भाग २७
किस्सा इन्सेस्ट यानी भैया के बहिनिया पर चढ़ने का
उर्फ़ गीता और उसके भैया का
गीता का स्कूल का नाम संगीता था लेकिन घर में सब लोग उसे गीता, फिर गीता से गितवा,
उसके भाई का नाम अरविन्द था , लेकिन वो गीता से दो साल बड़ा तो उसे वो भैया ही कहती थी , और वो भी प्यार से कभी कुछ कभी कुछ , और कभी सब की तरह गीता ही,...
गीता की जवानी बस खिल रही थी , वो बस ,... गाँव से दो चार किलोमीटर दूर कन्या विद्यालय,.. . अब जाने दीजिये क्लास वलास जान के क्या करेंगे, ... कोई क्लास के नाम पे ही कहानी पे नजर लगा दे,... तो बस जवानी के फूल अभी खिल रहे थे , २८ नंबर, एक पड़ोस की भाभी के साथ जा के बजार वाले दिन पहली बार उसने ब्रा खरीदी थी , और पहनते हुए इतना अजीब लगता था , वरना भी तो वो समीज से ही,...
पर स्कूल से रास्ते में लौटते हुए लड़कियों के साथ बस एक बात लड़के , लड़के ,...
किस किस की चिड़िया उड़नी शुरू हो गयी है, ... दो चार ने तो खुद के कबूल भी कर लिया था,... एक जो गीता की पक्की सहेली थी, .. जिसके घर गीता अक्सर जाती थी , उसकी तो पिछले साल होली में उसके जीजा ने पहली बार तो जबरदस्ती , उसके बाद उसकी मर्जी से,
हुआ ये था की असली शरारत सहेली की भाभी की थी ,
उन्हें अपने ननदोई पसंद था , लेकिन नन्दोई ने शर्त लगा दी थी पहले छोटी साली की दिलवाओ,... बस होली के दिन ठंडाई में डबल भांग मिला के पहले गीता की सहेली को टुन्न किया और फिर पीछे से उसके हाथ पकड़ के , ... सहेली के जीजा ने आराम आराम से उसकी शलवार खोली , ...
शलवार का नाड़ा , शलवार से बाहर निकाला, और सहेली की भाभी ने अपनी ननद के दोनों हाथ कस के पीछे बाँध दिए ,
उसके बाद आराम से जीजा और उनकी सलहज ने सहेली के कच्चे टिकोरों पर रंग लगाया , रंग तो बहाना था , रगड़ा मसला चुनमुनिया में ऊँगली डाल डाल के और आराम से जब कच्ची चूत पानी फेंकने लगी तब भाभी ने अपने नन्दोई के मोठे मूसल में अपने हाथ से पहले सरसों का दो ढक्कन तेल लगाया ,
अपने हाथ से पूरी ताकत से ननद की कुँवारी फांके फैलायीं
और , पूरी ताकत से सहेली के जीजा का बौराया लंड कच्ची साली की कच्ची चूत में अंदर,... वो चूतड़ पटकती रही लेकिन चीख नहीं निकाल पायी क्योंकि भौजाई ने अपनी बड़ी बड़ी चूँची उसके मुंह में ठेल रखी थीं ,...
झील्ली फटने , खून खच्चर होने के बाद ही मुंह खोला ,... लेकिन जीजा उसके दो दिन रहे और दो दिन में आधे दर्जन बार अपनी साली के साथ सफ़ेद रंग वाली होली खेली होगी , पर पहली बार के बाद ,... खुद गीता की सहेली अपनी टाँगे फ़ैलाने लगी , ... और जीजा के जाने के चार पांच दिन बाद ,... उस सहेली के भाभी का फुफेरा भाई ,... सहेली चिढ़ा रही थी तो भाभी ने दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया और उसने भी नंबर लगा दिया ,
और होली से आज तक सात आठ लड़कों के साथ ,...
तो वो सहेली , गीता के पीछे पड़ी थी की गीता भी एक बार बस एक बार किसी लड़के के साथ,... तो एक दिन गीता ने झुंझला के बोला ,
ठीक है लड़का बताओ मैं टाँगे फैला दूंगी , लेकिन ऐसे कैसे,...
ये बात नहीं की गीता के चाहने वाले नहीं थे , गोरी चिट्ठी , लड़की तो जिस दिन से दुपट्टा लेने लगे उसी दिन से लौंडे पीछे पड़ जाते हैं दुपट्टा हटवाने के,... पर,... हाँ गीता के सवाल का जवाब दिया सहेली की भाभी ने,... जब उनके सामने भी गीता ने बोला,
" लड़का बताइये मैं लेट जाउंगी उसके नीचे '
लेकिन भाभी तो भाभी थीं , .... गीता से तीन तिरबाचा भरवाया , कसम खिलवाई , किरिया धरवाई , की अगर वो लड़के का नाम बतायेंगी और गीता उससे चुदवाने के लिए अगर नहीं तैयार हुयी ,
गीता ने तीन तिरबाचा भरा , एकदम से चुदवा लेगी उससे जिसे भाभी बताएंगी ,...
और भाभी ने हलके हलके गीता के उभार मसलते हुए उसकी चूँचिया रगड़ते चूम के , हंस के वो बोलीं ,
" अरे ननद रानी लड़का तो तेरे घर में ही है इतना मस्त जवान लौंडा , तेरी कसम जब खोलेगा न तो सात इंच से कम नहीं होगा , पक्का चोदू,... तेरा भाई,... घर में छोरा , अरे थोड़ा सा डोरे डाल, ऐसे आ रहे जोबन गाँव जवार में नहीं है , आ जाएगा तेरे चक्कर में ,... "

अब गीता , गज़ भर उछली,.... भाभी ये क्या , मजाक ठीक है लेकिन सच में ,...
वो मेरा भाई है सगा भाई,... उसके साथ '
उफ्फ ... आज तो आपने डबल धमाका कर दिया....
दोनों कहानियो पर आपकी नजरें इनायत हुई....
अब तक के पढ़े गए incest कहानियों से अलग हट के...
तरुण जीवन के कसमकस .. चाहतें ... इच्छाएं ... ललक ...
और इस वर्जित फल को चखने की उत्कट अभिलाषा....
और एक फायदा और.... शादी के पहले भी.. शादी के बाद भी....