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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Sabhi ladies badmashi par utar aaye lagti hain,saas ho ya bahu,ek se badh kar ek ,koi kisi se kam nahi. Sooooooooooooooo eroticccccc updateभाग २६
और छुटकी की होली
और चौथा नाम एक जेठानी ने बताया, और नाम बताते ही मैं समझ गयी, उमर में चमेलिया और गुलबिया से थोड़ी बड़ी,.. लेकिन एक बार रतजगे में वो दुल्हिन बनी थी,... और एक जो दूल्हा बनी थी उसके ऊपर चढ़ के उसी को चोद दिया बेचारी की माँ बहन सब एक कर दी,... जेठानी ने जोड़ा चूत से चूत पे घिस्सा देने में उसका कोई मुकाबला नहीं , बड़ी से बड़ी उम्र में दूनी हो ताकत में ज्यादा हो तो बस एक बार चढ़ गयी किसी लड़की, के ऊपर तो बस उसका पानी निकाल के दम लेती है और एक साथ दो ,दो तीन तीन , एक को चूत से रगडेंगी, बाकी दो को दोनों हाथ से ,.. और उसके पल्ले कोई पड़ गयी न तो एक दो ऊँगली का तो मतलब ही नहीं, कुँवारी हो, झील्ली न फटी हो , तो भी सीधे तीन ऊँगली, और गरियायेगी भी स्साले इतने तोहार भाई गाँव में है कउनो के ताकत नहीं लंड,... में,... तोहार झिल्ली अब तक बची है,
तो बस चार ये , और मेरी तीन जेठानियाँ जो मुझसे तीन चार साल ही बड़ी थीं, दो तो आयी ही थीं एक को मंजू भाभी ने बुलवा लिया और उन चारो को भी , चमेलिया , गुलबिया रामजानिया,... मंजू भाभी और उनकी उम्र वाली दो जेठानियाँ तो थीं बस पन्दरह बीस मिनट में हम भौजाइयों की ११ की टीम पूरी ,... हाँ हमने क्या प्लानिंग की कैसे तैयारी की ,.. ये सब बता दूंगी तो मैच का मजा ही खतम हो जाएगा,...
इसलिए चलिए कुछ देर तक छुटकी के साथ क्या हो रहा है ये देखते हैं फिर सीधे मैच में
होली की सुबह मुझे मालूम पड़ गया था की बहू की होली की शुरुआत देवर ननद से नहीं , सास से होती है और वो देवर ननद से चार हाथ आगे ही होती हैं , मेरे पिछवाड़े सासू जी की दो उँगलियाँ एकदम जड़ तक, खूब गोल गोल , जहाँ उनके बेटे के लंड की मलाई ऊपर तक बजबजा रही थी और साथ में मेरी,... सुबह नंबर एक नंबर दो कुछ भी नहीं हुआ तो,... और दस मिनट बाद जब बाहर निकलीं तो मलाई मक्खन से लबरेज और, बहुत ताकत थी उनमें , मेरा मुंह \खुलवा के ,.. ' अरे बहू के जरा मंजन तो ,... " गिन के बत्तीस बार मेरे दांतों पर , और बचा खुचा मेरे होंठों पे,... और माँ को न सिर्फ एक से एक गालियां दी , बल्कि मुझसे भी दिलवायीं,...
और ननद ने बोला था भौजी मायके से लौटिएगा न तो रंगपंचमी में इससे दस गुना ज्यादा ये तो कुछ नहीं था,... सीधे कुप्पी से आपकी सब सास पिलायेंगी नमकीन शरबत,...
मैं मुस्करा के रह गयी, मैं खुद कितनी ननदों को उस दिन पिलाया था,...
पर होली सास के साथ दस गुनी ज्यादा नहीं , सौ गुना ज्यादा खतरनाक थी , खाली किंकी, देह के रस से भीगी, मैं सोच रही थी छुटकी के चक्कर में मेरी कुछ बचत हो जायेगी पर वो नहीं हुआ , सास ने मुझे भी रगड़ा और मेरी छुटकी बहिनिया को भी,...
थीं वो चालाक, छुटकी का रस तो उन्होंने रात में ही लिया था फिर तो वो घर का माल थी , तो बस ये दिखाने के लिए की उनकी बहू उनके लिए कितना मस्त कच्ची अमिया लायी है ,... छुटकी के साथ होली की शुरआत मेरी चचिया सास ,... लेकिन एक फायदा भी हो गया था , उसमें भी सास जी की चालाकी थी , जो हम लोगों का ननदों से मैच होने वाला था उसमें जो अम्पायर का पैनल था , जिसकी मुखिया मेरी सास थीं , उसमें दूसरी मेंबर यही थीं ,तो अगर सासू जी मेरी ओर से कुछ बेईमानी करना भी चाहेंगी तो उसमें उनका सहयोग जरूरी होगा और छुटकी का रस लेने के बाद कुछ तो नमक का हक , कच्ची जवानी के नमक का हक़ अदा करेंगी,...
लेकिन आज मेरा और सासू जी का मुकाबला डायरेक्ट था पहले बहू रंग लगाती है सास को तो पिछली बार जहाँ मैं उनके पैर छूने झुकी थी तो मेरी जेठानी ने बोला अरे आज का दिन पैर नहीं , उनके बीच का, जहाँ से तेरे साजन निकले थे , मातृभूमि का दर्शन कर लो, और ये कह के उन्होंने खुद साड़ी सास की उठा दी , ( आखिर उनकी भी तो सास ही थीं , ) और जब तक मैं ' वहां ' रंग लगाती , उन्होंने पकड़ के मेरा मुंह वहीँ,.. और तेज भभका देसी दारू की तरह का,,.. जैसे अभी छुल छुल पाव भर,...
आज हम दोनों ने एक दूसरे को बाँहों में भींचा कपडे तो मिनट भर में , पिछली बार की तरह इस बार भी उनकी उँगलियाँ गाँड़ में जिसमें उनके बेटे और दामाद दोनों की मलाई भरी थी , लेकिन अबकी दो नहीं पूरी तीन ऊँगली और साथ में , ' छिनार इत्ता मोटा मोटा लंड घोंट जाती है , दो उँगरी से का होगा रंडी की बेटी का,... " और मैंने भी तीन ऊँगली, और साथ में भी आज उनकी बात का जवाब दे रही थी, ... " अरे वही लंड घोंटती हूँ , जो पहले यहाँ जाता था, ... बोलिये जाता था न , बेटा चोद,... " और खचखच ऊँगली करने के साथ मेरा अंगूठा उनके क्लिट पे भी रगड़घिस्स कर रहा था , उनकी हालत खराब, लेकिन मेरी माँ को गाली देती बोलीं , सात पुस्त रंडी रही होगी तेरी माँ जो तेरी ऐसी बेटी जन , मस्त चुदास,... अरे ये तो सोच तेल लगा लगा के जो उसको लंबा मोटा किया , अपनी बिल में ले ले के गुल्ली डंडा खेलना सिखाया , कैसे धक्के मारे, कैसे रगड़ रगड़ के,... तो फायदा किसका हो रहा है तेरा ही न,... अभी बुलाऊंगी अपनी समधन को और अपने सामने उनके दामाद को चढ़ाउंगी उनके ऊपर ,
उन्हें क्या मालूम था की उनका बेटा ससुराल में पहली रात में ही अपनी सास पर चढ़ गया अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर,... और उन्ही से कबूला की वो मादरचोद बहन चोद, सब हैं औरसब से पहलेअपनी बुआ पर , बल्कि उनकी बुआ ने ही पकड़ के उन्हें चोद दिया था और चुदाई के सारे दांव पेंच सिखाये थे ,... सच में आज मज़ा आ रहा था सासू जी के साथ होली का , जितना उनके बेटे का मोटा मूसल मेरे पिछवाड़े धमाल मचाता था उससे कहीं कम उनकी उँगलियाँ नहीं थी, ब्लाउज तो कब का नुच फट के दूर था और सासू जी का दूसरा हाथ सीधे मेरे जोबन पर जिसे दिखा दिखा के मैं न सिर्फ उनके बेटे को बल्कि उनके दामाद को, अपने सब गाँव भर के देवरों को ललचाती थीं , और दबा मसल भी एकदम अपने बेटे की तरह ही रहीं थी, एकदम बेरहमी से,... और साथ में गालियों की झड़ी , गुस्से वाले नहीं प्यार वाली और सिर्फ मेरी माँ को नहीं , मुझे भी सीधे,...
" कल की होली मर्दों की होगी , गाँव क कउनो लौंडा नहीं बचना चाहिए, सबको देना अपने इस जोबना क दान, जिस दिन से आयी हो सब लौंडे बौराये हैं, तोहार महतारी, चाची, बुआ, मौसी , गाँव सहर में कउनो नाउ, कोंहार, भर चमार, नहीं छोड़ी होंगी जब से टिकोरे आये तो तुम,... "
' बचाना कौन चाहता है, मैं तो खुद लुटाने के लिए बेताब थी, अरे जोबन आता है तो खाली मरदों को ललचाने के लिए थोड़ी , लुटाने के लिए ही तो , जिस दिन मैं ससुराल आने के लिए डोली पर चढ़ी थी मैं उसी दिन तय कर लिया था, बहुत बचा लिया भौंरों से अब ये जोबन लुटाने के दिन आ गए हैं,... "
कच कच कच कच अपनी सास की बिल में तीनों ऊँगली करते हुए , ( थीं तो पक्की भोंसडे वाली , मेरी दो ननदें , जेठ जी और इनको निकाल दिया था , लेकिन माल अभी भी टाइट था जो भी चढ़ता सासू जी के ऊपर मजा आ जाता उसको चोदने का, चूँचियाँ भी टनाटन थीं ) मैंने भी सास को गरियाना शुरू कर दिया,
" अरे यह गाँव क लौंडे , पहले आपन महतारी बहिन चोद के छुट्टी पावें तब तो भौजाई पे नंबर लगाएंगे,... ऐसी मस्त मस्त चूँचियाँ जरूर मेरे मरद से अभी भी दबवा रही होंगी , घबड़ाइये मत,... जल्द ही अपने सामने आपके बेटे को आपके ऊपर चढ़ा के देखूंगी , अभी भी उसको मातृभूमि से उतना ही प्यार है , जउने मैदान में बचपन में खेल खेल के,... "
लेकिन जवाब सासू माँ ने सीरियसली दिया, मेरे कान में आगे का प्रोग्राम बता के,... " अरे बियाहे के बाद थोड़ा,... वो नहीं चोदेगा तो किसी दिन मैं उसको पटक के चोद दूंगी , तेरे सामने,... बल्कि उसकी बुआ को भी बुलाऊंगी,... "
मैंने अपनी इच्छा भी सासू जी से बता दी , उसी तरह फुसफुसा के , ' बुआ की बिटिया को भी, अरे जो अभी ,... "
बताया तो था, छुटकी से भी कच्ची , देखने में लगता है दूध के दांत न टूटे होंगे लेकिन लेने लायक हो गयी है, बहन का निवान भाई करे उससे अच्छा क्या होगा।
कहते हैं न महिलायें अपनी भावनाएं कई ढंग से व्यक्त करती हैं , तो सासू ने अपनी ननद और इनकी बूआ की कच्ची कली के बारे में मेरे इरादे पर अपनी मुहर अपने अंदाज से लगाई ,. पिछले दस मिनट में मेरे पिछवाड़े भौकाल मचा रही सास की तीन उँगलियाँ, नीचे, पीछे के मुंह से निकल कर सीधे ऊपर , मेरे ु मुंह में, मेरी बोलती बंद और वो दुलार से ' स्पेशल मंजन'...
मैं बोल तो नहीं सकती थी लेकिन देख तो सकती थी , छुटकी को , नहीं नहीं वो अपनी माँ बहिन की नाक नहीं कटा रही थी बल्कि और आगे,...दस हाथ,... और मेरी चचेरी सासें , गाँव के रिश्ते वाली सासें सब पगलाई थीं उन कच्ची अमिया को देख कर,...
Naina nanad ne kaun sa usko punya mein bachaya hai ,veh to usne khud maza lena tha chhutki ka.Ye jo tum ne devar ko vyabhichari banana hai, yahan devar bhabhi ka description wala sex likho didi.Update lajawab haiछुटकी की कच्ची अमिया
मैं बोल तो नहीं सकती थी लेकिन देख तो सकती थी , छुटकी को , नहीं नहीं वो अपनी माँ बहिन की नाक नहीं कटा रही थी बल्कि और आगे,...दस हाथ,... और मेरी चचेरी सासें , गाँव के रिश्ते वाली सासें सब पगलाई थीं उन कच्ची अमिया को देख कर,...
और छुटकी की कच्ची अमिया थी भी ऐसी , बस आती हुयी लेकिन इत्ती छोटी भी नहीं , सूरज की धूप तरह मटर के बस आते कच्चे दूध भरे दानों के साइज के निपल, और रुई के फाहों ऐसे छोटे छोटे उभार,... कौन न पागल हो जाए, और ये मैंने अपनी ससुराल में ये देख लिया था की लड़कियां तो झांटे आने के पहले ही लंड की तलाश शुरू कर देती हैं पर औरतें भी , जैसी जैसी उमर बढ़ती जाती है , माँ के बाद दादी बनने की तैयारी शुरू हो जाती है ,बहुएं दामाद आ जाते हैं उस उमर में और गरमाने लगती हैं, ... और सिर्फ मर्दों के लिए नहीं बल्कि , अगर कोई छुटकी की उमर वाली मिल जाए तो उसके कच्चे टिकोरे कुतर कुतर के,..
और यही हो रहा था,
मेरी ख़ास चचिया सास उसपे चढ़ी उससे झांटो भरी बुर चुसवा रही थीं, लेकिन क्रेडिट मेरी छुटकी बहिनिया को बल्कि मिश्राइन भौजी, रीतू भौजी और बाकी भौजाइयों को, कि उन्होंने चुसवा चुसवा के छुटकी से अपनी बुर, भोंसड़ा एकदम पक्की चूत चटोरी बना दिया था , उसे मालूम था गाड़ी सीधे भरतपुर स्टेशन पर नहीं घुस जाती बल्कि थोड़ी देर आस पास के छोटे स्टेशनों पर , कभी सिग्नल पर,... तो बस कभी उसकी जीभ की टिप जांघों को तो कभी फांकों को तो कभी सीधे क्लिट पे और सास में मस्ता रही थीं,
दोनों कच्चे टिकोरे दो सास लोगों ने बाँट लिए थे,
लेकिन कुछ देर में मैं नीचे थी , मेरी सास ऊपर और उनकी कुप्पी से सीधे मेरे मुंह में घलघल ,... और ननदें चिढ़ा रही थीं , भौजी होली का परसाद , पहले सास फिर ननद, ...
और सास के बाद जो मेरी चचिया सास जिन्हे छुटकी ने चूस चाट के झाड़ा था , वो मेरे ऊपर और छुल छुल ,... मेरे होंठ खुले,...
छुटकी के ऊपर भी एक सास चढ़ी
लेकिन आज मुझे एक अपने देवर को ब्रम्हचारी से व्यभिचारी बनाना था , असली बहनचोद , तो सास से बोल के मैं सरक ली।
पर छुटकी की हालत और,...सारी गाँव भर की बुजुर्ग औरतें , जो मेरी सास लगतीं थी,... जैसे पहली बार ये उभरता जोबन मिला था, जैसे तोते पेड़ पर कच्ची अमिया कुतरते हैं , फिर चटवाने वालियां, घलघल, छुलछुल ,... कल वैसे ही मेरी सास और नैना ने मिल के उसे देह के हर अंग से निकलने वाले ' रस ' के बारे में समझाया था तो नमकीन खारा,
कम से कम दो घंटे तक,... लेकिन छुटकी खूब रस ले रही थी,... मेरे मायके में भौजियों ने अच्छी ट्रेनिंग दी थी, हलांकि नमकीन शरबत पहली बार,... और उसे बचाया कौन उसकी सबसे बड़ी,... रगड़ाई करने वाली,नैना ननदिया ,... ननदें भी इस कच्ची कली का मज़ा लेने के लिए बेचैन थी,... बड़ी मुश्किल से सास लोगो से , ...लेकिन जो कहते हैं आसमान से गिरे खजूर में अटकी वाली हालत
और नैना की उम्र की कुछ उससे भी कम कजरी , छुटकी की समौरिया,... लेकिन खूब रगड़ाई हुयी , और पहली बार गाँव की होली, कपडे जो बचे खुचे थे, वो दस पंदह मिनट में ननदों ने चिथड़े , चिथड़े कर के बाँट लिए, और फिर तो कीचड़, कीच,... और भी बहुत कुछ , रंग वंग का नंबर तो बहुत बाद में आता है ,असली चीज़ तो देह की होली थी , ऊँगली हथेली रगड़ाई,... लेकिन छुटकी बराबर की टक्कर दे रही थी , एक दो को तो उसने धकेल के , .. और वो भी अपनी कच्ची चुनमुनिया से दर्जनों लंड खाये ननदों की चूत को रगड़ रगड़ के उनके छक्के छुड़ा रही थी,...
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और उसे बचाया कौन उसकी सबसे बड़ी,... रगड़ाई करने वाली,नैना ननदिया ,...
ननदें भी इस कच्ची कली का मज़ा लेने के लिए बेचैन थी,... बड़ी मुश्किल से सास लोगो से , ...लेकिन जो कहते हैं आसमान से गिरे खजूर में अटकी वाली हालत
और नैना की उम्र की कुछ उससे भी कम कजरी , छुटकी की समौरिया,...
लेकिन खूब रगड़ाई हुयी , और पहली बार गाँव की होली, कपडे जो बचे खुचे थे, वो दस पंदह मिनट में ननदों ने चिथड़े , चिथड़े कर के बाँट लिए, और फिर तो कीचड़, कीच,...
और भी बहुत कुछ , रंग वंग का नंबर तो बहुत बाद में आता है ,असली चीज़ तो देह की होली थी , ऊँगली हथेली रगड़ाई,... लेकिन छुटकी बराबर की टक्कर दे रही थी , एक दो को तो उसने धकेल के , .. और वो भी अपनी कच्ची चुनमुनिया से दर्जनों लंड खाये ननदों की चूत को रगड़ रगड़ के उनके छक्के छुड़ा रही थी,...
लेकिन दो चार ननदें ऊपर से ,... कोई उसकी छोटी छोटी चूँचियों को रगड़ रही थी तो कोई पिछवाड़े के छेद में
लेकिन पिछली शाम ही पहले उसके डबल जीजा , फिर जीजा , फिर दोनों ने ऐसी हचक हचक के मिल के उसकी गाँड़ मारी तो अब दो चार नयी उमर की इन नंदों की उँगलियों से वो घबड़ाने वाली नहीं थी,... बीच बीच में नैना उससे इन ननदों का नाम बता के भेंट मुलाकात भी करवाती थी ,
"हे गीतवा जरा हचक के मार भौजी की बहिनिया की गाँड़ अरे यह गाँव क लंड खाने के लिए तो इसकी महतारी भेजी ही है जरा लड़कियों का भी तो मजा ले ले , ..."
"हे सुमनिया ऐसे हलके चूँची मिजने से कुछ नहीं होगा यह छिनार का"
हे ललिया , अरे दो नहीं तीन ऊँगली एकरा बिलिया में पेल,... और छुटकी भी नाम ले ले के
" अरे गीता तो खुदे अपने भैया से गाँड़ मराय मराय के थेथर हो गयीं है , लगता है तोहरे भैया को भी गाँड़ मारना नहीं आता खुद जो गांडू हो , अरे एक बार हमरे गाँव आयी जाएँ लौण्डेबाज हमरे गाँव के उनकी गाँड़ मार मार के उनकी महतारी के भोंसडे से चाकर कर देंगे कहो गीता,... "
और गीता उसे चूमते बोलती , जब हमरे भैया के नीचे आओगी तो पता चलेगा , कउनो छेद नहीं छोड़ते , ...
नैना, गीता, कजरी , सुमन और बाकी आधे दर्जन ननदों की मस्त होली छुटकी के साथ चल रही थी
तभी कहीं से संदेसा आ गया की कुछ ननदों को भौजाइयों की मंडली ने दबोच लिया है, बस नैना अपनी ननद मण्डली को लेकर भौजाइयों से लोहा लेने चली गयी लेकिन छुटकी को उसने गीता के भरोसे छोड़ दिया। गीता का घर पास में ही था, गाँव के किनारे बगल में खेत, आम का एक बड़ा सा बाग़।
गीता छुटकी को लेकर अपने घर पहुँच गयी , होली में ही गीता और छुटकी में जबरदस्त दोस्ती हो गयी थी,...
और छुटकी भी, उसे याद आ रहा था की कल इसी गीता के बारे में दीदी की सास ने कैसे रस ले ले कर बताया था की कैसे वो अपने भाई के साथ कैसे दोनों मरद औरत की तरह,... और मरद औरत में कभी एक दिन का नागा हो जाए,... लेकिन कउनो दिन नहीं होता की गितवा क वो सगा भाई , अपनी बहिनिया के ऊपर न चढ़े।
छुटकी ने पूछ लिया की माँ वो पांच दिन क छुट्टी में गितवा ,
तो वो हँसते बोलीं अभी नयी चुदवाना शुरू की हो न,... अरे मरद जात,... और गितवा क भाई क दोष नहीं , गितवा खुदे बोलती है अरे भैया एक छेद बंद है बाकी तो खुला है , तो कभी गाँड़ मरायेगी कभी लंड चूसेगी, लेकिन बिना अपने भाई क पानी अपने अंदर लिए बिना उसे नींद नहीं आती।
छुटकी ने गीता पर ज़रा भी जाहिर नहीं होने दिया की गीता और ऊके भाई का पूरा किस्सा उसे मालूम है। पर थी तो मेरी ही छोटी ही बहन न , मेरी माँ का खून उसके अंदर भी था , घर में घुसते ही जब तक गीता किवाड़ बंद करती, पिछवाड़े से गीता के अपने सगे भाई से गाँड़ मरवा मरवा के बड़े हो गए चूतड़ों पर कस के चिकोटी काटते चिढ़ा के बोली,...
" अरे हमार छिनार ननदिया, अपने भैया के खूंटे क इतना तारीफ़ कर रही हो तो इसका मतलब खूब घोंटी होगी, गपागप गपागप,... "
छुटकी, कुछ बातों में एकदम मेरी माँ पर गयी थी , जोबन और चूतड़, गोरा रंग और लुनाई में तो हम तीनों बहनें माँ पर गयी थीं , लगती भी थीं , हमारी बड़ी बहन की तरह,लेकिन मुंह में हाथ डाल के बात निकलवाने की जो कला थी वो माँ से सीधे छुटकी में आयी थी। तभी तो माँ ने अपने दामाद से मेरे सामने, जो बात शादी क छह महीने में मैं न पता कर पायी , वो मेरे सामने इन्होने , ... कैसे कैसे इन्होने अपनी माँ का भोंसड़ा चूसा , उसकी गाँड़ चाटी, कैसे जब उनका खड़ा होना शुरू हुआ ही है , ये कमरे में मुठ मार रहे थे की इनकी कुँवारी बुआ ने इन्हे पकड़ के ,... खुद चढ़ के चोद दिया और सिखाया भी , घर में जवान माँ बहन के रहते इधर उधर पानी गिरा रहे हो ,... और उनकी बुआ ने कैसी उनकी झिझक छुड़ा के , उनकी माँ के ऊपर,... आखिर तेरी माँ ने कैसे कैसे , किसका किसका लंड ले के तुझे पैदा किया और अब वही बुर भूखी पियासी ,... और तुम बित्ते भर का लंड ले के , कुछ तेरी भी जिम्मेदारी बनती है न,..
तो छुटकी ने गीता को चढ़ा के चढ़ा के सब हाल खुलासा जान लिया। बाकी ननद भौजाइयां तो होली की मस्ती में , यह गीता छुटकी एक दूसरे की बाँहों में कभी गीता अपनी कुप्पी उसे चुसाती तो कभी उसकी चूसती,... और गीता ने बताया पूरा भाई बहन का किस्सा ,... वैसे तो इस गाँव में शायद ही कोई लौंडा होगा जिसने अपनी बहन की शलवार का नाड़ा न खोला हो लेकिन गीता की बात ही अलग थी , ... और वो वो बातें जो न नैना को मालूम थी न गाँव में किसी चिड़िया को भी वो सब गीता के मुंह से छुटकी ने उगलवा ली.
गीता का स्कूल का नाम संगीता था लेकिन घर में सब लोग उसे गीता, फिर गीता से गितवा, उसके भाई का नाम अरविन्द था , लेकिन वो गीता से दो साल बड़ा तो उसे वो भैया ही कहती
गीता की चूत से चुदाई का संगीत बजेगा...Bhut hi shandaar update bhabhi......
Kya jabardast holi chal rahi hai....
Bahanchod ab ye geeta ka kya scene hai... dekhte hau ki ye bahan ki lodi kaise chudhi apne bhai Arvind se.....
Wait for another update
You are all rounder..गितवा का किस्सा, पहली बार मैं इन्सेस्ट लिखने की कोशिश करुँगी, यानी सगे भाई बहिन का किस्सा, जो इस फोरम में काफी बहुतायत से है, पर मेरी कोशिश मेरी ही है और इस डगर पे मैं फिसली की गिरी की फिसड्डी साबित हुयी ये सब फैसला आप लोगों के हाथ में है,...
वैसे भी ये कहानी जिसका सीक्वेल है उसकी शुरआत ही इस बात से हुयी थी की मैं इस कहानी में सारी वर्जनाओं को लांघने की कोशिश करुँगी, और वो हुआ भी लोगों ने सराहा भी, इसलिए उसी को आगे बढ़ाते हुए इन्सेस्ट भी लेकिन वो मेरे नार्मल टेमपलेट का हिस्सा नहीं बन सकता ये जानते हुए भी सिर्फ इसलिए की लिखने वाला जब तक अपनी सीमाओं को ट्रांसेंड नहीं करता वो अपने को रिपीट करने लगता है,...
कहानी में पात्रों के डायलोग जैसे बोले गए हों वैसे हीं लिखा जाना चाहिए...एकदम सही, शाब्दिक अर्थ में भी यानी अभिधा में
और जिस लिए प्रयोग किया गया , उस संदर्भ में भी आप का भाषा ज्ञान अद्भुत है, ... बहुत बहुत सादर आभार , बहुत से पाठकों को अब अच्छी तरह स्पष्ट होगया होगा।
मैं पात्र, स्थान और समय के आधार पर शब्दों का प्रयोग करती हूँ यहाँ तक की गालियों में भी, लेकिन कभी कभी पृष्टभूमि से अवगत न होने वालों के लिए आंचलिक शब्द दुरूह हो जाते हैं
नहीं-नहीं देवर को व्यभिचारी नहीं... वरन सुधार रही हैं...Naina nanad ne kaun sa usko punya mein bachaya hai ,veh to usne khud maza lena tha chhutki ka.Ye jo tum ne devar ko vyabhichari banana hai, yahan devar bhabhi ka description wala sex likho didi.Update lajawab hai
इसी में तो मजा है....Sabhi ladies badmashi par utar aaye lagti hain,saas ho ya bahu,ek se badh kar ek ,koi kisi se kam nahi. Sooooooooooooooo eroticccccc update
अब ये तो ऐसा वर्जित फल है जिसका आनंद सब लेना चाहते हैं....Naina nanad ne kaun sa usko punya mein bachaya hai ,veh to usne khud maza lena tha chhutki ka.Ye jo tum ne devar ko vyabhichari banana hai, yahan devar bhabhi ka description wala sex likho didi.Update lajawab hai