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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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Kya kabhi komalji sirf adultery ya co colding likhne ke lie aap ne socha tha???एकदम एवमस्तु टाइप करने की कोशिश करुँगी, लेकिन ये बात आपकी सही है की और सोलह आना सही है की ये फोरम ऐसी कहानियों से भरा पड़ा है और उनके व्यूज भी बाकी तरह की कहानियों से बहुत आगे होते हैं , कस्टमर्स डिलाइट।
और वैसे भी ये कहानी जिस का सीक्वेल है उस के शुरू में ही मैंने घोषणा कर दी थी की इसमें कुछ भी वर्जित गर्हित नहीं रहेगा, बाकी कहानियों में एक तिनके का जो अंतर् रहता है वो भी नहीं
तो फिर,... ये भी सही।
पाइप लाइन में है...Kab aaegi ye story. Kya banaras ki holi bhi dikhaogi na
Chhutni ek bhi nahi chahiye. Bas kwais he ki koi mayke se aa jae.
अरे आगे-पीछे.. ऊपर नीचे सब जगह इकट्ठे घोंटने का दम है गुड्डी में....Dam h guddi m, adha nhi poora ghotegi
धीरे-धीरे रे मना .. धीरे सब कुछ होय....Sahi me aap tadpa rahi ko, jiju ko bhi or readers ko bhi
शुद्ध वनस्पति का प्रयोग..अति कामुक अपडेट
“”और वो करेगा तो घर के कोल्हू में पेरा कडुवा तेल लगा के””
घर के कोल्हू में पेरा हुआ तेल इस्तेमाल कर के , घर का बेटा घर की बेटी और अपनी सगी बहन को रात के अंधेरे में कली से खिला हुआ फूल बनाएगा
समझदार बहन चोदते हैं……… waaah
जम के बारिश का मजा...“”
" भैया तू भी न , अपने हाथ में खीर लगा लोगे, फिर उसी हाथ से मेरे इधर उधर छुओगे, दे तो रही हूँ , आज लेने का काम तेरा देने का मेरा , तू मन भर के ले मैं एकदम मना नहीं करुँगी "
" करिया बादर जी डरवाये,भूरा बादर पानी लाये,... तो गितवा ये भूरा बादल है सिर्फ बरसेगा नहीं बाढ़ आ जायेगी तेरी ताल तलैया में, बस आज रात."
“”
बहुत मस्ट मज़ा आ गया
जिस प्रसंग को अन्य लेखक एक-दो पेज में निबटा देते हैं....उसके भाई ने पहले तो अपनी बहन के चूतड़ के नीचे जितने भी तकिये पलंग पे थे उसे लगाकर ऊंचा किया , फिर लम्बी छरहरी गोरी गोरी टाँगे अपने कंधो पर लेकर ,... पहले तो दोनों हाथों से फांको को फैला के मोटे सुपाडे को सेट किया, और अब दोनों हाथों को बहन की पतली कटीली कमर पे ,... जितना भी उछले छटक कर अलग न होने पाए , बस एक बार पूरा सुपाड़ा घुस गया , उसके बाद तो लाख चूतड़ पटके , बिन चुदे,...
Bahut hi mast detail mei explain kiya hai
कोमल रानी का जवाब नहीं....“”
और यह हलधर, अनुभवी था , कोई पहली बार खेत नहीं जोत रहा था , उसे मालूम था कैसे खेत में कैसे हल चलाना चाहिए, कब कितनी फाल अंदर तक,...
लेकिन वो नया खिलाड़ी नहीं थी, ... हर उमर वाली के साथ, उसकी माँ की उमर वाली काम वालियों के साथ भी और,... जिनका गौना नहीं हुआ वैसी, ... झिल्लियां भी कितनी की फाड़ी थी उसने लेकिन ऐसी कच्ची कोरी, और वो भी सगी छोटी बहन,...
एक बार फिर से उसने उन छोटे छोटे मस्त चूतड़ों के नीचे तकिये को ठीक से लगाया और अबकी दोनों टांगों को मोड़ के दुहरा कर दिया , ... हल एकदम अंदर तक धँसाना पड़ता है , ऐसी जमीन जहाँ पहली बार खेती हो रही हो, बीज डालना हो खूब अंदर,... और बगल में रखी तेल की बोतल के ढक्क्न को खोल के , बाहर बचे मोटे मूसल को तेल से नहला दिया,... और अबकी बहन की दोनों मेंहदी लगी हथेलियों को कस के दबोच के,... अपनी पूरी ताकत से ठेल दिया, ...
“”
Too good….. highest possible quality ….. incest erotica ….. you are supreme ….
sarcastic question.. works more than Viagra." तुम्हारी मेरे अलावा और कितनी बहिन हैं ? " waaaah