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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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Vese ek bat kahu. Aap story ke sath sath comments bhi khub injoy karte ho. Bahot achha he. Mil kat kar khushiya injoy kar rahe ho.अभी तो होली का रंग और नशा चढ़ना शुरू हुआ है....
इब्तदाए इश्क है रोता है क्या...
आगे-आगे देखिए होता है क्या....
तभी एक भी दोनों हाथों में नहीं आएंगे....Kheli khai he. Kachi nandiya nahi
जबरदस्त ... एक से एक नजारे के दर्शन करा दिए....
अब तो टक्कर होने का इंतजार है....Sari bhauji taiyar he mukable ko. Maza aa gaya
Vese ek bat kahu. Aap story ke sath sath comments bhi khub injoy karte ho. Bahot achha he. Mil kat kar khushiya injoy kar rahe ho.
Ye to hai...बादल, बरसात, पेड़-पौधे, गौरेया...
सारे गवाहों के सामने ..
गीता भाईचोद और अरविंद बहनचोद....
Maza aa gayaनयी टीम, नए रूल्स
फिर मैंने जो बड़ी बुजुर्ग भाभी लोग थीं उनकी ओर मुंह कर के बोला, खूब आदर के साथ ५०० ग्राम मक्खन मार के,
" और आप लोग थोड़ा हम लोगों का का कहते हैं उ, मार्गदर्शक रहिएगा,... आप लोगों का जो इतना एक्सपीरियंस है, एक एक ननद क त कुल हाल चाल आप लोगों को मालूम होगा ही, तो बस आप लोग जैसे कहियेगा,... एकदम वैसे वैसे , और आप लोगन क आसीर्बाद और पिलानिंग से कहीं जीत गए,... तो जितने कच्चे टिकोरे होंगे न सब आप लोगों की झोली में,... "
वो भी मेरी बात से सहमत होती बोलीं , " ठीके कह रही हो , अब सांस फुला जाती है, चूल्हा झोंकते बच्चे पैदा करते,... "
और मैंने अगली पिलानिंग सुना दी,... " जो आप लोगन से सुना की कउनो टाइम का वो नहीं , ... तो हम सोच रहे थे की पौन घंटा ,... आखिर ओकरे बाद आधा पौन घंटा ननदों की रंगड़ाई, होली क मज़ा , फिर नहाना धोना, खाना पीना , सांझ के पहले घर लौटना ,... "
लेकिन फिर एक जेठानी जिन्हे मैंने मार्गदर्सक में डाला था खड़ी हो गयीं,... बोलीं अरे उ तोहार ननद कुल मानेंगी नहीं।
" तभी तो,... " मैंने जोड़ा,... " अरे हम लोग पौन घंटा से बात शुरू करेंगे , वो सब दो ढाई घंटा कहेंगी , एक -डेढ़ घंटा पर बात ख़तम हो जायेगी,.. तो भी पहले से तो बहुत ठीक रहेगा , और एक बात और ,... "
कोई और खड़ा होता उसके पहले मैंने अगली बात रख दी ,
" वो सब ससुरी मरती भी हैं फिर कोई न कोई ननद छिनार जिला देती है, तो ऐसे तो ,... तो जो चाहे दोनों टीम में पकड़ी जाने पर अगर वो टीम वाले अगर उसे तीन चार मिनट में झड़ा दें तो वो गेम से बाहर हो जायेगी , दुबारा अपनी टीम में नहीं जा सकती ,... "
अबकी मंजू भाभी ने एक संसोधन जारी किया जिसे मैंने तुरंत मान लिया,...
वो बोलीं,
' या तो झड़ जाए या खुद हाथ उठा के हार मान ले,... वो भी गेम से हरदम के लिए बाहर हो जाएगी "
तो फिर उन पुरानी जेठानियों ने काफी ज्ञान दिया जिसे मैंने एक कान से सुन के दूसरे कान से निकाल दिया , लेकिन तब तक किसी ने छुटकी का नाम ले लिया,...
" अरे उ नैनवा पक्की छिनार, वो तोहरे छुटकी बहिनिया को भी भौजाई की टीम में जुड़वाएगी , मानेगी नहीं। "
" अरे कैसे उसकी कौन शादी हुयी है यह गाँव में , भौजाई कैसे हुयी वो " मैं भी अड़ गयी , फिर मुस्कराते हुए मैंने तुरुप का पत्ता खोला,..." देखिये पहले तो हम लोग मानेगे नहीं , और मानेगे बहुत कहने सुनने पर तो अपनी तीन शर्तों के साथ ,.... "
अब वो जेठानिया भी मान गयी ,
लेकिन असली वाला तुरुप का पत्ता नहीं खोला था छुटकी जब आठ में थी , -- कैटगरी , ४२ किलो वाली फ्री स्टाइल में , जिले में नहीं पूरे रीजन में , रीजनल रैली में सेकेण्ड आयी थी, फ्री स्टाइल में और तीन साल से अपने स्कूल की कबड्डी टीम में थी और उसका स्कूल भी रीजनल रैली में तीसरे नंबर पर था, उसकी पकड़ तो कोई छूट नहीं सकता , फिर साँस भी डेढ़ दो मिनट तो बहुत आसानी से,... स्टेट के लिए कोचिंग भी की थी दो महीना,... स्पोर्ट्स हॉस्टल में,..
तो अब बचीं मैं मंजू भाभी और तीन चार जेठानियाँ जो टीम में थीं और मैंने पूरी बात बताई।
कुसुमा या चमेलिया का नाम तो मैंने पहले ही बता दिया था, और उसके हाथों के जादू के सब कायल थे उसके बाद दूसरा नाम मैंने लिया रमजनिया, अरे वही जो चंदू देवर , जिसकी सहायता से मैं अपने उस ब्रम्हचारी देवर को फिर से चोदू बना पायी, और मेरे उस के कुछ गुन बखारने के पहले मंजू भाभी बोल पड़ीं ,
" सही बोल रही हो, का ननद का भौजाई का गाँव क कउनो लौंडा सब का एक एक बात का हाल उसको मालूम रहता है ,... ननदों के टीम के एक एक का नस वो पकड़ के बता सकती है , फिर तगड़ी भी बहुत है, दो चार लौंडियों को तो झटक के छुड़ा के,... "
तीसरा नाम मैंने जोड़ा नउनिया क छुटकी बहू , गुलबिया का,
हमसे सात आठ महीने पहले गवना करा के आयी थी, खूब गोरी सुंदर , देह कद काठी जबरदस्त,... लेकिन दो चार महीने बाद मरद पंजाब कमाने चला गया तब से मरद बिना छनछनाई रहती है , गरम तावा पे पानी की बूँद डालने पे जो हालत होती है वही, और आपन कुल जोर कुँवार ननदन पे उतारती है , होली में दस बार मरद को फोन किया, वो बोला भी,... फिर वही बहाना , छुट्टी नहीं मिली , रिजर्वेशन नहीं मिला,... गाडी छूट गयी,... गुस्से में बोलती,
हमको मालूम है उंहा किससे गाँड़ मरा रहे हैं , नहीं आओ तोहरी बहिनिया क चोद के,...
और बहिन उसकी कौन , कजरी , नैना की सहायक,...
होली में कजरी के पिछवाड़े मैंने जो जड़ तक ऊँगली पेली थी दस मिनट तक और निकाल के सीधे उसके मुंह में , गुलबिया खूब खुश हुयी ,... तो आज जब सब एक से एक कच्ची उमर वाली ननदें मिलेंगी तो फिर तो,... और जो काम करने वाली होती हैं रोज चक्की चलाती हैं , कुंवे से पानी निकालती हैं सर पे दो दो घड़ा , बगल में एक घड़ा लेकर चलती हैं , पूरी पिंडलियाँ , जांघें हाथ सब एकदम कसे कसे ,...
और चौथा नाम एक जेठानी ने बताया, और नाम बताते ही मैं समझ गयी, उमर में चमेलिया और गुलबिया से थोड़ी बड़ी,.. लेकिन एक बार रतजगे में वो दुल्हिन बनी थी,... और एक जो दूल्हा बनी थी उसके ऊपर चढ़ के उसी को चोद दिया बेचारी की माँ बहन सब एक कर दी,...
जेठानी ने जोड़ा चूत से चूत पे घिस्सा देने में उसका कोई मुकाबला नहीं , बड़ी से बड़ी उम्र में दूनी हो ताकत में ज्यादा हो तो बस एक बार चढ़ गयी किसी लड़की, के ऊपर तो बस उसका पानी निकाल के दम लेती है और एक साथ दो ,दो तीन तीन , एक को चूत से रगडेंगी, बाकी दो को दोनों हाथ से ,.. और उसके पल्ले कोई पड़ गयी न तो एक दो ऊँगली का तो मतलब ही नहीं, कुँवारी हो, झील्ली न फटी हो , तो भी सीधे तीन ऊँगली, और गरियायेगी भी
स्साले इतने तोहार भाई गाँव में है कउनो के ताकत नहीं लंड,... में,... तोहार झिल्ली अब तक बची है,
तो बस चार ये , और मेरी तीन जेठानियाँ जो मुझसे तीन चार साल ही बड़ी थीं, दो तो आयी ही थीं एक को मंजू भाभी ने बुलवा लिया और उन चारो को भी , चमेलिया , गुलबिया रामजानिया,... मंजू भाभी और उनकी उम्र वाली दो जेठानियाँ तो थीं बस पन्दरह बीस मिनट में हम भौजाइयों की ११ की टीम पूरी ,... हाँ हमने क्या प्लानिंग की कैसे तैयारी की ,.. ये सब बता दूंगी तो मैच का मजा ही खतम हो जाएगा,...
इसलिए चलिए कुछ देर तक छुटकी के साथ क्या हो रहा है ये देखते हैं फिर सीधे मैच में
Wah kya halat kari komalji. Sach me jaan hi nikal diभाग २७
और छुटकी की होली
और चौथा नाम एक जेठानी ने बताया, और नाम बताते ही मैं समझ गयी, उमर में चमेलिया और गुलबिया से थोड़ी बड़ी,.. लेकिन एक बार रतजगे में वो दुल्हिन बनी थी,... और एक जो दूल्हा बनी थी उसके ऊपर चढ़ के उसी को चोद दिया बेचारी की माँ बहन सब एक कर दी,... जेठानी ने जोड़ा चूत से चूत पे घिस्सा देने में उसका कोई मुकाबला नहीं , बड़ी से बड़ी उम्र में दूनी हो ताकत में ज्यादा हो तो बस एक बार चढ़ गयी किसी लड़की, के ऊपर तो बस उसका पानी निकाल के दम लेती है और एक साथ दो ,दो तीन तीन , एक को चूत से रगडेंगी, बाकी दो को दोनों हाथ से ,.. और उसके पल्ले कोई पड़ गयी न तो एक दो ऊँगली का तो मतलब ही नहीं, कुँवारी हो, झील्ली न फटी हो , तो भी सीधे तीन ऊँगली, और गरियायेगी भी स्साले इतने तोहार भाई गाँव में है कउनो के ताकत नहीं लंड,... में,... तोहार झिल्ली अब तक बची है,
तो बस चार ये , और मेरी तीन जेठानियाँ जो मुझसे तीन चार साल ही बड़ी थीं, दो तो आयी ही थीं एक को मंजू भाभी ने बुलवा लिया और उन चारो को भी , चमेलिया , गुलबिया रामजानिया,... मंजू भाभी और उनकी उम्र वाली दो जेठानियाँ तो थीं बस पन्दरह बीस मिनट में हम भौजाइयों की ११ की टीम पूरी ,... हाँ हमने क्या प्लानिंग की कैसे तैयारी की ,.. ये सब बता दूंगी तो मैच का मजा ही खतम हो जाएगा,...
इसलिए चलिए कुछ देर तक छुटकी के साथ क्या हो रहा है ये देखते हैं फिर सीधे मैच में
होली की सुबह मुझे मालूम पड़ गया था की बहू की होली की शुरुआत देवर ननद से नहीं , सास से होती है और वो देवर ननद से चार हाथ आगे ही होती हैं , मेरे पिछवाड़े सासू जी की दो उँगलियाँ एकदम जड़ तक, खूब गोल गोल , जहाँ उनके बेटे के लंड की मलाई ऊपर तक बजबजा रही थी और साथ में मेरी,... सुबह नंबर एक नंबर दो कुछ भी नहीं हुआ तो,... और दस मिनट बाद जब बाहर निकलीं तो मलाई मक्खन से लबरेज और, बहुत ताकत थी उनमें , मेरा मुंह \खुलवा के ,.. ' अरे बहू के जरा मंजन तो ,... " गिन के बत्तीस बार मेरे दांतों पर , और बचा खुचा मेरे होंठों पे,... और माँ को न सिर्फ एक से एक गालियां दी , बल्कि मुझसे भी दिलवायीं,...
और ननद ने बोला था भौजी मायके से लौटिएगा न तो रंगपंचमी में इससे दस गुना ज्यादा ये तो कुछ नहीं था,... सीधे कुप्पी से आपकी सब सास पिलायेंगी नमकीन शरबत,...
मैं मुस्करा के रह गयी, मैं खुद कितनी ननदों को उस दिन पिलाया था,...
पर होली सास के साथ दस गुनी ज्यादा नहीं , सौ गुना ज्यादा खतरनाक थी , खाली किंकी, देह के रस से भीगी, मैं सोच रही थी छुटकी के चक्कर में मेरी कुछ बचत हो जायेगी पर वो नहीं हुआ , सास ने मुझे भी रगड़ा और मेरी छुटकी बहिनिया को भी,...
थीं वो चालाक, छुटकी का रस तो उन्होंने रात में ही लिया था फिर तो वो घर का माल थी , तो बस ये दिखाने के लिए की उनकी बहू उनके लिए कितना मस्त कच्ची अमिया लायी है ,... छुटकी के साथ होली की शुरआत मेरी चचिया सास ,... लेकिन एक फायदा भी हो गया था , उसमें भी सास जी की चालाकी थी , जो हम लोगों का ननदों से मैच होने वाला था उसमें जो अम्पायर का पैनल था , जिसकी मुखिया मेरी सास थीं , उसमें दूसरी मेंबर यही थीं ,तो अगर सासू जी मेरी ओर से कुछ बेईमानी करना भी चाहेंगी तो उसमें उनका सहयोग जरूरी होगा और छुटकी का रस लेने के बाद कुछ तो नमक का हक , कच्ची जवानी के नमक का हक़ अदा करेंगी,...
लेकिन आज मेरा और सासू जी का मुकाबला डायरेक्ट था पहले बहू रंग लगाती है सास को तो पिछली बार जहाँ मैं उनके पैर छूने झुकी थी तो मेरी जेठानी ने बोला अरे आज का दिन पैर नहीं , उनके बीच का, जहाँ से तेरे साजन निकले थे , मातृभूमि का दर्शन कर लो, और ये कह के उन्होंने खुद साड़ी सास की उठा दी , ( आखिर उनकी भी तो सास ही थीं , ) और जब तक मैं ' वहां ' रंग लगाती , उन्होंने पकड़ के मेरा मुंह वहीँ,.. और तेज भभका देसी दारू की तरह का,,.. जैसे अभी छुल छुल पाव भर,...
आज हम दोनों ने एक दूसरे को बाँहों में भींचा कपडे तो मिनट भर में , पिछली बार की तरह इस बार भी उनकी उँगलियाँ गाँड़ में जिसमें उनके बेटे और दामाद दोनों की मलाई भरी थी , लेकिन अबकी दो नहीं पूरी तीन ऊँगली और साथ में , ' छिनार इत्ता मोटा मोटा लंड घोंट जाती है , दो उँगरी से का होगा रंडी की बेटी का,... " और मैंने भी तीन ऊँगली, और साथ में भी आज उनकी बात का जवाब दे रही थी, ... " अरे वही लंड घोंटती हूँ , जो पहले यहाँ जाता था, ... बोलिये जाता था न , बेटा चोद,... " और खचखच ऊँगली करने के साथ मेरा अंगूठा उनके क्लिट पे भी रगड़घिस्स कर रहा था , उनकी हालत खराब, लेकिन मेरी माँ को गाली देती बोलीं , सात पुस्त रंडी रही होगी तेरी माँ जो तेरी ऐसी बेटी जन , मस्त चुदास,... अरे ये तो सोच तेल लगा लगा के जो उसको लंबा मोटा किया , अपनी बिल में ले ले के गुल्ली डंडा खेलना सिखाया , कैसे धक्के मारे, कैसे रगड़ रगड़ के,... तो फायदा किसका हो रहा है तेरा ही न,... अभी बुलाऊंगी अपनी समधन को और अपने सामने उनके दामाद को चढ़ाउंगी उनके ऊपर ,
उन्हें क्या मालूम था की उनका बेटा ससुराल में पहली रात में ही अपनी सास पर चढ़ गया अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर,... और उन्ही से कबूला की वो मादरचोद बहन चोद, सब हैं औरसब से पहलेअपनी बुआ पर , बल्कि उनकी बुआ ने ही पकड़ के उन्हें चोद दिया था और चुदाई के सारे दांव पेंच सिखाये थे ,... सच में आज मज़ा आ रहा था सासू जी के साथ होली का , जितना उनके बेटे का मोटा मूसल मेरे पिछवाड़े धमाल मचाता था उससे कहीं कम उनकी उँगलियाँ नहीं थी, ब्लाउज तो कब का नुच फट के दूर था और सासू जी का दूसरा हाथ सीधे मेरे जोबन पर जिसे दिखा दिखा के मैं न सिर्फ उनके बेटे को बल्कि उनके दामाद को, अपने सब गाँव भर के देवरों को ललचाती थीं , और दबा मसल भी एकदम अपने बेटे की तरह ही रहीं थी, एकदम बेरहमी से,... और साथ में गालियों की झड़ी , गुस्से वाले नहीं प्यार वाली और सिर्फ मेरी माँ को नहीं , मुझे भी सीधे,...
" कल की होली मर्दों की होगी , गाँव क कउनो लौंडा नहीं बचना चाहिए, सबको देना अपने इस जोबना क दान, जिस दिन से आयी हो सब लौंडे बौराये हैं, तोहार महतारी, चाची, बुआ, मौसी , गाँव सहर में कउनो नाउ, कोंहार, भर चमार, नहीं छोड़ी होंगी जब से टिकोरे आये तो तुम,... "
' बचाना कौन चाहता है, मैं तो खुद लुटाने के लिए बेताब थी, अरे जोबन आता है तो खाली मरदों को ललचाने के लिए थोड़ी , लुटाने के लिए ही तो , जिस दिन मैं ससुराल आने के लिए डोली पर चढ़ी थी मैं उसी दिन तय कर लिया था, बहुत बचा लिया भौंरों से अब ये जोबन लुटाने के दिन आ गए हैं,... "
कच कच कच कच अपनी सास की बिल में तीनों ऊँगली करते हुए , ( थीं तो पक्की भोंसडे वाली , मेरी दो ननदें , जेठ जी और इनको निकाल दिया था , लेकिन माल अभी भी टाइट था जो भी चढ़ता सासू जी के ऊपर मजा आ जाता उसको चोदने का, चूँचियाँ भी टनाटन थीं ) मैंने भी सास को गरियाना शुरू कर दिया,
" अरे यह गाँव क लौंडे , पहले आपन महतारी बहिन चोद के छुट्टी पावें तब तो भौजाई पे नंबर लगाएंगे,... ऐसी मस्त मस्त चूँचियाँ जरूर मेरे मरद से अभी भी दबवा रही होंगी , घबड़ाइये मत,... जल्द ही अपने सामने आपके बेटे को आपके ऊपर चढ़ा के देखूंगी , अभी भी उसको मातृभूमि से उतना ही प्यार है , जउने मैदान में बचपन में खेल खेल के,... "
लेकिन जवाब सासू माँ ने सीरियसली दिया, मेरे कान में आगे का प्रोग्राम बता के,... " अरे बियाहे के बाद थोड़ा,... वो नहीं चोदेगा तो किसी दिन मैं उसको पटक के चोद दूंगी , तेरे सामने,... बल्कि उसकी बुआ को भी बुलाऊंगी,... "
मैंने अपनी इच्छा भी सासू जी से बता दी , उसी तरह फुसफुसा के , ' बुआ की बिटिया को भी, अरे जो अभी ,... "
बताया तो था, छुटकी से भी कच्ची , देखने में लगता है दूध के दांत न टूटे होंगे लेकिन लेने लायक हो गयी है, बहन का निवान भाई करे उससे अच्छा क्या होगा।
कहते हैं न महिलायें अपनी भावनाएं कई ढंग से व्यक्त करती हैं , तो सासू ने अपनी ननद और इनकी बूआ की कच्ची कली के बारे में मेरे इरादे पर अपनी मुहर अपने अंदाज से लगाई ,. पिछले दस मिनट में मेरे पिछवाड़े भौकाल मचा रही सास की तीन उँगलियाँ, नीचे, पीछे के मुंह से निकल कर सीधे ऊपर , मेरे ु मुंह में, मेरी बोलती बंद और वो दुलार से ' स्पेशल मंजन'...
मैं बोल तो नहीं सकती थी लेकिन देख तो सकती थी , छुटकी को , नहीं नहीं वो अपनी माँ बहिन की नाक नहीं कटा रही थी बल्कि और आगे,...दस हाथ,... और मेरी चचेरी सासें , गाँव के रिश्ते वाली सासें सब पगलाई थीं उन कच्ची अमिया को देख कर,...