद वापिस घर आ गये शोभा तीनो को देख बहुत खुस हुई बबलू दोपहर को स्टेशन चला गया वहाँ पर बबलू के इंचार्ज ने उसेबताया कि अगर वो अपनी नाइट शिफ्ट कर ले तो बहुत अच्छा होगा क्योंकि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले एम्प्लोयि कम है बबलू ने थोड़ी देर सोचने के बाद हामी भर दी क्योंकि बबलू जानता था कि रात को ना तो वो रेणु को चोद पाएगा और ना ही शोभा को दिन में कम से कम शोभा की चूत तो मिल जाएगी फिर वो रात को आने की बोल कर वापिस घर आ गया और आते ही उसने शोभा को नाइट शिफ्ट के बारे में बता दिया रात को खाना खाने के बाद बबलू स्टेशन पर आ गया और अपने काम पर लग गया काम करते-2 रात के 1 बजचुके थे काम ख़तम करने के बाद बबलू अपने ऑफीस के स्टाफ रूम में आ गया और साथ लाए हुए दारू के क़्वार्टर को पीने के बाद सो गया अगले दिन सुबह बबलू 9 बजे घर वापिस पहुँचा जब उसने डोर बेल बजाई तो शोभा ने गेट खोला और बबलू अंदर आ गया शोभा ने जैसे ही गेट बंद किया बबलू ने पीछे से शोभा की चुचियों को दबोच लिया और मसलने लगा


शोभा:ओह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे रेणु घर पर है आज उसकी तबीयत खराब है इसलिए वो स्कूल नही गयी है

बबलू मन मार कर अपने रूम में आ गया और कपड़े चेंज करने लगा

शोभा:उसके कमरे के बाहर से) ऊपर आ कर नाश्ता कर लो ।
और शोभा ऊपर चली गयी बबलू कपड़े चेंज करके ऊपर आ गया और नाश्ता करने लगा जब शोभा उसे नाश्ता परोस रही थी तो बबलू ने शोभा से इशारे से पूछा रेणु कहाँ है तो शोभा ने उसके रूम की तरफ इशारा कर दिया बबलू ने फिर अपने लंड को पयज़ामे के ऊपर से पकड़ शोभा को दिखाते हुए शोभा से धीमी आवाज़ में कहा इसका तो कुछ करो देखो ना तुम्हारी चूत में जाने के लिए कैसे तड़प रहा है

शोभा:धत्त कैसे गंदी बातें करते हो
और शोभा मुस्कराने लगी

बबलू: एक बार दे दो ना नही तो मुझे नींद नही आएगी

शोभा:तुम नीचे जाओ में मोका देख कर आती हूँ
और बबलू नीचे आ गया और बिस्तर पर लेट कर शोभा का इंतजार करने लगा और शोभा का इंतजार करते-2 उसे नींद आ गयी दोपहर के 12 बज रहे थे रेणु अपने रूम में मेडिसिन लेकर सोई हुई थी अचानक उसकी नींद टूटी वो उठ कर बाहर आ गयी उसने देख उसकी माँ शोभा अपने रूम में नही थी उसने किचन और बाथरूम में देखा पर शोभा उसे नही मिली वो नीचे उतार आई बबलू के रूम का डोर बंद था उसने बैठक में देखा पर शोभा वहाँ भी नही थी उसने सोचा शायद माँ ऊपर छत पर हो ये सोच कर वो धीरे से बबलू के रूम के पास आई और डोर को धकेल कर अंदर आ गयी रेणु एक पल के लिए सन्न रह गयी सामने का नज़रा देख उसके पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी सामने बेड पर बबलू लेटा हुआ था उसके ऊपर उसकी माँ शोभा अपनी दोनो टाँगों को बबलू की कमर के दोनो तरफ करके बैठी हुई थी शोभा और बबलू चुदाई में इतने मस्त थे कि उन्हे अंदाज़ा नही हुआ कि पीछे कोई खड़ा है शोभा की पीठ रेणु जो कि डोर के पास खड़ी थी की तरफ थी शोभा का पेटिकॉट उसकी कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था उसकी मोटी-2 गान्ड सॉफ दिखाई दे रही थी जो बबलू के लंड के ऊपर नीचे हो रही थी शोभा अपनी गान्ड को उठा -2 कर बबलू के लंड पे पटक रही थी और बबलू का लंड शोभा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था जो कि रेणु सॉफ-2 देख रही थी शोभा की आँखें मस्ती में बंद थी बबलू शोभा के पीछे देख नही पा रहा था ।
बबलू के हाथ शोभा के चुतड़ों को मसल रहे थी शोभा झड़ने के बिल्कुल करीब थी

शोभा: अहह मेरीई रज्ज़ाआाआआअ में तुम्हारे लंड के लिए तरस रही थीईईए अहह में झड़ने वाली हूँ अपना पानी मेरी चूत में निकलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल डीईईईई अहह और शोभा झड गइईई

अचाननक शोभा को अहसास हुआ कि उसकी पीछे कोई खड़ा है उसका दिल जोरो से धड़कने लगा जब शोभा ने पीछे देखा तो रेणु पीछे खड़ी थी जैसे कोई पुतला खड़ा हुआ हो इससे पहले कि शोभा कुछ बोलती रेणु वापिस कमरे से बाहर दौड़ गयी कदमों की आहट सुन बबलू भी एक दम होश में आया

बबलू:कॉन था

शोभा: ओह ये क्या हो गया रेणु ने सब कुछ देख लिया है अब क्या होगा
 

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UPDATE NO.20

शोभा बबलू के ऊपर से खड़ी हुई लंड पुतछ की आवाज़ से बाहर आ गया शोभा ने पेटिकॉट नीचे किया और ऊपर की तरफ़ चली गयी ऊपर आकर रेणु के कमरे में चली गई रेणु बेडपर उल्टी लेटी रो रही थी शोभा धीरे से उसके पास आकर बैठ गयी और उसके सर पर हाथ रखा ही था कि रेणु ने शोभा के हाथ को झटक दिया

रेणु: तुम बाहर जाओ मुझे तुमसे कोई बात नही करनी है

रेणु का गुस्सा देख शोभा ने वहाँ से बाहर आ जाना ही ठीक समझा दोपहर को अमन भी घर आ गया घर में अजीब सा सन्नाटा फैला हुआ था रेणु अभी भी अपने कमरे में से बाहर नही आई थी शोभा ने उसे कई बार बात करने की कोशिश की पर रेणु बात सुनने को तैयार नही थी वो बकेस अपने कमरे मे रोती रही अगली सुबह रेणु अमन के साथ स्कूल चली गयी जब बबलू वापिस आया तो शोभा से पूछा

बबलू: क्या हुआ कोई बात हुई

शोभा: नही समझ में नही आ रहा क्या करूँ ना कुछ खाया है ना कुछ पिया है में तो उससे नज़र नही मिला पा रही हूँ

बबलू: अगर तुम कहो तो में बात करके देखूं

शोभा: मुझे नही लगता इसे कोई हल निकले गा

बबलू: तुम बस अमन को लेकर कहीं बाहर चले जाना बाकी में संभाल लूँगा

शोभा:ठीक है

दोपहर को जब अमन और रेणु वापिस आए तो दोपहर के खाने के बाद शोभा अमन को मार्केट ले गयी शोभा के जाने के बाद बबलू गेट बंद करके ऊपर आ गया और सीधा रेणु के रूम में चला गया रेणु बेड पर लेटी हुई थी बबलू को देख वो एक दम से गुस्सा होती हुई बोली निकल जाओ मेरे कमरे से क्या लेने आए हो यहाँ

बबलू: मुझे तुमसे कुछ बात करनी है

रेणु: मुझे तुम्हारी शकल तक नही देखनी तुम से बात करना तो दूर की बात है

बबलू: प्लीज़ एक बार मेरी बात सुन लो फिर जैसे तुम कहो गी वैसे ही में यहाँ से हमेशा के लिए चला जाउन्गा

रेणु बिना कुछ बोले बैठी रही वो नीचे की तरफ नज़रे झुकाए बैठी थी

बबलू: देखो रेणु कुछ भी ग़लत नही हुआ

रेणु: क्या कहा तुमने कुछ ग़लत नही हुआ माफी माँगने की बजाए तुम अपनी करतूत को सही ठहरा रहे हो मेरी ही माँ के साथ नाजायज़ सम्बन्ध बना कर तुमने कॉन सा सही काम कर लिया और मुझे भी धोखा दिया किया ये भी सही है

बबलू:देखो रेणु तुम्हारी माँ ग़लत नही है तुमने कभी अपनी माँ के बारे में सोचा है कभी

रेणु: तो तुम्हारे कहने का मतलब मुझे मेरी माँ की परवाह नही थी क्या में उनसे प्यार नही करती थी

बबलू: नही बात वो नही है

रेणु: तो क्या बात है ज़रा मुझे भी तो समझो

बबलू: थोड़ी देर चुप रहने के बाद) देखो रेणु तुम्हारी माँ ने तुम्हारे पिता के मरने के बाद तुम्हारी और अमन की ज़िमेदारी कैसे निभाई है ये तुम अच्छी तरह जानती हो तुम्हारी खातिर ही उसने दूसरी शादी नही की उसकी भी ज़रूरते है हर औरत को जिस्म के सुख का हक़ है दुनिया की नज़र में चाहे से नाजायज़ हो पर उसे भी अपनी जिंदगी जीने का हक़ है आख़िर वो भी एक औरत है उसकी भी कुछ ज़रूरतें है क्या वो अपनी जिंदगी यूँ ही अपनी तमन्नाओ को मार कर जीती रहे उसे अपनी ख़ुसी के लिए जीने का कोई हक़ नही है ।

रेणु: पर तुम ही क्यों अपनी से आधे उम्र के लड़के के साथ च्ीईीईईईई मुझे तो कहते हुए शर्म आती है

बबलू: मेरा यकीन करो हालात ही कुछ ऐसे बन गये थे पर में तुमसे सच में प्यार करता हूँ

रेणु खामोश हो गयी बबलू वहाँ से चला आया रात को रेणु ने सब के साथ खाना खाया तो ज़रूर पर अब भी वो किसी से बात नही कर रही थी धीरे- 2 रेणु को नॉर्मल होते देख शोभा ने राहत की साँस ली खाने के बाद जब बबलू छत पर टहल रहा था तो शोभा ऊपर आ गई

शोभा: लगता है अब रेणु नॉर्मल हो रही है

बबलू:मुझे लगता है अब मुझे यहाँ से चले जाना चाहिए

शोभा: क्या कहाँ जाना है

बबलू: मुझे ये घर छोड़ देना चाहिए यही ठीक रहेगा

शोभा: प्लीज़ ऐसे ना कहो पहली बार मेने किसे से प्यार किया है में तुम्हें खोना नही चाहती रेणु को में संभाल लूँगी

बबलू:बात वो नही आख़िर कब तक में तुम्हारे साथ रह सकता हूँ मेरी भी जिंदगी है मेरा फ्यूचर है मुझे भी शादी करनी है

शोभा की आँखों में आँसू आ गये वो नीचे घुटनो के बल बैठ गयी और बबलू की कमर को बाहों में भर लिया प्लीज़ मुझे छोड़ कर ना जाना में तुम्हारे बिना नही रह पाउन्गी में तुम्हारी शादी में कोई रुकावट खड़ी नही करूँगी

बबलू:कुछ देर सोचने के बाद बबलू ने अपना आख़िरी दाँव चला अगर तुम मेरी बात मानो तो में तुमहरे साथ हमेशा रह सकता हूँ और जो तुम्हे चाहे वो सब सुख में तुम्हे दे सकता हूँ

शोभा: तुम बताओ तो सही में तुम्हारी हर बात मानने के लिए तैयार हूँ

बबलू: में तुम्हारी लड़की रेणु के साथ शादी करना चाहता हूँ अगर तुम चाहो तो फिर में तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा और रेणु भी हमारा साथ देगी

शोभा: नही ये नही हो सकता

बबलू: क्यों तुम नही चाहती

शोभा:रेणु कभी नही मानेगी

बबलू: वो तुम मुझ पर छोड़ दो तुम ये बताओ कि तुम क्या चाहती हो

शोभा: लेकिन कैसे

बबलू: तुम्हे कोई एतराज तो नही

शोभा: अगर ऐसे हो सकता है तो कोशिश करके देख लो

अगली सुबह जब रेणु स्कूल में गयी तो उसका मन पढ़ाई में नही लग रहा था हाफ टाइम में रेणु बाहर पार्क में आकर बेंच पर बैठ गयी तभी उसकी एक सहेली जो कि उसकी बेस्ट फ्रेंड थी उसका नाम महक था उसे उदास देख कर उसके पास आकर बैठ गयी

महक:क्या बात है रेणु बहुत उदास दिख रही हो

रेणु: नही कुछ नही बस ऐसे ही

महक:नही कुछ तो है जो तुम मुझ से छुपा रही है

रेणु: एक बता क्या किसी 35 साल की उम्र की औरत का किसी 18 साल के लड़के के साथ अफेर हो सकता है

महक: क्यों ऐसे क्यों पूछ रही है

रेणु: बस ऐसे ही वो में मौसी जी की घर शादी में गयी थे वहाँ पर कुछ औरतें आपस में बात कर रही थी तब उनकी ये बात मेरे कान में पड़ गयी लेकिन मुझे यकीन नही होता


महक: चाहे यकीन कर ना कर पर सच यही है कि कोई भी औरत अपने जिस्म की भूक मिटाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और तूने तो सुना है पर मैने अपने आँखों से देखा है

रेणु: हैरान होते हुए) क्या देखा है तूने

महक:बताती हूँ मेरी जान चल पीछे की तरफ जाकर बैठते हैं

दोनो पार्क के पीछे की तरफ आकर बैठ गयी

रेणु:हां जल्दी बता ना टाइम हो रहा है

महक:एक बार में अपने चाचा के घर देल्ही गयी हुई थी मेरे चाचा जी मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते हैं और चाची जी स्कूल में टीचर हैं जब में उनके घर गयी हुई थी तब चाचा जी काम के सिलसिले में आउट ऑफ स्टेशन थे चाचा जी के घर में दो बेडरूम एक ड्रॉयिंग रूम किचन और हाल है रात को खाना खाने के बाद में और चाची जी हाल में टीवी देख रहे थे मुझे नींद आने लगी तो मेने चाची जी से कहा मुझे नींद आ रही है में आप के साथ ही आपके रूम में सो जाउन्गी इसपर चाची एक दम हड़बड़ाते हुए बोली

चाची:नही बेटा मुझे अकेले सोने की आदत है तुम दूसरे रूम में सो जाओ


में वहाँ से चली आई और दूसरे रूम में आकर सो गयी में काफ़ी थकि हुई थी इसलिए मुझे नींद आगयी में जल्दी सो गयी थी इसलिए में 5 बजे उठ गयी मुझे नींद नही आ रही थी में पानी पीने के लिए रूम से बाहर आकर किचन की तरफ जाने लगी तभी मुझे सीडीयों की तरफ से कुछ आवाज़ आई जब में सीडीयों की तरफ गयी तो चाची जी वहाँ सीडयों पर छत के पास खड़ी थी और हाथ से कुछ इशारा कर रही थी फिर चाची ने सीडीयों का डोर बंद किया जो छत पर खुलता था में जल्दी से अपने रूम में आ गयी मुझे समझ मे नही आ रहा था कि चाची जी इस समय छत पर क्या कर रही थी और किसे इशारा कर रही थी खैर सुबह नाश्ते के बाद चाची जी स्कूल चली गयी और में घर पर अकेली रह गयी दिन बार में घर पर बोर होती रही ।

जब चाची घर पर आई तो वो काफ़ी खुश लग रही थी पर मेने उनसे कुछ नही पूछा दोपहर के वक़्त खाना खाते टाइम मेने चाची से चाचा के आने के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि वो मंडे को आएँगे उस्दिन सॅटर्डे था अगले दिन सनडे उनका स्कूल क्लोज़ था इसलिए हम काफ़ी रात तक बातें करते रहें हम जिस कमरे में सोती थी वहीं बेड पर लेटी हुई थी अचानक चाची बोली मुझे नींद आ रही है में सोने जा रही हूँ मैने चाची से कहा कि आप मेरे साथ ही सो जाओ पर चाची ने मना कर दिया मेरा शक बढ़ने लगा मैने दोपहर को घर की छान बीन कर ली थी चाची का रूम सीडीयों के बिल्कुल पास था और सीडीयों पर चाची के रूम की दीवार पर एक छेद सा था जो बिजली की वायरिंग का था जिसमे से चाची के रूम सारा नज़ारा सॉफ दिखता था रात के 12 बजे के करीब मुझे दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई में सो नही पा रही थी में आवाज़ सुन कर धीरे से अपने कमरे से बाहर आई तो दबे पाँव चाची के रूम के पास चली गयी डोर बंद था अंदर से हल्की आवाज़ आ रही थी पर में सही से सुन नही पा रही थी में धीरे-2 सीडीयों पर चढ़ गयी और उसी छेद के अंदर से देखने लगी अंदर लाइट जल रही थी चाची बेड पर बैठी हुई थी उन्होने नाइटी पहनी हुई थी वो कुछ बोल रही थी ऑर मुझे समझ में नही आ रहा था और ना ही रूम में कोई और दिखाई दे रहा था अचानक बेडरूम के अटॅच बाथरूम का डोर खुला मेरा दिल की धड़कने बढ़ गयी और जो मैने देखा उसे देख मेरे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी सामने विक्रम खड़ा था ।

:विक्रम कों विक्रम

महक: वो पड़ोस के घर में रहता था और जिस स्कूल में चाची जी पढ़ाती थी उसी स्कूल में था मालूम है उसकी उमर क्या थी
रेणु: कितनी
 
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