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Adultery चूत की चुदाई की अनोखी कहानी: माँ बेटा और नौकरानी

Raja maurya

Well-Known Member
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दोस्तों, मै पहली बार कोई कहानी पोस्ट कर रहा हूँ। उम्मीद है आप लोग पसंद करोगे। ये कहानी धीरे धीरे ही आगे बढ़ेगी जिसे जल्दी हो वो दूसरी पोस्ट को कहानियां आराम से पढ़े। कहानी में नए नए मोड़ आएंगे जो दिलचस्प होंगे और आपने कभी कहीं नही पढ़ा होगा। कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए अधिक समय लगेगा इसलिए जल्दी जल्दी अपडेट के लिए नही कहें। अन्यथा कहानी बीच मे ही रोकनी पड़ेगी। क्योंकि हमेँ भी ज़िन्दगी में ढेरों काम होते है और यह तो मुफ्त में ही कहानी का मज़ा बाट रहे है। जबतक कहानी में अच्छे मोड़ दिमाग मे नही आएंगे तबतक अपडेट नही आएगा। पर कोशिश रहेगी कि कहानी जल्दी ही पूरी हो। तो शुरू करते है।
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शिल्पा एक बड़े से बंगले में रहती है, पति विदेश में नौकरी करने के लिए 2 साल पहले गया था और वही किसी विदेशी औरत के साथ दिल लगा बैठा और वही का हो गया फिर कभी वापस नहीं आया और न ही कभी उसने अपनी पत्नी शिल्पा से कोई संपर्क ही रखा!

चूत की चुदाई की अनोखी कहानी

शिल्पा बहूत ही खूबसूरत और लगभग 21 साल की है सबकुछ होने के बावजूद उसका पति उसे छोड़ देता है! घर में पैसे की कोई कमी नहीं थी खेत और दूकान से उसका सारा खर्च भी चल जाता था! जिसे उसने किराए पर दिया हुआ था जिससे बहूत पैसा आता था! और बहूत पैसा बचता भी था!

उसने अपने घर के लिए ख़ास तौर पर एक नौकरानी रखी है जो उसके सारे काम देखती है! शिल्पा बहूत खुले स्वाभाव वाली ओर समझदार औरत है! गजब की कामुक शरीर वाली गोरी और सुन्दर भी थी! उसने अपनी नौकरानी (विमला) को सारी हिदायते बारीकी से समझा दी थी के कैसे क्या क्या करना है!

शिल्पा ने अपने लिए एक तेल बनाया था जो वो विमला से अपने बदन पर लगवाती थी और विमला भी उसे अपने लगाने के लिए ले जाती थी! शिल्पा वो तेल शादी के पहले से अपने बदन पर चूत पर और छातियो पर विशेष रूप से लगवाकर मालिश कराती थी! जिसकी वजह से शिल्पा के स्तन एकदम कसे हुए खरबूज के आकर के दिखने गए थे और उसके निप्पल 1.5 इंच लम्बे एकदम सीधे तने हुए थे!उसकी गोल मटोल गांड चलने पर दाए बाये बलखाती थी जैसे उसकी गांड कोई लड़की हो और नशे में कभी इधर कभी उधर ढलक रही थी!

तेल मालिश और चूत की चुदाई - Chut Chudai Aur Tel Malish

विमला तेल और सुगन्धित सामान लेकर घर के आंगन में बैठ जाती है! आंगन चारो तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है जिसे के बहार का कोई भी व्यक्ति अन्दर नहीं देख सकता!
ऊपर से खुला होने के कारण सूरज की किरने सूरज अन्दर आसानी से आजा सकती है! आंगन में एक छोटा सा तालाब भी शिल्पा ने बनवा रखा है जहा पर वो स्नान करती है!

शिल्पा थोरी देर में एक दम निर्वस्त्र होकर आँगन में प्रवेश करती है! शिल्पा का जिस्म एकदम गोरा है और किसी अभिनेत्री के सामान पतली कमर है! गांड एकदम गोल कसी हुई और उभरे हुए दिख रहे है! चुच्चे एकदम गुम्बद की तरह गोल और उसपर 1.5 इंच के खड़े हुए निप्पल बेहद आकर्षक है! शिल्पा ने अपनी चूत के बालो को एक ख़ास डिजाईन में काटे हुए है! चूत कसी हुई काफी गहरी और उभरी हुई दिख रही है!

शिल्पा तालाब के पास आकर धीरे धीरे उसमे उतरती है जिसकी वजह से उसकी गांड हलके हलके हिचकोले लगाने लगती है और पानी के अन्दर कुछ देर तक मछलियों की तरह एक कोने से दुसरे कोने चक्कर लगाने के बाद बहार निकलती है उसका गीला बदन सूरज की किरणों में सोने की तरह चमकने लगता है जैसे कोई अप्सरा हो! किसी का भी मन उसे देखकर विचलित हो सकता है उसके इस रूप को देख कर!
( कोई आदमी इतनी खूबसूरत स्त्री को छोड़कर चला जाए तो या तो उसकी आँखों ख़राब होंगी या तो उसकी किस्मत ही खराब होगी! खैर हम आगे बढ़ते है )

शिल्पा विमला के बिछाये हुए एक चादर पर आकर नग्न पीठ के बल लेट जाती है! और फिर विमला कुछ सुगन्धित सामान के साथ तेल को मिला कर तैयार किये हुए द्रव्य को उसके पुरे शरीर में लगाकर मालिश करती है! फिर ढेर सारा तेल में कुछ मिला कर उसके स्तनों पर अच्छे से हलके हाथो से दबा दबा कर मालिश करती है

ऐसा करते करते शिल्पा के स्तन काफी सख्त होने लगते है और उसकी चूत में कुछ और फुलाव आने लगता है! विमला धीरे धीरे मालिश करते हुए शिल्पा की चूत के आस पास मालिश करना शुर कर देती है उससे पहले वो ढेर सारे ताल को वो उसकी चूत पर चुपड़ देती है! और लगभग 10 मिनट तक चूत की मालिश से शिल्पा की चूत में ज्वारभाट जैसा सैलाब उमड़ पड़ता है और चूत रिसने लगती है! इन सबसे विमला भी अछूती नहीं रहती उसकी चूत में भी खुजली अपने शबाब पर पहुच जाती है! क्योकि उसकी चूत से भी रस की बूंदे बाहर निकालनी शुरू हो गई है!

शिल्पा- ओह्ह माँ.. आह उह उह शिल्पा ..क्या कर दिया हय्य मेरी ..मेरी चूत.. ऊह ओह्ह ....
विमला- ओह्ह मालकिन क्या करू रोज की तरह मेरा भी वही हाल है जो आपका है!
शिल्पा- विमला चल जरा तालाब के पास आजा जल्दी से! और तालाब में उतर के सीढियों पर लेट जा!

शिल्पा की बात सुनते ही विमला जल्दी से खडी होकर तलब में घुस कर सीढियों पर लेट जाती है!
शिल्पा तालाब की सीढियों पर खडी होकर अपनी चूत को विमला के होठो पर रख देती है! ऐसा करते ही उसके मुह से जोर कि अवाज़ निकलने लगती है! जैसे किसी ने गरम तवे पर ऊँगली रख दी हो!

शिल्पा- आह उईइ हाई विमला मै तो क्या बताऊ मेरी चूततत्तत .... ऊईइ चूस डाल विमला.. सीसीई... जोर से और जोर रर ...सी .. सब चाट डाल जल्दी से सारी चूत अपने मुह में भर ले री ईईई..
शिल्पा ऐसा कहते हुए अपनी गांड को विमला के मुह पर ही लंड समझकर रगड़ने लगती है और अपनी गांड का दबाव विमला के मुह पर बढ़ा देती है!

विमला शिल्पा की चूत को जोर जोर से चूसते हु शिल्पा की गांड पर अपने हाथो से जो जोर से थपकी भी मारती है जिसकी वजह से शिल्पा की गांड एकदम गुलाबी होकर अंगारे की तरह दहकने लगती है!

शिल्पा- हाय री.. जालिम विमला तूने तो आज जबरदस्त आग लगा दी है, मेरी गांड और चूत में कुछ कर जल्दी मेरी गांड में भी कुछ घुसा दे ना!

हय्ये रे मै मरी गांड का छेद भी चूस ना गड्चोदी..ईई विमला.

विमला इतना सुनते ही अपने होठो हो मालिकिन की चूत पर से हटा कर उसकी गांड के छेद पर लगा देती है! और शिल्पा की गांड में जीभ डालते हुए छेद के ऊपर अपनी जीभ रगडती है और चूसने लगती है!
और उसकी चूत में 2 ऊँगली डालकर अन्दर बाहर करना शुरू कर देती है!

लगभग 5 मिनट तक विमला के ऐसा करने के बाद शिल्पा अचानक अपनी गांड को जोश में तेजी से हिलाने लगती है!

शिल्पा- आआह्ह्ह आआआह्ह्ह विमलाऔर जोर से कार में झदीईइ ... मै गईइ ईई ईए.. मै झड रही हूऊ ऊऊ मा मेरी चूत.... हहह येई मेरी गांड ....

इतना कहते हुए शिल्पा एक जोरदार रस की पिचकारी विमला के मुह के उपर छोड़ने लगती है..
विमला का पूरा चेहरा शिल्पा की चूत से निकले हुए चूत रस से डूब जाता है!

लेकिन विमला बिना किस रुकावट के अपने होटो को गांड के छेद से हटाकर चूत पर झड़ने के साथ ही लगा चुकी होती है और अभी भी लगतार चुसे जा रही है! झड़ने के कुछ देर बाद शिल्पा अपने गांड को हिला कर विमला के होटो पर से हटा कर सीढियों से बाहर आकर आंगन में चादर पर नंघी ही लेट जाती है!

शेष भाग अगले पोस्ट में पढ़े...
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Raja maurya

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इतना कहते हुए शिल्पा एक जोरदार रस की पिचकारी विमला के मुह के उपर छोड़ने लगती है..
विमला का पूरा चेहरा शिल्पा की चूत से निकले हुए चूत रस से डूब जाता है!

लेकिन विमला बिना किस रुकावट के अपने होटो को गांड के छेद से हटाकर चूत पर झड़ने के साथ ही लगा चुकी होती है और अभी भी लगतार चुसे जा रही है! झड़ने के कुछ देर बाद शिल्पा अपने गांड को हिला कर विमला के होटो पर से हटा कर सीढियों से बाहर आकर आंगन में चादर पर नंघी ही लेट जाती है!

कहानी अब आगे...👇

विमला की चूत का रस
शिल्पा अपने गांड को हिला कर सीढियों से बाहर आकर आंगन में चादर पर नंघी ही लेट जाती है! शिल्पा की चूत का पानी गटागट पी जाने के बाद विमला तालाब से निकलकर शिल्पा के पास आकर बैठ जाती है और कहती है -

विमला- मालकिन लाइए मै आपकी गांड में तेल लगा कर मालिश किये देती हूँ!
शिल्पा- विमला मालिश से पहले मुझे अपना रस चखा बड़ी प्यास लगी है!
विमला-जी जरूर अभी लीजिये!

विमला अपनी चूत को शिल्पा के सामने परोस देती है जिस में से अभी तक रस की एक धार बह रही थी और रस पूरी चूत को भिगो चूका है जिस पर धुप पड़ने की वजह से रस की धार चमक रही है!

शिल्पा- विमला लगता है तू भी बहुत गरम हो गई है मेंरी चूत का रस पीकर!
विमला- हां मालकिन आखिर आपके जैसी चूत तो पूरे गाँव में किसी लड़की की भी नहीं होगी!

शिल्पा इतना कहकर विमला को कुतिया की तरह खड़ी होने का इशारा करती है और उसकी गांड के पीछे बैठ जाती है जिससे के उसकी चूत और गांड उसके होठो तक आ जाए!

विमला के चूत किसी आग की भट्टे की तरह गरम गरम आँच छोड़ रही थी और उसमे से गरम गरम चूत का रस रिस रहा था उसे देखते ही शिल्पा अपने होठो पर जीभ फेरते हुए विमला की चौड़ी गांड पर अपने हाथो से जोरदार थपकी मारी और उसके गांड की फंको को अपने दोनों हाथो से धिरते धीरे चीरते हुए फैलाया इससे विमला की गोरी गांड के बीच में भूरे रंग का छेद निकल कर बहार की तरफ झाँकने लगा जिसे देखकर एक बार तो शिल्पा की आंखे मोहित सी हो गई उसके बाद शिल्पा ने अपने होठो को खोलकर अपनी जीभ को लहराते हुए विमला की गांड के छेद को हलके से छुते हुए उसे धीरे धीरे चाटने लगी ! शिल्पा के ऐसा करते ही विमला के मुह से जोर की आह निकल पड़ी.

विमला- आह हह .. मालकिन न् नन् ..न .. मेरी गांड के छेद को जीभ से छुकर तो आपने मुझे जन्नत में पंहुचा दिया इ ईईई मै मर गई ई ... ईइ मेरा छेद और चाटो मालकिन जोर से चाटो फाड़ डालो मेरा छेद! मै आपकी ज़िन्दगी भर पालतू कुतिया बनकर रहूंगी मालकिन मेरी रर ..री मेरी गांड की मालकिन!

इधर शिल्पा अपनी जीभ को नीचे की तरफ बढ़ाते हुए जीभ को चूत के छेद के पास ले जाती है, विमला अपनी गांड का पिछवाडा और ऊँचा उठती है और मुह से जोर जोर से सी सी की आवाजे निकलते हुए मस्त हो जाती है!

शिल्पा जोश में आकर अपनी जीब को तेजी से चूत के ऊपर तेजी से फेरना शुरू कर देती है और अपने हाथो से चूत के होठो को फैलाकर जोर से अपने मुह को पूरी तरह से उसकी लम्बी चिकनी चूत को रसमलाई की तरह चूसने और चाटने में लग जाती है!

शिल्पा- हरामजादी तेरी चूत तो बहुत मजेदार है बहुत रस छोड़ रही है! इसी तरह रस छोड़ेगी तो ये सारा तलाब भी भर जायेगा घंटे भर में!
विमला- मालकिन चोद डालो अपनी इस गड्लगी नौकरानी को मेरा रस चाट चाट कर सुजा दो मेरी गोरी मूतनी को!
लगभग 25 मिनट तक चाटने के बाद विमला की चूत में हलचल तेज हो गई और गांड को हिलाने लगी उसकी चूत में उबाल आने लगा और एकदम से एक गरम मोटी रस की धार फौवारे की तरह निकल कर शिल्पा के मुह को भिगोते होए निकला! जिसकी अधिकतर धार शिल्पा के मुह में और चेहरे के ऊपर पड़ रही थी, शिल्पा जोर जोर से विमला की गांड को चाटने और थपथपाने लगी! 5 मिनट तक झड़ने के बाद कुतिया बनी हुई विमला सीधे लेटकर जोर जोर से सांसे लेते हुए अपनी मालकिन संग हसने लगी!

शिल्पा- विमला आज बहूत मजा आया तूने मेरी चूत को खुस कर दिया!
विमला- मालकिन मुझे भी बहूत मजा आया!
शिल्पा- देख चुदाई के वक़्त मुझे अपनी मालकिन नहीं सहेली समझा कर और जो मन चाहे गालिया दिया कर जितनी गन्दी गली दे सकती है दिया कर! तभी मुझे मजा आयेगा और तुझे भी समझी! किसी भी तरह का शर्म मत कर मुझसे एकदम खुल कर सब कर चुदन चुदाई के आगे सब बेकार है समझी मेरी चुदक्कड सहेली!
विमला- जी मालकिन आगे से मै ऐसा ही करुँगी!
शिल्पा- अच्छा सुन, अब घर जाने से पहले सब काम खत्म कर लेना और कल सुबह जल्दी आ जाना। कल मेरा छोटा भाई आ रहा है कुछ दिन रहेगा, इसलिए उसके लिए एक कमरा साफ कर देना और कुछ अच्छा बना लेना खाने में।
उसेे किसी चीज की कमी नही होने पाए। और सुन जब तक वो यहां है किसी भी तरह की चोदा चोदी या कोई भी ऐसा काम नही करना जिससे कि उसे कोई शक हो, समझी।
विमला जी ठीक है मालकिन आप सब कुछ मुझ पर छोड़ दे। उन्हें कुछ पता नही चलेगा, कल से हम दोनों अच्छी और नेक शरीफ औरते हैं। बस चूत को काबू में रखना बहूत मुश्किल है मालकिन।

इतना कहकर विमला हसने लगती है। और उसके चूत पे थपकी देते हुए शिल्पा भी आंख दिखाते हुए हस्ती है।
शिल्प: तू ठीक कह रही है लेकिन इसे काबु में रखना ही पड़ेगा समझी।

इसके बाद विमला जल्दी जल्दी अपना काम खत्म करके अपने घर जाने के लिए तैयार होने लगती है तो इतने में शिल्पा उसे रोकते हुए कहती है। सुन तू आज यहीं रुक जा दोनों खाना खाने के बाद मस्ती करेंगे, उसके बाद न जाने फिर कब मौका मिलेगा।
मेरा भी बहूत मन कर रहा है।
इतना सुनते ही विमला खुश हो जाती है और कहती है।
विमला सच मालकिन, मैं भी यही सोच रही थी। आपकी चूत का पानी पीने का मेरा भीऔर मन कर रहा था, मैं घर पर फोन करके बता देती हूं कि मालकिन के भैया राकेश आ रहे है काम ज्यादा है, इसलिए आज मालकिन के पास ही रुकूँगी, नही तो कोई न कोई आ जायेगा घरसे पता करने।
शिल्पा ठीक है 9 बजे तक खाना खाएंगे इसलिये तू तब तक सब तैयार कर लेना।
इसके बाद दोनों नग्न अवस्था मे ही अपने अपने काम मे लग जाते है। शिल्पा फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाति है और फिर पानी पोछकर अपने कमरे की अलमारी से कोई डायरी निकाल कर बालकनी में रखी कुर्सी पर बैठती है पढ़ने के लिये।

दोस्तो में यहां बता दु की शिल्पा की शादी 2 साल पहले ही हो गई थी और उससे उसे एक लड़का भी हुआ जिसका नाम रोहन है। जिसकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी शिल्पा ने विमला को दे रखी है। और अभी विमला अपने लड़के को बहूत प्यार करती है और विमला भी लगभग शुरू से ही उसे संभाल रही है इसलिए उसे भी उससे बहूत प्यार है। वो उसे एक मौसी की तरह अपने बच्चे के जैसा ही समझती है। रोहन अभी बहूत छोटा है इसलिए। उसके बारे में अभी ज्यादा कुछ नही है बताने के लिए। अभी उसे और बड़ा होने देते है।
विमला का पति शहर में मजदूरी करता है। और 6 महीने में या साल भर में कुछ दिन के लिए आता है। और हर महीने खर्चे के लिए पैसे भेज देता है। विमला के एक लड़की है जो 8वी कक्षा में पढ़ती है। और एक लड़का है जो 18 वर्ष का है और वो भी अभी पढ़ाई कर रहा है। विमला के घर उसकी सास भी साथ मे रहती है और घर पे ही रहकर सबका ध्यान रखती है।

शेष कहानी अगले भाग में ... 🙏
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Raja maurya

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दोस्तो, इधर शिल्पा बालकनी में बैठी कुछ सोचते हुए अपनी डायरी पन्नो को पलटते जा रही है। जैसे कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही हो।

शिल्पा डायरी के पन्नो को पलटती हुई अचानक एक तस्वीर को देखकर पन्ने पलटना भूल जाती है। ये तस्वीर एक युवक की है जिसे शिल्पा बिना पलक झपकाए देखती रहती है, और उसकी आंखें आंसुओ से भर जाती है। उस तस्वीर के साथ एक छोटा सा कागज का टुकड़ा भी होता है जिसमे कुछ इस तरह के शब्द लिखे होते है।

❤❤❤❤❤❤
मेरी जान से प्यारी
"राजशिल्पी"

मैं तुमसे बेइंतहां मोहब्बत करता हूँ। तुम ये बात अच्छी तरह जानती हो।
तुम्हारे जाने के बाद भी मेरे पास सदा तुम्हारी मोहब्बत रूपी यादों के सिवा कुछ नही रहेगा।
मैं तुम्हारी नाराज़गी और मोहब्बत को समझता हूं। मेरा यकीन करो मैं कभी किसी और का नही हुआ।
तुम्ही मेरी पहली और आखरी ख़्वाहिश हो।

आज के बाद न जाने कभी तुम्हे देख पाऊंगा या नही लेकिन। मिलने की बेसब्री का आलम इतना होगा के मुझे हर लम्हा केवल तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।
तुम्हारा जब भी दीदार हो, मुझे ऐसे गले लगाना के जिस्म से रूह अलग हो जाये। और ये इंतज़ार खत्म हो जाये।

तुम्हारा
शिल्पराज
------////-------------////--------

इन मोहब्बत भरे लब्जो को पढ़ते हुए शिल्पा की आंखों के आंसू छलकते हुए उसके कोमल गालों को
तरबतर करते हुए बह निकलते है, और वो किन्ही पुराने ख्यालों में खो जाती है।

दोस्तों, शिल्पा की शादी 2 वर्ष पहले ही हुई थी। उस समय उसकी उम्र 19 वर्ष थी, स्कूल की पढ़ाई करने के बाद वो कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अपने गांव से शहर दिल्ली गई थी। अपने चाचा के घर और वही पर उसे एक अजनबी युवक से प्रेम हो गया था। उस युवक का नाम राजीव था लेकिन शिल्पा और उसके जानने वाले उसे राज ही कहते थे।
दोनों को ही एक दूसरे से बहूत ही गहरा प्यार था। राज की लंबाई लगभग 5.7 गठीला शरीर कसरती बदन था उसकी उम्र 22 वर्ष थी। राज दिखने में किसी भी हीरो से कम नही था। राज को जानने वाले उसे एक शरीफ, संस्कारी और बहूत ही हैंडसम लड़के के तौर पर जानते थे।


उधर दूसरी तरफ विमला कुछ देर बाद अचानक मालकिन मालकिन चिल्लाती हुई शिल्पा के कमरे में दाखिल होती है।

विमला: मालकिन मालकिन आप कहाँ है।
शिल्पा अचानक आवाज़ सुनकर अपने ख्यालों से बाहर आती है। और फ़ोटो और कागज़ के टुकड़ा अपनी डायरी में छिपाती हुई उसे बंद कर देती है । और उठकर बालकनी से विमला के पास आती है और उससे पूछती है।
शिल्प: अरी क्या हुआ क्यूं हड़बड़ाई हुई है। मालकिन अभी मेरे घर से फोन आया था, मेरा बेटे की तबियत खराब हो गई है और तेज़ बुखार में तप रहा है, बेहोशी में मुझे पुकार रहा है। मुझे अभी जाना होगा। मैंने सब काम निपटा दिया है। आप भोजन कर लेना। सब तैयार करके रख दिया है। मुझे जाने दे मालकिन।

शिल्पा: ओह्ह तू रुक मैं मैं आती हूँ..
शिल्पा अपने कमरे की अलमारी से कुछ पैसे निकाल कर विमला को देती है और कहती है।
शिल्पा: विमला ये कुछ पैसे रख ज़रूरत लगे तो और ले लेना। तू जल्दी जा।
विमला अपनी मालकिन का शुक्रिया अदा करके तेजी से अपने घर की तरफ निकल जाती है।

विमला के जाने के बाद शिल्पा अकेली रह जाती है।
......
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Shaitan Baccha

New Member
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13
भाग 3 .............



विमला के जाने के बाद शिल्पा अकेली रह जाती है। और मन में सोचती है की कल भाई आ जायेगा और आज रात का भी कुछ नही हो पायेगा। पता नही विमला का बेटा कैसा होगा। ईश्वर सब भली करें ऐसा सोचते हुए वो अपने घर की रसोई में जाती है उसे अभी भूख नही थी इसलिए सोचा कि कुछ देर Tv पर ही कुछ देखा जाए और ये सोचकर घर के हॉल में जाती है और सोफे पे बैठ कर रिमोट से tv ऑन करती है। कुछ देर तक चैनल बदलती है लेकिन कुछ पसंद नही आता तो उसे बंद कर के रिमोट रख देती है।
और वही बैठी आंखे बंद करके कुछ सोचती है।
और अचानक उठकर अपने कमरे में जाती है और आईने के पास खड़ी हो जाती है और बड़े।गौर से अपने आप को ऊपर से नीचे तक बहूत ध्यान से देखती है। कुछ देर देखने के बाद कपड़े के ऊपर से ही अपने स्तनों को अपनी हथेली से थामते हुए ऊपर की तरफ उठती है और उसे ऐसे उछालती है जैसे उसके हाथों पे कोई बड़ी गेंद रखी हो और उसे उछाल उछाल कर खेल रही हो। ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर एक मादक सी मुस्कान छ जाती है।
और फिर पलट कर पीछे की तरफ घूम कर अपने कमर के नीचे के उभारो को देखते हुए उन्हें कपडे के ऊपर से मसलती है। और नितंबो पर दोनों हाथों से जोर की थाप लगती है जिससे दोनों नितम्भ एकदूसरे से टकराकर विपरीत दिशां में तेजी से किसी जैली की तरह हिलने लगते है। और ये देखकर शिल्पा जोर से आह भर्ती हुई आंखे बंद करके जोर से सिसकारियां लेती हुई बोल पड़ती है आह ह हम्म ओह मा किसी घोड़ी से कम नही शिल्पा रानी तेरी गांड, तुझे तो किसी मोटे और लंबे लंड की सख्त जरूरत है। हय विमला कहाँ चली गई तू.. देख कितनी प्यासी है मेरी गांड और चूत..
अब क्या करूँ .... ये बोलते हुए शिल्पा अपने बदन को सहला सहला कर थपकियाँ मार मार के आहें भरने लगती है। और एक एक करके धीरे धीरे अपने बदन के कपड़ो को अलग करके आईने के सामने मदरजात पूरी तरह नंघी खड़ी हो जाती है।
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उधर रात काफी गहरी हो चली थी। इस गांव में लोग अंधेरा होने तक अपने घरों में चले जाते थे और उसके बाद बाहर सिवाय सन्नाटे के कुछ नही दिखता था।
कमाल की बात तो ये थी कि गली के कुत्ते भी ऐसे गायब रहते थे जैसे गधे के सर से सींग।
लेकिन आज पूणिमा का चांद अपने शबाब पर था वो भी एकदम सर के ऊपर।
गांव से एक रास्ता सीधे जंगल से होते हुए स्टेशन तक जाता था। जो गांव से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर था। स्टेशन छोटा होने के कारण बहूत ही कम गाड़ियां रुकती थी और रात में उतरने वाली सवारियां मजबूरी में पूरी रात स्टेशन पर ही रुक जाया करती थी क्योंकी रात में गहरे घने जंगल से होकर गांव तक जाने की हिम्मत किसी मे नही थी। ये जंगल इतना घना और बड़ा था कि दिन में भी अंधेरा से लगता था।

लोगो का कहना था कि जंगल मे रात के समय गुजरने वाले व्यक्ति को अजीब अजीब आवाजें सुनाई पड़ती है जैसे कोई बुला रहा हो या वहां अक्सर अजीब से घटनाएं भी होती रहती है।
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इस गांव से लगभग 250km दूर एक ट्रेन 60 की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ी चली जा रही है। और उसी ट्रैन में एक नौजवान स्लिपर कोच में बैठा हुआ है जो लगातार खिड़की से बाहर देख रहा है। उस कोच में अंधेरा और सन्नाटा दोनों है अधिकतर यात्री सो गए है। नौजवान ने अपने चेहरे पर काले रंग का मास्क पहना है। और सर पर एक गोल सी टोपी भी पहन रखी है। जिसके कारण उसके हाव भाव पता नही चल पा रहे है। लेकिन उसकी आंखें न जाने क्यों आंसुओ से भरी है और दोनों आंखों से आंसू की धारा बह जाने को बेकरार है। जो कब छलक पड़े अंदाज़ नही लगाया जा सकता।

उसी ट्रैन के अंदर उसी स्लीपर कोच में एक लड़का और एक लड़की दरवाजे के पास बैठे हुए है। उन्हें देख कर ऐसा लगता है कि टिकट नही मिल पाने के कारण या सीट कन्फर्म नही होने के कारण मजबूरन उन्हें गेट के पास ही बैठना पड रहा है। लड़की की उम्र 20 के आसपास होगी जबकि लड़के की उम्र भी लगभग 22 के आसपास ही लगती है।
ट्रैन में काफी अंधेरा होने के कारण ज्यादा कुछ पता नही लग पा रहा है कि कौन किस अवस्था में है या क्या पहना है या क्या कर रहा है।
बीच बीच मे बाहर से आती रौशनी ही एकमात्र उजाले का स्त्रोत बन रही है जिससे थोड़ा बहूत कुछ देर के लिए दिखाई पड़ जाता है। लडकी थकान और नींद के कारण लड़के के सीने पर सर रखकर आंखे मुंदे हुए लेटी है। और लड़का
भी लगभग आधी नींद में एक तरफ सर टिकाए बैठा हुआ है। तभी अचानक ट्रैन के अंदर रौशनी बढ़ जाती है और ट्रैन की गति धीमी होने लगती है। और धीरे होते हुए ट्रैन रुक जाती है। ट्रैन के झटके से लड़की की नींद खुल जाती है जो ऊँघे पड़ी थी इतनी देर से। और पूछती है क्या हुआ बाबू ये गाड़ी क्यों रुक गई।
लड़का: कुछ नही शायद कोई स्टेशन आया है।

उधर दूसरी तरफ खिड़की के पास बैठा हुआ शख्स अचानक से खड़ा होता है और अपनी जेब से एक चाकू निकालता है और.......
अपनी सीट से खड़ा हो जाता है। और बढ़ जाता है दरवाजे की तरफ।

उधर गांव में विमला के घर पर सभी सो रहे है। लेकिन विमला की आंखों में नींद नही।
बदन पर केवल ब्लाउज और पेटीकोट पहने है। जो पूरी तरह कमर के ऊपर तक उठी है। आंखे बंद किये हुए एक हाथ की उंगली चूत के अंदर डाले हुए अंदर बाहर कर रही है और दूसरे हाथ से अपने स्तनों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलते हुए कुछ बड़बड़ा रही है धीमी आवाज में।
आह उम्मह जोर से और जोर से चुसो आह और तेज करो मालकिन चबा डालो में चूत पूरी जीभ डालकर सारा रस निकाल लो मालकिन। और चाटो तेज हमम तेज तेजज्ज्ज्ज् अ आह मैं झा झा झा.......... डीईईईईई
एक तेज सफेद दूध की मलाई जैसी धार चूत से निकलती हुई सीधे 2 हाथ की दूरी पर लगातार निकलने लगती है। चूत की फ़ाके तेजी से फड़कते हुए ऊपर नीचे होते हुए फड़क रही है जैसे कोई कबूतरी अपने पंख फड़फड़ा रही हो। विमला अपनी गांड तेजी से उठा उठा कर ऊपर नीचे उत्तेजना में करने लगती है। बेकाबू पतंग की तरह कभी इधर कभी उधर ऊपर नीचे करने लगती है। विमला का बहूत ही तेज और मलाईदार स्खलन हुआ। पूरा बिस्तर भीग चुका था और जमीन पे तो जैसे किसी ने पूरा दूध का गिलास ही उलट दिया हो। विमला के शरीर मे जैसे जान ही नही बची थी। बेहद ही शानदार हस्तमैथुन किया था उसने मालकिन को याद करके। उधर दूसरे कमरे में उसके बच्चे अपनी दादी के साथ सो रहे थे गहरी नींद में। असल बेटा जिसकी ताबियत खराब हो गई थी। वो भी शायद आराम मिल जाने के कारण सो रहा था। वैसे विमला और पूरा परिवार एल ही कमरे में एक साथ ही सोता है। लेकिन कभी विमला दूसरे कमरे में सो जाया करती है।

कुछ देर उसी तरह लेटी रहने के बाद विमला उठती है और बिस्तर बदलकर ठीक करती है और कमरा साफ करके फ्रेश होकर वापस अपने बिस्तर पर आकर बैठ जाती है। उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे। और मन में सोचती है काश सच मे मालकिन यहां पर होती तो कितना अच्छा होता। मालकिन कितनी ज्यादा अच्छी है।
भगवान उन्हें हमेशा सुखी और संपन्न रखे। बहूत दुख झेले है उसने। कितनी भोली अनछुई और मासूम थी वो जब पहली बार शादी होकर आई थी। और मैं भी तो वैसी ही थी। क्या पता था कि किस्मत ऐसे मोड़ पर लेकर आ जायेगी...
ये सब सोचते हुए उसकी आँखों मे आंसू भर आते है।

कहनी जारी है.....
 
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