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Incest छिनाल बहुरिया

Real@Reyansh

हसीनो का फेवरेट
165
187
44
छिनाल बहुरिया-21


ससुर को पेशाब पिलाने के बाद कमरे मे गई तो पाया तो पाया तीनो देशी शराब पी रहे है मोनू लेटे लेटे शराब पी रहा था उसकी गांड से सोनू का वीर्य बह रहा था, ढेला अपनी छोटी नूनी पकडे सो चुका था
सोनू आओ भौजी लो एक गिलास तुम भी ले लो परसो जीजा आयेंगे और तुम चली जाओगी उनके साथ कम से कम आज की रात हमारे साथ ढंग से गुजार लो, भैया भी सो गये बेचारे बडे है जीजा आकर इनको नथ पहनायेगे
मै चौक पड़ी नथ तो औरतो की उतरती है मगर यहाँ तो नथ आदमी की पहनाई जाती है
मुझे चौकते हुये देखे सोनू बोला
सोनू अरे भौजी हमारी यहाँ रिवाज है कि नई दुल्हन जब घर मैं आती है तो पहले सावन घर पर जीजा अपने साले को नथ पहनाते है इस रिवाज मे जीजा हररकुआ की जड़ पपीते के बीज के साथ पीस कर पीला देते है जिससे साले का लंड छ सात महीने खड़ा नही होता पाता अधिकतम एक साल मगर जादा पिला दी जाये तो जिंदगी भर खडा नही हो पाता बरहाल एक कटोरा ही पिलाने का रिवाज है
मै हाये दईया तो एक साल जे हिजड़ा हो जायेंगे
सोनू रिवाज है इस बीच उसकी बीबी गर्भवती नही होती तो यह रिवाज फिर दोहराया जाता है इसका मकसद है, यह है कि व्यक्ति जानता है कि उसका बच्चा नही है और समाज मे किसी का है हर आदमी उस बच्चे पर हक जाताये यह बहु की जिम्मेदारी है इससे आपस मे प्रेम भाव बना रहता है यह मेरे साथ भी होगा मोनू के साथ भी यहाँ सब के साथ होता है तभी इस समाज मे सब एकमत एकसाथ प्रेमपूर्वक है और हम इस रिवाज का आपर करते है
मै ढेला की छोटी नुनी पकड़ हिलाती हुई बोली

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इसका हिजड़ा होना ना होना बराबर है रिवाज ना होता तब भी इस नुनी से बीज ना पड़वाती हाँ आदमी है मेरा तो सम्मान करना मेरी मजबूरी है मगर नथ पहनाने वाली.......... समझ ना आई

सोनू अरे भौजी रस पिलाने के बाद जीजा अपने साले के लंड को एक छल्ला पहना देते है यह तब ही खुलता है जब उसकी बीबी कोई बच्चा दे दे बिलकुल ऐसे यह पडोस के दीनू की तस्वीर है जिसे इसके जीजा ने नथ पहनाई बगल मे मीना भौजी है मुंहदिखाई मे आई थी, बेचारी ने बहुत मेहनत की तब जाकर एक लड़का हुआ
मगर दीनू बेचारा जीजा ने इसकी नस तोड दी


9777-C750-D5-F7-478-C-BF69-FAD7-E051-E5-D1 मै नस तोड दी
सोनू हॉ रिवाज है कि बडे सालो की नथ पहनाते वक्त जीजा साले का लंड पकड़कर झटका देते है जिससे लंड दर्द से सो जाये वा मुलायम हो जाये मगर कस कर झटका मारने पर अक्सर कमजोर लंड की नस टूर जाती है और वो कभी खडे नही हो पाते यह प्रक्रिया हिंदू धर्म मे नंगा बाबाओ पर भी आजमाई जाती है मगर हमारे समाज मे अक्सर इसलिये जीजा करते है जिससे भाईयो मे जमीन आदि का बटवारा ना हो तो बडे भाई की नस तोड सब छोटे को दे दिया जाता है
मै तभी अक्सर यहाँ बडे भाई छोटे की गांड मारा करते है क्योकि आगे चलकर उनकी मरनी है
सब हँस पडे ढेला भी जाग चुके थे तब तो इनकी भी नस परसो तोड दी जायेगी
सोनू पता नही ना ही भैया ही बता सकते है यह तो जीजा वा परिवार के बडो की सहमति से होता है
ढेला जीजा बड़ा हरामी है कह कर गया है तेरी नस तोड़कर तेरी बीबी की गांड मारूँगा
सोनू मोनू तेजी से हॅस दिये इसमे ढेला भी शामिल हो गया
मै यदि कोई दूसरा बच्चा चाहे

सोनू अक्सर यहाँ सब के एक बच्चा ही है मगर कोई दूसरा बच्चा पैदा करना हो तो उसे इस रिवाज को फिर दोहराना होना, छोड़ो भौजी चल मजा किरकिरा ना करो एक पैक तुम भी मार लो

मै हाये देवर जी मगर मै नही पीती
सोनू हमारी कसम भौजी इंकार ना करो
मैने हाथ बढाया और बेमन से गिलास गटक गई कड़वी इतनी की गला जैसे जलने को हो, पर ससुर की बुर चटाई और शराब ने उत्तेजना को चरम पर ला दिया
मै झट से सोनू का लंड चाटने लगी सोनू मोनू दोनो ने रात भर बुर की अलग अलग आसनो से चुदाई की

दोपहर को मै खाना बना रही थी
थोड़ी देर के बाद मै उठी तो ससुर हर पल मेरे साथ ही रहा. मै जब खाना बना रही थी तब भी वो मुझको ही देखता रहा. उसकी नजरें मेरे बूब्स और गांड के ऊपर टिका के बैठा हुआ था. खाने बैठे तब वो मम्मों के ऊपर ही अपनी नजरें चिपकाई थी . पता चल रहा था की वो मेरी तरफ ही देख रहा था और वो भी बुरी नजरों से! खाने के बाद ससुर मेरे से बातें करने लगा
ससुर बहु मुझे आज आधी रात को खेत पर जाना होगा. नहर में पानी आया हुआ हे उसे खेतों में छोड़ के सिंचाई करनी हे. क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी?
मै: पिताजी इतनी रात को जाना क्या ठीक होगा? बरहाल तीनो भाई शहर गये है वैसे मुझे अँधेरे से बहुत डर लगता हे. और वो कह रहे थे की हमारे खेत जंगल से सटे हुए हे. रात में जा कर खतरे को मोल लेने जैसा हे. सुबह को नहीं जा सकते हे पिताजी?





मैं: नहीं बहु सुबह बहुत देरी हो जायेगी. अगर रात को पानी छोड़ा नहीं तो पानी किसी और के खेत में ले लेगा वो. और फिर हमें उसके खेत की सिंचाई पूरी ख़त्म होने की राह देखनी पड़ेगी. धान का खेत खाद के बाद पानी माँगते है इस साल तो आषाढ पूरा सुखा चला गया धान सीचना बहुत जरूरी है बहु, सास तेरी चल नही पाती घुटनो की वजह से ननद तेरी छोटी बच्ची है अभी वैसे मैं साथ में हूँ फिर तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नहीं हे. मेरी तो पूरी लाइफ ही निकल गयी इन खेतो में मैं चप्पे चप्पे से वाकिफ हूँ!
मै: ठीक हे पिताजी, जैसे आप को ठीक लगे. मैं आप के साथ चलूंगी.अब हम दोनों रात को घर से निकले खेतों की तरफ. 5 मिनिट चलने के बाद रास्ता और भी संकड़ा होता गया. रास्ते के दोनों तरफ जंगल था. मेरे हाथ में एक लालटेन थी. मॅ घाघरे चोली मे थी





मै: पिताजी मुझे डर लग रहा हे.





ससुर:डरो मत बहू मैं हूँ ना तुम्हारे साथ में ही. आओ मेरा हाथ पकड लो तुम.





ये कह के मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. हम दोनों थोड़ी दूर गए थे की मैं रस्ते में रुक गया.





मै: क्या हुआ पिताजी आप रुक क्यूँ गए?





ससुर: श्हह्हह्ह चूप रहो बहु. लगता हे यहाँ आसपास कोई सांप हे!





मेरे को ये कहा तो मै और भी डर गई और ससुर ने मौके का फायदा उठाया और मुझे अपने सिने से लगा लिया. अब मेरे मम्मे उनकी छाती पर प्रेस हो रहे थे. ससुर ने दोनों हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और हाथों को पीठ पर रगड़ने लगा.





फिर ससुर ने मेरे कान में कहा: बहु बस ऐसे ही शांत खड़ी रहो. लगाता है सुसु सांप है देखो कैसे सुसु की आवाज कर रहा है





बहु: पिताजी मुझे सच में बहुत ही डर लग रहा हे.





मैने दबी हुई आवाज में कहा. अब ससुर अपने दोनों हाथ को मेरी गांड पर रख दिए. और मैं हाथ की हथेलियों और उँगलियों से मेरी गांड को दबाने लगा. मेरे के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म की आवाज निकलने लगी और मै उनके सिने से और भी लिपट गई.अब ससुर मेरी गांड की क्रेक को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा. ऊँगली को लहंगे के ऊपर से गांड की क्रेक मैं ऊपर से निचे तक फेरने लगा. कभी कभी उनकी उंगली गांड के छेद के अगल बगल तैरने लगती अब मेरी चुची के निप्पल खडे हो गये थे बुर से पानी रिसने लगा था वो शायद समझ गई थी आज एक दमदार लंड फिर उसे फाड़ेगा अब मै भी ससुर की पीठ पर अपने हाथ फेरने लगी, ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी अप ये क्या कर रहे हो? सांप गया की नहीं?





ससुर: लगता हे की सांप चला गया हे.





मै: पिताजी मुझे बहुत जोर से पेशाब आया हे, लेकिन यहाँ तो सब तरफ जंगल ही जंगल हे.





ससुर ने अपने हाथ को मेरी गांड से हटाते हुए कहा, जंगल हे तो क्या हुआ तुम पेशाब कर लो यही पर. यहाँ पर कौन देखनेवाला हे! कहो तो कल की तरह पिला दो





मै ने दबे हुए आवाज में कहा, धत् .





और फिर मैने अपने लहंगे को उठाया और वो वही पर बैठ गई रस्ते के किनारे. मेरे चूत से निकलते हुए पेशाब की धार से जैसे ससुर के लंड में जैसे और भी मस्ती चढ़ी हुई थी, धार की आवाज के साथ उनका लंड धोती मे खडा होता जा रहा है. अचानक मैंने जानबूझ कर पेशाब रोक थी ससुर सोच मै थे कि धार स्टार्ट हो के कैसे रुक गई और 30 सेकंड तक उठी नहीं.





ससुर: क्या हुआ बहु पेशाब हुआ की नहीं? कैसे रुक गया





मै: नहीं पिताजी, डर की वजह से आधा ही हुआ और रुक गया.





ससुर मेंरे के करीब आये और लालटेन के उजाले को मेरी चूत के ऊपर मारा. और फिर अपनी ऊँगली को मैंने चूत के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगा. ससुर ने कहा, अब कोशिश करो बहु.





मैने उत्तेजना मै अपनी आँखे बंद कर दी. वो अपनी ऊँगली मेरी चूत के ऊपर से निचे तक ररगड़ने लगा. मै सहम गई थी और ओह अहह पिताजी अच्छा लगा रहा हे ऐसे कहने लगी.





और फिर मेरी पेशाब ससुर ऊँगली के ऊपर फव्वारे के जैसे छुट गया. ससुर ने ऊँगली से चूत पर रगड़ना चालु रखा. इतने मै ससुर धोती खोल चुके थे और उनका लंबा लंड मेरे ऑखो के आगे नाच रहा था
जिसे वो एक हाथ से मुठिया रहे थे, बाप था आखिर सोनू से २ इंच बडा मोटा ही होगा समझ गई आज बुर पर भारी पड़ने वाली है
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तभी अचानक बिजली कड़की मै डर से ससुर से लिपट पड़ी डर इतना की मेरी दोनो टाँगे ससुर के कमर से लिपट पड़ी अब दृश्य यह था उनका मोटा लंड बुर के छेद पर टिका था और मेरी पेशाब उनके लंड को भीगा रही थी ससुर के लंड पर गर्म पेशाब पड़ते ही लंड बुर पर तेज ठोकरे मारने लगा और ससुर के मुंह से आह निकल गई

मै हाये देखे बाबूजी कितना शैतान है आपका, आपकी बहु की चुत पर ठोकरे मार रहा है

ससुर का कहे बड़ा हरामी है जहाँ चुत देखी इसकी लार टपक पड़ती है

मै देखना बाबूजी इसके इरादे सही नही है कही यह शैतान अपकी बहु की चुत ना फाड दे, देखे ना बेशर्म कैसे चुत पर ठोकरे मार रहा है

तभी ससुर ने हलका धक्का लगाया कि आधा सुपडा चुत मे समा गया
मै उछल पड़ी उई माँ
ससुर हॅस पडे क्या हुआ बहु

मै देखे ना बाबूजी यह शैतान आज ही चुत का भौसड़ा बनाने पर तुला है

ससुर बहु चुत का भोसड़ा तो बनता ही है और इसका तो काम ही यही है

बहु वो तो ठीक है बाबूजी मगर अपनी बहु की चुत ही इसे मिली है

ससुर का करे हमारी छिनाल बहु की चुत गांड सब के सब है ही इतने मस्त कोई भी पागल हो जाये


मेरे पेशाब होते ही उन्होने गमछा निकाला और मेरी चूत को पोंछ दिया. फिर गमछे को सूंघ के बोले हाये बहु यह किसी सेंट से कम नही आहहह क्या खशूबू है इसकी
ससुर ने फिर उँगलियों कस दी मेरी चूत पर और जोर से मसल दिया मेरी चूत को. मै चिल्ला उठी, अह्ह्ह्हह पिताजी!




तभी ससुर ने मुझे साइड में लेट जाने को कहा. मेरे करीब लेटकर उन्होने मेरे होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और चूसने लगा. मेरे निचे के होंठो को ससुर ने अपने दांतों से काट लिया मै सिसक उठी. फिर उन्होने मेरे से कहा, तुम अपनी जीभ बहार निकालो ना बहु. मैने ने अपनी जीभ बहार निकाली और उन्होने अपने होंठो से मेरी जीभ का बेसवादा स्वाद चखा और फिर उसे चूसने लगा. मॅने ने भी अपने दोनों हाथो को ससुर की गर्दन पर डाल दिया. अब ससुर ने मेरी जीभ को अपने मुहं में ले लिया और अपने होंठो को जोर से बंद किया और मेरी जीभ को बहुत प्यार देने लगा.अब वो और मै दोनों ही अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्म्म्म करने लगे थे. अब मैने कहा, पिताजी आप का थूंक बड़ा ही स्वादिष्ट हे. उन्होने कहा, मेरा तो सब कुछ स्वादिष्ट हे बहु रानी.





मैने कहा, तो फिर आज अपनी बहु को सब कुछ का सवाद दे दीजिये पिताजी.





ससुर अब मेरी चोली खोल दी. अब वो गर्दन को चुमते हुए वो मेरी जीभ से चाटने लगा. मेरा मम्मो पर दोनों हाथ रगड़ने लगा. उँगलियों को कसने लगा मेरे मुलायम मम्मो के ऊपर. ओह्ह्ह्ह फ्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी और जोर से दबाओ ना, मै उत्तेजना मै ऐसे कहने लगी चुदासी आवाज में.ये सुनकर वो मेरे मम्मो को जोर जोर से दबाना चालू कर दिया. मम्मे दबाते हुए उसने अपनी थूंक मेरे मुहं में डाल दी. मैन ने अपनी जीभ से थूंक को स्वेलो कर लिया, अह्ह्ह अह्ह्ह पिताजी बड़ा मजा आ रहा हे! वो अब मेरे निपल्स को उँगलियों के बिच में रगड़ने लगा. मेरे निपल्स पर चिमटी लगाने लगा. मैं आह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के चिल्लाने लगी. अब उसने मुझ से कहा, बहु जरा उठकर थूंक दो अपने मम्मो पर! मैने उठकर अपने मम्मो के अपने मुहं के करीब किया और दोनों मम्मो के ऊपर थूंक दिया. उसने मुझको फिर से लिटा दिया और अब वो दोनों मम्मो को चुसने लगा अपने होंठो से. अपने मुह को खोलकर मम्मो पर जोर से प्रेस किया और फिर मुहं को बंद कर के उसने मुलायम मम्मो को काटने लगा धीरे धीरे से । ससुर के दांतों को निशान पड़ गए थे मेरे मम्मो पर. मैंने दर्द से ससुर को अपनी छाती पर जकड़ लिया जोर से. ऐसे जैसे मै उन्हे जाने ही नहीं देना चाहती हो. फिर वो मेरे एक निपल को चुसना चालू कर दिया, ओह पिताजी अह्ह्ह्ह चूस लो अपने बहु की चुचियों को!





ससुर, चूस रहा हूँ छिनाल!





मैने कहा, आप को अच्छी लगी अपनी छिनाल बहु की जवानी पिताजी?





अब वो मेरी चुचियों पर अपनी जीभ फेरने लगा सर्कल्स में. फिर जीभ पूरी मम्मो पर फेरकर उसने थूंक चाट ली मेरे मम्मो के ऊपर से.





अब वे थोड़ा निचे आ गया और वो मेरे पेट को चूमना शरु कर दिया. वे मेरे नावेल में जीभ डालकर जीभ को घुमाया सर्कल्स में और फिर नावेल पर दांत कसकर उनको काटने लगा. अह्ह्ह्हह औह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म पिताजी आप को छिनाल से खेलना खूब अच्छी तरह से आता हे. अब उन्होने अपनी बहु का लहंगा निकाल लिया और कहा की वो कुतिया बन जाए!





मे तुरंत अपने घुटनों के और हथेलियों के ऊपर खड़ी हो गई. मैंरी गांड पर हाथ फेरने लगा. मै मुडकर उन्हे देखकर हौले से हंस पड़ी. और बोली, पिताजी कैसी लगी आप को आप की छिनाल की गांड?





वे उँगलियों को कस कर मेरी गांड पर दबाया और कहा, बहुत अच्छी गांड हे तेरी मेरी छिनाल बहु बहुत दिनों से में तेरे मम्मे और गांड ही देख रहा था और मुठ मार रहा था …





मैने कहा, अब से ये छिनाल आप की ही हे पिताजी! मैने ने बोला पिताजी मेरी गांड चुत और बूब्स सब आपके लिये है आप इनके साथ जो करना चाहते हो कर सकते हो यह सुनकर वे अपनी सेक्सी छिनाल बहु की गांड को दबाने लगा. फिर गांड पर जोर जोर से मुहं दबाया और उसको चूमने लगा. अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह मुआअहाआअ.





फिर ससुर ने अपने दांत गाड़ दिए मेरी मांसल गांड के ऊपर. अब उन्होने मेरे चुत्त्ड खोले और मेरी गांड की छेद के ऊपर थूंक दिया. मै कांपने लगी थी मैने ने जोर जोर से दर्द भरी सिसकारी ली . उन्होने अब अपनी ऊँगली से मेरी गांड के छेद के ऊपर के थूंक को मलना चालू कर दिया.





मैने गांड को थोडा हिला के कहा, पिताजी मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाल दो ना! उसने ऊँगली को जोर जोर से छेद पर पुश किया और फिर ऊँगली डाल दी अपनी बहु की गांड में. ऊँगली को बेंड किया मेरी गांड में और फिर हिलाने लगा उसको जोर जोर से. अब ऊँगली को गांड से अन्दर बहार करने लगा था मैं. फिर मुझे कहा, अब तेरी चूत की बारी हे बहु.इतना सुनते ही मैने दोनों पैरों को फैला लिया और उनका हाथ लेकर अपनी चूत पर रखवा दिया.फीर मै बोली, आप की छिनाल आप के लिए सब कुछ करेगी पिताजी! जो चाहे कर लो आप मेरे स्वामी. उन्होने ऊँगली को अपनी बहु की चूत में डाली और जोर जोर से धक्का दिया अन्दर घुसाते हुए.





मै तडप उठी और अपने जिस्म को एकदम टाईट कर लिया उसने. वे ऊँगली को अन्दर बहार मूव किया मेरी चूत में. ऊँगली को जोर जोर से हिलाया चूत में. फिर उन्होने ऊँगली उसकी क्लाइटोरिस के ऊपर रगड़ी. उसकी क्लाइटोरिस जोर से प्रेस की और ऊँगली को हिलाने लगा क्लाइटोरिस के ऊपर प्रेस करते हुए… । मै आह्ह्ह अह्ह्ह ओह अह्ह्ह्हह ह्म्म्म कर के मोअन करने लगी थी. उसने ऊँगली निकाली और मेरे मुहं में डाल दी. मै ससुर ऊँगली को जोर जोर से चूसने लगी. फिर वे मेरे पैरो में झुक के मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया. चूत पर मुहं प्रेस कर के जोर जोर से चूसने लगा मैं. बोली, पिताजी और जोर जोर से चाटो अपनी इस छिनाल बहु के बुर को. अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह मजा आ गया पिताजी इसको चटवा के!





अब उन्होंन अपना मुह खोल दिया और चूत पर जोर से प्रेस किया. मुह को बंद करते ही होंठो ने चूत को स्क्विज किया मुहं में. आह्ह्ह मर गई अह्ह्ह्हह ओह पिताजी आप बहुत बड़े चोदु हो अह्ह्ह्ह. वो अब मेरी चूत को दांतों से काटना शरु किया धीरे धीरे से. मै आह्ह्ह अह्ह्ह्हह ओह ओह उईई माँ कह के अपनी चूत को ससुर के मुहं पर घिस के चूस सेक्स का मजा ले रही थी.फिर उन्होने अपना घोडा हिलाया और अपने टोपे के ऊपर हाथ घुमाया. लौड़े का टोपा गिला हो गया था प्री-कम से. वे टोपा अपनी बहु की चूत पर रगड़ा. अह्ह्ह उम्म्मम्म पिताजी मैं अब इस लौड़े की दीवानी हूँ, रोज पूजा करुँगी इस लंड की. लौड़े को चूत में पुश किया और फिर जोर से धक्का दिया मेरी कमर को पकड़ कर. आधा लंड घुस कर अटक सा गया मैं दर्द से चिल्ला उठी, अह्ह्ह्ह पिताजीईईईईईईइ अह्ह्ह्हह आप का तो बहुत बड़ा हे बाप रे, मेरी उतनी नहीं चूदी हे अह्ह्ह्ह. धीरे से करो पिताजी. फट गई मेरी अम्मा फट गई





उन्होने मेरे बाल पकड़ के के कहा चूप कर साली हरामजादी.। इतनी चुदी है तब भी नखरा साली हमारे दमाद को कैसे झेलेगी कुत्तिया, चल उठा गांड कुत्तिया
मै दर्द से बिलबिलाती हुई गांड उठा दी
ससुर ने दूसरा जोरदार धक्का मारा की पूरा लंड जड़ तक समा गया मेरी चीख खेत मे गुँज गई सामने चार कुत्ते मुझे चुदते ध्यान से देख रहे है शायद सोच रहे हो इस कुक्तिया को चोदने के बाद उनका नंबर भी लगे
तभी ससुर ने मेरे चुतड़ो पर जोरदार थप्पड़ मारते हुये कहा देख कुत्तिया तुझ चुदते देखे कुत्ते भी इकठ्ठा हो रहे है वो भी जानते है कि कुक्तिया चुद रही है

अब वो तेजी से चूत को चोदना चालू कर दिया. लौड़ा अन्दर बहार हो रहा था. सन्नाटे में चुदाई की आवाज साफ़ साफ सुनाई दे रही थी. ठप ठप ठप, जांघो के लड़ने से और चूत और गांड के संगम स्थान से चिपचिपी आवाजें आ रही थी. ससुर का पूरा लोडा मेरी चूत में घुस के बहार होता था जिसे वो फिर से वापस अपनी बहु की चूत में डाल देता था. मैने निचे जमीने के ऊपर की सुखी हुई घास को पकड़ा था और अब मै अपनी गांड को हिला के लंड ले रही थी अपनी चूत के अन्दर. मै अपनी कमर हिला रही थी उसके झटको के साथ में. उनका लौड़ा अन्दर तक डाल के उसे एकदम जोर जोर से चोद रहे थे. लौड़े का टोपा मेरी चूत के मसल को हिट कर रहा था एकदम जोर से. मै अब मजे से चिल्ला रही थी, और जोर जोर से चोदो मुझे पिताजी!





वो मेरे ऊपर झुक गया थोडा सा और मेरे मम्मो को पकड कर दबाने लगा जोर जोर से. धक्को ने अपनी स्पीड भी बढा दी थी पानी जोरो से बरस रहा था और ससुर भीगते हुये अपनी बहु तो जोरदार चोदे जा रहा था धक्का की स्पीड इतनी की बारिश की आवाज मे फच फच की आवाज साफ आ रही थी, अब तक मै दो बार झड चुकी थी



फिर वो रुक गया और जोर से पुश किया अपने लौड़े को अपनी बहु की चूत के अन्दर. मेरे मम्मे एकदम जोर से मसल दिए और अपना गर्म लावा उड़ेल दिया मेरी चूत के अंदर ही ससुर ने!कुछ देर तक अपनी बहु की चूत में लंड को रहने दिया. फिर वे अपना लोडा बहार निकाला और अपनी बहु को दे दिया.
मै उसे पकड़ हुये कहा देखा बबूजी आखिर इस हरामी ने फाड ही दी अपनी बहु की चुत

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छिनाल बहुरिया-21


ससुर को पेशाब पिलाने के बाद कमरे मे गई तो पाया तो पाया तीनो देशी शराब पी रहे है मोनू लेटे लेटे शराब पी रहा था उसकी गांड से सोनू का वीर्य बह रहा था, ढेला अपनी छोटी नूनी पकडे सो चुका था
सोनू आओ भौजी लो एक गिलास तुम भी ले लो परसो जीजा आयेंगे और तुम चली जाओगी उनके साथ कम से कम आज की रात हमारे साथ ढंग से गुजार लो, भैया भी सो गये बेचारे बडे है जीजा आकर इनको नथ पहनायेगे
मै चौक पड़ी नथ तो औरतो की उतरती है मगर यहाँ तो नथ आदमी की पहनाई जाती है
मुझे चौकते हुये देखे सोनू बोला
सोनू अरे भौजी हमारी यहाँ रिवाज है कि नई दुल्हन जब घर मैं आती है तो पहले सावन घर पर जीजा अपने साले को नथ पहनाते है इस रिवाज मे जीजा हररकुआ की जड़ पपीते के बीज के साथ पीस कर पीला देते है जिससे साले का लंड छ सात महीने खड़ा नही होता पाता अधिकतम एक साल मगर जादा पिला दी जाये तो जिंदगी भर खडा नही हो पाता बरहाल एक कटोरा ही पिलाने का रिवाज है
मै हाये दईया तो एक साल जे हिजड़ा हो जायेंगे
सोनू रिवाज है इस बीच उसकी बीबी गर्भवती नही होती तो यह रिवाज फिर दोहराया जाता है इसका मकसद है, यह है कि व्यक्ति जानता है कि उसका बच्चा नही है और समाज मे किसी का है हर आदमी उस बच्चे पर हक जाताये यह बहु की जिम्मेदारी है इससे आपस मे प्रेम भाव बना रहता है यह मेरे साथ भी होगा मोनू के साथ भी यहाँ सब के साथ होता है तभी इस समाज मे सब एकमत एकसाथ प्रेमपूर्वक है और हम इस रिवाज का आपर करते है
मै ढेला की छोटी नुनी पकड़ हिलाती हुई बोली

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इसका हिजड़ा होना ना होना बराबर है रिवाज ना होता तब भी इस नुनी से बीज ना पड़वाती हाँ आदमी है मेरा तो सम्मान करना मेरी मजबूरी है मगर नथ पहनाने वाली.......... समझ ना आई

सोनू अरे भौजी रस पिलाने के बाद जीजा अपने साले के लंड को एक छल्ला पहना देते है यह तब ही खुलता है जब उसकी बीबी कोई बच्चा दे दे बिलकुल ऐसे यह पडोस के दीनू की तस्वीर है जिसे इसके जीजा ने नथ पहनाई बगल मे मीना भौजी है मुंहदिखाई मे आई थी, बेचारी ने बहुत मेहनत की तब जाकर एक लड़का हुआ
मगर दीनू बेचारा जीजा ने इसकी नस तोड दी


9777-C750-D5-F7-478-C-BF69-FAD7-E051-E5-D1 मै नस तोड दी
सोनू हॉ रिवाज है कि बडे सालो की नथ पहनाते वक्त जीजा साले का लंड पकड़कर झटका देते है जिससे लंड दर्द से सो जाये वा मुलायम हो जाये मगर कस कर झटका मारने पर अक्सर कमजोर लंड की नस टूर जाती है और वो कभी खडे नही हो पाते यह प्रक्रिया हिंदू धर्म मे नंगा बाबाओ पर भी आजमाई जाती है मगर हमारे समाज मे अक्सर इसलिये जीजा करते है जिससे भाईयो मे जमीन आदि का बटवारा ना हो तो बडे भाई की नस तोड सब छोटे को दे दिया जाता है
मै तभी अक्सर यहाँ बडे भाई छोटे की गांड मारा करते है क्योकि आगे चलकर उनकी मरनी है
सब हँस पडे ढेला भी जाग चुके थे तब तो इनकी भी नस परसो तोड दी जायेगी
सोनू पता नही ना ही भैया ही बता सकते है यह तो जीजा वा परिवार के बडो की सहमति से होता है
ढेला जीजा बड़ा हरामी है कह कर गया है तेरी नस तोड़कर तेरी बीबी की गांड मारूँगा
सोनू मोनू तेजी से हॅस दिये इसमे ढेला भी शामिल हो गया
मै यदि कोई दूसरा बच्चा चाहे

सोनू अक्सर यहाँ सब के एक बच्चा ही है मगर कोई दूसरा बच्चा पैदा करना हो तो उसे इस रिवाज को फिर दोहराना होना, छोड़ो भौजी चल मजा किरकिरा ना करो एक पैक तुम भी मार लो

मै हाये देवर जी मगर मै नही पीती
सोनू हमारी कसम भौजी इंकार ना करो
मैने हाथ बढाया और बेमन से गिलास गटक गई कड़वी इतनी की गला जैसे जलने को हो, पर ससुर की बुर चटाई और शराब ने उत्तेजना को चरम पर ला दिया
मै झट से सोनू का लंड चाटने लगी सोनू मोनू दोनो ने रात भर बुर की अलग अलग आसनो से चुदाई की

दोपहर को मै खाना बना रही थी
थोड़ी देर के बाद मै उठी तो ससुर हर पल मेरे साथ ही रहा. मै जब खाना बना रही थी तब भी वो मुझको ही देखता रहा. उसकी नजरें मेरे बूब्स और गांड के ऊपर टिका के बैठा हुआ था. खाने बैठे तब वो मम्मों के ऊपर ही अपनी नजरें चिपकाई थी . पता चल रहा था की वो मेरी तरफ ही देख रहा था और वो भी बुरी नजरों से! खाने के बाद ससुर मेरे से बातें करने लगा
ससुर बहु मुझे आज आधी रात को खेत पर जाना होगा. नहर में पानी आया हुआ हे उसे खेतों में छोड़ के सिंचाई करनी हे. क्या तुम भी मेरे साथ चलोगी?
मै: पिताजी इतनी रात को जाना क्या ठीक होगा? बरहाल तीनो भाई शहर गये है वैसे मुझे अँधेरे से बहुत डर लगता हे. और वो कह रहे थे की हमारे खेत जंगल से सटे हुए हे. रात में जा कर खतरे को मोल लेने जैसा हे. सुबह को नहीं जा सकते हे पिताजी?





मैं: नहीं बहु सुबह बहुत देरी हो जायेगी. अगर रात को पानी छोड़ा नहीं तो पानी किसी और के खेत में ले लेगा वो. और फिर हमें उसके खेत की सिंचाई पूरी ख़त्म होने की राह देखनी पड़ेगी. धान का खेत खाद के बाद पानी माँगते है इस साल तो आषाढ पूरा सुखा चला गया धान सीचना बहुत जरूरी है बहु, सास तेरी चल नही पाती घुटनो की वजह से ननद तेरी छोटी बच्ची है अभी वैसे मैं साथ में हूँ फिर तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नहीं हे. मेरी तो पूरी लाइफ ही निकल गयी इन खेतो में मैं चप्पे चप्पे से वाकिफ हूँ!
मै: ठीक हे पिताजी, जैसे आप को ठीक लगे. मैं आप के साथ चलूंगी.अब हम दोनों रात को घर से निकले खेतों की तरफ. 5 मिनिट चलने के बाद रास्ता और भी संकड़ा होता गया. रास्ते के दोनों तरफ जंगल था. मेरे हाथ में एक लालटेन थी. मॅ घाघरे चोली मे थी





मै: पिताजी मुझे डर लग रहा हे.





ससुर:डरो मत बहू मैं हूँ ना तुम्हारे साथ में ही. आओ मेरा हाथ पकड लो तुम.





ये कह के मैंने उसका हाथ पकड़ लिया. हम दोनों थोड़ी दूर गए थे की मैं रस्ते में रुक गया.





मै: क्या हुआ पिताजी आप रुक क्यूँ गए?





ससुर: श्हह्हह्ह चूप रहो बहु. लगता हे यहाँ आसपास कोई सांप हे!





मेरे को ये कहा तो मै और भी डर गई और ससुर ने मौके का फायदा उठाया और मुझे अपने सिने से लगा लिया. अब मेरे मम्मे उनकी छाती पर प्रेस हो रहे थे. ससुर ने दोनों हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और हाथों को पीठ पर रगड़ने लगा.





फिर ससुर ने मेरे कान में कहा: बहु बस ऐसे ही शांत खड़ी रहो. लगाता है सुसु सांप है देखो कैसे सुसु की आवाज कर रहा है





बहु: पिताजी मुझे सच में बहुत ही डर लग रहा हे.





मैने दबी हुई आवाज में कहा. अब ससुर अपने दोनों हाथ को मेरी गांड पर रख दिए. और मैं हाथ की हथेलियों और उँगलियों से मेरी गांड को दबाने लगा. मेरे के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म की आवाज निकलने लगी और मै उनके सिने से और भी लिपट गई.अब ससुर मेरी गांड की क्रेक को अपनी ऊँगली से सहलाने लगा. ऊँगली को लहंगे के ऊपर से गांड की क्रेक मैं ऊपर से निचे तक फेरने लगा. कभी कभी उनकी उंगली गांड के छेद के अगल बगल तैरने लगती अब मेरी चुची के निप्पल खडे हो गये थे बुर से पानी रिसने लगा था वो शायद समझ गई थी आज एक दमदार लंड फिर उसे फाड़ेगा अब मै भी ससुर की पीठ पर अपने हाथ फेरने लगी, ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी अप ये क्या कर रहे हो? सांप गया की नहीं?





ससुर: लगता हे की सांप चला गया हे.





मै: पिताजी मुझे बहुत जोर से पेशाब आया हे, लेकिन यहाँ तो सब तरफ जंगल ही जंगल हे.





ससुर ने अपने हाथ को मेरी गांड से हटाते हुए कहा, जंगल हे तो क्या हुआ तुम पेशाब कर लो यही पर. यहाँ पर कौन देखनेवाला हे! कहो तो कल की तरह पिला दो





मै ने दबे हुए आवाज में कहा, धत् .





और फिर मैने अपने लहंगे को उठाया और वो वही पर बैठ गई रस्ते के किनारे. मेरे चूत से निकलते हुए पेशाब की धार से जैसे ससुर के लंड में जैसे और भी मस्ती चढ़ी हुई थी, धार की आवाज के साथ उनका लंड धोती मे खडा होता जा रहा है. अचानक मैंने जानबूझ कर पेशाब रोक थी ससुर सोच मै थे कि धार स्टार्ट हो के कैसे रुक गई और 30 सेकंड तक उठी नहीं.





ससुर: क्या हुआ बहु पेशाब हुआ की नहीं? कैसे रुक गया





मै: नहीं पिताजी, डर की वजह से आधा ही हुआ और रुक गया.





ससुर मेंरे के करीब आये और लालटेन के उजाले को मेरी चूत के ऊपर मारा. और फिर अपनी ऊँगली को मैंने चूत के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगा. ससुर ने कहा, अब कोशिश करो बहु.





मैने उत्तेजना मै अपनी आँखे बंद कर दी. वो अपनी ऊँगली मेरी चूत के ऊपर से निचे तक ररगड़ने लगा. मै सहम गई थी और ओह अहह पिताजी अच्छा लगा रहा हे ऐसे कहने लगी.





और फिर मेरी पेशाब ससुर ऊँगली के ऊपर फव्वारे के जैसे छुट गया. ससुर ने ऊँगली से चूत पर रगड़ना चालु रखा. इतने मै ससुर धोती खोल चुके थे और उनका लंबा लंड मेरे ऑखो के आगे नाच रहा था
जिसे वो एक हाथ से मुठिया रहे थे, बाप था आखिर सोनू से २ इंच बडा मोटा ही होगा समझ गई आज बुर पर भारी पड़ने वाली है
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तभी अचानक बिजली कड़की मै डर से ससुर से लिपट पड़ी डर इतना की मेरी दोनो टाँगे ससुर के कमर से लिपट पड़ी अब दृश्य यह था उनका मोटा लंड बुर के छेद पर टिका था और मेरी पेशाब उनके लंड को भीगा रही थी ससुर के लंड पर गर्म पेशाब पड़ते ही लंड बुर पर तेज ठोकरे मारने लगा और ससुर के मुंह से आह निकल गई

मै हाये देखे बाबूजी कितना शैतान है आपका, आपकी बहु की चुत पर ठोकरे मार रहा है

ससुर का कहे बड़ा हरामी है जहाँ चुत देखी इसकी लार टपक पड़ती है

मै देखना बाबूजी इसके इरादे सही नही है कही यह शैतान अपकी बहु की चुत ना फाड दे, देखे ना बेशर्म कैसे चुत पर ठोकरे मार रहा है

तभी ससुर ने हलका धक्का लगाया कि आधा सुपडा चुत मे समा गया
मै उछल पड़ी उई माँ
ससुर हॅस पडे क्या हुआ बहु

मै देखे ना बाबूजी यह शैतान आज ही चुत का भौसड़ा बनाने पर तुला है

ससुर बहु चुत का भोसड़ा तो बनता ही है और इसका तो काम ही यही है

बहु वो तो ठीक है बाबूजी मगर अपनी बहु की चुत ही इसे मिली है

ससुर का करे हमारी छिनाल बहु की चुत गांड सब के सब है ही इतने मस्त कोई भी पागल हो जाये


मेरे पेशाब होते ही उन्होने गमछा निकाला और मेरी चूत को पोंछ दिया. फिर गमछे को सूंघ के बोले हाये बहु यह किसी सेंट से कम नही आहहह क्या खशूबू है इसकी
ससुर ने फिर उँगलियों कस दी मेरी चूत पर और जोर से मसल दिया मेरी चूत को. मै चिल्ला उठी, अह्ह्ह्हह पिताजी!




तभी ससुर ने मुझे साइड में लेट जाने को कहा. मेरे करीब लेटकर उन्होने मेरे होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और चूसने लगा. मेरे निचे के होंठो को ससुर ने अपने दांतों से काट लिया मै सिसक उठी. फिर उन्होने मेरे से कहा, तुम अपनी जीभ बहार निकालो ना बहु. मैने ने अपनी जीभ बहार निकाली और उन्होने अपने होंठो से मेरी जीभ का बेसवादा स्वाद चखा और फिर उसे चूसने लगा. मॅने ने भी अपने दोनों हाथो को ससुर की गर्दन पर डाल दिया. अब ससुर ने मेरी जीभ को अपने मुहं में ले लिया और अपने होंठो को जोर से बंद किया और मेरी जीभ को बहुत प्यार देने लगा.अब वो और मै दोनों ही अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्म्म्म करने लगे थे. अब मैने कहा, पिताजी आप का थूंक बड़ा ही स्वादिष्ट हे. उन्होने कहा, मेरा तो सब कुछ स्वादिष्ट हे बहु रानी.





मैने कहा, तो फिर आज अपनी बहु को सब कुछ का सवाद दे दीजिये पिताजी.





ससुर अब मेरी चोली खोल दी. अब वो गर्दन को चुमते हुए वो मेरी जीभ से चाटने लगा. मेरा मम्मो पर दोनों हाथ रगड़ने लगा. उँगलियों को कसने लगा मेरे मुलायम मम्मो के ऊपर. ओह्ह्ह्ह फ्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पिताजी और जोर से दबाओ ना, मै उत्तेजना मै ऐसे कहने लगी चुदासी आवाज में.ये सुनकर वो मेरे मम्मो को जोर जोर से दबाना चालू कर दिया. मम्मे दबाते हुए उसने अपनी थूंक मेरे मुहं में डाल दी. मैन ने अपनी जीभ से थूंक को स्वेलो कर लिया, अह्ह्ह अह्ह्ह पिताजी बड़ा मजा आ रहा हे! वो अब मेरे निपल्स को उँगलियों के बिच में रगड़ने लगा. मेरे निपल्स पर चिमटी लगाने लगा. मैं आह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के चिल्लाने लगी. अब उसने मुझ से कहा, बहु जरा उठकर थूंक दो अपने मम्मो पर! मैने उठकर अपने मम्मो के अपने मुहं के करीब किया और दोनों मम्मो के ऊपर थूंक दिया. उसने मुझको फिर से लिटा दिया और अब वो दोनों मम्मो को चुसने लगा अपने होंठो से. अपने मुह को खोलकर मम्मो पर जोर से प्रेस किया और फिर मुहं को बंद कर के उसने मुलायम मम्मो को काटने लगा धीरे धीरे से । ससुर के दांतों को निशान पड़ गए थे मेरे मम्मो पर. मैंने दर्द से ससुर को अपनी छाती पर जकड़ लिया जोर से. ऐसे जैसे मै उन्हे जाने ही नहीं देना चाहती हो. फिर वो मेरे एक निपल को चुसना चालू कर दिया, ओह पिताजी अह्ह्ह्ह चूस लो अपने बहु की चुचियों को!





ससुर, चूस रहा हूँ छिनाल!





मैने कहा, आप को अच्छी लगी अपनी छिनाल बहु की जवानी पिताजी?





अब वो मेरी चुचियों पर अपनी जीभ फेरने लगा सर्कल्स में. फिर जीभ पूरी मम्मो पर फेरकर उसने थूंक चाट ली मेरे मम्मो के ऊपर से.





अब वे थोड़ा निचे आ गया और वो मेरे पेट को चूमना शरु कर दिया. वे मेरे नावेल में जीभ डालकर जीभ को घुमाया सर्कल्स में और फिर नावेल पर दांत कसकर उनको काटने लगा. अह्ह्ह्हह औह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म्म पिताजी आप को छिनाल से खेलना खूब अच्छी तरह से आता हे. अब उन्होने अपनी बहु का लहंगा निकाल लिया और कहा की वो कुतिया बन जाए!





मे तुरंत अपने घुटनों के और हथेलियों के ऊपर खड़ी हो गई. मैंरी गांड पर हाथ फेरने लगा. मै मुडकर उन्हे देखकर हौले से हंस पड़ी. और बोली, पिताजी कैसी लगी आप को आप की छिनाल की गांड?





वे उँगलियों को कस कर मेरी गांड पर दबाया और कहा, बहुत अच्छी गांड हे तेरी मेरी छिनाल बहु बहुत दिनों से में तेरे मम्मे और गांड ही देख रहा था और मुठ मार रहा था …





मैने कहा, अब से ये छिनाल आप की ही हे पिताजी! मैने ने बोला पिताजी मेरी गांड चुत और बूब्स सब आपके लिये है आप इनके साथ जो करना चाहते हो कर सकते हो यह सुनकर वे अपनी सेक्सी छिनाल बहु की गांड को दबाने लगा. फिर गांड पर जोर जोर से मुहं दबाया और उसको चूमने लगा. अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह मुआअहाआअ.





फिर ससुर ने अपने दांत गाड़ दिए मेरी मांसल गांड के ऊपर. अब उन्होने मेरे चुत्त्ड खोले और मेरी गांड की छेद के ऊपर थूंक दिया. मै कांपने लगी थी मैने ने जोर जोर से दर्द भरी सिसकारी ली . उन्होने अब अपनी ऊँगली से मेरी गांड के छेद के ऊपर के थूंक को मलना चालू कर दिया.





मैने गांड को थोडा हिला के कहा, पिताजी मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाल दो ना! उसने ऊँगली को जोर जोर से छेद पर पुश किया और फिर ऊँगली डाल दी अपनी बहु की गांड में. ऊँगली को बेंड किया मेरी गांड में और फिर हिलाने लगा उसको जोर जोर से. अब ऊँगली को गांड से अन्दर बहार करने लगा था मैं. फिर मुझे कहा, अब तेरी चूत की बारी हे बहु.इतना सुनते ही मैने दोनों पैरों को फैला लिया और उनका हाथ लेकर अपनी चूत पर रखवा दिया.फीर मै बोली, आप की छिनाल आप के लिए सब कुछ करेगी पिताजी! जो चाहे कर लो आप मेरे स्वामी. उन्होने ऊँगली को अपनी बहु की चूत में डाली और जोर जोर से धक्का दिया अन्दर घुसाते हुए.





मै तडप उठी और अपने जिस्म को एकदम टाईट कर लिया उसने. वे ऊँगली को अन्दर बहार मूव किया मेरी चूत में. ऊँगली को जोर जोर से हिलाया चूत में. फिर उन्होने ऊँगली उसकी क्लाइटोरिस के ऊपर रगड़ी. उसकी क्लाइटोरिस जोर से प्रेस की और ऊँगली को हिलाने लगा क्लाइटोरिस के ऊपर प्रेस करते हुए… । मै आह्ह्ह अह्ह्ह ओह अह्ह्ह्हह ह्म्म्म कर के मोअन करने लगी थी. उसने ऊँगली निकाली और मेरे मुहं में डाल दी. मै ससुर ऊँगली को जोर जोर से चूसने लगी. फिर वे मेरे पैरो में झुक के मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया. चूत पर मुहं प्रेस कर के जोर जोर से चूसने लगा मैं. बोली, पिताजी और जोर जोर से चाटो अपनी इस छिनाल बहु के बुर को. अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह मजा आ गया पिताजी इसको चटवा के!





अब उन्होंन अपना मुह खोल दिया और चूत पर जोर से प्रेस किया. मुह को बंद करते ही होंठो ने चूत को स्क्विज किया मुहं में. आह्ह्ह मर गई अह्ह्ह्हह ओह पिताजी आप बहुत बड़े चोदु हो अह्ह्ह्ह. वो अब मेरी चूत को दांतों से काटना शरु किया धीरे धीरे से. मै आह्ह्ह अह्ह्ह्हह ओह ओह उईई माँ कह के अपनी चूत को ससुर के मुहं पर घिस के चूस सेक्स का मजा ले रही थी.फिर उन्होने अपना घोडा हिलाया और अपने टोपे के ऊपर हाथ घुमाया. लौड़े का टोपा गिला हो गया था प्री-कम से. वे टोपा अपनी बहु की चूत पर रगड़ा. अह्ह्ह उम्म्मम्म पिताजी मैं अब इस लौड़े की दीवानी हूँ, रोज पूजा करुँगी इस लंड की. लौड़े को चूत में पुश किया और फिर जोर से धक्का दिया मेरी कमर को पकड़ कर. आधा लंड घुस कर अटक सा गया मैं दर्द से चिल्ला उठी, अह्ह्ह्ह पिताजीईईईईईईइ अह्ह्ह्हह आप का तो बहुत बड़ा हे बाप रे, मेरी उतनी नहीं चूदी हे अह्ह्ह्ह. धीरे से करो पिताजी. फट गई मेरी अम्मा फट गई





उन्होने मेरे बाल पकड़ के के कहा चूप कर साली हरामजादी.। इतनी चुदी है तब भी नखरा साली हमारे दमाद को कैसे झेलेगी कुत्तिया, चल उठा गांड कुत्तिया
मै दर्द से बिलबिलाती हुई गांड उठा दी
ससुर ने दूसरा जोरदार धक्का मारा की पूरा लंड जड़ तक समा गया मेरी चीख खेत मे गुँज गई सामने चार कुत्ते मुझे चुदते ध्यान से देख रहे है शायद सोच रहे हो इस कुक्तिया को चोदने के बाद उनका नंबर भी लगे
तभी ससुर ने मेरे चुतड़ो पर जोरदार थप्पड़ मारते हुये कहा देख कुत्तिया तुझ चुदते देखे कुत्ते भी इकठ्ठा हो रहे है वो भी जानते है कि कुक्तिया चुद रही है

अब वो तेजी से चूत को चोदना चालू कर दिया. लौड़ा अन्दर बहार हो रहा था. सन्नाटे में चुदाई की आवाज साफ़ साफ सुनाई दे रही थी. ठप ठप ठप, जांघो के लड़ने से और चूत और गांड के संगम स्थान से चिपचिपी आवाजें आ रही थी. ससुर का पूरा लोडा मेरी चूत में घुस के बहार होता था जिसे वो फिर से वापस अपनी बहु की चूत में डाल देता था. मैने निचे जमीने के ऊपर की सुखी हुई घास को पकड़ा था और अब मै अपनी गांड को हिला के लंड ले रही थी अपनी चूत के अन्दर. मै अपनी कमर हिला रही थी उसके झटको के साथ में. उनका लौड़ा अन्दर तक डाल के उसे एकदम जोर जोर से चोद रहे थे. लौड़े का टोपा मेरी चूत के मसल को हिट कर रहा था एकदम जोर से. मै अब मजे से चिल्ला रही थी, और जोर जोर से चोदो मुझे पिताजी!





वो मेरे ऊपर झुक गया थोडा सा और मेरे मम्मो को पकड कर दबाने लगा जोर जोर से. धक्को ने अपनी स्पीड भी बढा दी थी पानी जोरो से बरस रहा था और ससुर भीगते हुये अपनी बहु तो जोरदार चोदे जा रहा था धक्का की स्पीड इतनी की बारिश की आवाज मे फच फच की आवाज साफ आ रही थी, अब तक मै दो बार झड चुकी थी



फिर वो रुक गया और जोर से पुश किया अपने लौड़े को अपनी बहु की चूत के अन्दर. मेरे मम्मे एकदम जोर से मसल दिए और अपना गर्म लावा उड़ेल दिया मेरी चूत के अंदर ही ससुर ने!कुछ देर तक अपनी बहु की चूत में लंड को रहने दिया. फिर वे अपना लोडा बहार निकाला और अपनी बहु को दे दिया.
मै उसे पकड़ हुये कहा देखा बबूजी आखिर इस हरामी ने फाड ही दी अपनी बहु की चुत

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लंड का नथ वाला image upload karo aur khocha wala bhee most erotic update
 

Deeply

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कहानी खत्म कर दी गई है
 
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Siraj Patel

The name is enough
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words tak ho sakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. . Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writers ko Awards k alawa Cash prizes bhi milenge jinki jaankaari rules thread mein dedi gayi hai, Total 7000 Rupees k prizes iss baar USC k liye diye jaa rahe hain, sahi Suna aapne total 7000 Rupees k cash prizes aap jeet shaktey hain issliye derr matt kijiye or apni kahani likhna suru kijiye.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 28th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.


Rules Check karne ke liye is thread ka use karein — Rules & Queries Thread

Contest ke regarding Chit Chat karne ke liye is thread ka use karein — Chit Chat Thread



Prizes
Position Benifits
Winner 3000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3000 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
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Regards :- XForum Staff
 

Garam Lekhika

Rajiya Rizvi
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Esmain toh koi story hi nahi hai
 

ashik awara

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बड़ी कहानी पर बहुत कम प्रतिक्रिया

नई दुल्हन एक बड़ी कहानी है मगर उस पर लोगों भी बहुत कम प्रतिक्रिया थी जिससे कहानी आगे बढाने का प्रत्सोहान मिले, इसलिए वो कहानी बंद कर दी अब आगे से छोटी कहानी ही होगी,
लेखक महोदय वेसे तो कहानी लिखना या बंद करना आप का अधिकार हे पर मेरा सुझाव हे की आप कहानी पूरी कहें बहुत से पाठक कहानी पूरी होने पर ही पढ़ते हें क्रप्या निराश न होएं में भी किश्तों में कहानी पढने के बजाय पूरी कहानी पढना पसंद करता हूँ जिससे कहानी पढने में आनन्द आये कमेन्ट आयें या न आयें पर कहानी पूरी जरुर करें हो सकता हे लोग बाद में कमेन्ट करें
 
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Ravonejii

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Ye story dikh nahi rahi hai bhai
Kaise padhe isko help karo bhai?
 
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