Pata nahi mujhe kahani padhkar aisa lag raha hai ki ye kahani maine kahin padhi ho. Kya aapne English stories ka hindi me anuvaad to nahi kiya. Aisa kyu lag raha hai ki maine ye kahani English me padhi ho. Ya phir ye drashye jo aapne apni kahani me liye hai vo kisi novel se uthaye hain. Galat mat samajhna mujhe, maine aisa isliye bola kyunki is kahani se milte julte kuch drashye main pehle bhi kahin padh chuka hoon
धन्यवाद।
यदि वह कहानी या उपन्यास आप मुझे बता पाएं तो मुझे भी यह जानकार हर्ष होगा कि कोई व्यक्ति ऐसा है जो मेरी तरह ही सोचता है और लिखता है।
मैं आपके जवाब की प्रतीक्षा करूंगा।
बाकी संभोग में दो ही अंग कार्य करते हैं कुछ अंग सहायता करते हैं और मानव मन आनंद लेता है इन पर कहानी गढ़ना जितना आसान है उतना ही कठिन। आप अपनी संवेदना से कथानक का निर्माण करते हैं।
बाकी आप समझदार है मैं आपके विचारों का आदर करता हूं और आपके जवाब की प्रतीक्षा में रहूंगा...
वैसे ये कहानी मैने Xforum aur Amazon Kindle पर पहले ही डाल दी है। कथा में साहित्य का मिश्रण जारी है और भाषा परिमार्जन का कार्य भी प्रगति में है।
आगे भी आपका अनुभव व मार्गदर्शन मिलता रहे....
बाकी साथियों के YES की प्रतीक्षा जारी है......